Ajju Landwalia
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थोड़ी देर में अब्बास बेड से उठा। उसका लण्ड इतनी पुरजोर चुदाई के बाद ढीला था। लेकिन उसकी जांघों के बीच ऐसे लटक रहा था जैसे कोई काला नाग झल रहा हो। उस झूलते लण्ड को देखकर अब्बास की चूत में फिर से आग भर गई। अब्बास ने प्यार से लेटी हुई अब्बास को देखा। अब्बास शर्मा गईं।
अब्बास अब्बास से पूछना चाहती थी- "कैसा लगा मुझे चोदकर? अब तो आप खुश हैं ना? अब तो आप संतुष्ट हैं ना? अब तो आप रिलैक्स रहेंगे ना?" लेकिन उसकी हिम्मत नहीं हई। वो अभी भी एक संस्कारी औरत थी जो सेक्स के बारे में ज्यादा बात नहीं कर सकती थी।
अब्बास भी बेड से उठ गई। उसका पूरा मेकप बिगड़ा हुआ था। आँखों का काजल और लिपस्टिक फैल गया था और बाल बिखरे हुए थे। वो बहुत ही संडक्टिव लग रही थी। अब्बास पूरी तरह झड़ने के बाद अपनी बेटी के ऊपर ही निढाल होकर ढेर हो गया और उसका लंड सिकुड़कर अब्बास की चूत से निकल गया | अब्बास की चूत से उसके अब्बा का लंड निकलते ही उसकी चूत से वीरज निकलकर बेड पर गिरने लगा |
“ओह्ह्ह्ह आई लव यू अब्बा“, अब्बास ने अपने अब्बा को जोर से अपनी बाहों में भर लिया और उसके होंठों को चूमने लगी |
“ओह्ह्ह्ह बेटी आज मुझे जो मज़ा तुमने दिया है , उसका एहसान मैं कभी नहीं भुला सकता” , अब्बास ने अपनी बेटी के होंठों को चूमने के बाद उसकी साइड में लेटते हुए कहा और अपनी बेटी की गोरी चुचियों से खेलने लगा |
“आआहाह अब्बा इसमें एहसान की क्या बात है , मैं आपकी ही बेटी हूँ और मैं आपकी मेहनत से ही पैदा हुई हूँ , इसलिए मुझपर सबसे ज्यादा हक आपका ही है”, अब्बास ने अपने अब्बा के बालों में हाथ डालकर उसके मुंह को अपनी चुचियों पर दबाते हुए कहा |
अब्बास के ऐसा करने से अब्बास का मुंह उसकी बेटी की दोनों चुचियों के बीच आ गया | अब्बास भी अपनी बेटी की दोनों चुचियों को अपने दोनों हाथों में थामकर जोर से दबाते हुए उन्हें चूमने और चाटने लगा | दोनों बाप बेटी कुछ देर तक ऐसे ही मस्ती करते रहे और कुछ देर बाद अब्बास अपने अब्बा से अलग होते हुए बाथरूम जाने लगी |
अब्बास बिलकुल नंगी ही वहां से उठकर बाथरूम जा रही थी | अब्बास के बाथरूम जाते हुए अब्बास की नज़रें अपनी बेटी के नंगे जिस्म को घुर रही थी |
अब्बास के बाथरूम घुसने के बाद अब्बास भी बेड से उठते हुए अपनी बेटी के पास बाथरूम जाने लगा | अंदर से नल खोलने की आवाज आई। अब्बास उसके पीछे-पीछे गया तो पाया कि अब्बास यूं ही बैठ कर सुसु कर रही थी। अब्बास को यूं देख कर अब्बास शर्मा गई। अब्बास यह नहीं चाहती थी कि अब्बास उसे सुसु करते हुए देखे ।
अब्बास बाथरूम में निचे बैठकर पेशाब कर रही थी |
“अब्बा आप यहाँ? कुछ तो शर्म कीजिये” , अब्बास ने अचानक अपने अब्बा को नंगा ही बाथरूम में दाखिल होता देखकर झूठमूठ के गुस्से से कहा |
अब्बास ने मुंह बनाया तो अब्बास ने कहा कि, “मुझे भी पेशाब करना है”। अब्बास चुप हो गयी. उसे लगा के जैसे इतनी दमदार चुदाई के बाद उसे पेशाब लगी है तो उसी तरह उसके अब्बा को भी तो पेशाब लगी होगी. इसलिए वो चुप रही और शर्म के मरे मुँह नीचे को करके पेशाब करने लगी। अब्बास उसके पीछे गया और वो भी नीचे बैठ गया और अपना हाथ पीछे से अब्बास के नितंबों के नीचे से से होते हुए उसकी योनि पर रख दिया। अब्बास इस अचानक हमले से चमक गई। उसकी पेशाब की धार अब्बास के हाथों से होते हुए जमीन पर जा रही थी। उसका गरम-गरम पेशाब और उसकी कोमल चूत गजब का एहसास दे रहे थी। अब्बास ने उसकी चूत को अपने हाथों से मलना शुरू किया, और एक ऊंगली उसकी चूत में डाल दी। वह पेशाब करती रही और अब्बास मलता रहा।
फिर वह खड़ी हुई और अपने बाप को प्यार से एक चपत लगाते हुए अब्बास के हाथों को पकड़ कर एक मग पानी उसके हाथों में डाला। फिर अपनी चूत पर डाला और कहा, “यह क्या था?”
अब्बास ने कहा, “अब्बास अब जो कुछ तुम्हारा है, वह मेरा है”। फिर अब्बास ने उसे अपनी ओर खींचा और गले लगा लिया।अब्बास का खड़ा लिंग अब्बास की नाभि पर चिपक गया था।अब्बास ने उसके कमर को जोर से सटा लिया, और उसके एक पैर को उठा कर अपनी कमर पर बांध दिया। वह समझ नहीं पाई तब तक उसके अब्बा ने उसे गोद में उठा लिया।
अब उसने खुद ही दूसरा पैर अब्बास के कमर पर बांध दिया।अब्बास ने अब्बास के नितंबों को उठा कर लिंग को उसकी योनि पर एडजस्ट किया। उसे लगा कि अब्बास उसे दोबारा चोदने वाला था। पर अब्बास ने अपने पेशाब की धार उसकी योनि पर छोड़ दी। अब्बास मुझसे लिपट गई और उसके शोहर रुपी अब्बा की गर्म पेशाब की धार उसकी चूत से होते हुए उसकी जांघों से बहने लगी। अब्बास ने जितना हो सके तेज पेशाब करना शुरू किया, और शावर को चला दिया। दोनों भीगने लगे।
पानी की एक-एक बूंद का एहसास और अपनी अब्बास के जिस्म की गर्माहट साथ ही पेशाब की धार कमाल कर गई। पेशाब रुकने के बाद अब्बास ने अपनी आँखें खोली और अपने अब्बा से बोली
"अब्बा आप तो नौजवान लड़कों से भी ज्यादा जवान और शरारती हैं, बस अब मुझे उतारिये मुझे कमरे में जाना है. "
पर अब्बास ने अपनी नंगी बेटी को गोद में से उतारा और उसका हाथ पकड़ कर उसे बाहर जाने से रोकते हुए बोले
“अरे बेटी अब तुमसे क्या शर्म? मैं तो बस अपनी बेटी के साथ नहाना चाहता हूँ” , अब्बास ने बाथरूम में अन्दर शावर को ओन करते हुए कहा |
"अब्बा मुझे शर्म आ रही है , मैं आपके साथ नहीं नहा पाऊँगी , मैं जा रही हूँ”, अब्बास ने अपने अब्बा से कहा और उठकर वहां से जाने लगी |
बेटी क्यों इतना शर्मा रही हो , बस कुछ ही देर की तो बात है”? अब्बास ने अपनी बेटी को कलाई से पकड़कर अपने साथ शावर के निचे खड़ा करते हुए कहा |
“अब्बास ने भी अब कोई विरोध नहीं किया और शावर के पानी से अपने पिता के साथ नहाने लगी | अब्बास ने नहाते हुए साबुन उठा लिया और अपनी बेटी की पीठ पर मलने लगा | अब्बास साबुन को अब्बास की चिकनी पीठ पर मलते हुए निचे होते हुए उसके दोनों चूतडों तक आ गया और अपनी बेटी के दोनों नर्म चूतडों पर साबुन को मलते हुए उन्हें अपने दुसरे हाथ से दबाने लगा |
“अआहाहह्ह्ह अब्बा क्या कर रहे हो, बस साबुन लगा लिया ना” , अब्बास ने सिसकते हुए कहा |
“बेटी थोडा झुक जाओ , तुम्हारा हाथ इधर नहीं पहुच पाता, इस लिए यहाँ पर थोड़ी गंदगी है , मैं इसे साफ कर देता हूँ” , अब्बास ने अपनी ऊँगली को अब्बास के चूतडों के बीच फेरते हुए कहा |
“ओह्ह्हह्ह्ह्ह अब्बा” अब्बास ने थोडा झुकते हुए सिसककर कहा | अब्बास अब साबुन को अपनी बेटी की गांड के छेद से निचे लेजाकर उसकी चूत तक मलने लगा | अब्बास के ऐसा करने से अब्बास के मुंह से जोर की सिसकियाँ निकल रही थी | अब्बास थोड़ी देर तक अपनी बेटी के चूतडों को सही तरीके से साफ करने के बाद उठकर खड़ा हो गया |
अब्बास अब साबुन को अपनी बेटी की दोनों बड़ी बड़ी गोरी चुचियों पर मलने लगा | अब्बास साबुन को अपनी बेटी की चुचियों पर मलते हुए उन्हें अपने हाथ से भी दबा रहा था |
“आह्ह्ह्हह्ह अब्बा क्या कर रहें हैं आप ?” अब्बास का ऐसा करने से अब्बास के मुंह से बहुत जोर की सिसकियाँ निकल रही थी | अब्बास अब साबुन को अब्बास के चिकने गोरे पेट पर मलते हुए निचे ले जाने लगा |अब्बास का हाथ अब उसकी बेटी की चूत की हलकी झांटों तक आ गया था | अब्बास ने मज़े के मारे अपनी आँखें बंद कर ली थी | वो अपने पिता की हरकतों से बहुत ज्यादा गर्म हो चुकी थी | अब्बास अब साबुन को अपनी बेटी की चूत पे मल रहा था और अब्बास मज़े से सिसक रही थी |
अब्बास ने कुछ देर तक अपनी बेटी की चूत को साबुन से साफ़ करने के बाद साबुन को निचे रख दिया और अब्बास की चूत को गोर से देखते हुए अपने होंठों को उसकी चूत पर रख दिया |
“ओह्ह्हह्ह्ह्ह अब्बा क्या कर दिया आपने” , अपने अब्बा के होंठों को अचानक अपनी चूत पर महसूस करते ही अब्बास ने जोर से सिसकते हुए कहा |
अब्बास अपनी बेटी को कोई जवाब दिए बगैर उसकी चूत को चूमते और चाटते हुए उसकी चूत पर गिरता हुआ पानी भी चाटने लगा | अब्बास की हालत बहुत खराब हो चुकी थी | उसका पूरा बदन तप कर आग बन चूका था | अब्बास ने अचानक अपनी एक ऊँगली को अपनी बेटी की चूत के छेद में डालते हुए उसकी चूत के दाने को अपने मुंह में ले लिया और उसे बहुत जोर से चूसने लगा |
अब्बास अपने पिता की यह हरकत बर्दाश्त न कर सकी और उसका पूरा जिस्म कांपने लगा |
“आहाह्ह्ह्हह इश..... अब्बा ओह्ह्ह्ह” , अब्बास ने जोर से सिसकते हुए अपने अब्बा को बालों से पकड़कर अपनी चूत पर दबा दिया और उसकी चूत झटके खाते हुए पानी छोड़ने लगी | अब्बास अपनी बेटी की चूत का रस शावर के गिरते हुए पानी के साथ चाटने लगा |
अब्बास कुछ देर तक यूँ ही अपनी आँखें बंद करके झड़ने लगी |
“बेटी क्या हुआ, मज़ा आया?” कुछ देर बाद जब अब्बास ने अपनी आखें खोली तो अब्बास ने उठकर उसके सामने खड़ा होते हुए पूछा |
"अब्बा ...." अब्बास ने अपने अब्बा को अपनी बाँहों में भर लिया और दोनों बाप बेटी एक दुसरे के होंठों को चूमने लगे | कुछ देर तक ऐसे ही एक दुसरे के होंठों से खेलने के बाद अब्बास ने अब्बास को गोद से उतारा और उसके चूचों को चूसने लगा। मेरा एक हाथ उसके नितम्ब के छेद को रगड़ रहा था, और दूसरा हाथ उसकी पीठ को सहला रहा था। अब्बास ने अब्बास को चूमते हुए उसे नहलाना शुरू किया। उसने बड़े प्यार से अपने बाप के पूरे शरीर को साफ किया और उसे गले लगा लिया।
दोनो ने तौलिया से एक-दूसरे को पोंछा। इस बार अब्बास ने शरारती अंदाज में अब्बास के लंड को पकड़ कर उसे बाहर की ओर चलने का इशारा किया। बस उसके पीछे-पीछे अब्बास बाहर आ गया और पलंग पर गया और लेट गया। अब्बास भी उसके बगल में लेट गई, और अब्बास के लिंग को सहलाते हुए उसकी छाती पर अपना सर रख कर अब्बास से बातें करने लगी।
थोड़ी देर बातें करते रहने के बाद अब्बास ने अब्बास से कहा कि, “अपने छुटकु को प्यार नहीं करोगी”? अब्बास अपने इतने बड़े लण्ड को प्यार से छुटकु कह रहा था । अब्बास ने शर्म के मरे कोई जवाब नहीं दिया पर उसकी आँखों के प्यार से अब्बस समझ गया और उसका सिर अपने लंड की ओर किया। उसने बड़े प्यार से अपने अब्बा के लंड का अग्र भाग मुंह में लिया, और चूसते हुए आंख मारी। अब्बास ने फिर उसे कहा, “पूरा लेलो मेरी जान”। तो अब्बास ने अपने अब्बा के लंड को अपने मुंह में भर कर धीरे-धीरे अपनी गर्म सांसे उस पर छोड़ते हुए चूसने लगी।
थोड़ी देर बाद अब्बास ने कहा
"अब्बा बहुत रात हो चुकी है लगभघ रात के २ बजने वाले है. हलाला का काम तो बहुत हो चूका है, चलो थोड़ी देर सो जाते हैं. "
दोनों कुछ देर ऐसे ही पड़े रहे। फिर वह अब्बास से अलग हुई और उसके लिंग को सिकुड़ा हुआ देख कर हंसने लगी, और उसे चूम लिया। फिर दोनों एक-दूसरे की आगोश में गहरी नींद में सो गए।
Bahut hi badhiya update he Ting ting Bhai,
Lekin aapne zainab ki jagah abbas likh idya he...................please correct it
Agli update ki pratiksha rahegi Bhai