सभी पाठको को मेरा नमस्कार मैं विनेश शर्मा जयपुर राजस्थान। यह मेरी पहली कहानी है और यह कहानी बिल्कुल सच्चाई पर आधारित है अगर कहानी लेखन में मेरे से कोई गलती हो जाए तो क्षमा करें और मुझे सभी सदस्य गाइड करते रहे तो चलिए दोस्तों कहानी शुरू करते हैं।
मेरा नाम विनेश शर्मा है ओर मे जयपुर का रहने वाला हुँ। मेरे परिवार में पापा राकेश शर्मा उम्र 50 साल हाईट 5.11 इन्च,मम्मी सुषमा शर्मा रंग गोरा उम्र 47 साल हाईट 5.1 इन्च उसके बाद मेरी सुमन दीदी जो कहानी की नायिका है अभी उनकी उम्र 25 साल है शादी को 3 साल हो चुके हे। बाकी उनका शारीरिक विवरण बाद में बताऊंगा और मैं मेरी उम्र अभी 19 साल है मैं भी मम्मी पापा की तरह ही गोरा हु शरीर से दुबला पतला और मेरी हाइट 5.3 इन्च हे। क्योंकि मैं मम्मी पर गया हूं इसलिए मेरी हाइट पापा और मेरी दीदी से कम है।
दोस्तों कहानी शुरू करते हैं आज से 3 साल पहले 2022 में मैं दनवी कक्षा में पढ़ता था और 16 साल का था। सुमन दीदी उसे समय 22 साल की थी और अपनी ग्रेजुएशन पूरी कर चुकी थी दीदी की उम्र में और मेरी उम्र में इतना गेप इसलिए है मेरे से बड़ा और दीदी से छोटा मेरा एक भाई पैदा होते ही मर गया था मेरा जन्म होने के बाद मैं हमेशा से ही मम्मी पापा दीदी का लाडला था।
हम ब्राह्मण परिवार में होने की वजह से हम सभी सदस्य संस्कारी हे। पूजा पाठ में भगवान ने विश्वास रखते हे।
2022 में क्लास के कुछ बिगड़े हुए लड़कों के साथ रहने लग गया और मोबाइल फोन में सेक्सी सामग्री देखने लग गया हॉट सेक्सी वीडियो देखने से अब मेरी नजर में वासना उत्पन्न होने लग गई थी उन वासना नजरों से मैं अपनी जवान बहन के ऊपर भी देखने लग गया
उसे समय मेरी संस्कारी दीदी 22 साल की जवान लड़की हो चुकी थी हाईट 5.8 इन्च, उनका रंग बिल्कुल दूध के जैसा गोरा, लंबे काले बाल चेहरा बिल्कुल मासूम उनका फिगर बिल्कुल एक जवान लड़की जैसा हो गया था उनके चूचियां 32 साइज की चिकन पेट कमर पतली 26 और उनके गाँड 34 हो चुकी थी दीदी घर में हमेशा सलवार सूट ही पहनती थी और साधारण तरीके से ही रहती थी। कॉलेज पूरा होने के बाद सुबह जल्दी उठकर स्नान करना पूजा करना और घर के कामों में मम्मी का हाथ बठाना वह कभी भी अपनी सहेलियों के साथ बाहर घूमने नहीं जाती थी शॉपिंग पर उसे करनी होती थी तो मम्मी के साथ ही हो जाती थी उसकी पूरी कॉलेज की पढ़ाई भी गर्ल्स कॉलेज से हुई थी। दीदी की सहेलियां दी उनके जैसे ही ब्राह्मण परिवारों से थी और सभी संस्कारी और मासूम थी इसलिए वह कभी भी गलत कामों में नहीं पड़ी।
ग्रेजुएशन पूरी होते ही पापा ने दीदी के लिए लड़के देखने शुरू कर दिए और फिर उनके लिए जयपुर में ही एक लड़के का रिश्ता आया लड़का दिल्ली में एक MNC कंपनी में जॉब करता था और उनका परिवार भी एक अच्छा ब्राह्मण था पापा ने सोचा अच्छे लोग हैं जयपुर के रहने वाले हैं तो उन्होंने रिश्ता पक्का करने के लिए लड़के को हमारे घर आने के लिए बोल दिया।
दो-तीन दिन बाद लड़का और उनकी फैमिली हमारे घर आए वह भी बहुत ही संस्कारी सज्जन परिवार के व्यक्ति लग रहे थे जब मैं होने वाले जीजा जी को दिखा उनका नाम संजय था उमर उनकी उस समय 25 साल थी और शरीर से भी मीडियम ठीक-ठाक थे हाइट उनकी 5 फुट 7 इंच जो दीदी से 1 इंच कम थी लेकिन उनका स्वभाव बहुत ही सरल और सौम्या था दिखने में भी अच्छे गोरे और हैंडसम थे सभी घर वालों ने और सोच लड़का अच्छा है नौकरी करता है अच्छा परिवार है तो सभी में रिश्ते को पक्का कर लिया और ठीक 1 महीने बाद शादी का मुहूर्त भी निकलवा लिया। और दीदी की धूमधाम से शादी कर दी