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Incest पहाडी मौसम

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lovlesh2002

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कहानी में रानी की जिंदगी में एक रोमांचक मोड आ गया है, लगता है रानी की कहानी दूसरे छोर से आगे बढ़ेगी, लाजवाब रोनी भाई की सोच अलग ही तरह से रोमांच लाती है कहानी में।❤️
 

Ajju Landwalia

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रानी अपनी सहेलियों के साथ नदी पर पहुंच चुकी थी,,,और उनमें से एक लड़की ने अपने सारे वस्त्र उतार कर नंगी हो चुकी थी उसका कहना यही था कि साथ में कपड़े तो लाई नहीं है ऐसे में पहने हुए कपड़े में नहाएंगे तो कपड़े गीले हो जाएंगे जिससे घर वापस जाने में दिक्कत आएगीऔर इसीलिए उसने अपने सारे कपड़े उतार कर महंगी होकर ना आने का निर्णय किया था और उन तीनों को भी उसकी तरह ही कपड़े उतार कर नदी में उतरने के लिए उकसा रही थी। वैसे तो तीनों को भी उसका कहना सही लग रहा था और उन तीनों का भी मन बिना कपड़ों के नदी में उतरने को कर रहा था,,,, एक बार वह लोग भी बिना कपड़ों के नहाने का अनुभव ले लेना चाहती थी और वैसे भी मौका भी अच्छा था और दस्तूर भी यही था अकेले में कपड़े उतार कर नहाने में ही मजा आता है। फिर भी रानी बोली।





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लेकिन अगर कोई आ गया तो लेने के देने पड़ जाएंगे इस हालत में हम लोगों को देखकर कोई भी होगा कुछ और ही समझेगा,,,,।


अरे ऐसा कुछ भी नहीं होगा देख रही है दूर-दूर तक सन्नाटा फैला हुआ है,,,,और अगर कोई आदमी गया तो वह इतना तो बेशर्म होगा नहीं कि हम लोगों को नंगी नहाता हुआ देखकर हम लोगों को देखा हुआ नदी के किनारे बैठ जाएगा या हम लोगों के साथ उल्टा सीधा करेगा,,,, इतना तो डर उसके मन में भी होगा कि इस हालत में किसी को नहाते हुए देखना कितना गलत है अगर इस बारे में गांव में किसी को पता चलेगा तो लोग उसी पर उंगली उठाएंगे,,,

(रानी अच्छी तरह से समझ रही थी किकपड़े उतार कर नंगी नहाने का जिस तरह का कारण वह दे रही थी वह इतना योग्य नहीं था लेकिन फिर भी उसका भी मन नदी में बिना कपड़ों के उतरने को कर रहा था,, इसलिए वह बोली)

देख तेरी बात मानकर हम लोग कपड़े उतार कर नदी में उतर तो जाते हैं लेकिन इसके बाद अगर कुछ गलत हुआ तो इसकी जिम्मेदारी तेरी होगी।

ठीक है तुम लोग डरती बहुत हो,,, देख नहीं रही हो कितनी देर से कपड़े उतार कर नंगी खड़ी हूं,,,, यहां कोई है जो जबरदस्ती मेरी चुदाई कर दे,,, अरे जब तक मैं तैयार नहीं होऊंगी तब तक कोई मेरे बदन पर हाथ भी नहीं लग सकता समझी,,,,।

(उसकी बात सुनकर रानी और बाकी की लड़कियां हंसने लगी और उनमें से एक लड़की हंसते हुए बोली)





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अरे मेरी जान जिसको चोदना होगा वह तुझसे पूछेगा नहीं बल्कि झुका कर तेरी ले लेगा और तू भी उसे कुछ नहीं बोल पाएगी,,,बस आआआहहहह ऊहहहहह ऊममममम करती रह जाएगी,,,,,।

(उसकी भी बात सुनकर सभी लोग हंसने लगे और रानी भी हंसते हुए बोली,,,)

तू जिस तरह से आवाज निकल रही है ऐसा लग रहा है कि तुझे कुछ ज्यादा ही अनुभव है,,,।

तो इसमें कौन सी शर्म है आखिर बुर होती किस लिए है लंड लेने के लिए,,,, और मेरी बुर में भी लंड आता जाता रहता है इसमें कौन सी बड़ी बात है देखना है एक दिन तेरी बुर मे भी लंबा लंड घुसेगा,,,।

चल रहने दे,,,, इस तरह से बातों में ही शाम हो जाएगी जो भी करना है जल्दी करो और वैसे भी मैं एकदम किनारे पर ही नहाउंगी,,,, मुझे अच्छी तरह से तैरना नहीं आता,,,।




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ठीक है तो किनारे पर ही नहाना बस और वैसे भी हम लोग हैं चिंता मत करना,,,,(इतना कहते हुए जिसने अपने सारे कपड़े उतारकर नंगी हो गई थी वह धीरे-धीरे नदी में उतरने लगे और उसे देखकर बाकी की लड़कियां भी अपने कपड़े उतारने लगीऔर भला रानी कैसे पीछे रह सकती थी उन लोगों के साथ हो अभी अपने कपड़े उतारने लगी और देखते ही देखते बाकी की तीनों लड़कियां भी कपड़े उतार कर एकदम नंगी हो गई,,,, एक साथ चार-चार नंगी जवानी नदी के किनारे हिलोरा मार रही थी लेकिन इस अद्भुत नजारे को देखने वाला इस समय वहां कोई भी नहीं था,,,, चारों ने अपने कपड़ों को नदी के किनारे की झाड़ियों के पास बड़े से पत्थर पर रख दी। और देखते ही देखते बाकी के तीन लड़कियां भी नदी के पानी में उतर गई,,,,।

चारों तरफ सन्नाटा छाया हुआ था केवल नदी के बहने की हल्की-हल्की आवाज आ रही थी और चारों के नदी में उतरने से नदी के पानी में भी एक अलग ही आवाज आ रही थी जो रह रहकर वातावरण में पहली खामोशी को शोर में बदल दे रही थी,,, इतनी प्रचंड गर्मी में भी नदी का पानी अंदर से बेहद शीतल था। जिसका एहसास उन लोगों को बहुत अच्छी तरह से हो रहा था,,,, अभी तक चारों लड़कियां नदी के किनारे पर ही थी कमर जितने पानी में वह चारों लड़की एक दूसरे पर हथेलियां में भर भर कर अपनी एक दूसरे पर फेंक रही थी और जलक्रीड़ा कर रही थी,,, ठंडा पानी बदन पर पडते ही उन लोगों को अच्छा लग रहा था,,,चारों लड़कियों जवानी से भरी हुई थी और लगभग चारों लड़कियां चुदाई का सुख भोग चुकी थी,,, इतना तो तय था लेकिन गांव में किसके साथ यह लोग रंगरेलियां मना चुकी हैं यह कोई नहीं जानता था। नदी में खेलने का आनंद चारों लड़कियां ले रही थी उन चारों की हालत चलन से चारों की अद्भुत गोलाई ली हुई चुचीया रबड़ के गेंद की तरह ऊपर नीचे हो रही थी जिसे देखकर वह चारों मस्त हो रही थी अगर इस नजारे को कोई मर्द देख लेता तो शायद उसका लंड उसी समय पानी फेंक देता,,,,।

लेकिन इस अद्भुत नजारे को देखने वाला इस समय वहां कोई नहीं था वैसे तो इस नजारे को कोई भी मर्द देखा तो शायद वहजीवन में पहली बारिश नजारे को देख रहा होता क्योंकि गांव में अक्सर नदी में औरतें नहाती तो है लेकिन अपने सारे कपड़े उतार कर एक साथ सारी औरतें नहाती हो ऐसा कभी नहीं होता,,,, लेकिन यहां पर गांव के चारों जवान लड़कियां एकदम नंगी होकर नहा रही थी चारों का बदन एकदम छरहरा था,,, लेकिन उन चारों में सबसे ज्यादा खूबसूरत रानी ही थी,,, इस बात को भीवह लड़कियां जानती थी इसीलिए उनमें से एक लड़की रानी की चूची हो पर जोर-जोर से अपनी अपनी हथेली में लेकर फेंकते हुए बोली,,,,।

आज तेरी चुची को टमाटर की तरह लाल कर दूंगी,,,,,,।
(और उसकी हरकत पर रानी जोर-जोर से हंसती थी और वह भी वही क्रिया उसके साथ दोहराती थी,,, लेकिन जब जब चूचियों पर पानी की बौछार पड़ती थी उसके बदन में सनसनी से दौड जाती थी,,,, रानी इस बात पर बहुत अच्छी तरह से गौर की थी बाकी तीनों की लड़कियों की चुचीयां तो थी आकर्षक लेकिन तीनों की चूचियां उससेआकार में थोड़ी सी बड़ी थी और हल्का सा उनमें झुकाव था नीचे की तरफ लेकिन उसकी चूची एकदम तनी हुई थी बेहद आकर्षक जरा सा भी लक उसमें नहीं था एकदम टनटनाई हुई थी,,, इस बात की खुशी उसके चेहरे पर साफ झलक रही थी। वैसे भी हर एक लड़की कायही सबसे बड़ा सुख होता है कि वह बाकी की उनकी सहेलियों में सबसे खूबसूरत और हसीन दिखाई दे और इस समय रानी उसकी सहेलियों में सबसे ज्यादा हसीन और खूबसूरत थी,,,, रानी भी जोर-जोर से सहेलियों पर पानी मारते हुए बोली,,,,)

मैं भी तुम लोगों की चूची को लाल-लाल कर दूंगी,,,, देखना आज किसी को नहीं छोडूंगी,,,,।(ऐसा कहते हुए रानी और उसकी सहेलियां आपस में जलक्रीड़ा कर रही थी,,, उन्हें बहुत मजा आ रहा था तभी उनमें से एक सहेली बोली,,,)

देखना तुम लोग रानी की जो भी लेगा वह बहुत खुशकिस्मत वाला होगा,,,,।

(यह सुनकर दूसरी लड़की बोली)

सही कह रही है तू रानी जैसी खूबसूरत लड़की की चुदाई करना वाकई में किस्मत वाली बात है,,,, न जाने किसके लंड का नाम लिखा है इसकी बुर पर ,,, जिसका भी घुसेगा वह पूरी तरह से मत हो जाएगा,,,,,।

(उन लोगों की बातें सुनकर रानी मन ही मन में बहुत खुश हो रही थी क्योंकि वह लोग एक तरह से उसकी तारीफ ही कर रहे थे और रानी को भी दूसरी लड़कियों की तरह अपनी खूबसूरती और जवानी की तारीफ सुनना पसंद था,,,, उसे यह सब अच्छा लग रहा था लेकिन उन लड़कीयों को यह नहीं मालूम था कि उसकी बुर की गहराई खुद उसके भाई का लंड नाप चुका है। उसकी बुर पर सुनहरे अक्षरों से उसके भाई के लंड का नाम लिखा था,,,,, लेकिन रानी यह सब राज ही रखना चाहती थी और यह कोई बताने वाली बात भी नहीं थी इसलिए उन लोगों की बात सुनकर वह बोली,,,)

क्यों मेरे में हीरे मोती जड़ें हैं क्या,,,?

हां हीरे मोती ही जड़े हैं तभी तो कह रही हूं कि जो भी तेरा लगा वह बहुत ही ज्यादा खुश किस्मत वाला होगा तभी वह तेरी ले पाएगा,,,, और जो भी लेगा उसे बहुत मजा आएगा,,,,(उसकी बात सुनकर उसकी दूसरी सहेली बोली,,,)

मजा तो इससे भी बहुत आएगा सिर्फ वही मजा थोड़ी लेगा,,,,,।


चल रहने दे इन सब ने मुझे मजा नहीं आता,,,(रानी इतराते हुए बोली,,,)

अच्छादेखना जब एक बार लंड तेरी बुर में घुसेगा ना तो तू खुद ही लंड पर उछल उछल कर चुदवाएगी इतना मजा आता है,,,,,।

( उसकी बात सुनकर रानी मां ही मन में बहुत खुश हो रही थी क्योंकि उसकी बात में सच्चाई थी ऐसा सच में होता है जब एक बार लंड बुर में घुसता है तो दोबारा वही बुर लंड लेने के लिए तड़प उठती है उसका भी यही हाल था,,, एक बार अपनी भाई से चुदवाने के बाद बार-बार उसकी इच्छा चुदवाने की होती थी और वह रोज रात को अपने भाई से मजा ले रही थी फिर भी उसकी बात सुनकर वह बोली,,,)

मुझे इन सब में बिल्कुल भी मजा नहीं आता है इसलिए सोचना भी मत कि मैं कभी ऐसी वैसी हरकत करूंगी,,,,।

अपने पति के साथ भी नहीं,,,(उसकी बात सुनकर दूसरी लड़की एकदम तपाक से बोली)

पति के साथ भी नहीं बिल्कुल भी नहीं,,,,।

चल रहने दे कभी ऐसा सोचना भी नहीं तेरा कितना भी मन नहीं होगा वह तेरे ऊपर चढ़ बैठेगा और वैसे भी इतनी खूबसूरत लड़की को कोई छोड़ता है भला,,,, देखना तु ना ना कहती रह जाएगी और वो तेरी टांग फैला कर ले लेगा।

(उसकी बात सुनकर बाकी लड़कियों के साथ रानी भी हंसने लगी,,,,,,रानी किनारे पर ही कमर जितने पानी में नहाने का मजा लूट रहे थे लेकिन धीरे-धीरे तीनों लड़कियां तैरते हुए बीच में जाने लगी,,,, कमर तक पानी में खड़े होने की वजह से रानी का कमर के ऊपर का नंगा बदन पूरी तरह से झलक रहा था लेकिन बाकी तीन लड़कियां नदी के बीच में चली गई थी जिसकी वजह से उनका सिर्फचेहरा ही दिखाई दे रहा था बाकी का वजन पानी में डूबा हुआ था और वह लोग देर कर मजा ले रहे थे रानी का भी मन बीच में जाने को कर रहा था लेकिन वह जानती थी की नदी के बीच में पानी का बहाव थोड़ा तेज होता है और वह अभी तक नदी के बीच में तैरने का अनुभव नहीं ली थी,,,, रानी किनारे पर ही बैठ बैठ कर पानी में डुबकी लगा रही थी तभी उसकी सहेली जो नदी के बीच में तैर रही थी उसे आवाज लगाते हुए बोली,,,,)

रानी यहां का पानी बहुत ठंडा है बहुत मजा आ रहा है नहाने में तु भी धीरे-धीरे आजा,,,,,।

लेकिन मुझे डर लगता है कहीं कुछ हो गया तो,,,,


अरे कुछ भी नहीं होगा तू आ तो सही हम लोग है ना,,,जहां पर तू नहा रही है वहां का पानी खास ठंडा नहीं है लेकिन यहां का पानी तो बहुत ठंडा है बहुत मजा आ रहा है नहाने में,,,,।

हां यह सच कह रही है यहां ज्यादा मजा आ रहा है,,,, तू भी आजा,,,,(यह भी उसके सुर में सुर मिलाते हुए बोली,,,,उन लोगों की बातें सुनकर रानी का मन नदी के बीचोंबीच जाने को कर रहा था,,,वह भी धीरे-धीरे पानी के अंदर आगे बढ़ने लगी जैसे-जैसे वह कदम आगे बढ़ा रही थी वाकई में वहां का पानी कुछ ज्यादा ही ठंड महसूस हो रहा था जिससे उसके बदन में सनसनी सी दौड़ जा रही थी उसे अच्छा लग रहा था,,, इसलिए वह धीरे-धीरे तैरते हुए आगे बढ़ने लगी,,, लेकिन इसी बीच एक बड़े से पत्थर पर उसका पैर पड़ा और चिकनाहट पाकर उसका पैर एकदम से फिसल गया और वह अपने आप को संभाल नहीं पाई और पानी में गिर गई लेकिन जिस जगह पर वह फिसल करके वह गीरी थी वहां पर नीचे से पानी का बहाव थोड़ा ज्यादा था,,,वह अपने आप को संभालने की बहुत कोशिश की लेकिन वह अपने आप को संभाल नहीं पाई थोड़ा बहुत तैर कर वह अपनी जगह पर आने की कोशिश कर रही थी लेकिन ऐसा हो नहीं पा रहा था,,,,, उसकी तीनों सहेलियां उसे ही देख रही थी कुछ देर के लिए उन्हें लगा कि शायद रानी तैर रही है,,,, लेकिन जैसे ही रानीका पूरा सर पानी में डूबा और वह तुरंत ऊपर की तरफ निकालने की कोशिश कीउन तीनों को समझ में आ गया कि मामला क्या है और तीनों उसकी तरफ आगे लपकने लगे,,,, लेकिन पानी का बहाव इतना ज्यादा था कि रानी अपने आप को संभाल नहीं पा रही थी और पानी के बहाव में आगे बढ़ती चली जा रही थी,,,,।



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मामला गंभीर होता चला जा रहा था। जिसका एहसास रानी की सहेलियों को हो चुका था,,, उन तीनों को एहसास हो गया था कि वह तीनों अब उसे नहीं बचा सकते क्योंकि बहते हुए पानी में देर कर उसे बचा कर लाना उसे संभाल पाना अब उनके बस का नहीं था,,,, इसलिए वह तीनों एक साथ मदद की गुहार लगाते हुए चिल्लाने लगे।

बचाओ,,,,, बचाओ,,,,,, रानी,,, डूब रही है कोई बचाओ,,,,,(ऐसा कहते हुए वह तीनों की प्रयास कर रहे थे लेकिन प्रयास असफल था,,,,, वह तीनों लगातार बचाओ बचाओ करके चिल्ला रही थी,,,,,, तभी नदी के उसे पर से गुजर रहे तीन घुड़सवार के कानों में बचाओ बचाओ की आवाज सुनाई दी,,, तो वह तीनों रुक गए उनमें से एक बोला,,,)

तुम लोगों को आवाज सुनाई दे रही है,,,।

हां कोई मदद के लिए पुकार रहा है,,,,,।


लेकिन आवाज आ कहां से रही है,,,,, चलो थोड़ा ऊपर चलकर देखते हैं,,,,(इतना कहकर हुआ खुद सवार थोड़ी सी ऊंची टेकरी थी वहां परघोड़ा लेकर चढ़ गया और वहां से देखने लगा तभी उसकी नजर नदी में बह रही रानी पर पड़ी और उनसे दूर तीन लड़कियों पर पड़ी जो मदद के लिए चिल्ला रही थीइतना देखते ही वह बिना कुछ सोचे समझे घोड़े पर से नीचे कूद गया और दौड़ते हुए तुरंत नदी में छलांग लगा दिया,,,,और तैरते हुए रानी के करीब जाने लगा रानी बार-बार डुबकी लगा ले रही थी उसके मुंह से आवाज तक नहीं निकल रही थी वह पानी पी ले रही थी वह एकदम नहीं रही नजर आ रही थी लेकिन फिर भी अपनी जिंदगी को बचाने के लिए लड़ रही थी और वह घुड़सवार नौजवान पूरी ताकत के साथ तैरता हुआ रानी के करीब पहुंच गया था और उसे तुरंत सहारा देकर अपने कंधे परसंभाल लिया था यह देखकर बाकी की तीनों लड़कियां एकदम से नदी के बाहर निकलने लगी क्योंकि वह तीनों बिना कपड़ों की निर्वस्त्र नहा रही थी,,,, रानीको बचाने के चक्कर में हुआ तीनों यह भी भूल गई थी कि वह बिना कपड़ों की नंगी होकर नहा रही थी और कोई अगर बचाने के लिए आ गया तो उन तीनों को भी नंगी नहाते हुए देख लेगा उनके नंगे जिस्म को देख लेगा और जैसेउन्हें लगा की रानी अब खतरे से बाहर है वह तीनों तुरंत नदी के बाहर आकर अपनी-अपने कपड़े पहने लगी थी।

वह नौजवान घुड़सवार जो रानी को बचाकर किनारे की तरफ ला रहा था उसने तो वह तीनों को नहीं देखा था कि वह तीनों निर्वस्त्र होकर नहा रही थी लेकिन जैसे ही वह तीनोंनदी से बाहर निकलने लगे नदी के दूसरी तरफ पर खड़े घुड़सवार के दोस्त उन दोनों की नजर तीन लड़कियों पर पड़ी जो एकदम नंगीनदी से बाहर निकल रही थी उन्हें देखकर उन दोनों की आंखों में चमक आ गई और दोनों आपस में ही मुस्कुराते हुए बोले,,,।

देख रहा है कितनी जवानी चढ़ी हुई है,,, साली तीनों नंगी ही नहा रही है,,,,।

तीनों नहीं चारों वह देख कुंवर जी से कंधे पर उठाकर बचा कर ले जा रहा है वह भी नंगी ही नहा रही थी,,,,

हां यार साली चारों की बुर में आग लगी हुई है काश हम दोनों भी वहां होते तो मजा आ जाता,,,उफ्फ,,,, चारों की नंगी चूचियां देख कर मजा ही आ जाता,,,।

साले तू चूचियों की बात कर रहा है उन चारों की गांड देख बुर देख,,,,मेरा तो देख कर ही खड़ा हो गया है अगर मैं वहां होता तो सच में चारों में से एक की बुर तो ले ही लेता,,,,।

हां सच कह रहा है तू मौका भी बहुत अच्छा था उन चारों को बोलने की हमें करने दो वरना तुम्हारे घर वालों को बोल देंगे कि तुम चारों नंगी होकर नहा रही थी किसी दूसरे लड़कों के साथ और इन सब में यह हादसा हो गया,,,, अपनी इज्जत बचाने के लिएहम लोगों का झूठ नहीं मानना ही पड़ता और हमारी बात मानकर हमें वह लोग अपनी बुर दे देती,,,।

हां यार बात तो सही कह रहा है हमें तो वहां चलना चाहिए,,,।

रहने दे अब कोई फायदा नहीं है,,,, कुंवर वह लड़की को नदी के बाहरले गया है और उसके होते हुए हम लोग कुछ भी करने की सोच भी नहीं सकते जानता हैं ना तु,,,,।

हां यार से सच कह रहा है यह कुंवर भी न जाने कौन सी मिट्टी का बना है,,,,इतनी खूबसूरत लड़की को कंधे पर उठाकर बचा कर ले जाना है लेकिन ऐसा नहीं कि इस मौके का फायदा उठाते हुए उसकी चूची दबा दे उसकी गान्ड सहला दे उसकी बुर में उंगली ही डाल दे,,,,।

सच कह रहा है तू कुंवर की जगह मैं होता तो जरूर ऐसा करता,,,,,।


(वह घुड़सवार जिसने रानी की जान बचाई थी उसका नाम कुंवर था और वह रानी को बड़े से पत्थर पर लिटा दिया था,,,, अभी तकउसे घुड़सवार को यह नहीं मालूम था कि जिसकी वह जान बचा रहा है वह बिना कपड़ों के नंगी होकर नहा रही थी और डूब रही थी,,, पत्थर पर लेटाने के बादउसने जब देखा तो उसे पता चला कि जिसे वह बचाकर ला रहा है वह तो नंगी है बिना कपड़ों की उसके खूबसूरती को देखकर वह एकदम से मदहोश होने लगा वह पल भर के लिए यह भी भूल गया कि वह क्या कर रहा है वह उसे देखा ही रह गया बाकी की तीनों लड़कियां अपने कपड़े पहनेकर रानी के करीब आ चुकी थी लेकिन उसकी नग्नता और एक नौजवान लड़के को देखकर तीनों की आंखों में शर्म का एहसास हो रहा था और वह तीनों आपस में बात करते हुए मुस्कुरा रहे थे और शर्मा भी रही थी,,,,, वह घुड़सवार तो रानी को देखता ही रह गया था उसकी जवानी,,,, रानी के खूबसूरत अंग उसकी संतरे जैसी चूचियां यह सब देखकर तो वह पागल हो गया,,,,।

और जैसे ही उसकी नजर उसकी कमर के नीचे वाले भाग पर पड़ी तो वहां का नजारा देखकर तो वह मदहोश होने लगा उसकी आंखों के सामने औरत का वह अंगउजागर हो गया था जिसके बारे में वह सिर्फ सोच करता था जिसे अपनी आंख से देखा नहीं था लेकिन आज उसे अंग को देखकर वह पागल हुआ जा रहा था आज उसे औरत की बुर देखने को मिल गई थी,,,, उसे देखने की खुशी मदहोशी उसके चेहरे पर साफ दिखाई दे रही थी वहफटी आंखों से रानी की ब** को देख रहा था इसके बारे में कभी कल्पना करके वह कभी-कभार मस्त हो जाता था,,, लेकिन आज तक कभी भी किसी भी लड़की या औरत के साथ उसने अश्लील हरकत नहीं किया था वह औरतों से शर्माता बहुत था इसीलिए तो आज रानी की बुर को देखकर उसके चेहरे पर हवाइयां उड़ रही थी उसके चेहरे का रंग उड़ता चला जा रहा था।वह इस कदर पागल होकर रानी की बुर को देख रहा था कि उसे इस बात का अहसास तक नहीं हो रहा था कि उसके इर्द गिर्द उस लड़की की तीनों सहेलियां खड़ी थी जो उसे भी देख रही थी,,,। रानी के तीनों सहेलियां भी उसे घुड़सवार को देख रही थी और उन्हें अच्छी तरह सेएहसास हो रहा था कि वह घुड़सवार रानी के कौन से अंग को देख रहा था इसीलिए रानी की तीनों सहेलियां आपस में मुस्कुरा कर बातें कर रही थीलेकिन तभी जब रानी को बिल्कुल भी होश नहीं आ रहा था वह इस तरह से पत्थर पर पड़ी हुई थी तो उनमें से एक लड़की बोली,,,।



रानी को क्या हुआ रानी तो हिल डुल नहीं रही है,,,, कहीं कुछ हो तो नहीं गया,,,।
(उस लड़की की बात सुनकर घुड़सवार को जैसे होश आया हूंफिर वह रानी की हालत पर गौर करने लगा वरना उसकी जवानी से उसकी आंखें भी चकाचौंध होने लगी थी,,, वैसे तो वह दूसरे लड़कों की तरह आवारा बिल्कुल भी नहीं था वह बेहद खानदानी और इज्जतदारलड़का था जो लड़कियों की तरफ नजर उठा कर देखा भी नहीं था लेकिन आज हालात कुछ और बन गए थे इसलिए वह अपने आप पर काबू नहीं कर पाया था लेकिन उस लड़की की बात सुनकर वह एकदम से होश में आ गया था,,, उसकी नंगी चूचियों को देखकर वह उन लड़कियों से बोला,,,)

लगता है तुम्हारी सहेली पानी पी गई है पानी निकालना पड़ेगा लेकिन इससे पहले इनकी छातियों को दुपट्टे से
ढक दो,,,,
(उसकी बात सुनते ही उनमें से एक लड़की तुरंत एक दुपट्टा लेकर आई और उसके कहे अनुसार उसकी छातियों को ढक दी लेकिन अभी भी उसकी टांगों के बीच की पतली दरार पूरी तरह से उजागर थी,,, बार-बार उस घुड़सवार की नजर उसकी बुर पर चली जा रही थी। लेकिन इस समय उसकी जान बचाना ज्यादा जरूरी था इसलिए वह रानी की टांगों के बीच से अपनी नजर को हटा लिया,,, उन लड़कियों को बोला,,,)

मेरी मदद करो इसे पेट के बल लिटाने में,,,(ऐसा कहते हुए वह रानी के कंधों को पकड़ लिया और उसकी बात सुनते ही वह सारी लड़की अपनी तरफ से पूरी मदद करने लगी और देखते ही देखते वह उसे पलट दी पेट के बल लेकिन पेट के बल पलटते ही एक बार फिर से उसे घुड़सवार की आंखें फटी की फटी रह गई रानी के उन्नत उभारदार नितंबों को देखकर उसकी हालत एकदम से खराब होने लगी वाकई में असली खूबसूरती तो पिछवाड़े में ही थी जिसे वह घुड़सवार देखता ही रह गया,,,, उस घुड़सवार की हालत को वह तीनों लड़कियां भी अच्छी तरह से समझ रही थी वह जानती थी कि खूबसूरत लड़कियों की गोरी गोरी बड़ी-बड़ी उभरी हुई गांड देखकर मर्दों की क्या हालत होती है वही हालत इस समय घुड़सवार की हो रही थीलेकिन फिर से हुआ है बड़ी मुश्किल से उसके नितंबों पर से अपनी नजर हटाकर वह नंगी चिकनी पीठ पर अपनी दोनों हथेलियां रख दिया और उसका दबाव बनाकर हल्के हल्के दबाने लगा,,, उसके ऐसा करने पर रानी के मुंह में से पानी निकलने लगा जितना वह डूबते समय पी गई थी धीरे-धीरे करके वह दबाते हुए जितना पानी था सब निकाल दिया और फिर उसे होश आने लगा कब जाकर वह घुड़सवार और उसकी तीनों सहेलियां राहत की सांस ली,,,।



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लेकिन रानी को जैसे ही हो सर वह अपने सामने तीनों लड़कियां और एक अनजान जवान लड़की को देखकर एकदम से हैरान हो गई वह उठकर बैठ गई लेकिन उसे अपनी स्थिति का भान बिल्कुल भी नहीं थालेकिन जैसे ही उसे एहसास हुआ कि वह संपूर्ण रूप से नंगी एक अंजाम लड़के के सामने बैठी है तो एकदम से घबरा गई और पास में ही पड़े दुपट्टे से अपने बदन को ढकने की कोशिश करने लगी उसकी हालत को देखकर वह घुड़सवार उसे समझाते हुए बोला,,,।


आराम से,, कोई दिक्कत नहीं है अब तुम खतरे से बाहर हो,,,,,।
(उसकी बात सुनकर रानी अपनी नंगी जवान को उसे दुपट्टे में छुपाने की नाकाम कोशिश करते हुए अपने तीनों सहेलियों की तरफ देख रही थी तो वह तीनों एक साथ बोल पड़ी,,,)

तुम पानी में डूब रही थी वह तो भला हो इनका जो बिना सोचे समझे नदी में कूद गए और तुम्हें बचाकर किनारे पर ले आए,,,,।

(बेहोशी की हालत में रानी सब कुछ भूल चुकी थी लेकिन अपनी सहेली के बताने पर उसे याद आने लगा और वह उस घुड़सवार की तरफ देखने लगी तो वह घुड़सवार नम्रता दीखाते हुए बोला,,,)


मेरा नाम कुंवर है और मैं पास ही के गांव के जमीदार राजा साहब का साला हूं,,,,, वह तो गनीमत था की हम लोग यहां से गुजर रहे थे वरना आज अनर्थ हो जाता,,,।

आपका बहुत-बहुत शुक्रिया अब मैं क्या कहूं मेरे पास तो कहने के लिए शब्द भी नहीं है,,, सच में अगर आज अाप ना होते तो शायद मैं इस दुनिया में ना होती,,,


जब तक मैं जिंदा हूं तब तक तुम्हें कुछ होने नहीं दूंगा,,,,,(उसका इतना कहना था की रानी उसे देखते ही रहेगी और उसकी सहेलियां भी उसे देखते रह गई थी और वह मुस्कुराता हुआ आगे बड़ा और नदी में छलांग लगा दिया,,,,, और तैरते हुए दूसरी और निकल गया जहां पर उसके दो साथी खड़े थे रानी उस घुड़सवार को देखते ही रह गई,,,, उसकी सहेलियां भी मजा लेते हुए बोली,,,)

देखा रानी तेरे दिल का राजा मिल गया है और क्या बोल कर गया तूने सुना ना कि जब तक वह जिंदा है तुझे कुछ होने नहीं देगा,,,।

सच में उसे रानी से प्यार हो गया देखी नहीं इसके नंगे बदन को कैसे प्यासी नजरों से देख रहा था,,,(दूसरी लड़की भी उसके सुर में सुर मिलाते हुए बोली तो,,, और तभी तीसरी वाली बोल पड़ी,,,)

उसकी चूची और बुर को तो वह पागल की तरह दुख रहा था ऐसा लग रहा था कि आज से पहले उसने कभी यह सब देखा ही ना हो,,,,।


सच कह रही है तू जब इसको पेट के बल लेटाया तो देखी नहीं इसकी गांड देखकर तो वह पागल ही हो गया था,,,, सच कह रही हूं अगर हम लोग ना होते तो इसकी चुदाई जरूर कर दिया होता।


मुझे तो लगता है कि उसका लंड जरूर खड़ा हो गया होगा उसकी नंगी जवान देखकर।

कुछ भी हो था बहुत सुंदर और अच्छे घराने का भी है राजा साहब का साला है,,,,।

हां देखी नहीं घोड़े पर बैठ कर आया था,,,।

(वह तीनों क्या-क्या बोल रही थी रानी को कुछ समझ में नहीं आ रहा था रानी अपने ही ख्यालों में खोई हुई थी वाकई में कुंवर उसे बहुत अच्छा लगा था बिल्कुल उसके सपनों का राजकुमार की तरह,,,, फिर वह अपने आप को व्यवस्थित करते हुए धीरे से उठी और,,, बोली,,)

मैं पहले ही बोली थी कि मैं बीच में तैर नहीं पाती फिर भी तुम लोग की जीत के कारण बीच में जाना पड़ा,,,(इतना कहते हुए वह अपने कपड़े पहनने लगी और उसकी यह बात सुनकर उसकी सहेली बोली,,,)

जो हुआ अच्छा ही हुआ अगर तू बीच में नहीं जाती तो डुबती नहीं,,,, और अगर डूबती नहीं तो तेरे सपनों का राजकुमार कैसे मिलता,,,,

धत् रहने दो बकवास करने को चलो घर देर हो रही है,,,,।

(और इतना कहकर वह लोग गांव की तरफ चल दिए,,)

Bahut hi shandar update he Pearlman Rohnny Bhai,

Keep rocking
 

Premkumar65

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रात को देखा गया सपना दिन में भी सुनैना के होश उड़ा रहा था सुनैना को तो यकीन ही नहीं हो रहा था कि रात को जो कुछ भी हुआ था वह सपना था उसे सब कुछ हकीकत सा ही लग रहा था,,, क्योंकि आज तो कुछ नहीं इस तरह का सपना कभी देखी भी नहीं थी और जो सामान्य सपने होते थे वह तो पूरी तरह से याद भी नहीं होते थे लेकिन रात को देखा गया सपना सुनैना के मानस पटल पर पूरी तरह से छप गया था वह पूरी तरह से आश्चर्यचकित हुई थी उसे इस तरह का सपना क्यों आया,,, जबकि मां बेटे के बीच ऐसा कुछ भी नहीं है,,,, लेकिन फिर भी यह सपना बार-बार सुनैना की बुर अपने आप ही गीली कर दे रहा था,,,,,,, सपना का एक-एक दृश्य सुनैना कोपूरी तरह से याद था ऐसा लग रहा था कि सपना का एक-एक कृष उसके साथ घटित हुआ हो। उसे सपना के हर एक पल में मादकता और मदहोशी छुपी हुई थी जिसे के बारे में सोचकर ही सुनैना की हालत खराब हो जा रही थी।

सुबह जब वह सो कर उठी तो कुछ देर तक वह बिस्तर पर ही बैठी रह गई थी,,,, सपने में उसके बेटे की यह बात इस बार-बार याद आ रही थी कि वह कमरे में अपने हाथ से ही अपनी प्यास बुझाने की कोशिश करती है और वह चोरी छुपे सब कुछ देखा है,,,, और इस बात से बात से वह बिल्कुल भी इनकार नहीं कर सकती थी कि कमरे के अंदर अपने पति के लिए हाजिरी में उसे अपने हाथ से अपनी जवानी की प्यास बुझाने पर मजबूर होना पड़ रहा था लेकिन यह बात उसे समझ में नहीं आ रही थी कि वाकई में उसका बेटा उसे इस तरह की हरकत करते हुए देखा है या सिर्फ यह एक सपना ही था बार-बार यह सवाल सुनैना को परेशान कर दे रहा था लेकिन फिर भी सपना तो सपना ही होता है वह अपने मन को इस बात से मना कर शांत कर ली थी वरना यह प्रश्न उसे बहुत परेशान कर रहा था और वह अपने मन में सोच रही थी कि उसका बेटा उसके कमरे में रात को झांकने के लिए थोड़ी ना आएगा,,, जैसे तैसे करके सपनो की दुनिया से बाहर आकर वह सामान्य होकर अपनी दिनचर्या में लग गई लेकिन इसके बावजूद भी वह सूरज से नजर नहीं मिल पा रही थी उसे ऐसा ही महसूस हो रहा था कि सच में सूरज रात को उसकी चुदाई कर गया है,,,, इसलिए वहां शर्मिंदगी के कारण सूरज के सामने अपनी नजर को नीचे झुका कर ही कार्य कर रही थी।

सूरज को इस बात की खुशी थी कि उसने अपनी मां को पेशाब करते हुए देखा और उसकी मां भी उसे इस क्रिया को करते हुए देख ली थी जिससे उसे पता चल गया था कि उसका बेटा उसे देख रहा था,,, अभी ईस क्रियाकलाप का उसकी मां पर क्या असर होता है,,, यही सूरज देखना चाहता था। क्योंकि सूरज भी जानता था कि उसकी मां अपनी साड़ी को यह जानते हुए दी थी वह उसे देख रहा है फिर भी वह साड़ी नीचे नहीं कर पाई थी अब यह जानबूझकर हुआ था या जाने अनजाने में घबराहट की वजह से यह सूरज को नहीं मालूम था लेकिन जो कुछ भी उसकी आंखों के सामने घटित हुआ था वह बेहद रोमांचक था। सूरज तो अपने मन में यही सोचता था कि बार-बार उसे यह दृश्य देखने को मिले बार-बार उसकी मां उसकी आंखों के सामने पेशाब करें और उसकी बुर से निकलने वाली सिटी की आवाज उसके कानों में घुलकर उसे मदहोश कर दे। यही सब सोचता हुआ वह भी अपनी दिनचर्या में लगा हुआ था क्योंकि उन दोनों को खेत पर भी जाना था,,, समय पर गेहूं की कटाई करनी थी इसलिए वह जल्दी से तैयार हो गया था मां बेटे दोनों खेत में जाने के लिए तैयार हो चुके थे। और रानी को हिदायत देकर सुनैना अपने बेटे के साथ खेत पर चली गई थी और अपने काम में लग गई थी।

दोपहर का समय होने पर रानी गांव में अपनी सहेलियों के साथ बड़े से पेड़ के नीचे बैठकर बातें कर रही थी कि तभी उनमें से एक सहेली बोली।

रानी क्यों ना हम लोग नदी पर चलते हैं नहाने के लिए वैसे भी गर्मी बहुत है,,,
(उसकी बात सुनकर रानी बोली)

बात तो तु ठीक कह रही है,,, लेकिन मुझे बराबर तैरना नहीं आता अगर कुछ इधर-उधर हो गया तो गड़बड़ हो जाएगी,,,।

अरे कुछ भी नहीं होगा हम लोग हैं ना हम लोगों को अच्छी तरह से तैरना आता है। (उनमें से दूसरी लड़की बोली तो उसकी बात से रानी सहमत हो गई,,, रानी का समय अक्सर इन्हीं सहेलियों के बीच गुजरता अपना काम जल्दी खत्म करके वह दोपहर में इन्हीं लोगों के पास आ जाती थी गप्प लड़ाने के लिए,,, उसकी सहेलियों में दो सहेलियां ऐसी थी जो अपना अनुभव उसे बताती थी,,,और वह भी चुदाई का,,, जिसे सुनकर रानी के तन बदन में कुछ कुछ होता था लेकिन अब ऐसा कुछ भी नहीं होता था क्योंकि अब वह खुद अपने भाई से रोज रात को चुदाई का मजा लूटती थी,,, उन लोगों तो कभी कभार यह आनंद मिलता था उन लोगों के बताए अनुसार लेकिन रानी तो बेहद खुश नसीब थी जो रोज उसे चुदाई का सुख मिल रहा था जिसे पाकर वह पूरी तरह से तीर्थ हुई जा रही थी और उसके अंगों में निखार भी आ रहा था। रानी के साथ तीन लड़कियां और थी और वह लोग नदी की तरफ जाने लगे,,,।)


दोपहर का समय होने की वजह से उन लोगों को मालूम था कि इस समय नदी पर कोई नहीं होगा क्योंकि दोपहर के समय अधिकतर लोग अपने घर में आराम करते थे और धूप इतनी तेज थी कि कोई भी नदी की तरफ नहीं जाता था और सीमा के का फायदा उठाकर वह लोग नहाने के लिए नदी पर जा रही थी वैसे वह लोग कभी कबार ही नदी पर नहाने के लिए जाती थी रानी को पांच पांच छः छः महीने लग जाते थे नदी की तरफ जाने में,,, इसलिए उसे ठीक से नदी में तैरना नहीं आता था। वैसे तो उसे भी नदी में नहाने में बहुत मजा आता था और तालाब में वह थोड़ा बहुत देर करना लेती थी क्योंकि तालाब में पानी ज्यादा नहीं होता था लेकिन नदी की बात कुछ और थी अपने भाई के साथ वह झरने से गिर रहे हैं पानी जो एक तालाब में इकट्ठा होता था उसी में नहाने का सुख प्राप्त की थी अगर नदी में नहाना होता तो शायद वह अपने भाई के साथ यह सुख कभी भी नहीं भोग पाती और शायद उन दोनों के बीच इतनी नजदीकीया कभी ना आती। चारों नदी की तरफ चली जा रही थी तभी उनमें से एक सहेली की नजर रानी की चूचियों पर गई जो कुर्ती में कुछ ज्यादा ही उठी हुई दिखाई दे रही थी और उसे देखकर मुस्कुराते हुए वह बोली,,,)

क्या बात है रानी तेरी नारंगिया तो खरबुजे की तरह बढ़ रही है,,, ऐसा क्या हो गया है,,,,।
(अपनी सहेली की बात सुनकर रानी की नजर अपने आप ही अपनी छातियों की तरफ चली गई जो कि वाकई में महीने भर में ही उसका आकार थोड़ा बढ़ने लगा था। वह एकदम से हड़बड़ा गई थी उसकी बात सुनकर लेकिन फिर भी माहौल को संभालते हुए वह बोली,,,)

पागल हो गई है क्या वैसे ही तो है जैसे थे,,,,।

(रानी अपनी तरफ से सफाई देते हुए गली उसे अच्छी तरह से मालूम जिस तरह से कुछ दिनों से उसके भाई के साथ वह मुझे लूट रही है उसके हिसाब से उसके बदन का उभार बढ़ने लगा था लेकिन यह सच्चाई पर वह पर्दा जा रहे थे जिसे सुनकर उसकी सहेली को उस पर यकीन नहीं हुआ और वह बोली।)

नहीं नहीं मुझे बेवकूफ मत करना तेरी नारंगिया सच में बड़ी हो रही है कहीं ऐसा तो नहीं किसी से मसलवा रही है दबवा रही है।(वह मजे लेते हुए बोली तो उसकी बात से वह एकदम से झेंप गई,,,, उसे अपनी सहेली की बातों पर बहुत गुस्सा आ रहा था लेकिन वह ज्यादा बहस नहीं करना चाहती थी,,, क्योंकि वह जानती थी कि ज्यादा बहस करना ठीक नहीं है क्योंकि उसकी सहेलियां खेली खाई थी उन्हें अच्छी तरह से समझ आता था बदन के अंगों का बदलाव उनके उभारो का बड़ा होना यह सब कुछ बड़ी बड़ी की चीजों का ज्ञान उन लोगों को था इसलिए रानी उन लोगों से बहस करके अपने राज पर से पर्दा नहीं उठाना चाहती थी इसलिए बोली।)


इसलिए मैं यहां नहीं आना चाहती थी तुम लोगो की आदत खराब है,, जब देखो शुरू हो जाते हो,,,, जाने दो मुझे नहीं जाना नदी में नहाने में जा रही हूं,,,घर,,,,(ऐसा कहकर वह नाराज होकर जाने को हुई तो उसकी सहेली उसे रोकते हुए बोली,,,)

अच्छा जाने दे मैं तो यूं ही मजाक कर रही थी मुझे क्या मालूम था कि तुझे बुरा लग जाएगा।

बुरा लगने जैसी बात ही है अभी हम लोगों की बातें कोई सुन ले तो सबको यही लगेगा कि सच में मेरे साथ कुछ हो रहा होगा सच में मैं किसी के साथ कुछ करवा रही हूं,,, अगर यह सब मेरी मां को पता चल गया तो गजब हो जाएगा मेरी मां तो बिना कुछ सच जानें मुझे कपड़े की तरह धो डालेगी।ड०ट
ड (रानी जानबूझकर यह सब डर दिखा रही थी और उसकी बातें सुनकर उसकी सहेली बोली,,,,)

क्या रानी तू तो एकदम गुस्सा करने लगती है मजाक भी नहीं समझती इस तरह की मजाक तो हम लोगों में होता रहता है ना। तू भी तो इस तरह की बातें करती है,,,,।


नहीं नहीं मैं इस तरह की बातें पर मजाक कभी नहीं करती हां तुम लोग इस तरह की बातें करती हो तो मैं सिर्फ सुनती हूं बाकी पूछ लो किसी से अगर मैं किसी को कुछ कहीं हुं तो,,,,।

चल अच्छा जाने दो छोड़ गुस्सा,,,, अब वह इस तरह की बात नहीं करेगी बस,,,,(उनमें से एक सहेली समझाते हुए बोली,,,, तब जाकर मामला थोड़ा शांत हुआ और फिर वह लोग नदी की तरफ आगे बढ़ने लगे,,,, नदी की तरफ आगे बढ़ते हुए रानी अपने मन में यही सोच रही थी कि अच्छा हुआ वह इस बात को यहीं खत्म कर दिया अगर वह उन लोगों को ज्यादा बोलने का मौका देती तो शायद बात का बतंगड़ बन जाता और वह नहीं चाहती थी कि लोगों में इस तरह की बातें फेले,,,

धूप पूरी तरह से सर पर छाई हुई थी गर्मी का महीना होने की वजह से गर्मी भी बहुत थी ऐसे में किसी का बाहर निकलना वाकई में बहुत मुश्किल था क्योंकि इतनी गर्मी और धूप थी कि कोई घर से निकलना ही नहीं चाहता था। गांव के लोग या तो घरों में आराम करते थे या फिर पेड़ की छांव में दिन गुजारते थे,,, ऐसी कड़क धुप में रानी और उसकी सहेलियां नदी में नहाने के लिए चली जा रही थी और देखते ही देखते वह लोग नदी के किनारे पहुंच चुके थे वाकई में इस कड़क दुपहरी में नदी पर सन्नाटा छाया हुआ था दूर-दूर तक कोई दिखाई नहीं दे रहा था और इसी सन्नाटे की वजह से ही तो यह लोग यहां पर नहाने के लिए आए थे। नदी के किनारे पहुंचते ही उन चारों को एहसास हो रहा था कि वाकई में यहां पर नदी के कारण ठंडी हवा बह रही थी जो उन्हें सुकून दे रही थी और उनमें से एक गहरी सांस लेते हुए बोली।)

वाह कितना गजब नजारा है। देखो तो सही दूर-दूर तक कोई दिखाई नहीं दे रहा है और कितनी ठंडी हवा बह रही है।
(उसकी बात सुनकर उनमें से दूसरी लड़की बोली जिसने सबसे पहले यहां पर आने के लिए प्रस्ताव रखा था)

हां यार तू सच कह रही है चारों तरफ सन्नाटा छाया हुआ है और सूरज ढलने तक कोई आने वाला नहीं है,,, मेरा तो मन कह रहा है सारे कपड़े उतार कर नंगी होकर नदी में कूद जाऊं सच कहूं तो नंगी होकर नहाने में मजा बहुत आता है,,,(उनमें से दूसरी लड़की बोली,,,, और उसकी बात सुनकर रानी एकदम से उत्साहित होते हुए बोली,,,,)


क्या बात कर रही है तू हमेशा बिना कपड़ों के ही नहाती है क्या,,,,?

तो क्या कपड़े पहनकर नहाने में कितनी दिक्कत होती है,,,,।

लेकिन नदी में,,,, नहाने में तुझे शर्म नहीं आती बिना कपड़ों के,,,, पागल हो गई है क्या सबको दिखाकर नहाती है क्या,,?


अरे बुद्धू,, नदी में नहीं लेकिन घर के अंदर नहाती हुं बिना कपड़ों के,,,,, सच में इतना मजा आता है कि पूछ मत,,,,।


तेरा भाई भी तो है ना क्या कभी उसने कभी देखा नहीं,,,,,(दूसरी लड़की बोली यह सवाल रानी के मन में भी आया था लेकिन उसने यह सवाल पूछी नहीं थी क्योंकि उसके घर में भी उसका बड़ा भाई था जिसके साथ उसके जिस्मानी ताल्लुकात बन चुके थे,,,, इसलिए उसने इस बात की जिक्र नहीं की लेकिन यही सवाल उसकी सहेली ने पूछ ली थी इसलिए उसे थोड़ी राहत महसूस हुई थी,,,,)


देखा है ना बहुत बार देखा है,,,,।
(वह एकदम सहज होते हुए बोली और उसकी बात सुनकर बाकी की तीनों रानी सहित एकदम से चौंक गई उनमें से एक बोल पड़ी,,,)

क्या कह रही है तू तेरा भाई तुझे बहुत बार नंगी देख चुका है नहाते हुए वह तुझे कुछ बोलता नहीं,,,,।

बोलेगा क्या बस देखता रहता है फिर चला जाता है,,।

ओहहहह इसका मतलब है कि तेरा भाई तेरी जवानी का आशिक हो चुका है,,,(उनमें ऐसे एक लड़की बोली,,,,)

अब यह तो नहीं मालूम लेकिन हो सकताहै,,,।

(वह एकदम सहज होते हुए बोली को जिस तरह से बात कर रही थी उसे देखकर रानी को उसके ऊपर शक हो रहा था,,, उसे ऐसा लग रहा था कि उसकी तरह उसके और उसके भाई के बीच जरूर कुछ चल रहा है क्योंकि इसकी शुरुआत ही ही तो देखा ताकि से हुई थी उसका भाई भी तो उसे बिना कपड़ों के देखा था उसे पेशाब करते हुए देखा था,,, उसका नंगा जिस्म उसकी नंगी गांड उसका खूबसूरत बदन नंगी चूचियां उसकी गुलाबी बुर यही सब देख कर तो उसका भाई भी उसे पर पूरी तरह से फिदा हो चुका था और आलम यह था कि अब रोज उसकी चुदाई करता था। अगर उन दोनों में ऐसा हो सकता है तो उसकी सहेली और उसके भाई में जरूर ऐसा कुछ हो रहा है बस वह खुलकर बात नहीं रही है अगर ऐसा है तो क्या हर एक घर में इसी तरह का रिश्ता कायम होता है,,,, अपने मन में उतरे सवाल का खुद ही जवाब देते हुए वह बोली,,,, हो सकता है क्यों नहीं हो सकता वह भी तो सीधी-सादी और संस्कारी थी लेकिन उसके भाई की हरकत और जवानी की आग ने उसे भी जवानी का खेल खेलने पर मजबूर कर दि। फिर उनमें से ही एक लड़की बोली,,,)

मुझे तो लगता है किसका भाई से चोदता होगा तभी तो देख इसका रंग निखरता जा रहा है,,।
(उसकी सहेली की बात सुनकर दूसरी लड़की बोली)

क्यों रे यह सच कह रही है ना तभी तु बहुत खिली-खिली सी नजर आती है,,,,।

(इस सवाल का जवाब उसने बिल्कुल भी देना उचित नहीं समझी और एकदम नदी के किनारे पहुंच कर अपनी कमीज उतरने लगी और एकदम से कमी से उतर कर उसे एक किनारे पर बड़े से पत्थर पर रख दी उसकी नंगी चूचियां वाकई में पीली धूप में चमक रही थी जिसे देखकर बाकी की तीन लड़कियां आश्चर्य से उसे देखती रह गई,,,, उसकी हरकत को देखकर रानी बोली)

क्या सच में तू अपने सारे कपड़े उतार कर नहाएगी,,,,।

तो क्या देख नहीं रही है चारों तरफ सन्नाटा है यहां पर हम लोगों को देखने वाला कोई नहीं है यही मौका है बिना कपड़ों के नहाने का मजा लूटने का कसम से बहुत मजा आएगा फिर देखना कितना मजा आता है,,,,,।
(वह एकदम आत्मविश्वास के साथ बोल रही थी रानी को लग रहा था कि यह वाकई में अपनी सारे कपड़े उतार कर नदी में कूद जाएगी उसकी बातें सुनकर रानी को भी बिना कपड़ों के नदी में नहाने का मन कर रहा था क्योंकि वह बिना कपड़ों के एक बार अपने भाई के साथ तालाब में नहाने का सुख प्राप्त कर चुकी थी उस समय उसे बहुत मजा आया था लेकिन यहां पर वह जल्दबाजी दिखाने नहीं चाहती थी वह देखना चाहती थी कि बाकी की लड़कियां तैयार होती है कि नहीं इसलिए वह उन दोनों को देखने लगी जो उसके साथ खड़ी थी तब तक वह लड़की अपनी सलवार खोलकर उसे भी उतार कर बड़े से पत्थर पर रख दी और एकदम से नंगी हो गई,,,, उसका नंगा जिस्म वाकई मे बेहद आकर्षक था रानी भी उसके खूबसूरत बदन को देख रही थी अपने मन में सोच रही थी वाकई में इसका बदन कितना खूबसूरत है ऐसे में अगर सच में इसका भाई ईसे नंगी नहाते हुए देखता होगा तो जरूर वह इसकी चुदाई कीए बिना नहीं रह पाया होगा।

वैसे तो वह रानी जितनी खूबसूरत नहीं थी रानी जितना रंग भी उसका निखार नहीं था रंग हल्का सा लगा हुआ था लेकिन बदन का बनावट उसका हर एक अंग एक अलग आकर्षण लिए हुए था जो कि किसी भी मर्द को अपनी तरफ आकर्षित करने के लिए काफी था,,,,, वह एकदम से नंगी होने के बाद तीनों की तरफ देखते हुए बोली,,,।

अरे बुद्धू लोग साथ में कपड़े तो लाए नहीं है,,,, अगर कपड़ों के साथ नदी में उतरे तो फिर नहाने के बाद क्या पहनोगी गीले कपड़ों में घर जाओगी,,,,।

(उसकी बात सुनकर तीनों को यही लग रहा था कि वाकई में उसका कहना बिल्कुल उचित था उन चारों ने अपने साथ सुखे हुए कपड़े लाई नहीं थी अगर वह लोग कपड़ों के साथ नदी में उतर कर नहाती है तो गीले कपड़ों में घर जाने में दिक्कत हो जाएगी इसलिए उनमें से एक लड़की बोली,,,)

बात तो यह सही कह रही है और यहां पर कोई है भी नहीं देखने वाला चारों तरफ सन्नाटा छाया हुआ है क्यों ना आज बिना कपड़ों के नहा ले,,,
Majedar update. Gaon me ladkiyon ko mangi hone me der nahin lagti.
 

Punjabi Sidhu

DICK PIC NOT ALLOWED
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अब बता तुझे कुछ दिखाई दे रहा है,,,,,(आम के पेड़ पर चढा सूरज नीचे खड़ी अपनी बहन की तरफ देखकर बोला,,,)

हां भैया वहां तुम्हारे थोड़ा सा ऊपर ही है बड़ा सा आम,,,

कहां है,,,?

अरे भैया तुम्हारे ऊपर ही तो है सीधा सर के ऊपर हाथ ऊपर करो तुम्हारे हाथ में आ जाएगा,,,,

(नीचे खड़ी अपनी बहन की बात मानते हुए सूरज बिना देखे ही अपने हाथ को ऊपर की तरफ ले गया तो वाकई में उसके हाथ में बड़ा सा आम आ गया और मुस्कुराते हुए वह आम को एक झटके से तोड़ लिया और बोला,,,,,)

अरे वह रानी तेरी नजर तो बहुत तेज है मेरे सर के ऊपर इतना बड़ा आम है और मुझे दिखाई नहीं दे रहा है और नीचे खडी तु सब कुछ देख ले रही है,,,(इतना कहते हुए सूरज उसे बड़े से आम को नीचे की तरफ गिरा दिया और नीचे खड़ी रानी अपनी कुर्ती को फैला कर उस गिरते हुए आम को अपनी कुर्ती में ले ली,,,)

अच्छा अब इतने से तो काम चल जाएगा ना,,,,

नहीं भैया इतने से कुछ भी होने वाला नहीं है मा ३ ढेर सारा आम मंगाया है,,,, तुम तो जानते ही हो मुझे अचार कितना पसंद है साल भर भी नहीं चल पाता इसलिए मा ने इस बार ज्यादा आम मंगाए हैं,,,,, अब जल्दी-जल्दी आम नीचे गिरा वरना बगीचे का मालिक आ गया तो कुछ भी हाथ में नहीं लगेगा,,,,

तू सच कह रही है रानी मैं तो भूल ही गया,,,,
(और इतना कहने के साथ ही सूरज एक बड़ी सी डाली को पकड़ कर जोर-जोर से हिलाने लगा और एक साथ सरे आम नीचे गिरना शुरू हो गए जिसे जल्दी-जल्दी से रानी बटोर कर उसे अपनी कुर्ती में रख रही थी कुर्ती भर जाने के बाद उसने एक थैला भी लेकर आई थी जिसमें वह जल्दी-जल्दी आम रख रही थी,,, देखते ही देखते सूरज ढेर सारा आम नीचे गिरा चुका था और आम के पेड़ पर चढ़कर वह दूर-दूर तक नजर दौड़ा कर यह अभी देख ले रहा था कि कहीं कोई यहां तो नहीं रहा है,,,, दोनों भाई बहन कच्चे आम तोड़ने के लिए चोरी-छिपी दीवाल कूद कर इस बगीचे में आए थे वह दोनों अच्छी तरह से जानते थे कि तेज गर्मी होने की वजह से बगीचे का मालिक यहां पर नहीं होगा,,, और इसी मौके का फायदा उठाते हुए सूरज और रानी दोनों भाई बहन ढेर सारा आम तोड़कर बटोर लेना चाहते थे,,, और ऐसा हो भी रहा था ,,, सूरज ढेर सारा आम नीचे गिरा चुका था,,,, वह जानता था कि इतना सारा हम उसकी बहन ठेले में भर नहीं पाएगी इसलिए वह धीरे से नीचे उतरा और जल्दी-जल्दी वह भी ठेले में आम भरना शुरू कर दिया देखते-देखते पूरा तेरा आम से भर गया,,,, रानी के कुर्ते में भरे हुए आम को सूरज अपने साथ लाई हुई दूसरी थैली में भरने लगा ताकि यहां से जाने में आसानी रहे,,,,,।)

अरे भैया तुम दूसरा थैला कब उठा लाए,,,

मैं जानता था कि दूसरे ठेले की भी जरूरत पड़ेगी इसलिए मैं अपने साथ ले आया था,,,, अब जल्दी-जल्दी पर और यहां से चल वरना बगीचे का मालिक आ गया तो गजब हो जाएगा,,,,।

(इतना सुनते ही रानी जल्दी-जल्दी आम को थैली में भरने लगी और देखते-देखते दोनों तेरा आम से भर गया कि तभी दोनों को दूर से आ रही कदमों की आवाज सुनाई दी दोनों एकदम चौकन्ने हो गए,,,,)

रानी लगता है कोई आ रहा है,,,, जल्दी से थैला उठा,,,
(सूरज के इतना कहते ही रानी जल्दी से आम से भरा हुआ थैला उठाकर अपने कंधे पर ले ली और सूरज भी दूसरे थैली को उठाकर जल्दी-जल्दी जाने लगा तब तक बगीचे के मालिक की नजर उन दोनों पर पड़ गई थी और वह गाली देता हुआ चिल्लाया,,,,)

कौन है रे मादरचोद इसकी बहन का चोदु,,,, कौन है बगीचे में अपनी बहन चुदवा रहा है,,, भोसड़ी वाला,,,(इतना कहते हुए वह बगीचे का मालिक उन दोनों के पीछे भागते हुए बड़ा सा पत्थर उठाकर मारा जो कि उन दोनों के बगल में से चला गया वह दोनों एकदम से घबरा गए थे,,,)

भाग रानी जल्दी भाग अगर उसके हाथ लग गए तो खैर नहीं है,,,,
(इतना सुनते ही रानी और सूरज दोनों जान लगाकर भागने लगी और देखते ही देखते वह दोनों दीवार के पास पहुंच गए थे अभी भी बगीचे का मालिक उन्हें दोनों से लगभग 40-50 मीटर की दूरी पर था और वह भागता हुआ आ रहा था दोनों के पास समय बिल्कुल भी नहीं था सूरज बोला,,,)

बाप रे बिल्कुल भी समय नहीं है रानी तु जल्दी से दीवार पर चढ़ थैला यही छोड़ दे,,,,

नहीं भैया अगर आज आम नहीं ले गए तो फिर कभी आम मिलने वाला नहीं है,,,


अरे तू चढ तो सही,,,(इतना कहने के साथ ही सूरज उसके हाथ से थैला लेकर वही रख दिया और उसे दीवार पर चढ़ने लगा रानी एक पर को आदि दीवार पर रखकर ऊपर चढ़ने की कोशिश करने लगी लेकिन वह चढ़ नहीं पा रही थी तो सूरज उसकी मदद करते हुए उसे दीवार पर चढ़ने लगा और ऐसे हालात में उसके दोनों हाथ उसकी गोल-गोल नितंबों पर आ गए थे जिसे वह पकड़कर उसे ऊपर की तरफ चढ़ा रहा था लेकिन इस अफरा तफरी के माहौल में उसे इस बात का एहसास भी नहीं हो रहा था कि वह अपनी बहन को दीवार पर चढ़ते हुए उसकी गांड पर सहारा देकर उसे ऊपर उठाया हुआ है,,, इस जल्दबाजी में दीवार खोदने के चक्कर में सूरज जी जैसे जवान लड़के को इस बात का जरा भी एहसास नहीं हो रहा था कि वह एक खूबसूरत लड़की की गोल-गोल गांड को अपने हाथों से पकड़े हुए था अगर कोई और माहौल होता तो शायद उसके ही हरकत पर उसका लंड पूरी तरह से खड़ा हो जाता और रानी जो की एक खूबसूरत जवान की दहलीज पर कदम रख चुकी लड़की थी एक जवान लड़के की ईस हरकत पर अपनी बुर से पानी फेंक दी होती,,,, लेकिन दोनों जवानी से भरे हुए भाई बहन को इस बात की बिल्कुल भी परवाह नहीं थी वह जल्द से जल्द दीवार को कुद जाना चाहते थे,,,, तभी फिर उसे बगीचे के मालिक की गाली सुनाई दी,,,)

तुम्हारी मां की भोसड़ी में लंड डालु मादरचोद,,,,(इतना कहने के साथ ही वह फिर से एक बड़े पत्थर को मारा और इस बार भी उसका निशाना चूक गया)

बाप रे भैया यह बगीचे का मालिक तो पागल हो गया इधर उसके हाथ लग गए तो हड्डी पसली एक कर देगा,,,,


इसीलिए तो कह रहा हूं तू जल्दी से चढ़ जा,,,(और इतना कहते हुए वह अपनी बहन को दीवार पर चढ़ा दिया था उसकी गोल गोल गांड को पकड़ कर उसे सहारा देकर वहां दीवार पर सही सलामत चढ़ा दिया था और इसके बाद वह जल्दी से आम के थैले को अपनी बहन को पकडाने लगा,,, उसकी बहन भी जल्दबाजी दिखाते हुए आम के दोनों तेरे को पकड़ कर उसे दूसरी तरफ नीचे गिरा दिए और खुद कूद गई वह जानती थी कि उसका भाई आराम से दीवार को जाएगा और ऐसा ही हुआ सूरज जल्दी से दीवार खुद के दूसरी तरफ कूद गया था और जल्दी से आम के ठेले को पड़कर उसे बगीचे से दूर निकल गया था,,,,।

दोनों भागते हुए बार-बार पीछे मुड़कर देख ले रहे थे कहीं वह बगीचे वाला मालिक ए तो नहीं रहा है लेकिन देखते ही देखते वह दोनों ऊंचे नीचे टेढ़े-मेढ़े रास्ते से काफी दूर निकल गए थे जब उन दोनों को इस बात का एहसास हुआ कि वह लोग बगीचे के मालिक की पकड़ से काफी दूर आ गए हैं तो एक जगह पर खड़े होकर गहरी गहरी सांस लेते हुए जोर-जोर से हंसने लगे,,,,


भैया आज तो बाल बाल बच गए,, अगर वह बगीचे वाला आदमी पकड़ लेता तो हम दोनों की खैर नहीं थी,,,

रानी सुखारकर की ईतने सारे आम हम दोनों के पास थे,,,, अगर कोई और समय होता तो आज मैं उसकी टांगे तोड़ देता इतनी गंदी गंदी गालियां मैं कभी सुनने वाला नहीं था वह तो मजबूरी थी,,,

तुम सच कह रहे हो भैया गुस्सा तो मुझे भी बहुत आ रहा था लेकिन क्या करें लेकिन एक बात है आज तुमने आम बहुत सारे तोड़ दीए हैं,,, इतने सारे आम का अचार तो कम से कम 2 साल तक चलेगा,,,,।

चल अच्छा बहुत देर हो गई है जल्द से जल्द हमें घर पहुंचना है शाम ढलने वाली है धीरे-धीरे अंधेरा हो रहा है मां चिंता कर रही होगी,,,

हां भैया,,, खाना भी तो बनाना है,,,,,

अच्छा बोल तो ऐसे रहि है की सारा खाना तू ही बनाती है,,,

अरे सर खाना नहीं बनाती लेकिन मां के काम में हाथ तो बंटाती हु ना,,,


हां तो ऐसा सही-सही बोल,,,,।

(ऐसा कहते हुए दोनों भाई-बहन आपस में बात करते हुए गांव की तरफ चले जा रहे थे,,,,, चारों तरफ पहाड़ियों से घिरे हुए छोटे से गांव में सूरज और उसका परिवार रहता था,,,,,,, गांव में गांव के चारों तरफ कुदरत का खजाना बिखरा हुआ था चारों तरफ खूबसूरत नजारे फैले हुए थे,, छोटी-छोटी पहाड़ियों के बीच से निकलती हुई नदी,,,, सूरज का उगना और सूरज का अस्त होना दोनों नजारे बहुत खूबसूरत लगते थे और चारों तरफ हरियाली हरियाली यहां के सभी लोग केवल खेती और पशुपालन पर ही आश्रित रहते थे इसी में अपना जीवन निर्वाह करते थे और बहुत खुश भी थे,,,,,, दोनों भाई बहन कंधों पर आम का तेरा लटकाए हुए गांव की तरफ चले जा रहे थे धीरे-धीरे अंधेरा छाने लगा था,,,, देखते ही देखते दोनों गांव के नुक्कड़ पर पहुंच गए जहां पर एक छोटी सी चाय की दुकान थी,,, और इस दुकान पर चाय के साथ-साथ पकोड़े जलेबियां और समोसे भी मिलती थी,,,,,,, रानी और सूरज दोनों जलेबी खाना चाहते थे लेकिन दोनों के पास पैसे नहीं थे इसलिए दोनों मां मर कर उसे दुकान से आगे निकल गए लेकिन दुकान पर बैठे हुए कुछ लोग रानी की गोल-गोल नितंबों को ताड़ रहे थे,,,, और गरम आंहे भर रहे थे,,,,।

वैसे भी रानी जवानी की दहलीज पर कदम रख चुकी थी उसके अंगों पर उभार आना शुरू हो गया था उसका बदन भरना शुरू हो गया था,,, मर्दों को आकर्षित करने लायक उसके बदन में निखार आ चुका था,,, खास करके उसकी गोल-गोल नितंब चलते समय और भी ज्यादा जानलेवा नजर आते थे जिसे देखकर किसी के भी मुंह में पानी आ जाता था और कुछ देर पहले सूरज खुद अपनी बहन को दीवार पर चढ़ते समय उसकी गोल-गोल गांड को ही पकड़ कर सहारा देकर ऊपर उठा रहा था लेकिन सूरज के मन में अभी तक ऐसा कुछ भी ख्याल आता नहीं था और तो वह लड़कियों के प्रति वह हमेशा इज्जत की भावना रखता था इसीलिए तो अपनी बहन की मतवाली गांड को पकड़ने के बावजूद भी उसके बदन में जरा सी भी हरकत नहीं हुई थी,,, और यही हर रानी का भी था हालांकि वह चंचल थी लेकिन बदन में आए बदलाव को समझ नहीं पाती ना तो कभी किसी से नैन मट्टका का ही करती थी,,,,


देखते ही देखते दोनों भाई बहन घर पर पहुंच गए थे और घर पर पहुंचते पहुंचते पूरी तरह से अंधेरा छा चुका था शाम ढल चुकी थी रात पूरे गांव को अपनी आंखों में ले रही थीं हर घर में भोजन पकाने के लिए चूल्हा जल चुका था और झूला जलाने में अधिकतर पेड़ की सूखी लड़कियां और गाय के गोबर से बने हुए उपले का ही उपयोग करते थे जिसकी खुशबू से पूरा गांव महकने लगता था,,,,,, सूरज की मां भी रसोई बना रही थी और वह चूल्हे के आगे बैठकर आटे को गूंथ रही थी,,,, तभी उसकी नजर सूरज और रानी पर पड़ी तो वह दोनों को बिगडते हुए बोली,,,)

तुम दोनों अब आ रहे हो यह कोई समय है कितना समय हो गया तुम लोगों को जरा भी बहन है अंधेरा हो गया है और ऐसे में तुम दोनों बाहर घूम रहे हो,,,

क्या मैं तुम भी कहीं घूमने थोड़ी गए थे तुम्हारे कहने पर ही आम लेने गए थे,,,

हां तो कहां हैं आम,,,,

हम दोनों ने इतने सारे आम ले हैं कि तुम देखोगी तो तुम्हारी आंखें फटी की फटी रह जाएगी,,,,


हां तो दिखाओ ना कहां पर हैं आम,,,,

(इतना सुनकर सूरज मुस्कुराते हुए अपने कंधे पर लटकाया हुआ ठेला और रानी भी अपने कंधे पर लटकते हुए थे देखो अपनी मां के सामने नीचे जमीन पर रखते हुए बोली)

अब कहो,,,,।
(इतने सारे आम को देख कर सूरज की मां की आंखें फटी की फटी रह गई वहां अपने चेहरे के भाव आश्चर्य के भाव में बदलते हुए मुस्कुराते हुए बोली)


बाप रे तुम दोनों तो पूरा बगीचा ही लूट लाए हो,,, किसी ने देखा तो नहीं,,,


देखा तो नहीं,,,, अरे शुकर मनाओ की आज हम दोनों बार-बार बच गए वह तो बड़े-बड़े पत्थर फेंक कर मार रहा था,,,,


हाय दैया तुम दोनों को लगी तो नहीं,,,


नहीं बिल्कुल भी नहीं लगी,,,,, चलो सब बात छोड़ो मुझे बड़ी जोरों की भूख लगी है जल्दी से खाना बना दो,,,

हां मां मुझे भी बड़े जोरों की भूख लगी है,,,

ठीक है थोड़ी देर रुक जाओ खाना बनाकर तैयार हो जाएगा और रानी तब तक तू सब्जी काट दे,,,,।
(इतना कहने के साथ ही सूरज की मां,,,, जिसका नाम सुनैना था वह जल्दी-जल्दी आंटा गुंथने लगी,,,,, गर्मी का महीना होने की वजह से वह अपने ब्लाउज का ऊपर का दो बटन खोल दीजिए और उसकी गोल-गोल चूचियां जो की बिल्कुल खरबूजे की तरह थी वह आधे से ज्यादा ब्लाउज में से बाहर झलक रही थी,,,, जो की लालटेन की पीली रोशनी में खरा सोने की तरह चमक रही थी,,,,,,, वह अपने ब्लाउज के दो बटन खोलने के बावजूद भी पूरी तरह से सहज रूप से अपना काम कर रही थी,,,,,,, क्योंकि वह हमेशा इसी तरह से खाना बनाती थी उसका पूरा बदन पसीने से भीगा हुआ था,,, और पसीने की वजह से उसका ब्लाउज उसकी मस्त-मस्त चूचियों से चिपक सी गई थी और गीला हो जाने की वजह से उसकी चूचियों की शोभा बढ़ा रही उसका छोटा सा छुहारा एकदम साफ नजर आ रहा था हालांकि इस पर सूरज की नजर बिल्कुल भी नहीं पड़ी थी,,,,।

सुनैना अपने नाम के मुताबिक ही बहुत खूबसूरत थी,,,,, दो जवान बच्चों की मां होने के बावजूद भी उसके बदन में उसके अंगों में जरा भी ढीलापन नहीं आया था उसका बदन पूरी तरह से एकदम कसा हुआ था और एकदम गठीला था जिसे देखकर अच्छे-अच्छे के मुंह में पानी आ जाता था और साथ ही लंड पानी फेंक देता था,,,।

रानी जल्दी-जल्दी सब्जी काट रही थी क्योंकि उसे भी बड़े जोरों की भूख लगी हुई थी क्योंकि वह दोनों सुबह से ही आम लेने के चक्कर में घर से बाहर निकल गए थे,,,,।
 
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Premkumar65

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रानी अपनी सहेलियों के साथ नदी पर पहुंच चुकी थी,,,और उनमें से एक लड़की ने अपने सारे वस्त्र उतार कर नंगी हो चुकी थी उसका कहना यही था कि साथ में कपड़े तो लाई नहीं है ऐसे में पहने हुए कपड़े में नहाएंगे तो कपड़े गीले हो जाएंगे जिससे घर वापस जाने में दिक्कत आएगीऔर इसीलिए उसने अपने सारे कपड़े उतार कर महंगी होकर ना आने का निर्णय किया था और उन तीनों को भी उसकी तरह ही कपड़े उतार कर नदी में उतरने के लिए उकसा रही थी। वैसे तो तीनों को भी उसका कहना सही लग रहा था और उन तीनों का भी मन बिना कपड़ों के नदी में उतरने को कर रहा था,,,, एक बार वह लोग भी बिना कपड़ों के नहाने का अनुभव ले लेना चाहती थी और वैसे भी मौका भी अच्छा था और दस्तूर भी यही था अकेले में कपड़े उतार कर नहाने में ही मजा आता है। फिर भी रानी बोली।





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लेकिन अगर कोई आ गया तो लेने के देने पड़ जाएंगे इस हालत में हम लोगों को देखकर कोई भी होगा कुछ और ही समझेगा,,,,।


अरे ऐसा कुछ भी नहीं होगा देख रही है दूर-दूर तक सन्नाटा फैला हुआ है,,,,और अगर कोई आदमी गया तो वह इतना तो बेशर्म होगा नहीं कि हम लोगों को नंगी नहाता हुआ देखकर हम लोगों को देखा हुआ नदी के किनारे बैठ जाएगा या हम लोगों के साथ उल्टा सीधा करेगा,,,, इतना तो डर उसके मन में भी होगा कि इस हालत में किसी को नहाते हुए देखना कितना गलत है अगर इस बारे में गांव में किसी को पता चलेगा तो लोग उसी पर उंगली उठाएंगे,,,

(रानी अच्छी तरह से समझ रही थी किकपड़े उतार कर नंगी नहाने का जिस तरह का कारण वह दे रही थी वह इतना योग्य नहीं था लेकिन फिर भी उसका भी मन नदी में बिना कपड़ों के उतरने को कर रहा था,, इसलिए वह बोली)

देख तेरी बात मानकर हम लोग कपड़े उतार कर नदी में उतर तो जाते हैं लेकिन इसके बाद अगर कुछ गलत हुआ तो इसकी जिम्मेदारी तेरी होगी।

ठीक है तुम लोग डरती बहुत हो,,, देख नहीं रही हो कितनी देर से कपड़े उतार कर नंगी खड़ी हूं,,,, यहां कोई है जो जबरदस्ती मेरी चुदाई कर दे,,, अरे जब तक मैं तैयार नहीं होऊंगी तब तक कोई मेरे बदन पर हाथ भी नहीं लग सकता समझी,,,,।

(उसकी बात सुनकर रानी और बाकी की लड़कियां हंसने लगी और उनमें से एक लड़की हंसते हुए बोली)





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अरे मेरी जान जिसको चोदना होगा वह तुझसे पूछेगा नहीं बल्कि झुका कर तेरी ले लेगा और तू भी उसे कुछ नहीं बोल पाएगी,,,बस आआआहहहह ऊहहहहह ऊममममम करती रह जाएगी,,,,,।

(उसकी भी बात सुनकर सभी लोग हंसने लगे और रानी भी हंसते हुए बोली,,,)

तू जिस तरह से आवाज निकल रही है ऐसा लग रहा है कि तुझे कुछ ज्यादा ही अनुभव है,,,।

तो इसमें कौन सी शर्म है आखिर बुर होती किस लिए है लंड लेने के लिए,,,, और मेरी बुर में भी लंड आता जाता रहता है इसमें कौन सी बड़ी बात है देखना है एक दिन तेरी बुर मे भी लंबा लंड घुसेगा,,,।

चल रहने दे,,,, इस तरह से बातों में ही शाम हो जाएगी जो भी करना है जल्दी करो और वैसे भी मैं एकदम किनारे पर ही नहाउंगी,,,, मुझे अच्छी तरह से तैरना नहीं आता,,,।




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ठीक है तो किनारे पर ही नहाना बस और वैसे भी हम लोग हैं चिंता मत करना,,,,(इतना कहते हुए जिसने अपने सारे कपड़े उतारकर नंगी हो गई थी वह धीरे-धीरे नदी में उतरने लगे और उसे देखकर बाकी की लड़कियां भी अपने कपड़े उतारने लगीऔर भला रानी कैसे पीछे रह सकती थी उन लोगों के साथ हो अभी अपने कपड़े उतारने लगी और देखते ही देखते बाकी की तीनों लड़कियां भी कपड़े उतार कर एकदम नंगी हो गई,,,, एक साथ चार-चार नंगी जवानी नदी के किनारे हिलोरा मार रही थी लेकिन इस अद्भुत नजारे को देखने वाला इस समय वहां कोई भी नहीं था,,,, चारों ने अपने कपड़ों को नदी के किनारे की झाड़ियों के पास बड़े से पत्थर पर रख दी। और देखते ही देखते बाकी के तीन लड़कियां भी नदी के पानी में उतर गई,,,,।

चारों तरफ सन्नाटा छाया हुआ था केवल नदी के बहने की हल्की-हल्की आवाज आ रही थी और चारों के नदी में उतरने से नदी के पानी में भी एक अलग ही आवाज आ रही थी जो रह रहकर वातावरण में पहली खामोशी को शोर में बदल दे रही थी,,, इतनी प्रचंड गर्मी में भी नदी का पानी अंदर से बेहद शीतल था। जिसका एहसास उन लोगों को बहुत अच्छी तरह से हो रहा था,,,, अभी तक चारों लड़कियां नदी के किनारे पर ही थी कमर जितने पानी में वह चारों लड़की एक दूसरे पर हथेलियां में भर भर कर अपनी एक दूसरे पर फेंक रही थी और जलक्रीड़ा कर रही थी,,, ठंडा पानी बदन पर पडते ही उन लोगों को अच्छा लग रहा था,,,चारों लड़कियों जवानी से भरी हुई थी और लगभग चारों लड़कियां चुदाई का सुख भोग चुकी थी,,, इतना तो तय था लेकिन गांव में किसके साथ यह लोग रंगरेलियां मना चुकी हैं यह कोई नहीं जानता था। नदी में खेलने का आनंद चारों लड़कियां ले रही थी उन चारों की हालत चलन से चारों की अद्भुत गोलाई ली हुई चुचीया रबड़ के गेंद की तरह ऊपर नीचे हो रही थी जिसे देखकर वह चारों मस्त हो रही थी अगर इस नजारे को कोई मर्द देख लेता तो शायद उसका लंड उसी समय पानी फेंक देता,,,,।

लेकिन इस अद्भुत नजारे को देखने वाला इस समय वहां कोई नहीं था वैसे तो इस नजारे को कोई भी मर्द देखा तो शायद वहजीवन में पहली बारिश नजारे को देख रहा होता क्योंकि गांव में अक्सर नदी में औरतें नहाती तो है लेकिन अपने सारे कपड़े उतार कर एक साथ सारी औरतें नहाती हो ऐसा कभी नहीं होता,,,, लेकिन यहां पर गांव के चारों जवान लड़कियां एकदम नंगी होकर नहा रही थी चारों का बदन एकदम छरहरा था,,, लेकिन उन चारों में सबसे ज्यादा खूबसूरत रानी ही थी,,, इस बात को भीवह लड़कियां जानती थी इसीलिए उनमें से एक लड़की रानी की चूची हो पर जोर-जोर से अपनी अपनी हथेली में लेकर फेंकते हुए बोली,,,,।

आज तेरी चुची को टमाटर की तरह लाल कर दूंगी,,,,,,।
(और उसकी हरकत पर रानी जोर-जोर से हंसती थी और वह भी वही क्रिया उसके साथ दोहराती थी,,, लेकिन जब जब चूचियों पर पानी की बौछार पड़ती थी उसके बदन में सनसनी से दौड जाती थी,,,, रानी इस बात पर बहुत अच्छी तरह से गौर की थी बाकी तीनों की लड़कियों की चुचीयां तो थी आकर्षक लेकिन तीनों की चूचियां उससेआकार में थोड़ी सी बड़ी थी और हल्का सा उनमें झुकाव था नीचे की तरफ लेकिन उसकी चूची एकदम तनी हुई थी बेहद आकर्षक जरा सा भी लक उसमें नहीं था एकदम टनटनाई हुई थी,,, इस बात की खुशी उसके चेहरे पर साफ झलक रही थी। वैसे भी हर एक लड़की कायही सबसे बड़ा सुख होता है कि वह बाकी की उनकी सहेलियों में सबसे खूबसूरत और हसीन दिखाई दे और इस समय रानी उसकी सहेलियों में सबसे ज्यादा हसीन और खूबसूरत थी,,,, रानी भी जोर-जोर से सहेलियों पर पानी मारते हुए बोली,,,,)

मैं भी तुम लोगों की चूची को लाल-लाल कर दूंगी,,,, देखना आज किसी को नहीं छोडूंगी,,,,।(ऐसा कहते हुए रानी और उसकी सहेलियां आपस में जलक्रीड़ा कर रही थी,,, उन्हें बहुत मजा आ रहा था तभी उनमें से एक सहेली बोली,,,)

देखना तुम लोग रानी की जो भी लेगा वह बहुत खुशकिस्मत वाला होगा,,,,।

(यह सुनकर दूसरी लड़की बोली)

सही कह रही है तू रानी जैसी खूबसूरत लड़की की चुदाई करना वाकई में किस्मत वाली बात है,,,, न जाने किसके लंड का नाम लिखा है इसकी बुर पर ,,, जिसका भी घुसेगा वह पूरी तरह से मत हो जाएगा,,,,,।

(उन लोगों की बातें सुनकर रानी मन ही मन में बहुत खुश हो रही थी क्योंकि वह लोग एक तरह से उसकी तारीफ ही कर रहे थे और रानी को भी दूसरी लड़कियों की तरह अपनी खूबसूरती और जवानी की तारीफ सुनना पसंद था,,,, उसे यह सब अच्छा लग रहा था लेकिन उन लड़कीयों को यह नहीं मालूम था कि उसकी बुर की गहराई खुद उसके भाई का लंड नाप चुका है। उसकी बुर पर सुनहरे अक्षरों से उसके भाई के लंड का नाम लिखा था,,,,, लेकिन रानी यह सब राज ही रखना चाहती थी और यह कोई बताने वाली बात भी नहीं थी इसलिए उन लोगों की बात सुनकर वह बोली,,,)

क्यों मेरे में हीरे मोती जड़ें हैं क्या,,,?

हां हीरे मोती ही जड़े हैं तभी तो कह रही हूं कि जो भी तेरा लगा वह बहुत ही ज्यादा खुश किस्मत वाला होगा तभी वह तेरी ले पाएगा,,,, और जो भी लेगा उसे बहुत मजा आएगा,,,,(उसकी बात सुनकर उसकी दूसरी सहेली बोली,,,)

मजा तो इससे भी बहुत आएगा सिर्फ वही मजा थोड़ी लेगा,,,,,।


चल रहने दे इन सब ने मुझे मजा नहीं आता,,,(रानी इतराते हुए बोली,,,)

अच्छादेखना जब एक बार लंड तेरी बुर में घुसेगा ना तो तू खुद ही लंड पर उछल उछल कर चुदवाएगी इतना मजा आता है,,,,,।

( उसकी बात सुनकर रानी मां ही मन में बहुत खुश हो रही थी क्योंकि उसकी बात में सच्चाई थी ऐसा सच में होता है जब एक बार लंड बुर में घुसता है तो दोबारा वही बुर लंड लेने के लिए तड़प उठती है उसका भी यही हाल था,,, एक बार अपनी भाई से चुदवाने के बाद बार-बार उसकी इच्छा चुदवाने की होती थी और वह रोज रात को अपने भाई से मजा ले रही थी फिर भी उसकी बात सुनकर वह बोली,,,)

मुझे इन सब में बिल्कुल भी मजा नहीं आता है इसलिए सोचना भी मत कि मैं कभी ऐसी वैसी हरकत करूंगी,,,,।

अपने पति के साथ भी नहीं,,,(उसकी बात सुनकर दूसरी लड़की एकदम तपाक से बोली)

पति के साथ भी नहीं बिल्कुल भी नहीं,,,,।

चल रहने दे कभी ऐसा सोचना भी नहीं तेरा कितना भी मन नहीं होगा वह तेरे ऊपर चढ़ बैठेगा और वैसे भी इतनी खूबसूरत लड़की को कोई छोड़ता है भला,,,, देखना तु ना ना कहती रह जाएगी और वो तेरी टांग फैला कर ले लेगा।

(उसकी बात सुनकर बाकी लड़कियों के साथ रानी भी हंसने लगी,,,,,,रानी किनारे पर ही कमर जितने पानी में नहाने का मजा लूट रहे थे लेकिन धीरे-धीरे तीनों लड़कियां तैरते हुए बीच में जाने लगी,,,, कमर तक पानी में खड़े होने की वजह से रानी का कमर के ऊपर का नंगा बदन पूरी तरह से झलक रहा था लेकिन बाकी तीन लड़कियां नदी के बीच में चली गई थी जिसकी वजह से उनका सिर्फचेहरा ही दिखाई दे रहा था बाकी का वजन पानी में डूबा हुआ था और वह लोग देर कर मजा ले रहे थे रानी का भी मन बीच में जाने को कर रहा था लेकिन वह जानती थी की नदी के बीच में पानी का बहाव थोड़ा तेज होता है और वह अभी तक नदी के बीच में तैरने का अनुभव नहीं ली थी,,,, रानी किनारे पर ही बैठ बैठ कर पानी में डुबकी लगा रही थी तभी उसकी सहेली जो नदी के बीच में तैर रही थी उसे आवाज लगाते हुए बोली,,,,)

रानी यहां का पानी बहुत ठंडा है बहुत मजा आ रहा है नहाने में तु भी धीरे-धीरे आजा,,,,,।

लेकिन मुझे डर लगता है कहीं कुछ हो गया तो,,,,


अरे कुछ भी नहीं होगा तू आ तो सही हम लोग है ना,,,जहां पर तू नहा रही है वहां का पानी खास ठंडा नहीं है लेकिन यहां का पानी तो बहुत ठंडा है बहुत मजा आ रहा है नहाने में,,,,।

हां यह सच कह रही है यहां ज्यादा मजा आ रहा है,,,, तू भी आजा,,,,(यह भी उसके सुर में सुर मिलाते हुए बोली,,,,उन लोगों की बातें सुनकर रानी का मन नदी के बीचोंबीच जाने को कर रहा था,,,वह भी धीरे-धीरे पानी के अंदर आगे बढ़ने लगी जैसे-जैसे वह कदम आगे बढ़ा रही थी वाकई में वहां का पानी कुछ ज्यादा ही ठंड महसूस हो रहा था जिससे उसके बदन में सनसनी सी दौड़ जा रही थी उसे अच्छा लग रहा था,,, इसलिए वह धीरे-धीरे तैरते हुए आगे बढ़ने लगी,,, लेकिन इसी बीच एक बड़े से पत्थर पर उसका पैर पड़ा और चिकनाहट पाकर उसका पैर एकदम से फिसल गया और वह अपने आप को संभाल नहीं पाई और पानी में गिर गई लेकिन जिस जगह पर वह फिसल करके वह गीरी थी वहां पर नीचे से पानी का बहाव थोड़ा ज्यादा था,,,वह अपने आप को संभालने की बहुत कोशिश की लेकिन वह अपने आप को संभाल नहीं पाई थोड़ा बहुत तैर कर वह अपनी जगह पर आने की कोशिश कर रही थी लेकिन ऐसा हो नहीं पा रहा था,,,,, उसकी तीनों सहेलियां उसे ही देख रही थी कुछ देर के लिए उन्हें लगा कि शायद रानी तैर रही है,,,, लेकिन जैसे ही रानीका पूरा सर पानी में डूबा और वह तुरंत ऊपर की तरफ निकालने की कोशिश कीउन तीनों को समझ में आ गया कि मामला क्या है और तीनों उसकी तरफ आगे लपकने लगे,,,, लेकिन पानी का बहाव इतना ज्यादा था कि रानी अपने आप को संभाल नहीं पा रही थी और पानी के बहाव में आगे बढ़ती चली जा रही थी,,,,।



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मामला गंभीर होता चला जा रहा था। जिसका एहसास रानी की सहेलियों को हो चुका था,,, उन तीनों को एहसास हो गया था कि वह तीनों अब उसे नहीं बचा सकते क्योंकि बहते हुए पानी में देर कर उसे बचा कर लाना उसे संभाल पाना अब उनके बस का नहीं था,,,, इसलिए वह तीनों एक साथ मदद की गुहार लगाते हुए चिल्लाने लगे।

बचाओ,,,,, बचाओ,,,,,, रानी,,, डूब रही है कोई बचाओ,,,,,(ऐसा कहते हुए वह तीनों की प्रयास कर रहे थे लेकिन प्रयास असफल था,,,,, वह तीनों लगातार बचाओ बचाओ करके चिल्ला रही थी,,,,,, तभी नदी के उसे पर से गुजर रहे तीन घुड़सवार के कानों में बचाओ बचाओ की आवाज सुनाई दी,,, तो वह तीनों रुक गए उनमें से एक बोला,,,)

तुम लोगों को आवाज सुनाई दे रही है,,,।

हां कोई मदद के लिए पुकार रहा है,,,,,।


लेकिन आवाज आ कहां से रही है,,,,, चलो थोड़ा ऊपर चलकर देखते हैं,,,,(इतना कहकर हुआ खुद सवार थोड़ी सी ऊंची टेकरी थी वहां परघोड़ा लेकर चढ़ गया और वहां से देखने लगा तभी उसकी नजर नदी में बह रही रानी पर पड़ी और उनसे दूर तीन लड़कियों पर पड़ी जो मदद के लिए चिल्ला रही थीइतना देखते ही वह बिना कुछ सोचे समझे घोड़े पर से नीचे कूद गया और दौड़ते हुए तुरंत नदी में छलांग लगा दिया,,,,और तैरते हुए रानी के करीब जाने लगा रानी बार-बार डुबकी लगा ले रही थी उसके मुंह से आवाज तक नहीं निकल रही थी वह पानी पी ले रही थी वह एकदम नहीं रही नजर आ रही थी लेकिन फिर भी अपनी जिंदगी को बचाने के लिए लड़ रही थी और वह घुड़सवार नौजवान पूरी ताकत के साथ तैरता हुआ रानी के करीब पहुंच गया था और उसे तुरंत सहारा देकर अपने कंधे परसंभाल लिया था यह देखकर बाकी की तीनों लड़कियां एकदम से नदी के बाहर निकलने लगी क्योंकि वह तीनों बिना कपड़ों की निर्वस्त्र नहा रही थी,,,, रानीको बचाने के चक्कर में हुआ तीनों यह भी भूल गई थी कि वह बिना कपड़ों की नंगी होकर नहा रही थी और कोई अगर बचाने के लिए आ गया तो उन तीनों को भी नंगी नहाते हुए देख लेगा उनके नंगे जिस्म को देख लेगा और जैसेउन्हें लगा की रानी अब खतरे से बाहर है वह तीनों तुरंत नदी के बाहर आकर अपनी-अपने कपड़े पहने लगी थी।

वह नौजवान घुड़सवार जो रानी को बचाकर किनारे की तरफ ला रहा था उसने तो वह तीनों को नहीं देखा था कि वह तीनों निर्वस्त्र होकर नहा रही थी लेकिन जैसे ही वह तीनोंनदी से बाहर निकलने लगे नदी के दूसरी तरफ पर खड़े घुड़सवार के दोस्त उन दोनों की नजर तीन लड़कियों पर पड़ी जो एकदम नंगीनदी से बाहर निकल रही थी उन्हें देखकर उन दोनों की आंखों में चमक आ गई और दोनों आपस में ही मुस्कुराते हुए बोले,,,।

देख रहा है कितनी जवानी चढ़ी हुई है,,, साली तीनों नंगी ही नहा रही है,,,,।

तीनों नहीं चारों वह देख कुंवर जी से कंधे पर उठाकर बचा कर ले जा रहा है वह भी नंगी ही नहा रही थी,,,,

हां यार साली चारों की बुर में आग लगी हुई है काश हम दोनों भी वहां होते तो मजा आ जाता,,,उफ्फ,,,, चारों की नंगी चूचियां देख कर मजा ही आ जाता,,,।

साले तू चूचियों की बात कर रहा है उन चारों की गांड देख बुर देख,,,,मेरा तो देख कर ही खड़ा हो गया है अगर मैं वहां होता तो सच में चारों में से एक की बुर तो ले ही लेता,,,,।

हां सच कह रहा है तू मौका भी बहुत अच्छा था उन चारों को बोलने की हमें करने दो वरना तुम्हारे घर वालों को बोल देंगे कि तुम चारों नंगी होकर नहा रही थी किसी दूसरे लड़कों के साथ और इन सब में यह हादसा हो गया,,,, अपनी इज्जत बचाने के लिएहम लोगों का झूठ नहीं मानना ही पड़ता और हमारी बात मानकर हमें वह लोग अपनी बुर दे देती,,,।

हां यार बात तो सही कह रहा है हमें तो वहां चलना चाहिए,,,।

रहने दे अब कोई फायदा नहीं है,,,, कुंवर वह लड़की को नदी के बाहरले गया है और उसके होते हुए हम लोग कुछ भी करने की सोच भी नहीं सकते जानता हैं ना तु,,,,।

हां यार से सच कह रहा है यह कुंवर भी न जाने कौन सी मिट्टी का बना है,,,,इतनी खूबसूरत लड़की को कंधे पर उठाकर बचा कर ले जाना है लेकिन ऐसा नहीं कि इस मौके का फायदा उठाते हुए उसकी चूची दबा दे उसकी गान्ड सहला दे उसकी बुर में उंगली ही डाल दे,,,,।

सच कह रहा है तू कुंवर की जगह मैं होता तो जरूर ऐसा करता,,,,,।


(वह घुड़सवार जिसने रानी की जान बचाई थी उसका नाम कुंवर था और वह रानी को बड़े से पत्थर पर लिटा दिया था,,,, अभी तकउसे घुड़सवार को यह नहीं मालूम था कि जिसकी वह जान बचा रहा है वह बिना कपड़ों के नंगी होकर नहा रही थी और डूब रही थी,,, पत्थर पर लेटाने के बादउसने जब देखा तो उसे पता चला कि जिसे वह बचाकर ला रहा है वह तो नंगी है बिना कपड़ों की उसके खूबसूरती को देखकर वह एकदम से मदहोश होने लगा वह पल भर के लिए यह भी भूल गया कि वह क्या कर रहा है वह उसे देखा ही रह गया बाकी की तीनों लड़कियां अपने कपड़े पहनेकर रानी के करीब आ चुकी थी लेकिन उसकी नग्नता और एक नौजवान लड़के को देखकर तीनों की आंखों में शर्म का एहसास हो रहा था और वह तीनों आपस में बात करते हुए मुस्कुरा रहे थे और शर्मा भी रही थी,,,,, वह घुड़सवार तो रानी को देखता ही रह गया था उसकी जवानी,,,, रानी के खूबसूरत अंग उसकी संतरे जैसी चूचियां यह सब देखकर तो वह पागल हो गया,,,,।

और जैसे ही उसकी नजर उसकी कमर के नीचे वाले भाग पर पड़ी तो वहां का नजारा देखकर तो वह मदहोश होने लगा उसकी आंखों के सामने औरत का वह अंगउजागर हो गया था जिसके बारे में वह सिर्फ सोच करता था जिसे अपनी आंख से देखा नहीं था लेकिन आज उसे अंग को देखकर वह पागल हुआ जा रहा था आज उसे औरत की बुर देखने को मिल गई थी,,,, उसे देखने की खुशी मदहोशी उसके चेहरे पर साफ दिखाई दे रही थी वहफटी आंखों से रानी की ब** को देख रहा था इसके बारे में कभी कल्पना करके वह कभी-कभार मस्त हो जाता था,,, लेकिन आज तक कभी भी किसी भी लड़की या औरत के साथ उसने अश्लील हरकत नहीं किया था वह औरतों से शर्माता बहुत था इसीलिए तो आज रानी की बुर को देखकर उसके चेहरे पर हवाइयां उड़ रही थी उसके चेहरे का रंग उड़ता चला जा रहा था।वह इस कदर पागल होकर रानी की बुर को देख रहा था कि उसे इस बात का अहसास तक नहीं हो रहा था कि उसके इर्द गिर्द उस लड़की की तीनों सहेलियां खड़ी थी जो उसे भी देख रही थी,,,। रानी के तीनों सहेलियां भी उसे घुड़सवार को देख रही थी और उन्हें अच्छी तरह सेएहसास हो रहा था कि वह घुड़सवार रानी के कौन से अंग को देख रहा था इसीलिए रानी की तीनों सहेलियां आपस में मुस्कुरा कर बातें कर रही थीलेकिन तभी जब रानी को बिल्कुल भी होश नहीं आ रहा था वह इस तरह से पत्थर पर पड़ी हुई थी तो उनमें से एक लड़की बोली,,,।



रानी को क्या हुआ रानी तो हिल डुल नहीं रही है,,,, कहीं कुछ हो तो नहीं गया,,,।
(उस लड़की की बात सुनकर घुड़सवार को जैसे होश आया हूंफिर वह रानी की हालत पर गौर करने लगा वरना उसकी जवानी से उसकी आंखें भी चकाचौंध होने लगी थी,,, वैसे तो वह दूसरे लड़कों की तरह आवारा बिल्कुल भी नहीं था वह बेहद खानदानी और इज्जतदारलड़का था जो लड़कियों की तरफ नजर उठा कर देखा भी नहीं था लेकिन आज हालात कुछ और बन गए थे इसलिए वह अपने आप पर काबू नहीं कर पाया था लेकिन उस लड़की की बात सुनकर वह एकदम से होश में आ गया था,,, उसकी नंगी चूचियों को देखकर वह उन लड़कियों से बोला,,,)

लगता है तुम्हारी सहेली पानी पी गई है पानी निकालना पड़ेगा लेकिन इससे पहले इनकी छातियों को दुपट्टे से
ढक दो,,,,
(उसकी बात सुनते ही उनमें से एक लड़की तुरंत एक दुपट्टा लेकर आई और उसके कहे अनुसार उसकी छातियों को ढक दी लेकिन अभी भी उसकी टांगों के बीच की पतली दरार पूरी तरह से उजागर थी,,, बार-बार उस घुड़सवार की नजर उसकी बुर पर चली जा रही थी। लेकिन इस समय उसकी जान बचाना ज्यादा जरूरी था इसलिए वह रानी की टांगों के बीच से अपनी नजर को हटा लिया,,, उन लड़कियों को बोला,,,)

मेरी मदद करो इसे पेट के बल लिटाने में,,,(ऐसा कहते हुए वह रानी के कंधों को पकड़ लिया और उसकी बात सुनते ही वह सारी लड़की अपनी तरफ से पूरी मदद करने लगी और देखते ही देखते वह उसे पलट दी पेट के बल लेकिन पेट के बल पलटते ही एक बार फिर से उसे घुड़सवार की आंखें फटी की फटी रह गई रानी के उन्नत उभारदार नितंबों को देखकर उसकी हालत एकदम से खराब होने लगी वाकई में असली खूबसूरती तो पिछवाड़े में ही थी जिसे वह घुड़सवार देखता ही रह गया,,,, उस घुड़सवार की हालत को वह तीनों लड़कियां भी अच्छी तरह से समझ रही थी वह जानती थी कि खूबसूरत लड़कियों की गोरी गोरी बड़ी-बड़ी उभरी हुई गांड देखकर मर्दों की क्या हालत होती है वही हालत इस समय घुड़सवार की हो रही थीलेकिन फिर से हुआ है बड़ी मुश्किल से उसके नितंबों पर से अपनी नजर हटाकर वह नंगी चिकनी पीठ पर अपनी दोनों हथेलियां रख दिया और उसका दबाव बनाकर हल्के हल्के दबाने लगा,,, उसके ऐसा करने पर रानी के मुंह में से पानी निकलने लगा जितना वह डूबते समय पी गई थी धीरे-धीरे करके वह दबाते हुए जितना पानी था सब निकाल दिया और फिर उसे होश आने लगा कब जाकर वह घुड़सवार और उसकी तीनों सहेलियां राहत की सांस ली,,,।



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लेकिन रानी को जैसे ही हो सर वह अपने सामने तीनों लड़कियां और एक अनजान जवान लड़की को देखकर एकदम से हैरान हो गई वह उठकर बैठ गई लेकिन उसे अपनी स्थिति का भान बिल्कुल भी नहीं थालेकिन जैसे ही उसे एहसास हुआ कि वह संपूर्ण रूप से नंगी एक अंजाम लड़के के सामने बैठी है तो एकदम से घबरा गई और पास में ही पड़े दुपट्टे से अपने बदन को ढकने की कोशिश करने लगी उसकी हालत को देखकर वह घुड़सवार उसे समझाते हुए बोला,,,।


आराम से,, कोई दिक्कत नहीं है अब तुम खतरे से बाहर हो,,,,,।
(उसकी बात सुनकर रानी अपनी नंगी जवान को उसे दुपट्टे में छुपाने की नाकाम कोशिश करते हुए अपने तीनों सहेलियों की तरफ देख रही थी तो वह तीनों एक साथ बोल पड़ी,,,)

तुम पानी में डूब रही थी वह तो भला हो इनका जो बिना सोचे समझे नदी में कूद गए और तुम्हें बचाकर किनारे पर ले आए,,,,।

(बेहोशी की हालत में रानी सब कुछ भूल चुकी थी लेकिन अपनी सहेली के बताने पर उसे याद आने लगा और वह उस घुड़सवार की तरफ देखने लगी तो वह घुड़सवार नम्रता दीखाते हुए बोला,,,)


मेरा नाम कुंवर है और मैं पास ही के गांव के जमीदार राजा साहब का साला हूं,,,,, वह तो गनीमत था की हम लोग यहां से गुजर रहे थे वरना आज अनर्थ हो जाता,,,।

आपका बहुत-बहुत शुक्रिया अब मैं क्या कहूं मेरे पास तो कहने के लिए शब्द भी नहीं है,,, सच में अगर आज अाप ना होते तो शायद मैं इस दुनिया में ना होती,,,


जब तक मैं जिंदा हूं तब तक तुम्हें कुछ होने नहीं दूंगा,,,,,(उसका इतना कहना था की रानी उसे देखते ही रहेगी और उसकी सहेलियां भी उसे देखते रह गई थी और वह मुस्कुराता हुआ आगे बड़ा और नदी में छलांग लगा दिया,,,,, और तैरते हुए दूसरी और निकल गया जहां पर उसके दो साथी खड़े थे रानी उस घुड़सवार को देखते ही रह गई,,,, उसकी सहेलियां भी मजा लेते हुए बोली,,,)

देखा रानी तेरे दिल का राजा मिल गया है और क्या बोल कर गया तूने सुना ना कि जब तक वह जिंदा है तुझे कुछ होने नहीं देगा,,,।

सच में उसे रानी से प्यार हो गया देखी नहीं इसके नंगे बदन को कैसे प्यासी नजरों से देख रहा था,,,(दूसरी लड़की भी उसके सुर में सुर मिलाते हुए बोली तो,,, और तभी तीसरी वाली बोल पड़ी,,,)

उसकी चूची और बुर को तो वह पागल की तरह दुख रहा था ऐसा लग रहा था कि आज से पहले उसने कभी यह सब देखा ही ना हो,,,,।


सच कह रही है तू जब इसको पेट के बल लेटाया तो देखी नहीं इसकी गांड देखकर तो वह पागल ही हो गया था,,,, सच कह रही हूं अगर हम लोग ना होते तो इसकी चुदाई जरूर कर दिया होता।


मुझे तो लगता है कि उसका लंड जरूर खड़ा हो गया होगा उसकी नंगी जवान देखकर।

कुछ भी हो था बहुत सुंदर और अच्छे घराने का भी है राजा साहब का साला है,,,,।

हां देखी नहीं घोड़े पर बैठ कर आया था,,,।

(वह तीनों क्या-क्या बोल रही थी रानी को कुछ समझ में नहीं आ रहा था रानी अपने ही ख्यालों में खोई हुई थी वाकई में कुंवर उसे बहुत अच्छा लगा था बिल्कुल उसके सपनों का राजकुमार की तरह,,,, फिर वह अपने आप को व्यवस्थित करते हुए धीरे से उठी और,,, बोली,,)

मैं पहले ही बोली थी कि मैं बीच में तैर नहीं पाती फिर भी तुम लोग की जीत के कारण बीच में जाना पड़ा,,,(इतना कहते हुए वह अपने कपड़े पहनने लगी और उसकी यह बात सुनकर उसकी सहेली बोली,,,)

जो हुआ अच्छा ही हुआ अगर तू बीच में नहीं जाती तो डुबती नहीं,,,, और अगर डूबती नहीं तो तेरे सपनों का राजकुमार कैसे मिलता,,,,

धत् रहने दो बकवास करने को चलो घर देर हो रही है,,,,।

(और इतना कहकर वह लोग गांव की तरफ चल दिए,,)
Wah Rani ko apna Raajkumar mil gaya.
 
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रानी अपनी सहेलियों के साथ नदी पर पहुंच चुकी थी,,,और उनमें से एक लड़की ने अपने सारे वस्त्र उतार कर नंगी हो चुकी थी उसका कहना यही था कि साथ में कपड़े तो लाई नहीं है ऐसे में पहने हुए कपड़े में नहाएंगे तो कपड़े गीले हो जाएंगे जिससे घर वापस जाने में दिक्कत आएगीऔर इसीलिए उसने अपने सारे कपड़े उतार कर महंगी होकर ना आने का निर्णय किया था और उन तीनों को भी उसकी तरह ही कपड़े उतार कर नदी में उतरने के लिए उकसा रही थी। वैसे तो तीनों को भी उसका कहना सही लग रहा था और उन तीनों का भी मन बिना कपड़ों के नदी में उतरने को कर रहा था,,,, एक बार वह लोग भी बिना कपड़ों के नहाने का अनुभव ले लेना चाहती थी और वैसे भी मौका भी अच्छा था और दस्तूर भी यही था अकेले में कपड़े उतार कर नहाने में ही मजा आता है। फिर भी रानी बोली।





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लेकिन अगर कोई आ गया तो लेने के देने पड़ जाएंगे इस हालत में हम लोगों को देखकर कोई भी होगा कुछ और ही समझेगा,,,,।


अरे ऐसा कुछ भी नहीं होगा देख रही है दूर-दूर तक सन्नाटा फैला हुआ है,,,,और अगर कोई आदमी गया तो वह इतना तो बेशर्म होगा नहीं कि हम लोगों को नंगी नहाता हुआ देखकर हम लोगों को देखा हुआ नदी के किनारे बैठ जाएगा या हम लोगों के साथ उल्टा सीधा करेगा,,,, इतना तो डर उसके मन में भी होगा कि इस हालत में किसी को नहाते हुए देखना कितना गलत है अगर इस बारे में गांव में किसी को पता चलेगा तो लोग उसी पर उंगली उठाएंगे,,,

(रानी अच्छी तरह से समझ रही थी किकपड़े उतार कर नंगी नहाने का जिस तरह का कारण वह दे रही थी वह इतना योग्य नहीं था लेकिन फिर भी उसका भी मन नदी में बिना कपड़ों के उतरने को कर रहा था,, इसलिए वह बोली)

देख तेरी बात मानकर हम लोग कपड़े उतार कर नदी में उतर तो जाते हैं लेकिन इसके बाद अगर कुछ गलत हुआ तो इसकी जिम्मेदारी तेरी होगी।

ठीक है तुम लोग डरती बहुत हो,,, देख नहीं रही हो कितनी देर से कपड़े उतार कर नंगी खड़ी हूं,,,, यहां कोई है जो जबरदस्ती मेरी चुदाई कर दे,,, अरे जब तक मैं तैयार नहीं होऊंगी तब तक कोई मेरे बदन पर हाथ भी नहीं लग सकता समझी,,,,।

(उसकी बात सुनकर रानी और बाकी की लड़कियां हंसने लगी और उनमें से एक लड़की हंसते हुए बोली)





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अरे मेरी जान जिसको चोदना होगा वह तुझसे पूछेगा नहीं बल्कि झुका कर तेरी ले लेगा और तू भी उसे कुछ नहीं बोल पाएगी,,,बस आआआहहहह ऊहहहहह ऊममममम करती रह जाएगी,,,,,।

(उसकी भी बात सुनकर सभी लोग हंसने लगे और रानी भी हंसते हुए बोली,,,)

तू जिस तरह से आवाज निकल रही है ऐसा लग रहा है कि तुझे कुछ ज्यादा ही अनुभव है,,,।

तो इसमें कौन सी शर्म है आखिर बुर होती किस लिए है लंड लेने के लिए,,,, और मेरी बुर में भी लंड आता जाता रहता है इसमें कौन सी बड़ी बात है देखना है एक दिन तेरी बुर मे भी लंबा लंड घुसेगा,,,।

चल रहने दे,,,, इस तरह से बातों में ही शाम हो जाएगी जो भी करना है जल्दी करो और वैसे भी मैं एकदम किनारे पर ही नहाउंगी,,,, मुझे अच्छी तरह से तैरना नहीं आता,,,।




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ठीक है तो किनारे पर ही नहाना बस और वैसे भी हम लोग हैं चिंता मत करना,,,,(इतना कहते हुए जिसने अपने सारे कपड़े उतारकर नंगी हो गई थी वह धीरे-धीरे नदी में उतरने लगे और उसे देखकर बाकी की लड़कियां भी अपने कपड़े उतारने लगीऔर भला रानी कैसे पीछे रह सकती थी उन लोगों के साथ हो अभी अपने कपड़े उतारने लगी और देखते ही देखते बाकी की तीनों लड़कियां भी कपड़े उतार कर एकदम नंगी हो गई,,,, एक साथ चार-चार नंगी जवानी नदी के किनारे हिलोरा मार रही थी लेकिन इस अद्भुत नजारे को देखने वाला इस समय वहां कोई भी नहीं था,,,, चारों ने अपने कपड़ों को नदी के किनारे की झाड़ियों के पास बड़े से पत्थर पर रख दी। और देखते ही देखते बाकी के तीन लड़कियां भी नदी के पानी में उतर गई,,,,।

चारों तरफ सन्नाटा छाया हुआ था केवल नदी के बहने की हल्की-हल्की आवाज आ रही थी और चारों के नदी में उतरने से नदी के पानी में भी एक अलग ही आवाज आ रही थी जो रह रहकर वातावरण में पहली खामोशी को शोर में बदल दे रही थी,,, इतनी प्रचंड गर्मी में भी नदी का पानी अंदर से बेहद शीतल था। जिसका एहसास उन लोगों को बहुत अच्छी तरह से हो रहा था,,,, अभी तक चारों लड़कियां नदी के किनारे पर ही थी कमर जितने पानी में वह चारों लड़की एक दूसरे पर हथेलियां में भर भर कर अपनी एक दूसरे पर फेंक रही थी और जलक्रीड़ा कर रही थी,,, ठंडा पानी बदन पर पडते ही उन लोगों को अच्छा लग रहा था,,,चारों लड़कियों जवानी से भरी हुई थी और लगभग चारों लड़कियां चुदाई का सुख भोग चुकी थी,,, इतना तो तय था लेकिन गांव में किसके साथ यह लोग रंगरेलियां मना चुकी हैं यह कोई नहीं जानता था। नदी में खेलने का आनंद चारों लड़कियां ले रही थी उन चारों की हालत चलन से चारों की अद्भुत गोलाई ली हुई चुचीया रबड़ के गेंद की तरह ऊपर नीचे हो रही थी जिसे देखकर वह चारों मस्त हो रही थी अगर इस नजारे को कोई मर्द देख लेता तो शायद उसका लंड उसी समय पानी फेंक देता,,,,।

लेकिन इस अद्भुत नजारे को देखने वाला इस समय वहां कोई नहीं था वैसे तो इस नजारे को कोई भी मर्द देखा तो शायद वहजीवन में पहली बारिश नजारे को देख रहा होता क्योंकि गांव में अक्सर नदी में औरतें नहाती तो है लेकिन अपने सारे कपड़े उतार कर एक साथ सारी औरतें नहाती हो ऐसा कभी नहीं होता,,,, लेकिन यहां पर गांव के चारों जवान लड़कियां एकदम नंगी होकर नहा रही थी चारों का बदन एकदम छरहरा था,,, लेकिन उन चारों में सबसे ज्यादा खूबसूरत रानी ही थी,,, इस बात को भीवह लड़कियां जानती थी इसीलिए उनमें से एक लड़की रानी की चूची हो पर जोर-जोर से अपनी अपनी हथेली में लेकर फेंकते हुए बोली,,,,।

आज तेरी चुची को टमाटर की तरह लाल कर दूंगी,,,,,,।
(और उसकी हरकत पर रानी जोर-जोर से हंसती थी और वह भी वही क्रिया उसके साथ दोहराती थी,,, लेकिन जब जब चूचियों पर पानी की बौछार पड़ती थी उसके बदन में सनसनी से दौड जाती थी,,,, रानी इस बात पर बहुत अच्छी तरह से गौर की थी बाकी तीनों की लड़कियों की चुचीयां तो थी आकर्षक लेकिन तीनों की चूचियां उससेआकार में थोड़ी सी बड़ी थी और हल्का सा उनमें झुकाव था नीचे की तरफ लेकिन उसकी चूची एकदम तनी हुई थी बेहद आकर्षक जरा सा भी लक उसमें नहीं था एकदम टनटनाई हुई थी,,, इस बात की खुशी उसके चेहरे पर साफ झलक रही थी। वैसे भी हर एक लड़की कायही सबसे बड़ा सुख होता है कि वह बाकी की उनकी सहेलियों में सबसे खूबसूरत और हसीन दिखाई दे और इस समय रानी उसकी सहेलियों में सबसे ज्यादा हसीन और खूबसूरत थी,,,, रानी भी जोर-जोर से सहेलियों पर पानी मारते हुए बोली,,,,)

मैं भी तुम लोगों की चूची को लाल-लाल कर दूंगी,,,, देखना आज किसी को नहीं छोडूंगी,,,,।(ऐसा कहते हुए रानी और उसकी सहेलियां आपस में जलक्रीड़ा कर रही थी,,, उन्हें बहुत मजा आ रहा था तभी उनमें से एक सहेली बोली,,,)

देखना तुम लोग रानी की जो भी लेगा वह बहुत खुशकिस्मत वाला होगा,,,,।

(यह सुनकर दूसरी लड़की बोली)

सही कह रही है तू रानी जैसी खूबसूरत लड़की की चुदाई करना वाकई में किस्मत वाली बात है,,,, न जाने किसके लंड का नाम लिखा है इसकी बुर पर ,,, जिसका भी घुसेगा वह पूरी तरह से मत हो जाएगा,,,,,।

(उन लोगों की बातें सुनकर रानी मन ही मन में बहुत खुश हो रही थी क्योंकि वह लोग एक तरह से उसकी तारीफ ही कर रहे थे और रानी को भी दूसरी लड़कियों की तरह अपनी खूबसूरती और जवानी की तारीफ सुनना पसंद था,,,, उसे यह सब अच्छा लग रहा था लेकिन उन लड़कीयों को यह नहीं मालूम था कि उसकी बुर की गहराई खुद उसके भाई का लंड नाप चुका है। उसकी बुर पर सुनहरे अक्षरों से उसके भाई के लंड का नाम लिखा था,,,,, लेकिन रानी यह सब राज ही रखना चाहती थी और यह कोई बताने वाली बात भी नहीं थी इसलिए उन लोगों की बात सुनकर वह बोली,,,)

क्यों मेरे में हीरे मोती जड़ें हैं क्या,,,?

हां हीरे मोती ही जड़े हैं तभी तो कह रही हूं कि जो भी तेरा लगा वह बहुत ही ज्यादा खुश किस्मत वाला होगा तभी वह तेरी ले पाएगा,,,, और जो भी लेगा उसे बहुत मजा आएगा,,,,(उसकी बात सुनकर उसकी दूसरी सहेली बोली,,,)

मजा तो इससे भी बहुत आएगा सिर्फ वही मजा थोड़ी लेगा,,,,,।


चल रहने दे इन सब ने मुझे मजा नहीं आता,,,(रानी इतराते हुए बोली,,,)

अच्छादेखना जब एक बार लंड तेरी बुर में घुसेगा ना तो तू खुद ही लंड पर उछल उछल कर चुदवाएगी इतना मजा आता है,,,,,।

( उसकी बात सुनकर रानी मां ही मन में बहुत खुश हो रही थी क्योंकि उसकी बात में सच्चाई थी ऐसा सच में होता है जब एक बार लंड बुर में घुसता है तो दोबारा वही बुर लंड लेने के लिए तड़प उठती है उसका भी यही हाल था,,, एक बार अपनी भाई से चुदवाने के बाद बार-बार उसकी इच्छा चुदवाने की होती थी और वह रोज रात को अपने भाई से मजा ले रही थी फिर भी उसकी बात सुनकर वह बोली,,,)

मुझे इन सब में बिल्कुल भी मजा नहीं आता है इसलिए सोचना भी मत कि मैं कभी ऐसी वैसी हरकत करूंगी,,,,।

अपने पति के साथ भी नहीं,,,(उसकी बात सुनकर दूसरी लड़की एकदम तपाक से बोली)

पति के साथ भी नहीं बिल्कुल भी नहीं,,,,।

चल रहने दे कभी ऐसा सोचना भी नहीं तेरा कितना भी मन नहीं होगा वह तेरे ऊपर चढ़ बैठेगा और वैसे भी इतनी खूबसूरत लड़की को कोई छोड़ता है भला,,,, देखना तु ना ना कहती रह जाएगी और वो तेरी टांग फैला कर ले लेगा।

(उसकी बात सुनकर बाकी लड़कियों के साथ रानी भी हंसने लगी,,,,,,रानी किनारे पर ही कमर जितने पानी में नहाने का मजा लूट रहे थे लेकिन धीरे-धीरे तीनों लड़कियां तैरते हुए बीच में जाने लगी,,,, कमर तक पानी में खड़े होने की वजह से रानी का कमर के ऊपर का नंगा बदन पूरी तरह से झलक रहा था लेकिन बाकी तीन लड़कियां नदी के बीच में चली गई थी जिसकी वजह से उनका सिर्फचेहरा ही दिखाई दे रहा था बाकी का वजन पानी में डूबा हुआ था और वह लोग देर कर मजा ले रहे थे रानी का भी मन बीच में जाने को कर रहा था लेकिन वह जानती थी की नदी के बीच में पानी का बहाव थोड़ा तेज होता है और वह अभी तक नदी के बीच में तैरने का अनुभव नहीं ली थी,,,, रानी किनारे पर ही बैठ बैठ कर पानी में डुबकी लगा रही थी तभी उसकी सहेली जो नदी के बीच में तैर रही थी उसे आवाज लगाते हुए बोली,,,,)

रानी यहां का पानी बहुत ठंडा है बहुत मजा आ रहा है नहाने में तु भी धीरे-धीरे आजा,,,,,।

लेकिन मुझे डर लगता है कहीं कुछ हो गया तो,,,,


अरे कुछ भी नहीं होगा तू आ तो सही हम लोग है ना,,,जहां पर तू नहा रही है वहां का पानी खास ठंडा नहीं है लेकिन यहां का पानी तो बहुत ठंडा है बहुत मजा आ रहा है नहाने में,,,,।

हां यह सच कह रही है यहां ज्यादा मजा आ रहा है,,,, तू भी आजा,,,,(यह भी उसके सुर में सुर मिलाते हुए बोली,,,,उन लोगों की बातें सुनकर रानी का मन नदी के बीचोंबीच जाने को कर रहा था,,,वह भी धीरे-धीरे पानी के अंदर आगे बढ़ने लगी जैसे-जैसे वह कदम आगे बढ़ा रही थी वाकई में वहां का पानी कुछ ज्यादा ही ठंड महसूस हो रहा था जिससे उसके बदन में सनसनी सी दौड़ जा रही थी उसे अच्छा लग रहा था,,, इसलिए वह धीरे-धीरे तैरते हुए आगे बढ़ने लगी,,, लेकिन इसी बीच एक बड़े से पत्थर पर उसका पैर पड़ा और चिकनाहट पाकर उसका पैर एकदम से फिसल गया और वह अपने आप को संभाल नहीं पाई और पानी में गिर गई लेकिन जिस जगह पर वह फिसल करके वह गीरी थी वहां पर नीचे से पानी का बहाव थोड़ा ज्यादा था,,,वह अपने आप को संभालने की बहुत कोशिश की लेकिन वह अपने आप को संभाल नहीं पाई थोड़ा बहुत तैर कर वह अपनी जगह पर आने की कोशिश कर रही थी लेकिन ऐसा हो नहीं पा रहा था,,,,, उसकी तीनों सहेलियां उसे ही देख रही थी कुछ देर के लिए उन्हें लगा कि शायद रानी तैर रही है,,,, लेकिन जैसे ही रानीका पूरा सर पानी में डूबा और वह तुरंत ऊपर की तरफ निकालने की कोशिश कीउन तीनों को समझ में आ गया कि मामला क्या है और तीनों उसकी तरफ आगे लपकने लगे,,,, लेकिन पानी का बहाव इतना ज्यादा था कि रानी अपने आप को संभाल नहीं पा रही थी और पानी के बहाव में आगे बढ़ती चली जा रही थी,,,,।



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मामला गंभीर होता चला जा रहा था। जिसका एहसास रानी की सहेलियों को हो चुका था,,, उन तीनों को एहसास हो गया था कि वह तीनों अब उसे नहीं बचा सकते क्योंकि बहते हुए पानी में देर कर उसे बचा कर लाना उसे संभाल पाना अब उनके बस का नहीं था,,,, इसलिए वह तीनों एक साथ मदद की गुहार लगाते हुए चिल्लाने लगे।

बचाओ,,,,, बचाओ,,,,,, रानी,,, डूब रही है कोई बचाओ,,,,,(ऐसा कहते हुए वह तीनों की प्रयास कर रहे थे लेकिन प्रयास असफल था,,,,, वह तीनों लगातार बचाओ बचाओ करके चिल्ला रही थी,,,,,, तभी नदी के उसे पर से गुजर रहे तीन घुड़सवार के कानों में बचाओ बचाओ की आवाज सुनाई दी,,, तो वह तीनों रुक गए उनमें से एक बोला,,,)

तुम लोगों को आवाज सुनाई दे रही है,,,।

हां कोई मदद के लिए पुकार रहा है,,,,,।


लेकिन आवाज आ कहां से रही है,,,,, चलो थोड़ा ऊपर चलकर देखते हैं,,,,(इतना कहकर हुआ खुद सवार थोड़ी सी ऊंची टेकरी थी वहां परघोड़ा लेकर चढ़ गया और वहां से देखने लगा तभी उसकी नजर नदी में बह रही रानी पर पड़ी और उनसे दूर तीन लड़कियों पर पड़ी जो मदद के लिए चिल्ला रही थीइतना देखते ही वह बिना कुछ सोचे समझे घोड़े पर से नीचे कूद गया और दौड़ते हुए तुरंत नदी में छलांग लगा दिया,,,,और तैरते हुए रानी के करीब जाने लगा रानी बार-बार डुबकी लगा ले रही थी उसके मुंह से आवाज तक नहीं निकल रही थी वह पानी पी ले रही थी वह एकदम नहीं रही नजर आ रही थी लेकिन फिर भी अपनी जिंदगी को बचाने के लिए लड़ रही थी और वह घुड़सवार नौजवान पूरी ताकत के साथ तैरता हुआ रानी के करीब पहुंच गया था और उसे तुरंत सहारा देकर अपने कंधे परसंभाल लिया था यह देखकर बाकी की तीनों लड़कियां एकदम से नदी के बाहर निकलने लगी क्योंकि वह तीनों बिना कपड़ों की निर्वस्त्र नहा रही थी,,,, रानीको बचाने के चक्कर में हुआ तीनों यह भी भूल गई थी कि वह बिना कपड़ों की नंगी होकर नहा रही थी और कोई अगर बचाने के लिए आ गया तो उन तीनों को भी नंगी नहाते हुए देख लेगा उनके नंगे जिस्म को देख लेगा और जैसेउन्हें लगा की रानी अब खतरे से बाहर है वह तीनों तुरंत नदी के बाहर आकर अपनी-अपने कपड़े पहने लगी थी।

वह नौजवान घुड़सवार जो रानी को बचाकर किनारे की तरफ ला रहा था उसने तो वह तीनों को नहीं देखा था कि वह तीनों निर्वस्त्र होकर नहा रही थी लेकिन जैसे ही वह तीनोंनदी से बाहर निकलने लगे नदी के दूसरी तरफ पर खड़े घुड़सवार के दोस्त उन दोनों की नजर तीन लड़कियों पर पड़ी जो एकदम नंगीनदी से बाहर निकल रही थी उन्हें देखकर उन दोनों की आंखों में चमक आ गई और दोनों आपस में ही मुस्कुराते हुए बोले,,,।

देख रहा है कितनी जवानी चढ़ी हुई है,,, साली तीनों नंगी ही नहा रही है,,,,।

तीनों नहीं चारों वह देख कुंवर जी से कंधे पर उठाकर बचा कर ले जा रहा है वह भी नंगी ही नहा रही थी,,,,

हां यार साली चारों की बुर में आग लगी हुई है काश हम दोनों भी वहां होते तो मजा आ जाता,,,उफ्फ,,,, चारों की नंगी चूचियां देख कर मजा ही आ जाता,,,।

साले तू चूचियों की बात कर रहा है उन चारों की गांड देख बुर देख,,,,मेरा तो देख कर ही खड़ा हो गया है अगर मैं वहां होता तो सच में चारों में से एक की बुर तो ले ही लेता,,,,।

हां सच कह रहा है तू मौका भी बहुत अच्छा था उन चारों को बोलने की हमें करने दो वरना तुम्हारे घर वालों को बोल देंगे कि तुम चारों नंगी होकर नहा रही थी किसी दूसरे लड़कों के साथ और इन सब में यह हादसा हो गया,,,, अपनी इज्जत बचाने के लिएहम लोगों का झूठ नहीं मानना ही पड़ता और हमारी बात मानकर हमें वह लोग अपनी बुर दे देती,,,।

हां यार बात तो सही कह रहा है हमें तो वहां चलना चाहिए,,,।

रहने दे अब कोई फायदा नहीं है,,,, कुंवर वह लड़की को नदी के बाहरले गया है और उसके होते हुए हम लोग कुछ भी करने की सोच भी नहीं सकते जानता हैं ना तु,,,,।

हां यार से सच कह रहा है यह कुंवर भी न जाने कौन सी मिट्टी का बना है,,,,इतनी खूबसूरत लड़की को कंधे पर उठाकर बचा कर ले जाना है लेकिन ऐसा नहीं कि इस मौके का फायदा उठाते हुए उसकी चूची दबा दे उसकी गान्ड सहला दे उसकी बुर में उंगली ही डाल दे,,,,।

सच कह रहा है तू कुंवर की जगह मैं होता तो जरूर ऐसा करता,,,,,।


(वह घुड़सवार जिसने रानी की जान बचाई थी उसका नाम कुंवर था और वह रानी को बड़े से पत्थर पर लिटा दिया था,,,, अभी तकउसे घुड़सवार को यह नहीं मालूम था कि जिसकी वह जान बचा रहा है वह बिना कपड़ों के नंगी होकर नहा रही थी और डूब रही थी,,, पत्थर पर लेटाने के बादउसने जब देखा तो उसे पता चला कि जिसे वह बचाकर ला रहा है वह तो नंगी है बिना कपड़ों की उसके खूबसूरती को देखकर वह एकदम से मदहोश होने लगा वह पल भर के लिए यह भी भूल गया कि वह क्या कर रहा है वह उसे देखा ही रह गया बाकी की तीनों लड़कियां अपने कपड़े पहनेकर रानी के करीब आ चुकी थी लेकिन उसकी नग्नता और एक नौजवान लड़के को देखकर तीनों की आंखों में शर्म का एहसास हो रहा था और वह तीनों आपस में बात करते हुए मुस्कुरा रहे थे और शर्मा भी रही थी,,,,, वह घुड़सवार तो रानी को देखता ही रह गया था उसकी जवानी,,,, रानी के खूबसूरत अंग उसकी संतरे जैसी चूचियां यह सब देखकर तो वह पागल हो गया,,,,।

और जैसे ही उसकी नजर उसकी कमर के नीचे वाले भाग पर पड़ी तो वहां का नजारा देखकर तो वह मदहोश होने लगा उसकी आंखों के सामने औरत का वह अंगउजागर हो गया था जिसके बारे में वह सिर्फ सोच करता था जिसे अपनी आंख से देखा नहीं था लेकिन आज उसे अंग को देखकर वह पागल हुआ जा रहा था आज उसे औरत की बुर देखने को मिल गई थी,,,, उसे देखने की खुशी मदहोशी उसके चेहरे पर साफ दिखाई दे रही थी वहफटी आंखों से रानी की ब** को देख रहा था इसके बारे में कभी कल्पना करके वह कभी-कभार मस्त हो जाता था,,, लेकिन आज तक कभी भी किसी भी लड़की या औरत के साथ उसने अश्लील हरकत नहीं किया था वह औरतों से शर्माता बहुत था इसीलिए तो आज रानी की बुर को देखकर उसके चेहरे पर हवाइयां उड़ रही थी उसके चेहरे का रंग उड़ता चला जा रहा था।वह इस कदर पागल होकर रानी की बुर को देख रहा था कि उसे इस बात का अहसास तक नहीं हो रहा था कि उसके इर्द गिर्द उस लड़की की तीनों सहेलियां खड़ी थी जो उसे भी देख रही थी,,,। रानी के तीनों सहेलियां भी उसे घुड़सवार को देख रही थी और उन्हें अच्छी तरह सेएहसास हो रहा था कि वह घुड़सवार रानी के कौन से अंग को देख रहा था इसीलिए रानी की तीनों सहेलियां आपस में मुस्कुरा कर बातें कर रही थीलेकिन तभी जब रानी को बिल्कुल भी होश नहीं आ रहा था वह इस तरह से पत्थर पर पड़ी हुई थी तो उनमें से एक लड़की बोली,,,।



रानी को क्या हुआ रानी तो हिल डुल नहीं रही है,,,, कहीं कुछ हो तो नहीं गया,,,।
(उस लड़की की बात सुनकर घुड़सवार को जैसे होश आया हूंफिर वह रानी की हालत पर गौर करने लगा वरना उसकी जवानी से उसकी आंखें भी चकाचौंध होने लगी थी,,, वैसे तो वह दूसरे लड़कों की तरह आवारा बिल्कुल भी नहीं था वह बेहद खानदानी और इज्जतदारलड़का था जो लड़कियों की तरफ नजर उठा कर देखा भी नहीं था लेकिन आज हालात कुछ और बन गए थे इसलिए वह अपने आप पर काबू नहीं कर पाया था लेकिन उस लड़की की बात सुनकर वह एकदम से होश में आ गया था,,, उसकी नंगी चूचियों को देखकर वह उन लड़कियों से बोला,,,)

लगता है तुम्हारी सहेली पानी पी गई है पानी निकालना पड़ेगा लेकिन इससे पहले इनकी छातियों को दुपट्टे से
ढक दो,,,,
(उसकी बात सुनते ही उनमें से एक लड़की तुरंत एक दुपट्टा लेकर आई और उसके कहे अनुसार उसकी छातियों को ढक दी लेकिन अभी भी उसकी टांगों के बीच की पतली दरार पूरी तरह से उजागर थी,,, बार-बार उस घुड़सवार की नजर उसकी बुर पर चली जा रही थी। लेकिन इस समय उसकी जान बचाना ज्यादा जरूरी था इसलिए वह रानी की टांगों के बीच से अपनी नजर को हटा लिया,,, उन लड़कियों को बोला,,,)

मेरी मदद करो इसे पेट के बल लिटाने में,,,(ऐसा कहते हुए वह रानी के कंधों को पकड़ लिया और उसकी बात सुनते ही वह सारी लड़की अपनी तरफ से पूरी मदद करने लगी और देखते ही देखते वह उसे पलट दी पेट के बल लेकिन पेट के बल पलटते ही एक बार फिर से उसे घुड़सवार की आंखें फटी की फटी रह गई रानी के उन्नत उभारदार नितंबों को देखकर उसकी हालत एकदम से खराब होने लगी वाकई में असली खूबसूरती तो पिछवाड़े में ही थी जिसे वह घुड़सवार देखता ही रह गया,,,, उस घुड़सवार की हालत को वह तीनों लड़कियां भी अच्छी तरह से समझ रही थी वह जानती थी कि खूबसूरत लड़कियों की गोरी गोरी बड़ी-बड़ी उभरी हुई गांड देखकर मर्दों की क्या हालत होती है वही हालत इस समय घुड़सवार की हो रही थीलेकिन फिर से हुआ है बड़ी मुश्किल से उसके नितंबों पर से अपनी नजर हटाकर वह नंगी चिकनी पीठ पर अपनी दोनों हथेलियां रख दिया और उसका दबाव बनाकर हल्के हल्के दबाने लगा,,, उसके ऐसा करने पर रानी के मुंह में से पानी निकलने लगा जितना वह डूबते समय पी गई थी धीरे-धीरे करके वह दबाते हुए जितना पानी था सब निकाल दिया और फिर उसे होश आने लगा कब जाकर वह घुड़सवार और उसकी तीनों सहेलियां राहत की सांस ली,,,।



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लेकिन रानी को जैसे ही हो सर वह अपने सामने तीनों लड़कियां और एक अनजान जवान लड़की को देखकर एकदम से हैरान हो गई वह उठकर बैठ गई लेकिन उसे अपनी स्थिति का भान बिल्कुल भी नहीं थालेकिन जैसे ही उसे एहसास हुआ कि वह संपूर्ण रूप से नंगी एक अंजाम लड़के के सामने बैठी है तो एकदम से घबरा गई और पास में ही पड़े दुपट्टे से अपने बदन को ढकने की कोशिश करने लगी उसकी हालत को देखकर वह घुड़सवार उसे समझाते हुए बोला,,,।


आराम से,, कोई दिक्कत नहीं है अब तुम खतरे से बाहर हो,,,,,।
(उसकी बात सुनकर रानी अपनी नंगी जवान को उसे दुपट्टे में छुपाने की नाकाम कोशिश करते हुए अपने तीनों सहेलियों की तरफ देख रही थी तो वह तीनों एक साथ बोल पड़ी,,,)

तुम पानी में डूब रही थी वह तो भला हो इनका जो बिना सोचे समझे नदी में कूद गए और तुम्हें बचाकर किनारे पर ले आए,,,,।

(बेहोशी की हालत में रानी सब कुछ भूल चुकी थी लेकिन अपनी सहेली के बताने पर उसे याद आने लगा और वह उस घुड़सवार की तरफ देखने लगी तो वह घुड़सवार नम्रता दीखाते हुए बोला,,,)


मेरा नाम कुंवर है और मैं पास ही के गांव के जमीदार राजा साहब का साला हूं,,,,, वह तो गनीमत था की हम लोग यहां से गुजर रहे थे वरना आज अनर्थ हो जाता,,,।

आपका बहुत-बहुत शुक्रिया अब मैं क्या कहूं मेरे पास तो कहने के लिए शब्द भी नहीं है,,, सच में अगर आज अाप ना होते तो शायद मैं इस दुनिया में ना होती,,,


जब तक मैं जिंदा हूं तब तक तुम्हें कुछ होने नहीं दूंगा,,,,,(उसका इतना कहना था की रानी उसे देखते ही रहेगी और उसकी सहेलियां भी उसे देखते रह गई थी और वह मुस्कुराता हुआ आगे बड़ा और नदी में छलांग लगा दिया,,,,, और तैरते हुए दूसरी और निकल गया जहां पर उसके दो साथी खड़े थे रानी उस घुड़सवार को देखते ही रह गई,,,, उसकी सहेलियां भी मजा लेते हुए बोली,,,)

देखा रानी तेरे दिल का राजा मिल गया है और क्या बोल कर गया तूने सुना ना कि जब तक वह जिंदा है तुझे कुछ होने नहीं देगा,,,।

सच में उसे रानी से प्यार हो गया देखी नहीं इसके नंगे बदन को कैसे प्यासी नजरों से देख रहा था,,,(दूसरी लड़की भी उसके सुर में सुर मिलाते हुए बोली तो,,, और तभी तीसरी वाली बोल पड़ी,,,)

उसकी चूची और बुर को तो वह पागल की तरह दुख रहा था ऐसा लग रहा था कि आज से पहले उसने कभी यह सब देखा ही ना हो,,,,।


सच कह रही है तू जब इसको पेट के बल लेटाया तो देखी नहीं इसकी गांड देखकर तो वह पागल ही हो गया था,,,, सच कह रही हूं अगर हम लोग ना होते तो इसकी चुदाई जरूर कर दिया होता।


मुझे तो लगता है कि उसका लंड जरूर खड़ा हो गया होगा उसकी नंगी जवान देखकर।

कुछ भी हो था बहुत सुंदर और अच्छे घराने का भी है राजा साहब का साला है,,,,।

हां देखी नहीं घोड़े पर बैठ कर आया था,,,।

(वह तीनों क्या-क्या बोल रही थी रानी को कुछ समझ में नहीं आ रहा था रानी अपने ही ख्यालों में खोई हुई थी वाकई में कुंवर उसे बहुत अच्छा लगा था बिल्कुल उसके सपनों का राजकुमार की तरह,,,, फिर वह अपने आप को व्यवस्थित करते हुए धीरे से उठी और,,, बोली,,)

मैं पहले ही बोली थी कि मैं बीच में तैर नहीं पाती फिर भी तुम लोग की जीत के कारण बीच में जाना पड़ा,,,(इतना कहते हुए वह अपने कपड़े पहनने लगी और उसकी यह बात सुनकर उसकी सहेली बोली,,,)

जो हुआ अच्छा ही हुआ अगर तू बीच में नहीं जाती तो डुबती नहीं,,,, और अगर डूबती नहीं तो तेरे सपनों का राजकुमार कैसे मिलता,,,,

धत् रहने दो बकवास करने को चलो घर देर हो रही है,,,,।

(और इतना कहकर वह लोग गांव की तरफ चल दिए,,)
वाह क्या गजब का शानदार लाजवाब और अद्भुत मनमोहक अपडेट हैं भाई मजा आ गया
ये नदी में राणी को डुबने से बचाने आया लडका यानी कुंवर तो राणी के मखमली गदराये जीस्म को देखकर पगला गया लगता हैं उसे राणी से प्यार हो गया वही राणी की हालत कुछ अलग नहीं हैं
देखते हैं आगे क्या होता है
अगले रोमांचकारी धमाकेदार और चुदाईदार अपडेट की प्रतिक्षा रहेगी जल्दी से दिजिएगा
 
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