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Fantasy अदिति -एक अनोखी प्रेम कहानी

Hellohoney

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Bhot behtarin bhai aakhir aditi ne apni kahani batadi or pyarka ijhar bhi karliya lekin ekdin kya hogaya bhai waiting for next update
 
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Suryaa

सुन, हमसे कायदे में रहोंगे, तो फायदे में रहोगे😎।
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Wating birjesh bhai

and
mai aapsi aur yaha story pdne waalo si kahana chuga ki meri bhi kuch stories es website par chle rahi hi
me bhai ki tarah expert to nahi hu....par apni taraf si try kar raha hu...so aap sabhi vo stories bhi jarur pdna aur apni comment karna na bhulna
aur jaha mujhe aur dhyan dena chahiye vo bhi batana
My threads are
1. Naam ek Rupe Anek
2. Aaladin- Naam to suna hoga
3. Boss
 
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Brijesh

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अगला अपडेट कल दूँगा जिसमें कुछ हिंट मिलेगा अदिती के बारे में।
 
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Brijesh

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Part 1 Update 7
अदिति के ललित से अपने प्यार के इजहार करने बाद ललित भी खुद को रोक नही पाया और उसे अपने आगोश में भर लिया। मन ही मन वो भी अदिति को प्यार करने लगा था लेकिन कभी बता नही पाया।
"अदिति तुम्हे घबराने की जरा सी भी जरुरत नही है । मै तुम्हारे साथ हूँ और हमेशा तुम्हारे साथ रहूँगा। इतने दिन तुम मेरे साथ रही । मुझे खुद ही नही पता चला कि मै तुम्हे पसंद करने लगा और ये पसंद कब प्यार में बदल गयी। कभी कभी सोचता था ठीक होने के बाद तुम अपने घर चली जाओगी , तो ये सोचकर मेरा मन कितना घबरा जाता था तुम्हे बता नही सकता। " कहते हुए अदिति को अपने से अलग किया और खुद जमीन पर बैठकर अदिति की गोद में सर रख लिया। अदिति भी बड़े प्यार से ललित के बालों को सहलाने लगी । ऐसा लग रहा था दोनों को सारे जहान की खुशियाँ मिल गयी हो। ललित को भी पहले प्यार का एहसास हुआ था ।
"अदिति मुझे कभी छोड़ के तो नही जाओगी ना। मै अब तुम्हारे बिना नही रह सकता । तुम भी जरुरत और जिंदगी दोनों बन चुकी हो । जिसके बिना रहने की कल्पना ही मुझे अंदर तक झखझोड़ देती है।"
"कभी नही जाउंगी तुम्हे छोड़कर । मै भी तुम्हे बहुत प्यार करती हूँ ।" कहते हुए दोनों की आँखों में आंशू आ गए । ये ख़ुशी के आँशु थे जो दोनों को प्यार के एहसास की अनुभूति के कारण आये थे।
"अच्छा सुनो , क्यों ना हम आज के दिन को यादगार दिन बनाते है। बोलो तुम्हारा ख्याल है?
"ख्याल तो अच्छा है लेकिन क्या और कैसे करेंगे।"
"वो सब तुम मुझपर छोड़ दो । बस देखती जाओ क्या करता हूँ। " कहते हुए ललित कुछ सोचने लगा।
"क्या सोच रहे हो बताओ तो सही "
"कुछ नही ,ऐसा करो तुम जाकर अच्छे से तैयार हो जाओ । तबतक मै कुछ इंतजाम करता हूँ । लेकिन हाँ जबतक मै ना कहूँ , कमरे के बाहर मत आना । मै थोड़ा बाहर जा रहा हूँ।"
"ठीक है ।, लेकिन बाहर किसलिए । कहाँ जा रहे हो ।"
"आकर बताता हूँ , बस तुम अच्छे से तैयार हो जाना और सुनो तुम वो वाली साड़ी पहनना ।
" हाँ " में सर हिलाते हुए वो कमरे में चली गयी और ललित घर के बाहर कुछ सामान लेने चला गया । कुछ ही देर में वो कुछ सामान लेकर आया और दूसरे कमरे को सजाने लगा ।

"अच्छा मै आ जाऊ बाहर "
"नही एक मिनट रुको ।"
"हा अब आओ " कुछ ठीक करते हुए बोला।
अदिति कमरे से बाहर आई उसे देखते ही ललित के होश उड़ गए। साधारण से नयन नक्स वाली अदिति तो आज क़यामत लग रही थी। एक ही नजर में ऊपर से नीचे निहार लिया । उसने हल्की गुलाबी रंग की साड़ी , हाथों में गुलाबी चूड़ियां पहनी थी । खुले लंबे हवा में लहराते हुए बाल उसके गोरे गोरे गालो को छूते हुए उसका चेहरा ऐसा लग रहा मानो बादलो से बीच से सूरज की किरणें झांक रही हो और फैलने को आतुर हो रही हो। गले से पड़ी पतली सी सफ़ेद मोतियों की माला मानो कोई बंधन हो जिसमें दिल बंधना चाहता हो । झील सी गहरी कजरारी आँखे ,कोई भी उसमे डूब जाय। साड़ी का उड़ता हुआ पल्लू सागर की लहरों का आभास कराती। ऐसा लग रहा स्वर्ग से उतरी हुई कोई अप्सरा हो। ललित उसे देखकर एक पल के लिए खो सा गया था जैसे किसी स्वप्लोक में चला गया हो तभी अदिति के बोलने पर जैसे उसकी निंद्रा टूटी हो ।
"ऐसे क्या देख रहे हो । मै अच्छी तो लग रही हूँ ना।"
'बहुत अच्छी लग रही हो । "
अब बताओ क्या करना हैं।

ऐसे नही रुको पहले " कहते हुए ललित अपने दोनों हाथों से अदिति को आँखों को ढक लिया ।
"अब जहाँ मै ले चालूँ बिना कुछ बोले चलो ।"
'लेकिन कहाँ ले जा रहे हो।"
"आओ तो पहले " कहते हुए वो उसे उसी कमरे में ले गया , जहाँ पर उसने सजाया था । कमरे में बीचोबीच उसने अदिति को खड़ा कर दिया ।

"अब तुम अपनी आंखें खोलो ।" कहते हुए उसने अदिति की आँखों से अपना हाथ हटा लिया और थोड़ा पीछे हट गया । आँखे खोली तो देखा पूरा कमरा मोमबत्ती की रौशनी से जगमगा रहा था और हल्का हल्का सा चल रहा मधुर संगीत ने प्रेममय वातावरण बना दिया था । अदिति ये सब देख बहुत ही आनंदित हो गयी । जैसे ही वो ललित की तरफ मुड़ी पंखे के हौले से चलने से उसके ऊपर फूलो की बरसात होने लगी । उसे देख वो ख़ुशी से किसी छोटे बच्चे की तरह दोनों हाथ फैला ख़ुशी से झूमने लगी । इस हसीं पल की तो शायद कभी कल्पना ही नही की होगी उसने । जैसे उसे जीवन की हर ख़ुशी मिल गयी हो। ललित से म्यूजिक थोड़ा तेज किया और अदिति के पास आ कर एक दूसरे की बाहों में बाहे डाल डांस करने लगे ।थोड़ी देर बाद ललित अपने गुठनो पर बैठकर हाथ से उसे लाल गुलाब का फूल देते हुए अपने प्यार का इजहार किया।
"आई लव यू अदिति "
"लव यू टू " कहते हुए उसने ललित को उठाकर गले से लगा लिया । उसकी आँखों ने आंशू आ गए।

"पगली रो क्यों रही है " अदिति के आंशू पोछते हुए बोला।

"रो नही रही हूँ , ये तो खुशी के आंशू है। ये मेरे जीवन का सबसे हसीन और यादकर पल है। मैने सपने में भी कभी इस पल की कल्पना नही की थी । तुमने मुझे जो ख़ुशी दी है उसका एहसान तो इस जनम मे नही चूका पाऊँगी ।"

"पागल है क्या , मेरे प्यार को एहसान का नाम मत दो। ये तो एक एहसास है जो हम दोनों ने महसूस किया है। हमने तो अपने प्यार के इजहार को एक यादगार पल बना दिया है जो कभी हमारे प्यार को कम नही होने देगा ।"
"अदिति प्लीज कभी मुझे छोड़कर मत जाना। वादा करो नही जाओगी। मै तुम्हारे बिना अधूरा हूँ।"
"पक्का नही जाऊंगी , कभी नही जाऊंगी ।" दोनों की आँखे नम हो गयी। दोनों कभी एक दूसरे से अनजान आज एक दूसरे की जिंदगी बन गए थे।

"अदिति मै कल ही माँ से बात करके तुम्हारे बारे में बताता हूँ । फिर हम दोनों शादी कर लेंगे और हमेशा के लिए एक हो जायेंगे । हमें कभी कोई अलग नही कर पायेगा।" बिस्तर पर लेटते हुए ललित बोला।

"हाँ , लेकिन तुम्हारी माँ मुझे पसंद तो करेगी ना।"

"पागल है क्या , मेरी माँ बहुत अच्छी है । मेरी ख़ुशी से ज्यादा उसके लिए कुछ भी मायने नही रखता है । मेरी ख़ुशी में ही उसकी खुशी है । चलो अच्छा सो जाओ बहुत रात हो गयी है । आज वो दोनों एक ही बिस्तर पर थे बस दोनों के बिच में तकियों की दीवार थी । दोनों प्यार के एहसास से जुड़े बाते करते रहे और पता ही नही चला कब नींद के आगोश में सो गए ।
 

Brijesh

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Part 1 Update 8
नया दिन नवीन सवेरा आज कुछ अलग ही महसूस हो रहा था । मन में नए उमंग नयी तरंग लिए एक सपने को साकार करना चाहते थे । आज दोनों ही बहुत खुश थे । रोज की तरह ललित अपने ऑफिस चला गया और अदिति ख़ुशी ख़ुशी गाना गाते हुए घर को संवारने में लगी थी । तभी ड़ोरवेल बजी ........

"अरे आज ललित इतनी जल्दी ऑफिस से आ गया । क्या हो गया उसे " सोचते हुए अदिति दरवाजा खोलने गयी । जैसे ही उसने दरवाजा खोला , दरवाजे के बाहर खड़ी दो औरतों को देखकर उसकी आँखों में ख़ुशी की चमक आ गयी लेकिन मन ही मन ललित से दूर जाने का डर सताने लगा।

क्रमशः

 

Brijesh

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Part 1 Update 9
अब तक आप ने पढ़ा
ललित और अदिति को अपने प्यार का एहसास हो चूका था । दोनों ही बहुत खुश थे , जैसे ज़माने की सारी खुशियाँ उनकी झोली में आ गयी हो । अगले दिन ललित ऑफिस चला गया और अदिति घर को संवारने में लग गयी । तभी दरवाजे की डोरवेल बजती है । अब उसके आगे

"अभी थोड़ी देर तो हुई है ललित को गये । इतनी जल्दी तो वो आयेगा नही , फिर कौन आ गया । " मन ही मन सोचते हुए अदिति दरवाजे की तरफ बढ़ गयी और दरवाजा खोलते ही सामने खड़ी दो औरतों को देख उसकी आँखों में चमक आ गयी ।

"अरे माँ तुम यहाँ और मासी तुम " कहते हुए उनके गले लग गयी ।
"हा ,मेरी बच्ची मै हूँ। अब क्या यही खड़ी रहेगी । अंदर नही ले चलोगी क्या। मासी ने हँसते हुए बोला।

"तुमसे इतने दिन बाद जो मिली हूँ , तो सब कुछ भूल गयी। आओ माँ अंदर बैठो । कितनी सारी बाते करनी है मुझको " कहते कहते रुआँसी सी माँ के गले लग रो पड़ी।

"अरे मेरी बच्ची रोटी क्यों है । मै आ गयी ना ।"
" माँ लेकिन तुम्हे पता कैसे चला कि मै यहाँ हूँ।"
" कितने दिनों से तुम्हे ढूढ रही थी । अब जाकर पता चला तुम्हारा । पता है मै कितनी परेशान थी । पता नही कहाँ और किस हाल में मेरी बच्ची होगी।"
"मै ठीक हूँ माँ , मुझे यहाँ कोई परेशनी नही है।
" लेकिन बेटा तुम यहाँ पहुची कैसे और उससे बची कैसे।

"आपको तो पता है ना उस समय हम सभी के साथ जो हुआ। सब इधर उधर भागने लगे थे । उसने मुझे कैद कर लिया था और बहुत तकलीफे दी । मुझे कैद करके वो आप सभी को मजबूर करने चाहता था लेकिन उसकी एक छोटी बेटी बहुत ही नरम स्वभाव की थी उसने मुझे आजाद किया और उसकी ही मदद से मै वहाँ से भागने में कामयाब हो गयी थी लेकिन उसे पता चल गया और वो मेरा पीछा करने लगा । मै बहुत डरी और सहमी बस उससे बच कर भागी जा रही थी । मुझे नही पता मै कहाँ से कहाँ पहुच गयी । भागते भागते मै पूरी तरह थक गयी थी । अँधेरा भी हो चुका था । मै रास्ता भटक गयी थी ।बहुत खोजने की कोशिश की लेकिन नही किसी को मिल पाई। जब मेरी हिम्मत जवाब दे दिया तो फिर वही एक पेड़ के बैठ गयी । मुझे बहुत चोट लगी थी और बहुत दर्द हो रहा था । तभी ललित उधर से गुजर रहा था । उसने मुझे उठाया , मुझे सहारा दिया और अपने घर लेकर मेरी देखभाल की । ये ललित का ही घर है माँ। माँ ललित बहुत अच्छा इंसान है । वो मेरा बहुत खयाल रखता है।
"चलो कोई नही , जो हो गया बीता समय समझ के भूल जाओ चलो घर चलो । तुम्हारे बाबा और भाई भी बहुत परेशान हो रहे थे , पता नही किस हाल में होगी तुम्हे सही सलामत देखकर वो बहुत खुश होंगे। अब कभी हम उस जगह नही जायेंगे ।"

" ठीक है माँ , चलती हूँ । " कहते हुए वो अपनी माँ और मासी के साथ जाने लगती है लेकिन दरवाजे के आगे एक कदम बढ़ाते ही उसके कदम रुक जाते है।

"क्या हुआ बेटी , रुक क्यों गयी ।"
"माँ मै नही जा सकती ।"
"क्यों क्या हुआ।"
"माँ मैने ललित से वादा किया है , मै उसे कभी छोड़ के नही जाऊंगी।"
"तुम पागल हो गयी हो क्या , तुम्हे पता भी है तुम क्या कह रही हो। ये तुम्हारी जगह नही है।"

" हाँ माँ मै उससे प्यार करती हूँ और वो भी मुझसे उतना ही प्यार करता है । हम दोनों एक दूसरे की बिना नही रह सकते। हम दोनों जल्द ही शादी करने वाले है ।"
"तुम्हारा दिमाग खराब हो गया है क्या , तुम्हारी और उसकी शादी नही हो सकती ।"
"क्यों नही हो सकती माँ । प्यार कुछ नही देखता।"

"तुम्हे पता है जो तुम जो करने की सोच रही । वो नामुमकिन है। इसका अंजाम बहुत ही भयानक होगा।"

"माँ मैने फैसला ले लिया , अब कुछ भी हो मै ललित का साथ कभी नही छोड़ सकती। मै उससे बहुत प्यार करती हूँ, उसके बिना नही रह पाऊँगी । " कहते कहते रोने लगी और वही जमीन पर बैठ गयी।
"रो मत मेरी बच्ची, तू बहुत भोली है । तुम इन इस दुनिया के लोगो से बेखबर है । इन सबके बारे में नही जानती ।ये सब बहुत ही मतलबी और मौकापरस्त होते है ।"

"नही माँ लालित ऐसा नही है । इतने दिनों में ही उसने मुझे दुनिया की हर ख़ुशी दे दी ।"
"अच्छा ये बताओ , क्या ललित तुम्हारी सच्चाई जनता है। कि तुम कौन हो और कहाँ से आयी ।"
"नही माँ उसे मेरे बारे में कुछ नही पता।"
"तो उसने पूछा भी नही क्या।"
"पूछा था लेकिन मैंने उसे एक झूठी कहानी सुना दी थी।"
"और उसने यकीन कर लिया "

"हाँ माँ , बताया ना । वो बहुत अच्छा है , दिल का एकदम साफ । एक छोटे बच्चे की तरह मेरा ख्याल रखा । मुझे चोट लगी थी और पूरी रात में सिरहाने बैठा रहता था ।"

तुमने सोचा है , जब उसे तुम्हारी सच्चाई पता चलेगी तो क्या होगा । प्यार करना तो दूर वो तुमसे नफरत करेगा और तुम्हे अपने घर से जिंदगी से निकाल फेकेगा।"



 

Brijesh

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Part 1 Update 10
"नही माँ वो ऐसा कुछ नही करेगा । मुझसे बहुत प्यार करता है । और मै उसे कभी पता ही नही चलने दूँगी । ये राज सिर्फ एक राज बनकर ही रहेगा।"
"कैसे छुपाओगी और कब तक छुपा पाओगी अपनी
सच्चाई ।"
"अगर ये सच्चाई मुझे उससे दूर करेगी तो हमेशा
छुपाउंगी । माँ मै उसे खोना नही चाहती।"

"2 दिन बाद आने वाली पूर्णमासी की आधी रात को तुम्हारी सच्चाई उसके सामने आ जायेगी। तब क्या जवाब दोगी।"

"ये सुनते ही अदिति की रूह कांप गयी लेकिन वो कुछ जवाब नही दी । उसे इस बात का जरा भी भान नही था ।
"क्या हुआ बोला तब क्या करोगी।" माँ ने उसे झिझोड़ते हुए पूछा।

"मुझे नही पता माँ मै क्या करुँगी , लेकिन मै उसे अपनी सच्चाई पता नही चलने दूँगी।"
"लेकिन बेटा तुम्हारे सामने बहुत तकलीफे आएंगी । तुम्हारे बाबा और भाई भी इसके लिए राजी नही होंगे। "
माँ मेरी चिता मत करो । मै सब संभाल लुंगी । बस तुम बाबा और भाई को मेरे बारे में या इस जगह के बारे में मत बताना ।
माँ और मासी से उसे समझाने और अपने साथ ले जाने की बहुत कोशिश की लेकिन वो अपनी बात से टस से मस तक नही हुई।

"जैसी तुम्हारी मर्जी ।अपना ख्याल रखना मेरी बच्ची ।" कहते हुए आँखों में आंशू लिए वो दोनों वहाँ से चली गयी।

2 दिन अदिति बहुत परेशान रही । उसे समझ नही आ रहा कि वो क्या करे । ललित उसे उदास देखकर उसे भी कुछ अच्छा नही लगता था । बार बार पूछने पर भी उसने कुछ नही बताया ।
आखिर पूर्णमासी की रात आ गयी । अदिति बेचैन सी इधर से उदर चहलकदमी कर रही थी । ललित से उसकी बेचैनी देखि नही जा रही थी।
"अदिति मुझसे प्यार करती हो ना "
"हाँ "
"कितना करती हो"
"खुद से भी ज्यादा "
"फिर बताओ क्या बात है , जो तुम्हे इतना परेशान कर रही है । दो दिन से तुम्हे ऐसे ही परेशान देख रहा हूँ। पूछता हूँ फिर भी कुछ नही बताती हो।"
"अच्छा सुनो , मेरे लिए एक काम करोगे ।"
"हाँ बोलो , मै तुम्हारे लिए कुछ भी कर सकता हूँ।"
"मुझे आइसक्रीम खानी है , वो भी अभी ।"
"अरे ये कैसी जिद है । ठंड में इतनी रात में आइसक्रीम कहाँ मिलेगी।"

"नही मुझे अभी खानी है ।चाहे जहाँ से लाओ । मुझे चाहिए तो बस चाहिए । " एक छोटे बच्चे की तरह जिद कर रही थी।
"अच्छा बाबा ठीक है । मै कही से भी लेकर आती हूँ। अब तो मुस्कुरा दो मेरी प्यारी अदिति ।" कहते हुए ललित चला गया ।

क्रमशः
 

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Bhai aajhi saspens kholdena aakhir aditi he kya waiting for next update
 
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Brijesh

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अगले 4 अपडेट में क्लियर हो जाएगा ।
 
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Brijesh

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1 या 2 दिन में अपडेट आ जायेगा ।
 
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