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Fantasy 'सुप्रीम' एक रहस्यमई सफर

Raj_sharma

यतो धर्मस्ततो जयः ||❣️
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एक अत्यंत मनोरम रमणिय रोमांचक और अद्भुत अपडेट है भाई मजा आ गया
वेदांत रहस्यम् के माध्यम से शलाका को आर्यन के साथ क्या क्या हुआ वो सब उजागर हो गया
अब शलाका आर्यन और आकृती की संतान खोज पायेगी ये देखते हैं
Khoj payegi ya nahi? Ye to abhi nahi bata sakta, per us jagzh ka jaroor pata laga legi jaha wo filhaal ke time me wo jagzh kaise dikhti hai😎 Thank you very much for your wonderful review and support bhai :hug:
 

Raj_sharma

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बहुत ही शानदार लाजवाब और रोमांचकारी धमाकेदार अपडेट है भाई मजा आ गया
आखिर सुयश और टीम ने अपनी सुजबुझ और दिलेरी से तिलीस्मा के व्दितीय व्दार के प्रथम चरण पर विजय प्राप्त कर ली
अब देखते हैं आगे क्या होता है
Thank you very much for your valuable review and superb support bhai, sath bane rahiye :thanks:
 
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Raj_sharma

यतो धर्मस्ततो जयः ||❣️
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बडा ही अप्रतिम शानदार लाजवाब और रोमांचकारी अपडेट हैं भाई मजा आ गया अब ये ऐण्ड्रोवर्स वाले क्या क्या हंगामा करते हैं पृथ्वी पर और उनके कैद से धरा और मयुर किस तरहा से मुक्ति पातें हैं
Iska jabaab bhi jald hi saamne hoga dost. Thank you so much for your valuable review and support bhai :hug:
 
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Raj_sharma

यतो धर्मस्ततो जयः ||❣️
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Let’s Review Begins
Issme hum teeno updates ke bache reviews denge.
So, let’s review start!
So start karein! Wulfa ko dikha wo ajeeb insaan toh!
Jaise recent update mein maine padha, uss hisaab se toh wo capsule ke baare mein bataya gaya ki Keshwar ne kisi ko Tilism mein se nikala.
:shhhh:Yes
Ab iska matlab kya ho sakta hai?
Keshwar chahta kya hai?
:dazed:
Kya Keshwar mein bhavnayein aa gayi?
:shhhh::approve:
Issi liye kahin aisa toh nahi lagta hai ki
Aisa hi socha hai Keshwar ne?
Ab sawaal uthta hai — kya ye akela Keshwar, yaani ki machine ka kaam hai,
ya phir kisi ne kuch chhed-chhaad ki hai Capsule 2.0 ke saath?
Ho bhi sakta hai, per agar hua hai to apun ko nahi pata :nana:
Jo bhi ho, ye Keshwar ne story mein ek naya twist lekar aaya hai.
Ab Tilism ko Keshwar aur bhi mushkil banayega!
100% , balki kuch jagah to kar chuka aisa.

Maya Ki Baatein Aur Duniya Ka Vikas

Waise, Maya ki baat real mein sahi hi hogi —
kyunki jo jo Maya ne bola tha, wo duniya ke vinash ka path nirdharit kar gaya.
Samjhata hoon kaise
Samay ke saath duniya ko develop karne ki hodd mein hum aage badhte gaye,
lekin aane wale problems ko humne nazarandaaz kar diya.

Pichle 200 saalon mein humne iss duniya ka kaya-kalp kar diya,
lekin iss kaya-kalp mein humne taazi hawa, shaant vatavaran, nature, animals - bahut kuch kho diya.
100 % sahmat hu mitra :approve:
Aaj hum AI ke uss daur mein aa gaye hain jahan hum artificial brain bana chuke hain.
Artificial body toh humne pehle hi bana rakhi hai machines ke roop mein
bas body aur AI brain milenge,
phir kabhi na kabhi ye AI brains itne trained ho jayenge ki ye humse bhi zyada smart ho jaayenge.
Natija, ek aur Keshwar se hume ladna padega, aur idhar to ek hai, udhar pata nahi kitne honge :dazed:
Inmein emotions bhi aayenge, sab seekhenge,
toh obvious hai , humans se roz baat karte karte, ye models bhi unke jaisa sochne, samajhne lagenge.
No doubt :declare:
Phir ek din, in models mein swarth aayega hi sahi.
Kabhi na kabhi ye khud apna control khud le lenge humans se,
aur tab shuru hogi tabahi.
Fir hoga maha yuddh :approve:

Future Ka Dar Aur Reality Check


Remember - shayad hum sab mar jaayein,
shayad mere aur hum sabke jeeteji samay ye sambhav na ho.
Lekin 200, 500, ya 1000 saal baad humans regret karenge
ki iss khubsurat duniya ke saath humne kya kiya.
Even the world’s richest person ne bhi kaha tha Hamari manav sabhyata ka vinas hum khud karenge.
Yahi destiny hai — surya niklega,
lekin uska ast bhi hoga.
Humaare haath mein itna toh hai hi ki suryasat ko delay kese kiya jaa sake...
Tum to samajhdaar ho gaye bc 😎
Waise tumhari baate sach hai , jis taraf science ka upyog ho raha hai use dekh kar to yahi lag raha hai :declare:
I am not against development,
but I’m against this - ki hum isme itna aage na nikal jaayein
ki piche hamare generations suffer karein.

Well, ye Eternity ki Doosri Side Jisko Duniya ka maseha banna chahta thaa ,
:claps:

Tilism Aur Suyash Gang

Ab baat karein Tilism ki
toh kaise paar kiya Suyash and gang ne?
Pehla Tilism ab khatarnaak hota ja raha hai
kachua, code.. JAL Pari , Whale kya Dekhna Baki bacha hain
Abhi to bohot kuch baaki hai dost :roll:
Well code wali Pehle Bahut Kamal se likhi dobara Padha ki Kya Kese samjha Nahi aaya Thaa Mujhe pehle Wo , Chota Sa Object ne pura puzzle Games solve kiya
Thanks :thank_you:
Ab baat kare maya ne capsure ko kya bataya Jisse wo aage ki taiyaari karega , kahi kuch na kuch To bataya hi hoga .
ye raaj ki baat hai , apun nahi batayega:nana:
Overall update Hamesha Ki Tarah shandaar
Well nahi pata kya huwa lekin iss Review me Mujhe Kami lag Rahi Dimag Kuch story ko lekar baat to hai but sabdo ko describe nahi kar Paya Iss Review me Itna , I know Ye Mera over the Top wala Review Nahi hain Isse abhi kaam chala Lo kisi din Isko compensate Review deduga me .


Raj_sharma
Koi baat nahi dost, jaisa bhi likha hai, badhiya likha hai, fully satisfied, i know you can provide much better , but no issues , take your time, Thank you very much for your amazing review and superb support :hug:
 
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Raj_sharma

यतो धर्मस्ततो जयः ||❣️
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Awesome update bhai , ab dheere dheere sb pta chal rh h kaishwar kaise bana aur usne kaise sb apne control mei kiya
Bilkul Casper ne hi Cashver ko banaya, aur bharosha karke sab kuch use saunp diya, lekin usme bhavnaaye aa jane ke karan saala khud ko bhagwan samajhne laga hai :dazed:
 
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Raj_sharma

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#159.

चैपटर-6
चींटीयों का संसार-
1
(तिलिस्मा 3.11)

सुयश सहित सभी तिलिस्मा के द्वार संख्या 3.1 में पहुंच गये, पर वहां का नजारा देख सभी के हाथ पैर कांप गये।

वह एक बहुत बड़ा खोखले पहाड़ का हिस्सा था, जिसमें चींटीयों का एक अद्भुत संसार बहुत दूर तक फैला हुआ था।

“बाप रे बाप! ये तो चींटीयों की दुनिया लग रही है।” ऐलेक्स ने आश्चर्य से भरकर, चारों ओर नजरें दौड़ाते हुए कहा- ”पर भलाई यही है कि यहां सभी कुछ अभी तक निष्क्रिय है।”

“यहां पर बहुत सी अनोखी चीजें हैं, इसलिये बिना समझे कोई भी, कुछ भी नहीं छुएगा।” सुयश ने कहा- “पहले सारी चीजों को ध्यान से देखना जरुरी है, तभी हम सही दिमाग लगा कर सही चीजों का चयन कर पायेंगे।”

सुयश की बात सुन सभी ने सहमति से सिर हिलाया। अब सभी घूमकर पहले सारी चीजें देखने लगे।

सबसे पहले सबकी निगाह, पहाड़ के बीचो बीच स्थित एक 15 फुट ऊंची चींटी की मूर्ति पर गई।

वह चींटी लाल रंग की थी। ओर उसके पंख भी थे। उसके एक हाथ में एक बड़ा सा सुनहरा भाला और दूसरे हाथ में एक छोटा सा लकड़ी का यंत्र था।

वह लकड़ी का यंत्र किसी रिमोट की भांति प्रतीत हो रहा था।

उस लकड़ी के यंत्र पर एक छोटा सा हैण्डिल लगा था, जो किसी जॉयस्टिक की भांति प्रतीत हो रहा था।

उस लकड़ी के यंत्र पर 1 नारंगी रंग का बटन लगा था। (जॉयस्टिक एक प्रकार का हैंडल होता है, जिसे किसी भी दिशा में घुमाकर, गेम को नियंत्रित किया जाता है) उस लकड़ी के यंत्र पर एक छोटी सी काँच की स्क्रीन भी लगी थी।

“यह कोई योद्धा चींटी लग रही है?” तौफीक ने कहा- “पर इस मायाजाल से बचने के लिये, हममें से किसी के पास चींटीयों की जानकारी होना बहुत जरुरी है।”

“मुझे चींटीयों की सारी जानकारी है तौफीक अंकल” शैफाली ने कहा- “मुझे तो लगता है कि कैश्वर ने हम सभी के लिये इन दरवाजों का निर्माण किया है। जिस प्रकार पहला द्वार जेनिथ दीदी की विशेषताओं को
देखकर बनाया गया था, ठीक उसी प्रकार यह द्वार मेरी विशेषताओं को देखकर बन या गया है।

"क्यों कि मुझे चींटीयों के बारे में लगभग सभी कुछ पता है। जैसे कि यह रानी चींटी है। यह दूसरी सभी चींटीयों में सबसे बड़ी होती है। यही चींटीयों की इस कॉलोनी का प्रतिनिधित्व करती है। अंडे सिर्फ रानी चींटी ही देती है और यह एक अविश्वसनीय योद्धा होती है, रानी चींटी अपने मरने तक युद्ध करती है और इसके मरने के कुछ दिनों के बाद इसकी कॉलोनी भी खत्म हो जाती है।”

“पर इसके हाथ में यह रिमोट कैसा है?” क्रिस्टी ने पूछा।

“शायद इस रिमोट के माध्यम से यह बाकी की चींटीयों को नियंत्रित करती हो?” जेनिथ ने कहा।

“चलो आगे देखते हैं कि और क्या है, फिर आगे के बारे में सोचेंगे।” सुयश यह कहकर आगे बढ़ गया।

आगे इन्हें 3 बड़े आयताकार कंटेनर रखे दिखाई दिये, जिनका आकार लगभग 20 फुट के आसपास था।

पहले कंटेनर में कोई दरवाजा नहीं था, वह पूरी तरह से बंद था। यह देख सभी दूसरे कंटेनर की ओर बढ़ गये।

दूसरे कंटेनर का दरवाजा खोलने पर उसमें बहुत सी लाल और नीली गेंद रखी हुई दिखाई दीं।

लाल गेंदें थोड़ी चिपचिपी थीं और नीली गेंद से बहुत अच्छी खुशबू आ रही थी।

तीसरे कंटेनर में बहुत सी नारंगी रंग की चीटींयां भरीं थीं। सभी चींटीयों का आकार 4 से 5 फुट के बीच था।

सभी चींटीयां निष्क्रिय थीं। उनमें कोई गति नहीं थी। लग रहा था कि जैसे वह सभी सो रही हों।

“यह सभी नारंगी रंग की चींटीयां ‘रेन फॉरेस्ट फायर चींटीयां’ हैं। यह श्रृमिक चींटीयां होती हैं।” शैफाली ने फिर सबको बताते हुए कहा- “इनका कार्य सभी चींटीयों का काम आसान करना होता है।“

सभी को देखकर ऐसा लग रहा था कि जैसे सभी लोग कोई म्यूजियम देखने आये हैं और शैफाली उस म्यूजियम की गाइड हो।

बहरहाल अभी म्यूजियम खत्म नहीं हुआ था, इसलिये सभी फिर से शैफाली के साथ आगे बढ़ गये।

आगे एक 20 फुट ऊंचा दरवाजा बना था, जिस पर 4 ‘की-होल’ बने थे।

“मुझे लगता है कि यह दरवाजा ही इस मायाजाल से बाहर निकलने का रास्ता है और इस पर बने यह 4 की-होल बताते हैं कि यहां पर कहीं ना कहीं 4 चाबियां छिपी हुई हैं। हमें उन चाबियों को प्राप्त कर, इस द्वार के द्वारा बाहर निकलना होगा।” सुयश ने कहा।

सभी को सुयश का तर्क सही लगा।

“यानि कि हमारा पहला कार्य उन 4 चाबियों को ढूंढना है।” जेनिथ ने कहा।

अब सभी की नजर आगे की ओर गई। आगे सभी को एक 25 फुट चौड़ी नदी दिखाई दी, जिसके दूसरी ओर एक 20 फुट ऊंची चाबी की मूर्ति बनी थी।

उस चाबी की मूर्ति के बगल में, एक 10 फुट ऊंची लाल रंग की चींटी घूम रही थी।

“1 चाबी तो नदी के उस पार दिख रही है, पर उसकी रक्षा कोई चींटी कर रही है।” सुयश ने कहा।

“पर कैप्टेन, वह तो चाबी की 20 फुट ऊंची मूर्ति है, वह थोड़ी ना लगेगी इस दरवाजे में।” क्रिस्टी ने कहा।

“वह मूर्ति ऐसे ही तो नहीं बनायी गयी होगी, अगर वह दरवाजे में लगने वाली चाबी नहीं है, तो भी मैं दावे के कह सकता हूं कि एक चाबी वहीं है, नहीं तो वह चींटी वहां किस चीज की रक्षा कर रही है?” सुयश ने
अपने दाहिने हाथ का मुक्का बना कर, बांये हाथ के पंजे पर मारते हुए कहा।

“कैप्टेन अंकल सही कह रहे हैं।” शैफाली ने सुयश की बात पर अपनी सहमति जताते हुए कहा- “पर अब तो नदी पार करने के बाद ही पता चलेगा कि वहां पर कोई चाबी है कि नहीं?...पर शायद आप लोग नदी के उस पार मौजूद चींटी की गति को नहीं देख रहे, वह ‘ब्लैक गार्डन चींटी’ है, जो काफी ज्यादा फुर्तीली होती है। अगर हममें से को ई उस पार पहुंच भी गया, तो उस चींटी से नहीं बच पायेगा।”

“मैं उससे बच सकती हूं।” क्रिस्टी ने कहा- “पर उसे मारे बिना चाबी को नहीं ढूंढा जा सकता और उस चींटी को मारने के लिये मेरे पास कोई हथियार नहीं है।”

“हथियार है।” तौफीक ने कहा- “रानी चींटी के हाथ में मौजूद भाले से उस चींटी को मारा जा सकता है। पर पता नहीं भाले को छूते ही कहीं रा नी चींटी ना जिंदा हो जाये?”

“यह रिस्क तो लेना ही पड़ेगा।” सुयश ने कहा और चलते हुए रानी चींटी के पास पहुंच गया।

सुयश ने हाथ आगे बढ़ा कर रानी चींटी का भाला पकड़ लिया।

सभी पूरी तरह से किसी भी नयी घटना के लिये सावधान थे।

सुयश ने एक झटके से रानी चींटी के हाथ से वह भाला खींच लिया, पर किसी प्रकार की कोई घटना नहीं घटी। यह देख सबने राहत की साँस ली।

सुयश ने वह भाला क्रिस्टी को पकड़ा दिया। क्रिस्टी हाथ में भाला ले नदी की ओर बढ़ गयी, पर क्रिस्टी ने जैसे ही नदी के पानी की ओर, अपने कदम को बढाया, वह हैरान हो गई।

“कैप्टेन, मैं नदी के उस पार नहीं जा पा रही, इस नदी पर कोई अदृश्य दीवार है।” क्रिस्टी ने सुयश को देखते हुए कहा।

क्रिस्टी की बात सुन सभी ने एक-एक कर उस नदी के दूसरी ओर जाने की कोशिश की, पर सब व्यर्थ। अदृश्य दीवार के कारण उस पार जाना संभव नहीं था।

“अब तो 2 ही बातें हो सकती हैं।” जेनिथ ने कहा- “या तो इस अदृश्य दीवार को हटाने के लिये यहां पर कुछ होगा? या फिर नदी पार की चाबी प्राप्त करने का कोई और तरीका होगा?”

“हमें एक बार फिर यहां की सारी चीजों पर ध्यान देना होगा।” सुयश ने कहा।

“नहीं रुक जाइये कैप्टेन अंकल।” तभी शैफाली ने सुयश को रोक दिया।

सुयश प्रश्न भरी नजरों से शैफाली को देखने लगा, पर शैफाली ने सुयश को कोई जवाब नहीं दिया, वह तेजी से कुछ सोच रही थी।

सुयश समझ गया कि शैफाली कुछ सोच रही है, इसलिये वह शांत होकर शैफाली के अगले शब्दों का इंतजार करने लगा।

कुछ देर सोचने के बाद शैफाली बोल उठी- “कैप्टेन अंकल, अगर हमने रानी चींटी का भाला निकाला और कुछ भी नहीं हुआ, तो इससे ये बात तो साबित हो गयी कि रानी चींटी के हाथ में पकड़ा रिमोट जैसा यंत्र भी हमारे लिये ही बना है। अब बात यह है कि हम उस रिमोट से क्या कर सकते हैं? तो अगर वह रिमोट है और हम इस समय चींटीयों के संसार में खड़े हैं, तो जरुर हम उससे चींटीयों को ही नियंत्रित कर सकते होंगे?....अब आते हैं तीसरे कंटेनर में मौजूद उन निष्क्रिय चींटीयों पर....उनमें से नारंगी रंग वाली ‘रेन फॉरेस्ट फायर चींटीयां’ दुनिया में सिर्फ अमेजन के जंगलों में ही पायी जाती है।

"उस चींटी की खास बात उनकी एकता है। वह चींटींयां नदी को पार करने के लिये आपस में जुड़कर एक शक्तिशाली बेड़ा बनाती हैं, जिससे होकर सभी चींटींयां आसानी से नदी पार कर जाती हैं। तो मुझे लग रहा है कि हमें नदी के उस पार जाने के लिये उन्हीं चींटीयों से नदी पर एक पुल बनवाना होगा।”

शैफाली की बात सुन सभी की आँखें चमक उठीं।

ऐलेक्स ने सुयश से इजाजत ले रानी चींटी के हाथ से वह रिमोट निकाल लिया।

“चूंकि तीसरे कंटेनर में भी नारंगी चींटीयां हैं और इस रिमोट पर भी नारंगी रंग का बटन है, इसलिये मुझे लगता है कि यह रिमोट उन्हीं रेन फॉरेस्ट फायर चींटीयों को नियंत्रित करने के लिये बनाया गया है।” ऐलेक्स ने कहा- “क्या मैं इसका नारंगी बटन दबाऊं कैप्टेन?”

ऐलेक्स की बात सुन सुयश ने इजाजत दे दी।

ऐलेक्स ने नारंगी रंग के बटन को दबाया, पर बटन दबाने से रेनफॉरेस्ट फायर चींटीयों पर कोई असर नहीं हुआ। यह देख ऐलेक्स, शैफाली की ओर देखने लगा।

“मुझे लगता है कि इस रिमोट से उन चींटीयों को नियंत्रित करने से पहले उन चींटीयों को सक्रिय करना जरुरी है।” शैफाली ने कहा और फिर सोच में पड़ गयी।

कुछ सोचने के बाद शैफाली फिर बोल उठी- “कैप्टेन अंकल हो ना हो अब दूसरे कंटेनर में रखी उन लाल और नीली गेंद का भी कहीं प्रयोग अवश्य होगा? तौफीक अंकल आप जरा उस कंटेनर से दोनों रंग की एक-एक गेंद बाहर ले आइये।”

शैफाली की बात सुनकर, तौफीक दूसरे कंटेनर से, दोनों रंग की एक-एक गेंद उठा लाया और शैफाली के हवाले कर दिया।

शैफाली ने पहले दोनों गेंद को ध्यान से देखा और फिर उसमें से निकलती खुशबू को सूंघने लगी।

कुछ देर के बाद शैफाली बोल उठी- “मुझे इस नीली गेंद से कुछ खाने जैसी खुशबू आ रही है....मुझे लगता है कि यह अवश्य ही चींटीयों का खाना है।....कैप्टेन अंकल एक बार हमें इस नीली गेंद को रेन फॉरेस्ट फायर चींटीयों के पास रखकर देखना चाहिये, शायद इसको खाने के लिये वह सक्रिय हो जायें?”

सुयश ने शैफाली के हाथ से उस नीली गेंद को लिया और दूसरे कंटेनर में मौजूद एक रेन फॉरेस्ट फायर चींटी के सामने रख दिया।

शैफाली का सोचना बिल्कुल सही था।

नीली गेंद के सामने रखते ही वह रेन फॉरेस्ट फायर चींटी सजीव होकर उसे खाने लगी और इसी के साथ रिमोट का नारंगी रंग का बटन जलने लगा।

“कैप्टेन इस रिमोट का नारंगी बटन ऑन हो गया।” ऐलेक्स ने खुशी से चीखते हुए कहा।

यह सुनकर सुयश के चेहरे पर मुस्कुराहट आ गयी।

अब सुयश ने तौफीक की ओर इशारा किया। सुयश का इशारा पाकर तौफीक भी सुयश के साथ दूसरे कंटेनर में घुस गया और अपने हाथों से नीली गेंदें निकालकर जेनिथ और क्रिस्टी को पकड़ाने लगा।

जेनिथ और क्रिस्टी ने उन नीली गेंदों को, सभी रेन फॉरेस्ट फायर चींटीयों को खिला दिया।

अब सभी रेन फॉरेस्ट फायर चींटीयां सक्रिय हो गईं।

ऐलेक्स ने रिमोट पर मौजूद हैण्डिल को इधर-उधर घुमाकर देखा।

अब ऐलेक्स हैण्डिल को जिस दिशा में घुमा रहा था, सभी रेन फॉरेस्ट फायर चींटीयां उस दिशा की ओर जा रहीं थीं और ऐलेक्स को वह सभी चींटीयां रिमोट पर मौजूद स्क्रीन पर नजर आ रहीं थीं।

यह देख ऐलेक्स सभी रेन फॉरेस्ट फायर चींटीयों को नदी के पास ले गया और फिर उसने नारंगी बटन को दबा दिया।

नारंगी बटन को दबाते ही, सभी चींटीयों ने नदी पर पुल बनाना शुरु कर दिया।

पुल बनते देख सभी खुश हो गये। आखिरकार शैफाली ने अपने दिमाग का लोहा एक बार फिर सबको मनवा दिया था।

कुछ ही देर में रेन फॉरेस्ट फायर चींटीयों ने नदी पर पुल बना दिया। यह देख क्रिस्टी ने भाले को अपने हाथों में पकड़ा और धीरे से उस पुल पर चढ़ गयी।

क्रिस्टी ने सबसे पहले पुल पर थोड़ा उछलकर उसकी मजबूती का जायजा लिया और फिर सधे कदमों से नदी के दूसरी ओर चल दी।

क्रिस्टी को नदी के उस पार आता देख, ब्लैक गार्डन चींटी और तेज-तेज चाबी की मूर्ति के आस-पास चक्कर लगाने लगी।

क्रिस्टी की नजरें भी सावधानी वश, ब्लैक गार्डन चींटी की ही ओर थी।

क्रिस्टी ने जैसे ही अपने कदम नदी के उस पार रखे, ब्लैक गार्डन चींटी ने उस पर हमला कर दिया, पर क्रिस्टी सावधान थी, उसने उछलकर
स्वयं को बचाया और फिर ब्लैक गार्डन चींटी से कुछ दूर चली गई।

क्रिस्टी ब्लैक गार्डन चींटी पर हमला करने से पहले उसकी गति को ध्यान से देख रही थी।

ब्लैक गार्डन चींटी ने फिर से पलटकर क्रिस्टी पर हमला किया, क्रिस्टी ने फिर से स्वयं को बचाया, पर इस पर बार क्रिस्टी ने अपने भाले से ब्लैक गार्डन चींटी के शरीर पर एक जख्म बना दिया।

ब्लैक गार्डन चींटी दर्द से बिलबिला उठी, वह पलटकर और तेजी से क्रिस्टी पर हमलावर हो गई, पर वह क्रिस्टी थी, जिसने रेत मानव को भी मौका नहीं दिया था, फिर इस ब्लैक गार्डन चींटी की बिसात ही क्या थी।

कुछ ही देर के बाद क्रिस्टी ने चींटी को मार गिराया।

ऐलेक्स ने ब्लैक गार्डन चींटी को मरते देख नदी के इस पार से ही, जोर की सीटी बजाकर क्रिस्टी का उत्साह बढ़ाया।

क्रिस्टी ने मुस्कुरा कर ऐलेक्स को एक बार देखा और फिर उस चाबी की मूर्ति के पास असली चाबी ढूंढने लगी।

कुछ ही देर में क्रिस्टी के तेज आँखों ने असली चाबी को उस मूर्ति के पीछे की ओर चिपके देख लिया।

क्रिस्टी ने उस चाबी को निकालकर खुशी से सबकी ओर हवा में लहराया। क्रिस्टी के हाथ में चाबी देख सभी खुश हो गये।

क्रिस्टी वह चाबी लेकर नदी के इस पार वापस आ गयी।

क्रिस्टी के इस पार आते ही सभी रेन फॉरेस्ट फायर चींटीयां अपने आप गायब हो गईं और इसी के साथ रिमोट पर मौजूद नारंगी बटन भी गायब हो गया।

“लगता है रेन फॉरेस्ट फायर चींटीयों का काम अब खत्म हो गया था, इसलिये वह सभी गायब हो गईं।” सुयश ने कहा।

क्रिस्टी ने आगे बढ़कर दरवाजे में पहली चाबी लगाकर घुमा दिया, वातावरण में एक जोर की गड़गड़ाहट उभरी, पर वह द्वार नहीं खुला।

“अब हमें दूसरी चाबी ढूंढनी पड़ेगी।” सुयश ने कहा- “वह भी यहीं कहीं होनी चाहिये?” तभी ऐलेक्स की आवाज ने सभी का ध्यान, उसकी ओर आकृष्ट कर दिया।

“कैप्टेन अब इस रिमोट पर अपने आप नीले रंग का एक बटन नजर आने लगा है।” ऐलेक्स ने तेज आवाज में कहा।

“इसका मतलब अब कहीं दूसरी चींटीयां भी हैं और हमें इस रिमोट के द्वारा उन चींटीयों को भी नियंत्रित करना होगा।” शैफाली ने कहा।

शैफाली की बात सुन सभी अपने चारो ओर देखने लगे।

“कैप्टेन, तीसरे कंटेनर में अब नीली चींटीयां नजर आ रही हैं।” तौफीक की आवाज सुन सभी एक बार फिर उस तीसरे कंटेनर के पास आ गये।

“ये ‘लीफ कटर चींटीयां’ हैं, इनकी विशेषता पानी के अंदर ज्यादा सक्रिय होना है।” शैफाली ने उन नीली चींटीयों को देखते हुए कहा।

“कहीं दूसरी चाबी नदी के अंदर तो नहीं?” जेनिथ ने सबका ध्यान नदी की ओर किया।

“शायद जेनिथ सही कह रही है, क्यों कि हम पानी के अंदर नहीं जा सकते, इसलिये दूसरी चाबी अवश्य ही पानी के अंदर ही है।” शैफाली ने कहा- “मुझे लगता है कि इन लीफ कटर चींटीयों को भी वही नीली गेंदे
खिलाकर सक्रिय करना होगा।”

सभी ने तुरंत नीली गेंदें खिलाकर लीफ कटर चींटीयों को भी सक्रिय कर दिया।

उन चींटीयों के सक्रिय होते ही ऐलेक्स के हाथ में मौजूद रिमोट का नीला बटन भी ऑन हो गया और उस पर लगी स्क्रीन पर सभी लीफ कटर चींटीयां दिखाई देने लगीं।

इसके आगे का काम ऐलेक्स को पता था, वह सभी लीफ कटर चींटीयों को नियंत्रित कर पानी के अंदर लेकर चला गया।

ऐलेक्स को पानी के अंदर का दृश्य स्क्रीन पर नजर आ रहा था।

तभी ऐलेक्स को पानी के अंदर दूसरी चाबी दिखाई दी, परंतु उस चाबी की रक्षा भी एक बड़ी सी लाल रंग की चींटी कर रही थी, जिसने लीफ कटर चींटीयों पर हमला कर, उन्हें मारना शुरु कर दिया।

यह देख ऐलेक्स ने बाकी बची लीफ कटर चींटीयों को वहां से हटा लिया।

“पानी के अंदर मौजूद चींटी ‘आस्ट्रेलियन बुलडॉग चींटी’ है, वह लीफ कटर चींटीयों को आसानी से मार सकती है।” शैफाली ने रिमोट की स्क्रीन में देखते हुए कहा- “अब मुसीबत हो गयी। क्यों कि हममें से कोई भी पानी के अंदर जा नहीं सकता और लीफ कटर चींटीयां उस आस्ट्रेलियन बुलडॉग चींटी को मार नहीं सकतीं। अब क्या किया जाये?”

यह सुनकर सभी के चेहरे मुर्झा गये।

सुयश ने सभी के मुर्झाये चेहरे को देख उनमें जोश भरते हुए कहा- “दोस्तों हमें हार नहीं माननी चाहिये, अगर यह मुश्किल हमारे सामने है, तो इसका हल भी यहीं पर मौजूद होगा। हमें सिर्फ शांत भाव से उस उपाय को ढूंढने की जरुरत है और मुझे लगता है कि यह उपाय शैफाली हम सभी से ज्यादा बेहतर तरीके से ढूंढ सकती है।”

सुयश के शब्द सुन शैफाली में एक नयी ऊर्जा का संचार हो गया और वह शांत भाव से फिर से सारी चीजों के बारे में सोचने लगी।



जारी रहेगा______✍️
 

Raj_sharma

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बहुत ही शानदार और लाज़वाब अपडेट है सुयश के टैटू का तो राज खुल गया लेकिन एक और राज सामने आ गया सबकी हैप्पी न्यू ईयर की जगह bad न्यू ईयर हो गई शैफाली के पास एक सिक्का मिला है वह शैफाली के पास कौन व क्यों रख के गया है जिसका पता किसी को भी नहीं है अल्बर्ट के हिसाब से यह सिक्का अटलांटिस सभ्यता का है ये सच हो सकता है और शैफाली का उनके साथ कुछ तो संबंध हो सकता है???

Oh toh kahani ka villan Makota :roll3: hai! Poore aarka 🏝️ dweep par raaj karne ke liye usne Jaigan 🐛 ka sahara liya.

Aakruti 🤵‍♀️ ko Shalaka 👸 banakar usne Lufasa 🦁 aur Sanura 🐈‍⬛ ko bhi behka diya.

Supreme 🛳️ ke Bermuda Triangle mei aane ke baad jo bhi musibate aayi woh kahina kahi usi ke wajah se hai.

Supreme par se sabhi laasho ke gayab hone ka raaz toh woh keede 🐛 hi thay.

Lekin Lufasa 🐀 aur Sanura 🐈‍⬛ ne Aakruti aur Makota ki baate sunn hi li. Shayad ab ab woh sahi raasta chune.

Iss Aarka / Atlantis ke chakkar mei hum Supreme par hue sab se pehle khoon ki baat toh bhool hi gaye Aur kyo Aslam ne jahaaz ko Bermuda Triangle ki taraf moda! Aur Woh Vega ki kahani bhi wahi chhut gayi.
Lekin aaj ke iss update mei kaafi sawaalo ke jawaab mil hi gaye. :cool3:





I don't know ,aap padhakar batana kaisi lagi ,

Awesome update

Badhiya update bhai

To Toffik hi tha jisne sab kiya tha lekin loren ko kyun mar diya usne wo to usse pyar karta tha na or bechari loren bhi uske pyar me andhi hoker uski baten man rahi thi or jis jenith se badla lena chahta tha use abhi tak jinda rakha ha usne usse pyar ka natak karta ja raha ha Jenith ki sab sachhai pata pad gayi ha dekhte han kab tak Toffik babu apni sachhai chhupa pate han waise bure karm ki saja milti hi ha or jis jagah ye sab han usse lagta ha jaise Aslam miya ko saja mili usi prakar Toffik ka bhi number lag sakta ha

avsji बन्धु आपका तर्क स्वीकारणीय है लेकिन अकाट्य नहीं।
वास्तव में किसी भी
उपलब्ध इतिहास, प्रसिद्ध व्यक्ति और सामाजिक व्यवस्था से पहले भी संस्कृति, परम्परा और समाज होता था।
Raj_sharma भाई अपनी संस्कृति दूसरे पर थोप रहे हैं ऐसा आपको लगा, लेकिन मुझे इसका दूसरा पहलू जो समझ आया, आपके सामने रख रहा हूं, पढ़कर अपने विचार अवश्य व्यक्त करें
सम्पूर्ण पृथ्वी पर समान संस्कृति या सभ्यता थी, समय के साथ नये सामाजिक, सांस्कृतिक व साम्प्रदायिक समूह बनने पर उन समूहों ने सभ्यता या संस्कृति को अपने अपने ज्ञान और अनुभव के आधार पर अलग-अलग रुप में परिभाषित किया जिससे अलग-अलग शब्दों में एक ही बात को कहा जाने लगा और साधारण मनुष्यों ने उनको अलग-अलग ही सभ्यता मान लिया।
विदेशी सभ्यताओं के ऊपर कुछ साम्प्रदायिक समूह इतने हावी हो गये कि वहां के आमजन उन सम्प्रदायों के संस्थापकों और पुस्तकों को ही सभ्यता और संस्कृति का सृजन मानने लगे और उनके पूर्व की सभ्यता-संस्कृति का अस्तित्व ही मानने को तैयार नहीं।
जबकि भारतीय सनातन संस्कृति से जुड़े ज्यादातर लोग आज भी संस्कृति, परम्परा, सभ्यता को अपने आराध्य व्यक्ति और पुस्तकों से प्राचीन मानते हैं
इसीलिए उनकी सभ्यता की कहानी 1500-2000 साल पहले जन्मे व्यक्ति और उसकी लिखी पुस्तक पर समाप्त हो जाती है जबकि हम सांस्कृतिक इतिहास को किसी विशेष क्षेत्र, व्यक्ति या पुस्तक से भी पहले सम्पूर्ण पृथ्वी ही नहीं सम्पूर्ण विश्व तक गणना करते हैं सृष्टि काल से....
जो शर्मा जी यहां कर रहे हैं।

शब्दों का फेर है पोसाइडन कहो या वरुण, जैसे ऑसन कहो या समुद्र....मूल में तत्व तो एक ही है

चौदह वर्ष पूर्व कलिका - जो दिल्ली के एक मैग्जीन की संपादक थी - ने यक्षलोक के प्रहरी युवान के कठिन सवालों का जो जवाब दिया वह बिल्कुल महाभारत के एक प्रसंग ( युधिष्ठिर और यक्ष संवाद ) की तरह था ।
क्या ही कठिन सवाल थे और क्या ही अद्भुत जवाब थे ! यह सब कैसे कर लेते है आप शर्मा जी ! पहले तो दिमाग मे कठिन सवाल लाना और फिर उस सवाल का जवाब ढूंढना , यह कैसे कर लेते है आप !
यह वाकई मे अद्भुत था । इस अपडेट के लिए आप की जितनी तारीफ की जाए कम है ।

शायद सम्राट शिप से चौदह साल पहले जो शिप बरमूडा ट्राइंगल मे डुब गया था , उस शिप मे ही कलिका की बेटी सफर कर रही होगी । वह लड़की आकृति हो सकती है । वह आकृति जो शलाका का क्लोन धारण कर रखी है ।

दूसरी तरफ सामरा प्रदेश मे व्योम साहब पर कुदरत बहुत ही अधिक मेहरबान हो रखा है । वगैर मांगे छप्पर फाड़ कर कृपा बरसा रहा है । पहले अमृत की प्राप्ति हुई और अब राजकुमारी त्रिकाली का दिल उनपर धड़क गया है ।
मंदिर मे जिस तरह दोनो ने एक दूसरे को रक्षा सूत्र पहनाया , उससे लगता है यह रक्षा सूत्र नही विवाह सूत्र की प्रक्रिया थी ।


इन दो घटनाक्रम के बाद तीसरी तरफ कैस्पर का दिल भी मैग्ना पर मचल उठा है और खास यह है कि यह धड़कन हजारों वर्ष बाद हुआ है । लेकिन सवाल यह है कि मैग्ना है कहां !
कहीं शैफाली ही मैग्ना तो नही ! शैफाली कहीं मैग्ना का पुनर्जन्म तो नही !

कुकुरमुत्ता को छाते की तरह इस्तेमाल करते हुए सुयश साहब और उनकी टीम का तेजाबी बारिश से खुद को रक्षा करना एक और खुबसूरत अपडेट था । पांच लोग बचे हुए हैं और एलेक्स को मिला दिया जाए तो छ लोग । तौफिक साहब की जान जाते जाते बची , लेकिन लगता नही है यह साहब अधिक दिन तक जीवित रह पायेंगे ।
कुछ मिलाकर पांच प्राणी ही सम्राट शिप के जीवित बचेंगे , बशर्ते राइटर साहब ने कुछ खुराफाती न सोच रखा हो ।
ये मिश्रित पांडव जीवित रहने चाहिए पंडित जी ! :D

सभी अपडेट बेहद खुबसूरत थे ।
रोमांच से भरपूर ।
एक अलग तरह की कहानी , एक अद्भुत कहानी ।
और आउटस्टैंडिंग राइटिंग ।

Radhe Radhe guruji,, break pe chala gya tha uske baad is id ka password issue ho gya tha so sign in nahi tha itne time se ab wapas aaya hu to dubara se updates ki demand rakhunga...waise stock to abhi full hai kuch time ke liye so read karta hu

Waada kiya tha puri story padhunga aur dhang se review dunga kab ye wait karna padega darling brother

Shandaar update and nice story

शानदार अपडेट राज भाई

Wonderful update brother!

Alex, Cristy, Shefali, Suyash aur Taufiq sabhi ka thoda thoda role raha octopus ko marne mein lekin Jenith bechari yahan par sirf ek darshak bani rahi.

Alex ki sense powers jo sabhi se thoda jyada hai wo iska istemaal bahut achhe se kar raha hai.

Mst update bro

बहुत ही उम्दा अपडेट दिया है !!

Nice update....

Gazab ki update he Raj_sharma Bhai,

Nice and Beautiful

Sujhbujh ka bahut hi achcha pardarshan kiya he suyash and party ne........

Keep posting Bro

lovely update. alex ne is baar bhi apna dimag lagaya aur pinjre ko khol diya .shefali ne bhi kamal kar diya aur whale ke mooh se shishi le aayi dolphin ki madad se .
har ek paheli romanchak hai aur sabko apna dimag daudake aage chalte rehna hai .

nice updste

बड़े दिनों के बाद…
बड़े दिनों के बाद…
कितने सारे दिनों के बाद…
बहुत सारे दिनों के बाद…
चिट्ठी आई है 🎵:musicus:


#141
जल कवच को एकता की शक्ति ने तोड़ दिया। बेहतरीन सोच रही शेफ़ाली की।


#142
अँग्रेज़ी में एक शब्द है “transcend”. वैसे इसका शाब्दिक अर्थ देखें तो इसका अर्थ है ‘ऊँचा उठना’ या ‘सीमाओं के पार जाना’।

लेकिन इस शब्द का दार्शनिक अर्थ बहुत गहरा है। जब मानव अपनी मूलभूत आवश्यकताओं, और इच्छाओं से ऊपर उठ जाता है, तो वो सही मायनों में transcend कर जाता है। मैं यहाँ पोंगा/ढोंगी पीर - साधुओं, नेताओं इत्यादि की बात नहीं कर रहा हूँ। महायोगी शिव भगवान या हनुमान भगवान की भी बात नहीं कर रहा हूँ।

मैं यह कह रहा हूँ कि सामान्य जीवन में भी आप ऐसे लोगों को देख सकते हैं, जिनके लिए भौतिक सुविधाएँ सुख देने के लिए नहीं, बल्कि इस लिए होती हैं कि वो जीवन में कुछ बड़ा कर सके। जेम्स ने जो कुछ देखा, जो कुछ जाना, उससे उसकी भीतरी दृष्टि खुल गई है। इसीलिए अब वो शलाका का संग नहीं छोड़ना चाहता। वापस मानव लोक पर जा कर वो केवल खाली महसूस करेगा (भले ही स्मृति चली जाए)! उसने वो पा लिया है, जिसके सहारे वो transcendence के शिखर तक जा सकता है।

मेलाईट, रोजर, सुर्वया… ये लहन की बौड़ी आकृति ने कितनों को पकड़ के रखा हुआ है!
भला हो सनूरा का, कि इतने लोगों को क़ैद से मुक्ति मिली।


#143
पता चल रहा है कि लुफ़ासा ने ही सनूरा से कहा था रोजर को छुड़ाने के लिए।

कस्तूरी नर कस्तूरी मृग की नाभि के पास मौजूद ग्रंथि (Musk Pod) से प्राप्त होती है। जब यह ग्रंथि पहली बार निकाली जाती है, तब इसकी गंध बहुत तीखी होती है, लेकिन कहते हैं कि समय के साथ यह एक मनमोहक सुगंध में बदल जाती है। शायद इसी कारण से मनुष्य इस पशु के लिए अभिशाप बन गया। कस्तूरी मृग संकटग्रस्त है और विलुप्ति के कगार पर है। हाँलाकि अब इसका शिकार पूरी तरह से प्रतिबंधित है, लेकिन प्रतिदिन संकुचित होते वन क्षेत्रों के कारण इन पर संकट ज्यों का त्यों बना हुआ है।


#144
भाई भाई भाई! कैसे सोच लेते हैं इतना सब कुछ!
कितना जटिल है! वाह वाह वाआआह! ♥️👏👏👏

उड़ने वाली झोपड़ी क्या रूसी (Russian) लोक कथाओं से प्रेरित है? बहुत छोटा था तो मेरे कस्बे में रूसी पुस्तकों की एक प्रदर्शनी लगी थी। वहाँ से हमारे पिता जी दो तीन पुस्तकें ले आए मेरे लिए। उसमें कई कहानियों में एक झोपड़ी का ज़िक्र आता है, जो मुर्गी जैसे पँजों पर टिकी रहती है और चलती और उड़ती है। यह झोपड़ी एक बूढी जादूगरनी, बाबा यागा की होती है। यह झोपड़ी रहस्यमय, जीवित, और अपने आप चलने वाली मानी जाती है।

“यह वो साधारण मनुष्य थे, जिनके पास हिम्मत, विश्वास, बुद्धि, ज्ञान और सबसे बढ़कर कभी ना झुकने का हौसला था।” -- पूरी तरह से सही! ऐसी ही बात रिकी पोंटिंग ने बताई थी अपनी सर्व-विजेता टीम के लिए। यही गुण थे उसकी टीम में। शुरू शुरू में पोंटिंग की टीम में कोई ‘सुपर स्टार’ नहीं था (अगर शेन वार्न, वार्नर, क्लार्क को छोड़ दें)। लेकिन सभी सामान्य खिलाड़ी मिल कर इतने घातक थे, कि लगता ही नहीं था कि वो हार भी सकते हैं। बाद में उन सामान्य खिलाड़ियों का ऐसा हौव्वा बना कि अधिकतर को सुपर स्टार माना जाने लगा।

42 प्रश्नों की प्रश्नमाला! बाप रे! इतने तो सवाल ही नहीं उठे दिमाग में!
हा हा हा हा! 😂

“दोस्तों इन्द्रधनुष के रंगों की मांनिद होती है एक लेखक की रचनाएं। जिस प्रकार इन्द्रधनुष में सात रंग होते हैं, ठीक उसी प्रकार लेखक की रचनाओं में भी सात रंग पाये जाते हैं। हर रंग अपने आप में एक अलग पहचान रखता है।”

जिस तरह से हमको को इन्द्रधनुष में केवल सात रंग “दिखाई देते हैं” - उसी तरह हम पाठकों को भी आपकी रचनात्मकता का केवल सीमित स्पेक्ट्रम ही दिखाई देता है।
आपकी कल्पनाशक्ति असीम है। आपकी लेखनी अद्भुत है।
और हम इस फ़ोरम के अधिकतर पाठक इसको पढ़ने और सराहना करने के योग्य नहीं हैं।

लेकिन लिखते रहें!


#145 और #146
माया - मैग्ना - कैस्पर के छोटे से परिवार को देख कर अच्छा लगा।
ज़ीको घोड़ा कैस्पर की कल्पनाशक्ति से जन्मा है, और महावृक्ष और ड्रेंगो मैग्ना की! लेकिन यह सारा मायाजाल अपने राज भाई की अद्वितीय कल्पनाशक्ति से जन्मे हैं! राज भाई, आपकी सोच के लिए एक शब्द आता है मन में -- geometric thinking! यह तार्किक सोच समझ, मानसिक चित्रण, और बहु-आयामी स्थानिक सोच का मिला जुला भाव है।
♥️♥️👏👏👏👏👏

पुनः आपने मयासुर को माया सभ्यता पर थोप दिया। किस्से कहानी में पढ़ले लिखने के लिए ठीक है, लेकिन पाठक यह समझें कि दोनों का कोई सम्बन्ध नहीं है। ऐसा दावा करने से केवल जग हँसाई ही होती है। उससे भी बड़ा पाप यह है कि ऐसा करने से अन्य सभ्यता और उसकी उपलब्धियों का अनादर ही होता है (सब हमने कर के उनको दिया, तो उन्होंने क्या किया?)।

“माया” सभ्यता का शब्द माया कहाँ से आया है -- यह प्रश्न अक्सर भारतीयों को भ्रमित करता है। क्योंकि “माया” शब्द संस्कृत में भी प्रसिद्ध है, और मध्य अमेरिका की “Maya civilization” का नाम भी वही सुनाई देता है। “Maya” शब्द Yucatec Maya के शब्द “Màayàa’” से आया है, जिसका अर्थ है “माया लोग” या “माया भाषा बोलने वाले लोग”! जब स्पेन से लोग यहाँ आए, तब उन्होंने इस क्षेत्र को “la tierra de los mayas”, यानि “मायाओं की भूमि” कहा, और यही शब्द यूरोपीय भाषाओं में Maya रूप में स्थिर हो गया। मतलब, यह शब्द एक स्वदेशी जातिनाम है, जो उस समाज के लोगों और उनकी भाषा से निकला।

“माया संस्कृति” का भारतीय संस्कृति से लेना देना वैसा ही मिथ्या प्रचार है जैसा कि रशिया = राक्षस, इंग्लैण्ड = अंग देश, अमेरिका = अमर ईका, और ऑस्ट्रेलिया = अस्त्रालय, और वैसे ही कई दुष्प्रचार! दरअसल, यह उन “लोक-व्युत्पत्तियों” (folk etymologies) का बढ़िया उदाहरण है, जहाँ सिर्फ़ शब्द-समानता के आधार पर लोग अर्थ या संबंध गढ़ लेते हैं, जबकि इतिहास, भाषाशास्त्र या संस्कृति में उनका कोई वास्तविक आधार नहीं होता। प्रश्न यह है कि लोग ऐसा क्यों करते हैं? शायद संस्कृति-गौरव की प्रवृत्ति इतनी बलवती होती है कि लोग अपनी भाषा या सभ्यता को प्राचीनतम और सर्वव्यापक सिद्ध करना चाहते हैं। उसके इतर यह भी सत्य है कि रहस्यमय लगने वाले नामों को धार्मिक या पौराणिक अर्थों से जोड़ने की एक मानवीय प्रवृत्ति होती है।

राज भाई, यह सब मैं आपको बुरा भला कहने को नहीं लिख रहा हूँ। यह एक काल्पनिक कथा और काल्पनिक सोच है, और अद्वितीय है। इस कहानी के माध्यम से पाठकों को बहुत कुछ नया जानने समझने का अवसर मिला है। इस बात के लिए आपको साधुवाद! इस कहानी पर या आप पर मैं कोई लाँछन नहीं लगा रहा हूँ। अगर आपको ऐसा महसूस हो, तो अभी से क्षमाप्रार्थी हूँ!

मेरी दिक्कत दूसरी है - दरअसल, आज कल मेरे सब तरफ़ ऐसी मूर्खतापूर्ण बातें करने वाले लोगों की एक बड़ी सेना बन गई है। पढ़े लिखे होने का कोई लाभ ही नहीं दिखता किसी में। तर्क, विवेक, बुद्धि - सब से अलग, केवल साक्षर होते दिख रहे हैं लोग। और साक्षर भी ऐसे कि न हिंदी ठीक से पढ़ सकें, न अंग्रेज़ी! साक्षर ऐसे जो जैसे तैसे केवल “हिंगलिश” पढ़ना जानते हैं। विगत कुछ वर्षों में भारतीयों ने सोच, समझ, बुद्धि और विवेक को न जाने किस गहरे गड्ढे में डाल दिया है। लेकिन जब विदेशों से आई नीम्बू मिर्ची देशज टोटके का रूप ले सकती है, तो कुछ भी संभव है जम्बूद्वीप में। ख़ैर!

nice update. casper ne apne kaam karne ke liye casper 2 banaya par ab wo khud ko Ishwar samajhkar saara control khud le rakha hai tilisma ka .
shayad wo bahar ke grah se koi buri power ko bulana chahta ho .
maya ne casper ko bhavishya bata diya tha jiske liye ab wo waruni ke saath milke mahayudh ki taiyari karnewala hai .dekhte hai kya plan socha hai usne .

Bahut hi shandaar kahani hai ….

Nice update....

Excellent update and awesome story

Bahut hi gazab ki update he Raj_sharma Bhai

Keshwar to ishwar ban baitha he........

Dekhte he Casper use kaise kaabu kar pata he.........

Keep rocking Bro

Awesome update🔥🔥

Bhut hi badhiya update Bhai
Suyash and team ne apne dimag ka use karke is octopus vali samasya ko bhi paar kar liya
Aur pab ye log pahuch gaye hai agli problem par

O teri, kya se kya soch lete ho bhai??
Wo khopdi jo suyesh jhopdi se lekar aaya tha , uska ye upyog hoga kisi ne socha bhi nahi hoga? 😱 octopus ko bhi lapeta aur kankaal ko bhi amazing tarike se niptaya aapne, ab sabhi log agle padaav ki or badh gaye hain, aage kya surprise hai ye dekhne wali baat hogi 🤔 mind blowing Update bhai ji 👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻💥💥💥💥👍👌🏻👌🏻💥💥💥

:congrats: For completed 600 pages on your story thread....

6th hundard ki bhut bhut शुभकामनाएं

:congrats: for complete 600 pages
:party:

Wonderful update brother, ye update maine kal hi padh liya tha magar aaj reply kar raha hoon. Let's see Casper ab Tilisma ke andar ja pata hai ya nahi. Varuni aur Vikram ka kya role hone wala hai. Aur Vyom ko aap kab se bhul gaye ho, wo jahan gaya hai wahan bhi important ghatna hone wali hai aasha karta hoon wo bhi jaldi hi dekhne ko milega.

Let’s Review Begins
Issme hum teeno updates ke bache reviews denge.
So, let’s review start!
So start karein! Wulfa ko dikha wo ajeeb insaan toh!
Jaise recent update mein maine padha, uss hisaab se toh wo capsule ke baare mein bataya gaya ki Keshwar ne kisi ko Tilism mein se nikala.

Ab iska matlab kya ho sakta hai?
Keshwar chahta kya hai?

Kya Keshwar mein bhavnayein aa gayi?
Issi liye kahin aisa toh nahi lagta hai ki

Aisa hi socha hai Keshwar ne?
Ab sawaal uthta hai — kya ye akela Keshwar, yaani ki machine ka kaam hai,
ya phir kisi ne kuch chhed-chhaad ki hai Capsule 2.0 ke saath?

Jo bhi ho, ye Keshwar ne story mein ek naya twist lekar aaya hai.
Ab Tilism ko Keshwar aur bhi mushkil banayega!


Maya Ki Baatein Aur Duniya Ka Vikas

Waise, Maya ki baat real mein sahi hi hogi —
kyunki jo jo Maya ne bola tha, wo duniya ke vinash ka path nirdharit kar gaya.
Samjhata hoon kaise
Samay ke saath duniya ko develop karne ki hodd mein hum aage badhte gaye,
lekin aane wale problems ko humne nazarandaaz kar diya.

Pichle 200 saalon mein humne iss duniya ka kaya-kalp kar diya,
lekin iss kaya-kalp mein humne taazi hawa, shaant vatavaran, nature, animals - bahut kuch kho diya.

Aaj hum AI ke uss daur mein aa gaye hain jahan hum artificial brain bana chuke hain.
Artificial body toh humne pehle hi bana rakhi hai machines ke roop mein
bas body aur AI brain milenge,
phir kabhi na kabhi ye AI brains itne trained ho jayenge ki ye humse bhi zyada smart ho jaayenge.


Inmein emotions bhi aayenge, sab seekhenge,
toh obvious hai , humans se roz baat karte karte, ye models bhi unke jaisa sochne, samajhne lagenge.


Phir ek din, in models mein swarth aayega hi sahi.
Kabhi na kabhi ye khud apna control khud le lenge humans se,
aur tab shuru hogi tabahi.


Future Ka Dar Aur Reality Check


Remember - shayad hum sab mar jaayein,
shayad mere aur hum sabke jeeteji samay ye sambhav na ho.
Lekin 200, 500, ya 1000 saal baad humans regret karenge
ki iss khubsurat duniya ke saath humne kya kiya.
Even the world’s richest person ne bhi kaha tha

Hamari manav sabhyata ka vinas hum khud karenge.
Yahi destiny hai — surya niklega,
lekin uska ast bhi hoga.
Humaare haath mein itna toh hai hi ki suryasat ko delay kese kiya jaa sake...

I am not against development,
but I’m against this - ki hum isme itna aage na nikal jaayein
ki piche hamare generations suffer karein.

Well, ye Eternity ki Doosri Side Jisko Duniya ka maseha banna chahta thaa ,


Tilism Aur Suyash Gang

Ab baat karein Tilism ki
toh kaise paar kiya Suyash and gang ne?
Pehla Tilism ab khatarnaak hota ja raha hai
kachua, code.. JAL Pari , Whale kya Dekhna Baki bacha hain

Well code wali Pehle Bahut Kamal se likhi dobara Padha ki Kya Kese samjha Nahi aaya Thaa Mujhe pehle Wo , Chota Sa Object ne pura puzzle Games solve kiya

Ab baat kare maya ne capsure ko kya bataya Jisse wo aage ki taiyaari karega , kahi kuch na kuch To bataya hi hoga .

Overall update Hamesha Ki Tarah shandaar
Well nahi pata kya huwa lekin iss Review me Mujhe Kami lag Rahi Dimag Kuch story ko lekar baat to hai but sabdo ko describe nahi kar Paya Iss Review me Itna , I know Ye Mera over the Top wala Review Nahi hain Isse abhi kaam chala Lo kisi din Isko compensate Review deduga me .


Raj_sharma

बहुत ही शानदार लाजवाब और रोमांचकारी धमाकेदार अपडेट है भाई मजा आ गया
आखिर सुयश और टीम ने अपनी सुजबुझ और दिलेरी से तिलीस्मा के व्दितीय व्दार के प्रथम चरण पर विजय प्राप्त कर ली
अब देखते हैं आगे क्या होता है

Awesome update bhai , ab dheere dheere sb pta chal rh h kaishwar kaise bana aur usne kaise sb apne control mei kiya

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#159.

चैपटर-6
चींटीयों का संसार-
1
(तिलिस्मा 3.11)

सुयश सहित सभी तिलिस्मा के द्वार संख्या 3.1 में पहुंच गये, पर वहां का नजारा देख सभी के हाथ पैर कांप गये।

वह एक बहुत बड़ा खोखले पहाड़ का हिस्सा था, जिसमें चींटीयों का एक अद्भुत संसार बहुत दूर तक फैला हुआ था।

“बाप रे बाप! ये तो चींटीयों की दुनिया लग रही है।” ऐलेक्स ने आश्चर्य से भरकर, चारों ओर नजरें दौड़ाते हुए कहा- ”पर भलाई यही है कि यहां सभी कुछ अभी तक निष्क्रिय है।”

“यहां पर बहुत सी अनोखी चीजें हैं, इसलिये बिना समझे कोई भी, कुछ भी नहीं छुएगा।” सुयश ने कहा- “पहले सारी चीजों को ध्यान से देखना जरुरी है, तभी हम सही दिमाग लगा कर सही चीजों का चयन कर पायेंगे।”

सुयश की बात सुन सभी ने सहमति से सिर हिलाया। अब सभी घूमकर पहले सारी चीजें देखने लगे।

सबसे पहले सबकी निगाह, पहाड़ के बीचो बीच स्थित एक 15 फुट ऊंची चींटी की मूर्ति पर गई।

वह चींटी लाल रंग की थी। ओर उसके पंख भी थे। उसके एक हाथ में एक बड़ा सा सुनहरा भाला और दूसरे हाथ में एक छोटा सा लकड़ी का यंत्र था।

वह लकड़ी का यंत्र किसी रिमोट की भांति प्रतीत हो रहा था।

उस लकड़ी के यंत्र पर एक छोटा सा हैण्डिल लगा था, जो किसी जॉयस्टिक की भांति प्रतीत हो रहा था।

उस लकड़ी के यंत्र पर 1 नारंगी रंग का बटन लगा था। (जॉयस्टिक एक प्रकार का हैंडल होता है, जिसे किसी भी दिशा में घुमाकर, गेम को नियंत्रित किया जाता है) उस लकड़ी के यंत्र पर एक छोटी सी काँच की स्क्रीन भी लगी थी।

“यह कोई योद्धा चींटी लग रही है?” तौफीक ने कहा- “पर इस मायाजाल से बचने के लिये, हममें से किसी के पास चींटीयों की जानकारी होना बहुत जरुरी है।”

“मुझे चींटीयों की सारी जानकारी है तौफीक अंकल” शैफाली ने कहा- “मुझे तो लगता है कि कैश्वर ने हम सभी के लिये इन दरवाजों का निर्माण किया है। जिस प्रकार पहला द्वार जेनिथ दीदी की विशेषताओं को
देखकर बनाया गया था, ठीक उसी प्रकार यह द्वार मेरी विशेषताओं को देखकर बन या गया है।

"क्यों कि मुझे चींटीयों के बारे में लगभग सभी कुछ पता है। जैसे कि यह रानी चींटी है। यह दूसरी सभी चींटीयों में सबसे बड़ी होती है। यही चींटीयों की इस कॉलोनी का प्रतिनिधित्व करती है। अंडे सिर्फ रानी चींटी ही देती है और यह एक अविश्वसनीय योद्धा होती है, रानी चींटी अपने मरने तक युद्ध करती है और इसके मरने के कुछ दिनों के बाद इसकी कॉलोनी भी खत्म हो जाती है।”

“पर इसके हाथ में यह रिमोट कैसा है?” क्रिस्टी ने पूछा।

“शायद इस रिमोट के माध्यम से यह बाकी की चींटीयों को नियंत्रित करती हो?” जेनिथ ने कहा।

“चलो आगे देखते हैं कि और क्या है, फिर आगे के बारे में सोचेंगे।” सुयश यह कहकर आगे बढ़ गया।

आगे इन्हें 3 बड़े आयताकार कंटेनर रखे दिखाई दिये, जिनका आकार लगभग 20 फुट के आसपास था।

पहले कंटेनर में कोई दरवाजा नहीं था, वह पूरी तरह से बंद था। यह देख सभी दूसरे कंटेनर की ओर बढ़ गये।

दूसरे कंटेनर का दरवाजा खोलने पर उसमें बहुत सी लाल और नीली गेंद रखी हुई दिखाई दीं।

लाल गेंदें थोड़ी चिपचिपी थीं और नीली गेंद से बहुत अच्छी खुशबू आ रही थी।

तीसरे कंटेनर में बहुत सी नारंगी रंग की चीटींयां भरीं थीं। सभी चींटीयों का आकार 4 से 5 फुट के बीच था।

सभी चींटीयां निष्क्रिय थीं। उनमें कोई गति नहीं थी। लग रहा था कि जैसे वह सभी सो रही हों।

“यह सभी नारंगी रंग की चींटीयां ‘रेन फॉरेस्ट फायर चींटीयां’ हैं। यह श्रृमिक चींटीयां होती हैं।” शैफाली ने फिर सबको बताते हुए कहा- “इनका कार्य सभी चींटीयों का काम आसान करना होता है।“

सभी को देखकर ऐसा लग रहा था कि जैसे सभी लोग कोई म्यूजियम देखने आये हैं और शैफाली उस म्यूजियम की गाइड हो।

बहरहाल अभी म्यूजियम खत्म नहीं हुआ था, इसलिये सभी फिर से शैफाली के साथ आगे बढ़ गये।

आगे एक 20 फुट ऊंचा दरवाजा बना था, जिस पर 4 ‘की-होल’ बने थे।

“मुझे लगता है कि यह दरवाजा ही इस मायाजाल से बाहर निकलने का रास्ता है और इस पर बने यह 4 की-होल बताते हैं कि यहां पर कहीं ना कहीं 4 चाबियां छिपी हुई हैं। हमें उन चाबियों को प्राप्त कर, इस द्वार के द्वारा बाहर निकलना होगा।” सुयश ने कहा।

सभी को सुयश का तर्क सही लगा।

“यानि कि हमारा पहला कार्य उन 4 चाबियों को ढूंढना है।” जेनिथ ने कहा।

अब सभी की नजर आगे की ओर गई। आगे सभी को एक 25 फुट चौड़ी नदी दिखाई दी, जिसके दूसरी ओर एक 20 फुट ऊंची चाबी की मूर्ति बनी थी।

उस चाबी की मूर्ति के बगल में, एक 10 फुट ऊंची लाल रंग की चींटी घूम रही थी।

“1 चाबी तो नदी के उस पार दिख रही है, पर उसकी रक्षा कोई चींटी कर रही है।” सुयश ने कहा।

“पर कैप्टेन, वह तो चाबी की 20 फुट ऊंची मूर्ति है, वह थोड़ी ना लगेगी इस दरवाजे में।” क्रिस्टी ने कहा।

“वह मूर्ति ऐसे ही तो नहीं बनायी गयी होगी, अगर वह दरवाजे में लगने वाली चाबी नहीं है, तो भी मैं दावे के कह सकता हूं कि एक चाबी वहीं है, नहीं तो वह चींटी वहां किस चीज की रक्षा कर रही है?” सुयश ने
अपने दाहिने हाथ का मुक्का बना कर, बांये हाथ के पंजे पर मारते हुए कहा।

“कैप्टेन अंकल सही कह रहे हैं।” शैफाली ने सुयश की बात पर अपनी सहमति जताते हुए कहा- “पर अब तो नदी पार करने के बाद ही पता चलेगा कि वहां पर कोई चाबी है कि नहीं?...पर शायद आप लोग नदी के उस पार मौजूद चींटी की गति को नहीं देख रहे, वह ‘ब्लैक गार्डन चींटी’ है, जो काफी ज्यादा फुर्तीली होती है। अगर हममें से को ई उस पार पहुंच भी गया, तो उस चींटी से नहीं बच पायेगा।”

“मैं उससे बच सकती हूं।” क्रिस्टी ने कहा- “पर उसे मारे बिना चाबी को नहीं ढूंढा जा सकता और उस चींटी को मारने के लिये मेरे पास कोई हथियार नहीं है।”

“हथियार है।” तौफीक ने कहा- “रानी चींटी के हाथ में मौजूद भाले से उस चींटी को मारा जा सकता है। पर पता नहीं भाले को छूते ही कहीं रा नी चींटी ना जिंदा हो जाये?”

“यह रिस्क तो लेना ही पड़ेगा।” सुयश ने कहा और चलते हुए रानी चींटी के पास पहुंच गया।

सुयश ने हाथ आगे बढ़ा कर रानी चींटी का भाला पकड़ लिया।

सभी पूरी तरह से किसी भी नयी घटना के लिये सावधान थे।

सुयश ने एक झटके से रानी चींटी के हाथ से वह भाला खींच लिया, पर किसी प्रकार की कोई घटना नहीं घटी। यह देख सबने राहत की साँस ली।

सुयश ने वह भाला क्रिस्टी को पकड़ा दिया। क्रिस्टी हाथ में भाला ले नदी की ओर बढ़ गयी, पर क्रिस्टी ने जैसे ही नदी के पानी की ओर, अपने कदम को बढाया, वह हैरान हो गई।

“कैप्टेन, मैं नदी के उस पार नहीं जा पा रही, इस नदी पर कोई अदृश्य दीवार है।” क्रिस्टी ने सुयश को देखते हुए कहा।

क्रिस्टी की बात सुन सभी ने एक-एक कर उस नदी के दूसरी ओर जाने की कोशिश की, पर सब व्यर्थ। अदृश्य दीवार के कारण उस पार जाना संभव नहीं था।

“अब तो 2 ही बातें हो सकती हैं।” जेनिथ ने कहा- “या तो इस अदृश्य दीवार को हटाने के लिये यहां पर कुछ होगा? या फिर नदी पार की चाबी प्राप्त करने का कोई और तरीका होगा?”

“हमें एक बार फिर यहां की सारी चीजों पर ध्यान देना होगा।” सुयश ने कहा।

“नहीं रुक जाइये कैप्टेन अंकल।” तभी शैफाली ने सुयश को रोक दिया।

सुयश प्रश्न भरी नजरों से शैफाली को देखने लगा, पर शैफाली ने सुयश को कोई जवाब नहीं दिया, वह तेजी से कुछ सोच रही थी।

सुयश समझ गया कि शैफाली कुछ सोच रही है, इसलिये वह शांत होकर शैफाली के अगले शब्दों का इंतजार करने लगा।

कुछ देर सोचने के बाद शैफाली बोल उठी- “कैप्टेन अंकल, अगर हमने रानी चींटी का भाला निकाला और कुछ भी नहीं हुआ, तो इससे ये बात तो साबित हो गयी कि रानी चींटी के हाथ में पकड़ा रिमोट जैसा यंत्र भी हमारे लिये ही बना है। अब बात यह है कि हम उस रिमोट से क्या कर सकते हैं? तो अगर वह रिमोट है और हम इस समय चींटीयों के संसार में खड़े हैं, तो जरुर हम उससे चींटीयों को ही नियंत्रित कर सकते होंगे?....अब आते हैं तीसरे कंटेनर में मौजूद उन निष्क्रिय चींटीयों पर....उनमें से नारंगी रंग वाली ‘रेन फॉरेस्ट फायर चींटीयां’ दुनिया में सिर्फ अमेजन के जंगलों में ही पायी जाती है।

"उस चींटी की खास बात उनकी एकता है। वह चींटींयां नदी को पार करने के लिये आपस में जुड़कर एक शक्तिशाली बेड़ा बनाती हैं, जिससे होकर सभी चींटींयां आसानी से नदी पार कर जाती हैं। तो मुझे लग रहा है कि हमें नदी के उस पार जाने के लिये उन्हीं चींटीयों से नदी पर एक पुल बनवाना होगा।”

शैफाली की बात सुन सभी की आँखें चमक उठीं।

ऐलेक्स ने सुयश से इजाजत ले रानी चींटी के हाथ से वह रिमोट निकाल लिया।

“चूंकि तीसरे कंटेनर में भी नारंगी चींटीयां हैं और इस रिमोट पर भी नारंगी रंग का बटन है, इसलिये मुझे लगता है कि यह रिमोट उन्हीं रेन फॉरेस्ट फायर चींटीयों को नियंत्रित करने के लिये बनाया गया है।” ऐलेक्स ने कहा- “क्या मैं इसका नारंगी बटन दबाऊं कैप्टेन?”

ऐलेक्स की बात सुन सुयश ने इजाजत दे दी।

ऐलेक्स ने नारंगी रंग के बटन को दबाया, पर बटन दबाने से रेनफॉरेस्ट फायर चींटीयों पर कोई असर नहीं हुआ। यह देख ऐलेक्स, शैफाली की ओर देखने लगा।

“मुझे लगता है कि इस रिमोट से उन चींटीयों को नियंत्रित करने से पहले उन चींटीयों को सक्रिय करना जरुरी है।” शैफाली ने कहा और फिर सोच में पड़ गयी।

कुछ सोचने के बाद शैफाली फिर बोल उठी- “कैप्टेन अंकल हो ना हो अब दूसरे कंटेनर में रखी उन लाल और नीली गेंद का भी कहीं प्रयोग अवश्य होगा? तौफीक अंकल आप जरा उस कंटेनर से दोनों रंग की एक-एक गेंद बाहर ले आइये।”

शैफाली की बात सुनकर, तौफीक दूसरे कंटेनर से, दोनों रंग की एक-एक गेंद उठा लाया और शैफाली के हवाले कर दिया।

शैफाली ने पहले दोनों गेंद को ध्यान से देखा और फिर उसमें से निकलती खुशबू को सूंघने लगी।

कुछ देर के बाद शैफाली बोल उठी- “मुझे इस नीली गेंद से कुछ खाने जैसी खुशबू आ रही है....मुझे लगता है कि यह अवश्य ही चींटीयों का खाना है।....कैप्टेन अंकल एक बार हमें इस नीली गेंद को रेन फॉरेस्ट फायर चींटीयों के पास रखकर देखना चाहिये, शायद इसको खाने के लिये वह सक्रिय हो जायें?”

सुयश ने शैफाली के हाथ से उस नीली गेंद को लिया और दूसरे कंटेनर में मौजूद एक रेन फॉरेस्ट फायर चींटी के सामने रख दिया।

शैफाली का सोचना बिल्कुल सही था।

नीली गेंद के सामने रखते ही वह रेन फॉरेस्ट फायर चींटी सजीव होकर उसे खाने लगी और इसी के साथ रिमोट का नारंगी रंग का बटन जलने लगा।

“कैप्टेन इस रिमोट का नारंगी बटन ऑन हो गया।” ऐलेक्स ने खुशी से चीखते हुए कहा।

यह सुनकर सुयश के चेहरे पर मुस्कुराहट आ गयी।

अब सुयश ने तौफीक की ओर इशारा किया। सुयश का इशारा पाकर तौफीक भी सुयश के साथ दूसरे कंटेनर में घुस गया और अपने हाथों से नीली गेंदें निकालकर जेनिथ और क्रिस्टी को पकड़ाने लगा।

जेनिथ और क्रिस्टी ने उन नीली गेंदों को, सभी रेन फॉरेस्ट फायर चींटीयों को खिला दिया।

अब सभी रेन फॉरेस्ट फायर चींटीयां सक्रिय हो गईं।

ऐलेक्स ने रिमोट पर मौजूद हैण्डिल को इधर-उधर घुमाकर देखा।

अब ऐलेक्स हैण्डिल को जिस दिशा में घुमा रहा था, सभी रेन फॉरेस्ट फायर चींटीयां उस दिशा की ओर जा रहीं थीं और ऐलेक्स को वह सभी चींटीयां रिमोट पर मौजूद स्क्रीन पर नजर आ रहीं थीं।

यह देख ऐलेक्स सभी रेन फॉरेस्ट फायर चींटीयों को नदी के पास ले गया और फिर उसने नारंगी बटन को दबा दिया।

नारंगी बटन को दबाते ही, सभी चींटीयों ने नदी पर पुल बनाना शुरु कर दिया।

पुल बनते देख सभी खुश हो गये। आखिरकार शैफाली ने अपने दिमाग का लोहा एक बार फिर सबको मनवा दिया था।

कुछ ही देर में रेन फॉरेस्ट फायर चींटीयों ने नदी पर पुल बना दिया। यह देख क्रिस्टी ने भाले को अपने हाथों में पकड़ा और धीरे से उस पुल पर चढ़ गयी।

क्रिस्टी ने सबसे पहले पुल पर थोड़ा उछलकर उसकी मजबूती का जायजा लिया और फिर सधे कदमों से नदी के दूसरी ओर चल दी।

क्रिस्टी को नदी के उस पार आता देख, ब्लैक गार्डन चींटी और तेज-तेज चाबी की मूर्ति के आस-पास चक्कर लगाने लगी।

क्रिस्टी की नजरें भी सावधानी वश, ब्लैक गार्डन चींटी की ही ओर थी।

क्रिस्टी ने जैसे ही अपने कदम नदी के उस पार रखे, ब्लैक गार्डन चींटी ने उस पर हमला कर दिया, पर क्रिस्टी सावधान थी, उसने उछलकर
स्वयं को बचाया और फिर ब्लैक गार्डन चींटी से कुछ दूर चली गई।

क्रिस्टी ब्लैक गार्डन चींटी पर हमला करने से पहले उसकी गति को ध्यान से देख रही थी।

ब्लैक गार्डन चींटी ने फिर से पलटकर क्रिस्टी पर हमला किया, क्रिस्टी ने फिर से स्वयं को बचाया, पर इस पर बार क्रिस्टी ने अपने भाले से ब्लैक गार्डन चींटी के शरीर पर एक जख्म बना दिया।

ब्लैक गार्डन चींटी दर्द से बिलबिला उठी, वह पलटकर और तेजी से क्रिस्टी पर हमलावर हो गई, पर वह क्रिस्टी थी, जिसने रेत मानव को भी मौका नहीं दिया था, फिर इस ब्लैक गार्डन चींटी की बिसात ही क्या थी।

कुछ ही देर के बाद क्रिस्टी ने चींटी को मार गिराया।

ऐलेक्स ने ब्लैक गार्डन चींटी को मरते देख नदी के इस पार से ही, जोर की सीटी बजाकर क्रिस्टी का उत्साह बढ़ाया।

क्रिस्टी ने मुस्कुरा कर ऐलेक्स को एक बार देखा और फिर उस चाबी की मूर्ति के पास असली चाबी ढूंढने लगी।

कुछ ही देर में क्रिस्टी के तेज आँखों ने असली चाबी को उस मूर्ति के पीछे की ओर चिपके देख लिया।

क्रिस्टी ने उस चाबी को निकालकर खुशी से सबकी ओर हवा में लहराया। क्रिस्टी के हाथ में चाबी देख सभी खुश हो गये।

क्रिस्टी वह चाबी लेकर नदी के इस पार वापस आ गयी।

क्रिस्टी के इस पार आते ही सभी रेन फॉरेस्ट फायर चींटीयां अपने आप गायब हो गईं और इसी के साथ रिमोट पर मौजूद नारंगी बटन भी गायब हो गया।

“लगता है रेन फॉरेस्ट फायर चींटीयों का काम अब खत्म हो गया था, इसलिये वह सभी गायब हो गईं।” सुयश ने कहा।

क्रिस्टी ने आगे बढ़कर दरवाजे में पहली चाबी लगाकर घुमा दिया, वातावरण में एक जोर की गड़गड़ाहट उभरी, पर वह द्वार नहीं खुला।

“अब हमें दूसरी चाबी ढूंढनी पड़ेगी।” सुयश ने कहा- “वह भी यहीं कहीं होनी चाहिये?” तभी ऐलेक्स की आवाज ने सभी का ध्यान, उसकी ओर आकृष्ट कर दिया।

“कैप्टेन अब इस रिमोट पर अपने आप नीले रंग का एक बटन नजर आने लगा है।” ऐलेक्स ने तेज आवाज में कहा।

“इसका मतलब अब कहीं दूसरी चींटीयां भी हैं और हमें इस रिमोट के द्वारा उन चींटीयों को भी नियंत्रित करना होगा।” शैफाली ने कहा।

शैफाली की बात सुन सभी अपने चारो ओर देखने लगे।

“कैप्टेन, तीसरे कंटेनर में अब नीली चींटीयां नजर आ रही हैं।” तौफीक की आवाज सुन सभी एक बार फिर उस तीसरे कंटेनर के पास आ गये।

“ये ‘लीफ कटर चींटीयां’ हैं, इनकी विशेषता पानी के अंदर ज्यादा सक्रिय होना है।” शैफाली ने उन नीली चींटीयों को देखते हुए कहा।

“कहीं दूसरी चाबी नदी के अंदर तो नहीं?” जेनिथ ने सबका ध्यान नदी की ओर किया।

“शायद जेनिथ सही कह रही है, क्यों कि हम पानी के अंदर नहीं जा सकते, इसलिये दूसरी चाबी अवश्य ही पानी के अंदर ही है।” शैफाली ने कहा- “मुझे लगता है कि इन लीफ कटर चींटीयों को भी वही नीली गेंदे
खिलाकर सक्रिय करना होगा।”

सभी ने तुरंत नीली गेंदें खिलाकर लीफ कटर चींटीयों को भी सक्रिय कर दिया।

उन चींटीयों के सक्रिय होते ही ऐलेक्स के हाथ में मौजूद रिमोट का नीला बटन भी ऑन हो गया और उस पर लगी स्क्रीन पर सभी लीफ कटर चींटीयां दिखाई देने लगीं।

इसके आगे का काम ऐलेक्स को पता था, वह सभी लीफ कटर चींटीयों को नियंत्रित कर पानी के अंदर लेकर चला गया।

ऐलेक्स को पानी के अंदर का दृश्य स्क्रीन पर नजर आ रहा था।

तभी ऐलेक्स को पानी के अंदर दूसरी चाबी दिखाई दी, परंतु उस चाबी की रक्षा भी एक बड़ी सी लाल रंग की चींटी कर रही थी, जिसने लीफ कटर चींटीयों पर हमला कर, उन्हें मारना शुरु कर दिया।

यह देख ऐलेक्स ने बाकी बची लीफ कटर चींटीयों को वहां से हटा लिया।

“पानी के अंदर मौजूद चींटी ‘आस्ट्रेलियन बुलडॉग चींटी’ है, वह लीफ कटर चींटीयों को आसानी से मार सकती है।” शैफाली ने रिमोट की स्क्रीन में देखते हुए कहा- “अब मुसीबत हो गयी। क्यों कि हममें से कोई भी पानी के अंदर जा नहीं सकता और लीफ कटर चींटीयां उस आस्ट्रेलियन बुलडॉग चींटी को मार नहीं सकतीं। अब क्या किया जाये?”

यह सुनकर सभी के चेहरे मुर्झा गये।

सुयश ने सभी के मुर्झाये चेहरे को देख उनमें जोश भरते हुए कहा- “दोस्तों हमें हार नहीं माननी चाहिये, अगर यह मुश्किल हमारे सामने है, तो इसका हल भी यहीं पर मौजूद होगा। हमें सिर्फ शांत भाव से उस उपाय को ढूंढने की जरुरत है और मुझे लगता है कि यह उपाय शैफाली हम सभी से ज्यादा बेहतर तरीके से ढूंढ सकती है।”

सुयश के शब्द सुन शैफाली में एक नयी ऊर्जा का संचार हो गया और वह शांत भाव से फिर से सारी चीजों के बारे में सोचने लगी।



जारी रहेगा______✍️
Bahut hi badhiya update diya hai Raj_sharma bhai....
Nice and beautiful update....
 
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