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DREAMBOY40

सपनों का सौदागर 😎
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रोहन का रॉकेट
GN3v4-Q8ac-AADIOq
UPDATE 016 पेज नंबर 50 पर पोस्ट कर दिया है
पढ़ कर लाइक रेवो जरूर करें।
 
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Napster

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UPDATE 008


: Good morning Sona
: Good morning Babu mera ( मैने भी वापस उसे मैसेज भेजे )
: kya kar rhe ho ?
: Mai padhai kar raha hun aur ap ?
: Mai nahane ja rhi hun 🤭
: Mai bhi aau ? 🤪
: bkkk ganda Babu , maarungi apko 😘
: Ane do n sath me nahayenge 😋
: chhiiii Ganda , kaise kaise emoji bhej rhe ho 🫣
: aane do plz 🥺 babu dur khada hokar naha lega ( मैने थोड़ा ड्रामा किया )
: 🤣🤣🤣 mere bathroom me ek hi log naha skate hai , jab apna ghar hoga to usme bada wala bathroom banwana to sath me nahayenge n babu 🫣
: are ?
: 🤣🤣🤣🤣 bye ( वो चली गई )

मै वापस पढ़ाई में लग गया और 15 मिनट बाद ही उसका फोन आया

: नहा लिए ( मैने पूछा )
: हा कितना नहाऊंगी और इतनी ठंडी है अभी भी उहुहुहू ( वो सिहरी)
: अभी तक कपड़े नहीं पहने क्या ?
: अभी तो जस्ट नहा कर निकली हूं पागल हीही
: सच में ? कुछ नहीं पहने ( मेरे मन में लालच फूटा )
: नहीं ( वो खिलखिलाई )
: वीडियो काल करूं
: नहींईईईई ( वो एकदम से चौक कर शर्माकर खिलखिलाई )
मै जान रहा था इस वक्त उसके आस पास कोई है नहीं इसीलिए वो फोन पर बात कर रही है और मैने वीडियो काल की रिक्वेस्ट भेज दी उसके फोन पर
: हीहीही मै भी उठाऊंगी , प्लीज बाबू हीहीही ( वो हस रही थी )
: उठाओ बोला न , मुझे आपको देखना है
और उसने वीडियो काल उठाया और मोबाइल पर वो दिखाई नहीं दी वो कैमरे के रेंज से दूर छिपी थी
: कहा हो ( मै थोड़ा बेचैन होकर उसको मोबाइल में खोजा )
फिर वो लपक कर बस गर्दन आगे कर अपना खिलखिलाता शर्माता चेहरा आगे की , उसके भीगे बाल लटके हुए थे और उसका गुलाबी चेहरा खिला हुआ था और वो हस रही थी

: आओ न प्लीज ( मैने मुंह बना कर उससे रिक्वेस्ट किया )
वो थोड़ा शर्माई और सामने आई तो तौलिए में थी
उफ्फ गजब की खूबसूरत और गोरा बदन, उसके दूधिया सीने पर उसके उभारों के दरार के शुरुआती भाग हल्के से दिखे लेकिन तौलिए में तने हुए नारियल की गोलाई देख कर लंड पंप होने लगा


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नीचे उसकी गोरी गुलाबी जांघें घुटने के पास से दिख रही थी और कितनी सॉफ्ट और मुलायम थी
उसने एकदम से मोबाइल पकड़कर ऊपर एक जगह सेट कर दिया कि अब उसके चेहरे के नीचे कुछ दिखे ही नहीं
: हो गया देख लिए न ( जैसे उसने मुझे चिढ़ाया हो )
: ऊपर क्यों कर दिए , नीचे रखो न
: नहीं , गंदी बात नहीं
और उसने अपना तौलिया खोलकर बड़े ही शरारती ढंग से मोबाइल के ऊपर रख दिया
: अरे ये क्या है ? कुछ दिख नहीं रहा ( मै बेचैन हो उठा )
: अरे रुको बाबा , बस 2 मिनट आ रही हूं

फिर उसने तौलिया उठा कर सामने आई , अपने कालेज के ड्रेस में
: रेडी , हीही ( वो हस रही थी और मेरा मुंह उतर रहा था कि एकदम से उसने मुझे किस किया मोबाइल पर ही )
थोड़ा तो अच्छा लगा लेकिन अरमान आज मेरे टाइट थे , सोचा था कुछ तो दर्शन हो जाएंगे
: जा रहे हो ?
: हा लेकिन आप ऐसे उदास क्यों हो
: आपने तौलिया क्यों रख दिया था
: पागल , मार खाओगे अब ( वो फिर से हंसने लगी ) चलो मै जा रहीं हूं शाम को मिलते है बाय बेबी लव यू
: हा बाय , आराम से जाना , टेक केयर ( उतरे हुए मन से मै बोला )
: बस , और किस्सी ?
: उम्माह ( मैने एक चुम्मी दी उसको ) लव यू
: चलो स्माइल करो ,, हम्म्म गुड बाय बेबी लव यू उम्माह हीही

फिर वो चली गई मेरे अरमानों से खेल कर और मेरे लंड में हरकत करके ।
अभी 8 बज रहे थे और कुछ ही देर बाद दरवाजे पर दस्तक हुई

सामने देखा तो प्रिया थी
वो अंदर आई हाथ में चाय पकोड़े का ट्रे लेकर
वो बिस्तर पर रखने के लिए गई और मेरी नजर पीछे से उसके चर्बीदार चूतड़ों पर गई जो उसके वूलन पैजामा के फूले हुए थे


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अभी मेरी सोना से बातचीत का असर ताजा था और लंड फिर से सर उठाने लगा
वो ट्रे रख कर घूमी और मेरी नजरे उसके सीने पर गई , सामने मेरे दो बड़े बड़े ठोस कारण दिख रहे थे उसको देखने के लिए, जिनकी गोलाई ने उसके दोनों बाजुओं को थोड़ा थोड़ा छुपा लिया था अपने पीछे ।

: अभी कर लो नाश्ता नहीं तो ठंडा हो जाएगा
: और तुम , तुम भी कर लो? ( मै उसका साथ चाह रहा था , ना जाने क्यों मैने उसे रोक दिया था और ये पहली बार हुआ था )
उसे भी ताज्जुब था और वो बैठ भी गई
मैने एक कप निकाला और चाय आधी कर दी और उसे ऑफर किया
उसने मुस्कुरा कर प्याला लिया और सीप लेने लगी मुझे देखते हुए
मैने पकोड़े उठाए और खाने लगा
: उम्मम , वाह सर्दी में गर्म पकोड़े
: हीहीही पागल कही के ( वो हसी मुझे देख कर अपने दांतों से प्याज के कुरकुरे पकोड़े नोचती हूं )
: आज तुम कालेज के लिए नहीं रेडी हुई ? ( मैने सहज पूछा )
उसने नजर उठा कर मुझे देखा मानो सोच रही हो कि मै उसपर नजर रखता हूं
: ऐसे ही जनरली पूछ रहा हूं ( सफाई देते हुए मै बोला )
: जाना था पर , पापा आ रहे है आज न
: अरे वाह सच में , कितना दिन हो गया मिले उनसे ( मै खुश होकर बोला )
हा लेकिन वो थोड़ी उदास सी थी
: क्या हुआ खुश नहीं हो ?
: क्या खुश हो जाऊ, जब भी आते है उन्हें मेरी शादी की फिक्र होने लगती हैं ( वो उखड़ कर बोली )
मै शांत हो गया
: जैसे मै उनके लिए बोझ हो गई हूं अब ( थोड़ा आंखे नम सी हो गई )
: अरे ? ( मै उसके करीब आया अपने बीच से ट्रे किनारे कर उसके कंधे पकड़ पकड़ कर और वो फफक पड़ी ) तुम रोती भी हो ? मुझे लगा ये काम बस एक ही लड़की आता है मेरी सोना को
: हीही ( वो एकदम से हस दी ) पागल हो
: ओफ्फो इतना मत सोचो , देखो इस बात को स्वीकारना ही है कि एक दिन तुम्हे शादी करके जाना ही है इस घर से और जबतक हो तब तक डॉन बन कर राज करो
वो हस पड़ी
: हा पता है मेरी एक दीदी है , मेरी मौसी की लड़की उनको भी शादी के लिए लोग बहुत तंग करते है तो वो घर के खूब तांडव मचा कर रखती हैं किसी को चैन से रहने नहीं देती अगर शादी की बात छिड़ जाए तो घर वाले खुद दो हफ्ते तक परेशान हो जाते है ।
: हीही ( वो हंस कर अपने गाल से आंसू साफ करते हुए मुझे देखने लगी )
: सही में
: तो क्या अब मै भी तांडव करु ? हीही
: जरूरी नहीं है , एक दो दिन खाना पीना छोड़ दोगी तो भी साल 6 महीना मामला टल जाएगा

इस बात पर हम दोनो खूब हंसे और मैने उसको ताली देनी चाही लेकिन उसके अपनी हथेली आगे नहीं की और मेरा हाथ उसके गुदाज चर्बीदार जांघ पर जा लगा

: आउच , मारा क्यों ( वो सहलाती हूं बोली)
: अरे मै तो ताली दे रहा था
: हीही पागल हो तुम
मै भी हसने लगा लेकिन मेरे उंगलियों के वो नर्म गुदाज चर्बीदार सा अहसास ताजा था , जिसका असर सीधा मेरे लंड पर हो रहा था
हंसते हुए उसके दुध भी हिल रहे थे थोड़े थोड़े

फिर वो चली गई और मैने दरवाजे से उसके थिरकते चूतड़ों को उसकी वूलन पैजामा में पीछे से देखा और अपना लंड मसलते हुए दरवाजा लगा दिया
सीईईईई परेशान करके चली गई पगली अह्ह्ह्ह कितनी नरमी थी उसके जांघों में ( मेरे मन में ये बाते चल रही थी और लंड बांग दिए जा रहा था )
मैने थोड़ी देर पढ़ाई के बाद नहाने के लिए नीचे चला आया

बाथरूम में आज चार ब्रा पैंटी टांगे थे सूखने के लिए, आज वो लेकर नहीं गई थी
देखते ही लंड में हरकत शुरू हो गई
लेकिन मै कभी भी बाथरूम का दरवाजा बंद करके नहीं नहाता था मगर बार बार मेरी निगाहे उसकी पैंटी पर जा रही थी ।
लंड एकदम उफान पर था , सुबह सुबह मेरी सोना ने जो तौलिए में मूड बनाया और अब प्रिया के साथ वो पल
रह रह भीतर बादल घुमड़ने लगे थे और मेरे उंगलियों को उसकी वो काली पैंटी बार बार रिझा रही थी ,साबुन लगाते हुए मैने अंडर वियर के हाथ डाल पर अच्छे से अपना कड़क लंड सहलाया और जल्दी जल्दी बदन पर पानी डाल कर निकल गया बाथरूम से सिर्फ तौलिया लपेटे हुए और एकदम से वो मेरे सामने आ गई

हाथ में गिला जांघिया बनियान और कंधे पर पहनी हुई टीशर्ट लपेट कर रखी थी । सीना और पेट एकदम नंगा

आंखे फाड़ कर एकदम से चौक कर उसने मुझे देखा जैसे उसकी घिग्गी बंध गई हो और शॉक्ड होकर वो खुली आंख लिए वो घूम गई

: सॉरी ( मै बोलकर सरपट ऊपर भागा )
ऐसा नहीं था कि उसने पहले मुझे बाथरूम से निकलते हुए या तौलिया लपेटे हुए नहीं देखा था , लेकिन हर बार मेरे देह पर बनियान या टीशर्ट होती थी लेकिन आज ऊपर से नंगा था
शर्म के मारे शाम तक कमरे से बाहर नहीं आया और फिर सब्जी लेने के लिए नीचे आया तो उसके पापा आए हुए थे

: कैसे हो रोहन ( उन्होंने मुझे आवाज दी )
: जी , नमस्ते अंकल ( मै अंदर हाल में चला गया ) अच्छा हूं आप कैसे है
: मै भी ठीक हूं आओ बैठो , ये प्रिया बेटा पानी लाओ रोहन के लिए , और बताओ
फिर हमारी पढ़ाई और घर को लेकर कुछ हाल चाल साझा हुआ । फिर प्रिया पानी लेकर आई और एक नजर उसकी मेरे से आंख लड़ी वो अपनी हंसी दबाते हुए फुर्र ही गई , मानो मेरे मजे ले रही हो ।
: और कहा जा रहे हो ?
: बस अंकल सब्जी लेने
: अच्छा फिर चलो मै भी चलता हूं , नॉनवेज तो तुम खाते नहीं या शुरू कर दिया
: नहीं नहीं एकदम नही ( मैने सिरे से खारिज कर दिया और वो हसने लगे ).
फिर हम दोनो बातें करते हुए पैदल ही निकल गए मार्केट के लिए

वहा मै जबतक सब्जी ले रहा था उन्होंने मुर्गा कटवा लिया और मेरे पास आ गए
: चले ? ( मैने पूछा )
: अह हा चलो ( फिर कुछ सोच कर ) तुम चलो और कुछ लेना है लो मै आता हूं 2 मिनट
: ठीक है आइए मै यही हूं
अजीब लगा और फिर मै वही प्रतियोगी किताबों की लगी स्टाल देखने लगा और अनायास मेरी नजर अंकल पर गई , वो मेडिकल स्टोर पर गए थे और उन्होंने पैसे देकर एक पैकेट लिया इससे पहले वो मुझे देखतें मै वापस बुक स्टाल के किताबें देखने लगा और तब तक नजर इधर उधर नहीं की जबतक कि वो खुद मुझे बुलाए नहीं
: चले बेटा
: जी अंकल चलिए
फिर हम लोग वापस आ गए
मै ऊपर कमरे में आकर सब्जी काट रहा था और शाम का वक्त था तो दरवाजा खुला ही था
एकदम से प्रिया आई
: क्या बनाने जा रहे हो ?
: आलू गोभी , क्यों ?
: यार पापा नीचे नॉनवेज बनवा रहे है तो मै भी यही खाना खाऊंगी
थोड़ी बहुत इसकी मुझे उम्मीद थी ही कि वो आएगी क्योंकि पहले भी 2 3 बार ऐसा हुआ है । लेकिन अब चीजें बदल गई थी ।
: मै सब्जी बना दे रही हूं , रोटी नीचे से आ जाएगा ( उसने कहा )
: नहीं ? आज मै ही बनाऊंगा मेरे किचन में तुम्हारी मनमानी नहीं चलेगी
वो हसने लगी ।

फिर मै मस्त चटाखेदार मसाले भुनने लगा जिसकी खुशबू पूरे कमरे में फैल गई
वो मेरे कमरे में ही बिस्तर पर बैठ कर मेरे नोट्स देख रही थी और हमारी कैजुअल बातें चल रही थी ।

इसी दौरान मेरी सोना का फोन आया
मैने नेकबैंड चार्ज में लगाया था और मै मसाले भुन रहा था अभी
तो मै फोन स्पीकर पर डाल कर काल पिक किया

: हैलो ( प्रिया की वजह से मैने नॉर्मल ग्रिट किया )
: हाय मेरा गंदा संदा बेबी ( वो खिलखिला कर बोली )
एकदम से मै चौक गया और आंखे बड़ी कर एक नजर प्रिया को देखा वो भी शॉक्ड थी और मुस्कुरा रही थी
: बाबू , मोबाइल स्पीकर पर है
: हा तो क्या हुआ , मुझे न आप पर बहुत प्यार आ रहा है हग कर लो न , आज हग डे है आपने मुझे हग नहीं किया
मैने शर्मिंदा आंखों प्रिया को देखा और वो बिस्तर से उतर कर हंसती हुई कमरे से निकल रही थी और मैने फोन स्पीकर से हटा कर कान पर लगाया

: अच्छा , अभी तो बाबू सब्जी बना रहा है न तो जैसे हग करे उम्मम
: आई मिस यू खूब ढेर सारा , कब आओगे मुझे आपके पास सोना है अकेले नहीं मन कर रहा है , अच्छा भी नहीं लग रहा है

उफ्फ लड़की ने तो जज्बात हिला दिए थे मेरे
: मै तो बिना कपड़ो के हूं फिर भी हग करोगे उम्मम ( मैने अपना नेकबैंड कनेक्ट करते हुए कहा )
: हा करूंगी , ठंडी में कोजी कोजी सा हग हीही
( उसकी बातों का असर मेरे पूरे बदन में हो रहा था और मैने सब्जी में पानी डालकर कर उबलने के लिए छोड़ दिया और उससे बातें करता हुआ बाहर आया )
: हा तो मुझे भी चाहिए न कोजी कोजी सा हग , मुझे भी ठंडी लगती है ( नेकबैंड पर कमरे के बाहर खड़ा होकर बातें कर रहा था ताकि ये ध्यान रख सकूं कि प्रिया आस पास नहीं है न )
: तो क्या मुझे भी कपड़ा निकलना पड़ेगा ( बड़ी मासुमियत से वो बोली )
: आप भी नंगू हो जाना ऊपर से और मै भी , फिर हम साथ में चिपक कर सोएं... गे
मै ये बात बोल ही रहा था कि एकदम से मेरे बगल वाले कमरे से प्रिया बाहर आई और मेरी फट के चार
वो मुंह नीचे करके मुस्कुराती हुई या फिर कहो मुझ पर हंसती हुई नीचे चली गई । सुबह से पोपट पर पोपट हो रहा था
ढाई साल से जो रोला टाइट करके रखा था शराफत का उसकी फिल्डिंग फाइनली सेट हो गई थी
: सुन नहीं रहे हो क्या बाबू , बाबू ( एकदम से सन्नाटा छटा और उसकी आवाज आई )
: हा मेरा सोना बोलो न
: आप कुछ गंदा संदा नहीं न करोगे मेरे साथ
: उम्हू , हम तो शादी के बाद करेंगे न
: हम्म्म ठीक है फिर , मै भी न अपना टॉप निकाल कर सोऊंगी आपके पास
: ब्रा भी ? ( मै ललचाए मन से बोला )
: छीइइइ गंदा , नहीं वो पहने रहूंगी हीही
ओह्ह्ह्ह लड़की ने फिर से मेरे अरमानों को हरी झंडी देने लगी थी और लोवर में तंबू बनने लगा था , मैने उसको मिस कर कमरे में आया
: उफ्फ मेरा हॉट बाबू कितने गर्म हो आप
: उम्ममम आप भी हो , गुदगुदी करु हाहाहाहा ( वो खिलखिलाई )
: करो , मै छोडूंगा क्या मै भी करूंगा
: हीही रहने दो फिर मुझे ऐसे ही सोना है , आप न मुझे थपकी दे कर सुला दो मुझे निन्नी आ रही है
: ओके मेरा बच्चा आजाओ , हग यू मेरा प्यारा सा बेबी मेरा स्वीटू सा सोना उम्माह सो जाओ ऐसे लव यू मेरी जान उम्मम गुड नाइट

फिर कुछ ही देर बाद उसकी सांसों की सरसराहट आने लगी और मै समझ गया कि वो सो गई है फिर मैने कॉल कट कर दिया । अपनी सब्जी चलाई और गैस बंद कर बैठ गया पढ़ने

करीब साढ़े 09 बजे बाद कही प्रिया आई नीचे से रोटियां लेकर

: बन गया ( उसने पूछा )
: हा ( मैने आंखे उठा कर थोड़ा शर्मिंदा नजरो से मुस्कुरा कर देखा )
: ठीक है हाल धूल लो मै निकालती हूं
मै हाथ धूल कर आया और उसने दो प्लेट में खाना परोस कर चौकी पर रखा
मै और वो दोनों आमने सामने बैठ कर खाने लगे
कुछ असहजता हो रही थी और वो बोली
: तारक मेहता लगाऊं ?
मैने मुस्कुरा कर हा कर दिया
फिर हमने खाना खाया और वो बर्तन लेकर चली गई धुलने , मै वापस पढ़ने बैठ गया

: तुम रात में बाते नहीं करते ? ( उसका इशारा मेरी सोना को लेकर था )
: नहीं वो जल्दी सो जाती है
: अच्छा , पता है मेरी एक दोस्त है वो लोग सारी रात देर तक बाते करते है इधर उधर की गॉसिप
: ओह्ह्ह , सबकी अपनी अपनी चॉइस है और मौका मिले तो मै भी करु , लेकिन वो जानती है कि मुझे पढ़ाई करनी होती हैं और वो सोएंगी नहीं जल्दी तो मै फोन रखूंगा नहीं ।
: अच्छा ऐसे ? बड़ी समझदार gf खोजी है फिर तो हीही
: उम्मम समझदार नहीं शरारती कहो
: हा वो तो मैने सुना हीहीही ( वो हस कर बोली और उसका इशारा मै समझ गया )
: अरे यार तुम मजे मत लो अब
: तुम्हारे जैसे बुद्धू के लिए बिल्कुल सही लड़की है वो , इतने साल में पहली बार तुम्हे अलग देखा और.... ( वो मुस्कुरा कर बोली )
मै समझ रहा था उसका इशारा हमारी रोमांटिक बातों पर था
: और क्या ?
: कुछ नहीं ( वो थोड़ा शरमाई और हसने लगी )
: अरे , अब बताओ भी
: कुछ नहीं , तुमने उसकी इजाजत के बिना जरा भी आगे नहीं बढ़ते ये सुन कर अच्छा लगा । नहीं तो मैने तो यही सुना था कि लड़के बहुत तेजी से अपनी मनमानी करना चाहते है ।
: अब छोड़ो न यार , मुझे शर्म आ रही है प्लीज ( मै शर्म से लाल हुआ जा रहा था )
: आए हाय ये गुलाबी रंग तो देखो हाहाहाहा ( उसने मुझे छेड़ा और मै पहले से ज्यादा ब्लश करके हसने लगा )
: आज तुझे सोना नहीं है ? ( मैने बात बदली तो वो थोड़ा असहज हुई )
: नहीं , मै ऊपर ही सोऊंगी ( एकदम से मैने चौक कर उसे देखा और वो हसने लगी मेरी हालत पर ) अरे !! हीहीही मैने बगल वाले कमरे में बिस्तर लगाया है अपना पागल , क्या तुम भी
जान में जान आई
: क्यों ऊपर क्यों ?
: अह कुछ नहीं ऐसे ही ( वो थोड़ा ब्लश कर रही थी मुस्कुरा कर )
: बताओ तो ?
: वो पापा आए है न इसीलिए ( थोड़ा शब्दों को चबा कर बोली )
: पापा आए है ? तो उससे क्या .... ( मै परिस्थितियों को समझने की कोशिश करने लगा )
: इसीलिए बोली न तुम एकदम बुद्धू हो ( वो हस कर बोली )
फिर एकदम से मेरा माथा ठनका तो इसका मतलब अंकल उस मेडिकल स्टोर से कंडोम ले रहे थे और वो आज आंटी के साथ , ओह तेरी , इसीलिए ये ऊपर
: तुमने कब देखा ? ( मैने पूछा )
: क्या देखा और कब ? ( थोड़ा उलझन भरे लहजे में)
: अरे वो पैकेट जो अंकल लाए थे मेडिकल स्टोर से
वो अपने होठ दबा कर हसी रोकने लगी
: मुझे थोड़े पैसे चाहिए थे तो उनका पेंट चेक किया और वो था उसमें
: सही है
: क्या ? ( आंखों के शरारत लिए वो शर्माती मुझे देख रही थी )
: अंकल का , हीहीहीही
: मार खाओगे रोहन , मेरे मम्मी पापा है यार
: अरे तो सबके मम्मी पापा करते है इसमें क्या गलत है
: तुम , तुम बहुत गंदे हो , बस शरीफ होने का नाटक करते हो बदमाश कही के , मै जा रही हूं सोने बाय गुड नाइट
: अरे यार सुनो तो ( मैने हस कर उसे रोका )
: क्या है ? ( घुड़क कर वो बोली )
: दरवाजा लगा देना हवा आ रही है ( मैने उसे और चढ़ा दिया )
: बंद ही कर देती हूं बाहर से , रहो इसी में ( गुस्से में वो दरवाजा का हैंडल पकड़ कर बोली )
: अरे यार मत करो , रात में मुझे नीचे जाना हुआ तो ( मैने उसको फंसाया )
: क्या ? ( वो एकदम से चौक गई ) लेकिन नीचे क्यों जाना है । सब जान रहे हो तब भी , छीइइ गंदा लड़का
: अरे यार तुम तो ऐसे कह रही हो हीही जैसे तुम्हारे पापा मम्मी हाल में ही .... हाहाहाहा
मै ठहाका लगाकर हस्ते हुए उसे छेड़ा और वो भागती हुई मुझे मारने बिस्तर तक आई और मैने उसके हाथ पकड़ लिए उसे रोकने के लिए फिर खड़ा हो गया
उसके दोनों हाथों को पकड़ कर नीचे कर पीछे बांध दिया : अब हाथ चलाओ तो जानू
वो एकदम से सिसक कर मुझे देखी और मेरी नजरे भी उससे टकराई
हमारा ध्यान ही नहीं था कि हम दोनो एकदम दूसरे से इतना चिपक कर खड़े हो गए थे कि उसका बदन मेरे बदन से पूरा सट गया था
वो उसकी सांसे उफनाने लगी थी और मेरी भी हार्ट बीट बढ़ने लगी थी , वो मेरी आंखों में देख रही थी और मै उसके , उसके होठ खुल गए । जी में आया कि बस चूम लूं उसके लबों को जो खुद मुझे दावत दे रहे थे और जानता था वो मुझे रोकती नहीं
मैने आंखे बंद कर एक लंबी गहरी सांस ली और उसको छोड़ दिया : सॉरी
उससे अलग होकर नजरे नीची किए हुए खड़ा हो गया
: गुड नाइट ( वो थोड़ा रुक कर बोली और चली गई कमरे से )
मै वही खड़ा रहा खुद को शांत करने की कोशिश करता हुआ , मगर लोवर में बना हुआ तंबू अपनी अलग ही कहानी गढ़ रहा था ।

जारी रहेगी
बडा ही मस्त शानदार लाजवाब और मदमस्त अपडेट है भाई मजा आ गया
 
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Napster

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UPDATE 009


सुबह के 7 बज रहे थे और मेरी आदत थी कि मै चाय पीता था , ताकि सर्दियों में पढ़ाई को लेकर आलस न आए

मैने मेरे साथ प्रिया के लिए भी चाय बनाई और उसके कमरे के दरवाजे को देखा तो हल्का खुला हुआ था
मैने खटखटाया
: कौन ? ( अंदर से उसकी निंद भरी आवाज आई )
: मै हूं , आ जाऊं अन्दर
: आजाओ आअआह्ह्ह उम्ममम
मै अंदर गया तो


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वो कम्बल में बैठी हुई अपने बदन तो तोड़ती हुई एक जोरदार अंगड़ाई ली और मेरी नजरे उसके उठे हुए नारियल जैसे चूचे पर गए क्या शेप था क्या गोलाई और टाइटनेस थी

: हाय गुड मॉर्निंग
: क्या तुम भी , सुबह सुबह चाय ( उसने उठे हुए मुंह से कहा और चाय की प्याली पकड़ ली )
: मै तो रोज बनाता हूं तो याद आया तुम भी ऊपर ही हो तो लेते आया
: बैठो न
मै उसके पैर के पास बैठ गया और वो सीप लेकर पीने ली
: अह्ह्ह्ह्ह कड़क है ( आंखे बंद कर उसने जायका लेकर कहा )
फिर हमने चाय पी और उसने प्याली दी और उठ कर बिस्तर से निकली अपना फोन उठाते हुए ।

जैसे ही उसने मोबाइल चेक किया तो मुझे देख कर : तुम रात में मैसेज किए थे

: अह हा वो , रात में जो हुआ उसके लिए सॉरी प्लीज ( मै नजरे गिरा कर कहा )
वो थोड़ा चुप रही फिर मुस्कुरा कर मुझे देखा
: तुम बहुत अच्छे लड़के हो रोहन , इतने अच्छे बन कर मत रहो बस
: क्यों ( मै थोड़ा खुश होकर बोला )
: समझ जाओगे किसी रोज , चलो मै जा रही हूं फ्रेश होने .
: तो तुमने मुझे माफ कर दिया न ? ( मैने उदास दिल से उम्मीद लगाए हुए बोला और वो पलट कर मुझे देख कर आई वापस )


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फिर एकदम से मेरे गाल पर एक चुम्मी देकर खिल कर बोली : हैप्पी किस डे हीही

मै आंखे बड़ी कर चौक कर उसे देखा
: जाओ माफ किया ( हंसते हुए बोली )
मै उसके इस हरकत से उभरना चाहता था कि वो फिर बोली
: और सुनो , आज अपनी सोना को पहले ही खूब सारी किस्स दे देना हाहाहाहाहा, लड़कियां ये सब कुछ ज्यादा ही नोटिस करती है समझे बुद्धू हीहीही

फिर वो चली गई नीचे और मै अपने गाल को छुता हुआ अभी भी उस सदमे से निकलने में लगा था कि आखिर उसे ये करके क्या हासिल हो गया ।
मैने थोड़ा बहुत प्रयास किया कि पढ़ाई करूं लेकिन आज वो हो भी नहीं पाया
आज मेरी सोना भी संयोग से बीजी थी , जल्दी जल्दी में कालेज जा रही हूं बोल कर 2 3 मैसेज डाल कर चली गई

: Good morning jaan , mujhe late ho gaya hai uthne me to collage ja rahi hun 😘
: Happy kiss day my sweetu
: Aaj rat apko kha jaaungi mai 🤣🤣🤣 bye love you so much, Missi Missi karna mujhe ok 😘😘😘😘

उसके मैसेज पढ़ कर ही दिल गदगद हो गया फिर मै नहा धो कर काम में लग गया ।
खाना चढ़ाया और प्रैक्टिस सेट सॉल्व करने लगा

दोपहर के 2 बजे के करीब दरवाजे पर दस्तक हुई
: क्या कर रहे हो
: कुछ खास नहीं ,बस प्रैक्टिस सेट सॉल्व कर रहा था
: ओह सॉरी , ठीक है फिर बाद में आती हूं
: अरे क्या हुआ बोलो न
: कुछ नहीं वो , पापा मम्मी घूमने गए है
: ओहो और तुम ?
: मै कालेज से आई हूं और नीचे लॉक है
जब उसने ये कहा कि वो कालेज से आई तो मैने उसपर एक नजर मारी ,



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उसने आज जींस और टॉप डाल हुआ था और उसकी गदराई जांघों पर जींस पूरी चुस्त थी और उसके राउंड नेक वाले टॉप से उसके बड़े बड़े रसीले मम्में पूरी गोलाई लेकर उभरे हुए थे ।

: अरे तो आओ अंदर
वो थोड़ा शर्मा कर अंदर आई और बिस्तर पर बैठ गई । मैने उसे पानी दिया और उसके सामने अपने कुर्सी पर वापस बैठ गया

: लेकिन तुम भी तो 3 बजे तक आती हो न तो आज जल्दी कैसे ?
इस पर वो थोड़ा चुप सी हो गई
उसका जवाब न मिलने पर मैने मेरे प्रैक्टिस सेट से उसकी ओर देखा तो वो गुमसुम सी दिखी
: अरे क्या हुआ प्रिया
उठ कर मैं उसके पास गया और बैठ गया , उसके जिस्म में एक कंपकंपी सी महसूस हो रही थी , पैरो को एड़ियों के बल वो बड़ी तेजी से उछाल रही थी
: प्रिया? ( उसने डबडबाई आंखों से मुझे देखा )
: उसने मुझे बहुत गंदा गंदा टच किया ( और वो फफक कर रोने लगी )
मै कुछ नहीं पा रहा था और उससे जरूरी थी कि उसे संभाला जाए और मै उसके करीब जाकर पीछे से उसके दूसरे तरफ के कंधे को पकड़ कर उसे हिलाया और वो फफक कर मुझसे लिपट गई

: वो बोला हम बस किस करेंगे और...( वो फिर से रोने लगी )
: क्या हुआ क्या , साफ बताओ , किसके साथ थी तुम ( मैने थोड़ा सख्ती की और वो चुप हो गई )
वो मुझसे अलग हुई और आंसू पोंछ कर मुझे देखा और फिर से रोने वाला मुंह बनाने लगी
मैने उसका हाथ पकड़ लिया और दोनों हाथों के रख कर उसे भरोसा दिलाते हुए : मुझपर भरोसा करती हो न , बताओ किसने की तुम्हारे साथ बदतमीजी
: वो मेरे कालेज का ही लड़का है , सतीश । मेरी सहेलियों ने मिलवाया था और हम बस एक कॉमन ग्रुप में जुड़े थे । वही से उसने नंबर निकाल कर मुझे मैसेज करना शुरू कर दिया था । उसने कहा कि उसकी कोई डेट नहीं है , सब कोई वेलेंटाइन वीक में इंजॉय कर रहे है हम बस दोस्त बनकर साथ रहेंगे और प्रिटेंड करेंगे कि लवर्स है ।
: फिर ( मेरा माथा गरम हो रहा था और भौहें चढ़ी हुई थी )
: फिर ( वो सुबकते हुए ) फिर कल हमने हग किया था बस कैजुअली ऐसे हसी मजाक में और फिर आज ऐसे ही कालेज में लाइब्रेरी थे और उसने कहा कि हमें किस करना चाहिए और मैने कैजुअली हा कर दी , फिर हम छिप कर एक जगह गए और उसने मुझे किस किया और फिर ( वो फिर से सुबकने लगी )
: फिर क्या ? ( मेरी धड़कने तेज थी )
: वो बदतमीजी करने लगा , मुझे छोड़ना नहीं चाहता था , मेरे बम को छूने लगा और जबरजस्ती करने लगा तो मै भाग आई वहां से
वो फिर फफक कर रोने लगी और मैं उसको अपने करीब कर उसके सर को थपका कर चुप कराने लगा

: तुम मुझे सिखाती हो और खुद किसी और के लिए टाइम पास बनने चली गई, तुम खुद क्यों नहीं समझती ये दुनिया अच्छी नहीं है प्रिया
: मै क्या करु , मेरा कोई दोस्त नहीं , सबको देखती हूं तो अच्छा नहीं लगता
: तो मै क्या हूं , मै दोस्त नहीं हूं तुम्हारा
उसने डबडबाई आंखों से मुझे देखा
: लेकिन मै तुम्हारी gf तो नहीं हूं न
: तो क्या अपनी फिलिंग बताने के लिए हमारा gf bf होना जरूरी है ?

वो मुझे बड़े शौक्ड होकर देख रही थी और मैने उसके गालों से उसके आंसू अपने हाथों से पोछे
: और तुमने तो सुबह मुझे किस्स भी तो किया था ?
: वो तो गाल पर था ( थोड़ा मासूम बनती हुई वो बोली )
: तो क्या यहां चाहिए अब ( मैने अपने लिप्स पर उंगली रख कर उसे देखा और वो शर्मा कर लाल हो गई और मुस्कुराने लगी )
: धत्त गंदे हो तुम , मै क्यों करु वहां पर किस्स तुम्हारी gf करेगी न ?
: अच्छा किसी अंजान को कर सकती हो , मुझे नहीं ?
: क्या ? ( उसके गाल पूरे खिल गए थे , थोड़ी सी वो शर्मा रही थी )
: मै मेरे कमरे में जा रही हूं ( वो उठ खड़ी हुई और मैने उसको पीछे से उसकी कलाई पकड़ ली )
: मत करो रोहन , प्लीज
मै उसके और पास गया गर्दन के पास लग कर उसके कानो के फुसफुसाया : क्यों ?
उसकी सांसे तेज थी हाइनेक वाले स्वेट शर्ट के उसकी मोटी टाइट चूचियां ऊपर नीचे हो रही थी
मै उसके आगे आया और उसने मुझे देखा
हमारी आंखे टकराई और उसके लब थोड़े खुले, जैसे वो खुद से कह रही हो आओ चूम लो मुझे
हम एक दूसरे की आंखों के गहरे डूब गए थे
: एक बात कहूं प्रिया ?
: हम्ममम
: तुम मुझे बेचैन कर देती हूं
: उसके जैसे ? ( वो मेरी सोना के बारे में बोल रही थी )
: उन्हू ( मैने उसकी खूबसूरत आंखों में झांकते हुए उसके गाल से बालों को हटाया और उसने आंखे बंद कर ली )
मैने आगे बढ़ कर उसके फोर हेड पर एक किस कर लिया ।

फिर वो आंखे खोल कर मुझे देखी लालसा भरी नजरो से मानो कह रही हो कि आगे बढ़ जाओ
: क्या हुआ ( सांय से उसने बुदबुदाया और मुझे देखती रही )
मैने उसका हाथ दोनो हाथ में लेकर : मै तुम्हे यही दे सकता हूं प्रिया, एक अच्छे दोस्त का साथ । इससे आगे मै नहीं आ सकता हूं।

वो थोड़ी उदास सी हुई
: अच्छा एक हग मिल सकता क्या टाइट वाला ( बड़ी मासुमियत से मुझे देखा और मैने उसको अपनी बाहों के भर लिया)
: बिलकुल , कभी भी दिन में ?
: रात में क्यों नहीं ? ( वो मुझसे लिपटी हुई बोली )
: रात में मेरी सोना रहती है मेरे पास ( मै हस कर बोला )
: धत्त गंदा ( वो मेरे सीने पर मुक्का मारती हुई मुझे कस ली ) आई लव यू रोहन आई लव यू सो मच
मै एकदम से शॉक्ड रह गया
वो मुझे कसकर पकड़े हुए थी और मै चुप हैरान था , मै जानता था कि वो मुझे चाहती है लेकिन इस तरह वो अपनी बात कह देगी मैने उम्मीद नहीं की थी ।
: मै जानती हूं कि तुम मुझे कभी नहीं अपनाओगे और मुझे तुम्हारी इसी वफाई से मुहब्बत है । प्लीज मुझे माफ कर देना इसके लिए, सॉरी

मैने उसको अपने आगे किया और उसके बहते आंसुओं को साफ कर इसके गाल को दोनो हाथों में भरते हुए : पगलू, देखना एक रोज तुम्हे कोई सच्चा प्यार करने वाला मिलेगा और तुम्हे तुमसे भी ज्यादा प्यार देगा

: वो तो ठीक है लेकिन , कल मेरे साथ वेलेंटाइन डे पर डेट पर चलोगे न ?
: हाहाहाहाहा अच्छा बाबा चलूंगा ओके
: थैंक यू ( उसने मुझे फिर से कस लिया और इस बार उसके दूध मेरे सीने में चुभने लगे , मैने उनकी कठोरता महसूस की )
: क्या तुम सब कुछ उससे शेयर करते हो मेरे बारे में
: हा ? क्यों ? ( मैने कैजुअली कहा )
: अभी जो हुआ हमारे बीच वो भी बताओगे जो मैने कहा ( उसने मुझे देखा )
: हम्म्म , देखो वो जज नहीं करती कभी भी और अभी तक मैने सुबह वाला किस्स नहीं बताया है उसे हीही
: धत्त गंदे हो तुम , मुझे शर्म आ रही है उसके लिए भी अब
: अच्छा ठीक है , ये बताओ कल वाले डेट के बारे में बताना है या नहीं ?

वो चौक कर मुझे देखी
: नहीं , मुझे डर लग रहा है कही मेरी वजह से तुम लोगों में
: ठीक है ऐसी बात है तो नहीं कहूंगा इस बारे में कुछ , अब खुश
: ओके थैंक्यू , तो तुम क्या पहनोगे कल ? ( चहक कर बोली )

: अह मेरे पास एक व्हाइट शर्ट है और डेनिम जींस और तुम ?
: मै ... मै सोच रही थी
: एक मिनट , कुछ भी पहनना लेकिन प्लीज जींस नहीं
: क्यों ( वो ब्लश करती हुई बोली )
: यार सब पीछे से घूरते है अच्छा नहीं लगता और आज तुम्हारे साथ जो हुआ उसमें तुम्हारे कपड़ो का ज्यादा योगदान है ,
: मतलब ? ( उसने मेरा मन टटोला )
: मतलब कि तुम आज थोड़ा हट के लग रही हो , ऐसा कुछ ( मै थोड़ा शर्मा कर हस्ते हुए बोला )
: हट के मतलब ?
: देखो साफ साफ लड़कों की भाषा में कहूं तो सेक्सी और माल लग रही हो हाहाहाहाहा
: धत्त गंदे कही के ( एकदम शर्म से लाल हो गई )
: तो प्लीज जींस नहीं ओके और इतनी टाइट तो बिल्कुल भी नहीं
वो समझ रही थी कि मै उसके उभारों के बारे में बोल रहा था


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: क्यों भद्दी लग रही है क्या पीछे से ( उसने घूम कर दिखाया सीईईई साला क्या उभार था और जैसे ठूंस कर भरे हो उसके पतीले जैसे चूतड़ उनमें )
: भद्दी नहीं , लेकिन किसी का मन ललचा जाए ऐसा जरूर है , और इसीलिए वो सतीश ने... समझ रही हो न
वो थोड़ा शर्माई और मुस्कुराने लगी
: तो कुछ और देख लेना अपने हिसाब से
: ओके मेरे पास एक फ्रॉक सूट है , वो पहन लूंगी हीही
: ठीक रहेगा वो
: तो चाहो तो आराम कर लो यहां, मुझे थोड़ा प्रैक्टिस सेट सॉल्व करना है

मैने उसको अपनी प्राथमिकता बताई और वो बिस्तर पर लेट गई मोबाइल चलाने लगी ।

फिर जब उसके मम्मी पापा वापस आए तो वो चली गई , मै रोज के काम में लग गया
आज की रात रसीली होने वाली थी

: उम्माह उम्माह उम्माह ( वीडियो काल पर वो मुझे चूम रही थी ) गर्दन ऊपर करो ऊपर सीई कितने हॉट हो यार उम्मम लव बाइट देने का मन कर रहा है हीही
: दे दो , मै भी एक दो जगह दे दूंगा ( मैने आंख मार कर कहा )
: कहा ? ( उसने थोड़ा शर्मा कर मुस्कुरा कर कहा )


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मैने आंखों से नीचे उसके टॉप से झांकते चूचों के दरारों की ओर इशारा किया
: धत्त गंदा मारूंगी आपको ( एकदम शर्म से लाल हो गई और मै हंसने लगा )
: वहा अंदर छिपा रहेगा किसी को दिखेगा भी नहीं हाहाहाहा
: हा लेकिन वहां नहीं दर्द होगा तो ( उसने मुंह बना कर कहा )
: अच्छा प्यार से बस पुच्ची कर देता हूं आओ
: नहीं ( वो वापस बिस्तर में सिमटने कंबल में खिलखिलाती हुई ) आज मैने कुछ पहना नहीं है
: क्या सच में ? ( मेरी आँखें चमक उठी )
: हम्ममम हीही हाहाहाहाहा
: दिखाओ जरा, नहीं तो आप झूठ बोल रहे हो ( मैने उसको छेड़ा )
: धत्त गंदा बाबू , नहीं मुझे शर्म आ रही है हीहीहीही
: प्लीज न ( मैने रिक्वेस्ट की )
: देखो नहीं पहना ( उसने अपने टॉप को कंधे से पास खींच कर दिखाया और सच में उसकी ब्रा स्ट्रिप नहीं दिखी ) देख लिए न
: ऐसे नहीं उठा कर ( मै मुंह बना कर बोला )
: क्या ? धत्त नहीं मान खाओगे , गंदी बात नहीं
: प्लीज न बाबू , मुझे आपके दिल के पास किस करना है प्लीज
: हीही नहीं तो नहीं , ऐसे ऊपर से कर लो
उसने एकदम से अपने मोबाइल को अपने सीने से आगे किया और दाएं हाथ से टीशर्ट नीचे खींच कर टाइट किया


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उफ्फ कितने गोल और रसीले मम्में थे उसे पूरी गोलाई के साथ उसके निप्पल तन कर उभरे हुए थे
: आओ कर लो
: मैने भी मौका नहीं छोड़ा और अपने होठ मोबाइल स्क्रीन पर लगा दिए
: उम्मन बस करो उठो न ( मानो सच में महसूस कर रही हो )
मै मुस्कुरा कर सामने आया और उसे छेड़ता हुआ
: वो क्या है ( मेरा इशारा उसके चूचों के उभरे हुए निप्पल पर था लेकिन वो समझी मै उसके टॉप बने स्टीकर के बारे में बात कर रहा हूं
: क्या ये .. ( स्टीकर दिखाती हुई वो बोली)


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: नहीं उसके नीचे वो जो उठा है
: क्या ये ( एकदम से उसने अपन निप्पल पर प्वाइंट किया और इतना तेज शर्म से लाल हुई कि दुबक कर कंबल के मुंह छिपा लिया और फोन तक काट दिया )
मैने हस कर वापस फोन लगाया
: अरे क्या हुआ
: चुप करो आप , कितने गंदे हो
: वो था क्या ?
: आपको नहीं पता ? ( हम वॉयस कॉल पर थे )
: नहीं
: पगलू मेरे निप्पल थे ( वो खिलखिला कर बोली )
: हीही सच में , पहले पता होता तो वही किस्स करता
: उम्मम मत कहो न ये सब ( वो कसमसाई )
: क्यों ? ( मेरा भी लंड एकदम फड़फड़ाने लगा था )
: पता नहीं , कुछ अजीब सा लग रहा है गुदगुदी सा हो रहा था जब आप किस करने को बोल रहे थे
: मै सहला दूं
: उससे सही हो जाएगा क्या ? ( वो कसमसा रही थी और मेरा लंड फड़क रहा था )
: हा जब मै न आपके दूधु को अपने हाथ से टची टची करूंगा न तो आपको परेशानी नहीं होगी
: अह्ह्ह्ह सीईईईईई उम्मम्म
: क्या हुआ ( मै उत्सुकता से पूछा)
: अच्छा लग रहा है छूने पर और वो बड़ा भी हो गया है
: क्या निप्पल ? ( ये सोच कर कि वो अपने नंगे चूचों के साथ खेल रही है मेरा लंड बेकाबू सा हो गया )
: हम्ममम उम्ममम अह्ह्ह्ह मम्मीइई ओह्ह्ह्ह खुजली सा हो रहा है बाबू अब , क्या करु
: पता है ऐसे खुजली हो न तो उसको किस करना पड़ता है
: अह्ह्ह्ह सीईईईईई मै कैसे करूं किस अब ओह्ह्ह्ह , आप कर दो न प्लीज
: रुको बेबी टीशर्ट उठाओ
: ऊपर ही की हूं बाबू , खुला है पूरा अह्ह्ह्ह सीईईईईई ओह्ह्ह्ह उम्ममम अह्ह्ह्ह
: देखो अब न मै आपके निप्पल पर अपने होठ रख रहा हूं ( वाइस काल पर मैने उसको विजुअल दिखाने शुरू किए ) उफ्फ बाबू आपका निप्पल कितना सॉफ्टी है मन कर रहा है चूस लू
: सीईईई अह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह्ह उम्मम बाबू चूस लो न ओह्ह्ह्ह गॉड उम्मम कुछ हो रहा है मुझे ओह्ह्ह्ह
: क्या हुआ सोना , अच्छा लग रहा है अब निप्पल चुसवा के
: ओह्ह्ह्ह मैने न अपनी थूक लगा कर उसको गिला कर दिया है , बहुत खुजली हो रही थी वहा सीईईई
सच कहूं ऐसा कुछ सेक्सुअल रोमांच मैने कभी महसूस नहीं किया था लंड एकदम फड़फड़ाने लगा और उसकी बाते मै बंद आंखों से कल्पना ने देख रहा था
: दूसरी वाली भी कर दूं उम्मम बेबी उसको भी चुम्मी दूं
मैने उसको आगे बढ़ाना चाहा लेकिन एकदम से चुप्पी सी छा गई
: हैलो ( मैने उसको कहा )
: अह हा बाबू , रुको ग्रुप में मैसेज आया है , मै अभी फोन करती हूं ओके

फिर कॉल कट गया
सच कहूं तो पहली बार उसके फ्रेंड सर्किल को लेकर मेरी सुलग गई , कितना आसानी से वो खुल रही थी और आज तो उसने निप्पल चूसने तक बात पहुंचा दी थी ।
लंड अभी भी बगावत पर था
10 मिनट रुक कर मैने वापस कॉल किया तो स्पीकिंग टू समवन एल्स आया
फिर सुलग कर रह गई कि किसको इतनी रात को अपनी अम्मा चुदवानी थी
कुछ देर बाद मैने उसको मिस यू वाला मैसेज भी भेजा
लेकिन कोई रिस्पॉन्स नहीं और देखते ही देखते करीब 40 मिनट बाद उसका कॉल आया

: ओह सॉरी बाबू, वो ग्रुप कॉल आया था , सॉरी जानू
: ठीक है आई लव यू
: हीही , आई लव यू सो सो मच मेरी जान , आजाओ हग कर लो और सुला दो मुझे
: क्या ? ( एकदम से उसने मुझे चौंकाया )
: हा प्लीज न बाबू , थक गई हूं मैं और पता है कल सुबह हम सारे ग्रुप के लोग लखनऊ जाएंगे घूमने और कल संडे भी है । तो जल्दी सोऊंगी तभी न उठ लाऊंगी , आज वैसे ही लेट हो गया था मम्मी बोल रही थी ।
उसकी बात मै कहा टाल सकता था
: ओके आजाओ हग कर लो
: ओपन ओपन वाला या वैसे ही हीही
फिर से उस चुलबुली ने मुझे ललचाया और मेरे लंड के हरकत होने लगी
: आज तो आप अंडर कुछ भी पहने तो निकाल कर आओ मेरे पास हाहाहाहाहा
: ओके सोना , हग यू टाइटली वाला उम्माह
उसने एक बार भी ना नुकूर नहीं किया एकदम से मान गई
: मेरा बाबू हग यू मेरा प्यारा सा बेबी उम्माह , सो जाओ मेरा सुकून हो आप उम्माह
: हीही थैंक्यू बाबू मुझे इतना सारा प्यार देने के लिए आप कितने अच्छे हो लव यू सो मच मेरी जान, गुड नाइट
: पागल , गुड नाइट मेरा बच्चा उम्माह सो जाओ

फिर थोड़ी की चुप्पी और वो सो गई

जारी रहेगी
बहुत ही सुंदर लाजवाब और अद्भुत मनमोहक अपडेट हैं भाई मजा आ गया
 
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UPDATE 010


: शश्शश्श म्यूट को पगलू हीही
मै कैसे खुद को शांत करता जब वो इतने बोल्ड लुक के साथ आगे खड़ी थी
उफ्फ वीडियो काल पर उसके उन्नत गोल और रसीले कसे हुए मम्मे ब्रा के टाइट चिपके हुए थे और चिकना सपाट नर्म गुदाज चर्बीदार पेट और चर्बीदार नाभि के नीचे लेगिंग्स की लास्टिक उफ्फ कयामत लग रही थी मेरी जान
लंड पूरी बगावत पर था


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: देख लिए न खुश अब
: वो भी दिखाओ न निकाल कर
: धत्त गंदा मारूंगी अब , बाद में मुझे लेट हो रहा है बाबू और मुझे परेशान होकर नहीं जाना है समझे
: अच्छा ठीक है आराम से जाना और अपना ख्याल रखना ।
: हीही ओके आई लव यू माय वेलेंटाइन उम्माह
: लव यू सो मच मेरा सुकून उम्माह

फिर उसका काल कट हो गया और सुबह सुबह 7 बजे ऐसी ताजगी का अनुभव मुझे कभी नहीं हुआ ।
अह्ह्ह्ह्ह दिन बना दिया था मेरी सोना ने

एक उम्मीद सी उठ रही थी , एक फैंटेसी की लहर जो मेरी वासनाओं को धकेल रही थी आगे की ओर , बीते दिनों में चीजे बहुत तेजी से घटी थी । वो पल जब से मैने प्रिया की पैंटी को छुआ उसके बाद से कुछ अलग ही तरह की चीजें होने लगी थी ।
मानो मेरे भीतर की वासना ने खुद उन सब को अपनी ओर खींचना शुरू कर दिया था , इधर मेरी सोना के भीतर कुछ बदलाव मै महसूस कर रहा था ।


मैने मेरे बैग से उसकी पैंटी निकाली और उसको फैलाया
कितनी मुलायम और खुशबूदार , अपने चेहरे पर रख कर उसके बदन की नरमी को महसूस करता हुआ मै मुस्कुराया , वो नरम अहसास मेरे पूरे बदन में गुदगुदी कर रहा था और लंड लोवर में अकड़ रहा था ।

मैने वापस उसे बैग में रख दिया ,पता नहीं क्यों
कई बार दिन में ख्याल आया कि वापस लौटा दूं , लेकिन कुछ तो था जो मुझे ये करने से रोक रहा था ।

अभी मै खुद को थामने की कोशिश कर रहा था कि प्रिया ने दरवाजा खटखटाया
मैने खोला
: हाय गुड मॉर्निंग
: गुड मॉर्निंग ( मुस्कुराती आंखों से उसने मुझे देखा )
: कहो ?
: उम्मम हैप्पी वैलेंटाइन हीही डे हाहाहा ( हस्ते हुए वो बोली दरवाजे पर खड़े ही , अभी भी टॉप और लोवर में थी वो )
: ओह , हैप्पी वैलेंटाइन डे हीही, तो कैसे चलना है और कहा ?
: मुझे क्या पता , तुमने कोई प्लानिंग नहीं की क्या ?
: मैने ? मुझे कौन सा इन सब का अनुभव है और कहा मै कही घूमने जाता हूं
: अच्छा ठीक है मुझे एक जगह पता है , अच्छी और शांत
: तो कितने बजे निकलोगे? अंकल भी तो है न
: हा तो तुम पहले निकल जाता और चौराहे पर वेट करना , मै आज जाऊंगी फिर हम ऑटो से जायेंगे
: ओके

फिर वो चली गई और 10 बजे करीब मै तैयार होकर निकल गया और उसको मैसेज कर दिया
20 मिनट बाद वो आई , लहराते हुए अपने घेरेदार फ्राकसूट को , फूल स्लीव और हेयर स्टाइल भी किए थे उसने
एक पल को तो जी चाहता था कि बना ही लू इसे अपनी वेलेंटाइन फिर अपनी सोना का ख्याल आता , उससे बेइमानी की हिम्मत मुझमें नहीं थी ।

: चलें ?
: हा चलो बे..बी हाहाहाहा ( वो खिलखिलाई और मै भी थोड़ा ब्लश कर मुस्कुराया )
फिर वो मुझे एक बहुत शांत रेस्तरां में लें गई , अच्छी जगह थी और सजावट भी मस्त थी
हमने एक जगह चुनी और बैठ गए

फिर हमने कुछ ऑर्डर किया और वो मुझसे लिपटी मेरे कंधे पर अपना सर रख कर , माहौल रोमांटिक ही था , स्लो कवर सांग भी चल रहा था , लाइट्स हल्की थी
उसने मेरे बाजू के नीचे से हाथ डाल कर पकड़ा हुआ था
: रोहन एक बात पूछूं
: हम्ममम कहो न ?
: तुम एक बार भी आने से मना नहीं किया क्यों ?
: दोस्त को कैसे मना कर सकता हूं , और तुम्हारे जैसी को तो बिल्कुल भी नहीं
: अच्छा मुझमें ऐसा क्या है ?
: तुम में हीही ( एक पल को तो उसके पतीले जैसे चूतड़ों का ख्याल आया मगर मैने कंट्रोल किया ) तुम्हे पता है रिश्ते कैसे निभाए जाते है और तुम्हारा दिल साफ है तो तुम मुझे पसंद भी हो ।
: फिर तुम्हे मुझसे प्यार क्यों नहीं हुआ
थोड़ा भावुक हो रही थी वो , दुबक सी रही थी मेरे पास
: अह , पता है कुछ रिश्ते प्यार से भी ऊंचे होते है । सच कहूं तो तुम मुझे कुछ अजीब सा अहसास दिलाती हो
(उसके हाथ पकड़ कर मै बोला )
: मतलब ?
: मतलब कि तुम मुझे बेचैन कर देती हो
: उसके जैसे ? ( उसने फिर से मेरी सोना का जिक्र किया )
: ऊहू, वो तो मेरा सुकून है । वो पास होती है तो सब कुछ थम सा जाता है और तुम्हारे करीब जाता हूं तो ? ( मेरा दिल जोरो से धड़क रहा था और भीतर कुछ घुमड़ आ रहा था कुछ उसे उसके बारे में मेरी बताने को बेताब था )

: तो क्या ?
: उम्ममम, पता नहीं शायद मै डरता हूं तुम्हारे करीब आने से कि बेकाबू न हो जाऊं , कुछ ऐसा न कर बैठूं जो तुम्हे पसंद न हो
: मेरी ओर देखो ( उसने मेरा चेहरा उठा कर अपनी ओर किया )

एक बार फिर उसकी नशीली आंखों ने मुझे देखा और मैने उन्हें
: इसीलिए दूर भागते हो मुझसे
: हम्ममम शायद ( उसकी नजरे पढ़ने की कोशिश करता हुआ मै बोला )
: कबसे हो रहा है ये सब
: हमेशा से , लेकिन जबसे मै उससे मिलकर आया हूं तो कुछ अलग सा अहसास होता है
: कैसा ? ( उसकी भी धड़कने तेज थी )
: नहीं बता सकता , बस हर वक्त मुझे उसकी तलब महसूस होती है लेकिन मेरे आस पास तुम रहती हो । मुझे उसके लिप्स की नरमी महसूस करनी होती है और सामने चेहरा तुम्हारा होता है । मै उसे अपनी बाहों में......

एकदम से उसने आगे बढ़ कर मेरे होठ से अपने होठ चिपका दिए और मै एकदम से सन्न रह गया
कितने सॉफ्ट थे और वो पीछे हट गई मुस्कुराती शर्माती हुई नजर नीचे कर

आगे कुछ बोलता इससे पहले वेटर आ गया हमारा ऑर्डर लेकर और सर्व करके चला गया
वो अभी भी एक चुलबुली सी शरारत वाली मुस्कुराहट लिए थी और मै थोड़ा शर्मा कर मुस्कुराने लगा ।

: इतना भी फॉर्मल होने की जरूरत नहीं है , तुम चाहो तो कभी कभी किस कर सकते है हम ( आंखे नचाती हुई वो बोली )
: पागल हो तुम , ऐसे सबके सामने
: हा तो , उन्हें देखो ऐसे होते है लव बर्ड ( उसने एक कपल को दिखाया जो कॉर्नर पर डिप किसिंग कर रहे थे )
उन्हें देख कर तो मुझे भी मुंह में पानी आ गया था लेकिन मैने नजरे फेर कर मुस्कुराया
कुछ देर बाद हम वहां से निकल गए , pvr के लिए वहां हमने मूवी देखी और फिर घर वापस आने लगे
: थैंक यू
: मुझे भी अच्छा लगा ( मैने कहा )

इधर शाम हो गई थी मेरी सोना ने कोई मैसेज या काल नहीं आया तो मुझे फिक्र हुई
मैने कॉल किया
: हाय बाबू , कहा हो अभी
: ....... हा बाबू बोलो ( थोड़ा रुक कर बोली वो )
: कहा हो अभी आप ?
: बस पकड़ कर घर जा रहीं हूं ( अजीब लगा कि वो बस से क्यों जा रही है )
: बस से क्यों ?
: अरे ..... वो , अह वो लोग बाद में आयेंगे तो मै चली आई ( कुछ परेशान सी दिखी वो छिपाती हूं )
: आप अकेले आ रहे हो वापस ? ( फिकर में मै बोला )
: हा , लेकिन आप परेशान मत हो अभी थोड़ी देर में मै पहुंच जाऊंगी
: लेकिन उन्होंने आपको अकेला क्यों छोड़ दिया
आज पहली बार मुझे अफसोस हुआ कि मै क्यों उसके पास नहीं हूं क्यों उसके साथ नहीं हूं ।
: अरे ... कोई बात नहीं सोना , उनको रुकना था तो वो लोग रुक गए
: फिर भी ऐसे कैसे छोड़ सकते है ?
: कोई बात नहीं जाने दो , और बताओ क्या कर रहे हो । क्या क्या किए सारा दिन
: कुछ नहीं बस आपकी याद आ रही थी और आपको मिस कर रहे थे । मन कर रहा था कि आ जाऊ आपके पास लेकिन आज कोई गाड़ी भी नहीं थी , सॉरी सोना
: अरे नहीं बाबू, आपके एग्जाम है और फिर मंथ एंड में आओगे न , बर्थडे पर मेरे
: हा सोना ,
: आई लव यू बाबू, बहुत याद आ रही है आपकी ( कुछ रुआंसी सी वो बोली )
: अरे मेरा सुकून मेरा बच्चा , बाबू है न आई लव यू सो मच। कहो तो कल आ जाऊं आपके पास
: नहीं , मै ठीक हूं आप अपनी पढ़ाई देखो वो जरूरी है , जॉब लग जाएगी तो सबसे पहले मेरे घर आना है आपको । बाबू अब और अकेले नहीं रहेगी , जान लो आप
: हा मेरा सोना , आ जाऊंगा मै

फिर ऐसे ही बाते करते हुए वो घर पहुंच गई और मैने कॉल कट कर दिया
कुछ देर बैठा रहा शांत और चुप उसके बारे में सोचता हुआ

आखिर क्यों उसके दोस्तों ने उसे अकेला छोड़ दिया , क्या वो लोग सेक्स करने के लिए रुके है वहा, शायद तभी वो चली आई होगी ।
बेचारी मेरी सोना को कितना बुरा लगा होगा जब वो लोग स्वार्थी हो गए होंगे । मैने मन ही मन प्रार्थना की कि भगवान उसे खुश रखे और जल्द से मेरी नौकरी लग जाए और मै उसके पास चला जाऊ , फिर किसी को अधिकार नहीं होगा कि उसके आंखों के एक आंसू भी ला दे । वो सिर्फ मेरी होगी और मेरे रानी मेरी सोना मेरा सुकून

तभी दरवाजे पर दस्तक हुई और देखा तो प्रिया ने खुले दरवाजे को खटखटाया

: किसके ख्यालों में गुम हो
: मेरी सोना के ( गुलाबी होते गालों से मै मुस्कुरा कर बोला )
: ये लो खाओगे ? ( सेब लेकर आई थी )
: इसमें कुछ मिलाया है क्या अच्छा महक रहा है
: धत्त पागल , कश्मीरी है ओरिजिनल वाला, पापा लाए है न
: ओह्ह्ह
: वैसे क्या बात है थोड़े उदास लग रहे हो , किस कर दी तो नाराज हो? ( वो जान रही थी कि मुझे उस बात का बुरा नहीं लगा)
: क्या यार तुम भी , वो घूमने गई थी अपने ग्रुप के साथ लेकिन वापस अकेले घर आई है
: क्यों? ( सेव काटते हुए चौक कर वो बोली )
: पता नहीं कह रही थी उसके दोस्त लोग वही रुक गए
: क्यों ?
: उसके ग्रुप में दो कपल है और उन्हें शायद अपना क्वालिटी टाइम स्पेंड करना था
: हा कुछ भी हो लेकिन ये कैसी दोस्ती
: पता नहीं ( उदास होकर मैने कहा )
: सच कहूं तो आज के समय में कोई ऐसा मिल पाना मुश्किल है जिसे दोस्त कहा जा सके
: हम सही कह रही हो तुम शायद ( मै अभी भी अपनी सोना के लिए टेंशन में था बेचारी पर क्या गुजर रही होगी )

उस रात वो जल्दी सो गई ये कह कर उसके सर में दर्द है ।
फिर उसके अगले दिन से चीजें धीरे धीरे नॉर्मल होने में वक्त लगा, क्योंकि वो अगले कुछ दिनों तक अपने ग्रुप में किसी से बात नहीं कर रही थी । उसने मेरे साथ ही ज्यादा समय बिताए

धीरे धीरे उसका बर्थडे का दिन भी आने लगा और मैने घर पर बात कर कुछ पैसे मंगवाए । जितना मांगा उससे आधा ही मिला, मम्मी ने कहा कि एक दो दिन बाद वो भेजवा देंगी ।
हालांकि पहले ऐसा कभी भी होता था कि मै पैसे मांगू और न मिले पूरे
लेकिन मम्मी से बहुत सवाल जवाब नहीं किया क्योंकि डर था कि कही वो हिसाब न मांग ले।
मैने और प्रिया ने मिल कर मेरी सोना के बर्थडे गिफ्ट के लिए शॉपिंग का प्रोगाम बनाया , उसके बर्थडे के दो दिन पहले

: उसको न रेड ड्रेस दो , ये देखो ये वाली
: वाव, प्राइस ? ( मैने थोड़ा हिचक कर कहा , उम्मीद के हिसाब से दाम ज्यादा था 1700 की थी और मेरा पूरा बजट ही 3500 से 4000 था उसपर वहा जाने का खर्च भी था )
: तुम्हे पसंद है न ? तो ये वाला ड्रेस मेरी तरफ से उसको गिफ्ट
: अरे नहीं ? ( मै उसे बस नाम का रोका )
: क्या नहीं ? आज तक मैने उसे कुछ दिया नहीं तो ये लो पकड़ो , & फॉलो मी ( इठलाती कर वो ड्रेस मेरे ऊपर फेक कर आगे चल दी )

: अरे उधर कहा जा रहे हो ? ( मैने उसको रोका )
: क्यों , ड्रेस अधूरी थोड़ी न दूंगी ( उसने मुझे आंख मारी और हस दी )
लेकर आ गई थी मुझे वो अंडर गारमेंट सेक्शन में
: साइज ? ( उसने कुछ डिजाइन जो उस ड्रेस से मैच हो रहे थे उन्हें देख कर कहा )
: मुझे क्या पता ?
: क्या ? ( उसने चौक कर मुझे देखा और मुस्कुराने लगी ) सच में नहीं पता
: यार मैने आज तक उसका नाम नहीं पूछा , तो साइज कैसे ?
: एक मिनट ( वो पूरी कन्फ्यूज हो गई ) तुम कह रहे हो कि तुम्हे उसका नाम नहीं पता ? उसे तुम्हारा पता है ?
: पता नहीं , हमने इस बारे में कभी बात ही नहीं की ( थोड़ा डर सा लग रहा था कि क्या किसी को जानना इतना भी जरूरी है मुहब्बत करने के लिए)
: यार तुम कैसे लड़के हो ? ( अपने हाथ से सर पकड़ कर घूम गई और खुद को शांत करती हु ) अच्छा रहती कहा है ये पता है ?
मैने अपने होठ अंदर कर मुस्कुराते हुए न में सर हिलाया
: जानते क्या हो उसके बारे में?
: यही कि वो मेरा प्यार है मेरी जान है मेरा सुकून है
: उफ्फ ये लड़का भी न ( सर झटक कर बोली और वापस से पैंटी देखने लगी )
: कौन सा साइज ले रही हो
: 36 नंबर क्यों ?
: पक्का उसे हो जाएगा ?
: हीही पागल मै मेरे लिए ले रही हूं हाहाहाहा , ये कलर ठीक है
मै थोड़ा असहज होने लगा और नजरे फेरने लगा
: अरे यार तुम तो लड़कियों से भी ज्यादा शर्माते हो , ये भी कपड़े ही है हाहाहाहा
: फिर उन्हें कपड़ो के नीचे क्यों सुखाती हो ( मै हल्का सा बुदबुदाया )
: क्या ( वो चौक कर मुझे देखी ).
: कुछ नहीं ( मुझे हसी आई )
: ओके चलो मेरा हो गया

मैने उसके हाथ में दो जोड़ी ब्रा पैंटी सेट देखे लेकिन मैने कुछ नहीं बोला बस चुप रहा और इधर उधर देखता रहा कि किसी तरह से समय टल जाए
फिर वहां से निकल कर हम दोनो एक गिफ्ट शॉप पर गए
मैं उसके लिए एक खूबसूरत की हैंड वॉच ली और वही मेरी नजर एक ऐसे फोटो एल्बम पर गई
: भैया वो अल्बम दिखाना
: ये ,,, ये भइया डायरी है इसके कवर में आप फोटो लगा सकते है ( दुकान वाला बोला )
बड़ा ही यूनिक आइटम था और प्रिया को भी पसंद आया , बेबी पिंक कलर का कवर और खूबसूरत गुलाबी पन्ने जिसमें फुल और दिल की खूबसूरत कलाकारी की गई थी ।
: अच्छा है न ?
: हम्ममम
फिर मैने वो ले लिया और हम लोग निकल गए आगे कुछ चॉकलेट लेने ।
मैंने प्रिया को भी एक चॉकलेट दिलाया और फिर हम रूम पर वापस आ गए

आज हमारी मेहनत ज्यादा ही थी कुछ
प्रिया ने गिफ्ट रैप करने की तैयारी कर रही थी और कल मुझे निकलना था तो बैग भी रेडी करना था
मै अपनी सोना के लिए उसके डायरी पर पीछे एक नोट लिख रहा था


: ओह गॉड सीईईई इतनी रोमेंटिक बातें , लग रहा है कोई फ्लैट होने वाला है ( प्रिया ने हस कर मेरे नोट पढ़ते हुए मेरे मजे लिए )
: धत्त हटो यार तुम , ये सब बाते सीक्रेट है समझी
: अच्छा बच्चू , छिपा लो मै भी नहीं बताऊंगी कुछ
: अच्छा ठीक है यार पढ़ लो , लेकिन कुछ रिएक्ट मत करना

वो खुश हो गई और डायरी लेकर बैठ गई , करीब डेढ़ पन्ने लिखे थे मैने उसके लिए
प्रिया का मुस्कुराता और भरा चेहरा बता रहा था कि वो मेरे दिल की बातें पढ़ कर क्या महसूस कर रही थी
आंखे छलक आई उसकी और उसके डायरी बंद कर मुझे से दिया
: अरे क्या हुआ ( मै उठ कर उसके पास गया )
: कुछ नहीं ( वो आंख साफ करने लगी ) बहुत प्यारा लिखे हो
: अच्छी है न , मुझे तो कभी कभी शब्द ही नहीं मिलते है कि क्या लिखूं उसके लिए , वो बाहर है समाज के इस दायरे से , इन शब्दों की सीमाओं से , असीमित प्रेम की सागर से भरी जिसे देखने भर से मेरा बेचैन मन शांत हो जाता है

मैने ध्यान नहीं दिया और पाया कि प्रिया मुझे बड़े गौर से सुन रही थी
फिर उसने एकदम से बात बदल दी

: अच्छा सुनो कल क्या पहन कर जाओगे और उसकी तैयारी कर लो , मै बैग पैक कर दु तुम्हारा
: हा यार अच्छा याद दिलाया , ऐसा करो ये सब बैग में डाल दो और मै ऊपर से अपने कपड़े लाता हूं उन्हें इस्त्री करना है
मै हड़बड़ी में ऊपर गया और जब अपने कपड़े उतार रहा था कि एकदम से मुझे मेरे बैग का ख्याल आया और उसमें रखी हुई प्रिया की पैंटी

फट के चार हो गई और मै तेजी से भागता हुआ वापस आया
देखा तो प्रिया ने सब समान रख दिए थे और इस्त्री को प्लग कर गर्म करने लगी थी
वो चुप थी और मैने भी यही दिखाया जैसे कुछ हुआ नहीं
उसने मेरे कपड़े प्रेस किए और फिर नीचे चली गई
थोड़ी देर बाद ही उनके पापा ने मेरे पास फोन किया कि बाजार चलना है
चूंकि प्रिया ने पहले ही बोल दिया था कि आज मै खाना न बनाऊं तो मै थोड़ा फ्री था इसीलिए उनके साथ चलने को हा कर दिया

आज फिर हम लोग निकल गए और फिर उन्होने मेडिकल स्टोर से कंडोम के पैकेट लिए
हम वापस आए और अंकल मुझे लेकर हाल में चले आए
मेरी आँखें तब चमक उठी जब मैने आज पहली बार आंटी को साटिन की नाइटी में देखा , भरा बदन उठे हुए कूल्हे और चूचे के उभार


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इससे पहले आंटी एकदम सिम्पल साड़ी कैरी करती थी लेकिन आज उनका ये रूप थोड़ा बोल्ड लग रहा था
अंकल के उनके साथ से आंखों के इशारे से मुझे लग रहा था कि उनका प्रोग्राम फिक्स था आज

: प्रिया बेटा , जरा चाय बनाना , रोहन भी है
प्रिया ने लपक कर किचन से मुझे देखा और फिर चाय रखने लगी
हम थोड़ी बातें कर रहे थे और मैने अंकल को बताया कि कल सुबह गंगा गोमती एक्सप्रेस पकड़ कर मै घर जा रहा हूं , थोड़ा काम है घर पर ।

बातें इधर उधर की हो रही थी लेकिन अंकल की नजरे तो आज आंटी के चौड़े कूल्हे पर जमी थी , एक पल के लिए मेरे बदन में भी सिहरन होने लगी थी , मन ही मन चुलबुलाहट हो रही थी कि क्यों न आज की रात इनकी रास लीला पर नजरे गड़ाई जाए ,
उधर कल अपनी सोना से मिलने के लिए बदन में अलग ही खुमारी चढ़ रही थी और आज अंकल आंटी का मूड देख कर मै अलग ही गर्म हो रहा था ।
किसी तरह चाय पी कर मै चल गया ऊपर और अपनी सोना से बाते करने लगा
वो भी कल मिलने के लिए काफी एक्साइटेड थी । कुछ देर बाद प्रिया ऊपर आई

: अच्छा ठीक है बाबू , मै खाना खाने जा रहा हूं अभी बात करता हूं
: क्या बक्क मुझे नीद आ जाएगी तो ? आप लेट कर देते हो
: अच्छा तो आप न मेरे बारे में सोचो सेक्सी सेक्सी सा नहीं आयेगी नीद ( मैने प्रिया को देख कर आंख मारते हुए अपनी सोना को कहा )
: धत्त नहीं , मै नहीं सोचूंगी कुछ भी परेशान हो जाती हूं । आप आना मै तो बस करूंगी हीही
: सच में करोगे इस बार ( अब तो मेरे भी गाल ब्लश होने लगे थे और प्रिया के चेहरे भी शर्माहत से गुलाबी होने लगे थे )
: ठीक है आप जाओ और जल्दी आना ,बाबू वेटी वेटी कर रही है ओके जानू , आई लव यू
: ओके लव यू सोना बाय

फिर मैने फोन काट दिए और प्रिया को देखा
: क्या हुआ ( मैने उसको मुस्कुराता देख कर पूछा )
: हीही कुछ नहीं ( हंसती हुई वो बोली ) चलो तुम गंदे आदमी शर्म नहीं आती मेरे सामने ही सब कुछ बात करते हो
: अब तुमसे क्या शर्माना उम्मम , तुम तो सब जानती हो न ( मैने उसे थोड़ा छेड़ा , हालांकि ऐसे मै अपने रिश्तों को लेकर बहुत पोजेसिव और प्राइवेट था मगर प्रिया को तंग करने के अलग ही मजा आने लगा था अब )
: मार खाओगे , चलो अब पागल कही के हीही ( वो हंसती हुई बोली )
फिर मैने कमरे का दरवाजा लगाया और हम साथ में नीचे उतरने लगे चुप चाप
और तभी वो एकदम से ठिठक कर निचली सीढ़ियों पर रुक गई और वापस घूमती हुई धीरे से फुसफुसा कर : वापस चलो , अभी नहीं जा सकते
मुझे अचरज हुआ और मैने लपक कर अंदर देखा तो हाल में अंकल ने आंटी को दबोच रखा था और दोनों डीप किसिंग कर रहे थे , अंकल के पंजे आंटी के फूले हुए चूतड़ों को नाइटी के ऊपर से मसल रहे थे

: सीईईई यार क्या रोमांटिक सीन है हीहीही , देखने दो न ( मैने जान बुझ कर प्रिया को छेड़ा )
: नहीईईई पागल हो क्या ( दांत पीस कर वो बोली और मुझे पीछे धकेलने लगी ) चलो ऊपर पागल

मैने मस्ती में जान बुझ कर और झांक कर हाल के देखा : उफ्फ अंकल तो आज फूल मूड में है
वो मुझे खींच लाई वापस ऊपर
: तुम पागल हो क्या , क्या कर रहे थे ( वो थोड़ा चिढ़ रही थी )
: अब इसमें मेरी क्या गलती , मुझे तो पता ही था ये होगा
: पता था मतलब ( प्रिया ने चौक कर मुझसे पूछा)
: हीहीही आज फिर अंकल गए थे मेडिकल स्टोर पर हाहाहा
: धत्त पागल हो तुम, और ये पापा भी न कही भी शुरू हो जाते है
: अरे इसमें अंकल की क्या गलती , अब आंटी ने इतना बोल्ड लुक रखा हो तो कोई क्या करें हीहीही
: तुम ...तुम क्या पागलों जैसी बाते कर रहे हो
: मैने तो इतने सालों में पहली बार आंटी को ऐसे देखा है
: वो कभी कभी पहनती है ये सब , जब इन लोगों को करना होता है ( मुंह बना कर वो बोली )
: यार कुछ भी कहो दोनों है बड़े रोमांटिक हाहाहाहा
: अब मार खाओगे रोहन बता रही हूं ( थोड़ी शर्मा कर वो बोली )
: तो कब तक रुकना पड़ेगा ऐसे यहां, मै देख कर आऊ खत्म हो गया या नहीं
: नहीं , पागल हो ( एकदम से डर गई कही मै सच में न चला जाऊ )
: फिर ?
: रुको न थोड़ी देर ( वो अजीब सा महसूस कर रही थी थोड़ी शर्मिंदा थोड़ा असहज और थोड़ी बेचैन )

इश्क और प्यार का मजा लीजिए
थोड़ा इंतजार का मजा लीजिए
थोड़ा इंतजार का मजा लीजिए
मजा लीजिए मजा लीजिए
थोड़ा इंतजार का .... हीहीही अरे यार मार क्यों रही हो
वो एकदम से ऊपर चढ़ आई और मै हंसने लगा
: गंदे हो तुम बहुत , पागल
: यार तुम गाना भी नहीं गाने दोगी हीहीही
: चलो अब चलते है नीचे ( थोड़ा भड़क कर वो बोली )
: पक्का न ?
: हा चलो ( उसने घूर कर मुझे देखा और मै अपनी फूंटती हंसी को छूपाने लगा

फिर हम खाने के लिए नीचे आए और आंटी ने ही हमें परोसा
मैने जानबूझ कर अपनी आंखे खाने की थाली पर फोकस रखी क्योंकि सामने किचन से प्रिया हाथ बांधे मुझे ही घूर रही थी और मैने उसको मस्ती में आंख मार दी
खाने के बाद मै हाथ धुलने किचन में आया

: उफ्फ सीईईई बड़ी गर्मी लग रही है आज तो मिर्ची तीखी थी ( मैने उसे छेड़ा और वो समझ रही थी )
: क्या हुआ बेटा , पापड़ी दु ज्यादा तीखा है तो
: उन्हूं आंटी ( मैने प्रिया को देखा ) इतना तीखा तो मै खा ही सकता हूं ( वो मुंह फेर कर मुस्कुराने लगी )

फिर थोड़ी देर बाद मै वापस आ गया
फोन लगाया और मेरी सोना से उठाया

: क्या कर रही हो मेरी जान
: बस आपकी याद आ रही है बहुत ज्यादा
: आ गया मै आपके पास और क्या हुआ बात हुई विशाल से
: बक्क यार आप तो समझते नहीं हो , मै कैसे उससे बात करूंगी , अजीब लग रहा है
: तो क्या हम बस ऐसे ही बाहर मिलेंगे , मुझे आपको पकड़ कर हग करना है खूब देर तक और आपको प्यार करना खूब सारा
: मुझे भी मन हो रहा है लेकिन क्या करु ( वो थोड़ी उदास दिखी ) आप बात कर लो न ?
: क्या ? नहीं ? मैने तो उससे मिला भी नहीं हूं , चलो ठीक है कल वो भी आयेगा न तो उसको सामने से बोल दूंगा
: हा ये भी सही रहेगा और पता है उसके मम्मी पापा भी नहीं है , बाहर गए है ( वो थोड़ी खुश दिखी )
: उम्हू सच में , मान लो हमे रूम मिल गया तो
: तो, हीहीही मै आपको हग कर लूंगी हाहाहाहा और आपके सॉफ्टी सॉफ्टी लिप्सी को उम्मम हीहीहीहीही
एकदम से मूड रंगीन कर दिया उस पगली ने
: अच्छा बताओ न पहले क्या करोगी
: पहले न मै आपको पकड़ कर कमरे में ले जाऊंगी और आपको खूब सारा किस करूंगी लिप्स और गाल पर
: उम्मन और ( मुझे नशा हो रहा था उसके बातों से )
: फिर न आपको बिस्तर पर लाकर सुला दूंगी और आपके ऊपर आकर के शर्ट के बटन खोलकर आपके हॉट हॉट सेक्सी सेक्सी गर्दन पर लव बाइट करूंगी हीहीही
: उफ्फ मेरी जान , मुझे भी अच्छा लगेगा जब आप अपने सॉफ्टी लिप्स से मेरे नेक पर किस करोगे सीईईई और क्या करोगे
: और न मै अपने शर्ट निकाल कर आपके चेस्ट पर सोऊंगी आपको हग करके
: बस ?
: हा और क्या ? ( उसने मेरे जज्बात को छेड़ा )
: आप नहीं निकालोगे ?
: धत्त नहीं पागल हो हीहीही
: प्लीज न बाबू , मुझे नंगू पंगु वाला हग चाहिए आपका , सॉफ्टी सॉफ्टी दुधु का टच फील करना है मुझे सीईईई अभी से गुदगुदी लग रही है ओह्ह्ह्ह
: धत्त गंदा , परेशान मत करो मुझे , आना तो कर लेना न बाबू उम्मम अह्ह्ह्ह्ह
: पक्का न छूने दोगे न दूधू अपना
: सीईईई हम्ममम सोना छू लेना ( उसकी गर्म सिसकियां मेरे लंड को पंप कर रही थी )
: और न बाबू आपके दूधू को किस भी करेगा और सक भी करेगा निप्पल
( अपना लंड लोवर से निकाल कर मैं उसको हिला रहा था और आंखे बंद कर अपनी जान के गोरे चूचों को छूने की कल्पना में मगन था )
: सीईईई अह्ह्ह्ह जान प्लीज रुक जाओ न उम्मम , मुझे फिर से खुजली हो रही है निप्पल पर सीई अह्ह्ह्ह्ह ओह्ह्ह
: तो पकड़ लो न मेरी जान उम्मम सहलाओ उसको हाथ डाल कर अंदर आपको आराम मिलेगा ( अपना फड़कता लंड भींचता हुआ बोला )
: ओह्ह्ह्ह मम्मा ओह्ह्ह्ह सीईईई बाबू अच्छा लग रहा है , आप जल्दी से आकर न दूधू को पकड़ लेना मेरे ओह्ह्ह्ह उम्ममम इसको खूब सहलाना मुझे अच्छा लगेगा ओह्ह्ह्ह गॉड कितना अच्छा अह्ह्ह्ह सीईईईईई
उसकी मादक सिसकियां और चुचे पकड़ने का ऑफर मुझे उत्तेजित कर रहा था और मै अपना लंड तेजी से हिलाने लगा
: सीई ओह्ह्ह्ह मेरा बेबी उम्मम मै आपके दूध को खूब चूसूंगा जीभ से गिला करूंगा चाट चाट कर सीईईई
: शीईई चुप रहो चुप ,
: क्या हुआ ?
: मम्मी उठी है , मैसेज करो ( उसने एकदम से फोन काट दिया )

एक बार फिर मेरे उमड़ते जज्बात की लहरें वापस लौट गई और मैंने मोबाइल साइड रख कर गहरी लंबी सांसे लेने लगा
हमारी बातें आज लंबी खींच गई थी और घड़ी में समय भी 10 बजने को हो गए थे ।

: sorry babu , so jaao mummy daat rahi h fone chalane ke liye
: oh ok meri jaan , araam kro subah call krunga utha lena ok
: kyo ? Raat me wish nhi kroge ? 🥺
उसकी बातों से मेरा दिल पिघल गया
: aap jagoge kya ?
: hmmm aapka wait krungi, pahale aapka hi wish chahiye mujhe
: ok , meri jaan mai call krunga 12 baje utha lena
: 😘😘😘😘 thankyou so much Jaan , love you bye gn
: love u Sona 😘 bye tc

फिर मैने फोन रख दिया और सोचने लगा कि अब अगले दो घंटे तक कैसे जागा जाए और मै उठ कर कमरे के बाहर आया और टहलने लगा
मैने सोचा अगर प्रिया ऊपर आई हो तो उसे भी पकाया जाए , क्योंकि पढ़ाई के मूड में आज तो मै बिल्कुल भी नहीं था ।
चुपचाप मै उसके कमरे की ओर गया और दरवाजा खटखटा कर धकेला तो खुल गया
अंदर कोई भी था
समय देखा तो सवा दस बज रहे और कुछ देर पहले ही मैने उसके ऊपर आने की आहट पाई थी । आज की रात वो तो बिल्कुल भी नीचे नहीं जा सकती थी तो मुझे शक हुआ और मैने ऊपर का जीना देखा तो अंदर से ही बंद था

कुछ देर तक वही बालकिनी में उसकी राह देखी , सर्द राते गहरा रही थी और मन में ख्याल उठ रहे थे
अपनी सोना से रंगीन बातें कर मन पहले से ही बेईमान हो गया था और लंड खुद ही बेकाबू था
बार बार अंकल आंटी के वो लिप किस वाले सीन का ख्याल आ रहा था , लेकिन नीचे जाना भी तो रिस्की था
आखिर मैने कुछ तय करके नीचे वाले जीने की सीढ़ियां उतरने लगा
अगर प्रिया ने पकड़ भी लिया तो बोल दूंगा छत पर ठंडी थी तो नीचे वाले बाथरूम में आया था ।
जैसे ही मै नीचे फ्लोर पर आया , सब कुछ एकदम से शांत । मैंने दबे पाव हाल में झांका तो एकदम से चुप्पी , बस झींगुर की आवाज आ रही थी ।
मै अंदर आगे बढ़ कर एक नजर किचन की ओर देखा और फिर प्रिया के मम्मी वाले कमरे की ओर जाने लगा कि एकदम से रुक गया
सामने प्रिया थी , वो खिड़की से अंदर अपने मम्मी के कमरे में झांक रही थी ।
उसने रात में एक वूलन पैजामा और स्वेटर पहना हुआ था और उसके दूध स्वेटर में और बड़े बड़े दिख रहे थे ।
मै वही एक पीलर की ओट में अंधेरे खड़ा हो गया और फिर कुछ देर में ही प्रिया वहा से निकल कर छत की ओर चली गई
उसके जाते ही मैने लपक कर उसके मम्मी के कमरे में झांका

उफ्फ ताबड़तोड़ माहौल था ,आंटी फूल मूड में थी , वो अंकल के ऊपर बैठी हुई थी लंड पर सवार और खुद से ही उछल रही थी


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अंकल अपनी बीबी को खुद उकसा रहे थे और सिसक रहे थे
मैने पहली बार आंटी के नंगे चूतड़ों को देखा और वो अंकल के बड़े से खूंटे जैसे लंड को हमच कर ले रही थी और सिसक रहे थी
पूरा पलंग पनाह मागे जा रहा था मगर आज दोनों का जोश सवाब पर था
मेरा लंड अकड़ कर रॉड हो गया था और मै भी वो नजारा देख कर सहलाने को मजबूर था ।

लेकिन डर था कही प्रिया मुझे ऊपर खोजने न आ जाए इसीलिए मैने झट से मोबाइल निकाला और 2 मिनट की वीडियो बना ली अंकल आंटी की चुदाई की , ताकि इत्मीनान से अपना लंड झाड़ सकूं

लेकिन होनी को कुछ और ही मंजूर था
मै सरपट ऊपर आया और एक नजर प्रिया के बंद कमरे को देखा और झट से अपने कमरे में दाखिल हुआ कि सांसे अटक गई

प्रिया मेरे सामने थी और मुझे देखते ही आंखे महीन कर मुझे घूरते हुए अपने कमर पर हाथ रखा
मेरी नजरे उसके बड़े बड़े रसीले मम्में पर गई जो स्वेटर में और भी बड़े दिख रहे थे
: कहा गए थे ( उसने मुझे घूर कर पूछा )
चोरी पकड़ी गई थी मेरी मै जान रहा था तो झूठ बोलने का फायदा नहीं था तो मैने इसे अपने अंदाज में सुलझाना ही सही समझा
: वही जहां से तुम आई हो ( मैंने आंख मार कर हंस कर कहा)
एकदम से उसके चेहरे के भाव बदल गए और थोड़ी वो चोर नजरो से मुस्कुराई
: मै तो बस ....
: क्या बस , देखा मैने तुम्हे अंदर देखते हुए , ठरकी कही की हीही ( मैने उसको मस्ती में छेड़ा )
: हे , मारूंगी , तुम हो ठरकी । ना जाने कैसी कैसी बातें करते हो अपनी सोना बाबू से और वो सो जाती है तो दूसरों के कमरे में झांकते हो
उसके कहने का मतलब साफ था कि वो हर मेरी रात में मेरी सोना से हुई बाते अपने कमरे से सुनती है

मेरी नजरे मेरे और उसके कमरे में कामन एक रोशनदान पर गई जो छत से जुड़ी थी , वही से ये सब बाते उसने सुनी होगी ।
: चलो झूठी , मै तो नीचे फ्रेश होने गया था तो तुम्हे देखा उधर
: अच्छा , फ्रेश होना था तो ऊपर चले जाते
: यार इतनी ठंड में ऊपर जाऊंगा , तबियत बिगड़ गई तो कल जाऊंगा कैसे ?
: बहाने मत बनाओ , तुम्हे अच्छे से समझ गई हूं मैं । ठरकी कही के
: अच्छा ठीक है माना हूं ठरकी, मैने देखा तुम्हारे मम्मी पापा को लेकिन तुमने भी तो खुद देखा , बोलो ?
एकदम से वो चुप हो गई
: मैने जब देखा तो वो लोग कुछ नहीं कर रहे थे समझे ( उसने बात बनाने का सोचा )
: अच्छा बेटा , देखो तो झूठी को , तो तुमको कैसे पता है कि मैने उनको वो सब करते देखा था
: क्योंकि तुम नीचे छू रहे थे अन्दर देख कर , गंदे हो तुम गंदे ( उसने थोड़ा जोर देकर कहा )
: कसम से यार कितनी झूठ बोलती हो , मै तो तुम्हारे जस्ट बाद अंदर देखा तो आंटी अंकल के ऊपर चढ़ी थी ...
: छीइइई धत गंदा मै जा रही हूं ( वो थोड़ा शर्माई और कमरे से जाने लगी )
मैने उसे रोका लेकिन वो नहीं रुकी और अपने कमरे में चली गई

फिर मैने उसको मैसेज करने लगा
: achcha sorry yaar
: Ganda 😑
: maaf kr do n plzz, akhir tum bhi dekhi thi na 😕
: lekin tumko nhi dekhana chahiye tha 🙄
: sorry yaar wo bas mai apni babu se baat karke pareshan tha aur fir aunty uncle ki kiss yaad aa rahi thi
: dhtt ganda , maar khaaoge ab
: ok nhi kahunga ye sb , plzz sorry
: thik hai lekin wo video bhi delete kr do
: kaun si ?
: wahi jo tumne bnaai thi , jhuth mat bolna maine dekhaa hai , samjhe 😠
: kaun sa ye wali
( मैने जान बुझ कर वो वीडियो उसे भेज दी )
: chhiiiii ganda, mujhe kyo bhej rhe ho , delete kro
: ok kar diya
: thik hai , so jao , gn , bye
: ok bye

जान में जान आई और मैने अपना अलार्म लगाया और वापस सोने वाला था कि एकदम से फूल वॉल्यूम पर प्रिया के कमरे से आवाज उस छत वाली रोशनदान से आई

उन मादक सिसकियो को सुनते ही मै समझ गया कि प्रिया मेरी भेजी हुई वीडियो देख रही है
मुझे हसी आई और मैने उसको एक मैसेज कर दिया

: yaar awaaj kam kr lo na , fir dekho araam se
एकदम से फिर आवाज गायब हो गई
: kaho to company dene aau , sath me dekh lenge
: ganda, ganda , ganda , kitne gande ho tum pagal
: achcha beta tum kro to raasleela aur hum kare to charector dheela 🤣🤣🤣
: so jaao plzz, bye ( उसका लास्ट मैसेज आया )

मैं हसने लगा और फिर अपने कमरे की बत्ती बुझा दी
अगली सुबह तड़के उठ कर तैयार हुआ और एक बार को सोचा प्रिया से बात करूं लेकिन कल रात का सोच कर मैने उसे डिस्टर्ब करना सही नहीं समझा और सुबह की ट्रेन गंगा गोमती एक्सप्रेस पकड़ कर निकल गया लखनऊ के लिए।
अपनी जान को मैसेज करता हुआ


जारी रहेगी
बहुत ही जबरदस्त शानदार लाजवाब और गजब का मदमस्त अपडेट है भाई मजा आ गया
 
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UPDATE 011



BABU , I'm sorry .

Ab hum kbhi bat nhi kar payenge .
Kbhi mil nahi payenge .
Mummy ne Mobile me hmare massage padh liye hai .
I love you 😭 humesha
Ye mera last time massage hai aapko

Aur kbhi mujhe massage ya call mat karna kyoki ab ye phone mere paas nhi rahega . Sorry 😔



कभी कभी आप महसूस करते हैं जिन्दगी आपको बहुत थोड़े के बदले आपसे बहुत कुछ छीन लेती है ,
क्या आपके साथ भी ऐसा होता है कि जब आप महसूस करो कि शायद वो लम्हा करीब है जब आप अपने मुताबिक अपने देखी दुनिया जीने के बेहद करीब हो और फिर एकदम से तूफान आता है और आपकी दुनिया ही तबाह हो जाती है

ये कोई साधारण मैसेज नहीं थे
एक फिलिंग जो आपको रह रह कर अहसास दिलाए कि कोई था आपका जो सबसे खास था और आपने उसे खो दिया , आपसे छीन लिया गया ।
फिर भी आप उसकी ही परवाह में हो कि कही उसे प्रताड़ना न मिल रही हो , घर में वो किस फेज से गुजर रही होगी । मन आपका उस डर में जीता है कि कही उस मासूम को जिसको आपने इतना प्यार दुलार दिया हो उसके नाजुक गालों पर बेरहमी के थप्पड़ जड़ रहा हो कोई , ना जाने क्या बीत रही हो उसपर
ऐसे में आप पर तब क्या बीतेगी जब आप उसका नाम और पता तक नहीं जानते ? कैसे खोजेंगे उसे ? कैसे खबर ले पाएंगे उसकी ?
आपका दिल बजाय उसकी मुहब्बत पाने के उसकी परवाह में रो रहा हो कैसे समझाएंगे आप खुद को ? कैसे ?



" रोहन ... रोहन "
" तुम्हारा एडमिट कार्ड आ गया "
एकदम से धड़ाक से दरवाजा खुला और प्रिया कमरे में आई
एक वक्त आता है कि आपकी आंखे भी आपके उस दर्द के आगे थक जाती है , हार मान लेती है और वापस ले लेती है अपनी नदिया समंदर सब कुछ
लेकिन जब आप देखते हो किसी को , कोई ऐसा जिसने आपको हमेशा से सहारा दिया हो और वो आपको बेबस लाचार और टूटा हुआ देखे तो क्या होगा ?
एक अनजाना सा डर , कल्पना कीजिए कि आपका दिल सर्द हुआ जा रहा है और सांसे बर्फ सी जमने लगी हो , पैर अब थरथरा रहे आपके जिस्म का बर्फीला बोझ उठाने में
शायद ही कुछ ऐसा महसूस किया होगा प्रिया ने
वो भाग कर मेरे पास आई और मेरे लाल हुई आंखों को देख कर मेरे चेहरे को अपने नरम हथेली में समेट लिया क्या हुआ ?
ये शब्द उस चिंगारी की तरह थे जिसने मेरी बर्फ हुए सीने के ग्लेशियर पिघला दिए थे और मै फुट कर बिलख पड़ा
बिना एक पल सोचे उसने मुझे सीने से लगा लिया
ना मेरे दुख के बारे में पूछा और ना कुछ दूसरे सवाल किए , बस संभालती रही बिना कुछ जाने क्या हुआ है मेरे साथ । शायद यही होती होगी एक सच्चे दोस्त की परिभाषा , जो आपके दर्द को जाने बिना भी कह दे

"चुप हो जाओ , मै हूं न "
जो आपको अहसास दिला रहा हो कि कुछ भी हुआ हो वो आपके साथ रहेगा आपके हर संघर्ष में , हर कदम पर , हर क्षण में ।
लेकिन जब आप अंदर से टूट गए हो और अपने किसी खास को तकलीफ में होने का डर आपको हर पल घेरे हुए हो तो शायद ये शब्द भी फीके पड़ जाते है ।

अनायास उसकी नजर मेरे मोबाइल पर गई , पैटर्न उसे पता था और उसने खोलकर सारे मैसेज पढ़ लिए जो कल रात तकरीबन 10 बजे के आए थे जब मै वापस ट्रेन से प्रयागराज उतर चुका था ।
फिर घंटे भर तक हम चुप थे
उसने मेरे लिए चाय बनाई और जबरजस्ती मुझे मेरी ही सोना की कसम दे पिलाई
वो सोना जिसे मै खो चुका था , शायद हमेशा के लिए .....

दुपहर और शाम का खाना भी लेकर आई मेरे लिए
रात से भूखा था और अकेले रहता तो शायद कुछ घंटे और बर्दाश्त हो भी जाता है लेकिन प्रिया ने ऐसा कुछ नहीं होने दिया ।
वो रात भी बस मै अपनी सोना की तस्वीरें निहारता रहा और सुबकता रहा उसकी यादों में ।

अगले हफ्ते 8 मार्च को मुझे परीक्षा के लिए मुरादाबाद जाना था और प्रिया ने मेरी हर तरीके से मदद की , पूरे हफ्ते मेरे खाने पीने का ख्याल रखा और फिर परीक्षा भी हो गई ।
अपनी जान से बिछड़ने का ग़म और घर जाने पर कही मन उसे तलाशने की जिद न कर बैठे इस डर से मै घर नहीं गया , होली पर भी नहीं ।
बस अपनी तैयारी पर ध्यान दिया और अप्रैल के शुरुआती दिनों में ही answer key में मुझे मेरा रिजल्ट मिल गया ।

समय आ चुका था अब सबको अलविदा कहने का
कहते है कि वक्त सारे घाव भर देता है लेकिन आप उस दुःख से कभी नहीं उभर पाते है जो आपसे आपकी मुस्कुराहट छीन लेती है ।
बीते महीने भर में प्रिया ने अपना वही किरदार निभाया जो एक सच्ची दोस्त निभाती है , उसने कभी भी इस बात का फायदा नहीं उठाया कि वो मेरी सोना की जगह ले ले । हमेशा मेरे प्रेम को सराहा और उसे इज्जत दी ।
ये पल बड़ा ही भारी था , मै उससे बिछड़ना नहीं चाहता था और न वो
अगर साथ चलने को कहता तो चल भी देती , इतना यकीन था मुझे लेकिन मै उसे दे ही क्या सकता था आखिर ? सिवाय एक दोस्ती भरे साथ के और शायद , शायद वो इसमें भी खुश रह लेती लेकिन मै उसके साथ बेइमानी नहीं चाहता था ।
बहुत ही भावुक पल था जब मैने मेरी दूसरी मां को अलविदा कहा
: आंटी आप बहुत याद आओगे ( भरी आंखों से मैने उन्हें देखा और उन्होंने मुझे अपनी छाती से लगा लिया)
: एक मां के लिए इससे बढ़ कर क्या होगा कि उसका बेटा अपनी लाइफ में सफल हो गया उम्मम चुप हो जा मेरा बेटा
सच कहूं तो ऐसा दुलार कभी अपनी मां से भी नहीं मिला था ।
सब रो रहे थे और मैने अंकल के पाव छुए और उन्हें डबडबाई आंखों से अपनी भावनाएं छिपाते हुए मेरी पीठ थपथपा कर बोले : जीते रहना मेरे बेटे

नहीं रोक पाया मै खुद को और लिपट गया और उन्होंने मुझे कस लिया अपने पास ।
बारी अब प्रिया की थी , वो खुश दिखने की कोशिश कर रही थी , जबरन होठों पर मुस्कुराहट लाती हुई लेकिन आंखों से उसके आंसू कहा रुकने वाले थे और उसने सबके सामने मुझे हग कर लिया और मेरे गाल चूम कर : विश यू लक रोहन
उसने हस कर अपने गाल साफ किए मैने अंकल आंटी के सामने असहज हुआ लेकिन उन्हें इससे कोई फर्क नहीं पड़ा
फिर उस नन्हे ने मेरे पैर पकड़ लिए और मैने उसे गोद में उठा कर उसके गाल चूम लिए
शायद यही वो कड़ी था जिसने मुझे इस प्यारे से परिवार से जोड़ रखा था
मेरी ट्रेन का समय हो गया था और मैने सबको अलविदा कह कर चढ़ गया और बाय करने लगा तबतक कि जबतक ट्रेन ने पूरा प्लेटफार्म छोड़ नहीं दिया ।


फिर मै अपने सीट पर आया और एक मैसेज आया प्रिया की तरफ


I miss you hmesha 😘

एक फीकी मुस्कुराहट मेरे चेहरे पर आ गई और मै चल पड़ा जिन्दगी के उस अनदेखे सफर पर जहां ये जिंदगी अपने हिसाब से ले जा रही थी ।

3rd एसी में मुझे RAC सीट मिली थी
और मै जब मेरी सीट पर आया तो देखा वहां दूसरी तरफ झोले और एक लेडीज पर्स था
फिर एक हड़बड़ाती हुई लड़की आई , जिसके बाल स्ट्रेट थे और खुले थे
उसने पीले रंग का सूट पहना हुआ था , कर्व अच्छे थे और रंग भी गोरा था

जल्दी जल्दी कुछ बैग से निकाल रही थी और समान उसने ज्यादा तर हमारी सीट पर बिखेर दिए थे
एकदम से अपनी हड़बड़ी में उसे मेरे होने का अहसास हुआ और उसने मुझे मुस्कुरा कर देखा : अह्ह सॉरी वो पापा को दवा देनी है

एक पल के लिए मैने उसे देखा और
आंख हैरान , दिल परेशान , सांसे तेजी से चढ़ने लगी
क्या ये वही ? नहीं ? क्या मै उसे बुलाऊं ? लेकिन क्या कह कर ? मुझे तो उसका नाम नहीं पता
लेकिन वो तो मुझे पहचानती थी ?
मेरी सोना ने मुझे एकदम से इंकार कर दिया कैसे ? क्यों ?

आंखे बंद कर दिल छलक ही पड़ता अगर एक पल मैने उसे पीछे से न देखा होता , वो थोड़ी मोटी थी और कूल्हे चौड़े थे । फिर समझ आया कि कद भी उसके जितना नहीं है और चेहरा भी बस मिलता जुलता ही है लेकिन आंखे उसके जैसी कत्थई नहीं थी ।

: कहा तक जाओगे आप ( सब कुछ सेट कर उसने इत्मीनान से पालती मार कर बैठ कर मुझसे कहा )
: लखनऊ ( एक फीकी मुस्कुराहट से मै बोला )
: ओह मै भी वही जा रही हूं , हम्ममम ( उसके बिस्किट के खुले पैकेट मेरी ओर किए और मैने ना में सर कर दिया )

मन में कुछ सवाल आ रहे थे
कही ये उसकी रिश्तेदार या खुद उसकी दीदी तो नहीं ?
बात चीत आगे बढ़ा कर पूछ लूं ? सोना की फोटो दिखा कर कि जानती है या नहीं ?
लेकिन अगर ये मेरे बारे में जानती होगी तो वापस मेरी जान को तकलीफ होगी ?
नहीं नहीं , मै नहीं कर सकता ...
कभी नहीं करूंगा ...
कभी उसके करीब नहीं जाऊंगा ..
कभी भी नहीं .....
कभी नहीं ...


कुछ घंटे में हम लखनऊ पहुंच गए और मैने उसे मोहनलाल गंज के लिए ऑटो करते हुए देखा

दिल रोया तड़पा कि चला जाऊ उसके पीछे , मिल आऊ अपने सुकून से
लेकिन एक डर शायद अब मेरे मुहब्बत पर हावी हो गया था और शायद अब मै उसकी ओर कभी जाता ।



एक साल बाद .......

बीते साल में चीजे बहुत बुरी तरह से बदल चुकी थी , साल 2021 ने जहां मुझसे मेरी मुहब्बत छीन ली तो दुबारा lockdown ने पापा से उनकी नौकरी । जिससे वो उदास रहने लगे , एक मेहनतकस से उसका काम छीन लेने बढ़ कर क्या दुख होगा ? बहुत हाथ पाव मारने के बाद भी पापा को उनके काबिलियत के हिसाब से नौकरी नहीं मिली , नतीजन घर में चीजे बिगड़ने लगी । उनका चिड़चिड़ापन और नाराजगी पहले से ज्यादा होने लगी लेकिन मेरी मां ने हर वो प्रयास किया जिससे हमारा घर टूटने से बच जाए

फिर लॉकडाउन बाद ही मेरी ज्वाइनिंग हो गई लखनऊ में । लेसा में विजिलेंस टीम में एक सरकारी पोस्ट पर अधिकारी रैंक की ।
धीरे धीरे चीजें सुधरने लगी , लेकिन एक रूटीन था जो कभी नहीं बदला था बीते साल से
मै हर रात सोने से पहले से उसकी रखी हुई हर एक तस्वीर को देखता और भगवान से यही दुआ करता कि एक बार वो खुद से वापस लौट आए फिर पूरी दुनिया की ताकत भी हमें जुदा नहीं कर पाएगी ।

धीरे धीरे ड्यूटी करते हुए चीजें अब धूमिल सी होने लगी
वक्त के साथ धीरे धीरे वो डर मेरे मन से छटने लगा था और वो खास पल आया जिस सुबह मै बेचैन हो उठा ।


आज 28 फरवरी 2022 थी

कितनी बार दिल हुआ कि उसको एक मैसेज भेज दूं , कितनी बार मैने लिखा

" Happy birthday sona "
फिर मिटाया
" Wish you a very happy birthday dear"
फिर मिटाया
" Happy b'day .... "

हर बार हिम्मत टूट रही थी , दिल बेचैनी के साथ साथ थक सा रहा था कुछ अंदर से ऐसा अहसास हो रहा था मानो मैं अब उसपर अपना हक भी खो चुका हूं ।
पूरे एक साल हो गए थे और मैने उसको मैसेज तक नहीं किए एक बार भी उसे पुचकारा नहीं

आज भी वो मैसेज मैने delete नहीं किए थे वो सब ऐसे पड़े थे । उसकी यादों की तह में रखे हुए ।

तभी मेरा मोबाइल बजा
और मेरे सीनियर ने बताया कि हमें आज मस्तीपुर की ओर जाना है मॉर्निंग रेड के लिए क्योंकि उस एरिया का स्टाफ मेडिकल लीव पर था
मै तैयार हो गया , हालांकि वो मेरा एरिया था नहीं लेकिन सीनियर की बात कहा टाली जा सकती थी ।

खुद लखनऊ और बाराबंकी में रहते हुए भी मैने पूरा जिला आज तक नहीं घूमा था ।
मै मेरी टीम के साथ था और रास्ते के पता नहीं था
बस इतना पता था कि हम लखनऊ प्रयागराज एक्सप्रेस वे पर थे ।
करीब घंटे भर बाद हम लोग पहुंचे मस्तीपुर और रेड अटेंड की ।

फिर हमारे टीम स्टाफ ने बताया कि यही मस्तीपुर के एक बहुत बड़ा ताल है और वहा इन सर्दियों के सीजन में कई तरह के विदेशी पक्षी आते है । वहां चाय नाश्ते की अच्छी दुकान भी रहती है ।
मन तो नहीं था पर चूंकि सीनियर ने भी कह दिया था और फिर इस काम के बाद आज पूरे दिन का आराम होने वाला था। इसीलिए मैने भी हा कर दी

हम लोग आए
वहां ताल के किनारे लोहे की ग्रिल लगी थी और नीचे तक पक्की सीढ़ियां थी , ताल के चारों तरफ कॉन्क्रीट की इंटरलॉकिंग की गई थी फुटपाथ जैसे और वही बगल में झाड़ी और पेड़ भी थे कुछ कुछ पार्क जैसा था और मेरी नजर वही एक तरफ शिव मंदिर पर गई
आज संजोग की बात थी कि दिन भी सोमवार था और बस मन में चाह उठी कि आज अपने सोना के बर्थडे पर भगवान से उसके लिए प्रार्थना करु ।

मै सबसे अलग होकर चला गया , मैने जूते निकाले और मंदिर की सीढ़ियां चढ़ता हुआ ऊपर आ गया
एक शांति सी महसूस हुई , जो कुछ सुबह की तलब थी जो बेचैनी जो डर मै महसूस कर रहा था सब कुछ शांत सा होने लगा
जैसे जैसे मै मंदिर की सीढ़ियां चढ़ रहा था , दिल से सारे गिले शिकवे दूर हो रहे थे और मन खुश हो रहा था ।
मैं मंदिर में जाके घुटने के बल खुद को झुका दिया
आंखे बंद कर बस दिल से उसके लिए प्रार्थना की और एक आखिरी विनती करते हुए

" हे भोलेनाथ , मुझे नहीं पता आपने मेरे भाग्य में क्या लिखा है लेकिन एक आखिरी बार आपसे कुछ मांग रहा हूं , शायद फिर अब कभी मै आपके दर नहीं आऊंगा और आऊंगा तो सिर्फ उसके साथ ही "

मैने आंखे बंद कर उन्हें नमन किया और उठ कर बाहर आया एक गहरी सांस लेते हुए नम आंखों से वहा पेड़ों की छांव में खुद को संभालता हुआ
एक आखिरी उम्मीद का दामन था वो भी मैने आज छोड़ दिया था और वापस मंदिर की सीढ़ियों से उतर कर अपना जूता पहन रहा था और अभी वापस अपनी टीम की ओर जा रहा था कि एक खिलखिलाहट ने मेरे पाव रोक दिए ।


ये आवाज
ये हंसी
ये तो मेरी ...
भागा मै उसी तरफ , मंदिर के चबूतरे के किनारे से घूमता हुआ और थम सा गया
हांफता हुआ, मुस्कुराता हुआ
और वो दिखी मुझे
मंदिर के पिछली सीढ़ियों पर बैठी हुई एक सूट सलवार में , सर पर चुन्नी लिए हुए


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उसका प्यारा सा चेहरा और वो आंखे देख कर मै थम सा गया
धड़कने तेज थी और दिल बेचैन
मै तैयार नहीं था उसके सामने जाने को और वही मंदिर के पीछे की खत्म होती दिवाल के छोर पर रुक गया और छिप कर देखने लगा उसे हंसते खिलखिलाते अपनी सहेली रेखा के साथ , वो उसकी पोट्रेट निकाल रही थी और मेरी सोना पोज दे रही थी


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एकदम से उसकी नजरे मेरी ओर गई और एक नजर भर हमारी आंखे टकराई । मै झट से उससे छिपने की कोशिश करता हुआ मंदिर की दिवाल से चिपक गया

लेकिन अगले ही पल मैने अपनी आंखे भींच ली और किस को मन ही मन गाली दी "अबे स्साले "

मेरे टीम का ड्राइवर था जो मुझे आवाज दे रहा था
" रोहन सर ... रोहन सर "

मै उल्टे पाव वहां से भागा और बस एक नजर पलट कर देखा
वो वही खड़ी थी मेरी वाली जगह , शायद उसने मुझे देख लिया था या कहूं महसूस कर लिया था , उसकी आंखे भर आई थी और होठ खुले थे जैसे हर बार वो मुझे देख कर खो सी जाती थी


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लेकिन मै रुक नहीं सकता था उसके सामने
मै मंदिर घूम कर गाड़ी की ओर जाने लगा और वो मेरे पीछे भागी आई

कि रेखा ने एक आवाज दी
" निशा ... निशा , क्या हुआ ? "
" कुछ नहीं ? चल "

वो आई थी मुझे खोजते हुए मेरे पीछे लेकिन मै छिप गया वही मंदिर के परतों में
फिर वो चली गई और मैने अपनी आंखे पोंछ कर अपने टीम के साथ के पास
चाहता तो रुकता
चाहता तो बातें भी कर सकता था
लेकिन हिम्मत नहीं थी
कैसे मिलता उससे
क्या पूछता उससे
क्या वो मुझे अभी भी चाहती है ? बिन कहे उसकी आंखों ने मेरे सवाल पहले ही पढ़ लिए थे ।
और क्या पूछता ? उसकी खैरियत ? आंखों ने उसकी सब बता दिए थे ।

अभी अभी तो मैने खुदा से मांगा उसे और वो मुझे यू उसके आगे खड़ा कर देंगे सोचा नहीं था ।

समझ नहीं आ रहा था कि क्या खेल चल रहा था
कोई नियति थी या फिर खुदा भी मेरी मुहब्बत की मांग के आगे झुक गया
मन में उस वक्त ये सवाल भी आए कि वो मोहनलालगंज से अपने टाऊन से 14 15 km दूर यहां क्या करने आई थी और मै भी क्यों आया ?

फिर गाड़ी में अगली सीट बैठ कर निकलते हुए एक बार फिर वो मुझे दिखी , अकेली मेरी राह निहार रही थी डबडबाई आंखों से उम्मीद बांधे हुए


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महज 20 फिट के दूरी से मै उसके सामने से होकर गुजरा
शायद वो समझे कि ये हमारी नियति का खेल था ।
शायद वो समझे ये हमारी किस्मत की आवाज थी ।
शायद वो लौट आए ।
शायद मुझे मेरी मुहब्बत वापस मिल जाए ।
शायद .... मै फिर जी उठूं ।


जारी रहेगी
बहुत ही सुंदर लाजवाब और रोमांचक मनमोहक अपडेट हैं भाई मजा आ गया
 
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UPDATE 012


निशा ? निशा ? निशा ?
N..I....S...A..?
नहीं यार
NIS..H..A , ENTER !!!!

अरे यार इतने सारे USER ??

मैने एक के बाद एक करीब बीसियों इंस्टाग्राम यूजर आईडी को ओपन किया
या तो किसी के प्रोफाइल प्राइवेट थे या फिर वो मेरी सोना नहीं थी ।
तभी मेरी नजर अलग ही username पर गई
__its_nishu
जिसके प्रोफाइल पर एक नियॉन एनिमेटेड तस्वीर थी शायद लार्ड कृष्णा की ।
सोचने वाली बात थी ये मेरे इंस्टा की फोलोवर लिस्ट में पहले से ही थी । लेकिन मैने इसपर कभी ध्यान नहीं दिया क्योंकि इनकी आईडी प्राइवेट थी और मैने फॉलो बैक नहीं किया था । मैने जब मेरे पब्लिक अकाउंट वाली आईडी की प्रोफाइल में अपने पोस्ट चेक करने शूरू किए थे पाया इसने मेरे सारे फोटो लाइक किए है और स्टोरी हाइलाइट भी !!

माथा घूमने लगा , कन्फर्म करने का एक ही तरीका था CONTACT SYNC ऑप्शन ऑन करके उन्हें इंस्टा पर खोजू जो मेरे contact list में सेव है
सर्च किया मैने नतीजा , वही , __its_nishu


मेरे दिल की धड़कने तेज हो गई
मेरी सोना मेरे इतने करीब थी और मै उसे खोज तक नहीं पाया , पहचान नहीं पाया
लेकिन सवाल ये था कि अगर वो मुझे जान रही थी , मेरी आईडी तो उसने मुझे बताया क्यों नहीं । कही ऐसा तो नहीं उसकी आईडी उसके घर वाले चलाते हो या फिर वो घर में ही किसी के मोबाइल में अपना आईडी खोल कर रखी हो चलाने के लिए

लेकिन ? सुबह तो उसकी सहेली के साथ में दो मोबाइल थे न , एक को वो पकड़े हुए थी और दूसरे से मेरी सोना की तस्वीरें निकाल रही थी ।

पता नहीं यार ....कुछ समझ नहीं आ रहा था
मै मेरे रूम में टहलते हुए गहरी सांस ले रहा था , क्योंकि बात जो भी ये तो पक्का था कि ये अकाउंट उसका ही है और वो बराबर मुझे स्टॉक कर रही थी लेकिन कभी बात नहीं किया ,क्यों ? क्यों ?
क्या मै उसको फॉलो बैक करु ?
नहीं , उसे पता चल जाएगा कि मै उसकी आईडी सर्च किया था ।
लेकिन फिर वो आज मुझे मिली ही क्यों ? हे भगवान क्या चाहते है आप ?

कभी कभी आप खुद समझ नहीं पाते हैं कि आप क्या रिएक्ट करें उस परिस्थिति पर जब आप अपने इष्ट से कुछ बहुत गहरे हृदय से मांगे और वो तत्काल उसे पूरी कर दें
शायद आप आने वाली परिस्थितियों के लिए तैयार नहीं होते है , शायद आप ये तय नहीं कर पाते है कि आगे जो कुछ होगा वो क्या नए हंगामे आपके लिए लेकर आने वाला है ।
लेकिन फिर आप गहरे भावनाओं से भर जाते हो और शायद यही सब मेरे साथ घट रहा था

देर रात तक मैने अपनी सोना के साथ बिताए हर एक पल याद किए और मुस्कुराता रोता रहा , उसको तस्वीरों में निहारता रहा । वो पल जब मैने उसकी आंखों में उम्मीद देखी थी और वो छलकी हुई आंखों में मेरे लिए तड़प देखी थी।
क्यों नहीं रुक गया मै वहा ?
चाहता तो रुक जाता , कर लेता कुछ फाइनल ?
द्वंद में सारी रात गुजर गई और अगली सुबह


01 मार्च 2022

09 बजकर 12 मिनट पर
एक अंजान नंबर से मेरा मोबाइल रिंग होने लगा
मै नहाने की तैयारी में था

ना जाने क्यों एक अजीब सी बेचैनी हो रही थी
धड़कने तेज थी एकदम से और मैने अपने फिंगरक्रोस कर मन ही मन अपनी सोना को याद कर आखिरी रिंग से पहले फोन उठाया

: हैलो ??
एकदम से चुप्पी सी थी दूसरी तरफ से , बैकग्राउंड में कुछ बाजार की चहल पहल थी
: हैलो ? ( मैने दुबारा से आवाज दी )
: हाय ( एक महीन सी आवाज , मानो कितने डर में बोली )
: बाबू ? ( पूरी रफ्तार से मेरा कलेजा धड़क रहा था )
: हम्ममम , कैसे हो आप ?
उसके ये शब्द ने मेरे दिल के जख्मों को जैसे सिलना शुरू कर दिया होगा , पूरा जिस्म मेरा पिघलने लगा था और धड़कने थोड़ी थोड़ी सी रुकने लगी थी ।
: जिसका सुकून चला गया हो उसकी लाइफ से वो कैसे रहेगा ( अपनी पूरी तकलीफ पूरा दर्द शायद ही किसी और तरीके से मै बयां कर सकता था )
एकदम से वो फफक पड़ी फोन पर
: अरे बाबू !! रो मत प्लीज आई लव यू न मेरा सोना ( नहीं रोक पाया मै भी खुद को रोने से और न ही अपने प्यार का इजहार करने से )
: सॉरी ( उसने सुबकते हुए कहा , लेकिन बैकग्राउंड में कुछ ज्यादा ही चहल पहल थी और गाड़ियों की आवाज आ जा रही थी )
: इसमें आपकी कोई गलती नहीं सोना , वो बस हमारी किस्मत थी जिसमें हम दोनो को जलना था ( मैने मेरे ओर हर संभव प्रयास किया कि मै उसे फोन पर ही सम्भाल लूं )
: हम्म्म, लेकिन आपको कैसे पता कि मै कल वहां आऊंगी ? ( सहज सा सवाल था उसका )
: नहीं पता सोना , मै तो बस वहां अपनी टीम के साथ मॉर्निंग रेड पर गया था और मंदिर में तुम्हारे जन्मदिन के लिए बस थोड़ी सी प्रार्थना करने गया था । .... ओह सॉरी ...हैप्पी बर्थडे मेरी सोना मेरा सुकून
: हम्ममम थैंक्यू ... क्या मांगा था आपने वहां ?
: मेरा सुकून लौटा दें वो हर कीमत पर उसे अपना बना कर रखूंगा , चाहे दुनिया खिलाफ हो जाए ।
एकदम से वो चुप सी हो गई और
: ठीक है मेरा ऑफिस आ गया , शाम को बात करूंगी बाय
: आप जॉब करते हो ? ( मैने अचरज से पूछा )
: हम्ममम
: कहा ?
: शाम को बात करें ! मै अंदर जा रही हूं बाय
: बाय सोना , आई लव यू सो सो मच , उम्माह
: हम्म्म बाय

काल कट गया
" बस बाय "
दिल उतर गया कि उसने एक बार भी मुझे वापस आई लव यू नहीं बोला ,, शायद ऑफिस में आ गई थी और लोग रहे होंगे इसीलिए । शाम को बात करेगी ही

मै खुश हो गया और एक नई उम्मीद सी भरने लगी मुझमें
मैने मन ही मन अपने इष्ट को धन्यवाद दिया और नहा धो कर ड्यूटी पर निकल गया ।
शायद ही इतनी बेचैनी में दिन कटा हो कभी , शाम को 05 बजे तक मै फ्री हो गया लेकिन वो नहीं
ठीक शाम 06 बजकर 32 मिनट पर उसका मैसेज आया

: Hiii
: hyy jaana ( मैने झट से उसको रिप्लाई किया , बाजार में था उस वक्त मै सब्जियां ले रहा था )
: sorry late ho gaya
: koi nahi , aur btao ,call kru
: hmmm

मै समझ गया और मैने उसको काल किया
: हाय सोना , क्या कर रहे हो ?
: बस घर पर जा रही हूं ( थोड़ी उदास सी बोली )
: अच्छा हा ! आप जॉब कहा करते हो ?
: लखनऊ में
: और रहते कहा हो ?
: घर अपने , डेली अपडाउन होता है ।
: ओह्ह्ह अच्छा ( थोड़ा थोड़ा मै उसकी स्थिति को समझने की कोशिश कर रहा था )
: और आप ? आपकी जॉब लग गई ?
: हम्मम , लास्ट ईयर ही और पहली ज्वाइनिंग भी यही है LESA में
: लेसा में मतलब ?
फिर मैने उसे अपने डिपार्टमेंट के बारे में बताया और अपनी पोस्ट और पोस्टिंग की जगह जो मोहनलालगंज से सीधे उल्टे दिशा में थी सीतापुर रूट से लग कर ।
: अच्छा है फिर तो , और घर में मम्मी पापा सब कैसे है ? ( फीकी सी खुशी से वो बोली )
: पापा की जॉब चली गई लास्ट ईयर कोरोना में तो वो घर पर है और मम्मी भी ठीक ही है अब और आपके यहां? आपके दीदी की शादी हो गई ?
: हा नवंबर लास्ट में
: और पापा मम्मी ठीक है ? ( मैने भी कैजुअल होकर सवाल किया )
: हा मम्मी ठीक है
: और पापा ? ( कुछ धड़कने मेरी कमजोर सी महसूस हुई )
: वो अब नहीं है , कोरोना में उनकी डेथ हो गई ( सुबक कर उसने कहा )

कलेजा कांप उठा मेरा ये खबर सुनकर और क्या बीती होगी मेरी सोना पर उस वक्त पर
: सॉरी बाबू , आप ठीक हो न ? अगर मुझे पता होता तो आ जाता आपके पास
: कोई बात नहीं , मै ठीक हूं ( उसकी सुरकती नाक की आवाज साफ साफ सुनाई दी मुझे , उनकी आंखे बह रही होगी ये सोच कर दिल रोने सा लगा मेरा )
: बाबू !!!
: हम्ममम
: ...... आई लव यू सोना ( बड़ी उम्मीद से मैने कहा उसे कि वो जवाब दे दे लेकिन इस बार भी वो चुप थी )
: मै बस पकड़ कर कॉल करती हूं ( एकदम से उसने ये बोलकर कॉल काट दिए )

और भी बेचैन कर गई
हर वो कोशिश जिससे मै मेरे दिल को ये यकीन दिला रहा था कि वो मुझे आज भी प्यार करती है , वो सब तसल्लिया मै मेरे दिल को दे रहा था ।
लेकिन शायद बीते साल में जो कुछ उसने सहा हो और वो सब बाते उसने मुझसे कही नहीं है अब तक , शायद उसकी हिम्मत टूट गई हो ।
काश मुझे ही पहल करके चले जाना चाहिए था उसके पास
कितनी अकेली पड़ गई होगी वो जब उसके पापा नहीं रूस इस दुनिया में
उसके घर की क्या मजबूरी रही होगी कि उसे नौकरी के लिए इतनी दूर आना पड़ा होगा शहर !!!


सवाल कई थे और जवाब सब मेरी सोना ही दे सकती थी
आया भी जवाब के रूप में एक मैसेज

: Ghar pahuch kar bat krungi , Bus me mere pahchan ke log hai
: okay sona 😘

मैने रिप्लाई किया लेकिन उसका कोई जवाब नहीं आया
कुछ देर बाद वापस मैने हिम्मत करके एक text मैसेज भेज दिया : I love you mera sukoon 😘

लेकिन उसने कोई रिप्लाई नहीं किया
और मै अपने काम में लग गया । वही शाम की सब्जी राशन की खरीदारी और वापस रूम पर ।
मन थोड़ा खुश था कि मेरी सोना लौट आई थी और कुछ उसके लिए परेशान भी , लेकिन मुझे सब्र ही रखना था शायद ही धीरे धीरे चीजें सुधरने लग जाए

देर रात में उसका मैसेज आया

: khana khaye aap ?
: Ha babu aur ap ? ( मैने उसको रिप्लाई किया )
: Hmm, kya ho rhaa hai ..
: kuch nhi , soya hu, apki foto dekh rhaa hu ( मैने खुश होकर रिप्लाई किया ) Miss you, call kru
: Nahi , Rat me nhi bat kar sakti hu call par

उसकी बातों से थोड़ा डर गया कही पिछले बार की तरह फिर से पकड़ी गई तो ,
: Ek foto bhejo n , plzzz ( मैने उससे दरखास्त की )
: ok ( उसका मैसेज आया और एक सेल्फी खींच कर बिस्तर में सोई हुई उसने भेजी )


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लेकिन उस सेल्फी में कोई चमक नहीं थी बहुत उदास सी थी वो , कोई खुशी नहीं
: kya hua , sad kyo ho
: Nahi to
: Ap khush nhi ho hum fir se bat kar rahe hai ?
: aisi bat nhi hai
: achcha ek baat puchhu ? ( मैने मेरे भीतर चल रही बेचैनी को साझा करना चाहा )
: hmm kaho
: Ap itne din mujhse bat kyo nhi kiye ek bhi baar ? Apko meri yaad nhi aa rahi thi ?
: Sorry 😔 bahut muskil se ab fir se mummy ne mujh par bharosa kiya hai ... Mai use nhi todna chahati thi

उसकी बातों ने मुझे अंदर से झकझोर दिया , कि किन मुश्किल हालातों में उसने मुझे छोड़ देने का फैसला लिया होगा । ना जाने कौन सी कसमें वादे उसे ये फैसला लेने पर मजबूर की होंगी । कितने महीनों तक उसने अपनी मां से नजर नहीं मिलाई होगी ।
दिल पूरी तरह से निराश हो गया था उसका जवाब सुन कर , और कही न कही मन में एक सवाल उठ रहा था कि फिर उसने मुझे फोन क्यों किया ?

: To aap ab mujhse pyar nhi karte 😕 ( बड़ी हिम्मत कर मेरे भीतर उठ रहे तूफान को सवाल के रूप में सामने लाया )
: Maine Aisa to nhi kaha , Par mai mummy ka bharosa nhi tod sakti hun ... Sorry 😔

उसकी बातों से मै समझने लगा था कि शायद मैने जो उम्मीद का दिया जलाया था वो बहुत दिन तक जलेगा नहीं
: koi baat nhi sona .. Thik hai hum baat nhi krenge . Lekin mai hamesha apki raah dekhunga wapas aane ki . I love you humesha 😘
दर्द ही लिखा था मैने और शायद वो भी समझ रही थी मेरी टूटती उम्मीद को , लेकिन मजबूरी थी ऐसा मै समझ रहा था ।

: kyo nahi karenge baat ?
: aapne apni mummy ko promise Kiya hai to kaise ? Mai apne swarth ke liye apki promise ko nhi tudwa sakta n
: aisa kuch nhi hai .. maine koi promise nhi kiya h .. bus dar lagta hai ab
: kaisa dar ?
: kuch nhi ... Chalo aap so jao . Mummy aa jaa rahi hai . Ok good night bye
: Ok , good night sona , love you 😘 hug kar lo 🥺
कुछ देर बाद उसका रिप्लाई आया

: Hug you babu , I love you so so much 😘

एकदम से जैसे मेरी धड़कन छोड़ती रूह ने लंबी आह सी भरी और मै अंदर से तरोताजा गया

वो मुझे आज भी चाहती है
इस से बढ़ कर मेरे लिए खुशी की बात आखिर क्या हो सकती थी
मैने सैकड़ों चुम्मिया कुर्बान कर दी उसके भेजे हुए तस्वीर पर और अपने सीने से लगा कर सो गया ।
दिन गुजरने लगे
और हमारी बात चीत हर रोज लगभग कुछ तय समय में ही होती थी
जैसे कि
* सुबह उठ कर उसका गुड मॉर्निंग विश मैसेज से
* फिर घर से निकलते हुए मैसेज से
* फिर जब वो लखनऊ आ जाती तो 2 या 1 मिनट बस फोन पर बात करती जबतक कि आपके ऑफिस नहीं पहुंच जाती
* शाम को फिर वही दो एक मिनट की बातचीत और फिर सीधा रात में खाने के बाद उसकी चैटिंग होती
कुछ ही दिनों में मै ये महसूस कर चुका था कि वो कितना सजग होकर बातचीत करती । उसका डर मै समझ रहा था या फिर कहूं सिर्फ मै ही समझ रहा है । धीरे धीरे मैने उससे बीते साल को लेकर बातचीत करनी बंद कर दी क्योंकि जब भी मै ऐसी बात छेड़ता वो एकदम से चुप हो जाती और मुझे ऐसा महसूस होता कि वो कुछ अपराध भाव सा महसूस कर रही हो ।
इनसब से उबरने का एक ही तरीका होता था कि मै उसको थोड़ा सा हंसाऊँ, छेड़ूं , थोड़ी रोमांटिक बातचीत शुरू करूं ।

फिर आया 6 मार्च 2022 का दिन
बीते हफ्ते में ये हमारा पहला रविवार था और मुझे उम्मीद थी कि हम सारा दिन बात करने वाले है , मैने उसको मैसेज किए


: Hyy sona, good morning 😘
करीब 5 मिनट बाद उसका रिप्लाई आया
: hii babu , good morning jaan 😘😘
: kya kar rha h bachcha mera ( मै आज बहुत खुश था और ना जाने क्यों उसपर प्यार भी बहुत आ रहा था )
: baathroom me hun 😁
समझ गया पगली मोबाइल लेकर फ्रेश होने गई है , खैर ये आम सी बात थी और ऐसा कुछ भी नहीं था जो मैने भी पहले नहीं किया था ।
हमारी थोड़ी बातचीत हुई और उसने बम फोड़ा कि आज वो अपने दीदी के यहां जा रही है तो जबतक वो मैसेज न करे मै अपनी तरफ से कोई भी मैसेज या कॉल नहीं करूं।

उसकी दीदी ....
ट्रेन का वो सफर और जिस तरह से उसकी दीदी मुझे मिली थी बीते साल मैने आज तक उसका जिक्र नहीं किया था अपनी सोना से
उतनी खुश दिल , हड़बड़ाई और चंचल और सबसे बढ़कर दूसरों का परवाह करने वाली लड़की जिसे मैने 4 घंटे के सफर में बहुत करीब से समझ लिया था , वो क्या ऐसी होगी कि अपनी छोटी बहन की मुहब्बत को स्वीकार न करें । लेकिन फिर भी कही न कही ये ख्याल आता है कि एक बड़ी बहन के नाते क्या पता उसे डर हो कि उसकी छोटी बहन किसी गलत संगत या गलत जगह फंस न जाए ।

खैर मैने उसको बड़े उदास मन से कहा कि वो निश्चिंत रहे और मै उसकी राह देखूंगा लेकिन मैसेज या कॉल नहीं करूंगा ।

समय बिताना बहुत कठिन था
आज संडे था तो मैने घर पर थोड़ा हाल चाल लिया
फिर सारा दिन मोबाइल चलाया
रह रह कर व्हाट्सअप खोलता और उसको ऑनलाइन देखता लेकिन फिर हिम्मत नहीं होती कि मैसेज कर दूं ।
उस रोज उससे कोई बात चीत नहीं हुई रात में भी नहीं
मन को मैने यही कह कर भुलवाया कि शायद वो अपने दीदी के यहां रुक गई होगी , लेकिन फिर भी आंखों से नीद गायब थी । देर रात तक मैने उसको ऑनलाइन पाया , कितने सवाल उठ रहे थे और ना जाने क्या ऊंट पटांग चल रहा था दिमाग में ।

बस दिल को यही दिलासा थी कि उसकी मुहब्बत जो मै महसूस करता हूं वो सच्ची है ।
मै सो गया और अगली सुबह हुई

ना moring मैसेज ना कुछ

मै ऑफिस के लिए निकल गया अपना रेडी होकर और ठीक सवा 09 बजे उसका कॉल आया

: हाय सोना , कहा थे आप , पता है कितना मिस किया आपको
: सॉरी बाबू , पता है कल मेरा मोबाइल बिगड़ गया था तो मैसेज नहीं कर पाई और अपने व्हाट्सअप पर मैसेज तो नहीं किया न , क्योंकि कल मैने दीदी के मोबाइल में व्हाट्सअप खोला था ऑफिस काम के लिए

फिर मैने उसे बताया कि वो निश्चिंत रहे मैने कुछ नहीं किया
फिर पता चला कि आज शाम तक उसको मोबाइल मिल जाएगा तो वो बात करेगी ।
उसके बाद देर रात कही उसका मैसेज आया और हमने थोड़ी बात की और सो गए ।
ये हफ्ता बीता और अगले रविवार को पता चला कि इस बार उसकी दीदी घर आई है , उस दिन फिर हमारी कोई बात चित नहीं हुई ।
मंडे से फिर से चीजें नॉर्मल हो गई और उसी हफ्ते होली भी थी ।

घर पर पहले से ही बुलावा आ गया था और मै 16 मार्च को शाम को ही निकल गया था अपने घर के लिए ।
अब दूरी बहुत थी नहीं और विभाग से गाड़ी मिली थी तो मै निकल गया घर ।

घर आया तो पता चला कि मेरी बुआ आई थी , फैजाबाद वाली

यही वो पल था जब मेरी रोमांटिक कहानी या कहूं कि मेरी प्यार भरी जिंदगी को एक नया विजन मिलता है जिसे आम भाषा में एडल्टरी कहते है ।
नया पात्र परिचय



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मेरी बुआ : सुशीला देवी , उम्र का सही आंकड़ा मुझे नहीं पता लेकिन इतना जरूर पता है कि पापा से बड़ी है । शायद ये पहली ऐसी महिला थी मेरी जीवन कि जिनके चौड़े कूल्हे देख कर मेरा मन विचलित हुआ कि उनकी पैंटी का साइज क्या होगा । दरअसल वो थोड़े भारी बदन की औरत थी , देसी गदराई मोटी जांघें , उठे हुए चौड़े कूल्हे , चर्बीदार पेट और खरबूजे जैसे मोटे गोल स्तन । भरा सुंदर गोरा चेहरा और दूधिया गोरा बदन , 6 मीटर की साड़ी में भी उनका बदन अच्छे से छिप नहीं पाता था । लेकिन इतना सब होने के बाद भी उनका स्वभाव बड़ा शर्मिला था , चूंकि मम्मी और वो दोनों इकलौती भाभी ननद थी तो उनकी आपस में खूब बनती थी । शायद ही मैने कभी मम्मी को इतना खुल कर किसी से बात करते या शरारत करते देखा था ।

मेरे फूफा : किशनलाल , पेशे से बिजनेस मैन , शराब के ठेके से लेकर पेट्रोल पंप तक का अच्छा खासा कारोबार चलता था । बचपन में लगता था कि फूफा बहुत अच्छे आदमी होंगे लेकिन बढ़ते उम्र की समझ ने मुझे उनके मजाकिया मिजाज और रंगीन मिजाज का फर्क बखूबी समझा दिया था । अक्सर एक चीज मैने देखी थी कि जब भी वो हमारे घर आते तो बहुत सारा समान कपड़े मिठाई के साथ आते । चूंकि वो घर के दामाद थे तो मम्मी उनकी खातिरदारी में कोई कमी नहीं छोड़ती , बचपन में उन्हें घंटों मम्मी से बात करते हंसते देखता लेकिन फिर समझ आने लगा कि उनके और मम्मी के बीच मजाक का स्तर कुछ अलग ही था ।


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मेरी इकलौती बहन : बबली दीदी , वैसे तो दूर के रिश्ते में कई सारे कजन भाई बहन मिल जायेंगे लेकिन इनसे मेरा बचपन से ही रिश्ता काफी दोस्ताना था , हालांकि हम बहुत कम मिले है एकदूसरे से यहां तक कि कभी वो मुझे राखी नहीं बांधने आई क्योंकि शुरू से ही वो पढ़ाई के लिए बाहर रही थी और जब कभी मै किसी फंशन पर मम्मी पापा के साथ उनके यहां गया हूं तभी मेरी उनसे मुलाकात हुई थी। एक गजब का आकर्षण था उनमें , एक हसमुख सा चेहरा और शरारती आंखे । किसी को भी मोह लें । ये पहली बार था कि वो मेरे घर आई थी ।



मेरी गाड़ी रुकी और ड्राइवर ने मुझे ड्रॉप किया और वापस निकल गया , क्योंकि उसका घर लखनऊ में ही था और मुझे वापस भी अब होली बाद ही था ।
मैने एक मैसेज डाल दिया अपनी सोना को कि घर पहुंच गया हूं और गाड़ी से उतरते ही दो मंजिला मकान मेरा सामने थे और वही ढलती शाम में टैरिस पर कान में इयरबड्स लगाए एक टहलती हुई लड़की मैने देखी और शायद उसने भी मुझे देखा लेकिन शायद उसके मन में उतनी जिज्ञासा नहीं थी जितना मुझे हुई थी ।
मै उलझा हुआ घर में दाखिल हुआ

एक चैनलनुआ गेट दाखिल होते ही एक खुला बरामदा , जिसकी दाहिनी तरफ से एक जीना जो सीधे ऊपर के दोनों फ्लोर को जाता है । कहने का मतलब है ऊपर जाने के लिए बाहर से ही व्यवस्था है । एक गेट जिसमें घुसते ही हाल , जिसमें एक तरफ किचन तो दूसरी तरफ बाथरूम बीच रखा हुआ पुराना सोफा और सोफे के ठीक सामने दिवाल से चिपकी हुई 32 इंच की LED TV . सोफे के दोनों दो कमरे के गेट खुलते थे, किचन से लगा हुआ कमरा मम्मी पापा का था और बगल वाला मेरा , लेकिन शायद वो कमरा आज किसी और को अलॉट था ।
जिसके ट्राली बैग बेड के किनारे रखे हुए थे ।
अभी तक कोई मुझे दिखा नहीं

" मम्मीईईईई , कहा हो "

एकदम से मम्मी अपने रूम से खिलखिलाती हुई आई और मुझे देख कर उनके चेहरे की रौनक और बढ़ गई

: अरे रोहन ( मम्मी ने मुझे चेहरे को थाम कर देखा और मैने झुक कर पैर छुए और बगल से हग कर लिया )

मम्मी मेरी कमर में हाथ डाले हुए हंसी हुई अपने कमरे की ओर देखने लगी कि इतने में मेरी सुशीला बुआ अपने साड़ी का पल्लू सही करती हुई आई
उनका खिला चेहरा देख कर मै खुश हो गया
: अरे बुआ आप ...( झुक कर मैने उनके पैर छुए ) नमस्ते
बदले में वो मुझे पकड़ कर खड़ी हो गई , उनके दिल की खुशी साफ झलक रही थी ।
: कितना दिन बाद देखा तुझे ,कितना बड़ा हो गया है ( बुआ ने मेरे बाल सही करते हुए कहा ) इसके लिए कोई लड़की देखी या नहीं

लो शुरू हो गई शादी पुराण
मुझे एक चीज से खासा दिक्कत होती थी कि दो रिश्तेदार जब भी जवां खून देखते है उनको शादी की चूल हो जाती थी

मम्मी ने मुझे हाल में बिठाया और बुआ भी मेरे पास आ गई । फिर मम्मी मेरे लिए पानी लेकर आई और शुरू कर दी कि कहा कहा से मेरे लिए रिश्ते आ रहे है
: दीदी , मै तो अभी रोहन की कम से कम 2 बरस बाद ही शादी करूंगी , अरे उम्र ही क्या है मेरे लाडले की
: हा लेकिन भाभी , अरे अभी से देखना शुरू करोगी तब न कही अच्छी लड़की मिलेगी , कही ऐसा तो नहीं रोहन ने वही शहर में ही कोई पसंद कर ली ,क्यों बबुआ

ये जो हंसी मजाक में बच्चों को शामिल कर उनकी बाते उगलवा लेने की ट्रिक से मै काफी वाकिफ था तो बुआ के झांसे में मै आने से रहा

: मम्मी , आपको लगता है मै बुआ को छोड़ कर किसी और शादी करूंगा
बुआ एकदम से चौक गई मेरे मजाक से : धत्त बदमाश, मसखरी कर रहा है मुझसे
: अच्छा मम्मी , सच सच बताओ आपको बुआ जैसी अच्छी , प्यारी , इतनी गोरी बहु मिलेगी हीही बोलो बोलो ( मैने बुआ के गाल छू कर उन्हें छेड़ा )
: अरे मै तो कबसे राह देख रही हूं कि कब तेरी बुआ इस घर की बहु बने , लेकिन इनको तेरे पापा पसंद ही नहीं आ रहे है हाहाहा

मम्मी का मजाक थोड़ा डार्क हो गया और बुआ पूरी शर्म से गुलाबी , असहज थोड़ा मै भी हो गया , लेकिन यही तो एक कामन चीज थी मम्मी बुआ में इनकी मस्तियां फुल टू डार्क और गंदी होती थी । बचपन में मुझे चीजें समझ नहीं आती थी लेकिन धीरे धीरे उनके मतलब मै समझने लगा था ।
असहज होकर मैने बुआ को छोड़ दिया और बात घुमा दी : मम्मी पापा कहा है ?
: वो बाजार गए है सब्जी लेने ( मम्मी के गाल अभी भी खिले हुए थे और बुआ की गाल अभी तक गुलाबी थे )

मैने पानी पिया और एकदम से मुझे छत पर टहल रही ये शख्स की याद आई और फिर अपने प्राइवेट जोन की , कैसे मै रात में अपनी सोना से बातें कर पाऊंगा ।

: बुआ !!
: हा बबुआ बोल
: मेरे कमरे में आपका समान है ?
: हा क्यों ?
: फिर आप मेरे साथ सोओगे न?
: धत्त कहा रे, वहा हम दोनो सोएंगे तेरी बुआ और पापा साथ में सोएंगे

इतने डार्क मजाक से मै एकदम सन्न हो गया , हालांकि मम्मी बुआ के लिए ये सब कामन था लेकिन मम्मी ने कभी इसके लिए मेरे सामने परहेज नहीं किया ।

बुआ उन्हें आंखे दिखा रही थी और मै चुपचाप उठ कर ऊपर जाने के लिए सरक गया ।
जीने से ऊपर आते ही ऊपर एक खुला बालकनी नुमा खाली जगह है और जीने के ऊपर से ही जीना टैरिस की ओर जाता है । ऊपर भी नीचे की तरह ही दो कमरे हाल और वही नीचे वाला बरामदा ।
पहले ये घर एक मंजिला था , लेकिन नौकरी लगने के बाद नीचे वाला ही डिजाइन ऊपर उठा दिया , बस नीचे किचन की जगह पर एक स्टोर रूम बना दिया गया और हाल का बाथरूम टॉयलेट टैरिस पर सेट कर दिया गया पीछे की तरफ

मै ऊपर आया और मेरे कानो में कुछ बाते गुनगुनाई , न लपक कर जीने से ऊपर आया

छत की दूसरी ओर चारदीवारी के पास एक लड़की टीशर्ट और लोवर में फोन पर बात कर रही थी


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जैसे ही उसने मेरी आहट पाई वो फोन काट कर मेरी ओर आई
उसका गोरा रंग और वो चंचल आंखे देखते ही मेरे मन में एक नाम उठा और मैने उसकी ओर उंगली करते हुए : बबली दीदी ??

: रोहन ??
: हा , हीहीही , नमस्ते दीदी
: नमस्ते के बच्चे कहा था तू , नौकरी लग गई और बताया भी नहीं न फोन न कोई खबर
: हा लेकिन कहा मेरे पास आपका नंबर था और आप भी तो नहीं थे अपने घर ?
: उम्मम सॉरी बाबू वो , मै दिल्ली में थी और अभी पिछले महीने ही लखनऊ शिफ्ट हुई हूं
: क्या लखनऊ में ? कहा ? मै भी तो लखनऊ में हूं ( मै एकदम से उत्साही हो गया )
: जानकीपुरम में मैने मेरा नया इंस्टीट्यूट खोला है ?
: किस चीज का ? ( मैने पूछा क्योंकि जानकीपुरम मेरे ऑफिस एरिया में ही आता था )
: अरे पागल , ब्यूटीशियन कोर्स का और किस चीज का ( वो बड़े कैजुअल होकर बोली जैसे मुझे पहले से पता होना ही चाहिए था ये सब ) मैने अपना यहां न्यू सेंटर खोला है और तू भी तो लखनऊ में ही है न ?
: हा , लेकिन थोड़ा दूर पड़ेगा आपके यहां से , वैसे ऑफिस मेरा वही पास ही है लेकिन ड्यूटी एरिया रूलर साइड में है ।
: ओह , हम्मम और बता मुझे मेरी भाभी से कब मिलवाएगा

एकदम से मै चौक गया
: क्या कह रहे हो आप ( मैने अपनी चोरी छिपानी चाही )
: क्या मतलब तेरी कोई gf नहीं है , इतना स्मार्ट है फिर भी ?
: सबको लगता है कि स्मार्ट हूं तो पहले से होगी हाहाहाहाहा
: हाहाहाहा पागल
: तो मेरे कोई जीजू है या नहीं ( छत पर खड़े हुए रेलिंग की पाइप को हथेली में ऐंठने की कोशिश करता हुआ मैंने नजरे चुरा कर पूछा )
: बदमाश कही का , हीहीहीही तेरे जीजू से ही बात कर रही थी
: सच्ची ( एकदम से अनजानी सी खुशी हुई सुनकर ) फोटो दिखाओ
: भक्क अभी नहीं , ये बता रात में कहा सोएगा तू , यार मुझे मम्मी के पास नहीं सोना , यहां ऊपर सोना है अकेले, तू भी यही आजा न

मै समझ रहा था कि बबली दीदी को प्राइवेसी चाहिए और शायद मुझे भी इसकी जरूरत थी क्योंकि नीचे कमरे में मुझे किसी न किसी के साथ तो सोना पड़ता और उनसे कही ज्यादा कंफर्टेबल मै अब बबली दीदी के साथ हो गया था । क्योंकि मुझे भी तो अपनी सोना से बातें करनी थी ।

फिर हम लोग प्लानिंग करके नीचे चले जाते है ।

जारी रहेगी



( कहानी पर इस वीक में दो से तीन अपडेट आएंगे अगर , मिनियम 10+ लाइक और रेवो मिलते है । )
बहुत ही शानदार लाजवाब और जबरदस्त मनमोहक अपडेट हैं भाई मजा आ गया
भाई अब बुआ और बबली ये नये पात्र कहानी में आ गये लेकीन मुझे लगता हैं प्रिया और उसके परिवार के साथ भी कहानी में न्याय हो
जब रोहन पुरी तरहा से तुट गया था तब उसे संभालने का दिव्य काम प्रिया ने बखुबी निभाया उसका नतिजा हैं की रोहन अधिकारी बन पाया वैसे प्रिया भी रोहन से सच्चा प्रेम करती है और उसने ये बात साबित भी करी हैं
खैर देखते हैं आगे क्या होता है
अगले रोमांचकारी धमाकेदार और चुदाईदार अपडेट की प्रतिक्षा रहेगी जल्दी से दिजिएगा
 
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