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अब्बास -" ज़ैनब बेटी. अब मैं क्या कहूं? तुमने तो मेरे मन की बात कह दी. मैं तुम्हे उस्मान के साथ जाने को कह तो रहा था पर असल में मैं अब तुम्हारे इस सुन्दर शरीर और तुम्हारी टाइट चूत और गांड को कैसे भूल पाउँगा. चलो ठीक हैं. अब उस्मान के साथ दोबारा निकाह के बाद भी हम अपना यह रिश्ता सदा कायम रखेंगे...
अब्बास तो ख़ुशी के मरे उछल ही पड़ा.वो ख़ुशी से हकलाता हुआ सा बोला. "मेरी प्यारी बेटी ज़ैनब. क्या सच में आज तक उस्मान ने कभी भी तुम्हारी गांड नहीं मरी. क्या सच में तुम गांड के तरफ से कुंवारी हो. क्या तुम मुझे अपनी गांड मार कर अपनी गांड की सील तोड़ने का मौका दोगी.? कया मैं तुम्हारी गांड का उद्धघाटन...
ज़ैनब और अब्बास दोनों रात के भयंकर चुदाई के कारण बहुत थक गए थे तो दोनों घोड़े बेच कर सोते रहे.सुबह पहले ज़ैनब के आँख खुली, उसकी चूत में रात के चुदाई के कारन अभी भी दर्द हो रहा था. पर उसे पेशाब लगी थी. तो वो उठकर बाथरूम में पेशाब करने चली गयी.पेशाब करते हुए उसे रात के चुदाई और इसी बाथरूम में...
थोड़ी देर में अब्बास बेड से उठा। उसका लण्ड इतनी पुरजोर चुदाई के बाद ढीला था। लेकिन उसकी जांघों के बीच ऐसे लटक रहा था जैसे कोई काला नाग झल रहा हो। उस झूलते लण्ड को देखकर ज़ैनब की चूत में फिर से आग भर गई। अब्बास ने प्यार से लेटी हुई ज़ैनब को देखा। ज़ैनब शर्मा गईं।ज़ैनब अब्बास से पूछना चाहती थी-...
अब्बास लण्ड के लिए रास्ता बनाता हुआ चूत सहला रहा था और ज़ैनब अपनी कमर उठाकर लण्ड अंदर ले लेना चाहती थी। अब्बास लण्ड को चूत से सटाकर ज़ैनब के ऊपर लेट गया और उसके होठों को चूमने लगा और चचियों मसलने लगा।ज़ैनब अब बर्दाश्त नहीं कर पाई, कहा- "डालिए ना अब्बू अंदर, क्या कर रहे हैं आप?"अब्बास ज़ैनब के...
अब्बास में हाथ को सामने किया और नीचे से ब्रा के अंदर हाथ डालता हुआ चूचियों को मसलने लगा। वो जोर जोर से चचियों और निपलों का मसलने लगा। अब्बास ने ब्रा को हाथ से निकाल दिया। अब ज़ैनब ऊपर से टापलेश थी। अब अब्बास ने ज़ैनब को फिर से सीधा लिटा दिया और चूचियों को चूस रहा था। अब्बास एक निपल को मुँह में...
अब्बास ने पाकेट में हाथ डाला और अब उसके हाथ में सोने का कंगन था। उसने दोनों कलाइयों में कंगन पहना दिया। अब ज़ैनब बहुत खुश थी। उसे भी इसकी उम्मीद नहीं थी। एक औरत को जेवर से बहुत प्यार होता है। एक बार वो सोची की मना कर दें, लेकिन फिर सोची की क्यों मना करे? अब्बू उसके पति हैं और उनका पूरा हक है और...
ज़ैनब कि दूसरी सुहागरात अब्बास के साथ.ज़ैनब अपनी चुदाई के लिए पूरी तैयार थी। पूरा मेकप और पूरी ज्वेल्लरी में वो बहुत ही हसीन लग रही थी। उसकी धड़कन तेज हो गई थी। वो किचन में जाकर जूस पी ली थी। अब उसे ठीक लग रहा था। ज़ैनब 8:00 बजने का इंतजार कर रही थी।ठीक 8:00 बजे अब्बास खान ने दरवाजा नाक किया।...
वो चुपचाप उठी और बैडरूम में जा कर नयी नवेली दुल्हन की तरह बेड़ पर जा कर बैठ गयी और अपने सईआं (आज उसे अपना बाप , अपना सईयां ही लग रहा था ) के इंतजार में बैठ गयी.फिर उसके दिमाग में एक बात आयी कि उसके बाप अब्बास ने उसे दो घंटे में आने को क्यों बोलै है, सोच सोच कर उसके दिमाग में आया कि अब्बास असल...
उस्मान बोला"अब्बूजान मेरे ख्याल में इस से बढ़िया कुछ हो नई नहीं सकता. आप एक बार है बोल दें. किसी को कानो कान खबर भी न होगी. और मजहबी काम भी पूरा हो जायेगा. "अब्बास जिस के मन मैं तो खुशियों के लड्डू फुट रहे थे, पर प्रगट में वो उदास सा मुँह बना कर बोला"उस्मान देख लो अगर और कोई चारा नहीं है तो...