chapter 3
राजू हैरान था ही उसे याद आता है अरे मे तो लकरी लेना तो भूल ही गया राजू जल्दी से जंगल मे जाकर लरकी इक्था कर के बाँध देता है फिर घर की तरफ चल देता है राजू चलते हुवे मन मे
राजू - अब मेरे आप पैसा है तो मे मेरी मा आराम की जिंदगी जी सकते है लेकिन अभी मे मा को इस पैसे के बारे मे नही बता सकता
राजू घर आ जाता है
रीमा - आ गया बेटा
राजू - आ गया मा और राजू एक जगह पर लरकी रख देता है
राजू - मा मे अब आज कोई काम नही है तो दोस्तो के पास जा रहा हु मिल के आ जाउंगा
रीमा - अच्छा ठीक है जा और जल्दी आ जाना
राजू अपनी साइकल लेकर दोस्त के मिलने चला जाता है
राजू का दोस्त पास के गांव मे रेहता है जब राजू पढ़ने जाता था तक उसके दोस्ती हुई थी
राजू के दोस्त का नाम बिपिन 18 साल
मा - सरिता - 41 साल
पिता - दिलीप - 44 साल
राजू साइकल चलाते हुवे बिपिन को फोन करता है बिपिन फोन उठाता है
राजू - अबे साले कहा है तो मे आ गया हु तुमहारे घर के पास
बिपिन - भाई मे होस्पिटल मे हु
राजू - परेसान हुवे हुवे किया कहा तूने किया हो गया है तुझे तु ठीक तो है ना
बिपिन - भाई मे ठीक हु बात ये है मा की तबियत खराब है
राजू - किया हुआ है आन्टी को ठीक तो है ना
बिपिन - अरे मा ठीक है दरसल कुछ दिनों से बुखार उतर नही रहा था तो पापा मैने मा का चेकप् करवाने के लिये ले कर आये थे नोरमल भूखार है ठीक हो जायेगी
राजू - चलो ये अच्छी बात है वैसे xxx होस्पिटल मे है ना अभी
बिपिन - हा सही कहा
राजू - ठीक है मे वही आ रहा हु केह कर राजू फोन कट कर देता है और तेजी से उस होस्पिटल पहुँच जाता है
राजू अंदर जातक है तो एक कमरे मे बिपिन और उसके पापा सभी बैठे थे ऑन्टी के पास
राजू को सभी देख कर
दिलीप - अरे राजू बेटा तुम यहा
राजू - अंकल मे तो बिपिन से मिलने घर जा रहा था लेकिन जब बिपिन को फोन किया तो पता लगा आप सभी ऑन्टी को लेकर होस्पिटल आये है तो मे भी यहा आ गया ऑन्टी अब आप कैसी है
सरिता - अरे बेटा मे ठीक हु बस कुछ दिनों से भुखार नही उतर रहा था लेकिन अब सब ठीक है
राजू - चलो अच्छा है कोई और प्रोब्लम नही है वैसे कब ऑन्टी को डिस्चार्ज मिलेगा
बिपिन - साम तक मा को यही रेहना पड़ेगा डॉक्टर ने कहा है साम तक मा का बुखार नही बढ़ता है तो मा को हम घर ले जा सकते है
राजू - अच्छा तो मुझे अब घर जाना होगा मा घर पर अकेली है
दिलीप - हा बेटा जा तू जब हम घर आ जायेंगे तो आना
राजू - ठीक अंकल ठीक है बिपिन मे जा रहा हु जैसा हो फोन कर के बताना
बिपिन - ठीक है भाई चिंता मत कर और आराम से जाना
राजू फिर कमरे से बहार आ जाता है आस पास देखते हुवे चल रहा था कई सारे मरीज थे होस्पिटल मे जिनका इलाज चल रहा था तभी राजू अचानक रुक जाता है एक कमरे के बेड पे एक लेडी लेती थी और उसके पास एक लरकी जो बहोत ही खूबसूरत थी लेकिन कपड़े देख कर साफ पता चल रहा था उसकी हालत राजू के घर से भी बेकार होगी लरकी जोर जोर से रो रही है और लेडी उसे चुप करवा रही थी राजू ये देख कर अपने आप को रोक नही पाता है और अंदर जा कर दोनों के सामने खरा हो जाता है लरकी राजू को देखती है तो चुप हो जाती है
राजू - तुम रो कियु रही हो किया हुआ है ऑन्टी को
लरकी - राजू को देखती है और फिर अपने मा की तरफ
ऑन्टी - बेटा मे बताती हु दरसल मुझे पथरी हो गया है और अप्रेसन के लिये 2 लाख चाहिये जो हमारे पास नही है इसी लिये ये पगली रो रही
राजू - लेकिन अंकल कहा है किया वो कुछ नही कर रहे है
ऑन्टी - दुखी हो कर वो हम दोनों को छोर कर किसी दूसरी औरत के साथ चला गया घर मे सिर्फ मे और मेरी बेटी है मे घर मे काम कर के इसका ख्याल रखती थी पढ़ाती थी लेकिन अब ये सब हो गया मेरे अलावा इसका कोई नही है कैसे जियेगी मेरे बगैर और आस पास के लोग हमे बुरी नज़र के हमेसा देखते रेहते है ये केह के जोर जोर से रोने लगती है
सारी कहानी सुनने के बाद राजू का दिल भर आया और उन लोगो पर गुस्सा भी आया किसने सच कहा है घर मे कोई मर्द ना हो तो लोग उस के की ओरोतो को लोग बुरी नज़र से देखते है
राजू लरकी से आप का नाम किया है
लरकी थोरा घबराते हुवे जी मेरा नाम रूमा है
राजू - बहोत अच्छा नाम है आप का
तभी एक डॉक्टर अंदर आते ही देखो अप्रेसन करवाना है तो आज पैसा जमा करो नही तो सीट खाली करो और भी मरीज है यहा
रानी ये सुन रोने लगती है
राजू - रूमा चुप हो जाओ तुम अच्छा डॉक्टर साहेब कितना पूरा खर्च आयेगा ये आप बता दो मे पैसे जमा कर देता हु
डॉक्टर - तुम कौन हो इनके
राजू - रिस्तेदार हो इनका
डॉक्टर - अच्छा ठीक है देखो पूरे अप्रेसन से दवा लेकर सब कुछ मिला के 3 लाख हो जाते है किया तुम जमा करने वाले हो पैसे तो बोलो हम अप्रेसन की तैयारी सुरु कर देते है
राजू - आप तैयारी करे मे अभी पैसे जमा कर देता हु
डॉक्टर - ठीक है फिर डॉक्टर चला जाता है
लेकिन रूमा और ऑन्टी हैरान राजू को देखे जा रहे है
रूमा - 18 साल सुंदर सुसील लरकी
मा - सीमा - 40
सीमा - बेटा कौन हो तुम और हमारी कियु मदद कर रहे हो
राजू - मेरा नाम राजू है मे अपनी मा के साथ पास के गाव मे रेहता हु और रही आप की मदद करने की तो मे नही चाहता की रानी अपनी मा के बिना जिये जाना तो एक दिन सब को है लेकिन अभी तो आप को और रानी के साथ रेहना है कियु रानी सही कहा ना
रानी - राजू की तरफ देखते हुवे मुस्कुराते हुवे जी आप ने सही कहा और आप का बहोत सुक्रिया मे आप का ये एहसान नही भूलूंगी
राजू - ऐसा है तो अब से रोना बंद करो और चलो पैसे जमा करवा देते है
रूमा - मा को देखती है तो सीमा जाओ बेटी
रानी राजू के साथ जाती है फिर राजू जो बिल था भर देता है
राजू - चलो अब तुम्हारी मा का अप्रेसन हो जायेगा
रूमा - पता नही कैसे मे कहु पर आप नही आते तो मेरा और मेरी मा का किया होता
राजू - कुछ नही होगा ठीक है चिंता मत करो
1 घंटे बाद
सीमा - का अच्छे से अप्रेसन हो जाता है
राजू और रानी सीमा से मिलने फिर अंदर जाते है सीमा लेती थी
राजू सीमा के पास बैठ जाता है रानी भी पास मे बैठ जाती है
राजू - ऑन्टी अब आप कुछ दिनों मे पूरी ठीक हो जायेगी आप चिंता मत करो
सीमा - बेटा मुझे मेरी चिंता नही थी मुझे तो रानी की ज्यादा चिंता थी लेकिन अब सब सही है तुम के मेरे लिये जो किया उसका सुक्रिया
राजू - किसने कहा मैने आप की मदद फिरी मे की है
ये सुन रूमा और सीमा पूरे हैरान राजू को देखते है
राजू - हस्ते हुवे अरे जब आप पूरी तरह से ठीक हो जायेगी तो मे आप के और रूमा के हाथो का खाना खाने आपके घर आऊंगा तो बोलो आप खिलाओगी ना
सीमा - अच्छा ऐसा है मे तो डर ही गई थी बदमास
राजू जोर जोर से हसने लगता है
राजू - हस्ते हुवे वैसे आप ने तो हा केह दिया पर रानी जी आप नही खिलाएगी अपने हाथो से बना खाना
रूमा ये सुन शर्मा जाती है सीमा ये देख हस्ते हुवे अरे शर्मा कियु रही है बोल दे ना खिलाएगी की नही
राजू - मजे लेते हुवे अरे रेहने दीजिये ऑन्टी अगर रानी को नही खिलाना है तो कोई बात नही
रूमा जल्दी से नही नही
रानी - सरमाते हुवे मे मे खिलाऊँगी अपने हाथो से बना खाना
राजू - चलो ये हुई ना बात अच्छा ऑन्टी अब मे जाता हु घर मा अकेली है घर पे
सीमा - बेटा किया सिर्फ तुम और मा ही हो और कोई नही है घर मे
दिपु - हा अभी तो मे और मेरी मा है पिता चल बसे और एक बेहन है जिसकी सादी हो गई है अब ससुराल मे रेहती है
सीमा - अच्छा ऐसा है ठीक है बेटा जाओ तो फिर तुमने हमारे लिये बहोत कुछ कर दिया है
राजू - ठीक है ऑन्टी मे अब चलता हु दिपु जाने लगता है बाहर तो रानी भी पीछे पीछे बाहर आ जाती है
राजू रूमा को देख कर अरे किया हुआ रानी कुछ केहना है किया
रूमा - सरमाते हुवे वो वो किया आप फिर कभी नही आयेगे
राजू - हस्ते हुवे अच्छा ये बात है अरे मैने कहा था ना मे ऑन्टी के हाथो का खाना खाने आऊंगा चिंता मत करो साम को भी आ जाऊंगा
ये सुन रूमा बहोत खुश हो जाती है तो राजू रानी को एक तक देखने लगता है रानी जब देखती है राजू उसे ही देखे जा रहा है तो वो शर्मा जाती है
रूमा - मे जा रही हु मा के पास आप ने कहा है तो साम को आना पड़ेगा ये केह कर जल्दी से चली जाती है
राजू - रूमा को जाता देखते हुवे सच मे किया खूबसूरत और दिल की अच्छी लरकी है इस हालत मे जब वो इतनी खूबसूरत दिखती है तो फिर जब नये अच्छे कपड़े पेहनी के जब तैयार होगी तो मे सोच नही सकता की रानी कितनी खूबसूरत दिखेगी
फिर राजू घर की तरफ निकल परता है
वही रूमा मा के पास जा कर बैठ जाती है
सीमा - तो आ गई राजू को छोर कर है
रूमा - सरमाते हुवे हा मा
सीमा - कही राजू तुम्हे पसंद तो नही आ गया
रूमा - घबराते हुवे नही मा वो मे वो मे
सीमा - समझ गई समझ गई मुझे कोई प्रॉब्लम नही है एक ऐसा लरका जो हमे जनता नही था उसने हमारी मदद की तो कौन नही उस जैसे लरके को पसंद करेगा लेकिन बेटा कही उसकी जिंदगी मे कोई और लरकी हुई तो या वो तुम्हे पसंद नही करेगा तो तुम किया करुगी इसी की चिंता हो रही है मुझे
रूमा - दुखी होते हुवे मा मुझे पता है हम बहोत गरीब है इस लिये सायद वो मुझे पसंद ना करे और दूसरी अगर उनकी लाइफ मे कोई है तो मे पीछे हट जाओगी
सीमा - रूमा को देख के जो रोने लग गई थी
सीमा - चुप हो जाओ मैने तो सोचा नही था की तुझे किसी से प्यार हो जायेगा वो भी एक नजर मे देखो बेटी अगर राजू किसी वजह से तुम्हे नही अपनाता है तो तुम कुछ गलत नही करोगी और राजू को भूल जाओगी ठीक है
रूमा - जैसा आप कहे मा..
राजू अपने गाव मे आने के बाद जिन लोगो का कर्ज बाकी था राजू सभी के पैसे दे देता है सभी भी हैरान थे की राजू ने एक साथ मे पैसे चुका दिये है राजू फिर घर आ जाता है
राजू अंदर जाते हुवे अरे यार कितनी गरमी है आज
राजू हाथ पैर धो कर मा को आवाज देता है लेकिन कोई जवाब नही आता है तो राजू मा के कमरे मे जाता है दरवाजा थोरा खुला था राजू जैसे ही अंदर देखता है तो उसकी मा नीचे सोई थी और रीमा की सारी और पेटीकोट परे उठ कर पेट पर आ गया था जिसके वजह से राजू को अपनी मा की बरे जांघे और उसके बीच मा की बारी और फूली चुत साफ देखाई दे जाती है..
राजू ये देख पागल हो जाता है पेहली बार किसी की चुत देखी है वो भी अपनी मा की राजू जल्दी से अपने खरे लंड को निकाल कर मा की चुत को देखते हुवे मुठ मारने लगता है राजू का पानी जल्दी ही निकल जाता है पानी बहोत निकला था राजू का राजू फिर जल्दी से पानी को साफ कर के कमरे मे आ कर लेत जाता है
राजू - साला आज तो अजब हो गया जिस चुत से मे निकला हु जिस चुत को मारने के लिये तरप रहा हु उसे मैने अभी पूरा देख लिया किया चुत है मा की कसम से दिल कर रहा था चोद दु जाकर लेकिन ऐसा मे नही कर सकता लेकिन अब जब मैने मा की चुत को देख लिया है तो अब रहा नही जा रहा है
राजू सोचते हुवे सो जाता है साम हो जाती है
रीमा जब उठती है वो अपने हालत को देखती है फिर कपड़े सही कर के बाहर आती है राजू को देखती है तो वो सो रहा था रीमा फिर घर के काम मे लग जाती है थोरि देर बाद रीमा राजू को जगाती है
रीमा - राजू बेटा उठ जा साम हो गई है कब तक सोयेगा
मा की आवाज सुन कर राजू जाग जाता है राजू उठ कर मा को देखता है तो फिर वही सीन राजू को याद आने लगते है
रीमा - ऐसे किया देख रहा है मुझे
राजू - हस्ते हुवे अपनी खूबसूरत मा को
रीमा - हस्ते हुवे बस कर पता भी है कितना टाइम हो गया है
राजू जब बाहर देखता है तो हैरान हो जाता है रात होने वाली होती है
राजू - मन मे साला मुठ मारने के बाद कब सो गया पता भी नही चला अरे मे तो ये भी भूल गया रानी और ऑन्टी से मिलने भी जाना है
राजू - अरे मा अच्छा हुआ आप ने मुझे उठा दिया एक दोस्त से मिलने भी जाना है अभी
. रानी - कौन है वो दोस्त कोई लरकी है किया
राजू - मन मे मा को कैसे पता लग गया जब भी मे ये केह कर की मे दोस्त से मिलने जा रहा ही पहले तो कभी नही ऐसा कहा और आज कहा भी तो मा सही है अरे नही मा आप हो तो फिर मुझे कोई लरकी नही चाहिये
रीमा - मे मा हु तुम्हारी मा का प्यार और बीवी का प्यार अलग होता है
राजू - हस्ते हुवे अच्छा तो बताओ ना कैसे अलग होता है
रीमा - राजू को प्यार से मारते हुवे जब सादी होगी तो पता लग जायेगा
राजू - अच्छा अच्छा ठीक है अब मुझे जाना है चलो मुझे किस दो
रीमा - हस्ते हुवे अच्छा तो ये तु कभी नही भूलता है
राजू - हस्ते हुवे ये भी कोई भुलने की चीज है
रीमा - हस्ते हुवे बरा बिगर गया है तो चल ये ले रीमा जैसे ही राजू को गाल पे किस करने जाती है राजू जल्दी से अपने होठ को सामने कर देता है और रीमा राजू के होठो पर किस करने लगती है
रीमा को जब पता चलता है उसने राजू के होठो पे गलती से किस कर दिया है तो वो हैरान हो जाती है लेकिन ये राजू का प्लान था और अपने प्लान को आगे बढ़ाते हुवे उसे आगे किया करना ये पता था ताकि मा ज्यादा कुछ बोल या बुरा ना लगे
राजू - खुश और हस्ते हुवे मा को गले लगा कर नाटक करते हुवे अरे मेरी प्यारी मा आज तो आप ने कमाल कर दिया गाल पे कहा था लेकिन आपने तो होठो पे आज किस कर दिया सच मे आप मेरी प्यारी खूबसूरत अच्छी मा है जो मुझ से बहोत प्यार करती है
राजू ने ऐसा खेल खेला की रीमा उस मे फस जाती है और रीमा कुछ बोल नही पाती क्युकी राजू ने तारीफ कर दी और रीमा को एहसास करवा दिया की वो एक अच्छी मा है जो बेटे से बहोत प्यार करती है इस लिये होठो पर प्यार से किस किया
राजू फिर रीमा की और देखता है मा तुम सच मे कितनी अच्छी तो
रीमा भी खुश हो जाती है रीमा को ये होठो वाला किस गलत लगता ही नही है कियुकी राजू ने रीमा को मौका ही नही दिया कुछ सोचने का जो अभी हुआ वो गलत था
राजू सोने से पहले की उसने प्लान बना लिया था जब से उसने मा की नंगी चुत देखा राजू को जल्दी से मा की चुदाई करनी थी इसी लिये उसके रिस्क लिया जल्दी से एक कदम आगे जाने के लिये और राजू उस मे कामयाब भी हो गया
राजू - अच्छा मा मे जा रहा ही और हा अब रोज होठो पर इसारा करते हुवे यहा किस चाहिये फिर राजू जल्दी से हस्ते हुवे भाग जाता है
रीमा - हैरान राजू को जाते देखती है फिर हस्ते हुवे शैतान कही का
राजू - साइकल से होस्पिटल की तरफ निकल परता है राजू को थोरा देर हो चुका था अंधेरा धीरे धीरे होने लगा था
वही होस्पिटल मे
रूमा बाहर खड़ी थी राजू के इंतज़ार मे 30 मिनट से लेकिन जब राजू दिखाई नही देता तो रानी मा के पास जा कर बैठ जाती है रानी बहोत उदास थी रोने जैसा मुह हो गया था
सीमा ऐसी हालत मे अपनी बेटी को देख कर उसे अच्छा नही लग रहा था लेकिन वो भी कुछ नही कर सकती थी दिल का जो मामला था लेकिन फिर भी मा थी तो
सीमा - किया हुआ बेटी
रूमा - अपने आप को सही करते हुवे कुछ नही मा वो अभी तक नही आये है
सीमा - हस्ते हुवे कौन वो उसका नाम तो होगा ना
रूमा - सरमाते हुवे वो वो वो
सीमा - बस बस रुक जा समझ गई वो तुम्हारा वो नही आया है इस लिये दुखी हो
रूमा - धीरे से हा
सीमा - समझाते हुवे देखो बेटी वो फरिस्ते के जैसा आया हमारी मदद की चला गया अब हम ज्यादा लालची नही हो सकते तो अपने आप को संभालो भूल जाओ बेटा उसे
किसे भूल जाने की बात हो रही है
जैसे ही रानी राजू को देखती है यहा अभी रोने वाली सकल बनाये हुवे थी एकदम से उसके चेहरे पर खुशी आ जाती है
आ ये राजू था जिसके हाथो ने कुछ थैले थे राजू जब यहा पहुचा तो खाने पीने के कुछ समान और कुछ खरीदारी की थी
राजू - अरे आप दोनों मुझे ऐसे किया देख रहे हो किसने भूलने की बात हो रही थी
सीमा - वो किया है ना रूमा तुम तभी बीच मे
रूमा - मा चुप हो जाओ और राजू को देखते हुवे प्यार से कुछ नही आप बैठ जाइये ना
राजू बैठ जाता है
सीमा - समान को देखते हुवे अरे इस थैले मे किया है बेटा
राजू - अरे ऑन्टी मे खाना लाया ही आप सभी के लिये
सीमा - अरे बेटा इस की किया जरूरत थी
राजू - बहोत जरूरत है राजू खाना निकालने लगता है तो रूमा भी मदद करती है फिर सीमा को खाने के लिये बैठा देते है
राजू - चलो प्यारी ऑन्टी की तरह सब खाने को खतम कर दो
सीमा - मुह बनाते हुवे मे इतना नही खाउगी
राजू - आप खाती है या नही
सीमा - भोला चेहरा बनाते हुवे रानी देख रही हो तुम्हारी मा ये ये दांत रहा है और तुम कुछ नही बोल रही हो
रूमा - हस्ते हुवे मे किया बोलू सही ही तो केह रहे है चुप चाप खाना खा लीजिये
सीमा हैरान हो कर रानी को देखती है
रूमा - ऐसे मत देखिये खाना खाइये
सीमा - अच्छा बेटी ये बात है और मन मे पति मिला नही की पति के साइड चली गई
सीमा किया करती खाने लगती है
राजू - रूमा चलो बैठ कर हम भी खा लेते है
रूमा - जी
फिर राजू और रानी साथ मे बैठ कर खाना खाने लगते है
सीमा दोनों को साथ मे बैठ कर खाना खाते हुवे देख कर अपने मन मे
सीमा - है उपर वाले मेरी बेटी को उसका प्यार मिल जाये मे भी दिल से चाहती ही की राजू मेरा दामाद बने एक ही दिन मे उसने सब का दिल जीत लिया
तो वही रूमा को बहोत सर्म आ रही थी राजू के साथ बैठ कर खाने मे लेकिन अंदर से वो कही ज्यादा खुश भी थी अपने प्यार के साथ बैठ कर खाने मे एक अलग ही दिल को सकून मिल रहा था उसे
थोरि देर बाद खाना हो जाता है दिपु और रूमा मुह हाथ धो लेते है
राजू सीमा को देखता है तो उसने सारे खाने को खा लिया था
राजू - हस्ते हुवे किया बात है ऑन्टी पेहले तो आप ने कहा था पूरा नही खा पाउंगी अब देखिये सब खाना खतम कर दिया आप ने
सीमा - मुह बना कर अगर कोई किसी को जबरदस्ती खिलायेगा तो फिर कोई किया कर सकता है
राजू - हस्ते हुवे अरे मेरी प्यारी ऑन्टी नाराज मत तो ठीक है
अच्छा रूमा ये लो
राजू - मे दो स्क्रीन मोबाइल खरीद कर लाया था एक मोबाइल रानी को देते हुवे ये मोबाइल रखो अपने पास इसमें मेरा नंबर है कोई भी प्रॉब्लम हो तो मुझे फोन करना
रूमा - लेकिन मे ये कैसे ले सकती हु आप ले हमारे लिये पहले ही बहोत कुछ किया है
राजू - रूमा को देखते हुवे ठीक है फिर मे यहा कभी नही आऊगा
ये सुनते ही रूमा जल्दी से राजू के हाथ से उस मोबाइल को ले लेती है
सीमा रूमा की ये हरकते देख कर अंदर ही अंदर जोर जोर से हस रही थी
रूमा - अब तो आओगे ना आप
राजू - हस्ते हुवे आ अब आऊगा अच्छा फिर मे चलता हु अंधेरा हो चुका है फिर दिपु बाहर आता h रानी भी आई थी
रूमा - ध्यान से जाइयेगा
राजू - रानी की देखते हुवे ठीक ठीक है बाबा और हा कुछ हो तो फोन करना फिर राजू साइकल पे बैठ घर जाने लगता है
रूमा अपने दिल पे हाथ रखे राजू को जाते देखती है जब राजू नज़र आना बंद हो जाता है तब रानी मा के पास आकर बैठ जाती है
सीमा रूमा को देखने लगती है रूमा - मा आप मुझे बार बार ऐसे कियु देख रही है
सीमा - देख रही ही की मेरी बेटी प्यार मे पूरी पागल हो गई है
रूमा- सरमाते हुवे मा अब बस भी करो
दिपु अब घर आ जाता है
रीमा - इतना लेत कैसे हो गया
राजू - अरे मा बस दोस्तो से बात करते हुवे देर हो गई
रीमा - अच्छा चल खाना खाते है
राजू - ठीक है मा राजू खा कर आया था लेकिन भर पेट नही खाया था उसे मालूम था मा के साथ भी खाना पड़ेगा
दोनों बैठ कर खाने लगते है
दिपु मा को खिलाता है रीमा राजू को जैसे ये रोज खाते थे
रीमा फिर राजू एक निवाला खिलती है राजू खा लेता है लेकिन रीमा की हाथ को पकर कर जिस उंगली मे सब्जी लगी थी मुह मे लेकर चूसने लगता है चाटने लगता है ये देख रीमा हैरान हो जाती है और जल्दी से अपना हाथ खिच लेती है फिर जोर से
रीमा - ये किया कर रहा है बेटा
राजू - हस्ते हुवे मा आप को पता है है मे रोज आप के हाथो से खाना कियु खाता हु
रीमा - थोरा सांत हो कर कियु
राजू - इस लिये कियुकी आप के हाथ मे जादू है जब भी मे आप की हाथो से खाता हु तो खाने का स्वाद और बढ़ जाता है इस लिये बार बार खाने का दिल करता है
राजू फिर प्यार भरी बातो से रीमा को फसा लेता है
राजू रीमा को देखते हुवे उदास मन से अगर आप को अच्छा नही लगा तो मे आज के बाद से ऐसा नही करुगा
रीमा - अरे नही मेरे शैतान मुझे क्यु बुरा लगेगा मुझे भी अच्छा लगा
राजू - सचि कही आप झूठ तो नही बोल रही
रीमा - सचि केह रही हु मे
राजू - अच्छा तो जिस उंगली मे आप के सब्जी लगी है खुद मेरे मुह मे दो तो बिस्वास करुगा
रीमा को अजीब लगता है लेकिन फिर अपनी उंगली राजू के मुह मे दे देती है तो राजू भी अपनी मा की उंगली को अच्छे से चाटने लगता है
और रीमा बस राजू को देखे जा रही थी
आज के लिये बस इतना ही