फिर नीचे से मम्मी ने आवाज लगाई ,आओ बेटा बहुत टाइम हो गया है और ठंड भी बढ़ गई है ,आकर हाथ पैर सेक लो ,(गांव में लोग ठंड से बचने के लिए अलाव वगेरह जला लेते हैं) मम्मी ने भी थोड़ी अलाव जला रखी थी और उस पर अपने हाथ पैर सेक रही थी , अभी मम्मी रसोई से बर्तन साफ करके आई थी तो अपने पेटीकोट को थोड़ा ऊपर करके पैर सेक रही थी इतने में मै मम्मी के पास अलाव सेकने आ गया । मम्मी के पैर देखकर ऐसा लगा जैसे कि पैरों को चूम लूं एक दम गोरे गोरे पैर , बालों का नमो निशान तक नहीं था एकदम चिकनी टांगे मखमल को तरह , जहां पर जीभ लगाओ तो रस निकले ।

काश एक बार पूरे पैर खोलकर दिखा देती ।
(आह मम्मी, मेरे सपनो की रानी ,कब तुम्हारे पैर खोलकर दर्शन होंगे, बस इसी सोच में मम्मी के साथ बैठकर अलाव सेकने लगा)
फिर मम्मी बोली चलो सोते हैं ,और हां सोने से पहले अपनी दवा खा लेना कही रात में फीस बुखार न आ जाए ।
फिर मम्मी मेरे लिए पानी लेकर आई और मैने अपनी दवा खाई फिर जाकर बिस्तर पर लेट गया, और सोचने लगा कि आज तो मम्मी के साथ सोने को मिलेगा ,कुछ टाइम बाद मम्मी अंदर आई और दूसरी चारपाई को ठीक करने लगी, मेरे अरमानों पर पानी फिर गया ,मैने सोचा मम्मी मेरे पास नहीं लौटेंगी ,फिर मैने अपना मुंह कंबल के अंदर किया और मुंह ढक कर लेट गया ।
करीब आधे घंटे बाद किसी की आहट मेरे बिस्तर में मुझे महसूस हुई वो कोई और नहीं , मम्मी ही थी ।
कम्बल हटा कर देखा तो घर की सब लाइट बंद थी और मम्मी मेरे पास बिस्तर में आके लेट गई ।
मै मम्मी से _ क्या हुआ मम्मी इतनी देर क्यों कर दी आपने?
मम्मी _ तुम्हे क्या लगा आज तुम्हारे पास नहीं सोऊंगी?
मै_ हां मम्मी मै यही सोच रहा था कि शायद आप मुझसे नाराज़ हो और मेरे पास नहीं सोओगी।
मम्मी _ अरे पागल मै दूसरी चारपाई को बाहर खड़ी करके आई थी और उसका बिस्तर अंदर संदूक में रख दिया ।
मै_ क्यों , बिस्तर अंदर क्यों रख दिया?
मम्मी _ क्यों , लगता है मेरा तुम्हारे पास सोना अच्छा नहीं लगता है तुम्हे?
मै_ नहीं मम्मी, ऐसी कोई बात नहीं है , बस ऐसे ही पूछ रहा था, मै तो चाहता हूं आप हमेशा के लिए मेरे साथ सो ।
मम्मी _ जब हम दोनों को एक ही चारपाई पर लेटना है तो दूसरी चारपाई का क्या काम , इसलिए उसका बिस्तर भी रख दिया उठकर ।
मै_ फिर ठीक किया मम्मी ।
(मैने महसूस किया कि मम्मी ने ब्लाउज़ के ऊपर से एक हॉफ स्वेटर पहन रखा है ,जिससे उनके दूधों का उभार तो बहुत दिखाई दे रहा है पर ,टाईट इतना है कि हाथ से भी महसूस न हो , मैने अपने सिर मम्मी के सीने में लगाकर ये सब महसूस किया)
मै_ मम्मी, एक बात कहूं बुरा तो नहीं मानोगी।
मम्मी _कहो, बुरा क्यों मानूंगी ?
मै_ आपको गर्मी नहीं लग रही , एक तो हम दोनों इस कम्बल में लेते है,ऊपर से अपने स्वेटर भी पहन रखा है ,ये आपका स्वेटर मेरे सीने में काट रहा है ,शायद मोटा होगा ऊन का बना है , इसलिए ।
मम्मी _ अच्छा ,हां हो सकता है तुम्हारे सीने पर काट रहा हो ,रुको मै इसको निकाल देती हूं ।
(फिर मम्मी स्वेटर निकलने के लिए बैठी ,और मैने अपना एक हाथ मम्मी की कमर में डाल रखा था जिसको मम्मी ने हटाने की कोशिश भी नहीं की थी,और अपना स्वेटर निकलकर मेरी तरफ मुंह करके लेट गईं)
फिर बोली_ अब ठीक है अब नहीं काटेगा, निकाल दिया है।
मै_ हां मम्मी पहनने की जरूरत ही क्या थी आपको, लेटते टाइम, अब मत पहनना कभी भी ,सोने के टाइम पर ।
मम्मी _ ठीक है बाबा, गलती हो गई अब नहीं पहनूंगी आगे से ।फिर मम्मी मुझसे अपने काम के बारे में बाते करने लगी
मै_ मम्मी एक बात बताओ , पूछूं?
मम्मी _ पूछो, क्या बात है सब ठीक है ?
मै_ मम्मी हमारी डेयरी में जो 12 भैंसे हैं उनमें से एक भैंस के दो थन में दूध नहीं आ रहा है, और दोनों थन थोड़े साइज में बड़े भी हो गए हैं, ऐसा लगता है जैसे सूज गए हों ।
मम्मी _ हो सकता है किसी कीट या कीड़े ने काट लिया हो ,बाकी दोनों थनों में दूध ठीक से आ रहा है ?
मै _ हां मम्मी,बाकी दोनों में तो दूध भरकर आ रहा है।
मम्मी _ या हो सकता है भैंस को कोई दिक्कत हो ।
मै_ मम्मी क्या दिक्कत होगी , वो दोनों थन ऐसे भरे पड़े हैं जैसे दोनों में कब का दूध भरा हुआ हो और किसी ने हाथ तक नहीं लगाया हो। (ऐसा कहकर मम्मी के दोनों दूधो के बारे में सोचने लगा था जो मुझसे लगभग 2 3 इंच दूर थे)

मम्मी_ कितने दिनों से दूध नहीं निकाला है दोनों थनों में से।
मै_ मम्मी शायद 4 5 दिन हो गए हैं ,
मम्मी _ एक काम करना अभी उसका दूध हाथ या मशीन से मत निकालना, कोई बछड़ा हो तो उससे चुसवा देना, नहीं तो हाथ से निकलोगे तो दर्द होगा हो सकता है इस चक्कर में कही पैर वैर न मार दे ।
मै_ मम्मी भैंस का तो बछड़ा नहीं है पर जो गाय है उसका बछड़ा है , अगर वो दूध पी ले तो कोई दिक्कत?
मम्मी _ नहीं कोई दिक्कत नहीं , ऐसा इसलिए बोल रही हूं,क्योंकि जब जीभ से उसको थनों को पियेगा तो भैंस को भी अच्छा लगेगा और वो पीने भी देगी, वरना हाथ लगाकर हो सकता है उसे दर्द हो अच्छा न लगे , इसलिए कह रही हूं ।
मै_ (मैने मजाक में कहा) मम्मी मै ही अपने मुंह से उसके थनों का दूध पी लेता हूं , मेरी तो जीभ जानवर से भी ज्यादा नर्म है ।(इतना कहते ही मै मम्मी के पास जाकर चिपकने की कोशिश करने लगा और लन्ड में ऐसा करंट दौड़ रहा था जैसे अभी मम्मी के पेटीकोट को फाड़कर अंदर घुस जाएगा )
मम्मी _ अच्छा बहुत दूध पीने का मन है , जब मै पिलाती हूं तब नहीं पीते हो । बेटा जानवर का दूध जानवर ही पी पाते हैं ताकि उन्हें दूध पिलाते हुए अच्छा लगे , जैसे जब बच्चा होता है तो उनकी मां उन्हें दूध पिलाती है, और मां को भी सुकून मिलता है।
मै_ मम्मी, एक बात बताओ , आपने मुझे दूध पिलाया था अपना ?
मम्मी _ हां बिल्कुल , तूने मुझे दूध पिलाते हुए बहुत परेशान किया , तू दूध कम पीता था मुझे परेशान ज्यादा करता था ।
मै_ मम्मी कैसे परेशान करता था (इतना कहकर मै मम्मी से बिल्कुल चिपक गया और अपना चेहरा मम्मी के कान के पास जाकर , मम्मी के कान में बोलने लगा ) बताओ न मम्मी।
मम्मी _ रहने दे बचपन को बात है अब तू बड़ा हो गया है ।
मै_ तो क्या हुआ बड़ा हो गया हूं , हूं तो आज भी आपके लिए आपका प्यारा बेटा , बताओ न मम्मी ? प्लीज मम्मी आपको मेरी कसम?
मम्मी _ अरे इसमें कसम क्यों दे रहे हो , बताती हूं , जब भी मैं तुम्हे दूध पिलाती थी ,तुम मेरा दूध नहीं पीते थे और मुझे मेरे पेट पर चाटते थे , मै फिर से तुम्हे अपना दूध मुंह में देती थी तो तुम उसे पकड़ कर खेलते थे पीते नहीं थे ।

मै_ कैसे खेलता था मम्मी सही से बताओ न ।
मम्मी _ क्या करना है अब जानकार , अब तुम बड़े हो गए हो ?
मै_ मम्मी बताओ न , मेरी प्यारी मम्मी,ये कहकर एक किस मम्मी के कान के पीछे नेक के पास कर दी मैने , जिसमे मम्मी ने झटके के साथ आगे आकर अपना एक हाथ मेरे पीठ पर रख दिया और बोली
मम्मी_ जैसे अभी जिद दिखा रहे हो वैसे ही बचपन में करते थे , बार बार निपल को मुंह से निकालकर दोनों निपल को हाथ से मसलते थे , लेकिन जब पीने को कहती थी तो पीने का नाम से डर लगता था तुम्हे ।
मै_ मैने पूछा , मम्मी एक बात कहूं गुस्सा मत करना , ये जो आपके ब्रेस्ट हैं वो पहले भी इतने ही बड़े थे ,जितने आज हैं ।
मम्मी _ शायद मेरी इशारे को समझ गई और रुक कर बोली , नहीं पहले मेरे ये बहुत छोटे थे । ये तो तेरे पापा जब से गए हैं तब से ऐसे हो गए हैं , क्या हुआ ये सब क्यों पूछ रहा है?
मै_ नहीं मम्मी बस ऐसे ही।
मम्मी _ क्यों , अब क्या मै भैंस दिखती हूं ,या अच्छी नहीं लगती , एक बात तो है आदमी के मरने के बाद औरत श्रृंगार नहीं करती इसलिए ऐसी ही जाती है , तभी तो तुझे शायद मै अच्छी भी नहीं लगती होंगी।
मै_ नहीं मम्मी, ऐसा नहीं नहीं ,मुझे तो अब ऐसा लगने लगा है कि अगर अब आपसे एक दिन भी दूर रहूंगा तो ,मुझे चैन नहीं पड़ेगा , आप बहुत अच्छी हो मम्मी,और रही बात श्रृंगार की तो आपको कौन मना करता है आपको जो लगाना हो क्रीम पाउडर, वगैरह सब लगाओ ,देखे कौन क्या कहेगा आपसे ,।
मम्मी _ नहीं बेटा ऐसी बात नहीं है ,कहेगा तो कोई नहीं पर पीठ पीछे सब बोलते हैं कि आदमी है नहीं और कैसे बन टांके घूम रही है।
मै_ मम्मी पीठ पीछे तो लोग भगवान को भी गलियां देते हैं , आपको जो अच्छा लगे वो करो मै हमेशा आपके साथ खड़ा रहूंगा ।
मम्मी_ क्यों बिना मैकअप के तुझे मै अच्छी नहीं लगती , मै नहीं करूंगी।
मै_ मम्मी, चलो मत करना ,लेकिन एक काम तो कर सकती हो दिन में मत करो लेकिन शाम को तो मैकअप कर सकती हो आप , शाम को तो सिर्फ मैं ही देखूंगा आपको , आपको जो भी सामान चाहिए मेकअप का मै लाकर दूंगा आपको।
मम्मी _ क्यों जिद पर अड़े हो ?
(फिर मै मम्मी से अलग होकर , एक तरफ मुंह करके लेट गया जैसे उनसे गुस्सा हूं)
करीब 10 मिनट के बाद मम्मी मेरे पास सरक कर आई और धीरे से बोली_ क्या हुआ नाराज हो गया मेरा बेटा?
मैने कोई जवाब नहीं दिया
मम्मी _ ठीक है मेरे लाल ,जैसा तुम कहो मै वैसा करने को तैयार हूं , पर सिर्फ कल शाम को तुम्हारे खातिर मेकअप करूंगी ।अब ठीक है ।
मैने फिर से कोई जबाव नहीं दिया।
मम्मी _ अब क्या क्या अब तो बोलो , अब तो तुम्हारे मन की कर रही हूं , बताओ न बेटा , क्या हुआ , तुम्हे मेरी कसम।
मै_ मम्मी, कल शाम नहीं आप हर शाम को मेकअप करके रखा करो ,इससे आपका चेहरा भी खिलेगा और आपको भी अच्छा लगेगा ।बस कल नहीं आप रोज मेकअप करोगी न , आपको मेरी कसम ।
मम्मी _ तुम कसम बहुत जल्दी खिला देते हो , ठीक है कल से मै रोज शाम को मेकअप करूंगी सिर्फ तुम्हारे लिए , प्रॉमिस।
(फिर मम्मी ने मुझे गाल पर किस किया , मैने भी बदले में मम्मी को दोनों गालों पर पप्पी ली और लेट गया)
मै मम्मी को एक दुल्हन की तरह सपने में देखता रहा , जैसे वो तैयार होकर चोदने का इंतज़ार करती हो घर पर)
इस तरह हम दोनों की वह प्यार भरी रात एक दूसरे में लिपटकर गुजर गई