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Fantasy 'सुप्रीम' एक रहस्यमई सफर

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Raj_sharma

यतो धर्मस्ततो जयः ||❣️
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बहुत ही सुंदर लाजवाब और अद्भुत मनमोहक अपडेट हैं भाई मजा आ गया
एक और सस्पेन्स
अगले रोमांचकारी धमाकेदार अपडेट की प्रतिक्षा रहेगी जल्दी से दिजिएगा
Bilkul bhai, aap bas sath bane rahiye, update bhi aajayega , Thanks for your valuable review and support bhai :thanx:
 

Iron Man

Try and fail. But never give up trying
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#63.

एक-एक कर तीन कमरो को पार कर कलाट एक ऐसे कमरे में पहुंचा जो कि शायद कलाट का शयनकक्ष था।

कमरे के एक किनारे कुछ बैठने वाली आरामदायक कुर्सियां रक्खी थी।

कलाट के इशारे से 2 कुर्सियां अपने आप चलती हुई आई और युगाका के पास आकर रुक गयी। युगाका और कलाट दोनो कुर्सियों पर बैठ गये।

कलाट ने एक गहरी साँस भरी और युगाका से पूछा-
"हाँ, अब बताओ युगाका...मेरे पास आने का क्या कारण है?"

“बाबा आपके पास आने का कारण वेगा है।"

युगाका तो जैसे इंतजार ही कर रहा था, वह कलाट की ओर देखते हुये बोला- “पता नहीं किसने उसे आपकी किताब की जानकारी दे दी है। वह आपकी किताब के बारे में पूछ रहा था।"

“मेरी किताब तो उसके हाथ नहीं लगेगी क्यों कि उसकी सभी प्रतिलिपियां आज से 500 वर्ष पहले ही नष्ट की जा चुकी है।" कलाट ने गंभीर भाव से कहा- “अब रही बात वेगा की...तो हो सकता है कि उसके मन में कुछ उत्सुकता हो, अराका के बारे में जानने की, इसीलिये वह तुमसे कुछ पूछना चाह रहा हो।"

“हो सकता है बाबा ... पर पता नहीं क्यों आज मुझे वेगा की बातों में रहस्य भरा दिख रहा था? कुछ तो ऐसा था जिसे वह छिपाने की चेष्टा कर रहा था।" युगाका के शब्दो में आत्मीयता भरी थी।

कलाट युगाका की बात सुन सोच में पड़ गया। कुछ देर तक सोचने के बाद कलाट ने एक गहरी साँस भरी और युगाका से बोल उठा-

“मैं जानता हूं कि वेगा को सीनोर जाति के लोगों से खतरा है, इसीलिए तुमने वेगा को कभी अराका के किसी रहस्य के बारे में नहीं बताया और 8 साल कि आयु में ही उसे अमेरिका पढ़ने के लिए भेज दिया। पिछले 14 साल से वेगा तुम्हारे सिवा किसी अराकावासी से मिला तक नहीं है।

फोन पर भी उसने केवल तुमसे, मुझसे और त्रिकाली से ही बात की है। इसिलए तुम्हें उसकी सुरक्षा के लिए इतना चिंता करने की जरूरत नहीं है। वह अमेरिका में एकदम सुरक्षित है। लेकिन अगर फिर भी तुम्हें कोई परेशानी महसूस हो रही हो तो ‘शैतान तिकड़ी’ से मिल लो। शायद उनके पास तुम्हारी चिंता का कोई उपाय हो।"

युगाका समझ गया कि अवश्य ही उन बौनो के पास ऐसा कुछ है जो उसकी समस्या का निवारण है, अतः उसने कलाट की ओर देख धीरे से अपना सिर हिला दिया।

युगाका को सिर हिलाते देख कलाट ने वहां टेबल पर रखे एक घंटे की ओर घूर कर देखा।

कलाट के घूरते ही घंटा अपने आप हवा में उठकर बजने लगा। शायद यह बौनो को वहां बुलाने का कोई संकेत था।

घंटे की आवाज शांत वातावरण में बहुत तेज गूंजी। कुछ ही देर में तीनो बौने कलाट के सामने खड़े थे।

“किरीट।" कलाट ने सफेद दाढ़ी वाले बौने को संबोधित करते हुए कहा- “युगाका को वेगा की सुरक्षा की चिंता है, अगर तुम्हारे पास वेगा की सुरक्षा के लिये कोई इलेक्ट्रॉनिक यंत्र हो तो तुम उसे युगाका को दे सकते हो?"

कलाट की बात सुन किरीट कुछ देर तक सोचता रहा और फ़िर बोल उठा- “जोडियाक वॉच! हां केवल वही वेगा की छिपकर मदद कर सकती है।"

“ये ‘जोडियाक वॉच’ क्या है?" युगाका ने प्रश्न भरी निगाह से किरीट को देखते हुए पूछा।

“रुकिये, पहले दिखाता हूँ फ़िर बताता हूँ।" इतना कहकर किरीट ने रिंजो की ओर देखा।

रिंजो किरीट का इशारा समझ जोडियाक वॉच लेने चला गया। कुछ ही देर में जोडियाक वॉच युगाका के हाथो में थी।

“जोडियाक वॉच हाथ में पहनने वाली स्मार्ट वॉच है, जिस पर वेगा समय भी देख सकता है और उसका वॉलपेपर भी चेन्ज कर सकता है।" किरीट ने युगाका की ओर देखते हुए कहा।

“ये तो एक सामान्य स्मार्ट वॉच लग रही है। इससे वेगा की सुरक्षा किस प्रकार होगी?" युगाका अभी भी समझ नहीं पा रहा था।

“वेगा के लिए यह केवल एक स्मार्ट वॉच होगी, मगर इसकी मदद से आप कभी भी वेगा की लोकेशन का पता लगा सकते हो।" किरीट ने कहा- “अब मैं आता हूँ इसकी सबसे बड़ी खासीयत की तरफ। इस स्मार्ट वॉच में 12 अलग-अलग प्रकार के वॉलपेपर है, जो 12 अलग-अलग राशियों का प्रतिनिधित्व भी करते है। वेगा को खतरे में देख यह वॉच स्मार्ट तरीके से स्वयं सक्रिय हो जायेगी और इसमें उपस्थित 12
राशियां चुपचाप घड़ी से निकलकर वेगा की मदद करेंगी। पर यह बात वेगा जान नहीं पायेगा।" किरीट ने आखरी बात मुस्कुराते हुए कही।

“पर यह किस प्रकार संभव है?" युगाका ने जोडियाक वॉच को उलट-पलट कर देखते हुए कहा- “राशियां, इस प्रकार रूप कैसे धारण कर सकती है?"

“हमने इस वॉच में ‘धरा तत्व’ के एक कण का इस्तेमाल किया है, जो कि इस वॉच के केन्द्र में लगा है। इस कण में स्वयं का एक दिमाग है जो कि किसी भी मुसीबत के समय इस स्मार्ट वॉच से बाहर आ जायेगा और जमीन में मौजूद सूक्ष्म कण से मिलकर, इन 12 राशियों का रूप धारण कर लेगा।

मुसीबत से लड़ने के बाद यह कण वापस इस जोडियाक वॉच में समा जायेगा। यह कण इतना सूक्ष्म है कि यह किसी को भी दिखाई नहीं देगा, जिसकी वजह से वेगा कभी जान नहीं पायेगा कि उसकी मदद किसने की?"

“यह धरा शक्ति आपको कहां से मिली, ये तो देवी शलाका के एक भाई ‘कैलिक्स’ के पास थी।" युगाका की आँखो में आश्चर्य दिखा।
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“यह पूर्ण ‘धरा शक्ति’ नहीं है, ये केवल उसका एक अंश मात्र है। इसका आविष्कार रिंजो व शिंजो ने किया है। तभी यह केवल 12 रूप ही धारण कर सकती है। पूर्ण ‘धरा शक्ति’ अभी भी ‘देवता कैलिक्स’ के पास ही है।" किरीट ने कहा।

रिंजो व शिंजो अपनी तारीफ सुनकर खुश हो गये।

“वाह! अदभुद....।" युगाका जोडियाक वॉच की खासीयत देख कर खुश हो गया और घुटनो के बल बैठकर किरीट को गले से लगा लिया- “क्या शानदार आविष्कार है!"

युगाका का किरीट को गले लगाते देख रिंजो-शिंजो भी मचलने लगे-
“मुझे भी गले लगना है .... मुझे भी गले लगना है।"

युगाका ने मुस्कुराकर रिंजो-शिंजो को देखा और उन्हें भी पास आने का इशारा किया।

दोनों यह देखकर दौड़ कर युगाका के गले लग गये। यह देख कलाट के चेहरे पर मुस्कान उभर आयी।

इनको यहां छोड़ कर चलो देखते हैं कि सुयश एंड पार्टी क्या कर रहे हैं?


बैंक डकैती का रहस्य
(7 जनवरी 2002, सोमवार, 17:30, मायावन, अराका)

धीरे-धीरे आगे बढ़ते हुए पूरा दिन बीत चुका था। अब शाम का धुंधलका चारो ओर फैलने लगा था।

सुयश सहित सभी के चेहरे पर थकान साफ नजर आ रही थी। दिन भर सभी ने सूखे मेवे बिल्कुल यूज नहीं किये थे। रास्ते में उन्हे जो कुछ मिला था, सभी ने वह खाकर अपना गुजारा किया था।

“कैप्टन!" ब्रेंडन बोल उठा- “शाम हो चुकी है। कुछ देर के बाद रात का अंधेरा चारो ओर फैल जायेगा। ऐसे में हमें रात काटने के लिए कोई सुरक्षित जगह ढूंढनी होगी।"

“सही कह रहे हो ब्रेंडन।" सुयश ने सभी के थके चेहरों पर निगाह मारते हुए कहा- “पर चारो तरफ पेड़ ही पेड़ हैं, इनके नीचे रात बिताना खतरे से खाली नहीं होगा। हमें कहीं खुला आसमान चाहिए होगा।"

“बात तो आप ठीक कह रहे हैं कैप्टन।" जेनिथ ने सुयश को देखते हुए कहा- “खुले आसमान के अलावा हमें पानी भी चाहिए होगा। क्यों की सुबह उठ कर सभी को फ्रेश भी तो होना होगा।"

तभी शैफाली ने हवा में कुछ सूंघते हुए कहा- “कैप्टन अंकल, मुझे हवा में नमी का अहसास हो रहा है। यकिनन हमारे बांयी तरफ कहीं पानी का तालाब है।"

शैफाली की बात सुन सुयश ने सभी को उधर चलने का इशारा किया। बामुश्किल 100 कदम आगे चलते ही पानी का एक छोटा तालाब दिख गया।

तालाब का पानी साफ दिख रहा था। उसके आस-पास जमीन पर कुछ छोटे जानवर के पैर के निशान भी बने थे, जो इस बात का घोतक थे कि वह तालाब पूरी तरह से सुरक्षित है।

फिर भी सुयश ने सावधानी बरतते हुए तालाब का पानी एक बार ब्रूनो को पिलाकर देखा। ब्रूनो को किसी भी प्रकार की कोई समास्या नहीं दिखी। अब सभी ने वही रुकने का प्लान कर लिया।

तालाब से कुछ दूरी पर एक बड़ी सी जगह देख सभी ने वहां सोने का प्लान किया।

ब्रेंडन ने असलम, तौफीक और एलेक्स की मदद से कुछ झाड़ियां और कुछ पेड़ की जड़ों तोड़कर उनसे झाड़ू बना लिये। उस झाड़ू की मदद से जैक और जॉनी ने उस जगह की जमीन को साफ कर लिया।

“हमें आग जलाने की व्यवस्थथा भी करनी पड़ेगी।" अल्बर्ट ने सभी की तरफ देखते हुए कहा- “नहीं तो रात में जंगली जानवर भी यहां आ सकते है।"

“असलम तुम ब्रेंडन के साथ कुछ सूखी पत्तियां और लकिड़यां ले आओ। तब तक मैं पानी की व्यवस्था करता हूँ।" इतना कहकर सुयश खाली बोतलों को इकट्ठा करने लगा।

थोड़ी देर के बाद सभी ने आग को जलाकर वह स्थान इतना साफ-सुथरा कर लिया था कि अब वहां सोया जा सकता था।

आज चाँदनी रात होने की वजह से चारो ओर चाँद की रोशनी फैली हुई थी।

सभी आग के चारो ओर एक गोले की शक्ल में बैठ गये। सभी ने दिन भर के बटोरे कुछ फल खाकर पानी पी लिया। पेट भरने के बाद अब सभी को थोड़ा रिलेक्स महसूस हो रहा था।

“ग्रैंड अंकल!" शैफाली ने अल्बर्ट के हाथ को छूते हुए कहा- “कुछ बोरिंग -बोरिंग सा नहीं लग रहा आपको?"

शैफाली के शब्दो को सुनकर सभी का ध्यान शैफाली की तरफ हो गया।

किसी को ना बोलते देख शैफाली फ़िर से बोल उठी- “माना कि हम सब इस समय खतरों के बीच है, पर हमारे मुंह लटका कर बैठने से खतरे तो नहीं कम हो जाएंगे। तो कम से कम अपनी बातों ही सबसे शेयर करते है, कुछ तो मूड ठीक होगा उससे।"

“शैफाली सही कह रही है।" जेनिथ ने शैफाली की हां में हां मिलाते हुए कहा- “चलो कोई गेम खेलते है।" इतना कहकर जेनिथ ने पास पड़ी एक लकड़ी से जमीन पर एक गोला बनाया और उस गोले के बाहर 11 लकीरे खींच दी। सभी ध्यान से जेनिथ को देख रहे थे।

फ़िर जेनिथ ने उन 11 लाइनों पर 11 तक नंबर डाल दिये और अपने हाथ में पकड़ी उस पानी को बोतल को बीच में रख दिया।

“मेरा नंबर 1 है और फ़िर मेरे बांये बैठे तौफीक का नंबर 2 है, इसी तरह ‘क्लॉक वाइज’ सबके नंबर लिखे है। अब में बॉटल घुमाने जा रही हुं, बॉटल जिसके नंबर पर रुकेगी। उसे 1 मिनट तक अपने बारे में कुछ ना कुछ बोलना पड़ेगा। क्या सब तैयार है?" जेनिथ ने बारी सबको देखते हुए पूछा।

सभी ने सहमित में सिर हिला दिये।

इधर सभी गेम खेल रहे थे, उधर उनसे कुछ दूरी पर पेड़ के पीछे खड़ा एक साया, इन सभी को देखकर मुस्कुरा रहा था। वह साया किसी लड़की का था।

इधर जेनिथ ने बॉटल को जोर से नचा दिया। बॉटल ने अल्बर्ट के नंबर की ओर इशारा किया।

यह सुन शैफाली खुश होकर तालियाँ बजाने लगी- “हां-हां बताइये ग्रैंड अंकल, आप कैसा महसूस कर रहे है इस जंगल की आउटिंग पर?"

एक पल के लिए अल्बर्ट ने ताली बजाती हुई शैफाली को देखा और फ़िर आग को देखते हुए कहना शुरु कर दिया-

“काफ़ी अच्छा और साहसिक महसूस कर रहा हूँ मैं। वैसे मैंने तो बहुत रातें बिताई है ऐसे जंगल के बीच। लेकिन फर्क बस इतना सा है कि उन जंगलो में मैं स्वयं अपनी मर्जी से जाता था, पर यहां मुझे नियति ले आयी है।

मैं हमेशा विज्ञान को मानता रहा हूँ, पर आज इस द्वीप के हालात को देखकर अचानक ईश्वर पर भरोसा करने लगा हूँ। मुझे लगता है विज्ञान चाहे जितना ही ताकतवर क्यों ना हो जाए, लेकिन ईश्वर के सामने आज भी नगन्य है।

लेकिन मैंने अपनी जिंदगी में कुल जितना सीखा है, उससे भी ज़्यादा मुझे इस द्वीप पर एक दिन में देखने को मिला है। ऐसी नायाब और अनोखी चीज़ो को देखकर मुझे काफ़ी अच्छा महसूस हो रहा है।"



जारी रहेगा............✍️
Shaandar jabardast Romanchak Update 👌 👌
 

Baawri Raani

👑 Born to Rule the World 🌏
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kamdev99008 Ji, Meine sabhi updates padhe ke baad hi yah sujhaav vyakt hai.

Kahani mei bacchi hai.. aur bahut hi buddhimaan aur mayavi bhi hai.. Kintu .......

Shefali jab jahaaz par thi tab woh adhiktar apne kamre mei hi rehti thi.

Aur jahaaz par kai romani scenes bhi hue hai. Mera sanket unhi ki oar hai.

Aur agar lekhak ki icha ho toh kaamuk scenes woh kahani mei kahi bhi jod sakta hai.

Aur rahi baat kamar ke uppar dimaag se sochne ki.. toh kuch hi diwas mei 64 updates aur Sharma Ji ki pechli kahaniya aise hi nahi padh li..

Yeh mera sujhaav iss kahani ke lekhak ke liye hai toh kripya unhe hi uttar dene de ..

Aur waise bhi jinke id mei hi Kam Dev ho..unse aise comments ki asha nahi thi....


एक छोटी बच्ची भी है इनके साथ। कमर से बहुत ऊपर बल्कि सबसे ऊपर दिमाग है उससे भी कभी कभी सोच लिया करो, कमर से नीचे :sex: तो हमेशा सोचती ही हो :D
 

Baawri Raani

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Sharma Ji.. aap ki kahani ka style humae pata hai... aur aap acha bhi likhte hai .. meine toh bas aap ke thread ki viewership bhadhane ke liye yeh sujhav diya..

Baaki aur koi irada nahi tha...

अरे अरे महोदया,🙏🏼 आप की बातों मे बुरा लगने जैसा कुछ है भी नहीं :nono: आपने केवल अपने मन की कही है।, ओर सही भी कही है, संभोग द्रश्य डालने से कहानी के व्यूज बढते है, पर देवी जी, हमने 4 कहानीं लिखी है, लेकिन सेक्स किसी में भी नहीं लिखा। क्यों की मेरा मानना है, की अगर कहानी में दम हो तो लोग पढेंगे।।:declare:

 

Baawri Raani

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Oh toh kahani ke taar Desi Devo se bhi jude honge yeh meine socha tak nahi.. hmm aap ne kahi Himalaya ki kissi prayogshala ka jikr kiya tha kahi... aur Suyash ka bhi Suryavanshi hona thoda hint toh deta hai...

Gustakhi maaf 🙏🏻 hum kissi bhi tarah se is kahani ko ban hone dena nahi chahate... aap kahani apke tareeke se aage badhayiye...

ठीक कहा आपने, वैसे भी मै चाहूं तो भी ईस कहानी मे सेक्स नही लिख सकता, क्यूं की इसमे एक बच्ची है, योगमाया, भगवान, वगैरह का काफी जिक्र होगा, ऐसे मे अगर मै ऐसा कुछ लिखता हूं तो कहानी बैन:declare:

 

kamdev99008

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kamdev99008 Ji, Meine sabhi updates padhe ke baad hi yah sujhaav vyakt hai.

Kahani mei bacchi hai.. aur bahut hi buddhimaan aur mayavi bhi hai.. Kintu .......

Shefali jab jahaaz par thi tab woh adhiktar apne kamre mei hi rehti thi.

Aur jahaaz par kai romani scenes bhi hue hai. Mera sanket unhi ki oar hai.

Aur agar lekhak ki icha ho toh kaamuk scenes woh kahani mei kahi bhi jod sakta hai.

Aur rahi baat kamar ke uppar dimaag se sochne ki.. toh kuch hi diwas mei 64 updates aur Sharma Ji ki pechli kahaniya aise hi nahi padh li..

Yeh mera sujhaav iss kahani ke lekhak ke liye hai toh kripya unhe hi uttar dene de ..

Aur waise bhi jinke id mei hi Kam Dev ho..unse aise comments ki asha nahi thi....


आपने तो दिल पर ही ले लिया
मैं तो कमर से नीचे का ही लेना देना करता हूं

मुझसे हसीनाओं की नाराज़गी बर्दाश्त नहीं होती, अपना ही समझ के दिल से क्षमा करना
 

Raj_sharma

यतो धर्मस्ततो जयः ||❣️
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Sharma Ji.. aap ki kahani ka style humae pata hai... aur aap acha bhi likhte hai .. meine toh bas aap ke thread ki viewership bhadhane ke liye yeh sujhav diya..

Baaki aur koi irada nahi tha...



Main aapki baat samajh gaya tha sarkar :hug: Aur mujhe bilkul bhi bura nahi laga, balki acha laga k8 aapne ek sujhaav diya, per iss kahani me aisa hona sambhav nahi hai, iss liye maine bola tha,
:approve: To aapko agar bura laga ho to chhma kare🙏🏼 aap sath bane rahiye kahani aapko nirash nahi karegi:declare:
 

Raj_sharma

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Oh toh kahani ke taar Desi Devo se bhi jude honge yeh meine socha tak nahi.. hmm aap ne kahi Himalaya ki kissi prayogshala ka jikr kiya tha kahi... aur Suyash ka bhi Suryavanshi hona thoda hint toh deta hai...

Gustakhi maaf 🙏🏻 hum kissi bhi tarah se is kahani ko ban hone dena nahi chahate... aap kahani apke tareeke se aage badhayiye...



Thanks for understanding :thanx:
 

Raj_sharma

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Raj_sharma

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#65.

उधर जेनिथ धीरे-धीरे अपने आगे चल रही क्रिस्टी के पीछे जा रही थी। इधर पता नहीं कैसे सोयी हुई क्रिस्टी जाग गयी।

उसने जेनिथ को पेड़ो की ओर जाते हुए देखा। उसे आश्चर्य हुआ की जेनिथ इतनी रात गये पेड़ो की तरफ क्यों जा रही है? वह उठकर जेनिथ की तरफ भागी। कुछ ही पल में क्रिस्टी जेनिथ के पीछे पहुंच गयी।

“क्या हुआ जेनिथ?" क्रिस्टी ने आगे जा रही जेनिथ को पीछे से आवाज लगाते हुए कहा- “तुम इतनी रात गये कहां जा रही हो?"

जेनिथ पीछे से आ रही आवाज को सुन पलट कर पीछे देखने लगी। अपने पीछे क्रिस्टी को खड़े देख वह आश्चर्य से भर उठी। उसे समझ नहीं आया की उसके आगे चल रही क्रिस्टी अचानक उसके पीछे कैसे आ गयी? जेनिथ ने पलटकर वापस आगे की ओर देखा।

आगे देखते ही जेनिथ की आँखे फटी की फटी रह गयी क्यों की आगे पेड़ो के झुरमुट के पास एक और क्रिस्टी खड़ी उसे देखकर मुस्कुरा रही थी।

यह देखकर जेनिथ के दिमाग ने काम करना बंद कर दिया। वह ‘धड़ाम’ की आवाज के साथ वहां लहरा कर गिर गयी।

पीछे वाली क्रिस्टी ने जेनिथ को लहराकर गिरते देखा, उसने इधर-उधर नजर घुमाकर देखा, पर उसे कुछ नजर नहीं आया। वह भागकर जेनिथ के पास पहुंच गयी।

जेनिथ जमीन पर बेहोश पड़ी थी। यह देख क्रिस्टी ने चीखकर सबको जगा दिया।

“कैप्टन...तौफीक...उठो। देखो इधर जेनिथ को क्या हुआ?"

क्रिस्टी की चीख सुनकर सभी जाग गये और भागकर क्रिस्टी के पास पहुंच गये।

“क्या हुआ?" सुयश ने जोर से कहा- “तुम लोग इतनी रात में इधर क्या कर रही हो? और जेनिथ बेहोश कैसे हो गयी?"

“पता नहीं!" क्रिस्टी ने उलझे-उलझे स्वर में कहा- “मै तो सो रही थी। तभी अचानक से मेरी नींद खुल गयी। मैने देखा कि जेनिथ उन पेड़ो की ओर जा रही है। मुझे यह देख अजीब सा लगा। मैने जेनिथ को पीछे से आवाज दी।
मेरी आवाज सुन जेनिथ एकदम से डर गयी। पहले उसने इधर पेड़ो की ओर देखा और गिर कर बेहोश हो गयी। मैने भी सामने देखा पर मुझे कुछ नजर नहीं आया।"

यह कहकर क्रिस्टी शांत हो गयी। पर उसकी निगाहे अभी भी बेहोश जेनिथ की ओर थी।

तब तक तौफीक भागकर एक पानी की बॉटल ले आया और उस बॉटल से पानी की कुछ बूंदे लेकर जेनिथ के चेहरे पर डाला। पानी की बूंदे जेनिथ के चेहरे पर पड़ते ही जेनिथ को होश आ गया।

एक सेकंड तक तो जेनिथ सबको देखती रही, फ़िर उसे सारी घटना याद आ गयी। वह एकदम से डरकर क्रिस्टी को देखने लगी।

“क्या हुआ जेनिथ?" तौफीक ने जेनिथ को सहारा देते हुए कहा-
“तुम बेहोश कैसे हो गयी थी? और क्रिस्टी को देखकर तुम डर क्यों रही हो?"

जेनिथ ने एकबार सबके चेहरे पर नजर मारी। सबको अपने पास पाकर धीरे-धीरे वह सामान्य हो रही थी।

पहले जेनिथ ने शैफाली के हाथ में पकड़ी बॉटल से खूब सारा पानी अपने गले के नीचे उतारा और फ़िर सामान्य होते हुए उन्हें सारी बात बता दी।

“दो-दो क्रिस्टी!" सभी के मुंह से एक साथ निकला।

“ये कैसे संभव है?“ तौफीक ने आश्चर्य से इधर-उधर देखते हुए कहा- “क्रिस्टी की शकल की दूसरी लड़की इस द्वीप पर कहां से आयी?"

अब बहुत से चेहरो पर डर के भाव भी दिखने लगे थे। कुछ देर तक किसी के मुंह से बोल तक ना फूटा। सभी बस एक दूसरे का चेहरा देख रहे थे।

“कैप्टन, क्या आप तंत्र-मंत्र पर विश्वास करते हैं?" अल्बर्ट ने सुयश की ओर देखते हुए पूछा।

“यह आप कैसी बात कर रहे हैं प्रोफेसर?" सुयश ने अजीब सी नज़रो से अल्बर्ट को देखते हुए कहा-

“आज के इस विज्ञान के दौर मे तंत्र-मंत्र की बातों पर विश्वास कौन करेगा? तंत्र-मंत्र का जिक्र तो केवल किताबो मे ही मिलता है।"

“कैप्टन जादू और विज्ञान में बहुत थोड़ा सा ही अंतर होता है।"
अल्बर्ट ने सबको समझाते हुए कहा-
“हम जिन चीजो को समझ नहीं पाते है उसे जादू कहते है, पर जब उसे समझ जाते है तो उसे ही विज्ञान का नाम दे देते है। जैसे आज से 200 साल पहले अगर कोई कहता कि मैंने हजार किलोमीटर दूर बैठे इंसान से बात किया तो हम उसे जादू कहते और जल्दी उसकी बात पर विश्वास नहीं करते, पर आज के समय में हम मोबाइल के द्वारा ऐसा आसानी से कर सकते है।

तो मेरा ये कहना है कि इस द्वीप पर शायद वैसी ही कोई तकनीक है, जो हमें समझ नहीं आ रही है इसिलए हम चाहें तो उसे जादू कह सकते है। हो सकता है कि इस द्वीप पर रहने वाले लोगों को जादू आता हो?"

“ये भी हो सकता है ग्रैंड अंकल।" शैफाली ने अल्बर्ट को देखते हुए कहा- “कि इस द्वीप पर आज से सैकडो साल पहले का विज्ञान प्रयोग में लाया जाता हो, जिससे कि यहां के इंसान किसी का भी भेष बना सकते है?"

“एक बात तो स्पस्ट हो गयी कैप्टन कि इस द्वीप पर इंसान है, मगर वह जानबूझकर हमें देख कर छिप रहे है। क्यों? ये नहीं पता और वह काल्पनिक कहानी की तरह किसी का भी रूप बदलने में माहिर भी है।" ब्रेंडन ने अपने तर्क देते हुए कहा।

“लेकिन वह नकली क्रिस्टी जेनिथ को लेकर कहां जाना चाहती थी?" तौफीक ने कहा।

“आप भूल रहे है कैप्टन कि उस दिन लॉरेन भी लोथार को कहीं ले जाना चाहती थी।" जॉनी ने कहा-

“अब तो मुझे लगता है कि इसी द्वीप से निकलकर कोई इंसान लॉरेन और रोजर का भेष बनाकर हमारे जहाज पर दहशत फैला रहा था।" पहली बार सभी को जॉनी के शब्दो में कोई ढंग का लॉजिक दिखाई दिया था।

“मुझे भी जॉनी की बात सही लग रही है।" सुयश ने कहा- “लेकिन अब हमें इस द्वीप पर और सावधान रहना होगा।"

किसी के मुंह से अब कोई शब्द नहीं निकला।

“मेरे ख़याल से अब हमें वापस सो जाना चाहिए।" सुयश ने इधर-उधर देखते हुए कहा- “अभी रात का समय है और हमें अभी दिन में वापस अपनी यात्रा शुरु करनी है।"

सुयश की बात सुनकर सभी वापस अपने सोने वाली जगह पर आ गये। नींद तो अब शायद ही किसी को आनी थी, पर वापस सभी लेट गये थे।

उन पर नजर रखने वाली वह आकृति भी अब एक ओर को चल दी थी।


चैपटर-4 रहस्यमय दुनिया

8 जनवरी 2002, मंगलवार, 09:00, ट्रांस अंटार्कटिक पर्वत, अंटार्कटिका

जेम्स और विल्मर बिना किसी को बताए आज फ़िर नियत स्थान पर आ गये।

दोनों ने आज ड्रिल मशीन के साथ-साथ मेटल काटने वाली ‘कटर मशीन’ भी ले रखी थी। दोनों के ही चेहरे पर आज खुशी के भाव नजर आ रहे थे। शायद उन्हें विश्वास था कि आज कुछ ना कुछ तो उनके हाथ जरुर लगेगा।

जिस स्थान पर कल उन्हें वह ढाल मिली थी, वहां पर उन्हेंने एक छोटा सा झंडा बना कर लगा दिया था।
उन्हें पता था कि रात में बर्फ गिरने के बाद उस स्थान को अगले दिन पहचान पाना मुश्किल हो जाता।

जेम्स और विल्मर ने अपना ‘स्की-स्कूटर’ उस झंडे से कुछ दूरी पर रोका और उतरकर झंडे के पास पहुंच गये।

विल्मर ने एक नजर जेम्स पर डाली और फ़िर ‘कटर मशीन’ निकाल कर उस स्थान की बर्फ को साफ करने लगा।

थोड़ी ही मेहनत के बाद विल्मर ने ढाल के आसपास के क्षेत्र की बर्फ साफ कर ली। अब वह ढाल साफ नजर आ रही थी।

“इस ढाल को काट कर निकालने की कोशिश करो।" जेम्स ने विल्मर से कहा- “कम से कम कुछ तो हाथ लगे पहले।"

विल्मर ने जेम्स की बात सुनकर धीरे से अपना सिर हिलाया और फ़िर कटर मशीन को शुरू कर उस ढाल को नीचे की ओर से उस सुनहरी दीवार से अलग करने की कोशिश करने लगा।

कटर मशीन के उस ढाल से टकराने पर तेज चिंगारी निकल रही थी, पर वह मेटल कट नहीं पा रहा था।

5 मिनट तक कटर मशीन चलाने के बाद विल्मर समझ गया कि ये धातु कटर मशीन से नहीं कटेगी।

हार कर विल्मर ने कटर मशीन को एक तरफ फेका और अपने टूल किट के बैग से ‘एसिटलीन टार्च’ निकाल ली।

एसिटलीन टार्च को ऑक्सीजन सिलेंडर से अटैच करने के बाद विल्मर ने एसिटलीन टार्च को ऑन कर दिया। एसिटलीन टार्च 3000 डिगरी सेंटीग्रेट के तापमान से जल उठी।

विल्मर ने एसिटलीन टार्च से पहले आसपास के क्षेत्र की बर्फ को पिघलाना शुरू कर दिया।

थोड़ी ही देर में ढाल के आसपास 5 मीटर त्रिज्या के क्षेत्रफल में विल्मर ने सारी बर्फ को पिघला दिया।

अब विल्मर ने एसिटलीन टार्च का मुंह ढाल के नीचे की तरफ कर दिया। इतने अधिक तापमान की वजह से पूरी सुनहरी ढाल लाल रंग की नजर आने लगी, पर फिर भी 10 मिनट की अपार मेहनत के बाद भी वह ढाल उस सुनहरी दीवार से अलग नहीं की जा सकी।

इतनी गर्मी के कारण विल्मर का पूरा चेहरा भी पसीने से भर उठा। आख़िरकार विल्मर थक कर बैठ गया।

जेम्स की भी समझ में नहीं आ रहा था कि ये किस प्रकार की धातु है, जो 3000 डिगरी सेंटीग्रेट पर भी नहीं पिघल रही है।

जेम्स की नजर अब उस ढाल पर बनी ड्रेगन की आकृति पर गयी जो कि पूरी ढाल लाल हो जाने के बाद भी सुनहरा ही दिख रही थी।

कुछ सोचने के बाद जेम्स ने धीरे से उस ड्रेगन की आकृति को हाथ से छूकर देखा। वह आकृति बिलकुल भी गर्म नहीं थी, जबकि पूरी ढाल गर्मी के कारण अभी भी जल रही थी।

कुछ सोच जेम्स ने उस ड्रेगन की आकृति को धीरे से अंदर की ओर दबाया। जेम्स के द्वारा उस आकृति
को दबाते ही वह ढाल एकाएक घूमने लगी।

जेम्स यह देख डरकर पीछे हट गया। विल्मर की भी निगाह अब उस तेजी से घूम रही ढाल पर थी।




जारी रहेगा_________✍️
 
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