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Horror किस्से अनहोनियों के

Shetan

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Update 11

कोमल और बलबीर दोनों कार से मुंबई के लिए रवाना हो चुके थे. अंधेरा हो चूका था. एकदम चिकने फ्लेट रोड पर गाड़ी भागने में कोई दिक्कत नहीं हो रही थी. बलबीर ट्रक ड्राइवर ही था. इस लिए लम्बे रुट पर उसे ड्राइव करने में कोई दिक्कत नहीं थी.

कोमल अपने मोबाइल में लगी हुई थी. बिच बिच में उसकी वाकलती call आ रहे थे. कभी किसी नए केस के लिए वो अपनी फीस बताती. तो कभी किसी मुद्दे पर कोई खास चीज.

जब सब काम निपट गया तो कोमल को बलबीर की याद आई. वो गौर से बलवीर को देखने लगी. एकदम मासूम चहेरा. सारा ध्यान सिर्फ अपने काम पर. कोमल को ऐसे देखते हुए जब बलबीर को महसूस हुआ तो बलबीर भी पूछे बिना रुक नहीं पाया.


बलबीर : ऐसे क्यों देख रही हो??


कोमल पहले तो थोडा सा मुश्कुराई. फिर जैसे सोच में पड़ गई हो की पुछु या नहीं. लेकिन रुकते रुकते उसने पूछ ही लिया.


कोमल : तुम अचानक ऐसे बिना बताए कैसे आ गए. मतलब की...


कोमल के पूछने का मतलब बलबीर समझ गया.


बलबीर : तुमने कहा था ना. तुम्हारे बच्चों को अच्छी स्कूल में पढ़ाऊंगी. उन्हें बहोत बड़ा आदमी बनाउंगी. तो में आ गया.


कोमल : मतलब की तुम मेरे लिए नहीं आए.


कोमल का जैसे मूड ख़राब हो गया हो. पर बलबीर कोमल के नेचर में हुए बदलाव को महसूस कर रहा था.


बलबीर : ऐसा नहीं है की मै तुम्हारे लिए नहीं आया. बल्कि सिर्फ तुम्हारे भरोसे पर ही मै यहाँ आया हु.


कोमल के फेस पर स्माइल आ गई. और वो बलबीर की तरफ थोडा खिसक कर उसके कंधे पर अपना सर टेक देती है. बलबीर को भी ये अच्छा लगा. ऐसा कुछ पहले होता था. जब बलबीर और कोमल को नया नया प्यार हुआ था.


बलबीर : तुम अपने पति से अलग क्यों हुई.


कोमल बताना तो नहीं चाहती थी. पर बलबीर था इस लिए वो बता देती है.


कोमल : वो मेरे साथ खुश नहीं था. उसे मै बोझ लगती थी. अब बाकि जिंदगी एक दूसरे के साथ सिर्फ एक पहचान से निभाए इस से बहेतर की हम अलग हो जाए. हम ख़ुशी से अलग हुए.


बलबीर ने आगे कुछ पूछा नहीं रात भर ड्राइव करते हुए वो मुंबई पहोच गए. पलकेश का मुंबई में एक और फेल्ट था. और वो वही रहे रहा था. कोमल उस फ्लेट का पता जानती थी. वो दोनों उस फ्लेट पर पहोच गए. पलकेश का फ्लेट 4th फ्लोर पर था.

वो बल्डिंग 10 मंज़िला थी. कोमल और बलबीर दोनों डोर के सामने खड़े हो गए. कोमल ने बेल बजाई. पर कोई डोर नहीं खोल रहा था. और ना ही कोई आवाज आई. कोमल ने दूसरी बार बेल बजाई. तब भी किसी ने डोर नहीं खोला.

कोमल ने पलट कर बलबीर की तरफ देखा. जैसे कहना चाहती हो की कोई गड़बड़ तो नहीं. फिर कोमल ने बेल बजाते डोर का हैंडल भी पकड़ लिया.


कोमल : पलकेश......


पर कोमल के हैंडल पकड़ते ही डोर खुल गया. डोर खुलते ही एक गन्दी सी बदबू का जैसे भापका आया हो. कोमल ने तो अपने मुँह पर हाथ ही रख दिया.


कोमल : उफ्फ्फ... ये बदबू केसी है.


बलबीर हैरान था की ऐसी ही बदबू तो कोमल के फ्लेट से भी आ रही थी. उसे वहां क्यों फील नहीं हुई. वो दोनों अंदर गए. अंदर का नजारा बड़ा अजीब था. सारी विंडोज को कपडे से कवर किया हुआ था.

जैसे बाहर का उजाला रोकने की कोसिस हो. अंदर का माहौल एकदम चिल्ड था. जैसे ac ऑन कर रखा हो. फैन धीमे धीमे घूम कर आवाज कर रहा था. कोमल और बलबीर चारो तरफ नजरें घुमाकर सब देख रहे थे.

खाने के जुठे बर्तन भी जुठे जिसमे थोडा बहोत खाना भी पड़ा हुआ था. देखने से ही पता चल रहा था की खाना कम से कम 2 दिन बसा जरूर होगा. एक खुले हुए कार्टून बॉक्स मे आधे से ज्यादा पिज़्ज़ा पड़ा हुआ था. जिसमे कीड़े भी रेंग रहे थे.

पर पलकेश कहा है. ये समझ नहीं आ रहा था. कोमल भी ऐसी थी की उसे डर तो मानो लगता ही ना हो. वो पलकेश को आवाज देते अंदर जाने लगी.


कोमल : पलकेश..... पलकेश....


पर अंदर जाने से पहले ही एक पाऊ सोफे के निचे नजर आ गया. कोमल रुक गई. और उसने उस पाऊ को देखा. कोमल ने पलटकर बलबीर को भी देखा. वो भी वही देख रहा था. वो आगे आया और सोफे को खिंचता है. पलकेश बेहोश पड़ा हुआ था.

वो दोनों पलकेश को बाहर निकलते है. और उसे होश में लाने की कोसिस करते है. जब उसे निकला तो पलकेश की हालत कुछ अजीब सी थी. वो पूरा तो नंगा था. और उसके बदन से बहोत बदबू भी आ रही थी. जैसे नजाने कितने दिनों से वो नहाया ही ना हो.

हाथ पाऊ गले बहोत जगग घाव थे. जैसे किसी ने बड़े जोर से खरोचा हो. कोमल घुटनो पर बैठ कर पलकेश के गलो पर हलकी हलकी थपकी मरना शुरू करती है.


कोमल : पलकेश..... पलकेश आँखे खोलो पलकेश...


पलकेश की आंखे बड़ी मुश्किल से खुली. जैसे उसने किसी चरस या अफीम का नशा किया हुआ हो. पर आंखे खुलते जब उसने कोमल को देखा तो वो तुरंत ही कोमल को जोरो से बांहो में भर कर रोने लगा.


पलकेश : हाआआ... मुजे बचा लो कोमल प्लीज. वो मुजे मार डालेगा अअअअअ.... प्लीज कोमल मुजे बचा लो....


कोमल और बलबीर दोनों सॉक थे.


कोमल : कौन मार डालेगा तुम्हे??? बोलो??? बोलो.


पलकेश के तेवर एकदम से बदल गए. वो रोते हुए हसने लगा. रुक रुक कर हसने लगा. उसकी आंखे एकदम से बड़ी हो गई. पलकेश ही देखने में डरावना लगने लगा.


पलकेश : खीखीखी...... खीखीखी...... वो तुम्हे हर वक्त देखता है. वो सिर्फ तुम्हारे लिए यहाँ आया है.


कोमल ने सर घुमाकर एक बार बलबीर को देखा. फिर पलकेश को देखने लगी.


कोमल : कौन देखता है मुजे. वो कौन है.


पलकेश फटी फटी आँखों से कोमल को देखता है. फिर बलबीर को देखने लगा. और बलबीर से ही बोलने लगा. पर जो बोला वो सुनके बलबीर और कोमल दोनों के कान खड़े हो गए.


पलकेश : तू इस से अब भी प्यार करता हेना. पर ये तुजसे शादी नहीं करेगी.


बोलने के बाद पलकेश जोरो से पागलो की तरह हसने लगा. कोमल और बलबीर दोनों ने एक दूसरे को देखा. पलकेश एकदम से शांत हो गया.


पलकेश : जब मेरा फ़ोन आया. तब भी लगे हुए थे ना दोनों.


और बोलते के साथ फिर पागलो के जैसे हसने लगा. बसलबीर तो समझ गया की पलकेश को क्या हुआ है. पर कोमल को समझ नहीं आया. उसे लगा की फोन पर उसे एहसास हो गया होगा. कोई नई बात नहीं है. पर पलकेश फिर एक बार कोमल और बलबीर दोनों को चोका देता है.


पलकेश : तुम दोनों ने गांव में भी किया था. खेतो में. उसी आम के पेड़ के निचे. पूरलियो में.


बोलकर पलकेश जोरो से हसने लगा. पर अब कोमल को झटका लगा. कोमल ने पलकेश को ये बताया था की उसने किसी के साथ सेक्स किया. पर ये नहीं बताया की किसके साथ. कैसे. और कहा.

पर पलकेश तो वो सब बता रहा था. जो कोमल ने उसे नहीं बताया था. पलकेश फिर पागलो के जैसे हसने लगा.


पलकेश : वो तुम्हारे साथ वही खेल खेलना चाहता है. एक रूपए वाला. हा हा हा....


कोमल को याद आया वो क्या था. जब कोमल और पलकेश की नई नई शादी हुई थी. वो लोग अक्षर बाहर घूमने जाते थे. एक बार पलकेश के पास बाहर आउट साइड पर एक वेश्या आ गई. और उसे साथ चलने को कहने लगी. पलकेश नहीं गया. पर कोमल अचानक उसके पास पहोची और पूछा. वो क्या कहे रही थी. पलकेश ने बताया. वो एक वेश्या थी.

और पेसो के लिए अपने कपडे उतरने को तैयार थी. कोमल को हसीं आ गई. दोनों घूम फिर कर घर पहोचे. बेडरूम में पलकेश लेटा हुआ कोई बुक पढ़ रहा था. तभी कोमल उस रूम में आ गई. एक हॉट सेक्सी गाउन पहने. अपनी बीवी का हॉट लुक देख कर पलकेश मुश्कुराया.

कोमल ने कहा आज मै एक वेश्या हु. तुम पैसे फेको. मै तुम्हारे लिए अपने कपडे उतरूंगी. पलकेश ने एक कॉइन दिखाया. स्माइल किये बोला. मेरे पास तो बस एक ही रुपया है.

बोल कर वो एक रूपए का सिक्का कोमल की तरफ फेक देता है. उस कॉइन की खनक आज भी कोमल को याद थी. उस कॉइन के गिरते ही कोमल अपना गाउन उतर कर नंगी होने लगी. पर ये सारे मनोरंजक खेल नई नई शादी हुई थी.

तब कोमल और पलकेश ने खेले थे. पलकेश ने कहा की वो भी कोमल के साथ वही खेल खेलना चाहता है. कोमल को बुरा लगा. हसबैंड वाइफ के बिच की इन बातो को बलबीर के सामने ऐसे बोलना.

पर कोमल को अब भी एहसास ही नहीं था की पलकेश के साथ क्या हो रहा है. वो एकदम से बेहोश हो गया. कोमल ने बलबीर की तरफ देखा. उसने पलकेश को उठाकर सोफे पर रखने में कोमल की मदद की.


कोमल : तुम एक काम करो. हमें यही रुकना होगा तुम कुछ खाने पिने की चीज़े ले आओ. तब तक में थोड़ी जगह ठीक करती हु.


बलबीर चले गया. चाहे कुछ हो जाए. कोमल पलकेश को उसकी उस हालत मे छोड़ कर जाना नहीं चाहती थी. कोमल थोडा घर की साफ सफाई में लग गइ.

पर साफ सफाई करते उसकी नजर अचानक सोफे पर गई. जहापर उन्होंने पलकेश को लेटाया था. वो वहां नहीं था. कोमल सॉक हो गई. अचानक पलकेश कहा चले गया. कोमल उसे पहले तो घर में ही ढूढ़ने लगी.


कोमल : पलकेश... पलकेश... कहा हो तुम???? पलकेश.


पर पलकेश मिला बहोत ही जबरदस्त हालत में. वो किचन में था. फ्रिज के आगे बैठा हुआ. और फ्रिज का डोर एकदम खुला हुआ था. कोमल को हैरानी तब हुई जब वो पलकेश के करीब गई. पलकेश कुछ खा रहा था.

कोमल ने ध्यान से देखने की कोसिस की के पलकेश क्या खा रहा है. वो कच्चा चिकन खा रहा था. कोमल को एकदम से झटका लगा. उसके हाथ में पूरा चिकन था. और पलकेश उसे खींच खींच कर कच्चा ही खा रहा था.


कोमल : (सॉक) पलकेश तुम यहाँ क्या कर रहे हो??


पलकेश ने कोई जवाब नहीं दिया. वो जानवर के जैसे खाता ही रहा. पर कोमल को दूसरा झटका तब लगा जब उसका ध्यान खुले हुए फ्रिज पर गया. वो पूरा फ्रिज मीट से ही भरा हुआ था. जब की कोमल को पता था की पलकेश जैन है.

वो नॉनवेज नहीं खाता. हा शराब वो जरूर पिता था. कोमल ने पलकेश के कंधे पर हाथ रखा तो पलकेश ने एकदम से उसका हाथ झाटक दिया. कोमल एकदम से घबरा गई. और पीछे हो गई.

पलकेश एकदम से गर्दन घुमा कर कोमल को देखा. उसके मुँह में कच्चा मीट था. बोलते हुए उसके मुँह से मीट के छोटे छोटे टुकड़े भी गिर रहे थे.


पलकेश : (गुस्सा चिल्ला कर) ये सब तुम्हारी वजह से हो रहा है. वो तो तुम्हारे लिए ही आया था. पर अब मुजे परेशान करता है. कहता है मुजे मांश खाना है. उसे शराब पीना है. वो मुझसे लड़की भी मांगवाता है. पर मेरी ये हालत देख कर सब भाग जाती है. तुम उसकी भूख मिटा दो. वरना वो मुजे मार डालेगा.


बोलकर पलकेश एकदम से ही बेहोश हो गया. कोमल उसे उठाने गई. पर कोमल के बस की नहीं थी. कोमल ने उसे खींचना शुरू किया. और उसे खिंचते हुए सोफे तक ले गई. कोमल को अब ये तो समझ आ गया की गड़बड़ क्या है. पलकेश किसी और की बात कर रहा है.

सायद कोई भुत है. कोमल को भूतों की कहानियाँ बहोत पसंद थी. पर पलकेश के अंदर क्या है. भुत है या नहीं कुछ समझ नहीं आ रहा था. कोमल ने अपना फोन उठाया और दाई माँ को call किया. पर फोन स्विच ऑफ आ रहा था. कोमल एकदम से निराश हो गई.

फिर उसे याद आया की दाई माँ ने उसे एक कार्ड दिया था. जिसपर किसी प्रोफ़ेसर रुस्तम का नाम था. कोमल ने अपने पर्स में उस कार्ड को तलाशना शुरू किया. वो कार्ड उसे मिल गया. कोमल ने जल्दी से उस नंबर पर call किया. रिंग बज रही थी. पर किसी ने फोन पिक नहीं किया. कोमल ने दूसरी बार कोसिस की. 2 रिंग के बाद किसी ने call पिक किया.


रुस्तम : हेलो???


कोमल : हेलो में कोमल बोल रही हु. मुजे दाई माँ ने आप का कार्ड दिया था


रुस्तम : ओह्ह तो आप ही कोमल हो. पर call करने में इतना टाइम क्यों लगा दिया.


कोमल ने उसके साथ घाटी वो सारी बाते बता दी. प्रोफ़ेसर रुस्तम ध्यान से सारी बात सुनता है. पलकेश के उस call से लेकर अब तक की सारी घटना की उसे जानकारी हो गई.


रुस्तम : में फिलहाल तो मुंबई से बाहर हु. तुम आज रात निकाल लो. और हो सके तो उसे सुबह मेरे पास ले आओ.


कोमल : पर आज रात?????


रुस्तम : क्या डर लग रहा है. दाई माँ तो तुम्हारी बड़ी तारीफ कर रही थी. बस एक रात तो तुम्हे उसके साथ रुकना ही होगा. ओके.



कोमल ने call तो कट कर दिया. पर उसे एक रात वही रुकना था. वो यही सोचती रही की रात कैसे कटेगी.
 
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Shetan

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Mast aur kamukta se bahar hua update . Ye chutiya palkes ko kya ho jaya . Kahi palkes kuch game to nahi khel Raha hai komal ke saath ya kuch aur ab madam ab jaldi se agla update de dijiye 🙏🙏🙏
Lo padh lo
 

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फ्लाइट मे बैठी कोमल को एहसास था की उसने क्या किया. उसने पहेली बार किसी पराए मर्द के साथ सेक्स किया. वो भी जान बुचकर. पर वो सोच रही थी की उसे गिल्टी क्यों फील नहीं हो रहा है.

उल्टा उसे माझा आ रहा था. एक हाथ से अपनी बुक को अपनी गोद मे दबोचे कोमल मंद मंद मुस्कुरा रही थी. बहोत जल्द वो अहमदाबाद पहोच गई. वो अपनी माँ के घर नहीं गई. सीधा अपने फ्लेट पर ही गई. डोर पर लॉक था.


वो लॉक खोलकर अंदर आई. उसे शावर की आवाज आ रही थी. कोमल समझ गई की उसका हस्बैंड पलकेश आ चूका है.


कोमल : क्या पलकेश तुम हो???


पलकेश : हा मे हु.


कोमल : मुजे तुमसे कुछ बात करनी है पलकेश.


पलकेश : बस 5 मिनिटस.


कोमल जाकर सोफे पर बैठ गई. और पलकेश का इंतजार करने लगी. कुछ देर मे पलकेश आया. वो सिर्फ टावल लपेटे हुए था. अब भी उसका बदन गिला था. वो आकर कोमल के सामने सोफा चेयर पर बैठ गया.


पलकेश : हा अब बताओ क्या बात है.


कोमल कुछ पल शांत रही.


कोमल : देखो पलकेश मे जान ना चाहती हु की क्या तुम मुझसे खुश हो???


पलकेश : (सॉक) हा मे खुश हु. ये केसा सवाल है???


कोमल : देखो मुजे लगता है की हम कई महीनों से फिजिकल नहीं हुए. हमने एक दूसरे को कब आई लव यू कहा???


पलकेश : (सोचते हुए) हा ये बात सही है. हम एक दूसरे को अब टाइम नहीं देते पर...


कोमल : अब बोल दो पलकेश. मेने कई बार तुम्हारे शूट से लेडी परफ्यूम को नोट किया है.


पलकेश के होश उड़ गए.


कोमल : देखो कोई बात नहीं. मुजे कोई इस से फर्क नहीं पड़ता. अगर अभी हम ख़ुशी से अलग हो जाए तो आई थिंक सही होगा. फ़िक्र मत करो. अगर अलग होना चाहते हो तो बोलो??? मुजे तुम्हारी प्रॉपर्टी मे से कुछ नहीं चाहिए.


पलकेश जैसे मौका ही ढूढ़ रहा हो. पर उसे डर लग रहा था.


पलकेश : पर फिर तुम...???


कोमल : यार प्लीज.... मुजे कोई फर्क नहीं है. मुजे तुमसे कोई गिला सिकवा नहीं है. ना ही मै तुमसे नफरत करती हु. हम जरुरी थोड़ी है की लड़ाई झगड़ा कर के अलग हो. ख़ुशी ख़ुशी अलग हो सकते है ना.


पलकेश : ओके. मै तैयार हु.


कोमल ने अपना हाथ बढ़ाया.


कोमल : (स्माइल) तो पलकेश सिर्फ आज ही हम दो हस्बैंड वाइफ है. हम कल ही डायवोर्स के लिए अप्लाई कर देंगे.


पलकेश के फेस पर भी स्माइल आ गई. उसने भी अपना हाथ बढ़ाया. पर कोमल ने उस से हाथ मिलाने के बजाय थोडा और आगे होते हुए पलकेश का टावल जाटके से खिंच लिया. और वो खड़ी हो गई. पलकेश थोडा घबरा गया.

उसके होश उड़ गए. लेकिन कोमल तो स्माइल कर रही थी. कोमल भी अपनी साड़ी उतरने लगी.


कोमल : (शारारत स्माइल) हमें अपना लास्ट दिन सेलिब्रेट करना चाहिए.


बहोत वक्त के बाद कोमल को देख कर पलकेश के लिंग मे तनाव आया था. उसे कोमल ने नंगा तो कर ही दिया था. और इसके सामने कोमल ब्रा जैसे ब्लाउज पेटीकोट(घाघरे मे खड़ी थी. पलकेश भी झटकेसे खड़ा हुआ. और कोमल पर टूट पड़ा. कोमल के फेस पर स्माइल आ गई. आंखे बंद हो गई.


कोमल : (आंखे बंद स्माइल शारारत) ससससस अह्ह्ह्ह... (हसना) हा हा हा....


दोनों एक दूसरे को सहयोग कर रहे थे. लिप टू लिप किश का दौर चल गया. शाम होने वाली थी. और कोमल ने कुछ ऐसा कहा. पलकेश एक पल तो एकदम से रुक गया.


कोमल : मेने आज किसी और के साथ सेक्स किया. पहेली बार.


पलकेश सॉक था. और उसे झटका लगना लाज़मी था. वो अब भी कोमल का पति था.


कोमल : पलकेश प्लीज यार. अब हम अलग हो रहे है. प्लीज ऐसे मुँह मत बनाओ यार.


पलकेश : नहीं वो बात नहीं है. तुमने कहा पहेली बार किसी और के साथ. मतलब...


पलकेश को दुख हुआ. उसने कई बार कइयों के साथ अफेयर किये. और सेक्स भी किया. उसे ऐसा लगता था की कोमल भी ऐसा कही कुछ कर रही होंगी. वो कोमल से बस इस लिए डायवोर्स नहीं ले रहा था. क्यों की उसकी प्रॉपर्टी के हिस्से ना हो जाए. पर कोमल ने तो खुद ही ना कहे दिया. की वो प्रॉपर्टी मे से कुछ भी नहीं लेगी. कोमल बस हलका सा मुश्कुराई.


कोमल : (स्माइल) हा यार. मै कोसिस कर रही थी. हमारे रिश्ते को बचाने के लिए. पर हम बस बोझ ही ढो रहे थे. सायद हम अलग हो जाए वही सही है.


पलकेश : ऍम सॉरी कोमल. मेने तुम्हे कई बार चिट किया. पर तुम अब जाकर. और और और वो भी मुजे बता ही दिया. सायद तुमने ये फैसला लेने का पहले ही सोच लिया होगा. नहीं तो तुम इस बार भी ये सब नहीं करती.


कोमल : अगर मै कहु की तुम अब भी सोच लो तो??? क्या तुम आगे रिश्ता निभाना चाहोगे???


पलकेश जैसे दुविधा मे फस गया हो.


पलकेश : पता नहीं. पर नजाने क्यों आज मुजे तुम पर प्यार आ रहा है. दिल कहता है की तुम ही बेस्ट हो.


कोमल : एक काम करते है. हम डायवर्स लेकर सिक्स मंथ्स अलग रहते है. अगर लगेगा की हम ही एक दूसरे के लिए बेस्ट है. तो हम दोबारा शादी कर लेंगे ओके???


कोमल सुलझ चुकी थी. वो अब अलग ही होना चाहती थी. इस लिए उसने डायवोर्स को नाकारा नहीं.


पलकेश : पर हम हमेशा ही फ्रेंड्स तो रहेंगे ही. और ये फ्लेट तुम्हे ही रखना होगा. प्लीज.


कोमल ने बाते सुनते हुए अपना ब्लाउज और घाघरा उतर दिया था. और वो पैंटी उतर रही थी. उसकी खूबसूरत योनि पर बलबीर का प्यार(वीर्य) सुख के चिपका हुआ था.


कोमल : (स्माइल शारारत) हा अगर तुम आज मुजे अच्छे से खुश करोगे तो हम दोस्त जरूर रहेंगे.


कोमल नंगी होकर होनी दोनों टांगो को खोल चुकी थी. उस सोफे पर जैसे कछुआ उल्टा पड़ा हो. पलकेश भी अपना मुँह कोमल की दोनों टांगो के बिच घुसा देता है. कोमल की आंखे एकदम से बंद हुई. और लम्बी शांस छोड़ते हुए वो लम्बा सा सिसकती है.


कोमल : (बंद आंखे मदहोश) सससससस अह्हह्ह्ह्ह.......


पलकेश को थोड़ी देर तक कोमल की योनि को चाटने के बाद
याद आया. और वो अपना मुँह ऊपर उठाता है.


पलकेश : तुमने इसे बाद मे धोया तो था ना????


कोमल कुछ बोलती नहीं बस शारारत से हसने लगी. पलकेश नाराज हो गया.


पलकेश : (नाराज) तुम मेरे साथ ऐसा करोगी मेने सोचा नहीं था.


वो खड़ा होने गया. तो कोमल ने उसका हाथ पकड़ लिया.


कोमल : अरे मै मज़ाक कर रही थी. कोई ऐसे गन्दा रहता है क्या.


कोमल पलकेश की आँखों मे शारारत से देखने लगी. उसे मुँह पर साफ झूठ बोलने पर माझा आ रहा था. पर कोमल का इस तरह से देखना पलकेश को भी अस मंजस मे डाल रहा था. जैसे जता रही हो की मै जुठ ही बोल रही हु. लेकिन कोमल का ऐसे देखना पलकेश को भी रोमांच और दिल की धड़कनो को बढ़ा रहा था. पलकेश की भी आंखे बड़ी हो गई.


पलकेश : (स्माइल) क्या????


कोमल : (स्माइल शारारत) चूतिये..... (हसना)


पलकेश हैरान था. क्या इसने सही सुना?? उसने कोमल के मुँह से खुद के लिए चुतिया शब्द सुना. वो हैरान भी था. और माझा भी आ रहा था. यही सब से वो ज्यादा उत्तेजित भी हो रहा था.


कोमल : (स्माइल शारारत) मुजे पता है तुमने वो सुना है.



इस बार पलकेंस कोमल पर झटके से टूट पड़ा. लिप्स से लिप्स जुड़ गए. दोनों पागलो की तरह एक दूसरे को किश करने लगे. अपने पति से कोमल ने एक बार और झूठ बोला. पर उसे इसमें माझा आया. उस रात कोमल और पलकेश ने खूब घामशांड सम्भोग किया. शाम रात मे बदल गई. और वो खूबसूरत रात भी बीत गई.


Wah wah.. Ab laga horror mei sex ka tadkaa.. Komal ne todi bandishe aur Palkes ko kiya aazaad... woh bhi istyle se... :bj2:
 

Shetan

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Wah wah.. Ab laga horror mei sex ka tadkaa.. Komal ne todi bandishe aur Palkes ko kiya aazaad... woh bhi istyle se... :bj2:
Update 11 bhi post ho chuka he. Aap maza lijiye.
 

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कोमल पलकेश से तलाख ले चुकी थी. उसकी माँ जयश्री ने बहोत समझाया. पर कोमल पे कोई असर नहीं हुआ. माँ बार बार एक ही बात बोलती रहती थी. की कारण क्या है. वो समझा बुज़ा कर टाल देती. लेकिन कोमल को अब अकेले रहने की आदत हो गई. इस लिए वो उसी फ्लेट मे अकेली रहती.

8 मंथस से वो अकेली ही थी. 8 महीना बीत जाने के बावजूद भी बलबीर का call नहीं आया. कोमल को ऐसा नहीं था की बलबीर की याद नहीं आई. वो उसके साथ हुए सेक्स को भूल ही नहीं पाई. पर अपने केस की वजह से इन बातो को नजर अंदाज़ करने लगी थी. पर एक दोपहर अचानक एक call आया. वो call बलबीर का था.


कोमल : हेलो...


बलबीर : हेलो. मै बोल रहा हु. बलबीर.


कोमल के फेस पर एकदम से स्माइल आ गई.


कोमल : (एक्ससिटेड स्माइल) तुम्हे अब मेरी याद आई. आठ महीने बाद. बोलो कब आ रहे हो यहाँ???


बलबीर : मै यहाँ आ चूका हु. अहमदाबाद मे.


कोमल की तो मानो खुशियों का ठिकाना ही नहीं रहा. वो एक साथ कई सारे सवालों की बरसात बलबीर पर कर देती है.


कोमल : (एक्ससिटेड स्माइल) यहाँ अहमदाबाद मे?? कब?? और अभी तुम हो कहा??? और आए तो मुजे पहले फ़ोन क्यों नहीं किया. अभी कहा हो???


बलबीर : (स्माइल) अरे अरे रुको तो. बस अभी ही पहोंचा हु. रेलवे स्टेशन पर ही हु.


कोमल : (एक्ससिटेड स्माइल)तुम वही रुको. मै तुम्हे लेने आ रही हु.


कोमल तुरंत ही अपनी कार लेकर रेलवे स्टेशन निकाल गई. जब वो बलबीर से मिली तो तुरंत उसने बलबीर को बांहो मे भर लिया. बाद मे देखा तो उसके दोनों बच्चे भी थे. कोमल ने उन दोनों बच्चों को भी प्यार किया. उन्हें चूमा भी गले लगाया. ये सब करते उसके अंदर की ममता जाग गई. वो उन तीनो को अपने घर ले आई. उसका फ्लेट तीसरी मंजिल पर था.


कोमल : (एक्ससिटेड स्माइल) : अरे आओ ना अंदर वहां क्यों खड़े हो गए.


पर अंदर आते बलबीर को कुछ अलगसा महसूस हुआ. कुछ घुटन सी महसूस होने लगी. वो बच्चों को लेकर बाहर हो गया. बच्चों का भी मुँह उतर गया. कोमल ये सब देख कर सॉक हो गई.


कोमल : क्या हुआ??? बाहर क्यों चले गए??? अंदर आओना. ये मेरा ही घर है.


पर बलबीर कुछ बोलने के बजाय घुटनो पर बैठते हुए दोनों बच्चों को बांहो मे भर लेता है. दोनों के सर पर हाथ रख कर अपनी आंखे बंद कर लेता है. वो कुछ बड़बड़ा रहा था. जैसे कोई मन्त्र जाप कर रहा हो. कोमल समझ नहीं पाई. और उन्हें देखती रही. बलबीर खड़ा हुआ. और दोनों बच्चों के हाथ पकड़ कर खड़ा हो गया. वो उस फ्लेट के बाहर ही था.


बलबीर : माफ करना कोमल. अगर हमें यहाँ रहना है तो मै इन बच्चों के साथ यहाँ नहीं रहे सकता. ये घर मुजे कुछ ठीक नहीं लग रहा.


कोमल सोच मे पड़ गई. ऐसा क्या उसे महसूस हुआ. जो वो ऐसा बोल रहा है.


कोमल : तुम क्या बोल रहे हो. मुजे कुछ समझ नहीं आ रहा. मै यहाँ 7 सालो से रहे रही हु. मुजे तो सब ठीक लग रहा है.


बलबीर : सायद तुम्हे ना लग रहा हो. पर अंदर आते ही मुजे घुटन सी महसूस होने लगी. सर भरी हो गया. मै खुद की बात होती तो समझोता कर लेता. पर मेरे बच्चे छोटे है. उन्हें यहाँ....


बलबीर बोल कर चुप हो गया. पर कोमल को अब भी समझ नहीं आया. इतनी दूर से वो यहाँ आया. और पता नहीं क्या कारण होगा. वो यहाँ से ऐसे ही चले जाएगा. ऐसे खयाल कोमल के मन मे आने लगे.


कोमल : अच्छा चलो. मै तुम्हे मम्मी के पास ले चलती हु.


कोमल बलबीर और उसके दोनों बच्चों को लेकर अपनी माँ के घर लेकर गई. वहां कोमल की मम्मी और उसकी छोटी बहन को बहोत अच्छा लगा. उन दोनों का दिल बच्चों से लग गया. रास्ते मे ही डिसाइड हो गया था की बलबीर के बच्चे अब वही रहेंगे.

उनका स्कूल मे दाखिला करवाना है. ये सब जब कोमल की मम्मी जयश्री को बताया तो वो ज्यादा खुश हुई. कोमल ने बताया की बलबीर को वो नौकरी दिलवाने वाली है. पर उसने ये नहीं बताया की कोमल उसे अपना ही ड्राइवर रखने वाली है.

बच्चों को छोड़ कर वो दोनों वहां से निकाल गए. अब तक कोमल ने ही कार ड्राइव की और अब भी वही ड्राइव कर रही थी. पर सारा प्लान उसने बलबीर को नहीं बताया.


बलबीर : तुमने ये नहीं बताया की मै कहा रहूँगा???


कोमल थोड़ासा मुश्कुराई. उसकी मुश्कान मे शारारत थी.


कोमल : क्यों मेरे साथ वहां मेरे फ्लेट मे रहने मे तुम्हे क्या दिक्कत है. वैसे भी मे अकेली रहती हु वहां.


बलबीर : क्यों तुम्हारा पति???


कोमल : हम अब साथ नहीं है.


बलबीर : साथ नहीं मतलब???


कोमल : (लम्बी सांसे) हम्म्म्म... डाइवोर्स तलाक...


बलबीर कुछ नहीं बोला.


कोमल : क्यों खामोश हो गए. कुछ पूछना है तो पूछो.


बलबीर : मुजे ये सही नहीं लग रहा है कोमल.


कोमल ने बलबीर को चुप करवा दिया. उसे डांट दिया. पर किसी प्रेमिका या बीवी की तरह नहीं. कोसी बॉस की तरह.


कोमल : सब सही है बलबीर. तुम चुप रहो. तुम मेरे ही साथ रहोगे. और तुम मेरी ही कार चलाओगे. मै तुम्हे नौकरी दे रही हु. अब मै ही तुम्हारी बॉस हु समझे.


बलबीर को बुरा लगा. पर वो कुछ कहे नहीं सका. उसने महसूस किया की कोमल मे थोडा बदलाव है.
वो लोग वापस वही फ्लेट पर आ गए. इस बार भी बलबीर को अच्छा तो नहीं लग रहा था. कोमल अंदर आते ही डोर क्लोज करती है.

और बलबीर पर टूट पड़ी. सीधा उसे बांहो मे लेकर होठो से होंठ जोड़ दिये. लम्बी सांसे लेते आंखे बंद. वो पागलो की तरह बलबीर को किश कर रही थी. वैसे तो बलबीर भी उसे रोकना चाहता था. पर पता नहीं क्यों वो अपने आप को रोक नहीं पा रहा था. वो दोनों नंगे भी हो गए और बेड पर भी पहोच गए. बलबीर लगातार बड़ी जोरो से धक्के लगा रहा था.



कोमल : (आंखे बंद मदहोश) अह्ह्ह्हह.... ससससस...


दोनों लीन हो गए. और सब कुछ भूल गए. पर जो काम वो पूरा करने की कोसिस कर रहे थे. वो पूरा ना हो पाया. कोमल के मोबाइल पर रिंग बजने लगी.


कोमल : अह्ह्ह ससससस... अब इस वक्त कौन चुतिया मुजे call कर रहा है.


कोमल ने हाथ बढाकर बलबीर के निचे ही रहे फोन खिंचा. और देखा. Call पलकेश का था. वो तलाक के बाद एक भी call नहीं कर रहा था. और ना ही कोमल ने भी किया.


कोमल : इस चूतिये को अब मेरी याद आई है.... कुछ बोलना मत.


कोमल ने call पिक किया.


कोमल : हा पलकेंस बोलो???


पलकेश का नाम सुनते ही बलबीर समझ गया की वो उसका पति है. जिस से कोमल ने तलाक ले लिया था. पर पलकेश की आवाज सुनकर कोमल के होश जरूर उड़ गए.


पलकेश : हेलो कोमल. क्या तुम ठीक हो???


कोमल ने महसूस किया की पलकेश की आवाज के साथ एक और आवाज का इको हो रहा था. और दूसरी आवाज किसी अन नॉन की थी. जैसे की


हेलो कोमल. हेलो कोमल( अन नॉन वॉइस). क्या तुम ठीक हो??? क्या तुम ठीक हो(अन नॉन वॉइस)???


कोमल को गड़बड़ लगी. पर मामला समझने से पहले वो कोई रियेक्ट नहीं करती.


कोमल : (सॉक) हा मै ठीक हु.


पसकेश : पर मै ठीक नहीं हु. पर मै ठीक नहीं हु(अन नॉनवॉइस) क्या तुम यहाँ आ सकती हो??? क्या तुम यहाँ आ सकती हो(अन नॉन वॉइस)???


कोमल पलकेश की दोहरी आवाज में एक डर भी महसूस कर रही थी.


कोमल : क्या हो गया तुम्हे. तुम ठीक तो हो.


पलकेश रोने लगा. उसके साथ में जो दूसरी आवाज थी. वो भी वैसे ही रोते हुए पलकेश के आवाज की कॉपी कर रही थी.


पलकेश : (रोते हुए) नहीं मै ठीक नहीं हु. नहीं मै ठीक नहीं हु(अन नॉन वॉइस). तुम प्लीज जल्दी यहाँ आ जाओ. तुम प्लीज जल्दी यहाँ आ जाओ(अन नॉन वॉइस). वो तुमसे बात करना चाहता है. वो तुमसे बात करना चाहता है(अन नॉन वॉइस).


कोमल सॉक हो गई.


कोमल : (सॉक ) कौन बात करना चाहता है???

पलकेश : (रोते हुए) तुम प्लीज यहाँ आ जाओ प्लीज. तुम प्लीज यहाँ आ जाओ प्लीज(अन नॉन वॉइस) मेरी मदद करो...
मेरी मदद करो...(अन नॉन वॉइस)

तभी अपने आप फ़ोन कट गया. कोमल पलकेश के लिए परेशान हो गई. चाहे भले ही उसने पलकेश से तलाख ले लिया था. वो उसकी मदद करने के लिए तैयार हो गई. उसने तुरंत मोबाइल पर चेक किया की फ्लाइट अवलेबल है या नहीं.

पर उसे फ्लाइट ही नहीं मिली. जो थी वो फुल थी. तक़रीबन ट्रैन से भी 12 से 14 घंटे का रन था. अगर वो ट्रैन से जाती तो. उसमे भी रिजर्वेशन मिलना मुश्किल हो गया. बलबीर का भी मूड चेंज हो गया. वो भी उठ कर बैठ गया. कोमल ने बलबीर की तरफ देखा.


कोमल : क्या तुम मुजे कार से मुंबई तक पहोंचा सकते हो???



बलबीर ने अपने कीपैड वाले मोबाइल में देखा. दोपहर के 4 बज रहे थे. कोमल कुछ मांगे. और बलबीर ना दे. ऐसा तो ना मुमकिन है. बलबीर ने हा मे गर्दन हिलाई. वो दोनों शाम के 6 बजे तक मुंबई के लिए बाय रोड निकाल गए.


Balbeer ke hue fir se maze... :sex:.. Komal pe hua sex ka bhoot sawaar... :booby2:... Ab aage dekhte hai... kya hoga Palkes ka haal :omg1:...
 

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कोमल और बलबीर दोनों कार से मुंबई के लिए रवाना हो चुके थे. अंधेरा हो चूका था. एकदम चिकने फ्लेट रोड पर गाड़ी भागने में कोई दिक्कत नहीं हो रही थी. बलबीर ट्रक ड्राइवर ही था. इस लिए लम्बे रुट पर उसे ड्राइव करने में कोई दिक्कत नहीं थी.

कोमल अपने मोबाइल में लगी हुई थी. बिच बिच में उसकी वाकलती call आ रहे थे. कभी किसी नए केस के लिए वो अपनी फीस बताती. तो कभी किसी मुद्दे पर कोई खास चीज.

जब सब काम निपट गया तो कोमल को बलबीर की याद आई. वो गौर से बलवीर को देखने लगी. एकदम मासूम चहेरा. सारा ध्यान सिर्फ अपने काम पर. कोमल को ऐसे देखते हुए जब बलबीर को महसूस हुआ तो बलबीर भी पूछे बिना रुक नहीं पाया.


बलबीर : ऐसे क्यों देख रही हो??


कोमल पहले तो थोडा सा मुश्कुराई. फिर जैसे सोच में पड़ गई हो की पुछु या नहीं. लेकिन रुकते रुकते उसने पूछ ही लिया.


कोमल : तुम अचानक ऐसे बिना बताए कैसे आ गए. मतलब की...


कोमल के पूछने का मतलब बलबीर समझ गया.


बलबीर : तुमने कहा था ना. तुम्हारे बच्चों को अच्छी स्कूल में पढ़ाऊंगी. उन्हें बहोत बड़ा आदमी बनाउंगी. तो में आ गया.


कोमल : मतलब की तुम मेरे लिए नहीं आए.


कोमल का जैसे मूड ख़राब हो गया हो. पर बलबीर कोमल के नेचर में हुए बदलाव को महसूस कर रहा था.


बलबीर : ऐसा नहीं है की मै तुम्हारे लिए नहीं आया. बल्कि सिर्फ तुम्हारे भरोसे पर ही मै यहाँ आया हु.


कोमल के फेस पर स्माइल आ गई. और वो बलबीर की तरफ थोडा खिसक कर उसके कंधे पर अपना सर टेक देती है. बलबीर को भी ये अच्छा लगा. ऐसा कुछ पहले होता था. जब बलबीर और कोमल को नया नया प्यार हुआ था.


बलबीर : तुम अपने पति से अलग क्यों हुई.


कोमल बताना तो नहीं चाहती थी. पर बलबीर था इस लिए वो बता देती है.


कोमल : वो मेरे साथ खुश नहीं था. उसे मै बोझ लगती थी. अब बाकि जिंदगी एक दूसरे के साथ सिर्फ एक पहचान से निभाए इस से बहेतर की हम अलग हो जाए. हम ख़ुशी से अलग हुए.


बलबीर ने आगे कुछ पूछा नहीं रात भर ड्राइव करते हुए वो मुंबई पहोच गए. पलकेश का मुंबई में एक और फेल्ट था. और वो वही रहे रहा था. कोमल उस फ्लेट का पता जानती थी. वो दोनों उस फ्लेट पर पहोच गए. पलकेश का फ्लेट 4th फ्लोर पर था.

वो बल्डिंग 10 मंज़िला थी. कोमल और बलबीर दोनों डोर के सामने खड़े हो गए. कोमल ने बेल बजाई. पर कोई डोर नहीं खोल रहा था. और ना ही कोई आवाज आई. कोमल ने दूसरी बार बेल बजाई. तब भी किसी ने डोर नहीं खोला.

कोमल ने पलट कर बलबीर की तरफ देखा. जैसे कहना चाहती हो की कोई गड़बड़ तो नहीं. फिर कोमल ने बेल बजाते डोर का हैंडल भी पकड़ लिया.


कोमल : पलकेश......


पर कोमल के हैंडल पकड़ते ही डोर खुल गया. डोर खुलते ही एक गन्दी सी बदबू का जैसे भापका आया हो. कोमल ने तो अपने मुँह पर हाथ ही रख दिया.


कोमल : उफ्फ्फ... ये बदबू केसी है.


बलबीर हैरान था की ऐसी ही बदबू तो कोमल के फ्लेट से भी आ रही थी. उसे वहां क्यों फील नहीं हुई. वो दोनों अंदर गए. अंदर का नजारा बड़ा अजीब था. सारी विंडोज को कपडे से कवर किया हुआ था.

जैसे बाहर का उजाला रोकने की कोसिस हो. अंदर का माहौल एकदम चिल्ड था. जैसे ac ऑन कर रखा हो. फैन धीमे धीमे घूम कर आवाज कर रहा था. कोमल और बलबीर चारो तरफ नजरें घुमाकर सब देख रहे थे.

खाने के जुठे बर्तन भी जुठे जिसमे थोडा बहोत खाना भी पड़ा हुआ था. देखने से ही पता चल रहा था की खाना कम से कम 2 दिन बसा जरूर होगा. एक खुले हुए कार्टून बॉक्स मे आधे से ज्यादा पिज़्ज़ा पड़ा हुआ था. जिसमे कीड़े भी रेंग रहे थे.

पर पलकेश कहा है. ये समझ नहीं आ रहा था. कोमल भी ऐसी थी की उसे डर तो मानो लगता ही ना हो. वो पलकेश को आवाज देते अंदर जाने लगी.


कोमल : पलकेश..... पलकेश....


पर अंदर जाने से पहले ही एक पाऊ सोफे के निचे नजर आ गया. कोमल रुक गई. और उसने उस पाऊ को देखा. कोमल ने पलटकर बलबीर को भी देखा. वो भी वही देख रहा था. वो आगे आया और सोफे को खिंचता है. पलकेश बेहोश पड़ा हुआ था.

वो दोनों पलकेश को बाहर निकलते है. और उसे होश में लाने की कोसिस करते है. जब उसे निकला तो पलकेश की हालत कुछ अजीब सी थी. वो पूरा तो नंगा था. और उसके बदन से बहोत बदबू भी आ रही थी. जैसे नजाने कितने दिनों से वो नहाया ही ना हो.

हाथ पाऊ गले बहोत जगग घाव थे. जैसे किसी ने बड़े जोर से खरोचा हो. कोमल घुटनो पर बैठ कर पलकेश के गलो पर हलकी हलकी थपकी मरना शुरू करती है.


कोमल : पलकेश..... पलकेश आँखे खोलो पलकेश...


पलकेश की आंखे बड़ी मुश्किल से खुली. जैसे उसने किसी चरस या अफीम का नशा किया हुआ हो. पर आंखे खुलते जब उसने कोमल को देखा तो वो तुरंत ही कोमल को जोरो से बांहो में भर कर रोने लगा.


पलकेश : हाआआ... मुजे बचा लो कोमल प्लीज. वो मुजे मार डालेगा अअअअअ.... प्लीज कोमल मुजे बचा लो....


कोमल और बलबीर दोनों सॉक थे.


कोमल : कौन मार डालेगा तुम्हे??? बोलो??? बोलो.


पलकेश के तेवर एकदम से बदल गए. वो रोते हुए हसने लगा. रुक रुक कर हसने लगा. उसकी आंखे एकदम से बड़ी हो गई. पलकेश ही देखने में डरावना लगने लगा.


पलकेश : खीखीखी...... खीखीखी...... वो तुम्हे हर वक्त देखता है. वो सिर्फ तुम्हारे लिए यहाँ आया है.


कोमल ने सर घुमाकर एक बार बलबीर को देखा. फिर पलकेश को देखने लगी.


कोमल : कौन देखता है मुजे. वो कौन है.


पलकेश फटी फटी आँखों से कोमल को देखता है. फिर बलबीर को देखने लगा. और बलबीर से ही बोलने लगा. पर जो बोला वो सुनके बलबीर और कोमल दोनों के कान खड़े हो गए.


पलकेश : तू इस से अब भी प्यार करता हेना. पर ये तुजसे शादी नहीं करेगी.


बोलने के बाद पलकेश जोरो से पागलो की तरह हसने लगा. कोमल और बलबीर दोनों ने एक दूसरे को देखा. पलकेश एकदम से शांत हो गया.


पलकेश : जब मेरा फ़ोन आया. तब भी लगे हुए थे ना दोनों.


और बोलते के साथ फिर पागलो के जैसे हसने लगा. बसलबीर तो समझ गया की पलकेश को क्या हुआ है. पर कोमल को समझ नहीं आया. उसे लगा की फोन पर उसे एहसास हो गया होगा. कोई नई बात नहीं है. पर पलकेश फिर एक बार कोमल और बलबीर दोनों को चोका देता है.


पलकेश : तुम दोनों ने गांव में भी किया था. खेतो में. उसी आम के पेड़ के निचे. पूरलियो में.


बोलकर पलकेश जोरो से हसने लगा. पर अब कोमल को झटका लगा. कोमल ने पलकेश को ये बताया था की उसने किसी के साथ सेक्स किया. पर ये नहीं बताया की किसके साथ. कैसे. और कहा.

पर पलकेश तो वो सब बता रहा था. जो कोमल ने उसे नहीं बताया था. पलकेश फिर पागलो के जैसे हसने लगा.


पलकेश : वो तुम्हारे साथ वही खेल खेलना चाहता है. एक रूपए वाला. हा हा हा....


कोमल को याद आया वो क्या था. जब कोमल और पलकेश की नई नई शादी हुई थी. वो लोग अक्षर बाहर घूमने जाते थे. एक बार पलकेश के पास बाहर आउट साइड पर एक वेश्या आ गई. और उसे साथ चलने को कहने लगी. पलकेश नहीं गया. पर कोमल अचानक उसके पास पहोची और पूछा. वो क्या कहे रही थी. पलकेश ने बताया. वो एक वेश्या थी.

और पेसो के लिए अपने कपडे उतरने को तैयार थी. कोमल को हसीं आ गई. दोनों घूम फिर कर घर पहोचे. बेडरूम में पलकेश लेटा हुआ कोई बुक पढ़ रहा था. तभी कोमल उस रूम में आ गई. एक हॉट सेक्सी गाउन पहने. अपनी बीवी का हॉट लुक देख कर पलकेश मुश्कुराया.

कोमल ने कहा आज मै एक वेश्या हु. तुम पैसे फेको. मै तुम्हारे लिए अपने कपडे उतरूंगी. पलकेश ने एक कॉइन दिखाया. स्माइल किये बोला. मेरे पास तो बस एक ही रुपया है.

बोल कर वो एक रूपए का सिक्का कोमल की तरफ फेक देता है. उस कॉइन की खनक आज भी कोमल को याद थी. उस कॉइन के गिरते ही कोमल अपना गाउन उतर कर नंगी होने लगी. पर ये सारे मनोरंजक खेल नई नई शादी हुई थी.

तब कोमल और पलकेश ने खेले थे. पलकेश ने कहा की वो भी कोमल के साथ वही खेल खेलना चाहता है. कोमल को बुरा लगा. हसबैंड वाइफ के बिच की इन बातो को बलबीर के सामने ऐसे बोलना.

पर कोमल को अब भी एहसास ही नहीं था की पलकेश के साथ क्या हो रहा है. वो एकदम से बेहोश हो गया. कोमल ने बलबीर की तरफ देखा. उसने पलकेश को उठाकर सोफे पर रखने में कोमल की मदद की.


कोमल : तुम एक काम करो. हमें यही रुकना होगा तुम कुछ खाने पिने की चीज़े ले आओ. तब तक में थोड़ी जगह ठीक करती हु.


बलबीर चले गया. चाहे कुछ हो जाए. कोमल पलकेश को उसकी उस हालत मे छोड़ कर जाना नहीं चाहती थी. कोमल थोडा घर की साफ सफाई में लग गइ.

पर साफ सफाई करते उसकी नजर अचानक सोफे पर गई. जहापर उन्होंने पलकेश को लेटाया था. वो वहां नहीं था. कोमल सॉक हो गई. अचानक पलकेश कहा चले गया. कोमल उसे पहले तो घर में ही ढूढ़ने लगी.


कोमल : पलकेश... पलकेश... कहा हो तुम???? पलकेश.


पर पलकेश मिला बहोत ही जबरदस्त हालत में. वो किचन में था. फ्रिज के आगे बैठा हुआ. और फ्रिज का डोर एकदम खुला हुआ था. कोमल को हैरानी तब हुई जब वो पलकेश के करीब गई. पलकेश कुछ खा रहा था.

कोमल ने ध्यान से देखने की कोसिस की के पलकेश क्या खा रहा है. वो कच्चा चिकन खा रहा था. कोमल को एकदम से झटका लगा. उसके हाथ में पूरा चिकन था. और पलकेश उसे खींच खींच कर कच्चा ही खा रहा था.


कोमल : (सॉक) पलकेश तुम यहाँ क्या कर रहे हो??


पलकेश ने कोई जवाब नहीं दिया. वो जानवर के जैसे खाता ही रहा. पर कोमल को दूसरा झटका तब लगा जब उसका ध्यान खुले हुए फ्रिज पर गया. वो पूरा फ्रिज मीट से ही भरा हुआ था. जब की कोमल को पता था की पलकेश जैन है.

वो नॉनवेज नहीं खाता. हा शराब वो जरूर पिता था. कोमल ने पलकेश के कंधे पर हाथ रखा तो पलकेश ने एकदम से उसका हाथ झाटक दिया. कोमल एकदम से घबरा गई. और पीछे हो गई.

पलकेश एकदम से गर्दन घुमा कर कोमल को देखा. उसके मुँह में कच्चा मीट था. बोलते हुए उसके मुँह से मीट के छोटे छोटे टुकड़े भी गिर रहे थे.


पलकेश : (गुस्सा चिल्ला कर) ये सब तुम्हारी वजह से हो रहा है. वो तो तुम्हारे लिए ही आया था. पर अब मुजे परेशान करता है. कहता है मुजे मांश खाना है. उसे शराब पीना है. वो मुझसे लड़की भी मांगवाता है. पर मेरी ये हालत देख कर सब भाग जाती है. तुम उसकी भूख मिटा दो. वरना वो मुजे मार डालेगा.


बोलकर पलकेश एकदम से ही बेहोश हो गया. कोमल उसे उठाने गई. पर कोमल के बस की नहीं थी. कोमल ने उसे खींचना शुरू किया. और उसे खिंचते हुए सोफे तक ले गई. कोमल को अब ये तो समझ आ गया की गड़बड़ क्या है. पलकेश किसी और की बात कर रहा है.

सायद कोई भुत है. कोमल को भूतों की कहानियाँ बहोत पसंद थी. पर पलकेश के अंदर क्या है. भुत है या नहीं कुछ समझ नहीं आ रहा था. कोमल ने अपना फोन उठाया और दाई माँ को call किया. पर फोन स्विच ऑफ आ रहा था. कोमल एकदम से निराश हो गई.

फिर उसे याद आया की दाई माँ ने उसे एक कार्ड दिया था. जिसपर किसी प्रोफ़ेसर रुस्तम का नाम था. कोमल ने अपने पर्स में उस कार्ड को तलाशना शुरू किया. वो कार्ड उसे मिल गया. कोमल ने जल्दी से उस नंबर पर call किया. रिंग बज रही थी. पर किसी ने फोन पिक नहीं किया. कोमल ने दूसरी बार कोसिस की. 2 रिंग के बाद किसी ने call पिक किया.


रुस्तम : हेलो???


कोमल : हेलो में कोमल बोल रही हु. मुजे दाई माँ ने आप का कार्ड दिया था


रुस्तम : ओह्ह तो आप ही कोमल हो. पर call करने में इतना टाइम क्यों लगा दिया.


कोमल ने उसके साथ घाटी वो सारी बाते बता दी. प्रोफ़ेसर रुस्तम ध्यान से सारी बात सुनता है. पलकेश के उस call से लेकर अब तक की सारी घटना की उसे जानकारी हो गई.


रुस्तम : में फिलहाल तो मुंबई से बाहर हु. तुम आज रात निकाल लो. और हो सके तो उसे सुबह मेरे पास ले आओ.


कोमल : पर आज रात?????


रुस्तम : क्या डर लग रहा है. दाई माँ तो तुम्हारी बड़ी तारीफ कर रही थी. बस एक रात तो तुम्हे उसके साथ रुकना ही होगा. ओके.



कोमल ने call तो कट कर दिया. पर उसे एक रात वही रुकना था. वो यही सोचती रही की रात कैसे कटेगी.
Madam is update ne mera dimag ka bhosda kar diya . Palkes ko koun tang kar Raha hai uska komal se kya rishta hai . Aur sab se shocking chiz jo badboo balbir ko komal ke ghar per mahsos hua wahi badboo palkes ke Ghar per bhi sala fir komal ko kyu nahi mahsos ho raha hai. Ho na ho yeh koi bhut hi hai jo aur komal ke sundarta ke piche pagal hoga uske saath sex karna chaah Raha hai . Puri gutthi uljhi hui hai . Madam aapko readers ko band kar rakhne ata hai 🫡🫡🫡🙏🙏🙏
 

CyccoDraamebaaz

"Paagalpan zaruri hai."
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Ab Komal ke ghar mei kya aa gaya!! 🙀... yeh Palkesh leke aaya.. ya khud Komal!!! 🤔Gaun mein woh pehle dai maa ke ghar ke paas se guzri thi... uske baad Balbir se milne gayi thi... aur tabhi se woh jyada open :sex: ho gayi thi... usne palkesh ko gaali bhi di.. :censored:... Ab Palkesh pe bhi koi chipak gaya... :what:... Mein toh sach mei baawri ho gayi padh ke... :mad2:


Tere saath movie nahi dekhunga kabhi.. logo ko enjoy karne de... apna gyaan mat baat tu...

Itna hi aage ki sochti hai toh khud koi kahani kyu nahi likhti tu... logo ki kahani mei taang mat adaa..
:angry++:
 
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