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Fantasy 'सुप्रीम' एक रहस्यमई सफर

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Raj_sharma

यतो धर्मस्ततो जयः ||❣️
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#120.

मैग्नार्क द्वार:
(13 जनवरी 2002, रविवार, 10:20, मायावन, अराका द्वीप)

सभी जंगल में आगे की ओर बढ़ रहे थे।

रेत मानव से सभी को बचाने के बाद क्रिस्टी में एक अंजाना सा विश्वास आ गया था। अब वह थोड़ा खुश सी लग रही थी। शायद अब उसे भी इस रहस्यमय जंगल से निकलने की उम्मीद हो गई थी।

“क्या बात है?” शैफाली ने मुस्कुराते हुए कहा- “आज तो क्रिस्टी दीदी बहुत खुश दिख रही हैं। कुछ खास है क्या?”

शैफाली की बात सुन जेनिथ के चेहरे पर भी एक भीनी सी मुस्कान बिखर गई।

“खुशी की तो बात ही है, इतने खतरनाक रेत मानव और तिलिस्मी मुसीबतों से सबको बचाना कोई आसान बात थोड़ी ही थी।” जेनिथ ने कहा।

“आप सही कह रहीं हैं जेनिथ दीदी।” शैफाली ने जेनिथ से कहा- “कम से कम क्रिस्टी दीदी को अपनी ताकत के बारे में पता तो है। एक हम हैं, पता ही नहीं चलता कि आखिर हमारे पास शक्तियां कौन सी हैं? कभी याद आती हैं, तो एक पल में ही सब चली जाती हैं। मैं तो स्वयं को ही नहीं समझ पा रही हूं।”

सभी बात करते हुए क्रिस्टी के द्वारा उत्पन्न हुई नदी के किनारे-किनारे चल रहे थे।

जैसे-जैसे यह लोग आगे बढ़ रहे थे, पत्थरों का रंग सफेद से नारंगी होता जा रहा था।

तभी सभी को 2 छोटे पहाड़ों के बीच एक बड़ा सा अर्द्धचंद्राकार आर्क दिखाई दिया।

वह नदी इसी आर्क के बीच से होकर आती दिख रही थी। आर्क से निकलकर सूर्य की सुनहरी किरणें नदी के पानी को प्रकाशित कर रहीं थीं।

“वाह! कितना सुंदर दृश्य है।” जेनिथ ने उस दृश्य को अपनी आँखों में भरते हुए कहा- “वह आर्क बिल्कुल किसी प्रकृति के द्वार की तरह प्रतीत हो रहा है।”

सभी मंत्रमुग्ध से कुछ देर तक उस दृश्य को देखते रहे, फिर आगे बढ़कर उस आर्क के पास पहुंच गये।

दूसरी ओर जाने का रास्ता आर्क के बीच से ही होकर जा रहा था।

उस पथरीले आर्क के दोनों ओर 2 जलपरियों की मूर्तियां भी बनीं थीं, जिन्होंने अपने हाथों में ग्लोब पकड़ रखी थी।

उस आर्क के पास जमीन पर एक छोटा सा बोर्ड लगा था, जिसके बीचो बीच में अलग-अलग अंग्रेजी के 7 अक्षर भी चिपके हुए थे।

वह अक्षर थे- “CRANGAM” उन अक्षरों को देखकर सभी के मुंह से एक साथ निकला- “क्रैंगम!”

“लगता है यह भी किसी प्रकार के तिलिस्म का हिस्सा है।” क्रिस्टी ने कहा- “क्यों कि यहां कि सारी चीजें किसी के द्वारा बनाई गयी दिख रहीं हैं।”

“सही कहा क्रिस्टी ने।” सुयश ने भी उस पूरे आर्क को देखते हुए कहा- “मुझे भी यह कोई नयी समस्या दिख रही है, पर इस क्रैंगम का मतलब क्या हुआ?”

पर सुयश के इस सवाल का जवाब उनमें से किसी के भी पास नहीं था।

“सभी लोग ध्यान रखें।”तौफीक ने कहा- “कोई भी किसी भी चीज को, समझे बिना नहीं छुएगा। क्यों कि हमें नहीं पता कि किस चीज में क्या परेशानी छिपी हुई है?”

सभी ने तौफीक की बात पर सहमति जताते हुए अपने सिर हिलाये।

“कैप्टेन अंकल!” शैफाली ने सुयश से कहा- “क्यों ना हम बिना किसी चीज को छुए हुए नदी के बगल में मौजूद छोटे से जमीनी रास्ते से उस पार चलें? क्यों कि हम कितना भी सोचकर किसी भी चीज को हाथ
लगाएं? हम उसमें छिपी परेशानी को पहचान नहीं पायेंगे।”

“शैफाली सही कह रही है।” सुयश ने सभी को देखते हुए कहा- “हमें बहुत धीरे-धीरे बिना किसी चीज को छुए ही इस आर्क को पार करना पड़ेगा।”

सुयश की बात सुन तौफीक ने स्वयं आगे बढ़कर उस आर्क के उस पार जाने की सोची, तभी तौफीक का हाथ किसी अदृश्य दीवार से टकराया।

उस अदृश्य दीवार ने तौफीक को उस पार नहीं जाने दिया।

“कैप्टेन, यहां पर कोई अदृश्य दीवार है, जो मुझे उस पार नहीं जाने दे रही।” तौफीक ने अदृश्य दीवार को हाथ से टटोलते हुए कहा।

तौफीक की बात सुन सभी ने हाथ के स्पर्श से उस दीवार को छूकर देखा।

“अब क्या करें कैप्टेन?” क्रिस्टी ने कहा- “हमारा उस पार जाना भी जरुरी है और यह आर्क की अदृश्य दीवार हमें उस पार जाने भी नहीं दे रही।”

मगर सुयश से पहले ही शैफाली बोल उठी- “नदी.... हो ना हो इस आर्क के उस पार जाने का रास्ता इस नदी से होकर जाता होगा।”

“मैं भी शैफाली की बात से सहमत हूं।” जेनिथ ने कहा- “हममें से किसी को पानी के अंदर उतरकर उस पार जाने की कोशिश करनी होगी।”

“यह कोशिश मैं करती हूं।” क्रिस्टी ने अपना हाथ ऊपर उठाते हुए कहा।

किसी ने भी क्रिस्टी की बात पर ऐतराज नहीं जताया। यह देख क्रिस्टी ने अपनी जींस को थोड़ा फोल्ड करके ऊपर चढ़ाया और अपने जूते उतारकर नदी में कूद गयी।

क्रिस्टी ने अपना सिर पानी की सतह के नीचे करते हुए उस आर्क को पार करने की कोशिश की, पर क्रिस्टी को पानी के अंदर भी वह अदृश्य दीवार महसूस हुई।

यह सोच क्रिस्टी डाइव मारकर नदी की तली की ओर चल पड़ी।

नदी कोई ज्यादा गहरी नहीं थी। थोड़ी ही देर में क्रिस्टी नदी की तली में खड़ी थी।

नदी के तली में बहुत से नीले पौधे लगे हुए थे। तभी क्रिस्टी के निगाह पानी में बने बाकी के आधे आर्क पर पड़ी।

वह आधा आर्क उल्टा बना हुआ था, यानि अगर वह नदी ना होती तो वह आर्क नहीं एक पूरा रिंग दिखाई देता।

पानी के अंदर के आर्क की ओर 2 परियां बनीं थीं, जिन्होंने अपने हाथों में जादुई छड़ी पकड़ रखी थी।

वह दोनों परियां आर्क से जुड़ी उल्टी खड़ीं थीं।

जब क्रिस्टी को पानी के अंदर से आर्क में जाने का कोई रास्ता नहीं दिखाई दिया, तो वह नदी से निकलकर बाहर आ गयी।

क्रिस्टी ने नदी के अंदर का पूरा दृश्य सभी को बता दिया।

“इसका क्या मतलब हुआ?” जेनिथ ने कहा- “अगर हम पानी से भी उस पार नहीं जा सकते और जमीन से भी नहीं तो फिर हम उस पार कैसे जायेंगे?”

“एक मिनट क्रिस्टी दीदी मुझे जरा एक बार फिर से बताना कि नीचे 2 जलपरियां उल्टी खड़ी हैं, आपने सही बताया ना?” शैफाली ने क्रिस्टी से दोबारा से पुष्टि करते हुए कहा।

“हां...बिल्कुल सही।” क्रिस्टी ने अपना सिर हां में हिलाते हुए कहा।

अब शैफाली उस आर्क को देखती हुई कुछ तेजी से सोचने लगी।

तभी जेनिथ की नजर क्रिस्टी के पैरों की ओर गयी और वह बोल उठी- “अरे क्रिस्टी ये तुम्हारे पैरों में यह नीले रंग का जेली जैसा पदार्थ कहां से लग गया?”

जेनिथ की बात सुन क्रिस्टी ने भी अपने पैरों की ओर देखा। उसके पैर में नीले रंग की जेली लगी थी।

“मुझे लगता है, यह जेली मुझे नदी के तली में खड़े होने पर लग गया होगा। क्यों कि वहां पर कुछ नीले पौधे थे।”

यह कहकर क्रिस्टी अपने पैरों से नीली जेली को हटाने लगी।

वह जेली किसी स्किन की तरह पैर से निकल रही थी। जेली के पैर से निकलने के बाद दोनों पैर की जेली किसी रबर के मोजे जैसी लग रही थी।

क्रिस्टी ने उस जेली को वहीं जमीन पर फेंक दिया।

तभी कुछ सोचती हुई शैफाली जोर से बोल उठी- “इस आर्क में ऊपर की ओर 2 जलपरियां बनी हैं और नीचे नदी की ओर 2 परियां। जबकि परियों को हवा में और जलपरियों को पानी में होना चाहिये था। इसका साफ मतलब है कि हमें इस आर्क को घुमाना होगा।”

शैफाली की सोच से सभी प्रभावित हो गये क्यों कि शैफाली का लॉजिक तो बिल्कुल सही था।

यह सुन तौफीक ने आगे बढ़कर उस पत्थर के आर्क को घुमाने की कोशिश की, पर पूरी ताकत लगाने के बाद भी वह आर्क अपनी जगह से हिला तक नहीं।

“लगता है कि इस आर्क में कुछ प्रॉब्लम और भी है।” जेनिथ ने कहा- “कहीं इस बोर्ड पर लिखे क्रैंगम शब्द में तो कोई रहस्य नहीं छिपा?” जेनिथ के शब्द सुन सभी उस क्रैंगम शब्द को ध्यान से देखने लगे।

“कैप्टेन!” तौफीक ने सुयश का ध्यान क्रैंगम शब्द की ओर करते हुए कहा- “ध्यान से देखिये। क्रैंगम शब्द में कुल 7 अक्षर हैं। इसमें ‘N’ अक्षर को छोड़कर बाकी सभी अक्षर लाल रंग से चमक रहे हैं, जबकि ‘N’ हरे
रंग से चमक रहा है। इसका मतलब ‘N’ को छोड़कर सभी अक्षर गलत स्थान पर लगे हैं, यानि कि ये सारे अक्षर ‘रम्बल-जम्बल’ हैं।”

सभी को तौफीक का तर्क बहुत सही लगा। अब सभी उन अक्षरों से किसी उचित शब्द को बनाने में लग गये।

कुछ देर सोचने के बाद इस प्रतियोगिता का समापन शैफाली ने अपने शब्दों से किया-

“यहां पर ‘MAGNARC’ शब्द लिखा है। इसका मतलब हुआ कि मैग्ना के द्वारा बनायी गयी आर्क। यानि कि ये सारे अक्षर उल्टे लिखे थे। शायद इन अक्षरों को सीधा करके सही करने के बाद यह आर्क भी घूमना शुरु हो जाये।”

यह सुनकर तौफीक ने आगे बढकर ‘C’ अक्षर को अपनी जगह से खिसकाने के लिये जैसे ही छुआ, वह तुरंत पत्थर का बन गया। यह देख सभी बहुत ज्यादा डर गये।

जेनिथ को छोड़ सभी की आँखों में दुख के भाव लहराने लगे।

“अब क्या करें कैप्टेन?” क्रिस्टी ने डरते हुए कहा- “हमारा एक और साथी इस जंगल की भेंट चढ़ गया... और अब हमारे पास आगे बढ़ने का कोई रास्ता भी नहीं है।”

“ऐसा नहीं हो सकता, अगर यह तिलिस्म बनाया गया है तो इसका हल भी यहीं कहीं होना चाहिये।” सुयश ने दृढ़ विश्वास दिखाते हुए कहा।

तभी सुयश को वेदालय वाला दृश्य याद आने लगा, जब आर्यन ने अपने दिमाग से धेनुका नामक गाय से स्वर्णदुग्ध प्राप्त किया था।

अचानक से सुयश आर्यन की तरह सोचने लगा। अब उसकी निगाहें तेजी से अपने चारो ओर घूमने लगीं।

तभी उसकी नजर क्रिस्टी के द्वारा फेंके गये नीले रंग की जेली पर पड़ी।

“मिल गया उपाय।” यह कहकर सुयश बिना किसी को कुछ बोले जूते उतारकर नदी में कूद गया।

किसी की समझ नहीं आया कि सुयश क्या करना चाह रहा है।

थोड़ी ही देर में सुयश नदी के पानी से बाहर निकला। उसके दोनों हाथों में अब नीले रंग की जेली लगी थी, जो कि एक रबर के दस्ताने की तरह प्रतीत हो रही थी।

सुयश ने आगे बढ़कर क्रैंगम के अक्षरों को छुआ, पर हाथ में जेली लगे होने के कारण सुयश को कुछ नहीं हुआ।

सुयश ने जैसे ही सभी अक्षरों को सही स्थान पर लगाया, सभी अक्षर हरे रंग से चमकने लगे और आर्क में कहीं एक तेज ‘खटाक’ की आवाज उभरी।

अब सुयश ने आर्क को हिलाकी देखा, सुयश के हिलाते ही आर्क अपनी जगह से घूमने लगी।
कुछ ही देर में जलपरियां पानी के नीचे चलीं गयीं और परियां पानी के ऊपर आ गयीं।

सुयश ने इसके बाद उस आर्क के बीच से निकलने की कोशिश की और वह आर्क के बीच से होता हुआ दूसरी ओर पहुंच गया।

यह देख जेनिथ, क्रिस्टी और शैफाली भी आर्क के दूसरी ओर निकल गये।

क्रिस्टी के एक नजर पत्थर बने तौफीक पर डाली। वह अभी भी पत्थर बना था। तौफीक को देख क्रिस्टी की आँखों में दुख के भाव नजर आये।

तभी सुयश को जाने क्या हुआ, वह दोबारा आर्क के पहली ओर गया और पत्थर बने तौफीक को खींचकर आर्क के दूसरी ओर ले आया।

जैसे ही तौफीक का शरीर आर्क के दूसरी ओर पहुंचा, अचानक दोनों परियां सजीव हो गईं।

परियों ने एक नजर पत्थर बने तौफीक की ओर डाली।

अब उनके हाथ में पकड़ी जादुई छड़ी से सुनहरी किरणें निकलीं और पत्थर बने तौफीक पर पड़ीं।

सुनहरी किरणों के पड़ते ही तौफीक वापस से सजीव हो गया। सभी यह देखकर खुश हो गये।

तभी परियों सहित नदी और आर्क सबकुछ हवा में विलीन हो गया। अब वह एक पथरीले रास्ते पर खड़े थे।

शैफाली ने तौफीक को सारी घटना बता दी। यह सुन तौफीक ने सुयश को गले से लगा लिया।

सभी मुस्कुराते हुए फिर से आगे की ओर बढ़ गये।

जारी रहेगा______✍️
 

Raj_sharma

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Raj_sharma

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बहुत ही शानदार और लाज़वाब अपडेट है हमें तो लगता था कि हेलीकॉप्टर से कुछ मदद मिलेगी लेकिन वो भी पूरी सूचना देने से पहले ही एक बड़ी मुसीबत में फंस गया है सुयश ने जहाज को दूसरी तरफ मोड लिया है सुयश के पीठ पर टैटू का कोई रहस्य है या शौक??

James aur Wilmar ne Shalaka👸 aur uske bhaiyo 🦸‍♂️🦹‍♂️🦸‍♂️🦹‍♂️🦸‍♂️🦹‍♂️ 🦸‍♂️ ko jagaa diya. Lekin inaam ki jagah unhe sunehri qaid mili.. 😏

Yeha Mayavan mei ab Nayantara 🤩 ka kya mamla hai yaar.. bahut suspense hai yaar..
:cool3:

Aaj sabhi naye updates ka review likhta hu

Shaandar jabardast Romanchak Update 👌 👌 👌
James Wilmar Dono is rahasyamy jagah par ab wo ke Raaz khol pate hai ya yahi phash jayenga

Nice update....

Kya is baar Mayavan mei kuch achi cheez se pala pada hai? Kya Shefali ab dekh payegi?:eyes2:

Very interesting update
Shayad is hadase se shefali ki aankhe vapish aa jaye

Bhai kya story hai sala her update ke sath suspense badta ja rha hai keep it up

Badhiya update bhai

Albert ne kaha na chhathi indri lekin ye kki chhathi indri nahi lagti ye to koi or hi ha jo shefali ke ander sama jata ha or apna kaam karke nikal jata ha tabhi to jab shefali ajibogarib baten karti ha to bruno uske oas nahi hota aisa lagta ha ki wo shefali na hoker koi ir ho us samay


Lekin ek bat ha is iland per kisi ke sath kuchh achha ho ya na ho shefali ko to ye island pyar karta ha sala dusre jal me fanse han to unke samne mout hoti ha ir shefali ke sath ulta use to aisi chijen milti ha jo uske sath khelti ha ab bhi lagta ha oed ko oata chal gaya ki shefali dekh nahi sakti to uska ilaj kar diya lagta ha

मोडरेटर साहब , आप लोगों का तो हमे पता नही पर हम जैसे साधारण लोगों के लिए इस फोरम को ओपन करना बहुत मुश्किल हो गया है ।
कभी-कभार तो लगता है यह फोरम भी गाॅसिप की तरह शट डाउन हो जाएगा । फिलहाल यह फोरम ओपन तो हो रहा है , लेकिन हर पन्द्रह मिनट बाद प्रोब्लम भी पैदा हो रही है । नेक्स्ट पेज ओपन करने के लिए कभी पीछे तो कभी आगे के पेज पर जाना पड़ रहा है । कुछ कमेंट करो तो कमेंट पोस्ट करने मे दिक्कतें आ रही है ।
बहरहाल , जैसा कि मैने पहले भी कहा है आप बहुत सुंदर लिख रहे है और वह सुन्दरता हर अपडेट के बाद और भी बढ़ती जा रही है ।
इस अटलांटिस सभ्यता के अराका और समारा द्वीप मे , खासकर अराका द्वीप के मायावन मे एक से बढ़कर एक चमत्कारिक घटनाएं देखने को मिल रही है ।
डायनासोर प्रकरण देखकर ' जुरासिक पार्क ' और ' द लास्ट वर्ल्ड ' की यादें ताजा हो गई ।

जहां तक बात है वेगा की , इसकी हत्या करने की कोशिश निरंतर जारी है लेकिन इसका कारण क्या है ? कौन इसकी हत्या करना चाहता है । अब दो नए किरदार भी इस लिस्ट मे शामिल हो गए जो इन साहबान के जान के पीछे पड़े हैं - धरा और मयूर । यह लोग वेगा के जान के पीछे क्यों पड़े है ?

क्रिस्टी के लख्ते जिगर एलेक्स साहब को जिंदा देखकर बहुत खुशी हुई पर यह खुशी कपूर की माफिक छर्र से उड़ गई । साहब आसमान से गिरकर खजूर पर आ टपके है ।

सम्राट के सिर्फ शायद छ पैसेंजर बचे हैं । देखते हैं एलेक्स साहब अगले शिकार होते है या फिर अंत तक कैप्टन सुयश साहब के साथ कंधे से कंधा मिलाकर मायावन का तिलिस्म तोड़ते है !

सुयश साहब के लिए एक शेर अर्ज है -
" कैद मे है बुलबुल सैय्यद मुस्कराए ,
कहा भी न जाए , चुप रहा भी न जाए । "
सुयश उर्फ आर्यन साहब की बुलबुल सदियों से कैद मे है । कम से कम कुछ तो ऐसा करें कि साहब के चेहरे पर मुस्कराहट आता दिखे !

सभी अपडेट बेहद ही खूबसूरत थे शर्मा जी ।
आउटस्टैंडिंग एंड अमेजिंग अपडेट ।

Bahut

Bahut hi romanchak update he Raj_sharma Bro

Alex zinda to bach gaya lekin, nayi musibat me fans gaya he.......

Vishaka ne dhokhe se apni mani prapt kar li Alex se........

Ab Medusa se kaise bachega Alex......

Keep rocking Bro

Abhi tak 11 update tak hi pahuchi ju ne bhut update de diye i m too slow btw nice story

Nice update....

Wow*
Shaka Laka boom boom tv serial ka yaad dila diya brother.

Bear aur lion ne kaam achha kiya par Cristy dono se aage nikal gayi.

Khair Nakshatra ke paas ab bhi apni time ko freeze karne ki Shakti bacha hua hai ye ek achhi baat hai.

Lovely 🌹 update brother.

Mujhe padhne toh do 🫣

Adbhud, akalpniya, aur atyant rachnatmak likh rahe ho aap sharma ji:bow::bow::bow::bow:
Chahe mahabali hanuka wala scene ya Update dekh len, ya trishakti wala, ya fir uss naag vishaka wala. Har ek update me aapne jhande gaade hain,
Sorry for late reply, iwas busy in some urgent work, aapki is kahani ko jo ek baar padh lega, wo dobara jaroor padhna chahega, aisa mera manna hai, thanks for the awesome story 😘

Interesting update👌👌👌

Mst update bro

बहुत ही जबरदस्त शानदार लाजवाब और अद्भुत रमणिय रोमांचक अपडेट है भाई मजा आ गया
अगले रोमांचकारी धमाकेदार अपडेट की प्रतिक्षा रहेगी जल्दी से दिजिएगा

113 चैपटर-3: स्पाइनो-सोरस
यार डायनासौर तो कोई साढ़े छः सौ करोड़ साल पहले ही विलुप्त हो गए - यह एक पुरातत्व पर आधारित प्रामाणिक तथ्य है। आधुनिक मानव आया कोई डेढ़ लाख साल पहले। उसके बाद चेतना प्राप्त करने के बाद हर स्थान पर अलग अलग मानव ने अपने अपने हिसाब से अपने अपने ईश्वरों की रचना करी।
अब हमारे ही बनाए हुए ईश्वरों ने हमसे इतने पहले विलुप्त हो चुके जीवों की रचना कैसे करी - सोचने वाली बात है!
ख़ैर - अब फ़ूफागिरी छोड़ कर लिखता हूँ।
स्पाइनोसॉरस का अंत कर के ज़ेनिथ ने कमाल कर दिया। हिम्मत चाहिए अपने से बड़े शत्रु का अंत करने के लिए। जैसे डेविड और गोलायथ! कभी कभी शत्रु का विकराल आकार ही उसके अंत का कारण बन जाता है - गोलायथ और स्पाइनोसॉरस दोनों ही अपने आकार के सामने बेबस हो गए।

114 महाशक्ति
बड़े दिनों बाद व्योम साहब के दर्शन हुए।
व्योम भाई को भी फलों के रूप में अद्भुत शक्तियाँ हासिल हो गई हैं। लेकिन उसके शरीर के संग उसके अस्त्र शस्त्र भी कैसे छोटे हो गए, यह सोचने का विषय है। अब उसके पास न केवल गुरुत्व शक्ति है, बल्कि साथ में पंचशूल भी! एक ऐसा पंचशूल अपने अक्वामैन भाई साहब पकड़े हुए दिखाई देते हैं। कभी कभी भगवान शि…व और पोसाइडन को भी पंचशूल पकड़े दिखाया जाता है। अब व्योम भाई के दैवीय शक्तियाँ हैं -- सूक्ष्म रूप धरि... विकट रूप धरि...

शेफ़ाली - सुयश - ज़ेनिथ - और अब व्योम! सात में से चार के पास दैवीय शक्तियाँ हैं।


मैंने अपडेट्स 109 और 110 पढ़ने के बाद सोचा कि 111 नहीं पढ़ा है। लेकिन अग्नि जाल और 112 पढ़ने के बाद समझा कि वो दोनों अपडेट्स भी पढ़ लिए थे, और कमेंट भी लिखे थे। लेकिन समय का वह दौर जब साइट का भुट्टा भून दिया गया था, तब मेरे कमेंट भी गायब हो गए। अभी भी सही नहीं ही साइट की हालत -- तीन बार डिसकनेक्ट हुई है ये। इसलिए अधिक नहीं लिखूँगा - वैसे भी अधिक लिखने को फिलहाल नहीं है मेरे पास कुछ।

बस इतना ही कि गज़ब की कल्पनाशक्ति है भाई आपकी। और बहुत ही बढ़िया लेखनी।

अब यहाँ पर पढ़ने लायक शायद ही कोई ढंग की कहानियाँ शेष हैं। लेकिन ये कहानी सर्वोत्तम और सर्वश्रेष्ठ है। 👏 👏 👏 👏 👏

nice update

Bahut hi badhiya update diya hai Raj_sharma bhai....
Nice and beautiful update....

Bhut hi badhiya update Bhai
To vyom ne panchsul ki shaktiyo ki madad se gonjalo ka ache se samna kiya lekin gonjalo vaha se baag gaya
Ab vyom ke gale me pahnaya gaya ye locket raksha kavach hi hai ya kuch or ye to aage hi pata chalega

Nice update and awesome story

Mujhe aisa kyun lag raha hai jaise Tri Kali ne Vyom se vivah kar liya hai.
Tri Kali ne Devi se prarthna mein Vyom ko maanga hai???

Let's see Vyom ko Aaraka island ke bare mein aur kya kya pata chalta hai.

Lovely update brother.

त्रिकाली तो व्योम केे प्यार में पड़ गयी भाई , मन ही मन उसने व्योम को अपना भी पति मान ही लिया |
ये त्रिकाली गले में रक्षासूत्र बान्धने से कही दोनों की शादी तो नहीं होगयी क्यूंकि त्रिकाली ने उस समय मंत्र भी बुदबुदाया , और उस समय त्रिकाली का मुस्कुराना ऐसा था जैसे उसने कोई विजय प्राप्त की हो|

व्योम की शक्ति का उसे खुद आभास नहीं है कि उसके पास कैसी शक्ति है और वो कितनी ताकतवार है |
कुल मिलाकर शानदार अपडेट|

Ji bilkul

Awesome update... Lag rha shadi hi kr li trikali ne😃

Bahut hi gazab ki update he Raj_sharma Bhai,

Trikali ko is ajeeb se jiv se vyom ne bacha liya.........

Vyom me ab kitni shaktiya aa gayi he use khud ko nahi pata............

Raksha Kavach ke rup me kaun sa locket trikali ne vyom ke gale me bandha he...........

Gazab Bhai,

Keep rocking

romanchak update. gonjalo se ladhte dekh mohit ho gayi trikali .par kya panchshul ke prahar se gonjalo mara gaya ya bhag gaya .
ye trikali to suspense se bhari huyi hai jo usne vyom ko bhi locket diya ,kya ye koi summohan tha jisse vyom uske pichhe lattu hokar rahe ya koi dusra shadyantra ..

Agar ready hai toh de Dena update ki baat ho rahi hai .

Update posted friends 👍
 

Raj_sharma

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Mstt update 👌👌👌
Dekhte hain aage kya kya रहस्य छुपा हुआ है
Rahasya hi Rahasya hai mitra apni kahani me, aap to bas padho, thanks for your valuable review :thanx:
 

parkas

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सभी जंगल में आगे की ओर बढ़ रहे थे।

रेत मानव से सभी को बचाने के बाद क्रिस्टी में एक अंजाना सा विश्वास आ गया था। अब वह थोड़ा खुश सी लग रही थी। शायद अब उसे भी इस रहस्यमय जंगल से निकलने की उम्मीद हो गई थी।

“क्या बात है?” शैफाली ने मुस्कुराते हुए कहा- “आज तो क्रिस्टी दीदी बहुत खुश दिख रही हैं। कुछ खास है क्या?”

शैफाली की बात सुन जेनिथ के चेहरे पर भी एक भीनी सी मुस्कान बिखर गई।

“खुशी की तो बात ही है, इतने खतरनाक रेत मानव और तिलिस्मी मुसीबतों से सबको बचाना कोई आसान बात थोड़ी ही थी।” जेनिथ ने कहा।

“आप सही कह रहीं हैं जेनिथ दीदी।” शैफाली ने जेनिथ से कहा- “कम से कम क्रिस्टी दीदी को अपनी ताकत के बारे में पता तो है। एक हम हैं, पता ही नहीं चलता कि आखिर हमारे पास शक्तियां कौन सी हैं? कभी याद आती हैं, तो एक पल में ही सब चली जाती हैं। मैं तो स्वयं को ही नहीं समझ पा रही हूं।”

सभी बात करते हुए क्रिस्टी के द्वारा उत्पन्न हुई नदी के किनारे-किनारे चल रहे थे।

जैसे-जैसे यह लोग आगे बढ़ रहे थे, पत्थरों का रंग सफेद से नारंगी होता जा रहा था।

तभी सभी को 2 छोटे पहाड़ों के बीच एक बड़ा सा अर्द्धचंद्राकार आर्क दिखाई दिया।

वह नदी इसी आर्क के बीच से होकर आती दिख रही थी। आर्क से निकलकर सूर्य की सुनहरी किरणें नदी के पानी को प्रकाशित कर रहीं थीं।

“वाह! कितना सुंदर दृश्य है।” जेनिथ ने उस दृश्य को अपनी आँखों में भरते हुए कहा- “वह आर्क बिल्कुल किसी प्रकृति के द्वार की तरह प्रतीत हो रहा है।”

सभी मंत्रमुग्ध से कुछ देर तक उस दृश्य को देखते रहे, फिर आगे बढ़कर उस आर्क के पास पहुंच गये।

दूसरी ओर जाने का रास्ता आर्क के बीच से ही होकर जा रहा था।

उस पथरीले आर्क के दोनों ओर 2 जलपरियों की मूर्तियां भी बनीं थीं, जिन्होंने अपने हाथों में ग्लोब पकड़ रखी थी।

उस आर्क के पास जमीन पर एक छोटा सा बोर्ड लगा था, जिसके बीचो बीच में अलग-अलग अंग्रेजी के 7 अक्षर भी चिपके हुए थे।

वह अक्षर थे- “CRANGAM” उन अक्षरों को देखकर सभी के मुंह से एक साथ निकला- “क्रैंगम!”

“लगता है यह भी किसी प्रकार के तिलिस्म का हिस्सा है।” क्रिस्टी ने कहा- “क्यों कि यहां कि सारी चीजें किसी के द्वारा बनाई गयी दिख रहीं हैं।”

“सही कहा क्रिस्टी ने।” सुयश ने भी उस पूरे आर्क को देखते हुए कहा- “मुझे भी यह कोई नयी समस्या दिख रही है, पर इस क्रैंगम का मतलब क्या हुआ?”

पर सुयश के इस सवाल का जवाब उनमें से किसी के भी पास नहीं था।

“सभी लोग ध्यान रखें।”तौफीक ने कहा- “कोई भी किसी भी चीज को, समझे बिना नहीं छुएगा। क्यों कि हमें नहीं पता कि किस चीज में क्या परेशानी छिपी हुई है?”

सभी ने तौफीक की बात पर सहमति जताते हुए अपने सिर हिलाये।

“कैप्टेन अंकल!” शैफाली ने सुयश से कहा- “क्यों ना हम बिना किसी चीज को छुए हुए नदी के बगल में मौजूद छोटे से जमीनी रास्ते से उस पार चलें? क्यों कि हम कितना भी सोचकर किसी भी चीज को हाथ
लगाएं? हम उसमें छिपी परेशानी को पहचान नहीं पायेंगे।”

“शैफाली सही कह रही है।” सुयश ने सभी को देखते हुए कहा- “हमें बहुत धीरे-धीरे बिना किसी चीज को छुए ही इस आर्क को पार करना पड़ेगा।”

सुयश की बात सुन तौफीक ने स्वयं आगे बढ़कर उस आर्क के उस पार जाने की सोची, तभी तौफीक का हाथ किसी अदृश्य दीवार से टकराया।

उस अदृश्य दीवार ने तौफीक को उस पार नहीं जाने दिया।

“कैप्टेन, यहां पर कोई अदृश्य दीवार है, जो मुझे उस पार नहीं जाने दे रही।” तौफीक ने अदृश्य दीवार को हाथ से टटोलते हुए कहा।

तौफीक की बात सुन सभी ने हाथ के स्पर्श से उस दीवार को छूकर देखा।

“अब क्या करें कैप्टेन?” क्रिस्टी ने कहा- “हमारा उस पार जाना भी जरुरी है और यह आर्क की अदृश्य दीवार हमें उस पार जाने भी नहीं दे रही।”

मगर सुयश से पहले ही शैफाली बोल उठी- “नदी.... हो ना हो इस आर्क के उस पार जाने का रास्ता इस नदी से होकर जाता होगा।”

“मैं भी शैफाली की बात से सहमत हूं।” जेनिथ ने कहा- “हममें से किसी को पानी के अंदर उतरकर उस पार जाने की कोशिश करनी होगी।”

“यह कोशिश मैं करती हूं।” क्रिस्टी ने अपना हाथ ऊपर उठाते हुए कहा।

किसी ने भी क्रिस्टी की बात पर ऐतराज नहीं जताया। यह देख क्रिस्टी ने अपनी जींस को थोड़ा फोल्ड करके ऊपर चढ़ाया और अपने जूते उतारकर नदी में कूद गयी।

क्रिस्टी ने अपना सिर पानी की सतह के नीचे करते हुए उस आर्क को पार करने की कोशिश की, पर क्रिस्टी को पानी के अंदर भी वह अदृश्य दीवार महसूस हुई।

यह सोच क्रिस्टी डाइव मारकर नदी की तली की ओर चल पड़ी।

नदी कोई ज्यादा गहरी नहीं थी। थोड़ी ही देर में क्रिस्टी नदी की तली में खड़ी थी।

नदी के तली में बहुत से नीले पौधे लगे हुए थे। तभी क्रिस्टी के निगाह पानी में बने बाकी के आधे आर्क पर पड़ी।

वह आधा आर्क उल्टा बना हुआ था, यानि अगर वह नदी ना होती तो वह आर्क नहीं एक पूरा रिंग दिखाई देता।

पानी के अंदर के आर्क की ओर 2 परियां बनीं थीं, जिन्होंने अपने हाथों में जादुई छड़ी पकड़ रखी थी।

वह दोनों परियां आर्क से जुड़ी उल्टी खड़ीं थीं।

जब क्रिस्टी को पानी के अंदर से आर्क में जाने का कोई रास्ता नहीं दिखाई दिया, तो वह नदी से निकलकर बाहर आ गयी।

क्रिस्टी ने नदी के अंदर का पूरा दृश्य सभी को बता दिया।

“इसका क्या मतलब हुआ?” जेनिथ ने कहा- “अगर हम पानी से भी उस पार नहीं जा सकते और जमीन से भी नहीं तो फिर हम उस पार कैसे जायेंगे?”

“एक मिनट क्रिस्टी दीदी मुझे जरा एक बार फिर से बताना कि नीचे 2 जलपरियां उल्टी खड़ी हैं, आपने सही बताया ना?” शैफाली ने क्रिस्टी से दोबारा से पुष्टि करते हुए कहा।

“हां...बिल्कुल सही।” क्रिस्टी ने अपना सिर हां में हिलाते हुए कहा।

अब शैफाली उस आर्क को देखती हुई कुछ तेजी से सोचने लगी।

तभी जेनिथ की नजर क्रिस्टी के पैरों की ओर गयी और वह बोल उठी- “अरे क्रिस्टी ये तुम्हारे पैरों में यह नीले रंग का जेली जैसा पदार्थ कहां से लग गया?”

जेनिथ की बात सुन क्रिस्टी ने भी अपने पैरों की ओर देखा। उसके पैर में नीले रंग की जेली लगी थी।

“मुझे लगता है, यह जेली मुझे नदी के तली में खड़े होने पर लग गया होगा। क्यों कि वहां पर कुछ नीले पौधे थे।”

यह कहकर क्रिस्टी अपने पैरों से नीली जेली को हटाने लगी।

वह जेली किसी स्किन की तरह पैर से निकल रही थी। जेली के पैर से निकलने के बाद दोनों पैर की जेली किसी रबर के मोजे जैसी लग रही थी।

क्रिस्टी ने उस जेली को वहीं जमीन पर फेंक दिया।

तभी कुछ सोचती हुई शैफाली जोर से बोल उठी- “इस आर्क में ऊपर की ओर 2 जलपरियां बनी हैं और नीचे नदी की ओर 2 परियां। जबकि परियों को हवा में और जलपरियों को पानी में होना चाहिये था। इसका साफ मतलब है कि हमें इस आर्क को घुमाना होगा।”

शैफाली की सोच से सभी प्रभावित हो गये क्यों कि शैफाली का लॉजिक तो बिल्कुल सही था।

यह सुन तौफीक ने आगे बढ़कर उस पत्थर के आर्क को घुमाने की कोशिश की, पर पूरी ताकत लगाने के बाद भी वह आर्क अपनी जगह से हिला तक नहीं।

“लगता है कि इस आर्क में कुछ प्रॉब्लम और भी है।” जेनिथ ने कहा- “कहीं इस बोर्ड पर लिखे क्रैंगम शब्द में तो कोई रहस्य नहीं छिपा?” जेनिथ के शब्द सुन सभी उस क्रैंगम शब्द को ध्यान से देखने लगे।

“कैप्टेन!” तौफीक ने सुयश का ध्यान क्रैंगम शब्द की ओर करते हुए कहा- “ध्यान से देखिये। क्रैंगम शब्द में कुल 7 अक्षर हैं। इसमें ‘N’ अक्षर को छोड़कर बाकी सभी अक्षर लाल रंग से चमक रहे हैं, जबकि ‘N’ हरे
रंग से चमक रहा है। इसका मतलब ‘N’ को छोड़कर सभी अक्षर गलत स्थान पर लगे हैं, यानि कि ये सारे अक्षर ‘रम्बल-जम्बल’ हैं।”

सभी को तौफीक का तर्क बहुत सही लगा। अब सभी उन अक्षरों से किसी उचित शब्द को बनाने में लग गये।

कुछ देर सोचने के बाद इस प्रतियोगिता का समापन शैफाली ने अपने शब्दों से किया-

“यहां पर ‘MAGNARC’ शब्द लिखा है। इसका मतलब हुआ कि मैग्ना के द्वारा बनायी गयी आर्क। यानि कि ये सारे अक्षर उल्टे लिखे थे। शायद इन अक्षरों को सीधा करके सही करने के बाद यह आर्क भी घूमना शुरु हो जाये।”

यह सुनकर तौफीक ने आगे बढकर ‘C’ अक्षर को अपनी जगह से खिसकाने के लिये जैसे ही छुआ, वह तुरंत पत्थर का बन गया। यह देख सभी बहुत ज्यादा डर गये।

जेनिथ को छोड़ सभी की आँखों में दुख के भाव लहराने लगे।

“अब क्या करें कैप्टेन?” क्रिस्टी ने डरते हुए कहा- “हमारा एक और साथी इस जंगल की भेंट चढ़ गया... और अब हमारे पास आगे बढ़ने का कोई रास्ता भी नहीं है।”

“ऐसा नहीं हो सकता, अगर यह तिलिस्म बनाया गया है तो इसका हल भी यहीं कहीं होना चाहिये।” सुयश ने दृढ़ विश्वास दिखाते हुए कहा।

तभी सुयश को वेदालय वाला दृश्य याद आने लगा, जब आर्यन ने अपने दिमाग से धेनुका नामक गाय से स्वर्णदुग्ध प्राप्त किया था।

अचानक से सुयश आर्यन की तरह सोचने लगा। अब उसकी निगाहें तेजी से अपने चारो ओर घूमने लगीं।

तभी उसकी नजर क्रिस्टी के द्वारा फेंके गये नीले रंग की जेली पर पड़ी।

“मिल गया उपाय।” यह कहकर सुयश बिना किसी को कुछ बोले जूते उतारकर नदी में कूद गया।

किसी की समझ नहीं आया कि सुयश क्या करना चाह रहा है।

थोड़ी ही देर में सुयश नदी के पानी से बाहर निकला। उसके दोनों हाथों में अब नीले रंग की जेली लगी थी, जो कि एक रबर के दस्ताने की तरह प्रतीत हो रही थी।

सुयश ने आगे बढ़कर क्रैंगम के अक्षरों को छुआ, पर हाथ में जेली लगे होने के कारण सुयश को कुछ नहीं हुआ।

सुयश ने जैसे ही सभी अक्षरों को सही स्थान पर लगाया, सभी अक्षर हरे रंग से चमकने लगे और आर्क में कहीं एक तेज ‘खटाक’ की आवाज उभरी।

अब सुयश ने आर्क को हिलाकी देखा, सुयश के हिलाते ही आर्क अपनी जगह से घूमने लगी।
कुछ ही देर में जलपरियां पानी के नीचे चलीं गयीं और परियां पानी के ऊपर आ गयीं।

सुयश ने इसके बाद उस आर्क के बीच से निकलने की कोशिश की और वह आर्क के बीच से होता हुआ दूसरी ओर पहुंच गया।

यह देख जेनिथ, क्रिस्टी और शैफाली भी आर्क के दूसरी ओर निकल गये।

क्रिस्टी के एक नजर पत्थर बने तौफीक पर डाली। वह अभी भी पत्थर बना था। तौफीक को देख क्रिस्टी की आँखों में दुख के भाव नजर आये।

तभी सुयश को जाने क्या हुआ, वह दोबारा आर्क के पहली ओर गया और पत्थर बने तौफीक को खींचकर आर्क के दूसरी ओर ले आया।

जैसे ही तौफीक का शरीर आर्क के दूसरी ओर पहुंचा, अचानक दोनों परियां सजीव हो गईं।

परियों ने एक नजर पत्थर बने तौफीक की ओर डाली।

अब उनके हाथ में पकड़ी जादुई छड़ी से सुनहरी किरणें निकलीं और पत्थर बने तौफीक पर पड़ीं।

सुनहरी किरणों के पड़ते ही तौफीक वापस से सजीव हो गया। सभी यह देखकर खुश हो गये।

तभी परियों सहित नदी और आर्क सबकुछ हवा में विलीन हो गया। अब वह एक पथरीले रास्ते पर खड़े थे।

शैफाली ने तौफीक को सारी घटना बता दी। यह सुन तौफीक ने सुयश को गले से लगा लिया।

सभी मुस्कुराते हुए फिर से आगे की ओर बढ़ गये।

जारी रहेगा______✍️
Bahut hi shaandar update diya hai Raj_sharma bhai....
Nice and lovely update....
 

KEKIUS MAXIMUS

Supreme
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romanchak update..christi ne koshish ki par kuch hasil nahi hua par baadme wo neele rang ki jelly se suyash ko idea mil gaya tha ..
aaj laga ki taufik bhi sabse bichhad jayega par achcha hua ki suyash ne dimag ka istemal karke usko dusri side le aaya ..
ab is group me jyada log bache nahi hai to koi maara na jaaye yahi sochta hu ..
kuch bhi kaho par kahani me jo suspense hai usko padhke maja aa jata hai 🥰🥰🥰🥰.
 

kas1709

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#120.

मैग्नार्क द्वार:
(13 जनवरी 2002, रविवार, 10:20, मायावन, अराका द्वीप)

सभी जंगल में आगे की ओर बढ़ रहे थे।

रेत मानव से सभी को बचाने के बाद क्रिस्टी में एक अंजाना सा विश्वास आ गया था। अब वह थोड़ा खुश सी लग रही थी। शायद अब उसे भी इस रहस्यमय जंगल से निकलने की उम्मीद हो गई थी।

“क्या बात है?” शैफाली ने मुस्कुराते हुए कहा- “आज तो क्रिस्टी दीदी बहुत खुश दिख रही हैं। कुछ खास है क्या?”

शैफाली की बात सुन जेनिथ के चेहरे पर भी एक भीनी सी मुस्कान बिखर गई।

“खुशी की तो बात ही है, इतने खतरनाक रेत मानव और तिलिस्मी मुसीबतों से सबको बचाना कोई आसान बात थोड़ी ही थी।” जेनिथ ने कहा।

“आप सही कह रहीं हैं जेनिथ दीदी।” शैफाली ने जेनिथ से कहा- “कम से कम क्रिस्टी दीदी को अपनी ताकत के बारे में पता तो है। एक हम हैं, पता ही नहीं चलता कि आखिर हमारे पास शक्तियां कौन सी हैं? कभी याद आती हैं, तो एक पल में ही सब चली जाती हैं। मैं तो स्वयं को ही नहीं समझ पा रही हूं।”

सभी बात करते हुए क्रिस्टी के द्वारा उत्पन्न हुई नदी के किनारे-किनारे चल रहे थे।

जैसे-जैसे यह लोग आगे बढ़ रहे थे, पत्थरों का रंग सफेद से नारंगी होता जा रहा था।

तभी सभी को 2 छोटे पहाड़ों के बीच एक बड़ा सा अर्द्धचंद्राकार आर्क दिखाई दिया।

वह नदी इसी आर्क के बीच से होकर आती दिख रही थी। आर्क से निकलकर सूर्य की सुनहरी किरणें नदी के पानी को प्रकाशित कर रहीं थीं।

“वाह! कितना सुंदर दृश्य है।” जेनिथ ने उस दृश्य को अपनी आँखों में भरते हुए कहा- “वह आर्क बिल्कुल किसी प्रकृति के द्वार की तरह प्रतीत हो रहा है।”

सभी मंत्रमुग्ध से कुछ देर तक उस दृश्य को देखते रहे, फिर आगे बढ़कर उस आर्क के पास पहुंच गये।

दूसरी ओर जाने का रास्ता आर्क के बीच से ही होकर जा रहा था।

उस पथरीले आर्क के दोनों ओर 2 जलपरियों की मूर्तियां भी बनीं थीं, जिन्होंने अपने हाथों में ग्लोब पकड़ रखी थी।

उस आर्क के पास जमीन पर एक छोटा सा बोर्ड लगा था, जिसके बीचो बीच में अलग-अलग अंग्रेजी के 7 अक्षर भी चिपके हुए थे।

वह अक्षर थे- “CRANGAM” उन अक्षरों को देखकर सभी के मुंह से एक साथ निकला- “क्रैंगम!”

“लगता है यह भी किसी प्रकार के तिलिस्म का हिस्सा है।” क्रिस्टी ने कहा- “क्यों कि यहां कि सारी चीजें किसी के द्वारा बनाई गयी दिख रहीं हैं।”

“सही कहा क्रिस्टी ने।” सुयश ने भी उस पूरे आर्क को देखते हुए कहा- “मुझे भी यह कोई नयी समस्या दिख रही है, पर इस क्रैंगम का मतलब क्या हुआ?”

पर सुयश के इस सवाल का जवाब उनमें से किसी के भी पास नहीं था।

“सभी लोग ध्यान रखें।”तौफीक ने कहा- “कोई भी किसी भी चीज को, समझे बिना नहीं छुएगा। क्यों कि हमें नहीं पता कि किस चीज में क्या परेशानी छिपी हुई है?”

सभी ने तौफीक की बात पर सहमति जताते हुए अपने सिर हिलाये।

“कैप्टेन अंकल!” शैफाली ने सुयश से कहा- “क्यों ना हम बिना किसी चीज को छुए हुए नदी के बगल में मौजूद छोटे से जमीनी रास्ते से उस पार चलें? क्यों कि हम कितना भी सोचकर किसी भी चीज को हाथ
लगाएं? हम उसमें छिपी परेशानी को पहचान नहीं पायेंगे।”

“शैफाली सही कह रही है।” सुयश ने सभी को देखते हुए कहा- “हमें बहुत धीरे-धीरे बिना किसी चीज को छुए ही इस आर्क को पार करना पड़ेगा।”

सुयश की बात सुन तौफीक ने स्वयं आगे बढ़कर उस आर्क के उस पार जाने की सोची, तभी तौफीक का हाथ किसी अदृश्य दीवार से टकराया।

उस अदृश्य दीवार ने तौफीक को उस पार नहीं जाने दिया।

“कैप्टेन, यहां पर कोई अदृश्य दीवार है, जो मुझे उस पार नहीं जाने दे रही।” तौफीक ने अदृश्य दीवार को हाथ से टटोलते हुए कहा।

तौफीक की बात सुन सभी ने हाथ के स्पर्श से उस दीवार को छूकर देखा।

“अब क्या करें कैप्टेन?” क्रिस्टी ने कहा- “हमारा उस पार जाना भी जरुरी है और यह आर्क की अदृश्य दीवार हमें उस पार जाने भी नहीं दे रही।”

मगर सुयश से पहले ही शैफाली बोल उठी- “नदी.... हो ना हो इस आर्क के उस पार जाने का रास्ता इस नदी से होकर जाता होगा।”

“मैं भी शैफाली की बात से सहमत हूं।” जेनिथ ने कहा- “हममें से किसी को पानी के अंदर उतरकर उस पार जाने की कोशिश करनी होगी।”

“यह कोशिश मैं करती हूं।” क्रिस्टी ने अपना हाथ ऊपर उठाते हुए कहा।

किसी ने भी क्रिस्टी की बात पर ऐतराज नहीं जताया। यह देख क्रिस्टी ने अपनी जींस को थोड़ा फोल्ड करके ऊपर चढ़ाया और अपने जूते उतारकर नदी में कूद गयी।

क्रिस्टी ने अपना सिर पानी की सतह के नीचे करते हुए उस आर्क को पार करने की कोशिश की, पर क्रिस्टी को पानी के अंदर भी वह अदृश्य दीवार महसूस हुई।

यह सोच क्रिस्टी डाइव मारकर नदी की तली की ओर चल पड़ी।

नदी कोई ज्यादा गहरी नहीं थी। थोड़ी ही देर में क्रिस्टी नदी की तली में खड़ी थी।

नदी के तली में बहुत से नीले पौधे लगे हुए थे। तभी क्रिस्टी के निगाह पानी में बने बाकी के आधे आर्क पर पड़ी।

वह आधा आर्क उल्टा बना हुआ था, यानि अगर वह नदी ना होती तो वह आर्क नहीं एक पूरा रिंग दिखाई देता।

पानी के अंदर के आर्क की ओर 2 परियां बनीं थीं, जिन्होंने अपने हाथों में जादुई छड़ी पकड़ रखी थी।

वह दोनों परियां आर्क से जुड़ी उल्टी खड़ीं थीं।

जब क्रिस्टी को पानी के अंदर से आर्क में जाने का कोई रास्ता नहीं दिखाई दिया, तो वह नदी से निकलकर बाहर आ गयी।

क्रिस्टी ने नदी के अंदर का पूरा दृश्य सभी को बता दिया।

“इसका क्या मतलब हुआ?” जेनिथ ने कहा- “अगर हम पानी से भी उस पार नहीं जा सकते और जमीन से भी नहीं तो फिर हम उस पार कैसे जायेंगे?”

“एक मिनट क्रिस्टी दीदी मुझे जरा एक बार फिर से बताना कि नीचे 2 जलपरियां उल्टी खड़ी हैं, आपने सही बताया ना?” शैफाली ने क्रिस्टी से दोबारा से पुष्टि करते हुए कहा।

“हां...बिल्कुल सही।” क्रिस्टी ने अपना सिर हां में हिलाते हुए कहा।

अब शैफाली उस आर्क को देखती हुई कुछ तेजी से सोचने लगी।

तभी जेनिथ की नजर क्रिस्टी के पैरों की ओर गयी और वह बोल उठी- “अरे क्रिस्टी ये तुम्हारे पैरों में यह नीले रंग का जेली जैसा पदार्थ कहां से लग गया?”

जेनिथ की बात सुन क्रिस्टी ने भी अपने पैरों की ओर देखा। उसके पैर में नीले रंग की जेली लगी थी।

“मुझे लगता है, यह जेली मुझे नदी के तली में खड़े होने पर लग गया होगा। क्यों कि वहां पर कुछ नीले पौधे थे।”

यह कहकर क्रिस्टी अपने पैरों से नीली जेली को हटाने लगी।

वह जेली किसी स्किन की तरह पैर से निकल रही थी। जेली के पैर से निकलने के बाद दोनों पैर की जेली किसी रबर के मोजे जैसी लग रही थी।

क्रिस्टी ने उस जेली को वहीं जमीन पर फेंक दिया।

तभी कुछ सोचती हुई शैफाली जोर से बोल उठी- “इस आर्क में ऊपर की ओर 2 जलपरियां बनी हैं और नीचे नदी की ओर 2 परियां। जबकि परियों को हवा में और जलपरियों को पानी में होना चाहिये था। इसका साफ मतलब है कि हमें इस आर्क को घुमाना होगा।”

शैफाली की सोच से सभी प्रभावित हो गये क्यों कि शैफाली का लॉजिक तो बिल्कुल सही था।

यह सुन तौफीक ने आगे बढ़कर उस पत्थर के आर्क को घुमाने की कोशिश की, पर पूरी ताकत लगाने के बाद भी वह आर्क अपनी जगह से हिला तक नहीं।

“लगता है कि इस आर्क में कुछ प्रॉब्लम और भी है।” जेनिथ ने कहा- “कहीं इस बोर्ड पर लिखे क्रैंगम शब्द में तो कोई रहस्य नहीं छिपा?” जेनिथ के शब्द सुन सभी उस क्रैंगम शब्द को ध्यान से देखने लगे।

“कैप्टेन!” तौफीक ने सुयश का ध्यान क्रैंगम शब्द की ओर करते हुए कहा- “ध्यान से देखिये। क्रैंगम शब्द में कुल 7 अक्षर हैं। इसमें ‘N’ अक्षर को छोड़कर बाकी सभी अक्षर लाल रंग से चमक रहे हैं, जबकि ‘N’ हरे
रंग से चमक रहा है। इसका मतलब ‘N’ को छोड़कर सभी अक्षर गलत स्थान पर लगे हैं, यानि कि ये सारे अक्षर ‘रम्बल-जम्बल’ हैं।”

सभी को तौफीक का तर्क बहुत सही लगा। अब सभी उन अक्षरों से किसी उचित शब्द को बनाने में लग गये।

कुछ देर सोचने के बाद इस प्रतियोगिता का समापन शैफाली ने अपने शब्दों से किया-

“यहां पर ‘MAGNARC’ शब्द लिखा है। इसका मतलब हुआ कि मैग्ना के द्वारा बनायी गयी आर्क। यानि कि ये सारे अक्षर उल्टे लिखे थे। शायद इन अक्षरों को सीधा करके सही करने के बाद यह आर्क भी घूमना शुरु हो जाये।”

यह सुनकर तौफीक ने आगे बढकर ‘C’ अक्षर को अपनी जगह से खिसकाने के लिये जैसे ही छुआ, वह तुरंत पत्थर का बन गया। यह देख सभी बहुत ज्यादा डर गये।

जेनिथ को छोड़ सभी की आँखों में दुख के भाव लहराने लगे।

“अब क्या करें कैप्टेन?” क्रिस्टी ने डरते हुए कहा- “हमारा एक और साथी इस जंगल की भेंट चढ़ गया... और अब हमारे पास आगे बढ़ने का कोई रास्ता भी नहीं है।”

“ऐसा नहीं हो सकता, अगर यह तिलिस्म बनाया गया है तो इसका हल भी यहीं कहीं होना चाहिये।” सुयश ने दृढ़ विश्वास दिखाते हुए कहा।

तभी सुयश को वेदालय वाला दृश्य याद आने लगा, जब आर्यन ने अपने दिमाग से धेनुका नामक गाय से स्वर्णदुग्ध प्राप्त किया था।

अचानक से सुयश आर्यन की तरह सोचने लगा। अब उसकी निगाहें तेजी से अपने चारो ओर घूमने लगीं।

तभी उसकी नजर क्रिस्टी के द्वारा फेंके गये नीले रंग की जेली पर पड़ी।

“मिल गया उपाय।” यह कहकर सुयश बिना किसी को कुछ बोले जूते उतारकर नदी में कूद गया।

किसी की समझ नहीं आया कि सुयश क्या करना चाह रहा है।

थोड़ी ही देर में सुयश नदी के पानी से बाहर निकला। उसके दोनों हाथों में अब नीले रंग की जेली लगी थी, जो कि एक रबर के दस्ताने की तरह प्रतीत हो रही थी।

सुयश ने आगे बढ़कर क्रैंगम के अक्षरों को छुआ, पर हाथ में जेली लगे होने के कारण सुयश को कुछ नहीं हुआ।

सुयश ने जैसे ही सभी अक्षरों को सही स्थान पर लगाया, सभी अक्षर हरे रंग से चमकने लगे और आर्क में कहीं एक तेज ‘खटाक’ की आवाज उभरी।

अब सुयश ने आर्क को हिलाकी देखा, सुयश के हिलाते ही आर्क अपनी जगह से घूमने लगी।
कुछ ही देर में जलपरियां पानी के नीचे चलीं गयीं और परियां पानी के ऊपर आ गयीं।

सुयश ने इसके बाद उस आर्क के बीच से निकलने की कोशिश की और वह आर्क के बीच से होता हुआ दूसरी ओर पहुंच गया।

यह देख जेनिथ, क्रिस्टी और शैफाली भी आर्क के दूसरी ओर निकल गये।

क्रिस्टी के एक नजर पत्थर बने तौफीक पर डाली। वह अभी भी पत्थर बना था। तौफीक को देख क्रिस्टी की आँखों में दुख के भाव नजर आये।

तभी सुयश को जाने क्या हुआ, वह दोबारा आर्क के पहली ओर गया और पत्थर बने तौफीक को खींचकर आर्क के दूसरी ओर ले आया।

जैसे ही तौफीक का शरीर आर्क के दूसरी ओर पहुंचा, अचानक दोनों परियां सजीव हो गईं।

परियों ने एक नजर पत्थर बने तौफीक की ओर डाली।

अब उनके हाथ में पकड़ी जादुई छड़ी से सुनहरी किरणें निकलीं और पत्थर बने तौफीक पर पड़ीं।

सुनहरी किरणों के पड़ते ही तौफीक वापस से सजीव हो गया। सभी यह देखकर खुश हो गये।

तभी परियों सहित नदी और आर्क सबकुछ हवा में विलीन हो गया। अब वह एक पथरीले रास्ते पर खड़े थे।

शैफाली ने तौफीक को सारी घटना बता दी। यह सुन तौफीक ने सुयश को गले से लगा लिया।

सभी मुस्कुराते हुए फिर से आगे की ओर बढ़ गये।

जारी रहेगा______✍️
Nice update....
 

Raj_sharma

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