कहानी में इधर के कुछेक अपडेट्स में काफी उतार चढ़ाव देखने को मिला । स्टेट का डायरेक्टर जनरल आफ पुलिस और वो मिठी बोली बोलने वाला बगुला भगत राऊत सर ही " सरकार " और " बाॅस " निकला ।
सरिता की किडनैपिंग के बाद सरिता और निश्छल के बीच की दुरियां भी कम हो गई है । अब सरिता को भी निश्छल के सपने आने शुरू हो गए हैं । आखिर साक्षात यमराज को अपने करीब जो देख लिया था उसने । और यहां भी हमेशा की तरह उसके और उसके मौत के बीच ढ़ाल बनने का काम किया निश्छल ने ।
कहानी से थ्रीलर अध्याय का समापन हुआ और फिर से यह रोमांटिक मोड पर आ खड़ी हुई । सरिता और निश्छल की कभी खतम न होने वाली " तू तू मैं मैं " शायद अब अंतिम सांसें गिन रही है । और इसका श्रेय मनिषा को जाता है ।
वैसे शादी में बुआ जी का किरदार और उनका तकिया कलाम मुझे काफी पसंद आया । काफी डिटेल में पुरे शादी का विवरण लिखा आपने जो सच में बहुत बढ़िया था ।
सभी अपडेट्स आउटस्टैंडिंग थे माही जी । बहुत खुबसूरती के साथ सभी घटनाओं को पेश किया था आपने ।
आउटस्टैंडिंग एंड अमेजिंग एंड
जगमग जगमग ।
बहुत बहुत धन्यवाद आपका महोदय।
हमको तो लगा था कि आप इस कहानी को भूल ही गए हैं, क्योंकि बहुत दिनों से आपका कोई प्रतिक्रिया आई ही नहीं थी।।
सबकुछ रावत और dig इतने प्लान से करते थे कि किसी को भनक भी नहीं लगती थी और काम हो जाता था। शातिर थे दोनों। सरिता ने अपना काम बखूबी किया। निष्चल तो हमेशा अच्छा काम करता ही है।
कहानी में अब प्रेम शुरू हुआ है दोनों का।
बुआ अभी आने वाली हैं फिर से लेकिन एक नए अवतार में।
साथ बने रहिए।।