Superb updateरूबी के कदम लड़खड़ा रहे थे लेकिन वो कमरे से बाहर निकल गई और गैलरी की लाइट को बंद कर दिया। रूबी की आंखे लाल हो गई थी जबसे उसने फोन पर साहिल की बाते सुनी और अपने बेटे को लंड हिलाते हुए देखा था तब से उसके जिस्म की आग एक चिंगारी की तरह सुलग रही थी।
रूबी धीरे धीरे चलती हुई चुदाई लोक में घुस गई और जैसे ही उसने स्क्रीन पर चुदाई लोक लिखा देखा तो उसकी चूत अपने आप ही गीली हो गई।
वहीं दूसरी तरफ रूबी के जाते ही साहिल भी बाहर निकला और चुदाई लोक की तरफ चल पड़ा। रूबी के घुसते ही पीछे पीछे वो भी अंदर अा गया और देखा कि रूबी उसकी मा आज फिर उसी छोटे से पहाड़ पर एक झरने के नीचे बैठी खड़ी थी और बेहद कामुक लग रही थी। उपर से पानी गिरने के कारण उसकी सफ़ेद रंग की चादर पूरी तरह से भीग चुकी थी और उसके जिस्म का एक एक कटाव बिल्कुल साफ नजर आ रहा था। एक कंधा पूरी तरह से नंगा और चूचियों का आकार दूर से ही साफ नजर आ रहा था।
साहिल की आंखे एक बार फिर अपनी मा के हुस्न के आगे चूंधिया सी गई और उसके पहले से ही खड़े लंड ने एक जोरदार हुंकार ली मानो किसी तगड़े सांड ने अपना शक्ति प्रदर्शन किया हो।
वहीं दूसरी तरफ रूबी को लग रहा था उपर से गिरता पानी उसकी आग को कम नहीं बल्कि और ज्यादा बढ़ा रहा हैं इसलिए रूबी ने अपनी साडी को हटा दिया और पूरी तरह से नंगी हो गई। रूबी ने एक बार अपनी कहर ढाती हुई चूचियों की तरफ देखा और उसके होंठो पर स्माइल अा गई। उसने दोनो हाथो में अपने निप्पल थाम लिए और हल्का हल्का सहलाने लगी। रूबी के मुंह से अपने आप ही मस्ती भरी आह निकल रही थीं। रूबी चलती हुई बिल्कुल झरने के ठीक नीचे अा गई और अपनी टांगे को खोल दिया जिससे पानी की धार अब बिल्कुल उसकी चूत पर पड़ रही थी। जैसे ही पानी की धार पड़ी तो जिस्म का पूरा जिस्म थरथरा उठा और उसके मुंह से फिर से एक और मस्ती भरी आह निकल पड़ी।
साहिल को अपनी मा की एकदम भरी हुई गोल गोल चूचियां साफ़ नजर आ रही थी और गांड़ का उभार और जांघें भी नजर आ रही थी, चूत पर पड़ती पानी की धार और साहिल के दूर होने के कारण उसे रूबी की टांगो के बीच कुछ भी नजर नहीं अा रहा था। साहिल ये तो जानता था कि उसकी मा बहुत गरम औरत है लेकिन आज उसे महसूस हुआ कि रूबी तो एक जीती जागती कयामत हैं और आग में जल रही एक बेहद कामुक और प्यासी औरत हैं जो अपनी मर्यादा और संस्कारों से बंधी हुई है।
साहिल को आज एहसास हुआ कि उसकी मा उसके परिवार की इज्जत के लिए कितना बड़ा त्याग कर रही है। मेरा बाप तो अब हिजड़ा बन चुका हैं। क्या मेरी मम्मी अब पूरी ज़िन्दगी ऐसे ही तड़पती रहेगी।
नहीं नहीं मैं ऐसा बिल्कुल नहीं होने दूंगा। मैं अपनी मा को प्यार दूंगा। हर खुशी दूंगा। है भगवान एक औरत की सबसे बड़ी खुशी तो लंड होती हैं और मेरी मम्मी तो उसके लिए बुरी तरह से तड़प रही है। हान हान मैं करूंगा अपनी मा की ये खुशी पूरी।
लेकिन क्या वो अपने बेटे से चुदना चाहती है, नहीं ये नहीं होना चाहिए। क्यों नहीं हो सकता साहिल, तूने देखा नहीं था कि किस तरह वो छत पर तेरा लंड देख रही थी।
उफ्फ क्या करू, एक काम करता हूं , मम्मी के थोड़ा करीब जाने की कोशिश करता हूं अगर उन्होंने मेरा साथ दिया तो मतलब मेरे साथ सेक्स से कोई दिक्कत नहीं हैं। साहिल ने आज पक्का मन बना लिया कि वो कोशिश करके देखेगा, आगे क्या होता हैं उसके बाद देखा जाएगा।
साहिल ने कुछ सोचा और वापिस चुदाई लोक के गेट पर पहुंच गया और वहीं से जोर जोर से आवाज लगाता हुआ अंदर घुसा
" मम्मी मम्मी आप कहां हो ?
साहिल की आवाज सुनते ही रूबी के एक पल के लिए तो होश ही उड़ गए लेकिन उसके अपने आप को संभालते हुए चादर को अपने जिस्म पर डाल लिया और खड़ी होती हुई बोली
" हान साहिल बेटा, मैं यहां हूं झरने के नीचे।
रूबी ने एक नजर अपने जिस्म पर डाली और महसूस हुआ कि चादर उसके जिस्म को ठीक से नहीं छुपा पा रही है। उसे एक पल के लिए शर्म महसूस हुई लेकिन उसके जिस्म की आग ने उसे अगले ही पल दूर कर दिया। और वैसे ही उसके पास अब कोई दूसरा रास्ता नहीं बचा था इसलिए सोचा जो होगा देखा जाएगा।
साहिल तो पहले से ही सब कुछ जानता था इसलिए धीरे धीरे चलता हुआ उसकी तरफ बढ़ा और ठीक उसके सामने पत्थर के नीचे खड़ा हो गया।
साहिल अपनी मा के जिस्म पर नजर डालते हुए बोला:"
" ओह मम्मी आप यहां हैं, मैं तो आपको घर में देख रहा था, अच्छा हुआ आप मिल गई।
रूबी ने साहिल की नजरो का पीछा किया और उसके अंदर एक अलग ही एहसास ने जन्म लिया और बोली:"
" वो बेटा नींद नहीं आ रही थी और गर्मी लग रही थी इसलिए चली आई।
साहिल:" ओह अच्छा लिया मम्मी आपने, आज सच में गर्मी बहुत ही ज्यादा हैं, मैं भी नहा लू क्या मम्मी ?
साहिल ने अपना दांव चलते हुए कहा तो रूबी ने स्माइल देते हुए कहा:"
" हान आजा बेटा, लेकिन क्या तू अपनी ही सगी मा के साथ नहाएगा ?
साहिल चलता हुआ पत्थर पर चढ़ गया और रूबी के पास पहुंच गया और बोला:"
" हान तो मा के साथ नहाने में मुझे कोई दिक्कत नहीं हैं, क्या आपको हैं मम्मी ?
रूबी:" लेकिन बेटा अगर किसी को पता चला कि एक सगी मा अपने बेटे के साथ नहा रही हैं तो क्या सोचेगा ?
साहिल:" ओह मम्मी आप भी ना, मुझसे तो कोई दिक्कत नही हैं ना आपको ? यहां कौन हैं देखने वाला हमे इस चुद...
साहिल के मुंह से आगे शर्म के मारे शब्द ही नहीं निकल पाए और रूबी अंदर ही अंदर कांप उठी कि वो अपने बेटे के साथ चुदाई लोक में नहाने वाली हैं।
रूबी:" अरे नहीं मेरे लाल तुझसे क्या दिक्कत होगी , और तूने ठीक कहा कि यहां कौन देखने वाला हैं कि मा बेटे एक साथ नहा रहे हैं।
साहिल को अच्छा लगा कि रूबी को कोई दिक्कत नहीं हैं क्योंकि कोई देख नहीं रहा है इसलिए उसे लगा कि उसकी मा जल्दी ही लाइन पर अा जाएगी।
साहिल ने अपने सारे कपड़े उतार दिए और सिर्फ अंदर वियर में अा गया तो उसके चौड़े और शक्तिशाली जिस्म को देखकर रूबी की आंखे चमक उठी और एक नजर गौर से उसकी छाती पर मारते हुए बोली
" मेरा बेटा तो पूरा जवान हो गया है, आज पता चला मुझे।
साहिल:" ओह मम्मी ये सब आपके दूध और प्यार का ही तो असर हैं।
रूबी के साहिल को फिर से एक स्माइल दी और साहिल झरने के ठीक नीचे खड़ा हो गया और उपर से पानी गिरने लगा तो उसका अंडर वियर भीग गया और लंड का उभार साफ़ नजर आ रहा था। रूबी ने एक नजर लंड के उभार पर डाली और उसे अपने सांसे रुकती हुई महसूस हुई। साहिल ने रूबी की नजरो का पीछा किया और जैसे ही रूबी ने नजर उठाई तो दोनो की नजरे आपस में टकरा गई और रूबी को एहसास हो गया कि साहिल ने उसे अपने लंड घूरते हुए देख लिया हैं तो डर के मारे रूबी के हाथ से उपर से चादर छूट गई। चादर छूटते ही रूबी का उपर का हिस्सा पूरी तरह से नंगा होकर साहिल की आंखो के आगे अा गया। साहिल की नजरे अपने आप अपनी में जिस्म पर चिपकती चली गई और रूबी की गोल गोल मादक उभरी हुई नारियल के आकार की मदमस्त चूचियां देखकर साहिल की आंखे खुली की खुली रह गई उसके लंड ने एक जोरदार झटका खाया।
चादर छूटते ही रूबी के मुंह से डर और शर्म के मारे आह निकल पड़ी और उसकी हिम्मत नहीं हुई कि वो चादर उठा सके। उसे होश आया और उसने एक कोहनी से अपनी चूची को छुपा लिया तो दूसरी पर अपनी हथेली रख दी। रूबी ने बड़ी मुश्किल से एक बार साहिल की तरफ देखा और शर्म के मारे अपना मुंह दूसरी तरफ करते हुए घूम गई।
अब रूबी की पीठ उसके बेटे के सामने बिल्कुल नंगी थी और साहिल बिना किसी डर और शर्म के ध्यान से उसकी कमर देख रहा था। चादर थोड़ी नीचे अटक गई थी जिससे हल्का सा गांड़ का उभार भी साफ नजर आ रहा था। साहिल ने उपर से नीचे तक ध्यानपूर्वक अपनी मा की मछली के आकार की नंगी कमर को देखा और उसे आज एहसास हुआ कि क्यों आजकल के लड़के उसकी मा के दीवाने हैं। बिल्कुल सुंदर, चिकनी, पतली, नदी की तरह बलखाती हुई, किसी को अपनी तरफ आकर्षित कर ले।
गोरे गोरे कंधे और उन पर पड़े हुए काले बाल जिन पर उपर से पड़ती हुई पानी की बूंदे रूबी की कमर को और अधिक उत्तेजक बना रही थी।
साहिल के मुंह से अपने आप ही ना जाने कैसे ये शब्द निकल पड़े
" आह मम्मी आपकी कमर कितनी चिकनी और सुंदर हैं, आज समझ में आया कि क्यों आज कल के लड़के आपके इतने दीवाने हैं।
रूबी अपने सगे बेटे के मुंह से अपनी तारीफ सुनकर खुश हुई और उसके होंठो पर स्माइल अा गई और बोली:"
" आह साहिल बेटा, वो मेरी चादर नीचे गिर गई पानी की वजह से, उठा दे ना प्लीज।
साहिल धीरे से नीचे झुका और चादर को उठा लिया और रूबी की तरफ बढ़ा। साहिल के क़दमों की आवाज सुनकर रूबी की सांसे भारी हो गई और साहिल ने उसके बिल्कुल करीब होते हुए खड़ा हो गया। रूबी की तेज गति से चलती हुई सांसे उसे साफ सुनाई दे रही थी। साहिल थोड़ा और आगे हुआ और अपना हाथ आगे बढाया और चादर को रूबी के कंधे पर टिकाने लगा। साहिल के आगे झुकने से वो अब रूबी से सट सा गया और उसका खड़ा हुआ रूबी की गांड़ पर अड गया। लंड के अपनी गांड़ पर महसूस होते ही रूबी के मुंह से एक मस्ती भरी आह निकल पड़ी और उसका जिस्म कांप उठा जो साहिल ने साफ महसूस किया। रूबी चाहकर भी आगे नहीं हो सकती थी क्योंकि पत्थर के वो बिल्कुल अंतिम छोर पर खड़ी हुई थी। साहिल ने चादर को अच्छे से टिका दिया और रूबी के कान के पास अपना मुंह लाते हुए बोला:"
" मम्मी, चादर को आप अच्छे से पकड़ लो, कहीं पानी की धार के कारण के कारण फिर से नीचे ना गिर जाए।
साहिल की गर्म गर्म सांसे अब रूबी की गर्दन पर पड़ रही थी और नीचे गांड़ पर अड़ा हुआ लंड पूरी तरह से रूबी की हालत खराब किए दे रहा था। रूबी ने अपना चेहरा घुमाया और साहिल की तरफ देखकर स्माइल करते हुए बोली:"
" गिर गई तो कोई बात नही, मेरा बेटा हैं ना फिर से उठाने के लिए।
और फिर से अपना मुंह दूसरी तरफ घुमा लिया। साहिल के लिए ये एक तरह से ग्रीन सिग्नल था तो उसने अपने लंड का दबाव थोड़ा सा और अपनी मा की गांड़ पर बढ़ा दिया और एक हाथ अपनी मा के कंधे पर टिकाते हुए बोला:'
" ओह मम्मी, आप फिर से उठाने की बात कर रही हैं लेकिन आपका बेटा इसे अब गिरने ही नहीं देगा।
इतना कहकर उसने चादर के उपर से रूबी के कंधे को थोड़ा जोर से पकड़ लिया और रूबी तो जाने कब से मर्द के ऐसे स्पर्श के लिए तड़प रही थी। हालाकि ये स्पर्श उसके सगे बेटे का था लेकिन उसके जिस्म की आग इस कदर भड़क चुकी थी कि उसे अपने बेटे में अब सिर्फ एक मर्द नजर अा रहा था और कहीं ना कहीं ना चाहते हुए भी रूबी बहकने लगी। रूबी ने अपने एक हाथ को पीछे की तरफ बढ़ा लिया और साहिल के दूसरे हाथ को थाम लिया और बोली:*
" आह बेटा, थोड़ा प्यार से पकड़ ना चादर, दर्द होता हैं मुझे।
साहिल ने अब रूबी के हाथ की उंगलियो को अपने हाथ की उंगलियों में फसा लिया और उसकी गर्दन पर अपनी होंठ रखते हुए बोला
" आह मम्मी, क्या सचमुच इतना नाजुक बदन हैं आपका जो बेटे के छूने से ही दर्द होने लगा ?
गर्दन पर साहिल के होंठ पड़ते ही रूबी पूरी तरह से मचल उठी और मस्ती से सिसकते हुए अपने हाथ की उंगलियों का दबाव साहिल की उंगलियों पर बढ़ाते हुए बोली:"
" आह बेटा, इतना ज्यादा नाजुक भी नहीं, लेकिन तू पकड़ ही इतने जोर से रहा हैं। बहुत तगड़ा हो गया है मेरा लाडला बेटा।
साहिल ने अब अपने लंड को थोड़ा सा और आगे बढ़ा कर दिया तो रूबी की गांड़ की दरार में लंड घुसने लगा और रूबी का एक हाथ अपने आप उसकी चूत पर पहुंच गया और मस्ती में आते हुए उसने पहली बार अपनी गांड़ को लंड पर दबा दिया। साहिल के लिए तो ये जैसे खुला न्यौता था। उसने रूबी के कंधे पर से हाथ हटा दिया और धीरे से पीछे लाते हुए अपने अंदर वियर को नीचे सरका दिया। रूबी को जैसे ही साहिल के नंगे लंड का एहसास अपने गीली साड़ी में लिपटी हुई गांड़ पर महसूस हुआ तो उसे एक तेज झटका सा लगा और वो हल्की सी आगे को हुई तो साहिल ने अपना एक हाथ अपनी मा के पेट पर टिकाते हुए और पीछे की तरफ खींच लिया और लंड पूरी तरह से अब रूबी की गांड़ में उसके छेद पर अड गया। रूबी के मुंह से एक मस्ती भरी आह निकल पड़ी
" उई मा आह, है भगवान , ओह साहिल बेटा तुमने मुझे गिरने से बचा लिया।
साहिल ने प्यार से रूबी के पेट पर हाथ फेरते हुए कहा:"
" ओह मम्मी, आपके बेटे के होते हुए आपको डरने कि कोई जरूरत नहीं हैं, वैसे मम्मी आप का पेट कितना पतला और मुलायम हैं एक दम।
रूबी के पेट पर घूमती हुई उसके बेटे की उंगलिया उसे हर ज्यादा बहका रही थी और रूबी ने अपने पैर को हल्का सा खोल दिया जिससे लंड अब बिल्कुल पूरी तरह से उसकी गांड़ के बिलकुल अंदर छेद पर दस्तक देने लगा। रूबी की आंखे मस्ती से बंद हो गई और उसने एक हाथ अपने बेटे के कंधे पर रख दिया और अपनी टांग को फिर से बंद करते हुए बोली:"
" आह साहिल, क्या सच मैं मेरी फिटनेस इतनी ज्यादा अच्छी हैं बेटा आह।
रूबी के टांगे बंद करते ही लंड गांड़ के दोनो पटो के बीच फस सा गया। साहिल पूरी तरह से मचल उठा और उसने रूबी के पर को थोड़ा जोर से थाम लिया और अपनी नंगी छाती अपनी मा की नंगी पीठ पर रगड़ते हुए बोला
" आह मम्मी, आपकी फिटनेस कि तो पूरा दिल्ली मेरठ कसमें खाता हैं, उफ्फ पानी कितनी तेज गिर रहा है मम्मी।
इतना कहकर उसने रूबी को जोर से पकड़ लिया तो रूबी ने भी अपनी गांड़ जोर से पीछे की तरफ कर दी और लंड को महसूस करके मस्ती से सिसकते हुए बोली:"
" आह बेटा सच में पानी तेज हैं, तू मुझे कसकर पकड़ ले बेटा कहीं मैं गिर ना जाऊ।
साहिल ने अब अपनी मा को अपने जिस्म में पूरी तरह से समेत लिया और हल्का हल्का आगे पीछे होने लगा जिससे लंड के धक्के गांड़ पर पड़ने लगे। दोनो मा बेटे इस मस्ती भरे एहसास से हवा में उड़ रहे थे लेकिन एक दूसरे पर सीधा हाथ डालने की हिम्मत नहीं हो रही थी।
रूबी ने भी अब पानी तेज होने का फायदा उठाकर अपनी गांड़ को लंड पर रगड़ना शुरु कर दिया और साहिल तो अब अपना हाथ रूबी के पेट पर फेरते हुए धक्के लगाने लगा।
साहिल की लंबाई रूबी से ज्यादा थी इसलिए पीछे खड़े होने के कारण उसे अपनी मा की चूचियां साफ़ नजर आ रही थी। उफ्फ निप्पल पूरे टाइट होकर अपना मुंह उठा रहे थे। साहिल धीरे धीरे अपने होंठ अपनी मा की गरदन पर फेर रहा था जिससे रूबी के सब्र का बांध टूट पड़ा और उसने एक हाथ नीचे करते हुए अपनी चूत पर टिका दिया और सारी के उपर से ही मसलने लगी। साहिल भी ये सब देखते ही अपने होश खो बैठा और उसने रूबी की गांड़ पर से साडी को हटा दिया और अब बिल्कुल नंगा लंड उसकी मा की एकदम नंगी गांड़ पर जा लगा तो रूबी के मुंह से एक मस्ती भरी आह निकल पड़ी
" आह बेटा, उफ्फ उई मा,
रूबी लंड के एहसास से कांप उठी और उसकी चूत में तूफान सा उठ गया। रूबी ने अपनी साडी को हटाते हुए अपनी उंगली को चूत पर रख दिया और सहलाने लगी। साहिल अपनी आंखो से ये सब होते देख रहा था और उसने अब जोर जोर से रूबी की गांड़ पर धक्के मारने शुरू कर दिए। रूबी के मुंह से मस्ती भरी सिसकारियां निकलने लगी और उसने एक उंगली को अपने मुंह में भर कर चूस लिया और फिर नीचे ले जाते हुए अपने चूत में घुसा दिया और मस्ती से सिसक उठी
" आह साहिल, उफ्फ बेटा,
साहिल ने अपना हाथ नीचे लाते हुए रूबी की चूत में घुसी हुई उंगली को छोड़कर पूरा हाथ पकड़ लिया। अब रूबी की उंगली उसकी चूत में ही घुसी रह गई और बाहर नहीं निकल पाई तो रूबी हाथ छुड़ाने की कोशिश करने लगी लेकिन कामयाब नहीं हो पाई तो उसने अपनी चूत को ही उंगली पर आगे पीछे करना शुरु कर दिया। फिर तो जैसे कमाल हो गया, गांड़ के लंड पर धक्के पड़ने लगे और साहिल ने भी रूबी की हालत समझते हुए उसकी हाथ को ढील दी तो उंगली भी आगे पीछे होने लगी। रूबी की चूत में सनसनी सी उठ रही थी और साहिल अब पूरी ताकत से रूबी के हाथ को आगे पीछे कर रहा था जिससे रूबी की उंगली उसकी चूत में बहुत भयंकर रफ्तार से घुस रही थी।
रूबी की चूत में हलचल शुरू हो गईं और साथ ही साथ साहिल के लंड के धक्के भी बढ़ते चले गए। तभी साहिल ने अपनी जीभ को अपनी मा की गर्दन पर फेर दिया और रूबी ने जोर से सिसकते हुए अपनी उंगली को जड़ तक घुसा लिया और मस्ती से सिसक उठी
" आह गई मेरी चूत, उफ्फ आह मा,
जैसे ही उंगली अंदर घुसी तो गांड़ अपने आप पीछे हो गई और साहिल ने भी एक आखिरी तेज धक्का लगाया और रूबी को उसकी गांड़ का छेद खुलता हुआ महसूस हुआ और साहिल के लंड ने वीर्य की पहली बारिश अपनी मा के गांड़ के छेद पर दी और उससे कसकर लिपट गया।
दोनो मा बेटे ऐसे ही एक दूसरे से लिपटे हुए खड़े रहे और साहिल ने होश में आते हुए धीरे से अपनी की चादर को ठीक किया और अपने अंडर वियर को उपर करते हुए बोला:"
" ओह मम्मी, बहुत मजा आया नहाने में आपके साथ, अब तो मै रोज ही आपके साथ नहाया करूंगा।
रूबी ने भी चादर के ठीक होते ही अपनी आंखे खोल दी और पलट कर बोली:
" अच्छा जी, मुझे भी बहुत अच्छा लगा बेटा, तूने मुझे कितनी बार गिरने से बचाया। आज तो अनूप नहीं था लेकिन कल से वो होगा फिर कैसे नहाएगा मेरे साथ ?
साहिल ने अपनी मा का हाथ पकड़ लिया और बोला:_
" मा अनूप का तो मैं खुद सोच लूंगा उसका क्या करना हैं, अब आपको अनूप की नहीं बल्कि अपने बेटे की जरुरत हैं। उससे अब कुछ नहीं हो पाएगा।
रूबी:" अच्छा क्या कुछ नहीं हो पाएगा उससे ? बताओ तो मुझे जरा तुम ?
साहिल बोलना तो चाहता था कि वो तुम्हारी गर्मी दूर नहीं कर पाएगा लेकिन शर्म के मारे बोल नहीं पाया और बोला:"
" आपकी सारी मुश्किलें दूर नहीं कर पाएगा अब वो।
रूबी के होंठो पर स्माइल अा गई और बोली:"
" अच्छा और तुम्हे लगता हैं कि तुम मेरी सारी मुश्किल दूर कर दोगे ?
साहिल:' एक बार कहकर तो देखो, जान भी दे दूंगा तुम्हारे लिए मम्मी।
रूबी:" लगता हैं तुम भी और लडको की तरह अपनी मा के दीवाने हो गए हो।
साहिल रूबी की आंखो में देखते हुए बोला:" दीवाना, आशिक जो मर्जी कहो, अब तो सिर्फ तुम्हारा हूं मेरी मम्मी।
" आशिक हैं तेरे हम इस बात से इंकार नहीं,
झूठ कैसे कहूं कि तुमसे प्यार नहीं ,
कुछ कुसूर तो आपकी अदाओं का भी हैं जहांपनाह
हम अकेले ही तो गुनहगार नहीं।
रूबी साहिल की शायरी सुनकर मन ही मन बहुत खुश हुई लेकिन हल्का गुस्सा करते हुए बोली:"
" मारूंगी बहुत तुझे आशिक के बच्चे, रात बहुत हो गई है आओ अंदर चलते हैं।
साहिल:" आप क्या मारेगी मम्मी, मारूंगा तो मैं वो भी उठा उठा कर।
रूबी के होठों पर एक बार फिर से स्माइल अा गई और चलते हुए बोली:"
" तू क्या मारने की बात कर रहा है बेटा साहिल ?
इतना कहते ही रूबी ने एक हाथ से अपनी चूत के पास जांघ को सहला दिया तो साहिल ये देखकर मस्त हो गया और बोला:"
" ओह मम्मी मैं हर उस चीज को मार दूंगा जो आपको परेशान करती है और सोने नहीं देती।
रूबी सोचने लगी ये भगवान ये तो मेरी चूत मारने की बात रहा हैं इसलिए मस्त होते हुए बोली
" अच्छा कैसे मारेगा तू ? बंदूक हैं क्या तेरे पास ?
साहिल ने अपने लंड पर नजर डाली और बोला:"
" ओह मा बंदूक में तो बार बार गोली भरनी पड़ती है, मैं तो मोटे डंडे से मार दूंगा। तगड़ा करके मारूंगा जोर जोर से।
रूबी:" अच्छा जी इतना भी मत मार देना की वो मर ही जाए,
साहिल:" ओह मा, उसको तो जितना मारो उतना ही सुकून मिलता हैं, मारने वाले को भी और मरवाने वाले को।
रूबी:" धत तेरे की, तू क्या मारने कि बात कर रहा है साहिल ?
साहिल:" हर उस चीज को मेरी मा को परेशान करती हैं। मम्मी बताओ ना क्या आप मारने दोगी ?
रूबी हल्की सी मुस्कान देते हुए बोली:" क्या मारने कि बात कर रहे हैं तुम ?
साहिल:" आपकी मुश्किलें और क्या मम्मी। आप भी ना पता नहीं क्या क्या सोचती हो।
रूबी ने साहिल को एक थप्पड़ दिखाया और साहिल ने अपने दोनो कान पकड़ लिए। चलते चलते दोनो घर के अंदर घुस गए और दोनो थके हुए थे और बिस्तर पर पड़ते ही आंख लग गई।
अगले दिन सुबह दोनो लेट तक सोते रहे और करीब आठ बजे रूबी की आंख खुली तो देखा कि आठ बज गए हैं तो वो तेजी से बाथरूम कि तरफ भागी और देखा कि शांता सफाई कर रही है। रूबी ने शांता के पैर छुए और बाथरूम में घुस गई। थोड़ी देर बाद ही वो नहाकर वापिस अा गई। शांता अब नाश्ता तैयार कर रही थी। रूबी अपने कमरे में कपडे बदल रही थी और साहिल की आंख खुली तो वो अपनी मा को देखने के लिए उसके कमरे में गया तो देखा कि रूबी नहा चुकी हैं और अपने ब्लाउस को पहन रही थी लेकिन मुश्किल हो रही थी तो साहिल को देखते ही पहले तो डर गई लेकिन फिर रात वाली घटना याद करके स्माइल कर दी और बोली:
" इधर आओ तो बेटा, इसे पहनने में मेरी मदद करो,
साहिल आगे आया और रूबी के दोनो कंधे थाम लिए और उसे ब्लाउस पहना दिया और बोला:"
" क्या मम्मी आप सुबह सुबह अकेली ही नहा ली, अब मैं अकेला कैसे नहाऊंगा,
रूबी:" ज्यादा सपने मत देखो तुम, जाओ और जल्दी से नहा कर आओ मुझे भूख लगी हैं बहुत तेज बेटा।
साहिल:" अच्छा ठीक हैं, लेकिन मम्मी ध्यान रखना मैं सिर्फ सपने देखता ही नहीं हूं बल्कि उन्हें पूरा भी करता हूं।
इतना कहकर साहिल ने रूबी की तरफ देखा तो रूबी ने उसे जीभ निकाल कर दिखा दी मानो कह रही हो कि तुम सिर्फ सपने देखते रहो। साहिल ने भी स्माइल दी और बोला:"
" आप एक बार शाम को घर आओ तो सही, तब देखता हूं।
साहिल बाथरूम में घुस गया और नहाकर अा गया। नाश्ता करने के बाद रूबी योगा सेंटर चली गई जबकि साहिल ने एक बार आज अपने बाप के ऑफिस जाने के बारे में सोचा ताकि उसे वहां से कुछ और जानकारी मिल सके। वो जानता था कि अभी आज अनूप ऑफिस में नहीं होगा इसलिए आराम से मैं अपना काम कर सकता हूं।
साहिल ने गाड़ी निकाली और ऑफिस की तरफ चल दिया।
Bhai kya kamuk update diyaरूबी के कदम लड़खड़ा रहे थे लेकिन वो कमरे से बाहर निकल गई और गैलरी की लाइट को बंद कर दिया। रूबी की आंखे लाल हो गई थी जबसे उसने फोन पर साहिल की बाते सुनी और अपने बेटे को लंड हिलाते हुए देखा था तब से उसके जिस्म की आग एक चिंगारी की तरह सुलग रही थी।
रूबी धीरे धीरे चलती हुई चुदाई लोक में घुस गई और जैसे ही उसने स्क्रीन पर चुदाई लोक लिखा देखा तो उसकी चूत अपने आप ही गीली हो गई।
वहीं दूसरी तरफ रूबी के जाते ही साहिल भी बाहर निकला और चुदाई लोक की तरफ चल पड़ा। रूबी के घुसते ही पीछे पीछे वो भी अंदर अा गया और देखा कि रूबी उसकी मा आज फिर उसी छोटे से पहाड़ पर एक झरने के नीचे बैठी खड़ी थी और बेहद कामुक लग रही थी। उपर से पानी गिरने के कारण उसकी सफ़ेद रंग की चादर पूरी तरह से भीग चुकी थी और उसके जिस्म का एक एक कटाव बिल्कुल साफ नजर आ रहा था। एक कंधा पूरी तरह से नंगा और चूचियों का आकार दूर से ही साफ नजर आ रहा था।
साहिल की आंखे एक बार फिर अपनी मा के हुस्न के आगे चूंधिया सी गई और उसके पहले से ही खड़े लंड ने एक जोरदार हुंकार ली मानो किसी तगड़े सांड ने अपना शक्ति प्रदर्शन किया हो।
वहीं दूसरी तरफ रूबी को लग रहा था उपर से गिरता पानी उसकी आग को कम नहीं बल्कि और ज्यादा बढ़ा रहा हैं इसलिए रूबी ने अपनी साडी को हटा दिया और पूरी तरह से नंगी हो गई। रूबी ने एक बार अपनी कहर ढाती हुई चूचियों की तरफ देखा और उसके होंठो पर स्माइल अा गई। उसने दोनो हाथो में अपने निप्पल थाम लिए और हल्का हल्का सहलाने लगी। रूबी के मुंह से अपने आप ही मस्ती भरी आह निकल रही थीं। रूबी चलती हुई बिल्कुल झरने के ठीक नीचे अा गई और अपनी टांगे को खोल दिया जिससे पानी की धार अब बिल्कुल उसकी चूत पर पड़ रही थी। जैसे ही पानी की धार पड़ी तो जिस्म का पूरा जिस्म थरथरा उठा और उसके मुंह से फिर से एक और मस्ती भरी आह निकल पड़ी।
साहिल को अपनी मा की एकदम भरी हुई गोल गोल चूचियां साफ़ नजर आ रही थी और गांड़ का उभार और जांघें भी नजर आ रही थी, चूत पर पड़ती पानी की धार और साहिल के दूर होने के कारण उसे रूबी की टांगो के बीच कुछ भी नजर नहीं अा रहा था। साहिल ये तो जानता था कि उसकी मा बहुत गरम औरत है लेकिन आज उसे महसूस हुआ कि रूबी तो एक जीती जागती कयामत हैं और आग में जल रही एक बेहद कामुक और प्यासी औरत हैं जो अपनी मर्यादा और संस्कारों से बंधी हुई है।
साहिल को आज एहसास हुआ कि उसकी मा उसके परिवार की इज्जत के लिए कितना बड़ा त्याग कर रही है। मेरा बाप तो अब हिजड़ा बन चुका हैं। क्या मेरी मम्मी अब पूरी ज़िन्दगी ऐसे ही तड़पती रहेगी।
नहीं नहीं मैं ऐसा बिल्कुल नहीं होने दूंगा। मैं अपनी मा को प्यार दूंगा। हर खुशी दूंगा। है भगवान एक औरत की सबसे बड़ी खुशी तो लंड होती हैं और मेरी मम्मी तो उसके लिए बुरी तरह से तड़प रही है। हान हान मैं करूंगा अपनी मा की ये खुशी पूरी।
लेकिन क्या वो अपने बेटे से चुदना चाहती है, नहीं ये नहीं होना चाहिए। क्यों नहीं हो सकता साहिल, तूने देखा नहीं था कि किस तरह वो छत पर तेरा लंड देख रही थी।
उफ्फ क्या करू, एक काम करता हूं , मम्मी के थोड़ा करीब जाने की कोशिश करता हूं अगर उन्होंने मेरा साथ दिया तो मतलब मेरे साथ सेक्स से कोई दिक्कत नहीं हैं। साहिल ने आज पक्का मन बना लिया कि वो कोशिश करके देखेगा, आगे क्या होता हैं उसके बाद देखा जाएगा।
साहिल ने कुछ सोचा और वापिस चुदाई लोक के गेट पर पहुंच गया और वहीं से जोर जोर से आवाज लगाता हुआ अंदर घुसा
" मम्मी मम्मी आप कहां हो ?
साहिल की आवाज सुनते ही रूबी के एक पल के लिए तो होश ही उड़ गए लेकिन उसके अपने आप को संभालते हुए चादर को अपने जिस्म पर डाल लिया और खड़ी होती हुई बोली
" हान साहिल बेटा, मैं यहां हूं झरने के नीचे।
रूबी ने एक नजर अपने जिस्म पर डाली और महसूस हुआ कि चादर उसके जिस्म को ठीक से नहीं छुपा पा रही है। उसे एक पल के लिए शर्म महसूस हुई लेकिन उसके जिस्म की आग ने उसे अगले ही पल दूर कर दिया। और वैसे ही उसके पास अब कोई दूसरा रास्ता नहीं बचा था इसलिए सोचा जो होगा देखा जाएगा।
साहिल तो पहले से ही सब कुछ जानता था इसलिए धीरे धीरे चलता हुआ उसकी तरफ बढ़ा और ठीक उसके सामने पत्थर के नीचे खड़ा हो गया।
साहिल अपनी मा के जिस्म पर नजर डालते हुए बोला:"
" ओह मम्मी आप यहां हैं, मैं तो आपको घर में देख रहा था, अच्छा हुआ आप मिल गई।
रूबी ने साहिल की नजरो का पीछा किया और उसके अंदर एक अलग ही एहसास ने जन्म लिया और बोली:"
" वो बेटा नींद नहीं आ रही थी और गर्मी लग रही थी इसलिए चली आई।
साहिल:" ओह अच्छा लिया मम्मी आपने, आज सच में गर्मी बहुत ही ज्यादा हैं, मैं भी नहा लू क्या मम्मी ?
साहिल ने अपना दांव चलते हुए कहा तो रूबी ने स्माइल देते हुए कहा:"
" हान आजा बेटा, लेकिन क्या तू अपनी ही सगी मा के साथ नहाएगा ?
साहिल चलता हुआ पत्थर पर चढ़ गया और रूबी के पास पहुंच गया और बोला:"
" हान तो मा के साथ नहाने में मुझे कोई दिक्कत नहीं हैं, क्या आपको हैं मम्मी ?
रूबी:" लेकिन बेटा अगर किसी को पता चला कि एक सगी मा अपने बेटे के साथ नहा रही हैं तो क्या सोचेगा ?
साहिल:" ओह मम्मी आप भी ना, मुझसे तो कोई दिक्कत नही हैं ना आपको ? यहां कौन हैं देखने वाला हमे इस चुद...
साहिल के मुंह से आगे शर्म के मारे शब्द ही नहीं निकल पाए और रूबी अंदर ही अंदर कांप उठी कि वो अपने बेटे के साथ चुदाई लोक में नहाने वाली हैं।
रूबी:" अरे नहीं मेरे लाल तुझसे क्या दिक्कत होगी , और तूने ठीक कहा कि यहां कौन देखने वाला हैं कि मा बेटे एक साथ नहा रहे हैं।
साहिल को अच्छा लगा कि रूबी को कोई दिक्कत नहीं हैं क्योंकि कोई देख नहीं रहा है इसलिए उसे लगा कि उसकी मा जल्दी ही लाइन पर अा जाएगी।
साहिल ने अपने सारे कपड़े उतार दिए और सिर्फ अंदर वियर में अा गया तो उसके चौड़े और शक्तिशाली जिस्म को देखकर रूबी की आंखे चमक उठी और एक नजर गौर से उसकी छाती पर मारते हुए बोली
" मेरा बेटा तो पूरा जवान हो गया है, आज पता चला मुझे।
साहिल:" ओह मम्मी ये सब आपके दूध और प्यार का ही तो असर हैं।
रूबी के साहिल को फिर से एक स्माइल दी और साहिल झरने के ठीक नीचे खड़ा हो गया और उपर से पानी गिरने लगा तो उसका अंडर वियर भीग गया और लंड का उभार साफ़ नजर आ रहा था। रूबी ने एक नजर लंड के उभार पर डाली और उसे अपने सांसे रुकती हुई महसूस हुई। साहिल ने रूबी की नजरो का पीछा किया और जैसे ही रूबी ने नजर उठाई तो दोनो की नजरे आपस में टकरा गई और रूबी को एहसास हो गया कि साहिल ने उसे अपने लंड घूरते हुए देख लिया हैं तो डर के मारे रूबी के हाथ से उपर से चादर छूट गई। चादर छूटते ही रूबी का उपर का हिस्सा पूरी तरह से नंगा होकर साहिल की आंखो के आगे अा गया। साहिल की नजरे अपने आप अपनी में जिस्म पर चिपकती चली गई और रूबी की गोल गोल मादक उभरी हुई नारियल के आकार की मदमस्त चूचियां देखकर साहिल की आंखे खुली की खुली रह गई उसके लंड ने एक जोरदार झटका खाया।
चादर छूटते ही रूबी के मुंह से डर और शर्म के मारे आह निकल पड़ी और उसकी हिम्मत नहीं हुई कि वो चादर उठा सके। उसे होश आया और उसने एक कोहनी से अपनी चूची को छुपा लिया तो दूसरी पर अपनी हथेली रख दी। रूबी ने बड़ी मुश्किल से एक बार साहिल की तरफ देखा और शर्म के मारे अपना मुंह दूसरी तरफ करते हुए घूम गई।
अब रूबी की पीठ उसके बेटे के सामने बिल्कुल नंगी थी और साहिल बिना किसी डर और शर्म के ध्यान से उसकी कमर देख रहा था। चादर थोड़ी नीचे अटक गई थी जिससे हल्का सा गांड़ का उभार भी साफ नजर आ रहा था। साहिल ने उपर से नीचे तक ध्यानपूर्वक अपनी मा की मछली के आकार की नंगी कमर को देखा और उसे आज एहसास हुआ कि क्यों आजकल के लड़के उसकी मा के दीवाने हैं। बिल्कुल सुंदर, चिकनी, पतली, नदी की तरह बलखाती हुई, किसी को अपनी तरफ आकर्षित कर ले।
गोरे गोरे कंधे और उन पर पड़े हुए काले बाल जिन पर उपर से पड़ती हुई पानी की बूंदे रूबी की कमर को और अधिक उत्तेजक बना रही थी।
साहिल के मुंह से अपने आप ही ना जाने कैसे ये शब्द निकल पड़े
" आह मम्मी आपकी कमर कितनी चिकनी और सुंदर हैं, आज समझ में आया कि क्यों आज कल के लड़के आपके इतने दीवाने हैं।
रूबी अपने सगे बेटे के मुंह से अपनी तारीफ सुनकर खुश हुई और उसके होंठो पर स्माइल अा गई और बोली:"
" आह साहिल बेटा, वो मेरी चादर नीचे गिर गई पानी की वजह से, उठा दे ना प्लीज।
साहिल धीरे से नीचे झुका और चादर को उठा लिया और रूबी की तरफ बढ़ा। साहिल के क़दमों की आवाज सुनकर रूबी की सांसे भारी हो गई और साहिल ने उसके बिल्कुल करीब होते हुए खड़ा हो गया। रूबी की तेज गति से चलती हुई सांसे उसे साफ सुनाई दे रही थी। साहिल थोड़ा और आगे हुआ और अपना हाथ आगे बढाया और चादर को रूबी के कंधे पर टिकाने लगा। साहिल के आगे झुकने से वो अब रूबी से सट सा गया और उसका खड़ा हुआ रूबी की गांड़ पर अड गया। लंड के अपनी गांड़ पर महसूस होते ही रूबी के मुंह से एक मस्ती भरी आह निकल पड़ी और उसका जिस्म कांप उठा जो साहिल ने साफ महसूस किया। रूबी चाहकर भी आगे नहीं हो सकती थी क्योंकि पत्थर के वो बिल्कुल अंतिम छोर पर खड़ी हुई थी। साहिल ने चादर को अच्छे से टिका दिया और रूबी के कान के पास अपना मुंह लाते हुए बोला:"
" मम्मी, चादर को आप अच्छे से पकड़ लो, कहीं पानी की धार के कारण के कारण फिर से नीचे ना गिर जाए।
साहिल की गर्म गर्म सांसे अब रूबी की गर्दन पर पड़ रही थी और नीचे गांड़ पर अड़ा हुआ लंड पूरी तरह से रूबी की हालत खराब किए दे रहा था। रूबी ने अपना चेहरा घुमाया और साहिल की तरफ देखकर स्माइल करते हुए बोली:"
" गिर गई तो कोई बात नही, मेरा बेटा हैं ना फिर से उठाने के लिए।
और फिर से अपना मुंह दूसरी तरफ घुमा लिया। साहिल के लिए ये एक तरह से ग्रीन सिग्नल था तो उसने अपने लंड का दबाव थोड़ा सा और अपनी मा की गांड़ पर बढ़ा दिया और एक हाथ अपनी मा के कंधे पर टिकाते हुए बोला:'
" ओह मम्मी, आप फिर से उठाने की बात कर रही हैं लेकिन आपका बेटा इसे अब गिरने ही नहीं देगा।
इतना कहकर उसने चादर के उपर से रूबी के कंधे को थोड़ा जोर से पकड़ लिया और रूबी तो जाने कब से मर्द के ऐसे स्पर्श के लिए तड़प रही थी। हालाकि ये स्पर्श उसके सगे बेटे का था लेकिन उसके जिस्म की आग इस कदर भड़क चुकी थी कि उसे अपने बेटे में अब सिर्फ एक मर्द नजर अा रहा था और कहीं ना कहीं ना चाहते हुए भी रूबी बहकने लगी। रूबी ने अपने एक हाथ को पीछे की तरफ बढ़ा लिया और साहिल के दूसरे हाथ को थाम लिया और बोली:*
" आह बेटा, थोड़ा प्यार से पकड़ ना चादर, दर्द होता हैं मुझे।
साहिल ने अब रूबी के हाथ की उंगलियो को अपने हाथ की उंगलियों में फसा लिया और उसकी गर्दन पर अपनी होंठ रखते हुए बोला
" आह मम्मी, क्या सचमुच इतना नाजुक बदन हैं आपका जो बेटे के छूने से ही दर्द होने लगा ?
गर्दन पर साहिल के होंठ पड़ते ही रूबी पूरी तरह से मचल उठी और मस्ती से सिसकते हुए अपने हाथ की उंगलियों का दबाव साहिल की उंगलियों पर बढ़ाते हुए बोली:"
" आह बेटा, इतना ज्यादा नाजुक भी नहीं, लेकिन तू पकड़ ही इतने जोर से रहा हैं। बहुत तगड़ा हो गया है मेरा लाडला बेटा।
साहिल ने अब अपने लंड को थोड़ा सा और आगे बढ़ा कर दिया तो रूबी की गांड़ की दरार में लंड घुसने लगा और रूबी का एक हाथ अपने आप उसकी चूत पर पहुंच गया और मस्ती में आते हुए उसने पहली बार अपनी गांड़ को लंड पर दबा दिया। साहिल के लिए तो ये जैसे खुला न्यौता था। उसने रूबी के कंधे पर से हाथ हटा दिया और धीरे से पीछे लाते हुए अपने अंदर वियर को नीचे सरका दिया। रूबी को जैसे ही साहिल के नंगे लंड का एहसास अपने गीली साड़ी में लिपटी हुई गांड़ पर महसूस हुआ तो उसे एक तेज झटका सा लगा और वो हल्की सी आगे को हुई तो साहिल ने अपना एक हाथ अपनी मा के पेट पर टिकाते हुए और पीछे की तरफ खींच लिया और लंड पूरी तरह से अब रूबी की गांड़ में उसके छेद पर अड गया। रूबी के मुंह से एक मस्ती भरी आह निकल पड़ी
" उई मा आह, है भगवान , ओह साहिल बेटा तुमने मुझे गिरने से बचा लिया।
साहिल ने प्यार से रूबी के पेट पर हाथ फेरते हुए कहा:"
" ओह मम्मी, आपके बेटे के होते हुए आपको डरने कि कोई जरूरत नहीं हैं, वैसे मम्मी आप का पेट कितना पतला और मुलायम हैं एक दम।
रूबी के पेट पर घूमती हुई उसके बेटे की उंगलिया उसे हर ज्यादा बहका रही थी और रूबी ने अपने पैर को हल्का सा खोल दिया जिससे लंड अब बिल्कुल पूरी तरह से उसकी गांड़ के बिलकुल अंदर छेद पर दस्तक देने लगा। रूबी की आंखे मस्ती से बंद हो गई और उसने एक हाथ अपने बेटे के कंधे पर रख दिया और अपनी टांग को फिर से बंद करते हुए बोली:"
" आह साहिल, क्या सच मैं मेरी फिटनेस इतनी ज्यादा अच्छी हैं बेटा आह।
रूबी के टांगे बंद करते ही लंड गांड़ के दोनो पटो के बीच फस सा गया। साहिल पूरी तरह से मचल उठा और उसने रूबी के पर को थोड़ा जोर से थाम लिया और अपनी नंगी छाती अपनी मा की नंगी पीठ पर रगड़ते हुए बोला
" आह मम्मी, आपकी फिटनेस कि तो पूरा दिल्ली मेरठ कसमें खाता हैं, उफ्फ पानी कितनी तेज गिर रहा है मम्मी।
इतना कहकर उसने रूबी को जोर से पकड़ लिया तो रूबी ने भी अपनी गांड़ जोर से पीछे की तरफ कर दी और लंड को महसूस करके मस्ती से सिसकते हुए बोली:"
" आह बेटा सच में पानी तेज हैं, तू मुझे कसकर पकड़ ले बेटा कहीं मैं गिर ना जाऊ।
साहिल ने अब अपनी मा को अपने जिस्म में पूरी तरह से समेत लिया और हल्का हल्का आगे पीछे होने लगा जिससे लंड के धक्के गांड़ पर पड़ने लगे। दोनो मा बेटे इस मस्ती भरे एहसास से हवा में उड़ रहे थे लेकिन एक दूसरे पर सीधा हाथ डालने की हिम्मत नहीं हो रही थी।
रूबी ने भी अब पानी तेज होने का फायदा उठाकर अपनी गांड़ को लंड पर रगड़ना शुरु कर दिया और साहिल तो अब अपना हाथ रूबी के पेट पर फेरते हुए धक्के लगाने लगा।
साहिल की लंबाई रूबी से ज्यादा थी इसलिए पीछे खड़े होने के कारण उसे अपनी मा की चूचियां साफ़ नजर आ रही थी। उफ्फ निप्पल पूरे टाइट होकर अपना मुंह उठा रहे थे। साहिल धीरे धीरे अपने होंठ अपनी मा की गरदन पर फेर रहा था जिससे रूबी के सब्र का बांध टूट पड़ा और उसने एक हाथ नीचे करते हुए अपनी चूत पर टिका दिया और सारी के उपर से ही मसलने लगी। साहिल भी ये सब देखते ही अपने होश खो बैठा और उसने रूबी की गांड़ पर से साडी को हटा दिया और अब बिल्कुल नंगा लंड उसकी मा की एकदम नंगी गांड़ पर जा लगा तो रूबी के मुंह से एक मस्ती भरी आह निकल पड़ी
" आह बेटा, उफ्फ उई मा,
रूबी लंड के एहसास से कांप उठी और उसकी चूत में तूफान सा उठ गया। रूबी ने अपनी साडी को हटाते हुए अपनी उंगली को चूत पर रख दिया और सहलाने लगी। साहिल अपनी आंखो से ये सब होते देख रहा था और उसने अब जोर जोर से रूबी की गांड़ पर धक्के मारने शुरू कर दिए। रूबी के मुंह से मस्ती भरी सिसकारियां निकलने लगी और उसने एक उंगली को अपने मुंह में भर कर चूस लिया और फिर नीचे ले जाते हुए अपने चूत में घुसा दिया और मस्ती से सिसक उठी
" आह साहिल, उफ्फ बेटा,
साहिल ने अपना हाथ नीचे लाते हुए रूबी की चूत में घुसी हुई उंगली को छोड़कर पूरा हाथ पकड़ लिया। अब रूबी की उंगली उसकी चूत में ही घुसी रह गई और बाहर नहीं निकल पाई तो रूबी हाथ छुड़ाने की कोशिश करने लगी लेकिन कामयाब नहीं हो पाई तो उसने अपनी चूत को ही उंगली पर आगे पीछे करना शुरु कर दिया। फिर तो जैसे कमाल हो गया, गांड़ के लंड पर धक्के पड़ने लगे और साहिल ने भी रूबी की हालत समझते हुए उसकी हाथ को ढील दी तो उंगली भी आगे पीछे होने लगी। रूबी की चूत में सनसनी सी उठ रही थी और साहिल अब पूरी ताकत से रूबी के हाथ को आगे पीछे कर रहा था जिससे रूबी की उंगली उसकी चूत में बहुत भयंकर रफ्तार से घुस रही थी।
रूबी की चूत में हलचल शुरू हो गईं और साथ ही साथ साहिल के लंड के धक्के भी बढ़ते चले गए। तभी साहिल ने अपनी जीभ को अपनी मा की गर्दन पर फेर दिया और रूबी ने जोर से सिसकते हुए अपनी उंगली को जड़ तक घुसा लिया और मस्ती से सिसक उठी
" आह गई मेरी चूत, उफ्फ आह मा,
जैसे ही उंगली अंदर घुसी तो गांड़ अपने आप पीछे हो गई और साहिल ने भी एक आखिरी तेज धक्का लगाया और रूबी को उसकी गांड़ का छेद खुलता हुआ महसूस हुआ और साहिल के लंड ने वीर्य की पहली बारिश अपनी मा के गांड़ के छेद पर दी और उससे कसकर लिपट गया।
दोनो मा बेटे ऐसे ही एक दूसरे से लिपटे हुए खड़े रहे और साहिल ने होश में आते हुए धीरे से अपनी की चादर को ठीक किया और अपने अंडर वियर को उपर करते हुए बोला:"
" ओह मम्मी, बहुत मजा आया नहाने में आपके साथ, अब तो मै रोज ही आपके साथ नहाया करूंगा।
रूबी ने भी चादर के ठीक होते ही अपनी आंखे खोल दी और पलट कर बोली:
" अच्छा जी, मुझे भी बहुत अच्छा लगा बेटा, तूने मुझे कितनी बार गिरने से बचाया। आज तो अनूप नहीं था लेकिन कल से वो होगा फिर कैसे नहाएगा मेरे साथ ?
साहिल ने अपनी मा का हाथ पकड़ लिया और बोला:_
" मा अनूप का तो मैं खुद सोच लूंगा उसका क्या करना हैं, अब आपको अनूप की नहीं बल्कि अपने बेटे की जरुरत हैं। उससे अब कुछ नहीं हो पाएगा।
रूबी:" अच्छा क्या कुछ नहीं हो पाएगा उससे ? बताओ तो मुझे जरा तुम ?
साहिल बोलना तो चाहता था कि वो तुम्हारी गर्मी दूर नहीं कर पाएगा लेकिन शर्म के मारे बोल नहीं पाया और बोला:"
" आपकी सारी मुश्किलें दूर नहीं कर पाएगा अब वो।
रूबी के होंठो पर स्माइल अा गई और बोली:"
" अच्छा और तुम्हे लगता हैं कि तुम मेरी सारी मुश्किल दूर कर दोगे ?
साहिल:' एक बार कहकर तो देखो, जान भी दे दूंगा तुम्हारे लिए मम्मी।
रूबी:" लगता हैं तुम भी और लडको की तरह अपनी मा के दीवाने हो गए हो।
साहिल रूबी की आंखो में देखते हुए बोला:" दीवाना, आशिक जो मर्जी कहो, अब तो सिर्फ तुम्हारा हूं मेरी मम्मी।
" आशिक हैं तेरे हम इस बात से इंकार नहीं,
झूठ कैसे कहूं कि तुमसे प्यार नहीं ,
कुछ कुसूर तो आपकी अदाओं का भी हैं जहांपनाह
हम अकेले ही तो गुनहगार नहीं।
रूबी साहिल की शायरी सुनकर मन ही मन बहुत खुश हुई लेकिन हल्का गुस्सा करते हुए बोली:"
" मारूंगी बहुत तुझे आशिक के बच्चे, रात बहुत हो गई है आओ अंदर चलते हैं।
साहिल:" आप क्या मारेगी मम्मी, मारूंगा तो मैं वो भी उठा उठा कर।
रूबी के होठों पर एक बार फिर से स्माइल अा गई और चलते हुए बोली:"
" तू क्या मारने की बात कर रहा है बेटा साहिल ?
इतना कहते ही रूबी ने एक हाथ से अपनी चूत के पास जांघ को सहला दिया तो साहिल ये देखकर मस्त हो गया और बोला:"
" ओह मम्मी मैं हर उस चीज को मार दूंगा जो आपको परेशान करती है और सोने नहीं देती।
रूबी सोचने लगी ये भगवान ये तो मेरी चूत मारने की बात रहा हैं इसलिए मस्त होते हुए बोली
" अच्छा कैसे मारेगा तू ? बंदूक हैं क्या तेरे पास ?
साहिल ने अपने लंड पर नजर डाली और बोला:"
" ओह मा बंदूक में तो बार बार गोली भरनी पड़ती है, मैं तो मोटे डंडे से मार दूंगा। तगड़ा करके मारूंगा जोर जोर से।
रूबी:" अच्छा जी इतना भी मत मार देना की वो मर ही जाए,
साहिल:" ओह मा, उसको तो जितना मारो उतना ही सुकून मिलता हैं, मारने वाले को भी और मरवाने वाले को।
रूबी:" धत तेरे की, तू क्या मारने कि बात कर रहा है साहिल ?
साहिल:" हर उस चीज को मेरी मा को परेशान करती हैं। मम्मी बताओ ना क्या आप मारने दोगी ?
रूबी हल्की सी मुस्कान देते हुए बोली:" क्या मारने कि बात कर रहे हैं तुम ?
साहिल:" आपकी मुश्किलें और क्या मम्मी। आप भी ना पता नहीं क्या क्या सोचती हो।
रूबी ने साहिल को एक थप्पड़ दिखाया और साहिल ने अपने दोनो कान पकड़ लिए। चलते चलते दोनो घर के अंदर घुस गए और दोनो थके हुए थे और बिस्तर पर पड़ते ही आंख लग गई।
अगले दिन सुबह दोनो लेट तक सोते रहे और करीब आठ बजे रूबी की आंख खुली तो देखा कि आठ बज गए हैं तो वो तेजी से बाथरूम कि तरफ भागी और देखा कि शांता सफाई कर रही है। रूबी ने शांता के पैर छुए और बाथरूम में घुस गई। थोड़ी देर बाद ही वो नहाकर वापिस अा गई। शांता अब नाश्ता तैयार कर रही थी। रूबी अपने कमरे में कपडे बदल रही थी और साहिल की आंख खुली तो वो अपनी मा को देखने के लिए उसके कमरे में गया तो देखा कि रूबी नहा चुकी हैं और अपने ब्लाउस को पहन रही थी लेकिन मुश्किल हो रही थी तो साहिल को देखते ही पहले तो डर गई लेकिन फिर रात वाली घटना याद करके स्माइल कर दी और बोली:
" इधर आओ तो बेटा, इसे पहनने में मेरी मदद करो,
साहिल आगे आया और रूबी के दोनो कंधे थाम लिए और उसे ब्लाउस पहना दिया और बोला:"
" क्या मम्मी आप सुबह सुबह अकेली ही नहा ली, अब मैं अकेला कैसे नहाऊंगा,
रूबी:" ज्यादा सपने मत देखो तुम, जाओ और जल्दी से नहा कर आओ मुझे भूख लगी हैं बहुत तेज बेटा।
साहिल:" अच्छा ठीक हैं, लेकिन मम्मी ध्यान रखना मैं सिर्फ सपने देखता ही नहीं हूं बल्कि उन्हें पूरा भी करता हूं।
इतना कहकर साहिल ने रूबी की तरफ देखा तो रूबी ने उसे जीभ निकाल कर दिखा दी मानो कह रही हो कि तुम सिर्फ सपने देखते रहो। साहिल ने भी स्माइल दी और बोला:"
" आप एक बार शाम को घर आओ तो सही, तब देखता हूं।
साहिल बाथरूम में घुस गया और नहाकर अा गया। नाश्ता करने के बाद रूबी योगा सेंटर चली गई जबकि साहिल ने एक बार आज अपने बाप के ऑफिस जाने के बारे में सोचा ताकि उसे वहां से कुछ और जानकारी मिल सके। वो जानता था कि अभी आज अनूप ऑफिस में नहीं होगा इसलिए आराम से मैं अपना काम कर सकता हूं।
साहिल ने गाड़ी निकाली और ऑफिस की तरफ चल दिया।
chudayi log main do baar naha chuke hai usi update ko copy paste kyu kar rahe ho bhaii ya baap beti ki kahani likhne mai viyast ho, yaha sab ko maloom hai hai sahil Or rubi maa bete hai or sage bhi hai yeh bhi maloom hai toh dusri story ki tarah Saga shabd kyu likh rahe ho tumhari story vese bhi Mast hai toh kisi ki nakal mat karo apna likho bhaii
maaf karna bade bhaiiदोस्त मैं सिर्फ ये ही कहानी लिख रहा हूं। मैं कोई बाप बेटी की कहानी नहीं लिख रहा। रही बात सगे शब्द की तो आप मेरी पहली कहानी "परिवार बिना कुछ नहीं " पढ़ लीजिए जिसमे मैंने पहले ही काफी बार ye शब्द का प्रयोग किया हैं। अब खूनी रिश्तों में सगा शब्द तो आएगा ही। मुझे किसी को कॉपी करने की जरूरत नहीं है भाई।