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chapter 3


रात हो चुकी थी जंगल से अजीब गरीब आवाजे और तेज हो चुके थे आयुस सभी आग के दोनों तरफ बैठे हुवे बाते कर रहे थे आयुस के साथ आयुसी bathi हुई थी दूसरी तरफ अमृता बिनीता बैठे थे
अमृता - जंगल से अब और तेज भयानक आवाजे आने लगी है
बिनीता - हा भाभी मुझे तो ये सोच कर ही डर लग रहा है अगर हमे जंगल के अंदर सोना होगा तो उफ सोच मेरा शरीर काप् रहा है ये तो अच्छा है हम जंगल के किनारे इस समुंदर के किनारे है
आयुसी - बुआ आपने सही कहा यहा उतना डर नही लग रहा खुला आसमान खूबसूरत जगह है बस पीछे जंगल आगे समुंदर के बीच हम फसे है

आयुस आयुसी को बाहों मे लेके - चिंता मत करो हम अपने घर सही सलामत जायेंगे
आयुसी अयुस को देख - आप है तो चिंता कैसी

अमृता - अरे मे भूल ही गई अब याद आया घर पे कोई नही है गाय बकरी का किया होगा
बिनीता - अरे हा वो तो भूखे मर जायेंगे
आयुस - चिंता मत कीजिये जब गाय बकरी को जायदा भूख लगेगी तो वो आवाजे करेगे चिल्लायेगे तब हमारे परोसी जरूर देखने आयेगे
अमृता राहत सास लेते हुवे - हा ये तो तुमने सही कहा
बिनीता - तो किया किसी को पता चलेगा हमारे साथ किया हुआ है
आयुस - मुश्किल है लोगो को लगेगा हम कही गये हुवे है लेकिन अगर किसी को लगता है की हमारे साथ कुछ हुआ है फिर भी कोई फायदा हमे नही होगा मान लो बात पुलिस तक जाती भी है तो पुलिस गाव आस पास सहर हर जगह तलास करेगी लेकिन इस जंगल मे कोई नही आयेगा यानी हमे खुद अपने आप को बचाना है यहा से निकलना है
अमृता बिनीता - बात तुमने सही कही

आयुस बैग लेके आता है अंदर सब के लिये एक एक खाने का बॉक्स था जिसमे बिरयानी थी आयुस सभी को देते हुवे - ये लास्ट है इसके बाद हमे शिकार करना होगा खाने के लिये

सभी खाना लेके खाने लगते है
अमृता - शिकार लेकिन कैसे करोगे
आयुस - करना ही होगा आप चिंता मत करो मा जंगल मे बहोत कुछ मिल जायेगा
आयुसी - तो हमे जंगली जानवर खाने होगे
आयुस अयुसी को देख - गुरिया जिंदा रहने के लिये कम परेगा जो मिल जाये खाना परेगा
अयुसी - हु समझ गई भाई

सभी खाना खाते है

अमृता - उफ बहोत ठंडी लग रही है
बिनीता - हा रात होते ही ठंडी बढ़ गई है
आयुस - हा जंगल मे रात को ठंडी बढ़ जाती है
अयुसी - भाई सोने चले
आयुस - हा चलो

फिर सब कैप के अंदर जाते है आयुस सभी बिस्तर पे लेत जाते है आयुसी आयुस को पकर चिपक कर लेत जाती है और बिनीता भी आयुस के बगल मे थी

अमृता - वाह तुम दोनों तो चिपक गये मे किससे चिपकु
आयुसी हस्ते हुवे - मे तो भाई के साथ ही सोउंगी
बिनीता - भाभी आज मे कल आप
अमृता - कोई बात नही ननद जी आप सोये

एक बरी चादर थी उसे ही सब ओर लेते है फिर सो जाते है

सूरज की रोसानी के साथ सुबह होती है सभी उठ कर बाहर आके फिर खूबसूरत नजारे देखने लगते है समुंदर के ऊपर सूरज की लालिमा फैली बहोत खूबसूरत दिख रही थी

आयुस - एक रात जंगल मे गुजार लिये
अमृता - हु

उसके बाद सब अपना हल्का होते है फरेस् होने के बाद आयुस बैग खोलता है उसमे मछली पकरने का काटा डोरी के साथ एक रबर भी था जिसे देख आयुस मन मे - कमीने इतना सब देने का सुक्रिया लेकिन तुने जो किया उसका बदला तो मे लेके रहुंगा

आयुस - गुरिया मेरे साथ चलो मुझे शिकार करने के लिये कुछ हथियार बनाने के लिये अच्छी डाली काट के लानी है बुआ मा आप यही रुको

अमृता बिनीता - ठीक है

आयुस आयुसी जंगल के थोरा अंदर जाते है सब चारों तरफ देख चल रहे थे साथ मे आयुस हर छोटे पेर की डाली को देख रहा था
20 मिनट बाद आयुस को जो चाहिये था मिल जाता है आयुस डाली काट के ले लेता है

अयुसी - भाई अब हम चले
आयुस - हा
तभी आयुस को कुछ आवाजे सुनाई देती है

आयुस - ये आवाजे
आयुसी डरते हुवे - किया हमारे आस पास कुछ है
आयुस - नही रे ये आवाजे तो कही सुनी सुनी है अरे हा ये तो झरने की आवाजे है गुरिया चलो मेरे साथ
आयुसी - जी भाई

आयुस आयुसी 12 मिनट चलने के बाद सामने का सीन देखते रह जाते है सामने वाटरफाल था यानी झरना खूबसूरत नजारा था आयुस ये देख बहोत खुश हो जाता है
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आयुस पास आके बहता साफ पानी देख - गुरिया पानी का इंतज़ाम हो गया ये झरने का पानी साफ है हम पी सकते है दूसरी इस जगह पे नहा सकते है बिना खतरे के समुंदर मे नहाना बहोत खतरनाक है

आयुसी - हा भाई आपने सही कहा यहा नहाना अच्छा रहेगा खूबसूरत जगह भी है

आयुस - चलो चलते है बाद मे आके नहायेगे पानी पीने का लेके भी जायेंगे
आयुसी - हा

आयुस फिर कैप के पास आके बैठ चाकू से डाली को काट हथियार शिकार करने के लिये बनाने लगता है बाकी सब बैठे देखते रहते है
1 घंटे बाद अभय ने हथियार बना लिया था शिकार करने के लिये
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एक था धनुष तीर दूसरा गुलेल ये दोनों शिकार करने के लिये बहोत काम आने वाला था

अमृता - तुने ये कैसे बनाया बेटा
बिनीता - हा तुने बरे आराम से बना दिया
आयुस मुस्कुराते हुवे - मेने वीडियो मे देखा था याद था बना लिया
आयुस - भाई आप कमाल है

आयुस - अरे हा मा बुआ हमे एक झरना मिला है जहा हम नहा भी सकते है पानी पी भी सकते है बस अब शिकार करना होगा जो मे कर लुगा

अमृता - ये तो बहोत अच्छी बात है इस जंगल मे पानी मिल गया
बिनीता - शिकार तु कर ही लेगा

आयुस - हु

10 बज रहे थे आयुस सभी को लेके झरने के पास आता है
अमृता बिनीता - बहोत खूबसूरत जगह है

आयुस किनारे जाके छोटे गोल पथर् ढुंढ कर पॉकेट मे रखने लगता है 40 पथर् लेने के बाद

आयुस सभी को देख - मा बुआ गुरिया मे जा रहा हु आगे शिकार करने आप सब नहा लो और हा एक ही कमरे है याद रखना

आयुस चला जाता है जंगल के अंदर

अमृता - एक कपड़े है तो हमे बिना कपड़े नंगे नहाना होगा
बिनीता - भाभी हालात ही ऐसे है
आयुस - हु भाई गये है आने से पहले हम नहा लेते है

सर्म रो तो सब को आ रही थी लेकिन हालात ऐसे थे जहा सर्म नही हालात के हिसाब से चलना था

आयुस जंगल के अंदर आता है हाथ मे गुलेल लिये पीठ पे धनुष रखे आयुस धीरे धीरे चल पेर पे चिरिया को देख रहा था कई चिरिया थे साफ है जंगल है जहा कोई इंसान नही लेकिन चिरिया जानवर भरे परे है

अभय एक चिरिया को देख गुगेल मे पथर् रख निसाना लगा के चला देता है लेकिन चिरिया के पास से चला जाता है चिरिया भी आवाज सुन भाग जाती है

आयुस - धत आधे घंटे निसाना लगाने की परेस्टिक् की फिर भी

आयुस आगे एक और चिरिया को देख निसाना लगाता है इस बार लग जाती है चिरिया नीचे गिर जाती अभय उठा के खुश होके अपने कमर के लगे लकरी से बनाया मास्केत मे रख लेता है अभी आयुस पुरा जंगली शिकारी लग रहा था

आयुस ऐसे ही 10 चिरिया का शिकार कर लेता है 25 मिनट मे

आयुस - हु इतना काफी है आज के लिये जंगल है तो शिकार की कमी नही है

आयुस फिर अपने लोगो की तरफ चल देता है तभी आयुस को सामने खरगोस् दिखाई देता है आयुस खरगोस् को देख रुक जाता है और अपना तीर कमान निकाल धनुष पे तीर लगा के घुटने पे बैठ सांत होके खरगोस पे अच्छे से निसाना लगा के छोर देता है
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खरगोस् आराम का ध्यान नही था उसे पता नही था एक तीर उसकी तरफ आ रहा है तीर आके सीधा खरगोस् के पेट मे जाके लगती है खरगोस् खतम आयुस पास जाके उठा के रख लेता है

आयुस - माफ करना जिंदा रहने के लिये मुझे शिकार करना होगा

आयुस अपनी मा सब के पास आता है सभी आयुस को देखते फिर शिकार को देखते है

अमृता - तो तुने शिकार कर ही लिया चिरिया खरगोस् को देख मुझे दया आ रही है

बिनीता - भाभी लेकिन हमारी मजबूरी है
आयुस - हु मजबूरी नही होती तो भाई उन्हे मारते हु कियु
अमृता - हु समझ सकती हु तुम सब सही को

आयुस - अच्छा तो आप लोगो ने नहा लिया तो अब मे जा रहा हु आप लोग जाये

बिनीता हस्ते हुवे - ठीक है जल्दी आ जाना
अमृता मुस्कुराते हुवे - चलो गुरिया
आयुसी - हु

आयुस पहले सभी चिरिया के पंख निकाल साफ करता फिर नँगा होके नहाने लगता है आयुस अपना लंड पकर - उफ रीमा ऑन्टी आपकी बहोत याद आ रही है उफ लेकिन आयुस लंड हिलाना छोर नहा के बाहर आता है कपड़े पहन अपना शिकार लेके कैप के पास आता है


आयुस आग जला के चिरिया को एक लम्बे लकरि मे लगा के आग के ऊपर रख पकाने लगता है बाकी सब बैठे देखते रखते है भूख तो सब को लगी हुई थी एक एक कर आयुस सब चिरिया को पका देता है एक एक अमृता बिनीता आयुसी को देता है एक खुद रख बाकी चिरिया खरगोस् को अच्छे से रख देता है बाकी चिरिया रात के लिये खरगोस् सुबह के लिये


सभी के हाथ मे पका चिरिया था आयुस तीनों को देख - अरे मसाला भूल गया आयुस मसाला निकाल सब पे डाल देता है हा अब खाओ

लेकिन अमृता बिनीता आयुसी खाने से कटरा रहे थे

आयुस सभी को देखता है फिर खुद पहले एक बाइट लेता हुवे खाता है आयुस - वाह बहोत अच्छा स्वाद है मजा आ गया

आयुस को मजे से खाते देख सभी को भी रहा नही जाता सभी भी खाने लगते है

अमृता - हु सच मे बहोत अच्छा स्वाद है मजा आ गया
बिनीता - हु सही कहा भाभी मुर्गी से अच्छा स्वाद है
आयुसी - हु सच मे मजा आ रहा है
आयुस मुस्कुराते हुवे - मजा आये ना आये खाना तो परेगा ही वैसे चिरिया कोई भी हो खाने मे अच्छा ही लगता है

20 मिनट बाद

खाना पीना हो चुका था

अमृता - उफ खाना पीना तो हो चुका अब क्या
आयुस - हु अब कर ही किया सकते है घुमेगे बाते करेगे ऐसे ही टाइम पास कम होगा

बिनीता - हु उसके अलावा कोई रास्ता भी तो हमारे पास नही है
आयुसी - बुआ अपने सही कहा पता नही और कितने दिन यहा रहना परेगा

पास्ट

आयुस राज के घर 1 दिन बाद दोपहर को जाता है आयुस अंदर जाता है और राज को आवाज लगाता है

रीमा कमरे से बाहर आती है और आयुस को घूर के देखती है

आयुस नजरे नीचे कर - वो ऑन्टी माफ करना मुझे पता नही था आप
रीमा - कोई बात नही मुझे पता है तेरी गलती नही थी
आयुस - हु वैसे राज कहा है
रीमा - कहा होगा अपने बेकार दोस्त के घर
आयुस - अरे आप मुझे बेकार केह रही है
रीमा मुस्कुराते हुवे - तु नही रे उसके बाकी दोस्त को बोला
आयुस - अच्छा मे चलता हु वैसे ऑन्टी आप खूबसूरत तो बहोत है लेकिन उस दिन जो देखा तो सच मे आप कयामत लग रही थी इस उमर मे भी आपकी बॉडी फिट है सब कुछ बहोत खूबसूरत कमाल का था

रीमा डंडा लेके आयुस की तरफ आते हुवे - कमीने रुक तुझे मे बताती हु

पर आयुस तो तेजी से भाग जाता है

रीमा - कमीना वैसे किया मे इतनी खूबसूरत छी किया सोचने लगी फिर आ तू कसम से बहोत मरुगी


परजेंट

करने को कुछ था नही जंगल मे जो फसे थे आस पास घूम बाते कर बाते करते साम हो जाती है

आयुस बैठा एक पथर् पे बैग से मछली वाला काटा धागा निकाल अच्छे से बाँध कर लेता है

आयुसी - भाई आप मछली पकरने वाले है

आयुस - हु कियुंकी हम जंगल मे तो जो मिल जाये सामने समुंदर है पीछे जंगल मछली चिरिया जानवर की कोई कमी नही है बस हमे पका के खाना होगा ना रोटी चावल कुछ नही

आयुसी - हु रोटी चावल बिना उफ कैसे कटेगी दिन रात
आयुस मुस्कुराते हुवे - जिंदा बाहर निकल गये यही बहोत है फिर घर जाके जी भर खायेंगे

अमृता - हु हमे हालात के हिसाब से ढलना होगा
बिनीता - ह आपने सही कहा भाभी अब हमे पका मास मछली ही खाके जिंदा रहना है
आयुस - बिल्कुल सही

आयुस - मेने एक घेरा बनाया था पथर् से झरने के पास ताकि कोई छोटी मछली फस सके जाके देखना होगा

आयुसी - छोटी मछली का किया करेगे हम
आयुस - पागल इस काटे मे लगा के बरी मछली पकरने के लिये
आयुसी - अच्छा
आयुस - मे जाके देखता हु
बिनीता - मे भी चलती हु
आयुस - हु

आयुस को समुंदर के किनारे से एक पुरानी पानी का बोतल मिला था उसे ले लेता है फिर बिनीता के साथ झरने की तरफ निकल परता है
कैप से झरने तक जाने मे 30 मिनट के पास लग ही जाते थे

आयुसी अमृता बैठे बाते करते हुवे समुंदर को देख रहे थे
अयुसी - मा भाई हमारे साथ नही होता तो हमारा क्या होता
अमृता - तो हम एक हफ्ते भी जी नही पाते
आयुसी - हु
अमृता - लेकिन लाला है तो हमे डरने की जरूरत नही है
आयुसी- आपने सही कहा कहा मा भाई को अच्छे से पता है जंगल मे कैसे जिंदा रहना है
अमृता मुस्कुराते हुवे - सही कहा

आयुस बिनीता पहुँच जाते है आयुस पथर से गोल घेरा बनाया हुआ था बस एक जगह ठोरी सी जगह छोर दी थी ताकि मछली अंदर आ सके
आयुस देखता है 3 मछली जो 2 या 3 इंच के थे फसे थे आयुस देख खुश हो जाता है

आयुस मछली को पकर पानी के बोतल मे रख देता है

बिनीता - तीन मछली छोटी मछली से से बरी मछली पकर पाओगे
आयुस - ये तो किस्मत के ऊपर है काटे मे कई बार मछली चारा खा के भाग जाती है नही फस्टि लेकिन कई बार फस भी जाती है ये तो सुबह पता चलेगा चले

बिनीता मुस्कुराते हुवे - हा चलो
आयुस - जब आप घर नही जायेगी तब फूफा जी बेचैन होके फोन करेगे लेकिन फोन नही लगेगा फिर घर आयेगा वहा हम नही होगे फिर फूफा पुलिस के पास जायेंगे उसका भी कोई फायदा नही होगा तो फूफा लास्ट मे परेसान हो जायेंगे आपके बिना
बिनीता - हु तुमने सही कहा लेकिन हम कर भी किया सकते है


आयुस बिनीता कैप के पास आ जाते है

अयुसी - भाई कितने मिले
आयुस दिखाते हुवे - तीन मिले इतना ही मुझे चाहिये था

रात हो चुकी थी आयुस एक मछली निकाल काटे मे लगा के पानी मे थोरा दूर फेक देता है आयुस दूसरे काटे को भी मछली लगा के फेक देता है दोनों काटे के मछली जिंदा थे तैर रहे थे

आयुस फिर एक लकरि जमीन के अंदर तक धसा के उसमे डोरी बांध देता है
आयुस - चलो ये काम तो हो गया उमीद है एक मे भी कोई बरी मछली फस जाये

आयुस फिर सब के पास आके आग के सामने बैठ जाता है

अमृता - हो गया
आयुस - हा
बिनीता - देखते है सुबह तक कोई मछली फसती है या नही
आयुसी - भाई ने लगाया है जरूर फसेगी

अमृता - तुझे तो भाई का सब काम मे हा ही रहता है
आयुसी आयुस के कंधे पे सर रख - कियुंकी भाई बेस्ट है
आयुस मुस्कुरा देता है


पास्ट

आयुस रीमा से जो कहा उसके बाद 4 दिन तक आयुस राज से मिलने जाता था लेकिन घर के अंदर रीमा के सामने नही जाता था बेचारा डरा जो था

आज भी आयुस साम को राज के घर के बाहर खरा होके आवाज लगा रहा था तभी रीमा बाहर आके आयुस को देख - अंदर आ नही तो तेरी मा को बता दुगी

आयुस डर के - जी
. आयुस अंदर जाता है रीमा आयुस को पकर - बचु आज हाथ लगा है अब तेरा क्या होगा क्या बोला था उस दिन है फिर से बोल

आयुस डरते हुवे - जो मेने कहा सही ही कहा ऑन्टी
रीमा - अच्छा क्या
आयुस रीमा को एकदम से बाहों मे भर - हा आप को नँगा सब देखा आपकी बॉडी सब कमाल की खूबसूरत है फर्क नही परता आप मुझे मारे गुस्सा करे पर मा को मत केहना

रीमा हैरान होके आयुस को देखती है फिर सर्म से - अच्छा ठीक है माफ किया अब छोर मुझे

आयुस मन मे - हु मुझे तो आपकी चुत मारनी है डरने से नही मिलेगी
आयुस रीमा को छोर - वैसे ऑन्टी खूबसूरत तो आप बहोत है बॉडी भी कमाल की है देख कर लगता है आप अभी 26 की है

रीमा हस्ते हुवे - पागल 26 की नही हु तेरी माँ से छोटी हु बस
आयुस मुस्कुराते हुवे - लोग सही केहते है औरते अपनी उमर नही बताते
रीमा मुस्कुराते हुवे - बिल्कुल सही केहते है

आयुस मुस्कुराते हुवे - उस दिन मेरी किस्मत अच्छी थी उफ आपका हुस्न देखने को मिल
रीमा सर्म से - ओये हद मे रह मार खानी है
आयुस रीमा के होठो पे जल्दी से किस कर भागते हुवे - मार नही किस चाहिये था जो मेने ले लिया

रीमा हैरान शोक अपने होठ पे उंगली रखते हुवे - कमीना अब तो पक्का तुझे मरुगी

रीमा का शरीर काप् गया था

पर्जेंट

खाने का समय हो गया था

आयुस - मेने एक अच्छी जगह पे बरी सी डंडे पे कपड़े का टुकरा बांध दिया है ताकि कोई पास से गुजरेगा तो समझ जायेगा यहा कोई फसा है आज मे देखता रहा लेकिन कोई नही आया हु लेकिन कोई ना कोई आयेगा तो जरूर चलो खाते है फिर सोते है

सभी - हु

खाना पीना होने के बाद सब बिस्तर पे लेत जाते है अंधेरे मे कोई साफ एक दूसरे को देख नही सकता था आयुस के पास फोन था लेकिन बंद कर के रख दिया था

अमृता - किसने सोचा था एक दिन हम ऐसे हालात मे फसेगे और हमे इस जंगल समुंदर के बीच सोना परेगा उपर से चारों तरफ खतरा है जंगल से आने वाली भयानक आवाजे डरा देती है

बिनीता - हा मुझे भी आवाजे सुन बहोत डर लग रहा है लेकिन अब हमे रोज सुनना परेगा

आयुसी को अपने भाई से चिपक कर सोई थी

आयुसी - भाई है तो मुझे डर नही

आयुस - बिल्कुल गुरिया

फिर ठोरी बात के बाद सब सो जाते है

रात के 12 बजे सब गहरी नींद मे थे लेकिन बिनीता को ऐसा मेहसूस होता है जैसे उसके चुके कोई दबा रहा है जिसकी वजह से बिनीता की नींद खुल जाती है बिनीता फिल करती h ये सच मे हो रहा है कोई उसके चूचे पकर दबा रहा है

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बिनीता हैरान शोक दर्द मे मुह बंद कर - उफ आयुस बेटा तु कैसे मेरे साथ ये कर सकता है आह दर्द हो रहा है बेटा तुने ये कर मेरा दिल तोर मुझे दुख दिया है तू पाप कर रहा है रुक जा

तभी बिनीता को कुछ सुनाई देता है जिसे सुन बिनीता को झटका लगता है

आयुस नींद मे बिनीता के दोनों चूचे दबा रहा था

आयुस नींद मे चूचे दबाते हुवे - उफ रीमा ऑन्टी आपके चूचे तो आज बहोत टाइट बरे लग रहे है मुलायम भी उफ मजा आ रहा है आह

बिनीता हैरान शोक मन मे - क्या रीमा आयुस बेटे के बीच वो सब कैसे रीमा तुम अपने बेटे के ऊपर के लरके के साथ छी

आयुस - उफ आपकी चुत चुदाई करने मे मजा बहोत आता है आह कितनी गर्म चुत है आपकी चलो खोलो ना मेरा लंड आपकी चुत मे जाने के लिये बेचैन है आह

बिनीता हैरान शोक - छी कैसी कैसी बाते कर रहा है ये आह मा मेरे चूचे बहोत जोर से दबा रहा है उफ आह अब समझ मे आया आयुस बेटा नींद मे सब कर रहा है उफ मुझे लगा आह मा मुझे रोकना होगा

बिनीता आयुस के हाथ हटा के चूचे से दूसरी तरफ लेत जाती है आयुस भी अब आराम से सो जाता है

बिनीता अपने चूचे छुटे हुवे - उफ कितना जोर से दबा दिया दर्द हो रहा है यकीन नही हो रहा रीमा आयुस के बीच हाय मुझे तो यकीन करना मुश्किल हो रहा है रीमा कैसे आयुस से छी


आयुस जवान लरका था जब से रीमा की चुत मिलने लगी थी जब दिल करता मोक्का देख रोज एक ना एक बार चुदाई करता ही करता था रीमा भी आयुस के लंड लिये बगैर नही रह पाती थी लेकिन जंगल मे आने के बाद पहली बार आयुस को बिना चुदाई के रहना परा एसी लिये सपने आये

... आज के लिये इतना ही 🙏🙏🙏🙏😲
बडा ही शानदार लाजवाब और मदमस्त अपडेट है भाई मजा आ गया
 

Naik

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chapter 2

साम के तीन बज रहे थे आयुस अपने दोस्त के घर जा रहा था

आयुस - यार क्या जिंदगी है कोई लरकी भी नही मिल रही इसकी मा का सिंगल ही रहना परेगा किया हिलाते हुवे

आयुस ये केहते हुवे अपने दोस्त राज के घर के अंदर जाता है लेकिन सामने का सीन देख आयुस जम जाता आखे फटी रह जाती है सामने राज की मा रीमा आगन मे नंगी थी रीमा का पेटीकोट नीचे गिर गया था लेकिन रीमा जब पेटीकोट उठा के खरी होती है

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रीमा की नजर भी आयुस पे पाती जिसे देख रीमा भी हैरान जम जाती है फिर रीमा जोर से चिल्लाती है जिसे आवाज को सुन आयुस होस मे आता है और रीमा को देख -माफ करना ऑन्टी मे चलता हु

आयुस तेजी से भागते हुवे घर से बाहर निकल अपने दोस्त जहा हो सकते है जहा सब मिलते है वहा जाने लगता है आयुस मन मे - maa कसम ये किया देख लिया मेने बाप रे किया बॉडी है ऑन्टी भरा बदन बरे चूचे उफ बरी गांड फूली चुत इस उमर मे भी ऑन्टी कयामत है

आयुस को फिर एहसास होता है उसका लंड बहोत टाइट है जो बैठने का नाम नही ले रहा पहली बार आयुस ने किसी को नँगा देखा था तो ये होना ही था


वही रीमा कमरे मे आते सारी रेडी होते हुवे मन मे - मेरी बुरी किस्मत साली उसी वक़्त मेरे हाथ से पेटीकोट नीचे गिर गया हाय राम मेरा सब कुछ आयुस बेटे ने देख लिया मर गई किया सोच रहा होगा कैसे फिर मे उसके सामने जाउंगी

परजेंट

आयुस हैरान था खुद को खतरनाक जंगल मे पाके आयुस खरा होता है सामने देखता है उसकी मा बुआ बहन बेहोस जमीन पे परे है लेकिन आयुस की नजर एक बैग पे जाती है उस बैग पे एक कागज भी था

आयुस बैग के पास जाके घुटने पे बैठ पथर् हटा के उस कागज को उठा के देखता है तो उसमे कुछ लिखा था आयुस पढ़ने लगता है जैसे जैसे आयुस पढ़ते जाता है आयुस का गुस्सा आखे लाल नशे फूलने लगती है पूरा पढ़ने के बाद आयुस गुस्से से पागल होके कागज को फार के एक जोरदार चीख मारता है

आस पास आयुस के चिल्लाने की आवाज से चिरिया बंदर डर के भागने लगते है

आयुस गुस्से से बैग को देखता है बैग पे एक और चीज थी handheld radios था जिससे लोगो से संपर्क कर सकते थे यानी आयुस अभी चाहे तो मदद बुला के बाहर निकल सकता है लेकिन आयुस गुस्से से लाल handheld radios को उठाता है और खरा होके चिल्लाते हुवे एक पेर पे मार के तोर देता है

आयुस गुस्से से मुठी कसते हुवे - कसम उपर वाले की अगर मुझे पता होता तो मे तुझे जान से मार देता कमीने लेकिन तेरी किस्मत अच्छी थी मुझे कुछ पता नही था

आयुस अपनी मा बहन बुआ को देख - उपर वाले से दुवा करना मे निकलुगा इस जंगल से तो अपनी मा बहन बुआ के साथ ही और अगर नही निकल पाया तो यही इस जंगल मे सब के साथ मर जाउंगा पर किस्मत से हम जिंदा बाहर निकल आये तो मे चैन की सास जिंदा बचने का जसन् नही मनाऊँगा पहले तुझे मार नही देता तब तक चैन की सासे नही लूंगा दुवा कर हम यही मारे जाय बच गये तो तु मरेगा

जो तु चाहता है तुझे नही मिलेगा

आयुस मन मे - हमारे साथ ही ऐसा कियु हुआ ( आयुस maa बहन बुआ को देख) मुझे सांत होना होगा मे ही हु जो सब को बाहर निकाल सकता हु मेरे बिना इस जंगल मे मा बहन बुआ एक हफ्ते तक भी जिंदा नही रह पायेंगे

आयुस आस पास देखता है तो आयुस को एक जंगली छोटा पेर जिसके पत्ते बरे कटोरे जैसे फैले थे उसके अंदर पानी था आयुस जाके देखता है पानी बहोत साफ था आयुस उस पत्ते के नीचे से दंडी तोर पानी लेके अपनी बहन मा बुआ के चेहरे पे थोरा थोरा गिरा देता है जिसकी वजह से सभी होस मे आने लगते है

आयुसी नींद मे चेहरे पे पानी फिल कर - यार भाई सोने दो ना कियु परेसान कर रहे हो

अमृता बिनीता होस मे आती है दोनों जब आखे खोलती है तो उन्हें भी बरे बरे पेर और पेर पे कई तरह के चिरिया बंदर बैठे दिखाये देते थे चारों तरफ से चिरिया बंदर और कई तरह की आवाजे सुनाई दे रही थी

अमृता बिनीता जल्दी से उठ कर बैठ चारों तरफ देखने लगते चारों तरफ बहोत बरे पेर जंगल के अलावा कुछ नही था जिसे देख दोनों डर के मारे कापने लगते है

आयुस दोनों के पास जाके - मा बुआ
अमृता आयुस को देख डरते हुवे - बेटा हम इस जंगल मे कैसे आ गये
बिनीता डरते हुवे - बोल ना मुझे बहोत डर लग रहा है

आयुस दोनों के पास बैठ बुआ मा को देख - मुझे नही पता हम यहा कैसे आये लेकिन अब हम इस खतरनाक जंगल मे फस गये है

अमृता बिनीता शोक हैरान होके - किया
अमृता कापते हुवे - अब हम किया करेगे बेटा
बिनीता डरते हुवे चारों तरफ देख - इतने भयानक जंगल मे आखिर हम आये कैसे और बाहर निकलेगे कैसे

आयुस गहरी सास लेते हुवे - मुझे नही पता लेकिन मे कोई ना कोई रास्ता निकाल लूंगा मे किसी को कुछ नही होने दूंगा लेकिन पहले आप दोनों को सांत रहना होगा तभी मे आराम से कुछ सोच कर पाऊगा

अमृता बिनीता चारों तरफ देखते हुवे - ठीक है

दोनों मे केह तो दिया था पर डरे हुवे बहोत थे

आयुस बुआ मा को देख - डर तो मुझे भी लग रहा है लेकिन मे डर गया तो फिर मे कैसे सब को बचा पाऊगा

आयुस अयुसी को देख - मेरी गुरिया

आयुस आयुसी को हिला के जगाता है तो अयुसी उठ आयुस को देख आखे मलते हुवे - भाई कियु जगाया मुझे तभी अयुसी को भी चिरिया बंदर कई तरह की तेज आवाजे सुनाई देती है आयुसी हैरान होके चारों तरफ देखती है तो शोक डर से चिल्ला उठती है

अयुसी डरते हुवे - भाई भाई ये जंगल मे हम कैसे आये
आयुस आयुसी को बाहों मे लेके - मुझे नही पता गुरिया लेकिन तु डर मत मे हु ना
आयुसी डरते हुवे - लेकिन भाई अब हम किया करेगे मुझे बहोत डर लग रहा है कितना भयानक जंगल है

आयुस अयुसी के चेहरे को पकर् आखो मे देख - जब तक तेरा भाई जिंदा है तुझे कुछ नही होने देगा समझ गई हम सही सलामत बाहर जायेंगे ये मेरा वादा है बस तु डरना बंद कर ताकि मे कुछ सोच सकु

अयुसी - जि जी भाई
आयुस - बहोत अच्छा
आयुसी बिनीता अमृता को देख - मा
अमृता - बेटा आजा मेरे पास
अयुसी अमृता के पास बैठ जाती

अमृता आयुस को देख - बेटा अब किया करे
आयुस बैग के पास जाके - करना तो परेगा ही कुछ ना कुछ

आयुस बैग खोलता है तो अंदर छोटा चाकू बरा चाकू छोटी कुल्हारी रस्सी बाकी कुछ और समान थे जिसे देख आयुस गुस्से से मन मे - कमीना तुझे क्या लगता है मे हार मान लूंगा नही ये समान जो तुने दिया यकीन मान मेरे लिये बरे काम की चीज है बस जंगली जानवर और जेहरीले कीरे साप से बचना है बाकी कई दिन महीने लगे बाहर निकल के रहुंगा

आयुस कुल्हारी लेके खरा होता है फिर चारों तरफ देखता है ठोरी दूर आयुस को छोटे पेर दिखाई देते है आयुस जंगल के झारिया अलग करते हुवे पास जाता है फिर उपर पेर पे चढ़ जाता है अमृता बिनीता आयुसी डरे सब देख रहे है

आयुस चार 2 इंच मोटा टहनी काटता है फिर नीचे उतर टहनी लेके अपनी मा सब के पास आके बैठ टहनी को अच्छे से साफ करने लगता है

आयुसी - भाई ये आप किया कर रहे है
आयुस - गुरिया भाला बना रहा हु सब के लिये
अमृता हैरानी से - पर कियु
आयुस - अगर कोई जानवर सामने आ गया तो फिर हम कैसे बचायेंगे अपने आप को इस लिये
बिनीता डरते हुवे - बेटा लेकिन हम कैसे लरेगे हम से नही होगा
आयुस - जरूरी नही हमारा सामना किसी जानवर से हो लेकिन अगर ऐसा होता हो तो बस बिना सोचे हलमा कर देना है

आयुस चारों टहनी को अच्छे से साफ करने के बाद एक तरफ से सिरे को नूखिला चाकू से कर देता है हम सब के लिये एक एक लकरी का भाला रेडी था

आयुस एक भाला उठा के खरा होके अमृता सब को देख - देखिये कैसे कब किया करना है मान लो कोई जानवर आपके पास आ जाता है या अचनाक् हमला करता है तो ये नुखिला हिस्सा आगे कर देना है बस दूसरी ये भाला जंगल के झारिया अलग करने और चलने मे सहारे की तरह काम भी करेगा आप समझ गये

अमृता बिनीता अयुसी - हा समझ गये
आयुस सब को एक एक भाला देते हुवे - मा बुआ गुरिया मुझे पता है तुम सब बहोत डरे हुवे हो लेकिन डरने से अब कुछ नही होने वाला मे हु बस मे जैसा कहु करते रहना है

आयुस बैग के पास जाता है और बैग पीठ पे लेके भाला हाथ मे लिये आयुस सभी को देख - मेरे पीछे चलते रहना आप सब

अमृता - लेकिन बेटा हम जायेंगे कहा
बिनीता - हा हम जा कहा रहे है
आयुसी आयुस के गले लग - भाई बहोत डर लग रहा है
आयुस बाहों मे भर - गुरिया तु बहोत बहादुर है डर मत मेरे साथ चलते रहना मे किसी को कुछ नही होने दुगा
आयुसी - ठीक है भाई

आयुस - हम पहले हमे ये जानना होगा हम अभी कहा है और किस तरफ जाना है उसके लिये हमे किसी उचे जगह या किसी ऐसे पेर देखना होगा जिसके उपर चड मे देख सकु उसके बाद ही आगे का प्लान बना पायेंगे

अमृता सभी - ठीक है
आयुस - ठीक मेरे पीछे पीछे चलो और हा ध्यान से कदम रखना देख कर और अपने आप को कोई जखम होने मत देना यहा छोटी जखम हमारे लिये मुश्किल पैदा कर सकती है

सभी - समझ गये
आयुस सब को देखता है फिर एक तरफ देख भाला आगे कर झारिया साइड करते हुवे अच्छे से चारों तरफ देख आगे बढ़ने लगता है पीछे आयुसी बिनीता अमृता भी आयुस के पीछे चलने लगते है

आयुस मन मे - अच्छा हुआ मेने कई survival वीडियो देख रखी थी तो मुझे किया करना है अच्छे से पता है और तुम कमीने मुझे पता है तुमने मुझे ये बैग हथियार कियु दिये लेकिन मे हार नही मानुगा और तेरे दिये ये सब चीजो से मेरा काम आसान हो जायेगा मे जरूर अपनी मा बुआ बहन के साथ जिंदा इस जंगल से बाहर निकलुगा

आयुस आगे आगे रास्ते मे आने वाले झारियो को साइड कर रास्ता बनाते हुवे चल रहा था पीछे अमृता बिनीता आयुसी डर तो अभी भी अमृता बिनीता आयुसी को लग रहा था आयुस ये जानता था पर बेचारा आयुस भी कर किया सकता था

आयुस को बहोत मुश्किल हो रही थी झारिया इतनी बरी थी थी उसमे सब खो जाते रहे थे और आयुस को ये डर सता रहा था कोई साप पे पैर ना रख दे इस किये आयुस बहोत सावधानी से अच्छे से रास्ते को देख झारिया साइड करते चल रहा था आयुस को पता था उसे जिंदा सही सलामत रहना होगा अगर उसे कुछ हुआ तो सब यही खतम हो जायेंगे

तभी आयुस कुछ देख एकदम से रुक जाता है आयुसी - भाई किया हुआ
आयुस - अजगर है रास्ते मे
आयुस की बात सुन सब बहोत डर जाते है

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आयुस अजगर को देखते हुवे - डरो नही छोटा है तो कोई दिकत नही है
अमृता डरते हुवे - बेटा संभल के
बिनीता - हा लाला संभल के कहा फस गये हम है उपर वाले
आयुस भाले से अजगर के पास मारता है अजगर जंगल रास्ते से हट झारियो मे चला जाता है

आयुस पीछे देख - मा बुआ गुरिया याद रहे ये जंगल है हर कदम पे खतरा है कई साप हमे दिखाई देगे लेकिन हमे डरना नही है जब तक हम उन्हे परेसान या उनके उपर पैर नही रखते तब तक हमे उनसे कोई खतरा नही है समझ आप समझ गये

सभी - हा समझ गये

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आयुस फिर आगे रास्ता बनाते हुवे चारों तरफ देखते हुवे चलने लगता है पीछे आयुसी अमृता बिनीता भी डरे चारों तरफ देखते हुवे चल रहे थे चारों तरफ जंगल बरे पेर झारिया अजीब गरीब आवाजे सुनाई दे रही थी

2 घंटे चलते चलते आखिर कार आयुस सभी एक ऐसे जगह आते है जहा बरी घने झारिया नही थी छोटे जंगली पेर थे बाकी बरे बरे पेर तो हर तरफ थे

आयुसी आयुस के पास जाके - भाई मे थक गई और नही चला जायेगा
अमृता बिनीता - हा हम भी थक गये है

आयुस सभी को देख - ठीक है हम थोरा आराम कर लेते है

आयुसी को पिसाब लगी हुई थी तो आयुसी एक झारियो की तरफ जाने लगती है आयुस - कहा जा रही हो

आयुसी - वो भाई
आयुस हालात समझ - ठीक है जायदा दूर मत जाना
आयुसी - जी

आयुस - बैग से पानी का बोतल निकाल अमृता बिनीता को देते हुवे - थोरा थोरा पानी पी लीजिये हम जंगल मे है तो पानी बचा के चलना होगा

अमृता बिनीता एक पेर के पास बैठ थकी हालात मे बोतल लेके पानी पीते है

अमृता - बेटा कोई हमे जंगल मे छोर गया कोई भूत तो लेके नही आयेगा
बिनीता - हा कोई तो हमे इस जंगल मे लेके आया है लेकिन कियु भला हमसे किया दुश्मनी होगी
अमृता - अगर कोई दुश्मनी होगी भी तो हमे आराम से मार सकता था इस जंगल मे लानें की किया जरूरत थी
आयुस - मा बुआ मुझे भी नही पता फिल्हाल ये सब सोचना बंद करे पहले जरूरी है इस जंगल से बाहर निकलना

अमृता बिनीता - तुम सही केह रहे हो

आयुस भी एक जगह बैठ जाता है

अयुसी थोरि एक पेर के पीछे नारा खोल बैठ पिसाब करने लगती है
अयुसी सूट सलवार मे थी

आयुसी पिसाब करते हुवे चारों तरफ देख डरते हुवे - कहा फस गये हम

अयुसी पिसाब कर आयुस के पास आके बैठ पानी पीती है फिर - भाई चारों तरफ जगल है और ये दरवानी अजीब आवाजे

अमृता चारों तरफ देख - ये जंगल अजीब आवाज मेरे रूह को कपा रही है
बिनीता चारों तरफ देख - हर तरफ घने झारिया पेर है मुझे तो बहोत डर लग रहा है लाला अब आगे किया करना है

आयुस फोन निकाल टाइम देख - अभी 12 बजे है हमे एक ऐसी जगह जाना होगा जो खुला हो वही हम रात रुकेंगे

आयुस बैग खोल अंदर देखते हुवे उस कमीने ने एक दिन का खाना पानी भी रखा है उसके बाद मुझे खुद खाने के लिये कोई शिकार करना होगा पानी का भी इंतज़ाम करना होगा


एक अंजान जगह के एक कमरे के कोई बंदा बैठा फोन मे बाते कर रहा था बिस्तर पे एक लरकी नंगी परी हुई थी

अंजान - काम हो गया ना
बंदा - जी सर लेकिन
अंजान - लेकिन किया
बंदा - लेकिन ये की आपने उसे बैग मे जो समान दिये वो उनके लिये फायेदे मंद साबित हो सकते है

अंजान हस्ते हुवे - अरे पागल छोटे हथियार एक दिन का खाना पानी ही तो हा जंगल मे वो सब हथियार बोतल सब बहोत काम आयेगे लेकिन तुम भूलो मत मे नही चाहता उनमेसे कोई मरे मेने बस वो समान दिया ताकि जी भर कोसिस कर ले जंगल से बाहर निकलने का लेकिन निकल नही पायेंगे बिना खाना पानी उपर से जंगल मे जंगली जानवर जहरीले साप किरे से जीतने दिन अपने आप को बचा के रख पायेंगे जब हिम्मत टूटेगी जब जंगली जानवरो जेहरीले सापो से सामना होगा तो वो हार मान मेरे सामने घुटने टेक देगे जो मे चाहता हु फिर मुझे वो मिल जायेगा जो मुझे चाहिये

बंदा - समझ गया
अंजान - याद रहे मेरे पापा को कुछ भी पता ना चले
बंदा - आप बेफ़िकर रहिये

फोन कट

जंगल मे

आयुस - खरा होके हमे अब चलना चाहिये
आयुसी अमृता बिनीता खरी होके - ठीक है
आयुस अयुसी के सर पे हाथ फेर - डर लग रहा है
आयुसी अयुस के सीने पे सर रख - हा लेकिन मुझे पता है मेरा भाई मेरे साथ है तो मुझे कुछ नही होगा
आयुस मुस्कुराते हुवे - बिल्कुल

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आयुस फिर आगे पीछे सब चलने लगते है इस बार बरे झारिया नही थे तो सभी को चलने मे आसानी हो रही थी आयुसी अमृता बिनीता सभी उपर देख रहे थे बरे बरे लम्बे पेर से के वजह से आसमान भी दिख नही रहा था

2.30 घण्टे चलने के बाद आयुस सभी समुंदर के किनारे आते है एक भयानक खतरनाक जंगल से होके अब एक खूबसूरत जगह पे सब आ गये थे खूबसूरत नजारा था समुंदर की लहरे किनारे से टकरा रहे थे समुंदर का पानी पूरा साफ था सभी समुंदर के किनारे आके खरे हो जाते है और सब भूल खूबसूरती मे खो जाते है
आयुस समुंदर की तरफ देखता है तो दूर दूर सिर्फ समुंदर ही दिखाई दे रहा था

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आयुसी समुंदर आस पास के नजारे को देख - भाई कितना खूबसूरत नजारा है ना ( आयुस - हा बाहर खूबसूरत है
अमृता नजारे को देखते हुवे - किसने सोचा था भयानक जंगल से आने के बाद हम इतनी खूबसूरत नजारे को देखेंगे
बिनीता - भाभी खूबसूरत नजारा तो है लेकिन मुझे अब राहत मिली जंगल झारियो मे मेरी तो डर के मारे हालात खराब थी लेकिन अब खुले आसमान इतनी खूबसूरत सांत जगह देख राहत मिली
अमृता - मुझे भी


आयुस पानी मे जाता है थोरा सा और खरा हो जाता है आयुसी भी आयुस के पास जाके पानी पे खरी हो जाती है

पीछे अमृता बिनीता से - मुझे लगी है मे करने जा रही हु
बिनीता - भाभी मुझे भी लगी है
अमृता - ठीक है चलो

अयुसी समुंदर देखते हुवे - भाई दूर दूर तक तो सिर्फ समुंदर ही दिखाई दे रहा है हम हम किया करेगे
आयुस समुंदर को देखते हुवे - गुरिया दो रास्ते है हमारे पास
आयुसी - कोन सा दो रास्ते भाई

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आयुस - पहला हम यही इस जगह पे रहे और कोई शिप कोई मदद आने का इंतज़ार करे और दूसरा की हम जंगल के बीच से होते हुवे इस जंगल से बाहर निकले

अमृता आयुस के पास आते हुवे - अगर हम यही रुके किसी के आने के इंतज़ार मे किसी शिप के इंतज़ार मे तो किया लगता है हमे कितना दिन रुकना परेगा इस जगह पे

बिनीता भी आयुस के पास आके - दूसरा जंगल के बीच होके जाने मे बहोत खतरा है हर कदम पे कुछ भी हो सकता है सब से बच भी गये तो हमे नही पता जंगल पार करने मे कितना समय लगेगा

आयुस सब को देख - चलिये बैठ के बात करते है

सभी एक जगह बैठ जाते है..

आयुस अमृता को देख - मा आपने जो सवाल किया उसका जवाब ये है की मुझे भी नही पता कितना दिन यहा रुकना परेगा कोई शिप इंसान यहा कब तक आयेगा लेकिन मुझे यकीन है कब कितने दिन नही पता लेकिन यहा से शिप तो गुजरेगी ही कोई ना कोई आयेगा ही

आयुस बिनीता को देख - बुआ आपने भी जो कहा सही कहा जंगल के बीच से अगर हम जाते है तो हर कदम पे खतरा है कब किया हो जाये नही पता दूसरी हमे कई बरे पहार् खतरनाक रास्ते से होके जाना परेगा साथ मे खाना पानी भी उतना लेके चलना परेगा सब कर भी लेते है फिर भी कितना दिन लगेगा जंगल से बाहर निकलने मे ये केहना मुश्किल है तो आप लोग बताये किया करना है

आयुस की बात सुन अमृता बिनीता आयुसी सोचने लगते है थोरि देर बाद अमृता - बेटा तुम्हे यकीन है इस रास्ते से कोई इंसान जायेगा
आयुस - हा ये समुंदर का रास्ता है जाहिर है कोई ना कोई शिप इंसान जायेगा ही लेकिन कब नही पता

बिनीता - बेटा तुम ही बताओ किया करना है

आयुस सोचते हुवे - मुझे लगता है हमे यही इस जगह रह किसी के आने का इंतज़ार करना चाहिये जंगल से जाने मे बहोत खतरा है खाना पानी लेके चलना होगा खतरे से भरे रास्ते मे तो जंगल से जाने मे बहोत रिस्क है

आयुसी - भाई आपके जो कहा वही करते है यही रुक किसी का इंतज़ार करते है मे फिर उस भयानक जंगल के अंदर नही जाना चाहती

अमृता बिनीता कापते हुवे - मे भी नही

आयुस सब को देख - हु ठीक है फिर यही रुकेंगे किसी के आने का इंतज़ार करेगे जब तय हो गया है तो अब हमे रहने के लिये छोटा घर जैसा कुछ बनाना होगा ये जंगल है यहा बारिस होती रहती है और रात मे ठंडी बढ़ जाती है मुझे नही पता यहा कितना दिन महीने रुकना होगा लेकिन हम हार नही मानेंगे

अमृता बिनीता आयुसी - हा हार नही मानेंगे

आयुस बैग नीचे रख camping in alibaug निकाल समुंदर से 20 कदम दूर कैप लगाने लगता है आयुस अमृता सब मदद करते है काम हो जाने के बाद आयुस मन मे - कमीने का दिया समान बहोत काम आयेगा साले तु सोच रहा होगा हम भूख प्यास जंगली जानवर से हार मान डर के तेरे सामने घुटने टेक देगे लेकिन ये होने से रहा पानी खाने का इंतज़ाम तो मे कर ही लूंगा आज survival वीडियो देख जो जाना सिखा अब काम आयेगा

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अयुसी - भाई हम सब एक साथ ही सोयेंगे ना
आयुसी - हा कियुंकी यही एक है हमारे पास दूसरी साथ सोयेंगे तो रात को ठंडी कम लगेगी
अमृता बिनीता - हु तुने बात तो सही कही
आयुस - अब हमे लकरि लाके रखना होगा ताकि रात को हम आग जला सके
अमृता मिनिता आयुसी - हा समझ गये

अयुस समुंदर को देखते हुवे मन मे - बस उमीद है जल्दी कोई इस रास्ते से गुजरे या कोई यहा भूमने आये

आयुस चलो थोरा अंदर जाके सुखी लकरी लेके आते है

आयुस फिर सभी के साथ थोरा अंदर तक जाता है
आयुस - मा बुआ आप दोनों लकरि इकठा करो मे बैठने के लिये टेबल का इंतज़ाम करता हु और हा ज्यादा दूर अंदर मत जाना

अमृता बिनीता- ठीक है

आयुस आयुसी को देख - गुरिया मेरे साथ थोरा आगे चलो

आयुसी - जी भाई

आयुस एक पेर को देखता है जो गिरा और सुखा भी था पेर मोटा था लेकिन जितना मोटा आयुस को चाहिये था

आयुस कुल्हारी से काटने लग जाता है जंगल मे कट कट की आवाजे गुजने लगती है 40 मिनट मेहनत करने के बाद आयुस का चेहरा पसीने से भीग जाता

आयुस आयुसी को देख गुरिया हो गया अब इस लकरि को लेके जाना है

आयुसी आयुस के पास आके अपने दुप्पटा से आयुस का पसीना साफ करते हुवे - कितना थक गये आप हराम से करते

आयुस मुस्कुराते हुवे - रात होने वाली है इस लिये

अमृता बिनीता आते हुवे - हमने भी सुखी लकरि लेली है
आयुस - गुरिया छोटा लरकी उठा को बाकी ले लेता हु
आयुसी - ठीक है भाई

आयुस फिर सभी के साथ अपने कैप के पास आ जाता आयुस फिर छोटे छोटे पथर उठा के लाता है और कैप के पास गोल रख उसके बीच लकरि रख देता है फिर आयुस लरकी काट कर लाया था उसे रख देता है ताकि बैठा जा सके रात हो चुकी थी आयुस लाइटर से आग लगा देता है सीन कैपिंग वाला लग रहा था पर बेचारे फसे थे

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आयुस - मा बुआ गुरिया बताओ कैसा लग रहा है
अमृता सामने देख - मस्त है बेटा आग और दोनों तरफ बैठने का इंतज़ाम मस्त किया है
बिनीता - हु सच मे लाला तुने कमाल कर दिया
आयुस - उसके किये भाई ने बहोत मेहनत की है

आयुस सभी को देख गाल आगे कर - तो चलो मेहनत का फल मुझे दो
खतरनाक हालात मे भी आयुस की बात सुन सब भूल मुस्कुराते हुवे एक एक कर आयुस के गाल पे किसी देते है

आयुस - हु मजा आया अब चलो बैठ बाते करते है फिर खाना खाके सो जायेंगे

आज के लिये इतना ही 🙏🙏🙏
Yeh kon h banda jo aise dushmani nikal raha h sabko le jakar khatarnak jungle me daal dia
Usko chahiye kia bhala
Bahar haal ab yeh log fas tow gaye h lekin filhal ek safe jagaha mil gayi ab bas koyi ship udhar se gujre jaldi tow waha se nikal paaye
Ab kitna inzar karna padega yeh writer sahab ko pata h
 

Naik

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chapter 2

साम के तीन बज रहे थे आयुस अपने दोस्त के घर जा रहा था

आयुस - यार क्या जिंदगी है कोई लरकी भी नही मिल रही इसकी मा का सिंगल ही रहना परेगा किया हिलाते हुवे

आयुस ये केहते हुवे अपने दोस्त राज के घर के अंदर जाता है लेकिन सामने का सीन देख आयुस जम जाता आखे फटी रह जाती है सामने राज की मा रीमा आगन मे नंगी थी रीमा का पेटीकोट नीचे गिर गया था लेकिन रीमा जब पेटीकोट उठा के खरी होती है

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रीमा की नजर भी आयुस पे पाती जिसे देख रीमा भी हैरान जम जाती है फिर रीमा जोर से चिल्लाती है जिसे आवाज को सुन आयुस होस मे आता है और रीमा को देख -माफ करना ऑन्टी मे चलता हु

आयुस तेजी से भागते हुवे घर से बाहर निकल अपने दोस्त जहा हो सकते है जहा सब मिलते है वहा जाने लगता है आयुस मन मे - maa कसम ये किया देख लिया मेने बाप रे किया बॉडी है ऑन्टी भरा बदन बरे चूचे उफ बरी गांड फूली चुत इस उमर मे भी ऑन्टी कयामत है

आयुस को फिर एहसास होता है उसका लंड बहोत टाइट है जो बैठने का नाम नही ले रहा पहली बार आयुस ने किसी को नँगा देखा था तो ये होना ही था


वही रीमा कमरे मे आते सारी रेडी होते हुवे मन मे - मेरी बुरी किस्मत साली उसी वक़्त मेरे हाथ से पेटीकोट नीचे गिर गया हाय राम मेरा सब कुछ आयुस बेटे ने देख लिया मर गई किया सोच रहा होगा कैसे फिर मे उसके सामने जाउंगी

परजेंट

आयुस हैरान था खुद को खतरनाक जंगल मे पाके आयुस खरा होता है सामने देखता है उसकी मा बुआ बहन बेहोस जमीन पे परे है लेकिन आयुस की नजर एक बैग पे जाती है उस बैग पे एक कागज भी था

आयुस बैग के पास जाके घुटने पे बैठ पथर् हटा के उस कागज को उठा के देखता है तो उसमे कुछ लिखा था आयुस पढ़ने लगता है जैसे जैसे आयुस पढ़ते जाता है आयुस का गुस्सा आखे लाल नशे फूलने लगती है पूरा पढ़ने के बाद आयुस गुस्से से पागल होके कागज को फार के एक जोरदार चीख मारता है

आस पास आयुस के चिल्लाने की आवाज से चिरिया बंदर डर के भागने लगते है

आयुस गुस्से से बैग को देखता है बैग पे एक और चीज थी handheld radios था जिससे लोगो से संपर्क कर सकते थे यानी आयुस अभी चाहे तो मदद बुला के बाहर निकल सकता है लेकिन आयुस गुस्से से लाल handheld radios को उठाता है और खरा होके चिल्लाते हुवे एक पेर पे मार के तोर देता है

आयुस गुस्से से मुठी कसते हुवे - कसम उपर वाले की अगर मुझे पता होता तो मे तुझे जान से मार देता कमीने लेकिन तेरी किस्मत अच्छी थी मुझे कुछ पता नही था

आयुस अपनी मा बहन बुआ को देख - उपर वाले से दुवा करना मे निकलुगा इस जंगल से तो अपनी मा बहन बुआ के साथ ही और अगर नही निकल पाया तो यही इस जंगल मे सब के साथ मर जाउंगा पर किस्मत से हम जिंदा बाहर निकल आये तो मे चैन की सास जिंदा बचने का जसन् नही मनाऊँगा पहले तुझे मार नही देता तब तक चैन की सासे नही लूंगा दुवा कर हम यही मारे जाय बच गये तो तु मरेगा

जो तु चाहता है तुझे नही मिलेगा

आयुस मन मे - हमारे साथ ही ऐसा कियु हुआ ( आयुस maa बहन बुआ को देख) मुझे सांत होना होगा मे ही हु जो सब को बाहर निकाल सकता हु मेरे बिना इस जंगल मे मा बहन बुआ एक हफ्ते तक भी जिंदा नही रह पायेंगे

आयुस आस पास देखता है तो आयुस को एक जंगली छोटा पेर जिसके पत्ते बरे कटोरे जैसे फैले थे उसके अंदर पानी था आयुस जाके देखता है पानी बहोत साफ था आयुस उस पत्ते के नीचे से दंडी तोर पानी लेके अपनी बहन मा बुआ के चेहरे पे थोरा थोरा गिरा देता है जिसकी वजह से सभी होस मे आने लगते है

आयुसी नींद मे चेहरे पे पानी फिल कर - यार भाई सोने दो ना कियु परेसान कर रहे हो

अमृता बिनीता होस मे आती है दोनों जब आखे खोलती है तो उन्हें भी बरे बरे पेर और पेर पे कई तरह के चिरिया बंदर बैठे दिखाये देते थे चारों तरफ से चिरिया बंदर और कई तरह की आवाजे सुनाई दे रही थी

अमृता बिनीता जल्दी से उठ कर बैठ चारों तरफ देखने लगते चारों तरफ बहोत बरे पेर जंगल के अलावा कुछ नही था जिसे देख दोनों डर के मारे कापने लगते है

आयुस दोनों के पास जाके - मा बुआ
अमृता आयुस को देख डरते हुवे - बेटा हम इस जंगल मे कैसे आ गये
बिनीता डरते हुवे - बोल ना मुझे बहोत डर लग रहा है

आयुस दोनों के पास बैठ बुआ मा को देख - मुझे नही पता हम यहा कैसे आये लेकिन अब हम इस खतरनाक जंगल मे फस गये है

अमृता बिनीता शोक हैरान होके - किया
अमृता कापते हुवे - अब हम किया करेगे बेटा
बिनीता डरते हुवे चारों तरफ देख - इतने भयानक जंगल मे आखिर हम आये कैसे और बाहर निकलेगे कैसे

आयुस गहरी सास लेते हुवे - मुझे नही पता लेकिन मे कोई ना कोई रास्ता निकाल लूंगा मे किसी को कुछ नही होने दूंगा लेकिन पहले आप दोनों को सांत रहना होगा तभी मे आराम से कुछ सोच कर पाऊगा

अमृता बिनीता चारों तरफ देखते हुवे - ठीक है

दोनों मे केह तो दिया था पर डरे हुवे बहोत थे

आयुस बुआ मा को देख - डर तो मुझे भी लग रहा है लेकिन मे डर गया तो फिर मे कैसे सब को बचा पाऊगा

आयुस अयुसी को देख - मेरी गुरिया

आयुस आयुसी को हिला के जगाता है तो अयुसी उठ आयुस को देख आखे मलते हुवे - भाई कियु जगाया मुझे तभी अयुसी को भी चिरिया बंदर कई तरह की तेज आवाजे सुनाई देती है आयुसी हैरान होके चारों तरफ देखती है तो शोक डर से चिल्ला उठती है

अयुसी डरते हुवे - भाई भाई ये जंगल मे हम कैसे आये
आयुस आयुसी को बाहों मे लेके - मुझे नही पता गुरिया लेकिन तु डर मत मे हु ना
आयुसी डरते हुवे - लेकिन भाई अब हम किया करेगे मुझे बहोत डर लग रहा है कितना भयानक जंगल है

आयुस अयुसी के चेहरे को पकर् आखो मे देख - जब तक तेरा भाई जिंदा है तुझे कुछ नही होने देगा समझ गई हम सही सलामत बाहर जायेंगे ये मेरा वादा है बस तु डरना बंद कर ताकि मे कुछ सोच सकु

अयुसी - जि जी भाई
आयुस - बहोत अच्छा
आयुसी बिनीता अमृता को देख - मा
अमृता - बेटा आजा मेरे पास
अयुसी अमृता के पास बैठ जाती

अमृता आयुस को देख - बेटा अब किया करे
आयुस बैग के पास जाके - करना तो परेगा ही कुछ ना कुछ

आयुस बैग खोलता है तो अंदर छोटा चाकू बरा चाकू छोटी कुल्हारी रस्सी बाकी कुछ और समान थे जिसे देख आयुस गुस्से से मन मे - कमीना तुझे क्या लगता है मे हार मान लूंगा नही ये समान जो तुने दिया यकीन मान मेरे लिये बरे काम की चीज है बस जंगली जानवर और जेहरीले कीरे साप से बचना है बाकी कई दिन महीने लगे बाहर निकल के रहुंगा

आयुस कुल्हारी लेके खरा होता है फिर चारों तरफ देखता है ठोरी दूर आयुस को छोटे पेर दिखाई देते है आयुस जंगल के झारिया अलग करते हुवे पास जाता है फिर उपर पेर पे चढ़ जाता है अमृता बिनीता आयुसी डरे सब देख रहे है

आयुस चार 2 इंच मोटा टहनी काटता है फिर नीचे उतर टहनी लेके अपनी मा सब के पास आके बैठ टहनी को अच्छे से साफ करने लगता है

आयुसी - भाई ये आप किया कर रहे है
आयुस - गुरिया भाला बना रहा हु सब के लिये
अमृता हैरानी से - पर कियु
आयुस - अगर कोई जानवर सामने आ गया तो फिर हम कैसे बचायेंगे अपने आप को इस लिये
बिनीता डरते हुवे - बेटा लेकिन हम कैसे लरेगे हम से नही होगा
आयुस - जरूरी नही हमारा सामना किसी जानवर से हो लेकिन अगर ऐसा होता हो तो बस बिना सोचे हलमा कर देना है

आयुस चारों टहनी को अच्छे से साफ करने के बाद एक तरफ से सिरे को नूखिला चाकू से कर देता है हम सब के लिये एक एक लकरी का भाला रेडी था

आयुस एक भाला उठा के खरा होके अमृता सब को देख - देखिये कैसे कब किया करना है मान लो कोई जानवर आपके पास आ जाता है या अचनाक् हमला करता है तो ये नुखिला हिस्सा आगे कर देना है बस दूसरी ये भाला जंगल के झारिया अलग करने और चलने मे सहारे की तरह काम भी करेगा आप समझ गये

अमृता बिनीता अयुसी - हा समझ गये
आयुस सब को एक एक भाला देते हुवे - मा बुआ गुरिया मुझे पता है तुम सब बहोत डरे हुवे हो लेकिन डरने से अब कुछ नही होने वाला मे हु बस मे जैसा कहु करते रहना है

आयुस बैग के पास जाता है और बैग पीठ पे लेके भाला हाथ मे लिये आयुस सभी को देख - मेरे पीछे चलते रहना आप सब

अमृता - लेकिन बेटा हम जायेंगे कहा
बिनीता - हा हम जा कहा रहे है
आयुसी आयुस के गले लग - भाई बहोत डर लग रहा है
आयुस बाहों मे भर - गुरिया तु बहोत बहादुर है डर मत मेरे साथ चलते रहना मे किसी को कुछ नही होने दुगा
आयुसी - ठीक है भाई

आयुस - हम पहले हमे ये जानना होगा हम अभी कहा है और किस तरफ जाना है उसके लिये हमे किसी उचे जगह या किसी ऐसे पेर देखना होगा जिसके उपर चड मे देख सकु उसके बाद ही आगे का प्लान बना पायेंगे

अमृता सभी - ठीक है
आयुस - ठीक मेरे पीछे पीछे चलो और हा ध्यान से कदम रखना देख कर और अपने आप को कोई जखम होने मत देना यहा छोटी जखम हमारे लिये मुश्किल पैदा कर सकती है

सभी - समझ गये
आयुस सब को देखता है फिर एक तरफ देख भाला आगे कर झारिया साइड करते हुवे अच्छे से चारों तरफ देख आगे बढ़ने लगता है पीछे आयुसी बिनीता अमृता भी आयुस के पीछे चलने लगते है

आयुस मन मे - अच्छा हुआ मेने कई survival वीडियो देख रखी थी तो मुझे किया करना है अच्छे से पता है और तुम कमीने मुझे पता है तुमने मुझे ये बैग हथियार कियु दिये लेकिन मे हार नही मानुगा और तेरे दिये ये सब चीजो से मेरा काम आसान हो जायेगा मे जरूर अपनी मा बुआ बहन के साथ जिंदा इस जंगल से बाहर निकलुगा

आयुस आगे आगे रास्ते मे आने वाले झारियो को साइड कर रास्ता बनाते हुवे चल रहा था पीछे अमृता बिनीता आयुसी डर तो अभी भी अमृता बिनीता आयुसी को लग रहा था आयुस ये जानता था पर बेचारा आयुस भी कर किया सकता था

आयुस को बहोत मुश्किल हो रही थी झारिया इतनी बरी थी थी उसमे सब खो जाते रहे थे और आयुस को ये डर सता रहा था कोई साप पे पैर ना रख दे इस किये आयुस बहोत सावधानी से अच्छे से रास्ते को देख झारिया साइड करते चल रहा था आयुस को पता था उसे जिंदा सही सलामत रहना होगा अगर उसे कुछ हुआ तो सब यही खतम हो जायेंगे

तभी आयुस कुछ देख एकदम से रुक जाता है आयुसी - भाई किया हुआ
आयुस - अजगर है रास्ते मे
आयुस की बात सुन सब बहोत डर जाते है

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आयुस अजगर को देखते हुवे - डरो नही छोटा है तो कोई दिकत नही है
अमृता डरते हुवे - बेटा संभल के
बिनीता - हा लाला संभल के कहा फस गये हम है उपर वाले
आयुस भाले से अजगर के पास मारता है अजगर जंगल रास्ते से हट झारियो मे चला जाता है

आयुस पीछे देख - मा बुआ गुरिया याद रहे ये जंगल है हर कदम पे खतरा है कई साप हमे दिखाई देगे लेकिन हमे डरना नही है जब तक हम उन्हे परेसान या उनके उपर पैर नही रखते तब तक हमे उनसे कोई खतरा नही है समझ आप समझ गये

सभी - हा समझ गये

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आयुस फिर आगे रास्ता बनाते हुवे चारों तरफ देखते हुवे चलने लगता है पीछे आयुसी अमृता बिनीता भी डरे चारों तरफ देखते हुवे चल रहे थे चारों तरफ जंगल बरे पेर झारिया अजीब गरीब आवाजे सुनाई दे रही थी

2 घंटे चलते चलते आखिर कार आयुस सभी एक ऐसे जगह आते है जहा बरी घने झारिया नही थी छोटे जंगली पेर थे बाकी बरे बरे पेर तो हर तरफ थे

आयुसी आयुस के पास जाके - भाई मे थक गई और नही चला जायेगा
अमृता बिनीता - हा हम भी थक गये है

आयुस सभी को देख - ठीक है हम थोरा आराम कर लेते है

आयुसी को पिसाब लगी हुई थी तो आयुसी एक झारियो की तरफ जाने लगती है आयुस - कहा जा रही हो

आयुसी - वो भाई
आयुस हालात समझ - ठीक है जायदा दूर मत जाना
आयुसी - जी

आयुस - बैग से पानी का बोतल निकाल अमृता बिनीता को देते हुवे - थोरा थोरा पानी पी लीजिये हम जंगल मे है तो पानी बचा के चलना होगा

अमृता बिनीता एक पेर के पास बैठ थकी हालात मे बोतल लेके पानी पीते है

अमृता - बेटा कोई हमे जंगल मे छोर गया कोई भूत तो लेके नही आयेगा
बिनीता - हा कोई तो हमे इस जंगल मे लेके आया है लेकिन कियु भला हमसे किया दुश्मनी होगी
अमृता - अगर कोई दुश्मनी होगी भी तो हमे आराम से मार सकता था इस जंगल मे लानें की किया जरूरत थी
आयुस - मा बुआ मुझे भी नही पता फिल्हाल ये सब सोचना बंद करे पहले जरूरी है इस जंगल से बाहर निकलना

अमृता बिनीता - तुम सही केह रहे हो

आयुस भी एक जगह बैठ जाता है

अयुसी थोरि एक पेर के पीछे नारा खोल बैठ पिसाब करने लगती है
अयुसी सूट सलवार मे थी

आयुसी पिसाब करते हुवे चारों तरफ देख डरते हुवे - कहा फस गये हम

अयुसी पिसाब कर आयुस के पास आके बैठ पानी पीती है फिर - भाई चारों तरफ जगल है और ये दरवानी अजीब आवाजे

अमृता चारों तरफ देख - ये जंगल अजीब आवाज मेरे रूह को कपा रही है
बिनीता चारों तरफ देख - हर तरफ घने झारिया पेर है मुझे तो बहोत डर लग रहा है लाला अब आगे किया करना है

आयुस फोन निकाल टाइम देख - अभी 12 बजे है हमे एक ऐसी जगह जाना होगा जो खुला हो वही हम रात रुकेंगे

आयुस बैग खोल अंदर देखते हुवे उस कमीने ने एक दिन का खाना पानी भी रखा है उसके बाद मुझे खुद खाने के लिये कोई शिकार करना होगा पानी का भी इंतज़ाम करना होगा


एक अंजान जगह के एक कमरे के कोई बंदा बैठा फोन मे बाते कर रहा था बिस्तर पे एक लरकी नंगी परी हुई थी

अंजान - काम हो गया ना
बंदा - जी सर लेकिन
अंजान - लेकिन किया
बंदा - लेकिन ये की आपने उसे बैग मे जो समान दिये वो उनके लिये फायेदे मंद साबित हो सकते है

अंजान हस्ते हुवे - अरे पागल छोटे हथियार एक दिन का खाना पानी ही तो हा जंगल मे वो सब हथियार बोतल सब बहोत काम आयेगे लेकिन तुम भूलो मत मे नही चाहता उनमेसे कोई मरे मेने बस वो समान दिया ताकि जी भर कोसिस कर ले जंगल से बाहर निकलने का लेकिन निकल नही पायेंगे बिना खाना पानी उपर से जंगल मे जंगली जानवर जहरीले साप किरे से जीतने दिन अपने आप को बचा के रख पायेंगे जब हिम्मत टूटेगी जब जंगली जानवरो जेहरीले सापो से सामना होगा तो वो हार मान मेरे सामने घुटने टेक देगे जो मे चाहता हु फिर मुझे वो मिल जायेगा जो मुझे चाहिये

बंदा - समझ गया
अंजान - याद रहे मेरे पापा को कुछ भी पता ना चले
बंदा - आप बेफ़िकर रहिये

फोन कट

जंगल मे

आयुस - खरा होके हमे अब चलना चाहिये
आयुसी अमृता बिनीता खरी होके - ठीक है
आयुस अयुसी के सर पे हाथ फेर - डर लग रहा है
आयुसी अयुस के सीने पे सर रख - हा लेकिन मुझे पता है मेरा भाई मेरे साथ है तो मुझे कुछ नही होगा
आयुस मुस्कुराते हुवे - बिल्कुल

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आयुस फिर आगे पीछे सब चलने लगते है इस बार बरे झारिया नही थे तो सभी को चलने मे आसानी हो रही थी आयुसी अमृता बिनीता सभी उपर देख रहे थे बरे बरे लम्बे पेर से के वजह से आसमान भी दिख नही रहा था

2.30 घण्टे चलने के बाद आयुस सभी समुंदर के किनारे आते है एक भयानक खतरनाक जंगल से होके अब एक खूबसूरत जगह पे सब आ गये थे खूबसूरत नजारा था समुंदर की लहरे किनारे से टकरा रहे थे समुंदर का पानी पूरा साफ था सभी समुंदर के किनारे आके खरे हो जाते है और सब भूल खूबसूरती मे खो जाते है
आयुस समुंदर की तरफ देखता है तो दूर दूर सिर्फ समुंदर ही दिखाई दे रहा था

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आयुसी समुंदर आस पास के नजारे को देख - भाई कितना खूबसूरत नजारा है ना ( आयुस - हा बाहर खूबसूरत है
अमृता नजारे को देखते हुवे - किसने सोचा था भयानक जंगल से आने के बाद हम इतनी खूबसूरत नजारे को देखेंगे
बिनीता - भाभी खूबसूरत नजारा तो है लेकिन मुझे अब राहत मिली जंगल झारियो मे मेरी तो डर के मारे हालात खराब थी लेकिन अब खुले आसमान इतनी खूबसूरत सांत जगह देख राहत मिली
अमृता - मुझे भी


आयुस पानी मे जाता है थोरा सा और खरा हो जाता है आयुसी भी आयुस के पास जाके पानी पे खरी हो जाती है

पीछे अमृता बिनीता से - मुझे लगी है मे करने जा रही हु
बिनीता - भाभी मुझे भी लगी है
अमृता - ठीक है चलो

अयुसी समुंदर देखते हुवे - भाई दूर दूर तक तो सिर्फ समुंदर ही दिखाई दे रहा है हम हम किया करेगे
आयुस समुंदर को देखते हुवे - गुरिया दो रास्ते है हमारे पास
आयुसी - कोन सा दो रास्ते भाई

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आयुस - पहला हम यही इस जगह पे रहे और कोई शिप कोई मदद आने का इंतज़ार करे और दूसरा की हम जंगल के बीच से होते हुवे इस जंगल से बाहर निकले

अमृता आयुस के पास आते हुवे - अगर हम यही रुके किसी के आने के इंतज़ार मे किसी शिप के इंतज़ार मे तो किया लगता है हमे कितना दिन रुकना परेगा इस जगह पे

बिनीता भी आयुस के पास आके - दूसरा जंगल के बीच होके जाने मे बहोत खतरा है हर कदम पे कुछ भी हो सकता है सब से बच भी गये तो हमे नही पता जंगल पार करने मे कितना समय लगेगा

आयुस सब को देख - चलिये बैठ के बात करते है

सभी एक जगह बैठ जाते है..

आयुस अमृता को देख - मा आपने जो सवाल किया उसका जवाब ये है की मुझे भी नही पता कितना दिन यहा रुकना परेगा कोई शिप इंसान यहा कब तक आयेगा लेकिन मुझे यकीन है कब कितने दिन नही पता लेकिन यहा से शिप तो गुजरेगी ही कोई ना कोई आयेगा ही

आयुस बिनीता को देख - बुआ आपने भी जो कहा सही कहा जंगल के बीच से अगर हम जाते है तो हर कदम पे खतरा है कब किया हो जाये नही पता दूसरी हमे कई बरे पहार् खतरनाक रास्ते से होके जाना परेगा साथ मे खाना पानी भी उतना लेके चलना परेगा सब कर भी लेते है फिर भी कितना दिन लगेगा जंगल से बाहर निकलने मे ये केहना मुश्किल है तो आप लोग बताये किया करना है

आयुस की बात सुन अमृता बिनीता आयुसी सोचने लगते है थोरि देर बाद अमृता - बेटा तुम्हे यकीन है इस रास्ते से कोई इंसान जायेगा
आयुस - हा ये समुंदर का रास्ता है जाहिर है कोई ना कोई शिप इंसान जायेगा ही लेकिन कब नही पता

बिनीता - बेटा तुम ही बताओ किया करना है

आयुस सोचते हुवे - मुझे लगता है हमे यही इस जगह रह किसी के आने का इंतज़ार करना चाहिये जंगल से जाने मे बहोत खतरा है खाना पानी लेके चलना होगा खतरे से भरे रास्ते मे तो जंगल से जाने मे बहोत रिस्क है

आयुसी - भाई आपके जो कहा वही करते है यही रुक किसी का इंतज़ार करते है मे फिर उस भयानक जंगल के अंदर नही जाना चाहती

अमृता बिनीता कापते हुवे - मे भी नही

आयुस सब को देख - हु ठीक है फिर यही रुकेंगे किसी के आने का इंतज़ार करेगे जब तय हो गया है तो अब हमे रहने के लिये छोटा घर जैसा कुछ बनाना होगा ये जंगल है यहा बारिस होती रहती है और रात मे ठंडी बढ़ जाती है मुझे नही पता यहा कितना दिन महीने रुकना होगा लेकिन हम हार नही मानेंगे

अमृता बिनीता आयुसी - हा हार नही मानेंगे

आयुस बैग नीचे रख camping in alibaug निकाल समुंदर से 20 कदम दूर कैप लगाने लगता है आयुस अमृता सब मदद करते है काम हो जाने के बाद आयुस मन मे - कमीने का दिया समान बहोत काम आयेगा साले तु सोच रहा होगा हम भूख प्यास जंगली जानवर से हार मान डर के तेरे सामने घुटने टेक देगे लेकिन ये होने से रहा पानी खाने का इंतज़ाम तो मे कर ही लूंगा आज survival वीडियो देख जो जाना सिखा अब काम आयेगा

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अयुसी - भाई हम सब एक साथ ही सोयेंगे ना
आयुसी - हा कियुंकी यही एक है हमारे पास दूसरी साथ सोयेंगे तो रात को ठंडी कम लगेगी
अमृता बिनीता - हु तुने बात तो सही कही
आयुस - अब हमे लकरि लाके रखना होगा ताकि रात को हम आग जला सके
अमृता मिनिता आयुसी - हा समझ गये

अयुस समुंदर को देखते हुवे मन मे - बस उमीद है जल्दी कोई इस रास्ते से गुजरे या कोई यहा भूमने आये

आयुस चलो थोरा अंदर जाके सुखी लकरी लेके आते है

आयुस फिर सभी के साथ थोरा अंदर तक जाता है
आयुस - मा बुआ आप दोनों लकरि इकठा करो मे बैठने के लिये टेबल का इंतज़ाम करता हु और हा ज्यादा दूर अंदर मत जाना

अमृता बिनीता- ठीक है

आयुस आयुसी को देख - गुरिया मेरे साथ थोरा आगे चलो

आयुसी - जी भाई

आयुस एक पेर को देखता है जो गिरा और सुखा भी था पेर मोटा था लेकिन जितना मोटा आयुस को चाहिये था

आयुस कुल्हारी से काटने लग जाता है जंगल मे कट कट की आवाजे गुजने लगती है 40 मिनट मेहनत करने के बाद आयुस का चेहरा पसीने से भीग जाता

आयुस आयुसी को देख गुरिया हो गया अब इस लकरि को लेके जाना है

आयुसी आयुस के पास आके अपने दुप्पटा से आयुस का पसीना साफ करते हुवे - कितना थक गये आप हराम से करते

आयुस मुस्कुराते हुवे - रात होने वाली है इस लिये

अमृता बिनीता आते हुवे - हमने भी सुखी लकरि लेली है
आयुस - गुरिया छोटा लरकी उठा को बाकी ले लेता हु
आयुसी - ठीक है भाई

आयुस फिर सभी के साथ अपने कैप के पास आ जाता आयुस फिर छोटे छोटे पथर उठा के लाता है और कैप के पास गोल रख उसके बीच लकरि रख देता है फिर आयुस लरकी काट कर लाया था उसे रख देता है ताकि बैठा जा सके रात हो चुकी थी आयुस लाइटर से आग लगा देता है सीन कैपिंग वाला लग रहा था पर बेचारे फसे थे

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आयुस - मा बुआ गुरिया बताओ कैसा लग रहा है
अमृता सामने देख - मस्त है बेटा आग और दोनों तरफ बैठने का इंतज़ाम मस्त किया है
बिनीता - हु सच मे लाला तुने कमाल कर दिया
आयुस - उसके किये भाई ने बहोत मेहनत की है

आयुस सभी को देख गाल आगे कर - तो चलो मेहनत का फल मुझे दो
खतरनाक हालात मे भी आयुस की बात सुन सब भूल मुस्कुराते हुवे एक एक कर आयुस के गाल पे किसी देते है

आयुस - हु मजा आया अब चलो बैठ बाते करते है फिर खाना खाके सो जायेंगे

आज के लिये इतना ही 🙏🙏🙏
Yeh kon h banda jo aise dushmani nikal raha h sabko le jakar khatarnak jungle me daal dia
Usko chahiye kia bhala
Bahar haal ab yeh log fas tow gaye h lekin filhal ek safe jagaha mil gayi ab bas koyi ship udhar se gujre jaldi tow waha se nikal paaye
Ab kitna inzar karna padega yeh writer sahab ko pata h
 

Naik

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chapter 3


रात हो चुकी थी जंगल से अजीब गरीब आवाजे और तेज हो चुके थे आयुस सभी आग के दोनों तरफ बैठे हुवे बाते कर रहे थे आयुस के साथ आयुसी bathi हुई थी दूसरी तरफ अमृता बिनीता बैठे थे
अमृता - जंगल से अब और तेज भयानक आवाजे आने लगी है
बिनीता - हा भाभी मुझे तो ये सोच कर ही डर लग रहा है अगर हमे जंगल के अंदर सोना होगा तो उफ सोच मेरा शरीर काप् रहा है ये तो अच्छा है हम जंगल के किनारे इस समुंदर के किनारे है
आयुसी - बुआ आपने सही कहा यहा उतना डर नही लग रहा खुला आसमान खूबसूरत जगह है बस पीछे जंगल आगे समुंदर के बीच हम फसे है

आयुस आयुसी को बाहों मे लेके - चिंता मत करो हम अपने घर सही सलामत जायेंगे
आयुसी अयुस को देख - आप है तो चिंता कैसी

अमृता - अरे मे भूल ही गई अब याद आया घर पे कोई नही है गाय बकरी का किया होगा
बिनीता - अरे हा वो तो भूखे मर जायेंगे
आयुस - चिंता मत कीजिये जब गाय बकरी को जायदा भूख लगेगी तो वो आवाजे करेगे चिल्लायेगे तब हमारे परोसी जरूर देखने आयेगे
अमृता राहत सास लेते हुवे - हा ये तो तुमने सही कहा
बिनीता - तो किया किसी को पता चलेगा हमारे साथ किया हुआ है
आयुस - मुश्किल है लोगो को लगेगा हम कही गये हुवे है लेकिन अगर किसी को लगता है की हमारे साथ कुछ हुआ है फिर भी कोई फायदा हमे नही होगा मान लो बात पुलिस तक जाती भी है तो पुलिस गाव आस पास सहर हर जगह तलास करेगी लेकिन इस जंगल मे कोई नही आयेगा यानी हमे खुद अपने आप को बचाना है यहा से निकलना है
अमृता बिनीता - बात तुमने सही कही

आयुस बैग लेके आता है अंदर सब के लिये एक एक खाने का बॉक्स था जिसमे बिरयानी थी आयुस सभी को देते हुवे - ये लास्ट है इसके बाद हमे शिकार करना होगा खाने के लिये

सभी खाना लेके खाने लगते है
अमृता - शिकार लेकिन कैसे करोगे
आयुस - करना ही होगा आप चिंता मत करो मा जंगल मे बहोत कुछ मिल जायेगा
आयुसी - तो हमे जंगली जानवर खाने होगे
आयुस अयुसी को देख - गुरिया जिंदा रहने के लिये कम परेगा जो मिल जाये खाना परेगा
अयुसी - हु समझ गई भाई

सभी खाना खाते है

अमृता - उफ बहोत ठंडी लग रही है
बिनीता - हा रात होते ही ठंडी बढ़ गई है
आयुस - हा जंगल मे रात को ठंडी बढ़ जाती है
अयुसी - भाई सोने चले
आयुस - हा चलो

फिर सब कैप के अंदर जाते है आयुस सभी बिस्तर पे लेत जाते है आयुसी आयुस को पकर चिपक कर लेत जाती है और बिनीता भी आयुस के बगल मे थी

अमृता - वाह तुम दोनों तो चिपक गये मे किससे चिपकु
आयुसी हस्ते हुवे - मे तो भाई के साथ ही सोउंगी
बिनीता - भाभी आज मे कल आप
अमृता - कोई बात नही ननद जी आप सोये

एक बरी चादर थी उसे ही सब ओर लेते है फिर सो जाते है

सूरज की रोसानी के साथ सुबह होती है सभी उठ कर बाहर आके फिर खूबसूरत नजारे देखने लगते है समुंदर के ऊपर सूरज की लालिमा फैली बहोत खूबसूरत दिख रही थी

आयुस - एक रात जंगल मे गुजार लिये
अमृता - हु

उसके बाद सब अपना हल्का होते है फरेस् होने के बाद आयुस बैग खोलता है उसमे मछली पकरने का काटा डोरी के साथ एक रबर भी था जिसे देख आयुस मन मे - कमीने इतना सब देने का सुक्रिया लेकिन तुने जो किया उसका बदला तो मे लेके रहुंगा

आयुस - गुरिया मेरे साथ चलो मुझे शिकार करने के लिये कुछ हथियार बनाने के लिये अच्छी डाली काट के लानी है बुआ मा आप यही रुको

अमृता बिनीता - ठीक है

आयुस आयुसी जंगल के थोरा अंदर जाते है सब चारों तरफ देख चल रहे थे साथ मे आयुस हर छोटे पेर की डाली को देख रहा था
20 मिनट बाद आयुस को जो चाहिये था मिल जाता है आयुस डाली काट के ले लेता है

अयुसी - भाई अब हम चले
आयुस - हा
तभी आयुस को कुछ आवाजे सुनाई देती है

आयुस - ये आवाजे
आयुसी डरते हुवे - किया हमारे आस पास कुछ है
आयुस - नही रे ये आवाजे तो कही सुनी सुनी है अरे हा ये तो झरने की आवाजे है गुरिया चलो मेरे साथ
आयुसी - जी भाई

आयुस आयुसी 12 मिनट चलने के बाद सामने का सीन देखते रह जाते है सामने वाटरफाल था यानी झरना खूबसूरत नजारा था आयुस ये देख बहोत खुश हो जाता है
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आयुस पास आके बहता साफ पानी देख - गुरिया पानी का इंतज़ाम हो गया ये झरने का पानी साफ है हम पी सकते है दूसरी इस जगह पे नहा सकते है बिना खतरे के समुंदर मे नहाना बहोत खतरनाक है

आयुसी - हा भाई आपने सही कहा यहा नहाना अच्छा रहेगा खूबसूरत जगह भी है

आयुस - चलो चलते है बाद मे आके नहायेगे पानी पीने का लेके भी जायेंगे
आयुसी - हा

आयुस फिर कैप के पास आके बैठ चाकू से डाली को काट हथियार शिकार करने के लिये बनाने लगता है बाकी सब बैठे देखते रहते है
1 घंटे बाद अभय ने हथियार बना लिया था शिकार करने के लिये
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एक था धनुष तीर दूसरा गुलेल ये दोनों शिकार करने के लिये बहोत काम आने वाला था

अमृता - तुने ये कैसे बनाया बेटा
बिनीता - हा तुने बरे आराम से बना दिया
आयुस मुस्कुराते हुवे - मेने वीडियो मे देखा था याद था बना लिया
आयुस - भाई आप कमाल है

आयुस - अरे हा मा बुआ हमे एक झरना मिला है जहा हम नहा भी सकते है पानी पी भी सकते है बस अब शिकार करना होगा जो मे कर लुगा

अमृता - ये तो बहोत अच्छी बात है इस जंगल मे पानी मिल गया
बिनीता - शिकार तु कर ही लेगा

आयुस - हु

10 बज रहे थे आयुस सभी को लेके झरने के पास आता है
अमृता बिनीता - बहोत खूबसूरत जगह है

आयुस किनारे जाके छोटे गोल पथर् ढुंढ कर पॉकेट मे रखने लगता है 40 पथर् लेने के बाद

आयुस सभी को देख - मा बुआ गुरिया मे जा रहा हु आगे शिकार करने आप सब नहा लो और हा एक ही कमरे है याद रखना

आयुस चला जाता है जंगल के अंदर

अमृता - एक कपड़े है तो हमे बिना कपड़े नंगे नहाना होगा
बिनीता - भाभी हालात ही ऐसे है
आयुस - हु भाई गये है आने से पहले हम नहा लेते है

सर्म रो तो सब को आ रही थी लेकिन हालात ऐसे थे जहा सर्म नही हालात के हिसाब से चलना था

आयुस जंगल के अंदर आता है हाथ मे गुलेल लिये पीठ पे धनुष रखे आयुस धीरे धीरे चल पेर पे चिरिया को देख रहा था कई चिरिया थे साफ है जंगल है जहा कोई इंसान नही लेकिन चिरिया जानवर भरे परे है

अभय एक चिरिया को देख गुगेल मे पथर् रख निसाना लगा के चला देता है लेकिन चिरिया के पास से चला जाता है चिरिया भी आवाज सुन भाग जाती है

आयुस - धत आधे घंटे निसाना लगाने की परेस्टिक् की फिर भी

आयुस आगे एक और चिरिया को देख निसाना लगाता है इस बार लग जाती है चिरिया नीचे गिर जाती अभय उठा के खुश होके अपने कमर के लगे लकरी से बनाया मास्केत मे रख लेता है अभी आयुस पुरा जंगली शिकारी लग रहा था

आयुस ऐसे ही 10 चिरिया का शिकार कर लेता है 25 मिनट मे

आयुस - हु इतना काफी है आज के लिये जंगल है तो शिकार की कमी नही है

आयुस फिर अपने लोगो की तरफ चल देता है तभी आयुस को सामने खरगोस् दिखाई देता है आयुस खरगोस् को देख रुक जाता है और अपना तीर कमान निकाल धनुष पे तीर लगा के घुटने पे बैठ सांत होके खरगोस पे अच्छे से निसाना लगा के छोर देता है
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खरगोस् आराम का ध्यान नही था उसे पता नही था एक तीर उसकी तरफ आ रहा है तीर आके सीधा खरगोस् के पेट मे जाके लगती है खरगोस् खतम आयुस पास जाके उठा के रख लेता है

आयुस - माफ करना जिंदा रहने के लिये मुझे शिकार करना होगा

आयुस अपनी मा सब के पास आता है सभी आयुस को देखते फिर शिकार को देखते है

अमृता - तो तुने शिकार कर ही लिया चिरिया खरगोस् को देख मुझे दया आ रही है

बिनीता - भाभी लेकिन हमारी मजबूरी है
आयुस - हु मजबूरी नही होती तो भाई उन्हे मारते हु कियु
अमृता - हु समझ सकती हु तुम सब सही को

आयुस - अच्छा तो आप लोगो ने नहा लिया तो अब मे जा रहा हु आप लोग जाये

बिनीता हस्ते हुवे - ठीक है जल्दी आ जाना
अमृता मुस्कुराते हुवे - चलो गुरिया
आयुसी - हु

आयुस पहले सभी चिरिया के पंख निकाल साफ करता फिर नँगा होके नहाने लगता है आयुस अपना लंड पकर - उफ रीमा ऑन्टी आपकी बहोत याद आ रही है उफ लेकिन आयुस लंड हिलाना छोर नहा के बाहर आता है कपड़े पहन अपना शिकार लेके कैप के पास आता है


आयुस आग जला के चिरिया को एक लम्बे लकरि मे लगा के आग के ऊपर रख पकाने लगता है बाकी सब बैठे देखते रखते है भूख तो सब को लगी हुई थी एक एक कर आयुस सब चिरिया को पका देता है एक एक अमृता बिनीता आयुसी को देता है एक खुद रख बाकी चिरिया खरगोस् को अच्छे से रख देता है बाकी चिरिया रात के लिये खरगोस् सुबह के लिये


सभी के हाथ मे पका चिरिया था आयुस तीनों को देख - अरे मसाला भूल गया आयुस मसाला निकाल सब पे डाल देता है हा अब खाओ

लेकिन अमृता बिनीता आयुसी खाने से कटरा रहे थे

आयुस सभी को देखता है फिर खुद पहले एक बाइट लेता हुवे खाता है आयुस - वाह बहोत अच्छा स्वाद है मजा आ गया

आयुस को मजे से खाते देख सभी को भी रहा नही जाता सभी भी खाने लगते है

अमृता - हु सच मे बहोत अच्छा स्वाद है मजा आ गया
बिनीता - हु सही कहा भाभी मुर्गी से अच्छा स्वाद है
आयुसी - हु सच मे मजा आ रहा है
आयुस मुस्कुराते हुवे - मजा आये ना आये खाना तो परेगा ही वैसे चिरिया कोई भी हो खाने मे अच्छा ही लगता है

20 मिनट बाद

खाना पीना हो चुका था

अमृता - उफ खाना पीना तो हो चुका अब क्या
आयुस - हु अब कर ही किया सकते है घुमेगे बाते करेगे ऐसे ही टाइम पास कम होगा

बिनीता - हु उसके अलावा कोई रास्ता भी तो हमारे पास नही है
आयुसी - बुआ अपने सही कहा पता नही और कितने दिन यहा रहना परेगा

पास्ट

आयुस राज के घर 1 दिन बाद दोपहर को जाता है आयुस अंदर जाता है और राज को आवाज लगाता है

रीमा कमरे से बाहर आती है और आयुस को घूर के देखती है

आयुस नजरे नीचे कर - वो ऑन्टी माफ करना मुझे पता नही था आप
रीमा - कोई बात नही मुझे पता है तेरी गलती नही थी
आयुस - हु वैसे राज कहा है
रीमा - कहा होगा अपने बेकार दोस्त के घर
आयुस - अरे आप मुझे बेकार केह रही है
रीमा मुस्कुराते हुवे - तु नही रे उसके बाकी दोस्त को बोला
आयुस - अच्छा मे चलता हु वैसे ऑन्टी आप खूबसूरत तो बहोत है लेकिन उस दिन जो देखा तो सच मे आप कयामत लग रही थी इस उमर मे भी आपकी बॉडी फिट है सब कुछ बहोत खूबसूरत कमाल का था

रीमा डंडा लेके आयुस की तरफ आते हुवे - कमीने रुक तुझे मे बताती हु

पर आयुस तो तेजी से भाग जाता है

रीमा - कमीना वैसे किया मे इतनी खूबसूरत छी किया सोचने लगी फिर आ तू कसम से बहोत मरुगी


परजेंट

करने को कुछ था नही जंगल मे जो फसे थे आस पास घूम बाते कर बाते करते साम हो जाती है

आयुस बैठा एक पथर् पे बैग से मछली वाला काटा धागा निकाल अच्छे से बाँध कर लेता है

आयुसी - भाई आप मछली पकरने वाले है

आयुस - हु कियुंकी हम जंगल मे तो जो मिल जाये सामने समुंदर है पीछे जंगल मछली चिरिया जानवर की कोई कमी नही है बस हमे पका के खाना होगा ना रोटी चावल कुछ नही

आयुसी - हु रोटी चावल बिना उफ कैसे कटेगी दिन रात
आयुस मुस्कुराते हुवे - जिंदा बाहर निकल गये यही बहोत है फिर घर जाके जी भर खायेंगे

अमृता - हु हमे हालात के हिसाब से ढलना होगा
बिनीता - ह आपने सही कहा भाभी अब हमे पका मास मछली ही खाके जिंदा रहना है
आयुस - बिल्कुल सही

आयुस - मेने एक घेरा बनाया था पथर् से झरने के पास ताकि कोई छोटी मछली फस सके जाके देखना होगा

आयुसी - छोटी मछली का किया करेगे हम
आयुस - पागल इस काटे मे लगा के बरी मछली पकरने के लिये
आयुसी - अच्छा
आयुस - मे जाके देखता हु
बिनीता - मे भी चलती हु
आयुस - हु

आयुस को समुंदर के किनारे से एक पुरानी पानी का बोतल मिला था उसे ले लेता है फिर बिनीता के साथ झरने की तरफ निकल परता है
कैप से झरने तक जाने मे 30 मिनट के पास लग ही जाते थे

आयुसी अमृता बैठे बाते करते हुवे समुंदर को देख रहे थे
अयुसी - मा भाई हमारे साथ नही होता तो हमारा क्या होता
अमृता - तो हम एक हफ्ते भी जी नही पाते
आयुसी - हु
अमृता - लेकिन लाला है तो हमे डरने की जरूरत नही है
आयुसी- आपने सही कहा कहा मा भाई को अच्छे से पता है जंगल मे कैसे जिंदा रहना है
अमृता मुस्कुराते हुवे - सही कहा

आयुस बिनीता पहुँच जाते है आयुस पथर से गोल घेरा बनाया हुआ था बस एक जगह ठोरी सी जगह छोर दी थी ताकि मछली अंदर आ सके
आयुस देखता है 3 मछली जो 2 या 3 इंच के थे फसे थे आयुस देख खुश हो जाता है

आयुस मछली को पकर पानी के बोतल मे रख देता है

बिनीता - तीन मछली छोटी मछली से से बरी मछली पकर पाओगे
आयुस - ये तो किस्मत के ऊपर है काटे मे कई बार मछली चारा खा के भाग जाती है नही फस्टि लेकिन कई बार फस भी जाती है ये तो सुबह पता चलेगा चले

बिनीता मुस्कुराते हुवे - हा चलो
आयुस - जब आप घर नही जायेगी तब फूफा जी बेचैन होके फोन करेगे लेकिन फोन नही लगेगा फिर घर आयेगा वहा हम नही होगे फिर फूफा पुलिस के पास जायेंगे उसका भी कोई फायदा नही होगा तो फूफा लास्ट मे परेसान हो जायेंगे आपके बिना
बिनीता - हु तुमने सही कहा लेकिन हम कर भी किया सकते है


आयुस बिनीता कैप के पास आ जाते है

अयुसी - भाई कितने मिले
आयुस दिखाते हुवे - तीन मिले इतना ही मुझे चाहिये था

रात हो चुकी थी आयुस एक मछली निकाल काटे मे लगा के पानी मे थोरा दूर फेक देता है आयुस दूसरे काटे को भी मछली लगा के फेक देता है दोनों काटे के मछली जिंदा थे तैर रहे थे

आयुस फिर एक लकरि जमीन के अंदर तक धसा के उसमे डोरी बांध देता है
आयुस - चलो ये काम तो हो गया उमीद है एक मे भी कोई बरी मछली फस जाये

आयुस फिर सब के पास आके आग के सामने बैठ जाता है

अमृता - हो गया
आयुस - हा
बिनीता - देखते है सुबह तक कोई मछली फसती है या नही
आयुसी - भाई ने लगाया है जरूर फसेगी

अमृता - तुझे तो भाई का सब काम मे हा ही रहता है
आयुसी आयुस के कंधे पे सर रख - कियुंकी भाई बेस्ट है
आयुस मुस्कुरा देता है


पास्ट

आयुस रीमा से जो कहा उसके बाद 4 दिन तक आयुस राज से मिलने जाता था लेकिन घर के अंदर रीमा के सामने नही जाता था बेचारा डरा जो था

आज भी आयुस साम को राज के घर के बाहर खरा होके आवाज लगा रहा था तभी रीमा बाहर आके आयुस को देख - अंदर आ नही तो तेरी मा को बता दुगी

आयुस डर के - जी
. आयुस अंदर जाता है रीमा आयुस को पकर - बचु आज हाथ लगा है अब तेरा क्या होगा क्या बोला था उस दिन है फिर से बोल

आयुस डरते हुवे - जो मेने कहा सही ही कहा ऑन्टी
रीमा - अच्छा क्या
आयुस रीमा को एकदम से बाहों मे भर - हा आप को नँगा सब देखा आपकी बॉडी सब कमाल की खूबसूरत है फर्क नही परता आप मुझे मारे गुस्सा करे पर मा को मत केहना

रीमा हैरान होके आयुस को देखती है फिर सर्म से - अच्छा ठीक है माफ किया अब छोर मुझे

आयुस मन मे - हु मुझे तो आपकी चुत मारनी है डरने से नही मिलेगी
आयुस रीमा को छोर - वैसे ऑन्टी खूबसूरत तो आप बहोत है बॉडी भी कमाल की है देख कर लगता है आप अभी 26 की है

रीमा हस्ते हुवे - पागल 26 की नही हु तेरी माँ से छोटी हु बस
आयुस मुस्कुराते हुवे - लोग सही केहते है औरते अपनी उमर नही बताते
रीमा मुस्कुराते हुवे - बिल्कुल सही केहते है

आयुस मुस्कुराते हुवे - उस दिन मेरी किस्मत अच्छी थी उफ आपका हुस्न देखने को मिल
रीमा सर्म से - ओये हद मे रह मार खानी है
आयुस रीमा के होठो पे जल्दी से किस कर भागते हुवे - मार नही किस चाहिये था जो मेने ले लिया

रीमा हैरान शोक अपने होठ पे उंगली रखते हुवे - कमीना अब तो पक्का तुझे मरुगी

रीमा का शरीर काप् गया था

पर्जेंट

खाने का समय हो गया था

आयुस - मेने एक अच्छी जगह पे बरी सी डंडे पे कपड़े का टुकरा बांध दिया है ताकि कोई पास से गुजरेगा तो समझ जायेगा यहा कोई फसा है आज मे देखता रहा लेकिन कोई नही आया हु लेकिन कोई ना कोई आयेगा तो जरूर चलो खाते है फिर सोते है

सभी - हु

खाना पीना होने के बाद सब बिस्तर पे लेत जाते है अंधेरे मे कोई साफ एक दूसरे को देख नही सकता था आयुस के पास फोन था लेकिन बंद कर के रख दिया था

अमृता - किसने सोचा था एक दिन हम ऐसे हालात मे फसेगे और हमे इस जंगल समुंदर के बीच सोना परेगा उपर से चारों तरफ खतरा है जंगल से आने वाली भयानक आवाजे डरा देती है

बिनीता - हा मुझे भी आवाजे सुन बहोत डर लग रहा है लेकिन अब हमे रोज सुनना परेगा

आयुसी को अपने भाई से चिपक कर सोई थी

आयुसी - भाई है तो मुझे डर नही

आयुस - बिल्कुल गुरिया

फिर ठोरी बात के बाद सब सो जाते है

रात के 12 बजे सब गहरी नींद मे थे लेकिन बिनीता को ऐसा मेहसूस होता है जैसे उसके चुके कोई दबा रहा है जिसकी वजह से बिनीता की नींद खुल जाती है बिनीता फिल करती h ये सच मे हो रहा है कोई उसके चूचे पकर दबा रहा है

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बिनीता हैरान शोक दर्द मे मुह बंद कर - उफ आयुस बेटा तु कैसे मेरे साथ ये कर सकता है आह दर्द हो रहा है बेटा तुने ये कर मेरा दिल तोर मुझे दुख दिया है तू पाप कर रहा है रुक जा

तभी बिनीता को कुछ सुनाई देता है जिसे सुन बिनीता को झटका लगता है

आयुस नींद मे बिनीता के दोनों चूचे दबा रहा था

आयुस नींद मे चूचे दबाते हुवे - उफ रीमा ऑन्टी आपके चूचे तो आज बहोत टाइट बरे लग रहे है मुलायम भी उफ मजा आ रहा है आह

बिनीता हैरान शोक मन मे - क्या रीमा आयुस बेटे के बीच वो सब कैसे रीमा तुम अपने बेटे के ऊपर के लरके के साथ छी

आयुस - उफ आपकी चुत चुदाई करने मे मजा बहोत आता है आह कितनी गर्म चुत है आपकी चलो खोलो ना मेरा लंड आपकी चुत मे जाने के लिये बेचैन है आह

बिनीता हैरान शोक - छी कैसी कैसी बाते कर रहा है ये आह मा मेरे चूचे बहोत जोर से दबा रहा है उफ आह अब समझ मे आया आयुस बेटा नींद मे सब कर रहा है उफ मुझे लगा आह मा मुझे रोकना होगा

बिनीता आयुस के हाथ हटा के चूचे से दूसरी तरफ लेत जाती है आयुस भी अब आराम से सो जाता है

बिनीता अपने चूचे छुटे हुवे - उफ कितना जोर से दबा दिया दर्द हो रहा है यकीन नही हो रहा रीमा आयुस के बीच हाय मुझे तो यकीन करना मुश्किल हो रहा है रीमा कैसे आयुस से छी


आयुस जवान लरका था जब से रीमा की चुत मिलने लगी थी जब दिल करता मोक्का देख रोज एक ना एक बार चुदाई करता ही करता था रीमा भी आयुस के लंड लिये बगैर नही रह पाती थी लेकिन जंगल मे आने के बाद पहली बार आयुस को बिना चुदाई के रहना परा एसी लिये सपने आये

... आज के लिये इतना ही 🙏🙏🙏🙏😲
Badhiya shaandar update
Ab jungle ki aadat lagne lagi h sabko shikar karke chidyon ke gosht ka maza lia jaa raha h sahi h
Dekhte h kitni gujarne padegi jungli raate
 

ajay bhai

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chapter 4

सुबह हो चुकी थी आयुस उठ कर अपने काटे को देखने जाता है बाकी सब बैठ सनसेड को देख रहे थे सुबह का नजरा बहोत खूबसूरत होता था

आयुस यहा काटा लगाया था वहा जाके देखता है एक डोरी हिल रही है तेजी से आयुस मुस्कुराते हुवे - हु फसी है

आयुस डोरी पकर जोर से खीचने लगता है मछली पानी मे तेजी फरफराने आयुस ये देख - अरे यार मछली तो बहोत बरी है लो लेकिन साली बाहर आ नही रही

आयुस पुरा ताकत लगा के आखिर कर मछली को बाहर निकाल देखता है मछली कम से कम एक हाथ बरी थी

आयुस मछली को उठा के - उफ हालात खराब हो गई मछली पानी मे बहोत ताकत वर होती है लेकिन कोई बात नही ये बहोत बरी है खाने का इंतज़ाम हो गया

आयुस मछली लेके सभी के पास आता सब इतनी बरी मछली को देख हैरान होते है

अयुसी मछली को देख - भाई ये तो बहोत बरी है
अमृता - हा इतनी बरी मछली बाजार मे ही मुश्किल से दिखती है
बिनीता - जो भी हो खाने का इंतज़ाम तो हुआ
आयुस मुस्कुराते हुवे - हा ये समुंदर है इसमें मछली की कोई कमी नही है

आयुस मछली को एक जगह रख देता है और सब के पास बैठ जाता है

बिनीता आयुस को घूर कर देखते हुवे मन मे - किसने सोचा था लाला मेरी उमर की औरत वो रीमा इसे छी उपर से मेरे चूचे उफ कितने जोर से दबाया

आयुस बिनीता को घूरते देख - बुआ ऐसे कियु घूर रही है मुझे
बिनीता - अरे मे तो अपने हैंडसम लाला को देख रही हु तु ना होता तो हमारा क्या होता
अयुसी - बुआ आपने वो कहा बिल्कुल सही कहा मेरा भाई बहोत हैंडसम है और भाई ना होता तो हमारे लग जाते

अमृता - हस्ते हुवे हु बात तो सही है फिर भी हमारे लगे परे है
आयुस - बात तो सही कही मा ये ये तीसरा दिन है
अमृता - हु पता नही और कितने दिन रहना परेगा

बाते होती है फिर सभी फ्रेस् होते है आयुस खरगोस् को पकाता है इसी मे 10 बज जाते है सूरज निकल आया था धुप चारों तरफ फैली थी जंगल मे रात से लेके सुबह धुप निकले के बाद ही ठंडी जाती है

आयुस सभी को देख - खाना रेडी है धुप निकल आया है तो अब हमे नहाने जाना चाहिये फिर खाना खायेंगे

सभी - ठीक है

आयुस सभी के साथ झरने के पास आता है

आयुस - हमारे पास एक ही कपड़े है वो सरीर पे है इस लिये ध्यान से कपड़े जंगल के फार मत लेना दूसरी हमे इसी एक कपड़े के साथ बता नही कितने दिन यहा रहना होगा

अमृता कपड़े देखते हुवे - लेकिन ये कपड़े गंदे है तो इसी गंदे कपड़े को हमेसा पहन कर रखेगे

बिनीता - आगे और गंदे होते जायेंगे सरीर तो नहा के साफ कर लेगे लेकिन कपड़े का किया

आयुस नजरे दूसरी तरफ कर - वो एक ही रास्ता है जो हमे करेगा ही होगा
आयुसी - भाई वो क्या है

आयुस - देखिये इस जंगल मे हमारे अलावा कोई नही है मे ही एक आप लोगो के बीच मर्द हु मे यहा नही रहुंगा तब आप नहाने से पहले कपड़े निकाल धो कर पथर् यहा धुप है सूखने को रख देना 30 मिनट तो आप सब नहायेगे ही और यहा धुप भी तेज है तो एक घंटे मे कपड़े सुख जायेंगे तो बाकी टाइम आप सब को वैसे रहना परेगा ऐसे ही जब कपड़े गंदे होगे करना परेगा

आयुस की बाते सुन समझ सब सर्म से लाल हो जाते है

अमृता मन मे - उपर वाले कहा फस गये अब नँगा रहना परेगा लेकिन बेटे ने जो कहा सही है हमारे पास कोई रास्ता नही है लेकिन सब के सामने उफ

बिनीता मन मे - हु लाला जी बात सही है दूसरा कोई रास्ता नही
आयुसी - भाई ने सही कहा लेकिन मुझे सर्म आयेगी मा बुआ के सामने नंगी उफ कहा फस गये हम

आयुस जाते हुवे - मे कैप पे जा रहा हु जब आप सब का हो जाये कपड़े सुख जाये तो आ जाना
सभी - ठीक है

अमृता बिनीता आयुसी सब एक दूसरे को देखते है फिर सर्म से लाल हो जाते है कोई रास्ता नही था सब थोरा दूर जाके पथर् के पीछे सारे कपड़े निकाल पानी मे जाके अच्छे से धोके एक अच्छी जहा तेज धुप है वहा सूखने के लिये रख देते है फिर पानी मे नहाने उतर जाते है

अमृता बिनीता के चुत पे बाल थे लेकिन आयुसी के छोटे थे यानी आयुसी ने चुत की सफाई की थी

सभी पानी मे उतर कर आने के बाद तीनों आमने सामने आते है थोरा अजीब लग रहा था ठोरी सर्म भी आ रही थी लेकिन तीनों औरते थी हालात भी ऐसे थे तो सब सर्म बाकी सब छोर मजे से नहाने लगते है

अमृता बिनीता से - उफ झरने मे यहा नहाने मे मजा ही आ जाता है
बिनीता सरीर साफ करते हुवे - आपने सही कहा भाभी पानी भी बहोत साफ है
आयुसी - हु अगर ये झरना ऐसी खूबसूरत जगह हमारे घर के पास होती तो मजा आ जाता

नोट - आयुस का गाव पहारी इलाके मे है लेकिन छोटे पहार जंगल है छोटी नदी झरने है बस

अमृता - बेटी तुने सही कहा पर हम जंगल मे है ये जगह भी

आयुस कैप के पास आके बैठ समुंदर को देखते हुवे - कपड़े एक ही है सब औरते है तो दीकत नही है कास कोई आ जाये

आयुस अपने लंड को पकर - उफ रीमा ऑन्टी आपकी बहोत याद आ रही है

पास्ट

आयुस रीमा के घर जाता है 12 बजे रीमा कमरे मे बिस्तर पे लेती हुई थी

आयुस आगन् मे आके - राज साले कहा है बे

रीमा - आ गया कमीना

रीमा बाहर आके आयुस को देख - अच्छा बेटा तेरा ही इंतज़ार था
आयुस डरते हुआ - वो ऑन्टी मे जा रहा हु बाद मे मीलुगा

लेकिन रीमा जल्दी से आयुस को पकर कान मोर - अच्छा कल मेरे होठ पे किस कर भागा उसका हिसाब कोन देगा हा बोल

आयुस रीमा से कान छोरा के बाहों मे लेके - कल सिर्फ छोटा किस किया था आज आपके होठो का रस पियुगा

आयुस ये केहते हुवे रीमा के होठ मुह मे लेके चूसने लगता है रीमा हैरान शोक मे खरी रहती है रीमा को यकीन नही हो रहा था उसके बेटे का दोस्त उसके होठ का रस पी रहा है रीमा को गिला होठ पे फिल होता है अजीब एहसास रीमा को घेर लेता है
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आयुस अपना जिब अंदर ले जाने की कोसिस कर रहा था लेकिन रीमा के दात् बंद थे फिर आयुस हैरान होता है रीमा ने मुह खोल दिये थे आयुस भी सब भूल रीमा के जिब से जिब मिला मुह मे लेके चूसने लगता है रीमा का पहली बार था रीमा भी ना चाहते आयुस का साथ देती है दोनों एक दूसरे के होठ का रस पीते है 2 मिनट बाद

आयुस तेजी से भागते हुवे - बाय खूबसूरत ऑन्टी आपके होठो का रस बहोत मिठा था पीके मजा आया

रीमा हैरान तेज सासे लेते हुवे आयुस को जाते देखते रह जाती है

रीमा - आह उफ ये लरका मेरे साथ सब कर रहा था तो मे उसे रोक कियु नही पाई ये किस पहली बार था मेरा उफ अजीब था होठो का रस पीना लेकिन मजा आया उफ पर मे कैसे इस लरके मे बरी हिम्मत आ गई है मेरे साथ ऐसा कैसे कर सकता है

रीमा होठ को छुटे हुवे - उफ किया किस करने मे इतना मजा आता है

आयुस घर जाते मुस्कुराते हुवे - उफ आज तो मजा ही आ गया उफ ऑन्टी आप कमल है काश आपकी चुत मिल जाये तो मजा आ जाये

पर्जेंट

अमृता बिनीता आयुस कैप मे आते है आयुस सभी को देखता है कपड़े साफ सूखे थे

आयुस सभी को देख - हा अब सही है हमे ऐसे ही कपड़े साफ रखना होगा
अमृता - हु अब तु जा नहा ले
आयुस - हा ठीक है वैसे बुआ चलो ना साथ मे नहाते है किया कहती है

बिनीता हैरान आयुस को देखती है फिर - रुक तुझे मे बताती हु
आयुस भागते हुवे - गुस्से मे तो आप और भी खूबसूरत लगती है

अमृता अयुसी जोर जोर से हसने लगते है बिनीता भी हस्ते हुवे - ये लरका भी ना

आयुस झरने पे आता है सब कपड़े निकाल अच्छे से धोता है फिर पथर् पे सुखने के लिये रख नहाने लगता है अच्छे से नहाने के बाद बाकी कपड़े सुखने तक नाथ ही इधर उधर धुमने लगता है

आयुस अपने लंड को देख - यार तेरी मेरी किस्मत ही खराब है दोस्त यहा चुत बिना रहना होगा

12 बज चुके थे नहाते कपड़े सुखाते आयुस के कपड़े सुख चुके थे आयुस कपड़े पहन कैप पे आता है

आयुस ने समुंदर के किनारे पहला पेर के नीचे बैठने के लिये बनाया था कियुंकी दिन मे धुप होती थी

आयुस सभी बैठे थे

आयुस फिर मीठ को काट के हिस्सा करके सब को देता है खुद भी लेके खाने लगता है

आयुस खाते हुवे - हु खरगोस् का मीठ बहोत अच्छा है
अमृता - हा करक लेकिन मजेदार
बिनीता - हा स्वाद तो सच मे बहोत अच्छा है
आयुसी - हा लेकिन पका मीठ ही खाना होगा

आयुस - बिल्कुल कियुंकी दूसरा कोई चारा नही

आयुस सभी का खाना होता है तभी आयुस को एक आईडिया आता है

आयुस - गुरिया मेरे साथ चलो
आयुसी - कहा कियु
आयुस मुस्कुराते हुवे - चलो तो सही बाद मे खुद पता चल जायेगा
आयुसी - ठीक है भाई चलती हु

अमृता - संभल के जायदा अंदर मत जाना
बिनीता - हा साप कीरे से बच के

आयुस - जी आप लोग चिंता मत करो

आयुस आयुसी जंगल मे आते है आयुस हर पेर को देख रहा था आयुसी समझ नही पा रही थी उसका भाई किया ढुंढ रहा है

तभी आयुस को जो चाहिये मिल जाता है एक पेर से कई सारे पतली रस्सी जैसी लताये लिपटी हुई थी आयुस उसे पकर जोर से तोरने कि कोसिस करता है लेकिन बेले मजबूत थी

आयुस खुश होके - ये हुई ना बात

आयुस बिना टाइम गवाये सभी सभी लताये को काटने लगता है और एक जगह रखने लगता है अयुसी हैरान - भाई इस बेल का किया करने वाले है

आयुस मुस्कुराते हुवे - बता चल जायेगा
आयुसी मुह फुला के - नही बताना मत बताओ
आयुस मुस्कुराते हुवे - यकीन मानो तुम्हे पसंद आयेगा

आयुस बहोत सारी लताये काट कर एकथा करता है

आयुस - गुरिया इतना तुम उठा लो बाकी मे उठा लेता हु

आयुस - हु ठीक है

आयुस आयुसी लताये लेके सभी के पास आते है


अमृता हैरान आयुस से - अरे बेटा ये जंगली लताये कियु लेके आया है
बिनीता - मुझे लगता है जरूर कुछ करेगा ही
आयुस मुस्कुराते हुवे - बिल्कुल करुगा बस आप सब देखते जाये

आयुस काम पर लग जाता है सभी लताये को एक दूसरे से लपेट जाले टाइप बनाने लगता है बाकी सब देखते रहते है टाइम तो बहोत लगता है 2 घंटे के बाद आयुस सभी के लिये एक एक बना देता है

आयुस जिस पेर के नीचे था वो पेर छोटा था लेकिन बहोत दूर तक चारों तरफ फैला था कई डालिया भी थी आयुस एक नजर डालता है फिर आयुस को कैसे किया करना है समझ मे आ जाता है

आयुस फिर काम पे लग जाता है आयुसी भी मदद कर रही थी आयुस सब को अब समझ आ रहा था आयुस किया कर रहा है 30 मिनट बाद काम खतम होता है

आप इस फोटो मे देख सकते है एक लरकी कैसे लेती है जाले के ऊपर वैसे ही आयुस जंगली मजबूत लताये से सभी के आराम सोने के लिये बनाया कियुंकी दिन मे समय काटना बरा मुश्किल था लेकिन अब आराम से छाव मे झूले पे लेत आराम बाते कर सकते थे
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आयुसी जल्दी से झूले पे लेत खुशी से - वाह भाई अपने तो कमाल कर दिया बैठे बैठे सरीर दर्द करने लगता था लेकिन अब मजे से हवा मे झूलते मजा ले सकते है बाते सो सकते है

अमृता - वाह बेटा सच मे कमाल कर दिया लेकिन किया ये हमारे वजन संभाल पायेंगे

बिनीता - बोलो इतना मजबूत है कही ऐसा ना हो टूट जाये और हमारी कमर भी

आयुस मुस्कुराते हुवे - डरिये नही बहोत मजबूत है लताये दूसरे मेने अच्छे से सब जाल लगाये है टुटने का सवाल ही नही ट्राई करे

अमृता बिनीता झूले पे लेत जाते है डरते हुवे लेकिन कुछ नही होता
अमृता बिनीता - हु बहोत बजबूत है मजा भी आ रहा है आराम से लेत बाते कर सकते है समुंदर का नजारा भी अच्छे से देख सकते है

आयुसी - हु मुझे तो बहोत मजा आ रहा है भाई सुक्रिया
आयुस - अरे गुरिया के लिये कुछ भी करुगा
अमृता बिनीता हमारे लिये नही
आयुस हस्ते हुवे - सब के लिये

सभी झूला पे लेत बाते करने लगते है घर पे किया हो रहा होगा बाकी सब मुद्दे पे फिर सब एक छोटा नींद लेते है साम को सब उठते है

शाम ढल जाती है अंधेरा हो जाता है अभय सभी आग जला के बैठे हुवे थे आयुस मछली को साफ कर आग पे रख पका रहा था

आयुसी - उफ भाई पहले दिन चिरिया फिर खरगोस् अब मछली देखते है मछली का स्वाद कैसा होगा

अमृता मुस्कुराते हुवे - बेटी तुने बात तो सही कही अब खाने के बाद पता चलेगा

बिनीता - यार मुझे तो भूख लगाने लगी है

आयुस - बस बुआ ठोरी देर और

25 मिनट बाद मछली अच्छे से पक जाती है अभय बरे पत्ते लेके रखा था उसी पे अपनी मा बुआ अयुसी को देता है खुद एक लेके खाने लगता है

आयुस - हु अच्छा है लेकिन मीठ के सामने मछली कुछ भी नही
अमृता - सही कहा बेटा मछली का स्वाद तो अच्छा है लेकिन मीठ से जायदा नही

बिनीता - हु चिरिया खरगोस् खाने मे बहोत अच्छा था लेकिन ये मछली ठीक है

अयुसी - किया ही कर सकते है लेकिन इतना भी बुरा नही अच्छा है
आयुस - हु मछली फराइ या बना के खाने मे अच्छा स्वाद करता है पका के खाने मे नही

अमृता - बिल्कुल सही कहा तुमने बेटा

खाना पीना होने के बाद सभी ठोरी देर और बाते करते है फिर सभी बिस्तर पे आके लेत जाते है

अमृता - 9 बजते ही बहोत ठंडी बढ़ जाती है उफ
बिनीता - भाभी आपने बहोत सही कहा आग के पास बैठा भी नही जाता
आयुसी आयुस से चिपकी हुई - हा अच्छा है सोने के लिये बिस्तर है
आयुस - हु इतना सब है इस लिये बहोत हेल्फ हो गई वर्ना बहोत मुश्किल हो जाती

कुछ मिनट बाते करने के बाद सब सोने लगते है

आयुस अयुसी को बाहों मे पकरे हुवे था आयुस को आयुसी के चूचे सीने पे फिल हो रहे थे आयुस - उफ ये चूचे बहोत बरे है मेरी गुरिया के

रात 2 बज रहे थे फिर आयुस रीमा के सपने देखने लगता है और बिनीता को रीमा समझ बाहों मे कसे चूचे दबाने लगता है बरब्राने लगता है बिनीता को फिल फिल होता है कोई उसके चूचे दबा रहा है बिनीता की नींद खुलती है तब समझ मे आता है आज फिर उसका भतीजा रीमा समझ उसके चूचे दबा रहा है

नींद खुल गई चूचे पे आयुस का हाथ चल रहा था आयुस दोनों चूचे पकर जोर जोर से दबा रहा था तो बिनीता को दर्द होने लगता है बिनीता जल्दी से हाथ से मुह बंद कर - मर गई ये लरका फिर सुरु हो गया कितना जोर से दबा रहा है मुझे बहोत दर्द हो रहा है

आयुस रीमा समझ बिनीता के चूचे दबाते हुवे - उफ ऑन्टी आपके चूचे आज बहोत बरे लग रहे है उफ दबाने मे मजा आ रहा है

बिनीता कुछ समझ पति उससे पहले आयुस बिनीता के होठ से होठ सता के किस करने लगता है साथ मे अपना लंड बिनीता के चुत पे सता के घिसने लगता है

तीन हमला बिनीता को कपा देता है आयुस बिनीता को किस करते हुवे चूचे दबा रहा था और चुत पे लंड घिस भी रहा था बिनीता बेचारी की हालात खराब होने लगती है होठ पे होठ चूचे पे हाथ चुत पे लंड फिल कर बिनीता मद्होस पागल होके मचल रही थी

बिनीता होस खोटे जा रही थी मुह बंद था इस लिये आह उफ सिसकिया की आवाजे मुह मे ही रह जाती है

बिनीता मन मे बेचैन होके - आह मा मर गई ये ये आयुस बेटा रुक जा आह मेरी चुत पे आयुस बेटे का लंड है उफ बहोत मोटा लग रहा है

आयुस किस छोर चूचे दबाते हुवे - आह ऑन्टी याद है आपकी चुत पे पहली बार अपना मोठा लम्बा 10 इंच का लंड घुसाया था तो आप को कितना दर्द हुआ था

बिनीता हैरान शोक मे - किया इतना बरा है आयुस बेटे का लंड छी मे किया सोचने लगी मुझे रोकना होगा आयुस बेटे को

तभी आयुस सारी के ऊपर से ही बिनीता के चुत पे हाथ रख चुत को मसलने लगता है बिनीता तो पूरी काप् जाती है शोक मे आह उफ मचल के तरप् के महदोस् मे खोने लगती है

आयुस बिनीता के गर्दन पे किस करते हुवे बिनीता के चुत मसलते हुवे - उफ ऑन्टी आपकी चुत तो आज बहोत गर्म लग रही है उफ चिंता मत करिये सब गर्मी निकाल दुगा आपकी चुत की

बिनीता आयुस की खुली गंदी बाते सुन अपनी चुत पे आयुस पे आयुस का हाथ चलता फिल कर मन मे - आह मर गई रे आयुस बेटा रुक जा ये लरका कितना गंदा बाते कर रहा है उफ मेरी चुत को कितना जोर से मसल रहा है आह मुझे कुछ हो रहा है नही मुझे रोकना होगा

बिनीता आयुस के कान मे उंगली करती है आयुस नींद मे ही कान पे हाथ रख देखने लगता है किया है कान पे लेकिन इसकी वजह से आयुस रीमा का सपना देखना बंद कर सांत हो जाता है

बिनीता पीठ के बल लेत तेज सासे लेते हुवे मन म - आह उफ आज तो हद ही हो गई उफ मेरे चूचे बहोत दर्द कर रहे है मेरी चुत गीली हो गई आयुस बेटे के मसलने उसकी बाते सुन छी लेकिन कैसे मे उसकी बुआ वो मेरे बेटे जैसा है ये रीमा के चक्कर मे मुझे सब झेलना पर रहा है किया करू मुझे लगा एक बार हो गया हो गया लेकिन आज भी

मे समझ सकती हु आयुस जवान है रीमा के साथ सब करने के बाद यहा उसको वो सब करने का दिल कर रहा होगा उफ ये लरका भी ना पर आगे किया फिर कल भी ऐसा करेगा तो किया भाभी को नही नही अगर भाभी आयुस के पास सुई तो भाभी के साथ भी ये लरका सब करने लगेगा फिर भाभी को भी पता चल जायेगा आयुस रीमा के बारे मे ऐसा हुआ तो गर्बर् हो जायेगी मुझे ही कुछ सोचना होगा

बिनीता अपनी चुत को सेहलाते हुवे मन मे - इतना जोर से कोन मसलता है आह मा दर्द हो रहा है


सुबह होती है बिनीता रात जो हुआ वही याद कर आयुस को घूर के देखते हुवे मन मे - अभी भी यकीन नही होता रीमा मेरे बेटा कैसे उपर से रीमा समझ मेरी नींद उड़ा रहा है

आयुस सब खरे फिर सुबह समुंदर को देख रहे थे

अमृता - सुबह का ये सन्सेड देखना दिल को सुकून दे रहा है
आयुसी - समुंदर के ऊपर सूरज जो अपनी लालिमा हर तरफ फैला रहा है बहोत खूबसूरत है

आयुस - हु खूबसूरत तो है

10 बजते है फिर सभी झरने के पास आके नहाने लगते है आयुस अकेले जंगल मे जाके शिकार करने लगता है 36 मिनट बाद आयुस आज फिर दो खरगोस् 3 चिरिया का शिकार कर लौटने लगता है

आयुस - ये बहोत बरा खतरनाक जंगल है यहा कोई शिकारी आता नही इस लिये शिकार आसानी से मिल जाते है ये हमारे लिये अच्छा है नही तो अगर हम कोई ऐसी जगह होते यहा बहोत कम शिकार है तो हमारे लग जाते

आयुस झरने के पास पास आता है अमृता सब नहा के धुप मे पथर् पे बैठे हुवे थे आयुस सब के सामने शिकार रख देता है

अमृता - वाह आज फिर खरगोस् चिरिया खाने को मिलेगा
बिनीता - रोज एक ही चीज खाके मन भर जायेगा
आयुस - अरे ये चिरिया उस दिन के चिरिया से अलग है तो स्वाद भी अलग आयेगा
आयुस - भाई आपने सही कहा ये चिरिया अलग है

आयुस - हु और समुंदर मे भी कई तरह के चीजे खाने को है

अमृता - हु

आयुस - ठीक है आप सब जाओ मे नहा के आता हु

अमृता बिनीता सब जाते हुवे - ठीक है

आयुस फिर नँगा होके नहाने लगता है


आज के लिये इतना ही 🙏🙏🙏🙏
 

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chapter 3


रात हो चुकी थी जंगल से अजीब गरीब आवाजे और तेज हो चुके थे आयुस सभी आग के दोनों तरफ बैठे हुवे बाते कर रहे थे आयुस के साथ आयुसी bathi हुई थी दूसरी तरफ अमृता बिनीता बैठे थे
अमृता - जंगल से अब और तेज भयानक आवाजे आने लगी है
बिनीता - हा भाभी मुझे तो ये सोच कर ही डर लग रहा है अगर हमे जंगल के अंदर सोना होगा तो उफ सोच मेरा शरीर काप् रहा है ये तो अच्छा है हम जंगल के किनारे इस समुंदर के किनारे है
आयुसी - बुआ आपने सही कहा यहा उतना डर नही लग रहा खुला आसमान खूबसूरत जगह है बस पीछे जंगल आगे समुंदर के बीच हम फसे है

आयुस आयुसी को बाहों मे लेके - चिंता मत करो हम अपने घर सही सलामत जायेंगे
आयुसी अयुस को देख - आप है तो चिंता कैसी

अमृता - अरे मे भूल ही गई अब याद आया घर पे कोई नही है गाय बकरी का किया होगा
बिनीता - अरे हा वो तो भूखे मर जायेंगे
आयुस - चिंता मत कीजिये जब गाय बकरी को जायदा भूख लगेगी तो वो आवाजे करेगे चिल्लायेगे तब हमारे परोसी जरूर देखने आयेगे
अमृता राहत सास लेते हुवे - हा ये तो तुमने सही कहा
बिनीता - तो किया किसी को पता चलेगा हमारे साथ किया हुआ है
आयुस - मुश्किल है लोगो को लगेगा हम कही गये हुवे है लेकिन अगर किसी को लगता है की हमारे साथ कुछ हुआ है फिर भी कोई फायदा हमे नही होगा मान लो बात पुलिस तक जाती भी है तो पुलिस गाव आस पास सहर हर जगह तलास करेगी लेकिन इस जंगल मे कोई नही आयेगा यानी हमे खुद अपने आप को बचाना है यहा से निकलना है
अमृता बिनीता - बात तुमने सही कही

आयुस बैग लेके आता है अंदर सब के लिये एक एक खाने का बॉक्स था जिसमे बिरयानी थी आयुस सभी को देते हुवे - ये लास्ट है इसके बाद हमे शिकार करना होगा खाने के लिये

सभी खाना लेके खाने लगते है
अमृता - शिकार लेकिन कैसे करोगे
आयुस - करना ही होगा आप चिंता मत करो मा जंगल मे बहोत कुछ मिल जायेगा
आयुसी - तो हमे जंगली जानवर खाने होगे
आयुस अयुसी को देख - गुरिया जिंदा रहने के लिये कम परेगा जो मिल जाये खाना परेगा
अयुसी - हु समझ गई भाई

सभी खाना खाते है

अमृता - उफ बहोत ठंडी लग रही है
बिनीता - हा रात होते ही ठंडी बढ़ गई है
आयुस - हा जंगल मे रात को ठंडी बढ़ जाती है
अयुसी - भाई सोने चले
आयुस - हा चलो

फिर सब कैप के अंदर जाते है आयुस सभी बिस्तर पे लेत जाते है आयुसी आयुस को पकर चिपक कर लेत जाती है और बिनीता भी आयुस के बगल मे थी

अमृता - वाह तुम दोनों तो चिपक गये मे किससे चिपकु
आयुसी हस्ते हुवे - मे तो भाई के साथ ही सोउंगी
बिनीता - भाभी आज मे कल आप
अमृता - कोई बात नही ननद जी आप सोये

एक बरी चादर थी उसे ही सब ओर लेते है फिर सो जाते है

सूरज की रोसानी के साथ सुबह होती है सभी उठ कर बाहर आके फिर खूबसूरत नजारे देखने लगते है समुंदर के ऊपर सूरज की लालिमा फैली बहोत खूबसूरत दिख रही थी

आयुस - एक रात जंगल मे गुजार लिये
अमृता - हु

उसके बाद सब अपना हल्का होते है फरेस् होने के बाद आयुस बैग खोलता है उसमे मछली पकरने का काटा डोरी के साथ एक रबर भी था जिसे देख आयुस मन मे - कमीने इतना सब देने का सुक्रिया लेकिन तुने जो किया उसका बदला तो मे लेके रहुंगा

आयुस - गुरिया मेरे साथ चलो मुझे शिकार करने के लिये कुछ हथियार बनाने के लिये अच्छी डाली काट के लानी है बुआ मा आप यही रुको

अमृता बिनीता - ठीक है

आयुस आयुसी जंगल के थोरा अंदर जाते है सब चारों तरफ देख चल रहे थे साथ मे आयुस हर छोटे पेर की डाली को देख रहा था
20 मिनट बाद आयुस को जो चाहिये था मिल जाता है आयुस डाली काट के ले लेता है

अयुसी - भाई अब हम चले
आयुस - हा
तभी आयुस को कुछ आवाजे सुनाई देती है

आयुस - ये आवाजे
आयुसी डरते हुवे - किया हमारे आस पास कुछ है
आयुस - नही रे ये आवाजे तो कही सुनी सुनी है अरे हा ये तो झरने की आवाजे है गुरिया चलो मेरे साथ
आयुसी - जी भाई

आयुस आयुसी 12 मिनट चलने के बाद सामने का सीन देखते रह जाते है सामने वाटरफाल था यानी झरना खूबसूरत नजारा था आयुस ये देख बहोत खुश हो जाता है
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आयुस पास आके बहता साफ पानी देख - गुरिया पानी का इंतज़ाम हो गया ये झरने का पानी साफ है हम पी सकते है दूसरी इस जगह पे नहा सकते है बिना खतरे के समुंदर मे नहाना बहोत खतरनाक है

आयुसी - हा भाई आपने सही कहा यहा नहाना अच्छा रहेगा खूबसूरत जगह भी है

आयुस - चलो चलते है बाद मे आके नहायेगे पानी पीने का लेके भी जायेंगे
आयुसी - हा

आयुस फिर कैप के पास आके बैठ चाकू से डाली को काट हथियार शिकार करने के लिये बनाने लगता है बाकी सब बैठे देखते रहते है
1 घंटे बाद अभय ने हथियार बना लिया था शिकार करने के लिये
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एक था धनुष तीर दूसरा गुलेल ये दोनों शिकार करने के लिये बहोत काम आने वाला था

अमृता - तुने ये कैसे बनाया बेटा
बिनीता - हा तुने बरे आराम से बना दिया
आयुस मुस्कुराते हुवे - मेने वीडियो मे देखा था याद था बना लिया
आयुस - भाई आप कमाल है

आयुस - अरे हा मा बुआ हमे एक झरना मिला है जहा हम नहा भी सकते है पानी पी भी सकते है बस अब शिकार करना होगा जो मे कर लुगा

अमृता - ये तो बहोत अच्छी बात है इस जंगल मे पानी मिल गया
बिनीता - शिकार तु कर ही लेगा

आयुस - हु

10 बज रहे थे आयुस सभी को लेके झरने के पास आता है
अमृता बिनीता - बहोत खूबसूरत जगह है

आयुस किनारे जाके छोटे गोल पथर् ढुंढ कर पॉकेट मे रखने लगता है 40 पथर् लेने के बाद

आयुस सभी को देख - मा बुआ गुरिया मे जा रहा हु आगे शिकार करने आप सब नहा लो और हा एक ही कमरे है याद रखना

आयुस चला जाता है जंगल के अंदर

अमृता - एक कपड़े है तो हमे बिना कपड़े नंगे नहाना होगा
बिनीता - भाभी हालात ही ऐसे है
आयुस - हु भाई गये है आने से पहले हम नहा लेते है

सर्म रो तो सब को आ रही थी लेकिन हालात ऐसे थे जहा सर्म नही हालात के हिसाब से चलना था

आयुस जंगल के अंदर आता है हाथ मे गुलेल लिये पीठ पे धनुष रखे आयुस धीरे धीरे चल पेर पे चिरिया को देख रहा था कई चिरिया थे साफ है जंगल है जहा कोई इंसान नही लेकिन चिरिया जानवर भरे परे है

अभय एक चिरिया को देख गुगेल मे पथर् रख निसाना लगा के चला देता है लेकिन चिरिया के पास से चला जाता है चिरिया भी आवाज सुन भाग जाती है

आयुस - धत आधे घंटे निसाना लगाने की परेस्टिक् की फिर भी

आयुस आगे एक और चिरिया को देख निसाना लगाता है इस बार लग जाती है चिरिया नीचे गिर जाती अभय उठा के खुश होके अपने कमर के लगे लकरी से बनाया मास्केत मे रख लेता है अभी आयुस पुरा जंगली शिकारी लग रहा था

आयुस ऐसे ही 10 चिरिया का शिकार कर लेता है 25 मिनट मे

आयुस - हु इतना काफी है आज के लिये जंगल है तो शिकार की कमी नही है

आयुस फिर अपने लोगो की तरफ चल देता है तभी आयुस को सामने खरगोस् दिखाई देता है आयुस खरगोस् को देख रुक जाता है और अपना तीर कमान निकाल धनुष पे तीर लगा के घुटने पे बैठ सांत होके खरगोस पे अच्छे से निसाना लगा के छोर देता है
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खरगोस् आराम का ध्यान नही था उसे पता नही था एक तीर उसकी तरफ आ रहा है तीर आके सीधा खरगोस् के पेट मे जाके लगती है खरगोस् खतम आयुस पास जाके उठा के रख लेता है

आयुस - माफ करना जिंदा रहने के लिये मुझे शिकार करना होगा

आयुस अपनी मा सब के पास आता है सभी आयुस को देखते फिर शिकार को देखते है

अमृता - तो तुने शिकार कर ही लिया चिरिया खरगोस् को देख मुझे दया आ रही है

बिनीता - भाभी लेकिन हमारी मजबूरी है
आयुस - हु मजबूरी नही होती तो भाई उन्हे मारते हु कियु
अमृता - हु समझ सकती हु तुम सब सही को

आयुस - अच्छा तो आप लोगो ने नहा लिया तो अब मे जा रहा हु आप लोग जाये

बिनीता हस्ते हुवे - ठीक है जल्दी आ जाना
अमृता मुस्कुराते हुवे - चलो गुरिया
आयुसी - हु

आयुस पहले सभी चिरिया के पंख निकाल साफ करता फिर नँगा होके नहाने लगता है आयुस अपना लंड पकर - उफ रीमा ऑन्टी आपकी बहोत याद आ रही है उफ लेकिन आयुस लंड हिलाना छोर नहा के बाहर आता है कपड़े पहन अपना शिकार लेके कैप के पास आता है


आयुस आग जला के चिरिया को एक लम्बे लकरि मे लगा के आग के ऊपर रख पकाने लगता है बाकी सब बैठे देखते रखते है भूख तो सब को लगी हुई थी एक एक कर आयुस सब चिरिया को पका देता है एक एक अमृता बिनीता आयुसी को देता है एक खुद रख बाकी चिरिया खरगोस् को अच्छे से रख देता है बाकी चिरिया रात के लिये खरगोस् सुबह के लिये


सभी के हाथ मे पका चिरिया था आयुस तीनों को देख - अरे मसाला भूल गया आयुस मसाला निकाल सब पे डाल देता है हा अब खाओ

लेकिन अमृता बिनीता आयुसी खाने से कटरा रहे थे

आयुस सभी को देखता है फिर खुद पहले एक बाइट लेता हुवे खाता है आयुस - वाह बहोत अच्छा स्वाद है मजा आ गया

आयुस को मजे से खाते देख सभी को भी रहा नही जाता सभी भी खाने लगते है

अमृता - हु सच मे बहोत अच्छा स्वाद है मजा आ गया
बिनीता - हु सही कहा भाभी मुर्गी से अच्छा स्वाद है
आयुसी - हु सच मे मजा आ रहा है
आयुस मुस्कुराते हुवे - मजा आये ना आये खाना तो परेगा ही वैसे चिरिया कोई भी हो खाने मे अच्छा ही लगता है

20 मिनट बाद

खाना पीना हो चुका था

अमृता - उफ खाना पीना तो हो चुका अब क्या
आयुस - हु अब कर ही किया सकते है घुमेगे बाते करेगे ऐसे ही टाइम पास कम होगा

बिनीता - हु उसके अलावा कोई रास्ता भी तो हमारे पास नही है
आयुसी - बुआ अपने सही कहा पता नही और कितने दिन यहा रहना परेगा

पास्ट

आयुस राज के घर 1 दिन बाद दोपहर को जाता है आयुस अंदर जाता है और राज को आवाज लगाता है

रीमा कमरे से बाहर आती है और आयुस को घूर के देखती है

आयुस नजरे नीचे कर - वो ऑन्टी माफ करना मुझे पता नही था आप
रीमा - कोई बात नही मुझे पता है तेरी गलती नही थी
आयुस - हु वैसे राज कहा है
रीमा - कहा होगा अपने बेकार दोस्त के घर
आयुस - अरे आप मुझे बेकार केह रही है
रीमा मुस्कुराते हुवे - तु नही रे उसके बाकी दोस्त को बोला
आयुस - अच्छा मे चलता हु वैसे ऑन्टी आप खूबसूरत तो बहोत है लेकिन उस दिन जो देखा तो सच मे आप कयामत लग रही थी इस उमर मे भी आपकी बॉडी फिट है सब कुछ बहोत खूबसूरत कमाल का था

रीमा डंडा लेके आयुस की तरफ आते हुवे - कमीने रुक तुझे मे बताती हु

पर आयुस तो तेजी से भाग जाता है

रीमा - कमीना वैसे किया मे इतनी खूबसूरत छी किया सोचने लगी फिर आ तू कसम से बहोत मरुगी


परजेंट

करने को कुछ था नही जंगल मे जो फसे थे आस पास घूम बाते कर बाते करते साम हो जाती है

आयुस बैठा एक पथर् पे बैग से मछली वाला काटा धागा निकाल अच्छे से बाँध कर लेता है

आयुसी - भाई आप मछली पकरने वाले है

आयुस - हु कियुंकी हम जंगल मे तो जो मिल जाये सामने समुंदर है पीछे जंगल मछली चिरिया जानवर की कोई कमी नही है बस हमे पका के खाना होगा ना रोटी चावल कुछ नही

आयुसी - हु रोटी चावल बिना उफ कैसे कटेगी दिन रात
आयुस मुस्कुराते हुवे - जिंदा बाहर निकल गये यही बहोत है फिर घर जाके जी भर खायेंगे

अमृता - हु हमे हालात के हिसाब से ढलना होगा
बिनीता - ह आपने सही कहा भाभी अब हमे पका मास मछली ही खाके जिंदा रहना है
आयुस - बिल्कुल सही

आयुस - मेने एक घेरा बनाया था पथर् से झरने के पास ताकि कोई छोटी मछली फस सके जाके देखना होगा

आयुसी - छोटी मछली का किया करेगे हम
आयुस - पागल इस काटे मे लगा के बरी मछली पकरने के लिये
आयुसी - अच्छा
आयुस - मे जाके देखता हु
बिनीता - मे भी चलती हु
आयुस - हु

आयुस को समुंदर के किनारे से एक पुरानी पानी का बोतल मिला था उसे ले लेता है फिर बिनीता के साथ झरने की तरफ निकल परता है
कैप से झरने तक जाने मे 30 मिनट के पास लग ही जाते थे

आयुसी अमृता बैठे बाते करते हुवे समुंदर को देख रहे थे
अयुसी - मा भाई हमारे साथ नही होता तो हमारा क्या होता
अमृता - तो हम एक हफ्ते भी जी नही पाते
आयुसी - हु
अमृता - लेकिन लाला है तो हमे डरने की जरूरत नही है
आयुसी- आपने सही कहा कहा मा भाई को अच्छे से पता है जंगल मे कैसे जिंदा रहना है
अमृता मुस्कुराते हुवे - सही कहा

आयुस बिनीता पहुँच जाते है आयुस पथर से गोल घेरा बनाया हुआ था बस एक जगह ठोरी सी जगह छोर दी थी ताकि मछली अंदर आ सके
आयुस देखता है 3 मछली जो 2 या 3 इंच के थे फसे थे आयुस देख खुश हो जाता है

आयुस मछली को पकर पानी के बोतल मे रख देता है

बिनीता - तीन मछली छोटी मछली से से बरी मछली पकर पाओगे
आयुस - ये तो किस्मत के ऊपर है काटे मे कई बार मछली चारा खा के भाग जाती है नही फस्टि लेकिन कई बार फस भी जाती है ये तो सुबह पता चलेगा चले

बिनीता मुस्कुराते हुवे - हा चलो
आयुस - जब आप घर नही जायेगी तब फूफा जी बेचैन होके फोन करेगे लेकिन फोन नही लगेगा फिर घर आयेगा वहा हम नही होगे फिर फूफा पुलिस के पास जायेंगे उसका भी कोई फायदा नही होगा तो फूफा लास्ट मे परेसान हो जायेंगे आपके बिना
बिनीता - हु तुमने सही कहा लेकिन हम कर भी किया सकते है


आयुस बिनीता कैप के पास आ जाते है

अयुसी - भाई कितने मिले
आयुस दिखाते हुवे - तीन मिले इतना ही मुझे चाहिये था

रात हो चुकी थी आयुस एक मछली निकाल काटे मे लगा के पानी मे थोरा दूर फेक देता है आयुस दूसरे काटे को भी मछली लगा के फेक देता है दोनों काटे के मछली जिंदा थे तैर रहे थे

आयुस फिर एक लकरि जमीन के अंदर तक धसा के उसमे डोरी बांध देता है
आयुस - चलो ये काम तो हो गया उमीद है एक मे भी कोई बरी मछली फस जाये

आयुस फिर सब के पास आके आग के सामने बैठ जाता है

अमृता - हो गया
आयुस - हा
बिनीता - देखते है सुबह तक कोई मछली फसती है या नही
आयुसी - भाई ने लगाया है जरूर फसेगी

अमृता - तुझे तो भाई का सब काम मे हा ही रहता है
आयुसी आयुस के कंधे पे सर रख - कियुंकी भाई बेस्ट है
आयुस मुस्कुरा देता है


पास्ट

आयुस रीमा से जो कहा उसके बाद 4 दिन तक आयुस राज से मिलने जाता था लेकिन घर के अंदर रीमा के सामने नही जाता था बेचारा डरा जो था

आज भी आयुस साम को राज के घर के बाहर खरा होके आवाज लगा रहा था तभी रीमा बाहर आके आयुस को देख - अंदर आ नही तो तेरी मा को बता दुगी

आयुस डर के - जी
. आयुस अंदर जाता है रीमा आयुस को पकर - बचु आज हाथ लगा है अब तेरा क्या होगा क्या बोला था उस दिन है फिर से बोल

आयुस डरते हुवे - जो मेने कहा सही ही कहा ऑन्टी
रीमा - अच्छा क्या
आयुस रीमा को एकदम से बाहों मे भर - हा आप को नँगा सब देखा आपकी बॉडी सब कमाल की खूबसूरत है फर्क नही परता आप मुझे मारे गुस्सा करे पर मा को मत केहना

रीमा हैरान होके आयुस को देखती है फिर सर्म से - अच्छा ठीक है माफ किया अब छोर मुझे

आयुस मन मे - हु मुझे तो आपकी चुत मारनी है डरने से नही मिलेगी
आयुस रीमा को छोर - वैसे ऑन्टी खूबसूरत तो आप बहोत है बॉडी भी कमाल की है देख कर लगता है आप अभी 26 की है

रीमा हस्ते हुवे - पागल 26 की नही हु तेरी माँ से छोटी हु बस
आयुस मुस्कुराते हुवे - लोग सही केहते है औरते अपनी उमर नही बताते
रीमा मुस्कुराते हुवे - बिल्कुल सही केहते है

आयुस मुस्कुराते हुवे - उस दिन मेरी किस्मत अच्छी थी उफ आपका हुस्न देखने को मिल
रीमा सर्म से - ओये हद मे रह मार खानी है
आयुस रीमा के होठो पे जल्दी से किस कर भागते हुवे - मार नही किस चाहिये था जो मेने ले लिया

रीमा हैरान शोक अपने होठ पे उंगली रखते हुवे - कमीना अब तो पक्का तुझे मरुगी

रीमा का शरीर काप् गया था

पर्जेंट

खाने का समय हो गया था

आयुस - मेने एक अच्छी जगह पे बरी सी डंडे पे कपड़े का टुकरा बांध दिया है ताकि कोई पास से गुजरेगा तो समझ जायेगा यहा कोई फसा है आज मे देखता रहा लेकिन कोई नही आया हु लेकिन कोई ना कोई आयेगा तो जरूर चलो खाते है फिर सोते है

सभी - हु

खाना पीना होने के बाद सब बिस्तर पे लेत जाते है अंधेरे मे कोई साफ एक दूसरे को देख नही सकता था आयुस के पास फोन था लेकिन बंद कर के रख दिया था

अमृता - किसने सोचा था एक दिन हम ऐसे हालात मे फसेगे और हमे इस जंगल समुंदर के बीच सोना परेगा उपर से चारों तरफ खतरा है जंगल से आने वाली भयानक आवाजे डरा देती है

बिनीता - हा मुझे भी आवाजे सुन बहोत डर लग रहा है लेकिन अब हमे रोज सुनना परेगा

आयुसी को अपने भाई से चिपक कर सोई थी

आयुसी - भाई है तो मुझे डर नही

आयुस - बिल्कुल गुरिया

फिर ठोरी बात के बाद सब सो जाते है

रात के 12 बजे सब गहरी नींद मे थे लेकिन बिनीता को ऐसा मेहसूस होता है जैसे उसके चुके कोई दबा रहा है जिसकी वजह से बिनीता की नींद खुल जाती है बिनीता फिल करती h ये सच मे हो रहा है कोई उसके चूचे पकर दबा रहा है

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बिनीता हैरान शोक दर्द मे मुह बंद कर - उफ आयुस बेटा तु कैसे मेरे साथ ये कर सकता है आह दर्द हो रहा है बेटा तुने ये कर मेरा दिल तोर मुझे दुख दिया है तू पाप कर रहा है रुक जा

तभी बिनीता को कुछ सुनाई देता है जिसे सुन बिनीता को झटका लगता है

आयुस नींद मे बिनीता के दोनों चूचे दबा रहा था

आयुस नींद मे चूचे दबाते हुवे - उफ रीमा ऑन्टी आपके चूचे तो आज बहोत टाइट बरे लग रहे है मुलायम भी उफ मजा आ रहा है आह

बिनीता हैरान शोक मन मे - क्या रीमा आयुस बेटे के बीच वो सब कैसे रीमा तुम अपने बेटे के ऊपर के लरके के साथ छी

आयुस - उफ आपकी चुत चुदाई करने मे मजा बहोत आता है आह कितनी गर्म चुत है आपकी चलो खोलो ना मेरा लंड आपकी चुत मे जाने के लिये बेचैन है आह

बिनीता हैरान शोक - छी कैसी कैसी बाते कर रहा है ये आह मा मेरे चूचे बहोत जोर से दबा रहा है उफ आह अब समझ मे आया आयुस बेटा नींद मे सब कर रहा है उफ मुझे लगा आह मा मुझे रोकना होगा

बिनीता आयुस के हाथ हटा के चूचे से दूसरी तरफ लेत जाती है आयुस भी अब आराम से सो जाता है

बिनीता अपने चूचे छुटे हुवे - उफ कितना जोर से दबा दिया दर्द हो रहा है यकीन नही हो रहा रीमा आयुस के बीच हाय मुझे तो यकीन करना मुश्किल हो रहा है रीमा कैसे आयुस से छी


आयुस जवान लरका था जब से रीमा की चुत मिलने लगी थी जब दिल करता मोक्का देख रोज एक ना एक बार चुदाई करता ही करता था रीमा भी आयुस के लंड लिये बगैर नही रह पाती थी लेकिन जंगल मे आने के बाद पहली बार आयुस को बिना चुदाई के रहना परा एसी लिये सपने आये

... आज के लिये इतना ही 🙏🙏🙏🙏😲
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chapter 4

सुबह हो चुकी थी आयुस उठ कर अपने काटे को देखने जाता है बाकी सब बैठ सनसेड को देख रहे थे सुबह का नजरा बहोत खूबसूरत होता था

आयुस यहा काटा लगाया था वहा जाके देखता है एक डोरी हिल रही है तेजी से आयुस मुस्कुराते हुवे - हु फसी है

आयुस डोरी पकर जोर से खीचने लगता है मछली पानी मे तेजी फरफराने आयुस ये देख - अरे यार मछली तो बहोत बरी है लो लेकिन साली बाहर आ नही रही

आयुस पुरा ताकत लगा के आखिर कर मछली को बाहर निकाल देखता है मछली कम से कम एक हाथ बरी थी

आयुस मछली को उठा के - उफ हालात खराब हो गई मछली पानी मे बहोत ताकत वर होती है लेकिन कोई बात नही ये बहोत बरी है खाने का इंतज़ाम हो गया

आयुस मछली लेके सभी के पास आता सब इतनी बरी मछली को देख हैरान होते है

अयुसी मछली को देख - भाई ये तो बहोत बरी है
अमृता - हा इतनी बरी मछली बाजार मे ही मुश्किल से दिखती है
बिनीता - जो भी हो खाने का इंतज़ाम तो हुआ
आयुस मुस्कुराते हुवे - हा ये समुंदर है इसमें मछली की कोई कमी नही है

आयुस मछली को एक जगह रख देता है और सब के पास बैठ जाता है

बिनीता आयुस को घूर कर देखते हुवे मन मे - किसने सोचा था लाला मेरी उमर की औरत वो रीमा इसे छी उपर से मेरे चूचे उफ कितने जोर से दबाया

आयुस बिनीता को घूरते देख - बुआ ऐसे कियु घूर रही है मुझे
बिनीता - अरे मे तो अपने हैंडसम लाला को देख रही हु तु ना होता तो हमारा क्या होता
अयुसी - बुआ आपने वो कहा बिल्कुल सही कहा मेरा भाई बहोत हैंडसम है और भाई ना होता तो हमारे लग जाते

अमृता - हस्ते हुवे हु बात तो सही है फिर भी हमारे लगे परे है
आयुस - बात तो सही कही मा ये ये तीसरा दिन है
अमृता - हु पता नही और कितने दिन रहना परेगा

बाते होती है फिर सभी फ्रेस् होते है आयुस खरगोस् को पकाता है इसी मे 10 बज जाते है सूरज निकल आया था धुप चारों तरफ फैली थी जंगल मे रात से लेके सुबह धुप निकले के बाद ही ठंडी जाती है

आयुस सभी को देख - खाना रेडी है धुप निकल आया है तो अब हमे नहाने जाना चाहिये फिर खाना खायेंगे

सभी - ठीक है

आयुस सभी के साथ झरने के पास आता है

आयुस - हमारे पास एक ही कपड़े है वो सरीर पे है इस लिये ध्यान से कपड़े जंगल के फार मत लेना दूसरी हमे इसी एक कपड़े के साथ बता नही कितने दिन यहा रहना होगा

अमृता कपड़े देखते हुवे - लेकिन ये कपड़े गंदे है तो इसी गंदे कपड़े को हमेसा पहन कर रखेगे

बिनीता - आगे और गंदे होते जायेंगे सरीर तो नहा के साफ कर लेगे लेकिन कपड़े का किया

आयुस नजरे दूसरी तरफ कर - वो एक ही रास्ता है जो हमे करेगा ही होगा
आयुसी - भाई वो क्या है

आयुस - देखिये इस जंगल मे हमारे अलावा कोई नही है मे ही एक आप लोगो के बीच मर्द हु मे यहा नही रहुंगा तब आप नहाने से पहले कपड़े निकाल धो कर पथर् यहा धुप है सूखने को रख देना 30 मिनट तो आप सब नहायेगे ही और यहा धुप भी तेज है तो एक घंटे मे कपड़े सुख जायेंगे तो बाकी टाइम आप सब को वैसे रहना परेगा ऐसे ही जब कपड़े गंदे होगे करना परेगा

आयुस की बाते सुन समझ सब सर्म से लाल हो जाते है

अमृता मन मे - उपर वाले कहा फस गये अब नँगा रहना परेगा लेकिन बेटे ने जो कहा सही है हमारे पास कोई रास्ता नही है लेकिन सब के सामने उफ

बिनीता मन मे - हु लाला जी बात सही है दूसरा कोई रास्ता नही
आयुसी - भाई ने सही कहा लेकिन मुझे सर्म आयेगी मा बुआ के सामने नंगी उफ कहा फस गये हम

आयुस जाते हुवे - मे कैप पे जा रहा हु जब आप सब का हो जाये कपड़े सुख जाये तो आ जाना
सभी - ठीक है

अमृता बिनीता आयुसी सब एक दूसरे को देखते है फिर सर्म से लाल हो जाते है कोई रास्ता नही था सब थोरा दूर जाके पथर् के पीछे सारे कपड़े निकाल पानी मे जाके अच्छे से धोके एक अच्छी जहा तेज धुप है वहा सूखने के लिये रख देते है फिर पानी मे नहाने उतर जाते है

अमृता बिनीता के चुत पे बाल थे लेकिन आयुसी के छोटे थे यानी आयुसी ने चुत की सफाई की थी

सभी पानी मे उतर कर आने के बाद तीनों आमने सामने आते है थोरा अजीब लग रहा था ठोरी सर्म भी आ रही थी लेकिन तीनों औरते थी हालात भी ऐसे थे तो सब सर्म बाकी सब छोर मजे से नहाने लगते है

अमृता बिनीता से - उफ झरने मे यहा नहाने मे मजा ही आ जाता है
बिनीता सरीर साफ करते हुवे - आपने सही कहा भाभी पानी भी बहोत साफ है
आयुसी - हु अगर ये झरना ऐसी खूबसूरत जगह हमारे घर के पास होती तो मजा आ जाता

नोट - आयुस का गाव पहारी इलाके मे है लेकिन छोटे पहार जंगल है छोटी नदी झरने है बस

अमृता - बेटी तुने सही कहा पर हम जंगल मे है ये जगह भी

आयुस कैप के पास आके बैठ समुंदर को देखते हुवे - कपड़े एक ही है सब औरते है तो दीकत नही है कास कोई आ जाये

आयुस अपने लंड को पकर - उफ रीमा ऑन्टी आपकी बहोत याद आ रही है

पास्ट

आयुस रीमा के घर जाता है 12 बजे रीमा कमरे मे बिस्तर पे लेती हुई थी

आयुस आगन् मे आके - राज साले कहा है बे

रीमा - आ गया कमीना

रीमा बाहर आके आयुस को देख - अच्छा बेटा तेरा ही इंतज़ार था
आयुस डरते हुआ - वो ऑन्टी मे जा रहा हु बाद मे मीलुगा

लेकिन रीमा जल्दी से आयुस को पकर कान मोर - अच्छा कल मेरे होठ पे किस कर भागा उसका हिसाब कोन देगा हा बोल

आयुस रीमा से कान छोरा के बाहों मे लेके - कल सिर्फ छोटा किस किया था आज आपके होठो का रस पियुगा

आयुस ये केहते हुवे रीमा के होठ मुह मे लेके चूसने लगता है रीमा हैरान शोक मे खरी रहती है रीमा को यकीन नही हो रहा था उसके बेटे का दोस्त उसके होठ का रस पी रहा है रीमा को गिला होठ पे फिल होता है अजीब एहसास रीमा को घेर लेता है
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आयुस अपना जिब अंदर ले जाने की कोसिस कर रहा था लेकिन रीमा के दात् बंद थे फिर आयुस हैरान होता है रीमा ने मुह खोल दिये थे आयुस भी सब भूल रीमा के जिब से जिब मिला मुह मे लेके चूसने लगता है रीमा का पहली बार था रीमा भी ना चाहते आयुस का साथ देती है दोनों एक दूसरे के होठ का रस पीते है 2 मिनट बाद

आयुस तेजी से भागते हुवे - बाय खूबसूरत ऑन्टी आपके होठो का रस बहोत मिठा था पीके मजा आया

रीमा हैरान तेज सासे लेते हुवे आयुस को जाते देखते रह जाती है

रीमा - आह उफ ये लरका मेरे साथ सब कर रहा था तो मे उसे रोक कियु नही पाई ये किस पहली बार था मेरा उफ अजीब था होठो का रस पीना लेकिन मजा आया उफ पर मे कैसे इस लरके मे बरी हिम्मत आ गई है मेरे साथ ऐसा कैसे कर सकता है

रीमा होठ को छुटे हुवे - उफ किया किस करने मे इतना मजा आता है

आयुस घर जाते मुस्कुराते हुवे - उफ आज तो मजा ही आ गया उफ ऑन्टी आप कमल है काश आपकी चुत मिल जाये तो मजा आ जाये

पर्जेंट

अमृता बिनीता आयुस कैप मे आते है आयुस सभी को देखता है कपड़े साफ सूखे थे

आयुस सभी को देख - हा अब सही है हमे ऐसे ही कपड़े साफ रखना होगा
अमृता - हु अब तु जा नहा ले
आयुस - हा ठीक है वैसे बुआ चलो ना साथ मे नहाते है किया कहती है

बिनीता हैरान आयुस को देखती है फिर - रुक तुझे मे बताती हु
आयुस भागते हुवे - गुस्से मे तो आप और भी खूबसूरत लगती है

अमृता अयुसी जोर जोर से हसने लगते है बिनीता भी हस्ते हुवे - ये लरका भी ना

आयुस झरने पे आता है सब कपड़े निकाल अच्छे से धोता है फिर पथर् पे सुखने के लिये रख नहाने लगता है अच्छे से नहाने के बाद बाकी कपड़े सुखने तक नाथ ही इधर उधर धुमने लगता है

आयुस अपने लंड को देख - यार तेरी मेरी किस्मत ही खराब है दोस्त यहा चुत बिना रहना होगा

12 बज चुके थे नहाते कपड़े सुखाते आयुस के कपड़े सुख चुके थे आयुस कपड़े पहन कैप पे आता है

आयुस ने समुंदर के किनारे पहला पेर के नीचे बैठने के लिये बनाया था कियुंकी दिन मे धुप होती थी

आयुस सभी बैठे थे

आयुस फिर मीठ को काट के हिस्सा करके सब को देता है खुद भी लेके खाने लगता है

आयुस खाते हुवे - हु खरगोस् का मीठ बहोत अच्छा है
अमृता - हा करक लेकिन मजेदार
बिनीता - हा स्वाद तो सच मे बहोत अच्छा है
आयुसी - हा लेकिन पका मीठ ही खाना होगा

आयुस - बिल्कुल कियुंकी दूसरा कोई चारा नही

आयुस सभी का खाना होता है तभी आयुस को एक आईडिया आता है

आयुस - गुरिया मेरे साथ चलो
आयुसी - कहा कियु
आयुस मुस्कुराते हुवे - चलो तो सही बाद मे खुद पता चल जायेगा
आयुसी - ठीक है भाई चलती हु

अमृता - संभल के जायदा अंदर मत जाना
बिनीता - हा साप कीरे से बच के

आयुस - जी आप लोग चिंता मत करो

आयुस आयुसी जंगल मे आते है आयुस हर पेर को देख रहा था आयुसी समझ नही पा रही थी उसका भाई किया ढुंढ रहा है

तभी आयुस को जो चाहिये मिल जाता है एक पेर से कई सारे पतली रस्सी जैसी लताये लिपटी हुई थी आयुस उसे पकर जोर से तोरने कि कोसिस करता है लेकिन बेले मजबूत थी

आयुस खुश होके - ये हुई ना बात

आयुस बिना टाइम गवाये सभी सभी लताये को काटने लगता है और एक जगह रखने लगता है अयुसी हैरान - भाई इस बेल का किया करने वाले है

आयुस मुस्कुराते हुवे - बता चल जायेगा
आयुसी मुह फुला के - नही बताना मत बताओ
आयुस मुस्कुराते हुवे - यकीन मानो तुम्हे पसंद आयेगा

आयुस बहोत सारी लताये काट कर एकथा करता है

आयुस - गुरिया इतना तुम उठा लो बाकी मे उठा लेता हु

आयुस - हु ठीक है

आयुस आयुसी लताये लेके सभी के पास आते है


अमृता हैरान आयुस से - अरे बेटा ये जंगली लताये कियु लेके आया है
बिनीता - मुझे लगता है जरूर कुछ करेगा ही
आयुस मुस्कुराते हुवे - बिल्कुल करुगा बस आप सब देखते जाये

आयुस काम पर लग जाता है सभी लताये को एक दूसरे से लपेट जाले टाइप बनाने लगता है बाकी सब देखते रहते है टाइम तो बहोत लगता है 2 घंटे के बाद आयुस सभी के लिये एक एक बना देता है

आयुस जिस पेर के नीचे था वो पेर छोटा था लेकिन बहोत दूर तक चारों तरफ फैला था कई डालिया भी थी आयुस एक नजर डालता है फिर आयुस को कैसे किया करना है समझ मे आ जाता है

आयुस फिर काम पे लग जाता है आयुसी भी मदद कर रही थी आयुस सब को अब समझ आ रहा था आयुस किया कर रहा है 30 मिनट बाद काम खतम होता है

आप इस फोटो मे देख सकते है एक लरकी कैसे लेती है जाले के ऊपर वैसे ही आयुस जंगली मजबूत लताये से सभी के आराम सोने के लिये बनाया कियुंकी दिन मे समय काटना बरा मुश्किल था लेकिन अब आराम से छाव मे झूले पे लेत आराम बाते कर सकते थे
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आयुसी जल्दी से झूले पे लेत खुशी से - वाह भाई अपने तो कमाल कर दिया बैठे बैठे सरीर दर्द करने लगता था लेकिन अब मजे से हवा मे झूलते मजा ले सकते है बाते सो सकते है

अमृता - वाह बेटा सच मे कमाल कर दिया लेकिन किया ये हमारे वजन संभाल पायेंगे

बिनीता - बोलो इतना मजबूत है कही ऐसा ना हो टूट जाये और हमारी कमर भी

आयुस मुस्कुराते हुवे - डरिये नही बहोत मजबूत है लताये दूसरे मेने अच्छे से सब जाल लगाये है टुटने का सवाल ही नही ट्राई करे

अमृता बिनीता झूले पे लेत जाते है डरते हुवे लेकिन कुछ नही होता
अमृता बिनीता - हु बहोत बजबूत है मजा भी आ रहा है आराम से लेत बाते कर सकते है समुंदर का नजारा भी अच्छे से देख सकते है

आयुसी - हु मुझे तो बहोत मजा आ रहा है भाई सुक्रिया
आयुस - अरे गुरिया के लिये कुछ भी करुगा
अमृता बिनीता हमारे लिये नही
आयुस हस्ते हुवे - सब के लिये

सभी झूला पे लेत बाते करने लगते है घर पे किया हो रहा होगा बाकी सब मुद्दे पे फिर सब एक छोटा नींद लेते है साम को सब उठते है

शाम ढल जाती है अंधेरा हो जाता है अभय सभी आग जला के बैठे हुवे थे आयुस मछली को साफ कर आग पे रख पका रहा था

आयुसी - उफ भाई पहले दिन चिरिया फिर खरगोस् अब मछली देखते है मछली का स्वाद कैसा होगा

अमृता मुस्कुराते हुवे - बेटी तुने बात तो सही कही अब खाने के बाद पता चलेगा

बिनीता - यार मुझे तो भूख लगाने लगी है

आयुस - बस बुआ ठोरी देर और

25 मिनट बाद मछली अच्छे से पक जाती है अभय बरे पत्ते लेके रखा था उसी पे अपनी मा बुआ अयुसी को देता है खुद एक लेके खाने लगता है

आयुस - हु अच्छा है लेकिन मीठ के सामने मछली कुछ भी नही
अमृता - सही कहा बेटा मछली का स्वाद तो अच्छा है लेकिन मीठ से जायदा नही

बिनीता - हु चिरिया खरगोस् खाने मे बहोत अच्छा था लेकिन ये मछली ठीक है

अयुसी - किया ही कर सकते है लेकिन इतना भी बुरा नही अच्छा है
आयुस - हु मछली फराइ या बना के खाने मे अच्छा स्वाद करता है पका के खाने मे नही

अमृता - बिल्कुल सही कहा तुमने बेटा

खाना पीना होने के बाद सभी ठोरी देर और बाते करते है फिर सभी बिस्तर पे आके लेत जाते है

अमृता - 9 बजते ही बहोत ठंडी बढ़ जाती है उफ
बिनीता - भाभी आपने बहोत सही कहा आग के पास बैठा भी नही जाता
आयुसी आयुस से चिपकी हुई - हा अच्छा है सोने के लिये बिस्तर है
आयुस - हु इतना सब है इस लिये बहोत हेल्फ हो गई वर्ना बहोत मुश्किल हो जाती

कुछ मिनट बाते करने के बाद सब सोने लगते है

आयुस अयुसी को बाहों मे पकरे हुवे था आयुस को आयुसी के चूचे सीने पे फिल हो रहे थे आयुस - उफ ये चूचे बहोत बरे है मेरी गुरिया के

रात 2 बज रहे थे फिर आयुस रीमा के सपने देखने लगता है और बिनीता को रीमा समझ बाहों मे कसे चूचे दबाने लगता है बरब्राने लगता है बिनीता को फिल फिल होता है कोई उसके चूचे दबा रहा है बिनीता की नींद खुलती है तब समझ मे आता है आज फिर उसका भतीजा रीमा समझ उसके चूचे दबा रहा है

नींद खुल गई चूचे पे आयुस का हाथ चल रहा था आयुस दोनों चूचे पकर जोर जोर से दबा रहा था तो बिनीता को दर्द होने लगता है बिनीता जल्दी से हाथ से मुह बंद कर - मर गई ये लरका फिर सुरु हो गया कितना जोर से दबा रहा है मुझे बहोत दर्द हो रहा है

आयुस रीमा समझ बिनीता के चूचे दबाते हुवे - उफ ऑन्टी आपके चूचे आज बहोत बरे लग रहे है उफ दबाने मे मजा आ रहा है

बिनीता कुछ समझ पति उससे पहले आयुस बिनीता के होठ से होठ सता के किस करने लगता है साथ मे अपना लंड बिनीता के चुत पे सता के घिसने लगता है

तीन हमला बिनीता को कपा देता है आयुस बिनीता को किस करते हुवे चूचे दबा रहा था और चुत पे लंड घिस भी रहा था बिनीता बेचारी की हालात खराब होने लगती है होठ पे होठ चूचे पे हाथ चुत पे लंड फिल कर बिनीता मद्होस पागल होके मचल रही थी

बिनीता होस खोटे जा रही थी मुह बंद था इस लिये आह उफ सिसकिया की आवाजे मुह मे ही रह जाती है

बिनीता मन मे बेचैन होके - आह मा मर गई ये ये आयुस बेटा रुक जा आह मेरी चुत पे आयुस बेटे का लंड है उफ बहोत मोटा लग रहा है

आयुस किस छोर चूचे दबाते हुवे - आह ऑन्टी याद है आपकी चुत पे पहली बार अपना मोठा लम्बा 10 इंच का लंड घुसाया था तो आप को कितना दर्द हुआ था

बिनीता हैरान शोक मे - किया इतना बरा है आयुस बेटे का लंड छी मे किया सोचने लगी मुझे रोकना होगा आयुस बेटे को

तभी आयुस सारी के ऊपर से ही बिनीता के चुत पे हाथ रख चुत को मसलने लगता है बिनीता तो पूरी काप् जाती है शोक मे आह उफ मचल के तरप् के महदोस् मे खोने लगती है

आयुस बिनीता के गर्दन पे किस करते हुवे बिनीता के चुत मसलते हुवे - उफ ऑन्टी आपकी चुत तो आज बहोत गर्म लग रही है उफ चिंता मत करिये सब गर्मी निकाल दुगा आपकी चुत की

बिनीता आयुस की खुली गंदी बाते सुन अपनी चुत पे आयुस पे आयुस का हाथ चलता फिल कर मन मे - आह मर गई रे आयुस बेटा रुक जा ये लरका कितना गंदा बाते कर रहा है उफ मेरी चुत को कितना जोर से मसल रहा है आह मुझे कुछ हो रहा है नही मुझे रोकना होगा

बिनीता आयुस के कान मे उंगली करती है आयुस नींद मे ही कान पे हाथ रख देखने लगता है किया है कान पे लेकिन इसकी वजह से आयुस रीमा का सपना देखना बंद कर सांत हो जाता है

बिनीता पीठ के बल लेत तेज सासे लेते हुवे मन म - आह उफ आज तो हद ही हो गई उफ मेरे चूचे बहोत दर्द कर रहे है मेरी चुत गीली हो गई आयुस बेटे के मसलने उसकी बाते सुन छी लेकिन कैसे मे उसकी बुआ वो मेरे बेटे जैसा है ये रीमा के चक्कर मे मुझे सब झेलना पर रहा है किया करू मुझे लगा एक बार हो गया हो गया लेकिन आज भी

मे समझ सकती हु आयुस जवान है रीमा के साथ सब करने के बाद यहा उसको वो सब करने का दिल कर रहा होगा उफ ये लरका भी ना पर आगे किया फिर कल भी ऐसा करेगा तो किया भाभी को नही नही अगर भाभी आयुस के पास सुई तो भाभी के साथ भी ये लरका सब करने लगेगा फिर भाभी को भी पता चल जायेगा आयुस रीमा के बारे मे ऐसा हुआ तो गर्बर् हो जायेगी मुझे ही कुछ सोचना होगा

बिनीता अपनी चुत को सेहलाते हुवे मन मे - इतना जोर से कोन मसलता है आह मा दर्द हो रहा है


सुबह होती है बिनीता रात जो हुआ वही याद कर आयुस को घूर के देखते हुवे मन मे - अभी भी यकीन नही होता रीमा मेरे बेटा कैसे उपर से रीमा समझ मेरी नींद उड़ा रहा है

आयुस सब खरे फिर सुबह समुंदर को देख रहे थे

अमृता - सुबह का ये सन्सेड देखना दिल को सुकून दे रहा है
आयुसी - समुंदर के ऊपर सूरज जो अपनी लालिमा हर तरफ फैला रहा है बहोत खूबसूरत है

आयुस - हु खूबसूरत तो है

10 बजते है फिर सभी झरने के पास आके नहाने लगते है आयुस अकेले जंगल मे जाके शिकार करने लगता है 36 मिनट बाद आयुस आज फिर दो खरगोस् 3 चिरिया का शिकार कर लौटने लगता है

आयुस - ये बहोत बरा खतरनाक जंगल है यहा कोई शिकारी आता नही इस लिये शिकार आसानी से मिल जाते है ये हमारे लिये अच्छा है नही तो अगर हम कोई ऐसी जगह होते यहा बहोत कम शिकार है तो हमारे लग जाते

आयुस झरने के पास पास आता है अमृता सब नहा के धुप मे पथर् पे बैठे हुवे थे आयुस सब के सामने शिकार रख देता है

अमृता - वाह आज फिर खरगोस् चिरिया खाने को मिलेगा
बिनीता - रोज एक ही चीज खाके मन भर जायेगा
आयुस - अरे ये चिरिया उस दिन के चिरिया से अलग है तो स्वाद भी अलग आयेगा
आयुस - भाई आपने सही कहा ये चिरिया अलग है

आयुस - हु और समुंदर मे भी कई तरह के चीजे खाने को है

अमृता - हु

आयुस - ठीक है आप सब जाओ मे नहा के आता हु

अमृता बिनीता सब जाते हुवे - ठीक है

आयुस फिर नँगा होके नहाने लगता है


आज के लिये इतना ही 🙏🙏🙏🙏
Zabardast 🔥🔥🔥🔥🔥🔥
 
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