Update-9
सरला नम आंखे पोछती झुमके पहनने लगी, २ घंटे हो गये सरला की नजरे खोली के दरवाजे पे टीकी थी पर सुनिल घर नही लौटा था देर रात दरवाजा खुला, नशे मे धुत
सुनिल लडखडाते अंदर आया और खटीये पे पैर पसारे लेट गया ।
सरला की जान मे जान आई , सरला तुरंत उठकर दरवाजा बंद करती है । और खटीये पे लेटे सुनिल की बगल मे सरला बैठ ती है । सुनिल से शराब की तेज गंध आने पर
सरला फीर रोने लगती है।
सरला- बेटा ये क्या हालत कर दी है तुने, तु फीर शराब पीने लगा, माफ कर दे बेटा मुझे मैने जो कुछ तुझे कहा उसके लिये ।
सुनिल को सरला की हालत की कहा खबर थी, नशे मे चुर सुधबुध खोये सुनिल लेटा रहता है । सरला आंसू पोछते हुये उसका चेहरा अपनी ओर घुमाती है ।
सरला- देख बेटा मैने तेरे लाये हुये झुमके पहने है देखेगा नही
सुनिल अपनी आंखे हल्के हल्के खोलता है
सुनिल- हुममम हुमम अअअअअच्छे दीख रहे है
सरला- बेटा तुने शराब को हाथ क्यू लगाया, तत तूने मेरी कसम खाई थी ना तू शराब नही पीयेगा
सुनिल शराब की बोतल जेब से निकालता है ।
सरला वो बोतल छीन लेती है ।
सरला- ये क्या कर रहा है तू बेटा फीर पी रहा है
सुनिल- पपपीपीपीने देना ममममां, पीने दे बसससस यही तो है जजजजो हर पल बस मेरी ररररहती है, मेरी जरूरररररत समझती है, मेरी पपपप्यास मिटाती है ।
सरला- बेटा मुझे बता ना तुझे क्या चाहीये, तेरी कसम आज से मै तुझे कुछ भी मना नही करूंगी
सुनिल- छोडडडडड ना मममममां दो घुट लगाने दे बडडडडी निंद आ रही है ।
सरला- मर जाउंगी पर तुझे आज के बाद ईस तेजाब को हाथ नही लगाने दुंगी
सुनिल- मममममां जीद मत कर दे बोतल मुझे
सरला- तु कीतनी भी जीद कर पर मै नही दुंगी , तु दुसरा कुछ भी मांग पर आज के बाद तुने शराब की बोतल को हाथ भी लगाया तो मै अपनी जान दे दूंगी ।
सरला शराब की बोतल फेंक देती है ।
सुनिल- फफोडडडड दी ततुने बोततततलल ससससाली अबबबब मुझे निंद ककैसे आयययेगी
सरला अपनी जांघ पे सुनिल का सीर रखती है । सरला की नरम-मुलायम जांघ पे सीर रखते ही सुनिल का गुस्सा फीका पड जाता है ।
सरला- मै हूं ना तेरे पास तुझे अच्छी निंद आयेगी मेरे बेटे
सुनिल- बडडडडी निंद आ रही है मां,बोतल तुने फोड डाली ठीक है तो फीर उसससस दीन जैसा एक चु चु चु चुमम्मा दे बडी ममममस्त निंद आती है।
सरलाने बीना सोचे समझे सुनिल के गरम होटों पे अपने थरथराते होंट भीडाये और चुमने लगी
सरला- उउउउउउमममममम उममम
सुनिल- उउउउउउमममममम ममममम चचचच हहहहह
और फीर कुछ मिनट बाद रवी के जोर-जोर से रोने की वजह से सरला सुनिल के उपर से हट जाती है ।
सुनिल- हुमममम हहह आजजजजजज ततततततो औररररर अच्छी निंद आयेगी
सुनिल आंखे बंद कीये सो जाता है ।
सुबह सुनिल काम पे चला जाता है । वो कल रात की हरकत से सरला से नजर नही मीला पाता है।
पर सरला ने उनका नया रीश्ता अपना लिया था ।
दोपहर को कविता घर आती है
कविता- क्या दीदी सब काम हो गये
सरला- अरे कविता आ बैठ
कविता- अरे दीदी कल रात भाईसाब को क्या हुआ था , क्या कल कुछ झगडा हुआ था