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Fantasy अदिति -एक अनोखी प्रेम कहानी

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Well-Known Member
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Awesome fantastic Mind-blowing update Bhai...
Ramnay sir bahut madad Kiya...
Bhairiye see v Bach nikle.mujhe lgta hai
Khai SE girkr wo dono Nadi pahuch gye hai .
Wait RAHEGA agle update ka.
 
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kamdev99008

FoX - Federation of Xossipians
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bahut badhiya brijesh bhai.....................

abhi lalit aur aditi talaab tak pahunch paye ya nahin....................

dekhte hain abhi aur kitni mushkilein unke samne ayeingi
 
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Naina

Nain11ster creation... a monter in me
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Bahot hi shandar kahani hain... sath hi unique bhi.... :applause: :applause:
Btw brijesh ji ek baat bataiye ki aditi urf ramya agar vampire thi toh insaan joh khana khata hai woh khana kaise kha leti thi....:hmm:
 
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Naina

Nain11ster creation... a monter in me
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Part 1 Update 26(Last Update 2)
"अदिति तुम्हे क्या हो रहा है , बाबा देखिये ना क्या हो रहा है अदिति को । " परेशान होते हुए ललित ने उसे पकड़ना चाहा ।

"तुम परेशान मत हो , उसे कुछ नही हुआ । वो अभी ठीक हो जायेगी । तुम्हारे रक्त से उसके रक्त का मिलन हो रहा है आखिर एक वैम्पायर और इंसान के रक्त का आपस में संपर्क स्थापित करना आसान नही है । उसे तकलीफ हो रही है और ये तकलीफ उसे सहनी ही होगी ।"

थोड़ी देर में ही अदिति की चीखे वहाँ उपस्थित सभी लोग के दिलो को दहलाने लगी। ये नजारा देख सभी दंग थे ।इस तरह से अदिति को देख ललित बहुत ही परेशान था । थोड़ी देर में ही अदिति नार्मल हो गयी और बेहवास सी जमीन पर बेसुध गिर पड़ी । ललित उसे उठाने के लिए भागा लेकिन मुखिया ने उसे रोक दिया ।

मुखिया उसके पास गए मन्त्र पढ़कर कुछ भभूति जैसी उसके ऊपर फेंकी तो अदिति को होश आने लगा। उस समय वो बहुत ही कमजोर और असहाय महसूस हो रही थी । किसी तरह वो संभलते हुए उठकर अपनी जगह बैठ गयी । मुखिया ने ललित को अदिति के समीप पर बैठने को कहा ।

मुखिया ने अदिति और ललित को अपना हाथ आगे बढाने को कहा और दोनों की उंगली को जिसपर कट का निशान था एक दूसरे के ऊपर रखते हुए एक धागे से बांध दिया और कुछ मंत्रोउच्चारण करने लगे।

" तुम दोनों का आपस में रक्तमिलन हो चूका है अब तुम्हे अदिति से कोई नुकसान नही होगा और अदिति तुम्हे ललित को किसी भी परिस्थिति में देखकर खुद पर काबू हो जायेगा । तुम दोनों एक साथ सामान्य जीवन बिता सकते हो । " दोनों को समझाते हुए मुखिया ने कहा ।

"आपका बहुत बहुत धन्यवाद , हम दोनों के प्यार को एक करने के लिए । हम सदा आपके आभारी रहेंगे। " अदिति और ललित हाथ जोड़ नतमस्तक होते हुए कहा। वहाँ उपस्थित सभी लोग बहुत खुश थे । एक अनोखा रिश्ता बना था आज एक इंसान और वैम्पायर के बीच , एक ऐसा प्यार जो शायद सदियों तक याद किया जायेगा ।

"लेकिन तुम दोनों को खासकर ललित तुम्हे कुछ बातों का ध्यान रखना होगा वर्ना समस्याएं आ सकती है।" मुखिया ने उन्हें कहा।

"हा बताइये बाबा , मै अदिति के लिए सब कुछ करूँगा। "

"एक इंसान और वैम्पायर के बीच कोई भी समानता नही है एक आग है तो दूसरा पानी । ललित तुम्हारा तुम् एक इंसान हो तुम्हारा जीवन साधारण होगा लेकिन अदिति का जीवन साधारण नही है । वो एक जिन्दा इंसान नही है मेरी पूजा पाठ ने उसे काफी कुछ बदलाव कर दिए है लेकिन फिर भी तुम्हे कुछ प्रक्रिया काफी समय तक करनी होगी । तुम्हे 60 पूर्णमासी को पूरे चाँद की रोशनी में अपने रक्त की एक बूंद से अदिति के माथे पर तिलक करना होगा जिससे तुम्हारा रक्त मिलन मजबूत होता रहेगा तुम्हारे प्यार की तरह । कभी अदिति को ज्यादा देर भीड़ भाड़ की जगह पर मत रखना । कभी किसी वजह से अगर इस पर वैम्पायर प्रकृति हावी होने लगे तो याद रखना सिर्फ तुम्ही इसे काबू कर सकते हो । तुम दोनों आपसी प्यार समझ और विश्वास के साथ जीवन यापन कर सकते हो ।"

"आप निश्चिंत रहिये बाबा , मै अदिति का पूरा ख्याल रखूँगा और इसे कभी कोई तकलीफ नही होने दूंगा । इस पर कभी भी इसका वैहशीपन हावी नही होने दूंगा। "

"ठीक है अब तुम् दोनों जा सकते हो और अपनी जिंदगी नये सिरे से शुरू कर सकते हो । हम सभी बहुत खुश है।"
ललित अदिति को लेकर घर आ गया और वो दोनों अपने प्यार को पाकर बहुत खुश थे । दोनों को जैसे एक नई जिंदगी मिल गयी हो । दोनों का प्रेम रोज नए आयाम को छु रहा था । ललित अदिति का पूरा ख्याल रखता था और मुखिया की बताई बिधि को समय से पूरा करने का पूरा ख्याल रखता था । एक इंसान और वैम्पायर के प्रेम की अनोखी दास्तान पूरी हो चुकी थी ।

हमें लगता है कि ये दास्तान पूरी हो चुकी है लेकिन अभी तो ये शुरुआत है । मिलन जितना कठिन था उससे भी कही ज्यादा आगे आने वाली चुनोतियों का सामना करना। अभी तो ना जाने दोनों को कितनी मुस्किलो का सामना करना पड़ सकता है क्योंकि एक इंसान और वैम्पायर क्या जीवन भर साथ रह सकते है ? एक की मौत निश्चित है और दूसरा तो मौत को पार कर चुका है । क्या हर जरुरत पूरी हो सकती है ? या फिर प्यार उनकी हर कमी और जरुरत को पूरा कर देगा । इस कहानी का ये एक अधूरा अध्याय है ।

समाप्त


इस कहानी का नया अध्याय " प्यार की एक अनोखी दास्तान " नाम से जल्दी ही शुरू होगी ।
So finally sabhi muskilo ko paar kar dono ek ho gaye....
Par sayad kahani abhi khatam nahi huyi ...
Wonderful story with awesome writing skill... :applause:
 
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Naina

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अपडेट 1 पार्ट 2
" आप ठीक तो है ना , अब सब ठीक है । वो वापस नही आएंगे । आप घर जाइये । कहाँ है आपका घर ?"
" यही थोड़ी दूर पर है ।"

" ओके , अब आप निश्चिन्त होकर घर जा सकती है , घबराने की कोई जरुरत नही है। कहिये तो मै आपको छोड़ दू घर तक ।"

" नही मै ठीक हूँ , चली जाऊंगी " कहते हुए वो आगे बढ़ती है लेकिन संभल नही पाती और गिरने लगती है तभी वो अजनबी उसे पकड़ लेता है । पत्थर से टकरा कर गिरने से उसके पैर में चोट लग गयी थी और उसे मोच आ गयी थी और उससे सीधे खड़े भी नही हुआ जा रहा था ।

"आप परेशान मत होइए , आप घर बताइये मै आपको घर तक छोड़ देता हूँ ।" अपने कंधे का सहारा देकर वो उस लड़की को लेकर चलता है लेकिन उसे चलने में परेशानी हो रही थी बहुत मुश्किल से उसके कदम बढ़ रहे थे और उसे बहुत दर्द हो रहा था । उसने उस लड़की के चेहरे की तरफ देखा और उसके दर्द को महसूस करते हुए वो उसे अपनी बाहों में उठाकर चलने लगता है । उस लड़की के मुँह से एक भी शब्द नही निकले और वो बस उसे देखे जा रही थी । बिजली के कड़कने से जो रोशनी हो रही थी उसमें उस अजनबी का चेहरा बहुत ही आकर्षक सा लग रहा था । आँखों में एक अजब सी चमक थी और एक सुकून सा चेहरे में नजर आ रहा था । वो चाहती थी कि एक बार वो उसकी तरफ देखे लेकिन अजनबी ने उसकी तरफ एक नजर उठाकर भी नही देखा ।

"कहाँ है आप का घर ? " उसकी आवाज से ही उसकी जैसे वो किसी नींद से जागी हो । वो तो जैसे उसमे खो सी गयी थी ।

" बस यही पर रुक जाइये " एक घर के सामने ही पहुँचकर बोली। उस लड़की को घर के सामने ही उतार कर घर की बेल बजा दिया ।

" मेरा नाम श्रेया है और आपका नाम ।" उसकी तरफ देखते हुए बोली लेकिन उसने कोई जवाब नही दिया । तब तक घर का दरवाजा खुला और सामने अपनी माँ को देखते ही उनसे लिपट गयी ।

" क्या हुआ बेटा , कहाँ रह गयी थी और तुम तो पूरा भीग गयी हो । ये तुम्हारे पैर में क्या हो गया ।" सही से चलते हुए ना देखकर माँ ने पूछा।

माँ अंदर चलो बताती हूँ । इनसे मिलो आज इन्होंने ही मुझे बचाया है " कहते हुए वो पीछे पलटी तो वहाँ कोई नही था ।
" अरे कौन बेटा , किसको देख रही हो ।"
" माँ वो "
" कौन वो "
"अरे जिसने मुझे यहाँ तक पहुँचाया ।"
" यहाँ तुम्हारे सिवा कोई नही था बेटा ।"
"अभी उसी ने तो घर की बेल बजायी ।"
"बेटा जब मैने दरवाजा खोला तो यहाँ कोई नही था । चलो अच्छा अब अंदर आ जाओ।"
" पता नही कौन था ? कहाँ रहता है ? अपना नाम भी नही बताया । मै उसे धन्यवाद भी नही कह पायी । एक फरिस्ते की तरह आया और गायब हो गया ।" मन ही मन सोचते हुए उसके ख्यालो में खोयी वो घर के अंदर आ गयी ।

क्रमशः
Lagta hai ye ajnabee Lalit aur aditi ka beta hain....
Brilliant update with awesome writing skill :applause:
 
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Naina

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अपडेट 3 पार्ट 2

" मुझे पता था , पूरा यकीन था । मेरा दिल कभी झूठ बोल ही नही सकता । अच्छा फिर तबसे झूठ क्यों बोल रहे थे । तुम्हारा नाम क्या क्या है ? और उस दिन वह से गायब क्यों हो गए थे और ..........."

" अरे बस ,ये सब बातें बाद में पूछ लेना । अभी चलो यहाँ
से ।" कहते हुए वो थोड़ा जोर से चिल्लाया।

नही पहले बताओ मुझे अभी " श्रेया ने भी बच्चो की तरह जिद की । तभी छत से एक बड़ा टुकड़ा श्रेया के ऊपर गिरने लगा तो उसने बड़ी मुश्किल से रोका और दूसरी तरफ फेक दिया ।

" तुम ऐसे नही मानोगी । " कहते हुए उसने श्रेया को अपनी गोद में उठाकर बाहर की तरफ जाने लगा ।

" उतारो मुझे , उतारो पहले बताओ तुम्हारा नाम क्या है ? वरना मै नही जाऊंगी ।

" चुप हो जाओ अब वरना नही आग में छोड़ के चला जाऊंगा , फिर अच्छे से मरना । " एकदम से चिल्लाकर कहा तो श्रेया एकदम से सहम गयी और अपने ओठो पर अंगुली रख कर चुप हो गयी और रोने के जैसे नाटक करने लगी ।

" अगर मरने का शौक हो तो फिर से चली जाना । " हॉल के बाहर उतारते हुए उसने श्रेया से कहा और पलटकर जाने लगा ।

" प्लीज अब तो बता दो ना कौन हो तुम क्या नाम है ? मुझे तुमसे बहुत सी बातें करनी है। " थोड़ा रिक्वेस्ट करते हुए श्रेया उदास हो रुआँसी सी होकर बोली । उसके ऐसा बोलने पर वो श्रेया की तरफ पलटा ।

" मेरा नाम आदित्य है और बस इतना ही जानना तुम्हारे लिए काफी है ।"

और.............." इससे पहले श्रेया कुछ और पूछती आदित्य ने उसके मुँह पर अपनी अंगुली रख कर उसे चुप करा दिया और फिर वहां से एक पल में ही आँखों से ओझल हो गया । श्रेया कुछ भी नही बोल पायी वो एक बुत दी बनी उसे बस जाते हुए देखती रही । उसे अभी भी महसूस हो रहा था जैसे आदित्य के हाथ की अंगुली अभी भी उसके मुँह पर रखी हुई हो ।अब भी उसके सभी प्रश्न अधूरे ही रह गए थे और वो बस एक शून्य में उसके ख्यालो में फिर से मिलने की उम्मीद लिए खड़ी थी।

क्रमशः
hmm yani aditi ki future dekhne wali gun birashat mein mila hain Aditya ko....
Wonderful update :applause:
 
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Naina

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Update 10 Part 2


"अदिति लग रहा कोई हमारा पीछा कर रहा है ।" कहते हुए ललित पीछे की तरफ देखने लगा।

"कोई तो नही है ललित , तुम्हे ऐसे ही लग रहा होगा । " अदिति भी देखते हुए बोली।

"पता नही क्यों लेकिन मुझे लगा । खैर छोड़ो समय कम है आगे चलते है । " कहते हुए वो दोनों थोड़ा ही आगे बढे , कि उन्हें लाल लाल आँखे चमकती हुई दिखाई दी

" अरे ललित ये तो भेड़िये है इन्होंने हमें चारो ओर से घेर लिया है अब हम क्या करेंगे । काश मेरे अंदर शक्ति होती तो......

"कोई बात नही अदिति हम इससे भी बच कर निकल जाएंगे।"

"लेकिन कैसे यहाँ से तो भाग के हम जा भी नही सकते।"

"तुम परेशान मत हो मै जैसे ही कहुँ तुम यहाँ से भागना "

लेकिन , मै तुम्हे छोड़ के यहाँ से नही जाऊंगी।"

" लेकिन वेकिन कुछ नही जो कहा है वो करना ।"

" कहते हुए वो बैग से एक पट्टी लपेटी मशाल निकालकर उसमे आग लगाने लगता है तभी वो भेड़िये उन दोनों की तरफ बढ़ने लगते है । ललित तरंत ही मशाल जलाकर उन भेड़ियों की तरफ बढा उन्हें दूर करने करने का प्रयास करता है और अदिति से वहाँ से निकलने को कहता है लेकिन अदिति उसे छोड़कर जाने को तैयार नही होती।

" अदिति तुमसे बोला ना जाओ आगे मै आता हूँ।"


"मै तुम्हारे साथ ही जाऊंगी, अकेले छोड़ कर नही जाऊंगी।" कहते हुए अदिति ललित का हाथ और जोर से पकड़ लेती है। तभी ललित एक धुंए बम निकाल कर उसे जला देता है जिससे कुछ वक्त के लिए भेड़ियों को गुमराह किया और दोनों वहाँ से तेजी से भागते है । कुछ भेड़िये उनका पीछा करते है तो ललित भागते हुए भी मशाल से उन्हें ख़ुद से दूर करते हुए अदिति को सँभालते हुए तेजी से दौड़ता है। किसी तरह खुद को बचाते बचाते वो भागते भागते एक पेड़ की डाल से टकरा जाते है और एक खायी में गिर जाते है। उनकी आंखें बंद हो जाती है और वो चिल्लाते हुए नीचे की तरफ गिरते है। गिरते ही वो चौक जाते है.....

क्रमशः
hmm lagta hai dono talab tak pahunch gaye hain
Let's see what happens next
Brilliant update... Great going :applause:
 
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