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Incest बेटी के साथ यौन कुंठा की तृप्ति

pripre

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सबसे पहले सबका बहुत बहुत धन्यवाद कहानी को पसंद करने के लिए |

अब आगे .....

पिछले एक घंटे में प्रिय तीन बार झड़ चुकी थी | वह अपनी गांड ऊपर किये पेट के बल औँधे मुँह ज़मीन पर लेट गयी | उसके हाथ अभी भी बंधे हुए थे | मैं भी थोड़ा थक गया था | हालाँकि अभी असली काम बाकी था , अपनी बेटी की ताबड़ तोड़ चुदाई करने का | लेकिन अपनी बेटी के साथ गन्दी ठरकी हरकतें करने से और उसको तड़पाने, रुलाने से मेरे अंदर बरसों से भरी यौन कुंठा को एक अजीब सी शान्ति मिल रही थी | इसलिए सीधे चुदाई ना करके मैंने अपने बाप बेटी के रिश्ते को भूलकर अपनी कुंठा को शांत करने के ही बारे में सोचा | उसके लिए मुझे अभी प्रिया को और तड़पाना था, उसको और रुलाना था और उसकी कामुकता से भरी चीखें सुननी थी |

प्रिया ऐसे ही लेटी हुई थी | मैं उठा और उसको पुछा प्रिया बेटी थक गयी होगी कुछ खाने को लाओं | उसने लेटे लेटे हाँ में सर हिला दिया | मैंने निचे गया और फ्रिज में कुछ खाने के लिए देखने लगा | मैंने थोड़ी सी ब्रेड और जैम ले लिया | साथ में २-३ केले और थोड़े से अंगूर ले लिए | ये सब लेकर मैं वापस ऊपर प्रिया के पास आया | प्रिया अभी भी गांड ऊपर किये लेटी हुई थी | उसकी कच्छी पूरी गीली होके उसक मोटी गांड से चिपक गयी थी | गोरी गदरायी हुई गांड देखकर मेरा मन फिर मचल गया | मैंने पास ही पड़ी हुई नायलॉन की एक रस्सी उठायी और जोर से प्रिया की मोटी गोरी गांड पर दे मारी और बोला चल बेटी कुछ खा ले | प्रिया बुरी तरह से चीख उठी , उसकी आँखों से आंसूं निकल पड़े और वो बिलबिलाते हुए उठ के बैठ गयी | रोते रोते बोली पापा मत मारा करो ऐसे बहुत दर्द होता है |

फिर मैंने ब्रेड के दो पीस निकाले और उसपर जैम लगाकर उसको खाने को दिए और खुद भी खाने लगा |
प्रिया जब ब्रेड खा रही थी मुझे एक गन्दा ख्याल आया | मैंने उसके हाथ से ब्रेड छीनी और उसको ज़मीन पर पड़े हुए उसकी चूत के पानी में रगड़ दिया | फिर मैंने अपने कच्छे में घुसाकर उस ब्रेड को अच्छे से अपने लंड पर रगड़ा | फिर मैंने उसको वो ब्रेड खाने को कहा | उसने बड़ी घिनंता से ब्रेड को देखकर मुँह दूसरी तरफ फेर लिया | मैंने उसके बाल पकड़े और जबरदस्ती उसके मुँह में ब्रेड डाल दी | वो रोते रोते ब्रेड खाने लगी | मैंने ऐसे ही २-३ पीेछे उसको खिला दिए |

फिर मैंने प्रिया को ज़मीन पर कुटिया बनने को कहा | अब मैंने एक केला लिया और उसको पूरा छील दिया | फिर मैंने धीरे से प्रिया की कच्छी हटाई और वो केला उसकी गांड में दे दिया | ठंडा ठंडा केला जब उसकी गरम गरम गांड में घुसा तो वो सिसक उठी | मैंने अच्छे से उसकी गांड में केला अंदर तक डाला | फिर मैं आगे गया और उसको केले को चूसने को कहा | वो कुछ न नुकुर करती उससे पहले ही मैंने उसकी गांड पे जोर से नायलॉन की रस्सी दे मारी | उसने चीख मारने के लिए जैसे ही मुँह खोला मैंने वो केला उसके मुँह में दे दिया चूसने के लिए | फिर उसने वो केला खा भी लिया |

प्रिया ज़मीन पर कुतिया बनी हुई थी | अब मैं भी अपने घुटनों पर बैठ गया प्रिया के मुँह की तरफ गांड करके एक कुत्ते की तरह | मैंने अपना कच्छा उतार दिया घुटनों तक और एक और केला लेकर अपनी गांड में घुसा दिया | फिर मैंने प्रिया को पीछे से उस केले को चूसने को बोला और साथ में उस केले को अपने मुँह में पकड़ के मेरी गांड में अंदर बाहर करने को बोला | वो ऐसा करने लगी | एक अजीब सा यौन सुख मिल रहा था मुझे | फिर मैंने प्रिया को जल्दी से वही केला खा के ख़तम करने को बोला |

केला खाते खाते वो मेरी गांड तक पहुँच गयी | केले का आखरी हिस्सा मेरी गांड में पूरा घुसा हुआ था | मैंने उसको वो भी खाने को बोला | वो बोली बस पापा आगे मुँह नहीं जाएगा | मैं बोला बेटी अपनी जीभ निकाल के खाना पड़ेगा तुझे | वो कुछ ना नुकुर करती इससे पहले मैंने अपने हाथ में वही नायलॉन की रस्सी उठा ली | उसने डर के मारे अपनी जीभ निकाली और मेरी गांड में फेज हुए केले को चाट चाट के खाने लगी | मेरी बदबूदार गांड में घुसा केला बड़ी मुश्किल से खाया उसने | उसको पता था की अगर नहीं खायेगी तो गांड पर रस्सी पड़ेगी |

इतनी गन्दी हरकतें करके थोड़ी यौन कुंठा शांत हुई | अब वक़्त हो चला था अपनी बेटी की कुंवारी कमसिन चूत को चोद के अपनी और उसकी वासना को शांत करने का | लौड़ा बहुत कड़क हो चला था अब तक | मैंने प्रिया के हाथ खोल दिए और मैं थोड़ी दूर जाकर ज़मीन पर पीठ के बल लेट गया और अपना कच्छा पूरा उतार दिया | मेरा 9" का लौड़ा फनफनाते हुए बाहर आ गया | मेरे लौड़े की एक एक नस नज़र आ रही थी | उसको देख के प्रिया डर गयी | मैंने प्रिया को अपने पास आने को कहा | वो ऐसी ही कुतिया की तरह अपने हाथों और घुटनों पर चलते हुए मेरे पास आयी | मैने उसको लौड़ा अपने हाथों में लेकर सहलाने को बोला और साथ की अपनी जीभ से पूरे लौड़े और टट्टों को ऊपर से निचे तक चाटने को बोला | वो ऐसा करने लगी | मुझे लगा जैसे स्वर्ग मिल गया हो | फिर मैंने उसको लौड़ा चूसने को बोला | वो सुर्प सुर्प की आवाजें निकाल के लौड़ा चूसने लगी | उसकी थूक और मेरे लौड़ा का रस लगातार बहे जा रहे थे |
 
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Nasn

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सबसे पहले सबका बहुत बहुत धन्यवाद कहानी को पसंद करने के लिए |

अब आगे .....

पिछले एक घंटे में प्रिय तीन बार झड़ चुकी थी | वह अपनी गांड ऊपर किये पेट के बल औँधे मुँह ज़मीन पर लेट गयी | उसके हाथ अभी भी बंधे हुए थे | मैं भी थोड़ा थक गया था | हालाँकि अभी असली काम बाकी था , अपनी बेटी की ताबड़ तोड़ चुदाई करने का | लेकिन अपनी बेटी के साथ गन्दी ठरकी हरकतें करने से और उसको तड़पाने, रुलाने से मेरे अंदर बरसों से भरी यौन कुंठा को एक अजीब सी शान्ति मिल रही थी | इसलिए सीधे चुदाई ना करके मैंने अपने बाप बेटी के रिश्ते को भूलकर अपनी कुंठा को शांत करने के ही बारे में सोचा | उसके लिए मुझे अभी प्रिया को और तड़पाना था, उसको और रुलाना था और उसकी कामुकता से भरी चीखें सुननी थी |

प्रिया ऐसे ही लेटी हुई थी | मैं उठा और उसको पुछा प्रिया बेटी थक गयी होगी कुछ खाने को लाओं | उसने लेटे लेटे हाँ में सर हिला दिया | मैंने निचे गया और फ्रिज में कुछ खाने के लिए देखने लगा | मैंने थोड़ी सी ब्रेड और जैम ले लिया | साथ में २-३ केले और थोड़े से अंगूर ले लिए | ये सब लेकर मैं वापस ऊपर प्रिया के पास आया | प्रिया अभी भी गांड ऊपर किये लेटी हुई थी | उसकी कच्छी पूरी गीली होके उसक मोटी गांड से चिपक गयी थी | गोरी गदरायी हुई गांड देखकर मेरा मन फिर मचल गया | मैंने पास ही पड़ी हुई नायलॉन की एक रस्सी उठायी और जोर से प्रिया की मोटी गोरी गांड पर दे मारी और बोला चल बेटी कुछ खा ले | प्रिया बुरी तरह से चीख उठी , उसकी आँखों से आंसूं निकल पड़े और वो बिलबिलाते हुए उठ के बैठ गयी | रोते रोते बोली पापा मत मारा करो ऐसे बहुत दर्द होता है |

फिर मैंने ब्रेड के दो पीस निकाले और उसपर जैम लगाकर उसको खाने को दिए और खुद भी खाने लगा |
प्रिया जब ब्रेड खा रही थी मुझे एक गन्दा ख्याल आया | मैंने उसके हाथ से ब्रेड छीनी और उसको ज़मीन पर पड़े हुए उसकी चूत के पानी में रगड़ दिया | फिर मैंने अपने कच्छे में घुसाकर उस ब्रेड को अच्छे से अपने लंड पर रगड़ा | फिर मैंने उसको वो ब्रेड खाने को कहा | उसने बड़ी घिनंता से ब्रेड को देखकर मुँह दूसरी तरफ फेर लिया | मैंने उसके बाल पकड़े और जबरदस्ती उसके मुँह में ब्रेड डाल दी | वो रोते रोते ब्रेड खाने लगी | मैंने ऐसे ही २-३ पीेछे उसको खिला दिए |

फिर मैंने प्रिया को ज़मीन पर कुटिया बनने को कहा | अब मैंने एक केला लिया और उसको पूरा छील दिया | फिर मैंने धीरे से प्रिया की कच्छी हटाई और वो केला उसकी गांड में दे दिया | ठंडा ठंडा केला जब उसकी गरम गरम गांड में घुसा तो वो सिसक उठी | मैंने अच्छे से उसकी गांड में केला अंदर तक डाला | फिर मैं आगे गया और उसको केले को चूसने को कहा | वो कुछ न नुकुर करती उससे पहले ही मैंने उसकी गांड पे जोर से नायलॉन की रस्सी दे मारी | उसने चीख मारने के लिए जैसे ही मुँह खोला मैंने वो केला उसके मुँह में दे दिया चूसने के लिए | फिर उसने वो केला खा भी लिया |

प्रिया ज़मीन पर कुतिया बनी हुई थी | अब मैं भी अपने घुटनों पर बैठ गया प्रिया के मुँह की तरफ गांड करके एक कुत्ते की तरह | मैंने अपना कच्छा उतार दिया घुटनों तक और एक और केला लेकर अपनी गांड में घुसा दिया | फिर मैंने प्रिया को पीछे से उस केले को चूसने को बोला और साथ में उस केले को अपने मुँह में पकड़ के मेरी गांड में अंदर बाहर करने को बोला | वो ऐसा करने लगी | एक अजीब सा यौन सुख मिल रहा था मुझे | फिर मैंने प्रिया को जल्दी से वही केला खा के ख़तम करने को बोला |

केला खाते खाते वो मेरी गांड तक पहुँच गयी | केले का आखरी हिस्सा मेरी गांड में पूरा घुसा हुआ था | मैंने उसको वो भी खाने को बोला | वो बोली बस पापा आगे मुँह नहीं जाएगा | मैं बोला बेटी अपनी जीभ निकाल के खाना पड़ेगा तुझे | वो कुछ ना नुकुर करती इससे पहले मैंने अपने हाथ में वही नायलॉन की रस्सी उठा ली | उसने डर के मारे अपनी जीभ निकाली और मेरी गांड में फेज हुए केले को चाट चाट के खाने लगी | मेरी बदबूदार गांड में घुसा केला बड़ी मुश्किल से खाया उसने | उसको पता था की अगर नहीं खायेगी तो गांड पर रस्सी पड़ेगी |

इतनी गन्दी हरकतें करके थोड़ी यौन कुंठा शांत हुई | अब वक़्त हो चला था अपनी बेटी की कुंवारी कमसिन चूत को चोद के अपनी और उसकी वासना को शांत करने का | लौड़ा बहुत कड़क हो चला था अब तक | मैंने प्रिया के हाथ खोल दिए और मैं थोड़ी दूर जाकर ज़मीन पर पीठ के बल लेट गया और अपना कच्छा पूरा उतार दिया | मेरा 9" का लौड़ा फनफनाते हुए बाहर आ गया | मेरे लौड़े की एक एक नस नज़र आ रही थी | उसको देख के प्रिया डर गयी | मैंने प्रिया को अपने पास आने को कहा | वो ऐसी ही कुतिया की तरह अपने हाथों और घुटनों पर चलते हुए मेरे पास आयी | मैने उसको लौड़ा अपने हाथों में लेकर सहलाने को बोला और साथ की अपनी जीभ से पूरे लौड़े और टट्टों को ऊपर से निचे तक चाटने को बोला | वो ऐसा करने लगी | मुझे लगा जैसे स्वर्ग मिल गया हो | फिर मैंने उसको लौड़ा चूसने को बोला | वो सुर्प सुर्प की आवाजें निकाल के लौड़ा चूसने लगी | उसकी थूक और मेरे लौड़ा का रस लगातार बहे जा रहे थे |
बहुत ही उत्तेजक कामाग्नि से सुलगा अपडेट था.....
बेटी की याद में पानी बह गया

Outstanding updated...
 
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pripre

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फिर मैंने उसके बाल पकड़ के पूरा लौड़ा उसके मुँह में उतार दिया | उसके मुँह को खूब अच्छे से चोदा | काफी देर तक मैं उसके मुँह को चोदता रहा | उसकी सांसें उखाड़ने लगी थी पर मैंने लौड़ा तब तक बाहर नहीं निकाला जब तक मैंने उसके गले में अपने लौड़े से पिचकारी नहीं छोड दी | जब लौड़ा उसके मुँह से बाहर निकला तो उसकी सांस में सांस आयी | उसका पूरा मुँह मेरे लौड़े के माल से भर गया था | काफी माल उसकी ठोड़ी से बेहटा हुआ उसके चुचों पर से बहता हुआ ज़मीन पर बह गया था | उसकी आँखों में आंसूं थे |

मैंने उसको सारा माल चाट कर साफ़ करने को कहा | उसने पेजले अपने मुँह में भरा माल पिया, फिर मेरे लौड़े को चाट के साफ़ किया | फिर मैंने अपनी दोनों टांगें हवा में उठा ली और उसने झुक के मेरी गांड के निचे से और ज़मीन पर पड़े माल को चाट के पिया |

फिर मैंने उसको अपनी कच्छी उतार के अपने मुँह पर बैठा लिया और उसकी कुंवारी चूत में अपनी जीभ घुसा दी | वो कसमसा गयी एकदम से | फिर मैंने उसको निचे झुक कर अपना लौड़ा चूसने को बोला | हम दोनों बाप बेटी 69 पोजीशन में एक दुसरे के साथ अपनी अपनी यौन कुंठा शांत कर रहे थे | काफी देर तक हम एक दुसरे को चाटते चूसते रहे | मैंने उसकी चूत और गांड में खूब ऊँगली की |

अब बारी थी अपनी बेटी से सम्भोग की | मैंने प्रिया को ज़मीन पर लिटाया और खुद उसके ऊपर लेट गया | उसके मुंह में मुँह डाल दिया और उसकी जीभ चूसने लगा | फिर मैंने उसके चूचे चूसे और उसके पेट को चाटते हुए उसकी चूत के पास पहुँच गया | ठोड़ी देर उसकी चूत चाटी और उसकी मांसल जांघों को अपने दांतों से काटा और मुँह में लेकर चूसा | वो बुरी तरीके से तड़प उठी और सिसकने लगी नो पापा नो पापा ...... | तभी मैंने मौका देखकर उसकी कुंवारी चूत में लंड टिकाया और एक झटके में अंदर घुसा दिया | उसकी बहुत जोर से चीख निकल गयी उई माँ मर गयी ...........| मुझे लगा की कहीं आस पड़ोस में आवाज न चली जाए तो मैंने पास की पड़ा अपना कच्छा उसके मुँह में दे दिया |

उसकी चूत से खून आने लगा था और उसके मुँह से दर्द भरी सिसकियाँ निकल रही थी | पर मैं रुका नहीं और धीरे धीरे धक्के लगाने लगा | जिस पल का मुझे इतने दिनों से इंतज़ार था आखिर वो आ ही गया था | थोडी देर ऐसी ही करने के बाद मैंने जब अपना लंड बाहर निकला तो वो पूरा लाल हो चूका था | मैंने अपने पयजामे से उसको साफ़ किया | मैंने प्रिया की तरफ देखा , उसका दर्द अब थोड़ा कम था | अपने सामने अपनी जवान कुंवारी नंगी बेटी को देख कर मेरे अंदर जोश आ गया और मैंने फिर से लौड़ा उसकी चूत पर रखा और अंदर धकेल दिया | इस बार शुरू से ही धक्के तेज़ कर दिए | प्रिया चीखने लगी , प्लीज पापा धीरे ........ प्लीज पापा दुखता है ....... उई आह औन्ह नहीं पापा आह ............. पर मैं बेहरहमी से अपनी बेटी को चोदता रहा | उसकी चीखें सुनकर मेरी वासना और भड़क रही थी | बीच बीच में अगर उसकी चीखें धीरे होती तो मैं उसके गालों पर कस कस के चांटे भी मार देता | करीब आधे घंटे तक मैंने प्रिया को चोदा |

अब मैं ज़मीन पर चौकड़ी मार के बैठ गया और प्रिया को अपनी गोद में बैठा लिया | उसने अपनी टांगें मेरी कमर पर लपेट दीं | फिर मैंने उसके रसीले आम जैसे चूचे अपने मुँह में भर लिए और उसको उछलने को कहा | वो उछलने लगी | बीच बीच में मैं उसके चुचकों को बेरहम से मसल देता और अपने दाँतों से काट लेता जिससे चीखते हुए उसकी उछलने की स्पीड बढ़ जाती | इस पोजीशन में भी हम दोनों ने करीब आधा घंटा चुदाई करि |अब बारी थी अपनी प्यारी बेटी की गांड मारने की |
 
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सबसे पहले सबका बहुत बहुत धन्यवाद कहानी को पसंद करने के लिए |

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पिछले एक घंटे में प्रिय तीन बार झड़ चुकी थी | वह अपनी गांड ऊपर किये पेट के बल औँधे मुँह ज़मीन पर लेट गयी | उसके हाथ अभी भी बंधे हुए थे | मैं भी थोड़ा थक गया था | हालाँकि अभी असली काम बाकी था , अपनी बेटी की ताबड़ तोड़ चुदाई करने का | लेकिन अपनी बेटी के साथ गन्दी ठरकी हरकतें करने से और उसको तड़पाने, रुलाने से मेरे अंदर बरसों से भरी यौन कुंठा को एक अजीब सी शान्ति मिल रही थी | इसलिए सीधे चुदाई ना करके मैंने अपने बाप बेटी के रिश्ते को भूलकर अपनी कुंठा को शांत करने के ही बारे में सोचा | उसके लिए मुझे अभी प्रिया को और तड़पाना था, उसको और रुलाना था और उसकी कामुकता से भरी चीखें सुननी थी |

प्रिया ऐसे ही लेटी हुई थी | मैं उठा और उसको पुछा प्रिया बेटी थक गयी होगी कुछ खाने को लाओं | उसने लेटे लेटे हाँ में सर हिला दिया | मैंने निचे गया और फ्रिज में कुछ खाने के लिए देखने लगा | मैंने थोड़ी सी ब्रेड और जैम ले लिया | साथ में २-३ केले और थोड़े से अंगूर ले लिए | ये सब लेकर मैं वापस ऊपर प्रिया के पास आया | प्रिया अभी भी गांड ऊपर किये लेटी हुई थी | उसकी कच्छी पूरी गीली होके उसक मोटी गांड से चिपक गयी थी | गोरी गदरायी हुई गांड देखकर मेरा मन फिर मचल गया | मैंने पास ही पड़ी हुई नायलॉन की एक रस्सी उठायी और जोर से प्रिया की मोटी गोरी गांड पर दे मारी और बोला चल बेटी कुछ खा ले | प्रिया बुरी तरह से चीख उठी , उसकी आँखों से आंसूं निकल पड़े और वो बिलबिलाते हुए उठ के बैठ गयी | रोते रोते बोली पापा मत मारा करो ऐसे बहुत दर्द होता है |

फिर मैंने ब्रेड के दो पीस निकाले और उसपर जैम लगाकर उसको खाने को दिए और खुद भी खाने लगा |
प्रिया जब ब्रेड खा रही थी मुझे एक गन्दा ख्याल आया | मैंने उसके हाथ से ब्रेड छीनी और उसको ज़मीन पर पड़े हुए उसकी चूत के पानी में रगड़ दिया | फिर मैंने अपने कच्छे में घुसाकर उस ब्रेड को अच्छे से अपने लंड पर रगड़ा | फिर मैंने उसको वो ब्रेड खाने को कहा | उसने बड़ी घिनंता से ब्रेड को देखकर मुँह दूसरी तरफ फेर लिया | मैंने उसके बाल पकड़े और जबरदस्ती उसके मुँह में ब्रेड डाल दी | वो रोते रोते ब्रेड खाने लगी | मैंने ऐसे ही २-३ पीेछे उसको खिला दिए |

फिर मैंने प्रिया को ज़मीन पर कुटिया बनने को कहा | अब मैंने एक केला लिया और उसको पूरा छील दिया | फिर मैंने धीरे से प्रिया की कच्छी हटाई और वो केला उसकी गांड में दे दिया | ठंडा ठंडा केला जब उसकी गरम गरम गांड में घुसा तो वो सिसक उठी | मैंने अच्छे से उसकी गांड में केला अंदर तक डाला | फिर मैं आगे गया और उसको केले को चूसने को कहा | वो कुछ न नुकुर करती उससे पहले ही मैंने उसकी गांड पे जोर से नायलॉन की रस्सी दे मारी | उसने चीख मारने के लिए जैसे ही मुँह खोला मैंने वो केला उसके मुँह में दे दिया चूसने के लिए | फिर उसने वो केला खा भी लिया |

प्रिया ज़मीन पर कुतिया बनी हुई थी | अब मैं भी अपने घुटनों पर बैठ गया प्रिया के मुँह की तरफ गांड करके एक कुत्ते की तरह | मैंने अपना कच्छा उतार दिया घुटनों तक और एक और केला लेकर अपनी गांड में घुसा दिया | फिर मैंने प्रिया को पीछे से उस केले को चूसने को बोला और साथ में उस केले को अपने मुँह में पकड़ के मेरी गांड में अंदर बाहर करने को बोला | वो ऐसा करने लगी | एक अजीब सा यौन सुख मिल रहा था मुझे | फिर मैंने प्रिया को जल्दी से वही केला खा के ख़तम करने को बोला |

केला खाते खाते वो मेरी गांड तक पहुँच गयी | केले का आखरी हिस्सा मेरी गांड में पूरा घुसा हुआ था | मैंने उसको वो भी खाने को बोला | वो बोली बस पापा आगे मुँह नहीं जाएगा | मैं बोला बेटी अपनी जीभ निकाल के खाना पड़ेगा तुझे | वो कुछ ना नुकुर करती इससे पहले मैंने अपने हाथ में वही नायलॉन की रस्सी उठा ली | उसने डर के मारे अपनी जीभ निकाली और मेरी गांड में फेज हुए केले को चाट चाट के खाने लगी | मेरी बदबूदार गांड में घुसा केला बड़ी मुश्किल से खाया उसने | उसको पता था की अगर नहीं खायेगी तो गांड पर रस्सी पड़ेगी |

इतनी गन्दी हरकतें करके थोड़ी यौन कुंठा शांत हुई | अब वक़्त हो चला था अपनी बेटी की कुंवारी कमसिन चूत को चोद के अपनी और उसकी वासना को शांत करने का | लौड़ा बहुत कड़क हो चला था अब तक | मैंने प्रिया के हाथ खोल दिए और मैं थोड़ी दूर जाकर ज़मीन पर पीठ के बल लेट गया और अपना कच्छा पूरा उतार दिया | मेरा 9" का लौड़ा फनफनाते हुए बाहर आ गया | मेरे लौड़े की एक एक नस नज़र आ रही थी | उसको देख के प्रिया डर गयी | मैंने प्रिया को अपने पास आने को कहा | वो ऐसी ही कुतिया की तरह अपने हाथों और घुटनों पर चलते हुए मेरे पास आयी | मैने उसको लौड़ा अपने हाथों में लेकर सहलाने को बोला और साथ की अपनी जीभ से पूरे लौड़े और टट्टों को ऊपर से निचे तक चाटने को बोला | वो ऐसा करने लगी | मुझे लगा जैसे स्वर्ग मिल गया हो | फिर मैंने उसको लौड़ा चूसने को बोला | वो सुर्प सुर्प की आवाजें निकाल के लौड़ा चूसने लगी | उसकी थूक और मेरे लौड़ा का रस लगातार बहे जा रहे थे |
keep up the good work
 
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फिर मैंने उसके बाल पकड़ के पूरा लौड़ा उसके मुँह में उतार दिया | उसके मुँह को खूब अच्छे से चोदा | काफी देर तक मैं उसके मुँह को चोदता रहा | उसकी सांसें उखाड़ने लगी थी पर मैंने लौड़ा तब तक बाहर नहीं निकाला जब तक मैंने उसके गले में अपने लौड़े से पिचकारी नहीं छोड दी | जब लौड़ा उसके मुँह से बाहर निकला तो उसकी सांस में सांस आयी | उसका पूरा मुँह मेरे लौड़े के माल से भर गया था | काफी माल उसकी ठोड़ी से बेहटा हुआ उसके चुचों पर से बहता हुआ ज़मीन पर बह गया था | उसकी आँखों में आंसूं थे |

मैंने उसको सारा माल चाट कर साफ़ करने को कहा | उसने पेजले अपने मुँह में भरा माल पिया, फिर मेरे लौड़े को चाट के साफ़ किया | फिर मैंने अपनी दोनों टांगें हवा में उठा ली और उसने झुक के मेरी गांड के निचे से और ज़मीन पर पड़े माल को चाट के पिया |

फिर मैंने उसको अपनी कच्छी उतार के अपने मुँह पर बैठा लिया और उसकी कुंवारी चूत में अपनी जीभ घुसा दी | वो कसमसा गयी एकदम से | फिर मैंने उसको निचे झुक कर अपना लौड़ा चूसने को बोला | हम दोनों बाप बेटी 69 पोजीशन में एक दुसरे के साथ अपनी अपनी यौन कुंठा शांत कर रहे थे | काफी देर तक हम एक दुसरे को चाटते चूसते रहे | मैंने उसकी चूत और गांड में खूब ऊँगली की |

अब बारी थी अपनी बेटी से सम्भोग की | मैंने प्रिया को ज़मीन पर लिटाया और खुद उसके ऊपर लेट गया | उसके मुंह में मुँह डाल दिया और उसकी जीभ चूसने लगा | फिर मैंने उसके चूचे चूसे और उसके पेट को चाटते हुए उसकी चूत के पास पहुँच गया | ठोड़ी देर उसकी चूत चाटी और उसकी मांसल जांघों को अपने दांतों से काटा और मुँह में लेकर चूसा | वो बुरी तरीके से तड़प उठी और सिसकने लगी नो पापा नो पापा ...... | तभी मैंने मौका देखकर उसकी कुंवारी चूत में लंड टिकाया और एक झटके में अंदर घुसा दिया | उसकी बहुत जोर से चीख निकल गयी उई माँ मर गयी ...........| मुझे लगा की कहीं आस पड़ोस में आवाज न चली जाए तो मैंने पास की पड़ा अपना कच्छा उसके मुँह में दे दिया |

उसकी चूत से खून आने लगा था और उसके मुँह से दर्द भरी सिसकियाँ निकल रही थी | पर मैं रुका नहीं और धीरे धीरे धक्के लगाने लगा | जिस पल का मुझे इतने दिनों से इंतज़ार था आखिर वो आ ही गया था | थोडी देर ऐसी ही करने के बाद मैंने जब अपना लंड बाहर निकला तो वो पूरा लाल हो चूका था | मैंने अपने पयजामे से उसको साफ़ किया | मैंने प्रिया की तरफ देखा , उसका दर्द अब थोड़ा कम था | अपने सामने अपनी जवान कुंवारी नंगी बेटी को देख कर मेरे अंदर जोश आ गया और मैंने फिर से लौड़ा उसकी चूत पर रखा और अंदर धकेल दिया | इस बार शुरू से ही धक्के तेज़ कर दिए | प्रिया चीखने लगी , प्लीज पापा धीरे ........ प्लीज पापा दुखता है ....... उई आह औन्ह नहीं पापा आह ............. पर मैं बेहरहमी से अपनी बेटी को चोदता रहा | उसकी चीखें सुनकर मेरी वासना और भड़क रही थी | बीच बीच में अगर उसकी चीखें धीरे होती तो मैं उसके गालों पर कस कस के चांटे भी मार देता | करीब आधे घंटे तक मैंने प्रिया को चोदा |

अब मैं ज़मीन पर चौकड़ी मार के बैठ गया और प्रिया को अपनी गोद में बैठा लिया | उसने अपनी टांगें मेरी कमर पर लपेट दीं | फिर मैंने उसके रसीले आम जैसे चूचे अपने मुँह में भर लिए और उसको उछलने को कहा | वो उछलने लगी | बीच बीच में मैं उसके चुचकों को बेरहम से मसल देता और अपने दाँतों से काट लेता जिससे चीखते हुए उसकी उछलने की स्पीड बढ़ जाती | इस पोजीशन में भी हम दोनों ने करीब आधा घंटा चुदाई करि |अब बारी थी अपनी प्यारी बेटी की गांड मारने की |
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