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Fantasy अदिति -एक अनोखी प्रेम कहानी

Assassin

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Part 1 Update 10
"नही माँ वो ऐसा कुछ नही करेगा । मुझसे बहुत प्यार करता है । और मै उसे कभी पता ही नही चलने दूँगी । ये राज सिर्फ एक राज बनकर ही रहेगा।"
"कैसे छुपाओगी और कब तक छुपा पाओगी अपनी
सच्चाई ।"
"अगर ये सच्चाई मुझे उससे दूर करेगी तो हमेशा
छुपाउंगी । माँ मै उसे खोना नही चाहती।"

"2 दिन बाद आने वाली पूर्णमासी की आधी रात को तुम्हारी सच्चाई उसके सामने आ जायेगी। तब क्या जवाब दोगी।"

"ये सुनते ही अदिति की रूह कांप गयी लेकिन वो कुछ जवाब नही दी । उसे इस बात का जरा भी भान नही था ।
"क्या हुआ बोला तब क्या करोगी।" माँ ने उसे झिझोड़ते हुए पूछा।

"मुझे नही पता माँ मै क्या करुँगी , लेकिन मै उसे अपनी सच्चाई पता नही चलने दूँगी।"
"लेकिन बेटा तुम्हारे सामने बहुत तकलीफे आएंगी । तुम्हारे बाबा और भाई भी इसके लिए राजी नही होंगे। "
माँ मेरी चिता मत करो । मै सब संभाल लुंगी । बस तुम बाबा और भाई को मेरे बारे में या इस जगह के बारे में मत बताना ।
माँ और मासी से उसे समझाने और अपने साथ ले जाने की बहुत कोशिश की लेकिन वो अपनी बात से टस से मस तक नही हुई।

"जैसी तुम्हारी मर्जी ।अपना ख्याल रखना मेरी बच्ची ।" कहते हुए आँखों में आंशू लिए वो दोनों वहाँ से चली गयी।

2 दिन अदिति बहुत परेशान रही । उसे समझ नही आ रहा कि वो क्या करे । ललित उसे उदास देखकर उसे भी कुछ अच्छा नही लगता था । बार बार पूछने पर भी उसने कुछ नही बताया ।
आखिर पूर्णमासी की रात आ गयी । अदिति बेचैन सी इधर से उदर चहलकदमी कर रही थी । ललित से उसकी बेचैनी देखि नही जा रही थी।
"अदिति मुझसे प्यार करती हो ना "
"हाँ "
"कितना करती हो"
"खुद से भी ज्यादा "
"फिर बताओ क्या बात है , जो तुम्हे इतना परेशान कर रही है । दो दिन से तुम्हे ऐसे ही परेशान देख रहा हूँ। पूछता हूँ फिर भी कुछ नही बताती हो।"
"अच्छा सुनो , मेरे लिए एक काम करोगे ।"
"हाँ बोलो , मै तुम्हारे लिए कुछ भी कर सकता हूँ।"
"मुझे आइसक्रीम खानी है , वो भी अभी ।"
"अरे ये कैसी जिद है । ठंड में इतनी रात में आइसक्रीम कहाँ मिलेगी।"

"नही मुझे अभी खानी है ।चाहे जहाँ से लाओ । मुझे चाहिए तो बस चाहिए । " एक छोटे बच्चे की तरह जिद कर रही थी।
"अच्छा बाबा ठीक है । मै कही से भी लेकर आती हूँ। अब तो मुस्कुरा दो मेरी प्यारी अदिति ।" कहते हुए ललित चला गया ।

क्रमशः
Ye story jitni simple lag rahi thi usse kai guna jyada pechida he :hmm: ek baar me Aditi ne kabile ki kahani sunai thi aur jab dono ne ek duje se pyar ka izhaar kiya tab Aditi ne "I love you" kaha tha. Aur ab iss sab ke baad Aditi ki maa aur mausi uske darwaze pe aate he ghar le jane ke liye, aur kisi purnama ki raat ji sachai ke bare me kehte he :hmm:
Jisko sun ke aditi abhi tak khauf me he :D
Really interesting story :applause:
Waiting for another update
 
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kamdev99008

FoX - Federation of Xossipians
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:congrats: dear nayi kahani shuru karne par..................

kahani rahasyamayi lag rahi hai................. dekhte hain agle 4 updates me kya pata chalta hai aditi ke bare me

keep posting
 
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sunoanuj

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बहुत ही जबर्दस्त कहानी है ।
अब एक नया पेंच आ गया कि अदिति कौन है ?
 
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sunoanuj

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अपडेट कब तक आने का प्लान है भाई ?
 
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Brijesh

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Part 1 Update 11
अभी तक अपने पढ़ा ललित को एक लड़की रास्ते में जख्मी हालात में मिलती है और वो उसे अपने घर लेकर सेवा करता है । दोनों को एक दूसरे से प्यार हो जाता है। वो अपनी सच्चाई कुछ और बताती है लेकिन उसकी असलियत कुछ और ही होती है। अब आगे ......

पूर्णमासी की रात और अदिति परेशान घबराई हुए सी कमरे के एक कोने से दूसरे कोने की तरफ तेज कदमो से चहलकदमी कर रही थी। ललित के बार बार पूछने पर भी उसने कुछ नही बताया । आखिर उसने कुछ सोचा और दिलीप को आधी रात में आइसक्रीम खाने की जिद करने लगी और उसे उसी समय आइसक्रीम लाने को कहा। ललित उसकी बात को टाल नही पाया और तुरंत ही आइसक्रीम लाने निकल गया। जैसे ही ललित घर के बाहर गया अदिति जल्दी से कमरे में चली गयी और कमरे को अंदर से बंद कर लिया।

थोड़ी देर बाद उस कमरे से किसी के चीखने की बहुत तेज आवाज आने लगी । ऐसा लग रहा मनो कोई बहुत ही पीड़ा से तड़प रहा हो । उस कमरे में तो अदिति थी , लेकिन आवाज अदिति की नही लग रही थी। इतनी तेज दर्द भरी आवाज से पूरा मोहल्ला जैसे दहल गया हो। मोहल्ले के सभी लोग घरों से बाहर निकल देखने लगे कि ये आवाज किसकी है और कहाँ से आ रही है लेकिन किसी को कुछ भी पता नही चला। थोड़ी देर में आवाजे आनी बंद हो गयी और सभी अपने घरों को चले गए । कुछ समय बाद ही ललित घर लौटा तो उसने अदिति को आवाज दिया ।
" अदिति तुम्हारे लिये आइसक्रीम ले आया हूँ , कहाँ चली गयी । अभी इतनी जिद कर रही थी अब दिख भी नही रही । "
उसके जवाब ना देने पर वो थोड़ा चिंचित हो इधर उधर देखने लगा। फिर उसकी नजर उस कमरे पर पड़ी जो अंदर से बंद था । ललित ने अंडर जाकर देखा तो अदिति जमीन पर बेहोशी की हालत में पड़ी थी । " अदिति अदिति " कहते हुए परेशान सा ललित उसे उठाया और कमरे में लेकर आया । उस पर पानी छिड़का फिर उसे थोड़ा थोड़ा होश आया।

"अदिति क्या हो गया था तुम्हे , बेहोश कैसे हो गयी थी।"
"मुझे नही पता ललित , मै तो तुम्हारा इंतजार कर रही थी।अचानक से कोई आवाज आई तो मै उस कमरे में गयी फिर पता नही क्या हुआ मुझे कुछ याद नही ।"
"चलो कोई नही , तुम परेशान मत हो । तुमने आइसक्रीम खानी थी ना , मै ले आया हूँ।"
"तुम कितने अच्छे हो ललित । मेरी ख़ुशी के लिए आधी रात को भी तुम मेरे लिए आइसक्रीम लेने गए ।" कहते हुए अदिति ललित के गले लग गयी ।
"पागल , प्यार करता हूँ तुमसे । तुम्हारे लिए कुछ भी कर सकता हूँ। ये तो बस तुम्हारी एक छोटी सी ख्वाहिश थी । कैसे ना पूरा करता।"
"ललित एक बात बताओ, कभी मेरे बारे में तुम्हे कुछ अलग बात सुनने को मिले। मतलब कोई कुछ कहे , तो मुझे छोड़ तो नही दोगे । अपनी जिंदगी से निकल के तो नही फेक दोगे।"
"पागल हो क्या , ये कैसी बात कर रही हो । मै तुमसे प्यार करता हूँ। मै कान का कच्चा नही हूँ जो कोई तुम्हारे बारे में कुछ भी कहे तो मै यकीन कार लूंगा।"

"लव यू ललित "
"लव यू टू मेरी जिंदगी" कहते हुए उसके गले लग गयी।

"चलो अब सो जाओ बहुत रात हो गयी है। " कहते हुए दोनों ही सो गए लेकिन उस रात अदिति की आँखों में नींद नही थी । उसने आज की रात अपना सच ललित से छुपा तो लिया लेकिन मन ही मन वो डर रही थी की कब तक वो छुपा पायेगी । एक न एक दिन तो उसे पता चल ही जायेगा । तब क्या ललित उसे उसी तरह प्यार करेगा या फिर उसे जिंदगी से निकल देगा। मन ही मन उसे घुटन भी हो रही थी ललित से अपनी सच्चाई छुपाने का । अदिति का मन उसे बता देना चाहता था लेकिन अपने प्यार के लिए और ललित को खो देने के डर उसे सच्चाई बताने को रोक रहा था । यही सब सोचते सोचते उसे काफी मुश्किल से नींद आयी ।


 

Brijesh

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Part 1 Update 12
सुबह जब अदिति खाना बनाके ललित के लिए खाना पैक करके ललित को दे रही थी तभी खाना पकड़ाते ही अदिति का हाथ ललित के हाथ से छू गया और अचानक से उसके मानस पटल पर कुछ धुंधले धुंधले दृश्य चलचित्र की भांति चलने लगे। उसने देखा कोई व्यक्ति रास्ते पर जा रहा है और पास में बैठी एक बस उसे टक्कर मार रही होती है । उसके सर में दर्द और चक्कर सा आया।

"अरे अदिति क्या हो गया , तुम्हारी तो रोज तबियत खराब हो रही है ।बैठो तुम यहाँ । मै पानी लेकर आता हूँ"।कहता हुआ वो अदिति को बैठाकर पानी लेने चला जाता है।

" आज मै तुम्हे ऑफिस से लौटकर डॉक्टर के पास दिखने ले जाऊंगा। तुम बहुत ही कमजोर हो गयी हो। " पानी देते हुए ललित ने कहा।

"अदिति को ऐसा तभी होता है जब किसी के साथ कुछ बुरा होने वाला होता है। आज काफी समय बाद उसे ऐसा हुआ वो भी ललित को छूते ही । तो ये ललित के साथ ऐसा होने वाला है क्या " सोचते ही उसकी रूह तक काँप गयी ।

"ललित प्लीज आज मत ऑफिस जाओ । मुझे कुछ अच्छा नही लग रहा है । मुझे डर लग रहा है । " कहते हुए वो ललित के सीने से लिपट गयी ।

"अरे तुम डर क्यों रही। मै हूँ ना तुम्हारे साथ हमेशा अच्छा जल्दी आ जाऊंगा ।" कहते हुए अदिति को समझाया।

"अच्छा ठीक है , लेकिन थोड़ी देर मेरे पास बैठो फिर चले जाना। " वो कुछ देर के लिए उसे रोकना चाहती थी । जैसे उसे ललित के साथ होने इस अनहोनी को जान गई हो और होने वाली अनहोनी को टालना चाहती थी । ललित अदिति को बहुत प्यार करती थी । वो कभी उसे खोना नही चाहती थी । थोड़ी देर बाद ललित ऑफिस चला गया ।
"क्या बात है अदिति , आज तो लग रहा तुमने मुझे बहुत मिस किया । फ़ोन पर फ़ोन।" ललित से घर में कदम रखते ही अदिति को छेड़ते हुए कहा ।
"बस पता नही क्यों , आज तुम्हारी बहुत याद आ रही थी । कहते हुए अदिति ने बात टाल दी ।

"अच्छा तुम तैयार हो जाओ , तुम्हे डॉक्टर के पास ले जाना है। मै भी फ्रेश हो जाता हूँ तबतक।"

"नही मुझे कही नही जाना । मै बिलकुल ठीक हूँ । देखो कही से मै बीमार लग रही हूँ क्या ।"

"हाँ मेरी राजकुमारी , तुम बिलकुल ठीक हो । कई दिन से चक्कर तो मुझे आ रहे है ।"

"ऐसा नही है , वो मुझे कमजोरी से आ रहे थे । पक्का अब मै कल से खूब खाना खाऊंगी । फिर तो ठीक है न ।"छोटे बच्चे की तरह जिद करती हुई बोली।

"तुमको बस बहाना चाहिए । औरतों से भला कोई जीत सकता है क्या ।" हँसते हुए ललित बोला । चलो अच्छा बैठो आज मै तुम्हे मस्त अदरक वाली चाय पिलाता हूँ। कहते हुए ललित किचन में चाय बनाने चला गया और के चेहरे पर हल्की सी स्माइल आ गयी।
जबतक ललित चाय बनाता है अदिति उसका बैग टिपिन फ़ोन आदि सब निकाल कर रखती है। जैसे ही वो उसका फ़ोन छूती है उसे फिर से महसूस होता है और उसे फिर धुंधला धुंधला दिखाई देता है कि अभी थोड़ी देर बाद ललित का फ़ोन बजता है और जरुरी काम होने पर वो घर से निकल जाता है , वो उसे रोकने की बहुत कोशिश करती है लेकिन उसे जाना पड़ता है , फिर वही बस बस वाली दुर्घटना दिखाई देती है तो बस से बच कर किनारे जो जाता है , तभी कुछ गुंडे टाइप के लोग उसे मारने लगते है और मार मार कर उसे लहूलुहान कर देते है । " अदिति फिर से ऐसा देख अब वो शाम को ललित को जाने से कैसे रोके , उसे समझ नही आ रहा था । वो ऐसा क्या करे कि आज रात ललित घर से बाहर ना जाय। मन ही मन फिर कुछ फैसला किया और फिर.........

ललित चाय लेकर आता है तो अदिति को हॉल में ना देखकर "अदिति अदिति कहाँ हो " अवाज लगता है । तभी कमरे के दरवाजे के खुलने की हलकी से आवाज और उससे आती हल्की हल्की खुशबु उसके मन को महकाने लगती है औ वो मदहोश हो उस तरफ खिंचता चला जाता है । अंदर जाकर ललित को एक अनोखा ही दृश्य दिखाई देता है।

क्रमशः

 

Assassin

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Part 1 Update 11
अभी तक अपने पढ़ा ललित को एक लड़की रास्ते में जख्मी हालात में मिलती है और वो उसे अपने घर लेकर सेवा करता है । दोनों को एक दूसरे से प्यार हो जाता है। वो अपनी सच्चाई कुछ और बताती है लेकिन उसकी असलियत कुछ और ही होती है। अब आगे ......

पूर्णमासी की रात और अदिति परेशान घबराई हुए सी कमरे के एक कोने से दूसरे कोने की तरफ तेज कदमो से चहलकदमी कर रही थी। ललित के बार बार पूछने पर भी उसने कुछ नही बताया । आखिर उसने कुछ सोचा और दिलीप को आधी रात में आइसक्रीम खाने की जिद करने लगी और उसे उसी समय आइसक्रीम लाने को कहा। ललित उसकी बात को टाल नही पाया और तुरंत ही आइसक्रीम लाने निकल गया। जैसे ही ललित घर के बाहर गया अदिति जल्दी से कमरे में चली गयी और कमरे को अंदर से बंद कर लिया।

थोड़ी देर बाद उस कमरे से किसी के चीखने की बहुत तेज आवाज आने लगी । ऐसा लग रहा मनो कोई बहुत ही पीड़ा से तड़प रहा हो । उस कमरे में तो अदिति थी , लेकिन आवाज अदिति की नही लग रही थी। इतनी तेज दर्द भरी आवाज से पूरा मोहल्ला जैसे दहल गया हो। मोहल्ले के सभी लोग घरों से बाहर निकल देखने लगे कि ये आवाज किसकी है और कहाँ से आ रही है लेकिन किसी को कुछ भी पता नही चला। थोड़ी देर में आवाजे आनी बंद हो गयी और सभी अपने घरों को चले गए । कुछ समय बाद ही ललित घर लौटा तो उसने अदिति को आवाज दिया ।
" अदिति तुम्हारे लिये आइसक्रीम ले आया हूँ , कहाँ चली गयी । अभी इतनी जिद कर रही थी अब दिख भी नही रही । "
उसके जवाब ना देने पर वो थोड़ा चिंचित हो इधर उधर देखने लगा। फिर उसकी नजर उस कमरे पर पड़ी जो अंदर से बंद था । ललित ने अंडर जाकर देखा तो अदिति जमीन पर बेहोशी की हालत में पड़ी थी । " अदिति अदिति " कहते हुए परेशान सा ललित उसे उठाया और कमरे में लेकर आया । उस पर पानी छिड़का फिर उसे थोड़ा थोड़ा होश आया।

"अदिति क्या हो गया था तुम्हे , बेहोश कैसे हो गयी थी।"
"मुझे नही पता ललित , मै तो तुम्हारा इंतजार कर रही थी।अचानक से कोई आवाज आई तो मै उस कमरे में गयी फिर पता नही क्या हुआ मुझे कुछ याद नही ।"
"चलो कोई नही , तुम परेशान मत हो । तुमने आइसक्रीम खानी थी ना , मै ले आया हूँ।"
"तुम कितने अच्छे हो ललित । मेरी ख़ुशी के लिए आधी रात को भी तुम मेरे लिए आइसक्रीम लेने गए ।" कहते हुए अदिति ललित के गले लग गयी ।
"पागल , प्यार करता हूँ तुमसे । तुम्हारे लिए कुछ भी कर सकता हूँ। ये तो बस तुम्हारी एक छोटी सी ख्वाहिश थी । कैसे ना पूरा करता।"
"ललित एक बात बताओ, कभी मेरे बारे में तुम्हे कुछ अलग बात सुनने को मिले। मतलब कोई कुछ कहे , तो मुझे छोड़ तो नही दोगे । अपनी जिंदगी से निकल के तो नही फेक दोगे।"
"पागल हो क्या , ये कैसी बात कर रही हो । मै तुमसे प्यार करता हूँ। मै कान का कच्चा नही हूँ जो कोई तुम्हारे बारे में कुछ भी कहे तो मै यकीन कार लूंगा।"

"लव यू ललित "
"लव यू टू मेरी जिंदगी" कहते हुए उसके गले लग गयी।

"चलो अब सो जाओ बहुत रात हो गयी है। " कहते हुए दोनों ही सो गए लेकिन उस रात अदिति की आँखों में नींद नही थी । उसने आज की रात अपना सच ललित से छुपा तो लिया लेकिन मन ही मन वो डर रही थी की कब तक वो छुपा पायेगी । एक न एक दिन तो उसे पता चल ही जायेगा । तब क्या ललित उसे उसी तरह प्यार करेगा या फिर उसे जिंदगी से निकल देगा। मन ही मन उसे घुटन भी हो रही थी ललित से अपनी सच्चाई छुपाने का । अदिति का मन उसे बता देना चाहता था लेकिन अपने प्यार के लिए और ललित को खो देने के डर उसे सच्चाई बताने को रोक रहा था । यही सब सोचते सोचते उसे काफी मुश्किल से नींद आयी ।


Part 1 Update 12
सुबह जब अदिति खाना बनाके ललित के लिए खाना पैक करके ललित को दे रही थी तभी खाना पकड़ाते ही अदिति का हाथ ललित के हाथ से छू गया और अचानक से उसके मानस पटल पर कुछ धुंधले धुंधले दृश्य चलचित्र की भांति चलने लगे। उसने देखा कोई व्यक्ति रास्ते पर जा रहा है और पास में बैठी एक बस उसे टक्कर मार रही होती है । उसके सर में दर्द और चक्कर सा आया।

"अरे अदिति क्या हो गया , तुम्हारी तो रोज तबियत खराब हो रही है ।बैठो तुम यहाँ । मै पानी लेकर आता हूँ"।कहता हुआ वो अदिति को बैठाकर पानी लेने चला जाता है।

" आज मै तुम्हे ऑफिस से लौटकर डॉक्टर के पास दिखने ले जाऊंगा। तुम बहुत ही कमजोर हो गयी हो। " पानी देते हुए ललित ने कहा।

"अदिति को ऐसा तभी होता है जब किसी के साथ कुछ बुरा होने वाला होता है। आज काफी समय बाद उसे ऐसा हुआ वो भी ललित को छूते ही । तो ये ललित के साथ ऐसा होने वाला है क्या " सोचते ही उसकी रूह तक काँप गयी ।

"ललित प्लीज आज मत ऑफिस जाओ । मुझे कुछ अच्छा नही लग रहा है । मुझे डर लग रहा है । " कहते हुए वो ललित के सीने से लिपट गयी ।

"अरे तुम डर क्यों रही। मै हूँ ना तुम्हारे साथ हमेशा अच्छा जल्दी आ जाऊंगा ।" कहते हुए अदिति को समझाया।

"अच्छा ठीक है , लेकिन थोड़ी देर मेरे पास बैठो फिर चले जाना। " वो कुछ देर के लिए उसे रोकना चाहती थी । जैसे उसे ललित के साथ होने इस अनहोनी को जान गई हो और होने वाली अनहोनी को टालना चाहती थी । ललित अदिति को बहुत प्यार करती थी । वो कभी उसे खोना नही चाहती थी । थोड़ी देर बाद ललित ऑफिस चला गया ।
"क्या बात है अदिति , आज तो लग रहा तुमने मुझे बहुत मिस किया । फ़ोन पर फ़ोन।" ललित से घर में कदम रखते ही अदिति को छेड़ते हुए कहा ।
"बस पता नही क्यों , आज तुम्हारी बहुत याद आ रही थी । कहते हुए अदिति ने बात टाल दी ।

"अच्छा तुम तैयार हो जाओ , तुम्हे डॉक्टर के पास ले जाना है। मै भी फ्रेश हो जाता हूँ तबतक।"

"नही मुझे कही नही जाना । मै बिलकुल ठीक हूँ । देखो कही से मै बीमार लग रही हूँ क्या ।"

"हाँ मेरी राजकुमारी , तुम बिलकुल ठीक हो । कई दिन से चक्कर तो मुझे आ रहे है ।"

"ऐसा नही है , वो मुझे कमजोरी से आ रहे थे । पक्का अब मै कल से खूब खाना खाऊंगी । फिर तो ठीक है न ।"छोटे बच्चे की तरह जिद करती हुई बोली।

"तुमको बस बहाना चाहिए । औरतों से भला कोई जीत सकता है क्या ।" हँसते हुए ललित बोला । चलो अच्छा बैठो आज मै तुम्हे मस्त अदरक वाली चाय पिलाता हूँ। कहते हुए ललित किचन में चाय बनाने चला गया और के चेहरे पर हल्की सी स्माइल आ गयी।
जबतक ललित चाय बनाता है अदिति उसका बैग टिपिन फ़ोन आदि सब निकाल कर रखती है। जैसे ही वो उसका फ़ोन छूती है उसे फिर से महसूस होता है और उसे फिर धुंधला धुंधला दिखाई देता है कि अभी थोड़ी देर बाद ललित का फ़ोन बजता है और जरुरी काम होने पर वो घर से निकल जाता है , वो उसे रोकने की बहुत कोशिश करती है लेकिन उसे जाना पड़ता है , फिर वही बस बस वाली दुर्घटना दिखाई देती है तो बस से बच कर किनारे जो जाता है , तभी कुछ गुंडे टाइप के लोग उसे मारने लगते है और मार मार कर उसे लहूलुहान कर देते है । " अदिति फिर से ऐसा देख अब वो शाम को ललित को जाने से कैसे रोके , उसे समझ नही आ रहा था । वो ऐसा क्या करे कि आज रात ललित घर से बाहर ना जाय। मन ही मन फिर कुछ फैसला किया और फिर.........

ललित चाय लेकर आता है तो अदिति को हॉल में ना देखकर "अदिति अदिति कहाँ हो " अवाज लगता है । तभी कमरे के दरवाजे के खुलने की हलकी से आवाज और उससे आती हल्की हल्की खुशबु उसके मन को महकाने लगती है औ वो मदहोश हो उस तरफ खिंचता चला जाता है । अंदर जाकर ललित को एक अनोखा ही दृश्य दिखाई देता है।

क्रमशः
Superb narration Brijesh bhai :applause:
Yaha Aditi apni sachai chhupane ke liye kya kya nahi kar rahi air wahi ek or Lalit ki Jindagi me jagah jagah khatre dikh rahe he.
Ye shayad aditi ke he giroh wale ka kaam he ya Lalit ki kismat ?
 
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Brijesh

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Superb narration Brijesh bhai :applause:
Yaha Aditi apni sachai chhupane ke liye kya kya nahi kar rahi air wahi ek or Lalit ki Jindagi me jagah jagah khatre dikh rahe he.
Ye shayad aditi ke he giroh wale ka kaam he ya Lalit ki kismat ?
Ab ye to ane wale update m pata chalega
 
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Siraj Patel

The name is enough
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Hello, Ladies :kiss: & Gentleman, :hi:
We are so glad to Introduce Ultimate Story Contest of this year.

Jaise ki aap sabhi Jante Hain is baar Hum USC contest chala rahe hain aur Kuch Din pahle hi Humne Rules & Queries Thread ka announce kar diya tha aur ab Ultimate Story Contest ka Entry Thread air kar diya hai jo 17th, Nov 2019, 11:59 PM ko close hoga.

Khair ab main point Par Aate Hain Jaisa ki entry thread aired ho chuka hai isliye aap Sabhi readers aur writers se Meri personally request hai ki is contest mein aap Jarur participate kare aur
Apni kalpnao ko shabdon ka rasta dikha ke yaha pesh kare ho sakta hai log use pasand kare.
Aur Jo readers nahi likhna chahte wo bakiyo ki story padhke review de sakte hai mujhe bahut Khushi Hogi agar aap is contest mein participate lekar apni story likhenge to.

Ye aap Sabhi Ke liye ek bahut hi sunhara avsar hai isliye Aage Bade aur apni Kalpanao ko shabdon Mein likhkar Duniya Ko dikha De.

Ye ek short story contest hai jisme Minimum 800 words se maximum 6000 words tak allowed hai itne hi words mein apni story complete Karni Hogi, Aur ek hi post mein complete karna hai aur
Entry Thread mein post karna hai.
I hope aap mujhe niraash nahi Karenge aur is contest Mein Jarur participate Lenge.


:thanks:
On Behalf of Admin Team
Regards :-
Siraj Patel


 
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