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dark_devil

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गतांक से आगे 🫵🫵🫵🫵🫵🫵🫵🫵🫵🫵🫵🫵🫵🫵🫵🫵🫵🫵🫵🫵🫵🫵🫵🫵🫵🫵
जब शाम को घर पहुंचा तो मम्मी रसोई में खाना बना रही थीं, मैने गाड़ी खड़ी की और जाकर मम्मी को पीछे से अपनी बाहों में भर लिया ।

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मम्मी _ क्या बात है , आज बहुत प्यार आ रहा है ?
मै_ मम्मी मै कुछ सोच रहा हूं , आप कहो तो मै आपको बताऊं।
मम्मी _ अरे इसमें पूछने वाली क्या बात है , जो है बता दो ।
मै_ मम्मी मै जबसे दिल्ली से लौटकर आया हूं, तब से आपको कही घूमने लेकर नहीं गया , हर समय काम काम ।
मम्मी _ अच्छा तो ये बात है, मैने एक दो बार सोचा था कि तुमसे कह दूं कहीं घूमने चलने के लिया ,पर तुम्हारे काम के चक्कर से तुमसे नहीं कहा ।अच्छा कहां लेकर जाओगे मुझे घूमने के लिए।
मै_ आप ही कोई जगह बता दो , जहां आपको अच्छा लगता हो ।
मम्मी _ मै कहीं घूमने गई ही नहीं हूं, जो मैं कोई जगह बताऊं, तुम ही बता दो, जहां तुम्हे अच्छा लगेगा ,मुझे भी वही अच्छा लगेगा , और कहकर अपने चूतड़ो को मेरे लैंड पर रगड़ दिया।

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मै_ अपने लन्ड का जोर उनकी गांड़ पर देकर , मम्मी नैनीताल चलें, आप कहो तो मै गया भी नहीं हूं वहां ,।
मम्मी _ मै भी नहीं गई हूं, चलो तुम्हारी मर्जी ,कब जाने का इरादा है?
मै_ मम्मी इस वक्त अब धूप भी ठीक से निकलने लगी है , तो कल चलने का प्रोग्राम बनाए , आप राजी हो तो।
मम्मी _ फिर कम का कैसे मैनेज करोगे , ये बताओ, और वहां से कब आओगे ,?
मै_ काम का तो मैनेज हो ही जाएगा , आप बस मन बनाओ चलने का ।
मम्मी _ ठीक है ,बाबा , कल चलते हैं ,अब खुश?
मै_ मम्मी के गालों पर अपनी जीभ से किस करते हुए , हां मम्मी अब खुश हूं,बहुत लेकिन मेरी एक शर्त है।
मम्मी _ अब चलने में भी शर्त, बताओ क्या है?
मै_ वो खाना खाने के बाद बताऊंगा।
मम्मी _ ठीक है, बाद में बता देना ,और मुझे एक किस करके बोली, चलो जाकर हाथ मुंह धो की मैं खाना लेकर आती हूं ।
मैने अपने हाथों को मम्मी के चूतड़ों पर रखते हुए ठीक है मम्मी,आप खाना लगाओ।फिर मै फ्रेश होने चला गया ,और फ्रेश होके आके मै अंदर बेड पर बैठ गया ।फिर मम्मी खाना लेकर आई और हम दोनों ने इधर उधर की बातें करते करते खाना खाया।फिर मम्मी खाने के बाद बर्तन को लेकर रसोई में चली गई और मैं बेड पर लेटकर टीवी देखने लगा ।
करीब आधे घंटे बाद मम्मी कमरे में आई और साथ में एक दूध का गिलास भी के आई , और बोली पहले ये दूध पियो फिर सोना ,
मै_ मम्मी आपको पता है मुझे दूध अच्छा नहीं लगता।
मम्मी _ सब पता है, लेकिन इस दूध को बात ही अलग है, एक बार इसमें उंगली डालकर देखो, पतला नहीं है खूब गाढ़ा है ,और कहकर हल्के से मुस्कुराने लगी।
मै_ अपनी उंगली दूध में डाली तो सच में दूध बहुत गाढ़ा था ,फिर मैने अपनी उंगली जिसपर दूध लगा था मम्मी के मुंह में डाल दी और कहा, पहले आप देखो कैसा है ये ।
मम्मी मेरी उंगली को ऐसे चूसने लगी जैसे मैने अपना लन्ड उनके मुंह में डाल दिया हो, और कुछ देर तक चूसने के बाद उन्होंने कहा अब सर दूध पीकर तुम्हे ये गिलास खाली करना है।समझ में आया ।
मै_ हां मम्मी,आ गया समझ में , फिर मैने सर दूध पी लिया और गिलास को मम्मी को देकर वापस से बेड पर लेट गया ।
मैने कहा मम्मी आज धूप के चक्कर से आप देख रही हो कि ठंड आज बहुत कम है, आज तो कम्बल तक ओढ़ने का मन नहीं कर रहा
मम्मी _ अभी दूध पिलाया है मैने तुम्हे इसलिए दूध की गर्मी है, थोड़ी देर बाद जब दूध को गर्मी ठंडी होगी तो तुम्हे ठंड भी लगने लगेगी।
मै_ मम्मी,ये मेरी मम्मी का दूध है, इसकी गर्मी कैसे ठंडी हो सकती है।
मम्मी _ हां ये भी बात सही है।

(फिर इतना कहकर मम्मी उठी और अंदर से कमरे को बंद कर दिया ,और अपनी साड़ी निकालने लगी और साड़ी निकालकर सिर्फ पेटीकोट और ब्लाउज में बेड पर आकर मेरे पास लेट गई,मैने कहा मम्मी आज लाइट बंद नहीं की आपने , मम्मी अरे यार ये भी रह गई , फिर मम्मी दोबारा से उठी और लाइट बंद कर दी ,जैसे ही मैने देखा मम्मी ने लाइट बंद कर दी और आकर लेटने वाली हैं, मैने अपना हाथ वहां बिस्तर पर रख दिया जहां मम्मी के चूतड़ आने वाले थे, फिर मम्मी एक दम से आकर बेड पर लेट गई और उनके चूतड़ों के पास मेरा हाथ आ गया पर उन्होंने कुछ नहीं कहा और वैसे ही लेती रही )

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मै_ मम्मी आपको गर्मी नहीं लग रही है?
मम्मी _ अभी कहां अभी तो ठंड हैं , गर्मी कहां लग रही है, लगता है तुम्हे ज्यादा गरमी लग रही है।
मै_ हां देखो न मैने तो सारे कपड़े निकाल दिए हैं आज।
मम्मी _ तो वैसे कौन से नेकर के अलावा और कुछ पहनकर सोते हो , ये बताओ?
(मैं धीरे धीरे से अपने हाथ से उनकी गांड़ के आस पास हल्के हल्के दबा रहा था क्योंकि , हाथ हिल तक नहीं राहत उनकी गांड़ के वजन से , तभी अचानक उन्होंने पूछ ही लिया , कोई दिक्कत तो नहीं हो रही है,मैने कहा नहीं मम्मी दिक्कत कैसे होगी आप हो तो ,और कहकर मेरी तरफ घूम गई जिससे मेरा हाथ फ्री हो सके , तभी मैने अपना हाथ उनके चूतड़ों पर सेट किया और दूसरे हाथ से भी उनको अपनी बाहों में भर लिया।)


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मम्मी _ अच्छा अब अपनी शर्त बताओ जो रात को बताने वाले थे , घूमने जाने के लिए?
मै_पहले ये बताओ कि नाराज़ तो नहीं होगी, अगर मै बात या शर्त बताऊं आपको?
मम्मी _ आज तक नाराज हुई हूँ अपनी जान से जो अब नाराज़ होऊंगी।
(इतना कहकर मम्मी ने मुझे कसकर पकड़ लिया और मेरे गालों पर किस कर दी, साथ में मैने भी मम्मी के दोनों चूतड़ों को पकड़कर अपनी तरफ खींचा और उनके गालों पर हल्के से चिकोटी काट ली)
मै_ मम्मी, जब हम लोग वहां जाएंगे घूमने तो वहां आप सब कपड़े मेरी पसंद के पहनोगी।
मम्मी _ ये भी कोई शर्त है ,यहां पर भी तो मै अपनी जान के पसंद से कपड़े पहनती हूं, जैसे तुम्हे पसंद हो वैसे कपड़े पहनाना मुझे वहां ।
मै_ और दूसरी बात ये कि वहां जाने के बाद आप मेरी , चलो छोड़ों ये बात ,कल चलते हैं अपने लोग।
मम्मी _ अरे ऐसे कैसे छोड़ो , पूरी बात बताओ, नहीं तो मैं नहीं जाऊंगी।फिर मुझे किस करके बोली बताओ न , क्यों तड़पा रहे हो, मुझे , अच्छा लगता है मुझे तड़पते हुए ऐसे तुम्हे।
मै_ रहने दो मम्मी, आप बस चलने को तैयार हो यही मेरे लिए काफी है।
मम्मी _ अगर पूरी बात नहीं बताई तो मै जाऊंगी भी नहीं तुम्हारे साथ, जो भी बात हो अपनी मम्मी से खुलकर कहो,मुझसे क्या छिपाना।
मै_ मम्मी, बात ऐसी है कि मै चाहता हूं जब आप मेरे साथ वहां चलो तो मेरी मम्मी बनकर मत जाना , बस ये बात थी।
मम्मी _ अरे तो इतनी बात कहने में क्या दिक्कत थी, तो फिर बताओ ,क्या बनकर जाऊं अपनी जान की।
मै_ मम्मी मै चाहता हूं ,आप मेरी जान बाकर चलो वहां और मेरी जान ही बनकर रहो।
मम्मी _ मै तो हमेशा से तुम्हारी जान हूं, और तुम मेरी , (और कहकर मुझे चूमने लगी)
मै भी मम्मी की गर्दन को चूमने लगा ,और अपने हाथों को उनकी नंगी पीठ पर फेरने के साथ पीछे से उनके ब्लाउज में हाथ डालने लगा ,जिससे मम्मी कसमसाने लगी और मुझसे बिल्कुल चिपक गई ,और अपनी टांगों को हल्के से खोल दिया जिससे मेरा एक पैर उनकी टांगों के बीच में फंस जाए ,और वो अपनी बुर को रगड़ सके ।

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मै_ मम्मी,मेरी जान बनकर चलोगी आप?
मम्मी _ हां मेरे राजा,तुम जान कह रहे हो, अगर मुझसे कहते तो मै तुम्हारी बीबी तक बनने को तैयार हूं, बस एक बार कहकर तो देखो, अपनी मम्मी से अगर न मानू तो कहना । आह! मेरी जान!!
मै_ मम्मी,कहना तो यही चाहता था कि आप मेरी बीबी बनकर चलो वहां पर हिम्मत नहीं हो रही थी इसलिए कहने में हिचकिचा रहा था।
मम्मी _ हिचकिचाहट कैसी, जो मर्जी हो वो कहो, आखिर मै तुम्हारे लिए ही तो हूं, तुम्हारे अलावा कोई और है जो मुझे देखे?
मै_ हां मम्मी ये तो बात है।
मम्मी _ गलत बात, अब बीबी बनाने को तैयार हो तो भी मम्मी कह रहे हो, कहीं ऐसा न हो वहां पर बीबी बनकर के जाओ, और मम्मी कहने लगों।एक काम करो अभी से आदत डाल लो ।
मै_ ये भी बात ठीक है, तो फिर मै आपसे क्या कहूं आप ही बताओ?
मम्मी _ जो भी कहो मै सब मान लूंगी, कहकर तो देखिए।
मै_ मम्मी मैं आपका नाम बदलकर आपको नाम से बुलाऊं तो चलेगा ।
मम्मी _ क्या बात है, क्या नाम रखोगे अपनी जान का?
मै_ मुझे एक नाम बहुत पसंद है, रेखा।
मम्मी _ अच्छा जी , तो अपनी रेखा को कैसे बुलाओगे ?
मै_ रेखा, आई लव यू।
मम्मी _ आई लव यू टू जानू।और कहकर मेरे होठों को अपने होंठ से दबा लिया और अपनी जीभ को मेरे होठ पर फेरने लगी।
(मैने भी अपना हल्के से मुंह खोला और उनकी जीभ को अपने मुंह के अंदर आने दिया और उनके मुंह से निकला थूक मेरे मुंह में जाने लगा और मेरे मुंह से निकला थूक उनके मुंह में जाने लगा)
मै_ रेखा , एक बात बोलूं?
मम्मी _ हां जी बोलो?
मै_ कल जब हम लोग वहां पहुंचें तो तुम वहां जो मैं नाइट सूट लाया था ट्रांसपेरेंट वाले वो कपड़े पहनना , शाम को।
मम्मी _ ठीक है, जैसा आप कहो, मैं सब कपड़े रख लूंगी , क्या हुआ क्या करने का का इरादा है?.
मै_ अगर करने का इरादा होता तो अपने घर से अच्छी कोई जगह है क्या इस दुनिया में , ये बताओ तुम?
मम्मी _ ये तो है, जो काम अपने घर में आराम से कर सकते हैं, वो बाहर कैसे हो पाएंगे?
मै_ रेखा , एक बात और वहां जब पहुंचोगी तो सोलह श्रृंगार तुम्हारे ऊपर से हटना नहीं चाहिए।
मम्मी _ जब पति साथ में होगा तो सोलह श्रृंगार कैसे भूल सकती हूं, और कहकर अपनी गांड़ को उठाकर मेरे लन्ड पर धकेलने लगी।
मै_ रेखा एक बात कहूं?
मम्मी _ कहो न जान?
मैं _ जब तक हम दोनों वहां रहेंगे , तुम्हे खाना बनाने की टेंशन तो होगी नहीं, और न ही मेरा इंतजार करने की, मेरा जब भी मन करेगा मै अपनी रेखा को अपनी बाहों में भरके प्यार करूंगा।
मम्मी _ तुम्हारी रेखा है, जैसे मर्जी जितना चाहे, जैसे चाहे , कपड़ों के बिना कपड़ों के , बेड पर लिटाकर , खड़ा करके , सोफे पर, बाथरूम में , जहां चाहे वैसे प्यार करना , चूमना या चाटना, तुम्हारी रेखा अगर मन कर दे तो कहना ।
मै_ तो फिर तो मुझे अपनी रेखा के शरीर के हर अंग का रस चखने को मिल जाएगा ।
(इतना कहकर मैने अपने हाथ से दोनों दूधो को दबाने लगा और उनके निपल को पीने लगा)
मम्मी _ आह! धीरे! कल के लिए भी छोड़ दो राजा , कहीं कल को दर्द न हो इनमें ।
मै_ कोई नहीं रेखा , कल के लिए और भी चीजे हैं पीने के लिए ।
मम्मी _ एक काम करो, इन्हें कल मसल लेना आराम से , आज दूसरी जगह से काम चला लो, अभी नदी का पानी पूरे उफान पर है और बाहर सैलाब आने से पहले इस पानी को समेट लो, कही ऐसा न हो बाहर आए तो बाड़ आ जाए ।
(मै समझ गया कि मम्मी की बुर पूरी तरह से रस से भर गई है, और वो उसका रस पीने को कह रही है,मैने कहा रेखा ,मेरी जान , अगर तुम्हारी नदी में बाढ़ आने वाली है तो मेरे नल से भी हल्की फुल्की बूंदे टपक रही हैं इनका क्या करूं, फिर मम्मी ने हाथ से लन्ड को टटोला और हाथ में लन्ड का सुपाड़ा लेकर बोली, सच में ये तो रस से भरा हुआ है, और टपक भी रहा है, लाओ इसकी बूंदों को मै अपनी नदी के पानी में मिला दूं,और कहकर उन्होंने अपना पेटिकोट ऊपर किया और मेरे लन्ड के टोपे को अपनी बुर पर रगड़ने लगी और करीब 20 मिनट तक वो अपनी बुर पर मेरे लन्ड को रगड़ती रही और मैं उनके दूधो को सहलाते हुए उनके होंठो को पीता रहा , फिर करीब 5 मिनट और रगड़ने के बाद उनकी बुर से रस की धार निकली और वो मुरझा के लेट गई और मैं भी अपने लन्ड को बुर से सटाकर सोने लगा )

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Continue in _____________अगले अपडेट में
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गतांक से आगे
⬇️⬇️⬇️⬇️⬇️⬇️🫵🫵🫵🫵🫵🫵🫵🫵🫵

सुबह जेब मेरी आंख खुली तो देखा मम्मी बाथरूम से नहाकर आ रही हैं और अपने शरीर पर एक हल्का सा तौलिया लपेट रखा है जिसमें उनके दोनों दूध दबे हुए हैं पर ऊपर से क्लीवेज पूरा दिखाई दे रहा है, मम्मी को ऐसे देखकर एक तो लन्ड पहले से ही खड़ा हुआ था अब और सख्त होकर रॉड बन गया , मैं ये भूल गया था कि मैने रात को अपना नेकर तक निकाल दिया था और मम्मी को देखकर बेड से उठा और सीधे जाकर मम्मी को अपनी बाहों में भर लिया , इधर मम्मी ने जब देखा मैने नेकर नहीं पहना है तो बोली कम से कम कपड़े तो पहन लिया करो उठने से पहले , इस वक्त मेरा लन्ड मम्मी की बुर में घुसने के लिए तैयार था,मैने जैसे ही नीचे देखा तो देखकर मै शर्मा गया और तुरंत भागकर जाकर कमरे में घुस गया और अपने कपड़े पहनकर वापस आया।

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उसके बाद फ्रेश होने के बाद मैने नाश्ता किया और मम्मी से कहा कि मम्मी _ कितने टाइम निकलें अपने लोग?
मम्मी _ तुम बताओ , क्या क्या रखना है ?.
मै_ मम्मी एक काम करो मै डेयरी पर जाता हूं ,जब तक आप सब कपड़े वगैरह की पैकिंग कर लो ,फिर 1 बजे के आस पास अपने लोग निकलते हैं।
(कहकर मैं अपने काम से डेयरी के लिए निकल गया, उसके बाद डेयरी का काम निपटाने के बाद मैने मम्मी को फोन किया)
मै_ हेलो, मम्मी, कर लिए कपड़े पैक सब।
मम्मी _ हां , सब कर लिए ,और मै भी तैयार बैठी हूं ,कब से देख रही हूं, अभी तक नहीं आए ।
मै_ बस मम्मी अभी 10 मिनट में आता हूं, थोड़ा काम आ गया था इसलिए देर हो गई।
मम्मी _ जल्दबाजी कोई नहीं है आराम से आना ।
मै_ ओके मम्मी।
करीब 15 मिनट के बाद मैं घर पहुंच गया ,देखा तो मम्मी ने एक मस्त सूट पहन रखा है ,जिसमें उनके दूधो का उभर साफ नजर आ रहा है और अंदर की ब्रा भी बिल्कुल क्लियर दिख रही है।
मै_ क्या बात है मम्मी,बिल्कुल पटाका लड़की लग रही हो ,बिल्कुल कुंवारी,कन्या।
मम्मी _ ज्यादा मस्का मत लगाओ,जल्दी से तैयार हो जाओ।
फिर मैने अपने कपड़े पहने और तैयार होने लगा ,और करीब 10 मिनट के बाद मै मम्मी के पास तैयार होके पहुंच गया।
मैने मम्मी से कहा मम्मी आप बहुत सेक्सी लग रही हो इस सूट में लाओ आपके फोटो तो खींच लूं कम से कम ।फिर मैने मम्मी के दो तीन फोटो खींच लिए अपने फोन से ।क्या मस्त मॉल है यार ।

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उसके बाद मम्मी ने पूछा कि किससे चलेंगे हम लोग।
मैने कहा मम्मी वैसे तो मोटरसाइकिल से चलते पर रिस्क ज्यादा है आप बताओ सवारी से चलें या गाड़ी ही के चलें।
मम्मी _ गाड़ी रहने दो सवारी से ही चलते हैं।
फिर हम लोग ई रिक्शा लेकर बस स्टैंड पहुंचे जो हमारे गांव से लगभग पांच किलोमीटर दूर था ,वहां से हमने एक रोडवेज बस पकड़ी जो कि हमे हल्द्वानी तक छोड़ने वाली थी, बस में हम दोनों एक दो सीटर वाली सीट पर बैठ गए ,सीट पर बैठने के बाद कुछ टाइम बाद कंडक्टर ने आकर हमे टिकट दी ,उसके बाद मै अपना सर मम्मी के कंधे पर रखकर बैठ गया और अपने हाथों में मम्मी के हाथों को पकड़ किया और उनकी हथेली सहलाता रहा , शायद उन्हें अच्छा लग रहा था फिर मैने अपना एक हाथ मम्मी के सर से पीछे करते हुए उनके दूसरे कंधे पर रख दिया जिससे मम्मी बिलकुल मेरे से चिपक गई ,और दूसरा हाथ उनकी जांघ पर रख दिया उनके सूट के दुपट्टे के नीचे ताकि किसी को दिखाई न दे । मम्मी के होंठ पर हल्की हल्की मुस्कुराहट थी और चेहरा ऐसे चमक रहा था जैसे आज इसकी सुहागरात है, और आज जमकर इसकी चुदाई होने वाली है।
फिर मम्मी के कंधे पर सर रखे रखे मुझे नींद आ गई और करीब एक घंटे बाद आंख खुली जब ड्राइवर ने बस की ब्रेक लगाई , देखा तो बस एक ढाबे पर रुकी हुई थी ,मैने मम्मी से पूछा कि मम्मी कुछ खाना है तो बताओ, मम्मी ने कहा तुम तो कह रहे थे कि मम्मी नहीं बोलोगे,रेखा नाम से बुलाओगे ।
मै_ मम्मी, नाम तो अच्छा है, पर मजा तो सिर्फ मम्मी बोलने में ही आता है।
मम्मी_कोई बात नहीं ,जो बोलना हो ,बोलो।भूख तो लग नहीं रही है।
मै_ कोई बात नहीं नीचे चलते हैं एक एक कॉफी ही पी लेते हैं
मम्मी _ ठीक है पी लेते हैं, एक काम करो न यही कॉफी मंगवा को बस में कौन नीचे जाए बार बार।
मै_ ठीक है आप बैठें मै कॉफी लेकर आता हूं।
उसके बाद मैं नीचे गया और दो गिलास कॉफी लेकर आ गया जिसे हम दोनों ने सीट पर बैठकर पिया।
करीब 30 मिनट बाद ड्राइवर ने फिर से बस स्टार्ट की और लगभग 1 घंटे बाद हम लोग हल्द्वानी पहुंच गए , वहां पहुंचते पहुंचते हमे लगभग 5 बज गए और अंधेरा होना स्टार्ट हो गया , उसके बाद हमे हल्द्वानी से नैनीताल के लिए दूसरी बस पकड़नी थी , फिर हम लोग बस स्टैंड पहुंचे और नैनीताल वाली बस में बैठ गए करीब 45 मिनट के बाद फाइनली हम लोग नैनीताल पहुंच गए ।
इस वक्त रात के लगभग साढ़े सात बज गए थे और पूरा नैनीताल रंग बिरंगी रोशनी से जगमगा रहा था ।
मेरे पास कपड़ों वाला बैग था जिसे मैने अपनी पीठ पर डाल लिया था , और मम्मी का हाथ पकड़कर चल रहा था ।
मम्मी भी मेरे साथ ऐसे चल रही थी जैसे मेरी बीबी हो।
हम लोग करीब 11 बजे तक इधर उधर घूमते रहे ,फिर मम्मी बोली यहां कहां रुकेंगे रात में ।मैने कहा मम्मी परेशान न हो बहुत होटल हैं यहां, किसी बढ़िया से होटल में रुकते हैं ।
फिर मैने होटल इंटरनेट पर चेक किए और आखिर में एक बढ़िया होटल मिल गया फिर मम्मी और मैं उस होटल में गए , रिसेपशन पर बात की तो एक रात का किराया 2500 बताया , मैने कहा ठीक है दे दीजिए ।फिर वो रिसेप्शन पर बैठा आदमी बोला सर किसी भी चीज को जरूरत पड़े तो आपके रूम में इंटरकॉम है वहां से फोन कर दीजियेगा आपको सर्विस मिल जाएगी।
फिर हम दोनों थके हारे अपने रूम में गए , रूम में जाते ही मम्मी बेड पर लेट गई और बोली बहुत थकान हो गई आज घूमते घूमते , मै कोई बात नहीं मम्मी अभी खाना भी कहां खाया है ,खाना नहीं खाओगी, मम्मी बोली घूमते फिरते इतना खा लिया है कि अब खाने की गुंजाइश नहीं नहीं कल खा लेंगे ,अगर तुम्हे भूख लगी हो तो अपने लिए कुछ मंगा लो, मैने कहा भूख तो अभी हल्की लगी है ,फिलहाल कुछ खाने का मन नहीं है अभी ।
फिर मम्मी बोली अब कहीं जाना थोड़े है मै एक काम करती हूं कपड़े चेंज कर लेती हूं, फिर मम्मी बाथरूम गई और हाथ मुंह धोकर आई और जो मैने काफी दिन पहले ट्रांसपेरेंट नाइटी लाकर दो थी उसे पहनने लगी ,मै भी बाथरूम में चला गया और करीब 10 मिनट बाद फ्रेश होकर आया तो देखा मम्मी ने नाइटी पहन रखी है और पूरा मैकअप भी किया हुआ है ,हाथों में शादी की तरह चूड़ियां भरी पड़ी हैं, और पैरो में पायल, और गले में एक मंगलसूत्र को तरह माला , और बाल खिले हुए हैं ,कमर में एक चांदी का कमरबंद , क्या मस्त लग रही थी मम्मी।

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मैने मम्मी को देखा और अपने कपड़े बदले , और नेकर बनियान पहन कर मम्मी के पास बेड में आ गया , फिर मम्मी बोली लाइट तो बंद कर देते , फिर मैने उठकर लाइट बंद की, और वापस से मम्मी के पास आकर ले गया।
मै_ मम्मी, आपने वही कपड़े पहने हैं जो मैं आपसे कहने वाला था।
मम्मी _ मुझे पता है, की कौन से कपड़े पहनने है यहां तुम्हारे सामने ।इसलिए पहन लिए ।अच्छे लग रहे हैं?
मै_ अच्छे भी लग रहे हैं ,पर एक कमी है, दिख नहीं रहे हैं , आपने इसके अंदर के कपड़े क्यों नहीं निकाले?
मम्मी _ सारे कपड़े तो निकाल दिए हैं बस ब्रा और पैंटी बची है, ।
मै_ मम्मी,उसे भी निकाल देती तो ?
मम्मी _ सारा काम मै करूंगी तो तुम क्या करोगे , थोड़ी मेहनत करके निकाल देना उन्हें भी।
मै_ मम्मी सब चीजे अच्छी हैं पर एक चीज़ की कमी है अपमे।
मम्मी _कौन सी चीज?
मै_ बस सोलह श्रृंगार में 15 शृंगार किए हैं एक सोलहवां रह गए है।
मम्मी _ सब तो किया है, तो रह कौन सा गया है।
मै_ बस मांग खाली है, आपकी।
मम्मी _ ये भी तुम्हारे लिए छोड़ दी है, इसे भी तुम्हे ही भरना है।

Will continue further।।।।।।।।।।
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गतांक से आगे
⬇️⬇️⬇️⬇️⬇️⬇️🫵🫵🫵🫵🫵🫵🫵🫵🫵

सुबह जेब मेरी आंख खुली तो देखा मम्मी बाथरूम से नहाकर आ रही हैं और अपने शरीर पर एक हल्का सा तौलिया लपेट रखा है जिसमें उनके दोनों दूध दबे हुए हैं पर ऊपर से क्लीवेज पूरा दिखाई दे रहा है, मम्मी को ऐसे देखकर एक तो लन्ड पहले से ही खड़ा हुआ था अब और सख्त होकर रॉड बन गया , मैं ये भूल गया था कि मैने रात को अपना नेकर तक निकाल दिया था और मम्मी को देखकर बेड से उठा और सीधे जाकर मम्मी को अपनी बाहों में भर लिया , इधर मम्मी ने जब देखा मैने नेकर नहीं पहना है तो बोली कम से कम कपड़े तो पहन लिया करो उठने से पहले , इस वक्त मेरा लन्ड मम्मी की बुर में घुसने के लिए तैयार था,मैने जैसे ही नीचे देखा तो देखकर मै शर्मा गया और तुरंत भागकर जाकर कमरे में घुस गया और अपने कपड़े पहनकर वापस आया।

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उसके बाद फ्रेश होने के बाद मैने नाश्ता किया और मम्मी से कहा कि मम्मी _ कितने टाइम निकलें अपने लोग?
मम्मी _ तुम बताओ , क्या क्या रखना है ?.
मै_ मम्मी एक काम करो मै डेयरी पर जाता हूं ,जब तक आप सब कपड़े वगैरह की पैकिंग कर लो ,फिर 1 बजे के आस पास अपने लोग निकलते हैं।
(कहकर मैं अपने काम से डेयरी के लिए निकल गया, उसके बाद डेयरी का काम निपटाने के बाद मैने मम्मी को फोन किया)
मै_ हेलो, मम्मी, कर लिए कपड़े पैक सब।
मम्मी _ हां , सब कर लिए ,और मै भी तैयार बैठी हूं ,कब से देख रही हूं, अभी तक नहीं आए ।
मै_ बस मम्मी अभी 10 मिनट में आता हूं, थोड़ा काम आ गया था इसलिए देर हो गई।
मम्मी _ जल्दबाजी कोई नहीं है आराम से आना ।
मै_ ओके मम्मी।
करीब 15 मिनट के बाद मैं घर पहुंच गया ,देखा तो मम्मी ने एक मस्त सूट पहन रखा है ,जिसमें उनके दूधो का उभर साफ नजर आ रहा है और अंदर की ब्रा भी बिल्कुल क्लियर दिख रही है।
मै_ क्या बात है मम्मी,बिल्कुल पटाका लड़की लग रही हो ,बिल्कुल कुंवारी,कन्या।
मम्मी _ ज्यादा मस्का मत लगाओ,जल्दी से तैयार हो जाओ।
फिर मैने अपने कपड़े पहने और तैयार होने लगा ,और करीब 10 मिनट के बाद मै मम्मी के पास तैयार होके पहुंच गया।
मैने मम्मी से कहा मम्मी आप बहुत सेक्सी लग रही हो इस सूट में लाओ आपके फोटो तो खींच लूं कम से कम ।फिर मैने मम्मी के दो तीन फोटो खींच लिए अपने फोन से ।क्या मस्त मॉल है यार ।

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उसके बाद मम्मी ने पूछा कि किससे चलेंगे हम लोग।
मैने कहा मम्मी वैसे तो मोटरसाइकिल से चलते पर रिस्क ज्यादा है आप बताओ सवारी से चलें या गाड़ी ही के चलें।
मम्मी _ गाड़ी रहने दो सवारी से ही चलते हैं।
फिर हम लोग ई रिक्शा लेकर बस स्टैंड पहुंचे जो हमारे गांव से लगभग पांच किलोमीटर दूर था ,वहां से हमने एक रोडवेज बस पकड़ी जो कि हमे हल्द्वानी तक छोड़ने वाली थी, बस में हम दोनों एक दो सीटर वाली सीट पर बैठ गए ,सीट पर बैठने के बाद कुछ टाइम बाद कंडक्टर ने आकर हमे टिकट दी ,उसके बाद मै अपना सर मम्मी के कंधे पर रखकर बैठ गया और अपने हाथों में मम्मी के हाथों को पकड़ किया और उनकी हथेली सहलाता रहा , शायद उन्हें अच्छा लग रहा था फिर मैने अपना एक हाथ मम्मी के सर से पीछे करते हुए उनके दूसरे कंधे पर रख दिया जिससे मम्मी बिलकुल मेरे से चिपक गई ,और दूसरा हाथ उनकी जांघ पर रख दिया उनके सूट के दुपट्टे के नीचे ताकि किसी को दिखाई न दे । मम्मी के होंठ पर हल्की हल्की मुस्कुराहट थी और चेहरा ऐसे चमक रहा था जैसे आज इसकी सुहागरात है, और आज जमकर इसकी चुदाई होने वाली है।
फिर मम्मी के कंधे पर सर रखे रखे मुझे नींद आ गई और करीब एक घंटे बाद आंख खुली जब ड्राइवर ने बस की ब्रेक लगाई , देखा तो बस एक ढाबे पर रुकी हुई थी ,मैने मम्मी से पूछा कि मम्मी कुछ खाना है तो बताओ, मम्मी ने कहा तुम तो कह रहे थे कि मम्मी नहीं बोलोगे,रेखा नाम से बुलाओगे ।
मै_ मम्मी, नाम तो अच्छा है, पर मजा तो सिर्फ मम्मी बोलने में ही आता है।
मम्मी_कोई बात नहीं ,जो बोलना हो ,बोलो।भूख तो लग नहीं रही है।
मै_ कोई बात नहीं नीचे चलते हैं एक एक कॉफी ही पी लेते हैं
मम्मी _ ठीक है पी लेते हैं, एक काम करो न यही कॉफी मंगवा को बस में कौन नीचे जाए बार बार।
मै_ ठीक है आप बैठें मै कॉफी लेकर आता हूं।
उसके बाद मैं नीचे गया और दो गिलास कॉफी लेकर आ गया जिसे हम दोनों ने सीट पर बैठकर पिया।
करीब 30 मिनट बाद ड्राइवर ने फिर से बस स्टार्ट की और लगभग 1 घंटे बाद हम लोग हल्द्वानी पहुंच गए , वहां पहुंचते पहुंचते हमे लगभग 5 बज गए और अंधेरा होना स्टार्ट हो गया , उसके बाद हमे हल्द्वानी से नैनीताल के लिए दूसरी बस पकड़नी थी , फिर हम लोग बस स्टैंड पहुंचे और नैनीताल वाली बस में बैठ गए करीब 45 मिनट के बाद फाइनली हम लोग नैनीताल पहुंच गए ।
इस वक्त रात के लगभग साढ़े सात बज गए थे और पूरा नैनीताल रंग बिरंगी रोशनी से जगमगा रहा था ।
मेरे पास कपड़ों वाला बैग था जिसे मैने अपनी पीठ पर डाल लिया था , और मम्मी का हाथ पकड़कर चल रहा था ।
मम्मी भी मेरे साथ ऐसे चल रही थी जैसे मेरी बीबी हो।
हम लोग करीब 11 बजे तक इधर उधर घूमते रहे ,फिर मम्मी बोली यहां कहां रुकेंगे रात में ।मैने कहा मम्मी परेशान न हो बहुत होटल हैं यहां, किसी बढ़िया से होटल में रुकते हैं ।
फिर मैने होटल इंटरनेट पर चेक किए और आखिर में एक बढ़िया होटल मिल गया फिर मम्मी और मैं उस होटल में गए , रिसेपशन पर बात की तो एक रात का किराया 2500 बताया , मैने कहा ठीक है दे दीजिए ।फिर वो रिसेप्शन पर बैठा आदमी बोला सर किसी भी चीज को जरूरत पड़े तो आपके रूम में इंटरकॉम है वहां से फोन कर दीजियेगा आपको सर्विस मिल जाएगी।
फिर हम दोनों थके हारे अपने रूम में गए , रूम में जाते ही मम्मी बेड पर लेट गई और बोली बहुत थकान हो गई आज घूमते घूमते , मै कोई बात नहीं मम्मी अभी खाना भी कहां खाया है ,खाना नहीं खाओगी, मम्मी बोली घूमते फिरते इतना खा लिया है कि अब खाने की गुंजाइश नहीं नहीं कल खा लेंगे ,अगर तुम्हे भूख लगी हो तो अपने लिए कुछ मंगा लो, मैने कहा भूख तो अभी हल्की लगी है ,फिलहाल कुछ खाने का मन नहीं है अभी ।
फिर मम्मी बोली अब कहीं जाना थोड़े है मै एक काम करती हूं कपड़े चेंज कर लेती हूं, फिर मम्मी बाथरूम गई और हाथ मुंह धोकर आई और जो मैने काफी दिन पहले ट्रांसपेरेंट नाइटी लाकर दो थी उसे पहनने लगी ,मै भी बाथरूम में चला गया और करीब 10 मिनट बाद फ्रेश होकर आया तो देखा मम्मी ने नाइटी पहन रखी है और पूरा मैकअप भी किया हुआ है ,हाथों में शादी की तरह चूड़ियां भरी पड़ी हैं, और पैरो में पायल, और गले में एक मंगलसूत्र को तरह माला , और बाल खिले हुए हैं ,कमर में एक चांदी का कमरबंद , क्या मस्त लग रही थी मम्मी।

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मैने मम्मी को देखा और अपने कपड़े बदले , और नेकर बनियान पहन कर मम्मी के पास बेड में आ गया , फिर मम्मी बोली लाइट तो बंद कर देते , फिर मैने उठकर लाइट बंद की, और वापस से मम्मी के पास आकर ले गया।
मै_ मम्मी, आपने वही कपड़े पहने हैं जो मैं आपसे कहने वाला था।
मम्मी _ मुझे पता है, की कौन से कपड़े पहनने है यहां तुम्हारे सामने ।इसलिए पहन लिए ।अच्छे लग रहे हैं?
मै_ अच्छे भी लग रहे हैं ,पर एक कमी है, दिख नहीं रहे हैं , आपने इसके अंदर के कपड़े क्यों नहीं निकाले?
मम्मी _ सारे कपड़े तो निकाल दिए हैं बस ब्रा और पैंटी बची है, ।
मै_ मम्मी,उसे भी निकाल देती तो ?
मम्मी _ सारा काम मै करूंगी तो तुम क्या करोगे , थोड़ी मेहनत करके निकाल देना उन्हें भी।
मै_ मम्मी सब चीजे अच्छी हैं पर एक चीज़ की कमी है अपमे।
मम्मी _कौन सी चीज?
मै_ बस सोलह श्रृंगार में 15 शृंगार किए हैं एक सोलहवां रह गए है।
मम्मी _ सब तो किया है, तो रह कौन सा गया है।
मै_ बस मांग खाली है, आपकी।
मम्मी _ ये भी तुम्हारे लिए छोड़ दी है, इसे भी तुम्हे ही भरना है।

Will continue further।।।।।।।।।।
Nice update bro 👍 👍
 
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Abhi32

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Bhai maa ko ne se bulana jabang bhar de to
 

rajeev13

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ओ भाई... आगे तो माँ-बेटे की बीच रिश्तों की आग भड़कने वाली है...
 
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गतांक से आगे _____________________________________________
शाम को जब मै डेयरी से घर आया तो देखा मम्मी रसोई में खाना बना रही हैं शायद खाना भी बन चुका है ,मैने जाकर सीधे मम्मी को पीछे से पकड़ लिया क्योंकि मम्मी ने आज वही दोपहर वाली साड़ी पहनी थी और मेरे कहने पर रोज शाम को मेकअप भी कर लेती थीं,ऐसा लगता था जैसी उन्हें अपने पति के वापस आने का इंतजार रहता था ।


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मै_ क्या बात है मम्मी आज तो क़यामत ढा रही हो , कहीं मुझे चक्कर न आ जाए ।
मम्मी _ क्यों चक्कर क्यों आयेंगे ,चक्कर आएं तुम्हारे दुश्मनों को ,और बताओ कैसा रहा आज का दिन।
मै_ मम्मी दिन का क्या वो तो रोज़ की तरह , सारा दिन इधर उधर का काम ,डेयरी पर तो यही लगा रहता है, और जब आपको देख लेता हूं या आपसे बात कर लेता हूं तो बहुत सुकून मिलता है ।हमेशा आपकी ही याद आती रहती है।

मम्मी _ याद आती रहती है फिर भी इतना टाइम नहीं मिलता कि एक बार दोपहर में घर आ जाया करो ,यहीं पर लेट लिया करो,यहां मै हमेशा कहती हूं कि घर पर आ गए कुछ खा पी लिया फिर आराम कर लेते ,कम से कम मै तुम्हारी देखभाल तो कर देती ,लेकिन तुम हो कि वही रहना चाहते हो , मम्मी का क्या है वो चाहे दिन भर कैसे भी रहे ।

मै_ नहीं मम्मी,कैसे भी रहे ,ये कौन सी बात है ,आप हमेशा मेरे दिल में रहती हो और जब तक मै जिंदा हूं आप मेरे दिल में ही रहोगी, आपके बिना अच्छा कहां लगता है न ही आपके बिना रात को नींद आती है ,ये लगता है हर समय अपनी मम्मी के पास रहूं।

(इतना कहकर मैने अपने दोनों हाथ मम्मी के पेट पर रख दिए जो कि बिल्कुल साफ दिखाई दे रहा था ,और मस्त चिकना था ,आज मम्मी ने अपनी साड़ी भी अपनी नाभि के नीचे बांधी थी जिससे उनकी नाभि का गड्ढा भी साफ दिखाई दे रहा था ,और नाभि के नीचे साड़ी बांधने से उनकी चौड़ी कमर और गांड़ का हिस्सा भी मस्त नजर आ रहा था, मैंने अपना पूरा जिस्म उनके जिस्म में चिपका रखा था ,जिसका एहसास मम्मी को भी था और वो भी इसके मजे के रही थी , कभी अपनी कूल्हों को ऊपर नीचे करती कभी इधर उधर करती और मेरी पेंट पर रगड़ती, इससे मुझे भी बहुत मजा आ रहा था)

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मम्मी _ एक काम करो भूख लगी होगी ,फ्रेश हो जाओ फिर मै खाना लगती हूं ।
मै_ ठीक है मम्मी।

(फिर मै फ्रेश होकर कपड़े बदलकर अंदर बेड पर जाकर बैठ गया ,फिर मम्मी कुछ देर बाद खाना लेकर आई ,और हम दोनों ने एक साथ खाना खाया और इधर उधर की बातें करते रहे ,बातों बातों में मै मम्मी के दोनों दूधों को देख लेता जो कि ब्लाउज़ से बाहर आने को तरस रहे थे , मैने सोचा आज इनको रगड़ कर चूसा जाए , फिर मम्मी बर्तन उठाकर रसोई में ले गई और करीब आधे घंटे के बाद एक गिलास में दूध लेकर मेरे पास आ गई और मुझे दूध देते हुए बोली)

मम्मी _ लो पहले दूध पी लो ,रोज इतनी मेहनत करते हो दिन में भी रात में भी , एनर्जी कम हो जाती है ऐसा करने से , दूध पीते रहो ठीक रहोगे ।

मै_ मम्मी आपको पता है मुझे दूध अच्छा नहीं लगता ज्यादा ,पर दूध वाली चीजें बहुत पसंद हैं ।कोई नहीं लाओ आधा मै पी ले रहा हूं आधा आप पी लेना ।

(फिर मैने आधा गिलास दूध पिया बाकी का मम्मी ने पी लिया,और बेड पर कम्बल लाकर दिया बोली जब तक कंबल में रहो मै आती हूं अभी 5 मिनट में , बाहर मत निकलना बहुत ठंड है इस समय)

मै_ ठीक है मम्मी,जल्दी आना ।

मम्मी _5 मिनट का इंतजार कर लो, अब घर पर इंतजार नहीं हो रहा मेरा , सोचो मै कैसे तुम्हारे वापस आने का इंतजार करती रहती हूं पूरे दिन, फिर कहकर मम्मी चली गई ,और मैं कम्बल में लेट गया ।

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फिर कुछ देर बाद मम्मी कमरे में आई , मैने कम्बल से बाहर निकलके देखा कि मम्मी अपनी साड़ी निकाल रही है ,ऐसा लग रहा था जैसे शादी निकालके चुदवाने जा रही हो, अपने आशिक से , और अपनी साड़ी निकल कर अपने कंधे पर डाल दी ,फिर मुझसे बोली कोई चीज चाहिए तो नहीं ,मै कमरा बंद करने जा रही हूँ ,मैने कहा नहीं आप हो तो , और कुछ नहीं चाहिए , फिर मम्मी ने मुस्कुरा के कमरा बंद कर किया अंदर से और मेरे पास आकर बेड पर बैठ गई ,मैने कहा मम्मी लाईट बंद नहीं करोगी , मम्मी बोली कर दूंगी जरा रुको तो अभी ।

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फिर इतना कहकर पता नहीं मेरे ऊपर से बेड में गद्दे के नीचे कुछ देखने लगी ,इससे उनके दोनों दूधिया दूध एक दम बाहर को आधे से ज्यादा दिख रहे थे ।और मुंह से लगभग एक दो इंच दूर थे।

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शायद वो दोनों दूधो को मुझे पिलाना चाह रही थी और इसलिए उन्होंने लाइट भी बंद नहीं की थी जिससे मै खुलकर उनके दूधिया छाती का मजा ले सकूं ।

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मम्मी इस वक्त सिर्फ पेटीकोट और ब्लाउज पहने हुए थी जिसमें उनके जिस्म की हर चीज चमक रही थी ।

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फिर मम्मी को बेड पर कुछ ढूंढते ढूंढते जब कुछ नहीं मिला तो बोली पता नहीं कहा रख दी मैने इस साड़ी में लगाने वाली पिन , शायद बाहर रख दी होगी ,मै समझ गया की कोई पिन विन नहीं खाली मुझे अपने दूध दिखाने के लिए ये सब कर रही थी ।
फिर मम्मी लाईट बंद करने के लिए उठी तो पेटीकोट उनकी गांड़ में घुस पड़ा था और उनके दोनों चूतड़ साफ दिखाई दे रहे थे ।

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फिर मम्मी ने लाइट बंद की और मेरी तरफ घूम कर मेरे पास आकर लेट गई ,मै मन में उन्हें सोच रहा था ।क्या भोसड़ा होगा इनका , चाटने और चोदने दोनों में कितना मजा आएगा ,जब मै इसकी गदराई जांघें फैलाकर इसकी बुर की दोनों फांकों को खोलकर उसमें अपनी जीभ डालकर घुमाऊंगा और इसके बुर के दाने को अपने हाथ से मसलूंगा और इसका पेटीकोट ऊपर उठाकर इसे अपने लन्ड पर बिताऊंगा और ये अपने दोनों चूतड़ों को पकड़ कर मेरे लैंड पर ऊपर नीचे होगी ,ये सोचकर ही मेरा लैंड फटा जा रहा था ।


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फिर मम्मी मेरे पास अंदर कंबल में आकर लेट गई और हम एक दूसरे से बातें करने लगे ,फिर मम्मी बोली _
तुमसे हद है अब ये लोवर क्यों पहनकर लेटे हो यहां कौन से इतनी ठंड लग रही है ?

फिर मैने अपना लोवर सरका कर निकाल दिया , अब मै सिर्फ सुबह वाले ट्रांसपेरेंट नेकर और बनियान में था और मम्मी पेटीकोट और ब्लाउज में थी ।

मम्मी _ डेयरी का काम सही चल रहा है कोई दिक्कत तो नहीं आ रही है?

मै_ नहीं मम्मी सब ठीक चल रहा है, लेकिन मम्मी एक बात समझ में नहीं आ रही है ,दो भैंसे पिछले दो तीन दिन से दूध नहीं दे रही हैं और पूरे दिन मेह मेह करके चिल्लाती रहती हैं।

मम्मी _ कोई दिक्कत तो नहीं है भैंस को ,डॉक्टर को दिखा देते बुलाकर।

मै_ मम्मी डॉक्टर को भी बुलाया था उसने देखा भी ,पर दवा नहीं दी कह रहा था कि ये गरम हैं।

मम्मी _ अच्छा, तो फिर इसमें डॉक्टर भी कुछ नहीं कर पाएगा , इसमें तो एक जानवर ही कुछ कर सकता है।

मै_ मम्मी जानवर कैसे कुछ कर सकता है ,वो भी तो एक जानवर ही है ।

मम्मी _ मेरे पास आकर मेरे मुंह के पास बोलती हुई, बेटा जैसे एक आदमी को औरत की जरूरत पड़ती है वैसे भैंस को भी भैंसे की जरूरत है, जिससे उसके शरीर की गर्मी दूर हो सके ,जैसे एक मर्द औरत के शरीर की गर्मी दूर करता है ,वैसे ही एक जानवर दूसरे जानवर की गर्मी दूर कर सकता है ,इसके लिए तो तुम्हे एक भैंसा देखना पड़ेगा ,जो उसकी गर्मी दूर कर सके और उसका चिल्लाना शांत कर सके । कोई भैंसा है आस पास , तो किसी से पता कर लेना ।

मै_ फिर मम्मी, अगर भैंसा मिल भी गया तो मै क्या करूंगा उसका ?

मम्मी _ तुम्हे कुछ नहीं करना है (अपनी एक टांग मेरी तंग के ऊपर रखते हुए और अपना एक हाथ मेरे हाल पर रखते हुए कहा) तुम बस भैंस और भैंसा को अकेला छोड़ देना और भैंस को खूंटे से बंद देना ताकि वो भैंसे के डर से इधर उधर न भागे , बस बाकी सारा काम भैंसा कर लेगा।

मै_ मम्मी, भैंस को बांधने की क्या जरूरत है , और उसे डर क्यों लगेगा ,जब उसके शरीर की गर्मी निकलेगी?

मम्मी _ बेटा हो सकता है भैंसा ज्यादा तगड़ा और हष्ट पुष्ट हो ,शायद उसका वजन भैंस झेल न पाए ।

मै_ क्यों मम्मी उसके वजन का क्या करना ?

मम्मी _ बेटा ,पता है जब भैंस गरम होती हैं तो भैंसे को उसके ऊपर चढ़ना पड़ता है, और भैंस को भैंसे का वजन झेलना पड़ता है, और साथ में दोनों के शरीर को भी देखना पड़ता है ,ताकि भैंसे का शरीर भैंस के अन्दर पूरा घुस जाए , क्योंकि एक तो उसका वजन भी बहुत होता है दूसरा उसका शरीर भी लंबा होता है ,अगर भैंसा ठीक थक हुआ तो उसका शरीर भी मोटा होता है ,जब ये भैंस के अंदर जाता है तो भैंस को भी दर्द होता है ।

मै_ क्या मम्मी,इतना मोटा भैंसा भैंस के अंदर कैसे घुस जाएगा , आप भी न पता नहीं कहां की बाते करती हो? पूरी बात सही से तो बताओ,जिससे मेरी समझ में आ जाए , मेरी तो पल्ले ही नहीं पड़ रही है आपकी बातें ।

मम्मी _ ओ हो! लगता है सब ठीक से ही समझाना पड़ेगा ,सुनो होता ये है ,जैसे औरत और मर्द मिलकर बच्चा पैदा करते हैं और ये करने के लिए उन्हें एक साथ सोना पड़ता है ,और संभोग करना पड़ता है ,जिससे मर्द के कारण औरत बच्चे को जन्म देती है नौ महीने के बाद ,ठीक वैसे ही जानवर भी संभोग करके बच्चे पैदा करते है ,जिससे उनका वंश आगे बढ़ सके ।

मै_ मम्मी, संभोग का मतलब तो सेक्स होता है, मैने पड़ा है ,किताब में सही कहा न मैने ।

मम्मी _ हां सही कहा , अब जाकर समझे ।

मै_ लेकिन मम्मी ये जरूरी है कि भैंस के लिए मोटा और हृष्ट पुष्ट ही भैंसा ढूंढा जाए ।

मम्मी _ बेटा जैसे हर औरत को मर्द हृष्ट पुष्ट चाहिए वैसे ही जानवर को भी ।

मै_ (मम्मी के गालों को अपनी जीभ से हल्का छेड़ते हुए) मम्मी अगर भैंसा ज्यादा सही हुआ और उसका शरीर या सूखा सामान ज्यादा मोटा और लंबा हुआ तो भैंस झेल जाएगी।
मम्मी _ बिल्कुल झेल जाएगी ,पहली बार में बस उसे दर्द महसूस होगा लेकिन बाद में नहीं ,बाद में उसे भैंसे के समान से और ज्यादा मजा आएगा ।

मै_ मम्मी,सच में चाहे कितना मोटा भी हथियार हो भैंसे का (मैने जानबूझकर हथियार और सामान शब्द का यूज किया)।

मम्मी _ कैसा भी हो कितना भी मोटा हो , जब भैंस गरम होगी तो पूरा हथियार अपने अंदर ले लेगी।

(इतना कहकर मम्मी ने अपनी चूत को मेरे लैंड पर रगड़ना शुरू कर दिया मैने भी उनका साथ दिया और अपना खड़ा लन्ड उनकी बुर के सेंटर पर सेट करने में लग गया, शायद वो भी गरम हो चुकी थी)

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मै_ मम्मी,एक बात बताओ क्या भैस की बुर इतनी गहरी होती है?
(शायद मम्मी इतनी ज्यादा गरम थी कि मैने डायरेक्ट बुर कह दिया पर उन्होंने न ही गुस्सा किया न ही मुझसे अलग हुई)

मम्मी _ बेटा, भैंस का शरीर इतना गहरा होता है कि एक साथ दो दो हथियार भी अंदर चले जाए तो भी कोई बात नहीं ,वो भी झेल लेगी, और मजे से ।

(इतना कहकर मम्मी और ज्यादा जोर से अपनी बुर को मेरे लन्ड पर रगड़ने लगी, बदले में मैने भी अपना लन्ड नेकर से निकाल दिया और मम्मी की चूत पर सेट करके रगड़ने लगा)

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फिर मम्मी खुद बोली एक बात का ध्यान रखना जब भैंसा अपना हथियार भैंस के अंदर डाले तो भैंस के शरीर और भैंसा का हथियार का सेंटर बिल्कुल आमने सामने हो जिससे एक बार में ही पूरा अंदर चला जाए भैंस के ।
और कहकर मुझे किस करने लगी , मैने भी बदले में किस करना स्टार्ट कर दिया ।
और शायद मम्मी अपनी बुर की गर्मी को बर्दाश्त नहीं कर पा रही थी और बुदबुदा रही थी .......बेटे दोनों के हथियार और छेद का ध्यान रखना ,पहली बार में सही से बीज पद जाए तो फिर कोई दिक्कत नहीं ,और हां भैंसा कमजोर मत देखना , एक दम खाता पीता होना चाहिए ।

मैं_ मम्मी,लगता है भैस को मेरी तरह भैंसे की जरूरत पड़ेगी ,मै भी तो खाता पीता हूं।
मम्मी _ हां , मेरे लाल, बिल्कुल अपनी तरह ढूंढना ताकि बेचारी को बाद में तड़पना न पड़े, और कहकर मस्ती से अपनी टांगें और खोल दी जिससे मेरी एक टांग उनके जांघ के बीच में आ गई पर बीच में पेटीकोट आ रहा था ,मैने थोड़ा सा हाथ लगाकर उसे और ऊपर सरका दिया जिससे उनकी ऊपर वाली टांग जांघ तक बिल्कुल नंगी हो गई और मेरी जांघ से रगड़ रही थी।
(फिर अचानक मम्मी ने अपनी पीठ मेरी तरफ कर दी और अपने पेटीकोट को पीछे से हटा दिया ,और मेरे लैंड पर अपनी गांड़ को रगड़ने लगी , क्योंकि उन्हें मालूम चल गया था मैने अपना लन्ड नेकर के बाहर कर रखा है ,फिर क्या था मैने भी उनकी गांड़ पर अपना लन्ड रगड़ना स्टार्ट कर दिया)

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मै भी अपना लन्ड मम्मी की गांड़ से रगड़ता हुआ उनकी बुर तक लेकर जा रहा था ,और मम्मी के दोनों दूधो को सहलाए जा रहा था । मम्मी भी पूरी शिद्दत से अपनी कमर को रगड़ने में लगी थी ,इधर मम्मी के चूतड़ बिल्कुल पीछे से नंगे हो गए जिससे उनकी बुर का पानी मेरे लन्ड पर लग रहा था और जिससे उनकी गांड़ पर भी पानी का छिड़काव हो रहा था मेरे लन्ड से , इस चिकनेपन की वजह से लैंड अपने आप आगे पीछे फिसलता रहा और हम दोनों एक साथ मजे के रहे थे ।

मैने मम्मी के कान में कहा_ मम्मी अगर भैंस , भैंसे का वजन झेल सकती है तो क्या आप मेरा वजन खेल सकती हो अपने ऊपर , शायद मम्मी को इसी का इंतजार था ।

मम्मी _क्यों नहीं झेल सकती ,एक काम करो मै पट लेट कर देखती हूं ,तुम्हारा वजन झेल पाऊंगी या नहीं ,तुम मेरे ऊपर आ जाना पीछे से ।

मै_ मम्मी ऊपर आ जाऊं या चढ़ जाऊं , आओ एक काम करो भैंस की तरह लेट जाओ ।

(फिर मम्मी अपने दोनों पैर को सही से हल्का मोड़कर पेट के बल लेट गई और फिर मै उसके ऊपर चढ़ने लगा , तो मैने कहा मम्मी आपका पेटिकोट थोड़ा ऊपर दूं जिससे आपके पैर पूरे सही से फैल जाए , अगर आप बयार न माने तो , तो मम्मी बोली बुरा कैसा जितना चाहे उतना ऊपर कर लो,जैसे चाहे वैसे कर लो, फिर मैने मम्मी का पेटिकोट ऊपर किया जिससे उसके दोनों चूतड़ नंगे हो गए, फिर मैने अपना लंद उसकी गांड़ की दरार पर सेट किया और रगड़ने लगा )


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मम्मी भी मस्ती में अपनी टांगें इधर उधर करके लन्ड को अपनी बुर में डालने की पूरी कोशिश कर रही थी लेकिन मै अभी मम्मी को चोदना नहीं चाहता था मै बस अभी उसके शरीर के हर हिस्से का मजा लेना चाहता था , करीब आधे घंटे तक मै मम्मी की गांड़ को रगड़ता रहा , फिर कुछ देर बाद मम्मी के पैर ऐंठने लगे और फिर दोनों पैर सीधे कर लिए और पैरो की हलचल रुक गई ,मै समझ गया मम्मी की बुर की गर्मी बाहर आ गई है ,मन तो कर रहा था अभी दोनों चूतड़ो को फैलाकर उसकी बुर का निकला सारा रस पी जाऊं लेकिन अपने को कंट्रोल किए पड़े था ।

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मम्मी के झड़ने से उसकी बुर का सारा रस मेरे लन्ड पर लग गया और मम्मी ऐसे लेट गईं जैसे पता नहीं कब से झड़ी न हो आज पहली बार झड़ी हैं ,

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इसके बाद मै भी अपनी जगह पर आकर लेट गया और मम्मी की कमर को पकड़कर अपनी तरफ खींचा , और धीरे से मम्मी के कान के पास जाकर कहा, सच में मम्मी अपने तो मेरा वजन झेल लिया , कोई दिक्कत तो नहीं हुई?

मम्मी ने अपनी गांड़ को मेरे लन्ड से सटा दिया और हल्की सी आवाज में बोली नहीं, और बोली मुझे प्यास लग रही है , पानी पिला दो ।
मैंने बोतल जो पास में रखी थी उसे खोलकर मम्मी को दिया , मम्मी बोली ऐसे नहीं अपने आप पिला दो , मैने कहा , अपने मुंह से पिला दूं जैसे आपको रबड़ी खिलाई थी ।

मम्मी को हसी आ गई और बोली, हां वैसे ही पिया दो ।
फिर मैने अपने मुंह में पानी भरकर मम्मी के मुंह में डाला और मम्मी को पानी पिलाने के बाद किस करने लगा।

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कुछ देर किस करने और दोनों दूधों को सहलाने के बाद मम्मी बोली अब सो जाओ बहुत टाइम हो गया है, इतनी मेहनत मत किया करो , नहीं तो कमजोर पड़ जाओगे , मैने कहा कमजोर कैसे पड़ जाऊंगा मेरी मम्मी है न दूध पिलाने के लिए ,रोज ।

मम्मी _ लगता है अब कल से मुझे तुम्हारी सेहत का ज्यादा ही ख्याल रखना पड़ेगा , एक काम करना कल मै तुम्हारे लिए एक देसी तेल बनाऊंगी जिससे तुम्हारे शरीर की मालिश कर सकूं , इससे ये होगा तुम्हारा शरीर की थकावट भी दूर हो जाएगी और शरीर भी ठीक रहेगा ,मै खुद ही तुम्हारी मालिश कर दिया करूंगी रोज ।

मै_ ठीक है मम्मी, मुझसे ज्यादा बेहतर आओ जानती हैं , जैसा आपको अच्छा लगे love 💕 you mummy!!!

मम्मी _ love 💞 you too मेरी जान !!!! और मुझे अपनी बाहों में समेटकर सो गई
मै भी उन्हें अपनी बाहों में भरकर सो गया।
बहुत ही गरमागरम कामुक और उत्तेजना से भरपूर कामोत्तेजक अपडेट है भाई मजा आ गया
 
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गतांक से आगे ____________________________________________
अगली सुबह मेरी आंख थोड़ी जल्दी खुल गई तो महसूस हुआ कि मम्मी का पेटिकोट पूरा हटा हुआ है और उनकी दोनों टांगें नंगी हैं और दोनों चूतड़ भी नंगे है ।

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मै उठा और पेशाब के लिए जाने लगा ,फिर कुछ टाइम बाद मैने मोबाइल में टाइम देखा तो 5 बज रहे थे , मैने एक बार कमरे की लाइट जलाकर मम्मी के पूरे बदन का दीदार करना चाहा, जब लाइट जलाई तो देखा मम्मी के चूतड़ वास्तव में बात बड़े और मस्त चिकने है ,जिस पर मै रोजाना लन्ड से मालिश करता हूं ।

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फिर मै भी मम्मी के बदन से थोड़ा और खेलने के विचार से मम्मी से चिपक कर लेता गया ,मैने नेकर तो अपना रात को ही निकाल दिया था अभी मै सिर्फ बनियान और मम्मी सिर्फ ब्लाउज पहने थी पेटीकोट तो पूरा सिमटकर ऊपर चला गया था ।
मैने तीन चार बार मम्मी को आवाज दी लेकिन मम्मी नहीं उठी फिर मैने सोचा एक बार मम्मी की गांड़ की दरार में लन्ड डालकर निकाल लूं फिर देखूंगा मम्मी क्या करती हैं ।
मैने वैसा ही किया अपने खड़े हुए लन्ड को मम्मी के दोनों चूतड़ फैलाकर उसकी गांड़ के छेद पर रखा और करीब आठ दस बार आगे पीछे किया उसके बाद मैने अपना लैंड हटा लिया और मैं थोड़ा पीछे होकर लेट गया, इसका रिस्पोंस ये हुआ कि मम्मी अपनी नींद से जाग गई और मैं सोने का नाटक करने लगा , फिर मम्मी उठी और उठकर टॉयलेट में गई करीब 10 मिनट बाद मम्मी फिर वापस आकर मेरे पास लेट गई ।
मैने महसूस किया कि मम्मी मुझसे चिपकना चाह रही है और बार बार अपनी टांगें मेरी टांगों पर रख रही हैं। फिर एक बार ऐसा हुआ कि मम्मी की नंगी टांग से मेरा खड़ा हुआ लन्ड टच होने लगा ,फिर मम्मी ने मुझे दो तीन बार आवाजे दी लेकिन मैं ऐसे कर रहा था जैसे पता नहीं कितने गहरी नींद में हूं ।
फिर मम्मी ने अपना एक हाथ मेरे पेट पर रखा और धीरे धीरे मेरे पेट को सहलाने लगी ।और देखते देखते धीरे धीरे उन्होंने अपना हाथ मेरे लन्ड तक लाना शुरू कर दिया ।मेरा लन्ड तो पहले से ही खड़ा था मम्मी के हाथ का स्पर्श पाकर और ज्यादा सख्त हो गया।

m-ldpwiqacxt-E-Ai-mh-k-IM3-SK-XGQgj-Tq-AQ-25805142bकरीब पांच मिनट तक मम्मी ने मेरे लैंड को सहलाया ,इसी बीच उन्होंने अपने ब्लाउज़ के ऊपर के बटन खोलकर अपने दोनों दूधों को बाहर निकाल लिया और मेरे सीने पर रगड़ने लगी ।
मै ज्यों का त्यों लेटा रहा और मम्मी की करतूत देखता रहा , फिर मम्मी अपना मुंह मेरे कान के पास लाकर मेरी गर्दन मेरे गाल और मेरी छाती पर किस करने लगी ।
और साथ साथ बोलती जा रही थी ।
आह ! मेरे लाल, क्या मस्त फलान है तुम्हारा,ऐसा फलान तो मैने अपनी जिंदगी में पहली बार देखा है ,।।
काश!! अगर ये मेरी बुर में घुस जाए तो शायद मै दो तीन दिन तक ठीक से चल भी न पाऊंगी ,मेरी पूरी भोसड़ी का भोसड़ा बना देगा तुम्हारा ये लन्ड!!! आह !! कब दोगे अपनी मम्मी को ,ये बताओ, रात में भी तुमने मेरी गांड़ को कितना मस्ती से रगड़ा था मेरी गांड़ पर तुम्हारे लन्ड के रगड़ के निशान पड़ गए हैं , मेरे बेटे बहुत मस्त लन्ड हैं तुम्हारा , ।।
अगर तुम ये अपनी मम्मी को दे दो तो चाहे जब भी तुम्हारा मन करे तुम अपनी मम्मी की सलवार खोल के डाल देना बुर में या जब भी पेटिकोट पहने हूं तुरंत उठकर मेरी बुर में डाल देना मै कभी भी मन नहीं करूंगी।।

इतना कहकर मम्मी इतना गरम हो गई कि वो कब मेरे ऊपर आ गई पता ही नहीं चला ,और मेरा लन्ड उनकी दोनों जांघों के बीच से निकलकर बाहर दोनों चूतड़ों के भी बाहर जा रहा था शायद मेरे लन्ड की लंबाई भी अच्छी खासी थी।

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मम्मी अपनी बुर को मेरे लन्ड पर ऐसे रगड़ रही थी जिसे पता नहीं कब से चुदासी हो और मेरे लन्ड को अपनी बुर में अभी समेट लेना चाहती हो।
मै भी अपने लन्ड को पूरी ताकत से मम्मी की जांघों के आर पार निकालने के लिए नीचे से धीरे धीरे धक्के मार रहा था जिसका एहसास भी मम्मी को हो गया था पर उन्होंने रंग ने भंग न पड़े कुछ नहीं कहा और अपने काम में लगी रही ।

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ऐसे ही हम दोनों को रगड़ते हुए करीब आधे घंटे से ज्यादा हो गया , फिर मैने सोचा अब मम्मी के सामने खुलने का नंबर आ गया है अगर आज नहीं खुलकर बोला तो कभी नहीं बोल पाऊंगा ।
फिर मैने धीरे से मम्मी के कान में कहा _ मम्मी! आह! आप बहुत अच्छी हो ,भगवान मुझे हर जन्म में आप जैसी मम्मी दे । मम्मी एक काम करो अपना ब्लाउज़ भी निकाल दो न आप ।

मम्मी _ (मेरे काम में कहते हुए अपनी कमर को ऊपर नीचे करते हुए) तुम भी बहुत अच्छे हो , मुझे भी भगवान हर जन्म में तुम्हारे जैसा बेटा दे , पर जल्दी दे , ताकि मेरा बेटा ,जल्दी से बड़ा हो जाए ।
फिर मम्मी बोली, अपने हाथों से ही निकाल दो न मेरा ब्लाउज़।

फिर मैने मम्मी का ब्लाउज के बटन खोले और खुलते ही मम्मी के दोनों दूध बिल्कुल नंगे हो गए फिर मम्मी ने भी मेरी बनियान को निकल दिया अब मै बिल्कुल नंगा था मम्मी भी नंगी थी बस मम्मी के ऊपर सिर पेटीकोट बचा था जो सिकुड़ कर उनकी कमर में हिलग गया था ,बाकी मम्मी और मेरे जिस्म बिल्कुल नंगे थे ।

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फिर करीब 15 मिनट तक हम दोनों के जिस्म एक दूसरे से रगड़ खाते रहे ,फिर मैने मम्मी के काम में कहा मम्म", अब रहने दो ,कहानी ऐसा न हो आप मेरा और अपना कीमती पानी यही बहा दो हम दोनों के जिस्म के ऊपर ।
फिर मम्मी _ पानी बिना बहाए सुकून कहां मिलेगा मेरे लाल।
मै_ मम्मी ये दुनिया का सबसे महंगा पानी है जो जल्दी पीने को भी नहीं मिलता ।
मम्मी _ ये बात तो है, फिर क्या करूं, अभी तो ये लग रही है कि बस पानी बाहर आ जाए ।
मै_ नहीं मम्मी इसके लिए अभी थोड़ा और समय दो , इसे हम दोनों को ऐसे नहीं बेकार करना चाहिए ,अभी आप रुको वरना मेरा भी निकल जाएगा ।

(फिर मम्मी ने किस करते हुए अपने को मुझसे अलग किया लेकिन न तो उन्होंने अपना पानी निकलने दिया न ही मेरा)
इस सब कार्यक्रम में हमे लगभग एक घंटे से ज्यादा हो गया फिर मै सो गया और साथ में मम्मी भी सो गई ।
जब दोबारा मेरी आंख खुली तो सामने मम्मी खड़ी थी सूट पहने हुए ,जब कमरे में लगी घड़ी की तरफ देख तो 10 बज रहे थे सुबह के ।

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क्या मस्त मॉल लग रही थी मस्त मोती गांड़, जैसे अभी अभी चुदकर आई हो किसी से ।
फिर मम्मी मुझसे बोली क्या बात है अभी तक सो रहे हो कितना टाइम हो गया देखो दस बज गए , आज डेयरी पर नहीं जाना है ,पता नहीं पूरी रात सोते रहे मै भी सो गई मै खुद 9 बजे के आस पास उठी हूँ सोकर , आज मुझे भी बहुत नींद आ गई थी , आज सुबह तो मेरी आंख भी नहीं खुली थी ।और कहकर वही पास में जीने के पास बैठ गई ।

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मम्मी ऐसे बैठी जिससे उनकी मस्त मोटी जांघ और हल्का सा पिछवाड़ा बिल्कुल मस्त लग रहा था ।
(लेकिन मै सोच में पड़ गया ये साला वाकई में मम्मी 9 बजे उठी हैं और फिर जो सुबह हुआ वो क्या था जिसके बाद हम दोनों सो गए थे ,मेरी समझ में नहीं आ रहा था को चल क्या रहा है ,मम्मी ऐसे कर रही थी जैसे शायद सुबह कुछ हम दोनों ने किया ही नहीं है, मै खुद ये सोचकर सोच में डूब गया था, तभी मम्मी ने आवाज दी कि कहां खो गए चलो उठो बिस्तर से अब , बहुत टाइम हो गया है , मैने तुमसे कल कहा था कि तुम्हारी मालिश करने के लिए मैने तेल बनाया है आज , नहाने से पहले उससे मालिश करवा लेना ध्यान से मुझसे )
मैने ओके कहा और उठकर फ्रेश होने निकल गया।
बहुत ही शानदार और जानदार मदमस्त अपडेट है भाई मजा आ गया
 
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