• If you are trying to reset your account password then don't forget to check spam folder in your mailbox. Also Mark it as "not spam" or you won't be able to click on the link.

Adultery छुटकी - होली दीदी की ससुराल में

komaalrani

Well-Known Member
22,596
59,650
259
ये सौवां भाग ( ननद की बिदाई- बाँझिन का सोहर पृष्ठ १०३५) जैसा बन पड़ा आप लोगों की सेवा में हाजिर है और इन पोस्टों के लिखने के बाद कम से कम मैं ज्यादा कुछ कहने, बोलने की हालत में नहीं हूँ। हाँ बस कह सकती हूँ, जैसा कुछ आप लोगों को लगे, मन में महसूस हो तो हो सके तो दो चार लाइन लिख जरूर दीजियेगा।
 
Last edited:

motaalund

Well-Known Member
9,544
22,151
173
Jo mama kar rahe he vahi to bhaiya bhi karega. Or prem gali ko muh laga to mithi si chhat patat to hona hi. Udhar mami nahi idhar maa nahi. Ab to bas bhavra fulo ka ras hi piega
मामा मम्मी के रोमांचक पल....
भंवरे ने फूल पर मुँह लगा दिया है रस पीने के लिए....
 

motaalund

Well-Known Member
9,544
22,151
173
प्यार दुलार -चाची का



सुलाया भी अपने पास,... ' अरे वो कमरा साफ़ नहीं, मैं और तेरे चाचा तो इसी बिस्तर पे , बहुत अच्छी नींद आती है यहाँ पे... "

उस रात हलकी सी ठंडक भी थी , तो खींच के उसे अपने चादर में और सीधे अपना हाथ अपने ३८ साइज वाले कड़े कड़े, ब्लाउज तो कब का उतर गया था और ब्लाउज के बिना भी वो दोनों ऐसे ही कड़क, तने, मांसल,...

' लजा मत, देखती नहीं थी क्या, कैसे लिबराता रहता है, अब मिल रहे हैं तो,... अरे पकड़ कस के , हाँ ,... पूरी ताकत से,... मसल रगड़,... "



और जब उसके दोनों हाथ चाची के पहाड़ों पर पर्वतारोहण कर रहे थे, चाची के दाएं हाथ ने उसके जांघिये में सेंध लगा दी और गपुच लिया, खड़ा तो वो था ही चाची के गोरे गोरे मुलायम हाथों की पकड़ में तो और फनफनाने लगा, फिर चाची की तारीफ,...


अरे ये तो जबरदस्त मस्त लौंड़ा हो गया है , खूब मोटा भी है कड़ा भी,... मेरी मेहनत, बचपन में इसे तेल लगाने की मालिश करने की, ... इत्ता मस्त खूंटा है , अब तक तो बहुतों को चोद के पार लगाया होगा,... "



कुनमुना के उन्होंने नहीं बोला , तो चाची ने कस के मुन्ना के मुन्ना को दबोच लिया और लगी गरियाने,...



" स्साले मादरचोद, बहनचोद, तुझसे तेरी माँ बहन चुदवाउ,... इत्ता मस्त लौंड़ा क्या ताखे पर सजाने के लिए है,... खैर चल तेल पिला पिला के तेरी नूनी को मस्त लौंड़ा बनाया है , अब तुझ मस्त चुदक्क्ड़ भी बनाउंगी,... "




और ये कह कह के वो हलके हलके उसके औजार को मसलने लगीं, और चाची लगता है जांघिया में हाथ घुसाने के पहले ही अपने हाथ में थूक खूब लगा चुकी थीं , हाथ गीला था , कुछ देर आगे पीछे करने के बाद, उन्होंने लंड के बेस पर दोनों उँगलियों से कस के दबाया, नाख़ून से सहलाया

और फिर एक झटके में ऐसे जोर लगा के झटका मारा, बौराया सुपाड़ा खुल गया,...

" इसको हरदम खुला रखा कर, अब इसके खाने पीने के दिन आ गए हैं , कपडे से रगड़ रगड़ कर ये और,... "


हड़का के उन्होंने समझाया, और प्यार धीमे मुठियाने लगी , लेकिन कुछ देर बाद फिर हड़काया,...

" हे इतना धीरे धीरे दबा रहे हो कस के मसलो, रगड़ो पूरी ताकत से। देख के तो बहुत ललचाते थे। क्या सारी ताकत तेरी माँ बहन ने चूस चूस के निकाल ली है ?"




उन्होंने ३८ वाले उभारों पर जोर बढ़ाया और चाची ने मुठियाने की रफ्तार तेज की, ...

थोड़ी देर तक दोनों मजे लेते रहे , फिर एक हाथ पकड़ के सीधे अपने पेटीकोट के नाड़े पे,...



" अरे कभी नाड़ा वाड़ा खोले हो की नहीं, किसी का ? नाड़ा खोलना सीखना बहुत जरूरी है , शलवार हो, चड्ढी हो, पेटीकोट हो, .. एकदम अँधेरा हो, चादर, रजाई के अंदर , अमराई में आधी रात को , गन्ने के खेत में दिन दुपहिरया को,... . और एक बात लौंडिया इत्ती आसानी से नाड़ा पे हाथ भी नहीं रखने देतीं , रख भी लोगे तो गांठ मोड़ के शलवार के अंदर, घुसेड़ के,...

और नाड़ा बड़ी मुश्किल से खोल भी लिया तो दुनो जांघें एकदम चिपका के , एक के ऊपर एक टांग रख के नीचे सरकाने नहीं देंगी , और अगर एक बार वो सरक के घुटने के नीचे पहुँच गया,... हथेली उसकी गुलाबो पे सहलाने लगी, तो खुद पिघल जायेगी। य सब सीखना बहुत जरूरी है वरना इतना मस्त औजार, ... और भूखे प्यासे टहलते रहोगे, "




और इसी बात के बीच, पेटीकोट और जांघिया दोनों सरक के पलंग के नीचे, खूंटा एकदम तना , और चाची के होंठ कभी गालों पर कभी होंठों पर , दोनों ओर से चुम्मा चाटी, जोबन मर्दन हो रहा था चाची का अब पूरी ताकत से

और जो हाथ पेटीकोट का नाड़ा खोल चुका था अब दोनों जाँघों के बीच सेंध लगा रहा था। ताल तलैया में डुबकी लगाने की कोशिश कर रहा था,...

और चाची का जो हाथ दस बारह मिनट से खूंटे की रगड़ाई कर रहा था , अब सीधे तूफ़ान मेल हो गया, कस के उन्होंने उसे भींच रखा था,... कभी दबातीं कभी ढीला करतीं, लेकिन आगे पीछे करने की रफ़्तार में कोई कमी नहीं आयी, बल्कि बहुत तेज हो गयी, ...



' नहीं नहीं छोड़िये न , ओह्ह उफ्फ्फ्फ़ " चाची की पकड़ उसने छुड़ाने की कोशिश की , पर सँड़सी ऐसी उनकी कलाई, और खूब जोर झिड़का उन्होंने,...



" क्या स्साले नयी नयी लौंडिया की तरह छटक रहे हो। छटकने से क्या कोई लौंडिया चुदने से बच जाती है,.... बिन चोदे लौंडे क्या छोड़ देते हैं ? चुप पड़ा रह "



और मुट्ठी से कस के खूंटे को बेस पे और दबा दिया, ...


" नहीं नहीं हो जाएगा,... बस ,... बस निकल जाएगा,... " वो पैर पटक रहा था।

" तो निकल जाने दे , अरे कौन ख़तम हो जाएगा, पहले कभी मुट्ठ मार के नहीं निकाले हो क्या , निकलने दो। "



और अगले ही पल सफ़ेद फव्वारा फूट पड़ा , खूब ढेर सारा, ..



सारी गाढ़ी मलाई चाची के हाथों में ,... जांघों पे , पर वो रुकी नहीं धीमी भी नहीं हुयी,... ... और थोड़ी देर बाद दुबारा फव्वारा छूटने लगा तो रुकीं और फिर सुपाडे पे ऊँगली लगा , छेद पर लगी सब मलाई समेट ली , फिर खुद उनके मुंह से निकला,

" जबरदस्त, इतनी ढेर सारी मलाई और खूब गाढ़ी,... "




और उसे सीने से चिपका के बस थोड़ी देर तक लेटी रहीं , वो धीरे धीरे सांस लेता रहा,... वो कभी उसके बाल पे हाथ फेरतीं तो कभी सीने पे ऊँगली से और जब तक वो थिर नहीं हो गया ऐसे ही चिपकाए रहीं, ... फिर उसके कान में बोलीं ,



" ऐसे ही अच्छे बच्चे की तरह लेटे रहना, ... कोई बदमाशी नहीं,... नहीं तो बहुत मारूंगी। तेरे लिए दूध निकाल के रखा था अभी लाती हूँ , ... "



और जाने के पहले उन्होंने कमरे की खिड़की खोल दी, खूब छिटकी चांदनी कमरे में आ कर पसर गयी, ...

अब सब कुछ साफ़ साफ दिख रहा था , साड़ी पेटीकोट से ढके छिपे जिन नितम्बो को देख के उसका खूंटा खड़ा हो जाता था , अब एकदम उसके सामने , बीच की दरार भी थिरक थिरक के,...




और चाची ने झुक के फर्श पर पड़े उसके जांघिये को भी उठा लिया, अपने पेटीकोट , ब्लाउज को भी और सब ले के ,.. जब वो झुँकी तो साइड से उन बड़े बड़े खूब गदराये उभारों की झलक ,...




पायल झनकाते वो गयीं और पायल झनकाते थोड़ी देर में वापस,...
बहुत प्यारी और मक्खन मलाई चाची हैं...
लेकिन चाची की मलाई निकालने के लिए मथानी चलानी पड़ेगी....
तभी मेहनत का फल मिलेगा.....
 
  • Like
Reactions: komaalrani

motaalund

Well-Known Member
9,544
22,151
173
Are chachi podhe ko tune hi pani diya he. Ab to ghatadar ped bana. Khub tel lagaya. Ab tu majbuti dekh
चाची ने जिस पौधे को पानी दिया...
वो नीचे वाले छेद में पानी डालकर नया पौधा उगाएगा....
 

motaalund

Well-Known Member
9,544
22,151
173
Re chachi koi teri baheniya nahi he. Gav ki bhauji he. Chachi to sirf tere lie he. Or kam to vahi kar rahi hena. Sari nando ko maza chakhane ki trening. Bhaiya ke khute par bethvane ka kam.

Maza aa gaya. Full shararat
चाची तो ट्रेनर हैं...
 

Shetan

Well-Known Member
15,689
43,099
259
क्या यथार्थ विशलेषण किया है....
Bahot bahot shukriya janab
 

Rajizexy

Punjabi Doc, Raji, ❤️ & let ❤️
Supreme
46,935
49,058
304
भाग ३३ अरविन्द और गीता की इन्सेस्ट गाथा

सांझ भई घर आये



गीता ने कुछ बोलने की कोशिश की पर माँ ने अनसुनी कर दी और सिर्फ ये बताया की वो आज नहीं आ रहीं है,... और ये सुन के मारे ख़ुशी के भाई ने गीता की चूँचियाँ कस के दबा दी , ... और गालों पर के मीठी सी चुम्मी ले ली, ... वैसे तो गीता भी कुछ जवाब देती पर माँ का फोन ऑन था और वो समझदार थी उसने साफ़ साफ़ पूछ लिया,...

" माँ , मामा के यहाँ सब ठीक है , मामी लौट आयीं क्या ,... "




" नहीं नहीं , वही तो , इत्ती बारिश हो गयी है यहाँ भी बहुत हालत खराब है,... और तेरी मामी के घर का तो रस्ता बंद हो गया है , उनका फोन आया था की उनके आने में दस बारह दिन लग सकते हैं,... और जिस काम के लिए मायके गयी थीं वो तेज बारिश के चलते हुआ भी नहीं , यहाँ कोई है नहीं तेरे मामा अकेले हैं , इस लिए देख ,... दस दिन तो लग जाएंगे मुझे, हो सकता है दो चार दिन ज्यादा ही लग जाएंगे , तुम लोग सम्हाल लोगे न , कोई परेशानी तो नहीं होगी तुम दोनों को,.... "




उधर से जवाब मिला।



ऊँगली में गीता के निपल पकड़ के मस्ती से घुमाते हुए भाई ने बोला , ...


" नहीं माँ , तू चिंता न कर मैं हूँ न घर का बाहर का सब मैं देख रहा हूँ , आज दिन में खेत पे भी गया था , बाग़ में भी,... "



" अरे मेरा बेटा बड़ा हो गया , " दुलराते हुए माँ की आवाज आयी उधर से ,...

लेकिन पीछे से शायद उनके मामा की आवाज आ रही थी,...' आओ न "

गीता क्यों पीछे रहती,वो भी बोली,...

" माँ आपकी भी बेटी भी बड़ी हो गयी है , आप आराम से आइये हम लोगों की चिंता को कोई जर्रूरत नहीं ,... बस एक बात है,... "




माँ फोन रखने वाली थीं की गीता की बात सुनने के लिए रुक गयीं , और गीता ने अपनी बात पूरी कर दी,...

" भैया को बोल दे न ,... मुझे मारेगा नहीं ,... "

और अब उधर से खिलखिलाने की आवाज आयी और उन्होंने अपने बेटे से कहा,...

" सुन, अपनी बहन को कस के मारना , हलके से इसके ऊपर असर नहीं होता,... "



और बिटिया को बोला, ... \

" भैया की सब बात मानना , और मारेगा तो क्या हुआ तेरा सगा भाई है , हाँ चल मैं बोल देती हूँ सुन मारना तो प्यार से और ज्यादा दर्द हो तो बाद में सहला भी देना,... "


ये कह के उन्होंने हँसते हुए फोन काट दिया



और यहाँ तो ख़ुशी की लहर, ... कस कस के बहन की चूँची मसलते हुए भाई बोला,...
" अब तो दस दिन तक तेरी,... "




" तो डरती हूँ क्या तेरे से कर लेना जो तेरी मर्जी हो ,... "नीचे दबी खिलखिलाती बहन बोली ,...

लेकिन फिर अगले ही पल निकल गयी और बोली , अब बाकी की मस्ती रात को,.. अभी मैं खाना चढ़ा देती हूँ , अभी ग्वालिन भौजी भी आती होंगी, भैंस को दूह के ,... "





भाई भी बाहर निकल गया , बारिश अभी रुकी थी , खेत के काम बहुत होते हैं , ....

गाँव में रात बहुत जल्दी होती है और बारिश के दिन में तो और ,..आठ बजे तक खाना बना के खा खिला के , बर्तन वर्त्तन कर के गीता निपट गयी और भैया के बिस्तर में

लेकिन भैया ने आज कुछ और सोच रखा था, बस सीधे उसने प्रेम गली में मुंह लगा दिया,...


पिछले २४ घंटे में बहन के ऊपर छह बार से ज्यादा चढ़ चुका था, इसलिए न उसे अब जल्दी थी चोदने की न बहना को चुदवाने की, आज तो खूब रस ले लेकर इस कच्ची कली का मज़ा लेना चाहती था , और इसलिए आराम से पहले सीधे जाँघों को फैला के मुंह लगा दिया कभी जीभ से चाटता, कभी दोनों फांको को फैला के जीभ से चोदता , कभी क्लिट को होंठों के बीच दबा के चूसता ,



वो छटपटा रही थी , तड़प रही थी , पर यही तो वो चाहता था , उसे पागल कर देना इतना पागल कर देना की खुद आये और उसका लंड मुंह में ले कर चूसे, उसके ऊपर चढ़ के चोदे, एकदम बेशर्म होके उसके लंड की दीवानी हो जाए,...
चटोरा भाई





आज तो खूब रस ले लेकर इस कच्ची कली का मज़ा लेनाचाहता था ,

और इसलिए आराम से पहले सीधे जाँघों को फैला के मुंह लगा दिया कभी जीभ से चाटता, कभी दोनों फांको को फैला के जीभ से चोदता ,


कभी क्लिट को होंठों के बीच दबा के चूसता ,




वो छटपटा रही थी , तड़प रही थी , पर यही तो वो चाहता था , उसे पागल कर देना इतना पागल कर देना की खुद आये और उसका लंड मुंह में ले कर चूसे, उसके ऊपर चढ़ के चोदे, एकदम बेशर्म होके उसके लंड की दीवानी हो जाए,...


कस के उसने अपने दोनों मजबूत हाथों से बहन की कोमल कलाइयों को कस के दबोच रखा था, इंच भर भी नहीं हिल सकती थी , छटपटाये चाहे जितना तड़पे चीखे,...



चूस चूस के वो उसे झाड़ने के कगार पे ले आता , फिर छोड़ देता,....


और थोड़ी देर बाद फिर जीभ उसी तरह कभी फांकों पे, कभी अंदर





और थोड़ी देर में गीता फिर बिस्तर पे अपने चूतड़ रगड़ती, गहरी गहरी साँसे लेती लेकिन वो बस बार बार उसे झड़ने के कगार पे ला के रुक जाता , जब तक गीता ने खुद चीखना शुरू कर दिया,...

"भैया, भैया प्लीज हो जाने दे न ,... दुष्ट बदमाश,... मेरे अच्छे वाले भैया प्लीज बस एक बार झड़ जाने दे न,"
बार बार गीता बोल रही थी


"क्यों तड़पाते हो , तेरी हर बात मानूंगी , प्लीज भैया ,"

चार पांच मिनट इसी तरह तड़पाने के बाद , उसने स्ट्रेटजी चेंज कर दी,...

और बिना बोले , पहले धीमे धीमे हलके हलके चाटता चूसता रहा , चूत चटोरा तो वो गज़ब का था , भोसड़े वालियों का भोंसड़ा चूस के पागल कर देता था, और ये तो नयी बछेड़ी थी,... फिर धीरे धीरे उसने चूसने की रफ्तार बढ़ाई, कभी जीभ से हचक के चूत चोदता तो कभी दोनों होंठों के बीच बहन की दोनों फांको को पकड़ के कस कस के चूसता ,




जल्द ही एक तार की चाशनी बहन की रसमलाई ने छोड़नी शुरू कर दी, रस बह के गोरी गोरी मखमली जाँघों पर बहना शुरू हो गया, बहना के ,.. लेकिन वो रुका नहीं सीधे चौथे गियर में ,... और वो जब झड़ी तो भी नहीं ,

एक दो बार , चार बार , पांच बार ,


झड़ झड़ के वो थेथर हो गयी। हिला नहीं जा रहा था , सिसक भी नहीं पा रही थी , अब वो जीभ से छू भी दे रहा था क्लिट तो देह कांपना शुरू कर देती थी, एक बार झड़ना रुकता नहीं था की ,...


और उसके बाद भी चूसता था , सीधे क्लिट को , ... दस मिनट




और अब बस जैसे वो संज्ञा शून्य हो गयी तो फिर धीमे धीमे उसने चूसने की रफ्तार कम की सारी चाशनी चाट गया और उसी चासनी को हथेली में लिपेट के बहन के मुंह में पोत दिया , होंठों पर गाल पे।

बहुत देर तक दोनों एक दूसरे की बांह में , तब कहीं जा के गीता बोलीं ,.. बोली क्या भाई के मुंह को चूम लिया। और जो सवाल कब से उसके मन में उमड़ घुमड़ रहा था पूछ लिया,...

" भैया, तूने सबसे पहले किसके साथ, कब,... "




भैया कुछ देर तक उसकी संतरे की फांक सी रसीली, होंठों को चूसता रहा, ... फिर बोला, ..



" चाची के साथ,... करीब दो साल पहले,.. तू मौसी की यहाँ गयी थी , छुट्टी में. "



तो चलिए अब चाची की हाल चाल,...
चाची-



खूब गोरी, मक्खन, उमर में माँ की ही समौरिया होंगी, एकाध साल इधर उधर, ... लेकिन रिश्ते की देवरानी होने से चाची हो गयीं। चौड़ा माथा, सुतवा होंठ, हरदम पान से रचे होंठ, नाक में एक छोटी सी हीरे की लौंग, हँसतीं तो गोरे गालों में गढ्ढे पड़ते, लेकिन जोबन के मामले में माँ की टक्कर क्या शायद २० ही होंगी , पक्का ३८, लेकिन एकदम कड़क,


और चोली हरदम कसी और खूब लो कट, गहराई, कटाव, कड़क सब कुछ साफ़ साफ़ ,... और आँचल तो सरकता ही रहता था, देह मांसल तो थी , खूब भरी भरी, लेकिन स्थूल एकदम नहीं।

एक लड़की थी, मेडिकल की कोचिंग कहीं शहर में अपने ननिहाल में रह के कर रही थी, साल में एकाध बार कभी आयी तो आयी,..



और चाची की नजर जवान होते लौंडो पर घूमती रहती , जिनकी कमर में ताकत हो, देह गठी हो,... और उनकी निगाह पड़ गयी ,

और एक दिन अपनी मन की बात उन्होंने अपनी जेठानी से कह दी,...

"इसके चाचा दो तीन दिन के शहर जा रहें हैं, इसकी भी छुट्टी चल रही है , मैं आजकल अकेले हूँ ,... तो ले जाऊं इसको अपने साथ , इसके चच्चा जैसे ही आएंगे,..."

माँ कुछ बोलतीं , वैसे ही उनकी मुंहलगी ग्वालिन भौजी बोल पड़ीं,

" अरे काहें नहीं , फिर कौन गाँव से बाहर जा रहा है,... और मैं हूँ ना , आ जाउंगी रात में , बल्कि सांझ से ही गाय भैस का काम निपटा के , दो चार दिन ,... रात में ,... "




और माँ ने हामी भर दी,



ग्वालिन भौजी और माँ दोनों एक दूसरे को देख के मीठा मीठा मुस्करा दीं.

लेकिन भैया ने कबूला गलती उन्ही की थी,...

वो चाची के बड़े बड़े खूब गदराये उभारों के दीवाने थे, ... और उतने ही चाची के पिछवाड़े के भी, जब मचर मचर चलतीं,... अपने तरबूज से बड़े बड़े चूतड़ मटका के, साड़ी इतनी कसी पहनतीं की बीच की दरार साफ़ साफ़ झलकती,...




और वो तो सोचते थे की वो चोरी छुपे, लेकिन चाची की चालाक निगाहें सब ताड़ लेती थीं, और एक दो बार तो उन्होंने टोक भी दिया था , ' बहुत ललचाते हो, लालची " और एक बार तो एकदम साफ़ साफ़, ...

" क्यों खाली मुंह में पानी आता है या कही और भी "



और सीधे उन्होंने भैया के टनटनानाते, पजामा फाड़ते खूंटे की ओर देखा।



और चाची के घर तो पूरी चांदी थी,...

घर में बस वही दोनों और रात में वैसे ही गाँव में आठ बजे के पहले ही सोता पड़ जाता है,... खाना बनाते समय ही चाची ने साड़ी उतार दी थी,... ' गर्मी बहुत है , तू भी हलके हो जाओ "




और ब्लाउज पेटीकोट में ( गाँव में चड्ढी बनियान पहनने पर तो एकदम पाबंदी थी ) , आटा गूंथते समय ही,... उसे सामने बैठा के , झुक के,... अब न सिर्फ पहाड़ों और घाटियों के दर्शन हो रहे थे, बल्कि जब उन्होंने पेटीकोट थोड़ा सा ऊपर सरका लिया घुटनों ज़रा सा नीचे,...

और अब तो भरतपुर के स्टेशन का रास्ता भी दिख रहा था साफ़ ,... बेचारे मुन्ना के मुन्ना की हालत ख़राब हो रही थी, ... बहाना बना के उठने का भी रास्ता नहीं थी , चाची ने खिलाया भी बहुत प्यार से, पूड़ी बखीर, ... लेकिन सोते समय बल्कि पहले से ही खेल चालू हो गया,





वो ब्लाउज पेटीकोट में थी हीं,जिद्द कर के उसे भी सिर्फ जांघिये में,...



' अरे यहाँ कौन देख रहा है , लौंडा मुझसे शरमा रहा है , तुझे कितनी बार नंगे खिलाया है , छोटी सी नूनी थी तेरी, खोल खोल के तेल लगाती थी मैं,... जब तक छटांक भर तेल न पिला देती छोड़ती नहीं थी , और तू भी उस उमर से सीधे ब्लाउज पे हाथ मारता था जब तक खोल के हाथ में न दे दूँ,... "



सुलाया भी अपने पास,... ' अरे वो कमरा साफ़ नहीं, मैं और तेरे चाचा तो इसी बिस्तर पे , बहुत अच्छी नींद आती है यहाँ पे... "

उस रात हलकी सी ठंडक भी थी , तो खींच के उसे अपने चादर में और सीधे अपना हाथ अपने ३८ साइज वाले कड़े कड़े, ब्लाउज तो कब का उतर गया था और ब्लाउज के बिना भी वो दोनों ऐसे ही कड़क, तने, मांसल,...




' लजा मत, देखती नहीं थी क्या, कैसे लिबराता रहता है, अब मिल रहे हैं तो,... अरे पकड़ कस के , हाँ ,... पूरी ताकत से,... मसल रगड़,... "



और जब उसके दोनों हाथ चाची के पहाड़ों पर पर्वतारोहण कर रहे थे, चाची के दाएं हाथ ने उसके जांघिये में सेंध लगा दी और गपुच लिया, खड़ा तो वो था ही चाची के गोरे गोरे मुलायम हाथों की पकड़ में तो और फनफनाने लगा, फिर चाची की तारीफ,...



" अरे ये तो जबरदस्त मस्त लौंड़ा हो गया है , खूब मोटा भी है कड़ा भी,... मेरी मेहनत, बचपन में इसे तेल लगाने की मालिश करने की, ... इत्ता मस्त खूंटा है , अब तक तो बहुतों को चोद के पार लगाया होगा,... "
प्यार दुलार -चाची का



सुलाया भी अपने पास,... ' अरे वो कमरा साफ़ नहीं, मैं और तेरे चाचा तो इसी बिस्तर पे , बहुत अच्छी नींद आती है यहाँ पे... "

उस रात हलकी सी ठंडक भी थी , तो खींच के उसे अपने चादर में और सीधे अपना हाथ अपने ३८ साइज वाले कड़े कड़े, ब्लाउज तो कब का उतर गया था और ब्लाउज के बिना भी वो दोनों ऐसे ही कड़क, तने, मांसल,...

' लजा मत, देखती नहीं थी क्या, कैसे लिबराता रहता है, अब मिल रहे हैं तो,... अरे पकड़ कस के , हाँ ,... पूरी ताकत से,... मसल रगड़,... "



और जब उसके दोनों हाथ चाची के पहाड़ों पर पर्वतारोहण कर रहे थे, चाची के दाएं हाथ ने उसके जांघिये में सेंध लगा दी और गपुच लिया, खड़ा तो वो था ही चाची के गोरे गोरे मुलायम हाथों की पकड़ में तो और फनफनाने लगा, फिर चाची की तारीफ,...


अरे ये तो जबरदस्त मस्त लौंड़ा हो गया है , खूब मोटा भी है कड़ा भी,... मेरी मेहनत, बचपन में इसे तेल लगाने की मालिश करने की, ... इत्ता मस्त खूंटा है , अब तक तो बहुतों को चोद के पार लगाया होगा,... "



कुनमुना के उन्होंने नहीं बोला , तो चाची ने कस के मुन्ना के मुन्ना को दबोच लिया और लगी गरियाने,...



" स्साले मादरचोद, बहनचोद, तुझसे तेरी माँ बहन चुदवाउ,... इत्ता मस्त लौंड़ा क्या ताखे पर सजाने के लिए है,... खैर चल तेल पिला पिला के तेरी नूनी को मस्त लौंड़ा बनाया है , अब तुझ मस्त चुदक्क्ड़ भी बनाउंगी,... "




और ये कह कह के वो हलके हलके उसके औजार को मसलने लगीं, और चाची लगता है जांघिया में हाथ घुसाने के पहले ही अपने हाथ में थूक खूब लगा चुकी थीं , हाथ गीला था , कुछ देर आगे पीछे करने के बाद, उन्होंने लंड के बेस पर दोनों उँगलियों से कस के दबाया, नाख़ून से सहलाया

और फिर एक झटके में ऐसे जोर लगा के झटका मारा, बौराया सुपाड़ा खुल गया,...

" इसको हरदम खुला रखा कर, अब इसके खाने पीने के दिन आ गए हैं , कपडे से रगड़ रगड़ कर ये और,... "


हड़का के उन्होंने समझाया, और प्यार धीमे मुठियाने लगी , लेकिन कुछ देर बाद फिर हड़काया,...

" हे इतना धीरे धीरे दबा रहे हो कस के मसलो, रगड़ो पूरी ताकत से। देख के तो बहुत ललचाते थे। क्या सारी ताकत तेरी माँ बहन ने चूस चूस के निकाल ली है ?"




उन्होंने ३८ वाले उभारों पर जोर बढ़ाया और चाची ने मुठियाने की रफ्तार तेज की, ...

थोड़ी देर तक दोनों मजे लेते रहे , फिर एक हाथ पकड़ के सीधे अपने पेटीकोट के नाड़े पे,...



" अरे कभी नाड़ा वाड़ा खोले हो की नहीं, किसी का ? नाड़ा खोलना सीखना बहुत जरूरी है , शलवार हो, चड्ढी हो, पेटीकोट हो, .. एकदम अँधेरा हो, चादर, रजाई के अंदर , अमराई में आधी रात को , गन्ने के खेत में दिन दुपहिरया को,... . और एक बात लौंडिया इत्ती आसानी से नाड़ा पे हाथ भी नहीं रखने देतीं , रख भी लोगे तो गांठ मोड़ के शलवार के अंदर, घुसेड़ के,...

और नाड़ा बड़ी मुश्किल से खोल भी लिया तो दुनो जांघें एकदम चिपका के , एक के ऊपर एक टांग रख के नीचे सरकाने नहीं देंगी , और अगर एक बार वो सरक के घुटने के नीचे पहुँच गया,... हथेली उसकी गुलाबो पे सहलाने लगी, तो खुद पिघल जायेगी। य सब सीखना बहुत जरूरी है वरना इतना मस्त औजार, ... और भूखे प्यासे टहलते रहोगे, "




और इसी बात के बीच, पेटीकोट और जांघिया दोनों सरक के पलंग के नीचे, खूंटा एकदम तना , और चाची के होंठ कभी गालों पर कभी होंठों पर , दोनों ओर से चुम्मा चाटी, जोबन मर्दन हो रहा था चाची का अब पूरी ताकत से

और जो हाथ पेटीकोट का नाड़ा खोल चुका था अब दोनों जाँघों के बीच सेंध लगा रहा था। ताल तलैया में डुबकी लगाने की कोशिश कर रहा था,...

और चाची का जो हाथ दस बारह मिनट से खूंटे की रगड़ाई कर रहा था , अब सीधे तूफ़ान मेल हो गया, कस के उन्होंने उसे भींच रखा था,... कभी दबातीं कभी ढीला करतीं, लेकिन आगे पीछे करने की रफ़्तार में कोई कमी नहीं आयी, बल्कि बहुत तेज हो गयी, ...



' नहीं नहीं छोड़िये न , ओह्ह उफ्फ्फ्फ़ " चाची की पकड़ उसने छुड़ाने की कोशिश की , पर सँड़सी ऐसी उनकी कलाई, और खूब जोर झिड़का उन्होंने,...



" क्या स्साले नयी नयी लौंडिया की तरह छटक रहे हो। छटकने से क्या कोई लौंडिया चुदने से बच जाती है,.... बिन चोदे लौंडे क्या छोड़ देते हैं ? चुप पड़ा रह "



और मुट्ठी से कस के खूंटे को बेस पे और दबा दिया, ...


" नहीं नहीं हो जाएगा,... बस ,... बस निकल जाएगा,... " वो पैर पटक रहा था।

" तो निकल जाने दे , अरे कौन ख़तम हो जाएगा, पहले कभी मुट्ठ मार के नहीं निकाले हो क्या , निकलने दो। "



और अगले ही पल सफ़ेद फव्वारा फूट पड़ा , खूब ढेर सारा, ..



सारी गाढ़ी मलाई चाची के हाथों में ,... जांघों पे , पर वो रुकी नहीं धीमी भी नहीं हुयी,... ... और थोड़ी देर बाद दुबारा फव्वारा छूटने लगा तो रुकीं और फिर सुपाडे पे ऊँगली लगा , छेद पर लगी सब मलाई समेट ली , फिर खुद उनके मुंह से निकला,

" जबरदस्त, इतनी ढेर सारी मलाई और खूब गाढ़ी,... "




और उसे सीने से चिपका के बस थोड़ी देर तक लेटी रहीं , वो धीरे धीरे सांस लेता रहा,... वो कभी उसके बाल पे हाथ फेरतीं तो कभी सीने पे ऊँगली से और जब तक वो थिर नहीं हो गया ऐसे ही चिपकाए रहीं, ... फिर उसके कान में बोलीं ,



" ऐसे ही अच्छे बच्चे की तरह लेटे रहना, ... कोई बदमाशी नहीं,... नहीं तो बहुत मारूंगी। तेरे लिए दूध निकाल के रखा था अभी लाती हूँ , ... "



और जाने के पहले उन्होंने कमरे की खिड़की खोल दी, खूब छिटकी चांदनी कमरे में आ कर पसर गयी, ...

अब सब कुछ साफ़ साफ दिख रहा था , साड़ी पेटीकोट से ढके छिपे जिन नितम्बो को देख के उसका खूंटा खड़ा हो जाता था , अब एकदम उसके सामने , बीच की दरार भी थिरक थिरक के,...




और चाची ने झुक के फर्श पर पड़े उसके जांघिये को भी उठा लिया, अपने पेटीकोट , ब्लाउज को भी और सब ले के ,.. जब वो झुँकी तो साइड से उन बड़े बड़े खूब गदराये उभारों की झलक ,...




पायल झनकाते वो गयीं और पायल झनकाते थोड़ी देर में वापस,...
Lagta hai bachpan mein ki hui mehnat ka fal ab chachi ko milne wala hai.
Very madak,kamuk ,erotic, gazab updates.
Vese aapki talent ki puri praise ke liye ye shabd kafi nahi hai didi, lekin tumari Raji ki bas itni hi knowledge hai ,itne hi shabd aate hai usko.
The most entertaining updates
.
👌👌👌👌👌👌👌👌💯💯💯💯💯💯💯
☀️☀️☀️☀️☀️☀️☀️
⭐⭐⭐⭐⭐⭐
🔥🔥🔥🔥🔥
 

Shetan

Well-Known Member
15,689
43,099
259
IMG-20221125-140339
Lagta hai bachpan mein ki hui mehnat ka fal ab chachi ko milne wala hai.
Very madak,kamuk ,erotic, gazab updates.
Vese aapki talent ki puri praise ke liye ye shabd kafi nahi hai didi, lekin tumari Raji ki bas itni hi knowledge hai ,itne hi shabd aate hai usko.
The most entertaining updates
.
👌👌👌👌👌👌👌👌💯💯💯💯💯💯💯
☀️☀️☀️☀️☀️☀️☀️
⭐⭐⭐⭐⭐⭐
🔥🔥🔥🔥🔥
Incast hi nahi lady cocold feel, sharati sex or bhi gav ke majedar kisse. Khas kar holi ko alag rango se daesana. Aam gharelu jivan ke riti rivaz manojak tarike se is tarah darshana. Sabdo se khelna. Or rango ki tarah bahakar use khubshurat bana kar ek kahani me tabdil karna. Story padhne vale ke face pe smaile hi raheti he. Koi bhi gam na ho vesi duniya crieat karna. Vakei la javab he
 

Jiashishji

दिल का अच्छा
1,123
1,926
158
Pyar bhara pariwar
 

komaalrani

Well-Known Member
22,596
59,650
259
Nice apdate waiting for next apdate
Thanks for visting this thread also
 

komaalrani

Well-Known Member
22,596
59,650
259
Top