समय ऐसे ही निकलता था , दिन काम से शुरू होकर रात को बिस्तर पर ख़तम होता था , कभी कभी वरुण के साथ हलके फुल्के पल और कभी अपनी जिंदगी की भागम दौड़ में उलझा हुआ मैं वक्त को जाते हुए देख रहा था , ऐसा नहीं था की मेरे कोई और दोस्त नहीं थे काफी खास दोस्त थे उनमे एक दो बिलकुल खास थे वरुण, दीपक , पुष्कर...