Update-10
सरला- अरे क क कविता कल ना मुझसे गलती से मुह से गलत निकल गया और वो चिड गये और वो पी के आए मैने बडी मुश्कील से उनकी पीने की आदत छुडाई थी
और वो कल फीर से पीने लगे अब तुही बता मै क्या करु ।
सरला आंसु बहाने लगी
कविता- रो मत दीदी मै समझती हूं आपका दुख, दीदी आप ना भाईसाब को अपने काबू मे नही रख पाती हो ।
सरला- मतलब कविता
कविता- अरे दीदी उन्हे आप अपने प्यार मे कैद रखा करो हरबार आप उन्हे गरम कीया करो, ईन मर्दो को यही तो चाहीये होता है हमसे, औरत का यही तो काम होता है,
आपकी सुंदरता का दीवाना बनाये रखो और क्या करना है आपको पता ही होगा
सरला कविता का ईशारा हरबार की तरह समज चुकी थी ।
दो दीन बाद शाम को सुनिल काम से लौटा घर आता है। नजरे झुकाये सुनिल कहता है ।
सुनिल- मां उस रात के लिए मुझे माफ करदे, मैने तुझे दीया हुआ वादा तोडा है, तू जो सजा मुझे देना चाहे दे ।
सरला- वादा तो तोडा है तुने पर अगली बार तुने शराब की बोतल को छुआ भी तो मै अपनी जान दे दूंगी , तुझे जो चाहीये मुझसे मांग ले पर शराब को हाथ तक नही
लगाना वाद करता है ।
सुनिल- वादा करता हूं मां फीर एसा कभी नही होगा , पर तू सचमे मुझे कुछ भी देगी देख तुने भी वादा कीया है हां।
सरला शरमाई सुनिल ने सरला को बाहों मे भर लिया
सुनिल- मां झुमके बडे जच रहे है तेरे पे ईन छुमको मे तू हीरोईन लगती है । मां मैने तुझे ईतने मस्त पायल और झुमके दीये अब तुझे भी मुझे कुछ देना पडेगा, कल रात
वाला चुम्मा एकदम बेस्ट था और एक मिल सकता है क्या।
सरला लाज से पानी-पानी हो गई ।
सरला- चल हट बेसरम अपनी मां से गंदी-गंदी हरकते करवाता है शरम नही आती तुझे
सुनिल- अरे अपने बेटे से प्यार करने मे काहे की शरम अब तेरे सिवाय है कौन औरत मेरे जिंदगी मे जीससे मै ये सब मांग सकता हूं देख देना है तो दे नही तो रहने दे ।
सरला आंखे बंद कर लेती है और होट सुनिल के पास कर देती है ।
सुनिल- उममममम हहहह च उहहहहहह
सरला- उममममम हहहहह आहहहह उममममम
सुनिल सरला के होट चुसने लगता है । चुसते चुसते सरला की जीभ भी मुंह मे कीसी आईसक्रीम की तरह चाटने लगता है सरला हांफने लगती है ।
सुनिल सरला को कसके उसके गठीले बदन को दबाने लगता है । तभी सरला सुनिल को धक्का दीये अलग होती है ।
सरला- बस ना, और कीतना चुसेगा तेरे तोहफे तो बडे महंगे पड रहे है मुझे कीतना वसूल करेगा मुझसे
सरला शरमाती रसोई दौड पडती है ।
सुनिल मन ही मन मे......अभी तो शुरूवात हुई है मां अभी तो बहोत कुछ लूंगा तब तक तुझे आदत पड जाएगी ।
उस रात दोनों दीलो मे प्यार की चिंगारी जल चुकी थी । पुराने नाते सब कुछ भुल चुके थे दोनो । अब बस वक्त अपना असर दीखाने वाला था ।
रात हो जाती है रवी बडा रो रहा था सरला उसे सुलाने मे लगी थी । कुछ देर बाद रवी सो जाता है । पर अचानक रात १.३० बजे सुनिल की निंद तुटती है ।
आहहहह उईईईईईई
उसे कीसी औरत के सिस्कारीया भरने की आवाजे आने लगती है वो सरला की ओर देखता है । सरला निंद मे थी पर आंवाजे बाहर से आ रही थी । सुनिल उठ के सरला के
बगल मे सो जाता है ।