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Fantasy 'सुप्रीम' एक रहस्यमई सफर

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Raj_sharma

यतो धर्मस्ततो जयः ||❣️
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To bhai log pata nahi kya hoga, per story to aage badhani hi hai, is liye agla update raat 9 baje tak de dunga :declare:
waise abhi sab testing per hi chal raha hai:approve:
 

ARCEUS ETERNITY

"अहिंसा परमो धर्मः, धर्म हिंसा तथैव च।"
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@Raj_sharma bhai

शानदार धमाकेदार स्टोरी!
क्या कमाल का आइडिया क्रिएट किया है!
ग्रीक माइथोलॉजी और भारतीय प्राचीन हिन्दू शास्त्रों का ऐसा गजब कॉम्बिनेशन बैठाया है कि दिल खुश हो गया।
इसे ही कहते हैं क्रिएटिव लिबर्टी का सही उपयोग।
धार्मिक चीजों को प्रस्तुत करना हमेशा एक चुनौती होती है, लेकिन आपने इसे बड़े ही अनूठे और संतुलित तरीके से दिखाया है।

अब बात करते हैं – पार्ट 2’ की... यानी 'एटलांटिस के रहस्य' की।

शाफाली:
शाफाली की आंखों का दिव्यवृक्ष द्वारा सही हो जाना और पिरामिड रूपी पर्वत का उसके लिए झुक जाना यह संकेत देता है कि शाफाली इस द्वीप के नजरिए से बेहद महत्वपूर्ण है।
क्या शाफाली का कोई गहरा संबंध है महाशक्ति मेग्रा से?
क्या शाफाली ईश्वर का अवतार है?
आख़िर क्यों शाफाली सभी को चौंका देती है?

सयुश:
अब सयुश का रहस्य खुल चुका है।
सयुश असल में आर्यन का पुनर्जन्म है और आर्यन को अमरत्व प्राप्त करना था।
क्या 5000 साल पहले आर्यन को अमरत्व मिल गया था? अगर मिला भी हो तो क्या उसने उसे अपनाया था?
ये अब भी एक रहस्य है।

शलाका:
द्वीप की देवी और आर्यन की प्रेमिका।
जेम्स और विलमर के कारण शलाका पत्थर की मूर्ति से मुक्त हो गई।
लेकिन सवाल उठता है — अतीत में शलाका के साथ क्या हुआ था?
क्या आर्यन और शलाका एक-दूसरे के हो पाए थे या फिर उनके बीच आकृति आ गई थी?

व्योम:
व्योम तो इस कहानी का सबसे अलग ही किरदार है।
जहां सब लोग एक ग्रुप में सर्वाइव कर रहे हैं, वहीं व्योम अकेला, बिना किसी मदद के जीवित है।
जिस तरह से व्योम को दिखाया गया है, उससे साफ है कि व्योम इस कहानी में बहुत ही खास और रहस्यमयी किरदार है।
क्या रहस्य है व्योम का?
क्यों नियति उसे इस द्वीप पर ले आई?
और सबसे बड़ा सवाल — व्योम आखिर गया कहां?

वेगा:
वेगा की एंट्री कहानी की शुरुआत में ही हो जाती है।
पर सवाल ये है कि उसे द्वीप से दूर क्यों रखा गया?
और ये ‘जोडियक वॉच’ वाकई में कमाल की चीज़ है।

फिलहाल का ट्रैक ‘कैपसुर’, ‘मेग्रा’ और ‘देवी माया’ पर केंद्रित है।

अराका द्वीप की दो जातियां:
सेनोरे और समारा।
सेनोरे के नेता 'मकोटा' और एलियन 'जाइगन' दोनों बुराई के पक्ष में हैं।
वहीं समारा की ओर से युगाका और क्लाट अच्छाई के प्रतिनिधि हैं।
यानी दोनों जातियों के बीच युद्ध निश्चित है।

अब तक बहुत से सवालों के जवाब मिल चुके हैं:

  • लॉरेन का कातिल तौफीक था।
  • लॉरेन की लाश कौन ले गया, यह भी पता चल गया।
  • असलम ही वो शख्स था जिसकी वजह से सुप्रीम इस मुसीबत में फंसा।
  • सयुश की सच्चाई सामने आई।
  • जेक, क्रिस्टी के पिता का हत्यारा था।
  • सुप्रीम को कैसे गिराया गया, ये भी पता चला।
  • मारिया को कौन ले गया।
  • हरे कीड़े की मिस्ट्री क्या है।
  • रॉजर जिंदा है और वही ‘सुनहरा मानव’ बना था।
अब टीम में बचे हैं:
अल्बर्ट, जेनिथ, तौफिक, क्रिस्टी, सयुश और शाफाली।
एलेक्स, ब्रैंडन, जॉनी, ब्रूनो — सब लापता हैं।
संभावना यही है कि शाफाली और सयुश तो ज़िंदा बचेंगे ही।
अल्बर्ट भी टीम के लिए अहम है, तो उसके बचने की उम्मीद है।
और आख़िर में जेनिथ भी शायद जिंदा बचे।
बाकी सभी की मृत्यु तय लगती है।

युगाका, सयुश की टीम की परीक्षा ले रहा है कि क्या वे इस तिलिस्म को तोड़ने योग्य हैं।

जेनिथ के पास एक यंत्र (नक्षत्र) है जिससे भूतकाल में घटित घटनाएं देखी जा सकती हैं।

इस द्वीप पर कई विचित्र और रहस्यमयी चीजें हैं
मायावीवृक्ष, मगरमानव, दलदल, पिरामिड, लंबी घास — और न जाने क्या-क्या।

यति (हनुका), लुफासा के पीछे गया है गुरुत्व तत्व को वापस कैलाश पर लाने के लिए।

जॉनी ने क्रिस्टी के पिता की हत्या में अहम भूमिका निभाई थी, इसीलिए क्रिस्टी ने उसे आग में ढकेल दिया।

पोसेडियन निकला बेहद नीच किस्म का इंसान।
ऐसे इंसान को भगवान किसने बना दिया?

फिलहाल पोसेडियन और झेउस, सोफिया और मोरैन के पीछे हैं
जाइगन एलियन हरे कीड़े के माध्यम से मृत शरीर इकट्ठा कर रहा था, किसी प्रयोग के लिए।
जाइगन कोई छोटा खिलाड़ी नहीं लग रहा है — वह मानवता के खिलाफ एक बड़ा षड्यंत्र रच रहा है।

कुल मिलाकर कहानी कमाल की है!
एक जहाज से शुरू हुई यात्रा कहां से कहां पहुंच गई — ये सोचा भी नहीं था।
मज़ेदार स्टोरी जिसमें थ्रिल, फैंटेसी, मैजिक, माइथोलॉजी, और साइंस-फिक्शन का अद्भुत संगम है।

माफ़ी चाहूँगा देर से रिव्यू के लिए , कहानी पढ़े एक हफ्ता बीत गया लेकिन साइट इशू केे चलते review पोस्ट ही नहीं हो रहा था |
 

Raj_sharma

यतो धर्मस्ततो जयः ||❣️
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AAisa kuch nahi hai bhai😅😅
Bug fixing chal rahi hai, to beech-2 me change hota hai.
Bhai read krne aaye kese, jab aaye tab forum chali jati hai, kabhi kabhi to lagta hai me hi panoti hu kya🤣🤣🤣🤣
 

Raj_sharma

यतो धर्मस्ततो जयः ||❣️
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@Raj_sharma bhai

शानदार धमाकेदार स्टोरी!
क्या कमाल का आइडिया क्रिएट किया है!
ग्रीक माइथोलॉजी और भारतीय प्राचीन हिन्दू शास्त्रों का ऐसा गजब कॉम्बिनेशन बैठाया है कि दिल खुश हो गया।
इसे ही कहते हैं क्रिएटिव लिबर्टी का सही उपयोग।
धार्मिक चीजों को प्रस्तुत करना हमेशा एक चुनौती होती है, लेकिन आपने इसे बड़े ही अनूठे और संतुलित तरीके से दिखाया है।
बोहोत बोहोत धन्यवाद मित्र 🙏🏼 आपको कहानी ना केवल पसंद आ रही है अपितु आप उसकी आत्मा के साथ जुड़ाव भी कर पा रहे हो, एक लेखक को इस से ज्यादा ओर क्या चाहिए । :dost:
अब बात करते हैं – पार्ट 2’ की... यानी 'एटलांटिस के रहस्य' की।

शाफाली:
शाफाली की आंखों का दिव्यवृक्ष द्वारा सही हो जाना और पिरामिड रूपी पर्वत का उसके लिए झुक जाना यह संकेत देता है कि शाफाली इस द्वीप के नजरिए से बेहद महत्वपूर्ण है।
क्या शाफाली का कोई गहरा संबंध है महाशक्ति मेग्रा से?
क्या शाफाली ईश्वर का अवतार है?
आख़िर क्यों शाफाली सभी को चौंका देती है?
शेफाली कोई अवतार नही है भाई 😅 हां ऐसे कह सकते हो की इस द्वीप से उसका गहरा नाता है।
सयुश:
अब सयुश का रहस्य खुल चुका है।
सयुश असल में आर्यन का पुनर्जन्म है और आर्यन को अमरत्व प्राप्त करना था।
क्या 5000 साल पहले आर्यन को अमरत्व मिल गया था? अगर मिला भी हो तो क्या उसने उसे अपनाया था?
ये अब भी एक रहस्य है।
इस बारे में अभी लिखना बाकी है, तो ज्यादा कुछ नहीं कहूंगा। बस इतना समझ लीजिए कि अमर कभी मरते नहीं। तो आपका उत्तर इसी मे है।😊
शलाका:
द्वीप की देवी और आर्यन की प्रेमिका।
जेम्स और विलमर के कारण शलाका पत्थर की मूर्ति से मुक्त हो गई।
लेकिन सवाल उठता है — अतीत में शलाका के साथ क्या हुआ था?
क्या आर्यन और शलाका एक-दूसरे के हो पाए थे या फिर उनके बीच आकृति आ गई थी?
ये संवाद भी अभी आना बाकी है दोस्त, तो पहले कुछ भी कहना गलत होगा।:approve:
व्योम:
व्योम तो इस कहानी का सबसे अलग ही किरदार है।
जहां सब लोग एक ग्रुप में सर्वाइव कर रहे हैं, वहीं व्योम अकेला, बिना किसी मदद के जीवित है।
जिस तरह से व्योम को दिखाया गया है, उससे साफ है कि व्योम इस कहानी में बहुत ही खास और रहस्यमयी किरदार है।
क्या रहस्य है व्योम का?
क्यों नियति उसे इस द्वीप पर ले आई?
और सबसे बड़ा सवाल — व्योम आखिर गया कहां?
व्योम कहीं नही गया भाई, वो भी अराका द्वीप के मायावन से दो-चार हो रहा है,:shhhh: बोहोत जल्द आपको उसके बारे में पढ़ने को मिलेगा। हाॅ वह एक रहस्यमय किरदार भी है, और महत्वपूर्ण भी।:declare:
वेगा:
वेगा की एंट्री कहानी की शुरुआत में ही हो जाती है।
पर सवाल ये है कि उसे द्वीप से दूर क्यों रखा गया?
और ये ‘जोडियक वॉच’ वाकई में कमाल की चीज़ है।

फिलहाल का ट्रैक ‘कैपसुर’, ‘मेग्रा’ और ‘देवी माया’ पर केंद्रित है।

अराका द्वीप की दो जातियां:
सेनोरे और समारा।
सेनोरे के नेता 'मकोटा' और एलियन 'जाइगन' दोनों बुराई के पक्ष में हैं।
वहीं समारा की ओर से युगाका और क्लाट अच्छाई के प्रतिनिधि हैं।
यानी दोनों जातियों के बीच युद्ध निश्चित है
जोडियाक वॉच में धरा की, धरा शक्ति का ही कण विदयमान है, जो उसकी रक्षा कर रहा है।
और युद्ध निश्चित ही समझो मित्र। 😊
।अब तक बहुत से सवालों के जवाब मिल चुके हैं:
लॉरेन का कातिल तौफीक था।
  • लॉरेन की लाश कौन ले गया, यह भी पता चल गया।
  • असलम ही वो शख्स था जिसकी वजह से सुप्रीम इस मुसीबत में फंसा।
  • सयुश की सच्चाई सामने आई।
  • जेक, क्रिस्टी के पिता का हत्यारा था।
  • सुप्रीम को कैसे गिराया गया, ये भी पता चला।
  • मारिया को कौन ले गया।
  • हरे कीड़े की मिस्ट्री क्या है।
  • रॉजर जिंदा है और वही ‘सुनहरा मानव’ बना था।
अब टीम में बचे हैं:
अल्बर्ट, जेनिथ, तौफिक, क्रिस्टी, सयुश और शाफाली।
एलेक्स, ब्रैंडन, जॉनी, ब्रूनो — सब लापता हैं।
संभावना यही है कि शाफाली और सयुश तो ज़िंदा बचेंगे ही।
अल्बर्ट भी टीम के लिए अहम है, तो उसके बचने की उम्मीद है।
और आख़िर में जेनिथ भी शायद जिंदा बचे।
बाकी सभी की मृत्यु तय लगती है।


aisa nahi hai mitra, bas aage aage dekho hota hai kya🤔


युगाका, सयुश की टीम की परीक्षा ले रहा है कि क्या वे इस तिलिस्म को तोड़ने योग्य हैं।

जेनिथ के पास एक यंत्र (नक्षत्र) है जिससे भूतकाल में घटित घटनाएं देखी जा सकती हैं।

इस द्वीप पर कई विचित्र और रहस्यमयी चीजें हैं
मायावीवृक्ष, मगरमानव, दलदल, पिरामिड, लंबी घास — और न जाने क्या-क्या।

यति (हनुका), लुफासा के पीछे गया है गुरुत्व तत्व को वापस कैलाश पर लाने के लिए।

जॉनी ने क्रिस्टी के पिता की हत्या में अहम भूमिका निभाई थी, इसीलिए क्रिस्टी ने उसे आग में ढकेल दिया।

पोसेडियन निकला बेहद नीच किस्म का इंसान।
ऐसे इंसान को भगवान किसने बना दिया?


uska pata bhi jald hi chal jayega,
Insaaf hoga, hum karenge insaaf:roll3:


फिलहाल पोसेडियन और झेउस, सोफिया और मोरैन के पीछे हैं
जाइगन एलियन हरे कीड़े के माध्यम से मृत शरीर इकट्ठा कर रहा था, किसी प्रयोग के लिए।
जाइगन कोई छोटा खिलाड़ी नहीं लग रहा है — वह मानवता के खिलाफ एक बड़ा षड्यंत्र रच रहा है।

कुल मिलाकर कहानी कमाल की है!
एक जहाज से शुरू हुई यात्रा कहां से कहां पहुंच गई — ये सोचा भी नहीं था।
मज़ेदार स्टोरी जिसमें थ्रिल, फैंटेसी, मैजिक, माइथोलॉजी, और साइंस-फिक्शन का अद्भुत संगम है।

माफ़ी चाहूँगा देर से रिव्यू के लिए , कहानी पढ़े एक हफ्ता बीत गया लेकिन साइट इशू केे चलते review पोस्ट ही नहीं हो रहा था |


Koi baat nahi bhai, jab jaago tabhi savera😅 आपके इस शानदार रिव्यू के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद मित्र :thanks:
 

Raj_sharma

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Raj_sharma

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#112.

महाबली हनुका

(11 जनवरी 2002, शुक्रवार, 14:30, अटलांटिक महासागर)

हनुका ने अपनी पूरी जिंदगी महा..देव के साधना में लगा दी थी।

देव के आशीर्वाद स्वरुप आज से हजारों साल पहले ही उसे गुरुत्व शक्ति प्राप्त हो गयी थी। पर आज उसी गुरुत्व शक्ति की रक्षा के लिये गुरु नीमा ने उसे भेजा था।

इस समय हनुका आकाश मार्ग से तेजी से लुफासा के पीछे जा रहा था। हांलाकि उसे लुफासा अभी तक नजर नहीं आया था, पर गुरुत्व शक्ति से मिल रहे संकेतों से उसे लग रहा था कि बस वह अब लुफासा तक पहुंचने ही वाला है।

हनुका को जाने क्यों आज अपना बचपन याद आ रहा था। वह बिल्कुल नन्हा सा था, जब महा.. ने नीलाभ के विवाह में उपहार स्वरुप उसे नीलाभ को सौंप दिया था।

तब से नीलाभ ने ही उसे पाला था और बिल्कुल अपने बालक की तरह प्यार दिया था। हनुका भी नीलाभ को अपने पिता समान ही समझता था।

नीलाभ ने हनुका को कभी यति नहीं समझा और उसे असीम और विलक्षण ज्ञान दिया, पर जब से नीलाभ हिमालय से गायब हुए थे, उसने अपना बाकी जीवन हिमलोक की सेवा और महा..देव की साधना में लगा दिया था।

तभी हनुका की सोच पर विराम लग गया।

उसे अपने कुछ आगे उड़कर जाता हुआ, ड्रैगन बना लुफासा दिखाई दिया, जो पीछे आ रहे खतरे से बेखबर, गुरुत्व शक्ति की डिबिया अपने पंजों में दबाये, तेजी से अराका द्वीप की ओर उड़ा जा रहा था।

अराका द्वीप बस अब आने ही वाला था।

हनुका ने अपने उड़ने की गति थोड़ी और बढ़ाई और फिर ड्रैगन के सामने जा कर हवा में खड़ा हो गया।

“रुक जाओ मूर्ख दैत्य।” हनुका ने गरज कर कहा- “चुपचाप गुरुत्व शक्ति मेरे हवाले कर दो, मैं आपको जीवनदान दे दूंगा।”

लुफासा पहले तो हवा में उड़ते यति को देखकर हैरान रह गया, पर फिर हनुका के शब्दों को सुनकर वह समझ गया कि यह यति उसका पीछा करता हुआ हिमालय से आया है।

लुफासा एक पल में समझ गया कि यह यति भी मायावी है। इसलिये वह भी हवा में रुककर हनुका की अगली प्रतिक्रिया की प्रतीक्षा करने लगा।

तभी हनुका ने मुंह खोलकर एक जोरदार गर्जना की।

हनुका की गर्जना इतनी शक्तिशाली थी कि ड्रैगन बना लुफासा गर्जना के वेग से कुछ कदम पीछे हो गया।

मात्र एक गर्जना से ही लुफासा जान गया कि हनुका बहुत शक्तिशाली है।

लुफासा ने हनुका की गर्जना का जवाब देने के लिये अपना ड्रैगन रुपी मुंह खोलकर एक जोर की आग हनुका पर उगल दी।

इतनी तेज आग के पीछे हनुका का पूरा शरीर ढक गया।

लुफासा को लगा कि हनुका उस आग में जल गया होगा। पर जैसे ही आग समाप्त हुई, लुफासा को हनुका मुस्कुराता हुआ वहीं खड़ा दिखाई दिया।

“आप मुझ पर आग बरसा रहे हैं दैत्यराज।” हनुका ने हंसते हुए कहा- “चलिये पहले आप अपने मन की और भी इच्छाएं पूरी कर लीजिये, फिर बताता हूं आपको कि हनुका क्या चीज है?”

“यह कैसा जीव है? इस पर तो आग का बिल्कुल प्रभाव नहीं पड़ा।” लुफासा ने मन ही मन सोचा और इस बार अपना मुंह खोल हनुका पर बर्फ का सैलाब उगल दिया।

हनुका बर्फ के सैलाब से पूरा का पूरा बर्फ की चट्टान मे बदल गया, मगर फिर एक झटके से हनुका बर्फ को तोड़कर बाहर आ गया।

“यह नकली बर्फ थी और पूर्णतया अशुद्ध थी। मैं तो हजारों वर्षों तक असली बर्फ में सोता हूं। बर्फ से आप मेरा कुछ नहीं बिगाड़ सकते। कोई और शक्ति हो तो उसका प्रदर्शन करिये दैत्यराज?” हनुका ने हंसते हुए कहा।

लुफासा ने इस बार तेजी से आगे बढ़कर हनुका को अपने मुंह में भर लिया और अराका की ओर आगे बढ़ गया। अब लुफासा को अराका दिखाई देने लगा था। वह आसमान से नीचे की ओर उतरने लगा।

उधर ड्रैगन के मुंह में मौजूद हनुका के हाथ के नाखून आश्चर्यजनक ढंग से काफी बड़े हो गये।

हनुका ने अपने नुकीले नाखूनों से ड्रैगन का मुंह ही फाड़ डाला और बाहर आ गया।

मुंह फटने की वजह से ड्रैगन बुरी तरह से घायल हो गया। लुफासा ने यह देख, ड्रैगन के मरने के पहले ही, रुप बदल कर एक छोटी सी चिड़िया में परिवर्तित हो गया।

“अरे वह ड्रैगन की लाश कहां गायब हो गयी ?”

हनुका ने आश्चर्य से इधर-उधर देखा।
तभी हनुका को एक छोटी सी चिड़िया गुरुत्व शक्ति की डिबिया लिये आसमान से नीचे जाती हुई दिखाई दी।

यह देख हनुका का शरीर भी छोटा होकर चिड़िया के बराबर हो गया।

अब हनुका चिड़िया के बगल में उड़ता हुआ बोला- “अच्छा तो आप मायावी राक्षस हो और रुप बदलने की कला भी जानते हो। पर हे दैत्यराज, आप चाहे जितने भी रुप बदल लो, या फिर बड़े-छोटे हो जाओ, पर आप गुरुत्व शक्ति की डिबिया को छोटा-बड़ा नहीं कर सकते। इस प्रकार किसी भी रुप में मैं आपको पहचान जाऊंगा। पर अब मैं आप जैसे मूर्ख पर और समय नष्ट नहीं करुंगा।”

यह कहकर हनुका ने चिड़िया बने लुफासा को एक जोर का घूंसा जड़ दिया।

इतना शक्तिशाली घूंसा खाकर लुफासा पर बेहोशी छा गयी और गुरुत्व शक्ति की डिबिया उसके हाथों से छूटकर जमीन की ओर जाने लगी।

हनुका डिबिया को नीचे गिरता देख, तेजी से डिबिया के पीछे लपका, पर इससे पहले कि हनुका डिबिया को अपने हाथों से पकड़ पाता, वह बहुत तेजी से किसी अदृश्य दीवार से जा टकराया।

टक्कर बहुत भयानक थी। एक पल के लिये हनुका को कुछ समझ नहीं आया।

तभी वह डिबिया भी अदृश्य दीवार से टकरा कर खुल गयी और उसमें से गुरुत्व शक्ति निकलकर तेजी से जमीन की ओर बढ़ने लगी।

हनुका ने अदृश्य दीवार को हाथ से टटोलकर महसूस किया। अदृश्य दीवार को हाथ से छूते ही हनुका आश्चर्य से भर उठा-

“अरे यह तो माता की शक्तियां हैं, पर उनका तो पिछले 20000 वर्षों से कुछ पता नहीं है…… और वह इस अंजान द्वीप पर इतनी दूर कैसे पहुंची? मैं माता की शक्तियों से बने इस अदृश्य कवच को खंडित नहीं कर सकता और वैसे भी अब काफी देर हो चुकी है, अब तक तो गुरुत्व शक्ति भूमि पर गिरकर नष्ट भी हो गयी होगी। लगता है मुझे खाली हाथ ही वापस लौटना पड़ेगा।”

तब तक आसमान से लुफासा भी गायब हो गया था। अतः अनमने मन से हनुका खाली डिबिया को उठा हिमालय की ओर उड़ चला।

माया रहस्य

(19,110 वर्ष पहलेः दि ग्रेट ब्लू होल, बेलिज शहर के पास, कैरेबियन सागर)

सेण्ट्रल अमेरिका यानि कैरेबियन सागर के बेलिज शहर से 70 किलोमीटर दूर, लाइट हाऊस रीफ के पास स्थित है- दि ग्रेट ब्लू होल।

दि ग्रेट ब्लू होल, समुद्र के अंदर लगभग 300 मीटर के क्षेत्रफल में फैली, एक विशाल गोल गड्ढे की आकृति है।

यह विशालकाय गड्ढा पानी के अंदर कैसे बना? यह कोई नहीं जानता। इस गड्ढे का आकार इतना ज्यादा गोल है कि यह मानव निर्मित प्रतीत होता है।

124 मीटर गहरा यह अंडर वॉटर सिंकहोल, विश्व के सबसे खूबसूरत और रहस्यमयी क्षेत्रों में गिना जाता है।

समुद्र के अंदर की ओर इस गहरे गड्ढे में अनगिनत पहाड़ी गुफाओं का जाल सा बना है। किसी को नहीं पता कि इन गुफाओं में किस गुप्त शक्ति का वास है? इन्हीं अंजान गुफाओं के अंदर एक कमरे में कैस्पर, मैग्ना और माया बैठे थे।

“माँ, हमने आपके लिये समुद्र की लहरों पर एक खूबसूरत महल का निर्माण किया है।” मैग्ना ने कहा- “हम चाहते हैं कि अब आप इन गुफाओं से निकलकर हमारे साथ उस खूबसूरत महल में रहें।”
यह कहकर मैग्ना ने अपने हाथ में पकड़ा, रोल किया हुआ एक कागज खोलकर माया के सामने रख दिया।

कागज के टुकड़े पर एक चलता-फिरता महल का त्रिआयामी (3D) चित्र दिखाई दे रहा था।

माया ने एक बार ध्यान से महल को देखा और फिर मुस्कुराई।

तभी वातावरण में माया की आवाज गूंजी- “मुझे खुशी है कि तुम दोनों ने बिना किसी बाहरी मदद के, स्वयं से इतने सुन्दर महल की रचना की। मुझे लगता है कि मैंने तुम दोनों को विद्या देकर कोई गलती नहीं की।
पर....पर मैं तुम लोगों के साथ उस महल में रहने के लिये नहीं चल सकती।”

“क्यों माँ....आखिर ऐसी कौन सी मजबूरी है? जो आपको इन समुद्री गुफाओं से जोड़े हुए है।” कैस्पर ने माया से पूछा- “ऐसा क्या है जिसकी वजह से आप किसी से बात नहीं करतीं ?... किसी से भी मिलती नहीं हैं? आज तो आपको बताना ही पड़ेगा कि आपके इस प्रकार छिपकर समुद्र में रहने के पीछे क्या रहस्य है?”

यह सुनकर माया के चेहरे पर कुछ दर्द के भाव उभरे और फिर वातावरण में माया की आवाज उभरी- “ठीक है बेटा, मैं आज तुम दोनों को अपनी कहानी सुना ही देती हूं। शायद अब ये सबकुछ बताने का उचित समय भी है। तो फिर सुनो मैं तुम्हें आज हिं...दू धर्म की एक कहानी सुनाती हूं।”

“सनातन धर्म के बारे में आप हमें लगभग सबकुछ बता चुकी हैं” मैग्ना ने कहा- “यहां तक कि हम उनके देवी -देवताओं के बारे में भी सबकुछ जानते हैं। क्या आपकी कहानी उससे कुछ अलग है? या कुछ ऐसा है जिसके बारे में हम नहीं जानते?”

पर माया ने मैग्ना के सवालों का जवाब नहीं दिया, उसकी आवाज का गूंजना लगातार जारी था।

“जिधर से सूर्य उगता है, उस____ दिशा में तीन ओर से समुद्र, पहाड़ और बर्फ से घिरा एक उपमहाद्वीप है जिसे हम जम्बूद्वीप के नाम से जानते हैं, वहीं पर पृथ्वी की शुरुआत में ही इस धर्म का उदय हुआ था। इस धर्म के अनुसार पृथ्वी की उत्पत्ति ब्रह्म..देव ने अपने हाथों से की थी। पृथ्वी की उत्पत्ति के बाद ब्रह्म..देव ने मनुष्यों के निर्माण के बारे में सोचा।

इसके लिये उन्होंने बिना किसी स्त्री के, स्वयं के द्वारा कुछ मानसपुत्रों को जन्म दिया। इन्हीं प्रमुख 10 मानसपुत्रों से सृष्टि का प्रारम्भ हुआ। ब्रह्म..देव के एक मानसपुत्र का नाम ‘मरीचि’ था, जिन्हें ‘द्वितीय ब्रह्मा’ के नाम से भी जाना जाता है।

मरीचि के तीन पत्नियां थीं- संभूति, कला और ऊर्णा। मरीचि और कला से ‘कश्यप’ नामक पुत्र का जन्म हुआ। महर्षि कश्यप का विवाह प्रजापति दक्ष की 13 पुत्रियों से हुआ और इसी के साथ सृष्टि के हर जीव का प्रारम्भ हुआ।

महर्षि कश्यप की पहली पत्नि ‘अदिति’ से उत्पन्न हुए सभी पुत्र आदित्य यानि कि देवता कहलाये।

महर्षि कश्यप की दूसरी पत्नि ‘दिति’ से उत्पन्न हुए सभी पुत्र दैत्य कहलाये। इसी प्रकार महर्षि कश्यप की अन्य पत्नियों से बाकी जीवों का उत्पत्ति हुई।

महर्षि कश्यप और दिति के एक बलशाली पुत्र का नाम ‘मयासुर’ था। मयासुर को दैत्यराज भी कहा जाता था। मयासुर भगवान शि..व के बहुत बड़े भक्त थे। मयासुर ज्योतिष और खगोलविद् भी थे। प्रसिद्ध पुस्तक ‘सूर्य सिद्धान्तम’ की रचना मयासुर ने ही की थी। मयासुर के पास पत्थर को भी पिघलाकर आकार देने की शक्ति थी।

मयासुर को इतिहास में अपने एक से बढ़कर एक शहर की रचनाओं के लिए जाना जाता रहा है। एक बार जब देवताओं और दैत्यों के बीच युद्ध हुआ तो महा शि..व ने सारे दैत्यों को जलाकर राख कर दिया। तब मयासुर ने 12 वर्षों तक एक सूखे कुंए मे रहकर तप किया। जिसके फलस्वरुप महाशि..व ने सभी दैत्यों को पुनर्जीवन दान दिया।

जब मयासुर उस कुंए से निकलकर जाने लगे तो उनकी निगाह कुंए में बैठे 2 जीवों पर गई। वह जीव एक मेढकी और एक कोयल थी। दोनो ही जीव कालान्तर में किसी ना किसी श्राप से प्रभावित अप्सराएं थीं, जो कि 12 वर्ष तक मयासुर के साथ शि..व की तपस्या में रत थीं। मयासुर ने दोनों ही जीवों को वापस अप्सरा का रुप प्रदान कर, उन्हें अपनी पुत्री रुप में स्वीकार कर लिया। मयासुर ने मेढकी का नाम मन्दोदरी रखा और कोयल का नाम माया रखा।”

“इसका मतलब आप पहले अप्सरा थीं।” मैग्ना ने कहानी सुना रही माया को बीच में ही टोकते हुए कहा।

“हाँ , मेरा नाम पहले मणिका था, भगवान गणे..श को चिढ़ाने की वजह से उन्होंने मुझे श्राप देकर कोयल बना दिया था।” माया ने कहा और फिर कहानी सुनाना शुरु कर दिया-

“मयासुर ने मुझे और मन्दोदरी दोनों को वचन दिया कि वह हम दोनों का विवाह विश्व के सबसे बड़े शि..व भक्त और महायोद्धा से करेंगे।

मयासुर हम दोनों को ही अपनी कलाएं सिखाने लगे। कुछ वर्षों के बाद मयासुर को पता चला कि किसी महाबली ने शि..व के निवास स्थान कैलाश को भी उठाने की कोशिश की थी। मयासुर ने उस महाबली के बारे में पता किया।

वह महाबली लंका का राजा रावण था। मयासुर ने मन्दोदरी का विवाह रावण के साथ कर दिया। कुछ समय बाद उन्हें एक और महाबली शिवभक्त नीलाभ के बारे में पता चला। उन्होंने नीलाभ के साथ मेरा विवाह कर दिया।

विवाह के पश्चात मुझे पता चला कि नीलाभ समुद्र मंथन से निकले कालकूट नामक विष से उत्पन्न हुआ है, जिस वजह से वह अत्यन्त जहरीला है। अब मैं विवाहोपरांत नीलाभ से सम्बन्ध नहीं बना सकती थी।

तभी मुझे भगवान गणे..श के दिये श्राप का ध्यान आया। उन्होंने कहा था कि शादी के 20000 वर्षों तक मुझे पुत्र रत्न की प्राप्ति नहीं होगी। अब मैं काफी उदास रहने लगी।

नीलाभ ने कुछ दिनों के बाद हिमालय पर एक अद्भुत विद्यालय ‘वेदालय’ की रचना करने का निर्णय लिया, जिसमें पृथ्वी के अलग-अलग स्थानों से छात्र पढ़ने आते और वेदों के द्वारा शिक्षा ग्रहण करते।

मुझे नीलाभ का यह विचार बहुत पसंद आया। इसलिये मैंने 5 वर्षों तक कड़ी मेहनत कर हिमालय पर 15 विचित्र लोकों का निर्माण किया। निर्माण के बाद मैं वापस नीलाभ के महल में आ गयी, पर अब पुत्र के बिना मुझे बेचैनी सी महसूस होने लगी।

अंततः मैंने नीलाभ को चुपचाप छोड़कर जाने का निर्णय किया। एक रात जब नीलाभ सो रहा था, तो मैं चुपके से महल के बाहर आ गयी और सुदूर जंगलों में जा कर भगवान गणे…श की आराधना करने लगी।

800 वर्षों के अथक तप के बाद भगवान ने मुझे दर्शन दिये। मैंने उनसे पुत्र रत्न की कामना की। उन्होंने कहा कि मुझे 20000 वर्षों तक समुद्र के अंदर किसी गुप्त स्थान पर छिपकर रहना होगा और इन वर्षों के अवधि में प्रत्येक दिन विश्व के सबसे जहरीले नाग और नागिन का जहर रोज चखना होगा।

तब जाकर मेरा शरीर नीलाभ के योग्य बन जायेगा और मुझे पुत्र रत्न की प्राप्ति हो जायेगी। मैंने यह बात अपने पिता मयासुर को बतायी। यहां पर भाग्य ने मेरा साथ दिया क्यों कि विश्व का सबसे जहरीला नाग तक्षक मेरे पिता का दोस्त था।

तक्षक सहर्ष ही मुझे अपना विष देने को तैयार हो गया। अब मुझे तलाश थी एक ऐसे स्थान की जो पूर्णतया गुप्त हो और जहां मैं रहकर विष का सेवन कर सकूं। कुछ ही दिनों में मुझे यह स्थान मिल गया ।

मैंने यहां समुद्र की गुफाओं के अंदर अपना महल बनाने का विचार किया। एक दिन एक मनुष्य ने मुझे समुद्र के तट पर देख लिया। वह मुझे कोई देवी समझ मेरी पूजा करने लगा। अब उस मनुष्य को बचाना मेरा कर्तव्य बन गया।

मैंने पानी के तट के पास एक सभ्यता का निर्माण किया। जो बाद में मेरे नाम से ‘माया सभ्यता’ कहलायी। मैंने उस मनुष्य को ज्योतिष और खगोल विज्ञान सिखाया और देवी देवताओं के बारे में बताया।

मुझे इस स्थान पर अपना महल बनाने और माया सभ्यता को विकसित करने में 80 वर्ष लग गये। बाद में मैं इसी महल में आकर रहने लगी।

इन 80 वर्षों में मुझे विश्व की सबसे जहरीली नागिन मिल गयी थी और वह थी गार्गन फैमिली की 3 बहनों में से एक ‘यूरेल’। उस समय तक पर्सियस मेडूसा को मार चुका था। यूरेल मुझे अपना विष देने को तैयार हो गयी, पर एक शर्त के अनुसार मुझे उसके द्वारा दी गयी एक बच्ची को दुनिया से छिपा कर रखना था।

ऐसा वह क्यों कर रही थी? इसका मुझे पता ना चला। मैंने इस शर्त को स्वीकार कर लिया और उस बच्ची को लेकर अपने महल आ गयी। बच्चे वैसे भी मुझे पहले से ही पसंद थे। इस वजह से मैंने उस बच्ची को
अपनी बेटी की तरह पाला और उसका नाम मैग्ना रखा।”

“तो.... तो..... क्या मैं गार्गन परिवार की विषकन्या यूरेल की बेटी हूं?” मैग्ना ने आश्चर्य से पूछा।

“इस बारे में मुझे ज्यादा नहीं पता।” माया ने कहा- “इस बारे में तो तुम्हें यूरेल ही बता सकती है। उसने तुमसे 20 वर्ष तक यह राज छिपाने को भी कहा था।”

“तो अब मेरे बारे में भी बता दीजिये कि मैं कौन हूं?” कैस्पर ने आशा भरी नजरों से माया की ओर देखते हुए कहा।

“अभी इसका समय नहीं आया है कैस्पर।” माया ने कैस्पर की ओर देखते हुए कहा- “तुम्हें अभी थोड़ी और शक्तियां बटोरनी होंगी। उसके बाद ही मैं तुम्हें तुम्हारे बारे में बताऊंगी। अच्छा अब मेरी कहानी छोड़ो, तुम लोग कुछ अपने बारे में बताओ? अब आगे क्या करने का इरादा है तुम लोगों का?”

अचानक कैस्पर को पोसाईडन का ध्यान आया।

“माँ, क्या आप ग्रीक देवता पोसाईडन को भी जानती हो ?” कैस्पर ने माया से पूछा।

“थोड़ा-थोड़ा ही पता है, कुछ खास नहीं।” माया ने अपने चेहरे के भावों को छिपाते हुए कहा।

“माँ, पोसाईडन समुद्र के देवता हैं।” कैस्पर ने कहा- “कल वह हमारा महल देखने आये थे। महल देखकर वह बहुत खुश हुए। अब वह हमसे वैसा ही महल स्वयं के लिये बनवाना चाहते हैं। वह तो आपसे भी
मिलना चाहते थे, पर हमने मना कर दिया। क्या हमें उनका महल बनाना चाहिये?”

“तुम्हारी स्वयं की क्या इच्छा है कैस्पर?” माया ने उल्टा सवाल करते हुए कहा- “क्या तुम उनका महल बनाना चाहते हो?”

“देवताओं का सानिध्य हमेशा फलदायी होता है।” मैग्ना ने बीच में टोकते हुए कहा- “अगर हम उनका महल बनायेंगे तो हम हमेशा देवताओं की नजर में सुरक्षित रहेंगे।”

“हमेशा देवताओं की नजदीकी अच्छी नहीं होती मैग्ना।” माया ने एक गहरी साँस भरते हुए कहा- “ग्रीक देवताओं का कुछ पता नहीं रहता ? कि वह कब दोस्त से दुश्मन बन जायें और तुम पर ही हमला करने लगें।”

“मैं कुछ समझा नहीं ।” कैस्पर ने चकित होते हुए कहा- “क्या देवताओं की भविष्य में हमसे कोई दुश्मनी भी हो सकती है माँ ?”

“भविष्य को किसने देखा है, भविष्य में तो कुछ भी छिपा हो सकता है?” माया के शब्दों में रहस्य ही रहस्य नजर आ रहा था- “पर ठीक है अगर तुम लोगों ने पोसाईडन का महल बनाने का विचार कर ही लिया है,
तो एक बात ध्यान से अवश्य सुन लो।

तुम लोग देवताओं के लिये जिस भी प्रकार के भवन, महल, शहर या द्वीप का निर्माण करोगे, उसमें कुछ ना कुछ ऐसी शक्तियां जरुर छोड़ दोगे, जो किसी की भी जानकारी में नहीं रहेगी, परंतु समय पड़ने पर उस महल का अधिकार, उस गुप्त शक्ति की वजह से आसानी से तुम्हारे हाथ में आ जाये। तब मुझे तुम्हारे किसी भी निर्माण से कोई आपत्ति नहीं होगी।”

“ठीक है माँ, हम आजीवन आपकी इस बात का ध्यान रखेंगे।” मैग्ना ने कहा।

कैस्पर ने भी मैग्ना की बात पर अपनी सहमति जताई।

“चलो ! अब बातें काफी हो गयीं। मैंने तुम लोगों के लिये आज अपने हाथों से तुम्हारी पसंद का भोजन बनाया है। चलो उसे खाते हैं।”

माया यह कहकर कमरे के अंदर की ओर चल दी। कैस्पर और मैग्ना भी खुश हो कर माया के पीछे चल दिये।


जारी रहेगा_______✍️
 

Raj_sharma

यतो धर्मस्ततो जयः ||❣️
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avsji बन्धु आपका तर्क स्वीकारणीय है लेकिन अकाट्य नहीं।
वास्तव में किसी भी
उपलब्ध इतिहास, प्रसिद्ध व्यक्ति और सामाजिक व्यवस्था से पहले भी संस्कृति, परम्परा और समाज होता था।
Raj_sharma भाई अपनी संस्कृति दूसरे पर थोप रहे हैं ऐसा आपको लगा, लेकिन मुझे इसका दूसरा पहलू जो समझ आया, आपके सामने रख रहा हूं, पढ़कर अपने विचार अवश्य व्यक्त करें
सम्पूर्ण पृथ्वी पर समान संस्कृति या सभ्यता थी, समय के साथ नये सामाजिक, सांस्कृतिक व साम्प्रदायिक समूह बनने पर उन समूहों ने सभ्यता या संस्कृति को अपने अपने ज्ञान और अनुभव के आधार पर अलग-अलग रुप में परिभाषित किया जिससे अलग-अलग शब्दों में एक ही बात को कहा जाने लगा और साधारण मनुष्यों ने उनको अलग-अलग ही सभ्यता मान लिया।
विदेशी सभ्यताओं के ऊपर कुछ साम्प्रदायिक समूह इतने हावी हो गये कि वहां के आमजन उन सम्प्रदायों के संस्थापकों और पुस्तकों को ही सभ्यता और संस्कृति का सृजन मानने लगे और उनके पूर्व की सभ्यता-संस्कृति का अस्तित्व ही मानने को तैयार नहीं।
जबकि भारतीय सनातन संस्कृति से जुड़े ज्यादातर लोग आज भी संस्कृति, परम्परा, सभ्यता को अपने आराध्य व्यक्ति और पुस्तकों से प्राचीन मानते हैं
इसीलिए उनकी सभ्यता की कहानी 1500-2000 साल पहले जन्मे व्यक्ति और उसकी लिखी पुस्तक पर समाप्त हो जाती है जबकि हम सांस्कृतिक इतिहास को किसी विशेष क्षेत्र, व्यक्ति या पुस्तक से भी पहले सम्पूर्ण पृथ्वी ही नहीं सम्पूर्ण विश्व तक गणना करते हैं सृष्टि काल से....
जो शर्मा जी यहां कर रहे हैं।

शब्दों का फेर है पोसाइडन कहो या वरुण, जैसे ऑसन कहो या समुद्र....मूल में तत्व तो एक ही है

nice update. maya mahal ko Casper aur magna ne banaya hai ,jiski security khud samudra ka devta posaidon bhi nahi tod paya .
mahal ki sunderta ka varnan bahut achche se kiya hai .
posaidon bhi waisa hi mahal apne liye banana chahta hai par Casper aur magna pehle apne gurumata se baat karna chahte hai .
dekhte hai ye gurumata kya hai jo samudra ki gufa me rehti hai par abtak uska pata posaidon ko bhi nahi hai .

सबसे पहले तो एक बार फिर से इस पोसाइडन महाराज की - :hammer: यह देवता तो आदमी छोड़ो राक्षस से भी अधिक हैवान है । इसे वहां के लोगों ने देवता कैसे मान लिया !
इस बार उसने जलपरियों के साथ धृष्टता करी और उन्हे शायद मार भी डाला । यह व्यक्ति खुद को समुद्र का देवता कहता है और इसे यह भी पता नही है कि समुद्र के अंदर कुछ गुफाएँ भी है ।

समुद्र के देवता हमलोगों के लिए वरूण है । इन्हे भी एक बार अपने शक्ति पर अभिमान हो गया था लेकिन सिर्फ अभिमान ही हुआ था और कोई गलत विकार पैदा नही हुआ था । सिर्फ इस घमंड की वजह से प्रभु राम इन पर क्रोधित हो गए थे और समुद्र का अस्तित्व ही समाप्त करने पर उतारू थे । लेकिन जल्द ही वरूण को अपनी गलती का एहसास हो गया ।
" विनय न मानत जलधि जड़ , गए तीन दिन बीति ।
बोले राम सकोप तब , भय बिनु होइ न प्रीति ।। "

और जहां तक बात है लंका की , लंका का निर्माण भोलेनाथ के निर्देश पर विश्वकर्मा ने किया था । लेकिन पुलस्तय ऋषि के पुत्र विश्रवा मुनि लोभ मे पड़कर लंका को खुद के लिए मांग लिया । बाद मे इन्होने इसे अपने पुत्र कुबेर को सौंप दिया । इन्ही विश्रवा मुनि की दूसरी पत्नी कैकसी से उत्पन्न रावण ने आगे चलकर इस लंका को कुबेर से छीन लिया था ।
कैकसी मायासुर की पुत्री थी ।

इन विषय पर बहुत लंबी चर्चा हो सकती है लेकिन प्रोब्लम यह है कि इसके लिए यह फ्लैटफार्म सही नही है ।

खैर , देखते है कैस्पर और मैग्ना इस तथाकथित समुद्री गाॅड पोसाइडन का सामना किस तरह से करते है !

खुबसूरत अपडेट शर्मा जी ।

बहुत ही सुंदर लाजवाब और अविस्मरणीय अपडेट है भाई मजा आ गया
बडा ही जबरदस्त अपडेट

बहुत ही सुंदर लाजवाब और अद्भुत अप्रतिम रोमांचक अपडेट है भाई मजा आ गया
एक के बाद एक नये नये रोमांचक प्रसंग ,
वाह भाई वाह जबरदस्त अपडेट
अगले रोमांचकारी धमाकेदार अपडेट की प्रतिक्षा रहेगी जल्दी से दिजिएगा


उन्नीस हज़ार साल पहले के जहाज़ का नाम अंग्रेजी भाषा पर नहीं हो सकता, क्योंकि अंग्रेज़ी ठीक से बनी (organised) कोई छः सात सौ साल पहले, और उत्पत्ति में आई कोई डेढ़ हज़ार साल पहले! उसी तरह मीटर शब्द की उत्पत्ति भी कोई ढाई सौ साल पहले हुई। इसलिए माया किलोमीटर जैसे शब्द का प्रयोग नहीं कर सकतीं।
लेकिन मैं बूढ़ी सास की तरह बाल की खाल नहीं उखाड़ूँगा... यह व्यर्थ की बहस हो जाएगी। 😂 पहले ही आपका मन खट्टा कर चुका हूँ, पिछले कमेंट से!

ज़ीउस और हेड्स दोनों भाई थे - मतलब सोफ़िआ और मेरॉन दोनों कजिन हैं।
लिहाज़ा कैस्पर में भी दैवीय शक्तियाँ होनी चाहिए।

मणिका ने भी क्या पंगा ले लिया - जिस देवी की स्तुति करने आई थी, उसी के बालक को बुरी भली बातें बोल दीं।
घंटा कोई वरदान मिलने वाला है देवी से। उल्टा गणेश जी ने दण्ड अलग से दे दिया।
वैसे मणिका और गणेश भगवान वाले एपिसोड और कैस्पर वाले एपिसोड में 900 साल बीत गए हैं।

क्या मणिका और कैस्पर की शादी होगी? [आकाश का राजा + स्वर्ग की अप्सरा]
अगर हाँ, तो आधुनिक काल में उनका पुत्र कौन होगा? रोचक!

बहुत ही बढ़िया लिख रहे हो राज भाई। 👏👏

Wonderful update brother!!

Lekin kuch baat clear kar do.

Pahli baat Maya jahan rehti hai wo jagah manushya aur devta ke pahuch se bahar hai phir Maya kya hai???? Kya wo manushya aur devta dono nahi hai????

Dusri baat Poshaidan ka trishul jo hai wo gold ki bani hai???? Pahle jo weapons hote the* wo gold se banti thi kya????

Tisri baat yadi Poshaidan se samudra mein koi jagah chhupa hua hai matlab Shefali aur Suyash ke liye aur bhi jyada mystery se bhara hone wala hai ye Maya mahal ki journey ya phir wo sab samudra ke andar dakhil nahi hone wale hain????

Ek aur baat jahan tak mujhe yaad hai Casper aur Mahashakti Megra ne Mayavan ka nirman kiya hai phir bhi Casper ek sadharan insaan kaise ho sakta hai????

Gazab ki update he Raj_sharma Bhai,

Lambodar ke dwara Manika ko shraap dene ki katha bhi bahut hi rochak thi.............

Casper to apne dada ke krodh se bach gaya, aur sath hi sath Maron aur Sophiya bhi

Maya ne bacha liya in tino ko................aur abhi to casper ki bahan ko bhi paida hona he.............

Jiske sar par Mahadev ka haath ho uska koi kya bigaad sakta he

Superb Bro, simply outstanding

Bhut hi badhiya update
Kahani ke pahle baag ka ek sankshipt varnan diya gaya hai
Agle update ki pratiksha rahegi

Bahut acha update aapne supreme ka saransh bhi de diya

Nice update👌

अटलांटिक सागर और भूतकाल मे कभी बसी हुई एक उन्नत सभ्यता अटलांटिस, अपने आप मे ही रहस्यों की खान मानी जाती है। और अब शैफाली के तकिए के नीचे उसी सभ्यता के सिक्के का मिलना नये रहस्यों को जन्म दे रहा है।सूर्य की वो टैटू का विवरण पढकर ही मेरे मन में सूर्यवंशी आ गया था, और सुयष ने खुद अपने सूर्यवंशी होने की बात कही। अटलांटिस नाम पर ही ढेरों फिल्में बनी है, जिनमे से एक फिल्म (Journey 2: The Mysterious Island) याद आ गया ।
सुप्रीम अब नए रहस्यों की ओर बढ रहा है, सफर मे मजा आयेगा ही।
अपडेट हमेशा की तरह लाजवाब है।

nice update

Bahut hi badhiya update diya hai Raj_sharma bhai....
Nice and beautiful update....

Nice update....


Bahut hi badhiya update diya hai Raj_sharma bhai....
Nice and beautiful update....

@Raj_sharma bhai

शानदार धमाकेदार स्टोरी!
क्या कमाल का आइडिया क्रिएट किया है!
ग्रीक माइथोलॉजी और भारतीय प्राचीन हिन्दू शास्त्रों का ऐसा गजब कॉम्बिनेशन बैठाया है कि दिल खुश हो गया।
इसे ही कहते हैं क्रिएटिव लिबर्टी का सही उपयोग।
धार्मिक चीजों को प्रस्तुत करना हमेशा एक चुनौती होती है, लेकिन आपने इसे बड़े ही अनूठे और संतुलित तरीके से दिखाया है।

अब बात करते हैं – पार्ट 2’ की... यानी 'एटलांटिस के रहस्य' की।

शाफाली:
शाफाली की आंखों का दिव्यवृक्ष द्वारा सही हो जाना और पिरामिड रूपी पर्वत का उसके लिए झुक जाना यह संकेत देता है कि शाफाली इस द्वीप के नजरिए से बेहद महत्वपूर्ण है।
क्या शाफाली का कोई गहरा संबंध है महाशक्ति मेग्रा से?
क्या शाफाली ईश्वर का अवतार है?
आख़िर क्यों शाफाली सभी को चौंका देती है?

सयुश:
अब सयुश का रहस्य खुल चुका है।
सयुश असल में आर्यन का पुनर्जन्म है और आर्यन को अमरत्व प्राप्त करना था।
क्या 5000 साल पहले आर्यन को अमरत्व मिल गया था? अगर मिला भी हो तो क्या उसने उसे अपनाया था?
ये अब भी एक रहस्य है।

शलाका:
द्वीप की देवी और आर्यन की प्रेमिका।
जेम्स और विलमर के कारण शलाका पत्थर की मूर्ति से मुक्त हो गई।
लेकिन सवाल उठता है — अतीत में शलाका के साथ क्या हुआ था?
क्या आर्यन और शलाका एक-दूसरे के हो पाए थे या फिर उनके बीच आकृति आ गई थी?

व्योम:
व्योम तो इस कहानी का सबसे अलग ही किरदार है।
जहां सब लोग एक ग्रुप में सर्वाइव कर रहे हैं, वहीं व्योम अकेला, बिना किसी मदद के जीवित है।
जिस तरह से व्योम को दिखाया गया है, उससे साफ है कि व्योम इस कहानी में बहुत ही खास और रहस्यमयी किरदार है।
क्या रहस्य है व्योम का?
क्यों नियति उसे इस द्वीप पर ले आई?
और सबसे बड़ा सवाल — व्योम आखिर गया कहां?

वेगा:
वेगा की एंट्री कहानी की शुरुआत में ही हो जाती है।
पर सवाल ये है कि उसे द्वीप से दूर क्यों रखा गया?
और ये ‘जोडियक वॉच’ वाकई में कमाल की चीज़ है।

फिलहाल का ट्रैक ‘कैपसुर’, ‘मेग्रा’ और ‘देवी माया’ पर केंद्रित है।

अराका द्वीप की दो जातियां:
सेनोरे और समारा।
सेनोरे के नेता 'मकोटा' और एलियन 'जाइगन' दोनों बुराई के पक्ष में हैं।
वहीं समारा की ओर से युगाका और क्लाट अच्छाई के प्रतिनिधि हैं।
यानी दोनों जातियों के बीच युद्ध निश्चित है।

अब तक बहुत से सवालों के जवाब मिल चुके हैं:

  • लॉरेन का कातिल तौफीक था।
  • लॉरेन की लाश कौन ले गया, यह भी पता चल गया।
  • असलम ही वो शख्स था जिसकी वजह से सुप्रीम इस मुसीबत में फंसा।
  • सयुश की सच्चाई सामने आई।
  • जेक, क्रिस्टी के पिता का हत्यारा था।
  • सुप्रीम को कैसे गिराया गया, ये भी पता चला।
  • मारिया को कौन ले गया।
  • हरे कीड़े की मिस्ट्री क्या है।
  • रॉजर जिंदा है और वही ‘सुनहरा मानव’ बना था।
अब टीम में बचे हैं:
अल्बर्ट, जेनिथ, तौफिक, क्रिस्टी, सयुश और शाफाली।
एलेक्स, ब्रैंडन, जॉनी, ब्रूनो — सब लापता हैं।
संभावना यही है कि शाफाली और सयुश तो ज़िंदा बचेंगे ही।
अल्बर्ट भी टीम के लिए अहम है, तो उसके बचने की उम्मीद है।
और आख़िर में जेनिथ भी शायद जिंदा बचे।
बाकी सभी की मृत्यु तय लगती है।

युगाका, सयुश की टीम की परीक्षा ले रहा है कि क्या वे इस तिलिस्म को तोड़ने योग्य हैं।

जेनिथ के पास एक यंत्र (नक्षत्र) है जिससे भूतकाल में घटित घटनाएं देखी जा सकती हैं।

इस द्वीप पर कई विचित्र और रहस्यमयी चीजें हैं
मायावीवृक्ष, मगरमानव, दलदल, पिरामिड, लंबी घास — और न जाने क्या-क्या।

यति (हनुका), लुफासा के पीछे गया है गुरुत्व तत्व को वापस कैलाश पर लाने के लिए।

जॉनी ने क्रिस्टी के पिता की हत्या में अहम भूमिका निभाई थी, इसीलिए क्रिस्टी ने उसे आग में ढकेल दिया।

पोसेडियन निकला बेहद नीच किस्म का इंसान।
ऐसे इंसान को भगवान किसने बना दिया?

फिलहाल पोसेडियन और झेउस, सोफिया और मोरैन के पीछे हैं
जाइगन एलियन हरे कीड़े के माध्यम से मृत शरीर इकट्ठा कर रहा था, किसी प्रयोग के लिए।
जाइगन कोई छोटा खिलाड़ी नहीं लग रहा है — वह मानवता के खिलाफ एक बड़ा षड्यंत्र रच रहा है।

कुल मिलाकर कहानी कमाल की है!
एक जहाज से शुरू हुई यात्रा कहां से कहां पहुंच गई — ये सोचा भी नहीं था।
मज़ेदार स्टोरी जिसमें थ्रिल, फैंटेसी, मैजिक, माइथोलॉजी, और साइंस-फिक्शन का अद्भुत संगम है।

माफ़ी चाहूँगा देर से रिव्यू के लिए , कहानी पढ़े एक हफ्ता बीत गया लेकिन साइट इशू केे चलते review पोस्ट ही नहीं हो रहा था |

Bhai read krne aaye kese, jab aaye tab forum chali jati hai, kabhi kabhi to lagta hai me hi panoti hu kya🤣🤣🤣🤣

Update posted friends :declare:
 
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