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Horror किस्से अनहोनियों के

Shetan

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Behad shandar update he Shetan Sahiba,

Balbir ahmedabad aa to gaya, lekin jaise hi wo komal ke flat me dakhil hua, use shaq ho gaya ki waha par kisi buri cheez ka saya he.......

Palkesh ki awaz jaise eco ho rahi isase se saf pata chalta he ki uske sath koi takatwar entity he.............

Agle update ki pratiksha rahegi
Palkesh ke ghar ke andar jo horror activities hogi. Aap vo padhiyega
 

Cuckold ( beta)

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A


सुबह जब कोमल उठी तब वो खुश थी. जैसे उसे दोबारा से प्यार हो गया हो. वो नहाना धोना सब काम कर के घर से बाहर बिकली. उसकी शाम की फ्लाइट थी. उसे वापस अहमदाबाद जाना था. तक़रीबन दिन के 9 बजे तक का वक्त हो गया था. कोमल एक बढ़िया साड़ी मेकअप किये बहोत सुन्दर लग रही थी. उसके 34 साइज के बूब्स और पाली कमर साथ गहेरी नाभि आकर्षण का ज्यादा कारण थी. कोमल अपनी नाभि और बूब्स जानबुचकर ज्यादा एक्सपोस कर रही थी.

पर किस लिए. ये सायद वो भी नहीं जानती थी. वो ये नहीं जानती थी की वो बलबीर से एक बार फिर आकर्षित हो चुकी थी. कोमल का गोरा चहेरा एक छोटी सी लाल बिंदी और हलकी सी डार्क लिपस्टिक से बहोत अकर्षित लग रहा था. अपने एरिया मे जब बस इतना ही सजधज कर बाहर निकलती तो मनचलो की लाइन लग जाती. सब्जी मंडी हो या कॉलोनी अच्छे अच्छो की नजर उसपर रहती. ये तो शुक्र था की सभी जानते थे की कोमल बहोत ही ख़तरनाक वकील है. वो भी क्राइम स्पेलिस्ट.

कोमल सब से पहले दाई माँ के घर की तरफ ही चल दी. घर पर चाचा चाची ने कई बार बोला. की दाई माँ के घर मत जाओ. पर एक बेटी को एक माँ से प्रेम करने से कौन रोक सकता है. कोमल दाई माँ के घर पहोच गई.

वैसे ही पक्का सिर्फ एक रूम का मकान. जैसा बलबीर के मकान की जैसी हालत थी. वैसा ही दाई माँ का मकान भी था. पर बाहर ताला लगा हुआ था. कोमल मायूस हो गई. गाउ मे आज उसका लास्ट डे था. और दाई माँ बिना कुछ बोले ही चली गई. कोमल नहीं जानती थी. दाई माँ नेहा के अंदर जो खिल्लो की आत्मा को पकड़ा था.

उसे मुक्ति देने हरिद्वार के लिए निकाल गई थी. ताकि उसकी आत्मा को मुक्ति दिला सके. ये बात कोमल को तो क्या किसी को नहीं पता थी. कोमल दए बाए देखने लगी. अब वो क्या करें. कोमल के पाऊ जैसे खुद बा खुद चल दिए हो. वो बलबीर के घर की तरफ चल दी. जब वो बलबीर के घर पहोची तब उसे पता चला की बलबीर खेतो मे गया है. बच्चों के चलते उसने ट्रक चलाना छोड़ दिया. वो कुछ पल बच्चों के साथ बिताती है. और फिर वो खेतो की तरफ चल दी.

कोमल एक्ससिटेड थी. क्यों की एक तो बहोत वक्त बाद वो खुद बलबीर से मिलने जा रही थी. जैसे पहले जाया करती थी. उस वक्त लम्बा वक्त तो नहीं पर सिर्फ एक वेकेशन के अंतरल मे दोनों को एक दूसरे से प्यार हुआ था. वक्त चलते कोमल तो भूल गई. पर बलबीर कोमल को भूल नहीं पाया था.

उसके लिए तो कोमल एक परी थी. जो एक रात सपने मे आई और चली गई. वैसे तो बलबीर भी उम्र बढ़ते समझ गया की वो उसे पा नहीं शकता था. कहा कोमल पढ़ी लिखी गोरी मेम. और कहा वो देहाती. उसकी स्कूल कब छूटी होंगी. वो कितने क्लास पढ़ा.

ये खुद बलबीर भी नहीं जनता था. खेतो मे काम करते उसे कोमल की आवाज सुनाई दी. एक शुरीली आवाज उसके सपनों की सहेजादी की.


कोमल : बलबीर...... बलबीर.....


बलबीर ने सर ऊपर किया और देखा तो वो देखता ही रहे गया. कोमल पतली सी चिफोन की साड़ी मे पतली कमर सुन्दर चहेरा. ब्लाउज भी ज्यादा बड़ा नहीं था. बाजु तक़रीबन दिखाई ही दे रही थी. बलबीर के लिए तो कोमल किसी फ़िल्म की हीरोइन ही लग रही थी. वो पास आकर खड़ी हो गई. एक औरत जानती हे. कोई मर्द उसे किस नजर से देख रहा है. कोमल भी समझ गई की बलबीर आंखे फाडे मुँह खुला. वो क्या देख रहा है. कोमल को माझा आने लगा. वो हस पड़ी.


कोमल : (स्माइल शर्म) ऐसे क्या देख रहे हो??? मुझे पहेली बार देख रहे हो क्या???


दरसल कोमल को भी बलबीर का ऐसे देखना अच्छा ही लग रहा था.


कोमल अमूमन ऐसे ही तैयार होती थी. पर मन चाहे मर्द को रीझाना. औरतों को बहोत पसंद आता है. कोमल पहले से काफ़ी ज्यादा ही खूबसूरत हो गई थी. उसका बदन खिल गया था. पर जब कोमल ने टोका तो बलबीर ने नजरें निचे कर ली. बलबीर खेतो मे काम कर रहा था. इस लिए थोडा गन्दा हो गया था. उसने अपने हाथ से फावड़ा छोड़ा और बम्बी की तरफ चल दिया. कोमल भी बम्बी के पास एक छोटे पर घने पेड़ के निचे खड़ी हो गई. वहां एक छोटी सी खटिया भी पड़ी हुई थी. बलबीर हाथ मुँह धो कर आया. और उस खटिया को बिछा दिया. उसने कोमल को बैठने के लिए कहा.


बलबीर : (स्माइल) बेठो.


कोमल बैठ गई. वो शर्मा रही थी. पर फेस पर आज भी वही स्माइल थी. जब दोनों मे थे. और खेतो मे मिलते थे. थोडा शर्माना और थोड़ी मुश्कान. कोमल निचे सर किये अपनी साड़ी के पल्लू को उंगलियों से मोड़ रही थी.


कोमल : (शर्माना स्माइल) तुम भी बैठो ना.


बलबीर ऐसे ही जमीन पर बैठने गया. कोमल ने उसे तुरंत टोका.


कोमल : (सॉक) अरे रे.... ऊपर बैठो...


बलबीर रुक गया. वो सोचने लगा की कोमल के बगल मे बैठे या नहीं. क्यों की कटिया बहोत छोटी भी थी. और उसकी रस्सीया ढीली भी थी. कोमल समझ गई की वो बैठने मे थोडा हिचक रहा है. कोमल शरमाते मुश्कुराते थोडा खिसक गई. बलबीर हिचक रहा था. पर वो कोमल के बगल मे बैठ गया. दोनों एक दूसरे से टच हुए. दोनों को कुछ कुछ एहसास हुआ. पर बलबीर को कोमल की खुशबु मानो उसे दीवाना कर गई हो. वो भी शर्मा रहा था. कुछ पल दोनों शांत ही रहे. दोनों मे से कोई कुछ नहीं बोल रहा था. कोमल ने ही बात आगे बढ़ाई.


कोमल : (स्माइल) आज मे वापस जा रही हु.


बलबीर : (स्माइल) एक दो दिन और रुक जाती.


कोमल : नहीं... वो मेरे पास जो केश है. उनकी डेट है. तो... मुझे जाना पड़ेगा.


बलबीर : (स्माइल) ओह्ह्ह. तुम तो वकील हो ना. मेने तो बस फ़िल्म मे ही ये सब देखा है.


कोमल : (स्माइल) अच्छा है. डॉक्टर और वकील से कभी ना ही काम पड़े तो अच्छा है.


बलबीर बस स्माइल किये हा मे सर हिलता निचे देखने लगा. दरसल कोमल के बस टच होने से उसे बड़ा अच्छा फील हो रहा था. दोनों ही शर्मा रहे थे. अचानक दोनों ने एक दूसरे को देखा. और दोनों वैसे ही रुक गए. दोनों एक दूसरे की आँखों मे मानो खो ही गए हो. दोनों की शांसे लम्बी और धीमी हो गई. एक दूसरे के फेस पर दोनों को एक दूसरे की गरम शांसे महसूस होने लगी. बलबीर तो वैसे ही रहा. पर कोमल धीरे धीरे अपना फेस आगे करने लगी. दोनों के होंठ बस टच ही हुए थे की एकदम से बलबीर खड़ा हो गया. और दो कदम चल कर खेतो की तरफ देखने लगा. कोमल को अपने आप पर शर्म आने लगी. हलाकि वो ये चाहती थी. पर एक अनपढ़ ने उसे रिजेक्ट कर दिया.


बलवीर : तुम किसी की बीवी हो कोमल. अब ये ठीक नहीं है.


कोमल खड़ी हुई. और जाने लगी. बलबीर ने उसे रोका.


बलबीर : रुको.


कोमल रुक गई. पर उसने पीछे मुड़कर नहीं देखा.


बलबीर : मे तुमसे आज भी उतना ही प्यार करता हु कोमल. पर मे इस चीज का भूखा नहीं हु.


कोमल के फेस पर स्माइल आ गई. उसे बहोत अच्छा लगा. अब उसे एहसास भी हो गया की. वो बलबीर से प्यार करने लगी है. वो शादीशुदा है ये एहसास होने के बाद भी. कोमल दोबारा मुड़कर बैठ गई. बलबीर को भी ये अच्छा लगा. वो मुड़ा और कोमल को स्माइल कर के देखने लगा.


बलबीर : तुम्हारा पति क्या करता है???


कोमल की स्माइल तो चली गई. पर वो नार्मल थी. हवा मे उड़ती बालो की एक लाट को अपने कान के पीछे करती है.


कोमल : वो मेरे साथ खुश नहीं है.



बलबीर ने जानबुचकर बात आगे नहीं छेड़ी. वो कुछ पल शांत रहा. फिर कोमल के सामने ही निचे जमीन पर ही बैठ गया.



बलबीर : दाई माँ बता रही थी. तुम्हे भुत प्रेतो से डर नहीं लगता. तुम जब भी आती हो. उन्हें किस्से बताने को कहती रहती हो.


अब कोमल के मन पसंद मुद्दे की बात छेड़ी तो उसने भी बलबीर की तरफ देखा.


कोमल : हा मुझे डर तो नहीं लगता. मै सोच रही हु की इनपर एक किताब लिखू.


बलबीर : तुम पागल हो. छोडो ये सब. और अपने काम पर ध्यान दो.


कोमल : जो काम पसंद आए. उसे छोड़ना नहीं चाहिए. तुम भी तो अपनी जिंदगी मे बहोत कुछ देख चुके हो. कुछ बताओ ना. इस बारे मे.


बलबीर एक तक कोमल को देखने लगा. थोड़ी आंखे बड़ी हो गई. पर ये वो प्यार वाली फीलग नहीं थी. जैसे कोई घटना जाहेन मे आई हो. कोमल भी समझ गई की कोई किस्सा है. जो बलबीर उसे सुनाने वाला है.



Superb Romantic conversation 🔥🔥
 

Raj_sharma

यतो धर्मस्ततो जयः ||❣️
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Thankyou very very much sunoanuj. Aaj rat ek update aur aane vala he
Typewriter ke niche dab jayegi chudeel kahi ki. Kitna update degi. Happ. Ab kal dena:slap:
 

Raj_sharma

यतो धर्मस्ततो जयः ||❣️
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कोमल ने सोच लिया था की इस सब्जेक्ट पर वो कुछ लिखेगी. जब की वो बहोत अच्छी वकील थी. ऐसे तो कोमल की स्पेशल्टी क्राइम केसीस मे थी. लेकिन प्रॉपर्टी डीलिंग मे भी वो बहोत पैसा कमा रही थी. ऐसे तो कोई गरीब के खिलाफ कोई केस नहीं लढा.

पर गरीबो के लिए भी नहीं लढा. हराम का पैसा भी खूब कमाया. पर इसी चक्कर मे वो शुकुन नहीं मिला. पलकेंस से भी उसका चक्कर एक केस से ही शुरू हुआ था. उसकी अहमदाबाद मे एक मकान की डील फसी हुई थी.


कोमल ने उसे कामयाबी दिला दी. दोनों को एक दूसरे के लिए एक्ट्रेकशन हुआ. जिसे दोनों प्यार समझ बैठे. शादी के कुछ साल तो अच्छे बीते. पर बाद मे दोनों एक दूसरे को वक्त ही नहीं दे पाते. नतीजा झगड़े और कलेश से दोनों बस नाम के पति पत्नी रहे गए. दोनों मे लम्बे अरसे से sex भी नहीं हुआ.

कोमल को प्यार और मर्द दोनों से ही नफ़रत होने लगी थी. एक तो पिता ना होने के कारण जो प्रॉब्लमस उसने और उसकी माँ ने झेली. उसके बाद तो लोगो से भरोसा ही उठ गया.

इसी चक्कर मे कोमल अपने आप को स्ट्रांग बनती गई. वो जितनी खुबशुरत थी. उतनी ही ख़तनक वकील भी थी. पर कोमल को हॉरर टॉपिक पहले से ही पसंद आते थे. एक बार उसने सोचा था की वो कोई हॉरर स्टोरी की स्क्रिप्ट लिखेगी.

लेकिन अपनी वकीलात के चलते वो ऐसा कर ही नाही पाई. कोमल बदलने लगी. हलाकि वो ऐसी थी नहीं. जैसा वो अपने आप को दुनिया को दिखा रही थी. पर बलबीर से मिलने के बाद. उसकी हालत देखने के बाद. वो अपने अंदर अपने आप को तलाश ने लगी थी. बलबीर ने उसे एक और रोमांचक और डरावना किस्सा सुनाया.


बलबीर : तू दीपू को जानती है???


कोमल : अममममम.... कौन दीपू???


बलबीर : अरे दीपक. अपने सरपंच जी का बेटा. अपने सतपाल चाचा का लड़का....


कोमल : (एक्सक्टेड स्माइल) हा हा वही जो तेरे साथ आता था.


दीपक बलबीर का अच्छा दोस्त था. पर वो स्कूल मे पढता था. उसने कॉलेज की भी पूरी पढ़ाई की थी. बस बलबीर ही अनपढ़ रहा.


बलबीर : हा बस वही. पिछले साल वो मरते मरते बच्चा है.


कोमल को हैरानी हुई.


कोमल : कैसे??? क्या नशा नशा करने लगा क्या???


बलबीर : अरे वो तो बीड़ी भी ना पिता. वो पूना मे नौकरी करता है. पिछले साल उसकी शादी थी. तो वो आया. उसका रिस्ता तो पहले से ही पक्का हो रखा था. बसेड़ी गाउ मे.


कोमल : तो क्या उसका भी नेहा जैसा हाल हुआ क्या???


बलबीर : नहीं उसके जैसा तो नहीं पर थोडा वैसा ही. उसकी शादी तो बहोत बढ़िया हुई. खूब धूम धाम से की. पर उसके बाद हुआ वो बड़ा ही अजीब था.


कोमल : तो क्या उसकी बीवी के साथ हुआ?? केसी है उसकी बीवी??? अच्छी तो मिली है ना???


बलबीर : अरे बाबा सुन तो सही. उसकी बीवी बहोत अच्छी है. सुन्दर भी है. वो अपनी बीवी को मोटरसाइकिल से ही उसके मायके छोड़ने गया.


कोमल : क्यों छोड़ने गया??? उसकी बनती नहीं है क्या???


बलबीर : (नार्मल गुस्सा) तू ठीक से बोलने तो दे नहीं रही. वो नई दुल्हन अपने मायके जाएगी नहीं क्या.


कोमल को अपनी गलती का एहसास हुआ. वो हस पड़ी.


कोमल : (स्माइल) अच्छा अच्छा सॉरी सॉरी.


बलबीर : तो दीपक एक दिन अपने ससुराल मे रुका भी. उसने अपनी बीवी से वादा लिया की 2 दिन से ज्यादा वो नहीं रुकेगी. नई नई शादी हुई तो कहा रुका जाता है.


कोमल शर्मा गई. वो मुश्कुराते हुए निचे देखने लगी. बलबीर के फेस पर भी स्माइल आ गई. उसने बोलना जारी रखा.


बलबीर : तो वो दूसरे दिन अपनी बीवी को छोड़ कर अपने घर के लिए निकाल पड़ा. पर वो गाउ से जैसे ही निकला. उसकी बीवी गाउ के बाहर के नुक्कड़ पर ही खड़ी मिली. अपना शूटकेश लेकर. बलबीर हैरान रहे गया. वो अभी तो अपनी बीवी को उसके मायके वाले घर मे छोड़ कर आया. वो इतनी जल्दी गाउ के बाहर कैसे आ गई. उसने तुरंत अपनी बीवी के पास मोटरसाइकिल रोकी. उसकी बीवी का नाम मीना है.


दीपक : (सॉक) मीना. तू इतनी जल्दी यहाँ कैसे???


मीना उसकी आँखों मे देखने लगी.


मीना : (स्माइल) मुझे तुम्हारे बिना अच्छा नहीं लगेगा. मै भी तुम्हारे साथ ही चलूंगी.


कोमल : (स्माइल) वाह... साला इसे बोलते है प्यार.


कोमल के फेस पर स्माइल आ गई. स्माइल बलबीर के फेस पर भी स्माइल आई.


बलबीर : (स्माइल) आगे तो सुन. वो उसे बैठकर वापस अपने घर ले आया. बहोत प्यार मस्ती सब कुछ बढ़िया ही रहा. मीना उसका बहोत बढ़िया ख्याल रख रही थी. तभी बलबीर उसी शाम मेरे पास आया. मुझे अपना फ़ोन दिया.


दीपक : यार इसे आगरा ले जा. ठीक करवा ला.


मेने भी उस से फोन ले लिया. सोचा नई नई शादी है. कहा बेचारी को छोड़ कर आगरा जाएगा. आने और जाने मे शाम हो जाएगी. मेने फोन ले लिया. और दूसरे दिन आगरा निकाल गया. फ़ोन ठीक करवाने. वहां गया. उसका फ़ोन ठीक करवाया. वापस आ रहा था. तब मुझे भाभी का फोन आया. मीना भाभी का.


कोमल : आगे बोलो ना. रुक क्यों गए???


बलबीर : भाभी ने बोला. उनका फोन क्यों नहीं लग रहा. वो मुझे लेने आ रहे हेना???


कोमल : लेने कहा से लेने???


बलबीर : भाभी के मायके से.


कोमल : (सॉक) क्या??? पर वो तो दीपक के साथ ही थी ना???


बलबीर : यही तो बात है. मे आगरा से वापस घर आया. दीपक से मिला. मेने उसे ऐसे बताया. तब उसे भरोसा नहीं हुआ.


दीपक : क्या बात कर रहा है यार. तेरी भाभी तो यही है. घर पर ही. वो क्यों कॉल करेंगी.


मै : मै सच कहे रहा हु. भाभी बोल रही थी की पापा का भी फ़ोन नहीं लग रहा है. मै झूठ क्यों बोलूंगा यार.


दीपक तुरंत अंदर घर मे गया. उसने मीना भाभी को आवाज दी. पर वो घर मे थी ही नहीं. दीपक ने तुरंत मीना भाभी को कॉल किया. उनसे बाते की. उसका चहेरा उतरा हुआ था.


कोमल : तो वो कौन थी. जो दीपक के साथ थी???


बलबीर : आगे तो सुन. दीपक को कुछ पता नहीं चला. पता तो हमें भी नहीं चला. वो कौन थी. जो दीपक के साथ इसकी बीवी बनाकर रहे रही थी.


कोमल : तो क्या उसने दीपक को कोई नुकशान नहीं पहोंचाया???


बलबीर : नहीं. वो उसके साथ 2 दिन रही. उसके साथ खाया, पिया, प्यार किया. पर ऐसा कुछ गलत हुआ ही नहीं. ये बात हमने किसी को नहीं बताई. दीपक उसी रात अपनी बीवी के मायके जाना चाहता था. पर सतपाल चाचा और मेने जाने नहीं दिया. दूसरे दिन वो मीना भाभी को घर ले आया.


कोमल : चलो कोई नुकशान नहीं पहोंचाया. ये अच्छी बात है. तो फिर कोई बादमे तो प्रॉब्लम नहीं हुई ना???

बलबीर : वो गई नहीं थी. वो वही उनके घर मे ही थी. दीपक वो हादसा भूल गया. कुछ दिन तो बढ़िया चले. पर कुछ ही दिनों बाद. दीपक दिन मे ही अपने कमरे मे मीना भाभी से प्यार कर रहा था. वो बिस्तर पर मीना भाभी को छोड़ कर जैसे बाहर निकला. भाभी उसके सामने चाय लेकर खड़ी थी.


मीना : उठ गए. लो चाय पीओ. मै तुम्हे जगाने ही आ रही थी.


दीपक की हालत ख़राब हो गई. वो अभी तो वो भाभी के साथ बिस्तर पर मतलब...


कोमल : हा बोलो बोलो. मतलब वो भाभी से sex किया. और उसे बिस्तर पर छोड़ के बाहर निकला तो मीना भाभी उसे सामने मिली. मतलब वो मीना भाभी के रूप मे उनके घर मे थी. वो दीपक के साथ sex भी कर रही थी. पर किसी को कोई नुकशान नहीं किया. पर फिर उसने किसी को नुकशान नहीं पहोंचाया ये अच्छी बात है. तो क्या उस से दीपक ने पीछा छुड़ाने की कोसिस नहीं की???


बलबीर : दीपक डर गया. वो किसी को बताए तो कैसे. वो फिर मुझे भी नहीं बताता. पर वो डरने लगा. एक बार जब वो उसके पास आई. वो समझ गया की वो उसकी बीवी नहीं है. उसने दीपक से कहा की वो उसे अच्छा लगता है. वो उसके पास ही रहेगी. किसी को पता नहीं चलेगा. बस वो उसे भी प्यार करें.


कोमल : वाह... भुत को भी इंसान से प्यार हो गया. तो किसी को पता नहीं चला क्या.


बलबीर : दीपक को भी उसकी आदत पड़ने लगी थी. उसका अपनी बीवी से झगड़ा होने लगा. उसकी ग्राहसती ख़राब होने लगी. पर किस्सा वक्त से पहले पकड़ा गया.
Bolu to jhakaas story hai ak dum super duper hit . Bahut maza aa raha hai padhne mai . Deepak ko bhutini apni pyaar mai le dubi wah
 

Shetan

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Shetan

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Typewriter ke niche dab jayegi chudeel kahi ki. Kitna update degi. Happ. Ab kal dena:slap:
Kisi ne kaha ki raat ke wakt horror padhne me jyada feelings aati he. To fir mana kese kare.
 

Shetan

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Bolu to jhakaas story hai ak dum super duper hit . Bahut maza aa raha hai padhne mai . Deepak ko bhutini apni pyaar mai le dubi wah
Thankyou very very much. Aage aap ko Haunted ke sath bahot kuchh padhne ko milne vala he.
 
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