• If you are trying to reset your account password then don't forget to check spam folder in your mailbox. Also Mark it as "not spam" or you won't be able to click on the link.

Incest पहाडी मौसम

rohnny4545

Well-Known Member
14,628
38,209
259
नदी पर जो कुछ भी हुआ था रानी उसे अपने घर पर बताना उचित नहीं समझ रही थी इसलिए उसने घर पर किसी को भी नहीं बताई थी की नदी पर उसके साथ कैसा हादसा हुआ था,,, और यह बात उसने अपनी सहेलियों को भी बात रखी थी कि हमारे साथ जो कुछ भी हुआ है वह कोई भी अपने-अपने घर नहीं बताया किसी को कानो कान खबर नहीं पडनी चाहिए,,, क्योंकि वह अच्छी तरह से जानती थी कि अगर उसके घर वालों को नदी वाले हादसे के बारे में पता चलेगा तो उसका घर से निकलना बंद हो जाएगा अपनी सहेलियों से मिलना बंद हो जाएगा और यही कारण उसने अपनी सहेलियों को भी बताई थी और उन्हें भी सही लग रहा था इसलिए वह लोग भी इस बात की जिक्र किसी को भी नहीं की थी क्योंकि वह लोग अपनी आजादी नहीं छीन लेना चाहती थी,,, और यही कारण था कि वह लोग भी नदी पर हुए इतने बड़े हादसे के बारे में किसी को कुछ भी नहीं बताई।




2025715105659105-picsay
रात को रानी अपने कमरे में अपने बिस्तर पर सोते हुए उसने जवान लड़की के बारे में सोच रही थी जिसने उसकी जिंदगी बचाई थी,, जिंदगी में वह किसी के भी सामने अपने सारे वस्त्र उतार कर नंगी नहीं हुई थी लेकिन न जाने वह कैसा पल था कि वह अपने आप ही उसने जवान लड़के के सामने नंगी थी उसके बदन पर एक भी वस्त्र नहीं था रानी अपने मन में उसे पल के बारे में सोचकर हैरान तो हो रही थी लेकिन मदहोश भी हुए जा रही थी बार-बार उसकी आंखों के सामने वह नौजवान घुड़सवार नजर आ जाता था। उसका रूप रंग इतना मोहक था कि रानी पहली बार में ही उसे ऐसा लग रहा था कि दिल दे बैठी थी। क्योंकि बार-बार रानी दिनभर इस नौजवान लड़के के बारे में ही सोच रही थी आलम यह था कि रात को सोते समय भी वही ना जवान लड़का उसकी आंखों के सामने नाच रहा था। उसने जवान लड़के के बारे में सोचते हुए रानी बिस्तर पर करवट बदल रही थी। वह कभी सोची भी नहीं थी कि कोई नवजवान लड़का इस तरह से उसे बेचैन कर जाएगा। क्योंकि यह उसका पहला मौका था जब किसी जवान लड़की के बारे में इतना बेचैन हो रही थी और उसके बारे में इतना सोच रही थी।

रानी अपने मन में सोच रही थी कि वह नौजवान लड़का उसके बदन के हर एक अंगों को देखा होगा अपनी आंखों से उसके बदन को पूरी तरह से टटोल लिया होगा,, और वैसे भी उसे अवस्था में छुपाने लायक कुछ भी नहीं था उसकी आंखों के सामने सब कुछ तो था उसकी नंगी चूची नंगा जिसमें नंगी गांड और नंगी बुर जिसे देखने के लिए दुनिया का हर एक मर्द तड़पता रहता है। रानी अपने ही मन में उतरे सवाल का अपने आप से ही देते हुए अपने मन में बोल रही थी क्यों नहीं देखा होगा जब मरद चोरी-छिपे औरत के हर एक अंग को देखने की कोशिश करता है तो उसकी आंखों के सामने तो सब कुछ खुला था कुछ भी छुपा नहीं था और वह नदी में कूद कर उसकी जान बचाया था उसे अपने कंधे पर उठकर नदी के बाहर ले आया था ऐसे में उसकी हथेली उसके नाजुक अंगों पर जरूर शरारत की होगी। और वैसे भी एक खूबसूरत नई किसी नौजवान मर्द के सामने निर्वस्त्र अवस्था में आ जाए तो ऐसे में वह उसे मौके का फायदा उठाए बिना नहीं रह सकता,, उसने जवान लड़की ने भी उसके अंगों को छुआ होगा दबाया होगा या फिर मसल दिया होगा,,, यह सब बातें रानी को एक तरफ हैरान कर रही थी और एक तरफ उसे उत्तेजित भी कर रही थी उसकी बुर पूरी तरह से गिली हो चुकी थी। रानी के मन में फिर एक सवाल उठने लगा कि उसे इस अवस्था में देखकर उसने अपने आप पर इतना काबू कैसे कर पाया वरना उसकी जगह कोई होता तो शायद उसकी हालत में उसकी चुदाई कर दिया होता फिर अपने ही मन में उठ रही सवाल का जवाब वह खुद ही अपने आप को देते हुए बोली नहीं ऐसा हुआ कैसे कर सकता था भले ही उसके मन में इस तरह के ख्याल आए हो लेकिन नदी के बाहर उसकी सहेलियां भी तो खड़ी थी शायद उन सब की उपस्थिति में वह ऐसा नहीं कर पाया वरना उसके खूबसूरत जिस्म को देखकर किसी का भी लंड खड़ा हो जाए।



202571510535726-picsay
रानी अपने मन में सोचने लगी कि उसने अपनी जान पर खेल कर उसकी जान बचाया था लेकिन वह उसका नाम भी नहीं जान पाई लेकिन उसने बताया जरूर था अपना नाम लेकिन उसे याद नहीं था इस बारे में सोचकर वह हैरान हो रही थी काश उसका नाम ही पता होता तो कितना अच्छा होता शायद बेहोशी की हालत में ऐसा हो गया था कि उसके बताने के बावजूद भी वह नाम याद नहीं कर पाई थी लेकिन रानी इतना तो समझ गई थी कि पहनावे से वह इस गांव का बिल्कुल भी नहीं था और उन लोग जैसा बिल्कुल भी नहीं था किसी बड़े घर का ही था तभी तो घोड़े पर चलता था और इस बारे में रानी अपनी सहेलियों से पूछ भी नहीं सकती थी क्योंकि वह जानती थी कि उसे लड़के के बारे में अपनी सहेलियों से कुछ भी पूछने का मतलब था कि आफत मोल ले लेना,,, क्योंकि वह जानती थी कि उसकी सहेलियां बाद में उसका नाम ले लेकर उसे चिढ़ाएंगी उसे परेशान करेंगी और ऐसे में गांव भर में उसे अनजान नौजवान लड़के से उसका नाम जुड़ने लगेगा जिससे बदनामी होने का भी पूरा डर था। इसलिए वह अपनी सहेलियों से भी उसके बारे में कुछ भी पूछ नहीं सकती थी उसे समझ में नहीं आ रहा था कि क्या करें उसकी याद उसे बेचैन बना रही थी उसे पागल बना रही थी लेकिन वह ना तो उसका नाम जानती थी ना ही उसका पता जानती थी और इस बारे में अपनी सहेली से वह पूछ नहीं सकती थी बड़ी अजीब सी स्थिति हो गई थी उसकी।

रानी अभी उस जवान लड़के के बारे में सोच ही रही थी कि तभी उसके कमरे का दरवाजा खुला और वह एकदम से पलट कर दरवाजे की तरफ देखने लगी तो वहां पर उसका बड़ा भाई सूरज खड़ा था जो दरवाजे को बंद करके कड़ी लग रहा था ओर रानी को इस तरह से अपनी तरफ देखता पाकर वह मुस्कुराते हुए बोला।

क्या हुआ मेरी रानी नींद नहीं आ रही है ना मुझे मालूम था कि तो मेरा इंतजार कर रही हो अभी तुम्हारी प्यास बुझा देता हूं,,,(इतना कहने के साथ ही वह धीरे से अपनी बहन की खटिया के तरफ आगे बढ़ा उसकी बहन का दिल जोरो से धड़कने लगा था क्योंकि जिस नौजवान लड़के के बारे में सोचकर उसकी बुर गीली हुई जा रही थी,,, उसकी प्यास बुझाने के लिए उसका भाई कमरे में आ चुका था जो अपने मोटे तगड़े लंबे लंड से उसकी बुर की गहराई नापते हुए उसकी प्यास बुझाने के लिए सक्षम था,,, वह धीरे से अपने सारे वस्त्र उतार कर तुरंत नंगा हो गया कमरे में दाखिल होते ही उसका लंड खड़ा होना शुरू हो गया था,,, लेकिन खटिया पर चढ़ने से पहले वह कोने में टंगी लालटेन की तरफ गया जो की तेज रोशनी में जल रही थी वह धीरे से उसकी रोशनी कम किया क्योंकि वह नहीं चाहता था कि उसकी मां को जरा भी सबको की उसकी बहन के कमरे में ईतनी रात को उसका भाई भी है,,,, लालटेन की रोशनी कम करने के बाद वह मुस्कुराता हुआ अपनी बहन की खटिया पर चढ़ गया और चढ़ते ही वह तुरंत उसे अपनी बाहों में भर लिया उसके लाल होंठों को अपने होंठ में भरकर उसका चुंबन करने लगा,,,, रानी भी पूरी तरह से मदहोश थी वह एकदम से अपने भाई से लिपट गई,,,।

सूरज अपनी बहन के लाल-लाल होठों का रसपान करता हुआ एक हाथ उसकी सलवार में डाल दिया और उसकी बुर पर रखकर अपनी हथेली को रगड़ने लगा और उसे तुरंत एहसास हुआ कि उसकी बुर पूरी तरह से गीली थी यह देखकर वह आनंदित होता हुआ बोला।

वह मेरी रानी मेरे इंतजार में पहले से ही अपनी बुर गीली करके रखी हो,,,।

क्या करूं भैया रहा नहीं जा रहा था,,, मैं कब से तुम्हारा इंतजार में करवट बदल रही थी लेकिन आज लगता है कि तुम ही देर लगा दिए हो मुझे तो लगने लगा था कि आज की रात तुम नहीं आओगे।

ऐसा कैसे हो सकता है,,,,(सलवार की डोरी खोलते हुए) तुम्हारी चुदाई की अभी ना तो मुझे भी नींद नहीं आती लेकिन अब थोड़ा संभाल कर तुम्हारे कमरे में आता हूं कहीं मां को शक ना हो जाए ,,,)

यह तो तुम बिल्कुल ठीक करते हो भैया लेकिन मैं सोच रही थी कि अगर किसी दिन मां को पता चल गया तब क्या होगा,,,।

बिल्कुल भी नहीं पता चलेगा,,,(रानी की सलवार को उसकी जांघों से नीचे सरकाते हुए,,,)

लेकिन फिर भी अगर पता चल गया तब क्या होगा,,,(रानी शंका जताते हुए बोली उसकी बात सुनकर,,, सूरज कुछ देर के लिए सोच में पड़ गया लेकिन अपने आप को स्वस्थ करके वह जवाब देते हुए बोला)

होगा क्या,,, मां को भी पता है कि इस उम्र में लड़के और लड़की को क्या चाहिए,,,,।

क्या मैं कुछ समझी नहीं,,,,।

अरे समझना क्या है,,,(सलवार को उसकी दोनों टांगों से बाहर निकाल कर एक तरफ रखते हुए और उसकी नंगी बुर पर अपनी हथेली रखकर उसे हल्के हल्के सहलाते हुए) मां भी तो एक औरत है जो चीज तुम्हें चाहिए वही मन को भी तो चाहिए और तुम तो अच्छी तरह से जानती हो की 6 महीने से ज्यादा गुजर गए हैं लेकिन पिताजी का कोई पता ठिकाना नहीं है एक औरत होने के नाते तुम्हें भी इस बात का एहसास होगा कि एक औरत को पेट की भूख के साथ-साथ जिस्म की भूख भी लगती है,,,, ।

मैं समझी नहीं तुम क्या कहना चाहते हो,,,(रानी हैरान होते हुए बोली)

अरे मेरी जान इतने दिन से चुदवाते हो गया लेकिन अभी तक बात समझ में नहीं आ रही है,,, रात को तुम्हारी तड़प क्यों बढ़ जाती है बताओ,,,।

तुमसे मिलने के लिए,,,(जानबूझकर रानी नाटक करते हुए बोली तो उसका भाई तुरंत उसका हाथ पकड़ कर पजामे के ऊपर से ही अपने खड़े लंड पर रखते हुए बोला,,)

मिलने के लिए नहीं इसके लिए,,,,।

(अपने भाई की बात सुनकर रानी एकदम से शर्मा गई और यह देखकर सूरज अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए बोला,,)

ठीक इसी तरह मां को भी यही चाहिए जब तक पिताजी थे तब तक रोज मां की चुदाई करते थे,,,।

(अपने भाई के मुंह से अपनी मां के बारे में इस तरह की बात सुनकर रानी थोड़ा हैरानी जताते हुए बोली)

यह क्या कह रहे हो भैया,,,?

अरे हां पगली मैं सच कह रहा हूं,,(कमीज के ऊपर से अपनी बहन की चूची दबाते हुए) तुझे शायद पता नहीं है लेकिन मैं अपनी आंखों से देखा हुं।

क्या देखे हो अपनी आंखों से,,,?

मां को चुदवाते हुए पिताजी के साथ और वह भी एकदम नंगी होकर,,,,।

हाय दैया यह क्या कह रहे हो भैया,,!

मैं बिल्कुल ठीक कह रहा हूं रानी मैं मां की चुदाई अपनी आंखों से देखा हूं और तू नहीं जानती कि चुदवाते समय मां की हालत कैसी हो जाती है वह एकदम पागल हो जाती है,,, एकदम उत्तेजित मदहोश हो जाती है,,,,।

मैं कुछ समझी नहीं मतलब कैसी हो जाती है,,,(रानी भी उत्सुकता दिखाते हुए बोली न जाने क्यों उसे भी अपनी मां के बारे में इस तरह की बातें सुनने में मजा आने लगा था,, अपनी बहन की आवश्यकता देखकर सूरज के दिमाग का घोड़ा बड़ी तेजी से दौड़ने लगा क्योंकि वह भी अपनी मां को छोड़ना चाहता था और आज नहीं तो कल वह जानता था कि वह अपनी मंजिल को प्राप्त कर लेगा वह अपनी मां की चुदाई जरूर करेगा और ऐसे हालात में अगर रानी को पता चल गया तो वह क्या सोच की इसीलिए यही सही मौका था अपनी मां के बारे में उसे अच्छी तरह से बता देना और अगर आगे चलकर उसके और उसकी मां के भी सारी संबंध स्थापित होता है तो उसे बिल्कुल भी ऐतराज ना हो बल्कि वह इसमें खुशी-खुशी शामिल हो सके इसलिए वह अपनी बहन से बोला,,,)

रानी तू नहीं जानती जिस तरह से तू मेरा लंड के लिए तड़पती है ना उसी तरह से मां भी पिताजी के लंड के लिए पागल है

तुझे यह सब कैसे मालूम,,,!

क्योंकि मैं सब कुछ अपनी आंखों से देखा हूं,,,, चुदवाते समय मां अपने हाथों से अपने सारे कपड़े उतार कर नंगी हो जाती है,,,, तुझे पता है रानी मां को लंड चूसना बहुत पसंद है मैं अपनी आंखों से देखा था,,,

(अपने भाई की यह बात सुनकर रानी का दिल जोरो से धड़कने लगा क्योंकि अपनी मां के बारे में इस तरह की बातें कभी सोचा ही नहीं थी वह कभी यह नहीं सोची थी कि एक औरत होने के नाते उसकी मां को भी इन सब चीजों की जरूरत पड़ती होगी लेकिन आज अपने भाई की बात सुनकर उसे समझ में नहीं आ रहा था कि वह अपने भाई की बातों पर यकीन करें की ना करें और वह आश्चर्य से अपने भाई की तरफ देखने लगी,,, सूरज को अपनी बहन की आंखों में ढेर सारे सवाल नजर आ रहे थे इसलिए वह बोला,,,)

मैं यह सब दोपहर में देखा था बीच वाले कमरे में जहां पर सब्जियां और गेहूं चावल रखे होते हैं मैं ऐसे ही अपने कमरे की तरफ जा रहा था तो अंदर से कुछ आवाज आ रही थी मुझे समझ में नहीं आया कि अंदर कैसी आवाज आ रही है इसलिए धीरे-धीरे उसे कमरे की तरफ गया अंदर चूड़ियों की खनकने की आवाज और हंसने की आवाज आ रही थी मुझे कुछ समझ में नहीं आया मैं कुछ भी आवाज नहीं किया और दरवाजे पर अपनी आंख लगाकर अंदर की तरफ देखने लगा तो अंदर जो दिखाई दिया उसे देखकर तो मेरे होश उड़ गए,,,।

क्या देखा भाई,,,,(अपने भाई के द्वारा स्तन मर्दन से मस्त होते हुए रानी बोली)

अंदर में देखा कि पिताजी मां की कमर में दोनों हाथ डाले हुए उसे दीवार के सहारे खड़ी कर रहे थे लेकिन वह घुटनों के बाल देखने के लिए जिद कर रहे थे मुझे तो पहले कुछ समझ में नहीं आया लेकिन जब पिताजी उसकी कमर से अपने दोनों हाथ को हटाए तो हम मां घुटनों के बल बैठकर तुरंत पिताजी के लंड को मुंह में लेकर चूसने लगी,,,,

क्या कह रहे हो भाई,,,(रानी एकदम हैरान होते हुए बोली)

मैं वही कह रहा हूं जो मैंने अपनी आंखों से देखा था। मुझे भी अपनी आंखों पर भरोसा नहीं हुआ था मां को इस रूप में देख कर वह तो पागलों की तरह अपने गले तक लेकर मस्त हुए जा रही थी।


दैया रे दैया क्या मा भी दूसरी औरतों की तरह,,,,।

दूसरी औरतों की तरह क्या सभी औरतें इसी तरह की होती हैं सिर्फ हम लोग समझ नहीं पाए क्योंकि अपनी आंखों से देख नहीं होते हैं मैं तो सब कुछ अपनी आंखों से देखा हूं तभी समझ गया था की मां कितनी प्यासी है,,,।(धीरे से वह अपनी बहन की कमीज भी उतरने लगा और उसकी बहन भी कमीज उतारने में उसकी सहायता करने लगी,,,, और देखते ही देखते वह अपनी बहन की कमीज उतार कर उसे भी अपनी तरह ही नंगी कर दिया,,, अपने भाई की अश्लील बातें और उसकी हरकत से मस्त होते हुए रानी बोली।)

पिताजी का लंड कैसा था,,!(एक औरत होने की नाते उसके मन में यह ख्याल आना स्वाभाविक था और अपने मन में आयुष सवाल को अपने होठों पर ला दी थी उसकी यह बात सुनकर सूरज मन में मुस्कुराने लगा और बोला,,)

पिताजी का भी लंड मोटा तगड़ा है लेकिन मेरे से छोटा ही है,,,,।
(अपने भाई की बात सुनकर रानी अपने भाई की तरफ आश्चर्य से देखने लगी क्योंकि उसे यकीन नहीं हो रहा था कि एक बेटे का लंड उसके बाप से ज्यादा मोटा और लंबा है अपनी बहन की आंखों में इस सवाल को सूरज में जैसे पढ़ लिया हो इसलिए सूरज बोला,,,)

मैं उसे दिन पिताजी के लंड को बड़ी गौर से देखा था वाकई में पिताजी का लंड मेरे से छोटा ही है लेकिन उसे समय मां के लिए पिताजी का लंड दुनिया में सबसे ज्यादा मोटा और लंबा था क्योंकि शायद मां पिताजी के लंड के सिवा किसी दूसरे के लंड को देखी नहीं थी ऐसा मेरा मानना है हो सकता है दूसरी औरतों की तरह मा भी किसी गैर मर्द के साथ संबंध स्थापित कर चुकी हो,,,

नहीं मैं ऐसी बिल्कुल भी नहीं है कि किसी दूसरे मार्ट के साथ इस तरह के संबंध बनाएगी,,,।

अब यह तो मैं नहीं जानता लेकिन जिस तरह से पिताजी 6 महीने से गायब है हो सकता है मां के बदन की प्यास उन्हें मजबूर कर दे किसी दूसरे मर्द के साथ संबंध स्थापित करने के लिए,,, क्योंकि इतना तो तुम समझ ही गई होगी कि बुर की गर्मी औरत को कितना परेशान कर देती है।
(रानी अपने भाई की बात से पूरी तरह से सहमत थी क्योंकि उसकी भी हालत बहुत खराब थी बिना लंड लिए उसे भी नींद नहीं आती थी,,,, लेकिन मुझे यकीन नहीं हो पा रहा था कि वाकई में उसकी मां भी दूसरी औरतों की तरह गैर मरद के साथ संबंध स्थापित कर सकती है,,, सूरज अपनी बहन की बुर में उंगली डालकर अंदर बाहर करते हुए उसके जोश को बढ़ाते हुए अपनी बात को नमक मिर्च लगा कर बोला।)

लेकिन रानी तुम अगर उसे दिन अपनी आंखों से अच्छी होती तो तुम्हें भी समझ में आ जाता कि वाकई में मा भी ऐसा कर सकती है,,, पिताजी मां के मुंह में से अपना लंड बाहर निकाल कर उसका हाथ पकड़ कर खड़ी किए और दीवार से सटा दिए,,, मां खुद पिताजी की तरफ नजर घुमा कर देखते हुए अपनी बड़ी-बड़ी गांड को पिताजी की तरफ ऐसे ऊपर उठाकर रख दी कि मानो जैसे कि पिताजी के सामने वह अपनी गांड परोस रही हो,,,, पिताजी तो यह देख कर पागल हो गई और मां की कमर पकड़ कर अपना लंड उनकी बुर में डालने वाले थे कि मां एकदम से अपना पैर पीछे की तरफ मारकर पिताजी को रोक दी और जो मैंने अपनी कानों से सुना उसे सुनकर तो मेरे होश उड़ गए,,,।

(अपने भाई की रंगीन बातें सुनकर रानी के भी होश उड़ रहे थे अपनी मां के बारे में वह कभी इस तरह से सोची नहीं थी अपने भाई के मुंह से अपनी मां के बारे में इस तरह की गंदी बातें सुनकर उसका भी जोश पूरी तरह से बढ़ने लगा था और अपनी मां के रंगीन मिजाज के बारे में जानने के लिए भी वह भी उत्सुक हुई जा रही थी , इसलिए वह बोली,,)

क्या सुना भाई,,,,।

हमारे पिताजी से कहा कि डालने से पहले मेरी बुर चाटो,,,, बाप रे यह शब्द जैसे ही मेरे कान में पर ही मेरे तो होश उड़ गए मुझे समझ में नहीं आ रहा था कि मेरी आंखों के सामने मेरी मां खड़ी है कि कौन है,,, सच कहूं रानी तुम्हें मां के बारे में कभी इस तरह की बातें सोच भी नहीं था लेकिन अपनी आंखों से देखकर मेरे तो हो सुख गए थे उसके बाद तो पिताजी पागलों की तरह मां की बड़ी-बड़ी गांड को दोनों हाथों में लेकर जीभ से बुर के साथ-साथ मां की गांड भी चाट रहे थे,,,,(सूरज अपनी बातों में नमक मिर्च लगाकर लगातार अपनी बहन को मदहोश बना रहा था उसे बेकार रहा था आगे चलकर उसके और उसकी मां के बीच अगर शारीरिक संबंध बन जाता है तो एक आधार वह यह भी बना रहा था कि ज्यादा दिन तक एक औरत मर्द से दूर नहीं रह सकती और ऐसे हालात में अगर वह उसकी मां का हम साया ना बनता तो शायद कोई गैर मर्द घर में आकर रोज उसकी चुदाई करके चला जाता,,, और यह उनके परिवार के लिए बिल्कुल भी उचित नहीं था इस तरह की धारणा बनाकर सूरज लगातार अपनी बहन के बुर में उंगली अंदर बाहर कर रहा था और उसकी बुर लगातार चिपचिपी हो रही थी,,,)

फिर क्या हुआ,,,?

फिर क्या था पिताजी मां की कमर पकड़ कर अपने लंड को मां की बुर में डालकर इतनी जोर जोर से धक्के मार रहे थे कि पूछो मत और हर धक्के के साथ मां के मुंह से अजीब अजीब सी आवाज आ रही थी जिसे सुनकर मेरे होश उड़ गए थे और इसीलिए मैं कह रहा हूं कि 6 महीने गुजर चुके हैं और ऐसी औरत भला एक मर्द के बिना कैसे रह सकती है,,,

तो क्या सच में मां किसी और के साथ संबंध बनाई होगी।

मां की जवानी देखकर तो मुझे लगता है कि किसी के साथ संबंध बना ली हो कि या बनाने के लिए सोच रही होगी क्योंकि मुझे नहीं लगता की मां अपने आप को ज्यादा दिन तक रोक पाएगी,,,।

और अगर मां हम दोनों को ईस अवस्था में देख ली तो क्या होगा,,,?

होगा क्या जो भी होगा देखा जाएगा लेकिन इतना तो तय है कि अगर मां हम दोनों की सफलता में देख लेगी तो किसी दूसरे को तो बताएगी नहीं यह हिस्सा भी हो सकता है कि मेरे मोटे तगड़े लंड को देखकर मन की भी इच्छा जागरुक हो जाए और मेरे साथ संबंध बना ले।

पागल हो गया है क्या भाई भला एक मां अपने बेटे के साथ इस तरह से संबंध कैसे बना सकती है।

जैसे एक बहन अपने भाई के साथ संबंध बना सकती है,,,(इतना कहते हुए सूरज अपनी बहन को पूरी तरह से विश्वास में लेने के लिए उसकी चूची को मुंह में लेकर चूसने लगा रानी एकदम से मस्त हो गई उसकी मां के बारे में गंदी बातें सुनकर उसका जोश और बढ़ने लगा था,,,, अपने भाई की हरकत देखकर उसके सर पर हाथ रखते हुए रानी बोली)

क्या सच में ऐसा हो सकता है,,,।

बिल्कुल हो सकता है रानी और मेरा लंड तो पिताजी के लंड से मोटा और लंबा है मां की जवानी उसे पूरी तरह से परेशान कर देगी,,, अगर वह मेरे लंड को देख ली तो,,, पागल हो जाएगी उसे अपनी बुर में लेने के लिए,,,।

क्या सच में ऐसा हो सकता है,,,।

क्यों नहीं हो सकता अगर वह हम दोनों को देख लेंगे चुदाई करते हुए तो वह अपने मन में जरूर सोचेंगी कि अगर एक बहन अपने भाई से चुदवा सकती है तो एक मां अपने बेटे से क्यों नहीं चुदवा सकती,,,।

क्या सच में मां के मन में ऐसा सवाल आएगा,,,।

अरे पागल तू नहीं जानती जब एक औरत एक औरत को चुदवाते हुए देखते हैं तो उसके मन में यही ख्याल आता है उसे समय उसे औरत को उसे औरत से ईर्ष्या होने लगती है वह सोचती है कि काश वह उसे औरत की जगह खुद होती तो कितना मजा आता और मा भी यही सोचेगी,,,।

लेकिन क्या भाई तू भी मा को चोदने के लिए तैयार हो जाएगा,,,

क्यों नहीं मां को देखी है ना कितनी खूबसूरत है,, और वैसे भी मैं नहीं चाहता कि कोई दूसरा मरद बाहर का आकर मां की चुदाई करें और अगर यह बात गांव में फैल गई तो हमारे परिवार की बदनामी हो जाएगी इसलिए अगर मां चाहेगी तो जरूर में ऐसा करूंगा,,, और रानी यह सब अगर हो जाएगा तो अपने लिए ही सबसे ज्यादा बेहतर होगा तो खुलकर मुझसे चाहे जब चुदाई का मजा लूट सकती है,,।

क्या सच में ऐसा होगा,,,।

जरूर ऐसा ही होगा,,,।

तब तो बहुत मजा आएगा,,,।

(रानी पूरी तरह से अपने भाई के बाद में आ चुकी थी और सूरज अपनी बहन को अपनी मां को चोदने के लिए पूरी तरह से विश्वास में ले चुका था,, सूरज जानता था कि आज नहीं तो कल ऐसा जरूर होने वाला है और कभी रानी अगर अपनी आंख से यह सब देख लेगी तो उसे बिल्कुल भी ऐतराज नहीं होगा इसलिए वह अपनी बहन को पूरी तरह से तैयार कर चुका था और फिर खटिया पर उसे पूरी तरह से मस्ती के साथ अपनी बाहों में लेकर उसकी बुर में अपना लंड डालकर जमकर चुदाई करने लगा।)
 
Last edited:
Top