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Fantasy 'सुप्रीम' एक रहस्यमई सफर

Raj_sharma

यतो धर्मस्ततो जयः ||❣️
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Kya hal chal hai dhalchandarun bhai
Kaise rhe Holi aapki

Romanchak safar hai chalte rahiye

Superb quality update

मैंने हमेशा से कहा है कहानिया हमारे आसपास हमारे गली मोहल्ले मे ही घटित होती रहती है बस नजर चाहिए देखने की. शहर मे लोग जी ले उतना ही काफी है, शहरो मे हादसे होते है कहानिया आज भी गाँव की गलियों मे लिखी जा सकती है.

पोसाइडन द्वारा रचित तिलिस्मी द्वीप ' अराका ' ने एक और इंसान की बलि ले ली । इस बार बलि का पात्र बना कथित असलम उर्फ मोइन अली । मोइन अली की मृत्यु पर मुझे जरा भी अफसोस नही है , कारण सम्राट शिप पर मौजूद असंख्य लोगों के मौत का वह अप्रत्यक्ष रूप से जिम्मेदार था ।
सम्राट के पैसेंजर मे सिर्फ दस ग्यारह लोग ही जीवित बचे हैं । हमारे राइटर साहब सुयश साहब को दुल्हा बनाकर इस मिस्ट्रीयस भरी मौत के द्वीप पर लेकर आ तो गए है लेकिन जब सारे बाराती ही मारे जायेंगे तो सुयश साहब की डोली कौन उठाएगा ! कम से कम कहार बनने के लिए चार लोग तो जीवित छोड़ दीजिए ! :weep:

खैर , इस द्वीप पर हैरतअंगेज कारनामे एक के बाद एक नाॅन स्टाप जारी है । मैने इंग्लिश मूवीज ज्यादा नही देखी है पर बचपन मे जादू बहुत देखे है । दुनिया के टाॅप दस जादूगर मे शुमार पी सी सरकार साहब जूनियर और के लाल साहब का जादू देखा है । इसके अलावा छोटे मोटे कई जादूगर का भी शो देखा है , इसलिए हैरतअंगेज जैसी चीजें मुझे ज्यादा हैरान नही करती ।
उन जादूगरों की हाथ की सफाई और सम्मोहन एक्ट की तरह यहां भी , आप के इस थ्रीड पर नए - नए करिश्मे का लुत्फ उठा रहा हूं ।

सभी अपडेट बेहद ही खूबसूरत थे शर्मा जी ।
हमेशा की तरह जगमग जगमग अपडेट ।

Bhai plot jitna bhi bada ho koi dikkat nahi hai aap kahani ko aaram se pura karna

कहानी पूरी लिखनी पड़ेगी
चाहे 1000 अपडेट हो जायें

nice update

lovely update. Usman ali ko jo locket mila tha usne jenith ko apna liya aur uske gale me apne aap chala gaya .par wo locket to devi ke gale me tha to jenith ko kyu chuna ye raaz shayad aage pata chale .
usman ali ki diary me wo sab likha hai ki kaise wo rahasy mayi dweep par pahucha aur bachke nikal aaya .
jahaj ke saare log maare gaye par uske dost ka kya hua ye pata nahi chala ,shayad jungli logo ne usko maar daala ho ya shayad wo ab bhi jinda ho us dweep par .

usman ali ne jo dekha wo alag tha ,usne rahsymayi shahar nahi dekha jo super computer dwara banaya jaa raha hai .jisko Vyom ne dekha hai .

jis janwar ne jahaj par attack kiya tha wo wahi hoga roop badalnewala .

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लुफासा को भी अपने अराका द्वीप के कई रहस्यों के बारे में नहीं पता है।
वैसे यह कोई अनहोनी नहीं है - हमको भी अपने शहर / कस्बों / गाँव के बारे में सब कुछ पता नहीं होता।
युगाका इस ग्रुप का यूँ चोरी-छुपे पीछा क्यों कर रहा है? और समूह के किसी भी सदस्य को नुक़सान होने से उसको क्या लाभ?

कहीं वो ब्रूनो को ही कुछ न कर दे। ये लो - यह ऑब्ज़र्वेशन लिखते लिखते ब्रूनो का नुक़सान तो कर दिया युगाका ने! 😲

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लेकिन बहुत ही अलग तरीक़े से! ब्रूनो अब श्वान नहीं रह गया - वो कुछ और हो गया!
और तो और, वो तो शेफ़ाली के से डिकपल (विमुख) हो गया। कुत्ता वफ़ादार रह सकता है, लेकिन अब तो वो कोई और ही जीव बन गया है।

एक और बात पता चली -- अराका-वासी भी अपना जन्मदिन मनाते हैं और उसको ख़ुशी का अवसर मानते हैं। हा हा हा! 😂

वैसे जनवरी में वाशिंगटन डी सी में बाहर जाने में सामान्य आदमी के वृषण शार्ट हो जाएँ! 😂😂😂


लेकिन वेगा अराका-वासी है। कुछ भी कर सकता है - जैसे, पोटोमैक नदी में खुले में कायाकिंग! 😯

अपनी वीनस भी कम नहीं है। वो खुद भी जियाला लड़की है। हॉट 🥵 होगी - इसीलिए ठंडक का असर नहीं है उस पर।

टुंड्रा स्वान वाक़ई बहुत सुन्दर पक्षी होता है - काली-पीली चोंच और शफ़्फ़ाक़ सफ़ेद पंख।
लेकिन अबे! इस स्वान को क्या हो गया!?

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पक्षी को हथियार किसने बनाया? कौन चाहता है कि वेगा की क्षति हो?

ये ज़ोडिएक घड़ी कमाल की है! यहाँ तो राशियाँ ही मिल कर पहनने वाले की रक्षा कर रही हैं। इतने समय के बाद इस घड़ी का उपयोग दिखाई दिया! बढ़िया!!

वेगा वीनस का किस्सा भी जमता हुआ दिख रहा है। अच्छी बात है - लेकिन, युगाका क्या वीनस (एक मानव) को स्वीकार करेगा?
हमने देखा है कि कैसे वो सुप्रीम के यात्रियों को ‘नापने’ में कोई गुरेज नहीं रख रहा है। ऐसा व्यक्ति सही नहीं है।

हाँ हाँ - बहुत आगे की सोच रहा हूँ, लेकिन वाजिब प्रश्न है।

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एक बेहद उन्नत विज्ञान और तकनीक का एक और प्रस्तुतिकरण!
व्योम इस चक्रव्यूह में प्रविष्ट हो ही गया।

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“एलियन भी ऑक्सीजन लेते हैं?” -- यह एक बढ़िया कन्क्लूसन निकाला व्योम ने! हा हा हा हा!

“क्या तुम अपना प्रोग्राम डिलीट कर बैठे हो?” -- ओ तेरी! हा हा! 😂😂

कैस्पर और व्योम के वार्तालाप से मुझे एक फिल्म, A.I. Artificial Intelligence (2001) याद आ गई। उसमें भी एक ऐसा ही प्रोग्राम था, जो उस रोबोट बच्चे, डेविड, से बात करता है और उसको इनफार्मेशन देता है।

किसी AI के लिए स्वयं का निर्माण करना -- मतलब वो बहुत ही उन्नत किस्म का AGI होगा। हम्म्म!

सप्त-मुखी योद्धा? हम्म? अगर सनातनी माइथोलॉजी देखें, तो हनुमान भगवान का एक रूप है जिसके पाँच मुख होते हैं - हनुमान स्वयं, नरसिंह, गरुड़, वाराह, और ह्यग्रीव (घोड़े का शीश)। प्रत्येक शीश अलग अलग शक्तियों का प्रतीक है। (आपने लाल रंग की बात लिखी, तो यह रूप अनायास ही स्मरण हो आया)! परमज्ञानी रावण के दस सर थे - दशानन! सप्त-मुखी तो एक ही याद है -- शेषनाग।

वैसे आपके अराका के योद्धा पंचमुखी हनुमान जी + गज + मकर + गाय - वाराह हैं! :)

“भागवत पुराण” में ‘गजेंद्र मोक्ष’ की कथा है। गज और मकर का मेरा ज़िक्र एक उद्देश्य से किया गया था।
जिन पाठकों को रूचि हो, पढ़ें। यहाँ अब क्या ही लिखें ये सब! न जाने कौन शिकायत कर दे।


“उस रोशनी के गिरते ही व्योम को अपना शरीर लाखों टुकडो में बंटता हुआ सा महसूस हुआ। उसे ऐसा लगा जैसे उसका शरीर किसी अंधे कुएं में गिर रहा हो।” -- ई ल्यो! 😢

बहुरूपिए असलम की ख़ैर नहीं अब!

90

वो कहते हैं न, कर्मों के अनुरूप ही कर्म-फल मिलता है
(हाँलाकि यह बात भारत देश के नेताओं, बाबुओं, पुलिसियों, और न्यायाधीशों पर नहीं बैठती है - वो एक अलग बात है… लेकिन मान लेते हैं)!

मोईन अली, उर्फ़, असलम के जीवन का भी पटाक्षेप हो गया। और उसी तरह हुआ जिस तरह सहस्त्रों मनुष्यों के जीवन का असमय अंत करने वाले का होना चाहिए।

अल्बर्ट के माध्यम से आपने दलदल के फिजिक्स का बढ़िया ज्ञान दिया। 👏👏👏

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अबे स्साला! अपडेट की शुरुवात में ही अचम्भा! लॉकेट खुद ही जेनिथ के गले से जा लगा। क्यों?
राज़ पे राज़! क्या राज भाई! हा हा हा! 😂

लॉकेट ने फिलहाल जेनिथ को चुना है जैसे The Lord of the Rings में One Ring ने स्मिगेल / गोल्लम को चुना था, safe-keeping के लिए। लेकिन गोल्लम के विपरीत, जेनिथ को उस लॉकेट को पहन कर फिलहाल कुछ भी नहीं महसूस हो रहा है। वो सम्मोहन भी क्षणिक ही था।

माना कि मोईन अली सुप्रीम को यहाँ लाने का निमित्त था, लेकिन उसने वो एक तुच्छ स्वार्थ के कारण किया और उसके कारण हज़ारों की जान चली गई। वो इस पाप से मुक्त तो नहीं हो सकता। उसकी आत्मा पर यह बोझ रहेगा अवश्य।

“ब्लैक थंडर” को भी सुप्रीम की ही तरह यहाँ के मायाजाल में फंसाया गया था। इतना तो स्पष्ट है।
कम से कम अट्ठारह साल से युगाका का मानवों पर आतंक जारी है। बेचारे ब्लैक थंडर वालों ने तो न जाने क्या क्या झेला है। स्साला युगाका मानवजाति का दुश्मन है! इसको सज़ा-ए-मौत ही देनी उचित है। ‘मैंने ये सब मजबूरी में किया’ - यह वाला बचाव-आसन मानना नहीं चाहिए।

जंगली कबीला-वासी फिलहाल तो नहीं दिखे इनको।

लॉकेट का विवरण पढ़ के ऐसा लग रहा है जैसे ये The Lord of the Rings के One Ring जैसा दुष्ट यंत्र नहीं, बल्कि Evenstar जैसा सुन्दर लॉकेट था, जिसको आरवेन ने अरागोर्न को दिया था - अपने प्रेम की निशानी... या फिर Phial of Galadriel (light of Earendil) जैसी वस्तु! ख़ैर!

उस्मान अली जी की आत्मकथा से यह तो पता चलता है कि इस द्वीप से मनुष्य का बच के निकल पाना संभव तो है। लेकिन वो एक मनुष्य थे। शायद इसलिए बच गए होंगे।

ये ‘मेगा अपडेट’ बेहतरीन था। पहले के अपडेट्स वाकई छोटे छोटे थे।


****

लेकिन भाई - क्या समां बाँधा है आपने।
गज़ब की कल्पनाशक्ति है और क्या सम्मोहक लेखनी है आपकी! 😲😲 मान गए आपके दोनों ही हुनर को!
लोगों को समझता नहीं होगा - लेकिन आपने ये कहानी लिखने के लिए न जाने कितना शोध किया होगा। मुझको दिखाई देता है वो श्रम! बहुत बहुत साधुवाद! 🙏


लीजिए - अब हम भी संग हो लिए। जो सब छूटा था, सब पूरा हो गया।
अब चलेंगे - साथ साथ 😊

Nice update....

बहुत ही सुंदर लाजवाब अद्भुत अविस्मरणीय और रोमांचक अपडेट है भाई मजा आ गया
असलम यानी मोईन के बॅग में मिले लाॅकेट और डायरी में क्या बात लिखी हैं उस पर से परदा उठ गया
खैर देखते हैं आगे क्या होता है
अगले रोमांचकारी धमाकेदार अपडेट की प्रतिक्षा रहेगी जल्दी से दिजिएगा

Bahut hi badhiya update diya hai Raj_sharma bhai....
Nice and beautiful update....

Nice! Nice!! Very very nice update brother.

Usman Ali ki journey ko aapne bahut achhe se show kiya hai.

Lekin lekin lekin sabse majedar baat ye hai ki jitne bhi musibat ko Usman Ali ne bataya hai usme se jyada abhi Suyash aur uske sathiyon ke sath aaya hi nahi hai.

Matlab ki abhi aur bhi kuchh logo ki jaan jane ki pura possibility hai.

Your story is one of best stories of this forum brother.

Keep rocking and keep writing.

You will always get my support, I am always with you. 💕 🌹 💓

Aap mehnati aadmi ho hamse ye mehnat naa ho pata.. :yawn:
Aise bade dino baad usc ke liye ek story likha hu time mile to padna link is below
अहसास ए जिंदगी

Moin aka Aslam ka raaj to khul gaya...........

Moin ke baap pehle se hi yaha aa chuka tha aur jinda wapis bhi chala gaya......

Ye Shalaka vala locket Zenith ke gale me kyun chala gaya???

Kya uska bhi koi past he???

Keep rocking Bro
Baawri Raani
Badhiya update ha bhai

Moeen ali ne to kafi kuchh pata laga liya tha lekin ek bat ha gilford ka kya hua kya wo bach gaya tha ya fir use mar diya gaya ya fir abhi bhi wo jinda ha

Or jaisa ki vyom ke time hamne dekha tha ki pure araka dwip per camere lage hue han to kya kisi ne moeen ali ko dekha nahi bhagte hue ya fir wo wahan ek kone me rah raha tha uska bhi pata nahi chala kya ya fir use jan bujhakar hi bhagne diya

Locket bhi devi shalaka ki murti ka hi ha leki usne jenith ko kyun chuna kya uska bhi is safar me ya devi shalaka se koi sambandh ha

Update Posted friends :declare:
 

dev61901

" Never let an old flame burn you twice "
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Badhiya update bhai

To lufasa or trikali the us time rojer or liren bane hue the

Wo Ugaka hi tha jo suyesh and team ko mayawan me leke aya ha lufasa or hare kidon se bachakar taki ye tilism ko tod sake lekin irade to iske bhi nek ha nahi power to ye bhi pana chahte han chahe karan koi bhi ho

Lekin jaise ki Ugaka ne kaha ha ki tilism mayawan se 100 guna jyada khatarnak ha to bhai in logon ke mayawan me jine ke lale pade gue han to lagta ha tilism ke andar to lagta ha sirf main main log hi bache ge baki ka pataa kat

Tilism todne wala wo manushya Suyesh hi lag raha ha jaisa ab tak chal raha ha

 

Raj_sharma

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Badhiya update bhai

To lufasa or trikali the us time rojer or liren bane hue the
Lufasa nahi yugaka :declare:
Wo Ugaka hi tha jo suyesh and team ko mayawan me leke aya ha lufasa or hare kidon se bachakar taki ye tilism ko tod sake lekin irade to iske bhi nek ha nahi power to ye bhi pana chahte han chahe karan koi bhi ho
Bilkul theek wo yugaka hi tha, warna ye log bhi hare keedon ki bhent chadh gaye hote, power to ye bhi chahte hai, per achhe ke liye:shhhh:
Lekin jaise ki Ugaka ne kaha ha ki tilism mayawan se 100 guna jyada khatarnak ha to bhai in logon ke mayawan me jine ke lale pade gue han to lagta ha tilism ke andar to lagta ha sirf main main log hi bache ge baki ka pataa kat

Tilism todne wala wo manushya Suyesh hi lag raha ha jaisa ab tak chal raha ha
Bilkul aisa hi samjho, maine pahle bhi bataya tha ki wo universe ka sabse bada tilishm hai, or uska naam 'Tilishma' hai, to use todna aasaan nahi ho sakta:roll: Sayad suyash, saayad Vyom, ya inhi me se koi :chandu:

Thank you very much for your amazing review and superb support bhai :hug:
 

Raj_sharma

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parkas

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#92.

इस सन्नाटे को तोड़ा अल्बर्ट की आवाज ने- “ब्लैक थंडर’ और ‘सुप्रीम’ की कहानी में बहुत सी चीज़े कॉमन हैं। जैसे उड़नतस्तरी का दिखना, भंवर का बनना, ब्लू व्हेल का दिखना, जहाज से यात्रियो का गायब होना, द्वीप पर भयानक मुसीबतों का सामना करना, हरे कीड़े का दिखना, देवी का मंदिर मिलना आदि। जबकि ब्लैक थंडर आज से 16 साल पहले इस द्वीप पर आया था और हम 16 साल बाद यहां आये हैं। इसका मतलब यहां जो भी घटनाएं घटती हैं यह सब किसी के द्वारा क्रिएट की जाती हैं।"

“प्रोफेसर।" ब्रेंडन ने कहा-
“जो भी हो, पर इस डायरी के माध्यम से हमें हमारे कई सवालो के जवाब मिल गये। जैसे ‘सुप्रीम’ के सामने भंवर कैसे बनी? जहाज से गायब हो रहे लोगो को हरे कीड़े ही ले जा रहे थे और शायद सुप्रीम को भी पानी के नीचे से ‘प्लिसियोसारस’ ने ही तोड़ा हो।"

“सही कहा ब्रेंडन.... ।" सुयश ने ब्रेंडन की बात का समर्थन किया।

“पर कैप्टन कुछ बातें और भी हैं, जो हमारे लिये आगे खतरा बन सकती हैं।" तौफीक ने कहा-
“जैसे प्लिसियोसारस और ड्रेगन टाइप के दैत्यआकार जीव भी हमारे आसपास हैं और यह जंगल भी भयानक जंगली जानवारों से भरा पड़ा है। अब रही बात इस द्वीप पर रहने वाले जंगली लोगो की तो वो भी किसी प्रकार से हमारे दोस्त की श्रेणी में नहीं आते।"

“इसका मतलब हम जिन जंगलियो को अपनी जिंदगी समझकर ढूंढ रहे हैं, वह हमारे लिये मौत भी साबित हो सकते हैं।" जॉनी ने डर से कांपते हुए कहा।

“कैप्टन... हमें हरे कीडो को भी नहीं भूलना चाहिये। जब वह 16 साल पहले इस द्वीप पर थे तो आज तो उनकी संख्या लाखों में भी हो सकती है।" क्रिस्टी ने अपने विचार व्यक्त किये।

“मेरे हिसाब से कैप्टन... हमें अब जंगल में भागने की जगह कोई एक सुरक्षित स्थान देखकर वहां अपना डेरा जमा लेना चाहिये। कम से कम कुछ दिन और जिंदा तो रहेंगे।" जैक ने कहा।

“देखिये आप सबके विचार अपनी जगह बिल्कुल सही हैं।" सुयश ने सबको समझाते हुए कहा- “पर इस कहानी में बहुत सी सकारात्मक चीज भी हैं। जैसे जंगल के लोगो ने किसी को मारा नहीं था और इस प्रकार की चमत्कारी देवी की पूजा करने वाले बेवकूफ नहीं हो सकते। हम उन्हें समझा सकते हैं और यह भी हो सकता है कि पिछले 16 साल में वह खुद भी सभ्य बन गये हो और सबसे बड़ी बात यह है कि इस जंगल में कोई तो ऐसा भाग है, जहां पर कोई खतरा नहीं है और वहां से हम भी उस्मान की तरह से इस द्वीप से निकल सकते हैं।"

सुयश की बात सभी को सही लगी। इसिलये अब किसी ने कोई सवाल नहीं किया और सभी आगे की ओर बढ़ गये।

चैपटर-11

अद्भुद्द तकनीक:

आज से 3 दिन पहले....(6 जनवरी 2002, रविवार, 16:30, सामरा राज्य, अराका)

युगाका त्रिकाली के साथ सामरा महल की छत पर टहल रहा था।

“देखो त्रिकाली ।" युगाका ने त्रिकाली को देखते हुए कहा- “तुम जानती हो कि अराका पर सामरा और सीनोर दोनों ही रहते हैं और हमारे बीच की प्रतिस्पर्द्धा, हज़ारों साल पहले ही दुश्मनी में परिवर्त्तित हो गयी थी। अब हम रहते तो एक ही द्वीप पर हैं, पर दोनों ही जातियों के लक्ष्य बिल्कुल अलग-अलग हैं।

जहां सीनोर जाति के लोग मकोटा के जाल में फंसकर, अपनी ताकत बढ़ाने के लिये, अंधेरी शक्ति के देवता जैगन को जगाने में लगे हैं। वहीं पर सामरा जाति के लोग तिलिस्मा को तोड़कर, देवी ‘क्लिटो’ को मुक्त कराकर, काला मोती से शक्ति प्राप्त करना चाहते हैं। अब देवता पोसाईडन के श्राप के अनुसार कोई मनुष्य ही तिलिस्मा में प्रवेश कर उसे तोड़ सकता है।

तिलिस्मा को तोड़ने वाला मनुष्य मस्तिष्क से बहुत शक्तिशाली होगा। देवता पोसाईडन नहीं चाहते थे कि हर तुच्छ मानव तिलिस्मा में प्रवेश करे। इसिलये उन्होंने तिलिस्मा के पहले मायावन का निर्माण किया। तिलिस्मा का रास्ता मायावन से होकर जाता है। चूंकि तिलिस्मा मायावन से 100 गुना ज़्यादा खतरनाक है इसिलये तिलिस्मा में प्रवेश करने के पहले हर मनुष्य को मायावन की परीक्षा को पार करना आवश्यक है।

अब जो भी जहाज इस क्षेत्र में फंस कर आ जाता है, हमारी कोशिश उनके यात्रिओं को तिलिस्मा में भेजने की रहती है, जबकि सीनोर के लोग उसको मारकर उसकी लाश को अंधेरे के देवता जैगन को जगाने के लिये प्रयोग करते हैं।"

“भाई, फ़िर तो लुफासा का अब कुछ करना पड़ेगा?" त्रिकाली ने युगाका को देखते हुए कहा- “वह मकोटा के जाल में फंसकर लगातार लाशो को पिरामिड में भेज रहा है। यहां तक कि वह अपनी शक्तियों का भी खुलकर प्रदर्शन कर रहा है।
अगर वह ऐसे ही हरे कीडो के द्वारा लोगो को मारता रहा तो तिलिस्मा तक तो कोई पहुंच नहीं पायेगा और अगर तिलिस्मा नहीं टूटा तो ना तो देवी क्लिटो को कभी मुक्ति मिलेगी और ना ही हम कभी शक्तिशाली हो पायेंगे। तो भाई, फ़िर इससे पहले कि लुफासा ‘सुप्रीम’ के सारे लोगो को मारकर पिरामिड में भेजे, हमें उन सारे मनुष्यो को बचाकर मायावन तक लाना ही होगा।"

युगाका, त्रिकाली की बात सुनकर विचलित हो गया और छत पर इधर-उधर टहलने लगा।

“मैं जानता हूं त्रिकाली कि तुम क्या कहना चाहती हो, पर तुम जानती हो कि हम लुफासा जितने शक्तिशाली नहीं है और हम अभी लुफासा का सामना नहीं कर सकते। क्योंकि तुम्हारे पास केवल रूप बदलने की शक्ति है और मेरे पास रूप बदलने के अलावा केवल वृक्ष को नियंत्रण करने की शक्तियां हैं।

जबकि लुफासा के पास इच्छाधारी शक्ति है। वह इस शक्ति से किसी भी जानवर का रूप धारण कर सकता है। इसके अलावा हम देवी शलाका के द्वारा बनाए गये नियमों के हिसाब से युद्ध करते है, जबकि लुफासा किसी नियम को नहीं मानता। इसिलये हमें जब तक बाबा का आदेश नहीं मिल जाता, तब तक हम सीधे-सीधे लुफासा से युद्ध नहीं कर सकते और तुमने देखा कि कल हम रोजर और लॉरेन बन कर जहाज पर गये भी थे, पर क्या हम लोथार को वहां से ला पाये।

एक बार फ़िर लुफासा जीत गया। यहां तक कि मैं तो तौफीक की गोलियों से घायल भी हो गया था। ये तो कहो बाबा ने समय रहते मेरी जान बचा ली। नहीं तो मेरा तो अंत ही हो गया था। अब यह साफ हो गया है कि हम सुप्रीम के सारे लोगो को एक साथ मायावन नहीं ला सकते। इसिलये हमें लुफासा के अगले कदम का इंतजार करना पड़ेगा और उसके हिसाब से ही कोई प्लान करना पड़ेगा।"

लेकिन इससे पहले कि त्रिकाली कोई और जवाब दे पाती, युगाका को आसमान में कुछ काले बादल अराका द्वीप से निकलकर कहीं और जाते हुए दिखाई दिये।

“ये तो मकोटा के तिलिस्मी बादल है और इनका प्रयोग वो तभी करता है, जब उसे कुछ बड़ा करना होता है। कहीं वह सुप्रीम को डुबाकर सारे यात्रिओं को एक साथ मारने की तो नहीं सोच रहा? जरूर ऐसा ही है ... त्रिकाली... तुरंत मेरे साथ चलो।"
युगाका चीखकर बोला और तेजी से महल की छत पर बने एक कमरे की ओर भागा।

त्रिकाली भी उसके पीछे थी।

युगाका कमरे में प्रविष्ट हो गया। कमरा काफ़ी बड़ा था। कमरे में सबकुछ लकड़ी से ही बना हुआ था।
कमरे की दीवार और छत भी लकड़ी की ही थी। कमरे में बहुत से अजीब-अजीब तरह के लकड़ी के उड़ने वाले वाहन भी रखे थे।

उनमें से कुछ वाहन हेलीकाप्टर, कुछ ड्रोन की भांती के थे, फर्क केवल इतना था कि वह सब वाहन लकड़ी के बने थे और उनके ऊपर की ओर किसी पारदर्शी ऊर्जा की छत लगी थी।

युगाका और त्रिकाली एक वाहन में बैठ गये। वह वाहन छोटा, परंतु आकार में गोल एक ड्रोन की भांती था। जिसके ऊपर लकड़ी के 4 छोटे- छोटे पंखे लगे हुए थे।

वाहन के अंदर 2 आरामदायक सीट भी थी और बहुत से रंग- बिरंगे बटन भी लगे थे।

वाहन में बैठने के बाद युगाका ने कमरे के छत की ओर देखा। युगाका के देखते ही लकड़ी की छत सरक कर एक किनारे हो गयी।

युगाका ने लकड़ी के ड्रोन को एक दिशा की ओर इशारा किया और वह ड्रोन तेजी से उड़कर उस दिशा में चल दिया, जिधर वो काले बादल गये थे।

कुछ देर उड़ने के बाद उन्हें ‘सुप्रीम’ दिखना शुरु हो गया। वह काले बादल अभी सुप्रीम से कुछ दूरी पर थे।

“केमोफ्लाज।" युगाका ने ड्रोन के अंदर बैठे-बैठे ही बोला।

युगाका के यह बोलते ही ड्रोन का रंग आसमान के रंग से इस कदर मैच हो गया कि बहुत ध्यान से देखने पर ही अब ड्रोन दिख रहा था। एक तरीके से वह अदृश्य हो गया था।

तभी सुप्रीम को एक झटका लगा और वह मुड़ना शुरु हो गया।

बादल बहुत तेजी से सुप्रीम की ओर बढ़ने लगे।

अब तो घनघोर काले बादलों के बीच कड़कती हुई बिजली भी सभी को साफ दिख रही थी। बादल के गरजने का शोर भी थोड़ा-थोड़ा सुनाई देने लगा था।

काले बादलों ने अब सुप्रीम को किसी बूमरैंग की तरह घेरना शुरु कर दिया।

युगाका और त्रिकाली को अंधेरा हो जाने की वजह से अब आसमान से साफ दिखाई नहीं दे रहा था। इसिलये युगाका ने अपने लकड़ी के ड्रोन को सुप्रीम से थोड़ा दूर आकर पानी की लहरों पर उतार लिया।

ना जाने कौन सी तकनीक थी। अब ड्रोन का रंग पानी के रंग से मिलने लगा था।

पारदर्शी ऊर्जा के कारण हवा और बारिश की बूंदे ड्रोन के अंदर नहीं आ रही थी।

अब हवाएं भी बहुत तेज हो चुकी थी। समुद्र की लहर सैकडो फुट ऊपर उछल रही थी। रह-रहकर अजीब सी फ़्लैशलाइट बिखेरती बिजली बादलों में कड़क रही थी।

घने काले बादलों की वजह से चारों ओर घोर अंधकार हो गया था। अब जहाज तेजी से अराका द्वीप की ओर बढ़ने लगा।

बादल जहाज के काफ़ी पास आ गए थे। हवा में ऊंचे-ऊंचे उछलती समुद्र की लहरों से इतना भयानक शोर हो रहा था, मानो आज प्रलय निश्चित हो।

कुछ देर में सुप्रीम से नौकाओं को पानी में उतारा जाने लगा।

अराका अब शनैः-शनैः पास आता जा रहा था।

बादल अब जहाज के ऊपर तक आ गये थे। बिजली की तेज चमक व गड़गड़ाहट दूर तक सुनाई दे रही थी।
सुप्रीम लहरों का सामना नहीं कर पा रहा था। वह किसी कागज के जहाज की भांती लहरों पर डोल रहा था।

तभी युगाका की तेज निगाहों ने समुद्र की लहरों के बीच एक विशालकाय ऑक्टोपस को देखा।

“सावधान रहना त्रिकाली, लुफासा विशालकाय ऑक्टोपस का रूप लेकर आ चुका है। हमें अब पानी के नीचे जाना होगा।"

इतना कहकर युगाका ने ड्रोन में लगा नीले रंग का बटन दबा दिया। ड्रोन एक झटके से पानी के अंदर आ गया।

तभी ऑक्टोपस ने पानी के नीचे से अपनी विशालकाय भुजाओं से ‘सुप्रीम’ को पकड़ लिया।

सुप्रीम को एक तेज झटका लगा, पर वह ऑक्टोपस के हाथों से फिसल गया।

इस बार ऑक्टोपस ने अपनी सभी भुजाओं से सुप्रीम को जोर से पकड़ लिया। सुप्रीम को इस बार और तेज झटका लगा।

अब ऑक्टोपस ने अपने शरीर से एक गाढ़े काले रंग का द्रव्य सुप्रीम के प्रोपेलर के पास लगे कैमरे पर उगल दिया, जिससे सुप्रीम के क्रू सदस्यों को बाहर का दृश्य ना दिखाई दे।

हल्की-हल्की बूंदे भी गिरना शुरु हो गई थी । काले भयानक बादल पूरे जहाज के ऊपर छा गये थे।

बादल बहुत जोर से गरजकर पूरे आसमान को कंपाए दे रहे थे।

तभी आसमान से एक बिजली कड़क कर युगाका के ड्रोन के पास जा गिरी। युगाका का ड्रोन लहराया। युगाका बाल-बाल बचा था।

समुद्र की लहरों ने अब विकराल रूप ले लिया था।

तभी युगाका को पानी के अंदर उड़नतस्तरी आती हुई दिखाई दी।

उड़नतस्तरी पानी के काफ़ी नीचे चल रही थी इसिलये उसकी हलचल ऊपर महसूस नहीं हो रही थी।

इसी के साथ उडनतस्तरी से हजारों हरे कीडो ने निकलना शुरु कर दिया।

तभी युगाका को 2 गोताखोर पानी में आते दिखाई दिये, जो कि सुप्रीम के प्रोपेलर की ओर जा रहे थे।

कुछ हरे कीड़े यह देख उनकी ओर लपके और इससे पहले कि दोनों गोताखोर कुछ समझ पाते हरे कीडो ने उन दोनो को कई जगह पर काट लिया।

दोनो गोताखोरों की लाश पानी में तैरने लगी।

हरे कीडो को सब तरफ फैलते देख युगाका ने अपने ड्रोन को सुप्रीम से थोड़ा दूर कर लिया।

अब ऑक्टोपस ने सुप्रीम को पानी के अंदर खेंचना शुरु कर दिया था।

बहुत से लोग पानी पर तैरने की कोशिश कर रहे थे।

तभी युगाका को एक मोटरबोट सुप्रीम से दूर जाती हुई दिखाई दी। चूंकि हरे कीडो की वजह से युगाका सुप्रीम के पास कुछ नहीं कर पा रहा था। इसिलये वह मोटरबोट के पीछे-पीछे पानी के अंदर ही अंदर चल पड़ा।

अब जहाज टूटकर बड़ी तेजी से पानी में समाने लगा। मौत का ऐसा भयानक तांडव शायद ही किसी ने देखा हो।

बादल भी उनकी मौत पर जोर-जोर से चीख रहे थे।

कुछ ही क्षण में भयानक आवाज करता हुआ ‘सुप्रीम’ पानी के अंदर समा गया।

तभी एक भयानक धमाका समुद्र के अंदर हुआ। आग जहाज के ईंधन टैंक तक पहुंच गयी थी।

इस भयानक धमाके की वजह से ऑक्टोपस का शरीर चिथड़े-चिथड़े होकर पानी में बिखर गया।

लुफासा का एक रूप और मारा गया था।

“बहुत अच्छा!" युगाका यह देखकर खुशी से झूम उठा- “एक रूप और ख़तम हुआ लुफासा का।"

हरे कीड़े इस समय पानी के अंदर डूबे जहाज से लाशो खींचकर उड़नतस्तरी के अंदर ले जा रहे थे।

थोड़ी देर में मोटर बोट के लोग वापस वहां जाने लगे, जहां सुप्रीम डूबा था। शायद उन्हें किसी जिंदा व्यक्ती की तलाश थी।

युगाका थोड़ा सा दूरी बनाकर मोटरबोट पर नजर रख रहा था।

तभी मोटरबोट के लोगो ने बोट पर किसी को चढ़ाया, जो कि दूरी अधिक होने की कारण युगाका व त्रिकाली को दिखाई नहीं दिया।

हरे कीडो ने तब तक पानी के अंदर की सभी लाशो को उड़नतस्तरी के अंदर पहुंचा दिया था और अब वो सब लहरों पर तैर रही लाशो की ओर झपटे।

युगाका ने अपना ड्रोन उस मोटरबोट और हरे कीडो के बीच कर लिया।
यह देख हरे कीडो ने गुस्से में युगाका के ड्रोन पर हमला कर दिया।

“बेड़ा गर्क।" युगाका ने गुस्से से झल्लाकर कहा- “ये तो अब हमारे पीछे पड़ गये।"

युगाका के ड्रोन से इतने कीड़े चिपक गये, कि विंड-स्क्रीन से बाहर कुछ नजर ही नहीं आ रहा था। युगाका के पास कोई ऐसा हथियार नहीं था, जिससे कि वह उन कीडो को मार सकता।

हरे कीडो ने अब ड्रोन को पानी में खींचना शुरु कर दिया।

“इससे पहले कि लुफासा फ़िर से रूप बदलकर आये या फ़िर ये हरे कीड़े हमें खींचकर उड़नतस्तरी तक ले जाएं, हमें अपने बचाव का कोई उपाय तो देखना ही पड़ेगा।" युगाका के चेहरे पर थोड़ी सी घबराहट नजर आने लगी।

यह देख त्रिकाली का हाथ गुस्से से हवा में लहराया।

इसी के साथ समुद्र का पानी आश्चर्यजनक रूप से नुकीले भालों में बदल गया और सारे हरे कीडो के शरीर में जाकर धंस गया। अब उनके ड्रोन पर एक भी हरा कीड़ा नहीं बचा था।

यह देख आसपास के सारे हरे कीड़े वहां से भाग खड़े हुए। युगाका और त्रिकाली भी इस घटना से हैरान हो गये।

“ये....ये....कैसे किया तुमने?" युगाका ने आश्चर्य से कहा।

“म....मुझे भी नहीं पता, मैंने तो बस गुस्से में ऐसे ही हाथ हिलाया था, पर यह पानी बर्फ़ कैसे बना, यह मुझे नहीं पता?" त्रिकाली ने उलझे-उलझे स्वर में कहा।

“लगता है कोई ना कोई शक्ति तुम्हारे अंदर भी है, पर इसका तुम्हें स्वयं ज्ञान नहीं है। बाबा से इसके बारे में पूछना पड़ेगा।" युगाका ने त्रिकाली की ओर देखते हुए कहा।

उधर मौके का फायदा उठाकर, वह मोटरबोट अराका तक पहुंच गयी थी।

तब तक हरे कीडो ने लहरों पर तैर रही बाकी बची लाशो को भी पानी में खींच लिया था।

अब वहां रूके रहने का कोई फायदा नहीं था। इसिलये युगाका और त्रिकाली भी वहां से अराका की ओर चल दिये।



जारी रहेगा_______✍️
Bahut hi shaandar update diya hai Raj_sharma bhai....
Nice and lovely update....
 

Chutiyadr

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#92.

इस सन्नाटे को तोड़ा अल्बर्ट की आवाज ने- “ब्लैक थंडर’ और ‘सुप्रीम’ की कहानी में बहुत सी चीज़े कॉमन हैं। जैसे उड़नतस्तरी का दिखना, भंवर का बनना, ब्लू व्हेल का दिखना, जहाज से यात्रियो का गायब होना, द्वीप पर भयानक मुसीबतों का सामना करना, हरे कीड़े का दिखना, देवी का मंदिर मिलना आदि। जबकि ब्लैक थंडर आज से 16 साल पहले इस द्वीप पर आया था और हम 16 साल बाद यहां आये हैं। इसका मतलब यहां जो भी घटनाएं घटती हैं यह सब किसी के द्वारा क्रिएट की जाती हैं।"

“प्रोफेसर।" ब्रेंडन ने कहा-
“जो भी हो, पर इस डायरी के माध्यम से हमें हमारे कई सवालो के जवाब मिल गये। जैसे ‘सुप्रीम’ के सामने भंवर कैसे बनी? जहाज से गायब हो रहे लोगो को हरे कीड़े ही ले जा रहे थे और शायद सुप्रीम को भी पानी के नीचे से ‘प्लिसियोसारस’ ने ही तोड़ा हो।"

“सही कहा ब्रेंडन.... ।" सुयश ने ब्रेंडन की बात का समर्थन किया।

“पर कैप्टन कुछ बातें और भी हैं, जो हमारे लिये आगे खतरा बन सकती हैं।" तौफीक ने कहा-
“जैसे प्लिसियोसारस और ड्रेगन टाइप के दैत्यआकार जीव भी हमारे आसपास हैं और यह जंगल भी भयानक जंगली जानवारों से भरा पड़ा है। अब रही बात इस द्वीप पर रहने वाले जंगली लोगो की तो वो भी किसी प्रकार से हमारे दोस्त की श्रेणी में नहीं आते।"

“इसका मतलब हम जिन जंगलियो को अपनी जिंदगी समझकर ढूंढ रहे हैं, वह हमारे लिये मौत भी साबित हो सकते हैं।" जॉनी ने डर से कांपते हुए कहा।

“कैप्टन... हमें हरे कीडो को भी नहीं भूलना चाहिये। जब वह 16 साल पहले इस द्वीप पर थे तो आज तो उनकी संख्या लाखों में भी हो सकती है।" क्रिस्टी ने अपने विचार व्यक्त किये।

“मेरे हिसाब से कैप्टन... हमें अब जंगल में भागने की जगह कोई एक सुरक्षित स्थान देखकर वहां अपना डेरा जमा लेना चाहिये। कम से कम कुछ दिन और जिंदा तो रहेंगे।" जैक ने कहा।

“देखिये आप सबके विचार अपनी जगह बिल्कुल सही हैं।" सुयश ने सबको समझाते हुए कहा- “पर इस कहानी में बहुत सी सकारात्मक चीज भी हैं। जैसे जंगल के लोगो ने किसी को मारा नहीं था और इस प्रकार की चमत्कारी देवी की पूजा करने वाले बेवकूफ नहीं हो सकते। हम उन्हें समझा सकते हैं और यह भी हो सकता है कि पिछले 16 साल में वह खुद भी सभ्य बन गये हो और सबसे बड़ी बात यह है कि इस जंगल में कोई तो ऐसा भाग है, जहां पर कोई खतरा नहीं है और वहां से हम भी उस्मान की तरह से इस द्वीप से निकल सकते हैं।"

सुयश की बात सभी को सही लगी। इसिलये अब किसी ने कोई सवाल नहीं किया और सभी आगे की ओर बढ़ गये।

चैपटर-11

अद्भुद्द तकनीक:

आज से 3 दिन पहले....(6 जनवरी 2002, रविवार, 16:30, सामरा राज्य, अराका)

युगाका त्रिकाली के साथ सामरा महल की छत पर टहल रहा था।

“देखो त्रिकाली ।" युगाका ने त्रिकाली को देखते हुए कहा- “तुम जानती हो कि अराका पर सामरा और सीनोर दोनों ही रहते हैं और हमारे बीच की प्रतिस्पर्द्धा, हज़ारों साल पहले ही दुश्मनी में परिवर्त्तित हो गयी थी। अब हम रहते तो एक ही द्वीप पर हैं, पर दोनों ही जातियों के लक्ष्य बिल्कुल अलग-अलग हैं।

जहां सीनोर जाति के लोग मकोटा के जाल में फंसकर, अपनी ताकत बढ़ाने के लिये, अंधेरी शक्ति के देवता जैगन को जगाने में लगे हैं। वहीं पर सामरा जाति के लोग तिलिस्मा को तोड़कर, देवी ‘क्लिटो’ को मुक्त कराकर, काला मोती से शक्ति प्राप्त करना चाहते हैं। अब देवता पोसाईडन के श्राप के अनुसार कोई मनुष्य ही तिलिस्मा में प्रवेश कर उसे तोड़ सकता है।

तिलिस्मा को तोड़ने वाला मनुष्य मस्तिष्क से बहुत शक्तिशाली होगा। देवता पोसाईडन नहीं चाहते थे कि हर तुच्छ मानव तिलिस्मा में प्रवेश करे। इसिलये उन्होंने तिलिस्मा के पहले मायावन का निर्माण किया। तिलिस्मा का रास्ता मायावन से होकर जाता है। चूंकि तिलिस्मा मायावन से 100 गुना ज़्यादा खतरनाक है इसिलये तिलिस्मा में प्रवेश करने के पहले हर मनुष्य को मायावन की परीक्षा को पार करना आवश्यक है।

अब जो भी जहाज इस क्षेत्र में फंस कर आ जाता है, हमारी कोशिश उनके यात्रिओं को तिलिस्मा में भेजने की रहती है, जबकि सीनोर के लोग उसको मारकर उसकी लाश को अंधेरे के देवता जैगन को जगाने के लिये प्रयोग करते हैं।"

“भाई, फ़िर तो लुफासा का अब कुछ करना पड़ेगा?" त्रिकाली ने युगाका को देखते हुए कहा- “वह मकोटा के जाल में फंसकर लगातार लाशो को पिरामिड में भेज रहा है। यहां तक कि वह अपनी शक्तियों का भी खुलकर प्रदर्शन कर रहा है।
अगर वह ऐसे ही हरे कीडो के द्वारा लोगो को मारता रहा तो तिलिस्मा तक तो कोई पहुंच नहीं पायेगा और अगर तिलिस्मा नहीं टूटा तो ना तो देवी क्लिटो को कभी मुक्ति मिलेगी और ना ही हम कभी शक्तिशाली हो पायेंगे। तो भाई, फ़िर इससे पहले कि लुफासा ‘सुप्रीम’ के सारे लोगो को मारकर पिरामिड में भेजे, हमें उन सारे मनुष्यो को बचाकर मायावन तक लाना ही होगा।"

युगाका, त्रिकाली की बात सुनकर विचलित हो गया और छत पर इधर-उधर टहलने लगा।

“मैं जानता हूं त्रिकाली कि तुम क्या कहना चाहती हो, पर तुम जानती हो कि हम लुफासा जितने शक्तिशाली नहीं है और हम अभी लुफासा का सामना नहीं कर सकते। क्योंकि तुम्हारे पास केवल रूप बदलने की शक्ति है और मेरे पास रूप बदलने के अलावा केवल वृक्ष को नियंत्रण करने की शक्तियां हैं।

जबकि लुफासा के पास इच्छाधारी शक्ति है। वह इस शक्ति से किसी भी जानवर का रूप धारण कर सकता है। इसके अलावा हम देवी शलाका के द्वारा बनाए गये नियमों के हिसाब से युद्ध करते है, जबकि लुफासा किसी नियम को नहीं मानता। इसिलये हमें जब तक बाबा का आदेश नहीं मिल जाता, तब तक हम सीधे-सीधे लुफासा से युद्ध नहीं कर सकते और तुमने देखा कि कल हम रोजर और लॉरेन बन कर जहाज पर गये भी थे, पर क्या हम लोथार को वहां से ला पाये।

एक बार फ़िर लुफासा जीत गया। यहां तक कि मैं तो तौफीक की गोलियों से घायल भी हो गया था। ये तो कहो बाबा ने समय रहते मेरी जान बचा ली। नहीं तो मेरा तो अंत ही हो गया था। अब यह साफ हो गया है कि हम सुप्रीम के सारे लोगो को एक साथ मायावन नहीं ला सकते। इसिलये हमें लुफासा के अगले कदम का इंतजार करना पड़ेगा और उसके हिसाब से ही कोई प्लान करना पड़ेगा।"

लेकिन इससे पहले कि त्रिकाली कोई और जवाब दे पाती, युगाका को आसमान में कुछ काले बादल अराका द्वीप से निकलकर कहीं और जाते हुए दिखाई दिये।

“ये तो मकोटा के तिलिस्मी बादल है और इनका प्रयोग वो तभी करता है, जब उसे कुछ बड़ा करना होता है। कहीं वह सुप्रीम को डुबाकर सारे यात्रिओं को एक साथ मारने की तो नहीं सोच रहा? जरूर ऐसा ही है ... त्रिकाली... तुरंत मेरे साथ चलो।"
युगाका चीखकर बोला और तेजी से महल की छत पर बने एक कमरे की ओर भागा।

त्रिकाली भी उसके पीछे थी।

युगाका कमरे में प्रविष्ट हो गया। कमरा काफ़ी बड़ा था। कमरे में सबकुछ लकड़ी से ही बना हुआ था।
कमरे की दीवार और छत भी लकड़ी की ही थी। कमरे में बहुत से अजीब-अजीब तरह के लकड़ी के उड़ने वाले वाहन भी रखे थे।

उनमें से कुछ वाहन हेलीकाप्टर, कुछ ड्रोन की भांती के थे, फर्क केवल इतना था कि वह सब वाहन लकड़ी के बने थे और उनके ऊपर की ओर किसी पारदर्शी ऊर्जा की छत लगी थी।

युगाका और त्रिकाली एक वाहन में बैठ गये। वह वाहन छोटा, परंतु आकार में गोल एक ड्रोन की भांती था। जिसके ऊपर लकड़ी के 4 छोटे- छोटे पंखे लगे हुए थे।

वाहन के अंदर 2 आरामदायक सीट भी थी और बहुत से रंग- बिरंगे बटन भी लगे थे।

वाहन में बैठने के बाद युगाका ने कमरे के छत की ओर देखा। युगाका के देखते ही लकड़ी की छत सरक कर एक किनारे हो गयी।

युगाका ने लकड़ी के ड्रोन को एक दिशा की ओर इशारा किया और वह ड्रोन तेजी से उड़कर उस दिशा में चल दिया, जिधर वो काले बादल गये थे।

कुछ देर उड़ने के बाद उन्हें ‘सुप्रीम’ दिखना शुरु हो गया। वह काले बादल अभी सुप्रीम से कुछ दूरी पर थे।

“केमोफ्लाज।" युगाका ने ड्रोन के अंदर बैठे-बैठे ही बोला।

युगाका के यह बोलते ही ड्रोन का रंग आसमान के रंग से इस कदर मैच हो गया कि बहुत ध्यान से देखने पर ही अब ड्रोन दिख रहा था। एक तरीके से वह अदृश्य हो गया था।

तभी सुप्रीम को एक झटका लगा और वह मुड़ना शुरु हो गया।

बादल बहुत तेजी से सुप्रीम की ओर बढ़ने लगे।

अब तो घनघोर काले बादलों के बीच कड़कती हुई बिजली भी सभी को साफ दिख रही थी। बादल के गरजने का शोर भी थोड़ा-थोड़ा सुनाई देने लगा था।

काले बादलों ने अब सुप्रीम को किसी बूमरैंग की तरह घेरना शुरु कर दिया।

युगाका और त्रिकाली को अंधेरा हो जाने की वजह से अब आसमान से साफ दिखाई नहीं दे रहा था। इसिलये युगाका ने अपने लकड़ी के ड्रोन को सुप्रीम से थोड़ा दूर आकर पानी की लहरों पर उतार लिया।

ना जाने कौन सी तकनीक थी। अब ड्रोन का रंग पानी के रंग से मिलने लगा था।

पारदर्शी ऊर्जा के कारण हवा और बारिश की बूंदे ड्रोन के अंदर नहीं आ रही थी।

अब हवाएं भी बहुत तेज हो चुकी थी। समुद्र की लहर सैकडो फुट ऊपर उछल रही थी। रह-रहकर अजीब सी फ़्लैशलाइट बिखेरती बिजली बादलों में कड़क रही थी।

घने काले बादलों की वजह से चारों ओर घोर अंधकार हो गया था। अब जहाज तेजी से अराका द्वीप की ओर बढ़ने लगा।

बादल जहाज के काफ़ी पास आ गए थे। हवा में ऊंचे-ऊंचे उछलती समुद्र की लहरों से इतना भयानक शोर हो रहा था, मानो आज प्रलय निश्चित हो।

कुछ देर में सुप्रीम से नौकाओं को पानी में उतारा जाने लगा।

अराका अब शनैः-शनैः पास आता जा रहा था।

बादल अब जहाज के ऊपर तक आ गये थे। बिजली की तेज चमक व गड़गड़ाहट दूर तक सुनाई दे रही थी।
सुप्रीम लहरों का सामना नहीं कर पा रहा था। वह किसी कागज के जहाज की भांती लहरों पर डोल रहा था।

तभी युगाका की तेज निगाहों ने समुद्र की लहरों के बीच एक विशालकाय ऑक्टोपस को देखा।

“सावधान रहना त्रिकाली, लुफासा विशालकाय ऑक्टोपस का रूप लेकर आ चुका है। हमें अब पानी के नीचे जाना होगा।"

इतना कहकर युगाका ने ड्रोन में लगा नीले रंग का बटन दबा दिया। ड्रोन एक झटके से पानी के अंदर आ गया।

तभी ऑक्टोपस ने पानी के नीचे से अपनी विशालकाय भुजाओं से ‘सुप्रीम’ को पकड़ लिया।

सुप्रीम को एक तेज झटका लगा, पर वह ऑक्टोपस के हाथों से फिसल गया।

इस बार ऑक्टोपस ने अपनी सभी भुजाओं से सुप्रीम को जोर से पकड़ लिया। सुप्रीम को इस बार और तेज झटका लगा।

अब ऑक्टोपस ने अपने शरीर से एक गाढ़े काले रंग का द्रव्य सुप्रीम के प्रोपेलर के पास लगे कैमरे पर उगल दिया, जिससे सुप्रीम के क्रू सदस्यों को बाहर का दृश्य ना दिखाई दे।

हल्की-हल्की बूंदे भी गिरना शुरु हो गई थी । काले भयानक बादल पूरे जहाज के ऊपर छा गये थे।

बादल बहुत जोर से गरजकर पूरे आसमान को कंपाए दे रहे थे।

तभी आसमान से एक बिजली कड़क कर युगाका के ड्रोन के पास जा गिरी। युगाका का ड्रोन लहराया। युगाका बाल-बाल बचा था।

समुद्र की लहरों ने अब विकराल रूप ले लिया था।

तभी युगाका को पानी के अंदर उड़नतस्तरी आती हुई दिखाई दी।

उड़नतस्तरी पानी के काफ़ी नीचे चल रही थी इसिलये उसकी हलचल ऊपर महसूस नहीं हो रही थी।

इसी के साथ उडनतस्तरी से हजारों हरे कीडो ने निकलना शुरु कर दिया।

तभी युगाका को 2 गोताखोर पानी में आते दिखाई दिये, जो कि सुप्रीम के प्रोपेलर की ओर जा रहे थे।

कुछ हरे कीड़े यह देख उनकी ओर लपके और इससे पहले कि दोनों गोताखोर कुछ समझ पाते हरे कीडो ने उन दोनो को कई जगह पर काट लिया।

दोनो गोताखोरों की लाश पानी में तैरने लगी।

हरे कीडो को सब तरफ फैलते देख युगाका ने अपने ड्रोन को सुप्रीम से थोड़ा दूर कर लिया।

अब ऑक्टोपस ने सुप्रीम को पानी के अंदर खेंचना शुरु कर दिया था।

बहुत से लोग पानी पर तैरने की कोशिश कर रहे थे।

तभी युगाका को एक मोटरबोट सुप्रीम से दूर जाती हुई दिखाई दी। चूंकि हरे कीडो की वजह से युगाका सुप्रीम के पास कुछ नहीं कर पा रहा था। इसिलये वह मोटरबोट के पीछे-पीछे पानी के अंदर ही अंदर चल पड़ा।

अब जहाज टूटकर बड़ी तेजी से पानी में समाने लगा। मौत का ऐसा भयानक तांडव शायद ही किसी ने देखा हो।

बादल भी उनकी मौत पर जोर-जोर से चीख रहे थे।

कुछ ही क्षण में भयानक आवाज करता हुआ ‘सुप्रीम’ पानी के अंदर समा गया।

तभी एक भयानक धमाका समुद्र के अंदर हुआ। आग जहाज के ईंधन टैंक तक पहुंच गयी थी।

इस भयानक धमाके की वजह से ऑक्टोपस का शरीर चिथड़े-चिथड़े होकर पानी में बिखर गया।

लुफासा का एक रूप और मारा गया था।

“बहुत अच्छा!" युगाका यह देखकर खुशी से झूम उठा- “एक रूप और ख़तम हुआ लुफासा का।"

हरे कीड़े इस समय पानी के अंदर डूबे जहाज से लाशो खींचकर उड़नतस्तरी के अंदर ले जा रहे थे।

थोड़ी देर में मोटर बोट के लोग वापस वहां जाने लगे, जहां सुप्रीम डूबा था। शायद उन्हें किसी जिंदा व्यक्ती की तलाश थी।

युगाका थोड़ा सा दूरी बनाकर मोटरबोट पर नजर रख रहा था।

तभी मोटरबोट के लोगो ने बोट पर किसी को चढ़ाया, जो कि दूरी अधिक होने की कारण युगाका व त्रिकाली को दिखाई नहीं दिया।

हरे कीडो ने तब तक पानी के अंदर की सभी लाशो को उड़नतस्तरी के अंदर पहुंचा दिया था और अब वो सब लहरों पर तैर रही लाशो की ओर झपटे।

युगाका ने अपना ड्रोन उस मोटरबोट और हरे कीडो के बीच कर लिया।
यह देख हरे कीडो ने गुस्से में युगाका के ड्रोन पर हमला कर दिया।

“बेड़ा गर्क।" युगाका ने गुस्से से झल्लाकर कहा- “ये तो अब हमारे पीछे पड़ गये।"

युगाका के ड्रोन से इतने कीड़े चिपक गये, कि विंड-स्क्रीन से बाहर कुछ नजर ही नहीं आ रहा था। युगाका के पास कोई ऐसा हथियार नहीं था, जिससे कि वह उन कीडो को मार सकता।

हरे कीडो ने अब ड्रोन को पानी में खींचना शुरु कर दिया।

“इससे पहले कि लुफासा फ़िर से रूप बदलकर आये या फ़िर ये हरे कीड़े हमें खींचकर उड़नतस्तरी तक ले जाएं, हमें अपने बचाव का कोई उपाय तो देखना ही पड़ेगा।" युगाका के चेहरे पर थोड़ी सी घबराहट नजर आने लगी।

यह देख त्रिकाली का हाथ गुस्से से हवा में लहराया।

इसी के साथ समुद्र का पानी आश्चर्यजनक रूप से नुकीले भालों में बदल गया और सारे हरे कीडो के शरीर में जाकर धंस गया। अब उनके ड्रोन पर एक भी हरा कीड़ा नहीं बचा था।

यह देख आसपास के सारे हरे कीड़े वहां से भाग खड़े हुए। युगाका और त्रिकाली भी इस घटना से हैरान हो गये।

“ये....ये....कैसे किया तुमने?" युगाका ने आश्चर्य से कहा।

“म....मुझे भी नहीं पता, मैंने तो बस गुस्से में ऐसे ही हाथ हिलाया था, पर यह पानी बर्फ़ कैसे बना, यह मुझे नहीं पता?" त्रिकाली ने उलझे-उलझे स्वर में कहा।

“लगता है कोई ना कोई शक्ति तुम्हारे अंदर भी है, पर इसका तुम्हें स्वयं ज्ञान नहीं है। बाबा से इसके बारे में पूछना पड़ेगा।" युगाका ने त्रिकाली की ओर देखते हुए कहा।

उधर मौके का फायदा उठाकर, वह मोटरबोट अराका तक पहुंच गयी थी।

तब तक हरे कीडो ने लहरों पर तैर रही बाकी बची लाशो को भी पानी में खींच लिया था।

अब वहां रूके रहने का कोई फायदा नहीं था। इसिलये युगाका और त्रिकाली भी वहां से अराका की ओर चल दिये।



जारी रहेगा_______✍️
Aapko padhkar mujhe kabhi kabhi nainu bhai nain11ster ki yaad aa jati hai,bahut badiya
 

Raj_sharma

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