Wonderful update.गतांक से आगे
रात भर की लन्ड और चूत की चटाई के कारण हम दोनों मां बेटे बहुत लेट सोए थे जिससे सुबह को हमारी आंख भी देर से खुली ,पर मुझसे पहले मम्मी की आंख खुल गई थी चूंकि हम दोनों रात में नंगे ही सोए थे और सुबह को ठंड के कारण ,हम दोनों के शरीर एक दूसरे से चिपके हुए थे, और हमारी टांगें एक दूसरे की जांघों में घुसी हुई थी और नंगे लेटे होने के कारण मेरा लन्ड मम्मी की बुर के दरवाजे पर था और मम्मी के दोनों मोटे मोटे दूध मेरे सीने में घुसे हुए थे ।
तभी कुछ देर बाद मुझे अपने लन्ड पर मम्मी का हाथ महसूस हुआ मैने महसूस किया को मम्मी मेरे लन्ड को अपने हाथ में लेकर उसके टोपे को मसल रही हैं जो कि पहले से ही खड़ा होने के कारण फूला हुआ है, ।
मैने सोचा कही मम्मी इसे पकड़कर अपनी बुर में न डाल लें, अगर ऐसा किया तो तो मेरे सब किए कराए पर पानी फिर जायेगा , खैर ऐसा नहीं हुआ और वो मेरे लन्ड के टोपे को पकड़कर उसे अपनी बुर पर मसल रही थी , जिससे उनकी बुर एक बार फिर से पनिया गई थी और उनकी बुर का रस मेरे लन्ड पर साफ महसूस हो रहा था मुझे ।
तभी मैने भी धीरे धीरे अपनी जीभ हल्के से निकलयकर उनकी गर्दन पर फिराना स्टार्ट कर दी, जिससे उन्होंने महसूस किया और कसकर मेरा लन्ड पकड़ लिया , फिर मेरे जो दोनों हाथ उनकी पीठ पर रखे थे मैने आगे लाकर उनके दोनों दूधों पर रख दिए और हल्के हल्के उन्हें दबाने लगा ,और साथ में उनके गर्दन पर किस भी करता जा रहा था ।
करीब 15 मिनट तक लन्ड के टोपे को अपनी बुर पर घिसने के बाद मम्मी ने अपने चूतड़ मेरी तरफ कर दिए और अब मै भी समझ गया था कि मम्मी जैसा मै चाहता हूं वैसा ही करने को तैयार हैं उन्हें शायद चुदने की जल्दी नहीं थी बस उनकी बुर की गर्मी निकलती रहे , और अब मैने अपना खड़ा लैंड मम्मी की गांड़ पर एडजस्ट किया और पीछे से मम्मी को अपनी बाहों में भर लिया और उनको दोनों दूधों को पीछे से पकड़ लिया, पर मेरा लन्ड अभी भी मम्मी के चूतड़ों के पास था उनकी गांड़ पर नहीं था क्योंकि मम्मी ने अपने दोनों पैरों को बिल्कुल चिपका लिया था , मैने एक दो बार और कोशिश को लेकिन उन्होंने अपने पैर नहीं खोले, मैने सोचा शायद बुर में लन्ड लेना चाहती हो इसलिए पैर नहीं खोल रही हैं , खैर जब मैने देखा मम्मी ने कोई एक्शन नहीं लिया फिर मैने भी जबरदस्ती नहीं की और उन्हें पकड़कर लेटा रहा , फिर करीब दो मिनट के बाद मम्मी ने फिर से अपनी गांड़ को मेरे लन्ड पर रगड़ना शुरू कर दिया , मैं समझ गया मम्मी गांड़ में लन्ड नहीं लेना चाह रही है बल्कि अपनी गांड़ को मुझसे चटवाना चाह रही हैं , फिर मैने अपने दोनों हाथों से मम्मी के चूतड़ों को सहलाना शुरू किया , धीरे धीरे अपनी एक उंगली को उनके गांड़ के छेद में डालने लगा , जिससे गांड़ खुल जाए और मेरी जीभ उनकी गांड़ के छेद में अंदर जा सके ।
फिर करीब 5 मिनट तक गांड़ में मम्मी की उंगली करने के बाद मै थोड़ा नीचे खिसका और अपने मुंह को मम्मी की गांड़ के छेद के पास ले गया और अपनी जीभ से उनकी गांड़ को चाटने लगा , इस बार मम्मी ने अपने हाथ से अपने चूतड़ पकड़े और अपनी गांड़ को फैला दिया जिससे मेरी जीभ उनकी गांड़ के छेद में घुस सके ।
और मै उनकी गांड़ को चाटता रहा करीब 15 मिनट को घमासान गांड़ चटाई के बाद मम्मी की बुर से रस बहकर उनकी गांड़ के छेद तक आने लगा ।।
फिर कुछ देर बाद मम्मी ने अपनी कमर को जोर से पीछे कर के मेरे मुंह पर अपनी गांड़ को रगड़ने लगी , और करीब 5 मिनट तक मेरे मुंह पर गांड़ को रगड़ने के बाद उनकी बुर से रस की धार बहने लगी फिर मम्मी ने मेरा मुंह पकड़कर थोड़ा अंदर कर दिया जिससे मै उनकी बुर का रस पी सकू, और मैने भी अपनी जीभ निकाल के उनकी बुर का सारा रस पीने लगा ।
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फिर मम्मी शांत होकर लेट गई और करीब 10 मिनट के बाद बिस्तर से उठी और अपने कपड़े पहनने लगी , मैं उन्हें कपड़े बदलते हुए देख रहा था , आज उनके चेहरे पर एक बहुत ही प्यारी झलक नजर आ रही थी ,जैसे बुर का रस निकल जाने के बाद आती है और कपड़े बदलते हुए उन्होंने मुझे आवा दी_बेटा उठोगे नहीं , देखो कितना टाइम जो गया है आज , पता ही नहीं चला, 9 बजने को आए हैं।
मै_ जम्हाई लेते हुए, हां मम्मी, उठ रहा हूं।
मम्मी _ बहुत टाइम हो गया , ये ठंड में यही दिक्कत होती है टाइम का पता ही नहीं चलता एक तो रात इतनी लंबी होती है।
मै_ उठकर बिस्तर पर बैठते हुए , हां मम्मी टाइम तो बहुत जो गया , आप भी न , उठाती नहीं हो सुबह ,मुझे।
मम्मी _ अरे मैं कहां से उठा देती मै खुद अभी 15 मिनट पहले उठी हूँ। चलो जब तक तुम नहीं धोकर फ्रेश हो जाओ मै साफ सफाई करती हूं ,फिर मम्मी ने झाड़ू उठाई और कमरे में झाड़ू लगाने लगी, और इस वक्त मम्मी ने पेटीकोट और ब्लाउज पहन रखा था , झाड़ू लगाते वक्त उनके दूधिया दूध साफ नजर आ रहे थे और जब वो झुक कर सीधी होती तो पेटीकोट उनकी गांड़ में गैस जाता, और जब चलती तो दोनों चूतड ऊपर नीचे होते , मस्त नजारा था यार ।
फिर मै उठकर फ्रेश होने चला गया ।
और मम्मी साफ सफाई करने के बाद फ्रेश होकर रसोई में चली गई और खाने नाश्ते का इंतजाम करने लगी।
फिर मम्मी ने खाना और नाश्ता बनाया, और मैं खाकर अपने काम पर डेयरी पर चला गया।
डेयरी पर जाने के बाद मैने वहां का लेखा जोखा किया और जिनको जो रूपये पैसे देने थे वो दिए , तभी वहां पर काम कर रहे एक वर्कर रंजीत ने बताया कि भैया एक आदमी है जिसे काम को बहुत जरूरत है ,उसे अपने यहां काम पर रख लें अगर आप कहें तो ?
मैने उससे कहा ,कहां है वो , और कहां का है ,तुम जानते तो उसे ?
रंजीत_ जी भैया , है तो अपने ही पड़ोस के गांव का , पर पड़ा लिखा नहीं है । और गांव के पड़ोस वाले गांव में रहता है, घर का भी कोई ठिकाना नहीं है, कह रहा था को आपसे बात करके यही डेयरी पर सोने के लिए थोड़ी सी जगह मिला जाए तो यही काम करना शुरु कर देगा।
मैने कहा_ आज शाम को बुला लेना बात करके देखते है, अगर काम का हुआ तो ठीक नहीं तो ,तुम सब लोग हो तो ,अगर तुम्हे लगता है कि यहां काम ज्यादा है और पैसे कम हैं तो मुझे बताओ ?
रंजीत_ नहीं भईया,ऐसे बात नहीं है ,उसे काम की जरूरत है ,इसलिए आपसे कहा, और रही बात काम की तो न तो यहां पैसे को कोई दिक्कत है न ही काम की , वो तो आप भी जानते हैं, हम इतने दिनों से यहां कम कर रहे हैं।
मै_ ठीक है फिर शाम को बुलाना , बात करते हैं।
फिर मै अपने इधर उधर के काम निपटा कर डेयरी पर बने रूम में आराम करने चला गया ।और अपना मोबाइल निकाल कर पोर्न वीडियो देखने लगा मां बेटे की चूदाई की और देखकर अपना लन्ड मम्मी को बुर को याद करके सहलाने लगा।
फिर शाम को करीब 4 बजे के आस पास रंजीत उस आदमी को लेकर आया जिसे काम चाहिए था ।
देखने में तो ठीक ठाक लगा , बात करने के बाद बोला ₹ भैया मैं यही डेयरी पर सो जाया करूंगा रात को ।
मैं_ हां ठीक है, फिर कल से काम पर आ जाना ।
उसने हामी भरी और चला गया।
शाम को काम निपटाने के बाद मै डेयरी से निकल ही रहा था , तभी देखा रोड पर मेरी पड़ोस वाली बहन खड़ी है ,मैने इशारा किया यहां कैसे ?
तो उसने कहा इशारे से ऐसे ही, घूमने आई है।
फिर मै मुस्कुरा के घर की तरफ जाने लगा , मैने गाड़ी के शीशे से देखा वो अभी भी मुझे देख रही थी और मुस्कुरा रही थी।
मेरे मन में ख्याल आया कि ये इतने टाइम यहां रोड पर क्या कर रही है, मैने सोचा कोई गड़बड़ तो नहीं है ,जानने के लिए मैने उसे फोन किया _हेलो, जिज्जी, वहां कैसे खड़ी थी।
बहन_ तेरे इंतजार में ही खड़े थे ,तूने तो बात तक नहीं की।
मै_ अरे तो बता तो देती फोन करके, कम से कम मुझे।
बहन_ क्या बताती, वैसे क्या घर पहुंच गया ?
मै_ नहीं, अभी नहीं, बस जाने ही वाला था सोचा तुम्हे फोन कर लूं कही कोई काम तो नहीं है।
बहन_ थोड़ा सा काम है, चलो कोई बात नहीं कल कर लूंगी।
मै_ अरे बता दे , मै आ जा रहा हूं।
बहन_ अरे इतना जरूरी नहीं है, कल देख लेंगे।
मै_ अरे कल देख लेना ,लेकिन ये तो बता दे कि काम क्या है, वरना मुझे रात भर नींद नहीं आएगी।
बहन_ तो रात में ही पूछ लेना ,फोन करके , बात दूंगी, और कहकर फोन पर हंसने लगी।
मै_ चल ठीक है, रात में बता देना।
उसके बाद मैने फोन काट दिया ,तभी अचानक मुझे एक फोन आ गया और मैं काम से पड़ोस वाले गाँव में चला गया ,और करीब 7 बजे के आस पास घर वापस लौट कर आ गया।
Aah mat bur ha Yar aisi bur mile to din raat chusta rahu maiगतांक से आगे
मै तो रात भर ठीक से सो भी नहीं पाया , सुबह जब अंक खुली तो कमरे में कुछ आवाज सी आ रही थी ,सही से देखा तो मम्मी कमरे की साफ सफाई में लगी हुई थी , और झाड़ू लगा रही थी ।
उस समय मम्मी जब झुककर झाड़ू लगा रही थी तो उसके दोनों दूध बाहर आने के लिए फड़फड़ा रहे थे ऐसा लग रहा था कि दोनों के कई सालों से दूध भरा है और कई साल से इनको किसी ने छुआ तक नहीं है , टाईट होने को वजह से ज्यादा लटक भी नहीं रहे थे ,और गांड़ के कपड़ा ऐसे फंसा था जैसे अभी लन्ड लेने के लिए तैयार हो , बस मम्मी की इन्हीं सब चीजों को देखकर मै लेटे हुए अपने लन्ड को सहला रहा था बिस्तर के अंदर चादर में ।
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फिर सब साफ सफाई करने के बाद मम्मी ने मुझे आवाज दी फिर मै उठकर फ्रेश होने चला गया ।
फ्रेश होकर जब वापस आया तो देखा मम्मी रसोई में नाश्ता बना रहे थी ,मैने मम्मी के पास जाकर पीछे से टच होते हुए कहा मम्मी आज भूख बहुत तेज लग रही है तो मम्मी ने कहा अभी तेरे पसंद का नाश्ता बना रही हूँ खा लेना ।
फिर मम्मी नाश्ता बनाकर लाई और मैने नाश्ता किया मम्मी ने भी मेरे साथ नाश्ता किया । मम्मी ने पूछा रात को ठीक से नींद आई की नहीं , मैने कहा कहां नींद आई (मैने मजाकिया अंदाज में कहा ) आपके साथ पहली बार सोया था इसलिए नींद नहीं आई ।
फिर मम्मी ने कहा _ कोई बात नहीं आज पहली रात थी दो चार बार और सोओगे तो आदत पड़ जाएगी,अभी दिल्ली की आदत छूटने में टाइम लगेगा।इतना कहकर मम्मी मुस्कुरा दी ।
फिर बोली क्या सोचा है दिल्ली वापस जाओगे या यही कोई काम करोगे ,
मैने कहा मम्मी यहां गांव में काम क्या स्टार्ट करु ,गाय भैंसों के अलावा कोई काम है यहां
मम्मी _ गाय भैंसों का ही काम कर लो , अच्छी कमाई है इसमें भी , रोजाना दूध बेचो, तुम्हे भी पीने को मिलेगा , वहां दिल्ली में प्योर दूध कहां मिलता होगा , कम से कम यहां अपने घर का दूध तो पीने को मिलेगा तुम्हे ।
मै_ हां ये बात तो ठीक है , (फिर मजाकिया अंदाज में) कम से कम मेरी मम्मी तो दूध पिला दिया करेगी ।
मम्मी _ बिल्कुल पिलाऊंगी दूध , ये बताओ ये काम स्टार्ट करने के लिए रुपए हैं तुम्हारे पास ।
मै _ हां मम्मी लगभग सात आठ लाख रुपयों की बचत की है मैने वही मेरे अकाउंट में पड़े हैं ।
मम्मी _ हमारा रोड किनारे वाला जो चार बीघा खेत पड़ा है उसमें इसका काम कर लो
मै_ ठीक है मम्मी, किसी से बात करता हूं क्योंकि , मैने तो काम आज तक किया नहीं है किसी से राय लेकर देखता हूं ,और दो चार लोग भी चाहिए इस काम में उनकी व्यवस्था भी करनी पड़ेगी।
मम्मी _जब तक तुम जाकर बाते करो मै खाना बनकर तैयार करती हूं और तुम्हारे कपड़े हो धोने के लिए तो बता दो वो भी धुल दूं
मैने कहा मम्मी हां थोड़े से हैं वो मेरे नीले वाले बैग में है आप निकाल लेना।
फिर मै गांव की तरफ निकल पड़ा तो रस्ते में एक जगह चाचा और ताऊ दोनों बैठकर बाते कर रहे थे , मैने जाकर दोनों को नमस्ते किया और पैर छूए, मेरा हालचाल पूछने के बाद मैने उन्हें डेयरी खोलने के बारे में बताया तो उन्होंने कहा कि सोच तो सही रहे हो पर दूध बेचने के लिए शहर जाना पड़ेगा , वैसे भी अपने गांव में कोई डेयरी भी नहीं है ,काम तो यह ठीक रहेगा ।
मैने दो चार आदमियों के लिए भी उनसे बात की जो काम में मेरी मदद कर सके , तो उन्होंने मुझे कुछ नाम बताए ,बोलें ये लोग कम पैसे के भी काम कर लेंगे एक बार इनसे बात कर लेना जरूरत पड़े तो मुझे ले चलना , मैने कहा चाचा आप ही चलकर बात करवा देना, फिर मै उनके साथ लोगो से मिलने चला गया ।
फिर मम्मी का फोन आया कि दोपहर हो गई है कहां हो ,खाना बन गया है ,जल्दी आओ।
मै घर आया तो मम्मी बोली कहां घूमते रहे खाना तक ठंडा हो गया है ,तुम्हारे इंतजार में मैने तक नहीं खाया ,
मै_ अरे मम्मी तुम तो खा लेती मै तो आकर खा लेता, फिर मैने सब बाते मम्मी को बताई
मम्मी बोली कि कल से ही खेत में काम शुरू करवा दो
मम्मी _ ये लो तुम्हारे पसंद की सब्जी ,भरा हुआ करेला और सोयाबीन की सब्जी।
मै_ मम्मी ये तो सूखी सब्जी है ,
मम्मी _ तो क्या हुआ तुम्हे तो पसंद है
मै_ मम्मी पहले बहुत पसंद थी (मन में मम्मी की बुर को सोचकर) अब तो जब तक सब्जी में रस न हो अच्छी नहीं लगती ।
मम्मी _लेकिन भरी हुई तो है ,अंदर से ।
मै_ मम्मी अंदर से भरी होने से क्या फायदा , ऊपर से भी रासा दिखाई दे , तभी तो खाने का मजा है ।
मम्मी _ कोई बात नहीं अभी ये खा लो फिर शाम को रसीली ही सब्जी बनाऊंगी।
मै खाना खाते समय मम्मी की रसीली बुर के बारे में सोचता रहा ।
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Ufff jbrdast chuchi hai aur ye bur ummm ise kha hi jau.
Mast update. Yeh naya banda kon hai. Acchi bhali kahani mein twist naa dalna.गतांक से आगे
रात भर की लन्ड और चूत की चटाई के कारण हम दोनों मां बेटे बहुत लेट सोए थे जिससे सुबह को हमारी आंख भी देर से खुली ,पर मुझसे पहले मम्मी की आंख खुल गई थी चूंकि हम दोनों रात में नंगे ही सोए थे और सुबह को ठंड के कारण ,हम दोनों के शरीर एक दूसरे से चिपके हुए थे, और हमारी टांगें एक दूसरे की जांघों में घुसी हुई थी और नंगे लेटे होने के कारण मेरा लन्ड मम्मी की बुर के दरवाजे पर था और मम्मी के दोनों मोटे मोटे दूध मेरे सीने में घुसे हुए थे ।
तभी कुछ देर बाद मुझे अपने लन्ड पर मम्मी का हाथ महसूस हुआ मैने महसूस किया को मम्मी मेरे लन्ड को अपने हाथ में लेकर उसके टोपे को मसल रही हैं जो कि पहले से ही खड़ा होने के कारण फूला हुआ है, ।
मैने सोचा कही मम्मी इसे पकड़कर अपनी बुर में न डाल लें, अगर ऐसा किया तो तो मेरे सब किए कराए पर पानी फिर जायेगा , खैर ऐसा नहीं हुआ और वो मेरे लन्ड के टोपे को पकड़कर उसे अपनी बुर पर मसल रही थी , जिससे उनकी बुर एक बार फिर से पनिया गई थी और उनकी बुर का रस मेरे लन्ड पर साफ महसूस हो रहा था मुझे ।
तभी मैने भी धीरे धीरे अपनी जीभ हल्के से निकलयकर उनकी गर्दन पर फिराना स्टार्ट कर दी, जिससे उन्होंने महसूस किया और कसकर मेरा लन्ड पकड़ लिया , फिर मेरे जो दोनों हाथ उनकी पीठ पर रखे थे मैने आगे लाकर उनके दोनों दूधों पर रख दिए और हल्के हल्के उन्हें दबाने लगा ,और साथ में उनके गर्दन पर किस भी करता जा रहा था ।
करीब 15 मिनट तक लन्ड के टोपे को अपनी बुर पर घिसने के बाद मम्मी ने अपने चूतड़ मेरी तरफ कर दिए और अब मै भी समझ गया था कि मम्मी जैसा मै चाहता हूं वैसा ही करने को तैयार हैं उन्हें शायद चुदने की जल्दी नहीं थी बस उनकी बुर की गर्मी निकलती रहे , और अब मैने अपना खड़ा लैंड मम्मी की गांड़ पर एडजस्ट किया और पीछे से मम्मी को अपनी बाहों में भर लिया और उनको दोनों दूधों को पीछे से पकड़ लिया, पर मेरा लन्ड अभी भी मम्मी के चूतड़ों के पास था उनकी गांड़ पर नहीं था क्योंकि मम्मी ने अपने दोनों पैरों को बिल्कुल चिपका लिया था , मैने एक दो बार और कोशिश को लेकिन उन्होंने अपने पैर नहीं खोले, मैने सोचा शायद बुर में लन्ड लेना चाहती हो इसलिए पैर नहीं खोल रही हैं , खैर जब मैने देखा मम्मी ने कोई एक्शन नहीं लिया फिर मैने भी जबरदस्ती नहीं की और उन्हें पकड़कर लेटा रहा , फिर करीब दो मिनट के बाद मम्मी ने फिर से अपनी गांड़ को मेरे लन्ड पर रगड़ना शुरू कर दिया , मैं समझ गया मम्मी गांड़ में लन्ड नहीं लेना चाह रही है बल्कि अपनी गांड़ को मुझसे चटवाना चाह रही हैं , फिर मैने अपने दोनों हाथों से मम्मी के चूतड़ों को सहलाना शुरू किया , धीरे धीरे अपनी एक उंगली को उनके गांड़ के छेद में डालने लगा , जिससे गांड़ खुल जाए और मेरी जीभ उनकी गांड़ के छेद में अंदर जा सके ।
फिर करीब 5 मिनट तक गांड़ में मम्मी की उंगली करने के बाद मै थोड़ा नीचे खिसका और अपने मुंह को मम्मी की गांड़ के छेद के पास ले गया और अपनी जीभ से उनकी गांड़ को चाटने लगा , इस बार मम्मी ने अपने हाथ से अपने चूतड़ पकड़े और अपनी गांड़ को फैला दिया जिससे मेरी जीभ उनकी गांड़ के छेद में घुस सके ।
और मै उनकी गांड़ को चाटता रहा करीब 15 मिनट को घमासान गांड़ चटाई के बाद मम्मी की बुर से रस बहकर उनकी गांड़ के छेद तक आने लगा ।।
फिर कुछ देर बाद मम्मी ने अपनी कमर को जोर से पीछे कर के मेरे मुंह पर अपनी गांड़ को रगड़ने लगी , और करीब 5 मिनट तक मेरे मुंह पर गांड़ को रगड़ने के बाद उनकी बुर से रस की धार बहने लगी फिर मम्मी ने मेरा मुंह पकड़कर थोड़ा अंदर कर दिया जिससे मै उनकी बुर का रस पी सकू, और मैने भी अपनी जीभ निकाल के उनकी बुर का सारा रस पीने लगा ।
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फिर मम्मी शांत होकर लेट गई और करीब 10 मिनट के बाद बिस्तर से उठी और अपने कपड़े पहनने लगी , मैं उन्हें कपड़े बदलते हुए देख रहा था , आज उनके चेहरे पर एक बहुत ही प्यारी झलक नजर आ रही थी ,जैसे बुर का रस निकल जाने के बाद आती है और कपड़े बदलते हुए उन्होंने मुझे आवा दी_बेटा उठोगे नहीं , देखो कितना टाइम जो गया है आज , पता ही नहीं चला, 9 बजने को आए हैं।
मै_ जम्हाई लेते हुए, हां मम्मी, उठ रहा हूं।
मम्मी _ बहुत टाइम हो गया , ये ठंड में यही दिक्कत होती है टाइम का पता ही नहीं चलता एक तो रात इतनी लंबी होती है।
मै_ उठकर बिस्तर पर बैठते हुए , हां मम्मी टाइम तो बहुत जो गया , आप भी न , उठाती नहीं हो सुबह ,मुझे।
मम्मी _ अरे मैं कहां से उठा देती मै खुद अभी 15 मिनट पहले उठी हूँ। चलो जब तक तुम नहीं धोकर फ्रेश हो जाओ मै साफ सफाई करती हूं ,फिर मम्मी ने झाड़ू उठाई और कमरे में झाड़ू लगाने लगी, और इस वक्त मम्मी ने पेटीकोट और ब्लाउज पहन रखा था , झाड़ू लगाते वक्त उनके दूधिया दूध साफ नजर आ रहे थे और जब वो झुक कर सीधी होती तो पेटीकोट उनकी गांड़ में गैस जाता, और जब चलती तो दोनों चूतड ऊपर नीचे होते , मस्त नजारा था यार ।
फिर मै उठकर फ्रेश होने चला गया ।
और मम्मी साफ सफाई करने के बाद फ्रेश होकर रसोई में चली गई और खाने नाश्ते का इंतजाम करने लगी।
फिर मम्मी ने खाना और नाश्ता बनाया, और मैं खाकर अपने काम पर डेयरी पर चला गया।
डेयरी पर जाने के बाद मैने वहां का लेखा जोखा किया और जिनको जो रूपये पैसे देने थे वो दिए , तभी वहां पर काम कर रहे एक वर्कर रंजीत ने बताया कि भैया एक आदमी है जिसे काम को बहुत जरूरत है ,उसे अपने यहां काम पर रख लें अगर आप कहें तो ?
मैने उससे कहा ,कहां है वो , और कहां का है ,तुम जानते तो उसे ?
रंजीत_ जी भैया , है तो अपने ही पड़ोस के गांव का , पर पड़ा लिखा नहीं है । और गांव के पड़ोस वाले गांव में रहता है, घर का भी कोई ठिकाना नहीं है, कह रहा था को आपसे बात करके यही डेयरी पर सोने के लिए थोड़ी सी जगह मिला जाए तो यही काम करना शुरु कर देगा।
मैने कहा_ आज शाम को बुला लेना बात करके देखते है, अगर काम का हुआ तो ठीक नहीं तो ,तुम सब लोग हो तो ,अगर तुम्हे लगता है कि यहां काम ज्यादा है और पैसे कम हैं तो मुझे बताओ ?
रंजीत_ नहीं भईया,ऐसे बात नहीं है ,उसे काम की जरूरत है ,इसलिए आपसे कहा, और रही बात काम की तो न तो यहां पैसे को कोई दिक्कत है न ही काम की , वो तो आप भी जानते हैं, हम इतने दिनों से यहां कम कर रहे हैं।
मै_ ठीक है फिर शाम को बुलाना , बात करते हैं।
फिर मै अपने इधर उधर के काम निपटा कर डेयरी पर बने रूम में आराम करने चला गया ।और अपना मोबाइल निकाल कर पोर्न वीडियो देखने लगा मां बेटे की चूदाई की और देखकर अपना लन्ड मम्मी को बुर को याद करके सहलाने लगा।
फिर शाम को करीब 4 बजे के आस पास रंजीत उस आदमी को लेकर आया जिसे काम चाहिए था ।
देखने में तो ठीक ठाक लगा , बात करने के बाद बोला ₹ भैया मैं यही डेयरी पर सो जाया करूंगा रात को ।
मैं_ हां ठीक है, फिर कल से काम पर आ जाना ।
उसने हामी भरी और चला गया।
शाम को काम निपटाने के बाद मै डेयरी से निकल ही रहा था , तभी देखा रोड पर मेरी पड़ोस वाली बहन खड़ी है ,मैने इशारा किया यहां कैसे ?
तो उसने कहा इशारे से ऐसे ही, घूमने आई है।
फिर मै मुस्कुरा के घर की तरफ जाने लगा , मैने गाड़ी के शीशे से देखा वो अभी भी मुझे देख रही थी और मुस्कुरा रही थी।
मेरे मन में ख्याल आया कि ये इतने टाइम यहां रोड पर क्या कर रही है, मैने सोचा कोई गड़बड़ तो नहीं है ,जानने के लिए मैने उसे फोन किया _हेलो, जिज्जी, वहां कैसे खड़ी थी।
बहन_ तेरे इंतजार में ही खड़े थे ,तूने तो बात तक नहीं की।
मै_ अरे तो बता तो देती फोन करके, कम से कम मुझे।
बहन_ क्या बताती, वैसे क्या घर पहुंच गया ?
मै_ नहीं, अभी नहीं, बस जाने ही वाला था सोचा तुम्हे फोन कर लूं कही कोई काम तो नहीं है।
बहन_ थोड़ा सा काम है, चलो कोई बात नहीं कल कर लूंगी।
मै_ अरे बता दे , मै आ जा रहा हूं।
बहन_ अरे इतना जरूरी नहीं है, कल देख लेंगे।
मै_ अरे कल देख लेना ,लेकिन ये तो बता दे कि काम क्या है, वरना मुझे रात भर नींद नहीं आएगी।
बहन_ तो रात में ही पूछ लेना ,फोन करके , बात दूंगी, और कहकर फोन पर हंसने लगी।
मै_ चल ठीक है, रात में बता देना।
उसके बाद मैने फोन काट दिया ,तभी अचानक मुझे एक फोन आ गया और मैं काम से पड़ोस वाले गाँव में चला गया ,और करीब 7 बजे के आस पास घर वापस लौट कर आ गया।