गतांक से आगे _____________________________________________
शाम को जब मै डेयरी से घर आया तो देखा मम्मी रसोई में खाना बना रही हैं शायद खाना भी बन चुका है ,मैने जाकर सीधे मम्मी को पीछे से पकड़ लिया क्योंकि मम्मी ने आज वही दोपहर वाली साड़ी पहनी थी और मेरे कहने पर रोज शाम को मेकअप भी कर लेती थीं,ऐसा लगता था जैसी उन्हें अपने पति के वापस आने का इंतजार रहता था ।

मै_ क्या बात है मम्मी आज तो क़यामत ढा रही हो , कहीं मुझे चक्कर न आ जाए ।
मम्मी _ क्यों चक्कर क्यों आयेंगे ,चक्कर आएं तुम्हारे दुश्मनों को ,और बताओ कैसा रहा आज का दिन।
मै_ मम्मी दिन का क्या वो तो रोज़ की तरह , सारा दिन इधर उधर का काम ,डेयरी पर तो यही लगा रहता है, और जब आपको देख लेता हूं या आपसे बात कर लेता हूं तो बहुत सुकून मिलता है ।हमेशा आपकी ही याद आती रहती है।
मम्मी _ याद आती रहती है फिर भी इतना टाइम नहीं मिलता कि एक बार दोपहर में घर आ जाया करो ,यहीं पर लेट लिया करो,यहां मै हमेशा कहती हूं कि घर पर आ गए कुछ खा पी लिया फिर आराम कर लेते ,कम से कम मै तुम्हारी देखभाल तो कर देती ,लेकिन तुम हो कि वही रहना चाहते हो , मम्मी का क्या है वो चाहे दिन भर कैसे भी रहे ।
मै_ नहीं मम्मी,कैसे भी रहे ,ये कौन सी बात है ,आप हमेशा मेरे दिल में रहती हो और जब तक मै जिंदा हूं आप मेरे दिल में ही रहोगी, आपके बिना अच्छा कहां लगता है न ही आपके बिना रात को नींद आती है ,ये लगता है हर समय अपनी मम्मी के पास रहूं।
(इतना कहकर मैने अपने दोनों हाथ मम्मी के पेट पर रख दिए जो कि बिल्कुल साफ दिखाई दे रहा था ,और मस्त चिकना था ,आज मम्मी ने अपनी साड़ी भी अपनी नाभि के नीचे बांधी थी जिससे उनकी नाभि का गड्ढा भी साफ दिखाई दे रहा था ,और नाभि के नीचे साड़ी बांधने से उनकी चौड़ी कमर और गांड़ का हिस्सा भी मस्त नजर आ रहा था, मैंने अपना पूरा जिस्म उनके जिस्म में चिपका रखा था ,जिसका एहसास मम्मी को भी था और वो भी इसके मजे के रही थी , कभी अपनी कूल्हों को ऊपर नीचे करती कभी इधर उधर करती और मेरी पेंट पर रगड़ती, इससे मुझे भी बहुत मजा आ रहा था)

मम्मी _ एक काम करो भूख लगी होगी ,फ्रेश हो जाओ फिर मै खाना लगती हूं ।
मै_ ठीक है मम्मी।
(फिर मै फ्रेश होकर कपड़े बदलकर अंदर बेड पर जाकर बैठ गया ,फिर मम्मी कुछ देर बाद खाना लेकर आई ,और हम दोनों ने एक साथ खाना खाया और इधर उधर की बातें करते रहे ,बातों बातों में मै मम्मी के दोनों दूधों को देख लेता जो कि ब्लाउज़ से बाहर आने को तरस रहे थे , मैने सोचा आज इनको रगड़ कर चूसा जाए , फिर मम्मी बर्तन उठाकर रसोई में ले गई और करीब आधे घंटे के बाद एक गिलास में दूध लेकर मेरे पास आ गई और मुझे दूध देते हुए बोली)
मम्मी _ लो पहले दूध पी लो ,रोज इतनी मेहनत करते हो दिन में भी रात में भी , एनर्जी कम हो जाती है ऐसा करने से , दूध पीते रहो ठीक रहोगे ।
मै_ मम्मी आपको पता है मुझे दूध अच्छा नहीं लगता ज्यादा ,पर दूध वाली चीजें बहुत पसंद हैं ।कोई नहीं लाओ आधा मै पी ले रहा हूं आधा आप पी लेना ।
(फिर मैने आधा गिलास दूध पिया बाकी का मम्मी ने पी लिया,और बेड पर कम्बल लाकर दिया बोली जब तक कंबल में रहो मै आती हूं अभी 5 मिनट में , बाहर मत निकलना बहुत ठंड है इस समय)
मै_ ठीक है मम्मी,जल्दी आना ।
मम्मी _5 मिनट का इंतजार कर लो, अब घर पर इंतजार नहीं हो रहा मेरा , सोचो मै कैसे तुम्हारे वापस आने का इंतजार करती रहती हूं पूरे दिन, फिर कहकर मम्मी चली गई ,और मैं कम्बल में लेट गया ।
फिर कुछ देर बाद मम्मी कमरे में आई , मैने कम्बल से बाहर निकलके देखा कि मम्मी अपनी साड़ी निकाल रही है ,ऐसा लग रहा था जैसे शादी निकालके चुदवाने जा रही हो, अपने आशिक से , और अपनी साड़ी निकल कर अपने कंधे पर डाल दी ,फिर मुझसे बोली कोई चीज चाहिए तो नहीं ,मै कमरा बंद करने जा रही हूँ ,मैने कहा नहीं आप हो तो , और कुछ नहीं चाहिए , फिर मम्मी ने मुस्कुरा के कमरा बंद कर किया अंदर से और मेरे पास आकर बेड पर बैठ गई ,मैने कहा मम्मी लाईट बंद नहीं करोगी , मम्मी बोली कर दूंगी जरा रुको तो अभी ।
फिर इतना कहकर पता नहीं मेरे ऊपर से बेड में गद्दे के नीचे कुछ देखने लगी ,इससे उनके दोनों दूधिया दूध एक दम बाहर को आधे से ज्यादा दिख रहे थे ।और मुंह से लगभग एक दो इंच दूर थे।
शायद वो दोनों दूधो को मुझे पिलाना चाह रही थी और इसलिए उन्होंने लाइट भी बंद नहीं की थी जिससे मै खुलकर उनके दूधिया छाती का मजा ले सकूं ।
मम्मी इस वक्त सिर्फ पेटीकोट और ब्लाउज पहने हुए थी जिसमें उनके जिस्म की हर चीज चमक रही थी ।
फिर मम्मी को बेड पर कुछ ढूंढते ढूंढते जब कुछ नहीं मिला तो बोली पता नहीं कहा रख दी मैने इस साड़ी में लगाने वाली पिन , शायद बाहर रख दी होगी ,मै समझ गया की कोई पिन विन नहीं खाली मुझे अपने दूध दिखाने के लिए ये सब कर रही थी ।
फिर मम्मी लाईट बंद करने के लिए उठी तो पेटीकोट उनकी गांड़ में घुस पड़ा था और उनके दोनों चूतड़ साफ दिखाई दे रहे थे ।
फिर मम्मी ने लाइट बंद की और मेरी तरफ घूम कर मेरे पास आकर लेट गई ,मै मन में उन्हें सोच रहा था ।क्या भोसड़ा होगा इनका , चाटने और चोदने दोनों में कितना मजा आएगा ,जब मै इसकी गदराई जांघें फैलाकर इसकी बुर की दोनों फांकों को खोलकर उसमें अपनी जीभ डालकर घुमाऊंगा और इसके बुर के दाने को अपने हाथ से मसलूंगा और इसका पेटीकोट ऊपर उठाकर इसे अपने लन्ड पर बिताऊंगा और ये अपने दोनों चूतड़ों को पकड़ कर मेरे लैंड पर ऊपर नीचे होगी ,ये सोचकर ही मेरा लैंड फटा जा रहा था ।
फिर मम्मी मेरे पास अंदर कंबल में आकर लेट गई और हम एक दूसरे से बातें करने लगे ,फिर मम्मी बोली _
तुमसे हद है अब ये लोवर क्यों पहनकर लेटे हो यहां कौन से इतनी ठंड लग रही है ?
फिर मैने अपना लोवर सरका कर निकाल दिया , अब मै सिर्फ सुबह वाले ट्रांसपेरेंट नेकर और बनियान में था और मम्मी पेटीकोट और ब्लाउज में थी ।
मम्मी _ डेयरी का काम सही चल रहा है कोई दिक्कत तो नहीं आ रही है?
मै_ नहीं मम्मी सब ठीक चल रहा है, लेकिन मम्मी एक बात समझ में नहीं आ रही है ,दो भैंसे पिछले दो तीन दिन से दूध नहीं दे रही हैं और पूरे दिन मेह मेह करके चिल्लाती रहती हैं।
मम्मी _ कोई दिक्कत तो नहीं है भैंस को ,डॉक्टर को दिखा देते बुलाकर।
मै_ मम्मी डॉक्टर को भी बुलाया था उसने देखा भी ,पर दवा नहीं दी कह रहा था कि ये गरम हैं।
मम्मी _ अच्छा, तो फिर इसमें डॉक्टर भी कुछ नहीं कर पाएगा , इसमें तो एक जानवर ही कुछ कर सकता है।
मै_ मम्मी जानवर कैसे कुछ कर सकता है ,वो भी तो एक जानवर ही है ।
मम्मी _ मेरे पास आकर मेरे मुंह के पास बोलती हुई, बेटा जैसे एक आदमी को औरत की जरूरत पड़ती है वैसे भैंस को भी भैंसे की जरूरत है, जिससे उसके शरीर की गर्मी दूर हो सके ,जैसे एक मर्द औरत के शरीर की गर्मी दूर करता है ,वैसे ही एक जानवर दूसरे जानवर की गर्मी दूर कर सकता है ,इसके लिए तो तुम्हे एक भैंसा देखना पड़ेगा ,जो उसकी गर्मी दूर कर सके और उसका चिल्लाना शांत कर सके । कोई भैंसा है आस पास , तो किसी से पता कर लेना ।
मै_ फिर मम्मी, अगर भैंसा मिल भी गया तो मै क्या करूंगा उसका ?
मम्मी _ तुम्हे कुछ नहीं करना है (अपनी एक टांग मेरी तंग के ऊपर रखते हुए और अपना एक हाथ मेरे हाल पर रखते हुए कहा) तुम बस भैंस और भैंसा को अकेला छोड़ देना और भैंस को खूंटे से बंद देना ताकि वो भैंसे के डर से इधर उधर न भागे , बस बाकी सारा काम भैंसा कर लेगा।
मै_ मम्मी, भैंस को बांधने की क्या जरूरत है , और उसे डर क्यों लगेगा ,जब उसके शरीर की गर्मी निकलेगी?
मम्मी _ बेटा हो सकता है भैंसा ज्यादा तगड़ा और हष्ट पुष्ट हो ,शायद उसका वजन भैंस झेल न पाए ।
मै_ क्यों मम्मी उसके वजन का क्या करना ?
मम्मी _ बेटा ,पता है जब भैंस गरम होती हैं तो भैंसे को उसके ऊपर चढ़ना पड़ता है, और भैंस को भैंसे का वजन झेलना पड़ता है, और साथ में दोनों के शरीर को भी देखना पड़ता है ,ताकि भैंसे का शरीर भैंस के अन्दर पूरा घुस जाए , क्योंकि एक तो उसका वजन भी बहुत होता है दूसरा उसका शरीर भी लंबा होता है ,अगर भैंसा ठीक थक हुआ तो उसका शरीर भी मोटा होता है ,जब ये भैंस के अंदर जाता है तो भैंस को भी दर्द होता है ।
मै_ क्या मम्मी,इतना मोटा भैंसा भैंस के अंदर कैसे घुस जाएगा , आप भी न पता नहीं कहां की बाते करती हो? पूरी बात सही से तो बताओ,जिससे मेरी समझ में आ जाए , मेरी तो पल्ले ही नहीं पड़ रही है आपकी बातें ।
मम्मी _ ओ हो! लगता है सब ठीक से ही समझाना पड़ेगा ,सुनो होता ये है ,जैसे औरत और मर्द मिलकर बच्चा पैदा करते हैं और ये करने के लिए उन्हें एक साथ सोना पड़ता है ,और संभोग करना पड़ता है ,जिससे मर्द के कारण औरत बच्चे को जन्म देती है नौ महीने के बाद ,ठीक वैसे ही जानवर भी संभोग करके बच्चे पैदा करते है ,जिससे उनका वंश आगे बढ़ सके ।
मै_ मम्मी, संभोग का मतलब तो सेक्स होता है, मैने पड़ा है ,किताब में सही कहा न मैने ।
मम्मी _ हां सही कहा , अब जाकर समझे ।
मै_ लेकिन मम्मी ये जरूरी है कि भैंस के लिए मोटा और हृष्ट पुष्ट ही भैंसा ढूंढा जाए ।
मम्मी _ बेटा जैसे हर औरत को मर्द हृष्ट पुष्ट चाहिए वैसे ही जानवर को भी ।
मै_ (मम्मी के गालों को अपनी जीभ से हल्का छेड़ते हुए) मम्मी अगर भैंसा ज्यादा सही हुआ और उसका शरीर या सूखा सामान ज्यादा मोटा और लंबा हुआ तो भैंस झेल जाएगी।
मम्मी _ बिल्कुल झेल जाएगी ,पहली बार में बस उसे दर्द महसूस होगा लेकिन बाद में नहीं ,बाद में उसे भैंसे के समान से और ज्यादा मजा आएगा ।
मै_ मम्मी,सच में चाहे कितना मोटा भी हथियार हो भैंसे का (मैने जानबूझकर हथियार और सामान शब्द का यूज किया)।
मम्मी _ कैसा भी हो कितना भी मोटा हो , जब भैंस गरम होगी तो पूरा हथियार अपने अंदर ले लेगी।
(इतना कहकर मम्मी ने अपनी चूत को मेरे लैंड पर रगड़ना शुरू कर दिया मैने भी उनका साथ दिया और अपना खड़ा लन्ड उनकी बुर के सेंटर पर सेट करने में लग गया, शायद वो भी गरम हो चुकी थी)
मै_ मम्मी,एक बात बताओ क्या भैस की बुर इतनी गहरी होती है?
(शायद मम्मी इतनी ज्यादा गरम थी कि मैने डायरेक्ट बुर कह दिया पर उन्होंने न ही गुस्सा किया न ही मुझसे अलग हुई)
मम्मी _ बेटा, भैंस का शरीर इतना गहरा होता है कि एक साथ दो दो हथियार भी अंदर चले जाए तो भी कोई बात नहीं ,वो भी झेल लेगी, और मजे से ।
(इतना कहकर मम्मी और ज्यादा जोर से अपनी बुर को मेरे लन्ड पर रगड़ने लगी, बदले में मैने भी अपना लन्ड नेकर से निकाल दिया और मम्मी की चूत पर सेट करके रगड़ने लगा)

फिर मम्मी खुद बोली एक बात का ध्यान रखना जब भैंसा अपना हथियार भैंस के अंदर डाले तो भैंस के शरीर और भैंसा का हथियार का सेंटर बिल्कुल आमने सामने हो जिससे एक बार में ही पूरा अंदर चला जाए भैंस के ।
और कहकर मुझे किस करने लगी , मैने भी बदले में किस करना स्टार्ट कर दिया ।
और शायद मम्मी अपनी बुर की गर्मी को बर्दाश्त नहीं कर पा रही थी और बुदबुदा रही थी .......बेटे दोनों के हथियार और छेद का ध्यान रखना ,पहली बार में सही से बीज पद जाए तो फिर कोई दिक्कत नहीं ,और हां भैंसा कमजोर मत देखना , एक दम खाता पीता होना चाहिए ।
मैं_ मम्मी,लगता है भैस को मेरी तरह भैंसे की जरूरत पड़ेगी ,मै भी तो खाता पीता हूं।
मम्मी _ हां , मेरे लाल, बिल्कुल अपनी तरह ढूंढना ताकि बेचारी को बाद में तड़पना न पड़े, और कहकर मस्ती से अपनी टांगें और खोल दी जिससे मेरी एक टांग उनके जांघ के बीच में आ गई पर बीच में पेटीकोट आ रहा था ,मैने थोड़ा सा हाथ लगाकर उसे और ऊपर सरका दिया जिससे उनकी ऊपर वाली टांग जांघ तक बिल्कुल नंगी हो गई और मेरी जांघ से रगड़ रही थी।
(फिर अचानक मम्मी ने अपनी पीठ मेरी तरफ कर दी और अपने पेटीकोट को पीछे से हटा दिया ,और मेरे लैंड पर अपनी गांड़ को रगड़ने लगी , क्योंकि उन्हें मालूम चल गया था मैने अपना लन्ड नेकर के बाहर कर रखा है ,फिर क्या था मैने भी उनकी गांड़ पर अपना लन्ड रगड़ना स्टार्ट कर दिया)

मै भी अपना लन्ड मम्मी की गांड़ से रगड़ता हुआ उनकी बुर तक लेकर जा रहा था ,और मम्मी के दोनों दूधो को सहलाए जा रहा था । मम्मी भी पूरी शिद्दत से अपनी कमर को रगड़ने में लगी थी ,इधर मम्मी के चूतड़ बिल्कुल पीछे से नंगे हो गए जिससे उनकी बुर का पानी मेरे लन्ड पर लग रहा था और जिससे उनकी गांड़ पर भी पानी का छिड़काव हो रहा था मेरे लन्ड से , इस चिकनेपन की वजह से लैंड अपने आप आगे पीछे फिसलता रहा और हम दोनों एक साथ मजे के रहे थे ।
मैने मम्मी के कान में कहा_ मम्मी अगर भैंस , भैंसे का वजन झेल सकती है तो क्या आप मेरा वजन खेल सकती हो अपने ऊपर , शायद मम्मी को इसी का इंतजार था ।
मम्मी _क्यों नहीं झेल सकती ,एक काम करो मै पट लेट कर देखती हूं ,तुम्हारा वजन झेल पाऊंगी या नहीं ,तुम मेरे ऊपर आ जाना पीछे से ।
मै_ मम्मी ऊपर आ जाऊं या चढ़ जाऊं , आओ एक काम करो भैंस की तरह लेट जाओ ।
(फिर मम्मी अपने दोनों पैर को सही से हल्का मोड़कर पेट के बल लेट गई और फिर मै उसके ऊपर चढ़ने लगा , तो मैने कहा मम्मी आपका पेटिकोट थोड़ा ऊपर दूं जिससे आपके पैर पूरे सही से फैल जाए , अगर आप बयार न माने तो , तो मम्मी बोली बुरा कैसा जितना चाहे उतना ऊपर कर लो,जैसे चाहे वैसे कर लो, फिर मैने मम्मी का पेटिकोट ऊपर किया जिससे उसके दोनों चूतड़ नंगे हो गए, फिर मैने अपना लंद उसकी गांड़ की दरार पर सेट किया और रगड़ने लगा )

मम्मी भी मस्ती में अपनी टांगें इधर उधर करके लन्ड को अपनी बुर में डालने की पूरी कोशिश कर रही थी लेकिन मै अभी मम्मी को चोदना नहीं चाहता था मै बस अभी उसके शरीर के हर हिस्से का मजा लेना चाहता था , करीब आधे घंटे तक मै मम्मी की गांड़ को रगड़ता रहा , फिर कुछ देर बाद मम्मी के पैर ऐंठने लगे और फिर दोनों पैर सीधे कर लिए और पैरो की हलचल रुक गई ,मै समझ गया मम्मी की बुर की गर्मी बाहर आ गई है ,मन तो कर रहा था अभी दोनों चूतड़ो को फैलाकर उसकी बुर का निकला सारा रस पी जाऊं लेकिन अपने को कंट्रोल किए पड़े था ।

मम्मी के झड़ने से उसकी बुर का सारा रस मेरे लन्ड पर लग गया और मम्मी ऐसे लेट गईं जैसे पता नहीं कब से झड़ी न हो आज पहली बार झड़ी हैं ,
इसके बाद मै भी अपनी जगह पर आकर लेट गया और मम्मी की कमर को पकड़कर अपनी तरफ खींचा , और धीरे से मम्मी के कान के पास जाकर कहा, सच में मम्मी अपने तो मेरा वजन झेल लिया , कोई दिक्कत तो नहीं हुई?
मम्मी ने अपनी गांड़ को मेरे लन्ड से सटा दिया और हल्की सी आवाज में बोली नहीं, और बोली मुझे प्यास लग रही है , पानी पिला दो ।
मैंने बोतल जो पास में रखी थी उसे खोलकर मम्मी को दिया , मम्मी बोली ऐसे नहीं अपने आप पिला दो , मैने कहा , अपने मुंह से पिला दूं जैसे आपको रबड़ी खिलाई थी ।
मम्मी को हसी आ गई और बोली, हां वैसे ही पिया दो ।
फिर मैने अपने मुंह में पानी भरकर मम्मी के मुंह में डाला और मम्मी को पानी पिलाने के बाद किस करने लगा।

कुछ देर किस करने और दोनों दूधों को सहलाने के बाद मम्मी बोली अब सो जाओ बहुत टाइम हो गया है, इतनी मेहनत मत किया करो , नहीं तो कमजोर पड़ जाओगे , मैने कहा कमजोर कैसे पड़ जाऊंगा मेरी मम्मी है न दूध पिलाने के लिए ,रोज ।
मम्मी _ लगता है अब कल से मुझे तुम्हारी सेहत का ज्यादा ही ख्याल रखना पड़ेगा , एक काम करना कल मै तुम्हारे लिए एक देसी तेल बनाऊंगी जिससे तुम्हारे शरीर की मालिश कर सकूं , इससे ये होगा तुम्हारा शरीर की थकावट भी दूर हो जाएगी और शरीर भी ठीक रहेगा ,मै खुद ही तुम्हारी मालिश कर दिया करूंगी रोज ।
मै_ ठीक है मम्मी, मुझसे ज्यादा बेहतर आओ जानती हैं , जैसा आपको अच्छा लगे love

you mummy!!!
मम्मी _ love

you too मेरी जान !!!! और मुझे अपनी बाहों में समेटकर सो गई
मै भी उन्हें अपनी बाहों में भरकर सो गया।