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Fantasy 'सुप्रीम' एक रहस्यमई सफर

dhalchandarun

[Death is the most beautiful thing.]
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#135.

सुनहरे पंख: (14 जनवरी 2002, सोमवार, 13:50, मायावन, अराका द्वीप)

ज्वालामुखी से बचने के बाद सभी ऊपर बनी गुफा के छेद में प्रवेश कर गये।

कुछ देर तक गुफा की संकरी और आड़ी-टेढ़ी गलियों में घूमने के बाद सभी एक विशाल स्थान पर पहुंच गये।

यह बड़ा स्थान एक खोखले पहाड़ के समान प्रतीत हो रहा था, जहां पर बीचो बीच में पानी की एक छोटी झील नजर आ रही थी।

झील का पानी पहाड़ में बने 5 छेद से, झरने के समान पहाड़ के नीचे गिर रहा था। वह 5 छेद लगभग 6 फुट डायामीटर के बने थे।

झील के पास के खाली स्थान पर 2 ग्रीक योद्धा और एक घोड़े की मूर्ति थी।

एक ग्रीक योद्धा एक पत्थर पर बैठकर कुछ सोच रहा था। दूसरा योद्धा उसके पास खड़ा था।

एक स्थान पर पत्थर में एक बड़ा सा लीवर लगा था, जिसके पास कुछ पत्थर के छोटे टुकड़े पड़े थे।

झील के ऊपर कुछ ऊंचाई पर, किसी धातु के 5 गोले हवा में तैर रहे थे।

“लगता है हम फिर से किसी मायाजाल के अंदर आ गये हैं।” सुयश ने सारी चीजों को ध्यान से देखते हुए कहा- “इसलिये कोई भी बिना कुछ समझे किसी चीज को हाथ नहीं लगायेगा?”

“कैप्टेन यह दोनों मूर्तियां ग्रीक देव ‘हेफेस्टस’ और ‘हरमीस’ की हैं।” क्रिस्टी ने मूर्तियों की ओर इशारा करते हुए कहा।

“क्रिस्टी, क्या तुम इन दोनों के बारे में थोड़ा बहुत बता सकती हो, इससे हमें इस मायाजाल को समझने में आसानी हो जायेगी।” सुयश ने क्रिस्टी से कहा।

“इसमें से पहली मूर्ति हेफेस्टस की है। यह ओलंपस पर्वत पर रहने वाले 12 देवी-देवताओं में से एक है। हेफेस्टस, देवता जीयूष और देवी हेरा का पुत्र है। कुरुप होने के कारण जीयूष ने हेफेस्टस को ओलंपस पर्वत से फेंक दिया था, जिससे हेफेस्टस लंगड़ा कर चलने लगा। हेफेस्टस को जादूगरों का देवता भी कहते हैं।

"ओलंपस पर्वत से निकाले जाने के बाद हेफेस्टस एक ज्वालामुखी में रहने लगा। इसलिये उसे ‘वुल्कान’ भी कहा जाता है। बाद में हेफेस्टस ने अपने जादू से देवी हेरा को एक सिंहासन से चिपका दिया। जिसके परिणाम स्वरुप जीयूष को अपनी पुत्री एफ्रोडाइट का विवाह हेफेस्टस से कर उसे ओलंपस पर्वत वापस बुलाना पड़ा।

"हेफेस्टस ने हेरा को सिंहासन से मुक्त कर दिया। बाद में हेफेस्टस को सभी देवताओं के हथियार बनाने का कार्य सौंपा गया। ज्यादातर देवताओं के हथियार हेफेस्टस ने ही बनाये हैं। अब मैं बात करुंगी, दूसरे देवता हरमीस की। हरमीस को संदेशवाहक देवता कहा जाता है, यह पूरी दुनिया में बहुत तेजी से भ्रमण कर सकने में सक्षम है। यह भी जीयूष का एक पुत्र है।

"हेफेस्टस ने हरमीस को अपना कार्य सरलता से पूरा करने के लिये 3 चीजें प्रदान की थीं। जिसमें से एक सोने का जूता था, जिसमें पंख लगे थे। उस जूते को ‘तलारिया’ कहते थे। दूसरी चीज एक पंखों वाला हेलमेट थी, जिसे ‘पेटोसस’ कहते थे। तीसरी चीज ‘कैडूसियस’ नाम की एक छड़ी थी, जो धातु की बनी थी। जिसमें 2 सर्प आपस में लिपटे हुए बने थे और 2 सुनहरे पंख ऊपर के स्थान पर लगे थे।” इतना कहकर क्रिस्टी चुप हो गई।

“इसका मतलब हेफेस्टस को हिं..दू धर्म का 'विश्वकर्मा' और हरमीस को ‘नारद’ कहा जा सकता है।” सुयश ने कहा।

पर सुयश की यह बात किसी की समझ में आयी नहीं।

“चलो दोस्तों अब देखते हैं कि यहां से कैसे निकला जा सकता है?” सुयश ने सभी में जोश भरते हुए कहा।

“सबसे पहले पहाड़ में मौजूद उन छेद को देखते हैं, क्यों कि वही यहां से निकलने का एक मात्र रास्ता दिख रहा है।“ तौफीक ने पहाड़ में मौजूद छेदों की ओर इशारा करते हुए कहा।

सभी चलते हुए उन 5 छेदों के पास पहुंच गये। चूंकि झरने का पानी उन सभी छेदों से नीचे की ओर जा रहा था, इसलिये पानी का बहाव वहां काफी तेज था।

“जरा ध्यान से तौफीक...यहां बहाव बहुत तेज है।” सुयश ने कहा- “अगर फिसल गये तो शरीर का चूरा भी नहीं मिलेगा। हम लोग कम से कम 600 से 700 फिट की ऊंचाई पर हैं।”

“जी कैप्टेन।”तौफीक ने स्वीकृति से अपना सिर हिला दिया।

तौफीक ने सावधानी से पानी की ओर अपना कदम बढ़ाया, पर उसका पैर पानी के ऊपर ही रुक गया।

“कैप्टेन... मेरा पैर पानी के अंदर नहीं जा रहा है, मुझे पानी के ऊपर पैर रखकर ऐसा महसूस हो रहा है कि जैसे मैंने किसी ठोस वस्तु पर अपना पैर रखा हो। शायद यह भ्रम पैदा करने वाला पानी है।” तौफीक ने पानी के ऊपर खड़े होते हुए कहा।

“यह तो और भी अच्छी भी बात है, अब तुम्हें बहाव से कोई परेशानी नहीं होगी।” सुयश ने कहा- “अब जरा आगे बढ़कर इन सभी छेदों को चेक करो। क्या इसमें कुछ भी तुम्हें अलग महसूस हो रहा है?”

तौफीक ने पहले छेद के पास जा कर दूसरी ओर झांक कर देखने की कोशिश की, परंतु तौफीक को उस छेद में कोई अदृश्य अवरोध महसूस हुआ।

तौफीक ने एक-एक कर सभी छेदों को जांच लिया। उन सभी छेदों से बाहर नहीं जाया जा सकता था।

“कैप्टेन...हम किसी भी छेद से बाहर नहीं जा सकते। हर छेद में कोई अदृश्य दीवार उपस्थित है।” तौफीक के शब्दों में चिंता के भाव नजर आये।

“इसका मतलब हम बिना यहां के मायाजाल को तोड़े यहां से बाहर नहीं निकल सकते।” शैफाली ने कहा।

“पर कैप्टेन, अगर हमने यहां का मायाजाल पार भी कर लिया तो हम इतनी ऊंचाई से नीचे जायेंगे कैसे?” क्रिस्टी के तर्कों में भी दम था।

“यहां से नीचे जाने की चिंता ना करो, यहां से नीचे तो हम शैफाली के सुरक्षा बुलबुले से भी जा सकते हैं।” जेनिथ ने कहा।

“नहीं जा सकते।” शैफाली ने कहा- “जेनिथ दीदी, जरा उन छेदों का साइज देखिये, मेरे रक्षा कवच का बुलबुला उस छेद के साइज से कहीं ज्यादा बड़ा है। वह इतने छोटे से छेद से बाहर ही नहीं निकल पायेगा और बाहर निकलकर, कूदते हुए उस बुलबुले का बनाना मूर्खता होगी क्यों कि उसके लिये भी हम पांचों को सभी छेदों से एक साथ हवा में कूदना होगा और जरा सी चूक हममें से किसी की भी जान ले लेगी।”
शैफाली ने अच्छा तार्किक उत्तर दिया।

“जितना मैंने इस जंगल के मायाजाल को देखा है, उससे पता चलता है कि हर मायाजाल अपने आप में एक साल्यूशन भी रखता है।” सुयश ने कहा- “हो सकता है कि जब हम इस मायाजाल को तोड़ लें, तो इन्हीं से हमें झरने के नीचे जाने का रास्ता मिल जाये?.....चलो फिलहाल हमें ये तो पता चल गया कि ना तो हम इस झील के अंदर जा सकते हैं और ना ही इन छेदों से बाहर। अब बाकी की चीजों को चेक करते हैं।”

यह कहकर सुयश उन हवा में तेज गति से तैर रहे धातु के गोलों को देखा।

“मुझे लगता है कि जरुर इन धातु के गोलों में कोई रहस्य छिपा है, क्यों कि यह गोले तेज गति से हवा में घूम रहे हैं और हमारी पहुंच से काफी दूर भी हैं, तो अब इन गोलों को चेक करना होगा।” शैफाली ने कहा।

“पर कैसे?” क्रिस्टी ने उन गोलों को देखते हुए कहा- “हम इन गोलों तक पहुंचेगे कैसे? जरा इनकी स्पीड तो देखो, यह बहुत तेज हवा में नाच रहे हैं।”

“अगर यह गोले जमीन के पास उड़ रहे होते, तो मैं इन्हें आसानी से पकड़ लेती, भले ही इनकी स्पीड कितनी भी होती।” जेनिथ ने कहा।

तभी तौफीक की नजर पास में पड़े कुछ पत्थरों पर पड़ी। पत्थरों को देखते ही तौफीक की आँखें चमकने लगीं।

“मैं इन गोलों को नीचे ला सकता हूं।” तौफीक ने दृढ़ता पूर्वक कहा।
सभी आश्चर्य से तौफीक का मुंह देखने लगे।

तभी तौफीक ने अपने हाथों में कुछ पत्थर उठा लिये और एक गोले की गति को ध्यान से देखते हुए, उस पर एक पत्थर फेंक कर मार दिया।

हर बार की तरह तौफीक का निशाना बिल्कुल अचूक था। पत्थर सीधा उस गोले पर लगा और वह गोला जमीन पर आ गिरा।

जमीन पर गिरते ही उसकी गति समाप्त हो गयी। अब वह बिल्कुल स्थिर हो गया था।

सुयश ने आगे बढ़कर उस गोले को उठा लिया। उस गोले पर अग्रेजी अक्षर का ‘M’ अक्षर छपा था।

“इस पर तो ‘M’ अक्षर लिखा है।” सुयश सभी की ओर देखते हुए कहा- “लगता है यह भी कोई ‘मैग्नार्क’ जैसी पहेली है। तौफीक बाकी के भी गोलों को गिराओ.... जब सब इकठ्ठा हो जायें, तो फिर देखेंगे, कि इससे क्या बनेगा?”

सुयश की बात सुन तौफीक ने निशाना लगा कर एक-एक करके पांचों गोलों को नीचे गिरा दिया।

सुयश ने सभी गोलों पर लिखे अक्षरों को एकत्र किया, जो कि इस प्रकार थे- ‘MADAN’

“इन अक्षरों से ‘DANAM’, ‘NADAM’, ‘MANDA’, ‘ADMAN’ इस प्रकार के ही शब्द बन रहे हैं, पर इन शब्दों से कुछ भी समझ में नहीं आ रहा है।”

शैफाली ने कहा- “कहीं ऐसा तो नहीं कि यह शब्द अभी अधूरा है, मेरा मतलब है कि अभी और भी कुछ अक्षर यहीं कहीं छिपें हों? जिसकी वजह से हम इस पहेली को समझ नहीं पा रहे हैं?”

शैफाली के शब्द सुन सभी अपने आस-पास कुछ और ढूंढने में लग गये, पर कहीं भी कुछ भी नहीं था।

तभी सुयश की निगाह पत्थर पर बने उस लीवर पर पड़ी।

सुयश ने आगे बढ़कर उस लीवर को एक दिशा में खींच दिया, पर कहीं से ना तो कोई आवाज सुनाई दी और ना ही कहीं कोई परिवर्तन हुआ।

यह देख सुयश ने उस लीवर को छोड़ दिया। सुयश के छोड़ते ही लीवर अपनेआप यथा स्थान आ गया।

समस्या अभी भी जस की तस बनी हुई थी।

तभी एक गोले को देख रही शैफाली के हाथ से वह गोला फिसलकर जमीन पर गिर गया और लुढ़कता हुआ उस झील के अंदर चला गया।

“झील का पानी तो अभी तक ठोस था, फिर वह गोला झील के अंदर कैसे चला गया?” जेनिथ ने आश्चर्य से कहा।

शैफाली ने आगे बढ़कर झील के पानी को छुआ, पानी अभी भी ठोस था।

शैफाली कुछ देर तक सोचती रही और फिर एक दूसरे गोले को हाथ में लेकर झील की सतह से स्पर्श कराया, वह दूसरा गोला पानी से भीग गया।

अब शैफाली ने गोले को अपने हाथ में लिये-लिये ही, अपना हाथ पानी में डाला। शैफाली का हाथ झील के पानी के अंदर चला गया।

यह देख शैफाली मुस्कुरा उठी। वह गोले को हाथ में पकड़कर झील के पानी में उतर गयी।

सुयश सहित सभी ध्यान से शैफाली की गतिविधियों को देख रहे थे।

थोड़ी ही देर में शैफाली झील के पानी के बाहर निकली, उसके हाथ में 2 और गोले थे।

उन 2 गोलों को सुयश को पकड़ाकर शैफाली फिर से पानी में चल गयी।

पहला वाला अब भी शैफाली के हाथ में था। ऐसे ही एक-एक कर शैफाली ने झील के अंदर से 5 गोले और निकाल लिये और झील के पानी से बाहर आ गयी।

अब उन लोगों के पास कुल 10 गोले हो गये थे। यह 5 नये अक्षर थे ‘ITNAE’....अब सभी तेजी से उन गोलों को एक स्थान पर रखकर उससे कोई नया शब्द बनाने में जुट गये।

लगभग 10 मिनट की मेहनत के बाद इस पहेली को हल किया क्रिस्टी ने।

“कैप्टेन...यह 10 गोलों से ‘ADAMANTINE’ शब्द बन रहा है।” क्रिस्टी ने कहा।

“यह ‘एडमैन्टाइन’ होता क्या है?” सुयश ने क्रिस्टी से पूछा।

“देवताओं ने धरती पर गिरने वाले उल्का पिंड से, एक नयी धातु खोज निकाली, जो पृथ्वी पर नहीं पायी जाती थी। उसे ही एडमैन्टाइन नाम दिया गया। यह धातु टंगस्टन और टाइटेनियम से भी ज्यादा कठोर और
हल्की थी। हेफेस्टस ने देवताओं के सभी हथियार इसी धातु से बनाये थे।”

“यानि यहां के मायाजाल के हिसाब से हमें यह धातु इकठ्ठी करके हेफेस्टस के पास रखनी होगी।” सुयश ने यह कहकर सभी से इशारा किया।

सभी ने 2-2 गोले उठाकर हेफेस्टस के पास एक जगह पर एकत्र कर दिये।

पर जैसे ही सभी गोले आपस में स्पर्श हुए, सभी एक साथ जुड़कर, एक छोटे से वर्गाकार धातु के टुकड़े का रुप ले लिये।

सभी अब कुछ परिवर्तन की आस लिये चारों ओर देखने लगे, पर अभी भी सब कुछ शांत था।

“मुझे लगता है कि यहां के दृश्य के हिसाब से हेफेस्टस को कुछ हथियार बनाकर हरमीस को देना है, जब हेफेस्टस वह हथियार हरमीस को दे देगा, तभी यह मायाजाल टूटेगा।” शैफाली ने कहा।

“तो धातु का टुकड़ा तो मिल गया, अब क्या चीज चाहिये?” जेनिथ ने पूछा।

“हेफेस्टस के टूल्स, जिससे वह हथियार बनाता था। मेरे हिसाब से टूल्स के बिना हेफेस्टस कैसे हथियार बना पायेगा ?” सुयश ने कहा- “क्रिस्टी, हेफेस्टस के पास किस प्रकार के टूल्स थे?”

“एक हथौड़ा, एक चिमटा और एक निहाई।” क्रिस्टी ने कहा- “बिना इन यंत्रों के कोई भी शिल्पकार कुछ नहीं बना सकता।" (निहाई को अंग्रेजी में anvil कहते हैं)

“इसका मतलब ये सारी वस्तुएं भी यहीं पर कहीं होंगी?” सुयश ने कहा और चारों ओर अपनी नजरें दौड़ाने लगा।

“कैप्टेन उस लीवर का अभी तक हम लोगों ने कोई भी उपयोग नहीं किया है? हो सकता है कि हेफेस्टस के टूल्स उसी के अंदर हों?” जेनिथ ने लीवर की ओर इशारा करते हुए कहा।

सुयश उस लीवर के पास पहुंचकर ध्यान से उसे देखने लगा, पर वह लीवर उसे किसी यंत्र जैसा नहीं लगा।

सुयश ने उस लीवर के हैंडिल को ऊपर की ओर खींच कर देखा।

सुयश के ऐसा करते ही लीवर सुयश के हाथ में आ गया, परंतु अब वो किसी हथौड़े की मूठ जैसा लग रहा था।

यह देख सुयश पत्थर को उलट-पलट कर देखने लगा।

कुछ ही देर में सुयश की तीव्र आँखों ने पत्थर पर अलग से लगे एक घन के आकार का भाग देख लिया, जो कि थोड़े ही प्रयास के बाद उस पत्थर के टुकड़े से अलग हो गया।

सुयश ने घन के टुकड़े को जैसे ही लीवर से स्पर्श कराया, वह एक हथौड़े में परिवर्तित हो गया।

हथौड़े के बनते ही सभी में उम्मीद की किरण जाग उठी। अब सभी दुगने उत्साह से बाकी के दोनों यंत्र ढूंढने में लग गये।

कुछ देर में शैफाली को चिमटा वहां मौजूद घोड़े की पूंछ से बंधा हुआ मिल गया। लेकिन काफी देर तक ढूंढने के बाद भी निहाई नहीं मिला।

तभी तौफीक की निगाह उस पत्थर पर गई, जिस पर बैठकर हेफेस्टस कुछ सोच रहा था।

“कैप्टेन, कहीं वह तो निहाई नहीं? जिस पर हेफेस्टस स्वयं बैठा हुआ है।” तौफीक ने सुयश को पत्थर की ओर इशारा करते हुए कहा।

तौफीक की बात सुन सुयश ने उस पत्थर को धीरे से धक्का दिया, धक्का देते ही वह पत्थर हेफेस्टस के नीचे से सरक गया। वह निहाई ही था।

अब सुयश ने निहाई को हेफेस्टस के पास रख दिया और एडमैन्टाइन का टुकड़ा उस निहाई पर रख दिया।

इसके बाद सुयश ने चिमटे को हेफेस्टस के एक हाथ में और हथौड़े को दूसरे हाथ में पकड़ा दिया।

जैसे ही सुयश ने हेफेस्टस के हाथ में हथौड़ा पकड़ाया, हेफेस्टस की मूर्ति सजीव हो गई और वह एडमैन्टाइन को चिमटे से पकड़कर, उस पर हथौड़े से तेज चोट करने लगा।

घन जैसे हथौड़े की तेज आवाज पूरे पहाड़ में गूंजने लगी।

सभी चुपचाप कुछ दूर हटकर हेफेस्टस को काम करते हुए देख रहे थे।

लगभग आधा घंटे की ठोका-पीटी के बाद हेफेस्टस ने उस एडमैन्टाइन के टुकड़े से तीन चीजें बना दीं।
वह चीजें वही थीं, जिसके बारे में क्रिस्टी ने कुछ देर पहले बताया था।

यानि एक जोड़ी जूते, जिनके पंख लगे थे, एक सिर पर पहनने वाला हेलमेट, इस पर भी दोनों ओर पंख लगे थे और एक छड़ी, उस छड़ी पर भी पंख लगे थे।

यानि की ये सब वही चीजें थीं, जो कि पौराणिक कथाओं में हेफेस्टस ने हरमीस को दी थीं।

इतना करने के बाद हेफेस्टस वहां से अदृश्य हो गया और साथ ही अदृश्य हो गये उसके यंत्र भी।

“मुझे लगता है कि अब यह सारे अस्त्र हरमीस को सौंपने के बाद यह मायाजाल टूट जायेगा।” तौफीक ने कहा।

सुयश ने जैसे ही सुनहरे जूते को छुआ, उसके पंख बहुत तेजी से सजीव हो कर फड़फड़ाने लगे।
यह देख सुयश आश्चर्य में पड़ गया। अब उसने पंखों वाले हेलमेट को हाथ लगाया, सुयश के हाथ लगाते ही उसके पंख भी हवा में फड़फड़ाने लगे।

यह देख शैफाली बोल उठी- “कैप्टेन अंकल...मुझे लगता है कि यह जादुई चीजें हेफेस्टस ने हरमीस के लिये नहीं बल्कि हमारे लिये बनाई हैं।...आप कह रहे थे ना कि हम इतनी ऊंचाई से नीचे कैसे जायेंगे, तो मुझे लगता है कि हम इन्हीं जादुई चीजों की मदद से ही नीचे जायेंगे।”

सुयश सहित सभी को शैफाली का विचार सही लगा।

“पर कैप्टेन....यह तो 3 ही चीजें हैं, और हम लोग 5 हैं, फिर इनकी मदद से हम सब नीचे कैसे जायेंगे?” जेनिथ ने कहा।


जारी रहेगा_______✍️
Bechari Shefali abhi jis mayajaal ko tod rahi hai jab usko pata chalega ki ye mayajaal usne khud banaya hai tab Shefali ki kya dasha hone wali hai ye soch kar abhi se mann mein khayal aa raha hai, let's see Alex, Trishal aur Kalika ka kya hone wala hai.
Amazing update brother.
 

Raj_sharma

यतो धर्मस्ततो जयः ||❣️
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बहुत ही सुंदर लाजवाब और फिर एक अद्भुत अप्रतिम रोमांचक अपडेट है भाई मजा आ गया
Thank you so much for your valuable review and support bhai :hug:
 

Raj_sharma

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Wow* ek sath physics aur Geography dono subject padha diya aapne bhai.
Wonderful update mujhe laga tha Cristy ki bari hai kuchh karne ki par yahan ek baar phir se Shefali aur Suyash ne sabhi ko bacha liya.
Cristy keval iq and body fitness ka paryog kar sakti hai bhai , bada hath 3 log ho maar sakte bas:D
Thank you very much for your valuable review and support bhai :hug:
 

Raj_sharma

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Bahut hi lajawaab update brother, story bilkul mythology stories ke jaise chal rahi hai apne ek kram ke anusar.
Ye dekhna dilchasp hoga ki wo light jo Shefali ke andar gayi hai wo kya tha.
Wo light bhi ek tarah ki shakti hi samjho mitra, per kya hai? Ye samay per hi pata chalega :D
Thank you very much for your valuable review and support bhai :hug:
 

Raj_sharma

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Ye Trishal aur Kalika kisi ko le jane ke liye aaye the, par lagta hai ab kisi aur ko inn dono ko bachana padega.
Ye update thoda kuchh laws ko invalidate kar rahe hain khair inke bare mein jyada nahi kaha ja sakta hai kyunki ye ek fantasy aur magical story mein shamil ho chuki hai.
🤯
Kuchh points jo science ko galat sabit kar rahe hain jaise.

1. Yadi dono saans le pa rahe hain Matlab wahan par oxygen definitely hoga aur yadi oxygen hoga toh wahan par sound travel kar sakti hai, ye sound ki property ko galat sabit kar rahi hai, khair ye magic hi kar sakta hai jo Kaalbahu ki maa Vidhyumna ne kiya hai.
Sahi pakde hai, mayavi sakti, aur tapibal me aisa possibility hoti hai, :approve: Trishanku ka naam suna hoga, jise rishi vishwamitra ne sadeeh aakash me swarg bheja tha, aur devtao ne use ghusne nahi diya, aur dharti per wapas bhej diya, wo neeche gira to vishwamita ne usko aakash me hi rok diya tha:shhhh: Jis jagah wo ruka tha wo poora chetra aaj samtaap mandal ke naam se jaana jata hai, jaha plane udte hain, and science uske kaaran ko kabhi properly explain nahi kar paayi:dazed:
2. Kisi bhi glass ke through light paas kar jati hai isliye ye bhi physics ke law ki maa bahan kar rahi hai....khair ye sirf magic hi kar sakta hai, isliye bolte hain magic ke aage science bhi fail ho jata hai.
Ye mayavi shaktiyo ke karan hai dost, sath bane rahiye, hum chhudwa denge unhe:D

Thank you very much for your wonderful review and support bhai :hug:
 

Raj_sharma

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Ye to gajab ho gaya bhai Alex ke sath, Khair Cristy ko achha lagega ye jaan kar ki uska premi jeevit hai aur usme ab Hercules se bhi jyada power hai aur wah Shefali ki help karne wala hai jo sabhi ko mayavan se bahar nikal sakti hai.
Amazing update brother.
Kamal ho gaya na, alex jaise lallu ko power mil gayi :roflol:Yahi piwer tilisma me bohot kaam ki saabit hogi bhai☺️ sath bane rahiye,
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Raj_sharma

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Bechari Shefali abhi jis mayajaal ko tod rahi hai jab usko pata chalega ki ye mayajaal usne khud banaya hai tab Shefali ki kya dasha hone wali hai ye soch kar abhi se mann mein khayal aa raha hai, let's see Alex, Trishal aur Kalika ka kya hone wala hai.
Amazing update brother.
Samay aane per sab pata lag jayega dost, ki ye sab megna ne banaya tha ya casper ne😉 sath bane rahiye alex ka bhi pata lagne hi wala hai👍 thank you very much for your wonderful review and support bhai :hug:
 

Raj_sharma

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#136.

“तुम्हारी बात सही है जेनिथ।” सुयश ने फिर एक बार, सभी ओर देखते हुए कहा- “अभी कुछ और है, जो हम लोग समझ नहीं पा रहे हैं?”

“कैप्टेन जूते और हेलमेट से तो समझ में आता है, पर मुझे नहीं लगता कि इस छड़ी के द्वारा हम उड़ पायेंगे?” तौफीक ने कहा।

“अगर हम इस छड़ी से उड़ नहीं सकते, तो फिर इसके यहां होने का क्या मतलब है?” सुयश ने कहा।

“मतलब तो उस घोड़े का भी अभी तक समझ में नहीं आया?” शैफाली ने कहा- “एक मिनट रुकिये कैप्टेन अंकल...कहीं वह घोड़ा ‘पेगासस’ तो नहीं?”

“अब ये पेगासस कौन है?” सुयश ने पूछा।

“शायद आपको याद नहीं है कैप्टेन अंकल, अलबर्ट अंकल ने जब हमें मेडूसा की कहानी सुनाई थी, तो बताया था कि मेडूसा के मरने के बाद जब उसका खून समुद्र में मिला, तो एक उड़ने वाले घोड़े पेगासस का जन्म हुआ था।... इसलिये तो कह रहीं हूं कि कहीं ये पेगासस तो नहीं?” शैफाली ने सभी को पुरानी बातें याद दिलाते हुए कहा।

“पर पेगासस के पंख थे शैफाली।” क्रिस्टी ने कहा- “जबकि इस घोड़े के पंख नहीं हैं।”

“कहीं ये छड़ी के पंख उस घोड़े के तो नहीं लगेंगे।” सुयश ने कहा।

वैसे सुयश की बातों में कोई लॉजिक तो नहीं था, फिर भी क्रिस्टी ने उस जादुई छड़ी के पंख निकालने की कोशिश की।

जरा सी देर में छड़ी के पंख क्रिस्टी के हाथों में थे।

जैसे ही क्रिस्टी ने उन पंखों को उस घोड़े की पीठ से सटाया। आश्चर्यजनक ढंग से वह पंख घोड़े के शरीर पर फिट हो गये।

पंख लगते ही घोड़ा जोर से हिनहिनाकर सजीव हो गया और अपने पंख को जोर-जोर से हिलाने लगा।

“हुर्रेऽऽऽऽ यह पेगासस ही है।” शैफाली ने जोर से जयकारा लगाया। सभी शैफाली की यह बच्चों जैसी हरकत देख कर हंस पड़े।

तभी हरमीस की मूर्ति भी वहां से गायब हो गई।

“तौफीक एक बार फिर अब उन छेदों को चेक करो, शायद अब वह खुल गये हों?” सुयश ने तौफीक से कहा।

तौफीक ने सुयश की बात मान एक बार फिर से सभी छेदों को चेक किया, पर उन छेदों पर अदृश्य दीवार अभी भी बनी थी।

“ये क्या कैप्टेन अंकल....हमने इस मायाजाल का यह भाग तो पूरा कर लिया, फिर वह छेद खुले क्यों नहीं?” शैफाली ने पुनः मुंह बनाते हुए कहा।

तभी जेनिथ की नजर बचे हुए एडमैन्टाइन के टुकड़े पर पड़ी, जो अब भी वहां पड़ा हुआ था।

कुछ सोच जेनिथ ने वह एडमैन्टाइन का टुकड़ा उठा लिया। जेनिथ को उस टुकड़े पर गणित का 2 लिखा हुआ दिखाई दिया।

“कैप्टेन इस टुकड़े पर गणित का 2 लिखा है, इसका क्या मतलब हुआ?” जेनिथ ने सुयश को वह टुकड़ा दिखाते हुए कहा।

“अगर उस झील में घुसने के लिये एडमैन्टाइन के गोले की जरुरत थी, तो कहीं ऐसा तो नहीं कि इस छेद से निकलने के लिये भी हमें इस टुकड़े की जरुरत हो।”

क्रिस्टी के शब्द सुयश को सही प्रतीत हुए, इसलिये उसने 2 नम्बर वाले छेद के पास पहुंचकर उस टुकड़े को फेंका।

टुकड़ा उस छेद से बाहर निकल गया और इसी के साथ 2 नम्बर छेद का अदृश्य द्वार खुल गया।

यह देखकर सभी खुश होकर वहां से निकलने के लिये तैयार हो गये।

“तीनों लड़कियां पेगासस पर बैठेंगी और मैं सुनहरे जूते का प्रयोग करुंगा, तौफीक तुम पंखों वाले हेलमेट का प्रयोग करोगे...इसी की सहायता से हम यहां से निकलेंगे। अगर किसी को अपनी जादुई चीज को प्रयोग में लाकर देखना है, तो वह इसी पहाड़ में देख लो, बाहर हमारे पास दूसरा मौका नहीं मिलेगा।”

सुयश के शब्द सुन सभी ने एक बार अपनी जादुई वस्तु को प्रयोग करके देख लिया और पूरी तरह से संतुष्ट होने के बाद वह सभी झरने के छेद नम्बर 2 से उड़कर पहाड़ के नीचे की ओर चल दिये।


चैपटर-12 , त्रिआयाम:

(14 जनवरी 2002, सोमवार, 14:20, त्रिआयाम क्षेत्र, नागलोक)

ऐलेक्स की जब आँख खुली, तो वह समुद्र के अंदर था। हर तरफ नीले रंग का पानी चारो ओर फैला हुआ था।

आँखें खोलते ही ऐलेक्स घबरा गया। पर धीरे-धीरे उसे महसूस हुआ कि वह पानी के अंदर भी आसानी से साँस ले रहा है।

ऐलेक्स ने अगल-बगल तैर कर देखा, वह आसानी से किसी मछली की भांति तैर भी ले रहा था।

ऐलेक्स को पास में ही एक बड़ी सी समुद्री चट्टान दिखाई दी। ऐलेक्स ने परीक्षण करने के लिये अपना घूंसा जोर से चट्टान पर मारा।

ऐलेक्स के एक ही वार से चट्टान के टुकड़े-टुकड़े हो गये। यह देख ऐलेक्स खुशी से भर उठा। इस समय उसे ऐसा महसूस हो रहा था कि जैसे वह कोई सुपर हीरो हो।

ऐलेक्स ने अब अपने चारो ओर दृष्टि दौड़ाई, पर उसे कहीं भी त्रिआयाम दिखाई नहीं दिया।

“स्थेनो ने तो कहा था कि फल खाते ही मैं त्रिआयाम के पास पहुंच जाऊंगा, पर यहां तो दूर-दूर तक त्रिआयाम का कहीं निशान तक नहीं है।....लेकिन स्थेनो गलत नहीं कह सकती...त्रिआयाम यहीं कहीं होना
चाहिये? मुझे अपनी आँखों का प्रयोग करना चाहिये, पर कैसे? मुझे तो यह भी नहीं पता कि अपनी आँखों का उपयोग करना कैसे है? वाह रे सुपर हीरो ! खुद को ही नहीं पता कि शक्तियों का उपयोग करना कैसे है? और आ गये नागलोक राक्षसों और देवताओं से लड़ने।”

ऐलेक्स भी पागलों की तरह स्वयं ही बड़बड़ा रहा था।

ऐलेक्स ने अपनी आँखों को एक बार बंद किया और फिर जोर से खोला।

ऐलेक्स के तेज आँख खोलते ही ऐलेक्स की आँखों से एक किरण निकलकर समुद्र में फैल गयी।

अब ऐलेक्स को समुद्र में एक विशाल पारदर्शी गोला तैरता हुआ दिखाई दिया। वह गोला कम से 500 फिट बड़ा तो जरुर रहा होगा।

“यह कैसा पारदर्शी गोला है...कहीं यही तो त्रिआयाम नहीं?” यह सोचकर ऐलेक्स धीरे-धीरे पानी में तैरता हुआ उस गोले के पास पहुंच गया।

अब ऐलेक्स को उसे गोले में बना एक छोटा सा दरवाजा दिखाई देने लगा था। ऐलेक्स उस दरवाजे से अंदर प्रवेश कर गया।

अंदर एक बड़ा सा कमरा बना था, जिसमें हर ओर पानी भरा हुआ था और उसमें एक 5 सिर वाला नाग सो रहा था।

“ये लो...यहां इतनी सारी शक्तियां रखीं हैं और ये भाई साहब ड्यूटी टाइम में सो रहे हैं।” ऐलेक्स ने तेज आवाज में कहा- “उठो भाई साहब, मुझे भी अपनी शक्तियों का परीक्षण करना है।

ऐलेक्स की तेज आवाज से वह नाग उठ बैठा। अपने पास एक छोटे से मनुष्य को देखकर वह आश्चर्य में पड़ गया।

“कौन हो तुम? और यहां तक कैसे आये?” नाग ने ऐलेक्स से पूछा।

“जब साधारण मनुष्य था, तो चोर था। अब जब शक्तियां भी मिल गयी हैं, तब भी चोर का ही काम मिला है। .....अब उठ भी जाओ और मुझसे लड़ाई करो।” ऐलेक्स ने हंसते हुए कहा।

ऐलेक्स के शब्द सुनकर उस नाग को बहुत आश्चर्य हुआ। वह उठकर बैठ गया।

“मेरा नाम नागफनी है...मेरे रहते तुम यहां से कुछ भी नहीं ले जा सकते?” नागफनी ने फुंफकारते हुए कहा।

“बिल्कुल सहीं नाम है तुम्हारा...तुम लग भी फनी से रहे हो।” ऐलेक्स ने उस नाग का मजाक उड़ाते हुए कहा।

यह सुन नागफनी ने गुस्से से अपना मुंह खोलकर ऐलेक्स के ऊपर ढेर सारा जहर उगल दिया।

हरे रंग का जहर पानी में फैलकर सीधा ऐलेक्स के मुंह के पास आ गिरा।

“मजा नहीं आया फनी भाई....कुछ और हो तो उसका भी प्रयोग कर लो।” ऐलेक्स ने मुस्कुराते हुए कहा।

ऐलेक्स को खड़ा मुस्कुराता देखकर, नागफनी आश्चर्य में पड़ गया।

“मेरे जहर से कैसे बच गये तुम? लगता है कि तुम कोई मायावी राक्षस हो?” नागफनी ने गुस्से से कहा- “पर मेरे पास भी तुम जैसे राक्षसों के लिये बहुत से अस्त्र-शस्त्र हैं।”

यह कहकर नागफनी ने अपना पूंछ को पानी में जोर से हिलाया। नागफनी के ऐसा करते ही पानी में कुछ तलवार और भाले प्रकट होकर ऐलेक्स की ओर लपके।

ऐलेक्स उन तलवार और भालों को देखकर भी अपनी जगह पर खड़ा रहा।

सभी तलवार और भाले ऐलेक्स के शरीर की मोटी त्वचा से टकराकर बेअसर हो गये।

“कुछ और हो तो वह भी आजमा लो, नहीं तो मुझे अगले द्वार की ओर जाने दो।” ऐलेक्स ने उस नाग का उपहास उड़ाते हुए कहा।

इस बार गुस्सा कर नागफनी ने अपने पांचों फन फैला कर सभी मुंह को जोर से खोला।

उसके प्रत्येक मुंह से अलग रंग की नागमणि निकलीं और ऐलेक्स के चारो ओर, पानी का तेज भंवर बनाने लगीं।

“अरे-अरे...यह क्या कर रहे हो?” ऐलेक्स को नागफनी से ऐसे किसी प्रहार का अंदाजा नहीं था।

ऐलेक्स अब उन भंवर में फंसकर तेजी से नाचने लगा। ऐलेक्स को अपना सिर चकराता हुआ सा प्रतीत होने लगा।

वह समझ गया कि नागफनी को उसने कुछ ज्यादा ही हल्के में ले लिया।

“अब मैं कैसे इस भंवर से बचूं?” ऐलेक्स तेजी से सोचने लगा-“आँख, नाक, कान और जीभ इस प्रहार से मुझे नहीं बचा सकतीं...अब बची त्वचा....पर त्वचा कैसे मुझे इससे बचा सकती है...हां अगर मैं समुद्र की तली पर उतर जाऊं, तो त्वचा की मदद से मैं जमीन से अपने पाँव चिपका सकता हूं।”

ऐलेक्स के इतना सोचते ऐलेक्स का शरीर पानी की तली की ओर स्वतः जाने लगा और कमरे की जमीन को छूते ही ऐलेक्स का पैर उस जमीन पर जम गया।

अब पानी में उत्पन्न लहरें ऐलेक्स का कुछ नहीं कर पा रहीं थी। यह देख नागफनी ने क्रोध में आकर अपनी मणियों को वापस बुला लिया।

ऐलेक्स समझ गया कि अब नागफनी को और मौका देने का मतलब अपने लिये नयी मुसीबतें बुलाना है।

इसलिये इस बार ऐलेक्स नागफनी की ओर तेजी से बढ़ा और इससे पहले की नागफनी अपना किसी भी प्रकार से बचाव कर पाता, ऐलेक्स ने अपने घूंसे से नागफनी के बीच वाले फन पर जोर से प्रहार किया।

वह प्रहार इतना तेज था कि नागफनी को चक्कर आ गया और ऐलेक्स इस मौके का फायदा उठाकर दूसरे द्वार में प्रवेश कर गया।

दूसरे द्वार में एक 50 फुट ऊंचा राक्षस बैठा कुछ खा रहा था। इस कमरे में बिल्कुल भी पानी नहीं था।

“क्या बात है?...इस त्रिआयाम के तो सभी द्वार आलसी लोगों से भरे पड़े हैं...कोई सो रहा है, तो कोई खा रहा है।“ ऐलेक्स ने तेज आवाज में कहा।

ऐलेक्स की आवाज सुनकर वह राक्षस खाना छोड़कर उठकर खड़ा हो गया।

“अरे...नहीं....नहीं, खाना खाते हुए नहीं उठते, मैं तो बस शरारत कर रहा था, तुम पहले खाना खालो, फिर हम लड़ाई-लड़ाई खेल लेंगे।” ऐलेक्स ने मुस्कुराते हुए कहा।

“कौन हो तुम? तुम तो मनुष्य दिख रहे हो? तुम इस द्वार तक कैसे पहुंच? तुम्हें नागफनी ने रोका क्यों नहीं?” राक्षस ने एक साथ असंख्य सवाल पूछ डाले।

“अरे-अरे....जरा ठहरो राक्षस भाई ...धीरे-धीरे करके सभी सवाल पूछो, मैं एक साथ इतने सारे सवाल देखकर डर जाता हूं।” ऐलेक्स ने कहा- “वैसे आगे वाले कमरे में नागफनी सो रहा है, मैं उसके बगल से होता हुआ इस द्वार तक आ पहुंचा।”

“ये नागफनी भी ना....मैं इसकी शिकायत नागराज से करुंगा।” राक्षस ने कहा।

“बिल्कुल करना....मैं तो कहता हूं कि इसे नौकरी से निकलवा देना... ऐसे नाग त्रिआयाम के लिये कलंक हैं।” ऐलेक्स ने पूरा मजा लेने का मन बना लिया था- “वैसे राक्षस भाई तुम्हारा नाम क्या है?”

“मेरा नाम प्रमाली है...मैं नागफनी की तरह नहीं हूं...मैं तुम्हें इस द्वार से अंदर नहीं जाने दूंगा।” प्रमाली ने यह कहकर अपने पास रखी गदा को ऐलेक्स पर फेंक कर मार दिया।

ऐलेक्स की त्वचा के कारण उस पर गदा के प्रहार का कोई असर नहीं हुआ, मगर गदा का वार इतना शक्तिशाली था, कि ऐलेक्स उस प्रहार के कारण कई कदम पीछे चला गया।

ऐलेक्स समझ गया कि यहां ज्यादा कॉमेडी करना ठीक नहीं है, अगर उसने प्रमाली को ज्यादा मौका दिया तो वह उसे हरा भी सकता है।

उधर प्रमाली की गदा प्रहार करके वापस प्रमाली के हाथों में पहुंच गई, पर ऐलेक्स को हानि ना पहुंचते देख प्रमाली भी आश्चर्य से भर उठा।

“अच्छा तो तुम भी मायावी हो, तभी तुमने पहला द्वार पार कर लिया है।” यह कहकर प्रमाली ने अपना दाहिना हाथ ऐलेक्स की ओर बढ़ाया।

प्रमाली की हाथ के उंगलियों के नाखून उसके हाथ से निकलकर ऐलेक्स के चेहरे की ओर बढ़े और ऐलेक्स के चेहरे पर तेज खरोंच मारने लगे।

पर प्रमाली के नाखून ऐलेक्स की त्वचा को भेद नहीं पाये। त्वचा को ना भेद पाता देख वह नाखून ऐलेक्स की आँख पर प्रहार करने लगे।

पर ऐलेक्स की आँख का भी कुछ नहीं बिगड़ा। यह देख प्रमाली की आँखें कुछ सोचने वाले अंदाज में सिकुड़ गयीं। प्रमाली के नाखून वापस प्रमाली के हाथ में जाकर लग गये।

“वाह...नाखून फेंककर मारते हो... कितना अच्छा आइडिया दिया तुमने मुझे मैं यह दाँव हमेशा याद रखूंगा।“ ऐलेक्स ने यह कहा और निहत्थे ही प्रमाली की ओर दौड़ लगा दी।

प्रमाली को समझ नहीं आया कि निहत्था ऐलेक्स क्या कर लेगा। इसलिये खड़ा होकर ध्यान से ऐलेक्स को देखने लगा।

ऐलेक्स जा कर प्रमाली के दाहिने पैर से लिपट गया।

यह देख प्रमाली हंसने लगा- “अच्छा ....तो तुम मेरे पैर पकड़कर क्षमा मांगने आये हो।”

तभी ऐलेक्स के पूरे शरीर से 4 फिट लंबे धारदार काँटे निकल आये और उन काँटों ने प्रमाली का पैर जगह-जगह से बुरी तरह से काट दिया।

प्रमाली कराह कर जमीन पर गिर गया। ऐलेक्स के पास यही मौका था, वह दौड़कर प्रमाली के शरीर पर चढ़ गया और अपने शरीर पर निकले काँटों से प्रमाली के पूरे शरीर को घायल करने लगा।

प्रमाली के पूरे शरीर से खून की धाराएं बहने लगीं।

इस समय प्रमाली का पूरा ध्यान अपने शरीर से बह रहे खून की ओर था, ऐलेक्स इसी का फायदा उठा कर तीसरे द्वार में प्रवेश कर गया।



जारी रहेगा_______✍️
 

Raj_sharma

यतो धर्मस्ततो जयः ||❣️
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Kya me bhi yaha apni poems share kar sakta hu??
Me bhi likhta hu kavita.

Nice update....

वाह क्या सुपर शक्ति मिली है एलेक्स को

Bhai kya review likhe iska? Dimaak ghoom gaya padh kar, kya kya soch kar likh lete ho? Ye tilisma kitna khatnak hoga? Agar ye mayavan hi itna khatranaak hai to🤯🤯
Bohot se sawalo ka jabab mil gaya.
Aur vedant rahasyam to apne aap me bohot se rahasya chupaye hue hai,
Awesome update guru, mind blowing 👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻❣️❣️❣️

बहुत ही अद्भुत मनमोहक और एक रोमांचकारी धमाकेदार अपडेट हैं भाई मजा आ गया
स्थेनो के व्दारा ऐलेक्स को बताई बाते बडी ही रोचक हैं और उसका शब्दांकन के तो क्या ही कहने
ऐलेक्स को स्थेनो व्दारा दी गयी शक्ती उपयोग कर क्या मैग्ना यानी शेफाली की स्मृतियाॅं त्रिआयाम में विजय प्राप्त कर ला पायेगा
खैर देखते हैं आगे क्या होता है
अगले रोमांचकारी धमाकेदार अपडेट की प्रतिक्षा रहेगी जल्दी से दिजिएगा

Bhut hi badhiya update Bhai

To magna ka hi dusra janam shaifali hai aur vah klito ki putri hai
Aur stheno ke dvara pilaye gaye ghol se alex bhi powerful ho gaya hai
Dhekte hai ab alex naglok se magna ki smartiya kis parkar vapis lata hai

हमेशा की तरह लाजवाब अपडेट

Will definitely give this a read,abhi schedule thoda tight hai ek-do weeks Tak,uske baad padhta hu :D

Besabari se intezaar rahega next update ka Raj_sharma bhai....

Nice update.....

Shaandar Update 👌

nice update

Superb update and nice story

Awesome update👌👌

#131

बिल्कुल -- शलाका जैसी शक्तिशाली ‘देवी’ के उत्साहपूर्ण शब्दों को सुन कर इस दल में उत्साह की नई ऊर्जा का संचार होना लाज़मी ही है।

शेफ़ाली का कहना सही है -- इस द्वीप पर आना इन सभी की नियति थी। जब संसार के दो कोनों में बैठे लोगों की जीवन डोर इस तरह से उलझी हुई हो, तो किसी न किसी बहाने वो मिल ही जाते हैं। मेरे एक अनन्य मित्र हैं; उत्तर प्रदेश के एक गाँव में पैदा हुए, एड़ी चोटी का ज़ोर लगा कर एक आईआईटी से पढ़े, फिर काम के सिलसिले में जापान चले गए। वहाँ उनको अपनी जीवन संगिनी मिली! सोचिए! अपनी होने वाली पत्नी से उनका न कोई लेना, और न कोई देना था - लेकिन उन दोनों को मिलना था, सो वो मिले!

सुयश और शलाका! और जैसा कि सभी पाठक सोच रहे हैं -- शेफ़ाली (मैग्ना) और कैस्पर। यही दिशा निकलने वाली है।

“मुझे तो ऐसा लगता है कैप्टेन, कि इस द्वीप का निर्माता हम पर लगातार नजर रखता है, इसलिये जैसे ही हम कोई उपाय सोचते हैं, वह हमारी सोच के विरुद्ध जाकर एक नयी मुसीबत खड़ी कर देता है।” --- जेनिथ का आँकलन पूरी तरह से सटीक है। यह सब बनावटी दुनिया है, इसलिए कोई उसको नियंत्रित कर रहा है। और उसका काट भी कोई आदमी ही निकाल सकता है, जैसा कि सुयश / आर्यन ने निकाला। सुयश, कप्तान-ए-सुप्रीम एक लल्लू आदमी था, लेकिन सुयश, भूतपूर्व आर्यन बुद्धिमान है।

यहाँ पर एक बात मन में आ रही है -- इस द्वीप / तिलिस्मा का काट निकालने के बाद (जाहिर सी बात है, काट तो निकलेगा ही… कहानी भी तो इसी लिए लिखी जा रही है) शायद ही कोई मानवलोक में जाना चाहेगा।

#132

“आसमान से गिरे...खजूर में अटके तो सुना था, पर कुंए से निकले और ज्वालामुखी में लटके नहीं सुना था।” क्रिस्टी के शब्दों में फिर निराशा झलकने लगी। --- हा हा हा हा

सोने के ड्रैगन का शेफ़ाली से क्या लेना देना है? पालतू होगा उसका - खलीसी टाइप!?

त्रिषाल और कलिका को मिला कर -- ध्वनि शक्ति और प्रकाश शक्ति दोनों आ गई है। हनुका जी भी साथ ही हैं। क्या खिचड़ी पक रही है इधर, पता नहीं। कालबाहु राक्षस कौन है? पहले अगर लिखा है, तो शायद मैं भूल गया।

“चलो राक्षसलोक पहुंचने से पहले अपनी शक्तियों के प्रदर्शन का इससे अच्छा अवसर नहीं मिलेगा।” त्रिशाल ने कहा- “तो दोनों में से कौन करेगा इस राक्षस का अंत?” --- Shoot first, ask questions later! 😂

#133

विद्युम्ना के मुँह से ‘बेहोश’ या अन्य आधुनिक शब्द सुन कर सही नहीं लगता। ‘अचेत’ सही है। वैसे ही ‘थ्योरी’ नहीं, ‘सिद्धाँत’ सही है।

“... देवता तो हमेशा छल से ही काम लेते हैं…” -- अक्षरशः सही है।

रावण की मूर्ति में किस देवी की अस्थियाँ हैं/थीं?

भ्रमन्तिका रुपी एक और मायाजाल! हे प्रभु।

#134

भाई, एक फ़ूफागिरि तो दिखानी पड़ेगी यहाँ।
“द्रव्य” एक umbrella term है, जो किसी भी पदार्थ को reference करता है जिसमें द्रव्यमान (mass) और आयतन (volume) होता है। द्रव्य ठोस (solid), द्रव (liquid), और गैस (gas) तीनों अवस्थाओं को शामिल करता है। “द्रव” पदार्थ की तरल (liquid) या गैस (gas) अवस्था के रूप में प्रवाहित हो सकता है। आप ‘द्रव’ कहना चाहते थे, द्रव्य नहीं।
अलेक्स और स्थेनो की मुलाक़ात --

आपने लिखा है कि आम तौर पर मनुष्य अपनी इंद्रियों की कुल क्षमता का बहुत कम ही इस्तेमाल अपने दैनिक जीवन में कर पाता है। यह बात वैज्ञानिक भी सही मानते हैं। हमारा मस्तिष्क इन्द्रिय-जन्य जानकारी को काफ़ी हद तक फ़िल्टर कर देता है, इसलिए क्षमता का उपयोग सीमित रह जाता है। लेकिन ट्रेनिंग, अभ्यास, या फिर ध्यान इत्यादि से इंद्रियों के उपयोग करने की सीमा बढ़ाई जा सकती है। या फिर “वशीन्द्रिय शक्ति” घोल पी कर! 🙂 लेकिन फिर भी, “... त्वचा के माध्यम से कठोर से कठोर अस्त्र का प्रहार भी आसानी से झेल सकते हो…” जैसी शक्तियाँ पारलौकिक हैं।

ओहोहोहो... तो यह था उस सोने के सर वाले ड्रैगन का राज़! वो स्वयं ‘लैडन’ था - मैग्ना का पिता! 👏👏

इस मायावन का निर्माण मैग्ना और कैस्पर ने मिल कर किया। मैग्ना स्वयं शेफ़ाली के रूप में यहाँ मौजूद है और कैस्पर भी कोई बहुत दूर नहीं। ऊपर वाला कृत्रिम नियंत्रक कैस्पर का रोबोट है। उसका काट शायद नक्षत्रा, जो स्वयं एक सुपरनेचुरल इंटेलिजेंस है, के पास हो?

रावण की मूर्ति में मैग्ना की ही अस्थियाँ थीं! क्योंकि त्रिषाल और कलिका द्वारा उनका पंचतत्व में विलीन करने वाला काम होते ही, शेफ़ाली का जन्म हुआ! बहुत अच्छे! 👏👏👏👍


अलेक्स के पास एक हरक्यूलियन टास्क है अब! एक अलग ही किस्म का लेबर ऑफ़ हर्क्युलीस!


#135

Adamantine -- the metal of the gods!

यार हद कर दी है आपने! क्या गज़ब की रिसर्च है! वाह भाई! वाह!
अत्यंत गहरी रिसर्च + आशातीत कल्पनाशक्ति + परिष्कृत लेखन == अद्भुत कथा! ♥️♥️♥️
सच में, अभी तक जितनी भी फंतासी कहानियाँ मैंने पढ़ी हैं - उनमें से यह कहानी से श्रेष्ठतम है! थोड़ी सी एडिटिंग, और बस - एक बेस्टसेलर बनने के सारे गुण मौजूद हैं इसमें!
वाह! 👏👏👏

Words fall short in the praise of this epic creation, Raj_sharma brother! 👏👏👏👏

You are an amazing writer, BUT you are wasting your talent here...
Get this published! I can suggest you one very good (and may I say, an honest one - rarity in this business) publisher, who will work very hard with you. You deserve a lot! Think about it.

Kya gazab ki update post ki he Raj_sharma Bhai,

Greek mythology kaafi had tak apni pauranik kathao se mel khati he..........

Ab jute, Helmet aur Chhadi ka sahi istemal karna hoga suyash and party ko...........

Keepr rocking Bro

lovely update..suyash aur uski team milke har samasya ko suljhane me kamiyab ho rahe hai ..is baar ki paheli ka hal bhi sabne milke solve kar liya par 3 pankh aur 5 log ,,sab kaise niche jayenge is paheli ko kaise saljhate hai ye log ..

Bahut hi shandar update bhai
Greek mythology mei hindu gods ka reference adbhut tha, sabhi log milkar problem solve kr rhe h shayad aise hi ye sabhi challenges ko pura kr lenge

Shandar update bro

Lets Review Begin's
Sunahare pankh shandaar Cheej
Inhe aage badhne ke liye Iski Jarurat Thee , lekin ye kya YE Panch log hai aur Cheeje Kam .

Mujhe lag Raha ye harmish ki Murti bhi shayad Inki Kuch Madad Kare , kyuki hepthas ki murti Toh,gayab hogayi aur harmis bacha Toh ye kaam aane wala hai .

Yaha sare greek God Pagal wagal hai kya .
Jyuse ne Apne hi bete ko fekh diya kyuki beta batsurut thaa aur Sath hi Aur Badi Pagal wali harkat Kar Daali hera ko mukta karane ke liye apni beti ka vivah bhi hephtas se karwa diya
Hephtas bhi Jyuse ka beta aur afrodaite bhi jyuse ki Beti Gajab , Incest hi Karwa diya yaha .

Hephtas ki shaktiya Hamare vishwakarma Ji se Milti Julti hai woh bhi Yantra ko banane wale devtaa hai , aur Harmish ki shaktiya Naraad ji Se Inspire Hai .

Abhi Research kiya Admantine Toh Sach mein Extreme Hard Material Hota Hai .
Mujhe Pehle Laga shayad ye Material se Inke liye weapon banege .

Hats Off to you Ek kahani ke liye Itne Research .

Yaha dekhna Hoga Ki suyash and Company aage Jaane ki Kya kya Tarkeeb Nikalte Hai .

Overall as always khubsoorat update
Waiting for more .

Bhut hi jabardast update bhai
Is update ki likhne me ju ne kitni mehnat Kari or kitni jankari gather kari hai dekhkar hi saaf pata chal raha hai
Ab dhekte hai ye log in 3 chijo ka istemal ye sabhi kis parkar karte hai yaha se niche Jane ke liye ye to agle update me hi pata chalega

बहुत ही सुंदर लाजवाब और फिर एक अद्भुत अप्रतिम रोमांचक अपडेट है भाई मजा आ गया

Bechari Shefali abhi jis mayajaal ko tod rahi hai jab usko pata chalega ki ye mayajaal usne khud banaya hai tab Shefali ki kya dasha hone wali hai ye soch kar abhi se mann mein khayal aa raha hai, let's see Alex, Trishal aur Kalika ka kya hone wala hai.
Amazing update brother.
Update posted friends 👍
 
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