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Fantasy 'सुप्रीम' एक रहस्यमई सफर

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dev61901

" Never let an old flame burn you twice "
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Badhiya update bhai

To Toffik hi tha jisne sab kiya tha lekin loren ko kyun mar diya usne wo to usse pyar karta tha na or bechari loren bhi uske pyar me andhi hoker uski baten man rahi thi or jis jenith se badla lena chahta tha use abhi tak jinda rakha ha usne usse pyar ka natak karta ja raha ha Jenith ki sab sachhai pata pad gayi ha dekhte han kab tak Toffik babu apni sachhai chhupa pate han waise bure karm ki saja milti hi ha or jis jagah ye sab han usse lagta ha jaise Aslam miya ko saja mili usi prakar Toffik ka bhi number lag sakta ha
 

Raj_sharma

यतो धर्मस्ततो जयः ||❣️
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Badhiya update bhai

To Toffik hi tha jisne sab kiya tha lekin loren ko kyun mar diya usne wo to usse pyar karta tha na or bechari loren bhi uske pyar me andhi hoker uski baten man rahi thi or jis jenith se badla lena chahta tha use abhi tak jinda rakha ha usne usse pyar ka natak karta ja raha ha Jenith ki sab sachhai pata pad gayi ha dekhte han kab tak Toffik babu apni sachhai chhupa pate han waise bure karm ki saja milti hi ha or jis jagah ye sab han usse lagta ha jaise Aslam miya ko saja mili usi prakar Toffik ka bhi number lag sakta ha
Hone ko to kuch bhi ho sakta hai bhai, loren ko sacha pyar nahi karta tha wo, bas ek kathputli thi wo, aur use maarne ko reason ye tha ki Taufiq ki sacchai jaanti thi wo :declare: thank you very much for your wonderful review and support bhai :hug:
 

Raj_sharma

यतो धर्मस्ततो जयः ||❣️
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romanchak update. to nakshatra ke jariye sab pata chal gaya jenith ko ki kaise taufik ne satik plan karke apne gunaho ko chhipa liya .
ab jenith ke mann me sirf nafrat hai taufik ke liye ,par nakshatra ne usko apni bhavnao ko kabu me rakhne ko kaha aur taufik se badla lene ka bhi kaha samay aane par ..
Bilkul bhai, har cheej ka ek time hota hai, aur samay sabka qata hai:approve: Taufiq ka bhi aayega, aur jab uska time aayega to fir wo jaayega😂 sath bane rshiye, story aage aur bhi dhasu hone wali hai, Thank you very much for your valuable review and support bhai :hug:
 

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#102.

इसी के साथ तौफीक और जैक ने अपनी जेब से रिवाल्वर निकाल ली। जैक के हाथों में इस समय रबर के दस्ताने दिखाई दे रहे थे, जबकि तौफीक ने रिवाल्वर को अपने रुमाल से पकड़ रखा था।

दोनो की ही नजर एक ही जगह पर थी, पर उनके निशाने अलग-अलग थे।

जहां तौफीक के निशाने पर अंधेरे में चमकता वह लॉकेट था, वहीं जैक के निशाने पर जॉनी था क्यों की वह बैंक से लूटा हुआ पूरा पैसा हड़पना चाहता था।

तभी पूरे हॉल में एक फॅायर की आवाज गूंजी- “धांयऽऽऽऽऽऽ।"

अजीब सी किस्मत थी कि दोनों गोलियां एक साथ चली। तौफीक के द्वारा चलायी गयी गोली तो निशाने पर लगी, पर जैक के द्वारा चलाई गयी गोली स्टेज पर पीछे जाकर लकड़ी में धंस गयी।

जैक ने गोली चलाने के बाद अपनी रिवाल्वर वहीं पर फेंक दी। जबकि तौफीक ने रिवाल्वर की नाल से निकलते धुंए को उड़ाया और फ़िर रिवाल्वर को अपनी जेब में डाल लिया।

दृश्य-11

जेनिथ डारथी के कमरे से बाहर निकलकर डेक की ओर चल दी।

जेनिथ ने गलती से डारथी के कमरे का दरवाजा खुला छोड़ दिया था। तौफीक छिपकर यह सब देख रहा था।

जेनिथ के जाते ही वह धीरे से डारथी के कमरे में घुस गया। किस्मत से डारथी इस समय स्नानघर में थी।

तौफीक को जेनिथ का पर्स वहीं बेड पर पड़ा हुआ दिखाई दिया। तौफीक को पता था कि जेनिथ के कमरे की चाबी जेनिथ के पर्स में है, उसने जेनिथ के पर्स से जेनिथ के रूम की चाबी निकाली और चुपचाप पर्स को बंद कर बाहर आ गया।

तौफीक ने एक नजर गैलरी में मारी और फ़िर धीरे से चाबी को जेनिथ के रूम के की-होल में लगाकर जेनिथ के रूम का दरवाजा खोल दिया।

तौफीक की नजर अब तेजी से हर अलमारी को उलझने में लग गयी।

“लॉरेन ने कहा था कि उसने मेरी और उसकी फोटो को अलमारी में ही रखा है।" तौफीक मन ही मन बुदबुदाया।

पर आधा घंटे के बाद भी जब तौफीक को फोटो नहीं मिली तो उसने अपनी जेब से ट्रेंच सिगरेट निकाली और वहीं सोफे पर बैठकर पीने लगा।

अभी उसने आधी सिगरेट ही पी थी कि तभी उसे लगा कि कहीं वह फोटो लॉरेन की जेब में ही तो नहीं थी। यह सोच तौफीक ने घबराकर अपनी सिगरेट बुझाई और अपने जेब से निकालकर एक स्प्रे अपने पूरे शरीर पर किया। इस स्प्रे के प्रभाव से तौफीक के शरीर की गंध छिप गयी।

अब वह तेजी से कमरे से निकलकर स्टोर रूम की ओर भागा। स्टोर रूम का दरवाजा खुला हुआ था।

तौफीक ने स्टोर रूम के दरवाजे को अंदर की ओर धक्का दिया। दरवाजा धीरे से आवाज करता हुआ खुल गया।

तौफीक स्टोर रूम में दाख़िल हो गया। तौफीक ने पहले उसे जगह को देखा, जहां लॉरेन की लाश रखी गयी थी, पर वहां लाश को ना पाकर तौफीक घबरा गया और वह स्टोर रूम का पिछला दरवाजा खोलकर उधर से बाहर निकल गया।

तभी तौफीक को दूसरे डेक पर खड़ा एक सुरक्षा गार्ड दिखाई दिया।

सुरक्षा गार्ड को देख तौफीक वहीं रखे ड्रम के पीछे छिप गया। छिपते वक्त तौफीक की जेब में रखा लॉरेन का दिया हुआ नीला चेकदार रूमाल वहीं गिरगया, जिसे तौफीक देख नहीं पाया।

सुरक्षा गार्ड के जाते ही तौफीक ने 2 खम्भों के पास गिणत के 8 का निशान बनाया और वहां से निकल गया।

तौफीक ने ब्रेंडन के मुंह से ब्रूनो की बात सुन ली थी। उसे लगा कि कहीं कैप्टन उसका पीछा ब्रूनो से ना करवाये।

अब तौफीक एक गैलरी से निकलकर जा रहा था कि तभी क्रिस्टी के रूम से आती आवाज ने उसके कदमों को उधर मोड़ दिया।

क्रिस्टी के कमरे से एक हरा कीड़ा उछलता हुआ बाहर निकलने की कोशिश कर रहा था, जिसे तौफीक ने एक गार्ड के हाथ से रिवाल्वर छीनकर मार दिया।

दृश्य-12

तौफीक बिना आवाज किये लैब में प्रविष्ट हो गया।
थॉमस अपनी लैब में बैठा हुआ था। उसके बगल में रूमाल का एक ढेर लगा था।

वह बार-बार अलग-अलग रूमाल उठाता और उस पर कोई केमिकल डालकर रूमाल को चेक कर रहा था।

अचानक एक रूमाल पर केमिकल डालते ही उसकी आँखे चमक उठी। रूमाल पर कुछ छोटे-छोटे कण अब चमकने लगे थे।

“निश्चित ही यह बारूद के कण हैं।" थॉमस मन ही मन बड़बड़ाया-“इसका मतलब है कि जिसने भी हॉल में लॉरेन को गोली मारी, यह रूमाल उसी का है और उसने रिवाल्वर को रूमाल से पकड़ रखा था।"
रूमाल का एक हिस्सा रिवाल्वर की नाल की वजह से थोड़ा जल भी गया था, जो अब थॉमस को साफ दिख रहा था। रूमाल से अभी भी संदल की खुशबू आ रही थी।

थॉमस ने तुरंत रूमाल को उठाकर उसे पीछे पलटा। रूमाल के पीछे की ओर तौफीक का नाम और उसका रूम नंबर पड़ा था।

“खाना खाने नहीं चलना है क्या सर?" पीछे से उसके सहायक पीटर ने आवाज लगाई- “सभी लोग लंच के लिए जा चुके हैं, बस हम ही लोग बाकी बचे हैं।"

“2 मिनट रुक जाओ पीटर। ........ या फिर ऐसा करो कि तुम खाने के लिए चलो, मैं बस थोड़ी ही देर में आ रहा हूँ।" थॉमस ने पीटर से कहा।

“ओ.के. सर।" कहकर पीटर रूम से बाहर निकल गया, शायद उसे तेज भूख लगी थी।

“मुझे तुरंत कैप्टन को कातिल का नाम बता देना चाहिए।" थॉमस मन ही मन बड़बड़ाया।
यह सोचकर वह फोन की ओर बढ़ गया।

थॉमस को फोन की ओर बढ़ते देख तौफीक ने वहां रखे दूसरे फोन का रिसीवर उठा लिया।

थॉमस ने जैसे ही फोन को उठाकर अपने कान से लगाया, उसे फोन पर तौफीक खरखराती आवाज सुनाई दी- “तुझे अपनी जिंदगी प्यारी नहीं है क्या? जो मेरे बारे में कैप्टन को बताने जा रहा है।"

एकदम से फोन पर आयी आवाज ने थॉमस को चोंका दिया। वह एक पल में समझ गया कि इस फोन के पैरलल में लगे किसी फोन पर तौफीक मौजूद है और वह उसे भली भाँति देख रहा है। यह अहसास ही उसे एक पल के लिये कंपा गया।

थॉमस ने तुरंत आसपास के सभी फोन पर नजर मारी। उसकी निगाहें एक दिशा में जाकर ठहर गई। एक खंभे के पास अंधेरे में खड़ा, उसे तौफीक नजर आया। जो उसी की तरफ देख रहा था।

“कौन हो तुम?" थॉमस ने हिम्मत करते हुए जोर से पूछा और फिर रिसीवर को धीरे से क्रैडल पर रख दिया।

“अभी-अभी तुमने मेरा नाम रूमाल पर से पढ़ा तो है, फिर भी भूल गए।" तौफीक की गुर्राती हुई आवाज वातावरण में गूंजी।

“तो क्या तुम ......?"

“मेरा नाम लेने की कोशिश मत करो।" तौफीक ने थॉमस के शब्दो को बीच में ही काटते हुए, उसे चुप करा दिया- “क्योंकी मेरे हिसाब से हवा के भी कान होते हैं और मैं नहीं चाहता कि मेरी आवाज, मेरा नाम अभी किसी तक पहुंचे।"
“क्या चाहते हो तुम?" थॉमस के शब्दो में भय साफ नजर आ रहा था।

“अजीब पागल हो तुम ......।" तौफीक के स्वर में खतरनाक भाव आ गये- “अब जब तुमने मेरा नाम ‘जान’ लिया है, तो अब मैं भी तुम्हारी ‘जान’ ही लूंगा।"

“तुम ..... तुम मुझे नहीं मार सकते।" थॉमस ने गिड़गिड़ाते हुए कहा।

थॉमस की आँखे अब अंधेरे में भी तौफीक के हाथ में थमे रिवाल्वर को स्पस्ट देख रही थी।

और इससे पहले कि थॉमस अपने बचाव में कुछ कर पाता, एक ‘पिट्’ की आवाज हुई और एक गोली उसके गले में सुराख कर गई।

थॉमस किसी कटे पेड़ की तरह धड़ाम से फ़र्श पर गिर गया। उसकी आँखों में आश्चर्य के भाव थे। शायद मरते दम तक उसे अपनी मौत पर विश्वास नहीं था।

तौफीक ने रिवाल्वर की नाल से निकलते हुए धुंए को फूंक मारकर हवा में उड़ाया और फिर रिवाल्वर की नाल पर लगा साइलेंसर हटाकर, दोनों ही चीज अपनी जेब के हवाले कर ली।
अब तौफीक रूमाल के ढेर के पास पहुंच गया।

उसने अपनी जेब में हाथ डालकर एक लाईटर निकाल लिया। ‘खटाक’ की आवाज के साथ लाइटर ऑन हुई और उससे निकलती हुई लौ ने तुरंत ही रूमाल के गट्ठरों को अपने घेरे में ले लिया।

तौफीक ने एक-दो जलते हुए रूमाल थॉमस के ऊपर व कुछ रूमाल कमरे में इधर-उधर फेंक दिये।
धीरे-धीरे पूरे कमरे ने आग पकड़ ली।

कुछ ज्वलनशील रसायन को भी आग ने अपने घेरे में ले लिया। तौफीक अब सधे कदमों से रूम के बाहर निकला और एक दिशा में चल दिया।

कुछ आगे जाने पर उसकी रफ़्तार एकाएक तेज हो गई। अब वह तेजी से चिल्ला रहा था- “आग.....आग .....लैब में आग लग गई......गार्ड.....गार्ड..जल्दी सीजफायर लाओ।"

उसके चिल्लाते ही बहुत से लोगों का का ध्यान उस ओर आकर्षित हो गया।

तब तक लैब से काला धुआं निकलने लगा था। बहुत से लोग लैब से धुंआ निकलते देख वहां पर एकत्रित हो गए। कुछ लोगों ने शीशे तोड़कर आग बुझाने के यन्त्र निकाल लिये। वह सिलेंडर हाथ में लेकर लैब में घुस गए।

आग अभी इतनी ज्यादा नहीं फैली थी कि उसे बुझाया न जा सके। धीरे-धीरे गार्ड्स ने आग पर काबू पा लिया।
तौफीक भी अब भीड़ में शामिल हो गया था। आग पर नियंत्रण होते देख उसके चेहरे पर एक दबी-दबी सी मुस्कान आ गयी।

इसी के साथ नक्षत्रा ने रुका हुआ समय फिर से चालू कर दिया और जेनिथ के सामने दिखने वाले दृश्य हवा में विलोप हो गये।

इसी के साथ जेनिथ वहां पर लहराकर गिर गयी। उसके गिरने की आवाज काफ़ी तेज थी, जिसे सुनकर अल्बर्ट की खुल गयी। उसने दूर जेनिथ को पड़ा देखा तो सबको उठा दिया।
सभी भागकर जेनिथ के पास आ गये।

“क्या हुआ जेनिथ?" तौफीक ने जेनिथ का हाथ पकड़ते हुए पूछा।

तौफीक के हाथ पकड़ते जेनिथ को बहुत तेज़ गुस्सा आया, तभी उसे अपने मस्तिष्क में नक्षत्रा की आवाज सुनाई दी- “अपनी भावनाओं पे नियंत्रण करो दोस्त...तुमने मुझसे वादा किया था।"

यह सुन जेनिथ ने अपने गुस्से को अंदर दबाया, पर तौफीक का हाथ अपने हाथ से धीरे से छुड़ाते हुए कहा- “कुछ नहीं हुआ मुझे ... बस थोड़ी सी बेचैनी हो रही थी इसिलये टहलने आ गयी थी। टहलते-टहलते चक्कर आ गया था बस।"

यह सुनकर सबने राहत की साँस ली।

“बहुत अच्छे दोस्त... अच्छा नियंत्रण किया तुमने।" नक्षत्रा ने कहा- “थोड़ा सा ठहर जाओ, वक्त आने पर इस तौफीक से भी निपट लेंगे, बस तुम अपने होश को संभाले रखो।"

“मैं अब ठीक हूँ।" जेनिथ ने अपने मन में नक्षत्रा से कहा- “और बहुत-बहुत धन्यवाद मुझे आइना दिखाने के लिये।"

इतना कहकर जेनिथ उठी और क्रिस्टी के साथ वापस सोने वाले स्थान की ओर चल दी।



जारी रहेगा______✍️
बहुत ही सुंदर लाजवाब और अद्भुत मनमोहक अपडेट हैं भाई मजा आ गया
ये नक्षत्रा ने जेनिथ के सामने तौफिक की पुरी सच्चाई लाकर रख दी
बडा ही जबरदस्त अपडेट
खैर देखते हैं आगे क्या होता है
 

Dhakad boy

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#102.

इसी के साथ तौफीक और जैक ने अपनी जेब से रिवाल्वर निकाल ली। जैक के हाथों में इस समय रबर के दस्ताने दिखाई दे रहे थे, जबकि तौफीक ने रिवाल्वर को अपने रुमाल से पकड़ रखा था।

दोनो की ही नजर एक ही जगह पर थी, पर उनके निशाने अलग-अलग थे।

जहां तौफीक के निशाने पर अंधेरे में चमकता वह लॉकेट था, वहीं जैक के निशाने पर जॉनी था क्यों की वह बैंक से लूटा हुआ पूरा पैसा हड़पना चाहता था।

तभी पूरे हॉल में एक फॅायर की आवाज गूंजी- “धांयऽऽऽऽऽऽ।"

अजीब सी किस्मत थी कि दोनों गोलियां एक साथ चली। तौफीक के द्वारा चलायी गयी गोली तो निशाने पर लगी, पर जैक के द्वारा चलाई गयी गोली स्टेज पर पीछे जाकर लकड़ी में धंस गयी।

जैक ने गोली चलाने के बाद अपनी रिवाल्वर वहीं पर फेंक दी। जबकि तौफीक ने रिवाल्वर की नाल से निकलते धुंए को उड़ाया और फ़िर रिवाल्वर को अपनी जेब में डाल लिया।

दृश्य-11

जेनिथ डारथी के कमरे से बाहर निकलकर डेक की ओर चल दी।

जेनिथ ने गलती से डारथी के कमरे का दरवाजा खुला छोड़ दिया था। तौफीक छिपकर यह सब देख रहा था।

जेनिथ के जाते ही वह धीरे से डारथी के कमरे में घुस गया। किस्मत से डारथी इस समय स्नानघर में थी।

तौफीक को जेनिथ का पर्स वहीं बेड पर पड़ा हुआ दिखाई दिया। तौफीक को पता था कि जेनिथ के कमरे की चाबी जेनिथ के पर्स में है, उसने जेनिथ के पर्स से जेनिथ के रूम की चाबी निकाली और चुपचाप पर्स को बंद कर बाहर आ गया।

तौफीक ने एक नजर गैलरी में मारी और फ़िर धीरे से चाबी को जेनिथ के रूम के की-होल में लगाकर जेनिथ के रूम का दरवाजा खोल दिया।

तौफीक की नजर अब तेजी से हर अलमारी को उलझने में लग गयी।

“लॉरेन ने कहा था कि उसने मेरी और उसकी फोटो को अलमारी में ही रखा है।" तौफीक मन ही मन बुदबुदाया।

पर आधा घंटे के बाद भी जब तौफीक को फोटो नहीं मिली तो उसने अपनी जेब से ट्रेंच सिगरेट निकाली और वहीं सोफे पर बैठकर पीने लगा।

अभी उसने आधी सिगरेट ही पी थी कि तभी उसे लगा कि कहीं वह फोटो लॉरेन की जेब में ही तो नहीं थी। यह सोच तौफीक ने घबराकर अपनी सिगरेट बुझाई और अपने जेब से निकालकर एक स्प्रे अपने पूरे शरीर पर किया। इस स्प्रे के प्रभाव से तौफीक के शरीर की गंध छिप गयी।

अब वह तेजी से कमरे से निकलकर स्टोर रूम की ओर भागा। स्टोर रूम का दरवाजा खुला हुआ था।

तौफीक ने स्टोर रूम के दरवाजे को अंदर की ओर धक्का दिया। दरवाजा धीरे से आवाज करता हुआ खुल गया।

तौफीक स्टोर रूम में दाख़िल हो गया। तौफीक ने पहले उसे जगह को देखा, जहां लॉरेन की लाश रखी गयी थी, पर वहां लाश को ना पाकर तौफीक घबरा गया और वह स्टोर रूम का पिछला दरवाजा खोलकर उधर से बाहर निकल गया।

तभी तौफीक को दूसरे डेक पर खड़ा एक सुरक्षा गार्ड दिखाई दिया।

सुरक्षा गार्ड को देख तौफीक वहीं रखे ड्रम के पीछे छिप गया। छिपते वक्त तौफीक की जेब में रखा लॉरेन का दिया हुआ नीला चेकदार रूमाल वहीं गिरगया, जिसे तौफीक देख नहीं पाया।

सुरक्षा गार्ड के जाते ही तौफीक ने 2 खम्भों के पास गिणत के 8 का निशान बनाया और वहां से निकल गया।

तौफीक ने ब्रेंडन के मुंह से ब्रूनो की बात सुन ली थी। उसे लगा कि कहीं कैप्टन उसका पीछा ब्रूनो से ना करवाये।

अब तौफीक एक गैलरी से निकलकर जा रहा था कि तभी क्रिस्टी के रूम से आती आवाज ने उसके कदमों को उधर मोड़ दिया।

क्रिस्टी के कमरे से एक हरा कीड़ा उछलता हुआ बाहर निकलने की कोशिश कर रहा था, जिसे तौफीक ने एक गार्ड के हाथ से रिवाल्वर छीनकर मार दिया।

दृश्य-12

तौफीक बिना आवाज किये लैब में प्रविष्ट हो गया।
थॉमस अपनी लैब में बैठा हुआ था। उसके बगल में रूमाल का एक ढेर लगा था।

वह बार-बार अलग-अलग रूमाल उठाता और उस पर कोई केमिकल डालकर रूमाल को चेक कर रहा था।

अचानक एक रूमाल पर केमिकल डालते ही उसकी आँखे चमक उठी। रूमाल पर कुछ छोटे-छोटे कण अब चमकने लगे थे।

“निश्चित ही यह बारूद के कण हैं।" थॉमस मन ही मन बड़बड़ाया-“इसका मतलब है कि जिसने भी हॉल में लॉरेन को गोली मारी, यह रूमाल उसी का है और उसने रिवाल्वर को रूमाल से पकड़ रखा था।"
रूमाल का एक हिस्सा रिवाल्वर की नाल की वजह से थोड़ा जल भी गया था, जो अब थॉमस को साफ दिख रहा था। रूमाल से अभी भी संदल की खुशबू आ रही थी।

थॉमस ने तुरंत रूमाल को उठाकर उसे पीछे पलटा। रूमाल के पीछे की ओर तौफीक का नाम और उसका रूम नंबर पड़ा था।

“खाना खाने नहीं चलना है क्या सर?" पीछे से उसके सहायक पीटर ने आवाज लगाई- “सभी लोग लंच के लिए जा चुके हैं, बस हम ही लोग बाकी बचे हैं।"

“2 मिनट रुक जाओ पीटर। ........ या फिर ऐसा करो कि तुम खाने के लिए चलो, मैं बस थोड़ी ही देर में आ रहा हूँ।" थॉमस ने पीटर से कहा।

“ओ.के. सर।" कहकर पीटर रूम से बाहर निकल गया, शायद उसे तेज भूख लगी थी।

“मुझे तुरंत कैप्टन को कातिल का नाम बता देना चाहिए।" थॉमस मन ही मन बड़बड़ाया।
यह सोचकर वह फोन की ओर बढ़ गया।

थॉमस को फोन की ओर बढ़ते देख तौफीक ने वहां रखे दूसरे फोन का रिसीवर उठा लिया।

थॉमस ने जैसे ही फोन को उठाकर अपने कान से लगाया, उसे फोन पर तौफीक खरखराती आवाज सुनाई दी- “तुझे अपनी जिंदगी प्यारी नहीं है क्या? जो मेरे बारे में कैप्टन को बताने जा रहा है।"

एकदम से फोन पर आयी आवाज ने थॉमस को चोंका दिया। वह एक पल में समझ गया कि इस फोन के पैरलल में लगे किसी फोन पर तौफीक मौजूद है और वह उसे भली भाँति देख रहा है। यह अहसास ही उसे एक पल के लिये कंपा गया।

थॉमस ने तुरंत आसपास के सभी फोन पर नजर मारी। उसकी निगाहें एक दिशा में जाकर ठहर गई। एक खंभे के पास अंधेरे में खड़ा, उसे तौफीक नजर आया। जो उसी की तरफ देख रहा था।

“कौन हो तुम?" थॉमस ने हिम्मत करते हुए जोर से पूछा और फिर रिसीवर को धीरे से क्रैडल पर रख दिया।

“अभी-अभी तुमने मेरा नाम रूमाल पर से पढ़ा तो है, फिर भी भूल गए।" तौफीक की गुर्राती हुई आवाज वातावरण में गूंजी।

“तो क्या तुम ......?"

“मेरा नाम लेने की कोशिश मत करो।" तौफीक ने थॉमस के शब्दो को बीच में ही काटते हुए, उसे चुप करा दिया- “क्योंकी मेरे हिसाब से हवा के भी कान होते हैं और मैं नहीं चाहता कि मेरी आवाज, मेरा नाम अभी किसी तक पहुंचे।"
“क्या चाहते हो तुम?" थॉमस के शब्दो में भय साफ नजर आ रहा था।

“अजीब पागल हो तुम ......।" तौफीक के स्वर में खतरनाक भाव आ गये- “अब जब तुमने मेरा नाम ‘जान’ लिया है, तो अब मैं भी तुम्हारी ‘जान’ ही लूंगा।"

“तुम ..... तुम मुझे नहीं मार सकते।" थॉमस ने गिड़गिड़ाते हुए कहा।

थॉमस की आँखे अब अंधेरे में भी तौफीक के हाथ में थमे रिवाल्वर को स्पस्ट देख रही थी।

और इससे पहले कि थॉमस अपने बचाव में कुछ कर पाता, एक ‘पिट्’ की आवाज हुई और एक गोली उसके गले में सुराख कर गई।

थॉमस किसी कटे पेड़ की तरह धड़ाम से फ़र्श पर गिर गया। उसकी आँखों में आश्चर्य के भाव थे। शायद मरते दम तक उसे अपनी मौत पर विश्वास नहीं था।

तौफीक ने रिवाल्वर की नाल से निकलते हुए धुंए को फूंक मारकर हवा में उड़ाया और फिर रिवाल्वर की नाल पर लगा साइलेंसर हटाकर, दोनों ही चीज अपनी जेब के हवाले कर ली।
अब तौफीक रूमाल के ढेर के पास पहुंच गया।

उसने अपनी जेब में हाथ डालकर एक लाईटर निकाल लिया। ‘खटाक’ की आवाज के साथ लाइटर ऑन हुई और उससे निकलती हुई लौ ने तुरंत ही रूमाल के गट्ठरों को अपने घेरे में ले लिया।

तौफीक ने एक-दो जलते हुए रूमाल थॉमस के ऊपर व कुछ रूमाल कमरे में इधर-उधर फेंक दिये।
धीरे-धीरे पूरे कमरे ने आग पकड़ ली।

कुछ ज्वलनशील रसायन को भी आग ने अपने घेरे में ले लिया। तौफीक अब सधे कदमों से रूम के बाहर निकला और एक दिशा में चल दिया।

कुछ आगे जाने पर उसकी रफ़्तार एकाएक तेज हो गई। अब वह तेजी से चिल्ला रहा था- “आग.....आग .....लैब में आग लग गई......गार्ड.....गार्ड..जल्दी सीजफायर लाओ।"

उसके चिल्लाते ही बहुत से लोगों का का ध्यान उस ओर आकर्षित हो गया।

तब तक लैब से काला धुआं निकलने लगा था। बहुत से लोग लैब से धुंआ निकलते देख वहां पर एकत्रित हो गए। कुछ लोगों ने शीशे तोड़कर आग बुझाने के यन्त्र निकाल लिये। वह सिलेंडर हाथ में लेकर लैब में घुस गए।

आग अभी इतनी ज्यादा नहीं फैली थी कि उसे बुझाया न जा सके। धीरे-धीरे गार्ड्स ने आग पर काबू पा लिया।
तौफीक भी अब भीड़ में शामिल हो गया था। आग पर नियंत्रण होते देख उसके चेहरे पर एक दबी-दबी सी मुस्कान आ गयी।

इसी के साथ नक्षत्रा ने रुका हुआ समय फिर से चालू कर दिया और जेनिथ के सामने दिखने वाले दृश्य हवा में विलोप हो गये।

इसी के साथ जेनिथ वहां पर लहराकर गिर गयी। उसके गिरने की आवाज काफ़ी तेज थी, जिसे सुनकर अल्बर्ट की खुल गयी। उसने दूर जेनिथ को पड़ा देखा तो सबको उठा दिया।
सभी भागकर जेनिथ के पास आ गये।

“क्या हुआ जेनिथ?" तौफीक ने जेनिथ का हाथ पकड़ते हुए पूछा।

तौफीक के हाथ पकड़ते जेनिथ को बहुत तेज़ गुस्सा आया, तभी उसे अपने मस्तिष्क में नक्षत्रा की आवाज सुनाई दी- “अपनी भावनाओं पे नियंत्रण करो दोस्त...तुमने मुझसे वादा किया था।"

यह सुन जेनिथ ने अपने गुस्से को अंदर दबाया, पर तौफीक का हाथ अपने हाथ से धीरे से छुड़ाते हुए कहा- “कुछ नहीं हुआ मुझे ... बस थोड़ी सी बेचैनी हो रही थी इसिलये टहलने आ गयी थी। टहलते-टहलते चक्कर आ गया था बस।"

यह सुनकर सबने राहत की साँस ली।

“बहुत अच्छे दोस्त... अच्छा नियंत्रण किया तुमने।" नक्षत्रा ने कहा- “थोड़ा सा ठहर जाओ, वक्त आने पर इस तौफीक से भी निपट लेंगे, बस तुम अपने होश को संभाले रखो।"

“मैं अब ठीक हूँ।" जेनिथ ने अपने मन में नक्षत्रा से कहा- “और बहुत-बहुत धन्यवाद मुझे आइना दिखाने के लिये।"

इतना कहकर जेनिथ उठी और क्रिस्टी के साथ वापस सोने वाले स्थान की ओर चल दी।



जारी रहेगा______✍️
Bhut hi badhiya update Bhai
To jenith ko nakshtra ke jariye taufik ke bare me sab kuch pata chal gaya hai ki kis parkar taufik ne apne plan ko bhut hi shatir or satik tarike se anjaam diya
Nakshtra ke kahne par jenith ne abhi to apne gusse ko daba liya hai lekin dekte hai ab aage kya hota hai
 

dhalchandarun

[Death is the most beautiful thing.]
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#102.

इसी के साथ तौफीक और जैक ने अपनी जेब से रिवाल्वर निकाल ली। जैक के हाथों में इस समय रबर के दस्ताने दिखाई दे रहे थे, जबकि तौफीक ने रिवाल्वर को अपने रुमाल से पकड़ रखा था।

दोनो की ही नजर एक ही जगह पर थी, पर उनके निशाने अलग-अलग थे।

जहां तौफीक के निशाने पर अंधेरे में चमकता वह लॉकेट था, वहीं जैक के निशाने पर जॉनी था क्यों की वह बैंक से लूटा हुआ पूरा पैसा हड़पना चाहता था।

तभी पूरे हॉल में एक फॅायर की आवाज गूंजी- “धांयऽऽऽऽऽऽ।"

अजीब सी किस्मत थी कि दोनों गोलियां एक साथ चली। तौफीक के द्वारा चलायी गयी गोली तो निशाने पर लगी, पर जैक के द्वारा चलाई गयी गोली स्टेज पर पीछे जाकर लकड़ी में धंस गयी।

जैक ने गोली चलाने के बाद अपनी रिवाल्वर वहीं पर फेंक दी। जबकि तौफीक ने रिवाल्वर की नाल से निकलते धुंए को उड़ाया और फ़िर रिवाल्वर को अपनी जेब में डाल लिया।

दृश्य-11

जेनिथ डारथी के कमरे से बाहर निकलकर डेक की ओर चल दी।

जेनिथ ने गलती से डारथी के कमरे का दरवाजा खुला छोड़ दिया था। तौफीक छिपकर यह सब देख रहा था।

जेनिथ के जाते ही वह धीरे से डारथी के कमरे में घुस गया। किस्मत से डारथी इस समय स्नानघर में थी।

तौफीक को जेनिथ का पर्स वहीं बेड पर पड़ा हुआ दिखाई दिया। तौफीक को पता था कि जेनिथ के कमरे की चाबी जेनिथ के पर्स में है, उसने जेनिथ के पर्स से जेनिथ के रूम की चाबी निकाली और चुपचाप पर्स को बंद कर बाहर आ गया।

तौफीक ने एक नजर गैलरी में मारी और फ़िर धीरे से चाबी को जेनिथ के रूम के की-होल में लगाकर जेनिथ के रूम का दरवाजा खोल दिया।

तौफीक की नजर अब तेजी से हर अलमारी को उलझने में लग गयी।

“लॉरेन ने कहा था कि उसने मेरी और उसकी फोटो को अलमारी में ही रखा है।" तौफीक मन ही मन बुदबुदाया।

पर आधा घंटे के बाद भी जब तौफीक को फोटो नहीं मिली तो उसने अपनी जेब से ट्रेंच सिगरेट निकाली और वहीं सोफे पर बैठकर पीने लगा।

अभी उसने आधी सिगरेट ही पी थी कि तभी उसे लगा कि कहीं वह फोटो लॉरेन की जेब में ही तो नहीं थी। यह सोच तौफीक ने घबराकर अपनी सिगरेट बुझाई और अपने जेब से निकालकर एक स्प्रे अपने पूरे शरीर पर किया। इस स्प्रे के प्रभाव से तौफीक के शरीर की गंध छिप गयी।

अब वह तेजी से कमरे से निकलकर स्टोर रूम की ओर भागा। स्टोर रूम का दरवाजा खुला हुआ था।

तौफीक ने स्टोर रूम के दरवाजे को अंदर की ओर धक्का दिया। दरवाजा धीरे से आवाज करता हुआ खुल गया।

तौफीक स्टोर रूम में दाख़िल हो गया। तौफीक ने पहले उसे जगह को देखा, जहां लॉरेन की लाश रखी गयी थी, पर वहां लाश को ना पाकर तौफीक घबरा गया और वह स्टोर रूम का पिछला दरवाजा खोलकर उधर से बाहर निकल गया।

तभी तौफीक को दूसरे डेक पर खड़ा एक सुरक्षा गार्ड दिखाई दिया।

सुरक्षा गार्ड को देख तौफीक वहीं रखे ड्रम के पीछे छिप गया। छिपते वक्त तौफीक की जेब में रखा लॉरेन का दिया हुआ नीला चेकदार रूमाल वहीं गिरगया, जिसे तौफीक देख नहीं पाया।

सुरक्षा गार्ड के जाते ही तौफीक ने 2 खम्भों के पास गिणत के 8 का निशान बनाया और वहां से निकल गया।

तौफीक ने ब्रेंडन के मुंह से ब्रूनो की बात सुन ली थी। उसे लगा कि कहीं कैप्टन उसका पीछा ब्रूनो से ना करवाये।

अब तौफीक एक गैलरी से निकलकर जा रहा था कि तभी क्रिस्टी के रूम से आती आवाज ने उसके कदमों को उधर मोड़ दिया।

क्रिस्टी के कमरे से एक हरा कीड़ा उछलता हुआ बाहर निकलने की कोशिश कर रहा था, जिसे तौफीक ने एक गार्ड के हाथ से रिवाल्वर छीनकर मार दिया।

दृश्य-12

तौफीक बिना आवाज किये लैब में प्रविष्ट हो गया।
थॉमस अपनी लैब में बैठा हुआ था। उसके बगल में रूमाल का एक ढेर लगा था।

वह बार-बार अलग-अलग रूमाल उठाता और उस पर कोई केमिकल डालकर रूमाल को चेक कर रहा था।

अचानक एक रूमाल पर केमिकल डालते ही उसकी आँखे चमक उठी। रूमाल पर कुछ छोटे-छोटे कण अब चमकने लगे थे।

“निश्चित ही यह बारूद के कण हैं।" थॉमस मन ही मन बड़बड़ाया-“इसका मतलब है कि जिसने भी हॉल में लॉरेन को गोली मारी, यह रूमाल उसी का है और उसने रिवाल्वर को रूमाल से पकड़ रखा था।"
रूमाल का एक हिस्सा रिवाल्वर की नाल की वजह से थोड़ा जल भी गया था, जो अब थॉमस को साफ दिख रहा था। रूमाल से अभी भी संदल की खुशबू आ रही थी।

थॉमस ने तुरंत रूमाल को उठाकर उसे पीछे पलटा। रूमाल के पीछे की ओर तौफीक का नाम और उसका रूम नंबर पड़ा था।

“खाना खाने नहीं चलना है क्या सर?" पीछे से उसके सहायक पीटर ने आवाज लगाई- “सभी लोग लंच के लिए जा चुके हैं, बस हम ही लोग बाकी बचे हैं।"

“2 मिनट रुक जाओ पीटर। ........ या फिर ऐसा करो कि तुम खाने के लिए चलो, मैं बस थोड़ी ही देर में आ रहा हूँ।" थॉमस ने पीटर से कहा।

“ओ.के. सर।" कहकर पीटर रूम से बाहर निकल गया, शायद उसे तेज भूख लगी थी।

“मुझे तुरंत कैप्टन को कातिल का नाम बता देना चाहिए।" थॉमस मन ही मन बड़बड़ाया।
यह सोचकर वह फोन की ओर बढ़ गया।

थॉमस को फोन की ओर बढ़ते देख तौफीक ने वहां रखे दूसरे फोन का रिसीवर उठा लिया।

थॉमस ने जैसे ही फोन को उठाकर अपने कान से लगाया, उसे फोन पर तौफीक खरखराती आवाज सुनाई दी- “तुझे अपनी जिंदगी प्यारी नहीं है क्या? जो मेरे बारे में कैप्टन को बताने जा रहा है।"

एकदम से फोन पर आयी आवाज ने थॉमस को चोंका दिया। वह एक पल में समझ गया कि इस फोन के पैरलल में लगे किसी फोन पर तौफीक मौजूद है और वह उसे भली भाँति देख रहा है। यह अहसास ही उसे एक पल के लिये कंपा गया।

थॉमस ने तुरंत आसपास के सभी फोन पर नजर मारी। उसकी निगाहें एक दिशा में जाकर ठहर गई। एक खंभे के पास अंधेरे में खड़ा, उसे तौफीक नजर आया। जो उसी की तरफ देख रहा था।

“कौन हो तुम?" थॉमस ने हिम्मत करते हुए जोर से पूछा और फिर रिसीवर को धीरे से क्रैडल पर रख दिया।

“अभी-अभी तुमने मेरा नाम रूमाल पर से पढ़ा तो है, फिर भी भूल गए।" तौफीक की गुर्राती हुई आवाज वातावरण में गूंजी।

“तो क्या तुम ......?"

“मेरा नाम लेने की कोशिश मत करो।" तौफीक ने थॉमस के शब्दो को बीच में ही काटते हुए, उसे चुप करा दिया- “क्योंकी मेरे हिसाब से हवा के भी कान होते हैं और मैं नहीं चाहता कि मेरी आवाज, मेरा नाम अभी किसी तक पहुंचे।"
“क्या चाहते हो तुम?" थॉमस के शब्दो में भय साफ नजर आ रहा था।

“अजीब पागल हो तुम ......।" तौफीक के स्वर में खतरनाक भाव आ गये- “अब जब तुमने मेरा नाम ‘जान’ लिया है, तो अब मैं भी तुम्हारी ‘जान’ ही लूंगा।"

“तुम ..... तुम मुझे नहीं मार सकते।" थॉमस ने गिड़गिड़ाते हुए कहा।

थॉमस की आँखे अब अंधेरे में भी तौफीक के हाथ में थमे रिवाल्वर को स्पस्ट देख रही थी।

और इससे पहले कि थॉमस अपने बचाव में कुछ कर पाता, एक ‘पिट्’ की आवाज हुई और एक गोली उसके गले में सुराख कर गई।

थॉमस किसी कटे पेड़ की तरह धड़ाम से फ़र्श पर गिर गया। उसकी आँखों में आश्चर्य के भाव थे। शायद मरते दम तक उसे अपनी मौत पर विश्वास नहीं था।

तौफीक ने रिवाल्वर की नाल से निकलते हुए धुंए को फूंक मारकर हवा में उड़ाया और फिर रिवाल्वर की नाल पर लगा साइलेंसर हटाकर, दोनों ही चीज अपनी जेब के हवाले कर ली।
अब तौफीक रूमाल के ढेर के पास पहुंच गया।

उसने अपनी जेब में हाथ डालकर एक लाईटर निकाल लिया। ‘खटाक’ की आवाज के साथ लाइटर ऑन हुई और उससे निकलती हुई लौ ने तुरंत ही रूमाल के गट्ठरों को अपने घेरे में ले लिया।

तौफीक ने एक-दो जलते हुए रूमाल थॉमस के ऊपर व कुछ रूमाल कमरे में इधर-उधर फेंक दिये।
धीरे-धीरे पूरे कमरे ने आग पकड़ ली।

कुछ ज्वलनशील रसायन को भी आग ने अपने घेरे में ले लिया। तौफीक अब सधे कदमों से रूम के बाहर निकला और एक दिशा में चल दिया।

कुछ आगे जाने पर उसकी रफ़्तार एकाएक तेज हो गई। अब वह तेजी से चिल्ला रहा था- “आग.....आग .....लैब में आग लग गई......गार्ड.....गार्ड..जल्दी सीजफायर लाओ।"

उसके चिल्लाते ही बहुत से लोगों का का ध्यान उस ओर आकर्षित हो गया।

तब तक लैब से काला धुआं निकलने लगा था। बहुत से लोग लैब से धुंआ निकलते देख वहां पर एकत्रित हो गए। कुछ लोगों ने शीशे तोड़कर आग बुझाने के यन्त्र निकाल लिये। वह सिलेंडर हाथ में लेकर लैब में घुस गए।

आग अभी इतनी ज्यादा नहीं फैली थी कि उसे बुझाया न जा सके। धीरे-धीरे गार्ड्स ने आग पर काबू पा लिया।
तौफीक भी अब भीड़ में शामिल हो गया था। आग पर नियंत्रण होते देख उसके चेहरे पर एक दबी-दबी सी मुस्कान आ गयी।

इसी के साथ नक्षत्रा ने रुका हुआ समय फिर से चालू कर दिया और जेनिथ के सामने दिखने वाले दृश्य हवा में विलोप हो गये।

इसी के साथ जेनिथ वहां पर लहराकर गिर गयी। उसके गिरने की आवाज काफ़ी तेज थी, जिसे सुनकर अल्बर्ट की खुल गयी। उसने दूर जेनिथ को पड़ा देखा तो सबको उठा दिया।
सभी भागकर जेनिथ के पास आ गये।

“क्या हुआ जेनिथ?" तौफीक ने जेनिथ का हाथ पकड़ते हुए पूछा।

तौफीक के हाथ पकड़ते जेनिथ को बहुत तेज़ गुस्सा आया, तभी उसे अपने मस्तिष्क में नक्षत्रा की आवाज सुनाई दी- “अपनी भावनाओं पे नियंत्रण करो दोस्त...तुमने मुझसे वादा किया था।"

यह सुन जेनिथ ने अपने गुस्से को अंदर दबाया, पर तौफीक का हाथ अपने हाथ से धीरे से छुड़ाते हुए कहा- “कुछ नहीं हुआ मुझे ... बस थोड़ी सी बेचैनी हो रही थी इसिलये टहलने आ गयी थी। टहलते-टहलते चक्कर आ गया था बस।"

यह सुनकर सबने राहत की साँस ली।

“बहुत अच्छे दोस्त... अच्छा नियंत्रण किया तुमने।" नक्षत्रा ने कहा- “थोड़ा सा ठहर जाओ, वक्त आने पर इस तौफीक से भी निपट लेंगे, बस तुम अपने होश को संभाले रखो।"

“मैं अब ठीक हूँ।" जेनिथ ने अपने मन में नक्षत्रा से कहा- “और बहुत-बहुत धन्यवाद मुझे आइना दिखाने के लिये।"

इतना कहकर जेनिथ उठी और क्रिस्टी के साथ वापस सोने वाले स्थान की ओर चल दी।



जारी रहेगा______✍️
Wow!!! Nice update brother.

Phir se Lauren ki maut dimag mein taza ho gaya.

Saka ye Jack maal akele akele lutna chahta hai. Shama!!! Isliye kehte hain gaddar se dosti bilkul nahi nahi karna chahiye.

Let's see Taufiq ko kaisi saza milti hai!!! Taufiq kabhi sapne mein bhi nahi soch raha hoga ki koi uska sach janta hai, lekin ek kahawat hai na ki doshi kitna hi shatir kyun na sach kisi na kisi tarah samne aa hi jati hai.

Pahle wale question ka answer mujhe nahi pata hai Taufiq ko kya saza milni chahiye lekin ye toh crystal clear hai ki Taufiq ke bina mayavan ka tilism toda ja sakta hai.

Beautifully written brother 💕 🌹 💕
 

Raj_sharma

यतो धर्मस्ततो जयः ||❣️
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बहुत ही सुंदर लाजवाब और अद्भुत मनमोहक अपडेट हैं भाई मजा आ गया
ये नक्षत्रा ने जेनिथ के सामने तौफिक की पुरी सच्चाई लाकर रख दी
बडा ही जबरदस्त अपडेट
खैर देखते हैं आगे क्या होता है
Thank you so much for your valuable review and support bhai , uski sachhai khul gai hai, per abhi jenith ko sabko batane se mana kar diya hai usne, sahi samay per 💣 bomb footega :D
 

Raj_sharma

यतो धर्मस्ततो जयः ||❣️
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Bhut hi badhiya update Bhai
To jenith ko nakshtra ke jariye taufik ke bare me sab kuch pata chal gaya hai ki kis parkar taufik ne apne plan ko bhut hi shatir or satik tarike se anjaam diya
Nakshtra ke kahne par jenith ne abhi to apne gusse ko daba liya hai lekin dekte hai ab aage kya hota hai
Thanks for your valuable review and support bhai :hug:Ek
na ek din to karmo ki saja milni hi hai, dekhte hai uska no. Kab aata hai:D
 
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