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Fantasy Aryamani:- A Pure Alfa Between Two World's

nain11ster

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अध्याय 64 – 65...

रूही के व्यवहार में बहुत ज़्यादा बदलाव देखने को मिला है कुछ ही समय के अंतराल में। उसकी प्रथम झलक इस कहानी में, कॉलेज में दिखी थी, जहां सरदार खान के शागिर्दों द्वारा उसपर तंज कसा गया था। तब लगा था की रूही एक हालात और तकदीर की मारी वरवॉल्फ है, जिसके साथ उसका अपना ही पिता दुष्कर्म करता है, और इस कारण से रूही की हिम्मत शायद टूट चुकी है। परंतु धीरे – धीरे उसके किरदार के बारे में विस्तार से जाना हमने, उसने हिम्मत की, और आर्यमणि की सहायता से अपना और अपनी मां का प्रतिशोध भी लिया सरदार खान से। न केवल वो एक अल्फा बन चुकी है, परंतु उसके साथ ही, उसकी सोच और कार्यशैली में भी बदलाव आया है।

अब रूही खुलकर जीने लगी है, और जो माहौल आर्यमणि ने बनाया है अपने पैक के सदस्यों के मध्य, उसके कारण, वो अपनी सोच और व्यक्तित्व को बेझिझक सामने रख पा रही है। निःसंदेह, बहुत प्रसन्नता हुई ये देखकर, खासकर तब जब रूही ने अपने जीवन में केवल और केवल कष्ट ही सहे थे। बहरहाल, इस बीच रूही की बुद्धिमता का भी एक उदाहरण देख लिया हमने। वैसे चारों अल्फा में से रूही और ओजल, सबसे अधिक चतुर और बुद्धिमान लगीं हैं मुझे। अलबेली, थोड़ी अल्हड़ लगी तो वहीं इवान का चरित्र – चित्रण अभी पूर्ण हुआ नहीं है। खैर, आशा है की रूही का भविष्य भी सुंदर और खुशहाल हो, ताकि उसे उसके 20 वर्षों के कारावास का प्रतिफल तो प्रात हो सके!

रूही ने सुकेश के हाथों के निशान की सहायता से उन छोटे बक्सों को खोल दिया और उन बक्सों में से 4 अलग – अलग रंगों के कुल 40 पत्थर निकले। आर्यमणि के अनुसार सिद्ध – साधुओं को मृत्यु तक पहुंचाने की विधि बताने वाली किताबों में ज़िक्र था उन पत्थरों का, इसी से स्पष्ट होता है की वो पत्थर कितने मूल्यवान थे। आखिर ऐसे ही तो 5 टन सोना, छलावे के रूप में इस्तेमाल करेगा नहीं कोई। अभी के लिए मुझे नहीं लगता की उन पत्थरों का कोई विशेष विवरण हमें मिलने वाला है। आर्यमणि ने कहा था की वो सन्यासी शिवम् को इन पत्थरों को जानकारी देगा, देखते हैं कब खुलेगा वो पोर्टल, जिससे प्रकट होंगे संन्यासी साहब!

आर्यमणि और उसके सभी साथी, मैक्सिको पहुंच गए और वहां सोने की खेप को पिघलाकर रिम का आकार दे दिया। पचास – पचास किलो के सौ रिम, कुछ भी कहो, इन पांचों वॉल्फ्स को पैसे अथवा संसाधनों की तो कोई कमी नहीं होने वाली आगे चलकर, जितना समय चाहें ये इस सोने को बेच – बेच कर एक आरामदायक जीवन बिता सकते हैं। इस बीच जहाज़ के कप्तान की बेवकूफी भी देखने को मिली हमें। बैठे बिठाए, उसे ढाई टन सोना मिल रहा था परंतु जैसा की कहते ही हैं, लोभ हमेशा व्यक्ति को ले डूबता है। कहां, एक हज़ार करोड़ का सोना मिलना था और कहां बीस हज़ार डॉलर में संतुष्टि करनी पड़ी। खैर, अच्छा ही हुआ, अन्यथा धीरेन स्वामी द्वारा की गई मेहनत का पूरा लाभ आर्यमणि को न मिल पाता।

इधर महाराष्ट्र में सीक्रेट बॉडी की रातों की नींद हराम कर रखी है आर्यमणि और उसके साथियों ने। सोने के बक्से खुलने के कारण उन लोगों के पास लोकेशन तो पहुंच गई है परंतु मुझे नहीं लगता की उसका कोई लाभ होगा। आर्यमणि ने उन बक्सों को शायद किसी दूसरे जहाज़ में रख दिया था, अब यदि सीक्रेट बॉडी उन बक्सों के पीछे जाएगी, तो कहीं और ही पहुंची मिलेगी। हालांकि, यदि वो थोड़ा दिमाग लगाएं तो आर्यमणि के मैक्सिको में होने तक का राज़ तो खुल ही सकता है, आखिर मैक्सिको प्रसिद्ध ही स्मगलिंग इत्यादि के लिए है। देखते हैं, आर्यमणि द्वारा हुई इस छोटी सी भूल का कोई लाभ मिल पाएगा प्रहरियों को या नहीं!

भूमि और शायद जया भी... दोनों ही अनजान हैं जयदेव के असली रूप से। जिज्ञासु हूं मैं जानने के लिए की अपने पति का नकाब उतरने पर भूमि कैसे व्यवहार करेगा और किस मार्ग का चयन करेगी। सीक्रेट बॉडी, खासकर जयदेव का दिमाग पूरी तरह से हिल चुका है। आर्यमणि ने इस तरह से नट – बोल्ट ढीले किए हैं इन सभी के दिमाग के की अब ये लोग मनघड़ंत बातों को हकीकत मानने लगे हैं। जिस वायरस की चर्चा की गई सीक्रेट बॉडी की मीटिंग में, उसे कभी उपयोग में लाया ही नहीं था स्वामी। अर्थात, वो इतना परेशान अथवा बुद्धिहीन हो चुका है की असलियत और छलावे के बीच के अंतर को पहचान ही नहीं पा रहा। परंतु, जो बात उसने चित्रा को लेकर कही, वो सत्य थी या वो भी उसके दिमाग की उपज थी?

अर्थात, उसने कहा की माधव और चित्रा के ड्राइवर और नौकर जो सीक्रेट बॉडी द्वारा रखे गए थे, उन्हें बदल दिया गया है। भूमि ने ही बदला होगा शायद, या हो सकता है की ये भी केवल एक असत्य चीज़ हो, जिसकी उपज जयदेव के मस्तिष्क में हुई है। चित्रा और माधव की भी नोंक – झोंक चल ही रही है इस सबके बीच। चित्रा – माधव के रिश्ते के बारे में शायद सभी को पता चल गया था, और अब चित्रा ने माधव के पिता को भी फोन पर बता दिया। माधव काफी डरता है अपने पिता से, और उसकी प्रतिक्रिया अपेक्षाकृत ही थी। खैर, अब देखना ये है की इन दोनों के भविष्य में क्या लिखा है। क्या दोनों साथ रह पाएंगे हमेशा के लिए या कोई मोड़ इनकी कहानी में आना बाकी है?

राकेश नाईक की भी आंखें खुल गईं इस बीच! उसका तो केवल केवल उपयोग ही हो रहा था, सीक्रेट बॉडी द्वारा। सीक्रेट बॉडी की ने अपनी आवश्यकतानुसार राकेश का इस्तेमाल किया और जब उन्हें लगा की वो किसी काम का नहीं, तो उसे अलग धकेल दिया। परंतु अच्छा लगा की उसका हृदय परिवर्तन हो गया है, अन्यथा भविष्य में तीनों बचपन के दोस्तों के बीच भी परेशानियां उत्पन्न हो सकती थीं। खैर, अपनी पुरखों की जायदाद और उसके अलावा भी काफी चल – अचल संपत्ति चित्रा, निशांत और माधव के नाम कर दी है राकेश ने, और सीक्रेट बॉडी द्वारा करवाए गए ट्रांसफर की वजह से वहां से चलता भी बना है। आशा है की भविष्य में दोबारा कोई मूर्खता न करे ये प्राणी!

डी.आर.डी.ओ. द्वारा भेजी गई चिट्ठी एक बहुत ही बढ़िया मौका है अस्त्र लिमिटेड और चित्रा – माधव – निशांत के लिए भी। आर्यमणि ने जितना बड़ा पुलिंदा सौंपा था निशांत और चित्रा को अस्त्र लिमिटेड को लेकर, उसके बाद कामयाबी की सीढ़ियां तो चढ़नी ही थी इन्होंने। 92 दिन बाद की कोई भी तारीख पक्की करने को कहा है निशांत ने, अर्थात तीन महीने का प्रशिक्षण बाकी है उसका शायद। देखना रोचक रहेगा की संन्यासी शिवम् और उनके आश्रम द्वारा मिल रहे प्रशिक्षण के बाद निशांत क्या बनेगा। संभव है की वो खुद भी एक बड़ा “अस्त्र” बनकर उभरे भविष्य में होने वाले संघर्षों के लिए!

दोनों ही अध्याय बहुत ही खूबसूरत थे भाई। रूही का आर्यमणि को झिड़कना सबसे बेहतरीन भाग था इन दोनों अध्यायों का। जैसा कि मैंने पहले भी कहा, उसका खुलकर अपना जीवन जीना, कहानी में फिलहाल, यही सबसे बढ़िया लगता है। चित्रा और माधव की नोंक – झोंक का भी बढ़िया चित्रण किया आपने।
Thankooo sooo much death King bro.... Abhi thoda slog time hai... Par yahan ka kuch waqt kaat lijiye... Fir kahani apne pace me najar aayegi... Lekin filhal usme abhi 15-20 update ka margin ho shayad... Uske baad fir top gear me honge jisme break shayad hi lagaya tha maine...

Khair itne badhiya vishleshan ke liye shukriya... Kabhi kabhi mai stabdh rah jata hun aur sochta hun ki kya main itna shandar review likh paunga... aap hi nahi balki SANJU ( V. R. ) Anubhavp14 Xabhi Naina 11 ster fan Lib am Leon (naya naam yad na koi phyco reader ho, Zoro x, Anky@123 many of people... Forgive me if I miss anyone name...

Baharhaal main to iss race me bhi nahi... Mere review to kuch alag hi hote hain aur comedy ke siwa kuch na hota hai usme :D..

Once again thanks a lot aur aise hi comment se thread ko raushan rakhe
 

nain11ster

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शिक्षा पर सभी का अधिकार है । किसी भी तरह से अगर ज्ञान अर्जित हो, जरूर करना चाहिए। यह इंसान को सभ्य बनाता है। प्रज्ञा दिलाता है।
रूही के चरित्र मे क्रान्तिकारी परिवर्तन आया है। बिल्कुल मैच्योर इंसान की तरह बर्ताव कर रही है अब वो।
और अलबेली का तो कहना ही क्या ! बिल्कुल अपने नाम की तरह सुंदर, अलबेला। इस की बाते न सिर्फ अच्छी ही है बल्कि बहुत प्यारी भी है। और पुरे ग्रूप की कॉमेडियन।

आर्य और रूही ने अमेरिकन ग्रीन कार्ड भी हासिल कर लिया। और अब कैलीफोर्निया के मेयर के साथ ज्वाइंट वेंचर्स व्यापार भी करने के लिए कमर कस लिया है। इसके साथ ही उन 5000 kg सोने को भी ह्वाइट मे शो करने के लिए भी कोशिशें तेज कर दी है।
यह तो ऐसा लग रहा है जैसे इनकी समस्याएं ही समाप्त हो चुकी है और जिंदगीभर अमेरिकन बन कर ही रहने वाले है।

उधर बेचारी हीरोइन को नासिक मे साधारण सैनिकों के बीच लेफ्ट - राइट , लेफ्ट - राइट मे लगाकर यहां यू एस मे मजे पर मजे किए जा रहा है हीरो। बेचारी पलक। :cry2:

बहुत ही खूबसूरत अपडेट नैन भाई।
Outstanding & Amazing & brilliant.
Aap lagta hai palkiya ki re entry karwa ke hi manege... Kaahe itna yaad kar rahe hain... Uske liye ek partner dhundh raha hun... Kya aapko main fit kar dun... 2–4 ang farka bistar me hachahach wala bhi scene hai... Kahiye to daal dun... Patr ke naam jo bhi ho lekin har baar ghapa ghap ke baad palak yahi kahti thi... "Ab to jaise sex mere liye saza ho gayi hai... Ek to xxx dhila teri mardangi ki yad dila jata hai aur jab tu yaad aata hai fir tere dhokhe mujhe pratishodh ki aag me jala jate hain"...

If u don't mind then xxx wala chatecter aap ko de dun... Baki shiksha par sab ka adhikar hai isliye to de diya... De diya shiksha... Aur aage bhi shiksha ka prasar prasar hota rahega... Abhi alfa pack ka waqt hai. Aur yahan bhi kafi surprise intzar kar rahe hai...
 

nain11ster

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अध्याय 66 – 67...

आर्यमणि और उसके पैक ने भारत से विदाई के बाद, अनेकों देशों और महाद्वीपों का भ्रमण कर लिया है। तनजानिया, नाइजीरिया, मैक्सिको और अब अमेरिका... देखा जाए तो आर्यमणि ने अंटार्कटिका और दक्षिण अमेरिका को छोड़कर, बाकी सभी महाद्वीपों के दर्शन कर लिए हैं। कैलिफोर्निया पहुंचे लगभग 2 महीने से भी ज़्यादा हो चुके हैं अल्फा पैक को परंतु अभी तक सीक्रेट बॉडी ने उनका दरवाज़ा नहीं खटखटाया है। क्या हम ये मानकर चल सकते हैं की सोने के बक्सों द्वारा मिली उस लोकेशन का भी कोई लाभ नहीं ले पाए वो लोग? या अभी भी उनकी खोज जारी है, और वो सत्य में आर्यमणि तक पहुंचने के नज़दीक हैं!? अब जब आर्यमणि ने स्वर्ण का व्यापार करने का निश्चय किया है, तो लगता नहीं की ये लोग कैलिफोर्निया छोड़कर कहीं और जाएंगे। देखते हैं, सीक्रेट बॉडी के हाथ इन तक पहुंचेंगे अथवा नहीं...

अल्फा पैक के सभी सदस्यों ने विभिन्न तरीके के ज्ञान को कंठस्थ कर लिया है। जीव – विज्ञान और वनस्पति – विज्ञान की पुस्तकें तो आर्यमणि काफी समय से खंगाल ही रहा था, और कैलिफोर्निया पहुंचकर उस ज्ञान में और भी बढ़ोतरी करने में वो सफल रहा है। इन दो विषयों के अलावा, अंग्रेज़ी, वाणिज्य – शास्त्र, भौतिक – शास्त्र, रसायन – शास्त्र और साथ ही कंप्यूटर साइंस का ज्ञान भी अर्जित कर लिया है उन पांचों ने। किसी की यादों में घुस पाना, उन यादों के अपने अंदर समा लेना, और फिर उन यादों का जितना चाहे उतना हिस्सा किसी और को भी प्रदान कर पाना, वरवॉल्फ्स की दुनिया में यदि कोई शक्ति और सामर्थ्य की पराकाष्ठा है तो निःसंदेह वो आर्यमणि ही है! उसने अपनी दिनचर्या में योग और अन्य प्रशिक्षणों को जोड़कर भी एक उचित कदम उठाया है, बेशक अपने सामर्थ्य को और भी विकसित कर पाएगा वो इन चीज़ों के द्वारा...

रूही, अलबेली, इवान और ओजल.. अभी ये चारों खुद पर पूर्णतः नियंत्रण रख पाने में सक्षम नहीं हुए हैं। रूही फिर भी खुद को बहुत बेहतर तरीके से संभाल लेती है, शायद आर्यमणि और उसके बीच हुआ संभोग भी उसके बहुत काम आया है। परंतु अलबेली को अभी बहुत अधिक परिश्रम की ज़रूरत है। हालांकि उसने खुद पर नियंत्रण बढ़ाया है लेकिन अभी भी काफी लंबी राह है उसके सामने। रही बात इवान और ओजल की तो, ये दोनों अभी कम उम्र के हैं, हां शायद अलबेली के ही जितने हों, पर उससे काफी कम दुनिया देखी है दोनों भाई – बहन ने। भूमि ने उन्हें संसार से छुपकर रखा था, इसके कारण उनमें अनुभवहीनता भी है। परंतु, मुझे विश्वास है की आर्यमणि की सोहबत में रहकर जल्द ही ये भी खुद को निखार लेंगे!

अलबेली, इवान और ओजल को कक्षा ग्यारह में दाखिला दिलवाने का सोचा है आर्यमणि ने, मेरे हिसाब से रूही को भी अपनी पढ़ाई अवश्य पूरी करनी चाहिए। इसमें कोई संदेह नहीं की उसने अपार ज्ञान को अपने अंदर समाहित कर लिया है पिछले कुछ समय में, परंतु क्या आवश्यकता है पढ़ाई को अधूरा छोड़ने की? वैसे भी वहां किसी जंग में शामिल होना नहीं है उसने, तो क्यों न समय का सदुपयोग किया जाए? रूही ने आर्यमणि के सामने उस लड़के का विवरण दिया, जिसे वो अपने जीवनसाथी के रूप में देखना चाहेगी। न जाने क्यों, मुझे उस विवरण को पढ़कर माधव का स्मरण हो आया!? माधव के साथ जंगल में एक – दो बार भ्रमण पर भी गई थी वो शायद जब चित्रा, अलबेली के साथ होती थी...

हो सकता है की माधव से प्रभावित हुई हो को, जो भी है, आशा है की रूही को अपनी उम्मीदों अनुसार एक सुयोग्य लड़का मिले, जो उसे पूरे दिल से स्वीकार करे। इस बीच ये भी देखने को मिला की रूही के अंदर एक नायिका जैसे गुण हैं, सही मायनों में उसके चरित्र में असामान्य निखार आया है। आर्यमणि के फैसले, ज्ञान अर्जित करने वाले पर उसके अकाट्य तर्क उसकी न्यायसंगत सोच और हृदय को ही दर्शाते हैं। बहरहाल, अभी भी इन चारों अल्फा का मांसाहारी स्वभाव बना हुआ है। परंतु, शायद आर्यमणि जल्द ही इन्हें पूर्ण रूप से शाकाहारी बना ही देगा।

खैर, कैलिफोर्निया में एक मॉल को भी लगभग पूरा खाली कर लिया इन्होंने, लाखों खर्च कर अपने कॉटेज को पूर्णतः आधुनिक और आरामदायक बना लिया है इन्होंने और इस बीच निकोल नामक व्यक्ति और उसके परिवार से भी भेंट हुई इनकी। निकोल के ही ज़रिए आर्यमणि, कैलिफोर्निया के मेयर से मिला, और अब वो, रूही, और बाकी सब भी ग्रीन कार्ड होल्डर बन चुके हैं। बाकी तीनों आर्यमणि पर आश्रित हैं इसीलिए उनका भी बढ़िया इंतेजाम हो गया। वैसे ये शादी कर तुरंत तलाक लेने वाली तरकीब सचमें काफी लोकप्रिय है, उनके बीच जो आसानी से विदेशी नागरिकता लेना चाहते हैं। बस जेब में रुपया होना चाहिए, और इस मामले में आर्यमणि, अंबानी – अडानी को भी टक्कर देने की हालत में पहुंच जाएगा, जल्द ही...

कैलिफोर्निया के नज़दीक मौजूद सोने की खदान के ज़रिए वो सोने का बड़ा डिस्ट्रीब्यूटर बनना चाहता है। मेयर ने 30 प्रतिशत प्रॉफिट को मांग कर, आर्यमणि को इस प्रोजेक्ट से जुड़े सभी संसाधन मुहैया करवाने का आश्वासन दे दिया है और उम्मीद है को जल्द ही ये कारोबार शुरू भी हो जाएगा। वैसे कैलिफोर्निया पहुंचने के कुछ ही समय में पानी की तरह पैसा बहाया है अल्फा पैक ने, लेकिन एक बात अच्छी है की अब इन लोगों को वहां की स्थानीय सरकार एवं अधिकारियों से कोई परेशानी होने नहीं वाली। वैसे भी कौनसा इनका अपना पैसा था, देवगिरी की 40 प्रतिशत जायदाद और ऊपर से ये दो हज़ार करोड़ का सोना... इतना धन सालों तक खत्म न हो, और यहां तो आर्यमणि अपनी संपत्ति बढ़ान की और देख रहा है।

मेयर ने चेताया है आर्यमणि को, परंतु वो भी रिस्क लेना चाहता है। वैसे मेयर ने कहा था उसे की भविष्य में यदि कोई परेशानी उत्पन्न हुई तो वो खुद भी आर्यमणि के विरुद्ध होगा, परंतु मुझे नहीं लगता की वो बैठे बिठाए मिल रहे तीस प्रतिशत प्रॉफिट को ऐसे ही जाने देगा। देखते हैं आने वाले दिनों में और क्या होता है इनकी इस कैलिफोर्निया यात्रा पर... अभी के लिए तो सब बढ़िया ही है।

दोनों अध्याय बहुत ही खूबसूरत थे भाई। निकोल की बीवी वाला किस्सा हास्यास्पद लगा।

प्रतीक्षा रहेगी अगले भाग की...
No... Let me clarify first... Wo do mahina nagpur se nikle total 2 month ka jikr hai na ki California me bitaye 2 mahine...

Main ruhi ko padhne bhej to deta lekin engineering 4th year me kaun adnission dega aur shuru se padhane jitna samay kaha hai... Isliye drop karte hain... Baki abhi to alfa pack ka waqt hai... Waqt ke sath sabhi jina sikh jate hai...

Aur haan America me bhi lafde hain death King bro bus aage ke update ke luft to lete rahiye
 

nain11ster

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बहुत खूब आर्यमणी सही जा रहा हैं गोल्ड को लेकर
लेकिन जैसा मेयर ने कहा बड़े लोगों का धंधा
कुछ लफड़ा हुआ तो आर्यमणी सामने आ जायेगा

फिर वो छूपा नहीं रह पायेगा

बहुत ही शानदार लाजवाब अपडेट भाई
Dekhiye kya lafada hua bhi ya nahi... Wo jald hi panne par hoga...

Thanks a lot
 

nain11ster

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Wah bhai gazab k updates he. Maza aa gaya. Aarymani aur uska pack US me settle ho hi gaye. Waha ki nagrikta, waha ka knowledge, language, sabka apne apne pasand k subject ka knowledge, last me mayar se pahchan aur gold business ka start karna. 3 bachcho ki study ka prabandh karna makan aur sari facilities gain karna sab kuch hi ho gaya bandhu. Specially wo log subah yog aur practice karte he jisse sab bahut kuch aage chal kar prapt karenge. Vese wo oshoon ya kya naam he jarmani wale pack ki ladki wo kab aa rahi he??? Nice update bhai
Sab kuch smoothly chal raha hai... Kahani me alfa pack ka waqt hai isliye unhe enjoy karne de... Oshun nam ki yad to mujhe bhi as gayi... Jald hi jahar ki tarah utaar jayegi oshun :D
 
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