Ajju Landwalia
Well-Known Member
- 3,544
- 13,896
- 159
#65.
उधर जेनिथ धीरे-धीरे अपने आगे चल रही क्रिस्टी के पीछे जा रही थी। इधर पता नहीं कैसे सोयी हुई क्रिस्टी जाग गयी।
उसने जेनिथ को पेड़ो की ओर जाते हुए देखा। उसे आश्चर्य हुआ की जेनिथ इतनी रात गये पेड़ो की तरफ क्यों जा रही है? वह उठकर जेनिथ की तरफ भागी। कुछ ही पल में क्रिस्टी जेनिथ के पीछे पहुंच गयी।
“क्या हुआ जेनिथ?" क्रिस्टी ने आगे जा रही जेनिथ को पीछे से आवाज लगाते हुए कहा- “तुम इतनी रात गये कहां जा रही हो?"
जेनिथ पीछे से आ रही आवाज को सुन पलट कर पीछे देखने लगी। अपने पीछे क्रिस्टी को खड़े देख वह आश्चर्य से भर उठी। उसे समझ नहीं आया की उसके आगे चल रही क्रिस्टी अचानक उसके पीछे कैसे आ गयी? जेनिथ ने पलटकर वापस आगे की ओर देखा।
आगे देखते ही जेनिथ की आँखे फटी की फटी रह गयी क्यों की आगे पेड़ो के झुरमुट के पास एक और क्रिस्टी खड़ी उसे देखकर मुस्कुरा रही थी।
यह देखकर जेनिथ के दिमाग ने काम करना बंद कर दिया। वह ‘धड़ाम’ की आवाज के साथ वहां लहरा कर गिर गयी।
पीछे वाली क्रिस्टी ने जेनिथ को लहराकर गिरते देखा, उसने इधर-उधर नजर घुमाकर देखा, पर उसे कुछ नजर नहीं आया। वह भागकर जेनिथ के पास पहुंच गयी।
जेनिथ जमीन पर बेहोश पड़ी थी। यह देख क्रिस्टी ने चीखकर सबको जगा दिया।
“कैप्टन...तौफीक...उठो। देखो इधर जेनिथ को क्या हुआ?"
क्रिस्टी की चीख सुनकर सभी जाग गये और भागकर क्रिस्टी के पास पहुंच गये।
“क्या हुआ?" सुयश ने जोर से कहा- “तुम लोग इतनी रात में इधर क्या कर रही हो? और जेनिथ बेहोश कैसे हो गयी?"
“पता नहीं!" क्रिस्टी ने उलझे-उलझे स्वर में कहा- “मै तो सो रही थी। तभी अचानक से मेरी नींद खुल गयी। मैने देखा कि जेनिथ उन पेड़ो की ओर जा रही है। मुझे यह देख अजीब सा लगा। मैने जेनिथ को पीछे से आवाज दी।
मेरी आवाज सुन जेनिथ एकदम से डर गयी। पहले उसने इधर पेड़ो की ओर देखा और गिर कर बेहोश हो गयी। मैने भी सामने देखा पर मुझे कुछ नजर नहीं आया।"
यह कहकर क्रिस्टी शांत हो गयी। पर उसकी निगाहे अभी भी बेहोश जेनिथ की ओर थी।
तब तक तौफीक भागकर एक पानी की बॉटल ले आया और उस बॉटल से पानी की कुछ बूंदे लेकर जेनिथ के चेहरे पर डाला। पानी की बूंदे जेनिथ के चेहरे पर पड़ते ही जेनिथ को होश आ गया।
एक सेकंड तक तो जेनिथ सबको देखती रही, फ़िर उसे सारी घटना याद आ गयी। वह एकदम से डरकर क्रिस्टी को देखने लगी।
“क्या हुआ जेनिथ?" तौफीक ने जेनिथ को सहारा देते हुए कहा-
“तुम बेहोश कैसे हो गयी थी? और क्रिस्टी को देखकर तुम डर क्यों रही हो?"
जेनिथ ने एकबार सबके चेहरे पर नजर मारी। सबको अपने पास पाकर धीरे-धीरे वह सामान्य हो रही थी।
पहले जेनिथ ने शैफाली के हाथ में पकड़ी बॉटल से खूब सारा पानी अपने गले के नीचे उतारा और फ़िर सामान्य होते हुए उन्हें सारी बात बता दी।
“दो-दो क्रिस्टी!" सभी के मुंह से एक साथ निकला।
“ये कैसे संभव है?“ तौफीक ने आश्चर्य से इधर-उधर देखते हुए कहा- “क्रिस्टी की शकल की दूसरी लड़की इस द्वीप पर कहां से आयी?"
अब बहुत से चेहरो पर डर के भाव भी दिखने लगे थे। कुछ देर तक किसी के मुंह से बोल तक ना फूटा। सभी बस एक दूसरे का चेहरा देख रहे थे।
“कैप्टन, क्या आप तंत्र-मंत्र पर विश्वास करते हैं?" अल्बर्ट ने सुयश की ओर देखते हुए पूछा।
“यह आप कैसी बात कर रहे हैं प्रोफेसर?" सुयश ने अजीब सी नज़रो से अल्बर्ट को देखते हुए कहा-
“आज के इस विज्ञान के दौर मे तंत्र-मंत्र की बातों पर विश्वास कौन करेगा? तंत्र-मंत्र का जिक्र तो केवल किताबो मे ही मिलता है।"
“कैप्टन जादू और विज्ञान में बहुत थोड़ा सा ही अंतर होता है।"
अल्बर्ट ने सबको समझाते हुए कहा-
“हम जिन चीजो को समझ नहीं पाते है उसे जादू कहते है, पर जब उसे समझ जाते है तो उसे ही विज्ञान का नाम दे देते है। जैसे आज से 200 साल पहले अगर कोई कहता कि मैंने हजार किलोमीटर दूर बैठे इंसान से बात किया तो हम उसे जादू कहते और जल्दी उसकी बात पर विश्वास नहीं करते, पर आज के समय में हम मोबाइल के द्वारा ऐसा आसानी से कर सकते है।
तो मेरा ये कहना है कि इस द्वीप पर शायद वैसी ही कोई तकनीक है, जो हमें समझ नहीं आ रही है इसिलए हम चाहें तो उसे जादू कह सकते है। हो सकता है कि इस द्वीप पर रहने वाले लोगों को जादू आता हो?"
“ये भी हो सकता है ग्रैंड अंकल।" शैफाली ने अल्बर्ट को देखते हुए कहा- “कि इस द्वीप पर आज से सैकडो साल पहले का विज्ञान प्रयोग में लाया जाता हो, जिससे कि यहां के इंसान किसी का भी भेष बना सकते है?"
“एक बात तो स्पस्ट हो गयी कैप्टन कि इस द्वीप पर इंसान है, मगर वह जानबूझकर हमें देख कर छिप रहे है। क्यों? ये नहीं पता और वह काल्पनिक कहानी की तरह किसी का भी रूप बदलने में माहिर भी है।" ब्रेंडन ने अपने तर्क देते हुए कहा।
“लेकिन वह नकली क्रिस्टी जेनिथ को लेकर कहां जाना चाहती थी?" तौफीक ने कहा।
“आप भूल रहे है कैप्टन कि उस दिन लॉरेन भी लोथार को कहीं ले जाना चाहती थी।" जॉनी ने कहा-
“अब तो मुझे लगता है कि इसी द्वीप से निकलकर कोई इंसान लॉरेन और रोजर का भेष बनाकर हमारे जहाज पर दहशत फैला रहा था।" पहली बार सभी को जॉनी के शब्दो में कोई ढंग का लॉजिक दिखाई दिया था।
“मुझे भी जॉनी की बात सही लग रही है।" सुयश ने कहा- “लेकिन अब हमें इस द्वीप पर और सावधान रहना होगा।"
किसी के मुंह से अब कोई शब्द नहीं निकला।
“मेरे ख़याल से अब हमें वापस सो जाना चाहिए।" सुयश ने इधर-उधर देखते हुए कहा- “अभी रात का समय है और हमें अभी दिन में वापस अपनी यात्रा शुरु करनी है।"
सुयश की बात सुनकर सभी वापस अपने सोने वाली जगह पर आ गये। नींद तो अब शायद ही किसी को आनी थी, पर वापस सभी लेट गये थे।
उन पर नजर रखने वाली वह आकृति भी अब एक ओर को चल दी थी।
चैपटर-4 रहस्यमय दुनिया
8 जनवरी 2002, मंगलवार, 09:00, ट्रांस अंटार्कटिक पर्वत, अंटार्कटिका
जेम्स और विल्मर बिना किसी को बताए आज फ़िर नियत स्थान पर आ गये।
दोनों ने आज ड्रिल मशीन के साथ-साथ मेटल काटने वाली ‘कटर मशीन’ भी ले रखी थी। दोनों के ही चेहरे पर आज खुशी के भाव नजर आ रहे थे। शायद उन्हें विश्वास था कि आज कुछ ना कुछ तो उनके हाथ जरुर लगेगा।
जिस स्थान पर कल उन्हें वह ढाल मिली थी, वहां पर उन्हेंने एक छोटा सा झंडा बना कर लगा दिया था।
उन्हें पता था कि रात में बर्फ गिरने के बाद उस स्थान को अगले दिन पहचान पाना मुश्किल हो जाता।
जेम्स और विल्मर ने अपना ‘स्की-स्कूटर’ उस झंडे से कुछ दूरी पर रोका और उतरकर झंडे के पास पहुंच गये।
विल्मर ने एक नजर जेम्स पर डाली और फ़िर ‘कटर मशीन’ निकाल कर उस स्थान की बर्फ को साफ करने लगा।
थोड़ी ही मेहनत के बाद विल्मर ने ढाल के आसपास के क्षेत्र की बर्फ साफ कर ली। अब वह ढाल साफ नजर आ रही थी।
“इस ढाल को काट कर निकालने की कोशिश करो।" जेम्स ने विल्मर से कहा- “कम से कम कुछ तो हाथ लगे पहले।"
विल्मर ने जेम्स की बात सुनकर धीरे से अपना सिर हिलाया और फ़िर कटर मशीन को शुरू कर उस ढाल को नीचे की ओर से उस सुनहरी दीवार से अलग करने की कोशिश करने लगा।
कटर मशीन के उस ढाल से टकराने पर तेज चिंगारी निकल रही थी, पर वह मेटल कट नहीं पा रहा था।
5 मिनट तक कटर मशीन चलाने के बाद विल्मर समझ गया कि ये धातु कटर मशीन से नहीं कटेगी।
हार कर विल्मर ने कटर मशीन को एक तरफ फेका और अपने टूल किट के बैग से ‘एसिटलीन टार्च’ निकाल ली।
एसिटलीन टार्च को ऑक्सीजन सिलेंडर से अटैच करने के बाद विल्मर ने एसिटलीन टार्च को ऑन कर दिया। एसिटलीन टार्च 3000 डिगरी सेंटीग्रेट के तापमान से जल उठी।
विल्मर ने एसिटलीन टार्च से पहले आसपास के क्षेत्र की बर्फ को पिघलाना शुरू कर दिया।
थोड़ी ही देर में ढाल के आसपास 5 मीटर त्रिज्या के क्षेत्रफल में विल्मर ने सारी बर्फ को पिघला दिया।
अब विल्मर ने एसिटलीन टार्च का मुंह ढाल के नीचे की तरफ कर दिया। इतने अधिक तापमान की वजह से पूरी सुनहरी ढाल लाल रंग की नजर आने लगी, पर फिर भी 10 मिनट की अपार मेहनत के बाद भी वह ढाल उस सुनहरी दीवार से अलग नहीं की जा सकी।
इतनी गर्मी के कारण विल्मर का पूरा चेहरा भी पसीने से भर उठा। आख़िरकार विल्मर थक कर बैठ गया।
जेम्स की भी समझ में नहीं आ रहा था कि ये किस प्रकार की धातु है, जो 3000 डिगरी सेंटीग्रेट पर भी नहीं पिघल रही है।
जेम्स की नजर अब उस ढाल पर बनी ड्रेगन की आकृति पर गयी जो कि पूरी ढाल लाल हो जाने के बाद भी सुनहरा ही दिख रही थी।
कुछ सोचने के बाद जेम्स ने धीरे से उस ड्रेगन की आकृति को हाथ से छूकर देखा। वह आकृति बिलकुल भी गर्म नहीं थी, जबकि पूरी ढाल गर्मी के कारण अभी भी जल रही थी।
कुछ सोच जेम्स ने उस ड्रेगन की आकृति को धीरे से अंदर की ओर दबाया। जेम्स के द्वारा उस आकृति
को दबाते ही वह ढाल एकाएक घूमने लगी।
जेम्स यह देख डरकर पीछे हट गया। विल्मर की भी निगाह अब उस तेजी से घूम रही ढाल पर थी।
जारी रहेगा_________![]()
Behad shandar update he Raj_sharma Bhai,
Is dweep na jaane kitne rahasay bhare huye he..............ek khatam hota nahi dusra samne khada ho jata he............
Udhar Antarctica me bhi kuch behad anokha ho raha he................shayad ye koi spaceship ya UFO ho????
Keep rocking Bro