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chapter 1

सूरज निकल कर अपनी लालिमा चारो तरफ फैला रहा था एक गाव जो छोटे पहारो के बीच बसा हुआ है सुबह की सूरज निकलते टाइम बहोत ही खूबसूरत नजारा होता है ऐसा लगता है जैसे सूरज पहार के पीछे से निकल रहा हो


उसी गाव के एक घर मे हमारा हीरो भी रहता है गाव मे मुर्गे चिरिया की चेहचाहने की आवाज जैसे मधुर धुन हो जो सुबह सुबह दिल को सुकून पहुचाता है

गाव का हर कोई बूढ़े जवान उठ अपने सुबह के रोज मर्रा के काम मे लग जाते है लेकिन हमारा हीरो आराम से नींद ले रहा था जैसे उसे कोई फर्क नही परता दुनिया मे किया चल रहा है दुनिया जाय भार मे

तभी कमरे मे एक खूबसूरत सी लरकी आती है जो आयुस को मुस्कुराते हुवे देखती है फिर आयुश के ऊपर आके बैठ जाती है आयुस सोया था अपने पीठ पे बहोत गर्म मुलायम लेकिन बहोत भारी कुछ फिल करता है तो सासे फूलने लगती है

आयुस को समझते देर नही लगती उसके उपर उसकी प्यारी बेहन है आयुस आखे खोल पीछे मूर आरूसी को देख - ओये शैतान तु एक दिन मेरी जान लेके मानेगी कितनी भारी है तू और हर बार आके मेरे उपर बैठ जाती है मे कोई बैठने की चीज हु किया हा

आरूसी मुह फुलाते हुवे - भाई मे तो एक नाजुक फुल जैसी लरकी हु मे कहा से भारी हो गई आप बस मुझे ताना मारते रहते है और हा आप के ऊपर बैठ मजा आता है

आयुस मुस्कुराते हुवे - तू फुल जैसी नाजुक ( आयुस जोर जोर से हस्ते हुवे) अच्छा मजाक है भैस कही की उतर मेरे उपर से

बस फिर किया एक लरकी को तारीफ अच्छी लगती है लेकिन अगर आप गलती से भी किसी लरकी को उसकी खूबसूरती का मजाक बनाते हुवे कुछ बोल दो तो भइया आप गये

आयुसी भी फुल गुस्से मे आयुस को देख - भाई अपने बहोत गलत किया मे कोई मोटी भैस नही हु आज मे आपको छोरुगी नही

आयुसी गुस्से से तकिया उठा के आयुस को मारने लग जाती है आयुस दोनों हाथ आगे कर अपने आप को बचाते हुवे - रुक जा बेरी बहन लग जायेगी

आयुसी आयुस को मारते हुवे गुस्से से - आप बहोत बुरे है भइया आप हमेसा मुझे मोटी मोटी कहते रहते है आज आपको मे नही छोरने वाली

कमरे से सोर सराबा सुन अमृता अपना सर पकर - ये दोनों इतने बरे हो गये लेकिन रोज सुबह होते ही लरना सुरु कर देते है

अमृता कमरे मे जाते दोनों को देख गुस्से से - सुबह सुबह सुरु हो गये हद है बच्चो की तरह लरते रहते हो और तुम आयुस बेटा अपनी बेहन को मोटी कियु बोलता है इतनी खूबसूरत तो मेरी बेटी

आयुसी आयुस को देख मुस्कुराते हुवे - देखा सुना ना मा ने किया कहा मे बहोत खूबसूरत हु मोटी भैस नही

आयुस मुस्कुराते हुवे - अच्छा बाबा तुम खूबसूरत हो अब खुश
आयुसी आयुस के ऊपर से नीचे आके खरी होके - यही बात रोज कहते भाई तो आप को मार नही खानी परती

आयुस मन मे - लरकी को कोई समझ नही सकता

अमृता आयुस को देख - उठेगा जा

आयुस जल्दी से उठ अमृता के पास जाके गाल पे किस करते हुवे - गुड मोर्निंग मा

अमृता मुस्कुराते हुवे आयुस के गाल पे किस करते हुवे - गुड मोर्निंग मेरा बच्चा

आयुसी मुह फुला के - मुझे किसी ने गुड मोर्निंग नही कहा

अमृता आयुस मुस्कुराते हुवे आयुसी के गाल पे किस करते हुवे - गुड मोर्निंग

आयुसी मुस्कुराते हुवे - हु अब ठीक है
आयुस - शैतान की नानी

हा ये रोज का है आयुस आयुसी सुबह एक बार लरते ही है लेकिन ये दोनों भाई बहन के बीच प्यार है अमृता भी जानती थी दोनों जान बुझ कर लरते रहते है

आयुस निकल परता है हल्का होने पहारी इलाका था घर आयुस का गाव के बीच नही सब से किनारे पे था आस पास परोसी थे लेकिन थोरि दूर पे थे घर के पीछे आयुस थोरि रोज हल्का होने जाता था

घर पे आयुसी नहाने रेडी होने के बाद खाना बनाने लगती है अमृता गाय को चारा खिलाने लगती है

ये रोज सुबह का रूटीन था

आयुस के पिता 5 साल पहले ही गुजर गये असल मे आयुस के बीमार थे पैसे ना होने के कारन इलाज नही हो पाया और गुजर गये

जमीन बहोत थी लेकिन आधे से जायदा जमीन बेच कर इलाज करने मे बिक गये जमीन भी गई और आयुस के पापा भी

अमृता ने उसके बाद घर बच्चो को संभाला लेकिन मुश्किल घड़ी मे आयुस की बुआ हमेसा साथ देती थी आयुस की आधी जिंदगी अपनी बुआ के घर ही गुजरी

आयुस अपनी बुआ को मा की तरह ही मानता है आयुस को बुआ से एक मा के तरह ही प्यार मिलता है आज भी

बिनीता मा नही बन पाई लेकिन आयुस को ही अपना बेटा मान लिया आयुस ही है जो बिनीता को कभी बेटे के कमी का एहसास नही होने देता पर खुद मा बन बच्चे को जन्म देने वो दर्द दूध पिलाने गोद मे उठाना ये फीलिंग बिनीता को मिल नही पाई इस लिये बिनीता कभी कभी बहोत दुखी हो जाती थी पर आयुस को देख सब भूल दर्द भूल जाती

आयुस घर आता है नीम का दातून से मुह धोने लगता है आगन् मे बैठ कर आयुसी खाना बना रहा थी

आयुस - गुरिया आज बुआ आने वाली है अच्छे से दाल चावल भुजिया बनाना समझ गई

आयुसी आयुस को देख - हा समझ गई भाई आप बोल तो ऐसे रहे है जैसे मुझे खाना बनाना नही आता

आयुस हस्ते हुवे - आता है आता है लेकिन कभी नमक कभी मसाला जायदा डाल देती तो बरी आई

आयुस रोने सा मुह बना के - भाई आप बहोत बुरे है हर वक़्त मेरा मजाक बनाते रहते है मुझे आपसे बात ही नही करनी जाओ

अमृता कमरे से आके आयुस के पास जाके कान पकर - कियु रे कितनी बार कहा है अपनी बेहन को टंग मत करा कर

आयुस दर्द मे - आह मा छोरो ना दर्द होता है मेने कहा तंग किया है
अमृता और जोर से कान खीचते हुवे - मे बहरी नही हु सब सुनाई देता है समझ गया
आयुसी खुश होके - मा और जोर से कान खीचो भइया के
आयुस दर्द मे - आह मा छोर दो ना अब फिर तंग नही करुगा
अमृता कान छोर - तेरा रोज का है कहता है नही तंग करेगा लेकिन तेरी बाते हवा मे गायब हो जाती है


इतनी मस्तिया लाराइ मे 10 बज जाते है खाना पीना खाने के बाद आयुस अपने दोस्तो राज से मिलने जाता है घर से थोरी दूर ही था
10 मिनट का रास्ता था

आयुस राज के घर आता है अंदर जाने के बाद आयुस - अरे वो राज के बचें कहा है रे बाहर निकल देख तेरा बाप आया है

तभी पीछे से कोई आयुस का कान जोर से मरोड़ गुस्से से - अच्छा बेटा तु राज का बाप है मेरा पति सही कहा ना मेने

आयुस आवाज सुन डरते हुवे - वो ऑन्टी मे तो मजाक मे केहता हु

ऑन्टी आयुस के सामने खरी होके - अच्छा मजाक लेकिन ये कैसा मजाक है मुझे लगता है तेरी मा को जाके बताना पड़ेगा तेरा बेटा मेरा पति बनने के लिये बेचैन है

आयुस प्यार से ऑन्टी के गाल पे किस करते हुवे - मेरी प्यारी खूबसूरत ऑन्टी माफ कर दो मा को मत केहना प्लेस वादा करता हु आगे से गलती नही होगी

ऑन्टी मुस्कुराते हुवे - वाह बेटा मखन् लगाने से मे माफ नही करने वाली समझ गया
आयुस ऑन्टी को बाहों मे लेके - तो तो मे सच मे आपको लेके भाग जाउंगा
ऑन्टी जोर जोर से हस्ते हुवे - अच्छा बच्चा है तू मुझे नही संभाल पायेगा समझ गया

आयुस मुस्कुराते हुवे - एक मोक्का देखे देखिये यकीन मानिये इस आयुस को आप कभी रोज दिन रात याद करेगी
ऑन्टी आयुस की आखो मे देख - अच्छा अगर नही संभाल पाया तो
आयुस आखो मे देख - तो आप जो बोलोगी मे करुगा

ऑन्टी - अगर ऐसा है तो चल दिया मोक्का
आयुस अंदर ही अंदर बहोत खुश होता है कियुंकी आयुस अपने दोस्त की मा यानी रीमा के पीछे परा हुआ था

आयुस रीमा के कान मे - राज कहा है
रीमा - वही जहा जाता है
आयुस - तो सुरु करे जैसा दिल हुआ है
रीमा - सोच ले संभाल नही पायेगा
आयुस रीमा के के होठ के किस करते हुवे आखो मे देख - 4 महीने से आपको आपकी चुत को संभाल तो रहा हु मेरी जान

हा आपने सभी समझा आयुस रीमा को चार महीने से चोद रहा है लेकिन कब कैसे सुरु हुआ आगे पता चल जायेगा

आयुस रीमा को उठा के कमरे मे बिस्तर पे लेता के किस करने लगता है रीमा भी पुरा साथ देती है दोनों एक दूसरे का रस पीते है

आयुस जल्दी से रीमा के सारी उपर कर टांगे फैला के अपना लंड निकाल चुत पे घिसने लगता है रीमा आह उफ सिसकिया लेने लगती है
आयुस रीमा को देख - उफ कितनी गर्म है आपकी चुत
रीमा उफ आह सिसकिया लेते - चुत तेरे लंड लेने के लिये गर्म हो गई है डाल दे अब देर मत कर
आयुस - अच्छा बाबा डाल देता हु

आयुस एक जोर डार धक्का मार पुरा लंड अंदर डाल देता है रीमा दर्द मे आह मा मर गई रे आयुस बिना रुके धक्का मारता रहता है रीमा टांगे उठाये अपने बेटे के दोस्त का लंड मजे से ले रही थी

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रीमा उफ बेटा तेरा लंड लेने के बाद मेरे दिल को सुकून मिलता है आते रहना और मेरी चुत मारते रहना आह तेरा मोटा लंड ही मेरी चुत की आग सांत कर सकता है उफ मजा आ रहा है चोद बेटा अपनी ऑन्टी को आह उफ मा यही असली चुदाई का मजा है जो तूने मुझे दिया

25 मिनट बाद

रीमा जल्दी से सारी बाल सही कर बिस्तर पे बैठ हाफते हुवे - उफ मजा आ गया बेटा

आयुस मुस्कुराते हुवे - जब मेने आपको नँगा देखा तब से मे आपकी चुदाई करने के पीछे परा था किस्मत ने साथ दिया और आप की चुत मुझे मिल गई

रीमा मुस्कुराते हुवे - कितना कमीना है दोस्त की मा को चोदता है
आयुस मुस्कुराते हुवे - अरे इसमें असली मजा है मेरी जान वैसे भी आप भी तो खूब मजे से लंड लेती है मेरा

रीमा बेसर्म कमीना - हा एक बात तो है तेरे अंदर बहोत दम है किसी औरत को खुश करने की

आयुस मुस्कुराते हुवे - अच्छा अब चलता हु फिर कल आयुगा आपकी लेने

आयुस चला जाता है रीमा मन मे - उस दिन जब उसने मुझे नँगा देखा तभी मुझे उससे चुदना तय हो गया कितना कमीना चालाक है मेरी चुत मार ली और अब मुझे उसके लंड की आदत पर गई है


आयुस अपने दोस्त से मिलने जाता है बाते मस्ती घूमने मे 12 बज जाते है आयुस जब घर आता है तो किसी को देख बहोत खुश होता है हा बिनीता आ गई थी आयुस को देख बिनीता का चेहरा भी खिल जाता है

आयुस जल्दी से जाके बिनीता को गले लगा के - बुआ मा आप आ गई

आयुस अपनी बुआ को बुआ मा बोलता है प्यार से

बिनीता भी खुशी से आयुस को बाहों मे भर - मेरा बच्चा कैसा है
आयुस - एकदम मस्त

आयुस फिर बिनीता के चहरे गाल को टच करते हुवे आगे पीछे अच्छे से देखने लगता है अमृता आयुसी सब देख मन मे - लो फिर सुरु हो गया

आयुस अच्छे से बिनीता को देखने के बाद बिनीता के सामने खरा हो जाता है

बिनीता मुस्कुराते हुवे - हा तो मे फिट हु ना
आयुस मुस्कुराते हुवे - हा आप फिट है और पहले से थोरा और खूबसूरत हो गई है
बिनीता हस्ते हुवे - बस थोरा सा
आयुस हस्ते हुवे - बुआ मा आप पहले से ही बहोत खूबसूरत है
बिनीता हस्ते हुवे - मेरा बच्चा आजा मेरे बाहों मे
आयुस भी फिर बिनीता के बाहों मे समा जाता है बिनीता आयुस को बाहों मे लेके जैसे उसे सुकून मिल गया हो

अमृता सब देख समझ रही थी अमृता ने ही बिनीता का दर्द समझा और आयुस जब छोटा था तब बिनीता के साथ भेज दिया था

बिनीता आयुस कमरे मे आते है बिस्तर पे लेत बिनीता आयुस को सीने से लगा के सर प्यार से सेहलानें लगती है

आयुस - बुआ मा आप यही कियु नही रह जाती आप उस बूढ़े फूफा को छोर दो ना मेरे साथ रहो
बिनीता आयुस का सर सेहलाते हुवे हस्ते हुवे - शैतान वो तेरे फूफा है और अभी पुरे बूढ़े नही हुवे है

आयुस - नही हुवे है लेकिन आपके सामने बूढ़े ही दिखते है आप तो अभी 25 की लगती है बहोत खूबसूरत जवान
बिनीता हस्ते हुवे - अच्छा ऐसा किया मेरा बेटा कहता है तो मान लेती हु
आयुसी कमरे मे आते हुवे - बुआ ये गलत बात है माना भाई आपके साथ मेरे से जायदा रहे लेकिन आप ऐसा कैसे कर सकती है भाई को आप बहोत प्यार करती है लेकिन मुझे नही करती

बिनीता आयुसी को देख हस्ते हुवे - आजा नोटकी बाज
आयुसी भी मुस्कुराते हुवे बिनीता के साथ लेत जाती है

बिनीता आयुसी आयुस को प्यार से सर सेहलाते हुवे - मे मा नही बन सकी लेकिन तुम दोनों को मे अपना बच्चा ही मानंती प्यार करती हु तुम दोनों की वजह से ही मे अपने आप तो टूटने से रोक पाती हु

बिनीता मा ना बनने से फिर इमोसनल हो जाती है

आयुस बिनीता के आसु साफ कर - मेने भी आपको मा की नजर से देखता हु बुआ मा मे हु ना आपका बेटा आप चिंता कियु करती है आपका ख्याल मे रखुंगा

आयुसी - हा बुआ भाई सही केह रहे है आप दुखी मत हुआ कीजिये अच्छा नही लगता

बिनीता आसु साफ कर मुस्कुराते हुवे - अच्छा बाबा आज के बाद से ऐसा नही होगा

साम 7 बजे

आगन् मे आयुसी खाना बना रही थी अमृता आयुस बिनीता सब बाते कर रहे थे आयुस बिनीता के गोद मे सर रख लेता हुआ था बिनीता बाते करते हुवे आयुस का सर सेहला रही थी


आयुस - बुआ कम से कम पाच दिन तो रहोगी ना
बिनीता - नही मेरे बेटे 2 दिन से जयादा नही रह सकती तुझे पता है कियु

आयुस उदास होते हुवे - हा जानता हु

बिनीता के बच्चे होते तो बिनीता आराम से जितना दिन चाहती रह सकती थी लेकिन बच्चे ना होने के कारन बिनीता को ही घर खेत गाय को देखना परता और ये बात आयुस जानता है इसी लिये आयुस ने रुकने का जिद नही किया

अमृता - कोई बात नही ननद जी नही रुक सकती लेकिन तु जाके जीतने दिन चाहे रह सकता है

आयुस मुस्कुराते हुवे - हा मा अपने ये बात सही कही
बिनीता - भाभी आपने मेरे लिये जो किया उसका एहसास कभी नही भूल पाउंगी मुझे अच्छे से पता है एक मा अपने बेटे के बगैर नही नही सकती मेने आयुस को जन्म नही दिया लेकिन बेटे की तरह प्यार करती हु जब आयुस मेरे साथ नही होता तो मेरा दिल नही लगता बहोत याद आती है आयुस की जबकि आप ने आयुस को जन्म लिया फिर भी आप आयुस को मेरे पास भेजती है मे समझ सकती हु आप कैसे आयुस बिना रहती होगी

अमृता - हा ये बात सच है आयुस बिना मेरा दिल भी नही लगता लेकिन मे खुश हु आयुस की दो मा का प्यार मिलता है ननद जी दुखी होने की जरूरत नही है मुझे खुशी होती है आयुस आपके साथ रहता है तो आयुस भी आपको बहोत प्यार करता है

बिनीता आयुस को देख मुस्कुराते हुवे - हा मेरे बेटा मुझे बहोत प्यार करता है

आयुसी - अच्छा जब भी बात होती मे तो कही भी नही होती सब हर बार मुझे भूल जाते है सब सिर्फ भाई को ही प्यार करते है मुझे नही

अमृता - लो रूठ गई तेरी गुरिया

बिनीता - अरे बाबा तुझे भी हम सब बहोत प्यार करते है समझ गई
आयुस - हु मेरी गुरिया तो सब से प्यारी है मेरी लाडली
आयुस अंदर ही खुश होती है लेकिन दिखाती नही
आयुसी - हा हा बस बाते बरी करते है प्यार नही करते

बाते करते हुवे खाना भी रेडी हो जाता है फिर सभी खाना खाते है फिर थोरि बाते करते है


अमृता - ठीक है ननद जी मे चली सोने
आयुसी - मे भी चली मुझे भी नींद आ रही है
दोनों सोने चले जाते है

आयुस - बुआ मा चले हम भी सोने
बिनीता मुस्कुराते हुवे - हा चलो

बिनीता आयुस कमरे मे आ जाते है बिनीता आयुस को सीने से लगा के बाहों मे भर - तुझे सीने से लगाती हु तो मुझे सुकून मिलता है मेरे लाल
आयुस बिनीता को बाहों मे कस - मुझे भी बुआ मा

......?


आयुस सोया था लेकिन जब उसकी नींद खुलती है आके अभी भी बंद थ लेकिन जगा हुआ था तो आयुस को सर भारी और कई सारी चिरिया जानवर की आवाजे सुनाई देने लगती है और जो आवाजे थी बहोत तेज थी आयुस हैरान होके जल्दी से आखे खोलता है तो आयुस को बरे बरे घने पेर और उस पेर पे कई सारी अलग चिरिया बंदर दिखाई देते है जिसे देख आयुस शोक हैरान हो जाता है

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आयुस अपनी आख बंदकरते हुवे - अरे नही ये सपना है ऐसा थोरि है मे जंगल मे नीचे सोया हु सब सपना है मे फिर आखे खोलूगा मे अपने घर मे होऊगा मुझे फिर अपने घर का छत दिखाई देता ये सोच आयुस फिर आखे खोल देखता है लेकिन फिर आयुस को वही दिखाई देता है इस बार आयुस डर जाता है लेकिन अभी भी बिस्वास नही हो रहा था वो जंगल मे है

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तभी आयुस के पैर मे कोई किरा काटता है तो आयुस दर्द मे आह करते हुवे एकदम से उठ कर बैठ जाता है लेकिन फिर सामने देखता तो फिर जंगल ही देखाई देते है आयुस का अब दिल धक धक करने लगता है चेहरे पे पसीने आने लगते है

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आयुस हिम्मत कर खरा होता है और चारो तरफ नजर डोरा के देखता है तो चारो तरफ सिर्फ जंगल के बहोत भयानक जंगल अब तो आयन के पैर भी कापने लगते है डर से आयुस जम जाता है तभी आयुस की नजर सामने अपनी मा बहन बुआ पे जाती है जो बहस जमीन पे परे हुवे थे
आयुस कापते हुवे आवाज मे चारों तरफ देख - हम तो घर पे सो रहे थे लेकिन यहा इस भयानक जंगल मे कैसे आ गये

आयुस बहोत जोर से चिल्लाता है - नही ये नही हो सकता

आयुस जिसकी आवाज चारो तरफ जंगल मे भुज परती है


और हा बहोत सारी स्टोरी मेरे दिमाग मे है ये स्टोरी लोगो को पसंद आती है तो जारी रहेगी नही आती है तो कोई दूसरी स्टोरी सुरु कर दुगा

आज के लिये इतना ही 🙏🙏🙏
बहुत ही शानदार लाजवाब और जबरदस्त अपडेट हैं भाई मजा आ गया
अगले रोमांचकारी धमाकेदार अपडेट की प्रतिक्षा रहेगी जल्दी से दिजिएगा
 

ajay bhai

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chapter 2

साम के तीन बज रहे थे आयुस अपने दोस्त के घर जा रहा था

आयुस - यार क्या जिंदगी है कोई लरकी भी नही मिल रही इसकी मा का सिंगल ही रहना परेगा किया हिलाते हुवे

आयुस ये केहते हुवे अपने दोस्त राज के घर के अंदर जाता है लेकिन सामने का सीन देख आयुस जम जाता आखे फटी रह जाती है सामने राज की मा रीमा आगन मे नंगी थी रीमा का पेटीकोट नीचे गिर गया था लेकिन रीमा जब पेटीकोट उठा के खरी होती है

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रीमा की नजर भी आयुस पे पाती जिसे देख रीमा भी हैरान जम जाती है फिर रीमा जोर से चिल्लाती है जिसे आवाज को सुन आयुस होस मे आता है और रीमा को देख -माफ करना ऑन्टी मे चलता हु

आयुस तेजी से भागते हुवे घर से बाहर निकल अपने दोस्त जहा हो सकते है जहा सब मिलते है वहा जाने लगता है आयुस मन मे - maa कसम ये किया देख लिया मेने बाप रे किया बॉडी है ऑन्टी भरा बदन बरे चूचे उफ बरी गांड फूली चुत इस उमर मे भी ऑन्टी कयामत है

आयुस को फिर एहसास होता है उसका लंड बहोत टाइट है जो बैठने का नाम नही ले रहा पहली बार आयुस ने किसी को नँगा देखा था तो ये होना ही था


वही रीमा कमरे मे आते सारी रेडी होते हुवे मन मे - मेरी बुरी किस्मत साली उसी वक़्त मेरे हाथ से पेटीकोट नीचे गिर गया हाय राम मेरा सब कुछ आयुस बेटे ने देख लिया मर गई किया सोच रहा होगा कैसे फिर मे उसके सामने जाउंगी

परजेंट

आयुस हैरान था खुद को खतरनाक जंगल मे पाके आयुस खरा होता है सामने देखता है उसकी मा बुआ बहन बेहोस जमीन पे परे है लेकिन आयुस की नजर एक बैग पे जाती है उस बैग पे एक कागज भी था

आयुस बैग के पास जाके घुटने पे बैठ पथर् हटा के उस कागज को उठा के देखता है तो उसमे कुछ लिखा था आयुस पढ़ने लगता है जैसे जैसे आयुस पढ़ते जाता है आयुस का गुस्सा आखे लाल नशे फूलने लगती है पूरा पढ़ने के बाद आयुस गुस्से से पागल होके कागज को फार के एक जोरदार चीख मारता है

आस पास आयुस के चिल्लाने की आवाज से चिरिया बंदर डर के भागने लगते है

आयुस गुस्से से बैग को देखता है बैग पे एक और चीज थी handheld radios था जिससे लोगो से संपर्क कर सकते थे यानी आयुस अभी चाहे तो मदद बुला के बाहर निकल सकता है लेकिन आयुस गुस्से से लाल handheld radios को उठाता है और खरा होके चिल्लाते हुवे एक पेर पे मार के तोर देता है

आयुस गुस्से से मुठी कसते हुवे - कसम उपर वाले की अगर मुझे पता होता तो मे तुझे जान से मार देता कमीने लेकिन तेरी किस्मत अच्छी थी मुझे कुछ पता नही था

आयुस अपनी मा बहन बुआ को देख - उपर वाले से दुवा करना मे निकलुगा इस जंगल से तो अपनी मा बहन बुआ के साथ ही और अगर नही निकल पाया तो यही इस जंगल मे सब के साथ मर जाउंगा पर किस्मत से हम जिंदा बाहर निकल आये तो मे चैन की सास जिंदा बचने का जसन् नही मनाऊँगा पहले तुझे मार नही देता तब तक चैन की सासे नही लूंगा दुवा कर हम यही मारे जाय बच गये तो तु मरेगा

जो तु चाहता है तुझे नही मिलेगा

आयुस मन मे - हमारे साथ ही ऐसा कियु हुआ ( आयुस maa बहन बुआ को देख) मुझे सांत होना होगा मे ही हु जो सब को बाहर निकाल सकता हु मेरे बिना इस जंगल मे मा बहन बुआ एक हफ्ते तक भी जिंदा नही रह पायेंगे

आयुस आस पास देखता है तो आयुस को एक जंगली छोटा पेर जिसके पत्ते बरे कटोरे जैसे फैले थे उसके अंदर पानी था आयुस जाके देखता है पानी बहोत साफ था आयुस उस पत्ते के नीचे से दंडी तोर पानी लेके अपनी बहन मा बुआ के चेहरे पे थोरा थोरा गिरा देता है जिसकी वजह से सभी होस मे आने लगते है

आयुसी नींद मे चेहरे पे पानी फिल कर - यार भाई सोने दो ना कियु परेसान कर रहे हो

अमृता बिनीता होस मे आती है दोनों जब आखे खोलती है तो उन्हें भी बरे बरे पेर और पेर पे कई तरह के चिरिया बंदर बैठे दिखाये देते थे चारों तरफ से चिरिया बंदर और कई तरह की आवाजे सुनाई दे रही थी

अमृता बिनीता जल्दी से उठ कर बैठ चारों तरफ देखने लगते चारों तरफ बहोत बरे पेर जंगल के अलावा कुछ नही था जिसे देख दोनों डर के मारे कापने लगते है

आयुस दोनों के पास जाके - मा बुआ
अमृता आयुस को देख डरते हुवे - बेटा हम इस जंगल मे कैसे आ गये
बिनीता डरते हुवे - बोल ना मुझे बहोत डर लग रहा है

आयुस दोनों के पास बैठ बुआ मा को देख - मुझे नही पता हम यहा कैसे आये लेकिन अब हम इस खतरनाक जंगल मे फस गये है

अमृता बिनीता शोक हैरान होके - किया
अमृता कापते हुवे - अब हम किया करेगे बेटा
बिनीता डरते हुवे चारों तरफ देख - इतने भयानक जंगल मे आखिर हम आये कैसे और बाहर निकलेगे कैसे

आयुस गहरी सास लेते हुवे - मुझे नही पता लेकिन मे कोई ना कोई रास्ता निकाल लूंगा मे किसी को कुछ नही होने दूंगा लेकिन पहले आप दोनों को सांत रहना होगा तभी मे आराम से कुछ सोच कर पाऊगा

अमृता बिनीता चारों तरफ देखते हुवे - ठीक है

दोनों मे केह तो दिया था पर डरे हुवे बहोत थे

आयुस बुआ मा को देख - डर तो मुझे भी लग रहा है लेकिन मे डर गया तो फिर मे कैसे सब को बचा पाऊगा

आयुस अयुसी को देख - मेरी गुरिया

आयुस आयुसी को हिला के जगाता है तो अयुसी उठ आयुस को देख आखे मलते हुवे - भाई कियु जगाया मुझे तभी अयुसी को भी चिरिया बंदर कई तरह की तेज आवाजे सुनाई देती है आयुसी हैरान होके चारों तरफ देखती है तो शोक डर से चिल्ला उठती है

अयुसी डरते हुवे - भाई भाई ये जंगल मे हम कैसे आये
आयुस आयुसी को बाहों मे लेके - मुझे नही पता गुरिया लेकिन तु डर मत मे हु ना
आयुसी डरते हुवे - लेकिन भाई अब हम किया करेगे मुझे बहोत डर लग रहा है कितना भयानक जंगल है

आयुस अयुसी के चेहरे को पकर् आखो मे देख - जब तक तेरा भाई जिंदा है तुझे कुछ नही होने देगा समझ गई हम सही सलामत बाहर जायेंगे ये मेरा वादा है बस तु डरना बंद कर ताकि मे कुछ सोच सकु

अयुसी - जि जी भाई
आयुस - बहोत अच्छा
आयुसी बिनीता अमृता को देख - मा
अमृता - बेटा आजा मेरे पास
अयुसी अमृता के पास बैठ जाती

अमृता आयुस को देख - बेटा अब किया करे
आयुस बैग के पास जाके - करना तो परेगा ही कुछ ना कुछ

आयुस बैग खोलता है तो अंदर छोटा चाकू बरा चाकू छोटी कुल्हारी रस्सी बाकी कुछ और समान थे जिसे देख आयुस गुस्से से मन मे - कमीना तुझे क्या लगता है मे हार मान लूंगा नही ये समान जो तुने दिया यकीन मान मेरे लिये बरे काम की चीज है बस जंगली जानवर और जेहरीले कीरे साप से बचना है बाकी कई दिन महीने लगे बाहर निकल के रहुंगा

आयुस कुल्हारी लेके खरा होता है फिर चारों तरफ देखता है ठोरी दूर आयुस को छोटे पेर दिखाई देते है आयुस जंगल के झारिया अलग करते हुवे पास जाता है फिर उपर पेर पे चढ़ जाता है अमृता बिनीता आयुसी डरे सब देख रहे है

आयुस चार 2 इंच मोटा टहनी काटता है फिर नीचे उतर टहनी लेके अपनी मा सब के पास आके बैठ टहनी को अच्छे से साफ करने लगता है

आयुसी - भाई ये आप किया कर रहे है
आयुस - गुरिया भाला बना रहा हु सब के लिये
अमृता हैरानी से - पर कियु
आयुस - अगर कोई जानवर सामने आ गया तो फिर हम कैसे बचायेंगे अपने आप को इस लिये
बिनीता डरते हुवे - बेटा लेकिन हम कैसे लरेगे हम से नही होगा
आयुस - जरूरी नही हमारा सामना किसी जानवर से हो लेकिन अगर ऐसा होता हो तो बस बिना सोचे हलमा कर देना है

आयुस चारों टहनी को अच्छे से साफ करने के बाद एक तरफ से सिरे को नूखिला चाकू से कर देता है हम सब के लिये एक एक लकरी का भाला रेडी था

आयुस एक भाला उठा के खरा होके अमृता सब को देख - देखिये कैसे कब किया करना है मान लो कोई जानवर आपके पास आ जाता है या अचनाक् हमला करता है तो ये नुखिला हिस्सा आगे कर देना है बस दूसरी ये भाला जंगल के झारिया अलग करने और चलने मे सहारे की तरह काम भी करेगा आप समझ गये

अमृता बिनीता अयुसी - हा समझ गये
आयुस सब को एक एक भाला देते हुवे - मा बुआ गुरिया मुझे पता है तुम सब बहोत डरे हुवे हो लेकिन डरने से अब कुछ नही होने वाला मे हु बस मे जैसा कहु करते रहना है

आयुस बैग के पास जाता है और बैग पीठ पे लेके भाला हाथ मे लिये आयुस सभी को देख - मेरे पीछे चलते रहना आप सब

अमृता - लेकिन बेटा हम जायेंगे कहा
बिनीता - हा हम जा कहा रहे है
आयुसी आयुस के गले लग - भाई बहोत डर लग रहा है
आयुस बाहों मे भर - गुरिया तु बहोत बहादुर है डर मत मेरे साथ चलते रहना मे किसी को कुछ नही होने दुगा
आयुसी - ठीक है भाई

आयुस - हम पहले हमे ये जानना होगा हम अभी कहा है और किस तरफ जाना है उसके लिये हमे किसी उचे जगह या किसी ऐसे पेर देखना होगा जिसके उपर चड मे देख सकु उसके बाद ही आगे का प्लान बना पायेंगे

अमृता सभी - ठीक है
आयुस - ठीक मेरे पीछे पीछे चलो और हा ध्यान से कदम रखना देख कर और अपने आप को कोई जखम होने मत देना यहा छोटी जखम हमारे लिये मुश्किल पैदा कर सकती है

सभी - समझ गये
आयुस सब को देखता है फिर एक तरफ देख भाला आगे कर झारिया साइड करते हुवे अच्छे से चारों तरफ देख आगे बढ़ने लगता है पीछे आयुसी बिनीता अमृता भी आयुस के पीछे चलने लगते है

आयुस मन मे - अच्छा हुआ मेने कई survival वीडियो देख रखी थी तो मुझे किया करना है अच्छे से पता है और तुम कमीने मुझे पता है तुमने मुझे ये बैग हथियार कियु दिये लेकिन मे हार नही मानुगा और तेरे दिये ये सब चीजो से मेरा काम आसान हो जायेगा मे जरूर अपनी मा बुआ बहन के साथ जिंदा इस जंगल से बाहर निकलुगा

आयुस आगे आगे रास्ते मे आने वाले झारियो को साइड कर रास्ता बनाते हुवे चल रहा था पीछे अमृता बिनीता आयुसी डर तो अभी भी अमृता बिनीता आयुसी को लग रहा था आयुस ये जानता था पर बेचारा आयुस भी कर किया सकता था

आयुस को बहोत मुश्किल हो रही थी झारिया इतनी बरी थी थी उसमे सब खो जाते रहे थे और आयुस को ये डर सता रहा था कोई साप पे पैर ना रख दे इस किये आयुस बहोत सावधानी से अच्छे से रास्ते को देख झारिया साइड करते चल रहा था आयुस को पता था उसे जिंदा सही सलामत रहना होगा अगर उसे कुछ हुआ तो सब यही खतम हो जायेंगे

तभी आयुस कुछ देख एकदम से रुक जाता है आयुसी - भाई किया हुआ
आयुस - अजगर है रास्ते मे
आयुस की बात सुन सब बहोत डर जाते है

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आयुस अजगर को देखते हुवे - डरो नही छोटा है तो कोई दिकत नही है
अमृता डरते हुवे - बेटा संभल के
बिनीता - हा लाला संभल के कहा फस गये हम है उपर वाले
आयुस भाले से अजगर के पास मारता है अजगर जंगल रास्ते से हट झारियो मे चला जाता है

आयुस पीछे देख - मा बुआ गुरिया याद रहे ये जंगल है हर कदम पे खतरा है कई साप हमे दिखाई देगे लेकिन हमे डरना नही है जब तक हम उन्हे परेसान या उनके उपर पैर नही रखते तब तक हमे उनसे कोई खतरा नही है समझ आप समझ गये

सभी - हा समझ गये

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आयुस फिर आगे रास्ता बनाते हुवे चारों तरफ देखते हुवे चलने लगता है पीछे आयुसी अमृता बिनीता भी डरे चारों तरफ देखते हुवे चल रहे थे चारों तरफ जंगल बरे पेर झारिया अजीब गरीब आवाजे सुनाई दे रही थी

2 घंटे चलते चलते आखिर कार आयुस सभी एक ऐसे जगह आते है जहा बरी घने झारिया नही थी छोटे जंगली पेर थे बाकी बरे बरे पेर तो हर तरफ थे

आयुसी आयुस के पास जाके - भाई मे थक गई और नही चला जायेगा
अमृता बिनीता - हा हम भी थक गये है

आयुस सभी को देख - ठीक है हम थोरा आराम कर लेते है

आयुसी को पिसाब लगी हुई थी तो आयुसी एक झारियो की तरफ जाने लगती है आयुस - कहा जा रही हो

आयुसी - वो भाई
आयुस हालात समझ - ठीक है जायदा दूर मत जाना
आयुसी - जी

आयुस - बैग से पानी का बोतल निकाल अमृता बिनीता को देते हुवे - थोरा थोरा पानी पी लीजिये हम जंगल मे है तो पानी बचा के चलना होगा

अमृता बिनीता एक पेर के पास बैठ थकी हालात मे बोतल लेके पानी पीते है

अमृता - बेटा कोई हमे जंगल मे छोर गया कोई भूत तो लेके नही आयेगा
बिनीता - हा कोई तो हमे इस जंगल मे लेके आया है लेकिन कियु भला हमसे किया दुश्मनी होगी
अमृता - अगर कोई दुश्मनी होगी भी तो हमे आराम से मार सकता था इस जंगल मे लानें की किया जरूरत थी
आयुस - मा बुआ मुझे भी नही पता फिल्हाल ये सब सोचना बंद करे पहले जरूरी है इस जंगल से बाहर निकलना

अमृता बिनीता - तुम सही केह रहे हो

आयुस भी एक जगह बैठ जाता है

अयुसी थोरि एक पेर के पीछे नारा खोल बैठ पिसाब करने लगती है
अयुसी सूट सलवार मे थी

आयुसी पिसाब करते हुवे चारों तरफ देख डरते हुवे - कहा फस गये हम

अयुसी पिसाब कर आयुस के पास आके बैठ पानी पीती है फिर - भाई चारों तरफ जगल है और ये दरवानी अजीब आवाजे

अमृता चारों तरफ देख - ये जंगल अजीब आवाज मेरे रूह को कपा रही है
बिनीता चारों तरफ देख - हर तरफ घने झारिया पेर है मुझे तो बहोत डर लग रहा है लाला अब आगे किया करना है

आयुस फोन निकाल टाइम देख - अभी 12 बजे है हमे एक ऐसी जगह जाना होगा जो खुला हो वही हम रात रुकेंगे

आयुस बैग खोल अंदर देखते हुवे उस कमीने ने एक दिन का खाना पानी भी रखा है उसके बाद मुझे खुद खाने के लिये कोई शिकार करना होगा पानी का भी इंतज़ाम करना होगा


एक अंजान जगह के एक कमरे के कोई बंदा बैठा फोन मे बाते कर रहा था बिस्तर पे एक लरकी नंगी परी हुई थी

अंजान - काम हो गया ना
बंदा - जी सर लेकिन
अंजान - लेकिन किया
बंदा - लेकिन ये की आपने उसे बैग मे जो समान दिये वो उनके लिये फायेदे मंद साबित हो सकते है

अंजान हस्ते हुवे - अरे पागल छोटे हथियार एक दिन का खाना पानी ही तो हा जंगल मे वो सब हथियार बोतल सब बहोत काम आयेगे लेकिन तुम भूलो मत मे नही चाहता उनमेसे कोई मरे मेने बस वो समान दिया ताकि जी भर कोसिस कर ले जंगल से बाहर निकलने का लेकिन निकल नही पायेंगे बिना खाना पानी उपर से जंगल मे जंगली जानवर जहरीले साप किरे से जीतने दिन अपने आप को बचा के रख पायेंगे जब हिम्मत टूटेगी जब जंगली जानवरो जेहरीले सापो से सामना होगा तो वो हार मान मेरे सामने घुटने टेक देगे जो मे चाहता हु फिर मुझे वो मिल जायेगा जो मुझे चाहिये

बंदा - समझ गया
अंजान - याद रहे मेरे पापा को कुछ भी पता ना चले
बंदा - आप बेफ़िकर रहिये

फोन कट

जंगल मे

आयुस - खरा होके हमे अब चलना चाहिये
आयुसी अमृता बिनीता खरी होके - ठीक है
आयुस अयुसी के सर पे हाथ फेर - डर लग रहा है
आयुसी अयुस के सीने पे सर रख - हा लेकिन मुझे पता है मेरा भाई मेरे साथ है तो मुझे कुछ नही होगा
आयुस मुस्कुराते हुवे - बिल्कुल

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आयुस फिर आगे पीछे सब चलने लगते है इस बार बरे झारिया नही थे तो सभी को चलने मे आसानी हो रही थी आयुसी अमृता बिनीता सभी उपर देख रहे थे बरे बरे लम्बे पेर से के वजह से आसमान भी दिख नही रहा था

2.30 घण्टे चलने के बाद आयुस सभी समुंदर के किनारे आते है एक भयानक खतरनाक जंगल से होके अब एक खूबसूरत जगह पे सब आ गये थे खूबसूरत नजारा था समुंदर की लहरे किनारे से टकरा रहे थे समुंदर का पानी पूरा साफ था सभी समुंदर के किनारे आके खरे हो जाते है और सब भूल खूबसूरती मे खो जाते है
आयुस समुंदर की तरफ देखता है तो दूर दूर सिर्फ समुंदर ही दिखाई दे रहा था

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आयुसी समुंदर आस पास के नजारे को देख - भाई कितना खूबसूरत नजारा है ना ( आयुस - हा बाहर खूबसूरत है
अमृता नजारे को देखते हुवे - किसने सोचा था भयानक जंगल से आने के बाद हम इतनी खूबसूरत नजारे को देखेंगे
बिनीता - भाभी खूबसूरत नजारा तो है लेकिन मुझे अब राहत मिली जंगल झारियो मे मेरी तो डर के मारे हालात खराब थी लेकिन अब खुले आसमान इतनी खूबसूरत सांत जगह देख राहत मिली
अमृता - मुझे भी


आयुस पानी मे जाता है थोरा सा और खरा हो जाता है आयुसी भी आयुस के पास जाके पानी पे खरी हो जाती है

पीछे अमृता बिनीता से - मुझे लगी है मे करने जा रही हु
बिनीता - भाभी मुझे भी लगी है
अमृता - ठीक है चलो

अयुसी समुंदर देखते हुवे - भाई दूर दूर तक तो सिर्फ समुंदर ही दिखाई दे रहा है हम हम किया करेगे
आयुस समुंदर को देखते हुवे - गुरिया दो रास्ते है हमारे पास
आयुसी - कोन सा दो रास्ते भाई

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आयुस - पहला हम यही इस जगह पे रहे और कोई शिप कोई मदद आने का इंतज़ार करे और दूसरा की हम जंगल के बीच से होते हुवे इस जंगल से बाहर निकले

अमृता आयुस के पास आते हुवे - अगर हम यही रुके किसी के आने के इंतज़ार मे किसी शिप के इंतज़ार मे तो किया लगता है हमे कितना दिन रुकना परेगा इस जगह पे

बिनीता भी आयुस के पास आके - दूसरा जंगल के बीच होके जाने मे बहोत खतरा है हर कदम पे कुछ भी हो सकता है सब से बच भी गये तो हमे नही पता जंगल पार करने मे कितना समय लगेगा

आयुस सब को देख - चलिये बैठ के बात करते है

सभी एक जगह बैठ जाते है..

आयुस अमृता को देख - मा आपने जो सवाल किया उसका जवाब ये है की मुझे भी नही पता कितना दिन यहा रुकना परेगा कोई शिप इंसान यहा कब तक आयेगा लेकिन मुझे यकीन है कब कितने दिन नही पता लेकिन यहा से शिप तो गुजरेगी ही कोई ना कोई आयेगा ही

आयुस बिनीता को देख - बुआ आपने भी जो कहा सही कहा जंगल के बीच से अगर हम जाते है तो हर कदम पे खतरा है कब किया हो जाये नही पता दूसरी हमे कई बरे पहार् खतरनाक रास्ते से होके जाना परेगा साथ मे खाना पानी भी उतना लेके चलना परेगा सब कर भी लेते है फिर भी कितना दिन लगेगा जंगल से बाहर निकलने मे ये केहना मुश्किल है तो आप लोग बताये किया करना है

आयुस की बात सुन अमृता बिनीता आयुसी सोचने लगते है थोरि देर बाद अमृता - बेटा तुम्हे यकीन है इस रास्ते से कोई इंसान जायेगा
आयुस - हा ये समुंदर का रास्ता है जाहिर है कोई ना कोई शिप इंसान जायेगा ही लेकिन कब नही पता

बिनीता - बेटा तुम ही बताओ किया करना है

आयुस सोचते हुवे - मुझे लगता है हमे यही इस जगह रह किसी के आने का इंतज़ार करना चाहिये जंगल से जाने मे बहोत खतरा है खाना पानी लेके चलना होगा खतरे से भरे रास्ते मे तो जंगल से जाने मे बहोत रिस्क है

आयुसी - भाई आपके जो कहा वही करते है यही रुक किसी का इंतज़ार करते है मे फिर उस भयानक जंगल के अंदर नही जाना चाहती

अमृता बिनीता कापते हुवे - मे भी नही

आयुस सब को देख - हु ठीक है फिर यही रुकेंगे किसी के आने का इंतज़ार करेगे जब तय हो गया है तो अब हमे रहने के लिये छोटा घर जैसा कुछ बनाना होगा ये जंगल है यहा बारिस होती रहती है और रात मे ठंडी बढ़ जाती है मुझे नही पता यहा कितना दिन महीने रुकना होगा लेकिन हम हार नही मानेंगे

अमृता बिनीता आयुसी - हा हार नही मानेंगे

आयुस बैग नीचे रख camping in alibaug निकाल समुंदर से 20 कदम दूर कैप लगाने लगता है आयुस अमृता सब मदद करते है काम हो जाने के बाद आयुस मन मे - कमीने का दिया समान बहोत काम आयेगा साले तु सोच रहा होगा हम भूख प्यास जंगली जानवर से हार मान डर के तेरे सामने घुटने टेक देगे लेकिन ये होने से रहा पानी खाने का इंतज़ाम तो मे कर ही लूंगा आज survival वीडियो देख जो जाना सिखा अब काम आयेगा

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अयुसी - भाई हम सब एक साथ ही सोयेंगे ना
आयुसी - हा कियुंकी यही एक है हमारे पास दूसरी साथ सोयेंगे तो रात को ठंडी कम लगेगी
अमृता बिनीता - हु तुने बात तो सही कही
आयुस - अब हमे लकरि लाके रखना होगा ताकि रात को हम आग जला सके
अमृता मिनिता आयुसी - हा समझ गये

अयुस समुंदर को देखते हुवे मन मे - बस उमीद है जल्दी कोई इस रास्ते से गुजरे या कोई यहा भूमने आये

आयुस चलो थोरा अंदर जाके सुखी लकरी लेके आते है

आयुस फिर सभी के साथ थोरा अंदर तक जाता है
आयुस - मा बुआ आप दोनों लकरि इकठा करो मे बैठने के लिये टेबल का इंतज़ाम करता हु और हा ज्यादा दूर अंदर मत जाना

अमृता बिनीता- ठीक है

आयुस आयुसी को देख - गुरिया मेरे साथ थोरा आगे चलो

आयुसी - जी भाई

आयुस एक पेर को देखता है जो गिरा और सुखा भी था पेर मोटा था लेकिन जितना मोटा आयुस को चाहिये था

आयुस कुल्हारी से काटने लग जाता है जंगल मे कट कट की आवाजे गुजने लगती है 40 मिनट मेहनत करने के बाद आयुस का चेहरा पसीने से भीग जाता

आयुस आयुसी को देख गुरिया हो गया अब इस लकरि को लेके जाना है

आयुसी आयुस के पास आके अपने दुप्पटा से आयुस का पसीना साफ करते हुवे - कितना थक गये आप हराम से करते

आयुस मुस्कुराते हुवे - रात होने वाली है इस लिये

अमृता बिनीता आते हुवे - हमने भी सुखी लकरि लेली है
आयुस - गुरिया छोटा लरकी उठा को बाकी ले लेता हु
आयुसी - ठीक है भाई

आयुस फिर सभी के साथ अपने कैप के पास आ जाता आयुस फिर छोटे छोटे पथर उठा के लाता है और कैप के पास गोल रख उसके बीच लकरि रख देता है फिर आयुस लरकी काट कर लाया था उसे रख देता है ताकि बैठा जा सके रात हो चुकी थी आयुस लाइटर से आग लगा देता है सीन कैपिंग वाला लग रहा था पर बेचारे फसे थे

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आयुस - मा बुआ गुरिया बताओ कैसा लग रहा है
अमृता सामने देख - मस्त है बेटा आग और दोनों तरफ बैठने का इंतज़ाम मस्त किया है
बिनीता - हु सच मे लाला तुने कमाल कर दिया
आयुस - उसके किये भाई ने बहोत मेहनत की है

आयुस सभी को देख गाल आगे कर - तो चलो मेहनत का फल मुझे दो
खतरनाक हालात मे भी आयुस की बात सुन सब भूल मुस्कुराते हुवे एक एक कर आयुस के गाल पे किसी देते है

आयुस - हु मजा आया अब चलो बैठ बाते करते है फिर खाना खाके सो जायेंगे

आज के लिये इतना ही 🙏🙏🙏
 
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