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♡ Family Introduction ♡ |
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♡ Family Introduction ♡ |
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Wah Raj_sharma Bhai,
Kya mast update post ki he..........
Ye Romy bhaiya to damini ke sunny deol lag rahe he............
Case ki verdict pehle hi bata di...............gazab Bhai
Keep rocking Bro
Chaddha ki tarah us wakeel ki le lega.
Thank you so much for your reviewHayat Mirza
she is my friend. I only give rose to her.Tum to rehne hi do rabiyashe is my friend. I only give rose to her.
Ek bhi update ka review nahi diya, aur ladki ke aate hi aagaya 
Pure hindi padhne pe time lagta yaar, me toh english se hindi translate kartha hu, padhne pe time lagta. Abi work thoda free hogaya, likhne shru kiya, aur tumhare story bhi padhke review dega.Tum to rehne hi do rabiyaEk bhi update ka review nahi diya, aur ladki ke aate hi aagaya
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Adbhut time wasool update tha..maza aa gaya .socha na tha shayri karne wale log itni thriller story likhenge woh bhi itni behtreen# 5
"क्या बात कर रहे हो भाई, अपने मामले में मैं कितना सख्त हूँ, यह तो तुम भी जानते हो।"
"यही तो मुश्किल है कि इस बार तुम हर जगह से हारोगे, कातिल सामने होगा और तुम उसे गिरफ्तार नहीं कर सकोगे ।"
"साफ-साफ बताओ यार, पहेली मत बुझाओ ।"
"तो सुनो , जो मकतूल है, वही कातिल भी है ।"
"क… क्या मतलब ? माई गॉड ! मगर कैसे ? वह यहाँ और रिवॉल्वर वहाँ ? हाउ इज इट पॉसिबल ?
आत्महत्या करने के बाद वह रिवॉल्वर इतनी दूर कैसे फेंक सकता है ? या तो उसके हाथ में होती या मेज पर ? नहीं तो ज्यादा-से-ज्यादा उसके पैरों के पास ।
कहीं तुम यह तो नहीं कहना चाहते कि आत्महत्या के बाद किसी ने रिवॉल्वर उस तरफ फेंक दी होगी ।"
"यार तुम तो हजा रों सवाल किये जा रहे हो । कभी-कभी दिमाग के घोड़े भी दौड़ा लिया करो , तुमने वह दरवाजा देखा ।" दरवा जा बन्द था ।
"हाँ , देखा ।"
"इस किस्म के फ्लैटों में रहने वाले लोग क्या दरवाजों पर इस तरह कीलें ठोककर रखते हैं। कीलें तो झोंपड़पट्टी वाले भी अपने दरवाजों पर नहीं ठोकते ।" विजय ने उन कीलों को देखा ।
"मगर इससे क्या हल निकला ?"
"रिवॉल्वर दरवाजे के पास गिरी हुई थी , लो पहले इसका चेम्बर खाली करके गोलियां अपने कब्जे में करो , फिर बताता हूँ ।"
विजय ने चेम्बर खाली कर दिया । खाली रिवॉल्वर की मूठ को रोमेश ने उन कीलों पर फिक्स किया , रिवॉल्वर कीलों पर अटक गया ।
''अब अगर इसकी नाल से गोली निकलती है, तो कहाँ पड़नी चाहिये ?" रोमेश ने पूछा ।
"ओ गॉड ! गोली सीधा उसी कुर्सी पर पड़ेगी , जहाँ मृतक मौजूद है ।"
"बिल्कुल ठीक ! यह भी कि गोली उसी जगह लगेगी , जहाँ इस शख्स के लगी हुई है । वह अपनी जगह से एक इंच भी नहीं हिला । कुर्सी के पुश्ते से उसका सिर उसी पोजीशन में है । वह उसी स्थिति में मरा है ।
उसने रिवॉल्वर का ट्रिगर दबाया , गोली चली और सीधा उसके मस्तक को फोड़ती चली गई ।"
"लेकिन सवाल अब भी वही है, उसने रिवॉल्वर का ट्रिगर दबाया कैसे ?"
"रबड़ की इस डोरी से ।"
रोमेश में एकपतली डोरी दिखाई,
"यह डोरी इस मेज के नीचे पड़ी थी”
उसने डोरी का एक सिरा ट्रिगर पर मिलाया , दूसरा सिरा खुद पकड़कर धीरे-धीरे डोरी खींची । जैसे ही तनाव बढ़ा , डोरी ने ट्रिगर दबा दिया । गोली चलने पर रिवॉल्वर को झटका लगा । साथ ही डोरी का बंधन भी ट्रिगर से छूट गया , रिवॉल्वर नीचे गिर गई और मृतक के मरते ही डोरी का दूसरा सिरा उसके हाथ से भी निकल गया।धमाके की आवाज सुनकर तुरन्त ही हीरालाल अन्दर आया, और बाकी वही हुआ, जो वह कहता है ।"
"ओ रियली ! यू आर जीनियस मैन रोमेश ! इस सारे मामले ने मेरे तो छक्के ही छुड़ा दिये । मगर इस शख्स ने आत्महत्या की यह तरकीब क्यों सोची और यह बिसात पर बिछे मोहरे, दो गिलास, व्हिस्की की बोतल यह सब क्या है ?"
"मरने से पहले उसने यह कौशिश की, कि यह मामला कत्ल का बन जाये और शायद यह भी सोच लिया था कि हीरा लाल पकड़ा जायेगा ,
हीरा लाल ने डोर नॉक किया तो वह मरने के लिए तैयार बैठा था ।"
"मगर वजह क्या हो सकती है ?"
"वजह तुम तलाश करो , क्या सब कुछ मैं ही करता फिरूंगा । कुछ तुम भी तो करके दिखाओ माई डियर पुलिसमैन ।"
इतना कहकर रोमेश ने दरवाजा खोला और बाहर निकला चला गया । अगले दिन वजय का फोन रोमेश को मिला ।
"वही स्टोरी है, असल में उसे जबरदस्त घाटा हो चुका था उसकी लाइफ इंश्योरेंस की कुछ पॉलिसी थी, जगाधरी और उसकी पत्नी में कुछ सालों से अनबन थी , जगाधरी घर नहीं जाता था ।
उसकी फैमिली पूना में रहती है, और उसकी पत्नी वहाँ टीचर है । इसके दो बच्चे भी हैं, दोनों माँ के साथ रहते हैं, जगाधरी की कमाई का वह एक पैसा भी नहीं लेते थे, जगाधरी काफी मालदार व्यक्ति था , फिर वह शेयर के धंधों में सब कुछ गंवा बैठा और पूरी तरह कर्जदार भी हो गया , इसका सब कुछ बिक चुका था । बस उसकी इंश्योरेंस की पॉलिसियां थीं , इसलिये वह चाहता था कि उसकी मौत का नाटक कत्ल की वारदात में बदल जाये, तो पॉलिसी कैश हो जायेगी, और उसकी मौत के बाद एक मोटी रकम बीवी - बच्चों को मिल जायेगी ।"
"बड़ी ट्रेजिकल स्टोरी है, वह अपने बीवी -बच्चों को चाहता था ।" रोमेश बोला ।
"हाँ , ऐसा ही है ।"
"बहरहाल तुम्हारा बहुत-बहुत शुक्रिया, तुमने गुत्थी सुलझा दी , अगर मेरी जगह कोई और होता , तो शायद जो स्टोरी जगाधरी बनाना चाहता था , वह अखबारों में छपी होती ।"
"मैं कचहरी जा रहा हूँ, एक दिलचस्प मुकदमे की पैरवी करने । जरा आ जाना ।"
इतना कहकर रोमेश ने फोन काट दिया ,
"सेम स्टोरी ।"
रोमश के होंठ गोल हो गये । वह कोर्ट जाने के लिए बिल्कुल तैयार खड़ा था, और कानून की एक मोटी किताब में कुछ मार्क कर रखा था । उसके बाद उसने दो-तीन लॉ बुक उठाई और फ्लैट से बाहर आ गया । श्यामू मोटर साइकिल साफ कर रहा था ।
"श्यामू तूने कभी अपना बीमा करवाया ?"
"नहीं तो साब, क्या करना बीमा करके, जो रुपया अपने काम न आये, वह किस काम का और फिर साब, मेरी अभी शादी ही कहाँ हुई ।"
"ओहो यह तो मैं भूल ही गया था , तेरी उम्र क्या है ?"
"उम्र मत पूछो साब, रोना आता है ।"
श्यामू, रोमेश का घरेलू नौकर था । जो उसे तनख्वाह मिलती थी , सब खर्च कर देता था। अच्छे कपड़े पहनना उसका शौक था, और एक फिल्म को कम-से-कम तीन बार तो देखता ही था । जो फिल्म केवल बालिगों के लिए होतीं , उन्हें तो वह दस-दस बार देखता था । रोमेश कोर्ट के लिए रवाना हो गया ।
रोमेश का संक्षिप्त नाम रोमी था, और रोमी के नाम से उसे सारा कोर्ट बुलाता था। कोर्ट के परिसर में उस समय जबरदस्त हलचल होती थी , जब रोमी का मुकद्दमा होता । उसकी बहस सुनने के लिए अन्य वकील भी आते थे और खासी भीड़ रहती थी ।
रोमी जब अपने चैम्बर में पहुँचा , तो वैशाली वहाँ उसकी प्रतीक्षा कर रही थी । वैशाली को नमस्ते का जवाब देने के बाद वह अपनी सीट पर बैठा, और फाइलें तलब करने लगा । असिस्टेंट उसे घेरे हुए थे ।
ग्यारह बजकर चालीस मिनट पर वह कोर्ट में पहुँचा । उस कोर्ट में आज एक अद्भुत मुकदमे की कार्यवाही होनी थी । कोर्ट में पेश हो रहा था इकबालिया मुलजिम सोमू उर्फ़ सोमदत्त ।
वैशाली वहाँ पहले ही पहुंच गयी थी, और इंस्पेक्टर विजय भी आ गया था, वो वैशाली के बराबर बैठा था । दोनों को बातें करता देख रोमी मुस्कराया ।
एक सीट पर राजदान बैठा था । रोमी को कोर्ट में आता देखकर वह चौंका । उसने बुरा - सा मुँह बनाया , दूसरे लोगों में भी काना फूसी होने लगी , क्या रोमी सोमदत्त की पैरवी पर आया है ?
"अगर उसने वकालतनामा भरा तो इस बार मुँह की खायेगा ।" राजदान किसी से कह रहा था ,
"मुलजिम अपने जुर्म का इकबाल कर चुका है ।"
उसी समय सोमू को अदालत में पेश किया गया । राजदान उठ खड़ा हुआ। न्यायाधीश ने मेज पर हथौड़ी की चोट की और अदालत की कार्यवा ही शुरू करने का हुक्म दिया ।
"इकबालिया मुलजिम सोमू के बारे में किसी प्रकार की बहस मुनासिब नहीं होगी , इकबाले जुर्म करने के बाद केवल खाना पूर्ति शेष रह जाती है । मेरे ख्याल से इस केस में कोई मुद्दा शेष नहीं रह गया है, अतः महामहिम के फैसले का इन्तजार है ।"
"आई ऑब्जेक्ट योर ऑनर !"
रोमी उठ खड़ा हुआ और फिर उसने अपना वकालतनामा सोमू के पक्ष में पेश किया ,
"मुझे सोमू की पैरवी की इजाजत दी जाये ।"
"इजाजत का प्रश्न ही नहीं उठता , वह अपने जुर्म का इकबाल कर चुका है । अब उसमें पैरवी या बहस के मुद्दे कहाँ से आ पड़े ?"
"शायद मेरे अजीज दोस्त राजदान को नहीं मालूम, किसी व्यक्ति के जुर्मस्वीकार कर लेने से ही जुर्म साबित नहीं हो जाता । इकबाले जुर्म के बाद भी पुलिस को उसे साबित करना होता है और पुलिस ने ऐसी कोई कार्यवाही नहीं की है । यदि मुलजिम जुर्म का इकबाल करता है, तो उसे दोषी नहीं माना जा सकता , ठीक उसी तरह जैसे इकबाले-जुर्म न करने पर उसे निर्दोष नहीं माना जाता।"
रोमी ने अपनी लॉ बुक से न्यायाधीश को एक धारा दिखाते हुए कहा ,
"अगर आवश्यकता हो , तो आप इसका अध्ययन कर लें ।"
अदालत में सनसनी फैल गई । यह पहला अवसर था , जब रोमी ने ऐसा केस हाथ में लिया था , जिसका मुलजिम अपने जुर्म का इक़बाल कर चुका था ।
"इजाजत दी जाती है ।"
न्यायाधीश ने कहा । न्यायाधीश ने रोमी का वकालतनामा स्वीकार कर लिया ।
"सबूत पक्ष को आदेश दिया जाता है कि वह मुलजिम सोमू पर जुर्म साबित करने की कार्यवाही मुकम्मल करे और एडवोकेट रोमेश सक्सेना को डिफेन्स का पूरा अधिकार दिया जाता है ।"
न्यायाधीश ने यह आदेश पारित करके एक सप्ताह बाद की तारीख कर दी ।
"इस बार मात होनी तय है, रोमी साहब ।"
राजदान ने बाहर निकलते हुए कहा ।
"हम साबित भी कर देंगे ।"
"मात किसकी होनी है, यह आप अच्छी तरह जानते हैं राजदान साहब। आपकी जिन्दगी में अदालत में जब-जब मेरा सामना होगा , तब शिकस्त ही आपका मुकद्दर होगी ।
मैं इस मुकदमे को लम्बा नहीं जाने दूँगा , तुम एक दो तारीख से ज्यादा नहीं खींच पाओगे और वह बरी हो जायेगा ।"
रोमेश ने विजय और वैशाली को अपने चैम्बर में आने के लिए कहा । दोनों चैम्बर में आ गये ।
"क्या तुम लोग एक-दूसरे से परिचित हो ?" रोमी ने पूछा ।
"हाँ , हम बड़ौदा में एक साथ पढ़े हैं ।" विजय बोला ।
"और आपसे मदद लेने की सलाह इन्होंने ही दी थी ।" वैशाली बोली ।
"भई वाह, यह तुमने पहले क्यों नहीं बताया ।"
"क्यों कि इन्होंने यह भी कहा था कि आपके मामले में कोई सिफारिश जोर नहीं मारती।"
"वैशाली लॉ कर रही है और तुम्हारी सरपरस्ती में कुछ बनना चाहती है ।"
"ओह बात यहाँ तक है ।" रोमी मुस्कुराया ।
"बात तो इससे भी आगे तक है ।" विजय हँसकर बोला ।
"अच्छा , यह बातें तो होती रहेंगी । मैंने तुम्हें आज इसलिये बुलाया था कि इस मामले में तुम्हारी मदद ले सकूं ।"
"ओह श्योर, क्या करना है हुक्म करो।"
"मुझे करुण पटेल चाहिये हर सूरत में ।"
"वह शख्स जिसने एक लाख रुपया दिया था ।"
"हाँ वही , वैशाली ने उसका जो पता मुझे बताया था , वह फर्जी पता है, और मेरी अपनी इन्वेस्टीगेशन के अनुसार यह कोई जरायमपेशा व्यक्ति भी नहीं है, न ही वह सोमू का परिचित है ।
जेल में मेरा एक आदमी सोमू को काफी टटोल चुका है, हमने इस मामले में एक कैदी से मदद ली थी और कैदी द्वारा जिन बातों का पता चला , उसी को ध्यान में रखकर मैंने मुकदमा हाथ में लिया है । फिलहाल मुझे करुण पटेल की जरूरत है ।
सेठ कमलनाथ के विश्वासपात्र लोगों में यह शख्स तुम्हें मिल जायेगा , उसे दबोचने के मामले में तुम पुलिसिया डंडा भी फेर सकते हो । बस यह बात ध्यान रखने की है कि वह सेठ कमलनाथ का कोई विश्वास पात्र होगा , हुलिया तुम्हें वैशाली से पता चल जायेगा ।"
"चिन्ता न करो , मैं उसे हर हालत में खोज निकालूंगा और जैसे ही वह मेरे हत्थे चढ़ेगा , तुम्हें फोन कर दूँगा ।"
विजय ने बड़ी जल्दी सफलता प्राप्त कर ली , तीसरे दिन ही करुण पटेल हाथ आ गया। विजय ने रोमेश को थाने बुला लिया । रोमी जब थाने पहुँचा , तो करुण पटेल हवालात में बंद था ।
"मुझे पकड़ा क्यों गया , क्या किया है मैंने ?"
करुण पटेल गिड़गिड़ा रहा था ,
"मेरा कसूर तो बता दो इंस्पेक्टर साहब ।"
"इसका नाम करुण पटेल नहीं बेंकट करुण है ।" विजय बोला ।
"क्या वैशाली ने इसकी पुष्टि कर ली ।"
"हाँ , उसने दूर से देखकर इसे पहचाना और मैंने धर दबोचा । यह सेठ कमलनाथ का बहनोई लगता है।"
"बस काम बन गया ।"
"लेकिन तुम्हें यह अन्देशा कैसे था कि यह शख्स कमलनाथ का कोई विश्वास पात्र होना चाहिये, आखिर लूटी गई रकम उसके विश्वासपात्र के पास कैसे सोमू रखेगा ?"
"तस्वीर का दूसरा रुख सामने आते ही सब तुम्हारी समझ में आ जायेगा , अब तुम्हें एक काम और करना है ।"
जारी रहेगा....✍
No issue, jab time milePure hindi padhne pe time lagta yaar, me toh english se hindi translate kartha hu, padhne pe time lagta. Abi work thoda free hogaya, likhne shru kiya, aur tumhare story bhi padhke review dega.
OkNo issue, jab time mile![]()
Kisne kaha achi nahi hai bahut achi story hai continue Karo .Ristrcted
Damha
Aakash.
Adirshi
HalfbludPrince
SANJU ( V. R. )
kamdev99008
DEVIL MAXIMUM
Tiger 786
Samar_Singh
5th update post kar diya hai dosto,
Kripya padh kar apni raay jaroor dene ka kast kare, kya mai story chalu rakhu? Agar achi na ho to bataiye ?? Band kar dete hai![]()