• If you are trying to reset your account password then don't forget to check spam folder in your mailbox. Also Mark it as "not spam" or you won't be able to click on the link.

what turns u on?

$Chaudhary@

Member
375
403
63
हर घर में व्यभिचार पनपता है। औरत और मर्द दोनों का रिश्ता ही ऐसा है कि, दोनों एक दूसरे के प्रति आकर्षित होते जाते हैं। विज्ञान इसे अपनी भाषा में हार्मोन्स का रिसाव कहता है। टेस्टोस्टेरोन एवं एस्ट्रोजन का खेल। जब इनका रिसाव होता है तो दोनों मर्द और अविरत एक दूसरे के प्रति आकर्षित होते हैं,अब साधारण भाषा में इसे प्रेम कहते हैं। एक दूजे के प्रति इसी आकर्षण से दोनों करीब आकर शारीरिक संबंध बनाते अर्थात साधारण भाषा में चुदाई करते हैं या बूर में लण्ड घुसाकर मज़े करते हैं। ये संसार का स्वाभाविक नियम है, जिससे शायद ही कोई भी शिक्षित व्यक्ति आस्वीकार कर सके। परंतु जब यही चीज़ घर के अंदर होने लगे तो उसे यही लोग व्यभिचार कहने लगते हैं। समाज में इससे बहुत बदनामी होती है जिसके डर से लोग इन चीजों को बाहर आने आने नही देते। जो इसमें संलिप्त हो जाते हैं वो इसे गोपनीय रखने की चेष्टा करते हैं। ये बात हर कोई जानता है कि मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है, किन्तु विज्ञान ने हमें जानवर की श्रेणी में ही रखा है। जानवरों में प्रजनन की प्रक्रिया के लिए संभोग/ समागम/ चुदाई की जाती है। ये शरीर की आवश्यकता है, और प्रकृति के लिए नए प्राणी का मार्ग भी है। केवल मनुष्य एक ऐसा प्राणी है, जो मज़े के लिए चुदाई करता है। अन्य बाकी जीव केवल एक खास मौसम में प्रकृति के नियमों का पालन करते हैं। आदमी की जरूरत होने पर वो भी स्त्री को संसर्ग/ चुदाई के लिए ढूंढता है। पहले घरों में बेटीयों बहनों की शादी जल्दी हो जाती थी, तो उन्हें समय से चुदाई सुख मिलता था। बूर में लंड घुसवाके वो भी मस्त हो जाती थी और उन्हें खूब बच्चे भी होते थे। आजकल बेटीयों, बहनों की शादी में काफी विलंब हो जाता है। इस कारण बेटों और भाइयों की शादी भी देर से हो रही है। ज़माने की भाग दौड़ में लोग इनकी शारीरिक जरूरतों को अनदेखा कर रहे हैं। जिस कारण फलस्वरूप ये एक दूसरे के प्रति आकर्षित हो कर चुदाई में लिप्त हो जाते हैं। बहनें अपने भाइयों के सामने बूर खोलके लेट जाती हैं और भाइयों का कड़ा लंड लेकर मस्ती से चुदवाती हैं। बाहर का बॉयफ्रेंड तो बस उन्होंने खर्चों के लिए बना रखा है। वो बस ऊपर से मज़े लेते हैं, असली मज़ा तो घर के भाई, देवर, ससुर, बेटा देता है। इससे घर की बात अंदर ही रहती है, और बदनामी का डर भी नहीं। ना जाने कितनी बहनें आजकल रात भाइयों के बिस्तर में बिताती है और कितनीं भाभियाँ खुद ही देवर को अपने कमरे में बुलाकर चुदाई का आनंद ले रही हैं। जिनके पति बाहर हैं, उन बेचारी स्त्रियों का क्या दोष, बूर में लंड की जरूरत तो बनी ही रहती हैं। ऐसे में उनकी मदद घर के देवर, जेठ, ससुर, भाई, बाप ही करते हैं। बेटियां भी अपने विधुर बाप के साथ संभोग की क्रीड़ा में सम्मिलित होती जा रही है। नौजवान बेटीयाँ अपनी रिसती हुई बूर में बाहर के लण्ड के बदले घर का अनुभवी लंड लेना ज़्यादा पसंद कर रही हैं। बाप भी जवान बेटी की गंदी हरकतों को घर में ही सहमति दे देते हैं। इन पापा की परियों के लिए तो बाप ही सर्वोपरि होता है। सुहागरात के दिन पवित्र होने का नाटक करती हैं, पर सच्चाई कुछ और ही होती हैं। असल में ये घर की औरतें भी नहाते और मूतने के समय खूब अंग प्रदर्शन करती हैं, और अपने अंदर के तूफान को शांत करने के लिए, लण्डों को रिझाती हैं।

images
इस पोस्ट में और भी लिखना चाहता हूँ पर समय नही है। आगे भी लिखूंगा और आपलोगों से भी चाहूंगा कि इसमें जोड़ते चले।
 
  • Like
Reactions: Pitaji

Timothy

Active Member
805
794
94
Intimate stuff about ppl known to me

Like innerwear of colleagues or relatives
Their condition, colour, brand and size

Knowing the colors of their nipples or if they have pubic hair

Anythin vyouristic. Bathroom peeping
Or seeing them change
 
Top