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Horror किस्से अनहोनियों के

Shetan

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कोमल : वाह... भुत को भी इंसान से प्यार हो गया. तो किसी को पता नहीं चला क्या.


बलबीर : दीपक को भी उसकी आदत पड़ने लगी थी. उसका अपनी बीवी से झगड़ा होने लगा. उसकी ग्राहसती ख़राब होने लगी. पर किस्सा वक्त से पहले पकड़ा गया.

आगे की कहानी.


कोमल ये किस्सा बड़े ध्यान से सुन रही थी. हलाकि ये किस्सा इतना डरवना नहीं लगा. पर ये किस्सा उसे सब से अलग जरूर लगा.


बलबीर : अब वो भी घर मे है. ये बलबीर किसी को नहीं बता रहा था. क्यों की वो भी उसी के चक्कर मे पड़ गया था. एक बार मनिहारी आया.


कोमल : ये क्या होता है???


बलबीर : अरे वो चूड़ी बेचने वाला नहीं होता..


कोमल : अच्छा वो...


बलबीर : तो दीपक के घर के बाहर खड़े हो गया. दीपक की माँ बाहर निकली. भाव ताव किया. चाची ने चूड़ी पहनी. और बता कर गई. की बहु आएगी. उसे भी चूड़ी पहना देना. चाची अंदर चली गई.(गांव की मर्यादा के हिसाब से ससुर सास के सामने मेकअप खाना पीना ये सब नहीं करती. इन्हे बड़ो का अपमान मना जता है)

पर उनके जाने के बाद बारी बारी 2 बहुओ ने चूड़ी पहनी.


कोमल : ओह्ह्ह... समझ गई. मतलब वो जो थी. वो भी चूड़ी पहेन गई.


कोमल को याद आया की बीते परसो नेहा के अंदर जो खिल्लो की आत्मा आई थी. वो भी मेकउप का सामान मांग ररही थी.


बलबीर जब मनिहारी चाचा से पैसे लेने अंदर आया. और कीमत बताई तो चाची लढ पड़ी. क्यों की कीमत तय चाची ने कर ली थी. उस हिसाब से दो गुनी कीमत देनी थी. पर चूड़ी तो तीन ने पहनी थी.

तो तीन गुना कीमत हुई. बहस हुई. चाची मान ने को तैयार ही नहीं की तीन लोगो ने चूड़ी पहनी. मनिहारी ने तीन को चूड़ी पहनई. गलत वो भी नहीं था. बेचारे को सिर्फ दो की ही कीमत मिली. अब मनिहारी ने सोच लिया. की वो पर्दा फास जरूर करेगा. क्यों की हम गाउ वाले ऐसे खेलो को जल्दी समझ जाते. उस से पहले एक खेल और हो गया.

उनके पड़ोस मे दो घर है. हर रोज उन दोनों घरों मे दूध गायब हो जाता. कुछ खाने को बढ़िया बनता तो वो भी गायब हो जाता. पर होता सिर्फ मीठा ही. जैसे घरों मे देशी घी की लप्सी बनती. हलवा बनता. उसी टाइम जिसने खा लिया तो खा लिया. नहीं तो बर्तन समेत गायब हो जाता. और वो खाली बर्तन कहा मिलते????


कोमल : (स्माइल) दीपक के घर मे.


बलबीर :: नहीं. दीपक के घर के पीछे.


कोमल : मतलब वो जो भुत थी. वो सब के घर का खाना तक गायब कर रही थी. और खा कर उनके बर्तनो को घर के पीछे फेक देती.


बलबीर : चार घर छोड़ कर सादी थी. हलवाई एक रात पहले मिठाई बना रहा था. वो पागल हो गया. बड़ी कढ़ाई भर कर गजरेला(गाजर का हलवा) बनाया. उसे चूले से उतर कर साइड रखा. और जैसे घुमा कम हो गया.

वो बेचारा खोए की बर्फी बनाने के लिए खोआ लेने गया तो खोआ नहीं मिला. काजू बादाम सारा सूखा मेवा गायब. उसे लगा की हलवाई का साथी है. उसने चोरी किया होगा. उसकी उस के साथी से लड़ाई हो गई. पर जब उसे पता चला की उसका बनाया हुआ गजरेला भी बड़ी कढ़ाई समेत गायब हो गई तो वो समझ गया. देवी देवता बिठाए फिर वापस बेचारे ने कम शुरू किया. तब जाकर तो मिठाया बन पाई. अब मनिहारी ने अपनी दाई माँ से बात की.

उन आस पड़ोस वालों ने भी दाई माँ को बताया. दाई माँ जानती थी की अगर वो उस घर मे गई तो वो जो भी थी. वो वहां से चली जाएगी. और उनके जाते ही. वापस आ जाएगी. दाई माँ ने चाल चली. एक दो दिन बाद मनिहारी फिर आया.

वो चिल्लाने लगा. इस बार वो ज्यादा बढ़िया बढ़िया सामान लाया. चाची तो निचे नहीं आई. पर घुंघट मे बहु जरूर निचे आ गई. मनिहारी जानता था की और कोई आए ना आए. वो जरूर अकर्षित होकर निचे आएगी. नई बहु घुंघट मै थी.

उसने हाथ के हिसारे से बस चूड़ी दिखाई. मनिहारी ने वो चूड़ी हाथो मे पकड़ी. जैसे ही बहु ने अपना हाथ साड़ी से बाहर निकला. मनिहारी ने तुरंत हाथ पकड़ा. और कहा से चप्पल निकली पता नहीं. एक खिंच कर मारी.


कोमल : तो क्या चप्पल से चुड़ैल को क्या होगा.


बलबीर : वो डायन थी. चुड़ैल का एक छोटा रूप. उसे तलवार असर ना करें. गोली बन्दुख असर ना करें. पर ये जो चप्पल का टोटका जरूर असर करता है. दाई माँ भी तैयार थी.

जब वो डायन चूड़ी पहेन ने बाहर निकली थी. उसी वक्त वो पीछे के दरबाजे से दीपक के घर मे घुस गई थी. उन्होंने अपने हाथो मे रख से मुट्ठी भर रखी थी. वो आगे के दरवाजे पर आ गई. जैसे ही वो डायन निचे गिरी. दाई माँ ने वो मुट्ठी रख उनपर फेकि. और उसे पकड़ लिया.


कोमल : यार ये केसा भुत है. जो हाथो मे आ गया. कही वो उनकी बहु के अंदर तो नहीं थी??? जो पकड़ लिया????


कोमल सारा किस्सा समझ गई थी. पर एक भुत को पकड़ लिया. ये समझ नहीं आया.


बलबीर : आरे नहीं. तू मुझे सही सुन रही है. दाई माँ बता रही थी. दरसल वो डायन थी. एक चुड़ैल की नशल है. जो इंसान से डायन बनती है. और फिर डायन से चुड़ैल. मतलब पिशाज.


कोमल : इसके बारे मे थोडा बताओ.


बलबीर : मे क्या जानू. पर दाई माँ जो कहे रही थी की. वो औरते जो शैतान की पूजा करती है. बली देती है. छोटे छोटे बच्चों की. और जवान मर्द की. धीरे धीरे वो डायन बनती है. फिर उनमे जैसे जैसे शक्तियां आती है.

वो ताकतवर होती जाती है. जैसे गायब होना. कोई जादू. रूप बदलना. ये सारी ताकत मिलने के बाद वो फिर चुड़ैल बनती है. और वो डायन थी. वो भी चुड़ैल बन ने वाली थी.


कोमल : पर चलो अच्छा है. कोई नुकशान तो नहीं हुआ.


बलबीर : क्या नुकशान नही हुआ. आज नहीं तो कल वो दीपक को कही ले जाती. उसकी बली दे देती. मीना भाभी को भी दिखने लगी थी. उन्हें जान से मरने की कोसिस की थी.

चाची को सीढ़ियों से किसी ने धक्का दे दिया. कभी चाचा को कोई रूम मे बंद कर देता. वो चिल्लाते रहते. किसी को पता चलता तो कोई गेट खोलता. चाचा को धीरे धीरे लकवा मरने लगा था.


कोमल को अब हलका सा डर लगा. उसने लम्बी शांस ली.


कोमल : बाप रे. चलो सही टाइम पर पकड़ी गई.


बलबीर : (स्माइल) साली का अशली रूप तो बाद मे सब को दिखा. इतनी बदशुरत थी क्या बताऊ. और दीपक को अपनी सुन्दर बीवी को छोड़ के उस से प्यार हो गया था. दाई माँ ने उसकी सारी तपस्या भंग कर दी. दाई माँ ने उसे गु खिलाया. उसे गधे पर बैठकर काला मुँह किया. और भगाया. पोलिस नहीं आती तो उसे गाउ वालों ने मार् दिया होता.


कोमल : मतलब वो इंसान ही थी. लेकिन वो ऐसे फिर दुशरो को परेशान करेंगी तो???


बलबीर : क्या परेशान करेंगी. साली की सारी शक्ति तो दाई माँ ने छीन ली. उन्होंने भी तो कुछ भुत को बांध रखा है.


कोमल शांत हो गई. उसे अब समझ आया की दाई माँ उसे अपने घर मे क्यों नहीं आने देती. कुछ पल तो कोमल शांत बैठी रही. उसने सर ऊपर कर के बलबीर की तरफ देखा. उसे हसीं आ गई. वो एक पेड़ के पास खड़ा उंगलियों से थड का छिलका खिंच रहा था. कोमल को एक बार फिर बलबीर से प्यार हो गया था. उसे मालूम था की वो किस तरफ बढ़ रही है.


कोमल : (स्माइल शर्म शारारत) अगर मै वो डायन होती तो मै तुम्हारे पास आती.


बलबीर को हसीं आ गई और वो कोमल की तरफ देखता है.


बलबीर : (स्माइल) फिर तो तुम्हे शारदा जैसा बन ना पड़ता.


कोमल सीधा खड़ी होगई. और बलबीर के करीब आ गई. वो उसे kiss करने की कोसिस करती है. पर बलबीर ने उसे रोका. पहेली बार उसने कोमल के दोनों बाजु कंधे के करीब से पकडे.


बलबीर : नहीं कोमल. मै आज भी तुमसे बहोत प्यार करता हु. पर आगे बढे तो सायद वो प्यार कही कम ना हो जाए.


कोमल की धड़कने तेज़ हो गई थी. पर इस बार वो इरादा कर चुकी थी.


कोमल : ज्यादा नाटक मत करो. कोई प्यार कम नहीं होने वाला. मुझे पता है. मै क्या कर रही हु.


कोमल के कहते ही बलबीर ढीला पड़ गया. सायद वो अपने आप को रोक नहीं पाया. कोमल थोड़ी अपने पाऊ के पंजो पर ऊपर हुई.

बलबीर के चहेरे पर दोनों हाथो से पकड़ कर उसके लिप्स से अपने लिप्स जोड़ दिए. दोनों ने अपनी आंखे बंद कर ली. कोमल बलबीर की बाहो मे खुद ही समा गई. जब वो kiss ख़तम हुई दोनों थोडा अलग हुए.

बलबीर ने कोमल की आँखों मे देखा. बहोत वक्त हो गया था. औरत को छुए. अपनी पत्नी के आलावा किसी और औरत को छूना तो दूर देखा तक नहीं.
कोमल तो उसके लिए एक सपना ही थी. हा वो प्यार तो आज भी कोमल से ही करता था.

पर उसके लिए अब तक कोमल एक सपना ही था. वो उस kiss के बाद कोमल को देखते हुए शांत ही हो गया था. वही कोमल की आँखों मे हवस और प्यार के साथ शारारत का अजीब संगम शर्म के साथ घुला हुआ. वो भी मुश्कुराती बड़ी प्यासी नजरों से बलबीर को ही देख रही थी. बलबीर ने शर्म से अपनी नजरें हटाई. तो कोमल तुरंत दए बाए देखने लगी.

चारो तरफ तो सन्नाटा था. धुप तेज़ हो गई थी.
12 बज चुके थे. कोमल ने बलबीर का हाथ पकड़ा. और उसे एक तरफ लेजाने लगी. पूरली के ढेर के पास पेड़ो की आड़ थी. बलबीर जैसे उसे ना कहने की कोसिस कर रहा हो. पर वो खुद खिंचा चला गया. कोमल ने साड़ी के अंदर हाथ डाल कर अपनी जालीदार पैंटी निकाल कर साइड मे फेकि.

पूरली पर लेट कर बलबीर की तरफ बड़ी प्यासी नजरों से देखने लगी. उसके हाथ मे अब भी बलबीर का हाथ था. कोमल की तेज़ साँसो से उसके 34 साइज के बूब्स बड़े छोटे होने लगे. इस बार बलबीर अपने आप को रोक नहीं पाया. वो खुद ही खुद कर कोमल पर सवार हो गया. बिछड़े प्रेमी जोड़े का अनोखा प्यार का संगम होने लगा. कोमल ने वो मीठा दर्द महसूस किया.


जिसकी उसने कभी कल्पना नहीं की थी. उसके मुँह से मिट्ठी मिट्ठी सिसकियाँ निकाल रही थी. बलबीर जैसा तंदुरस्त मर्द. जो अरसे से औरत का सुख भोगे बिना प्यासा था. दोनों ने वो प्यार किया की मानो वो जन्नत मे पहोच गए हो.

जब सब ख़तम हुआ तो कोमल ने आहिस्ता से बलबीर को अपने ऊपर से धकेला. वो अपनी पैंटी उठाकर सीधा ही पहेन ने लगी. सायद बलबीर के प्यार को वो अपनी दोनों टांगो के बिच महसूस करना चाहती हो. वो बिना कुछ बोले जाने लगी. बलबीर कुछ बोल नहीं पाया.

पर कुछ कदम चलने के बाद कोमल रुक गई. और पलट कर बलबीर को देखने लगी.


कोमल : बलबीर मेरे साथ चलोगे???


कोमल क्या चाहती थी. वो बलबीर समझ ही नहीं पाया.
Update sab se lajawab tha Romance likhne mai to aapka koi jawab nahi . Mujhe aisa lagta hai aap sex scene ko thoda detailing mai likh sakti thi . I know ye horror story hai fir bhi . Khair koi baat nahi aap itna acha update de rahi ho wo bhi regular wo hi bahaut hai hamare liye .
 
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sunoanuj

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next update dhamkedar hkbe wala hai…
 

Shetan

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Update sab se lajawab tha Romance likhne mai to aapka koi jawab nahi . Mujhe aisa lagta hai aap sex scene ko thoda detailing mai likh sakti thi . I know ye horror story hai fir bhi . Khair koi baat nahi aap itna acha update de rahi ho wo bhi regular wo hi bahaut hai hamare liye .
Me janti hu ki sex likhne se darshak khinche chale aaenge. Par us se kahani ka makshad badal jaega. Aur meri saya 2 bhi complete nahi hui. 2 story ke sath chalana mushkil he. Sex likhne me time west bhi hoga. Fir bhi vo feel to me de hi deti hu. Conversation ke jarie
 

Shetan

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Me janti hu ki sex likhne se darshak khinche chale aaenge. Par us se kahani ka makshad badal jaega. Aur meri saya 2 bhi complete nahi hui. 2 story ke sath chalana mushkil he. Sex likhne me time west bhi hoga. Fir bhi vo feel to me de hi deti hu. Conversation ke jarie
I know but jaise first time komal kisi aur ke sath apne pyaar ke saath sex ki uski feelings no doubt aapne ache se dikhaya mai yeh nahi kah rha hu ki aap sex ko detail mai likho per jaise komal ka yaad gaar sex to hona chahiye tha balbir ke sath . Mera Aisa manna hai baki aap writer hai aap behtar janti hai .
 
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फ्लाइट मे बैठी कोमल को एहसास था की उसने क्या किया. उसने पहेली बार किसी पराए मर्द के साथ सेक्स किया. वो भी जान बुचकर. पर वो सोच रही थी की उसे गिल्टी क्यों फील नहीं हो रहा है.

उल्टा उसे माझा आ रहा था. एक हाथ से अपनी बुक को अपनी गोद मे दबोचे कोमल मंद मंद मुस्कुरा रही थी. बहोत जल्द वो अहमदाबाद पहोच गई. वो अपनी माँ के घर नहीं गई. सीधा अपने फ्लेट पर ही गई. डोर पर लॉक था.


वो लॉक खोलकर अंदर आई. उसे शावर की आवाज आ रही थी. कोमल समझ गई की उसका हस्बैंड पलकेश आ चूका है.


कोमल : क्या पलकेश तुम हो???


पलकेश : हा मे हु.


कोमल : मुजे तुमसे कुछ बात करनी है पलकेश.


पलकेश : बस 5 मिनिटस.


कोमल जाकर सोफे पर बैठ गई. और पलकेश का इंतजार करने लगी. कुछ देर मे पलकेश आया. वो सिर्फ टावल लपेटे हुए था. अब भी उसका बदन गिला था. वो आकर कोमल के सामने सोफा चेयर पर बैठ गया.


पलकेश : हा अब बताओ क्या बात है.


कोमल कुछ पल शांत रही.


कोमल : देखो पलकेश मे जान ना चाहती हु की क्या तुम मुझसे खुश हो???


पलकेश : (सॉक) हा मे खुश हु. ये केसा सवाल है???


कोमल : देखो मुजे लगता है की हम कई महीनों से फिजिकल नहीं हुए. हमने एक दूसरे को कब आई लव यू कहा???


पलकेश : (सोचते हुए) हा ये बात सही है. हम एक दूसरे को अब टाइम नहीं देते पर...


कोमल : अब बोल दो पलकेश. मेने कई बार तुम्हारे शूट से लेडी परफ्यूम को नोट किया है.


पलकेश के होश उड़ गए.


कोमल : देखो कोई बात नहीं. मुजे कोई इस से फर्क नहीं पड़ता. अगर अभी हम ख़ुशी से अलग हो जाए तो आई थिंक सही होगा. फ़िक्र मत करो. अगर अलग होना चाहते हो तो बोलो??? मुजे तुम्हारी प्रॉपर्टी मे से कुछ नहीं चाहिए.


पलकेश जैसे मौका ही ढूढ़ रहा हो. पर उसे डर लग रहा था.


पलकेश : पर फिर तुम...???


कोमल : यार प्लीज.... मुजे कोई फर्क नहीं है. मुजे तुमसे कोई गिला सिकवा नहीं है. ना ही मै तुमसे नफरत करती हु. हम जरुरी थोड़ी है की लड़ाई झगड़ा कर के अलग हो. ख़ुशी ख़ुशी अलग हो सकते है ना.


पलकेश : ओके. मै तैयार हु.


कोमल ने अपना हाथ बढ़ाया.


कोमल : (स्माइल) तो पलकेश सिर्फ आज ही हम दो हस्बैंड वाइफ है. हम कल ही डायवोर्स के लिए अप्लाई कर देंगे.


पलकेश के फेस पर भी स्माइल आ गई. उसने भी अपना हाथ बढ़ाया. पर कोमल ने उस से हाथ मिलाने के बजाय थोडा और आगे होते हुए पलकेश का टावल जाटके से खिंच लिया. और वो खड़ी हो गई. पलकेश थोडा घबरा गया.

उसके होश उड़ गए. लेकिन कोमल तो स्माइल कर रही थी. कोमल भी अपनी साड़ी उतरने लगी.


कोमल : (शारारत स्माइल) हमें अपना लास्ट दिन सेलिब्रेट करना चाहिए.


बहोत वक्त के बाद कोमल को देख कर पलकेश के लिंग मे तनाव आया था. उसे कोमल ने नंगा तो कर ही दिया था. और इसके सामने कोमल ब्रा जैसे ब्लाउज पेटीकोट(घाघरे मे खड़ी थी. पलकेश भी झटकेसे खड़ा हुआ. और कोमल पर टूट पड़ा. कोमल के फेस पर स्माइल आ गई. आंखे बंद हो गई.


कोमल : (आंखे बंद स्माइल शारारत) ससससस अह्ह्ह्ह... (हसना) हा हा हा....


दोनों एक दूसरे को सहयोग कर रहे थे. लिप टू लिप किश का दौर चल गया. शाम होने वाली थी. और कोमल ने कुछ ऐसा कहा. पलकेश एक पल तो एकदम से रुक गया.


कोमल : मेने आज किसी और के साथ सेक्स किया. पहेली बार.


पलकेश सॉक था. और उसे झटका लगना लाज़मी था. वो अब भी कोमल का पति था.


कोमल : पलकेश प्लीज यार. अब हम अलग हो रहे है. प्लीज ऐसे मुँह मत बनाओ यार.


पलकेश : नहीं वो बात नहीं है. तुमने कहा पहेली बार किसी और के साथ. मतलब...


पलकेश को दुख हुआ. उसने कई बार कइयों के साथ अफेयर किये. और सेक्स भी किया. उसे ऐसा लगता था की कोमल भी ऐसा कही कुछ कर रही होंगी. वो कोमल से बस इस लिए डायवोर्स नहीं ले रहा था. क्यों की उसकी प्रॉपर्टी के हिस्से ना हो जाए. पर कोमल ने तो खुद ही ना कहे दिया. की वो प्रॉपर्टी मे से कुछ भी नहीं लेगी. कोमल बस हलका सा मुश्कुराई.


कोमल : (स्माइल) हा यार. मै कोसिस कर रही थी. हमारे रिश्ते को बचाने के लिए. पर हम बस बोझ ही ढो रहे थे. सायद हम अलग हो जाए वही सही है.


पलकेश : ऍम सॉरी कोमल. मेने तुम्हे कई बार चिट किया. पर तुम अब जाकर. और और और वो भी मुजे बता ही दिया. सायद तुमने ये फैसला लेने का पहले ही सोच लिया होगा. नहीं तो तुम इस बार भी ये सब नहीं करती.


कोमल : अगर मै कहु की तुम अब भी सोच लो तो??? क्या तुम आगे रिश्ता निभाना चाहोगे???


पलकेश जैसे दुविधा मे फस गया हो.


पलकेश : पता नहीं. पर नजाने क्यों आज मुजे तुम पर प्यार आ रहा है. दिल कहता है की तुम ही बेस्ट हो.


कोमल : एक काम करते है. हम डायवर्स लेकर सिक्स मंथ्स अलग रहते है. अगर लगेगा की हम ही एक दूसरे के लिए बेस्ट है. तो हम दोबारा शादी कर लेंगे ओके???


कोमल सुलझ चुकी थी. वो अब अलग ही होना चाहती थी. इस लिए उसने डायवोर्स को नाकारा नहीं.


पलकेश : पर हम हमेशा ही फ्रेंड्स तो रहेंगे ही. और ये फ्लेट तुम्हे ही रखना होगा. प्लीज.


कोमल ने बाते सुनते हुए अपना ब्लाउज और घाघरा उतर दिया था. और वो पैंटी उतर रही थी. उसकी खूबसूरत योनि पर बलबीर का प्यार(वीर्य) सुख के चिपका हुआ था.


कोमल : (स्माइल शारारत) हा अगर तुम आज मुजे अच्छे से खुश करोगे तो हम दोस्त जरूर रहेंगे.


कोमल नंगी होकर होनी दोनों टांगो को खोल चुकी थी. उस सोफे पर जैसे कछुआ उल्टा पड़ा हो. पलकेश भी अपना मुँह कोमल की दोनों टांगो के बिच घुसा देता है. कोमल की आंखे एकदम से बंद हुई. और लम्बी शांस छोड़ते हुए वो लम्बा सा सिसकती है.


कोमल : (बंद आंखे मदहोश) सससससस अह्हह्ह्ह्ह.......


पलकेश को थोड़ी देर तक कोमल की योनि को चाटने के बाद
याद आया. और वो अपना मुँह ऊपर उठाता है.


पलकेश : तुमने इसे बाद मे धोया तो था ना????


कोमल कुछ बोलती नहीं बस शारारत से हसने लगी. पलकेश नाराज हो गया.


पलकेश : (नाराज) तुम मेरे साथ ऐसा करोगी मेने सोचा नहीं था.


वो खड़ा होने गया. तो कोमल ने उसका हाथ पकड़ लिया.


कोमल : अरे मै मज़ाक कर रही थी. कोई ऐसे गन्दा रहता है क्या.


कोमल पलकेश की आँखों मे शारारत से देखने लगी. उसे मुँह पर साफ झूठ बोलने पर माझा आ रहा था. पर कोमल का इस तरह से देखना पलकेश को भी अस मंजस मे डाल रहा था. जैसे जता रही हो की मै जुठ ही बोल रही हु. लेकिन कोमल का ऐसे देखना पलकेश को भी रोमांच और दिल की धड़कनो को बढ़ा रहा था. पलकेश की भी आंखे बड़ी हो गई.


पलकेश : (स्माइल) क्या????


कोमल : (स्माइल शारारत) चूतिये..... (हसना)


पलकेश हैरान था. क्या इसने सही सुना?? उसने कोमल के मुँह से खुद के लिए चुतिया शब्द सुना. वो हैरान भी था. और माझा भी आ रहा था. यही सब से वो ज्यादा उत्तेजित भी हो रहा था.


कोमल : (स्माइल शारारत) मुजे पता है तुमने वो सुना है.



इस बार पलकेंस कोमल पर झटके से टूट पड़ा. लिप्स से लिप्स जुड़ गए. दोनों पागलो की तरह एक दूसरे को किश करने लगे. अपने पति से कोमल ने एक बार और झूठ बोला. पर उसे इसमें माझा आया. उस रात कोमल और पलकेश ने खूब घामशांड सम्भोग किया. शाम रात मे बदल गई. और वो खूबसूरत रात भी बीत गई.
Ak aur lajwab update mujhe lagta hai komal ke mind mai kuch aur game chal Raha hai palkes ko le kar pata nahi jo mai soch raha hu woh kaha Tak sahi hai but maza aayega aage dekhne mai .
 

Shetan

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Ak aur lajwab update mujhe lagta hai komal ke mind mai kuch aur game chal Raha hai palkes ko le kar pata nahi jo mai soch raha hu woh kaha Tak sahi hai but maza aayega aage dekhne mai .
Aage ka update bhi aap ko lajawab lagne bala he. Use bhi padhkar jarur dekhe
 

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कोमल पलकेश से तलाख ले चुकी थी. उसकी माँ जयश्री ने बहोत समझाया. पर कोमल पे कोई असर नहीं हुआ. माँ बार बार एक ही बात बोलती रहती थी. की कारण क्या है. वो समझा बुज़ा कर टाल देती. लेकिन कोमल को अब अकेले रहने की आदत हो गई. इस लिए वो उसी फ्लेट मे अकेली रहती.

8 मंथस से वो अकेली ही थी. 8 महीना बीत जाने के बावजूद भी बलबीर का call नहीं आया. कोमल को ऐसा नहीं था की बलबीर की याद नहीं आई. वो उसके साथ हुए सेक्स को भूल ही नहीं पाई. पर अपने केस की वजह से इन बातो को नजर अंदाज़ करने लगी थी. पर एक दोपहर अचानक एक call आया. वो call बलबीर का था.


कोमल : हेलो...


बलबीर : हेलो. मै बोल रहा हु. बलबीर.


कोमल के फेस पर एकदम से स्माइल आ गई.


कोमल : (एक्ससिटेड स्माइल) तुम्हे अब मेरी याद आई. आठ महीने बाद. बोलो कब आ रहे हो यहाँ???


बलबीर : मै यहाँ आ चूका हु. अहमदाबाद मे.


कोमल की तो मानो खुशियों का ठिकाना ही नहीं रहा. वो एक साथ कई सारे सवालों की बरसात बलबीर पर कर देती है.


कोमल : (एक्ससिटेड स्माइल) यहाँ अहमदाबाद मे?? कब?? और अभी तुम हो कहा??? और आए तो मुजे पहले फ़ोन क्यों नहीं किया. अभी कहा हो???


बलबीर : (स्माइल) अरे अरे रुको तो. बस अभी ही पहोंचा हु. रेलवे स्टेशन पर ही हु.


कोमल : (एक्ससिटेड स्माइल)तुम वही रुको. मै तुम्हे लेने आ रही हु.


कोमल तुरंत ही अपनी कार लेकर रेलवे स्टेशन निकाल गई. जब वो बलबीर से मिली तो तुरंत उसने बलबीर को बांहो मे भर लिया. बाद मे देखा तो उसके दोनों बच्चे भी थे. कोमल ने उन दोनों बच्चों को भी प्यार किया. उन्हें चूमा भी गले लगाया. ये सब करते उसके अंदर की ममता जाग गई. वो उन तीनो को अपने घर ले आई. उसका फ्लेट तीसरी मंजिल पर था.


कोमल : (एक्ससिटेड स्माइल) : अरे आओ ना अंदर वहां क्यों खड़े हो गए.


पर अंदर आते बलबीर को कुछ अलगसा महसूस हुआ. कुछ घुटन सी महसूस होने लगी. वो बच्चों को लेकर बाहर हो गया. बच्चों का भी मुँह उतर गया. कोमल ये सब देख कर सॉक हो गई.


कोमल : क्या हुआ??? बाहर क्यों चले गए??? अंदर आओना. ये मेरा ही घर है.


पर बलबीर कुछ बोलने के बजाय घुटनो पर बैठते हुए दोनों बच्चों को बांहो मे भर लेता है. दोनों के सर पर हाथ रख कर अपनी आंखे बंद कर लेता है. वो कुछ बड़बड़ा रहा था. जैसे कोई मन्त्र जाप कर रहा हो. कोमल समझ नहीं पाई. और उन्हें देखती रही. बलबीर खड़ा हुआ. और दोनों बच्चों के हाथ पकड़ कर खड़ा हो गया. वो उस फ्लेट के बाहर ही था.


बलबीर : माफ करना कोमल. अगर हमें यहाँ रहना है तो मै इन बच्चों के साथ यहाँ नहीं रहे सकता. ये घर मुजे कुछ ठीक नहीं लग रहा.


कोमल सोच मे पड़ गई. ऐसा क्या उसे महसूस हुआ. जो वो ऐसा बोल रहा है.


कोमल : तुम क्या बोल रहे हो. मुजे कुछ समझ नहीं आ रहा. मै यहाँ 7 सालो से रहे रही हु. मुजे तो सब ठीक लग रहा है.


बलबीर : सायद तुम्हे ना लग रहा हो. पर अंदर आते ही मुजे घुटन सी महसूस होने लगी. सर भरी हो गया. मै खुद की बात होती तो समझोता कर लेता. पर मेरे बच्चे छोटे है. उन्हें यहाँ....


बलबीर बोल कर चुप हो गया. पर कोमल को अब भी समझ नहीं आया. इतनी दूर से वो यहाँ आया. और पता नहीं क्या कारण होगा. वो यहाँ से ऐसे ही चले जाएगा. ऐसे खयाल कोमल के मन मे आने लगे.


कोमल : अच्छा चलो. मै तुम्हे मम्मी के पास ले चलती हु.


कोमल बलबीर और उसके दोनों बच्चों को लेकर अपनी माँ के घर लेकर गई. वहां कोमल की मम्मी और उसकी छोटी बहन को बहोत अच्छा लगा. उन दोनों का दिल बच्चों से लग गया. रास्ते मे ही डिसाइड हो गया था की बलबीर के बच्चे अब वही रहेंगे.

उनका स्कूल मे दाखिला करवाना है. ये सब जब कोमल की मम्मी जयश्री को बताया तो वो ज्यादा खुश हुई. कोमल ने बताया की बलबीर को वो नौकरी दिलवाने वाली है. पर उसने ये नहीं बताया की कोमल उसे अपना ही ड्राइवर रखने वाली है.

बच्चों को छोड़ कर वो दोनों वहां से निकाल गए. अब तक कोमल ने ही कार ड्राइव की और अब भी वही ड्राइव कर रही थी. पर सारा प्लान उसने बलबीर को नहीं बताया.


बलबीर : तुमने ये नहीं बताया की मै कहा रहूँगा???


कोमल थोड़ासा मुश्कुराई. उसकी मुश्कान मे शारारत थी.


कोमल : क्यों मेरे साथ वहां मेरे फ्लेट मे रहने मे तुम्हे क्या दिक्कत है. वैसे भी मे अकेली रहती हु वहां.


बलबीर : क्यों तुम्हारा पति???


कोमल : हम अब साथ नहीं है.


बलबीर : साथ नहीं मतलब???


कोमल : (लम्बी सांसे) हम्म्म्म... डाइवोर्स तलाक...


बलबीर कुछ नहीं बोला.


कोमल : क्यों खामोश हो गए. कुछ पूछना है तो पूछो.


बलबीर : मुजे ये सही नहीं लग रहा है कोमल.


कोमल ने बलबीर को चुप करवा दिया. उसे डांट दिया. पर किसी प्रेमिका या बीवी की तरह नहीं. कोसी बॉस की तरह.


कोमल : सब सही है बलबीर. तुम चुप रहो. तुम मेरे ही साथ रहोगे. और तुम मेरी ही कार चलाओगे. मै तुम्हे नौकरी दे रही हु. अब मै ही तुम्हारी बॉस हु समझे.


बलबीर को बुरा लगा. पर वो कुछ कहे नहीं सका. उसने महसूस किया की कोमल मे थोडा बदलाव है.
वो लोग वापस वही फ्लेट पर आ गए. इस बार भी बलबीर को अच्छा तो नहीं लग रहा था. कोमल अंदर आते ही डोर क्लोज करती है.

और बलबीर पर टूट पड़ी. सीधा उसे बांहो मे लेकर होठो से होंठ जोड़ दिये. लम्बी सांसे लेते आंखे बंद. वो पागलो की तरह बलबीर को किश कर रही थी. वैसे तो बलबीर भी उसे रोकना चाहता था. पर पता नहीं क्यों वो अपने आप को रोक नहीं पा रहा था. वो दोनों नंगे भी हो गए और बेड पर भी पहोच गए. बलबीर लगातार बड़ी जोरो से धक्के लगा रहा था.



कोमल : (आंखे बंद मदहोश) अह्ह्ह्हह.... ससससस...


दोनों लीन हो गए. और सब कुछ भूल गए. पर जो काम वो पूरा करने की कोसिस कर रहे थे. वो पूरा ना हो पाया. कोमल के मोबाइल पर रिंग बजने लगी.


कोमल : अह्ह्ह ससससस... अब इस वक्त कौन चुतिया मुजे call कर रहा है.


कोमल ने हाथ बढाकर बलबीर के निचे ही रहे फोन खिंचा. और देखा. Call पलकेश का था. वो तलाक के बाद एक भी call नहीं कर रहा था. और ना ही कोमल ने भी किया.


कोमल : इस चूतिये को अब मेरी याद आई है.... कुछ बोलना मत.


कोमल ने call पिक किया.


कोमल : हा पलकेंस बोलो???


पलकेश का नाम सुनते ही बलबीर समझ गया की वो उसका पति है. जिस से कोमल ने तलाक ले लिया था. पर पलकेश की आवाज सुनकर कोमल के होश जरूर उड़ गए.


पलकेश : हेलो कोमल. क्या तुम ठीक हो???


कोमल ने महसूस किया की पलकेश की आवाज के साथ एक और आवाज का इको हो रहा था. और दूसरी आवाज किसी अन नॉन की थी. जैसे की


हेलो कोमल. हेलो कोमल( अन नॉन वॉइस). क्या तुम ठीक हो??? क्या तुम ठीक हो(अन नॉन वॉइस)???


कोमल को गड़बड़ लगी. पर मामला समझने से पहले वो कोई रियेक्ट नहीं करती.


कोमल : (सॉक) हा मै ठीक हु.


पसकेश : पर मै ठीक नहीं हु. पर मै ठीक नहीं हु(अन नॉनवॉइस) क्या तुम यहाँ आ सकती हो??? क्या तुम यहाँ आ सकती हो(अन नॉन वॉइस)???


कोमल पलकेश की दोहरी आवाज में एक डर भी महसूस कर रही थी.


कोमल : क्या हो गया तुम्हे. तुम ठीक तो हो.


पलकेश रोने लगा. उसके साथ में जो दूसरी आवाज थी. वो भी वैसे ही रोते हुए पलकेश के आवाज की कॉपी कर रही थी.


पलकेश : (रोते हुए) नहीं मै ठीक नहीं हु. नहीं मै ठीक नहीं हु(अन नॉन वॉइस). तुम प्लीज जल्दी यहाँ आ जाओ. तुम प्लीज जल्दी यहाँ आ जाओ(अन नॉन वॉइस). वो तुमसे बात करना चाहता है. वो तुमसे बात करना चाहता है(अन नॉन वॉइस).


कोमल सॉक हो गई.


कोमल : (सॉक ) कौन बात करना चाहता है???

पलकेश : (रोते हुए) तुम प्लीज यहाँ आ जाओ प्लीज. तुम प्लीज यहाँ आ जाओ प्लीज(अन नॉन वॉइस) मेरी मदद करो...
मेरी मदद करो...(अन नॉन वॉइस)

तभी अपने आप फ़ोन कट गया. कोमल पलकेश के लिए परेशान हो गई. चाहे भले ही उसने पलकेश से तलाख ले लिया था. वो उसकी मदद करने के लिए तैयार हो गई. उसने तुरंत मोबाइल पर चेक किया की फ्लाइट अवलेबल है या नहीं.

पर उसे फ्लाइट ही नहीं मिली. जो थी वो फुल थी. तक़रीबन ट्रैन से भी 12 से 14 घंटे का रन था. अगर वो ट्रैन से जाती तो. उसमे भी रिजर्वेशन मिलना मुश्किल हो गया. बलबीर का भी मूड चेंज हो गया. वो भी उठ कर बैठ गया. कोमल ने बलबीर की तरफ देखा.


कोमल : क्या तुम मुजे कार से मुंबई तक पहोंचा सकते हो???



बलबीर ने अपने कीपैड वाले मोबाइल में देखा. दोपहर के 4 बज रहे थे. कोमल कुछ मांगे. और बलबीर ना दे. ऐसा तो ना मुमकिन है. बलबीर ने हा मे गर्दन हिलाई. वो दोनों शाम के 6 बजे तक मुंबई के लिए बाय रोड निकाल गए.
Mast aur kamukta se bahar hua update . Ye chutiya palkes ko kya ho jaya . Kahi palkes kuch game to nahi khel Raha hai komal ke saath ya kuch aur ab madam ab jaldi se agla update de dijiye 🙏🙏🙏
 

Shetan

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Mast aur kamukta se bahar hua update . Ye chutiya palkes ko kya ho jaya . Kahi palkes kuch game to nahi khel Raha hai komal ke saath ya kuch aur ab madam ab jaldi se agla update de dijiye 🙏🙏🙏
Bas thoda intjar kare. Abhi post kar rahi hu.
 
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