अध्याय 17उधर ट्रैन में,अब शाम होने को आई थी, ट्रैन रात को 2 बजे गंतव्य पर पहुंचेगी,सोती हुई राजश्री का बदन कुछ ऐसा लगा रहा था उस समय, कि वो एकदम छमिया सी लगती थी, ट्रैन में रमेश ने समय व्यतीत करने हेतु एक पुस्तक खरीद ली,वो पुस्तक एक वयस्क कहानियों वाली थी, जिसमे बहुत नंगी फोटो थी. उसका...