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जोरू का गुलाम भाग २४५ , गीता और गाजर वाला, पृष्ठ १५२४
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Naya update kab milega mahina hone ko aya mam
Bas isi week men, abhi tak views lagbhag ruke the lekin ab readers bhi lautne lage hain, bas final touch kar rhi hun, do chaar din men aa jaayega naya updateNaya update kab milega mahina hone ko aya mam
Thanks so much, welcome back to thread, next post soonAwesome,Jabardast, gazab ,tharki update didi
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aappke comment aur support ke bina story likhne men maza nahi aa taaAwesome,Jabardast, gazab ,tharki update didi
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मान गए कोमलजी. उनपर नजर रखी जा रही है. इसका ब्यौरा आप ने बड़ी इरोटिक अबदाज़ मे पेश किया.मेरा मरद -नम्बरी ठरकी
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" फर्स्ट असेसमनेट यह है की सब्जेट आफ इंक्वायरी ' ए ' पक्का ठरकी है. उसे एकदम कच्ची उमर की लड़कियां या बड़ी उमर की औरतों पसंद आती है "
मैंने कस के इन्हे पकड़ा जोर से चुम्मा लिया और अपना असेसमेंट बताया, जोर से धक्का मार के, और आधा मूसल मेरे साजन का अंदर,
" रिपोर्ट बनाने वाले ने रिपोर्ट एकदम सही बनायी है मैं हंस के बोली, लेकिन ये सुनने के हालत में कहाँ थे, जिस चीज के लिए पहले दिन से लुभाये थे, टॉप ऊपर उठा के दोनों जोबन अब इनके हाथ में और ये कस कस के मसल रहे थे,
मल्टी टास्किंग में हम दोनों पक्के थे, कितनी बार किचेन में खाना बनाते समय, बाथरूम में नहाते समय, एक बार तो इनकी आफिस की कोई कांफ्रेस चल रही थी, उसमे खाली ऊपर का ही तो दिखता है, तो इन्हे तंग करने के लिए झुक के मैंने चुसम चुसाई शुरू कर दी,... २५ मिनट की कांफ्रेस और पूरे २५ मिनट तक मैंने चूसा और पानी सब मेरे मुंह में
तो फिर एक बार मल्टी टास्किंग,... हम दोनों वो रिपोर्ट भी सुन रहे थे और मस्ती भी, हाँ मैंने उन्हें बोल दिया था, नीचे से धक्के वो नहीं मारेंगे मैं ही ऊपर से ऊपर नीचे होकर इनकी गोद में बैठ के,... रिपोर्ट इन्होने पॉज कर दी थी, दस बारह धक्के जोर जोर के और ये पूरे अंदर थे फिर मैंने रिपोर्ट स्टार्ट कर दी,
क्या स्साली रिपोर्ट थी, पूरी जन्म कुंडली,
" ए " ठरकी पूरी तरह है। पांच सालों की इंटरेनट साइट सर्च के आधार पर यह कन्फर्म है की उसकी आधी से ज्यादा सर्च पोर्न साइट्स की होती थी, पर पिछले ८-१० महीने से इसमें गिरावट है। रिपोर्ट में पांच साल में जिस जिस साइट पर उन्होंने मैक्स टाइम बिताया था उन का भी उल्लेख था. इसके बाद रिपोर्ट में यह भी था की ठरकीपन के बावजूद, झिझक संकोच और इंशियेटिव में कमी के कारण, थोड़ा इंट्रोवर्ट होने के कारण ये न ज्यादा फ्लर्ट करता है न लड़कियों को पटाने की कोशिश कर पाता है।
रिपोर्ट में गुड्डी का भी जिक्र था और पूरे डिटेल में, दो चार पिक्स भी थे इनके साथ, यहाँ तक की इनके क्रेडट कार्ड की जो एनलिसिस थी में उसके गुड्डी के निप्स में जो रिंग लगे थे उस के खर्चे का भी डिटेल था, डाक्टर का भी कंप्यूटर हैक कर के ये भी था की गुड्डी को हार्मोनल आई यू डी लगी है इसका मतलब की इन के सेक्स संबंध अपनी छोटी बहन से हैं। जिससे उसके ठरकीपन की हद पता चलती है. रिपोर्ट में गीता का भी नाम था, और ये भी की काम वाली की लड़की, जिस तरह से " ए " से बात करती हैं, गाली देकर और " ए " जिस तरह रिएक्ट करता है उससे भी उसके सेक्स ऑब्सेस्ड होने का पता चलता है। दूसरे ये भी की लड़कियां औरतें जो थोड़ी भी डॉमिनेटिंग होती हैं उनसे ये दब जाता है बल्कि उसे अपने घर वालियों के बारे में सेक्सी बातें सुनना अच्छा लगता है।
रिपोर्ट में " ए " के सस्पेक्ट होने के खिलाफ तीन बातें थीं
और सबसे बड़ी बात थी ठरकी होना, ऐसा आदमी इस तरह का ऑपरेशन नहीं लीड कर सकता।
और उसी के साथ उनके इन्हिबिटेड और इंट्रोवर्ट होने की बात जुडी थी।
आर्गनाइज़ेशन चार्ट, पे स्ट्रक्चर सब की स्टडी के बाद इन्हे मिडल मैनेजमेंट में माना गया था जो वैसे तो कारपोरेट और ग्लोबल एडमिन से इंटरैक्ट करता है लेकिन डीसीजन मेकर नहीं है , इसलिए भी इस तरह के आपरेशन को नहीं लीड कर सकता,
पर इन के खिलाफ भी तीन बातें थीं उस रिपोर्ट में
ये तीन दिन आफिस से गायब थे और न आफिस में इनकी कोई छुट्टी सैंक्शन थी न ड्यूटी।
दूसरी बात रिपोर्ट वालों ने मुंबई के सारे रोड ट्रैफिक, रेलवे प्लेटफार्म के सी सी टीवी हैक किये थे, और उसमे ये दो बार रेलवे स्टेशन पर दिखे थे, एक बार बॉम्बे जिमखाना मे, लेकिन किसी में न तो इनका फेस क्लियर था और न ही चाल, हाँ फीचर से करीब २४% मैचिंग थी, जो कन्फर्म नहीं करती थी पर एक शक पैदा करती थी।
तीसरी बात रिपोर्ट वालों ने इनके आई आई टी के समय के रिकॉर्ड्स एक्सेस किये थे और उसमें इनकी आई क्यू का डाटा था जो एबनॉर्मली हाई था और इनोवेटिव थिंकिंग में इन्हे, . ००१ % में रेट किया गया था।
इसलिए शक की सुई इनकी ओर घूमी थी।
रिपोर्ट में रिकमेंड ये किया गया था की अगले दस दिन तक इनका डीप एक्टिव सरवायलेंस किया जाए, जिससे यह साफ़ साफ़ पता लग जाये,
और उस रिपोर्ट की हर २४ घण्टे में अनॅलिसिस की जाय, सारे लोगों के फोन ट्रैक किये जाएँ ( मतलब मैं, गुड्डी, इनकी सास और मेरी सास ) अगर यह अंदाज लगता है की ' ए ' की एक्टिवटी ठरकी की है तो सस्पिशन लेविल लो किया जा सकता है।
परसेंट में अभी ६४ % शक इनके ऊपर था और लेवल ऑरेंज था यानी रेड के ठीक नीचे।
अब मैं समझ गयी,
क्योंकि शक इनके बाहर जाने से हुआ इसलिए अगले १५ -२० दिन इनका बाहर जाना बंद, हो सके तो . …मेरा तो फायदा था।
कुल मिला जुला के न सिर्फ ये बल्कि मैं और सभी लोग जबरदस्त सरवायलेंस पर होंगे, जो इनके पीछे पड़ने वाले, एक दिन में इतनी जबरदस्त इनकी कुंडली तैयार कर सकते हैं, तो अब तो वो सब कुछ करेंगे, हैकिंग, पीछा करो, लेकिन मजेदार बात ये है की उनका टारगेट सिर्फ ये होगा की ये लड़का असल में कितना ठरकी है, सेक्स के प्रति कितना ऑबसेस्ड है और कितना सब्मिसिव है।
ठरकी होना, सेक्स में लगे रहना और सब्मिसिव होना, इनके ऊपर के शक को कम करेगा और जल्द ही वो सरवायलेंस ख़तम होगा, लेकिन दस दिन तक तो,
और मेरा काम था इस ठरकी को महा ठरकी बनाना इन पद्रह बींस दिनों में और न सिर्फ बनाना बल्कि दिखाना भी कर लो इनके फोन से मेरे फोन से, कैमरे लगा के जासूसी , जब तक मैं हूँ मेरे मर्द का बाल क्या कोई झांट भी नहीं टेढ़ी कर सकता ( इसलिए की ये और मैं दोनों चिकनी चमेली रखते थे, इनका मैं साफ़ करती थी और ये मेरा, गुड्डी की तो मैंने वैक्सिंग ही करा दी थी ).
और शुरुआत मैंने उसी समय कर दी।
तो उस ठरकी को महा ठरकी बनाने के लिए, मैंने काम शुरू कर दिया,..
मान गए. यह तो ठगाराकपन का पीएचडी है. अब समज़ आया. मुंबई जीमखाना और मेट्रो, रेलवे की फूटेज से यहाँ की फेस रीडिंग मैच नहीं होनी चाहिये. नजर रखी तो जा रही है. पर क्या गुमराह किया है. ऊपर से इनकी माँ बहन और और अपने ससुराल वालों की माँ बहन जो तुमने एक की है जबरदस्त माझा आ गया.महाठरकी
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और एक बात और थी की दो लोग जो थोड़ी देर पहले उस टूटी दीवाल के पास चक्कर काट रहे थे, वही दोनों एक बार फिर दिखे, और अबकी उन्होंने मोबाइल की लाइट भी ऑन कर दी थी, हमारे पास की झाडी में फोकस करके,... जैसे वहां कोई खोयी हुयी जादुई अंगूठी ढूंढ रहे हों,... थोड़ी देर पहले ही ये दोनों यहीं चक्कर काट रहे थे, मेरा शक्क गहरा होगया,....
लगा जोबनवा क धक्का बलम कलकत्ता चले गए,
बस उसी तरह के जोबन का धक्का मैंने बलम जी के सीने पर मारा, बटन दब कर ऑफ मोड में उस डिवाइस का चला गया और जोर से मैंने उन्हें गरियाया,...
" बाकी का अपनी महतारी के लिए बचा के रखे हो,... दो तीन इंच, उस छिनार का २-३ इंच से का होगा, उसे तो गदहा घोडा चाहिए, जिसे घोंट के तुझे जना। "
महतारी की ऐसी गारी सुन के किसे जोश नहीं आ जाएगा और ये गारी सिर्फ इन्होने नहीं जादुई अंगूठी वालों ने पक्का सुनी होगी।
नीचे से उन्होंने धक्का मारा, ऊपर से मैंने, और एकदम जड़ तक अंदर,... मैं जोर से सिसकी, इस लिए नहीं की इन जादुई अंगूठी ढूंढने वालो को पता चले बल्कि जैसे ही उनके मोटे सुपाड़े की हथौड़े जैसी चोट मेरी बच्चेदानी पर पड़ी, सिसकी निकल गयी, पूरे चार दिन हो गए थे, यह चोट खाये, शादी इसलिए कोई करता है क्या,
और मैं भी अपनी माँ की बेटी, जड़ तक घुसे खूंटे को मैंने निचोड़ना शुरू कर दिया, फिर ऊपर से नीचे तक, पूरा निचोड़ते हुए थोड़ा थोड़ा मूसल के बेस से ढीला करती फिर निचोड़ने लगती, इनकी भी हालत खराब,
अब सरवायलेंस वाले गए माँ चुदाने , जबरदस्त धक्के नीचे से वो लगा रहे थे, ऊपर से मैं, ... मैंने उनकी शर्ट के बटन खोल दिए थे और जोबन सीधे सीने से रगड़ खा रहा था, ... किसी को देखना है तो देखे, सुनना है तो सुने, ब्याह के आयी हूँ , मेरा मरद जो करूँ उसके साथ जहाँ करूँ,....
" उफ़ ओह्ह्ह हाँ बड़ा मजा आ रहा है मेरे राजा ऐसे ही चोद कस के तो तुझे हफ्ते भर के अंदर तेरी महतारी भी दिलवा दूंगी, पेलना कस के, स्साले बहन चोद लिए, भौजाई चोद लिए अब महतारी क्यों बचे, गौने की रात याद आ जायेगी, भूल जाएंगी तेरे मामा को "
मोबाइल वाली लाइट थोड़ी दूर चली गयी थी।
दस पंद्रह मिनट तक सब कुछ बिसरा के उनकी पिया गोद में बैठ के ब्याहता का सुख ले रही थी।
लेकिन एक पोज में तो न इन्हे मजा आता है, न मुझे और असल में मैं भी यही चाहती थी की अब कमांड ये अपने हाथ में ले, और एकदम ट्रेडिशनल पोज, बस जरा सा धक्का दिया इन्होने मैंने हरी घास पे और मुझे पेड़, हरी हरी पत्तियां और उनके बीच से झांकता नीला आसमान और उसकी गोद में खिलवाड़ करते गगनविहारी बादल, और फिर मेरी टाँगे उठीं, सीधे मेरे पति के कंधे पर, मैंने खुद जाँघे अपनी फैला दीं, जैसे साजन से मिलने के लिए सजनी बांहे फैलाये,
और क्या करारा धक्का मारा उन्होंने, हथौड़ा मेरी बच्चेदानी पे
मेरी चीख निकल गयी, उयी उईईई, और उस स्कूल की लड़की की निगाह भी मेरी ओर पड़ गयी, हम दोनों एक ही नाव में थे, जम के चुद रहे थे, मुस्करा रहे थे,
और उन्होंने मेरे दोनों जोबन मसलते हुए कस के गाल काट लिए, तो मैं क्यों छोड़ती मैंने अपने लम्बे नाख़ून इनकी पीठ में धंसा दिए और बोली,
" स्साले, दिखा दे अपनी ताकत, और डरने के कोई बात नहीं, कोर्ट ने बोल दिया है अडल्ट लोगों के मामले में पुलिस भी बोल नहीं सकती, मैं हम दोनों का आधार कार्ड, पैन कार्ड, हाईस्कूल का सर्टिफेकट सब डिजिटिल लॉकर में लायी हैं और सबसे बड़ा सर्टिफैक्ट, पचास और सौ के नोट , कोई नहीं पूछेगा इस पार्क में "
खूंटा पूरा अंदर घुसा था, वो बेस से मेरी क्लिट रगड़ रहे थे, मैं मस्ती से पागल हो रही थी और ऊपर से वो और उकसा रहे थे
" क्यों आ रहा हैं मजा, बोल, बोल ने मेरी जानू "
" हाँ, बाबू हाँ, हाँ और कर, आज कर ले अपनी मस्ती, इत्ते दिन से तू चक्कर काट रहा था, चल तू भी क्या याद करेगा " ये थोड़ी दूर पे चुद रही लड़की बोल रही थी। मैं नहीं
मैं तो सिर्फ धक्को का जवाब धक्को से दे रही थीं
हम दोनों साथ साथ ही झड़े,... आराम आराम से उन्होंने बाहर निकाला
और मैं उछल के गोद से उतर गयी, स्कर्ट और टॉप का यही फायदा है, ढकने वाली चीज अपने आप ढक गयी, ढक्क्न मैंने न नीचे लगाया था न ऊपर,
उनका हाथ पकड़ के उनके सहारे मैं चल रही थी, वो दोनों ईंटो की दीवाल के पीछे,... वही दोनों, जिन पर हमें शक था की पीछा करो टाइप वाले हैं
मैंने एक बार फिर अपने साजन को चूम के बोला,... " यार स्साले इत्ता मजा तो हनीमून में भी नहीं आया था,.. एकदम खुली हवा में मस्ती, मन करता है हफ्ते दस दिन में यहाँ एक चक्कर,... "
" हफ्ते दस दिन में क्यों, ... अरे हफ्ते में दो चार बार, पंद्रह बीस मिनट तो लगते हैं घर से आने में पार्किंग का झगड़ा है तो स्कूटर ही सही है " वो स्कूटर पर चढ़ते हुए बोले,
उनके पीछे उछल के बैठती मैं बोली, उनके कान में,
" यार जानते हो वो दोनों मुझे गांडू लग रहे थे, गाँड़ मारने मराने के चक्कर में, जब मैं निकल रही थी तो एक ने बोला चल जगह खाली हो गयी अब अपन अपना काम शुरू करते हैं "
लेकिन उनका शक कायम था, वो हलके से बोले,
"यार हो सकता है वो दोनों तुझे सुनाने के लिए ये बोल रहे हों, वरना इस पार्क में जगह की क्या कमी, दर्जनों जगहें है आड़ की और देर शाम को तो वैसे ही लोग कम हो जाते हैं "
हम लोगों ने पूरी प्रीकाशन बरती थी, अपनी कार के बदले किसी से मांग के स्कूटर ले आये,
यहाँ तक की रस्ते में लौटते हुए भी एक दूकान से मैंने टॉप और स्कर्ट ख़रीदा और इन्होने भी एक पैंट और टी,... और अपने कपडे लांड्री को दे दिए। अगर कोई कीड़े वीडे ( बग्स ) तो ड्राई क्लीनिंग में साफ़,... क्या पता जो पीछा करो वाले थे उन्होंने कोई बग हम लोगो के स्कूटर की सीट पे चिपका रखा हो और वहां से हमारे कपड़ो में चिपक गए हों , इसलिए एक्स्ट्रा प्रिकॉशन
लेकिन इन्होने बात साफ़ की,
देखो बग से बचत थी की पति पत्नी की बात तीसरा न सुने और जहाँ तक हमारी लोकेशन की बात है उससे बचना मुश्किल है। अगर उन्होंने सड़क के और बाकी सी सी टीवी हैक किये हैं तो बस फेसियल रिकॉग्निशन सिस्टम, आर्टिफिशयल इंटेलिजेंस और बिग डाटा का कॉम्बो, मिनट भर में उन्हें पता चल गया होगा की हम इस पार्क में हैं, फिर उन्हें आदमी भेजने में , आदमी को हमें ढूँढ़ने में आधा घंटा लगा होगा, लेकिन ये अंदाज है।
साढ़े सात तक हम दोनों घर पहुँच गए और हाँ रास्ते में हम दोनों ने गोल गप्पे भी खाये।
स्कूटर पर ही उन्होंने उस डिवाइस के बाकी गुर भी बताये, जो उन्हें एयरपोर्ट पर मिली थी, देखने में एकदम इनके फोन जैसी लेकिन बग डिटेक्ट कर सकती थी, और उसके अलावा भी बहुत गुण थे उसमे
लेकिन एक चीज मैं समझ गयी थी स्साले जो रिकार्ड करेंगे करें, लेकिन अगर मेरे मरद का ठरकी बनने में फायदा है तो , ठरकी तो है ही वो, या तो ठरकी हो या मेरी ससुराल वाला वही दो लोग हाथ धोकर के अपनी माँ बहन के पीछे पड़ते हैं, ... और बस अब उस ठरकी को महा ठरकी बनाने में कोई देर नहीं है। और यह बालक अपनी बहन पर तो चढ़ाई कर ही चुका है , अगवाड़ा पिछवाड़ा दोनों, तो बस महतारी बची है उसका भी नम्बर लगवा दूँ ,
मान गए. वो छोटे छोटे कीड़े बग्स है. जो उनपर नजर रखने के लिए है. जिनहे उस डिवाइस से पकड़ा जा सकता है. और ठरकपन से महा ठरकपन उन्हें साबित किया जा सकता है. वैसे भी वो अपनी बहेना के आगड़े पिछड़े को तो बजा ही चुके है.भाग २४२ - 'कीड़े ; और ;कीड़े पकड़ने की मशीन ;
35,36,384,
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स्कूटर पर ही उन्होंने उस डिवाइस के बाकी गुर भी बताये, जो उन्हें एयरपोर्ट पर मिली थी, देखने में एकदम इनके फोन जैसी लेकिन बग डिटेक्ट कर सकती थी, और उसके अलावा भी बहुत गुण थे उसमे
लेकिन एक चीज मैं समझ गयी थी स्साले जो रिकार्ड करेंगे करें, लेकिन अगर मेरे मरद का ठरकी बनने में फायदा है तो , ठरकी तो है ही वो, या तो ठरकी हो या मेरी ससुराल वाला वही दो लोग हाथ धोकर के अपनी माँ बहन के पीछे पड़ते हैं, ... और बस अब उस ठरकी को महा ठरकी बनाने में कोई देर नहीं है। और यह बालक अपनी बहन पर तो चढ़ाई कर ही चुका है , अगवाड़ा पिछवाड़ा दोनों, तो बस महतारी बची है उसका भी नम्बर लगवा दूँ
रस्ते में उस यंत्र के जो गुर उन्होंने बताए थे सब घर पहुँच के उन्होंने दिखाए भी,...
पहले तो कीड़े पकडने का बहुत अच्छा काम करता है,... और घर में कीड़े ही कीड़े ( बग्स ) मिले।
सबसे ज्यादा लिविंग रूम में (५ ) और हम दोनों के बेड रूम में थे ( ६ ). गुड्डी के कमरे में भी ४ मिले। कुल २५।
उस फोननुमा यंत्र में तीन तरह की व्यवस्था थी, जो ८०० मीटर से लेकर ८ मीटर तक के बग पकड़ता था,
हम लोगों ने इंडोर की सेटिंग पर लगाया था तो एक रेड इंडिकेशन आता था, रूम का एक मैप और उसमें बग्स कहाँ कहाँ है, नजदीक ले जाने पर वो और क्लियर हो जाता था, जैसे एक बग सीलिंग फैन के ब्लेड के उलटी साइड में था, सिर्फ आडियो कैप्चर करने के लिए उसकी भी लोकेशन पकड़ में आ गयी,
कीड़ा पकडक यंत्र में जब एक बग पर फोकस करते थे तो उसके सारे डिटेल, क्या वो साउंड से ऐक्टिवेट होगा, उसके अंदर कैमरे की पावर और डिस्टेंस क्या है, सब सब के नाइट विजन वाले थे, एकदम अँधेरे में भी रिकार्ड कर लेते। ज्यादातर की रेंज १५ से २५ मीटर की थी।
लेकिन ये यह जानना चाहते थे की उनकी ट्रांसमिट करने की रेंज क्या है, हम दोनों किचेन में थे ये चाय बना रहे थे। ऊपर चिमनी में एक बग एक्टिवेट हुआ, उस कीड़ा पकडक यंत्र में दिख भी गया, और यह भी की उसकी ट्रांसमिट करने की रेंज 5०० मीटर तक है।
सबसे बड़ी बात थी की अक्सर जब बग एक्टिव होते हैं तभी डिटेक्ट हो पाते हैं लेकिन यह मशीन उनकी एनर्जी के बेसिस पर पहचान रही थी.
और 5०० मीटर का मतलब इनका एक छोटा मोटा सेंटर ५०० मीटर के अंदर ही होगा. एक बात साफ़ थी, कोई जगह घर में नहीं थी जहाँ हम लोगों को सुना या देखा नहीं जा रहा था,
लेकिन ये कीट पकड़क यंत्र एकदम ही अलग टाइप का था, वैसे तो बग डिटेक्टर चवन्नी के तीन आज कल ऑनलाइन भी मिलते हैं और शादी में सहेलियां और दोस्त गिफ्ट में भी देते हैं, हनीमून की पैकिंग में सबसे आवश्यक उपकरण ( वैसे भी कपडे कौन ले जाता है हनीमून में, बस ऐसे ही काम की दो चार चीजें ), आजकल होटल वाले हनीमून कप्लर्स को जो जबरदस्त डिस्काउंट देते है वो कैमरों से, ...
लेकिन अब कपल्स दरवाजा बंद करने के बाद चुम्मा चाटी बाद में करते हैं, कैमरे पहले ढूंढते हैं।
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वो सब आर ऍफ़ डी डिटेक्टर, इंफ़्रा रेड डिटेक्टर और वाई फाई डिटेक्टर की सहायता से काम करते हैं, लेकिन परेशानी यह होती है की वाच करने वाला कैमरा भी उस डिवाइस को देख लेता है, दूसरे वो सब सिर्फ ये पता कर सकते हैं की डिवाइस है और सिग्नल वीक है या स्ट्रांग, जीपीएस डिटेक्टर हिडेन कैमरा सब पता चल सकता है, लेकिन हम लोगों के घर में जो लगे थे उन्हें पता करने में उन सबको पसीना छूट जाता।
एक बताया न पंखे के ब्लेड की उलटी साइड में और दो बिजली की स्विच बटन को रिप्लेस कर के लगे थे।
नार्मल कीड़ा पकडक के बस नहीं था ये सब।
दूसरे एकदम इनके पुराने धुराने डिस्काउंट में मिले आईफोन की तरह ही था वो, तो उन कैमरों से देख के भी कोई नहीं कह सकता था की हम लोग कोई कीड़ा पकडक यंत्र इस्तेमाल कर रहे हैं , क्योंकि यहाँ मामला दूसरा था।
हम चाहते थे की वो कीड़े बदस्तूर अपना काम करें लेकिन हमें मालूम हो बस की कहाँ से तांकझांक हो रही है, ... और शायद घर में कोई ऐसा कोना हो जो मियां बीबी के लिए प्राइवेसी का हो, आखिर हर बात तो जग जाहिर नहीं कर सकती न,
और सबसे बड़ी दो बातें इस मशीन में थी, ये रूम का एक मैप सा बनाती थी और हर बग की लोकेशन ज़ूम करने पर १० सेंटीमीटर तक आ जाती थी और उसके सारे डिटेल्स, पावर सोर्स, आडियो वीडियो, और सबसे बड़ी बात रिकार्ड कर के ट्रांसमिट कितनी दूर और किस दिशा में करती हैं.
मतलब चोर के घर मोर लग गए थे।
जो मशीन हम लोगों को मुफ्त में ज्ञान बाँट रही थी, वो पक्का उस ज्ञान को बाहर भी भेज रही होगी। ( ये मुझे बाद में समझ में आया जैसे समझदार बड़े आदमी अपने समझदार कुत्तों को बाहर ले जाते हैं सुबह शाम जिससे वो पब्लिक प्लेस में अपना प्राइवेट काम कर सके उसी तरह यह मशीन ये सब जानकारी बाहर तभी भेजती थी जब इस तरह के कीड़ों की सरहद और पकड़ के बाहर हो तभी वो काम करती थी।
और चोरों के घर मोर लगने के लिए ये भी जरूरी था की हम सब जरूरी काम करें जो रोज करते थे जिससे दुनिया देखे और आदर्श घरेलू जीवन के सबक सीखे।
और जब ये कैमरे ऐक्टिव होंगे तभी कम्युनिकेशन होगा, और जब कम्यूनिकेश होगा, तो ये मशीन पकड़ेगी की ये बात चीत कहाँ जा रही है, ( जो ५०० मीटर के आसपास ही होगी ) और फिर उन्हें ट्रेस कर के मोर लोग चोरों के सरदार तक पहुंचने की कोशिश करेंगे।
और फिर रिपोर्ट में इन्हे ठरकी कहा गया था, और हम लोगों की औकात क्या की रिपोर्ट वालों की बात गलत करें, फिर जितना वो इन्हे ठरकी समझते इनका काम भी आसान होता।
मान गए कोमलजी. तुरंत पता चल गया की पार्क मे मिला बंदा वही सब्जी बेचने के बाहने घर के बहार जासूसी कर रहा था.ठेले वाला -ताज़ी गाजर
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फिर भी कुछ बातें मैं इन्हे बताना चाहती थी जो इन सास ननद की तरह छुप छुप के सुनने वालों की पकड़ से बाहर हो आखिर हस्बेंड वाइफ की कुछ तो प्राइवेसी होनी चाहिए,...
पहली बात तो बड़ी मुश्किल से मैं अपने को रोक पायी, खिड़की से मैंने देखा,... वो आदमी जो पार्क में जब हम लोग मज़े ले रहे थे मोबाइल से कोई अंगूठी ढूंढ रहा था, वापस आ गया था, हम लोगों के घर के ठीक सामने लगे सब्जी के ठेले पे।
तभी पार्क में मैं कहूं की इसकी शकल कुछ देखी सी लग रही थी.
दो दिन पहले ही ठेला लगना शुरू हुआ था, मैं और गीता दोनों खुश की अबतक सब्जी लाने टाऊनशिप के बाहर जाना पड़ता था, और सब्जी भी सब एकदम फ्रेश,
गुड्डी कोचिंग से आयी थी और उस ठेले को देखकर वो भी बहुत खुश,
मुझे पकड़ के दबोच लिया, और चुम्मी लेके बोली,
" भौजी, बाहर ठेले पे बहुत मस्त गाजर बेच रहा है, खूब बड़े बड़े और एकदम मस्त रंग, ताजे,.... आज गाजर का हलवा बनाइये, "
गीता मेरे पास ही थी वो क्यों बख्श देती गुड्डी को, छेड़ते हुए बोली,
" काहें देख के अपने भैया क लंड याद आ गया का "
" हे हमरे भैया क लंड क कउनो जोड़ बनाने वाले ने नहीं बनाया, लम्बा मोटा कड़ा फाड़ के रख देता है, " बनावटी गुस्से से गीता से वो बोली, फिर मुस्करा के उसे गले लगा के बोली,
" हमरे भैया से १८ होगा, १७ नहीं। बित्ते भर के तो हैं ही, ... मोटे भी "
" मंजूर, हलवा बनेगा, लेकिन एक शर्त मेरी भी जो सबसे बड़े लम्बे होंगे वो दो तुझे घंटे भर अपने अंदर रखने होंगे "मैं क्यों ननद को छेड़ने से छोड़ती।
आगे की बात गुड्डी ने खुद बोल दी,
" और उस की आप रात को खीर बनाएंगी, यही है न चलिए भौजी आप भी क्या याद करेंगी, आपके कमल जीजू का घोंट लिया, पार्टी में जावेद का बांस घोंटूंगी, तो,...और आज तक मैंने अपनी प्यारी भौजी क कोई बात नहीं टाली, तो दो ठो गाजर कौन चीज हैं। वैसे भी आधे घंटे बाद मेरी एक एक घंटे की दो ऑनलाइन क्लासेज हैं, तो बस खीर की तैयारी भी,… मेरी क्लास भी, "
" तो चलो, खरीदवा देते हैं, लेकिन पहले ये नीचे वाला ढक्क्न खोलो " गीता बोली और झट से गुड्डी की पैंटी खींच के फर्श पर, ब्रा तो वैसे ही वो कोचिंग में भी पहन के नहीं जाती थी, टाइट टॉप में गोल्डन निप्स रिंग्स में कसे, पोकिंग निप्स साफ़ साफ दिखते थे,