• If you are trying to reset your account password then don't forget to check spam folder in your mailbox. Also Mark it as "not spam" or you won't be able to click on the link.

Adultery मेरी दीदी कि कामवासना

xforum

Welcome to xforum

Click anywhere to continue browsing...

xforum

Welcome to xforum

Click anywhere to continue browsing...

vk5502

New Member
29
116
29
सभी पाठको को मेरा नमस्कार मैं विनेश शर्मा जयपुर राजस्थान। यह मेरी पहली कहानी है और यह कहानी बिल्कुल सच्चाई पर आधारित है अगर कहानी लेखन में मेरे से कोई गलती हो जाए तो क्षमा करें और मुझे सभी सदस्य गाइड करते रहे तो चलिए दोस्तों कहानी शुरू करते हैं।

मेरा नाम विनेश शर्मा है ओर मे जयपुर का रहने वाला हुँ। मेरे परिवार में पापा राकेश शर्मा उम्र 50 साल हाईट 5.11 इन्च,मम्मी सुषमा शर्मा रंग गोरा उम्र 47 साल हाईट 5.1 इन्च उसके बाद मेरी सुमन दीदी जो कहानी की नायिका है अभी उनकी उम्र 25 साल है शादी को 3 साल हो चुके हे। बाकी उनका शारीरिक विवरण बाद में बताऊंगा और मैं मेरी उम्र अभी 19 साल है मैं भी मम्मी पापा की तरह ही गोरा हु शरीर से दुबला पतला और मेरी हाइट 5.3 इन्च हे। क्योंकि मैं मम्मी पर गया हूं इसलिए मेरी हाइट पापा और मेरी दीदी से कम है।

दोस्तों कहानी शुरू करते हैं आज से 3 साल पहले 2022 में मैं दनवी कक्षा में पढ़ता था और 16 साल का था। सुमन दीदी उसे समय 22 साल की थी और अपनी ग्रेजुएशन पूरी कर चुकी थी दीदी की उम्र में और मेरी उम्र में इतना गेप इसलिए है मेरे से बड़ा और दीदी से छोटा मेरा एक भाई पैदा होते ही मर गया था मेरा जन्म होने के बाद मैं हमेशा से ही मम्मी पापा दीदी का लाडला था।
हम ब्राह्मण परिवार में होने की वजह से हम सभी सदस्य संस्कारी हे। पूजा पाठ में भगवान ने विश्वास रखते हे।

2022 में क्लास के कुछ बिगड़े हुए लड़कों के साथ रहने लग गया और मोबाइल फोन में सेक्सी सामग्री देखने लग गया हॉट सेक्सी वीडियो देखने से अब मेरी नजर में वासना उत्पन्न होने लग गई थी उन वासना नजरों से मैं अपनी जवान बहन के ऊपर भी देखने लग गया

उसे समय मेरी संस्कारी दीदी 22 साल की जवान लड़की हो चुकी थी हाईट 5.8 इन्च, उनका रंग बिल्कुल दूध के जैसा गोरा, लंबे काले बाल चेहरा बिल्कुल मासूम उनका फिगर बिल्कुल एक जवान लड़की जैसा हो गया था उनके चूचियां 32 साइज की चिकन पेट कमर पतली 26 और उनके गाँड 34 हो चुकी थी दीदी घर में हमेशा सलवार सूट ही पहनती थी और साधारण तरीके से ही रहती थी। कॉलेज पूरा होने के बाद सुबह जल्दी उठकर स्नान करना पूजा करना और घर के कामों में मम्मी का हाथ बठाना वह कभी भी अपनी सहेलियों के साथ बाहर घूमने नहीं जाती थी शॉपिंग पर उसे करनी होती थी तो मम्मी के साथ ही हो जाती थी उसकी पूरी कॉलेज की पढ़ाई भी गर्ल्स कॉलेज से हुई थी। दीदी की सहेलियां दी उनके जैसे ही ब्राह्मण परिवारों से थी और सभी संस्कारी और मासूम थी इसलिए वह कभी भी गलत कामों में नहीं पड़ी।

ग्रेजुएशन पूरी होते ही पापा ने दीदी के लिए लड़के देखने शुरू कर दिए और फिर उनके लिए जयपुर में ही एक लड़के का रिश्ता आया लड़का दिल्ली में एक MNC कंपनी में जॉब करता था और उनका परिवार भी एक अच्छा ब्राह्मण था पापा ने सोचा अच्छे लोग हैं जयपुर के रहने वाले हैं तो उन्होंने रिश्ता पक्का करने के लिए लड़के को हमारे घर आने के लिए बोल दिया।
दो-तीन दिन बाद लड़का और उनकी फैमिली हमारे घर आए वह भी बहुत ही संस्कारी सज्जन परिवार के व्यक्ति लग रहे थे जब मैं होने वाले जीजा जी को दिखा उनका नाम संजय था उमर उनकी उस समय 25 साल थी और शरीर से भी मीडियम ठीक-ठाक थे हाइट उनकी 5 फुट 7 इंच जो दीदी से 1 इंच कम थी लेकिन उनका स्वभाव बहुत ही सरल और सौम्या था दिखने में भी अच्छे गोरे और हैंडसम थे सभी घर वालों ने और सोच लड़का अच्छा है नौकरी करता है अच्छा परिवार है तो सभी में रिश्ते को पक्का कर लिया और ठीक 1 महीने बाद शादी का मुहूर्त भी निकलवा लिया। और दीदी की धूमधाम से शादी कर दी
 
xforum

Welcome to xforum

Click anywhere to continue browsing...

vk5502

New Member
29
116
29
अपडेट 2nd

दीदी की शादी बड़ी धूमधाम से हो गई और अपने ससुराल चली गई शादी के शुरुआत के 1 साल में दे दी जयपुर में अपने ससुराल वालों के साथ रहे और हमारे घर भी आती रही जब तक सब ठीक चल रहा था लेकिन मुझे एक बात समझ में नहीं आई की दीदी के शरीर में शादी से भी कोई परिवर्तन नहीं हुआ जबकि मैंने ऐसा सुना था की लड़की की शादी होते ही लड़की का गदराने लग जाता है शरीर में एक अजीब चमक उत्पन्न होती है लेकिन दीदी के साथ ऐसा कुछ भी नहीं हुआ वह जेसी से शादी के पहले थी वैसे ही शादी के 1 साल तक रही उनके शरीर और उन्हें कुछ भी परिवर्तन नहीं हुआ हां थोड़ा बहुत परिवर्तन हुआ कि वह अब सलवार सूट कि जगह साड़ी और ब्लाउज पहने लग गई सिंदूर लगाने लग गई माथे पर बिंदी और थोड़ी बहुत सजसवरके के जरूर रहने लगे शादीशुदा लड़की के जैसे रोने लग गई जिससे वह थोड़ी बहुत सुंदर और नजर आने लग गई क्योंकि उनका शरीर रंग रूप बहुत अच्छा था मैं भी अपनी पढ़ाई में ध्यान देने लग गया और बुरे लोगों के संगत को छोड़ दिया.।

असली कहानी जब शुरू हुई जब वह जीजा जी के साथ जयपुर छोड़कर दिल्ली रहने चली गई मैं भी अपनी नेट की तैयारी के लिए जयपुर की जगह कोटा रहने लग गया और 1 साल तक में दीदी से मिली नहीं पाया गर्मियों की छुट्टियों में जब में दसवीं की परीक्षा देखकर घर आया तो मम्मी पापा ने दीदी को फोन किया और बोला कि तुम्हारा भाई की परीक्षाएं खत्म हो चुकी है और वह छुट्टी में घर आया हुआ है तो तू भी कुछ दिनों के लिए हमसे मिलने जयपुर आ जाओ और अपने भाई से भी मिल लेना हमें भी तुम्हारी बहुत याद आ रही है हमसे मिल लेना तो दीदी ने बोला मैं देखती हूं और मुझे भी खुशी थी कि दीदी से मिलेगी उन्हें देखी हुई है 1 साल के ऊपर हो चुका है तो मैं भी दीदी से मिलने के लिए बहुत ही ऊतस्क था
तीन-चार दिन बाद दीदी का फोन आया कि मैं कल जयपुर आ रही हूं और दो-तीन दिन आपके पास ही रहूंगी उसके बाद मुझे वापस आना पड़ेगा क्योंकि उनके खाने पीने में दिक्कत होती है इसलिए।तो पापा बोले ठीक है दो-तीन दिन बाद वापस से चली जाना।
 
xforum

Welcome to xforum

Click anywhere to continue browsing...

xforum

Welcome to xforum

Click anywhere to continue browsing...

vk5502

New Member
29
116
29
दो दिन बाद शाम 4:00 बजे पापा को फोन आता है दीदी का कि मैं और संजय स्टेशन पहुंच गए हैं और 30 मिनट में घर पहुंचने वाले है। जैसे ही मुझे पता चला की दीदी और जीजु 30 मिनट में घर पहुंचने वाले हैं मैं उनसे मिलने के लिए बहुत ही ज्यादा उतावला हो रहा था क्योंकि दीदी से मिले हुये, उन्हें देखे हुए लगभग 1 साल से ऊपर हो चुका था मुझे भी दीदी की बहुत याद आ रही थी जैसे ही 30 मिनट बाद एक ओला कैब हमारे घर के बाहर रुकी
गाडी की आवाज सुनते ही मैं घर और मम्मी पापा घर के बाहर आए।

जैसे ही दीदी गाड़ी से उतरकर घर के दरवाजे की तरफ आई जैसे ही मेरी नजर दीदी पर पड़ी। मैं तो दीदी को देखा ही रह गया मुझे तो पहचान मे भी नही आयी की येही मेरी दीदी है।
मे तो देखते ही दंग रह गया क्या यह मेरी वही दीदी है जिसको मैंने एक साल पहले देखा था यह तो बिल्कुल ही बदल गई है मैं तो एकदम से खड़ा-खड़ा दीदी को देखा ही रहा

दोस्तों सचमुच दीदी को देखकर एकदम पागल हो गया दीदी तो एकदम एक बहुत ही सुडोल, लंबी गोरी चिट्टी चिकनी औरत के रूप में बदल चुकी थी ऐसा बदलाव आया दीदी के शरीर में किसी को पहचानना भी मुश्किल हो रहा था क्या यह वही सुमन है जो 1 साल पहले थी दीदी का चेहरा एक अलग ही तेज में चमक रहा था उनके होट थोड़े-थोड़े मोटे हो चुके थे चेहरे पर एक ऐसी अलग ही मुस्कान थी जिसे देखकर अच्छे-अच्छे पागल हो जाए उन्होंने उस दिन ब्लैक कलर की साड़ी और मैचिंग ब्लाउज पहन रखा अपने गोरे चिट्टे बदन पर ब्लैक साड़ी में दीदी तो कयामत लग रही थी। दीदी के ब्लाउज का गला गहरा ओर ब्लाउज थोड़ा सा टाइट होने से उनकी चुचिया में गहरी घाटी बनी हुई थी दीदी की चूचियां जो 1 साल पहले मैंने देखी थी वह बिल्कुल नॉर्मल थी मीडियम लेकिन अभी मेरे अनुमान से 36 साइज की मोटी गोलाकार बहुत ही सुडौल हो चुकी थी उनका ब्लाउज उनको बहुत ही मुश्किल से संभाल पा रहा था के बाद उनका चिकन पेट जो पहले सपाट था उस पर अब हल्की- चर्बी थी उनकी नाभि पहले से बहुत ही ज्यादा गहरी हो चुकी थी उन्हें साड़ी को नाभि से 4 इंच नीचे अपनी कमर पर बंधा हुआ था वह सीधी मेरी और चल कर आ रही थी उनकी चाल में एक अलग ही कामुक सी लचक थी दीदी मेरे पास आई और मुझे अपनी बाहों में भर लिया और अपने सीने से चिपका लिया मैं सीधा जाकर दीदी के सीने से लगा तो मेरा मुह उनकी रसभरी चुचियों में जा लगा उनकी चूचियां ना तो ज्यादा ढीली और ना ही ज्यादा टाइट मीडियम थी और बहुत ही ज्यादा चिकनी थी उनके शरीर से मुझे कामुकता की बहुत ही अजीब गंद महसूस हो रही थी मेरे शरीर में एकदम से करंट हो उत्पन्न हो गया और मेरा लन्ड बिल्कुल खड़ा हो गया कहीं दीदी को यह सब पता नहीं चल जाए इसलिए मैं उनसे ना चाहते हुए भी उनसे दूर हो गया मेरे से अलग होकर दीदी घर के अंदर जाने लगी मैं भी दीदी के पीछे पीछे चलने लगा जैसे ही मेरी नजर दीदी के पिछवाड़े पर पड़ी दीदी की मटकती भारी गाण्ड और वो गोरे गोरे पेट का सारी की बगल से देखना मेरे ऊपर तो कंट्रोल ही नहीं रहा दीदी की बड़ी गांड को उनकी पतली कमर बहुत ही मुश्किल से संभाल पा रही थी उनकी भारी गांड को देखकर कोई भी यह कह सकता था कि यह औरत बहुत ही बड़े और मजबूत घोड़े की जमकर सवारी कर रही है जैसे वह चल रही थी उनकी कामुकता भरी लचक और चूतड़ बहुत ही कामुक तरीके से थिरक रहे थे मुझे तो विश्वास ही नहीं हो रहा था कि यह मेरी वही दीदी है जो बहुत ही मासूम और शांत थी

हम सब चलकर घर के अंदर आकर बैठ गए जैसे मेरी नजर जीजा जी पर पड़ी तो मुझे यही समझ में नहीं आ रहा था की दीदी के सामने जीजा जी तो बिल्कुल ही छोटे पड रहे हैं जहां दीदी 5 फुट 8 इंच लंबी चौड़ी गोरी चिट्टी जिसकी बड़े-बड़े 36 साइज की चूचियां और उनके शरीर की सबसे खतरनाक और कयामत डाने वाली भारी गाँड मोटी मोटी जांगे और गदराया हुआ बदन इस समय उनका साइज़ मेरे हिसाब से 36 28 38 इंच का होना चाहिए और वजन 65 किलो के आसपास होना चाहिए जबकि जीजा जी उनके सामने 5 फुट 6 इंच लंबे और शरीर से भी थोड़े दुबले पतले दोनों की जोड़ी बिल्कुल भी नहीं मिल रही थी।
मुझे तो पूरा यकीन हो चुका था की दीदी ने किसी और ही घोड़े की सवारी करी है क्योंकि 1 साल के अंदर ही एक लड़की से किसी जबरदस्त तरीके से गदराई हुई औरतों रूप में बदलने का काम जीजा जी के बस की बात तो नहीं है मैं एक मासूम लड़की से बहुत ही चंचल और कामुक औरत के रूप में नजर आ रही थी।

हम सब ने रात्रि का खाना खाया दीदी और जीजू एक अलग रूम में सो गए मम्मी पापा और मैं अपने-अपने कमरे में जाकर सो गए क्योंकि दीदी सफर करके आई थी तो थकान हो रही थी इसलिए हम जल्दी सो गए जब सुबह उठ तो इधर-उधर परिवार की बातें करते हैं मम्मी दीदी से कह रही थी कि अब तो मुझे जल्दी से नानी बनने के प्लानिंग करो ऐसे करके दो दिन बहुत ही जल्दी से बीत गए मैं तो हर समय बस दीदी के आसपास ही रहा उनके बदन की कामुक खुशबू उनसे बिल्कुल चिपक ही रहा और रात में दोनों दिन चार-चार बार मुठ मार के दीदी को याद करते हुए सो गया जब दीदी के जाने वाला दिन आया तो हम सभी परिवार के लोग बैठे हुए थे और जीजा जी बोले पापा से की विनेश को हमारे साथ ही दिल्ली भेज दो 10 दिन के लिए मुझे भी अभी कंपनी से फोन आया है कि बिजनेस टूर के लिए 8 दिन के लिए कोलकाता जाना पड़ेगा वह भी अपने दीदी के साथ 10 दिन रह लेगा
जीजाजी ने ऐसा करते हैं मेरी तो मानो लॉटरी ही लग गए हो बहुत ही खुशी से झूम उठा 10 दिनों तक दीदी के साथ रहने को मिलेगा और जीजा जी नहीं रहेंगे तो डर का बहाना करके दीदी के साथ सोऊंगा और उनके बदन से थोड़ा बहुत छूने का मौका तो मिलेगा लेकिन इस प्रस्ताव से मुझे ऐसा लगा कि दीदी का चेहरा थोड़ा बहुत उतर गया है और बोली चल तो रहा है लेकिन एक-दो दिन में ही तू बोले कि मुझे तो वापस जाना है सोच ले अगर चलना चाह रहा हूं तो मैं कहां मना करने वाला था मैं बिल्कुल जाने के लिए तैयार हो गया लेकिन मुझे लग रहा था कि दीदी इससे इतने खुश नहीं है
मैं जीजा जी और दीदी तैयार होकर दिल्ली के लिए निकल गया

दोस्तों अगर आप कहानी पूरी पढ़ना चाहते हो तो मुझे प्लीज कमेंट करके बताएं मैं आगे और भी कामों और बहुत ही बढ़िया तरीके से इसको लिखो
मैं पहली कहानी लिख रहा हूं इसलिए थोड़ी बहुत गलतियां होगी तो प्लीज एडजस्ट कर लेना
 
xforum

Welcome to xforum

Click anywhere to continue browsing...

xforum

Welcome to xforum

Click anywhere to continue browsing...

Top