Part 10 (b)
मैंने फिर से उसके होंठ चूम लिए। मैं अब कुछ सोच कर मुस्कुरा रहा था। उसने मुझसे पूछा, "तुम क्या सोच रहे हो?" मैंने जवाब दिया, "मैं अपने मूर्खता पूर्ण कामों पर मुस्कुरा रहा हूं।" उसने पूछा, "कौन सा मूर्खतापूर्ण काम हनी ?" मैंने जवाब दिया, "मैं तुम्हारे बूब्स को छूने के लिए बेताब था और अब, आज मैंने तुम्हारे साथ वो सब पूरा कर लिया।" उसने कहा, "यह प्यार की नींव थी, मेरी जान कोई मूर्खतापूर्ण काम नहीं, हमारे जीवन में हर काम महत्वपूर्ण है, अगर तुमने पहल नहीं की होती, तो मुझे कैसे पता चलता कि के तुम मुझे चाहते हो।" यह ठीक ही था कहीं से तो शुरू करना जरुरी था। मैं लगभग उसके ऊपर गिर गया और अब सोना चाहता था। मैं सोच रहा था के यह हमारी "सुहाग रात" ही तो थी!