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Romance Ummid Tumse Hai

Dhaal Urph Pradeep

लाज बचाओ मोरी, लूट गया मैं बावरा
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अनुनय विनय

मेरी यह कहानी किसी धर्म, समुदाय, संप्रदाय या जातिगत भेदभाव पर आधारित नहीं हैं। बल्कि यह एक पारिवारिक स्नेह वा प्रेम, जीवन के उतर चढ़ाव और प्रेमी जोड़ों के परित्याग पर आधारित हैं। मैने कहानी में पण्डित, पंडिताई, पोथी पोटला और चौपाई के कुछ शब्द इस्तेमाल किया था। इन चौपाई के शब्द हटा दिया लेकिन बाकी बचे शब्दो को नहीं हटाऊंगा। क्योंकि पण्डित (सरनेम), पंडिताई (कर्म) और पोथी पोटला (कर्म करने वाले वस्तु रखने वाला झोला) जो की अमूमन सामान्य बोल चाल की भाषा में बोला जाता हैं। इसलिए किसी को कोई परेशानी नहीं होनी चहिए फिर भी किसी को परेशानी होता हैं तो आप इन शब्दों को धारण करने वाले धारक के प्रवृति से भली भांति रूबरू हैं। मैं उनसे इतना ही बोलना चाहूंगा, मैं उनके प्रवृति से संबंध रखने वाले कोई भी दृश्य पेश नहीं करूंगा फिर भी किसी को चूल मचती हैं तो उनके लिए

सक्त चेतावनी


मधुमक्खी के छाते में ढील मरकर अपने लिए अपात न बुलाए....
 
Last edited:

Dhaal Urph Pradeep

लाज बचाओ मोरी, लूट गया मैं बावरा
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Jaldi se Updates start karoo bhaiii.
जगुआर जी जल्दी में ही लोचा हैं। क्योंकि जल्दी करने से ही उम्मीद टूटती है।

पहला अपडेट coming soon हैं देखते हैं ट्रेन कब स्टेशन पहुंचती हैं।
 

Dhaal Urph Pradeep

लाज बचाओ मोरी, लूट गया मैं बावरा
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:congrats: for new story :celebconf:
शुक्रिया जो आप अपनी पालकी में इधर पधारे।
 

Dhaal Urph Pradeep

लाज बचाओ मोरी, लूट गया मैं बावरा
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Waiting for new update
बस थोड सा वेट उम्मीद हैं जल्दी ही फर्स्ट अपडेट जल्दी ही दूंगा।
 

Dhaal Urph Pradeep

लाज बचाओ मोरी, लूट गया मैं बावरा
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Congratulation for your first story darling...
Thank You,thank You दिल की गहराई से
 

Dhaal Urph Pradeep

लाज बचाओ मोरी, लूट गया मैं बावरा
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To kab se aane wale hai update..
ट्रेन में बैठ चुका हैं स्टेशन पर उतरते ही आ जाएगा।
 

Dhaal Urph Pradeep

लाज बचाओ मोरी, लूट गया मैं बावरा
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दोस्तों अपडेट आने में एक दो दिन ओर लगेंगे तब तक एंजॉय कीजिए मलाल का जुबां पे ताला न लगाए कुछ शब्द यहां छोड़ जाना।

मलाल

बस मलाल इतनी सी हैं

दिल की बात जुबां पर आई

काह न सका

आंखो से अंशु बनाकर बह निकला

सह न सका

ये कैसी रुसवाई

ये कैसी खुदगर्जी

साथ रहकर भी चल न सका

हवा पानी जर सब खुदगर्ज हुआ

जुदा हुए जब

जुदाई का दर्द सह न सका

मेरी खोली खाली थी

पिंजरे का कैद सह न सका

तू लौट आएगी

इसी उम्मीद में जी रहा हू

अब तो सांसे भरी लगने लगीं

भर सासों का सह न सका

बस मलाल इतनी सी हैं

दिल की बात जुबां पर आई

काह न सका
 
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