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Horror प्रायश्चित (Completed)

Raj Yadav

No Nude AVs allowed
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444
79
भाग~3
~~~~~~~~~~~~~

राजन जब अपने घर पहुंचा उस समय रात के 12:00 बज चुके थे। राधा ने उसे देखते ही पूछा, "इतनी देर कैसे हो गई आज..? और मैं कितनी देर से तुम्हें फोन लगा रही हूं, और तुमने फोन भी नहीं उठाया..! ..क्यों..?"

"त..त..तुम..? तुम यहाँ कैसे आई..? त..त..त...तुमको तो मैंने मार दिया था..! त..त..तुम ज़िंदा कैसे हो..?"

"ये क्या कह रहे हो भइया तुम..? और किसकी बात तुम कर रहे हो ..?और किस को तुमने मार दिया..?"

"वो..वो..कमला..! हां.. हां..वो..मैं कमला की बात कर रहा हूँ..!"

"पर ये कमला कौन है..? मैं तो इस नाम की किसी भी लड़की को नहीं जानती..! ये किस तरह की बहकी बहकी बातें कर रहे हो तुम..?"

"तुम राधा नहीं.. तुम..तुम..कमला हो..??"

यह सुनते ही राधा खिलखिला कर हंस पड़ी फिर बोली, "भइया, तुम्हारी मजाक करने की आदत अब तक नहीं गई..! भला मैं कमला कैसे हो सकती हूं..? कहीं ऐसा तो नहीं, कि तूने मेरा नाम राधा से बदलकर कमला रख दिया..?"

"मैं..मैं..भला ऐसा क्यों करूंगा..?"

"तो फिर बार-बार मुझको कमला क्यों कह रहे हो..?"

"इसलिए कि तू कमला ही है। यह देख शीशे में अपना मुंह..!" सामने मेज़ पर रखा एक शीशा उसे देते हुए राजन ने कहा।

"क्यों..? क्या खराबी है मेरे चेहरे में..? ठीक-ठाक तो हूं..!" राधा ने शीशे में अपना चेहरा देखते हुए कहा।

"इसका मतलब सिर्फ मुझको ही राधा के चेहरे में कमला का चेहरा दिख रहा है..! कहीं ये मेरा भ्रम तो नहीं है..? दारू के नशे का तो असर नहीं है..?" फिर कई बार अपनी आंखें मींच मींच कर उसने देखा, लेकिन हर बार उसको राधा के जिस्म में कमला ही नजर आई।

उसकी बुद्धि कुछ काम नहीं कर रही थी और इस समय बहुत डरा हुआ था वो।

तभी राधा ने उससे कहा, "तुम बैठो, मैं अभी तुम्हारे लिए खाना लगाती हूं। आज मैंने तुम्हारे पसंद की कटहल की सब्जी बनाई है।"और यह कहकर वो रसोई घर में चली गई।

राजन ने सोचा, "पर यह कैसे मुमकिन है कि मुझे राधा के जिस्म में कमला नजर आ रही है, वो कमला जिसका मैंने खून कर दिया है!"

"आ जाओ डाइनिंग टेबल पर। मैंने खाना लगा दिया है।" राधा ने खाना परोसते हुए कहा।

राजन डाइनिंग टेबल पर गया और रोटी का पहला कौर कटहल की सब्ज़ी के साथ मुंह में रखने वाला ही था, कि उसे कटहल की सब्जी में खून नजर आया और उसके हाथ से रोटी छूट गई। ये देख कर राधा बोली, "क्या हुआ..? खा क्यों नहीं रहे हैं..? कुछ गले में फंस गया क्या..?"

लेकिन राजन ने जब राधा को देखा, तो इस समय बड़ा विभत्स रूप था उसका। उसके जिस्म में उसे कमला का भयानक रूप दिखा।

खून से सना चेहरा, उसके पंजों से नुची हुई उसकी छाती, खून से तर उसकी लाल लाल आंखें और रक्त से सने उसके फटे चिथड़े कपड़े ..!

कमला के इस भयानक रूप को देखते ही उसके मुंह से एक चींख निकली और वो बेहोश होकर ज़मीन पर गिर गया और तड़पने लगा. !

राजन को जब होश आया, वो अपनी बेड पर था। उस समय सुबह के चार बज चुके थे। अपने मम्मी पापा को सामने देखकर वो हैरान रह गया। उसने अपने मम्मी पापा से कहा, "आप लोग कब आए..?"

"बेटा रात में राधा ने फोन किया, कि तुम्हारी तबीयत बहुत ज़्यादा खराब है, इस खबर को सुनते ही हम दोनों वापस आ गए। बेटा अब कैसी तबीयत है तुम्हारी..?"

राजन ने देखा, राधा उसके सामने खड़ी थी। उसने बार-बार अपनी आंखें मल कर देखा। राधा ही थी। लेकिन रात में तो राधा के चेहरे पर कमला का चेहरा था। बेहद खौफनाक और डरावना ..! और वो कटहल की सब्जी में खून की तरी..? उसका माथा घूम गया और वो अपना सर पकड़ कर बैठ गया।

"क्या हुआ बेटा..!" पिताजी ने उसे सहारा देते हुए पूछा।

"बहुत तेज मेरा सर घूम रहा है। शायद रात मैंने कोई बहुत ही खौफनाक सपना देखा है। मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा है कि मुझे क्या हो गया है। कल रात राधा ने जब मुझे खाना दिया, तब सब्जी की तरी में मुझे खून नजर आया और राधा की शक्ल में मैंने एक राक्षसी को देखा और मैं बेहोश हो गया। मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा है, कि मुझे क्या हो गया है? और क्यों ऐसा हो रहा है मेरे साथ..?"

"फिर तो तुझे किसी बाबा को दिखाना पड़ेगा..! क्योंकि ये भूत-प्रेत का मामला लगता है। मैं आज ही औघड़ बाबा से बात करूंगा।"

"सही कहा पापा आपने।" राधा ने कहा। "कल मेरे को देखकर भी बहकी बहकी बातें कर रहा था और मुझे कमला कहकर बुला रहा था और बार-बार मेरे से कह रहा था कि तुम राधा नहीं हो बल्कि कमला हो। और यह भी कह रहा था, कि मैंने तो तुम्हें मार दिया था। फिर तुम यहां कैसे आई..!"

"फिर तो पक्का पक्का ये भूत प्रेत का ही मामला है। और अब तो औघड़ बाबा ही इसके बारे में कुछ बता पाएंगे । बस ऊपर वाले से यही दुआ है, कि मेरा बेटा जल्दी ठीक हो जाए।"

"पापा, मुझे बहुत तेज नींद आ रही है। और सिर में भी तेज दर्द है। थोड़ी देर सो लूं।"

ठीक है बेटा तू थोड़ी देर आराम कर ले और हम लोग भी बहुत थके हुए हैं। एक-दो घंटे आराम करने के बाद मैं भोले बाबा के यहां जाऊंगा और पूछूंगा, कि ये क्या चक्कर है। क्योंकि भूत प्रेत के मामले में वो बहुत पहुंचे हुए बाबा है..!!
Superb
 

Moon Light

Prime
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304
भाग-4

कमला अभी कुछ महीने पहले ही तो अठारह साल की हुई थी | वो अभी इंटर में पढ़ती थी | राजन भी उसी की क्लास में पढ़ता था | राजन और कमला बहुत ही घनिष्ठ मित्र थे | साथ बैठना साथ पढ़ना और साथ ही लन्च करना | इस बीच वो दोनों कब एक दूसरे को चाहने लगे पता ही नही चला |

वैसे तो राजन में सभी अच्छाई थी, लेकिन उसके अंदर एक बहुत बुरी आदत थी। अगर कोई उसकी बात न मानता तो वो बहुत जल्दी भड़क जाता था और गुस्से में कुछ भी कर सकता था। यह उसकी बचपन से आदत थी। उसके घर में भी लोग उसकी इस आदत से बहुत परेशान थे। खाने-पीने से लेकर खेल खिलौना, जो भी उसे पसंद आ जाए, उसके मां-बाप को उसे दिलवाना पढ़ता था। क्योंकि अगर उसे उसकी पसंद की चीज न मिलती, तो घर में महाभारत मचा देता..!

दूसरी विशेषता उसकी यह थी, कि वो हमेशा कुछ नया करना चाहता था। पुराने ढर्रे पर चलना उसे बिल्कुल पसंद न था। और कमला से दोस्ती भी उसकी इसी कारण हुई थी, क्योंकि वो भी हमेशा कुछ नया करना चाहती थी। उसकी क्लास में सिर्फ राजन ही एक ऐसा लड़का था, जो सबसे अलग हटकर था। उसकी भी हर बात में नयापन था। वो खुले विचारों का था। समाज के बनाए गए बहुत से नियम उसे पसंद नहीं थे। वो सबसे खुलकर हंसता बोलता और इंजॉय करता। चूंकि वो अमीर बाप का बेटा था, इसलिए पैसा भी खूब खर्च करता। और जरूरत पड़ने पर सबकी मदद भी करता।

कमला को ऐतिहासिक किस्से कहानियां पढ़ने में बहुत रुचि थी। घूमना फिरना भी उसे बहुत पसंद था, किंतु जहां और लड़कियों को भीड़ भाड़ वाले बाजार और प्रसिद्ध इमारतें देखना पसंद था, वही कमला को निर्जन और पुराने खंडहरों से लगाव था।

राजन और कमला की दोस्ती धीरे धीरे प्यार में बदल गई। प्यार और मोहब्बत उन दोनों के लिए एक करिश्मा के जैसा था। राजन जब उसे चूमता था, तो कमला को एक अजीब सी फीलिंग होती थी। लेकिन वो एक लड़की थी, इसलिए अपनी सीमा को जानती थी। राजन ने कई बार अपने इस रिलेशन को आगे बढ़ाने की कोशिश की, लेकिन कमला हमेशा उसका दिल तोड़ देती।

एक दिन राजन ने उसको पुरानी हवेली के खंडहर में ले जाने की बात कही और चूंकि कमला को भी पुरानी इमारतों और खंडहरों में घूमने का शौक था, इसलिए तुरंत उसने राजन की बात मान ली। कमला ने अपने घर पर फोन से बता दिया कि आज वह थोड़ा देर से आएगी , क्योंकि उसे अपनी एक सहेली से मिलने जाना है। लेकिन इस बात की तो उसने कल्पना भी न की थी, कि राजन उसे खंडहर में ले जाकर उसकी इज्जत लूटना चाहता है ..!

कमला रात के नौ बजे तक भी जब घर न पहुंची, तब उसके माता-पिता ने उसे फोन किया, लेकिन उसका मोबाइल बंद था। उन्होंने सोचा कि शायद उसके मोबाइल की बैटरी डाउन हो गई होगी। लेकिन जब 11:00 बजे तक भी न उससे फोन पर बात हुई और न वो घर पहुंची तब पुलिस में उन्होंने उसके गायब होने की रिपोर्ट लिखाया।

पुलिस को कमला के मोबाइल की लोकेशन पुरानी हवेली के खंडहर में मिली। इंस्पेक्टर राकेश अपनी दो सिपाहियों के साथ पुरानी हवेली पहुंचा तो चौकीदार राम सिंह से उन्होंने पूछताछ की पहले तो राम सिंह ने पुलिस को गुमराह करने की कोशिश की। लेकिन जब पुलिस ने सख्ती की और बताया कि राधा के अंतिम लोकेशन यही की है, इसलिए सच सच बता कि कहां है राधा..? तब रामसिंह ने सच बताने में ही अपना भला समझा। उसने पुलिस को राजन और कमला के बारे में बताया कि वो दोनों यहां आए थे। और उस समय वह शराब के नशे में था, इसलिए उसे नहीं पता कि वहां क्या हुआ। लेकिन जब वह होश में आया तो वो बिना कपड़ों के कमला की डेड बॉडी से चिपका ।हुआ था। यह देखकर वो बहुत घबरा गया और उसे कुछ समझ में नहीं आया कि वह क्या करें। उसे डर था कि पुलिस उसे गिरफ्तार कर लेगी, तो फिर क्या होगा और कैसे वह अपनी सच्चाई का प्रमाण देगा और इसी डर से उसने कमला की डेड बॉडी को को कुएं में फेंक दिया।

तब पुलिस ने राम सिंह की मदद से कमला की डेड बॉडी को कुएं से बाहर निकाला और कमला के मां-बाप को खबर की।थोड़ी देर में ही कमला के माता पिता पुरानी हवेली आ गए और अपनी बेटी को इस हाल में देखकर बिलख बिलख कर रोने लगे! पुलिस ने राम सिंह को अरेस्ट कर लिया और घटनास्थल का मुआयना कर हर एंगल से वहां की फोटो ली और लाश को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।

* * * * *

राजन के पिताजी सेठ रत्तीलाल जी का सिले सिलाई वस्त्रों का थोक व्यापार था। उनकी थोक की दुकान लखनऊ के अलावा कानपुर और सुल्तानपुर मैं भी थी। इसलिए अपने व्यापार के सिलसिले में हर दूसरे तीसरे दिन वो कानपुर और सुल्तानपुर जाते थे। जब वो लखनऊ के बाहर रहते तब, राजन और राधा को घर में अकेले रहना पड़ता। राधा को इससे बहुत परेशानी होती , मगर राजन को पूरी आजादी मिल जाती अपनी मनमानी करने की। राधा उसकी छोटी बहन थी, इसलिए वह अपने बड़े भाई को ज्यादा कुछ नहीं कह पाती थी । पापा मम्मी के न रहने पर अक्सर वो रात में देर से आया करता और जब राधा उससे देर से आने के बारे में पूछती, तो वो कोई न कोई बहाना बना देता। लेकिन कल रात का किस्सा तो कुछ अजब ही था। क्योंकि राजन को राधा के जिस्म में जब कमला दिखी, तो उसकी घिग्घी बंध गई. ! उसके कुछ भी समझ में न आ रहा था, ये सब क्या है! क्योंकि जब कमला की उसने हत्या कर दी थी, तो यह कमला उसके घर पर कैसे आई..? क्या वास्तव में वो भूत बनकर राधा के जिस्म में प्रवेश कर गई थी..? इस तरह के ख्यालात ने उसकी नींद हराम कर दी थी..! उसका सिर दर्द से फटा जा रहा था और उसका दिमाग बिकुल काम नहीं कर रहा था।

* * * * * *
राजन के पिताजी भी बड़े परेशान थे, कि ये अचानक उनके बेटे क्या हो गया..! इस तरह की बातें उनके जीवन में पहले कभी न हुई थी..! और भूत प्रेत से वैसे भी उन्हें बहुत डर लगता था। लेकिन अब जो कुछ होना था, वो तो हो चुका था.! और ऐसी स्थिति में वो कर भी क्या सकते थे..!

कोई दो-तीन घंटे आराम करने के बाद जैसे तैसे वो तैयार हुए औघड़ बाबा के यहाँ जाने के लिए। और जैसे ही उन्होंने घर के बाहर गेट का दरवाजा खोला, कि सामने पुलिस को देख कर चौंक गए..!
 
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Raj Yadav

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भाग-4

कमला अभी कुछ महीने पहले ही तो अठारह साल की हुई थी | वो अभी इंटर में पढ़ती थी | राजन भी उसी की क्लास में पढ़ता था | राजन और कमला बहुत ही घनिष्ठ मित्र थे | साथ बैठना साथ पढ़ना और साथ ही लन्च करना | इस बीच वो दोनों कब एक दूसरे को चाहने लगे पता ही नही चला |

वैसे तो राजन में सभी अच्छाई थी, लेकिन उसके अंदर एक बहुत बुरी आदत थी। अगर कोई उसकी बात न मानता तो वो बहुत जल्दी भड़क जाता था और गुस्से में कुछ भी कर सकता था। यह उसकी बचपन से आदत थी। उसके घर में भी लोग उसकी इस आदत से बहुत परेशान थे। खाने-पीने से लेकर खेल खिलौना, जो भी उसे पसंद आ जाए, उसके मां-बाप को उसे दिलवाना पढ़ता था। क्योंकि अगर उसे उसकी पसंद की चीज न मिलती, तो घर में महाभारत मचा देता..!

दूसरी विशेषता उसकी यह थी, कि वो हमेशा कुछ नया करना चाहता था। पुराने ढर्रे पर चलना उसे बिल्कुल पसंद न था। और कमला से दोस्ती भी उसकी इसी कारण हुई थी, क्योंकि वो भी हमेशा कुछ नया करना चाहती थी। उसकी क्लास में सिर्फ राजन ही एक ऐसा लड़का था, जो सबसे अलग हटकर था। उसकी भी हर बात में नयापन था। वो खुले विचारों का था। समाज के बनाए गए बहुत से नियम उसे पसंद नहीं थे। वो सबसे खुलकर हंसता बोलता और इंजॉय करता। चूंकि वो अमीर बाप का बेटा था, इसलिए पैसा भी खूब खर्च करता। और जरूरत पड़ने पर सबकी मदद भी करता।

कमला को ऐतिहासिक किस्से कहानियां पढ़ने में बहुत रुचि थी। घूमना फिरना भी उसे बहुत पसंद था, किंतु जहां और लड़कियों को भीड़ भाड़ वाले बाजार और प्रसिद्ध इमारतें देखना पसंद था, वही कमला को निर्जन और पुराने खंडहरों से लगाव था।

राजन और कमला की दोस्ती धीरे धीरे प्यार में बदल गई। प्यार और मोहब्बत उन दोनों के लिए एक करिश्मा के जैसा था। राजन जब उसे चूमता था, तो कमला को एक अजीब सी फीलिंग होती थी। लेकिन वो एक लड़की थी, इसलिए अपनी सीमा को जानती थी। राजन ने कई बार अपने इस रिलेशन को आगे बढ़ाने की कोशिश की, लेकिन कमला हमेशा उसका दिल तोड़ देती।

एक दिन राजन ने उसको पुरानी हवेली के खंडहर में ले जाने की बात कही और चूंकि कमला को भी पुरानी इमारतों और खंडहरों में घूमने का शौक था, इसलिए तुरंत उसने राजन की बात मान ली। कमला ने अपने घर पर फोन से बता दिया कि आज वह थोड़ा देर से आएगी , क्योंकि उसे अपनी एक सहेली से मिलने जाना है। लेकिन इस बात की तो उसने कल्पना भी न की थी, कि राजन उसे खंडहर में ले जाकर उसकी इज्जत लूटना चाहता है ..!

कमला रात के नौ बजे तक भी जब घर न पहुंची, तब उसके माता-पिता ने उसे फोन किया, लेकिन उसका मोबाइल बंद था। उन्होंने सोचा कि शायद उसके मोबाइल की बैटरी डाउन हो गई होगी। लेकिन जब 11:00 बजे तक भी न उससे फोन पर बात हुई और न वो घर पहुंची तब पुलिस में उन्होंने उसके गायब होने की रिपोर्ट लिखाया।

पुलिस को कमला के मोबाइल की लोकेशन पुरानी हवेली के खंडहर में मिली। इंस्पेक्टर राकेश अपनी दो सिपाहियों के साथ पुरानी हवेली पहुंचा तो चौकीदार राम सिंह से उन्होंने पूछताछ की पहले तो राम सिंह ने पुलिस को गुमराह करने की कोशिश की। लेकिन जब पुलिस ने सख्ती की और बताया कि राधा के अंतिम लोकेशन यही की है, इसलिए सच सच बता कि कहां है राधा..? तब रामसिंह ने सच बताने में ही अपना भला समझा। उसने पुलिस को राजन और कमला के बारे में बताया कि वो दोनों यहां आए थे। और उस समय वह शराब के नशे में था, इसलिए उसे नहीं पता कि वहां क्या हुआ। लेकिन जब वह होश में आया तो वो बिना कपड़ों के कमला की डेड बॉडी से चिपका ।हुआ था। यह देखकर वो बहुत घबरा गया और उसे कुछ समझ में नहीं आया कि वह क्या करें। उसे डर था कि पुलिस उसे गिरफ्तार कर लेगी, तो फिर क्या होगा और कैसे वह अपनी सच्चाई का प्रमाण देगा और इसी डर से उसने कमला की डेड बॉडी को को कुएं में फेंक दिया।

तब पुलिस ने राम सिंह की मदद से कमला की डेड बॉडी को कुएं से बाहर निकाला और कमला के मां-बाप को खबर की।थोड़ी देर में ही कमला के माता पिता पुरानी हवेली आ गए और अपनी बेटी को इस हाल में देखकर बिलख बिलख कर रोने लगे! पुलिस ने राम सिंह को अरेस्ट कर लिया और घटनास्थल का मुआयना कर हर एंगल से वहां की फोटो ली और लाश को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।

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राजन के पिताजी सेठ रत्तीलाल जी का सिले सिलाई वस्त्रों का थोक व्यापार था। उनकी थोक की दुकान लखनऊ के अलावा कानपुर और सुल्तानपुर मैं भी थी। इसलिए अपने व्यापार के सिलसिले में हर दूसरे तीसरे दिन वो कानपुर और सुल्तानपुर जाते थे। जब वो लखनऊ के बाहर रहते तब, राजन और राधा को घर में अकेले रहना पड़ता। राधा को इससे बहुत परेशानी होती , मगर राजन को पूरी आजादी मिल जाती अपनी मनमानी करने की। राधा उसकी छोटी बहन थी, इसलिए वह अपने बड़े भाई को ज्यादा कुछ नहीं कह पाती थी । पापा मम्मी के न रहने पर अक्सर वो रात में देर से आया करता और जब राधा उससे देर से आने के बारे में पूछती, तो वो कोई न कोई बहाना बना देता। लेकिन कल रात का किस्सा तो कुछ अजब ही था। क्योंकि राजन को राधा के जिस्म में जब कमला दिखी, तो उसकी घिग्घी बंध गई. ! उसके कुछ भी समझ में न आ रहा था, ये सब क्या है! क्योंकि जब कमला की उसने हत्या कर दी थी, तो यह कमला उसके घर पर कैसे आई..? क्या वास्तव में वो भूत बनकर राधा के जिस्म में प्रवेश कर गई थी..? इस तरह के ख्यालात ने उसकी नींद हराम कर दी थी..! उसका सिर दर्द से फटा जा रहा था और उसका दिमाग बिकुल काम नहीं कर रहा था।

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राजन के पिताजी भी बड़े परेशान थे, कि ये अचानक उनके बेटे क्या हो गया..! इस तरह की बातें उनके जीवन में पहले कभी न हुई थी..! और भूत प्रेत से वैसे भी उन्हें बहुत डर लगता था। लेकिन अब जो कुछ होना था, वो तो हो चुका था.! और ऐसी स्थिति में वो कर भी क्या सकते थे..!

कोई दो-तीन घंटे आराम करने के बाद जैसे तैसे वो तैयार हुए औघड़ बाबा के यहाँ जाने के लिए। और जैसे ही उन्होंने घर के बाहर गेट का दरवाजा खोला, कि सामने पुलिस को देख कर चौंक गए..!
Nice dear
 

Cyanide

Tasteless
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भाग-4

कमला अभी कुछ महीने पहले ही तो अठारह साल की हुई थी | वो अभी इंटर में पढ़ती थी | राजन भी उसी की क्लास में पढ़ता था | राजन और कमला बहुत ही घनिष्ठ मित्र थे | साथ बैठना साथ पढ़ना और साथ ही लन्च करना | इस बीच वो दोनों कब एक दूसरे को चाहने लगे पता ही नही चला |

वैसे तो राजन में सभी अच्छाई थी, लेकिन उसके अंदर एक बहुत बुरी आदत थी। अगर कोई उसकी बात न मानता तो वो बहुत जल्दी भड़क जाता था और गुस्से में कुछ भी कर सकता था। यह उसकी बचपन से आदत थी। उसके घर में भी लोग उसकी इस आदत से बहुत परेशान थे। खाने-पीने से लेकर खेल खिलौना, जो भी उसे पसंद आ जाए, उसके मां-बाप को उसे दिलवाना पढ़ता था। क्योंकि अगर उसे उसकी पसंद की चीज न मिलती, तो घर में महाभारत मचा देता..!

दूसरी विशेषता उसकी यह थी, कि वो हमेशा कुछ नया करना चाहता था। पुराने ढर्रे पर चलना उसे बिल्कुल पसंद न था। और कमला से दोस्ती भी उसकी इसी कारण हुई थी, क्योंकि वो भी हमेशा कुछ नया करना चाहती थी। उसकी क्लास में सिर्फ राजन ही एक ऐसा लड़का था, जो सबसे अलग हटकर था। उसकी भी हर बात में नयापन था। वो खुले विचारों का था। समाज के बनाए गए बहुत से नियम उसे पसंद नहीं थे। वो सबसे खुलकर हंसता बोलता और इंजॉय करता। चूंकि वो अमीर बाप का बेटा था, इसलिए पैसा भी खूब खर्च करता। और जरूरत पड़ने पर सबकी मदद भी करता।

कमला को ऐतिहासिक किस्से कहानियां पढ़ने में बहुत रुचि थी। घूमना फिरना भी उसे बहुत पसंद था, किंतु जहां और लड़कियों को भीड़ भाड़ वाले बाजार और प्रसिद्ध इमारतें देखना पसंद था, वही कमला को निर्जन और पुराने खंडहरों से लगाव था।

राजन और कमला की दोस्ती धीरे धीरे प्यार में बदल गई। प्यार और मोहब्बत उन दोनों के लिए एक करिश्मा के जैसा था। राजन जब उसे चूमता था, तो कमला को एक अजीब सी फीलिंग होती थी। लेकिन वो एक लड़की थी, इसलिए अपनी सीमा को जानती थी। राजन ने कई बार अपने इस रिलेशन को आगे बढ़ाने की कोशिश की, लेकिन कमला हमेशा उसका दिल तोड़ देती।

एक दिन राजन ने उसको पुरानी हवेली के खंडहर में ले जाने की बात कही और चूंकि कमला को भी पुरानी इमारतों और खंडहरों में घूमने का शौक था, इसलिए तुरंत उसने राजन की बात मान ली। कमला ने अपने घर पर फोन से बता दिया कि आज वह थोड़ा देर से आएगी , क्योंकि उसे अपनी एक सहेली से मिलने जाना है। लेकिन इस बात की तो उसने कल्पना भी न की थी, कि राजन उसे खंडहर में ले जाकर उसकी इज्जत लूटना चाहता है ..!

कमला रात के नौ बजे तक भी जब घर न पहुंची, तब उसके माता-पिता ने उसे फोन किया, लेकिन उसका मोबाइल बंद था। उन्होंने सोचा कि शायद उसके मोबाइल की बैटरी डाउन हो गई होगी। लेकिन जब 11:00 बजे तक भी न उससे फोन पर बात हुई और न वो घर पहुंची तब पुलिस में उन्होंने उसके गायब होने की रिपोर्ट लिखाया।

पुलिस को कमला के मोबाइल की लोकेशन पुरानी हवेली के खंडहर में मिली। इंस्पेक्टर राकेश अपनी दो सिपाहियों के साथ पुरानी हवेली पहुंचा तो चौकीदार राम सिंह से उन्होंने पूछताछ की पहले तो राम सिंह ने पुलिस को गुमराह करने की कोशिश की। लेकिन जब पुलिस ने सख्ती की और बताया कि राधा के अंतिम लोकेशन यही की है, इसलिए सच सच बता कि कहां है राधा..? तब रामसिंह ने सच बताने में ही अपना भला समझा। उसने पुलिस को राजन और कमला के बारे में बताया कि वो दोनों यहां आए थे। और उस समय वह शराब के नशे में था, इसलिए उसे नहीं पता कि वहां क्या हुआ। लेकिन जब वह होश में आया तो वो बिना कपड़ों के कमला की डेड बॉडी से चिपका ।हुआ था। यह देखकर वो बहुत घबरा गया और उसे कुछ समझ में नहीं आया कि वह क्या करें। उसे डर था कि पुलिस उसे गिरफ्तार कर लेगी, तो फिर क्या होगा और कैसे वह अपनी सच्चाई का प्रमाण देगा और इसी डर से उसने कमला की डेड बॉडी को को कुएं में फेंक दिया।

तब पुलिस ने राम सिंह की मदद से कमला की डेड बॉडी को कुएं से बाहर निकाला और कमला के मां-बाप को खबर की।थोड़ी देर में ही कमला के माता पिता पुरानी हवेली आ गए और अपनी बेटी को इस हाल में देखकर बिलख बिलख कर रोने लगे! पुलिस ने राम सिंह को अरेस्ट कर लिया और घटनास्थल का मुआयना कर हर एंगल से वहां की फोटो ली और लाश को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।

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राजन के पिताजी सेठ रत्तीलाल जी का सिले सिलाई वस्त्रों का थोक व्यापार था। उनकी थोक की दुकान लखनऊ के अलावा कानपुर और सुल्तानपुर मैं भी थी। इसलिए अपने व्यापार के सिलसिले में हर दूसरे तीसरे दिन वो कानपुर और सुल्तानपुर जाते थे। जब वो लखनऊ के बाहर रहते तब, राजन और राधा को घर में अकेले रहना पड़ता। राधा को इससे बहुत परेशानी होती , मगर राजन को पूरी आजादी मिल जाती अपनी मनमानी करने की। राधा उसकी छोटी बहन थी, इसलिए वह अपने बड़े भाई को ज्यादा कुछ नहीं कह पाती थी । पापा मम्मी के न रहने पर अक्सर वो रात में देर से आया करता और जब राधा उससे देर से आने के बारे में पूछती, तो वो कोई न कोई बहाना बना देता। लेकिन कल रात का किस्सा तो कुछ अजब ही था। क्योंकि राजन को राधा के जिस्म में जब कमला दिखी, तो उसकी घिग्घी बंध गई. ! उसके कुछ भी समझ में न आ रहा था, ये सब क्या है! क्योंकि जब कमला की उसने हत्या कर दी थी, तो यह कमला उसके घर पर कैसे आई..? क्या वास्तव में वो भूत बनकर राधा के जिस्म में प्रवेश कर गई थी..? इस तरह के ख्यालात ने उसकी नींद हराम कर दी थी..! उसका सिर दर्द से फटा जा रहा था और उसका दिमाग बिकुल काम नहीं कर रहा था।

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राजन के पिताजी भी बड़े परेशान थे, कि ये अचानक उनके बेटे क्या हो गया..! इस तरह की बातें उनके जीवन में पहले कभी न हुई थी..! और भूत प्रेत से वैसे भी उन्हें बहुत डर लगता था। लेकिन अब जो कुछ होना था, वो तो हो चुका था.! और ऐसी स्थिति में वो कर भी क्या सकते थे..!

कोई दो-तीन घंटे आराम करने के बाद जैसे तैसे वो तैयार हुए औघड़ बाबा के यहाँ जाने के लिए। और जैसे ही उन्होंने घर के बाहर गेट का दरवाजा खोला, कि सामने पुलिस को देख कर चौंक गए..!
Saari ghatnaye batayi gayi hai yaha pe alag tarike se...Maa baap to pareshan honge hi...
Ye chaukidar jail chala gaya....par police ko Rajan ke waha aane ki khabar bhi de gaya hai...
Police Rajan ke yaha pahuchegi...waise Starting mein Rajan ko accha dikhane ki thodi koshish ki hai.... :sigh: accha hota to aisa thodi karta wo pakka mental hai
Usko to acche se maarne ka
Nice update
 

Rahul

Kingkong
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badhiya update swati jiiiiiiiiiiiiiii rajan ka paap uske upar chadh baitha hai police aa gayi hai upar se kamla ka bhut bhi aa gaya hai ab uski saza suru hogi
 

ashish_1982_in

Well-Known Member
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भाग-4

कमला अभी कुछ महीने पहले ही तो अठारह साल की हुई थी | वो अभी इंटर में पढ़ती थी | राजन भी उसी की क्लास में पढ़ता था | राजन और कमला बहुत ही घनिष्ठ मित्र थे | साथ बैठना साथ पढ़ना और साथ ही लन्च करना | इस बीच वो दोनों कब एक दूसरे को चाहने लगे पता ही नही चला |

वैसे तो राजन में सभी अच्छाई थी, लेकिन उसके अंदर एक बहुत बुरी आदत थी। अगर कोई उसकी बात न मानता तो वो बहुत जल्दी भड़क जाता था और गुस्से में कुछ भी कर सकता था। यह उसकी बचपन से आदत थी। उसके घर में भी लोग उसकी इस आदत से बहुत परेशान थे। खाने-पीने से लेकर खेल खिलौना, जो भी उसे पसंद आ जाए, उसके मां-बाप को उसे दिलवाना पढ़ता था। क्योंकि अगर उसे उसकी पसंद की चीज न मिलती, तो घर में महाभारत मचा देता..!

दूसरी विशेषता उसकी यह थी, कि वो हमेशा कुछ नया करना चाहता था। पुराने ढर्रे पर चलना उसे बिल्कुल पसंद न था। और कमला से दोस्ती भी उसकी इसी कारण हुई थी, क्योंकि वो भी हमेशा कुछ नया करना चाहती थी। उसकी क्लास में सिर्फ राजन ही एक ऐसा लड़का था, जो सबसे अलग हटकर था। उसकी भी हर बात में नयापन था। वो खुले विचारों का था। समाज के बनाए गए बहुत से नियम उसे पसंद नहीं थे। वो सबसे खुलकर हंसता बोलता और इंजॉय करता। चूंकि वो अमीर बाप का बेटा था, इसलिए पैसा भी खूब खर्च करता। और जरूरत पड़ने पर सबकी मदद भी करता।

कमला को ऐतिहासिक किस्से कहानियां पढ़ने में बहुत रुचि थी। घूमना फिरना भी उसे बहुत पसंद था, किंतु जहां और लड़कियों को भीड़ भाड़ वाले बाजार और प्रसिद्ध इमारतें देखना पसंद था, वही कमला को निर्जन और पुराने खंडहरों से लगाव था।

राजन और कमला की दोस्ती धीरे धीरे प्यार में बदल गई। प्यार और मोहब्बत उन दोनों के लिए एक करिश्मा के जैसा था। राजन जब उसे चूमता था, तो कमला को एक अजीब सी फीलिंग होती थी। लेकिन वो एक लड़की थी, इसलिए अपनी सीमा को जानती थी। राजन ने कई बार अपने इस रिलेशन को आगे बढ़ाने की कोशिश की, लेकिन कमला हमेशा उसका दिल तोड़ देती।

एक दिन राजन ने उसको पुरानी हवेली के खंडहर में ले जाने की बात कही और चूंकि कमला को भी पुरानी इमारतों और खंडहरों में घूमने का शौक था, इसलिए तुरंत उसने राजन की बात मान ली। कमला ने अपने घर पर फोन से बता दिया कि आज वह थोड़ा देर से आएगी , क्योंकि उसे अपनी एक सहेली से मिलने जाना है। लेकिन इस बात की तो उसने कल्पना भी न की थी, कि राजन उसे खंडहर में ले जाकर उसकी इज्जत लूटना चाहता है ..!

कमला रात के नौ बजे तक भी जब घर न पहुंची, तब उसके माता-पिता ने उसे फोन किया, लेकिन उसका मोबाइल बंद था। उन्होंने सोचा कि शायद उसके मोबाइल की बैटरी डाउन हो गई होगी। लेकिन जब 11:00 बजे तक भी न उससे फोन पर बात हुई और न वो घर पहुंची तब पुलिस में उन्होंने उसके गायब होने की रिपोर्ट लिखाया।

पुलिस को कमला के मोबाइल की लोकेशन पुरानी हवेली के खंडहर में मिली। इंस्पेक्टर राकेश अपनी दो सिपाहियों के साथ पुरानी हवेली पहुंचा तो चौकीदार राम सिंह से उन्होंने पूछताछ की पहले तो राम सिंह ने पुलिस को गुमराह करने की कोशिश की। लेकिन जब पुलिस ने सख्ती की और बताया कि राधा के अंतिम लोकेशन यही की है, इसलिए सच सच बता कि कहां है राधा..? तब रामसिंह ने सच बताने में ही अपना भला समझा। उसने पुलिस को राजन और कमला के बारे में बताया कि वो दोनों यहां आए थे। और उस समय वह शराब के नशे में था, इसलिए उसे नहीं पता कि वहां क्या हुआ। लेकिन जब वह होश में आया तो वो बिना कपड़ों के कमला की डेड बॉडी से चिपका ।हुआ था। यह देखकर वो बहुत घबरा गया और उसे कुछ समझ में नहीं आया कि वह क्या करें। उसे डर था कि पुलिस उसे गिरफ्तार कर लेगी, तो फिर क्या होगा और कैसे वह अपनी सच्चाई का प्रमाण देगा और इसी डर से उसने कमला की डेड बॉडी को को कुएं में फेंक दिया।

तब पुलिस ने राम सिंह की मदद से कमला की डेड बॉडी को कुएं से बाहर निकाला और कमला के मां-बाप को खबर की।थोड़ी देर में ही कमला के माता पिता पुरानी हवेली आ गए और अपनी बेटी को इस हाल में देखकर बिलख बिलख कर रोने लगे! पुलिस ने राम सिंह को अरेस्ट कर लिया और घटनास्थल का मुआयना कर हर एंगल से वहां की फोटो ली और लाश को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।

* * * * *

राजन के पिताजी सेठ रत्तीलाल जी का सिले सिलाई वस्त्रों का थोक व्यापार था। उनकी थोक की दुकान लखनऊ के अलावा कानपुर और सुल्तानपुर मैं भी थी। इसलिए अपने व्यापार के सिलसिले में हर दूसरे तीसरे दिन वो कानपुर और सुल्तानपुर जाते थे। जब वो लखनऊ के बाहर रहते तब, राजन और राधा को घर में अकेले रहना पड़ता। राधा को इससे बहुत परेशानी होती , मगर राजन को पूरी आजादी मिल जाती अपनी मनमानी करने की। राधा उसकी छोटी बहन थी, इसलिए वह अपने बड़े भाई को ज्यादा कुछ नहीं कह पाती थी । पापा मम्मी के न रहने पर अक्सर वो रात में देर से आया करता और जब राधा उससे देर से आने के बारे में पूछती, तो वो कोई न कोई बहाना बना देता। लेकिन कल रात का किस्सा तो कुछ अजब ही था। क्योंकि राजन को राधा के जिस्म में जब कमला दिखी, तो उसकी घिग्घी बंध गई. ! उसके कुछ भी समझ में न आ रहा था, ये सब क्या है! क्योंकि जब कमला की उसने हत्या कर दी थी, तो यह कमला उसके घर पर कैसे आई..? क्या वास्तव में वो भूत बनकर राधा के जिस्म में प्रवेश कर गई थी..? इस तरह के ख्यालात ने उसकी नींद हराम कर दी थी..! उसका सिर दर्द से फटा जा रहा था और उसका दिमाग बिकुल काम नहीं कर रहा था।

* * * * * *
राजन के पिताजी भी बड़े परेशान थे, कि ये अचानक उनके बेटे क्या हो गया..! इस तरह की बातें उनके जीवन में पहले कभी न हुई थी..! और भूत प्रेत से वैसे भी उन्हें बहुत डर लगता था। लेकिन अब जो कुछ होना था, वो तो हो चुका था.! और ऐसी स्थिति में वो कर भी क्या सकते थे..!

कोई दो-तीन घंटे आराम करने के बाद जैसे तैसे वो तैयार हुए औघड़ बाबा के यहाँ जाने के लिए। और जैसे ही उन्होंने घर के बाहर गेट का दरवाजा खोला, कि सामने पुलिस को देख कर चौंक गए..!
very nice update
 

🅡 🅐 🅥 🅐 🅝

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कमला अभी कुछ महीने पहले ही तो अठारह साल की हुई थी | वो अभी इंटर में पढ़ती थी | राजन भी उसी की क्लास में पढ़ता था | राजन और कमला बहुत ही घनिष्ठ मित्र थे | साथ बैठना साथ पढ़ना और साथ ही लन्च करना | इस बीच वो दोनों कब एक दूसरे को चाहने लगे पता ही नही चला |

वैसे तो राजन में सभी अच्छाई थी, लेकिन उसके अंदर एक बहुत बुरी आदत थी। अगर कोई उसकी बात न मानता तो वो बहुत जल्दी भड़क जाता था और गुस्से में कुछ भी कर सकता था। यह उसकी बचपन से आदत थी। उसके घर में भी लोग उसकी इस आदत से बहुत परेशान थे। खाने-पीने से लेकर खेल खिलौना, जो भी उसे पसंद आ जाए, उसके मां-बाप को उसे दिलवाना पढ़ता था। क्योंकि अगर उसे उसकी पसंद की चीज न मिलती, तो घर में महाभारत मचा देता..!

दूसरी विशेषता उसकी यह थी, कि वो हमेशा कुछ नया करना चाहता था। पुराने ढर्रे पर चलना उसे बिल्कुल पसंद न था। और कमला से दोस्ती भी उसकी इसी कारण हुई थी, क्योंकि वो भी हमेशा कुछ नया करना चाहती थी। उसकी क्लास में सिर्फ राजन ही एक ऐसा लड़का था, जो सबसे अलग हटकर था। उसकी भी हर बात में नयापन था। वो खुले विचारों का था। समाज के बनाए गए बहुत से नियम उसे पसंद नहीं थे। वो सबसे खुलकर हंसता बोलता और इंजॉय करता। चूंकि वो अमीर बाप का बेटा था, इसलिए पैसा भी खूब खर्च करता। और जरूरत पड़ने पर सबकी मदद भी करता।

कमला को ऐतिहासिक किस्से कहानियां पढ़ने में बहुत रुचि थी। घूमना फिरना भी उसे बहुत पसंद था, किंतु जहां और लड़कियों को भीड़ भाड़ वाले बाजार और प्रसिद्ध इमारतें देखना पसंद था, वही कमला को निर्जन और पुराने खंडहरों से लगाव था।

राजन और कमला की दोस्ती धीरे धीरे प्यार में बदल गई। प्यार और मोहब्बत उन दोनों के लिए एक करिश्मा के जैसा था। राजन जब उसे चूमता था, तो कमला को एक अजीब सी फीलिंग होती थी। लेकिन वो एक लड़की थी, इसलिए अपनी सीमा को जानती थी। राजन ने कई बार अपने इस रिलेशन को आगे बढ़ाने की कोशिश की, लेकिन कमला हमेशा उसका दिल तोड़ देती।

एक दिन राजन ने उसको पुरानी हवेली के खंडहर में ले जाने की बात कही और चूंकि कमला को भी पुरानी इमारतों और खंडहरों में घूमने का शौक था, इसलिए तुरंत उसने राजन की बात मान ली। कमला ने अपने घर पर फोन से बता दिया कि आज वह थोड़ा देर से आएगी , क्योंकि उसे अपनी एक सहेली से मिलने जाना है। लेकिन इस बात की तो उसने कल्पना भी न की थी, कि राजन उसे खंडहर में ले जाकर उसकी इज्जत लूटना चाहता है ..!

कमला रात के नौ बजे तक भी जब घर न पहुंची, तब उसके माता-पिता ने उसे फोन किया, लेकिन उसका मोबाइल बंद था। उन्होंने सोचा कि शायद उसके मोबाइल की बैटरी डाउन हो गई होगी। लेकिन जब 11:00 बजे तक भी न उससे फोन पर बात हुई और न वो घर पहुंची तब पुलिस में उन्होंने उसके गायब होने की रिपोर्ट लिखाया।

पुलिस को कमला के मोबाइल की लोकेशन पुरानी हवेली के खंडहर में मिली। इंस्पेक्टर राकेश अपनी दो सिपाहियों के साथ पुरानी हवेली पहुंचा तो चौकीदार राम सिंह से उन्होंने पूछताछ की पहले तो राम सिंह ने पुलिस को गुमराह करने की कोशिश की। लेकिन जब पुलिस ने सख्ती की और बताया कि राधा के अंतिम लोकेशन यही की है, इसलिए सच सच बता कि कहां है राधा..? तब रामसिंह ने सच बताने में ही अपना भला समझा। उसने पुलिस को राजन और कमला के बारे में बताया कि वो दोनों यहां आए थे। और उस समय वह शराब के नशे में था, इसलिए उसे नहीं पता कि वहां क्या हुआ। लेकिन जब वह होश में आया तो वो बिना कपड़ों के कमला की डेड बॉडी से चिपका ।हुआ था। यह देखकर वो बहुत घबरा गया और उसे कुछ समझ में नहीं आया कि वह क्या करें। उसे डर था कि पुलिस उसे गिरफ्तार कर लेगी, तो फिर क्या होगा और कैसे वह अपनी सच्चाई का प्रमाण देगा और इसी डर से उसने कमला की डेड बॉडी को को कुएं में फेंक दिया।

तब पुलिस ने राम सिंह की मदद से कमला की डेड बॉडी को कुएं से बाहर निकाला और कमला के मां-बाप को खबर की।थोड़ी देर में ही कमला के माता पिता पुरानी हवेली आ गए और अपनी बेटी को इस हाल में देखकर बिलख बिलख कर रोने लगे! पुलिस ने राम सिंह को अरेस्ट कर लिया और घटनास्थल का मुआयना कर हर एंगल से वहां की फोटो ली और लाश को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।

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राजन के पिताजी सेठ रत्तीलाल जी का सिले सिलाई वस्त्रों का थोक व्यापार था। उनकी थोक की दुकान लखनऊ के अलावा कानपुर और सुल्तानपुर मैं भी थी। इसलिए अपने व्यापार के सिलसिले में हर दूसरे तीसरे दिन वो कानपुर और सुल्तानपुर जाते थे। जब वो लखनऊ के बाहर रहते तब, राजन और राधा को घर में अकेले रहना पड़ता। राधा को इससे बहुत परेशानी होती , मगर राजन को पूरी आजादी मिल जाती अपनी मनमानी करने की। राधा उसकी छोटी बहन थी, इसलिए वह अपने बड़े भाई को ज्यादा कुछ नहीं कह पाती थी । पापा मम्मी के न रहने पर अक्सर वो रात में देर से आया करता और जब राधा उससे देर से आने के बारे में पूछती, तो वो कोई न कोई बहाना बना देता। लेकिन कल रात का किस्सा तो कुछ अजब ही था। क्योंकि राजन को राधा के जिस्म में जब कमला दिखी, तो उसकी घिग्घी बंध गई. ! उसके कुछ भी समझ में न आ रहा था, ये सब क्या है! क्योंकि जब कमला की उसने हत्या कर दी थी, तो यह कमला उसके घर पर कैसे आई..? क्या वास्तव में वो भूत बनकर राधा के जिस्म में प्रवेश कर गई थी..? इस तरह के ख्यालात ने उसकी नींद हराम कर दी थी..! उसका सिर दर्द से फटा जा रहा था और उसका दिमाग बिकुल काम नहीं कर रहा था।

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राजन के पिताजी भी बड़े परेशान थे, कि ये अचानक उनके बेटे क्या हो गया..! इस तरह की बातें उनके जीवन में पहले कभी न हुई थी..! और भूत प्रेत से वैसे भी उन्हें बहुत डर लगता था। लेकिन अब जो कुछ होना था, वो तो हो चुका था.! और ऐसी स्थिति में वो कर भी क्या सकते थे..!

कोई दो-तीन घंटे आराम करने के बाद जैसे तैसे वो तैयार हुए औघड़ बाबा के यहाँ जाने के लिए। और जैसे ही उन्होंने घर के बाहर गेट का दरवाजा खोला, कि सामने पुलिस को देख कर चौंक गए..!
Nice
 
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भाग~3
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राजन जब अपने घर पहुंचा उस समय रात के 12:00 बज चुके थे। राधा ने उसे देखते ही पूछा, "इतनी देर कैसे हो गई आज..? और मैं कितनी देर से तुम्हें फोन लगा रही हूं, और तुमने फोन भी नहीं उठाया..! ..क्यों..?"

"त..त..तुम..? तुम यहाँ कैसे आई..? त..त..त...तुमको तो मैंने मार दिया था..! त..त..तुम ज़िंदा कैसे हो..?"

"ये क्या कह रहे हो भइया तुम..? और किसकी बात तुम कर रहे हो ..?और किस को तुमने मार दिया..?"

"वो..वो..कमला..! हां.. हां..वो..मैं कमला की बात कर रहा हूँ..!"

"पर ये कमला कौन है..? मैं तो इस नाम की किसी भी लड़की को नहीं जानती..! ये किस तरह की बहकी बहकी बातें कर रहे हो तुम..?"

"तुम राधा नहीं.. तुम..तुम..कमला हो..??"

यह सुनते ही राधा खिलखिला कर हंस पड़ी फिर बोली, "भइया, तुम्हारी मजाक करने की आदत अब तक नहीं गई..! भला मैं कमला कैसे हो सकती हूं..? कहीं ऐसा तो नहीं, कि तूने मेरा नाम राधा से बदलकर कमला रख दिया..?"

"मैं..मैं..भला ऐसा क्यों करूंगा..?"

"तो फिर बार-बार मुझको कमला क्यों कह रहे हो..?"

"इसलिए कि तू कमला ही है। यह देख शीशे में अपना मुंह..!" सामने मेज़ पर रखा एक शीशा उसे देते हुए राजन ने कहा।

"क्यों..? क्या खराबी है मेरे चेहरे में..? ठीक-ठाक तो हूं..!" राधा ने शीशे में अपना चेहरा देखते हुए कहा।

"इसका मतलब सिर्फ मुझको ही राधा के चेहरे में कमला का चेहरा दिख रहा है..! कहीं ये मेरा भ्रम तो नहीं है..? दारू के नशे का तो असर नहीं है..?" फिर कई बार अपनी आंखें मींच मींच कर उसने देखा, लेकिन हर बार उसको राधा के जिस्म में कमला ही नजर आई।

उसकी बुद्धि कुछ काम नहीं कर रही थी और इस समय बहुत डरा हुआ था वो।

तभी राधा ने उससे कहा, "तुम बैठो, मैं अभी तुम्हारे लिए खाना लगाती हूं। आज मैंने तुम्हारे पसंद की कटहल की सब्जी बनाई है।"और यह कहकर वो रसोई घर में चली गई।

राजन ने सोचा, "पर यह कैसे मुमकिन है कि मुझे राधा के जिस्म में कमला नजर आ रही है, वो कमला जिसका मैंने खून कर दिया है!"

"आ जाओ डाइनिंग टेबल पर। मैंने खाना लगा दिया है।" राधा ने खाना परोसते हुए कहा।

राजन डाइनिंग टेबल पर गया और रोटी का पहला कौर कटहल की सब्ज़ी के साथ मुंह में रखने वाला ही था, कि उसे कटहल की सब्जी में खून नजर आया और उसके हाथ से रोटी छूट गई। ये देख कर राधा बोली, "क्या हुआ..? खा क्यों नहीं रहे हैं..? कुछ गले में फंस गया क्या..?"

लेकिन राजन ने जब राधा को देखा, तो इस समय बड़ा विभत्स रूप था उसका। उसके जिस्म में उसे कमला का भयानक रूप दिखा।

खून से सना चेहरा, उसके पंजों से नुची हुई उसकी छाती, खून से तर उसकी लाल लाल आंखें और रक्त से सने उसके फटे चिथड़े कपड़े ..!

कमला के इस भयानक रूप को देखते ही उसके मुंह से एक चींख निकली और वो बेहोश होकर ज़मीन पर गिर गया और तड़पने लगा. !

राजन को जब होश आया, वो अपनी बेड पर था। उस समय सुबह के चार बज चुके थे। अपने मम्मी पापा को सामने देखकर वो हैरान रह गया। उसने अपने मम्मी पापा से कहा, "आप लोग कब आए..?"

"बेटा रात में राधा ने फोन किया, कि तुम्हारी तबीयत बहुत ज़्यादा खराब है, इस खबर को सुनते ही हम दोनों वापस आ गए। बेटा अब कैसी तबीयत है तुम्हारी..?"

राजन ने देखा, राधा उसके सामने खड़ी थी। उसने बार-बार अपनी आंखें मल कर देखा। राधा ही थी। लेकिन रात में तो राधा के चेहरे पर कमला का चेहरा था। बेहद खौफनाक और डरावना ..! और वो कटहल की सब्जी में खून की तरी..? उसका माथा घूम गया और वो अपना सर पकड़ कर बैठ गया।

"क्या हुआ बेटा..!" पिताजी ने उसे सहारा देते हुए पूछा।

"बहुत तेज मेरा सर घूम रहा है। शायद रात मैंने कोई बहुत ही खौफनाक सपना देखा है। मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा है कि मुझे क्या हो गया है। कल रात राधा ने जब मुझे खाना दिया, तब सब्जी की तरी में मुझे खून नजर आया और राधा की शक्ल में मैंने एक राक्षसी को देखा और मैं बेहोश हो गया। मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा है, कि मुझे क्या हो गया है? और क्यों ऐसा हो रहा है मेरे साथ..?"

"फिर तो तुझे किसी बाबा को दिखाना पड़ेगा..! क्योंकि ये भूत-प्रेत का मामला लगता है। मैं आज ही औघड़ बाबा से बात करूंगा।"

"सही कहा पापा आपने।" राधा ने कहा। "कल मेरे को देखकर भी बहकी बहकी बातें कर रहा था और मुझे कमला कहकर बुला रहा था और बार-बार मेरे से कह रहा था कि तुम राधा नहीं हो बल्कि कमला हो। और यह भी कह रहा था, कि मैंने तो तुम्हें मार दिया था। फिर तुम यहां कैसे आई..!"

"फिर तो पक्का पक्का ये भूत प्रेत का ही मामला है। और अब तो औघड़ बाबा ही इसके बारे में कुछ बता पाएंगे । बस ऊपर वाले से यही दुआ है, कि मेरा बेटा जल्दी ठीक हो जाए।"

"पापा, मुझे बहुत तेज नींद आ रही है। और सिर में भी तेज दर्द है। थोड़ी देर सो लूं।"

ठीक है बेटा तू थोड़ी देर आराम कर ले और हम लोग भी बहुत थके हुए हैं। एक-दो घंटे आराम करने के बाद मैं भोले बाबा के यहां जाऊंगा और पूछूंगा, कि ये क्या चक्कर है। क्योंकि भूत प्रेत के मामले में वो बहुत पहुंचे हुए बाबा है..!!
Greattt job swati ji. Such a mind blowing update and your writing skill. :applause: :applause: :applause:

Bure kaam ka bura anjaam ye to jag jaahir baat hai. Rajan ne apni hawas ke liye ek masoom si kamla ki jaan le li. Ab uske liye koi na koi dand to bhugatna hi padega. Apni hi bahan radha me use kamla najar aa rahi thi. Kathal ko sabji me khoon najar aane laga ye sab uska waham hai ya fir kamla ka bhoot kar raha hai. Radha ki to haalat hi kharaab ho gai thi ki uske bhai ko usme kamla kyo dikh rahi hai. Achha hua ki rajan apni bahan me kamla ko dekh dar hi gaya tha warna agar uske andar hawas bhar jati to bahan ko hi patak ke chadh jata uske upar. :coffee1:

Rajan ki problem dekh kar rajan ke baap ko lagta hai ki uske bete ke andar kisi bhoot pret ka saya hai is liye wo use kisi baba ko dikhane ki baat kar rahe hain so dekhte hain kya hota hai. :coffeepc:



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