• If you are trying to reset your account password then don't forget to check spam folder in your mailbox. Also Mark it as "not spam" or you won't be able to click on the link.

Incest अनोखा करवाचौथ

Unique star

Active Member
894
10,835
139
गाड़ी अपनी रफ़्तार से दौड़ रही थी और साहिल रेस पर रेस दिए जा रहा था। गाड़ी अब करीब 120 किमी की स्पीड से चल रही थी और रूबी बार बार साहिल को गाड़ी की स्पीड कम करने की हिदायत दे रही थी लेकिन साहिल तो आज जैसे सातवे आसमान पर था। वो ऐसे दर्शा रहा था मानो किसी छोटे बच्चे को उसका मन पसंद खिलौना मिल गया था।

रूबी कांपते हुए बोली:"

" बस करो बेटा, स्पीड कम करो कहीं ऐसा ना हो जाए कि तुम सन्तुलन खो दो।

साहिल ने खाली सड़क की तरफ देखा और फिर रूबी की तरफ देखते हुए स्माइल के साथ बोला:"

" ओह मम्मी आप फिक्र ना करे, आपका बेटा बिना संतुलन खोए इससे भी तेज गाड़ी चला सकता हैं मम्मी।

तभी सामने से एक तेज रफ्तार ट्रक पता नहीं कहां से मुड़कर सीधे सड़क पर आया और रूबी के साथ साथ साहिल की चींखं निकल गई। साहिल ने होश संभालते हुए गाड़ी के ब्रेक लगाए और गाड़ी का स्टेयरिंग पूरा दूसरी दाई दिशा में काट दिया। गाड़ी एक धनुष की तरह मुड़ती चली गई और शायद उन दोनों की किस्मत अच्छी थी सामने से कोई दूसरी गाड़ी नहीं अा रही थी। साहिल ने जैसे तैसे करके गाड़ी को कंट्रोल किया और रूबी की तरफ देखा तो उसकी मम्मी की तो कब की बेहोश हो गई थी डर के मारे।

गाड़ी अब पूरी तरह से रुक गई थी और साहिल ने रूबी को आवाज लगाई:"

" मम्मी मम्मी आंखे खोलिए ना आप प्लीज़, सब ठीक हैं देखिये तो एक बार ।

रूबी की आंखे नहीं खुली तो साहिल ने एक बॉटल में पानी लेकर अच्छा सा छींटा रूबी के मुंह पर मारा तो उसने कुनमुनाते हुए आंखे खोल दी। रूबी को जैसे ही सब कुछ याद आया तो वो साहिल से लिपट गई और उसका मुंह चूमने लगी। साहिल ने अभी अपनी मम्मी को गले लगा लिया और रूबी काफी देर तक प्रेम पूर्वक उससे चिपकी रही।

साहिल अपनी मम्मी की बंद आंखो वाले खूबसूरत चेहरे को प्रेम पूर्वक देखता रहा और धीरे धीरे रूबी ने साहिल को देखा और उसका फिर से माथा चूम कर बोली:"

" बेटा अगर तुझे कुछ हो जाता तो मैं कहीं की भी रहती, कसम खाओ आज के बाद तुम तेज गाड़ी नहीं चलोगे।

साहिल ने तत्काल अपने दोनो कान पकड़े और स्माइल करते हुए बोला:"

" मम्मी कसम, आज के बाद आपका बेटा कभी तेज गाड़ी नहीं चलाएगा, अब तो खुश हो ना।

रूबी ने स्माइल दी और बोली:"

" अच्छा अब घर की तरफ चले अगर तुम्हारा मन हो तो ?

साहिल:" ठीक हैं मम्मी, जैसे आपको ठीक लगे, वैसे भी हल्का हल्का अंधेरा हो रहा है तो घर जाना ही ठीक होगा।

इसके बाद साहिल ने गाड़ी वापिस घर की तरफ घुमा दी और दोनो मा बेटे थोड़ी देर बाद ही घर पहुंच गए। अनूप घर अा चुका था और साहिल और रूबी को नई गाड़ी से निकलते हुए देख कर हैरान हुआ और बोला:"

" किसकी गाड़ी मांग लाए हो साहिल बेटा ?

साहिल बुरा सा मुंह बनाकर घूरते हुए बोला:"

" मांग कर नहीं लाया, मैं आपकी
तरह खैरात नहीं लेता, मम्मी को मॉडर्न जिम एंड योगा सेंटर वालो ने गिफ्ट करी हैं।

साहिल का जवाब सुनकर अनूप की बोलती बंद हो गई और रूबी अंदर ही अंदर खुश हुई कि अब साहिल अपने बाप की हरकतों का खुलकर विरोध कर रहा हैं।

अनूप:" अच्छा ठीक हैं, मुझे टेंडर मिल गया हैं और उसके काम के लिए मुझे एक दिन के लिए दिल्ली जाना पड़ रहा है। मैं थोड़ी देर बाद निकल जाऊंगा। तुम दोनो अपना ख्याल रखना।

रूबी:" जाओ, और जब मन करे तब आना, मेरा ख्याल रखने के लिए साहिल हैं।

अनूप को गुस्सा तो बहुत आया लेकिन अपने पैर पटकते हुए अंदर घुस गया और पीछे पीछे ही साहिल और रूबी भी अा गए। साहिल नहाने के लिए घुस गया और अनूप अपना बैग उठाकर बाहर निकल गया। ना उसने रूबी से कुछ बोला और ना ही रूबी ने उससे कुछ बात करना जरूरी समझा।

रूबी भी नहा धोकर खाना बनाने लगी और शांता अा गई थी और उसकी मदद कर रही थी। साहिल अपने कमरे में बैठा हुआ था तभी प्रिया का कॉल आया और बोली:"

" साहिल सर एक जरूरी बात, नीरज को मेरे ऊपर शक हो गया था इसलिए उसको सब बताना कि किस तरह आपने मुझे वीडियो बनाकर यहां भेजा ताकि वो आगे मुझ पर शक ना करे।

साहिल के दिमाग में खतरे कि घंटी बज उठी और बोला:"

" ओह प्रिया कहीं तुम चाहो तो रहने दो और अपनी वीडियो ले जाओ, कहीं तुम फस मत जाना इस कई में।

प्रिया:" सर जो होगा देखा जायेगा लेकिन अब मैं पीछे नहीं हट सकती उससे।

प्रिया की बात सुनते ही उसके सामने बैठे हुए नीरज में होंठो पर स्माइल तैर गई तो प्रिया आगे बोली:"

" साहिल सर आप चिन्ता ना करे, मैंने आपकी नमक खाया हैं तू नमक हरामि नहीं कर सकती। मैं जल्दी ही आपको सब बता दूंगी बस उसके बाद आप सब देख लेना।

साहिल:" मैं तो तुम्हे मना ही करूंगा, फिर भी अगर तुम नहीं मानती तो बहुत सावधानी से करना सब कुछ।

प्रिया ने नीरज का हाथ अपने हाथ में लिया और हल्का सा दबाते हुए उसकी तरफ स्माइल करते हुए बोली

" आप निश्चिन्त रहे सर, मैं बिल्कुल सावधानी से करूंगी सब कुछ एकदम। अच्छा ठीक हैं कोई अा रहा है बाद मैं करती हूं ।

प्रिया का फोन कटने के बाद साहिल सोच में पड़ गया कि कहीं उसने प्रिया को ख़तरे में तो नहीं डाल दिया है।

खाना बन गया था और तीनो बैठे हुए खाना खा रहे थे। साहिल के मन में प्रिया को लेकर बहुत सारे सवाल उठ रहे थे जिनकी एहसास उसके चेहरे से साफ झलक रहा रहा और रूबी सब समझ रही थी लेकिन शांता की वजह से खामोश थी और चुपचाप खाना खाए जा रही थी ।

शांता:" रूबी मेरी बेटी प्रिया का कुछ पता चला क्या ?

रूबी ने एक बार साहिल की तरफ देखा और बोली:"

" नहीं मा जी लेकिन मैं और साहिल दोनो आपकी बेटी को एक दिन धुंध कर ही दम लेंगे आप अब उसकी चिंता छोड़ दीजिए ये काम हमारा हैं।

शांता एक गहरी सांस लेते हुए बोली:" कहीं ऐसा ना हो वो एक दिन मेरी मौत के बाद आए और मैं अपनी बेटी से जी भर कर बात भी ना कर सकू।

साहिल:" अम्मा आप उल्टी बात मत कीजिए, धीरज रखो सब ठीक हो जाएगा।

शांता चुप हो गई और खाना खाने लगी। थोड़ी देर बाद ही सभी लोग खाना खा चुके तो शांता बर्तन उठाकर धोने के लिए चल दी तो रूबी बोली:"

" बस कीजिए मा आप, अब आप जाकर आराम कीजिए, मैं खुद बर्तन धो लूंगी।

शांता ने कोशिश तो बहुत करी लेकिन रूबी के आगे उसकी एक ना चली और आखिरकार वो बाहर बने अपने कमरे में चली गई। रूबी ने एक नजर साहिल की तरफ देखा और उसे स्माइल दी और बर्तन उठाकर धोने चली गई। साहिल प्रिया के बारे में सोच ही रहा था कि उसका मोबाइल बज उठा। आरव का फोन था तो उसने उठाया।

साहिल:" हान भाई कैसे हो तुम ?

आरव बहुत मस्ती भरी आवाज में बोला:" जन्नत में हूं भाई, मजा आ गया ज़िन्दगी का, जिस रेखा भाभी के सपने देखता था आखिरकार आज उसे पा ही लिया मैने।

आरव की बातो की मादकता से साहिल साफ महसूस कर चुका था कि आरव सच में कुछ बड़ा कर चुका था इसलिए उसके सारे जिस्म में सनसनी सी दौड़ गई। साहिल ने नीचे बात करना ठीक नहीं समझा इसलिए उपर छत पर अा गया और बोला:"

" हान भाई अब बताई क्या हुआ सब कुछ ?

आरव:" होना क्या था भाई भाई आज मैं ट्यूशन पढ़ाने के बहाने से गया तो पता चला कि दिन में उसकी सिस्टर अाई थी और उसके बेटे को अपने साथ ले गई।

साहिल:" ओह इसका मतलब घर में तुम दोनों अकेले ही रह गए थे , फिर आगे क्या हुआ ?

बोलते हुए साहिल की आवाज हल्की भारी हो गई थी और जिस्म में हलचल सी मचने लगी थी।

आरव:" जब उसने मुझे बताया तो मैं वापिस आने लगा तो बोली कि अरे आज बेटा नहीं हैं तो उसकी मा को ही पढ़ा दो तुम, मैंने पलट कर उसकी तरफ देखा तो वो दोनो कोहनियां बेड पर टिकाए हुए मेरी तरफ देख रही थी और उसकी चूचियां बाहर निकलने को तड़प रही थी।

साहिल:" अच्छा जी फिर तो तेरे तो मजे हो गए होंगे, तूने तो अच्छा मौका मिल गया।

आरव:' भाई मै बिना कुछ सोचे सीधे उनके पास जाकर बैठ गया और उनके उभार को देखने लगा तो भाभी का चेहरा खिल उठा। मैंने पूछा भाभी क्या पढ़ोगे आप ? आप तो मुझसे बड़ी हो सब कुछ जानती हो।

फिर भाभी बोली अरे आज कल के लड़के बहुत कुछ नया सीख गए हैं बस वही सब कुछ तुमसे सीखना हैं मुझे अच्छा तुम बैठो मैं तुम्हारे लिए दूध लेकर आती हूं फिर पढ़ाई शुरू करते हैं। इतना कहकर भाभी रसोई में जाने लगी। उफ्फ कितने कामुक तरीके से अपनी गांड़ को मटका रही थी।
मेरा तो हाल खराब हो गया था भाई।

साहिल के हाथ अपने आप लंड पर पहुंच गए और हल्का अा सहलाते हुए बोला:"

" बोल ना भाई जल्दी बोल आगे क्या हुआ फिर ?

आरव:" अच्छा जी इतनी बेताबी लगता हैं तेरा शेर भी दहाड़ मारने लगा हैं, क्यूं बेटा ठीक कह रहा ना मैं ?

साहिल:" फालतू की बात मत कर , जब तुझे सब पता हैं तो आगे बता ना क्या हुआ फिर ?


वहीं दूसरी तरफ रूबी बर्तन साफ कर चुकी थी और आज दिन में हुई घटनाओं के बारे में सोच रही थी। साहिल के चेहरे पर गाड़ी मिलने की खुशी और जिस तरह से साहिल अपने बाप का खुलकर विरोध कर रहा था उससे एक बात तो साफ जाहिर हो गई थी कि साहिल अब पूरी तरह से उसके साथ हैं। रूबी ने खाना खाते हुए साहिल को कुछ परेशान देखा था इसलिए वो जानना चाहती थी कि आखिर क्या हुआ हैं साहिल को , इसलिए उसने साहिल को उसके कमरे में देखा तो वो नहीं दिखाई दिया और जैसे ही वो अपने कमरे में अाई तो उसकी नजर विटामिन सिरप पर पड़ी तो उसने बॉटल को उठाया और पीने के लिए मुंह खोला तो कमरे में दौड़ता हुआ एक चूहा उसके पैर पर से उतर गया और रूबी के मुंह से मुंह से डर के मारे एक आह निकल पड़ी और हाथ कांप गए और बॉटल उसके मुंह में पड़ती चली गई।

रूबी ने चूहा देखा तो उसे होश आया लेकिन जब तक उसका मुंह सिरप से पूरा भर गया था और मजबुरी में उसे सारा सिरप पीना पड़ा जो करीब चार से पांच चम्मच था।

सिरप पीने के बाद रूबी ने उसे वापिस रखा और बाहर रखा वाइपर उठाकर चूहे हो बेड के नीचे ढूंढने लगी। चूहा सामान के पीछे छुप गया था और रूबी ने जैसे तैसे करके उसे बाहर निकाला और जैसे ही चूहा बाहर निकला तो रूबी ने उस पर हमला किया लेकिन चूहा बाहर की तरफ दौड़ गया और रूबी पीछे पीछे लेकिन चूहा हाथ नहीं आया। थक हार कर रूबी ने कमरे में आकर सारा सामान फिर से बेड के अंदर लगाया और एसी में बैठ कर पसीना सुखाने लगी।

वो साहिल को कुछ मिनट के लिए चूहे के चक्कर में भूल ही गई थी। अपने बेटे की याद आते ही रूबी के कदम अपने आप उपर छत की तरफ बढ़ गए। रूबी जैसे ही छत पर पहुंचने वाली थी तो उसके कानों में साहिल की आवाज पड़ी।

" अरे आरव बता भी भाई अब आगे क्या हुआ फिर जब रेखा भाई रसोई से दूध वापिस लेकर अाई ?

रूबी के पैरो को अपने आप ब्रेक लग गया और वो वहीं कौतूहलवश खड़ी होकर उसकी बाते सुनने लगी। साहिल छत पर सीधी के पास जी रखी हुई टंकी के पीछे खड़ा हुआ था इसलिए रूबी को उसकी आवाज साफ सुनाई दे रही थी।

आरव:" होना क्या था भाई वो फिर उसी अदा के साथ मतकटी हुई अाई और पूरी झुकते हुए बोली:"

" लो आरव दूध पियो तुम ?

भाई सच में उसकी चूचियां आधे से ज्यादा बाहर छलक उठी और मुझे समझ नहीं आया कि कौन सा दूध पीने के लिए बोल रही हैं ,

साहिल की आवाज अब पूरी तरह से मस्ती में डूब गई थी और बोला:" फिर तेरे तो मजे हो गए होंगे भाई हाथ में दूध का ग्लास लिए चूची दिखाती हुई भाभी, उफ्फ फिर आगे क्या हुआ भाई ?

रूबी अपने बेटे के मुंह से चूची और उत्तेजक बाते सुनकर हैरान हो गई और और उसके दिमाग को झ्टका सा लगा। वो ये तो देख चुकी थी कि उसका बेटा जवान हो गया हैं लेकिन ऐसी बाते भी करता है उसे आज पता चला।


आरव:" होना क्या था भाई मैं उसकी चूचियों को देखते हुए दूध पीने लगा और भाभी बिल्कुल मुझसे सटकर बैठ गई। मैंने जैसे ही दूध का ग्लास रखा तो भाभी अपनी पीठ खुजाते हुई बोली:"

" आह आरव लगता हैं मेरे सूट में कुछ घुस गया हैं।

इतना कहकर उसने देखते ही देखते अपना सूट उतार दिया और मैं उसकी कमर और चूचियों को देखने लगा जो ब्रा में कसी हुई थी।

साहिल:" आह भाई, भाभी ने सूट उतार दिया, तेरी तो किसमत खुल गई होगी, ब्रा में चूची देखकर।

साहिल के मुंह से इतनी मस्ती भरी बाते सुनकर रूबी दबे पांव आगे बढ़ने लगी और साहिल की आंखे अभी मस्ती से बंद हो गई थी। रूबी आराम से अब टंकी के दूसरी तरफ खड़ी हुई साहिल पर नजर टिका दी और देखा कि वो धीरे धीरे अपने लंड के उभार को सहला रहा था। साहिल के कान से लगकर कब फोन का स्पीकर खुल गया उसे पता ही नहीं चला।

आरव की आवाज उभरी:" हान भाई मै तो उनकी ब्रा में कैद चूचियों को देखकर मस्त हो गया। उफ्फ क्या नजारा था बिल्कुल गोल गोल चूचियां। भाभी पलट गई और बोली:"

" आह आरव देख ना मेरी पीठ पर कुछ हैं क्या,

मैं उनकी नंगी चिकनी पीठ को देखने लगा लेकिन पीठ पर तो कुछ भी नहीं था। मै समझ गया कि भाभी मुझे आगे बढ़ने के लिए उकसा रही है तो फिर मैंने थोड़ा उनके पास होते हुए अपनी सांसे उनकी गर्दन पर छोड़ते हुए बोला

" दिख तो कुछ नहीं रहा हैं भाभी ? कोई कीड़ा नहीं हैं।

अपनी गर्दन पर सांसे पड़ते ही भाभी गरम हो गई और बोली:"

" आह आरव लगता है ब्रा के नीचे घुस गया है, तू एक काम कर इसे खोलकर चैक कर, कहीं स्ट्रिप के नीचे ना छुप गया हो।

साहिल:" हाय आरव तेरी किस्मत साले, फिर बता ना आगे क्या हुआ ? भाई तूने हो आग लगा दी हैं मेरे अंदर।

इतनी सेक्सी बाते सुनकर रूबी के जिस्म में भी उबाल आने लगा और अब सिरप भी अपना असर दिखा रही थी। रूबी की सांसे तेज हो गई और आंखे लाल होने लगी। रूबी ने अपनी कोहनी को वहीं टंकी पर धीरे से टिका दिया और अपने सूख चुके होंठो पर जीभ फेरते हुए उनकी बाते सुनने लगीं।

आरव:" भाई मैंने कांपते हाथो से उनकी कमर को छुआ तो भाभी अपने आप थोड़ा सा पीछे हट गई और उसके मुंह से एक आह निकल पड़ी और बोली कुछ कर ना आरव ये कीड़ा मुझे बहुत परेशान कर रहा हैं। मेरा लन्ड अब तक खड़ा हो चुका था और वो भाभी की गांड़ से जा लगा। उफ्फ भाई मैंने धीरे से उनकी ब्रा के हुक को खोल दिया और भाभी बिल्कुल एकदम मुझसे सट गई और उनकी नंगी कमर मेरे सीने से अा लगी। भाभी बोली क्या हुआ मिला क्या कुछ आरव ?

मैं अब बेकाबू हो रहा था लेकिन सीधे हाथ डालने की हिम्मत नहीं थी इसलिए बोला:" भाभी कुछ भी नहीं हैं। लगता हैं गिर गया होगा नीचे। भाभी की दोनो चूचियां नंगी हो गई थी जिनपर वो हाथ फेर रही थी और मै उनके पीछे खड़ा हुआ ये सब देख रहा था। भाभी बोली अच्छा हुआ गिर गया नहीं तो आज तो मेरी जान ही ले लेता ये कीड़ा।

मैं भाभी कि चूचियों को देखकर अपने होश खो बैठा और मेरे दोनो हाथ उनके कंधे पर घूमने लगे तो भाभी के मुंह से मस्ती भरी आह निकल पड़ी और उसने अपना एक हाथ पीछे लाते हुए मेरी जांघ पर टिका दिया तो मेरी हिम्मत बढ़ गई और मैंने अपने होंठ उनकी गर्दन पर टिका दिए।
भाभी की आंखे मस्ती से बंद हो गई और उसने अपने हाथ को सीधे मेरे लंड के उभार पर टिका दिया तो मेरा भी धैर्य जवाब दे गया और मैंने हाथ आगे बढाया और उनकी दोनो चुचियों पर टिका दिया तो भाभी ने मेरे लंड को जोर से दबा दिया और मैंने उसकी चूचियों को मसल दिया तो भाभी पलट गई और अपने होंठ मेरे होंठो पर टिका दिए और चूसने लगी।

साहिल ने अपने लंड को बाहर निकाल लिया और उसका लंड हवा में लहरा उठा जिसे देखकर रूबी की सांसे तेज हो गई। उफ्फ ये भगवान ये कैसा मोटा लंड दिया हैं तूने मेरे बेटे को। साहिल ने अपनी चमड़ी को पीछे खींचते हुए सुपाड़े को बाहर निकाल लिया और गुलाबी सुपाड़ा देखकर रूबी के हाथ अपने हाथ उसकी चूचियों पर पहुंच गए और मसलने लगी।

साहिल:" आह भाई फिर आगे क्या हुआ ?
साहिल:" आह भाई फिर आगे क्या हुआ ?

आरव:" भाई कितने मीठे होंठ थे उसके, मजा आ गया, फिर भाभी ने अपने आप है मेरी पैंट को नीचे किया और लंड को बाहर निकाल कर अपने मुंह में भर लिया। आह भाई कितना अच्छा लग रहा था। देखते ही देखते मेरा पूरा लंड भाभी के मुंह में समा चुका था। उनकी जवाब कमाल कर रही थी और मजे से मेरी आंखे बंद हो गई थी।

साहिल का बुरा हाल हो गया था और वो मस्ती से आंखे बंद किए अपने लंड को अब अच्छे से सहला रहा था। वहीं रूबी का जिस्म आज फिर से आग का गोला बन गई था और उत्तेजना में वो भूल गई कि वो छत पर हैं और अपने जिस्म को टंकी पर रगड़ने लगी। आवाज सुनकर साहिल की आंखे हल्की सी खुल गई तो उसे किसी के होने का एहसास हुआ और उसने धीरे से देखा तो अपनी मा को वहां देखंकर उसके होश उड़ गए। लेकिन जैसे ही उसे रूबी की हालत का अंदाजा हुआ तो उसे एहसास हो गया कि उसकी मा की वासना पूरी तरह से भड़क चुकी हैं जो आंखे बंद किए बहुत देर से उनकी बात सुन रही थी और अब अपने जिस्म को टंकी पर ही रगड़ रही है। साहिल के कानों में आरव की आवाज पड़ी

" भाई बस फिर मेरा लन्ड फटने को हो गया तो मैंने भाभी को बेड पर लिटा दिया और उसने खुद ही अपने कपड़े उतार दिए और लंड अपनी चूत पर टिका दिया। मैंने एक झटका मार दिया और लंड सीधे अंदर, उफ्फ कितनी गरम चूत थी उनकी।

साहिल एक बार फिर से अपने होश खो बैठा और अपने लंड को हिलाने लगा वहीं रूबी ने लंड चूत में जाने की बात सुनकर अपनी सलवार को खोल दिया और जोर जोर से अपनी चूत टंकी पर रगड़ने लगी। रूबी के मुंह से अपने आप हल्की हल्की मस्ती भरी सिसकारियां निकल रही थी जिन्हे सुनकर साहिल पूरी ताकत से अपने लंड को हिला रहा था। साहिल ने फोन काट दिया ताकि आरव उसकी मम्मी की आवाज ना सुन ले।

जैसे ही आरव की आवाज आनी बंद हुई तो रूबी की आंखे हल्की सी खुली और अपने बेटे को खुली छत पर लंड हिलाते देखकर वो शरमा गई और समझ गई कि अब साहिल नीचे आएगा और नीचे की तरफ जाने लगी। रूबी के क़दमों की आवाज सुनकर साहिल ने ना चाहते हुए भी अपने हाथ रोक दिए और अपनी मा को नीचे जाते हुए देखकर उसने एक सुकून की सांस ली।

रूबी नीचे अा गई और फिर से छत की तरफ उपर जाने लगी लेकिन इस बार वो साहिल को जोर जोर से आवाज लगा रही थी।

" साहिल अरे बेटा साहिल कहां हो तुम ?

साहिल ने जल्दी से अपने कपड़े ठीक लिए और नीचे की तरफ आने लगा तो रास्ते में ही उसे रूबी मिल गई जिसकी नजर सीधे उसके पेंट में बने तम्बू पर पड़ी और उसके होंठो पर स्माइल अा गई।

साहिल:" जी मम्मी क्या हुआ ? कुछ काम था क्या आपको ?

रूबी की चूचियां अभी भी उपर नीचे हो रही थी जिन्हे देखकर साहिल का लंड पूरी औकात दिखा रहा था और के पेंट में तम्बू और बढ़ता जा रहा था।

रूबी:" कुछ नहीं, मेरा मन नहीं लग रहा था अकेले, सोचा तुझसे बात कर लू।

साहिल और रूबी दोनो मा बेटे अब कमरे में अा गए थे।

रूबी:" देखो ना आज कितनी गर्मी हो रही हैं, उफ्फ एसी में भी सुकून नहीं मिल रहा हैं। मैं कपडे बदलकर आती हूं।

रूबी अंदर बाथरूम में चली गई और गर्मी के कारण ब्रा पेंटी नहीं पहनी और थोड़े देर बाद एक सुंदर सी ड्रेस पहनकर अा गई। साहिल अपनी मा को देखकर खुश हो गया।

साहिल:" मम्मी आप बहुत खूबसूरत लग रही हैं।

रूबी:" अच्छा जी, लेकिन मेरा बेटा भी तो लाखो तो मैं एक हैं। सच में साहिल मुझे लगता हैं कि तेरे आने से मैं फिर से जिंदा हो गई हूं। लगता हैं कि मुझे भी जीने का हक हैं नहीं तो अनूप ने तो मुझे बर्बाद की कर दिया था।

साहिल ने रूबी का एक हाथ अपने हाथ में लिया और चूमकर बोला:

" मम्मी आप खुलकर अपनी ज़िन्दगी जिए अब, आपका बेटा अा गया है। आपकी हर खुशी का ख्याल मैं रखूंगा।

रूबी ने साहिल को अपनी बांहों में भर लिया और उससे कसकर लिपट गई और बोली:"

" हान बेटा, मुझे तुझ पर पूरा यकीन हैं और सच में में तेरे साथ फिर से जीना चाहती हूं।

साहिल ने भी रूबी को जोर से कस लिया तो साहिल का खड़ा हुआ लंड रूबी की जांघो में जा घुसा और रूबी के जिस्म में एक बार से हलचल सी मच गई और साहिल के कंधे पर अपना सिर टिका दिया और आंखे बंद कर ली। साहिल ने अपने दोनो हाथ रूबी की कमर पर लपेट दिए और हल्के हल्के घुमाते हुए बोला:"

" मम्मी मैं आपको बहुत प्यार करता हूं, अब देखना आप की ज़िन्दगी में खुशियां फिर से आयेंगी।

रूबी:" हान बेटा, तूने ही मुझे फिर से मुस्कुराने की वजह दी हैं, तुम दुनिया के सबसे अच्छे बेटे हो साहिल ।

साहिल की उंगलियां रूबी ने तन बदन में आग भरती जा रही थी और रूबी की चूचियां अपने आप अकड़ रही थी और उनके निप्पल कड़े होते जा रहे थे जिनका एहसास साहिल को अब धीरे धीरे हो रहा था। साहिल की गर्म गर्म सांसे रूबी की गर्दन पर पड़ रही थी और रूबी की मदहोशी बढ़ती जा रही थी। रूबी को लगने लगा कि अगर कुछ देर ऐसे ही रहा तो अपने होश खो देगी इसलिए बोली:"

" अच्छा बेटा मुझे नींद आ रही है, चलो सो जाते हैं।

साहिल ने एक आज्ञाकारी बच्चे की तरह तुरंत रूबी को छोड़ दिया और दोनो मा बेटे बेड पर पहुंच गए और रूबी ने अपने बेटे का माथा चूम लिया और बोली:"

" गुड नाईट मेरे बेटे।

रूबी ने साहिल को बांहों में भर लिया और सोने की कोशिश करने लगी। लंड एक बार फिर से उसकी जांघो में घुस गया। दोनो मा बेटे पूरी तरह से गरम थे लेकिन किसी के भी अंदर आगे बढ़ने की हिम्मत नहीं थी।

साहिल की गर्म गर्म सांसे अब रूबी की चूचियो पर पड़ रही थी और पल पल रूबी की हालत खराब होती जा रही थी। साहिल की दोनो आंखें बंद थी इसलिए थोड़ी देर के बाद रूबी को लगा कि साहिल सो गया है तो वो धीरे से उठी और अपनी ड्रेस को उतारकर एक सफेद रंग की पतली सी चादर ली और कमरे से बाहर निकल गई।

साहिल अभी पूरी तरह से जागा हुआ था लेकिन उसकी करवट दूसरी तरफ थी जिस कारण वो रूबी को कपडे बदलते नहीं देख पाया लेकिन जैसे ही रूबी के क़दमों की आहट बाहर जाती सुनाई पड़ी तो वो समझ गया कि उसकी मा आज फिर से चुदाई लोक में जा रही है।
 
Last edited:

imdelta

Member
428
1,056
138
Har bar ki tarah ahetrim update. intzar he chudai lok me jane ka

खाना बन गया था और तीनो बैठे हुए खाना खा रहे थे। साहिल के में प्रिया को लेकर बहुत सारे सवाल उठ रहे थे जिनकी एहसास उसके चेहरे से साफ झलक रहा रहा और रूबी सब समझ रही थी लेकिन शांता की वजह से खामोश थी और चुपचाप खाना खाए जा रही थी ।

शांता:" रूबी मेरी बेटी प्रिया का कुछ पता चला क्या ?

रूबी ने एक बार साहिल की तरफ देखा और बोली:"

" नहीं मा जी लेकिन मैं और साहिल दोनो आपकी बेटी को एक दिन धुंध कर ही दम लेंगे आप अब उसकी चिंता छोड़ दीजिए ये काम हमारा हैं।

शांता एक गहरी सांस लेते हुए बोली:" कहीं ऐसा ना हो वो एक दिन मेरी मौत के बाद आए और मैं अपनी बेटी से जी भर कर बात भी ना कर सकू।

साहिल:" अम्मा आप उल्टी बात मत कीजिए, धीरज रखो सब ठीक हो जाएगा।

शांता चुप हो गई और खाना खाने लगी। थोड़ी देर बाद ही सभी लोग खाना खा चुके तो शांता बर्तन उठाकर धोने के लिए चल दी तो रूबी बोली:"

" बस कीजिए मा आप, अब आप जाकर आराम कीजिए, मैं खुद बर्तन धो लूंगी।

शांता ने कोशिश तो बहुत करी लेकिन रूबी के आगे उसकी एक ना चली और आखिरकार वो बाहर बने अपने कमरे में चली गई। रूबी ने एक नजर साहिल की तरफ देखा और उसे स्माइल दी और बर्तन उठाकर धोने चली गई। साहिल प्रिया के बारे में सोच ही रहा था कि उसका मोबाइल बज उठा। आरव का फोन था तो उसने उठाया।

साहिल:" हान भाई कैसे हो तुम ?

आरव बहुत मस्ती भरी आवाज में बोला:" जन्नत में हूं भाई, मजा आ गया ज़िन्दगी का, जिस रेखा भाभी के सपने देखता था आखिरकार आज उसे पा ही लिया मैने।

आरव की बातो की मादकता से साहिल साफ महसूस कर चुका था कि आरव सच में कुछ बड़ा कर चुका था इसलिए उसके सारे जिस्म में सनसनी सी दौड़ गई। साहिल ने नीचे बात करना ठीक नहीं समझा इसलिए उपर छत पर अा गया और बोला:"

" हान भाई अब बताई क्या हुआ सब कुछ ?

आरव:" होना क्या था भाई भाई आज मैं ट्यूशन पढ़ाने के बहाने से गया तो पता चला कि दिन में उसकी सिस्टर अाई थी और उसके बेटे को अपने साथ ले गई।

साहिल:" ओह इसका मतलब घर में तुम दोनों अकेले ही रह गए थे , फिर आगे क्या हुआ ?

बोलते हुए साहिल की आवाज हल्की भारी हो गई थी और जिस्म में हलचल सी मचने लगी थी।

आरव:" जब उसने मुझे बताया तो मैं वापिस आने लगा तो बोली कि अरे आज बेटा नहीं हैं तो उसकी मा को ही पढ़ा दो तुम, मैंने पलट कर उसकी तरफ देखा तो वो दोनो कोहनियां बेड पर टिकाए हुए मेरी तरफ देख रही थी और उसकी चूचियां बाहर निकलने को तड़प रही थी।

साहिल:" अच्छा जी फिर तो तेरे तो मजे हो गए होंगे, तूने तो अच्छा मौका मिल गया।

आरव:' भाई मै बिना कुछ सोचे सीधे उनके पास जाकर बैठ गया और उनके उभार को देखने लगा तो भाभी का चेहरा खिल उठा। मैंने पूछा भाभी क्या पढ़ोगे आप ? आप तो मुझसे बड़ी हो सब कुछ जानती हो।

फिर भाभी बोली अरे आज कल के लड़के बहुत कुछ नया सीख गए हैं बस वही सब कुछ तुमसे सीखना हैं मुझे अच्छा तुम बैठो मैं तुम्हारे लिए दूध लेकर आती हूं फिर पढ़ाई शुरू करते हैं। इतना कहकर भाभी रसोई में जाने लगी। उफ्फ कितने कामुक तरीके से अपनी गांड़ को मटका रही थी।
मेरा तो हाल खराब हो गया था भाई।

साहिल के हाथ अपने आप लंड पर पहुंच गए और हल्का अा सहलाते हुए बोला:"

" बोल ना भाई जल्दी बोल आगे क्या हुआ फिर ?

आरव:" अच्छा जी इतनी बेताबी लगता हैं तेरा शेर भी दहाड़ मारने लगा हैं, क्यूं बेटा ठीक कह रहा ना मैं ?

साहिल:" फालतू की बात मत कर , जब तुझे सब पता हैं तो आगे बता ना क्या हुआ फिर ?


वहीं दूसरी तरफ रूबी बर्तन साफ कर चुकी थी और आज दिन में हुई घटनाओं के बारे में सोच रही थी। साहिल के चेहरे पर गाड़ी मिलने की खुशी और जिस तरह से साहिल अपने बाप का खुलकर विरोध कर रहा था उससे एक बात तो साफ जाहिर हो गई थी कि साहिल अब पूरी तरह से उसके साथ हैं। रूबी ने खाना खाते हुए साहिल को कुछ परेशान देखा था इसलिए वो जानना चाहती थी कि आखिर क्या हुआ हैं साहिल को , इसलिए उसने साहिल को उसके कमरे में देखा तो वो नहीं दिखाई दिया और जैसे ही वो अपने कमरे में अाई तो उसकी नजर विटामिन सिरप पर पड़ी तो उसने बॉटल को उठाया और पीने के लिए मुंह खोला तो कमरे में दौड़ता हुआ एक चूहा उसके पैर पर से उतर गया और रूबी के मुंह से मुंह से डर के मारे एक आह निकल पड़ी और हाथ कांप गए और बॉटल उसके मुंह में पड़ती चली गई।

रूबी ने चूहा देखा तो उसे होश आया लेकिन जब तक उसका मुंह सिरप से पूरा भर गया था और मजबुरी में उसे सारा सिरप पीना पड़ा जो करीब चार से पांच चम्मच था।

सिरप पीने के बाद रूबी ने उसे वापिस रखा और बाहर रखा वाइपर उठाकर चूहे हो बेड के नीचे ढूंढने लगी। चूहा सामान के पीछे छुप गया था और रूबी ने जैसे तैसे करके उसे बाहर निकाला और जैसे ही चूहा बाहर निकला तो रूबी ने उस पर हमला किया लेकिन चूहा बाहर की तरफ दौड़ गया और रूबी पीछे पीछे लेकिन चूहा हाथ नहीं आया। थक हार कर रूबी ने कमरे में आकर सारा सामान फिर से बेड के अंदर लगाया और एसी में बैठ कर पसीना सुखाने लगी।

वो साहिल को कुछ मिनट के लिए चूहे के चक्कर में भूल ही गई थी। अपने बेटे की याद आते ही रूबी के कदम अपने आप उपर छत की तरफ बढ़ गए। रूबी जैसे ही छत पर पहुंचने वाली थी तो उसके कानों में साहिल की आवाज पड़ी।

" अरे आरव बता भी भाई अब आगे क्या हुआ फिर जब रेखा भाई रसोई से दूध वापिस लेकर अाई ?

रूबी के पैरो को अपने आप ब्रेक लग गया और वो वहीं कौतूहलवश खड़ी होकर उसकी बाते सुनने लगी। साहिल छत पर सीधी के पास जी रखी हुई टंकी के पीछे खड़ा हुआ था इसलिए रूबी को उसकी आवाज साफ सुनाई दे रही थी।

आरव:" होना क्या था भाई वो फिर उसी अदा के साथ मतकटी हुई अाई और पूरी झुकते हुए बोली:"

" लो आरव दूध पियो तुम ?

भाई सच में उसकी चूचियां आधे से ज्यादा बाहर छलक उठी और मुझे समझ नहीं आया कि कौन सा दूध पीने के लिए बोल रही हैं ,

साहिल की आवाज अब पूरी तरह से मस्ती में डूब गई थी और बोला:" फिर तेरे तो मजे हो गए होंगे भाई हाथ में दूध का ग्लास लिए चूची दिखाती हुई भाभी, उफ्फ फिर आगे क्या हुआ भाई ?

रूबी अपने बेटे के मुंह से चूची और उत्तेजक बाते सुनकर हैरान हो गई और और उसके दिमाग को झ्टका सा लगा। वो ये तो देख चुकी थी कि उसका बेटा जवान हो गया हैं लेकिन ऐसी बाते भी करता है उसे आज पता चला।


आरव:" होना क्या था भाई मैं उसकी चूचियों को देखते हुए दूध पीने लगा और भाभी बिल्कुल मुझसे सटकर बैठ गई। मैंने जैसे ही दूध का ग्लास रखा तो भाभी अपनी पीठ खुजाते हुई बोली:"

" आह आरव लगता हैं मेरे सूट में कुछ घुस गया हैं।

इतना कहकर उसने देखते ही देखते अपना सूट उतार दिया और मैं उसकी कमर और चूचियों को देखने लगा जो ब्रा में कसी हुई थी।

साहिल:" आह भाई, भाभी ने सूट उतार दिया, तेरी तो किसमत खुल गई होगी, ब्रा में चूची देखकर।

साहिल के मुंह से इतनी मस्ती भरी बाते सुनकर रूबी दबे पांव आगे बढ़ने लगी और साहिल की आंखे अभी मस्ती से बंद हो गई थी। रूबी आराम से अब टंकी के दूसरी तरफ खड़ी हुई साहिल पर नजर टिका दी और देखा कि वो धीरे धीरे अपने लंड के उभार को सहला रहा था। साहिल के कान से लगकर कब फोन का स्पीकर खुल गया उसे पता ही नहीं चला।

आरव की आवाज उभरी:" हान भाई मै तो उनकी ब्रा में कैद चूचियों को देखकर मस्त हो गया। उफ्फ क्या नजारा था बिल्कुल गोल गोल चूचियां। भाभी पलट गई और बोली:"

" आह आरव देख ना मेरी पीठ पर कुछ हैं क्या,

मैं उनकी नंगी चिकनी पीठ को देखने लगा लेकिन पीठ पर तो कुछ भी नहीं था। मै समझ गया कि भाभी मुझे आगे बढ़ने के लिए उकसा रही है तो फिर मैंने थोड़ा उनके पास होते हुए अपनी सांसे उनकी गर्दन पर छोड़ते हुए बोला

" दिख तो कुछ नहीं रहा हैं भाभी ? कोई कीड़ा नहीं हैं।

अपनी गर्दन पर सांसे पड़ते ही भाभी गरम हो गई और बोली:"

" आह आरव लगता है ब्रा के नीचे घुस गया है, तू एक काम कर इसे खोलकर चैक कर, कहीं स्ट्रिप के नीचे ना छुप गया हो।

साहिल:" हाय आरव तेरी किस्मत साले, फिर बता ना आगे क्या हुआ ? भाई तूने हो आग लगा दी हैं मेरे अंदर।

इतनी सेक्सी बाते सुनकर रूबी के जिस्म में भी उबाल आने लगा और अब सिरप भी अपना असर दिखा रही थी। रूबी की सांसे तेज हो गई और आंखे लाल होने लगी। रूबी ने अपनी कोहनी को वहीं टंकी पर धीरे से टिका दिया और अपने सूख चुके होंठो पर जीभ फेरते हुए उनकी बाते सुनने लगीं।

आरव:" भाई मैंने कांपते हाथो से उनकी कमर को छुआ तो भाभी अपने आप थोड़ा सा पीछे हट गई और उसके मुंह से एक आह निकल पड़ी और बोली कुछ कर ना आरव ये कीड़ा मुझे बहुत परेशान कर रहा हैं। मेरा लन्ड अब तक खड़ा हो चुका था और वो भाभी की गांड़ से जा लगा। उफ्फ भाई मैंने धीरे से उनकी ब्रा के हुक को खोल दिया और भाभी बिल्कुल एकदम मुझसे सट गई और उनकी नंगी कमर मेरे सीने से अा लगी। भाभी बोली क्या हुआ मिला क्या कुछ आरव ?

मैं अब बेकाबू हो रहा था लेकिन सीधे हाथ डालने की हिम्मत नहीं थी इसलिए बोला:" भाभी कुछ भी नहीं हैं। लगता हैं गिर गया होगा नीचे। भाभी की दोनो चूचियां नंगी हो गई थी जिनपर वो हाथ फेर रही थी और मै उनके पीछे खड़ा हुआ ये सब देख रहा था। भाभी बोली अच्छा हुआ गिर गया नहीं तो आज तो मेरी जान ही ले लेता ये कीड़ा।

मैं भाभी की चूचियों को देखकर अपने होश खो बैठा और मेरे दोनो हाथ उनके कंधे पर घूमने लगे तो भाभी के मुंह से मस्ती भरी आह निकल पड़ी और उसने अपना एक हाथ पीछे लाते हुए मेरी जांघ पर टिका दिया तो मेरी हिम्मत बढ़ गई और मैंने अपने होंठ उनकी गर्दन पर टिका दिए।
भाभी की आंखे मस्ती से बंद हो गई और उसने अपने हाथ को सीधे मेरे लंड के उभार पर टिका दिया तो मेरा भी धैर्य जवाब दे गया और मैंने हाथ आगे बढाया और उनकी दोनो चुचियों पर टिका दिया तो भाभी ने मेरे लंड को जोर से दबा दिया और मैंने उसकी चूचियों को मसल दिया तो भाभी पलट गई और अपने होंठ मेरे होंठो पर टिका दिए और चूसने लगी।

साहिल ने अपने लंड को बाहर निकाल लिया और उसका लंड हवा में लहरा उठा जिसे देखकर रूबी की सांसे तेज हो गई। उफ्फ ये भगवान ये कैसा मोटा लंड दिया हैं तूने मेरे बेटे को। साहिल ने अपनी चमड़ी को पीछे खींचते हुए सुपाड़े को बाहर निकाल लिया और गुलाबी सुपाड़ा देखकर रूबी के हाथ अपने हाथ उसकी चूचियों पर पहुंच गए और मसलने लगी।
खाना बन गया था और तीनो बैठे हुए खाना खा रहे थे। साहिल के में प्रिया को लेकर बहुत सारे सवाल उठ रहे थे जिनकी एहसास उसके चेहरे से साफ झलक रहा रहा और रूबी सब समझ रही थी लेकिन शांता की वजह से खामोश थी और चुपचाप खाना खाए जा रही थी ।

शांता:" रूबी मेरी बेटी प्रिया का कुछ पता चला क्या ?

रूबी ने एक बार साहिल की तरफ देखा और बोली:"

" नहीं मा जी लेकिन मैं और साहिल दोनो आपकी बेटी को एक दिन धुंध कर ही दम लेंगे आप अब उसकी चिंता छोड़ दीजिए ये काम हमारा हैं।

शांता एक गहरी सांस लेते हुए बोली:" कहीं ऐसा ना हो वो एक दिन मेरी मौत के बाद आए और मैं अपनी बेटी से जी भर कर बात भी ना कर सकू।

साहिल:" अम्मा आप उल्टी बात मत कीजिए, धीरज रखो सब ठीक हो जाएगा।

शांता चुप हो गई और खाना खाने लगी। थोड़ी देर बाद ही सभी लोग खाना खा चुके तो शांता बर्तन उठाकर धोने के लिए चल दी तो रूबी बोली:"

" बस कीजिए मा आप, अब आप जाकर आराम कीजिए, मैं खुद बर्तन धो लूंगी।

शांता ने कोशिश तो बहुत करी लेकिन रूबी के आगे उसकी एक ना चली और आखिरकार वो बाहर बने अपने कमरे में चली गई। रूबी ने एक नजर साहिल की तरफ देखा और उसे स्माइल दी और बर्तन उठाकर धोने चली गई। साहिल प्रिया के बारे में सोच ही रहा था कि उसका मोबाइल बज उठा। आरव का फोन था तो उसने उठाया।

साहिल:" हान भाई कैसे हो तुम ?

आरव बहुत मस्ती भरी आवाज में बोला:" जन्नत में हूं भाई, मजा आ गया ज़िन्दगी का, जिस रेखा भाभी के सपने देखता था आखिरकार आज उसे पा ही लिया मैने।

आरव की बातो की मादकता से साहिल साफ महसूस कर चुका था कि आरव सच में कुछ बड़ा कर चुका था इसलिए उसके सारे जिस्म में सनसनी सी दौड़ गई। साहिल ने नीचे बात करना ठीक नहीं समझा इसलिए उपर छत पर अा गया और बोला:"

" हान भाई अब बताई क्या हुआ सब कुछ ?

आरव:" होना क्या था भाई भाई आज मैं ट्यूशन पढ़ाने के बहाने से गया तो पता चला कि दिन में उसकी सिस्टर अाई थी और उसके बेटे को अपने साथ ले गई।

साहिल:" ओह इसका मतलब घर में तुम दोनों अकेले ही रह गए थे , फिर आगे क्या हुआ ?

बोलते हुए साहिल की आवाज हल्की भारी हो गई थी और जिस्म में हलचल सी मचने लगी थी।

आरव:" जब उसने मुझे बताया तो मैं वापिस आने लगा तो बोली कि अरे आज बेटा नहीं हैं तो उसकी मा को ही पढ़ा दो तुम, मैंने पलट कर उसकी तरफ देखा तो वो दोनो कोहनियां बेड पर टिकाए हुए मेरी तरफ देख रही थी और उसकी चूचियां बाहर निकलने को तड़प रही थी।

साहिल:" अच्छा जी फिर तो तेरे तो मजे हो गए होंगे, तूने तो अच्छा मौका मिल गया।

आरव:' भाई मै बिना कुछ सोचे सीधे उनके पास जाकर बैठ गया और उनके उभार को देखने लगा तो भाभी का चेहरा खिल उठा। मैंने पूछा भाभी क्या पढ़ोगे आप ? आप तो मुझसे बड़ी हो सब कुछ जानती हो।

फिर भाभी बोली अरे आज कल के लड़के बहुत कुछ नया सीख गए हैं बस वही सब कुछ तुमसे सीखना हैं मुझे अच्छा तुम बैठो मैं तुम्हारे लिए दूध लेकर आती हूं फिर पढ़ाई शुरू करते हैं। इतना कहकर भाभी रसोई में जाने लगी। उफ्फ कितने कामुक तरीके से अपनी गांड़ को मटका रही थी।
मेरा तो हाल खराब हो गया था भाई।

साहिल के हाथ अपने आप लंड पर पहुंच गए और हल्का अा सहलाते हुए बोला:"

" बोल ना भाई जल्दी बोल आगे क्या हुआ फिर ?

आरव:" अच्छा जी इतनी बेताबी लगता हैं तेरा शेर भी दहाड़ मारने लगा हैं, क्यूं बेटा ठीक कह रहा ना मैं ?

साहिल:" फालतू की बात मत कर , जब तुझे सब पता हैं तो आगे बता ना क्या हुआ फिर ?


वहीं दूसरी तरफ रूबी बर्तन साफ कर चुकी थी और आज दिन में हुई घटनाओं के बारे में सोच रही थी। साहिल के चेहरे पर गाड़ी मिलने की खुशी और जिस तरह से साहिल अपने बाप का खुलकर विरोध कर रहा था उससे एक बात तो साफ जाहिर हो गई थी कि साहिल अब पूरी तरह से उसके साथ हैं। रूबी ने खाना खाते हुए साहिल को कुछ परेशान देखा था इसलिए वो जानना चाहती थी कि आखिर क्या हुआ हैं साहिल को , इसलिए उसने साहिल को उसके कमरे में देखा तो वो नहीं दिखाई दिया और जैसे ही वो अपने कमरे में अाई तो उसकी नजर विटामिन सिरप पर पड़ी तो उसने बॉटल को उठाया और पीने के लिए मुंह खोला तो कमरे में दौड़ता हुआ एक चूहा उसके पैर पर से उतर गया और रूबी के मुंह से मुंह से डर के मारे एक आह निकल पड़ी और हाथ कांप गए और बॉटल उसके मुंह में पड़ती चली गई।

रूबी ने चूहा देखा तो उसे होश आया लेकिन जब तक उसका मुंह सिरप से पूरा भर गया था और मजबुरी में उसे सारा सिरप पीना पड़ा जो करीब चार से पांच चम्मच था।

सिरप पीने के बाद रूबी ने उसे वापिस रखा और बाहर रखा वाइपर उठाकर चूहे हो बेड के नीचे ढूंढने लगी। चूहा सामान के पीछे छुप गया था और रूबी ने जैसे तैसे करके उसे बाहर निकाला और जैसे ही चूहा बाहर निकला तो रूबी ने उस पर हमला किया लेकिन चूहा बाहर की तरफ दौड़ गया और रूबी पीछे पीछे लेकिन चूहा हाथ नहीं आया। थक हार कर रूबी ने कमरे में आकर सारा सामान फिर से बेड के अंदर लगाया और एसी में बैठ कर पसीना सुखाने लगी।

वो साहिल को कुछ मिनट के लिए चूहे के चक्कर में भूल ही गई थी। अपने बेटे की याद आते ही रूबी के कदम अपने आप उपर छत की तरफ बढ़ गए। रूबी जैसे ही छत पर पहुंचने वाली थी तो उसके कानों में साहिल की आवाज पड़ी।

" अरे आरव बता भी भाई अब आगे क्या हुआ फिर जब रेखा भाई रसोई से दूध वापिस लेकर अाई ?

रूबी के पैरो को अपने आप ब्रेक लग गया और वो वहीं कौतूहलवश खड़ी होकर उसकी बाते सुनने लगी। साहिल छत पर सीधी के पास जी रखी हुई टंकी के पीछे खड़ा हुआ था इसलिए रूबी को उसकी आवाज साफ सुनाई दे रही थी।

आरव:" होना क्या था भाई वो फिर उसी अदा के साथ मतकटी हुई अाई और पूरी झुकते हुए बोली:"

" लो आरव दूध पियो तुम ?

भाई सच में उसकी चूचियां आधे से ज्यादा बाहर छलक उठी और मुझे समझ नहीं आया कि कौन सा दूध पीने के लिए बोल रही हैं ,

साहिल की आवाज अब पूरी तरह से मस्ती में डूब गई थी और बोला:" फिर तेरे तो मजे हो गए होंगे भाई हाथ में दूध का ग्लास लिए चूची दिखाती हुई भाभी, उफ्फ फिर आगे क्या हुआ भाई ?

रूबी अपने बेटे के मुंह से चूची और उत्तेजक बाते सुनकर हैरान हो गई और और उसके दिमाग को झ्टका सा लगा। वो ये तो देख चुकी थी कि उसका बेटा जवान हो गया हैं लेकिन ऐसी बाते भी करता है उसे आज पता चला।


आरव:" होना क्या था भाई मैं उसकी चूचियों को देखते हुए दूध पीने लगा और भाभी बिल्कुल मुझसे सटकर बैठ गई। मैंने जैसे ही दूध का ग्लास रखा तो भाभी अपनी पीठ खुजाते हुई बोली:"

" आह आरव लगता हैं मेरे सूट में कुछ घुस गया हैं।

इतना कहकर उसने देखते ही देखते अपना सूट उतार दिया और मैं उसकी कमर और चूचियों को देखने लगा जो ब्रा में कसी हुई थी।

साहिल:" आह भाई, भाभी ने सूट उतार दिया, तेरी तो किसमत खुल गई होगी, ब्रा में चूची देखकर।

साहिल के मुंह से इतनी मस्ती भरी बाते सुनकर रूबी दबे पांव आगे बढ़ने लगी और साहिल की आंखे अभी मस्ती से बंद हो गई थी। रूबी आराम से अब टंकी के दूसरी तरफ खड़ी हुई साहिल पर नजर टिका दी और देखा कि वो धीरे धीरे अपने लंड के उभार को सहला रहा था। साहिल के कान से लगकर कब फोन का स्पीकर खुल गया उसे पता ही नहीं चला।

आरव की आवाज उभरी:" हान भाई मै तो उनकी ब्रा में कैद चूचियों को देखकर मस्त हो गया। उफ्फ क्या नजारा था बिल्कुल गोल गोल चूचियां। भाभी पलट गई और बोली:"

" आह आरव देख ना मेरी पीठ पर कुछ हैं क्या,

मैं उनकी नंगी चिकनी पीठ को देखने लगा लेकिन पीठ पर तो कुछ भी नहीं था। मै समझ गया कि भाभी मुझे आगे बढ़ने के लिए उकसा रही है तो फिर मैंने थोड़ा उनके पास होते हुए अपनी सांसे उनकी गर्दन पर छोड़ते हुए बोला

" दिख तो कुछ नहीं रहा हैं भाभी ? कोई कीड़ा नहीं हैं।

अपनी गर्दन पर सांसे पड़ते ही भाभी गरम हो गई और बोली:"

" आह आरव लगता है ब्रा के नीचे घुस गया है, तू एक काम कर इसे खोलकर चैक कर, कहीं स्ट्रिप के नीचे ना छुप गया हो।

साहिल:" हाय आरव तेरी किस्मत साले, फिर बता ना आगे क्या हुआ ? भाई तूने हो आग लगा दी हैं मेरे अंदर।

इतनी सेक्सी बाते सुनकर रूबी के जिस्म में भी उबाल आने लगा और अब सिरप भी अपना असर दिखा रही थी। रूबी की सांसे तेज हो गई और आंखे लाल होने लगी। रूबी ने अपनी कोहनी को वहीं टंकी पर धीरे से टिका दिया और अपने सूख चुके होंठो पर जीभ फेरते हुए उनकी बाते सुनने लगीं।

आरव:" भाई मैंने कांपते हाथो से उनकी कमर को छुआ तो भाभी अपने आप थोड़ा सा पीछे हट गई और उसके मुंह से एक आह निकल पड़ी और बोली कुछ कर ना आरव ये कीड़ा मुझे बहुत परेशान कर रहा हैं। मेरा लन्ड अब तक खड़ा हो चुका था और वो भाभी की गांड़ से जा लगा। उफ्फ भाई मैंने धीरे से उनकी ब्रा के हुक को खोल दिया और भाभी बिल्कुल एकदम मुझसे सट गई और उनकी नंगी कमर मेरे सीने से अा लगी। भाभी बोली क्या हुआ मिला क्या कुछ आरव ?

मैं अब बेकाबू हो रहा था लेकिन सीधे हाथ डालने की हिम्मत नहीं थी इसलिए बोला:" भाभी कुछ भी नहीं हैं। लगता हैं गिर गया होगा नीचे। भाभी की दोनो चूचियां नंगी हो गई थी जिनपर वो हाथ फेर रही थी और मै उनके पीछे खड़ा हुआ ये सब देख रहा था। भाभी बोली अच्छा हुआ गिर गया नहीं तो आज तो मेरी जान ही ले लेता ये कीड़ा।

मैं भाभी कि चूचियों को देखकर अपने होश खो बैठा और मेरे दोनो हाथ उनके कंधे पर घूमने लगे तो भाभी के मुंह से मस्ती भरी आह निकल पड़ी और उसने अपना एक हाथ पीछे लाते हुए मेरी जांघ पर टिका दिया तो मेरी हिम्मत बढ़ गई और मैंने अपने होंठ उनकी गर्दन पर टिका दिए।
भाभी की आंखे मस्ती से बंद हो गई और उसने अपने हाथ को सीधे मेरे लंड के उभार पर टिका दिया तो मेरा भी धैर्य जवाब दे गया और मैंने हाथ आगे बढाया और उनकी दोनो चुचियों पर टिका दिया तो भाभी ने मेरे लंड को जोर से दबा दिया और मैंने उसकी चूचियों को मसल दिया तो भाभी पलट गई और अपने होंठ मेरे होंठो पर टिका दिए और चूसने लगी।

साहिल ने अपने लंड को बाहर निकाल लिया और उसका लंड हवा में लहरा उठा जिसे देखकर रूबी की सांसे तेज हो गई। उफ्फ ये भगवान ये कैसा मोटा लंड दिया हैं तूने मेरे बेटे को। साहिल ने अपनी चमड़ी को पीछे खींचते हुए सुपाड़े को बाहर निकाल लिया और गुलाबी सुपाड़ा देखकर रूबी के हाथ अपने हाथ उसकी चूचियों पर पहुंच गए और मसलने लगी।

साहिल:" आह भाई फिर आगे क्या हुआ ?
साहिल:" आह भाई फिर आगे क्या हुआ ?

आरव:" भाई कितने मीठे होंठ थे उसके, मजा आ गया, फिर भाभी ने अपने आप है मेरी पैंट को नीचे किया और लंड को बाहर निकाल कर अपने मुंह में भर लिया। आह भाई कितना अच्छा लग रहा था। देखते ही देखते मेरा पूरा लंड भाभी के मुंह में समा चुका था। उनकी जवाब कमाल कर रही थी और मजे से मेरी आंखे बंद हो गई थी।

साहिल का बुरा हाल हो गया था और वो मस्ती से आंखे बंद किए अपने लंड को अब अच्छे से सहला रहा था। वहीं रूबी का जिस्म आज फिर से आग का गोला बन गई था और उत्तेजना में वो भूल गई कि वो छत पर हैं और अपने जिस्म को टंकी पर रगड़ने लगी। आवाज सुनकर साहिल की आंखे हल्की सी खुल गई तो उसे किसी के होने का एहसास हुआ और उसने धीरे से देखा तो अपनी मा को वहां देखंकर उसके होश उड़ गए। लेकिन जैसे ही उसे रूबी की हालत का अंदाजा हुआ तो उसे एहसास हो गया कि उसकी मा की वासना पूरी तरह से भड़क चुकी हैं जो आंखे बंद किए बहुत देर से उनकी बात सुन रही थी और अब अपने जिस्म को टंकी पर ही रगड़ रही है। साहिल के कानों में आरव की आवाज पड़ी

" भाई बस फिर मेरा लन्ड फटने को हो गया तो मैंने भाभी को बेड पर लिटा दिया और उसने खुद ही अपने कपड़े उतार दिए और लंड अपनी चूत पर टिका दिया। मैंने एक झटका मार दिया और लंड सीधे अंदर, उफ्फ कितनी गरम चूत थी उनकी।

साहिल एक बार फिर से अपने होश खो बैठा और अपने लंड को हिलाने लगा वहीं रूबी ने लंड चूत में जाने की बात सुनकर अपनी सलवार को खोल दिया और जोर जोर से अपनी चूत टंकी पर रगड़ने लगी। रूबी के मुंह से अपने आप हल्की हल्की मस्ती भरी सिसकारियां निकल रही थी जिन्हे सुनकर साहिल पूरी ताकत से अपने लंड को हिला रहा था। साहिल ने फोन काट दिया ताकि आरव उसकी मम्मी की आवाज ना सुन ले।

जैसे ही आरव की आवाज आनी बंद हुई तो रूबी की आंखे हल्की सी खुली और अपने बेटे को खुली छत पर लंड हिलाते देखकर वो शरमा गई और समझ गई कि अब साहिल नीचे आएगा और नीचे की तरफ जाने लगी। रूबी के क़दमों की आवाज सुनकर साहिल ने ना चाहते हुए भी अपने हाथ रोक दिए और अपनी मा को नीचे जाते हुए देखकर उसने एक सुकून की सांस ली।

रूबी नीचे अा गई और फिर से छत की तरफ उपर जाने लगी लेकिन इस बार वो साहिल को जोर जोर से आवाज लगा रही थी।

" साहिल अरे बेटा साहिल कहां हो तुम ?

साहिल ने जल्दी से अपने कपड़े ठीक लिए और नीचे की तरफ आने लगा तो रास्ते में ही उसे रूबी मिल गई जिसकी नजर सीधे उसके पेंट में बने तम्बू पर पड़ी और उसके होंठो पर स्माइल अा गई।

साहिल:" जी मम्मी क्या हुआ ? कुछ काम था क्या आपको ?

रूबी की चूचियां अभी भी उपर नीचे हो रही थी जिन्हे देखकर साहिल का लंड पूरी औकात दिखा रहा था और के पेंट में तम्बू और बढ़ता जा रहा था।

रूबी:" कुछ नहीं, मेरा मन नहीं लग रहा था अकेले, सोचा तुझसे बात कर लू।

साहिल और रूबी दोनो मा बेटे अब कमरे में अा गए थे।

रूबी:" देखो ना आज कितनी गर्मी हो रही हैं, उफ्फ एसी में भी सुकून नहीं मिल रहा हैं। मैं कपडे बदलकर आती हूं।

रूबी अंदर बाथरूम में चली गई और गर्मी के कारण ब्रा पेंटी नहीं पहनी और थोड़े देर बाद एक सुंदर सी ड्रेस पहनकर अा गई। साहिल अपनी मा को देखकर खुश हो गया।

साहिल:" मम्मी आप बहुत खूबसूरत लग रही हैं।

रूबी:" अच्छा जी, लेकिन मेरा बेटा भी तो लाखो तो मैं एक हैं। सच में साहिल मुझे लगता हैं कि तेरे आने से मैं फिर से जिंदा हो गई हूं। लगता हैं कि मुझे भी जीने का हक हैं नहीं तो अनूप ने तो मुझे बर्बाद की कर दिया था।

साहिल ने रूबी का एक हाथ अपने हाथ में लिया और चूमकर बोला:

" मम्मी आप खुलकर अपनी ज़िन्दगी जिए अब, आपका बेटा अा गया है। आपकी हर खुशी का ख्याल मैं रखूंगा।

रूबी ने साहिल को अपनी बांहों में भर लिया और उससे कसकर लिपट गई और बोली:"

" हान बेटा, मुझे तुझ पर पूरा यकीन हैं और सच में में तेरे साथ फिर से जीना चाहती हूं।

साहिल ने भी रूबी को जोर से कस लिया तो साहिल का खड़ा हुआ लंड रूबी की जांघो में जा घुसा और रूबी के जिस्म में एक बार से हलचल सी मच गई और साहिल के कंधे पर अपना सिर टिका दिया और आंखे बंद कर ली। साहिल ने अपने दोनो हाथ रूबी की कमर पर लपेट दिए और हल्के हल्के घुमाते हुए बोला:"

" मम्मी मैं आपको बहुत प्यार करता हूं, अब देखना आप की ज़िन्दगी में खुशियां फिर से आयेंगी।

रूबी:" हान बेटा, तूने ही मुझे फिर से मुस्कुराने की वजह दी हैं, तुम दुनिया के सबसे अच्छे बेटे हो साहिल ।

साहिल की उंगलियां रूबी ने तन बदन में आग भरती जा रही थी और रूबी की चूचियां अपने आप अकड़ रही थी और उनके निप्पल कड़े होते जा रहे थे जिनका एहसास साहिल को अब धीरे धीरे हो रहा था। साहिल की गर्म गर्म सांसे रूबी की गर्दन पर पड़ रही थी और रूबी की मदहोशी बढ़ती जा रही थी। रूबी को लगने लगा कि अगर कुछ देर ऐसे ही रहा तो अपने होश खो देगी इसलिए बोली:"

" अच्छा बेटा मुझे नींद आ रही है, चलो सो जाते हैं।

साहिल ने एक आज्ञाकारी बच्चे की तरह तुरंत रूबी को छोड़ दिया और दोनो मा बेटे बेड पर पहुंच गए और रूबी ने अपने बेटे का माथा चूम लिया और बोली:"

" गुड नाईट मेरे बेटे।

रूबी ने साहिल को बांहों में भर लिया और सोने की कोशिश करने लगी। लंड एक बार फिर से उसकी जांघो में घुस गया। दोनो मा बेटे पूरी तरह से गरम थे लेकिन किसी के भी अंदर आगे बढ़ने की हिम्मत नहीं थी।

साहिल की गर्म गर्म सांसे अब रूबी की चूचियो पर पड़ रही थी और पल पल रूबी की हालत खराब होती जा रही थी। साहिल की दोनो आंखें बंद थी इसलिए थोड़ी देर के बाद रूबी को लगा कि साहिल सो गया है तो वो धीरे से उठी और अपनी ड्रेस को उतारकर एक सफेद रंग की पतली सी चादर ली और कमरे से बाहर निकल गई।

साहिल अभी पूरी तरह से जागा हुआ था लेकिन उसकी करवट दूसरी तरफ थी जिस कारण वो रूबी को कपडे बदलते नहीं देख पाया लेकिन जैसे ही रूबी के क़दमों की आहट बाहर जाती सुनाई पड़ी तो वो समझ गया कि उसकी मा आज फिर से चुदाई लोक में जा रही है।
 
Last edited:
  • Like
Reactions: Nevil singh

ArunKumar

New Member
62
91
18
खाना बन गया था और तीनो बैठे हुए खाना खा रहे थे। साहिल के मन में प्रिया को लेकर बहुत सारे सवाल उठ रहे थे जिनकी एहसास उसके चेहरे से साफ झलक रहा रहा और रूबी सब समझ रही थी लेकिन शांता की वजह से खामोश थी और चुपचाप खाना खाए जा रही थी ।

शांता:" रूबी मेरी बेटी प्रिया का कुछ पता चला क्या ?

रूबी ने एक बार साहिल की तरफ देखा और बोली:"

" नहीं मा जी लेकिन मैं और साहिल दोनो आपकी बेटी को एक दिन धुंध कर ही दम लेंगे आप अब उसकी चिंता छोड़ दीजिए ये काम हमारा हैं।

शांता एक गहरी सांस लेते हुए बोली:" कहीं ऐसा ना हो वो एक दिन मेरी मौत के बाद आए और मैं अपनी बेटी से जी भर कर बात भी ना कर सकू।

साहिल:" अम्मा आप उल्टी बात मत कीजिए, धीरज रखो सब ठीक हो जाएगा।

शांता चुप हो गई और खाना खाने लगी। थोड़ी देर बाद ही सभी लोग खाना खा चुके तो शांता बर्तन उठाकर धोने के लिए चल दी तो रूबी बोली:"

" बस कीजिए मा आप, अब आप जाकर आराम कीजिए, मैं खुद बर्तन धो लूंगी।

शांता ने कोशिश तो बहुत करी लेकिन रूबी के आगे उसकी एक ना चली और आखिरकार वो बाहर बने अपने कमरे में चली गई। रूबी ने एक नजर साहिल की तरफ देखा और उसे स्माइल दी और बर्तन उठाकर धोने चली गई। साहिल प्रिया के बारे में सोच ही रहा था कि उसका मोबाइल बज उठा। आरव का फोन था तो उसने उठाया।

साहिल:" हान भाई कैसे हो तुम ?

आरव बहुत मस्ती भरी आवाज में बोला:" जन्नत में हूं भाई, मजा आ गया ज़िन्दगी का, जिस रेखा भाभी के सपने देखता था आखिरकार आज उसे पा ही लिया मैने।

आरव की बातो की मादकता से साहिल साफ महसूस कर चुका था कि आरव सच में कुछ बड़ा कर चुका था इसलिए उसके सारे जिस्म में सनसनी सी दौड़ गई। साहिल ने नीचे बात करना ठीक नहीं समझा इसलिए उपर छत पर अा गया और बोला:"

" हान भाई अब बताई क्या हुआ सब कुछ ?

आरव:" होना क्या था भाई भाई आज मैं ट्यूशन पढ़ाने के बहाने से गया तो पता चला कि दिन में उसकी सिस्टर अाई थी और उसके बेटे को अपने साथ ले गई।

साहिल:" ओह इसका मतलब घर में तुम दोनों अकेले ही रह गए थे , फिर आगे क्या हुआ ?

बोलते हुए साहिल की आवाज हल्की भारी हो गई थी और जिस्म में हलचल सी मचने लगी थी।

आरव:" जब उसने मुझे बताया तो मैं वापिस आने लगा तो बोली कि अरे आज बेटा नहीं हैं तो उसकी मा को ही पढ़ा दो तुम, मैंने पलट कर उसकी तरफ देखा तो वो दोनो कोहनियां बेड पर टिकाए हुए मेरी तरफ देख रही थी और उसकी चूचियां बाहर निकलने को तड़प रही थी।

साहिल:" अच्छा जी फिर तो तेरे तो मजे हो गए होंगे, तूने तो अच्छा मौका मिल गया।

आरव:' भाई मै बिना कुछ सोचे सीधे उनके पास जाकर बैठ गया और उनके उभार को देखने लगा तो भाभी का चेहरा खिल उठा। मैंने पूछा भाभी क्या पढ़ोगे आप ? आप तो मुझसे बड़ी हो सब कुछ जानती हो।

फिर भाभी बोली अरे आज कल के लड़के बहुत कुछ नया सीख गए हैं बस वही सब कुछ तुमसे सीखना हैं मुझे अच्छा तुम बैठो मैं तुम्हारे लिए दूध लेकर आती हूं फिर पढ़ाई शुरू करते हैं। इतना कहकर भाभी रसोई में जाने लगी। उफ्फ कितने कामुक तरीके से अपनी गांड़ को मटका रही थी।
मेरा तो हाल खराब हो गया था भाई।

साहिल के हाथ अपने आप लंड पर पहुंच गए और हल्का अा सहलाते हुए बोला:"

" बोल ना भाई जल्दी बोल आगे क्या हुआ फिर ?

आरव:" अच्छा जी इतनी बेताबी लगता हैं तेरा शेर भी दहाड़ मारने लगा हैं, क्यूं बेटा ठीक कह रहा ना मैं ?

साहिल:" फालतू की बात मत कर , जब तुझे सब पता हैं तो आगे बता ना क्या हुआ फिर ?


वहीं दूसरी तरफ रूबी बर्तन साफ कर चुकी थी और आज दिन में हुई घटनाओं के बारे में सोच रही थी। साहिल के चेहरे पर गाड़ी मिलने की खुशी और जिस तरह से साहिल अपने बाप का खुलकर विरोध कर रहा था उससे एक बात तो साफ जाहिर हो गई थी कि साहिल अब पूरी तरह से उसके साथ हैं। रूबी ने खाना खाते हुए साहिल को कुछ परेशान देखा था इसलिए वो जानना चाहती थी कि आखिर क्या हुआ हैं साहिल को , इसलिए उसने साहिल को उसके कमरे में देखा तो वो नहीं दिखाई दिया और जैसे ही वो अपने कमरे में अाई तो उसकी नजर विटामिन सिरप पर पड़ी तो उसने बॉटल को उठाया और पीने के लिए मुंह खोला तो कमरे में दौड़ता हुआ एक चूहा उसके पैर पर से उतर गया और रूबी के मुंह से मुंह से डर के मारे एक आह निकल पड़ी और हाथ कांप गए और बॉटल उसके मुंह में पड़ती चली गई।

रूबी ने चूहा देखा तो उसे होश आया लेकिन जब तक उसका मुंह सिरप से पूरा भर गया था और मजबुरी में उसे सारा सिरप पीना पड़ा जो करीब चार से पांच चम्मच था।

सिरप पीने के बाद रूबी ने उसे वापिस रखा और बाहर रखा वाइपर उठाकर चूहे हो बेड के नीचे ढूंढने लगी। चूहा सामान के पीछे छुप गया था और रूबी ने जैसे तैसे करके उसे बाहर निकाला और जैसे ही चूहा बाहर निकला तो रूबी ने उस पर हमला किया लेकिन चूहा बाहर की तरफ दौड़ गया और रूबी पीछे पीछे लेकिन चूहा हाथ नहीं आया। थक हार कर रूबी ने कमरे में आकर सारा सामान फिर से बेड के अंदर लगाया और एसी में बैठ कर पसीना सुखाने लगी।

वो साहिल को कुछ मिनट के लिए चूहे के चक्कर में भूल ही गई थी। अपने बेटे की याद आते ही रूबी के कदम अपने आप उपर छत की तरफ बढ़ गए। रूबी जैसे ही छत पर पहुंचने वाली थी तो उसके कानों में साहिल की आवाज पड़ी।

" अरे आरव बता भी भाई अब आगे क्या हुआ फिर जब रेखा भाई रसोई से दूध वापिस लेकर अाई ?

रूबी के पैरो को अपने आप ब्रेक लग गया और वो वहीं कौतूहलवश खड़ी होकर उसकी बाते सुनने लगी। साहिल छत पर सीधी के पास जी रखी हुई टंकी के पीछे खड़ा हुआ था इसलिए रूबी को उसकी आवाज साफ सुनाई दे रही थी।

आरव:" होना क्या था भाई वो फिर उसी अदा के साथ मतकटी हुई अाई और पूरी झुकते हुए बोली:"

" लो आरव दूध पियो तुम ?

भाई सच में उसकी चूचियां आधे से ज्यादा बाहर छलक उठी और मुझे समझ नहीं आया कि कौन सा दूध पीने के लिए बोल रही हैं ,

साहिल की आवाज अब पूरी तरह से मस्ती में डूब गई थी और बोला:" फिर तेरे तो मजे हो गए होंगे भाई हाथ में दूध का ग्लास लिए चूची दिखाती हुई भाभी, उफ्फ फिर आगे क्या हुआ भाई ?

रूबी अपने बेटे के मुंह से चूची और उत्तेजक बाते सुनकर हैरान हो गई और और उसके दिमाग को झ्टका सा लगा। वो ये तो देख चुकी थी कि उसका बेटा जवान हो गया हैं लेकिन ऐसी बाते भी करता है उसे आज पता चला।


आरव:" होना क्या था भाई मैं उसकी चूचियों को देखते हुए दूध पीने लगा और भाभी बिल्कुल मुझसे सटकर बैठ गई। मैंने जैसे ही दूध का ग्लास रखा तो भाभी अपनी पीठ खुजाते हुई बोली:"

" आह आरव लगता हैं मेरे सूट में कुछ घुस गया हैं।

इतना कहकर उसने देखते ही देखते अपना सूट उतार दिया और मैं उसकी कमर और चूचियों को देखने लगा जो ब्रा में कसी हुई थी।

साहिल:" आह भाई, भाभी ने सूट उतार दिया, तेरी तो किसमत खुल गई होगी, ब्रा में चूची देखकर।

साहिल के मुंह से इतनी मस्ती भरी बाते सुनकर रूबी दबे पांव आगे बढ़ने लगी और साहिल की आंखे अभी मस्ती से बंद हो गई थी। रूबी आराम से अब टंकी के दूसरी तरफ खड़ी हुई साहिल पर नजर टिका दी और देखा कि वो धीरे धीरे अपने लंड के उभार को सहला रहा था। साहिल के कान से लगकर कब फोन का स्पीकर खुल गया उसे पता ही नहीं चला।

आरव की आवाज उभरी:" हान भाई मै तो उनकी ब्रा में कैद चूचियों को देखकर मस्त हो गया। उफ्फ क्या नजारा था बिल्कुल गोल गोल चूचियां। भाभी पलट गई और बोली:"

" आह आरव देख ना मेरी पीठ पर कुछ हैं क्या,

मैं उनकी नंगी चिकनी पीठ को देखने लगा लेकिन पीठ पर तो कुछ भी नहीं था। मै समझ गया कि भाभी मुझे आगे बढ़ने के लिए उकसा रही है तो फिर मैंने थोड़ा उनके पास होते हुए अपनी सांसे उनकी गर्दन पर छोड़ते हुए बोला

" दिख तो कुछ नहीं रहा हैं भाभी ? कोई कीड़ा नहीं हैं।

अपनी गर्दन पर सांसे पड़ते ही भाभी गरम हो गई और बोली:"

" आह आरव लगता है ब्रा के नीचे घुस गया है, तू एक काम कर इसे खोलकर चैक कर, कहीं स्ट्रिप के नीचे ना छुप गया हो।

साहिल:" हाय आरव तेरी किस्मत साले, फिर बता ना आगे क्या हुआ ? भाई तूने हो आग लगा दी हैं मेरे अंदर।

इतनी सेक्सी बाते सुनकर रूबी के जिस्म में भी उबाल आने लगा और अब सिरप भी अपना असर दिखा रही थी। रूबी की सांसे तेज हो गई और आंखे लाल होने लगी। रूबी ने अपनी कोहनी को वहीं टंकी पर धीरे से टिका दिया और अपने सूख चुके होंठो पर जीभ फेरते हुए उनकी बाते सुनने लगीं।

आरव:" भाई मैंने कांपते हाथो से उनकी कमर को छुआ तो भाभी अपने आप थोड़ा सा पीछे हट गई और उसके मुंह से एक आह निकल पड़ी और बोली कुछ कर ना आरव ये कीड़ा मुझे बहुत परेशान कर रहा हैं। मेरा लन्ड अब तक खड़ा हो चुका था और वो भाभी की गांड़ से जा लगा। उफ्फ भाई मैंने धीरे से उनकी ब्रा के हुक को खोल दिया और भाभी बिल्कुल एकदम मुझसे सट गई और उनकी नंगी कमर मेरे सीने से अा लगी। भाभी बोली क्या हुआ मिला क्या कुछ आरव ?

मैं अब बेकाबू हो रहा था लेकिन सीधे हाथ डालने की हिम्मत नहीं थी इसलिए बोला:" भाभी कुछ भी नहीं हैं। लगता हैं गिर गया होगा नीचे। भाभी की दोनो चूचियां नंगी हो गई थी जिनपर वो हाथ फेर रही थी और मै उनके पीछे खड़ा हुआ ये सब देख रहा था। भाभी बोली अच्छा हुआ गिर गया नहीं तो आज तो मेरी जान ही ले लेता ये कीड़ा।

मैं भाभी कि चूचियों को देखकर अपने होश खो बैठा और मेरे दोनो हाथ उनके कंधे पर घूमने लगे तो भाभी के मुंह से मस्ती भरी आह निकल पड़ी और उसने अपना एक हाथ पीछे लाते हुए मेरी जांघ पर टिका दिया तो मेरी हिम्मत बढ़ गई और मैंने अपने होंठ उनकी गर्दन पर टिका दिए।
भाभी की आंखे मस्ती से बंद हो गई और उसने अपने हाथ को सीधे मेरे लंड के उभार पर टिका दिया तो मेरा भी धैर्य जवाब दे गया और मैंने हाथ आगे बढाया और उनकी दोनो चुचियों पर टिका दिया तो भाभी ने मेरे लंड को जोर से दबा दिया और मैंने उसकी चूचियों को मसल दिया तो भाभी पलट गई और अपने होंठ मेरे होंठो पर टिका दिए और चूसने लगी।

साहिल ने अपने लंड को बाहर निकाल लिया और उसका लंड हवा में लहरा उठा जिसे देखकर रूबी की सांसे तेज हो गई। उफ्फ ये भगवान ये कैसा मोटा लंड दिया हैं तूने मेरे बेटे को। साहिल ने अपनी चमड़ी को पीछे खींचते हुए सुपाड़े को बाहर निकाल लिया और गुलाबी सुपाड़ा देखकर रूबी के हाथ अपने हाथ उसकी चूचियों पर पहुंच गए और मसलने लगी।

साहिल:" आह भाई फिर आगे क्या हुआ ?
साहिल:" आह भाई फिर आगे क्या हुआ ?

आरव:" भाई कितने मीठे होंठ थे उसके, मजा आ गया, फिर भाभी ने अपने आप है मेरी पैंट को नीचे किया और लंड को बाहर निकाल कर अपने मुंह में भर लिया। आह भाई कितना अच्छा लग रहा था। देखते ही देखते मेरा पूरा लंड भाभी के मुंह में समा चुका था। उनकी जवाब कमाल कर रही थी और मजे से मेरी आंखे बंद हो गई थी।

साहिल का बुरा हाल हो गया था और वो मस्ती से आंखे बंद किए अपने लंड को अब अच्छे से सहला रहा था। वहीं रूबी का जिस्म आज फिर से आग का गोला बन गई था और उत्तेजना में वो भूल गई कि वो छत पर हैं और अपने जिस्म को टंकी पर रगड़ने लगी। आवाज सुनकर साहिल की आंखे हल्की सी खुल गई तो उसे किसी के होने का एहसास हुआ और उसने धीरे से देखा तो अपनी मा को वहां देखंकर उसके होश उड़ गए। लेकिन जैसे ही उसे रूबी की हालत का अंदाजा हुआ तो उसे एहसास हो गया कि उसकी मा की वासना पूरी तरह से भड़क चुकी हैं जो आंखे बंद किए बहुत देर से उनकी बात सुन रही थी और अब अपने जिस्म को टंकी पर ही रगड़ रही है। साहिल के कानों में आरव की आवाज पड़ी

" भाई बस फिर मेरा लन्ड फटने को हो गया तो मैंने भाभी को बेड पर लिटा दिया और उसने खुद ही अपने कपड़े उतार दिए और लंड अपनी चूत पर टिका दिया। मैंने एक झटका मार दिया और लंड सीधे अंदर, उफ्फ कितनी गरम चूत थी उनकी।

साहिल एक बार फिर से अपने होश खो बैठा और अपने लंड को हिलाने लगा वहीं रूबी ने लंड चूत में जाने की बात सुनकर अपनी सलवार को खोल दिया और जोर जोर से अपनी चूत टंकी पर रगड़ने लगी। रूबी के मुंह से अपने आप हल्की हल्की मस्ती भरी सिसकारियां निकल रही थी जिन्हे सुनकर साहिल पूरी ताकत से अपने लंड को हिला रहा था। साहिल ने फोन काट दिया ताकि आरव उसकी मम्मी की आवाज ना सुन ले।

जैसे ही आरव की आवाज आनी बंद हुई तो रूबी की आंखे हल्की सी खुली और अपने बेटे को खुली छत पर लंड हिलाते देखकर वो शरमा गई और समझ गई कि अब साहिल नीचे आएगा और नीचे की तरफ जाने लगी। रूबी के क़दमों की आवाज सुनकर साहिल ने ना चाहते हुए भी अपने हाथ रोक दिए और अपनी मा को नीचे जाते हुए देखकर उसने एक सुकून की सांस ली।

रूबी नीचे अा गई और फिर से छत की तरफ उपर जाने लगी लेकिन इस बार वो साहिल को जोर जोर से आवाज लगा रही थी।

" साहिल अरे बेटा साहिल कहां हो तुम ?

साहिल ने जल्दी से अपने कपड़े ठीक लिए और नीचे की तरफ आने लगा तो रास्ते में ही उसे रूबी मिल गई जिसकी नजर सीधे उसके पेंट में बने तम्बू पर पड़ी और उसके होंठो पर स्माइल अा गई।

साहिल:" जी मम्मी क्या हुआ ? कुछ काम था क्या आपको ?

रूबी की चूचियां अभी भी उपर नीचे हो रही थी जिन्हे देखकर साहिल का लंड पूरी औकात दिखा रहा था और के पेंट में तम्बू और बढ़ता जा रहा था।

रूबी:" कुछ नहीं, मेरा मन नहीं लग रहा था अकेले, सोचा तुझसे बात कर लू।

साहिल और रूबी दोनो मा बेटे अब कमरे में अा गए थे।

रूबी:" देखो ना आज कितनी गर्मी हो रही हैं, उफ्फ एसी में भी सुकून नहीं मिल रहा हैं। मैं कपडे बदलकर आती हूं।

रूबी अंदर बाथरूम में चली गई और गर्मी के कारण ब्रा पेंटी नहीं पहनी और थोड़े देर बाद एक सुंदर सी ड्रेस पहनकर अा गई। साहिल अपनी मा को देखकर खुश हो गया।

साहिल:" मम्मी आप बहुत खूबसूरत लग रही हैं।

रूबी:" अच्छा जी, लेकिन मेरा बेटा भी तो लाखो तो मैं एक हैं। सच में साहिल मुझे लगता हैं कि तेरे आने से मैं फिर से जिंदा हो गई हूं। लगता हैं कि मुझे भी जीने का हक हैं नहीं तो अनूप ने तो मुझे बर्बाद की कर दिया था।

साहिल ने रूबी का एक हाथ अपने हाथ में लिया और चूमकर बोला:

" मम्मी आप खुलकर अपनी ज़िन्दगी जिए अब, आपका बेटा अा गया है। आपकी हर खुशी का ख्याल मैं रखूंगा।

रूबी ने साहिल को अपनी बांहों में भर लिया और उससे कसकर लिपट गई और बोली:"

" हान बेटा, मुझे तुझ पर पूरा यकीन हैं और सच में में तेरे साथ फिर से जीना चाहती हूं।

साहिल ने भी रूबी को जोर से कस लिया तो साहिल का खड़ा हुआ लंड रूबी की जांघो में जा घुसा और रूबी के जिस्म में एक बार से हलचल सी मच गई और साहिल के कंधे पर अपना सिर टिका दिया और आंखे बंद कर ली। साहिल ने अपने दोनो हाथ रूबी की कमर पर लपेट दिए और हल्के हल्के घुमाते हुए बोला:"

" मम्मी मैं आपको बहुत प्यार करता हूं, अब देखना आप की ज़िन्दगी में खुशियां फिर से आयेंगी।

रूबी:" हान बेटा, तूने ही मुझे फिर से मुस्कुराने की वजह दी हैं, तुम दुनिया के सबसे अच्छे बेटे हो साहिल ।

साहिल की उंगलियां रूबी ने तन बदन में आग भरती जा रही थी और रूबी की चूचियां अपने आप अकड़ रही थी और उनके निप्पल कड़े होते जा रहे थे जिनका एहसास साहिल को अब धीरे धीरे हो रहा था। साहिल की गर्म गर्म सांसे रूबी की गर्दन पर पड़ रही थी और रूबी की मदहोशी बढ़ती जा रही थी। रूबी को लगने लगा कि अगर कुछ देर ऐसे ही रहा तो अपने होश खो देगी इसलिए बोली:"

" अच्छा बेटा मुझे नींद आ रही है, चलो सो जाते हैं।

साहिल ने एक आज्ञाकारी बच्चे की तरह तुरंत रूबी को छोड़ दिया और दोनो मा बेटे बेड पर पहुंच गए और रूबी ने अपने बेटे का माथा चूम लिया और बोली:"

" गुड नाईट मेरे बेटे।

रूबी ने साहिल को बांहों में भर लिया और सोने की कोशिश करने लगी। लंड एक बार फिर से उसकी जांघो में घुस गया। दोनो मा बेटे पूरी तरह से गरम थे लेकिन किसी के भी अंदर आगे बढ़ने की हिम्मत नहीं थी।

साहिल की गर्म गर्म सांसे अब रूबी की चूचियो पर पड़ रही थी और पल पल रूबी की हालत खराब होती जा रही थी। साहिल की दोनो आंखें बंद थी इसलिए थोड़ी देर के बाद रूबी को लगा कि साहिल सो गया है तो वो धीरे से उठी और अपनी ड्रेस को उतारकर एक सफेद रंग की पतली सी चादर ली और कमरे से बाहर निकल गई।

साहिल अभी पूरी तरह से जागा हुआ था लेकिन उसकी करवट दूसरी तरफ थी जिस कारण वो रूबी को कपडे बदलते नहीं देख पाया लेकिन जैसे ही रूबी के क़दमों की आहट बाहर जाती सुनाई पड़ी तो वो समझ गया कि उसकी मा आज फिर से चुदाई लोक में जा रही है।
Good update bro
 
  • Like
Reactions: Nevil singh

kamdev99008

FoX - Federation of Xossipians
9,709
37,399
219
बहुत खूब..............अब लगता है समय भी आ गया और मौका भी है
साहिल और रूबी के मिलन का

आपको पुनः यहाँ देखकर प्रसन्नता हुई...........
आशा है आपका स्वस्थ्य अब ठीक होगा

अगले अंक कि बेसबरी से प्रतीक्षा रहेगी
 

Abhi32

Well-Known Member
8,022
12,399
188
खाना बन गया था और तीनो बैठे हुए खाना खा रहे थे। साहिल के मन में प्रिया को लेकर बहुत सारे सवाल उठ रहे थे जिनकी एहसास उसके चेहरे से साफ झलक रहा रहा और रूबी सब समझ रही थी लेकिन शांता की वजह से खामोश थी और चुपचाप खाना खाए जा रही थी ।

शांता:" रूबी मेरी बेटी प्रिया का कुछ पता चला क्या ?

रूबी ने एक बार साहिल की तरफ देखा और बोली:"

" नहीं मा जी लेकिन मैं और साहिल दोनो आपकी बेटी को एक दिन धुंध कर ही दम लेंगे आप अब उसकी चिंता छोड़ दीजिए ये काम हमारा हैं।

शांता एक गहरी सांस लेते हुए बोली:" कहीं ऐसा ना हो वो एक दिन मेरी मौत के बाद आए और मैं अपनी बेटी से जी भर कर बात भी ना कर सकू।

साहिल:" अम्मा आप उल्टी बात मत कीजिए, धीरज रखो सब ठीक हो जाएगा।

शांता चुप हो गई और खाना खाने लगी। थोड़ी देर बाद ही सभी लोग खाना खा चुके तो शांता बर्तन उठाकर धोने के लिए चल दी तो रूबी बोली:"

" बस कीजिए मा आप, अब आप जाकर आराम कीजिए, मैं खुद बर्तन धो लूंगी।

शांता ने कोशिश तो बहुत करी लेकिन रूबी के आगे उसकी एक ना चली और आखिरकार वो बाहर बने अपने कमरे में चली गई। रूबी ने एक नजर साहिल की तरफ देखा और उसे स्माइल दी और बर्तन उठाकर धोने चली गई। साहिल प्रिया के बारे में सोच ही रहा था कि उसका मोबाइल बज उठा। आरव का फोन था तो उसने उठाया।

साहिल:" हान भाई कैसे हो तुम ?

आरव बहुत मस्ती भरी आवाज में बोला:" जन्नत में हूं भाई, मजा आ गया ज़िन्दगी का, जिस रेखा भाभी के सपने देखता था आखिरकार आज उसे पा ही लिया मैने।

आरव की बातो की मादकता से साहिल साफ महसूस कर चुका था कि आरव सच में कुछ बड़ा कर चुका था इसलिए उसके सारे जिस्म में सनसनी सी दौड़ गई। साहिल ने नीचे बात करना ठीक नहीं समझा इसलिए उपर छत पर अा गया और बोला:"

" हान भाई अब बताई क्या हुआ सब कुछ ?

आरव:" होना क्या था भाई भाई आज मैं ट्यूशन पढ़ाने के बहाने से गया तो पता चला कि दिन में उसकी सिस्टर अाई थी और उसके बेटे को अपने साथ ले गई।

साहिल:" ओह इसका मतलब घर में तुम दोनों अकेले ही रह गए थे , फिर आगे क्या हुआ ?

बोलते हुए साहिल की आवाज हल्की भारी हो गई थी और जिस्म में हलचल सी मचने लगी थी।

आरव:" जब उसने मुझे बताया तो मैं वापिस आने लगा तो बोली कि अरे आज बेटा नहीं हैं तो उसकी मा को ही पढ़ा दो तुम, मैंने पलट कर उसकी तरफ देखा तो वो दोनो कोहनियां बेड पर टिकाए हुए मेरी तरफ देख रही थी और उसकी चूचियां बाहर निकलने को तड़प रही थी।

साहिल:" अच्छा जी फिर तो तेरे तो मजे हो गए होंगे, तूने तो अच्छा मौका मिल गया।

आरव:' भाई मै बिना कुछ सोचे सीधे उनके पास जाकर बैठ गया और उनके उभार को देखने लगा तो भाभी का चेहरा खिल उठा। मैंने पूछा भाभी क्या पढ़ोगे आप ? आप तो मुझसे बड़ी हो सब कुछ जानती हो।

फिर भाभी बोली अरे आज कल के लड़के बहुत कुछ नया सीख गए हैं बस वही सब कुछ तुमसे सीखना हैं मुझे अच्छा तुम बैठो मैं तुम्हारे लिए दूध लेकर आती हूं फिर पढ़ाई शुरू करते हैं। इतना कहकर भाभी रसोई में जाने लगी। उफ्फ कितने कामुक तरीके से अपनी गांड़ को मटका रही थी।
मेरा तो हाल खराब हो गया था भाई।

साहिल के हाथ अपने आप लंड पर पहुंच गए और हल्का अा सहलाते हुए बोला:"

" बोल ना भाई जल्दी बोल आगे क्या हुआ फिर ?

आरव:" अच्छा जी इतनी बेताबी लगता हैं तेरा शेर भी दहाड़ मारने लगा हैं, क्यूं बेटा ठीक कह रहा ना मैं ?

साहिल:" फालतू की बात मत कर , जब तुझे सब पता हैं तो आगे बता ना क्या हुआ फिर ?


वहीं दूसरी तरफ रूबी बर्तन साफ कर चुकी थी और आज दिन में हुई घटनाओं के बारे में सोच रही थी। साहिल के चेहरे पर गाड़ी मिलने की खुशी और जिस तरह से साहिल अपने बाप का खुलकर विरोध कर रहा था उससे एक बात तो साफ जाहिर हो गई थी कि साहिल अब पूरी तरह से उसके साथ हैं। रूबी ने खाना खाते हुए साहिल को कुछ परेशान देखा था इसलिए वो जानना चाहती थी कि आखिर क्या हुआ हैं साहिल को , इसलिए उसने साहिल को उसके कमरे में देखा तो वो नहीं दिखाई दिया और जैसे ही वो अपने कमरे में अाई तो उसकी नजर विटामिन सिरप पर पड़ी तो उसने बॉटल को उठाया और पीने के लिए मुंह खोला तो कमरे में दौड़ता हुआ एक चूहा उसके पैर पर से उतर गया और रूबी के मुंह से मुंह से डर के मारे एक आह निकल पड़ी और हाथ कांप गए और बॉटल उसके मुंह में पड़ती चली गई।

रूबी ने चूहा देखा तो उसे होश आया लेकिन जब तक उसका मुंह सिरप से पूरा भर गया था और मजबुरी में उसे सारा सिरप पीना पड़ा जो करीब चार से पांच चम्मच था।

सिरप पीने के बाद रूबी ने उसे वापिस रखा और बाहर रखा वाइपर उठाकर चूहे हो बेड के नीचे ढूंढने लगी। चूहा सामान के पीछे छुप गया था और रूबी ने जैसे तैसे करके उसे बाहर निकाला और जैसे ही चूहा बाहर निकला तो रूबी ने उस पर हमला किया लेकिन चूहा बाहर की तरफ दौड़ गया और रूबी पीछे पीछे लेकिन चूहा हाथ नहीं आया। थक हार कर रूबी ने कमरे में आकर सारा सामान फिर से बेड के अंदर लगाया और एसी में बैठ कर पसीना सुखाने लगी।

वो साहिल को कुछ मिनट के लिए चूहे के चक्कर में भूल ही गई थी। अपने बेटे की याद आते ही रूबी के कदम अपने आप उपर छत की तरफ बढ़ गए। रूबी जैसे ही छत पर पहुंचने वाली थी तो उसके कानों में साहिल की आवाज पड़ी।

" अरे आरव बता भी भाई अब आगे क्या हुआ फिर जब रेखा भाई रसोई से दूध वापिस लेकर अाई ?

रूबी के पैरो को अपने आप ब्रेक लग गया और वो वहीं कौतूहलवश खड़ी होकर उसकी बाते सुनने लगी। साहिल छत पर सीधी के पास जी रखी हुई टंकी के पीछे खड़ा हुआ था इसलिए रूबी को उसकी आवाज साफ सुनाई दे रही थी।

आरव:" होना क्या था भाई वो फिर उसी अदा के साथ मतकटी हुई अाई और पूरी झुकते हुए बोली:"

" लो आरव दूध पियो तुम ?

भाई सच में उसकी चूचियां आधे से ज्यादा बाहर छलक उठी और मुझे समझ नहीं आया कि कौन सा दूध पीने के लिए बोल रही हैं ,

साहिल की आवाज अब पूरी तरह से मस्ती में डूब गई थी और बोला:" फिर तेरे तो मजे हो गए होंगे भाई हाथ में दूध का ग्लास लिए चूची दिखाती हुई भाभी, उफ्फ फिर आगे क्या हुआ भाई ?

रूबी अपने बेटे के मुंह से चूची और उत्तेजक बाते सुनकर हैरान हो गई और और उसके दिमाग को झ्टका सा लगा। वो ये तो देख चुकी थी कि उसका बेटा जवान हो गया हैं लेकिन ऐसी बाते भी करता है उसे आज पता चला।


आरव:" होना क्या था भाई मैं उसकी चूचियों को देखते हुए दूध पीने लगा और भाभी बिल्कुल मुझसे सटकर बैठ गई। मैंने जैसे ही दूध का ग्लास रखा तो भाभी अपनी पीठ खुजाते हुई बोली:"

" आह आरव लगता हैं मेरे सूट में कुछ घुस गया हैं।

इतना कहकर उसने देखते ही देखते अपना सूट उतार दिया और मैं उसकी कमर और चूचियों को देखने लगा जो ब्रा में कसी हुई थी।

साहिल:" आह भाई, भाभी ने सूट उतार दिया, तेरी तो किसमत खुल गई होगी, ब्रा में चूची देखकर।

साहिल के मुंह से इतनी मस्ती भरी बाते सुनकर रूबी दबे पांव आगे बढ़ने लगी और साहिल की आंखे अभी मस्ती से बंद हो गई थी। रूबी आराम से अब टंकी के दूसरी तरफ खड़ी हुई साहिल पर नजर टिका दी और देखा कि वो धीरे धीरे अपने लंड के उभार को सहला रहा था। साहिल के कान से लगकर कब फोन का स्पीकर खुल गया उसे पता ही नहीं चला।

आरव की आवाज उभरी:" हान भाई मै तो उनकी ब्रा में कैद चूचियों को देखकर मस्त हो गया। उफ्फ क्या नजारा था बिल्कुल गोल गोल चूचियां। भाभी पलट गई और बोली:"

" आह आरव देख ना मेरी पीठ पर कुछ हैं क्या,

मैं उनकी नंगी चिकनी पीठ को देखने लगा लेकिन पीठ पर तो कुछ भी नहीं था। मै समझ गया कि भाभी मुझे आगे बढ़ने के लिए उकसा रही है तो फिर मैंने थोड़ा उनके पास होते हुए अपनी सांसे उनकी गर्दन पर छोड़ते हुए बोला

" दिख तो कुछ नहीं रहा हैं भाभी ? कोई कीड़ा नहीं हैं।

अपनी गर्दन पर सांसे पड़ते ही भाभी गरम हो गई और बोली:"

" आह आरव लगता है ब्रा के नीचे घुस गया है, तू एक काम कर इसे खोलकर चैक कर, कहीं स्ट्रिप के नीचे ना छुप गया हो।

साहिल:" हाय आरव तेरी किस्मत साले, फिर बता ना आगे क्या हुआ ? भाई तूने हो आग लगा दी हैं मेरे अंदर।

इतनी सेक्सी बाते सुनकर रूबी के जिस्म में भी उबाल आने लगा और अब सिरप भी अपना असर दिखा रही थी। रूबी की सांसे तेज हो गई और आंखे लाल होने लगी। रूबी ने अपनी कोहनी को वहीं टंकी पर धीरे से टिका दिया और अपने सूख चुके होंठो पर जीभ फेरते हुए उनकी बाते सुनने लगीं।

आरव:" भाई मैंने कांपते हाथो से उनकी कमर को छुआ तो भाभी अपने आप थोड़ा सा पीछे हट गई और उसके मुंह से एक आह निकल पड़ी और बोली कुछ कर ना आरव ये कीड़ा मुझे बहुत परेशान कर रहा हैं। मेरा लन्ड अब तक खड़ा हो चुका था और वो भाभी की गांड़ से जा लगा। उफ्फ भाई मैंने धीरे से उनकी ब्रा के हुक को खोल दिया और भाभी बिल्कुल एकदम मुझसे सट गई और उनकी नंगी कमर मेरे सीने से अा लगी। भाभी बोली क्या हुआ मिला क्या कुछ आरव ?

मैं अब बेकाबू हो रहा था लेकिन सीधे हाथ डालने की हिम्मत नहीं थी इसलिए बोला:" भाभी कुछ भी नहीं हैं। लगता हैं गिर गया होगा नीचे। भाभी की दोनो चूचियां नंगी हो गई थी जिनपर वो हाथ फेर रही थी और मै उनके पीछे खड़ा हुआ ये सब देख रहा था। भाभी बोली अच्छा हुआ गिर गया नहीं तो आज तो मेरी जान ही ले लेता ये कीड़ा।

मैं भाभी कि चूचियों को देखकर अपने होश खो बैठा और मेरे दोनो हाथ उनके कंधे पर घूमने लगे तो भाभी के मुंह से मस्ती भरी आह निकल पड़ी और उसने अपना एक हाथ पीछे लाते हुए मेरी जांघ पर टिका दिया तो मेरी हिम्मत बढ़ गई और मैंने अपने होंठ उनकी गर्दन पर टिका दिए।
भाभी की आंखे मस्ती से बंद हो गई और उसने अपने हाथ को सीधे मेरे लंड के उभार पर टिका दिया तो मेरा भी धैर्य जवाब दे गया और मैंने हाथ आगे बढाया और उनकी दोनो चुचियों पर टिका दिया तो भाभी ने मेरे लंड को जोर से दबा दिया और मैंने उसकी चूचियों को मसल दिया तो भाभी पलट गई और अपने होंठ मेरे होंठो पर टिका दिए और चूसने लगी।

साहिल ने अपने लंड को बाहर निकाल लिया और उसका लंड हवा में लहरा उठा जिसे देखकर रूबी की सांसे तेज हो गई। उफ्फ ये भगवान ये कैसा मोटा लंड दिया हैं तूने मेरे बेटे को। साहिल ने अपनी चमड़ी को पीछे खींचते हुए सुपाड़े को बाहर निकाल लिया और गुलाबी सुपाड़ा देखकर रूबी के हाथ अपने हाथ उसकी चूचियों पर पहुंच गए और मसलने लगी।

साहिल:" आह भाई फिर आगे क्या हुआ ?
साहिल:" आह भाई फिर आगे क्या हुआ ?

आरव:" भाई कितने मीठे होंठ थे उसके, मजा आ गया, फिर भाभी ने अपने आप है मेरी पैंट को नीचे किया और लंड को बाहर निकाल कर अपने मुंह में भर लिया। आह भाई कितना अच्छा लग रहा था। देखते ही देखते मेरा पूरा लंड भाभी के मुंह में समा चुका था। उनकी जवाब कमाल कर रही थी और मजे से मेरी आंखे बंद हो गई थी।

साहिल का बुरा हाल हो गया था और वो मस्ती से आंखे बंद किए अपने लंड को अब अच्छे से सहला रहा था। वहीं रूबी का जिस्म आज फिर से आग का गोला बन गई था और उत्तेजना में वो भूल गई कि वो छत पर हैं और अपने जिस्म को टंकी पर रगड़ने लगी। आवाज सुनकर साहिल की आंखे हल्की सी खुल गई तो उसे किसी के होने का एहसास हुआ और उसने धीरे से देखा तो अपनी मा को वहां देखंकर उसके होश उड़ गए। लेकिन जैसे ही उसे रूबी की हालत का अंदाजा हुआ तो उसे एहसास हो गया कि उसकी मा की वासना पूरी तरह से भड़क चुकी हैं जो आंखे बंद किए बहुत देर से उनकी बात सुन रही थी और अब अपने जिस्म को टंकी पर ही रगड़ रही है। साहिल के कानों में आरव की आवाज पड़ी

" भाई बस फिर मेरा लन्ड फटने को हो गया तो मैंने भाभी को बेड पर लिटा दिया और उसने खुद ही अपने कपड़े उतार दिए और लंड अपनी चूत पर टिका दिया। मैंने एक झटका मार दिया और लंड सीधे अंदर, उफ्फ कितनी गरम चूत थी उनकी।

साहिल एक बार फिर से अपने होश खो बैठा और अपने लंड को हिलाने लगा वहीं रूबी ने लंड चूत में जाने की बात सुनकर अपनी सलवार को खोल दिया और जोर जोर से अपनी चूत टंकी पर रगड़ने लगी। रूबी के मुंह से अपने आप हल्की हल्की मस्ती भरी सिसकारियां निकल रही थी जिन्हे सुनकर साहिल पूरी ताकत से अपने लंड को हिला रहा था। साहिल ने फोन काट दिया ताकि आरव उसकी मम्मी की आवाज ना सुन ले।

जैसे ही आरव की आवाज आनी बंद हुई तो रूबी की आंखे हल्की सी खुली और अपने बेटे को खुली छत पर लंड हिलाते देखकर वो शरमा गई और समझ गई कि अब साहिल नीचे आएगा और नीचे की तरफ जाने लगी। रूबी के क़दमों की आवाज सुनकर साहिल ने ना चाहते हुए भी अपने हाथ रोक दिए और अपनी मा को नीचे जाते हुए देखकर उसने एक सुकून की सांस ली।

रूबी नीचे अा गई और फिर से छत की तरफ उपर जाने लगी लेकिन इस बार वो साहिल को जोर जोर से आवाज लगा रही थी।

" साहिल अरे बेटा साहिल कहां हो तुम ?

साहिल ने जल्दी से अपने कपड़े ठीक लिए और नीचे की तरफ आने लगा तो रास्ते में ही उसे रूबी मिल गई जिसकी नजर सीधे उसके पेंट में बने तम्बू पर पड़ी और उसके होंठो पर स्माइल अा गई।

साहिल:" जी मम्मी क्या हुआ ? कुछ काम था क्या आपको ?

रूबी की चूचियां अभी भी उपर नीचे हो रही थी जिन्हे देखकर साहिल का लंड पूरी औकात दिखा रहा था और के पेंट में तम्बू और बढ़ता जा रहा था।

रूबी:" कुछ नहीं, मेरा मन नहीं लग रहा था अकेले, सोचा तुझसे बात कर लू।

साहिल और रूबी दोनो मा बेटे अब कमरे में अा गए थे।

रूबी:" देखो ना आज कितनी गर्मी हो रही हैं, उफ्फ एसी में भी सुकून नहीं मिल रहा हैं। मैं कपडे बदलकर आती हूं।

रूबी अंदर बाथरूम में चली गई और गर्मी के कारण ब्रा पेंटी नहीं पहनी और थोड़े देर बाद एक सुंदर सी ड्रेस पहनकर अा गई। साहिल अपनी मा को देखकर खुश हो गया।

साहिल:" मम्मी आप बहुत खूबसूरत लग रही हैं।

रूबी:" अच्छा जी, लेकिन मेरा बेटा भी तो लाखो तो मैं एक हैं। सच में साहिल मुझे लगता हैं कि तेरे आने से मैं फिर से जिंदा हो गई हूं। लगता हैं कि मुझे भी जीने का हक हैं नहीं तो अनूप ने तो मुझे बर्बाद की कर दिया था।

साहिल ने रूबी का एक हाथ अपने हाथ में लिया और चूमकर बोला:

" मम्मी आप खुलकर अपनी ज़िन्दगी जिए अब, आपका बेटा अा गया है। आपकी हर खुशी का ख्याल मैं रखूंगा।

रूबी ने साहिल को अपनी बांहों में भर लिया और उससे कसकर लिपट गई और बोली:"

" हान बेटा, मुझे तुझ पर पूरा यकीन हैं और सच में में तेरे साथ फिर से जीना चाहती हूं।

साहिल ने भी रूबी को जोर से कस लिया तो साहिल का खड़ा हुआ लंड रूबी की जांघो में जा घुसा और रूबी के जिस्म में एक बार से हलचल सी मच गई और साहिल के कंधे पर अपना सिर टिका दिया और आंखे बंद कर ली। साहिल ने अपने दोनो हाथ रूबी की कमर पर लपेट दिए और हल्के हल्के घुमाते हुए बोला:"

" मम्मी मैं आपको बहुत प्यार करता हूं, अब देखना आप की ज़िन्दगी में खुशियां फिर से आयेंगी।

रूबी:" हान बेटा, तूने ही मुझे फिर से मुस्कुराने की वजह दी हैं, तुम दुनिया के सबसे अच्छे बेटे हो साहिल ।

साहिल की उंगलियां रूबी ने तन बदन में आग भरती जा रही थी और रूबी की चूचियां अपने आप अकड़ रही थी और उनके निप्पल कड़े होते जा रहे थे जिनका एहसास साहिल को अब धीरे धीरे हो रहा था। साहिल की गर्म गर्म सांसे रूबी की गर्दन पर पड़ रही थी और रूबी की मदहोशी बढ़ती जा रही थी। रूबी को लगने लगा कि अगर कुछ देर ऐसे ही रहा तो अपने होश खो देगी इसलिए बोली:"

" अच्छा बेटा मुझे नींद आ रही है, चलो सो जाते हैं।

साहिल ने एक आज्ञाकारी बच्चे की तरह तुरंत रूबी को छोड़ दिया और दोनो मा बेटे बेड पर पहुंच गए और रूबी ने अपने बेटे का माथा चूम लिया और बोली:"

" गुड नाईट मेरे बेटे।

रूबी ने साहिल को बांहों में भर लिया और सोने की कोशिश करने लगी। लंड एक बार फिर से उसकी जांघो में घुस गया। दोनो मा बेटे पूरी तरह से गरम थे लेकिन किसी के भी अंदर आगे बढ़ने की हिम्मत नहीं थी।

साहिल की गर्म गर्म सांसे अब रूबी की चूचियो पर पड़ रही थी और पल पल रूबी की हालत खराब होती जा रही थी। साहिल की दोनो आंखें बंद थी इसलिए थोड़ी देर के बाद रूबी को लगा कि साहिल सो गया है तो वो धीरे से उठी और अपनी ड्रेस को उतारकर एक सफेद रंग की पतली सी चादर ली और कमरे से बाहर निकल गई।

साहिल अभी पूरी तरह से जागा हुआ था लेकिन उसकी करवट दूसरी तरफ थी जिस कारण वो रूबी को कपडे बदलते नहीं देख पाया लेकिन जैसे ही रूबी के क़दमों की आहट बाहर जाती सुनाई पड़ी तो वो समझ गया कि उसकी मा आज फिर से चुदाई लोक में जा रही है।
Bahut jabardast bhai..... Ab apka health kaisa hai
 

Unique star

Active Member
894
10,835
139
गाड़ी अपनी रफ़्तार से दौड़ रही थी और साहिल रेस पर रेस दिए जा रहा था। गाड़ी अब करीब 120 किमी की स्पीड से चल रही थी और रूबी बार बार साहिल को गाड़ी की स्पीड कम करने की हिदायत दे रही थी लेकिन साहिल तो आज जैसे सातवे आसमान पर था। वो ऐसे दर्शा रहा था मानो किसी छोटे बच्चे को उसका मन पसंद खिलौना मिल गया था।

रूबी कांपते हुए बोली:"

" बस करो बेटा, स्पीड कम करो कहीं ऐसा ना हो जाए कि तुम सन्तुलन खो दो।

साहिल ने खाली सड़क की तरफ देखा और फिर रूबी की तरफ देखते हुए स्माइल के साथ बोला:"

" ओह मम्मी आप फिक्र ना करे, आपका बेटा बिना संतुलन खोए इससे भी तेज गाड़ी चला सकता हैं मम्मी।

तभी सामने से एक तेज रफ्तार ट्रक पता नहीं कहां से मुड़कर सीधे सड़क पर आया और रूबी के साथ साथ साहिल की चींखं निकल गई। साहिल ने होश संभालते हुए गाड़ी के ब्रेक लगाए और गाड़ी का स्टेयरिंग पूरा दूसरी दाई दिशा में काट दिया। गाड़ी एक धनुष की तरह मुड़ती चली गई और शायद उन दोनों की किस्मत अच्छी थी सामने से कोई दूसरी गाड़ी नहीं अा रही थी। साहिल ने जैसे तैसे करके गाड़ी को कंट्रोल किया और रूबी की तरफ देखा तो उसकी मम्मी की तो कब की बेहोश हो गई थी डर के मारे।

गाड़ी अब पूरी तरह से रुक गई थी और साहिल ने रूबी को आवाज लगाई:"

" मम्मी मम्मी आंखे खोलिए ना आप प्लीज़, सब ठीक हैं देखिये तो एक बार ।

रूबी की आंखे नहीं खुली तो साहिल ने एक बॉटल में पानी लेकर अच्छा सा छींटा रूबी के मुंह पर मारा तो उसने कुनमुनाते हुए आंखे खोल दी। रूबी को जैसे ही सब कुछ याद आया तो वो साहिल से लिपट गई और उसका मुंह चूमने लगी। साहिल ने अभी अपनी मम्मी को गले लगा लिया और रूबी काफी देर तक प्रेम पूर्वक उससे चिपकी रही।

साहिल अपनी मम्मी की बंद आंखो वाले खूबसूरत चेहरे को प्रेम पूर्वक देखता रहा और धीरे धीरे रूबी ने साहिल को देखा और उसका फिर से माथा चूम कर बोली:"

" बेटा अगर तुझे कुछ हो जाता तो मैं कहीं की भी रहती, कसम खाओ आज के बाद तुम तेज गाड़ी नहीं चलोगे।

साहिल ने तत्काल अपने दोनो कान पकड़े और स्माइल करते हुए बोला:"

" मम्मी कसम, आज के बाद आपका बेटा कभी तेज गाड़ी नहीं चलाएगा, अब तो खुश हो ना।

रूबी ने स्माइल दी और बोली:"

" अच्छा अब घर की तरफ चले अगर तुम्हारा मन हो तो ?

साहिल:" ठीक हैं मम्मी, जैसे आपको ठीक लगे, वैसे भी हल्का हल्का अंधेरा हो रहा है तो घर जाना ही ठीक होगा।

इसके बाद साहिल ने गाड़ी वापिस घर की तरफ घुमा दी और दोनो मा बेटे थोड़ी देर बाद ही घर पहुंच गए। अनूप घर अा चुका था और साहिल और रूबी को नई गाड़ी से निकलते हुए देख कर हैरान हुआ और बोला:"

" किसकी गाड़ी मांग लाए हो साहिल बेटा ?

साहिल बुरा सा मुंह बनाकर घूरते हुए बोला:"

" मांग कर नहीं लाया, मैं आपकी
तरह खैरात नहीं लेता, मम्मी को मॉडर्न जिम एंड योगा सेंटर वालो ने गिफ्ट करी हैं।

साहिल का जवाब सुनकर अनूप की बोलती बंद हो गई और रूबी अंदर ही अंदर खुश हुई कि अब साहिल अपने बाप की हरकतों का खुलकर विरोध कर रहा हैं।

अनूप:" अच्छा ठीक हैं, मुझे टेंडर मिल गया हैं और उसके काम के लिए मुझे एक दिन के लिए दिल्ली जाना पड़ रहा है। मैं थोड़ी देर बाद निकल जाऊंगा। तुम दोनो अपना ख्याल रखना।

रूबी:" जाओ, और जब मन करे तब आना, मेरा ख्याल रखने के लिए साहिल हैं।

अनूप को गुस्सा तो बहुत आया लेकिन अपने पैर पटकते हुए अंदर घुस गया और पीछे पीछे ही साहिल और रूबी भी अा गए। साहिल नहाने के लिए घुस गया और अनूप अपना बैग उठाकर बाहर निकल गया। ना उसने रूबी से कुछ बोला और ना ही रूबी ने उससे कुछ बात करना जरूरी समझा।

रूबी भी नहा धोकर खाना बनाने लगी और शांता अा गई थी और उसकी मदद कर रही थी। साहिल अपने कमरे में बैठा हुआ था तभी प्रिया का कॉल आया और बोली:"

" साहिल सर एक जरूरी बात, नीरज को मेरे ऊपर शक हो गया था इसलिए उसको सब बताना कि किस तरह आपने मुझे वीडियो बनाकर यहां भेजा ताकि वो आगे मुझ पर शक ना करे।

साहिल के दिमाग में खतरे कि घंटी बज उठी और बोला:"

" ओह प्रिया कहीं तुम चाहो तो रहने दो और अपनी वीडियो ले जाओ, कहीं तुम फस मत जाना इस कई में।

प्रिया:" सर जो होगा देखा जायेगा लेकिन अब मैं पीछे नहीं हट सकती उससे।

प्रिया की बात सुनते ही उसके सामने बैठे हुए नीरज में होंठो पर स्माइल तैर गई तो प्रिया आगे बोली:"

" साहिल सर आप चिन्ता ना करे, मैंने आपकी नमक खाया हैं तू नमक हरामि नहीं कर सकती। मैं जल्दी ही आपको सब बता दूंगी बस उसके बाद आप सब देख लेना।

साहिल:" मैं तो तुम्हे मना ही करूंगा, फिर भी अगर तुम नहीं मानती तो बहुत सावधानी से करना सब कुछ।

प्रिया ने नीरज का हाथ अपने हाथ में लिया और हल्का सा दबाते हुए उसकी तरफ स्माइल करते हुए बोली

" आप निश्चिन्त रहे सर, मैं बिल्कुल सावधानी से करूंगी सब कुछ एकदम। अच्छा ठीक हैं कोई अा रहा है बाद मैं करती हूं ।

प्रिया का फोन कटने के बाद साहिल सोच में पड़ गया कि कहीं उसने प्रिया को ख़तरे में तो नहीं डाल दिया है।

खाना बन गया था और तीनो बैठे हुए खाना खा रहे थे। साहिल के मन में प्रिया को लेकर बहुत सारे सवाल उठ रहे थे जिनकी एहसास उसके चेहरे से साफ झलक रहा रहा और रूबी सब समझ रही थी लेकिन शांता की वजह से खामोश थी और चुपचाप खाना खाए जा रही थी ।

शांता:" रूबी मेरी बेटी प्रिया का कुछ पता चला क्या ?

रूबी ने एक बार साहिल की तरफ देखा और बोली:"

" नहीं मा जी लेकिन मैं और साहिल दोनो आपकी बेटी को एक दिन धुंध कर ही दम लेंगे आप अब उसकी चिंता छोड़ दीजिए ये काम हमारा हैं।

शांता एक गहरी सांस लेते हुए बोली:" कहीं ऐसा ना हो वो एक दिन मेरी मौत के बाद आए और मैं अपनी बेटी से जी भर कर बात भी ना कर सकू।

साहिल:" अम्मा आप उल्टी बात मत कीजिए, धीरज रखो सब ठीक हो जाएगा।

शांता चुप हो गई और खाना खाने लगी। थोड़ी देर बाद ही सभी लोग खाना खा चुके तो शांता बर्तन उठाकर धोने के लिए चल दी तो रूबी बोली:"

" बस कीजिए मा आप, अब आप जाकर आराम कीजिए, मैं खुद बर्तन धो लूंगी।

शांता ने कोशिश तो बहुत करी लेकिन रूबी के आगे उसकी एक ना चली और आखिरकार वो बाहर बने अपने कमरे में चली गई। रूबी ने एक नजर साहिल की तरफ देखा और उसे स्माइल दी और बर्तन उठाकर धोने चली गई। साहिल प्रिया के बारे में सोच ही रहा था कि उसका मोबाइल बज उठा। आरव का फोन था तो उसने उठाया।

साहिल:" हान भाई कैसे हो तुम ?

आरव बहुत मस्ती भरी आवाज में बोला:" जन्नत में हूं भाई, मजा आ गया ज़िन्दगी का, जिस रेखा भाभी के सपने देखता था आखिरकार आज उसे पा ही लिया मैने।

आरव की बातो की मादकता से साहिल साफ महसूस कर चुका था कि आरव सच में कुछ बड़ा कर चुका था इसलिए उसके सारे जिस्म में सनसनी सी दौड़ गई। साहिल ने नीचे बात करना ठीक नहीं समझा इसलिए उपर छत पर अा गया और बोला:"

" हान भाई अब बताई क्या हुआ सब कुछ ?

आरव:" होना क्या था भाई भाई आज मैं ट्यूशन पढ़ाने के बहाने से गया तो पता चला कि दिन में उसकी सिस्टर अाई थी और उसके बेटे को अपने साथ ले गई।

साहिल:" ओह इसका मतलब घर में तुम दोनों अकेले ही रह गए थे , फिर आगे क्या हुआ ?

बोलते हुए साहिल की आवाज हल्की भारी हो गई थी और जिस्म में हलचल सी मचने लगी थी।

आरव:" जब उसने मुझे बताया तो मैं वापिस आने लगा तो बोली कि अरे आज बेटा नहीं हैं तो उसकी मा को ही पढ़ा दो तुम, मैंने पलट कर उसकी तरफ देखा तो वो दोनो कोहनियां बेड पर टिकाए हुए मेरी तरफ देख रही थी और उसकी चूचियां बाहर निकलने को तड़प रही थी।

साहिल:" अच्छा जी फिर तो तेरे तो मजे हो गए होंगे, तूने तो अच्छा मौका मिल गया।

आरव:' भाई मै बिना कुछ सोचे सीधे उनके पास जाकर बैठ गया और उनके उभार को देखने लगा तो भाभी का चेहरा खिल उठा। मैंने पूछा भाभी क्या पढ़ोगे आप ? आप तो मुझसे बड़ी हो सब कुछ जानती हो।

फिर भाभी बोली अरे आज कल के लड़के बहुत कुछ नया सीख गए हैं बस वही सब कुछ तुमसे सीखना हैं मुझे अच्छा तुम बैठो मैं तुम्हारे लिए दूध लेकर आती हूं फिर पढ़ाई शुरू करते हैं। इतना कहकर भाभी रसोई में जाने लगी। उफ्फ कितने कामुक तरीके से अपनी गांड़ को मटका रही थी।
मेरा तो हाल खराब हो गया था भाई।

साहिल के हाथ अपने आप लंड पर पहुंच गए और हल्का अा सहलाते हुए बोला:"

" बोल ना भाई जल्दी बोल आगे क्या हुआ फिर ?

आरव:" अच्छा जी इतनी बेताबी लगता हैं तेरा शेर भी दहाड़ मारने लगा हैं, क्यूं बेटा ठीक कह रहा ना मैं ?

साहिल:" फालतू की बात मत कर , जब तुझे सब पता हैं तो आगे बता ना क्या हुआ फिर ?


वहीं दूसरी तरफ रूबी बर्तन साफ कर चुकी थी और आज दिन में हुई घटनाओं के बारे में सोच रही थी। साहिल के चेहरे पर गाड़ी मिलने की खुशी और जिस तरह से साहिल अपने बाप का खुलकर विरोध कर रहा था उससे एक बात तो साफ जाहिर हो गई थी कि साहिल अब पूरी तरह से उसके साथ हैं। रूबी ने खाना खाते हुए साहिल को कुछ परेशान देखा था इसलिए वो जानना चाहती थी कि आखिर क्या हुआ हैं साहिल को , इसलिए उसने साहिल को उसके कमरे में देखा तो वो नहीं दिखाई दिया और जैसे ही वो अपने कमरे में अाई तो उसकी नजर विटामिन सिरप पर पड़ी तो उसने बॉटल को उठाया और पीने के लिए मुंह खोला तो कमरे में दौड़ता हुआ एक चूहा उसके पैर पर से उतर गया और रूबी के मुंह से मुंह से डर के मारे एक आह निकल पड़ी और हाथ कांप गए और बॉटल उसके मुंह में पड़ती चली गई।

रूबी ने चूहा देखा तो उसे होश आया लेकिन जब तक उसका मुंह सिरप से पूरा भर गया था और मजबुरी में उसे सारा सिरप पीना पड़ा जो करीब चार से पांच चम्मच था।

सिरप पीने के बाद रूबी ने उसे वापिस रखा और बाहर रखा वाइपर उठाकर चूहे हो बेड के नीचे ढूंढने लगी। चूहा सामान के पीछे छुप गया था और रूबी ने जैसे तैसे करके उसे बाहर निकाला और जैसे ही चूहा बाहर निकला तो रूबी ने उस पर हमला किया लेकिन चूहा बाहर की तरफ दौड़ गया और रूबी पीछे पीछे लेकिन चूहा हाथ नहीं आया। थक हार कर रूबी ने कमरे में आकर सारा सामान फिर से बेड के अंदर लगाया और एसी में बैठ कर पसीना सुखाने लगी।

वो साहिल को कुछ मिनट के लिए चूहे के चक्कर में भूल ही गई थी। अपने बेटे की याद आते ही रूबी के कदम अपने आप उपर छत की तरफ बढ़ गए। रूबी जैसे ही छत पर पहुंचने वाली थी तो उसके कानों में साहिल की आवाज पड़ी।

" अरे आरव बता भी भाई अब आगे क्या हुआ फिर जब रेखा भाई रसोई से दूध वापिस लेकर अाई ?

रूबी के पैरो को अपने आप ब्रेक लग गया और वो वहीं कौतूहलवश खड़ी होकर उसकी बाते सुनने लगी। साहिल छत पर सीधी के पास जी रखी हुई टंकी के पीछे खड़ा हुआ था इसलिए रूबी को उसकी आवाज साफ सुनाई दे रही थी।

आरव:" होना क्या था भाई वो फिर उसी अदा के साथ मतकटी हुई अाई और पूरी झुकते हुए बोली:"

" लो आरव दूध पियो तुम ?

भाई सच में उसकी चूचियां आधे से ज्यादा बाहर छलक उठी और मुझे समझ नहीं आया कि कौन सा दूध पीने के लिए बोल रही हैं ,

साहिल की आवाज अब पूरी तरह से मस्ती में डूब गई थी और बोला:" फिर तेरे तो मजे हो गए होंगे भाई हाथ में दूध का ग्लास लिए चूची दिखाती हुई भाभी, उफ्फ फिर आगे क्या हुआ भाई ?

रूबी अपने बेटे के मुंह से चूची और उत्तेजक बाते सुनकर हैरान हो गई और और उसके दिमाग को झ्टका सा लगा। वो ये तो देख चुकी थी कि उसका बेटा जवान हो गया हैं लेकिन ऐसी बाते भी करता है उसे आज पता चला।


आरव:" होना क्या था भाई मैं उसकी चूचियों को देखते हुए दूध पीने लगा और भाभी बिल्कुल मुझसे सटकर बैठ गई। मैंने जैसे ही दूध का ग्लास रखा तो भाभी अपनी पीठ खुजाते हुई बोली:"

" आह आरव लगता हैं मेरे सूट में कुछ घुस गया हैं।

इतना कहकर उसने देखते ही देखते अपना सूट उतार दिया और मैं उसकी कमर और चूचियों को देखने लगा जो ब्रा में कसी हुई थी।

साहिल:" आह भाई, भाभी ने सूट उतार दिया, तेरी तो किसमत खुल गई होगी, ब्रा में चूची देखकर।

साहिल के मुंह से इतनी मस्ती भरी बाते सुनकर रूबी दबे पांव आगे बढ़ने लगी और साहिल की आंखे अभी मस्ती से बंद हो गई थी। रूबी आराम से अब टंकी के दूसरी तरफ खड़ी हुई साहिल पर नजर टिका दी और देखा कि वो धीरे धीरे अपने लंड के उभार को सहला रहा था। साहिल के कान से लगकर कब फोन का स्पीकर खुल गया उसे पता ही नहीं चला।

आरव की आवाज उभरी:" हान भाई मै तो उनकी ब्रा में कैद चूचियों को देखकर मस्त हो गया। उफ्फ क्या नजारा था बिल्कुल गोल गोल चूचियां। भाभी पलट गई और बोली:"

" आह आरव देख ना मेरी पीठ पर कुछ हैं क्या,

मैं उनकी नंगी चिकनी पीठ को देखने लगा लेकिन पीठ पर तो कुछ भी नहीं था। मै समझ गया कि भाभी मुझे आगे बढ़ने के लिए उकसा रही है तो फिर मैंने थोड़ा उनके पास होते हुए अपनी सांसे उनकी गर्दन पर छोड़ते हुए बोला

" दिख तो कुछ नहीं रहा हैं भाभी ? कोई कीड़ा नहीं हैं।

अपनी गर्दन पर सांसे पड़ते ही भाभी गरम हो गई और बोली:"

" आह आरव लगता है ब्रा के नीचे घुस गया है, तू एक काम कर इसे खोलकर चैक कर, कहीं स्ट्रिप के नीचे ना छुप गया हो।

साहिल:" हाय आरव तेरी किस्मत साले, फिर बता ना आगे क्या हुआ ? भाई तूने हो आग लगा दी हैं मेरे अंदर।

इतनी सेक्सी बाते सुनकर रूबी के जिस्म में भी उबाल आने लगा और अब सिरप भी अपना असर दिखा रही थी। रूबी की सांसे तेज हो गई और आंखे लाल होने लगी। रूबी ने अपनी कोहनी को वहीं टंकी पर धीरे से टिका दिया और अपने सूख चुके होंठो पर जीभ फेरते हुए उनकी बाते सुनने लगीं।

आरव:" भाई मैंने कांपते हाथो से उनकी कमर को छुआ तो भाभी अपने आप थोड़ा सा पीछे हट गई और उसके मुंह से एक आह निकल पड़ी और बोली कुछ कर ना आरव ये कीड़ा मुझे बहुत परेशान कर रहा हैं। मेरा लन्ड अब तक खड़ा हो चुका था और वो भाभी की गांड़ से जा लगा। उफ्फ भाई मैंने धीरे से उनकी ब्रा के हुक को खोल दिया और भाभी बिल्कुल एकदम मुझसे सट गई और उनकी नंगी कमर मेरे सीने से अा लगी। भाभी बोली क्या हुआ मिला क्या कुछ आरव ?

मैं अब बेकाबू हो रहा था लेकिन सीधे हाथ डालने की हिम्मत नहीं थी इसलिए बोला:" भाभी कुछ भी नहीं हैं। लगता हैं गिर गया होगा नीचे। भाभी की दोनो चूचियां नंगी हो गई थी जिनपर वो हाथ फेर रही थी और मै उनके पीछे खड़ा हुआ ये सब देख रहा था। भाभी बोली अच्छा हुआ गिर गया नहीं तो आज तो मेरी जान ही ले लेता ये कीड़ा।

मैं भाभी कि चूचियों को देखकर अपने होश खो बैठा और मेरे दोनो हाथ उनके कंधे पर घूमने लगे तो भाभी के मुंह से मस्ती भरी आह निकल पड़ी और उसने अपना एक हाथ पीछे लाते हुए मेरी जांघ पर टिका दिया तो मेरी हिम्मत बढ़ गई और मैंने अपने होंठ उनकी गर्दन पर टिका दिए।
भाभी की आंखे मस्ती से बंद हो गई और उसने अपने हाथ को सीधे मेरे लंड के उभार पर टिका दिया तो मेरा भी धैर्य जवाब दे गया और मैंने हाथ आगे बढाया और उनकी दोनो चुचियों पर टिका दिया तो भाभी ने मेरे लंड को जोर से दबा दिया और मैंने उसकी चूचियों को मसल दिया तो भाभी पलट गई और अपने होंठ मेरे होंठो पर टिका दिए और चूसने लगी।

साहिल ने अपने लंड को बाहर निकाल लिया और उसका लंड हवा में लहरा उठा जिसे देखकर रूबी की सांसे तेज हो गई। उफ्फ ये भगवान ये कैसा मोटा लंड दिया हैं तूने मेरे बेटे को। साहिल ने अपनी चमड़ी को पीछे खींचते हुए सुपाड़े को बाहर निकाल लिया और गुलाबी सुपाड़ा देखकर रूबी के हाथ अपने हाथ उसकी चूचियों पर पहुंच गए और मसलने लगी।

साहिल:" आह भाई फिर आगे क्या हुआ ?
साहिल:" आह भाई फिर आगे क्या हुआ ?

आरव:" भाई कितने मीठे होंठ थे उसके, मजा आ गया, फिर भाभी ने अपने आप है मेरी पैंट को नीचे किया और लंड को बाहर निकाल कर अपने मुंह में भर लिया। आह भाई कितना अच्छा लग रहा था। देखते ही देखते मेरा पूरा लंड भाभी के मुंह में समा चुका था। उनकी जवाब कमाल कर रही थी और मजे से मेरी आंखे बंद हो गई थी।

साहिल का बुरा हाल हो गया था और वो मस्ती से आंखे बंद किए अपने लंड को अब अच्छे से सहला रहा था। वहीं रूबी का जिस्म आज फिर से आग का गोला बन गई था और उत्तेजना में वो भूल गई कि वो छत पर हैं और अपने जिस्म को टंकी पर रगड़ने लगी। आवाज सुनकर साहिल की आंखे हल्की सी खुल गई तो उसे किसी के होने का एहसास हुआ और उसने धीरे से देखा तो अपनी मा को वहां देखंकर उसके होश उड़ गए। लेकिन जैसे ही उसे रूबी की हालत का अंदाजा हुआ तो उसे एहसास हो गया कि उसकी मा की वासना पूरी तरह से भड़क चुकी हैं जो आंखे बंद किए बहुत देर से उनकी बात सुन रही थी और अब अपने जिस्म को टंकी पर ही रगड़ रही है। साहिल के कानों में आरव की आवाज पड़ी

" भाई बस फिर मेरा लन्ड फटने को हो गया तो मैंने भाभी को बेड पर लिटा दिया और उसने खुद ही अपने कपड़े उतार दिए और लंड अपनी चूत पर टिका दिया। मैंने एक झटका मार दिया और लंड सीधे अंदर, उफ्फ कितनी गरम चूत थी उनकी।

साहिल एक बार फिर से अपने होश खो बैठा और अपने लंड को हिलाने लगा वहीं रूबी ने लंड चूत में जाने की बात सुनकर अपनी सलवार को खोल दिया और जोर जोर से अपनी चूत टंकी पर रगड़ने लगी। रूबी के मुंह से अपने आप हल्की हल्की मस्ती भरी सिसकारियां निकल रही थी जिन्हे सुनकर साहिल पूरी ताकत से अपने लंड को हिला रहा था। साहिल ने फोन काट दिया ताकि आरव उसकी मम्मी की आवाज ना सुन ले।

जैसे ही आरव की आवाज आनी बंद हुई तो रूबी की आंखे हल्की सी खुली और अपने बेटे को खुली छत पर लंड हिलाते देखकर वो शरमा गई और समझ गई कि अब साहिल नीचे आएगा और नीचे की तरफ जाने लगी। रूबी के क़दमों की आवाज सुनकर साहिल ने ना चाहते हुए भी अपने हाथ रोक दिए और अपनी मा को नीचे जाते हुए देखकर उसने एक सुकून की सांस ली।

रूबी नीचे अा गई और फिर से छत की तरफ उपर जाने लगी लेकिन इस बार वो साहिल को जोर जोर से आवाज लगा रही थी।

" साहिल अरे बेटा साहिल कहां हो तुम ?

साहिल ने जल्दी से अपने कपड़े ठीक लिए और नीचे की तरफ आने लगा तो रास्ते में ही उसे रूबी मिल गई जिसकी नजर सीधे उसके पेंट में बने तम्बू पर पड़ी और उसके होंठो पर स्माइल अा गई।

साहिल:" जी मम्मी क्या हुआ ? कुछ काम था क्या आपको ?

रूबी की चूचियां अभी भी उपर नीचे हो रही थी जिन्हे देखकर साहिल का लंड पूरी औकात दिखा रहा था और के पेंट में तम्बू और बढ़ता जा रहा था।

रूबी:" कुछ नहीं, मेरा मन नहीं लग रहा था अकेले, सोचा तुझसे बात कर लू।

साहिल और रूबी दोनो मा बेटे अब कमरे में अा गए थे।

रूबी:" देखो ना आज कितनी गर्मी हो रही हैं, उफ्फ एसी में भी सुकून नहीं मिल रहा हैं। मैं कपडे बदलकर आती हूं।

रूबी अंदर बाथरूम में चली गई और गर्मी के कारण ब्रा पेंटी नहीं पहनी और थोड़े देर बाद एक सुंदर सी ड्रेस पहनकर अा गई। साहिल अपनी मा को देखकर खुश हो गया।

साहिल:" मम्मी आप बहुत खूबसूरत लग रही हैं।

रूबी:" अच्छा जी, लेकिन मेरा बेटा भी तो लाखो तो मैं एक हैं। सच में साहिल मुझे लगता हैं कि तेरे आने से मैं फिर से जिंदा हो गई हूं। लगता हैं कि मुझे भी जीने का हक हैं नहीं तो अनूप ने तो मुझे बर्बाद की कर दिया था।

साहिल ने रूबी का एक हाथ अपने हाथ में लिया और चूमकर बोला:

" मम्मी आप खुलकर अपनी ज़िन्दगी जिए अब, आपका बेटा अा गया है। आपकी हर खुशी का ख्याल मैं रखूंगा।

रूबी ने साहिल को अपनी बांहों में भर लिया और उससे कसकर लिपट गई और बोली:"

" हान बेटा, मुझे तुझ पर पूरा यकीन हैं और सच में में तेरे साथ फिर से जीना चाहती हूं।

साहिल ने भी रूबी को जोर से कस लिया तो साहिल का खड़ा हुआ लंड रूबी की जांघो में जा घुसा और रूबी के जिस्म में एक बार से हलचल सी मच गई और साहिल के कंधे पर अपना सिर टिका दिया और आंखे बंद कर ली। साहिल ने अपने दोनो हाथ रूबी की कमर पर लपेट दिए और हल्के हल्के घुमाते हुए बोला:"

" मम्मी मैं आपको बहुत प्यार करता हूं, अब देखना आप की ज़िन्दगी में खुशियां फिर से आयेंगी।

रूबी:" हान बेटा, तूने ही मुझे फिर से मुस्कुराने की वजह दी हैं, तुम दुनिया के सबसे अच्छे बेटे हो साहिल ।

साहिल की उंगलियां रूबी ने तन बदन में आग भरती जा रही थी और रूबी की चूचियां अपने आप अकड़ रही थी और उनके निप्पल कड़े होते जा रहे थे जिनका एहसास साहिल को अब धीरे धीरे हो रहा था। साहिल की गर्म गर्म सांसे रूबी की गर्दन पर पड़ रही थी और रूबी की मदहोशी बढ़ती जा रही थी। रूबी को लगने लगा कि अगर कुछ देर ऐसे ही रहा तो अपने होश खो देगी इसलिए बोली:"

" अच्छा बेटा मुझे नींद आ रही है, चलो सो जाते हैं।

साहिल ने एक आज्ञाकारी बच्चे की तरह तुरंत रूबी को छोड़ दिया और दोनो मा बेटे बेड पर पहुंच गए और रूबी ने अपने बेटे का माथा चूम लिया और बोली:"

" गुड नाईट मेरे बेटे।

रूबी ने साहिल को बांहों में भर लिया और सोने की कोशिश करने लगी। लंड एक बार फिर से उसकी जांघो में घुस गया। दोनो मा बेटे पूरी तरह से गरम थे लेकिन किसी के भी अंदर आगे बढ़ने की हिम्मत नहीं थी।

साहिल की गर्म गर्म सांसे अब रूबी की चूचियो पर पड़ रही थी और पल पल रूबी की हालत खराब होती जा रही थी। साहिल की दोनो आंखें बंद थी इसलिए थोड़ी देर के बाद रूबी को लगा कि साहिल सो गया है तो वो धीरे से उठी और अपनी ड्रेस को उतारकर एक सफेद रंग की पतली सी चादर ली और कमरे से बाहर निकल गई।

साहिल अभी पूरी तरह से जागा हुआ था लेकिन उसकी करवट दूसरी तरफ थी जिस कारण वो रूबी को कपडे बदलते नहीं देख पाया लेकिन जैसे ही रूबी के क़दमों की आहट बाहर जाती सुनाई पड़ी तो वो समझ गया कि उसकी मा आज फिर से चुदाई लोक में जा रही है।
सभी साथी एक बार फिर से ये अपडेट पढ़े, कुछ बीच का पार्ट मिस हो गया था। अभी ऐड कर दिया गया हैं।
 

parkas

Well-Known Member
28,229
62,435
303
Welcome back bhai....
Nice and excellent update...
 
Top