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Incest अनोखा करवाचौथ

Sarth

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साहिल और रूबी दोनो घर पहुंच गए और अनूप जब तक अपने पैग पीकर मस्त हो गया था।

साहिल को देखते ही उसने स्माइल और बोला:".

" अा गए तुम , मैं कब से इंतजार कर रहा था ?

साहिल ने रूबी को इशारा किया और ठीक अनूप के सामने बैठ गया। साहिल बोला:".

" पापा आज मैं ऑफिस गया था और ऑफिस की सारी कहानी मैं समझ चुका हैं। आपने अपनी अय्याशियों में चलते सब कुछ डूबा दिया है।

अनूप को साहिल की बात खत्म होते ही अपना सारा नशा उतरता हुआ महसूस हुआ और उसके माथे पर परेशानी के भाव साफ छलक पड़े लेकिन खुद को संयत करते हुए बोला:"

" ये क्या तुम उल्टी सीधी बाते कर रहे हो ?

साहिल:' अनूप बनने की कोशिश मत करो तुम, मैं सब कुछ जान गया हूं।

इतना कहकर साहिल ने उसे एक एक रिपोर्ट, सभी कागज और बंद पड़ी हुई मशीनों के बारे में बताया तो अनूप अपना सिर पकड़ कर बैठ गया और उदास सा होते हुए बोला:' ।

" बेटा मैंने बहुत कोशिश करी लेकिन मैं अपने डूबते हुए बिजनेस को नहीं बचा पाया।

साहिल ने एक जोरदार थप्पड़ अपने बाप को मारा और बोला:"..

" हरामजादे मुझे पता हैं तूने क्या कोशिश करी हैं ऑफिस में , सिर्फ और सिर्फ रंडीबाजी और दारूबाजी। साले जब अपने दम पर बिजनेस नहीं संभाल पाया ती उस कुत्ते नीरज के कहने पर मेरी मा को उसके नीचे लिटाना चाहता था तू जो हमारी बर्बादी का जिम्मेदार हैं।

अनूप थप्पड़ लगने से बौखला उठा लेकिन दारू के नशे के चलते चाह कर कुछ नहीं को कर पाया और चौंकते हुए बोला:"

" क्या नीरज, ये नहीं हो सकता, वो तो मेरा सबसे अच्छा मित्र हैं और उसकी वजह से ही मुझे टेंडर मिला हैं।

साहिल:" चुप कर कमीने, टेंडर मिला दिया नहीं तुम्हे दिलवाया गया हैं। पैसे है क्या तुम्हारे पास टेंडर पूरा करने के लिए ?

अनूप:" नहीं है लेकिन वो पैसे भी दे रहा हैं और मुझे दे भी दिए हैं।

साहिल:" जरूर ये उसकी कोई चाल हैं, तुम चाहकर भी ये टेंडर पूरा नहीं कर सकते क्योंकि नीरज नहीं होने देगा। अच्छा ये बताओ क्या तुम लीमा को जानते हो ?

अनूप:" मेरे ऑफिस में काम करती थी। अभी छुट्टी पर हैं।

साहिल": वो छुट्टी पर नहीं है बल्कि भाग गई है। तुम उसके साथ अपने ऑफिस से जुड़े रूम में रंगरेलियां मनाते थे। और जानते हो उसने तुम्हारे साथ क्या किया हैं ?

अनूप ने हैरानी से साहिल की तरफ देखा कि उसे ये कैसे पता चला। साहिल :"

" वो तुम्हे दारू में दावा मिलाकर नामर्द बना गई है।

अनूप के दिमाग में एक जोरदार धमाका हुआ और उसे अब जाके पता चला कि वो पिछले कुछ महीने से उसके लंड में तनाव क्यों नहीं आ रहा हैं।


अनूप बुरी तरह से डर गया और बोला:" नहीं ये नहीं हो सकता, कह दो साहिल ये सब झूठ हैं।

साहिल:" यहीं सच है अनूप, और इसका मुझसे ज्यादा तुम्हे पता होगा।

इतना कहकर साहिल ने अपने बाप के लंड पर एक नजर डाली तो अनूप की नज़रे शर्म के मारे खुद ही झुक गई जो इस बात का सबूत थी कि अनूप का लंड खराब हो गया था।

रूबी:" कमीने मैंने ज़िन्दगी में बहुत नीच इंसान देखे मगर तेरे जैसा कमीना नहीं देखा। तुमने मेरी ज़िन्दगी बर्बाद कर दी हैं।

अनूप की नज़रे शर्म से नीचे ही गड़ी रही और रूबी अपने मन की भड़ास निकाल रही थी। अनूप के अंदर इतनी हिम्मत नहीं थी वो सिर उठा सके।

अनूप:" बस रूबी मुझे तुम एक आखरी मौका दो, मैं सब कुछ ठीक कर दूंगा, इस नीरज के बच्चे को ज़िंदा जमीन में गाड़ दूंगा

साहिल: बस कर अनूप, तुमने जो करना था कर चुके, अब मैं नीरज के साथ लीमा और पायल सब की ठीक कर दूंगा और अपनी मा की ज़िन्दगी फिर से खुशियों से भर दूंगा। आज के बाद तुम इसी घर में कैद रहोगे। तुझे अपनी बाकी बची हुई ज़िन्दगी अब घर के तहखाने में बितानी होगी।


अनूप साहिल की बाते सुनकर लगभग रों पड़ा और बोला:".

"नहीं साहिल बेटा, मेरे साथ ऐसा ज़ुल्म मत कर, देख मैं तेरा सगा बाप हूं बेटे।

रूबी:" अनूप तुम अब वो हक खो चुके हो और आज के बाद मैं तुम्हारी शक्ल नही देखना चाहती। आज से ना तुम साहिल के बाप हो और ना ही मेरे पति।

साहिल ने अनूप की टांग पकड़ी और घसीटते हुए तहखाने की तरफ ले गया और उसे अंदर डालते हुए तहखाने को बाहर से बंद कर दिया। अनूप अंदर चिल्लाता रहा और उस पर दया करने की भीख मांगता रहा लेकिन उसकी आवाज तहखाने की दीवारों को पार नहीं कर पाई।
साहिल और रूबी दोनो बाहर अा गए और साहिल के चेहरे पर जहां एक ओर अपने बाप के लिए गुस्सा और नफरत थी तो वहीं रूबी के दिल में आज साहिल के लिए बेपनाह इज्जत और प्यार था। सच कहूं तो एक समर्पण जहां औरत को सिर्फ और सिर्फ अपने साथी की खुशी दिखती हैं।

रूबी आगे बढ़ी और साहिल से लिपट गई और बोली:"

" साहिल बेटा अनूप को कैद करने तक तो ठीक हैं लेकिन आगे का जो तुम्हारा प्लान हैं उससे मुझसे डर लग रहा हैं। नीरज बहुत ही खतरनाक आदमी हैं, शहर के बड़े से बड़े गुंडे उसके लिए काम करते हैं।

साहिल ने एक बार रूबी की आंखो में देखा और बोला:"

" मम्मी आपको इस मुसीबत से बचाने के लिए भले ही मेरी जान क्यों ना चली जाए, मैं पीछे नहीं हट सकता।

रूबी ने अपने हाथ की उंगली साहिल के होंठो पर रख दी और बोली:"

" ना बेटे, ऐसी अशुभ बाते नहीं करते, भगवान करे तुझे मेरी उमर लग जाए। बेटा क्यों ना हम सब कुछ छोड़कर दिल्ली चले ?

साहिल के चेहरे पर कठोर भाव उभर आए और बोला:"

" मम्मी जरूर चलेंगे लेकिन जिस नीरज ने आप पर गलत नजरे डाली हैं उसकी आंखे फोड़ने के बाद। आपके हर एक गुनाहगार को सजा देने के बाद।

रूबी साहिल के दिल में अपने लिए इतना प्यार और इज्जत देकर पूरी तरह से भाव विहल होकर उससे कसकर लिपट गई और साहिल ने भी अपनी मम्मी को अपनी बांहों में समेट लिया।
दोनो ऐसी ही खड़े रहे। रूबी जिस सम्मान और प्यार के लिए तरस रही थी वो आज मिला भी तो उसे अपने बेटे से, आज रूबी के जिस्म का रोम रोम अपने बेटे का कर्जदार होता चला गया और उसकी आंखो से आंसू टपक पड़े। जैसे ही साहिल को रूबी के सिसकने की आवाज महसूस हुई तो साहिल ने अपनी मम्मी का चेहरा उपर उठाया और बोला:"

" मम्मी आपकी प्यारी सी आंखो में आंसू किसलिए ? क्या मैंने अनूप के साथ कुछ ग़लत किया ?

रूबी ने बार फिर से अपने बेटे की आंखो में देखा और बोली:"

" नहीं बेटा कुछ गलत नहीं किया, लेकिन इतने साल अनूप के साथ गुजारने क्रे बाद कहीं ना कहीं मेरे दिल में उसके लिए थोड़ी हमदर्दी तो हैं बेटा, लेकिन तेरी कसम ये आंसू उसके लिए नहीं हैं साहिल।

साहिल ने हाथ आगे बढाया और अपनी मा के चेहरे को साफ किया और बोला:'

' मम्मी मैं समझ सकता हूं, फिर ये बताओ आपके आंसू क्यों निकल पड़े ?

रूबी:" बेटा ये तो तेरे लिए प्यार और इज्जत हैं, एक मर्द की जिम्मेदारी होती हैं कि वो अपनी पत्नी को प्यार दे और उसकी रक्षा करे लेकिन तो सारे फ़र्ज़ तो अनूप की जगह तू ही निभा रहा है।

साहिल को अपनी मम्मी की बात सुनकर अच्छा लगा और माहौल को थोड़ा हल्का करने के लिए बोला:"

" इसका मतलब आपका आधा पति तो मैं भी बन चुका हूं।

इतना कहकर साहिल जोर से हंस पड़ा और रूबी के होंठो पर स्माइल अा गई और बोली:"

" आधे पति, तुम भी ना साहिल के बच्चे, चुप कर बेशर्म अपनी ही मा पति बनेगा तू क्या ?

साहिल ने रूबी का हाथ पकड़ लिया और बोला:"

" ओह मम्मी उस दिन तो आप खुद ही मुझे अपना पति बनाकर ले गई थी और आप जानती हैं कि आज से अनूप के बाद बंद हो जाने के बाद कल से मैं ही अनूप बनकर रहूंगा। तो ऐसे में तो मैं आपका आधा क्या पूरा पति हुआ ना मेरी मम्मी।

रूबी जोर से खिल खिला कर हंस पड़ी और बोली:"

" अच्छा ठीक हैं जब तू इतना कह रहा है तो ठीक हैं आज से तू आधा पति हुआ। बस अब खुश।

अपनी मा के मुंह से ये सब सुनते ही साहिल ने फिर से एक बार अपनी मम्मी को गले लगा लिया और और बोला:"

" मम्मी देखना आप, आपका ये आधा पति आपके उस पूरे पति अनूप से ज्यादा आपको खुशी देगा।

रूबी अंदर ही अंदर मुस्कराए जा रही थी और बोली:'

" अच्छा ज्यादा सपने मत देख, रात बहुत हो गई हैं, मुझे सोना है अब। जाओ कपडे बदल कर अा जाओ तुम।

साहिल:" ठीक हैं मम्मी, आज साथ में नहाना नहीं है क्या ?

रूबी:" चल भाग जा, आया कहीं से साथ में नहाने वाला।

साहिल:" अच्छा मम्मी गुस्सा मत करो, मैं आता हूं कपडे बदलकर।

इतना कहकर साहिल अपने कमरे में चला गया और कपडे बदल कर आगे के प्लान करने लगा।

रूबी अपने कमरे में अा गई और आधे पति वाली बात को सोचकर स्माइल कर रही थी। उसने अपनी सारी बदलने की सोची और शीशे के सामने खड़े होकर अपने कपड़े उतारने लगी।

उसने अपनी साड़ी को खोलकर अलग कर दिया और एक बार उसने शीशे में खुद को देखा तो अपने आप से नजर मिलते ही वो शरमा गई और गाल अपने आप गुलाबी हो उठे।

उसकी नजर अपने आप अपने लाल सुर्ख होंठो पर टिक गई और धीरे धीरे नीचे फिसलती हुई अपने पेटीकोट में कैद चूचियों पर अा गई तो उसकी सांसे अपने आप तेज हो गई। रूबी ने अपने पूरे जिस्म पर एक भरपूर नजर डाली और अपने आप पर ही मोहित होती चली गई। सच में इस उम्रमें भी उसका जिस्म और उसके कटाव बड़े ही आकर्षक और जानलेना थे।

रूबी ने अपना हाथ अपने पेटीकोट को तरफ बढाया ही था कि साहिल अंदर आया जिसके जिस्म पर नीचे सिर्फ एक लोअर और उपर एक आधी सफेद रंग की बनियान थी।

रूबी उसे देखते ही शर्मा गई मानो कोई बहू को उसके ससुर ने देख लिया हो। रूबी का इतना सेक्सी अवतार देखकर साहिल अपने होश खो बैठा और आगे की तरफ बढ़ा। साहिल के चेहरे के भाव देखकर रूबी पलटी और जाने लगी तभी साहिल ने उसका हाथ पकड़ कर अपनी तरफ खींच लिया तो एक झटके के साथ साहिल की बांहों में थी।

आज रूबी ने विटामिन सिरप नहीं पिया था और पूरी तरह से अपने होशो हवास में थी। उसने साहिल से छूटने की कोशिश करी लेकिन साहिल के हाथ जैसे ही उसके नंगे मखमल से मुलायम पेट पर पड़े तो उसके जिस्म में हलचल सी मच गई और बोली:"

" आह साहिल छोड़ दो बेटा, मुझे कपडे बदलने दो ना, क्या कर रहे हो तुम ?


साहिल ने रूबी के पेट को अपने हाथो में भर लिया और अपनी गर्म गर्म सांसे उसकी गर्दन पर छोड़ता हुआ उसके कान में बहुत ही प्यार से बोला"

" ओह मम्मी अभी तो सारी रात पड़ी है, रुको ना अपने बेटे को थोड़ा सा प्यार तो करने दो।

इतना कहकर साहिल ने रूबी के पेट को बहुत ही प्यार और मस्ती से सहला दिया तो रूबी की आंखे मस्ती से बंद हो गई और उसने अपने जिस्म को हल्का सा ढीला छोड़ दिया और साहिल ने अच्छे से अब अपनी मा के जिस्म को सहलाना शुरू कर दिया।

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रूबी की सांसे उखड़ने लगी और उसकी बड़ी बड़ी चूचियां उपर नीचे होने से उसके ब्लाउज से बाहर आने को बेताब हो गई। साहिल ने धीरे धीरे पेट को सहलाते हुए हल्का सा हाथ को चुचियों की तरफ ले जाना शुरू किया और उसका लंड देखते ही देखते पूरी तरह से खड़ा हो गया और रूबी की गांड़ में घुसने लगा। लंड के गांड़ पर पड़ते ही रूबी के मुंह से एक मस्ती भरी आह निकल पड़ी। रूबी की आग आज एक बार फिर से भड़क उठी और उसने साहिल के एक हाथ पर अपना हाथ टिका दिया और साहिल के हाथ को अपने पेट पर घुमाने लगी।

साहिल ने नीचे अंडर वियर नहीं पहना था और उसने धीरे से अपने लोअर को नीचे सरका दिया और जैसे ही रूबी को नंगे लंड का सुपाड़ा अपनी गांड़ पर महसूस हुआ तो उसके मुंह से अपने आप एक मस्ती भरी सिसकारियां निकलने लगी और एक झटके के साथ वो साहिल की पकड़ से छूट गई। ये सब अनजाने में हुआ और रूबी साहिल की बांहों से निकल कर थोड़ा मायूस हुई क्योंकि कहीं ना कहीं उसे ये सब बहुत अच्छा लग रहा था।

वहीं साहिल डर गया कि कहीं उसकी मम्मी नाराज ना हो जाए और उसने एक झटके के साथ लंड को अंदर छुपा लिया और अपने मम्मी की तरफ देखने लगा। रूबी अब कमरे के दरवाजे के पास खड़ी हुई थी और उसकी पीठ साहिल की तरफ थी। रूबी के पैर मानो किसी जंजीर से बांध दिए गए हो। कम से कम एक बार और लंड को अपनी गांड़ पर महसूस करना चाहती थी लेकिन एक तो नारी सुलभ लज्जा और दूसरा उसका अपना सगा बेटा। इसलिए चाहकर भी अपनी तरफ से पहल कर पाने की स्थिति में नहीं थी। रूबी के जिस्म में अभी भी उत्तेजना के मारे हल्का हल्का कम्पन हो रहा था और उसकी उपर नीचे गिरती हुई चूचियों के साथ उसकी कमर हल्की सी हिल रही थी। रूबी का मन कर रहा था साहिल एक बार उसे पीछे से आकर कसकर दबोच ले।

साहिल को अपनी मा की हिलती हुई कमर देख जोश अा गया और वो धीरे से हिम्मत करते हुए आगे बढ़ा और रूबी के बिल्कुल पास जाने लगा। साहिल के अपनी और बढ़ते हुए कदमों की आहट सुनकर रूबी की आंखे फिर से लाल होने लगी और उसकी सांसे एक बार फिर से तेज हो गई। जैसे जैसे साहिल पास आता जा रहा था वैसे वैसे रूबी की सांसे तेज होती जा रही थी और उसके जिस्म में कम्पन बढ़ रहा था। रूबी आगे बढ़ते हुए बिल्कुल रूबी के करीब पहुंच गया और रूबी की सांसे उसे अपने बिल्कुल करीब महसूस करके धोकनी की तरफ चल पड़ी और उसकी चूचियां अब रबर गेंद की तरह उछल रही थी।

साहिल उसके थोड़ा और करीब हुआ और साहिल की गर्म गर्म सांसे अब अपनी मा की गर्दन पर पड़ रही थी। रूबी के लिए तो ये मानो आग में घी पड़ गया और उसकी चूत गीली हो गई, साहिल ने उसके पीछे खड़े होकर आगे की तरफ देखा और उसे अपनी मा की चूचियां उछलती हुई नजर आईं और उनकी तेज गति से चलती हुई सांसे साहिल को सब समझा गई कि उसकी मां की क्या हालात हैं।

साहिल अपनी मा के काले लहरा रहे बालो की खुशबू सूंघने लगा और रूबी ये सब महसूस करते ही बुरी नजर से कांप उठी और अपना एक पैर दूसरे पैर पर चढ़ा कर रगड़ने लगी।

साहिल ने अपना एक हाथ आगे लाते हुए अपनी मा रूबी के पेट पर टिका कर उसे अपनी तरफ खींचा और रूबी किसी कटी पतंग की तरह उसकी तरफ खींचती चली गई और उसके मुंह से एक मस्ती भरी आह निकल पड़ी

" आह साहिल मेरे बेटे !!!

रूबी की आंखे मस्ती से बंद हो गई। साहिल ने अपनी मा के मस्ती में डूबे हुए चेहरे को देखा और एक हाथ से फिर से अपना लोअर नीचे सरका कर खड़े हुए मोटे लंड को बाहर निकाल लिया और रूबी के कंधे पर फैले हुए बालो को एकतरफ करते हुए उसकी गर्दन पर अपने होंठ टिका दिए। रूबी के मुंह से एक और मस्ती भरी आह निकल पड़ी और साहिल ने उसे जोर से अपनी तरफ खींचा और लंड फिर से उसकी गांड़ की दरारो
में घुस गया।


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रूबी लंड का गांड़ पर एहसास होते ही पूरी तरह से मदहोश हो गई और उसके चुचियों में तनाव पूरी तरह से अा गया और साहिल ने हल्का सा पीछे होते हुए फिर से लंड को गांड़ पर रगड़ा तो रूबी ने अब मस्ती में आकर खुद ही अपनी गांड़ को लंड पर आगे पीछे करना शुरु किया और साहिल ने अब खुलकर अपनी मा के पेट को सहलाना शुरू कर लिया। रूबी की हालात और खराब होती जा रही थी और उसकी चूत से रस टपकना शुरू हो गया। साहिल अब मजे से रूबी की गर्दन को चूम रहा था जिससे रूबी ने अपना एक हाथ अपनी जांघ पर रख दिया और सहलाने लगी।

साहिल ये देखकर पूरी तरह से अपने होश खो बैठा और अपने एक हाथ को रूबी के हाथ पर रखकर उसकी जांघ को सहलाते हुए अपनी जीभ उसकी कान की लौ पर टिका दी और दांतो से हल्का सा काटते हुए चूसने लगा।
रूबी के मुंह से मस्ती भरी सिसकारियां निकल रही थीं और उसने मस्ती से बेहाल होते हुए अपने घुटनों को हल्का सा मोड़ दिया जिससे अब लंड उसकी चूत पर अड गया। साहिल ने अपनी मा की तरफ से इसे खुली सहमति समझकर उनकी चूत पर कपडे के उपर से ही तेज तेज धक्के लगाने शुरू कर दिए।

रूबी की चूत पूरी तरह से भीग गई और रस उसकी जांघो तक अा रहा था। रूबी ने अपने एक हाथ को पेटिकोट के अंदर घुसा दिया और अपनी उंगली को रस से भिगो कर चाटने लगी। साहिल ने सीधे रूबी की चूत को मुट्ठी में दबोच कर पीछे से एक तेज झटका मारा और इसके साथ ही रूबी ने झटका खाते हुए अपनी चूत को पूरी ताकत से लंड पर धकेल दिया और उसके साथ ही उसकी चूत ने अपना रस छोड़ दिया और वो मस्ती से सिसकते हुए पलटी और साहिल के होंठो पर अपने होंठ टिका कर चूसने लगी। साहिल ने भी रूबी की गांड़ को दोनो हाथो में भर कर मसलते हुए एक तेज धक्का मारा और उसके लंड ने भी अपना रस छोड़ दिया और अपनी मा के होंठो पर टूट पड़ा ।


एक लंबे किस के बाद दोनो के होंठ अलग हुए और रूबी ने एक बार साहिल की तरफ देखा और उससे पूरी ताकत से कस गई।साहिल ने भी अपनी मा को अपने सीने से लगा लिया और धीरे से उसके कान में बोला:"

" मम्मी आई लव यू।

साहिल की बात सुनते ही रूबी के दबे हुए जज़्बात उफन पड़े और उसने भी प्यार से अपने बेटे के कान में कहा

" लव यू टू मेरे बेटे।

साहिल उसके बालो में उंगली घुमाते हुए:"

" बेटा या आधा पति ?

रूबी ने अपना मुंह उसके सीने में छुपा लिया और उसकी कमर में हल्के हल्के मुक्के मारते हुए बोली:"

" चुप कर बेशर्म, मार दूंगी अगर ज्यादा परेशान करेगा तो। अच्छा रात बहुत हो गई है। चल सोते है।

इतना कहकर रूबी बेड की तरफ चल पड़ी तो साहिल ने उसे किसी खिलौने की मानिंद अपनी बांहों में उठा लिया और उसकी आंखो में देखते हुए बोला:"

" मम्मी अब आपको अपने पैरो को कष्ट देने की कोई जरूरत नहीं,आपका बेटा हैं ना।

रूबी ने शरमाते हुए अपनी हथेली से अपना चेहरा छुपा लिया और देखते ही देखते साहिल ने अपनी मा को बेड पर लिटा दिया और खुद उसके साथ ही बेड पर लेट गया और रूबी बोली:"

" साहिल बेटा रात बहुत हो गई है और हमें सुबह जल्दी उठना होगा ताकि लीमा से पूछताछ हो सके।

साहिल ने गर्दन झुका कर अपनी मा की बात को मान लिया और उनका गाल चूमकर बोला

" गुड मॉर्निंग मम्मी मेरी प्यारी मम्मी रूबी।

रूबी ने भी अपने बेटे का गाल चूम कर उसे गुड नाईट कहा और दोनो मा बेटे एक दूसरे की आगोश में लिपट कर सो गए।
साहिल को जन्मस्थान के. दर्शन कराओ और चुतरस चखाओ
 

jonny khan

Nawab hai hum .... Mumbaikar
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very nyc updates dear ..!!!!
update bahut late aate hai nahi toh maa bete ke beech ab tak sex ho jana chahiye tha, main phir kahta hu es forum par apki jo pehli story thi voh kamaal ki thi usme 40% thrill aur 60% incest tha par iis story main thrill zyada hai incest kam hai bas thoda sa story main balance bana ke chalo taki story ke title " Anokha karwachoth " se bhi insaaf ho paye .....
 

Vigkad

Active Member
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bhai update kab doge ab us pal ka intezar hi ki kab sahil ruby ka pura pati ban jayega or phir ruby uske liye karwachouth kla vrat rakhe
Kya pata kitne dino se mein bhi wohi raah dekh raha hoon lagta hai is saal.to.milan mushkil hai dono ka
 

Incestlala

Well-Known Member
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साहिल और रूबी दोनो घर पहुंच गए और अनूप जब तक अपने पैग पीकर मस्त हो गया था।

साहिल को देखते ही उसने स्माइल और बोला:".

" अा गए तुम , मैं कब से इंतजार कर रहा था ?

साहिल ने रूबी को इशारा किया और ठीक अनूप के सामने बैठ गया। साहिल बोला:".

" पापा आज मैं ऑफिस गया था और ऑफिस की सारी कहानी मैं समझ चुका हैं। आपने अपनी अय्याशियों में चलते सब कुछ डूबा दिया है।

अनूप को साहिल की बात खत्म होते ही अपना सारा नशा उतरता हुआ महसूस हुआ और उसके माथे पर परेशानी के भाव साफ छलक पड़े लेकिन खुद को संयत करते हुए बोला:"

" ये क्या तुम उल्टी सीधी बाते कर रहे हो ?

साहिल:' अनूप बनने की कोशिश मत करो तुम, मैं सब कुछ जान गया हूं।

इतना कहकर साहिल ने उसे एक एक रिपोर्ट, सभी कागज और बंद पड़ी हुई मशीनों के बारे में बताया तो अनूप अपना सिर पकड़ कर बैठ गया और उदास सा होते हुए बोला:' ।

" बेटा मैंने बहुत कोशिश करी लेकिन मैं अपने डूबते हुए बिजनेस को नहीं बचा पाया।

साहिल ने एक जोरदार थप्पड़ अपने बाप को मारा और बोला:"..

" हरामजादे मुझे पता हैं तूने क्या कोशिश करी हैं ऑफिस में , सिर्फ और सिर्फ रंडीबाजी और दारूबाजी। साले जब अपने दम पर बिजनेस नहीं संभाल पाया ती उस कुत्ते नीरज के कहने पर मेरी मा को उसके नीचे लिटाना चाहता था तू जो हमारी बर्बादी का जिम्मेदार हैं।

अनूप थप्पड़ लगने से बौखला उठा लेकिन दारू के नशे के चलते चाह कर कुछ नहीं को कर पाया और चौंकते हुए बोला:"

" क्या नीरज, ये नहीं हो सकता, वो तो मेरा सबसे अच्छा मित्र हैं और उसकी वजह से ही मुझे टेंडर मिला हैं।

साहिल:" चुप कर कमीने, टेंडर मिला दिया नहीं तुम्हे दिलवाया गया हैं। पैसे है क्या तुम्हारे पास टेंडर पूरा करने के लिए ?

अनूप:" नहीं है लेकिन वो पैसे भी दे रहा हैं और मुझे दे भी दिए हैं।

साहिल:" जरूर ये उसकी कोई चाल हैं, तुम चाहकर भी ये टेंडर पूरा नहीं कर सकते क्योंकि नीरज नहीं होने देगा। अच्छा ये बताओ क्या तुम लीमा को जानते हो ?

अनूप:" मेरे ऑफिस में काम करती थी। अभी छुट्टी पर हैं।

साहिल": वो छुट्टी पर नहीं है बल्कि भाग गई है। तुम उसके साथ अपने ऑफिस से जुड़े रूम में रंगरेलियां मनाते थे। और जानते हो उसने तुम्हारे साथ क्या किया हैं ?

अनूप ने हैरानी से साहिल की तरफ देखा कि उसे ये कैसे पता चला। साहिल :"

" वो तुम्हे दारू में दावा मिलाकर नामर्द बना गई है।

अनूप के दिमाग में एक जोरदार धमाका हुआ और उसे अब जाके पता चला कि वो पिछले कुछ महीने से उसके लंड में तनाव क्यों नहीं आ रहा हैं।


अनूप बुरी तरह से डर गया और बोला:" नहीं ये नहीं हो सकता, कह दो साहिल ये सब झूठ हैं।

साहिल:" यहीं सच है अनूप, और इसका मुझसे ज्यादा तुम्हे पता होगा।

इतना कहकर साहिल ने अपने बाप के लंड पर एक नजर डाली तो अनूप की नज़रे शर्म के मारे खुद ही झुक गई जो इस बात का सबूत थी कि अनूप का लंड खराब हो गया था।

रूबी:" कमीने मैंने ज़िन्दगी में बहुत नीच इंसान देखे मगर तेरे जैसा कमीना नहीं देखा। तुमने मेरी ज़िन्दगी बर्बाद कर दी हैं।

अनूप की नज़रे शर्म से नीचे ही गड़ी रही और रूबी अपने मन की भड़ास निकाल रही थी। अनूप के अंदर इतनी हिम्मत नहीं थी वो सिर उठा सके।

अनूप:" बस रूबी मुझे तुम एक आखरी मौका दो, मैं सब कुछ ठीक कर दूंगा, इस नीरज के बच्चे को ज़िंदा जमीन में गाड़ दूंगा

साहिल: बस कर अनूप, तुमने जो करना था कर चुके, अब मैं नीरज के साथ लीमा और पायल सब की ठीक कर दूंगा और अपनी मा की ज़िन्दगी फिर से खुशियों से भर दूंगा। आज के बाद तुम इसी घर में कैद रहोगे। तुझे अपनी बाकी बची हुई ज़िन्दगी अब घर के तहखाने में बितानी होगी।


अनूप साहिल की बाते सुनकर लगभग रों पड़ा और बोला:".

"नहीं साहिल बेटा, मेरे साथ ऐसा ज़ुल्म मत कर, देख मैं तेरा सगा बाप हूं बेटे।

रूबी:" अनूप तुम अब वो हक खो चुके हो और आज के बाद मैं तुम्हारी शक्ल नही देखना चाहती। आज से ना तुम साहिल के बाप हो और ना ही मेरे पति।

साहिल ने अनूप की टांग पकड़ी और घसीटते हुए तहखाने की तरफ ले गया और उसे अंदर डालते हुए तहखाने को बाहर से बंद कर दिया। अनूप अंदर चिल्लाता रहा और उस पर दया करने की भीख मांगता रहा लेकिन उसकी आवाज तहखाने की दीवारों को पार नहीं कर पाई।
साहिल और रूबी दोनो बाहर अा गए और साहिल के चेहरे पर जहां एक ओर अपने बाप के लिए गुस्सा और नफरत थी तो वहीं रूबी के दिल में आज साहिल के लिए बेपनाह इज्जत और प्यार था। सच कहूं तो एक समर्पण जहां औरत को सिर्फ और सिर्फ अपने साथी की खुशी दिखती हैं।

रूबी आगे बढ़ी और साहिल से लिपट गई और बोली:"

" साहिल बेटा अनूप को कैद करने तक तो ठीक हैं लेकिन आगे का जो तुम्हारा प्लान हैं उससे मुझसे डर लग रहा हैं। नीरज बहुत ही खतरनाक आदमी हैं, शहर के बड़े से बड़े गुंडे उसके लिए काम करते हैं।

साहिल ने एक बार रूबी की आंखो में देखा और बोला:"

" मम्मी आपको इस मुसीबत से बचाने के लिए भले ही मेरी जान क्यों ना चली जाए, मैं पीछे नहीं हट सकता।

रूबी ने अपने हाथ की उंगली साहिल के होंठो पर रख दी और बोली:"

" ना बेटे, ऐसी अशुभ बाते नहीं करते, भगवान करे तुझे मेरी उमर लग जाए। बेटा क्यों ना हम सब कुछ छोड़कर दिल्ली चले ?

साहिल के चेहरे पर कठोर भाव उभर आए और बोला:"

" मम्मी जरूर चलेंगे लेकिन जिस नीरज ने आप पर गलत नजरे डाली हैं उसकी आंखे फोड़ने के बाद। आपके हर एक गुनाहगार को सजा देने के बाद।

रूबी साहिल के दिल में अपने लिए इतना प्यार और इज्जत देकर पूरी तरह से भाव विहल होकर उससे कसकर लिपट गई और साहिल ने भी अपनी मम्मी को अपनी बांहों में समेट लिया।
दोनो ऐसी ही खड़े रहे। रूबी जिस सम्मान और प्यार के लिए तरस रही थी वो आज मिला भी तो उसे अपने बेटे से, आज रूबी के जिस्म का रोम रोम अपने बेटे का कर्जदार होता चला गया और उसकी आंखो से आंसू टपक पड़े। जैसे ही साहिल को रूबी के सिसकने की आवाज महसूस हुई तो साहिल ने अपनी मम्मी का चेहरा उपर उठाया और बोला:"

" मम्मी आपकी प्यारी सी आंखो में आंसू किसलिए ? क्या मैंने अनूप के साथ कुछ ग़लत किया ?

रूबी ने बार फिर से अपने बेटे की आंखो में देखा और बोली:"

" नहीं बेटा कुछ गलत नहीं किया, लेकिन इतने साल अनूप के साथ गुजारने क्रे बाद कहीं ना कहीं मेरे दिल में उसके लिए थोड़ी हमदर्दी तो हैं बेटा, लेकिन तेरी कसम ये आंसू उसके लिए नहीं हैं साहिल।

साहिल ने हाथ आगे बढाया और अपनी मा के चेहरे को साफ किया और बोला:'

' मम्मी मैं समझ सकता हूं, फिर ये बताओ आपके आंसू क्यों निकल पड़े ?

रूबी:" बेटा ये तो तेरे लिए प्यार और इज्जत हैं, एक मर्द की जिम्मेदारी होती हैं कि वो अपनी पत्नी को प्यार दे और उसकी रक्षा करे लेकिन तो सारे फ़र्ज़ तो अनूप की जगह तू ही निभा रहा है।

साहिल को अपनी मम्मी की बात सुनकर अच्छा लगा और माहौल को थोड़ा हल्का करने के लिए बोला:"

" इसका मतलब आपका आधा पति तो मैं भी बन चुका हूं।

इतना कहकर साहिल जोर से हंस पड़ा और रूबी के होंठो पर स्माइल अा गई और बोली:"

" आधे पति, तुम भी ना साहिल के बच्चे, चुप कर बेशर्म अपनी ही मा पति बनेगा तू क्या ?

साहिल ने रूबी का हाथ पकड़ लिया और बोला:"

" ओह मम्मी उस दिन तो आप खुद ही मुझे अपना पति बनाकर ले गई थी और आप जानती हैं कि आज से अनूप के बाद बंद हो जाने के बाद कल से मैं ही अनूप बनकर रहूंगा। तो ऐसे में तो मैं आपका आधा क्या पूरा पति हुआ ना मेरी मम्मी।

रूबी जोर से खिल खिला कर हंस पड़ी और बोली:"

" अच्छा ठीक हैं जब तू इतना कह रहा है तो ठीक हैं आज से तू आधा पति हुआ। बस अब खुश।

अपनी मा के मुंह से ये सब सुनते ही साहिल ने फिर से एक बार अपनी मम्मी को गले लगा लिया और और बोला:"

" मम्मी देखना आप, आपका ये आधा पति आपके उस पूरे पति अनूप से ज्यादा आपको खुशी देगा।

रूबी अंदर ही अंदर मुस्कराए जा रही थी और बोली:'

" अच्छा ज्यादा सपने मत देख, रात बहुत हो गई हैं, मुझे सोना है अब। जाओ कपडे बदल कर अा जाओ तुम।

साहिल:" ठीक हैं मम्मी, आज साथ में नहाना नहीं है क्या ?

रूबी:" चल भाग जा, आया कहीं से साथ में नहाने वाला।

साहिल:" अच्छा मम्मी गुस्सा मत करो, मैं आता हूं कपडे बदलकर।

इतना कहकर साहिल अपने कमरे में चला गया और कपडे बदल कर आगे के प्लान करने लगा।

रूबी अपने कमरे में अा गई और आधे पति वाली बात को सोचकर स्माइल कर रही थी। उसने अपनी सारी बदलने की सोची और शीशे के सामने खड़े होकर अपने कपड़े उतारने लगी।

उसने अपनी साड़ी को खोलकर अलग कर दिया और एक बार उसने शीशे में खुद को देखा तो अपने आप से नजर मिलते ही वो शरमा गई और गाल अपने आप गुलाबी हो उठे।

उसकी नजर अपने आप अपने लाल सुर्ख होंठो पर टिक गई और धीरे धीरे नीचे फिसलती हुई अपने पेटीकोट में कैद चूचियों पर अा गई तो उसकी सांसे अपने आप तेज हो गई। रूबी ने अपने पूरे जिस्म पर एक भरपूर नजर डाली और अपने आप पर ही मोहित होती चली गई। सच में इस उम्रमें भी उसका जिस्म और उसके कटाव बड़े ही आकर्षक और जानलेना थे।

रूबी ने अपना हाथ अपने पेटीकोट को तरफ बढाया ही था कि साहिल अंदर आया जिसके जिस्म पर नीचे सिर्फ एक लोअर और उपर एक आधी सफेद रंग की बनियान थी।

रूबी उसे देखते ही शर्मा गई मानो कोई बहू को उसके ससुर ने देख लिया हो। रूबी का इतना सेक्सी अवतार देखकर साहिल अपने होश खो बैठा और आगे की तरफ बढ़ा। साहिल के चेहरे के भाव देखकर रूबी पलटी और जाने लगी तभी साहिल ने उसका हाथ पकड़ कर अपनी तरफ खींच लिया तो एक झटके के साथ साहिल की बांहों में थी।

आज रूबी ने विटामिन सिरप नहीं पिया था और पूरी तरह से अपने होशो हवास में थी। उसने साहिल से छूटने की कोशिश करी लेकिन साहिल के हाथ जैसे ही उसके नंगे मखमल से मुलायम पेट पर पड़े तो उसके जिस्म में हलचल सी मच गई और बोली:"

" आह साहिल छोड़ दो बेटा, मुझे कपडे बदलने दो ना, क्या कर रहे हो तुम ?


साहिल ने रूबी के पेट को अपने हाथो में भर लिया और अपनी गर्म गर्म सांसे उसकी गर्दन पर छोड़ता हुआ उसके कान में बहुत ही प्यार से बोला"

" ओह मम्मी अभी तो सारी रात पड़ी है, रुको ना अपने बेटे को थोड़ा सा प्यार तो करने दो।

इतना कहकर साहिल ने रूबी के पेट को बहुत ही प्यार और मस्ती से सहला दिया तो रूबी की आंखे मस्ती से बंद हो गई और उसने अपने जिस्म को हल्का सा ढीला छोड़ दिया और साहिल ने अच्छे से अब अपनी मा के जिस्म को सहलाना शुरू कर दिया।

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रूबी की सांसे उखड़ने लगी और उसकी बड़ी बड़ी चूचियां उपर नीचे होने से उसके ब्लाउज से बाहर आने को बेताब हो गई। साहिल ने धीरे धीरे पेट को सहलाते हुए हल्का सा हाथ को चुचियों की तरफ ले जाना शुरू किया और उसका लंड देखते ही देखते पूरी तरह से खड़ा हो गया और रूबी की गांड़ में घुसने लगा। लंड के गांड़ पर पड़ते ही रूबी के मुंह से एक मस्ती भरी आह निकल पड़ी। रूबी की आग आज एक बार फिर से भड़क उठी और उसने साहिल के एक हाथ पर अपना हाथ टिका दिया और साहिल के हाथ को अपने पेट पर घुमाने लगी।

साहिल ने नीचे अंडर वियर नहीं पहना था और उसने धीरे से अपने लोअर को नीचे सरका दिया और जैसे ही रूबी को नंगे लंड का सुपाड़ा अपनी गांड़ पर महसूस हुआ तो उसके मुंह से अपने आप एक मस्ती भरी सिसकारियां निकलने लगी और एक झटके के साथ वो साहिल की पकड़ से छूट गई। ये सब अनजाने में हुआ और रूबी साहिल की बांहों से निकल कर थोड़ा मायूस हुई क्योंकि कहीं ना कहीं उसे ये सब बहुत अच्छा लग रहा था।

वहीं साहिल डर गया कि कहीं उसकी मम्मी नाराज ना हो जाए और उसने एक झटके के साथ लंड को अंदर छुपा लिया और अपने मम्मी की तरफ देखने लगा। रूबी अब कमरे के दरवाजे के पास खड़ी हुई थी और उसकी पीठ साहिल की तरफ थी। रूबी के पैर मानो किसी जंजीर से बांध दिए गए हो। कम से कम एक बार और लंड को अपनी गांड़ पर महसूस करना चाहती थी लेकिन एक तो नारी सुलभ लज्जा और दूसरा उसका अपना सगा बेटा। इसलिए चाहकर भी अपनी तरफ से पहल कर पाने की स्थिति में नहीं थी। रूबी के जिस्म में अभी भी उत्तेजना के मारे हल्का हल्का कम्पन हो रहा था और उसकी उपर नीचे गिरती हुई चूचियों के साथ उसकी कमर हल्की सी हिल रही थी। रूबी का मन कर रहा था साहिल एक बार उसे पीछे से आकर कसकर दबोच ले।

साहिल को अपनी मा की हिलती हुई कमर देख जोश अा गया और वो धीरे से हिम्मत करते हुए आगे बढ़ा और रूबी के बिल्कुल पास जाने लगा। साहिल के अपनी और बढ़ते हुए कदमों की आहट सुनकर रूबी की आंखे फिर से लाल होने लगी और उसकी सांसे एक बार फिर से तेज हो गई। जैसे जैसे साहिल पास आता जा रहा था वैसे वैसे रूबी की सांसे तेज होती जा रही थी और उसके जिस्म में कम्पन बढ़ रहा था। रूबी आगे बढ़ते हुए बिल्कुल रूबी के करीब पहुंच गया और रूबी की सांसे उसे अपने बिल्कुल करीब महसूस करके धोकनी की तरफ चल पड़ी और उसकी चूचियां अब रबर गेंद की तरह उछल रही थी।

साहिल उसके थोड़ा और करीब हुआ और साहिल की गर्म गर्म सांसे अब अपनी मा की गर्दन पर पड़ रही थी। रूबी के लिए तो ये मानो आग में घी पड़ गया और उसकी चूत गीली हो गई, साहिल ने उसके पीछे खड़े होकर आगे की तरफ देखा और उसे अपनी मा की चूचियां उछलती हुई नजर आईं और उनकी तेज गति से चलती हुई सांसे साहिल को सब समझा गई कि उसकी मां की क्या हालात हैं।

साहिल अपनी मा के काले लहरा रहे बालो की खुशबू सूंघने लगा और रूबी ये सब महसूस करते ही बुरी नजर से कांप उठी और अपना एक पैर दूसरे पैर पर चढ़ा कर रगड़ने लगी।

साहिल ने अपना एक हाथ आगे लाते हुए अपनी मा रूबी के पेट पर टिका कर उसे अपनी तरफ खींचा और रूबी किसी कटी पतंग की तरह उसकी तरफ खींचती चली गई और उसके मुंह से एक मस्ती भरी आह निकल पड़ी

" आह साहिल मेरे बेटे !!!

रूबी की आंखे मस्ती से बंद हो गई। साहिल ने अपनी मा के मस्ती में डूबे हुए चेहरे को देखा और एक हाथ से फिर से अपना लोअर नीचे सरका कर खड़े हुए मोटे लंड को बाहर निकाल लिया और रूबी के कंधे पर फैले हुए बालो को एकतरफ करते हुए उसकी गर्दन पर अपने होंठ टिका दिए। रूबी के मुंह से एक और मस्ती भरी आह निकल पड़ी और साहिल ने उसे जोर से अपनी तरफ खींचा और लंड फिर से उसकी गांड़ की दरारो
में घुस गया।


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रूबी लंड का गांड़ पर एहसास होते ही पूरी तरह से मदहोश हो गई और उसके चुचियों में तनाव पूरी तरह से अा गया और साहिल ने हल्का सा पीछे होते हुए फिर से लंड को गांड़ पर रगड़ा तो रूबी ने अब मस्ती में आकर खुद ही अपनी गांड़ को लंड पर आगे पीछे करना शुरु किया और साहिल ने अब खुलकर अपनी मा के पेट को सहलाना शुरू कर लिया। रूबी की हालात और खराब होती जा रही थी और उसकी चूत से रस टपकना शुरू हो गया। साहिल अब मजे से रूबी की गर्दन को चूम रहा था जिससे रूबी ने अपना एक हाथ अपनी जांघ पर रख दिया और सहलाने लगी।

साहिल ये देखकर पूरी तरह से अपने होश खो बैठा और अपने एक हाथ को रूबी के हाथ पर रखकर उसकी जांघ को सहलाते हुए अपनी जीभ उसकी कान की लौ पर टिका दी और दांतो से हल्का सा काटते हुए चूसने लगा।
रूबी के मुंह से मस्ती भरी सिसकारियां निकल रही थीं और उसने मस्ती से बेहाल होते हुए अपने घुटनों को हल्का सा मोड़ दिया जिससे अब लंड उसकी चूत पर अड गया। साहिल ने अपनी मा की तरफ से इसे खुली सहमति समझकर उनकी चूत पर कपडे के उपर से ही तेज तेज धक्के लगाने शुरू कर दिए।

रूबी की चूत पूरी तरह से भीग गई और रस उसकी जांघो तक अा रहा था। रूबी ने अपने एक हाथ को पेटिकोट के अंदर घुसा दिया और अपनी उंगली को रस से भिगो कर चाटने लगी। साहिल ने सीधे रूबी की चूत को मुट्ठी में दबोच कर पीछे से एक तेज झटका मारा और इसके साथ ही रूबी ने झटका खाते हुए अपनी चूत को पूरी ताकत से लंड पर धकेल दिया और उसके साथ ही उसकी चूत ने अपना रस छोड़ दिया और वो मस्ती से सिसकते हुए पलटी और साहिल के होंठो पर अपने होंठ टिका कर चूसने लगी। साहिल ने भी रूबी की गांड़ को दोनो हाथो में भर कर मसलते हुए एक तेज धक्का मारा और उसके लंड ने भी अपना रस छोड़ दिया और अपनी मा के होंठो पर टूट पड़ा ।


एक लंबे किस के बाद दोनो के होंठ अलग हुए और रूबी ने एक बार साहिल की तरफ देखा और उससे पूरी ताकत से कस गई।साहिल ने भी अपनी मा को अपने सीने से लगा लिया और धीरे से उसके कान में बोला:"

" मम्मी आई लव यू।

साहिल की बात सुनते ही रूबी के दबे हुए जज़्बात उफन पड़े और उसने भी प्यार से अपने बेटे के कान में कहा

" लव यू टू मेरे बेटे।

साहिल उसके बालो में उंगली घुमाते हुए:"

" बेटा या आधा पति ?

रूबी ने अपना मुंह उसके सीने में छुपा लिया और उसकी कमर में हल्के हल्के मुक्के मारते हुए बोली:"

" चुप कर बेशर्म, मार दूंगी अगर ज्यादा परेशान करेगा तो। अच्छा रात बहुत हो गई है। चल सोते है।

इतना कहकर रूबी बेड की तरफ चल पड़ी तो साहिल ने उसे किसी खिलौने की मानिंद अपनी बांहों में उठा लिया और उसकी आंखो में देखते हुए बोला:"

" मम्मी अब आपको अपने पैरो को कष्ट देने की कोई जरूरत नहीं,आपका बेटा हैं ना।

रूबी ने शरमाते हुए अपनी हथेली से अपना चेहरा छुपा लिया और देखते ही देखते साहिल ने अपनी मा को बेड पर लिटा दिया और खुद उसके साथ ही बेड पर लेट गया और रूबी बोली:"

" साहिल बेटा रात बहुत हो गई है और हमें सुबह जल्दी उठना होगा ताकि लीमा से पूछताछ हो सके।

साहिल ने गर्दन झुका कर अपनी मा की बात को मान लिया और उनका गाल चूमकर बोला

" गुड मॉर्निंग मम्मी मेरी प्यारी मम्मी रूबी।

रूबी ने भी अपने बेटे का गाल चूम कर उसे गुड नाईट कहा और दोनो मा बेटे एक दूसरे की आगोश में लिपट कर सो गए।
Superb update
 
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