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Search results

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    Fantasy WO BHAYANAK RAAT

    बचाने के साथ ही ये सब हुआ... पर सच में वहाँ सड़क पर कोई तो था जो कार से टकराया.” राहुल की इस तरह की बात सुनकर सभी का घबराना और सवाल पूछना कोई अजीब बात नहीं थी. गीता भी काफी घबरायी हुयी थी “अगर ऐसा था तो मैं भी सामने बैठी थी मुझे तो कुछ भी नहीं दिखाई दिया राहुल.” “मैं सच कह रहा हूँ. हो सकता है हम...
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    Fantasy WO BHAYANAK RAAT

    संग्राम सिंह को खड़े होने में मदद करते हुए बोला. सच तो ये है घबराया तो वो भी था. “भगवान का लाख-लाख शुक्र है हम सब ठीक है.” अर्चना गीता का हाथ पकड़ कर बोली. किसी को भी कोई खास चोट नहीं आई थी. उनके पीछे और आगे वही काला सन्नाटों से भरा हुआ जंगल और बीच में अंधेरी सड़क नज़र आ रही थी. संग्राम सिंह ने पलट...
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    Fantasy WO BHAYANAK RAAT

    हुए कार से बाहर आ चुका था और दूसरी तरफ से कार का दरवाज़ा खोलने की कोशिश करने लगा. “मम्मी...पापा...गीता आप लोग ठीक तो हैं ना. जल्दी कार से बाहर आइये.” राहुल ने कार का दरवाजा खोला और कार से निकल कर बाकी सभी को भी बाहर निकालने लगा. कार किसी पेड़ से टकरा गयी थी. कुछ ही समय बाद अब सब लोग कार से बाहर आ...
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    Fantasy WO BHAYANAK RAAT

    कुछ ही पलों के बाद जैसे सब कुछ बदल सा गया… सड़क पर दौड़ रही उनकी कार का संतुलन बिगड़ा, कार अचानक से लहराई, जैसे ड्राइवर के बस से बाहर आ गयी हो और तभी एक जोरदार झटका खाकर कार सड़क के किनारे एक पेड़ से जा टकराई. ये सब एकदम से हुआ जिसे कोई समझ ही नहीं पाया. दुर्घटनाएं सुना है अचानक से ही होती है. धड़ाम...
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    Fantasy WO BHAYANAK RAAT

    जंगलों में रात-रात भर मैं कई मिशन पर जा चुका हूँ...अरे भाई ये अमावस-पूनम...की रात...क्या है ये सब? लगता है तुम्हारा विज्ञान बहुत कमज़ोर हैं. अरे सब रात एक जैसी होती है...चाँद निकला पूरा तो...पूनम की रात..और पूरा डूब गया तो अमावस की रात...वैसे सच कहूँ तो अमावस की रात तो अच्छी रहती है, अँधेरे में...
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    Fantasy WO BHAYANAK RAAT

    इतनी रात में इस काले घने जंगल से फैमिली के साथ जाना आप दोनों को कोई रिस्क नहीं लगता?” अर्चना बोलते बोलते दोनों तरफ से घिरे हुए काले जंगल को उस दौड़ती हुई कार की खिड़की से झाँक कर निहार रही थी. “लो जी तेरी मम्मी फिर से शुरू हो चुकी अब तो.’’ संग्राम सिंह ने मुँह बिचकाते हुए कहा. “क्या मम्मी! आप भी...
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    Fantasy WO BHAYANAK RAAT

    जी को देखा कितना हंगामा किया उन्होंने ड्रिंक करने के बाद?” राहुल ने कार ड्राइव करते हुए कहा. राहुल की पत्नी गीता उसकी बगल वाली सीट में बैठी थी और पिछली सीट पर उसके माँ और पिता यानि संग्राम सिंह और अर्चना बैठे हुए थे. सभी लोग काफी थके हुए थे. “बेटा आजकल ये सब चीज़ें शादीयों और पार्टियो में मामूली...
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    Fantasy WO BHAYANAK RAAT

    समय रात्री 11:40 11 जनवरी 2004 अमावस की एक मनहूस काली रात. चारो तरफ घनघोर अँधेरा. एक सुनसान सड़क और सड़क के दोनों तरफ फैला हुआ एक घना जंगल. सड़क पर तेजी से दौडती हुयी एक कार. कार में आर्मी से रिटायर्ड मेजर संग्राम सिंह अपनी पत्नी अर्चना, बेटे राहुल और बहू गीता के साथ अपने एक दोस्त की बेटी की शादी...
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    XF Ke Paglu Members

    जिंदगी भर दर्द से जीते रहे, दरिया पास था आंसुओं को पीते रहे, कई बार सोचा कह दू हाल-ए-दिल उससे, पर न जाने क्यूँ हम होंठो को सीते रहे।
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    Mera shayri ka thread

    कैसे बयान करें आलम दिल की बेबसी का, वो क्या समझे दर्द आंखों की इस नमी का, उनके चाहने वाले इतने हो गए हैं अब कि, उन्हे अब एहसास ही नहीं हमारी कमी का।
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    Mera shayri ka thread

    अपनी आँखों के समंदर में उत्तर जाने दे, तेरा मुज़रिम हूँ मुझे डूब के मर जाने दे, ज़ख़्म कितने तेरी चाहत से मिले हैं मुझको, सोचता हूँ कहूँ तुझसे, मगर जाने दे।
  12. G

    Thriller 10 JUNE KI RAAT ( suspence, triller, mystry)

    बिलिंग काउंटर से तनिक पहले दाईं ओर की कतार में एक चेयर पर जाकर बैठ गया। उस दौरान उसकी नजरें लगातार गेट पर टिकी रहीं। आधा घंटा गुजर गया! संजना कुलकर्णी के कदम वहां नहीं पड़े। अब उसका धैर्य जवाब देने लगा। एक बार भी उसने ये सोचने की जहमत नहीं उठाई कि वो खुद आधा घंटा लेट वहां पहुंचा था। ऊपर से उसका...
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    Thriller 10 JUNE KI RAAT ( suspence, triller, mystry)

    कटवाया था। क्योंकि मां ने कहा था कि संजना से मिलने ‘इंसान’ बनकर जाना! वो मां को नाराज नहीं करना चाहता था। बहरहाल मौजूदा हुलिया और परिधान उसपर खूब जंच रहा था। वो सचमुच का जैंटलमैन लग रहा था। संजना कुलकर्णी से उसकी मुलाकात फरीदाबाद के क्राउन इंटीरियर माल में लोवर ग्राउंड फ्लोर पर स्थित ‘हल्दीराम’...
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    Thriller 10 JUNE KI RAAT ( suspence, triller, mystry)

    इकलौते-लाड़ले बेटे का पालन-पोषण शुरू किया। जो कि आज पच्चीस साल बाद भी मुतवातर जारी था। मां आज भी अपने बेटे के पालन-पोषण में उतनी ही लगन से जुटी हुई थी। ऐसे में ये कम हैरानी की बात नहीं थी कि पनौती ने ना सिर्फ क्रिमिनॉलजी ऐंड पुलिस एडमिनिस्ट्रेशन में अस्सी फीसदी मार्क्स के साथ पोस्टग्रेज्युएशन...
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    Thriller 10 JUNE KI RAAT ( suspence, triller, mystry)

    उसकी मित्र-मंडली में दो ऐसे युवक भी शुमार थे जिनकी नौजवान बीवियां भरी जवानी में खुदा को प्यारी हो गई थीं! जिसका पूरा-पूरा श्रेय वे दोनों पनौती को ही देते थे। मगर मजाल क्या जो उसके चेहरे पर शिकन तक दिखाई दे जाय। लिहाजा मस्तमौला इंसान था। पनौती की वजह से मुसीबत में जा फंसने वाले उसके मित्रों की...
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    Thriller 10 JUNE KI RAAT ( suspence, triller, mystry)

    था जो किसी खूबसूरत युवती के सपनों का शहजादा हो सकता था। या सोलह सोमवार का व्रत रखने वाली किसी युवती को उसमें अपने भावी पति की छवि दिखाई दे सकती थी। मगर क्या मजाल जो उसने ऐसी बातों की कभी परवाह की हो। उसका नाम भले ही विशाल सक्सेना था मगर दोस्तों में वो ‘पनौती’ के नाम से खूब जाना-पहचाना जाता था।...
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    Thriller 10 JUNE KI RAAT ( suspence, triller, mystry)

    परिधान में ही पहुंच जाता था। पैरों में जूते तक डालना उसके लिए भारी मशक्कत वाला काम था इसलिए स्लीपर्स में कंफर्ट महसूस करता था। बावजूद इसके अपनी काहीलियत को दरकिनार करके सूट-बूट में सजा वो जैंटलमैन बना हुआ था, तो इसकी अहम वजह थी संजना कुलकर्णी, जो उसकी मां की फरीदाबाद में रहने वाली एक सहेली की...
  18. G

    Thriller 10 JUNE KI RAAT ( suspence, triller, mystry)

    पनौती ऑटो से नीचे उतरा ही था कि अचानक शुरू हुई बूंदाबांदी से उसका मन वितृष्णा से भर उठा। उसने एक बार सिर उठाकर आसमान में मंडरा रहे काले-घने बादलों की ओर देखा, फिर जल्दी-जल्दी कदम आगे बढ़ाने लगा। वो नहीं चाहता था कि संजना के साथ मुलाकात होने से पहले उसके कपड़े खराब होते, जो खासतौर से उसने संजना की...
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    Fantasy HAWELI (BHAYANAK MAHAL)

    अपना माल पकड़वा चुका है, पुनः उस दुर्घटना को होने नहीं देगा।” “होनी होकर रहेगी। अगर डाबर को मेरे हाथों नेस्तनाबूद होना लिखा है तो होगा, यकीनी तौर पर होगा।” “वह ऊंची पहुंच वाला, एक बेहद खतरनाक आर्गेनाइजेशन का बिग बॉस है। उसे बहुत कम लोगों ने देखा है। उससे पंगा लेने की कोशिश मत करो। नुकसान उठा...
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    Fantasy HAWELI (BHAYANAK MAHAL)

    “ठहरो तो सही, अच्छा सुनो‒हमें यहां से गुजरने वाले एक ट्रक आर॰टी॰सी॰ नाइन वन नाइन टू को रोककर चौक करना है।” “बस इतने छोटे से काम के लिए तुम इंस्पेक्टर शर्मा को बेगार समझकर उठा लाए हो। है न ?” “नहीं भई। तुम्हें भला कौन बेगार समझ सकता है।” “तुम समझते हो क्योंकि तुम्हें इसकी आदत है।” देर तक उन दोनों...
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