जन्मदिन वाले दिन सब टाइम पर पहुंच चुके थे। पार्टी का दौर भी शुरू हो गया था , मिलना मिलाना चलता रहा सब एक दूसरे को जान गए , माहौल बहुत अच्छा बन पड़ा था। खासकर जब आप काफी दिनों से एक ही जिंदगी जी रहे हो कुछ बदलाव आपके मन को प्रस्सन कर ही देता है , जैसा मैं सोच रहा था वैसा ही उस जगह उपस्थित हर व्यक्ति सोच रहा था खाने पिने का समुचित व्यवस्था थी , सुमन ने काफी अच्छे से सब तैयारी कि थी ( सुमन मेरी पत्नी ) शराब कि कमी नहीं थी तो हम दोस्त ख़ुशी ख़ुशी में ज्यादा ही पी गए , सुमन भी उस दिन काफी खुश दिख रही थी शायद उसकी लाइफ भी एक ही रूटीन से बोर हो चली थी उस दिन उसने अपने को अच्छे से तैयार किया था एक सिंपल सी कुर्ती और उसके साथ लेग्गिंग , कसम से मैंने बहुत दिनों बाद उसे ऐसा देखा था। बाल अच्छे से बने हुए हल्का हल्का सा मेकअप , जबकि घर और परिवार कि देखबहाल में वो कभी अपने पर ध्यान ही नहीं दे पाती थी , पर उस दिन वो बहुत अच्छी दिख रही थी, अगर वरुण के शब्दों में कहु तो आज वो पूरा "भरा हुआ माल" लग रही थी। भरे बदन पर चिपका हुआ कुर्ता जिसकी साइड से उसकी लेगिंग उसकी जांघों का साइज बता रही थी ऊँची सेंडल से उसके पुरे पैरो कि शेप बहुत ही आकर्षित कर रही थी , चिपके हुए कुर्ते कि वजह से उसके कूल्हों कि गोलाईआं साफ़ साफ़ दिख रही थी, कुर्ती थोड़ी निचे गले वाली थी , झुकने पर थोड़ी स्तन कि लकीर दिखने लगती थी, आज उसकी चूचियों का भी साइज और दिनों से बड़ा और तना हुआ लग रह था। वो अपने काम में बिजी थी तो झुकना और सबके बिच चलना आम बात थी और वो भी स्वछंद तरीके से सबके बिच थी , इस बात से अनजान कि मैं उसे आज ध्यान से देख रहा हूँ।।।।।।।।। एक मिन।।।।।। मैं देख रहा हूँ ?
कोई और भी बिच बिच में उसे ध्यान से देख रहा था।।।।।।।।। वरुण।
हा हा हा हा हा हा।।।।।
हाँ वो वरुण था।। मैंने अचानक देखा जब मैं बहार से अंदर आ रहा था तब कि वो भी रह रह कर सुमन को देखे जा रहा है।। सुमन को क्या उसके बदन को , हाँ मैं जानता था कि वो कामुक है और उसका शौक है ऐसी भरे बदन कि औरतों को देख कर गंदे गंदे ख्याल बनाना
पर
मुझे क्यों बुरा नहीं लगा ?
हाँ मुझे बिलकुल बुरा नहीं लगा।
और सही बताऊँ तो एक शरीर में सिहरन सी दौड़ी जब वो उसे देख रह था। ध्यास से एकटक नजरे चुरा कर कही कोई और न देख ले
उसके बदन का नाप ले रहा होगा। अपने मन कि कपोल कल्पना में उसके एक एक अंग को देख रहा होगा।
और न जाने क्या क्या करने कि सोच रहा होगा मेरी सुमन के साथ। उफ्फ्फ्फफ्फ्फ़
सोच कर मुझे अहसाह हुआ कि मेरी भी पैंट में हलचल हो रही है , ऐसा क्यों ऐसा कम होता है कि सब लोगो के बिच ऐसा हो मेरे साथ पर हुआ