justafantasydear
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nice oneसाहिल और रूबी दोनो घर पहुंच गए और अनूप जब तक अपने पैग पीकर मस्त हो गया था।
साहिल को देखते ही उसने स्माइल और बोला:".
" अा गए तुम , मैं कब से इंतजार कर रहा था ?
साहिल ने रूबी को इशारा किया और ठीक अनूप के सामने बैठ गया। साहिल बोला:".
" पापा आज मैं ऑफिस गया था और ऑफिस की सारी कहानी मैं समझ चुका हैं। आपने अपनी अय्याशियों में चलते सब कुछ डूबा दिया है।
अनूप को साहिल की बात खत्म होते ही अपना सारा नशा उतरता हुआ महसूस हुआ और उसके माथे पर परेशानी के भाव साफ छलक पड़े लेकिन खुद को संयत करते हुए बोला:"
" ये क्या तुम उल्टी सीधी बाते कर रहे हो ?
साहिल:' अनूप बनने की कोशिश मत करो तुम, मैं सब कुछ जान गया हूं।
इतना कहकर साहिल ने उसे एक एक रिपोर्ट, सभी कागज और बंद पड़ी हुई मशीनों के बारे में बताया तो अनूप अपना सिर पकड़ कर बैठ गया और उदास सा होते हुए बोला:' ।
" बेटा मैंने बहुत कोशिश करी लेकिन मैं अपने डूबते हुए बिजनेस को नहीं बचा पाया।
साहिल ने एक जोरदार थप्पड़ अपने बाप को मारा और बोला:"..
" हरामजादे मुझे पता हैं तूने क्या कोशिश करी हैं ऑफिस में , सिर्फ और सिर्फ रंडीबाजी और दारूबाजी। साले जब अपने दम पर बिजनेस नहीं संभाल पाया ती उस कुत्ते नीरज के कहने पर मेरी मा को उसके नीचे लिटाना चाहता था तू जो हमारी बर्बादी का जिम्मेदार हैं।
अनूप थप्पड़ लगने से बौखला उठा लेकिन दारू के नशे के चलते चाह कर कुछ नहीं को कर पाया और चौंकते हुए बोला:"
" क्या नीरज, ये नहीं हो सकता, वो तो मेरा सबसे अच्छा मित्र हैं और उसकी वजह से ही मुझे टेंडर मिला हैं।
साहिल:" चुप कर कमीने, टेंडर मिला दिया नहीं तुम्हे दिलवाया गया हैं। पैसे है क्या तुम्हारे पास टेंडर पूरा करने के लिए ?
अनूप:" नहीं है लेकिन वो पैसे भी दे रहा हैं और मुझे दे भी दिए हैं।
साहिल:" जरूर ये उसकी कोई चाल हैं, तुम चाहकर भी ये टेंडर पूरा नहीं कर सकते क्योंकि नीरज नहीं होने देगा। अच्छा ये बताओ क्या तुम लीमा को जानते हो ?
अनूप:" मेरे ऑफिस में काम करती थी। अभी छुट्टी पर हैं।
साहिल": वो छुट्टी पर नहीं है बल्कि भाग गई है। तुम उसके साथ अपने ऑफिस से जुड़े रूम में रंगरेलियां मनाते थे। और जानते हो उसने तुम्हारे साथ क्या किया हैं ?
अनूप ने हैरानी से साहिल की तरफ देखा कि उसे ये कैसे पता चला। साहिल :"
" वो तुम्हे दारू में दावा मिलाकर नामर्द बना गई है।
अनूप के दिमाग में एक जोरदार धमाका हुआ और उसे अब जाके पता चला कि वो पिछले कुछ महीने से उसके लंड में तनाव क्यों नहीं आ रहा हैं।
अनूप बुरी तरह से डर गया और बोला:" नहीं ये नहीं हो सकता, कह दो साहिल ये सब झूठ हैं।
साहिल:" यहीं सच है अनूप, और इसका मुझसे ज्यादा तुम्हे पता होगा।
इतना कहकर साहिल ने अपने बाप के लंड पर एक नजर डाली तो अनूप की नज़रे शर्म के मारे खुद ही झुक गई जो इस बात का सबूत थी कि अनूप का लंड खराब हो गया था।
रूबी:" कमीने मैंने ज़िन्दगी में बहुत नीच इंसान देखे मगर तेरे जैसा कमीना नहीं देखा। तुमने मेरी ज़िन्दगी बर्बाद कर दी हैं।
अनूप की नज़रे शर्म से नीचे ही गड़ी रही और रूबी अपने मन की भड़ास निकाल रही थी। अनूप के अंदर इतनी हिम्मत नहीं थी वो सिर उठा सके।
अनूप:" बस रूबी मुझे तुम एक आखरी मौका दो, मैं सब कुछ ठीक कर दूंगा, इस नीरज के बच्चे को ज़िंदा जमीन में गाड़ दूंगा
साहिल: बस कर अनूप, तुमने जो करना था कर चुके, अब मैं नीरज के साथ लीमा और पायल सब की ठीक कर दूंगा और अपनी मा की ज़िन्दगी फिर से खुशियों से भर दूंगा। आज के बाद तुम इसी घर में कैद रहोगे। तुझे अपनी बाकी बची हुई ज़िन्दगी अब घर के तहखाने में बितानी होगी।
अनूप साहिल की बाते सुनकर लगभग रों पड़ा और बोला:".
"नहीं साहिल बेटा, मेरे साथ ऐसा ज़ुल्म मत कर, देख मैं तेरा सगा बाप हूं बेटे।
रूबी:" अनूप तुम अब वो हक खो चुके हो और आज के बाद मैं तुम्हारी शक्ल नही देखना चाहती। आज से ना तुम साहिल के बाप हो और ना ही मेरे पति।
साहिल ने अनूप की टांग पकड़ी और घसीटते हुए तहखाने की तरफ ले गया और उसे अंदर डालते हुए तहखाने को बाहर से बंद कर दिया। अनूप अंदर चिल्लाता रहा और उस पर दया करने की भीख मांगता रहा लेकिन उसकी आवाज तहखाने की दीवारों को पार नहीं कर पाई।
साहिल और रूबी दोनो बाहर अा गए और साहिल के चेहरे पर जहां एक ओर अपने बाप के लिए गुस्सा और नफरत थी तो वहीं रूबी के दिल में आज साहिल के लिए बेपनाह इज्जत और प्यार था। सच कहूं तो एक समर्पण जहां औरत को सिर्फ और सिर्फ अपने साथी की खुशी दिखती हैं।
रूबी आगे बढ़ी और साहिल से लिपट गई और बोली:"
" साहिल बेटा अनूप को कैद करने तक तो ठीक हैं लेकिन आगे का जो तुम्हारा प्लान हैं उससे मुझसे डर लग रहा हैं। नीरज बहुत ही खतरनाक आदमी हैं, शहर के बड़े से बड़े गुंडे उसके लिए काम करते हैं।
साहिल ने एक बार रूबी की आंखो में देखा और बोला:"
" मम्मी आपको इस मुसीबत से बचाने के लिए भले ही मेरी जान क्यों ना चली जाए, मैं पीछे नहीं हट सकता।
रूबी ने अपने हाथ की उंगली साहिल के होंठो पर रख दी और बोली:"
" ना बेटे, ऐसी अशुभ बाते नहीं करते, भगवान करे तुझे मेरी उमर लग जाए। बेटा क्यों ना हम सब कुछ छोड़कर दिल्ली चले ?
साहिल के चेहरे पर कठोर भाव उभर आए और बोला:"
" मम्मी जरूर चलेंगे लेकिन जिस नीरज ने आप पर गलत नजरे डाली हैं उसकी आंखे फोड़ने के बाद। आपके हर एक गुनाहगार को सजा देने के बाद।
रूबी साहिल के दिल में अपने लिए इतना प्यार और इज्जत देकर पूरी तरह से भाव विहल होकर उससे कसकर लिपट गई और साहिल ने भी अपनी मम्मी को अपनी बांहों में समेट लिया।
दोनो ऐसी ही खड़े रहे। रूबी जिस सम्मान और प्यार के लिए तरस रही थी वो आज मिला भी तो उसे अपने बेटे से, आज रूबी के जिस्म का रोम रोम अपने बेटे का कर्जदार होता चला गया और उसकी आंखो से आंसू टपक पड़े। जैसे ही साहिल को रूबी के सिसकने की आवाज महसूस हुई तो साहिल ने अपनी मम्मी का चेहरा उपर उठाया और बोला:"
" मम्मी आपकी प्यारी सी आंखो में आंसू किसलिए ? क्या मैंने अनूप के साथ कुछ ग़लत किया ?
रूबी ने बार फिर से अपने बेटे की आंखो में देखा और बोली:"
" नहीं बेटा कुछ गलत नहीं किया, लेकिन इतने साल अनूप के साथ गुजारने क्रे बाद कहीं ना कहीं मेरे दिल में उसके लिए थोड़ी हमदर्दी तो हैं बेटा, लेकिन तेरी कसम ये आंसू उसके लिए नहीं हैं साहिल।
साहिल ने हाथ आगे बढाया और अपनी मा के चेहरे को साफ किया और बोला:'
' मम्मी मैं समझ सकता हूं, फिर ये बताओ आपके आंसू क्यों निकल पड़े ?
रूबी:" बेटा ये तो तेरे लिए प्यार और इज्जत हैं, एक मर्द की जिम्मेदारी होती हैं कि वो अपनी पत्नी को प्यार दे और उसकी रक्षा करे लेकिन तो सारे फ़र्ज़ तो अनूप की जगह तू ही निभा रहा है।
साहिल को अपनी मम्मी की बात सुनकर अच्छा लगा और माहौल को थोड़ा हल्का करने के लिए बोला:"
" इसका मतलब आपका आधा पति तो मैं भी बन चुका हूं।
इतना कहकर साहिल जोर से हंस पड़ा और रूबी के होंठो पर स्माइल अा गई और बोली:"
" आधे पति, तुम भी ना साहिल के बच्चे, चुप कर बेशर्म अपनी ही मा पति बनेगा तू क्या ?
साहिल ने रूबी का हाथ पकड़ लिया और बोला:"
" ओह मम्मी उस दिन तो आप खुद ही मुझे अपना पति बनाकर ले गई थी और आप जानती हैं कि आज से अनूप के बाद बंद हो जाने के बाद कल से मैं ही अनूप बनकर रहूंगा। तो ऐसे में तो मैं आपका आधा क्या पूरा पति हुआ ना मेरी मम्मी।
रूबी जोर से खिल खिला कर हंस पड़ी और बोली:"
" अच्छा ठीक हैं जब तू इतना कह रहा है तो ठीक हैं आज से तू आधा पति हुआ। बस अब खुश।
अपनी मा के मुंह से ये सब सुनते ही साहिल ने फिर से एक बार अपनी मम्मी को गले लगा लिया और और बोला:"
" मम्मी देखना आप, आपका ये आधा पति आपके उस पूरे पति अनूप से ज्यादा आपको खुशी देगा।
रूबी अंदर ही अंदर मुस्कराए जा रही थी और बोली:'
" अच्छा ज्यादा सपने मत देख, रात बहुत हो गई हैं, मुझे सोना है अब। जाओ कपडे बदल कर अा जाओ तुम।
साहिल:" ठीक हैं मम्मी, आज साथ में नहाना नहीं है क्या ?
रूबी:" चल भाग जा, आया कहीं से साथ में नहाने वाला।
साहिल:" अच्छा मम्मी गुस्सा मत करो, मैं आता हूं कपडे बदलकर।
इतना कहकर साहिल अपने कमरे में चला गया और कपडे बदल कर आगे के प्लान करने लगा।
रूबी अपने कमरे में अा गई और आधे पति वाली बात को सोचकर स्माइल कर रही थी। उसने अपनी सारी बदलने की सोची और शीशे के सामने खड़े होकर अपने कपड़े उतारने लगी।
उसने अपनी साड़ी को खोलकर अलग कर दिया और एक बार उसने शीशे में खुद को देखा तो अपने आप से नजर मिलते ही वो शरमा गई और गाल अपने आप गुलाबी हो उठे।
उसकी नजर अपने आप अपने लाल सुर्ख होंठो पर टिक गई और धीरे धीरे नीचे फिसलती हुई अपने पेटीकोट में कैद चूचियों पर अा गई तो उसकी सांसे अपने आप तेज हो गई। रूबी ने अपने पूरे जिस्म पर एक भरपूर नजर डाली और अपने आप पर ही मोहित होती चली गई। सच में इस उम्रमें भी उसका जिस्म और उसके कटाव बड़े ही आकर्षक और जानलेना थे।
रूबी ने अपना हाथ अपने पेटीकोट को तरफ बढाया ही था कि साहिल अंदर आया जिसके जिस्म पर नीचे सिर्फ एक लोअर और उपर एक आधी सफेद रंग की बनियान थी।
रूबी उसे देखते ही शर्मा गई मानो कोई बहू को उसके ससुर ने देख लिया हो। रूबी का इतना सेक्सी अवतार देखकर साहिल अपने होश खो बैठा और आगे की तरफ बढ़ा। साहिल के चेहरे के भाव देखकर रूबी पलटी और जाने लगी तभी साहिल ने उसका हाथ पकड़ कर अपनी तरफ खींच लिया तो एक झटके के साथ साहिल की बांहों में थी।
आज रूबी ने विटामिन सिरप नहीं पिया था और पूरी तरह से अपने होशो हवास में थी। उसने साहिल से छूटने की कोशिश करी लेकिन साहिल के हाथ जैसे ही उसके नंगे मखमल से मुलायम पेट पर पड़े तो उसके जिस्म में हलचल सी मच गई और बोली:"
" आह साहिल छोड़ दो बेटा, मुझे कपडे बदलने दो ना, क्या कर रहे हो तुम ?
साहिल ने रूबी के पेट को अपने हाथो में भर लिया और अपनी गर्म गर्म सांसे उसकी गर्दन पर छोड़ता हुआ उसके कान में बहुत ही प्यार से बोला"
" ओह मम्मी अभी तो सारी रात पड़ी है, रुको ना अपने बेटे को थोड़ा सा प्यार तो करने दो।
इतना कहकर साहिल ने रूबी के पेट को बहुत ही प्यार और मस्ती से सहला दिया तो रूबी की आंखे मस्ती से बंद हो गई और उसने अपने जिस्म को हल्का सा ढीला छोड़ दिया और साहिल ने अच्छे से अब अपनी मा के जिस्म को सहलाना शुरू कर दिया।
रूबी की सांसे उखड़ने लगी और उसकी बड़ी बड़ी चूचियां उपर नीचे होने से उसके ब्लाउज से बाहर आने को बेताब हो गई। साहिल ने धीरे धीरे पेट को सहलाते हुए हल्का सा हाथ को चुचियों की तरफ ले जाना शुरू किया और उसका लंड देखते ही देखते पूरी तरह से खड़ा हो गया और रूबी की गांड़ में घुसने लगा। लंड के गांड़ पर पड़ते ही रूबी के मुंह से एक मस्ती भरी आह निकल पड़ी। रूबी की आग आज एक बार फिर से भड़क उठी और उसने साहिल के एक हाथ पर अपना हाथ टिका दिया और साहिल के हाथ को अपने पेट पर घुमाने लगी।
साहिल ने नीचे अंडर वियर नहीं पहना था और उसने धीरे से अपने लोअर को नीचे सरका दिया और जैसे ही रूबी को नंगे लंड का सुपाड़ा अपनी गांड़ पर महसूस हुआ तो उसके मुंह से अपने आप एक मस्ती भरी सिसकारियां निकलने लगी और एक झटके के साथ वो साहिल की पकड़ से छूट गई। ये सब अनजाने में हुआ और रूबी साहिल की बांहों से निकल कर थोड़ा मायूस हुई क्योंकि कहीं ना कहीं उसे ये सब बहुत अच्छा लग रहा था।
वहीं साहिल डर गया कि कहीं उसकी मम्मी नाराज ना हो जाए और उसने एक झटके के साथ लंड को अंदर छुपा लिया और अपने मम्मी की तरफ देखने लगा। रूबी अब कमरे के दरवाजे के पास खड़ी हुई थी और उसकी पीठ साहिल की तरफ थी। रूबी के पैर मानो किसी जंजीर से बांध दिए गए हो। कम से कम एक बार और लंड को अपनी गांड़ पर महसूस करना चाहती थी लेकिन एक तो नारी सुलभ लज्जा और दूसरा उसका अपना सगा बेटा। इसलिए चाहकर भी अपनी तरफ से पहल कर पाने की स्थिति में नहीं थी। रूबी के जिस्म में अभी भी उत्तेजना के मारे हल्का हल्का कम्पन हो रहा था और उसकी उपर नीचे गिरती हुई चूचियों के साथ उसकी कमर हल्की सी हिल रही थी। रूबी का मन कर रहा था साहिल एक बार उसे पीछे से आकर कसकर दबोच ले।
साहिल को अपनी मा की हिलती हुई कमर देख जोश अा गया और वो धीरे से हिम्मत करते हुए आगे बढ़ा और रूबी के बिल्कुल पास जाने लगा। साहिल के अपनी और बढ़ते हुए कदमों की आहट सुनकर रूबी की आंखे फिर से लाल होने लगी और उसकी सांसे एक बार फिर से तेज हो गई। जैसे जैसे साहिल पास आता जा रहा था वैसे वैसे रूबी की सांसे तेज होती जा रही थी और उसके जिस्म में कम्पन बढ़ रहा था। रूबी आगे बढ़ते हुए बिल्कुल रूबी के करीब पहुंच गया और रूबी की सांसे उसे अपने बिल्कुल करीब महसूस करके धोकनी की तरफ चल पड़ी और उसकी चूचियां अब रबर गेंद की तरह उछल रही थी।
साहिल उसके थोड़ा और करीब हुआ और साहिल की गर्म गर्म सांसे अब अपनी मा की गर्दन पर पड़ रही थी। रूबी के लिए तो ये मानो आग में घी पड़ गया और उसकी चूत गीली हो गई, साहिल ने उसके पीछे खड़े होकर आगे की तरफ देखा और उसे अपनी मा की चूचियां उछलती हुई नजर आईं और उनकी तेज गति से चलती हुई सांसे साहिल को सब समझा गई कि उसकी मां की क्या हालात हैं।
साहिल अपनी मा के काले लहरा रहे बालो की खुशबू सूंघने लगा और रूबी ये सब महसूस करते ही बुरी नजर से कांप उठी और अपना एक पैर दूसरे पैर पर चढ़ा कर रगड़ने लगी।
साहिल ने अपना एक हाथ आगे लाते हुए अपनी मा रूबी के पेट पर टिका कर उसे अपनी तरफ खींचा और रूबी किसी कटी पतंग की तरह उसकी तरफ खींचती चली गई और उसके मुंह से एक मस्ती भरी आह निकल पड़ी
" आह साहिल मेरे बेटे !!!
रूबी की आंखे मस्ती से बंद हो गई। साहिल ने अपनी मा के मस्ती में डूबे हुए चेहरे को देखा और एक हाथ से फिर से अपना लोअर नीचे सरका कर खड़े हुए मोटे लंड को बाहर निकाल लिया और रूबी के कंधे पर फैले हुए बालो को एकतरफ करते हुए उसकी गर्दन पर अपने होंठ टिका दिए। रूबी के मुंह से एक और मस्ती भरी आह निकल पड़ी और साहिल ने उसे जोर से अपनी तरफ खींचा और लंड फिर से उसकी गांड़ की दरारो
में घुस गया।
रूबी लंड का गांड़ पर एहसास होते ही पूरी तरह से मदहोश हो गई और उसके चुचियों में तनाव पूरी तरह से अा गया और साहिल ने हल्का सा पीछे होते हुए फिर से लंड को गांड़ पर रगड़ा तो रूबी ने अब मस्ती में आकर खुद ही अपनी गांड़ को लंड पर आगे पीछे करना शुरु किया और साहिल ने अब खुलकर अपनी मा के पेट को सहलाना शुरू कर लिया। रूबी की हालात और खराब होती जा रही थी और उसकी चूत से रस टपकना शुरू हो गया। साहिल अब मजे से रूबी की गर्दन को चूम रहा था जिससे रूबी ने अपना एक हाथ अपनी जांघ पर रख दिया और सहलाने लगी।
साहिल ये देखकर पूरी तरह से अपने होश खो बैठा और अपने एक हाथ को रूबी के हाथ पर रखकर उसकी जांघ को सहलाते हुए अपनी जीभ उसकी कान की लौ पर टिका दी और दांतो से हल्का सा काटते हुए चूसने लगा।
रूबी के मुंह से मस्ती भरी सिसकारियां निकल रही थीं और उसने मस्ती से बेहाल होते हुए अपने घुटनों को हल्का सा मोड़ दिया जिससे अब लंड उसकी चूत पर अड गया। साहिल ने अपनी मा की तरफ से इसे खुली सहमति समझकर उनकी चूत पर कपडे के उपर से ही तेज तेज धक्के लगाने शुरू कर दिए।
रूबी की चूत पूरी तरह से भीग गई और रस उसकी जांघो तक अा रहा था। रूबी ने अपने एक हाथ को पेटिकोट के अंदर घुसा दिया और अपनी उंगली को रस से भिगो कर चाटने लगी। साहिल ने सीधे रूबी की चूत को मुट्ठी में दबोच कर पीछे से एक तेज झटका मारा और इसके साथ ही रूबी ने झटका खाते हुए अपनी चूत को पूरी ताकत से लंड पर धकेल दिया और उसके साथ ही उसकी चूत ने अपना रस छोड़ दिया और वो मस्ती से सिसकते हुए पलटी और साहिल के होंठो पर अपने होंठ टिका कर चूसने लगी। साहिल ने भी रूबी की गांड़ को दोनो हाथो में भर कर मसलते हुए एक तेज धक्का मारा और उसके लंड ने भी अपना रस छोड़ दिया और अपनी मा के होंठो पर टूट पड़ा ।
एक लंबे किस के बाद दोनो के होंठ अलग हुए और रूबी ने एक बार साहिल की तरफ देखा और उससे पूरी ताकत से कस गई।साहिल ने भी अपनी मा को अपने सीने से लगा लिया और धीरे से उसके कान में बोला:"
" मम्मी आई लव यू।
साहिल की बात सुनते ही रूबी के दबे हुए जज़्बात उफन पड़े और उसने भी प्यार से अपने बेटे के कान में कहा
" लव यू टू मेरे बेटे।
साहिल उसके बालो में उंगली घुमाते हुए:"
" बेटा या आधा पति ?
रूबी ने अपना मुंह उसके सीने में छुपा लिया और उसकी कमर में हल्के हल्के मुक्के मारते हुए बोली:"
" चुप कर बेशर्म, मार दूंगी अगर ज्यादा परेशान करेगा तो। अच्छा रात बहुत हो गई है। चल सोते है।
इतना कहकर रूबी बेड की तरफ चल पड़ी तो साहिल ने उसे किसी खिलौने की मानिंद अपनी बांहों में उठा लिया और उसकी आंखो में देखते हुए बोला:"
" मम्मी अब आपको अपने पैरो को कष्ट देने की कोई जरूरत नहीं,आपका बेटा हैं ना।
रूबी ने शरमाते हुए अपनी हथेली से अपना चेहरा छुपा लिया और देखते ही देखते साहिल ने अपनी मा को बेड पर लिटा दिया और खुद उसके साथ ही बेड पर लेट गया और रूबी बोली:"
" साहिल बेटा रात बहुत हो गई है और हमें सुबह जल्दी उठना होगा ताकि लीमा से पूछताछ हो सके।
साहिल ने गर्दन झुका कर अपनी मा की बात को मान लिया और उनका गाल चूमकर बोला
" गुड मॉर्निंग मम्मी मेरी प्यारी मम्मी रूबी।
रूबी ने भी अपने बेटे का गाल चूम कर उसे गुड नाईट कहा और दोनो मा बेटे एक दूसरे की आगोश में लिपट कर सो गए।
Bahot shaandaar kamukta se bharpoor update dostरूबी के कदम लड़खड़ा रहे थे लेकिन वो कमरे से बाहर निकल गई और गैलरी की लाइट को बंद कर दिया। रूबी की आंखे लाल हो गई थी जबसे उसने फोन पर साहिल की बाते सुनी और अपने बेटे को लंड हिलाते हुए देखा था तब से उसके जिस्म की आग एक चिंगारी की तरह सुलग रही थी।
रूबी धीरे धीरे चलती हुई चुदाई लोक में घुस गई और जैसे ही उसने स्क्रीन पर चुदाई लोक लिखा देखा तो उसकी चूत अपने आप ही गीली हो गई।
वहीं दूसरी तरफ रूबी के जाते ही साहिल भी बाहर निकला और चुदाई लोक की तरफ चल पड़ा। रूबी के घुसते ही पीछे पीछे वो भी अंदर अा गया और देखा कि रूबी उसकी मा आज फिर उसी छोटे से पहाड़ पर एक झरने के नीचे बैठी खड़ी थी और बेहद कामुक लग रही थी। उपर से पानी गिरने के कारण उसकी सफ़ेद रंग की चादर पूरी तरह से भीग चुकी थी और उसके जिस्म का एक एक कटाव बिल्कुल साफ नजर आ रहा था। एक कंधा पूरी तरह से नंगा और चूचियों का आकार दूर से ही साफ नजर आ रहा था।
साहिल की आंखे एक बार फिर अपनी मा के हुस्न के आगे चूंधिया सी गई और उसके पहले से ही खड़े लंड ने एक जोरदार हुंकार ली मानो किसी तगड़े सांड ने अपना शक्ति प्रदर्शन किया हो।
वहीं दूसरी तरफ रूबी को लग रहा था उपर से गिरता पानी उसकी आग को कम नहीं बल्कि और ज्यादा बढ़ा रहा हैं इसलिए रूबी ने अपनी साडी को हटा दिया और पूरी तरह से नंगी हो गई। रूबी ने एक बार अपनी कहर ढाती हुई चूचियों की तरफ देखा और उसके होंठो पर स्माइल अा गई। उसने दोनो हाथो में अपने निप्पल थाम लिए और हल्का हल्का सहलाने लगी। रूबी के मुंह से अपने आप ही मस्ती भरी आह निकल रही थीं। रूबी चलती हुई बिल्कुल झरने के ठीक नीचे अा गई और अपनी टांगे को खोल दिया जिससे पानी की धार अब बिल्कुल उसकी चूत पर पड़ रही थी। जैसे ही पानी की धार पड़ी तो जिस्म का पूरा जिस्म थरथरा उठा और उसके मुंह से फिर से एक और मस्ती भरी आह निकल पड़ी।
साहिल को अपनी मा की एकदम भरी हुई गोल गोल चूचियां साफ़ नजर आ रही थी और गांड़ का उभार और जांघें भी नजर आ रही थी, चूत पर पड़ती पानी की धार और साहिल के दूर होने के कारण उसे रूबी की टांगो के बीच कुछ भी नजर नहीं अा रहा था। साहिल ये तो जानता था कि उसकी मा बहुत गरम औरत है लेकिन आज उसे महसूस हुआ कि रूबी तो एक जीती जागती कयामत हैं और आग में जल रही एक बेहद कामुक और प्यासी औरत हैं जो अपनी मर्यादा और संस्कारों से बंधी हुई है।
साहिल को आज एहसास हुआ कि उसकी मा उसके परिवार की इज्जत के लिए कितना बड़ा त्याग कर रही है। मेरा बाप तो अब हिजड़ा बन चुका हैं। क्या मेरी मम्मी अब पूरी ज़िन्दगी ऐसे ही तड़पती रहेगी।
नहीं नहीं मैं ऐसा बिल्कुल नहीं होने दूंगा। मैं अपनी मा को प्यार दूंगा। हर खुशी दूंगा। है भगवान एक औरत की सबसे बड़ी खुशी तो लंड होती हैं और मेरी मम्मी तो उसके लिए बुरी तरह से तड़प रही है। हान हान मैं करूंगा अपनी मा की ये खुशी पूरी।
लेकिन क्या वो अपने बेटे से चुदना चाहती है, नहीं ये नहीं होना चाहिए। क्यों नहीं हो सकता साहिल, तूने देखा नहीं था कि किस तरह वो छत पर तेरा लंड देख रही थी।
उफ्फ क्या करू, एक काम करता हूं , मम्मी के थोड़ा करीब जाने की कोशिश करता हूं अगर उन्होंने मेरा साथ दिया तो मतलब मेरे साथ सेक्स से कोई दिक्कत नहीं हैं। साहिल ने आज पक्का मन बना लिया कि वो कोशिश करके देखेगा, आगे क्या होता हैं उसके बाद देखा जाएगा।
साहिल ने कुछ सोचा और वापिस चुदाई लोक के गेट पर पहुंच गया और वहीं से जोर जोर से आवाज लगाता हुआ अंदर घुसा
" मम्मी मम्मी आप कहां हो ?
साहिल की आवाज सुनते ही रूबी के एक पल के लिए तो होश ही उड़ गए लेकिन उसके अपने आप को संभालते हुए चादर को अपने जिस्म पर डाल लिया और खड़ी होती हुई बोली
" हान साहिल बेटा, मैं यहां हूं झरने के नीचे।
रूबी ने एक नजर अपने जिस्म पर डाली और महसूस हुआ कि चादर उसके जिस्म को ठीक से नहीं छुपा पा रही है। उसे एक पल के लिए शर्म महसूस हुई लेकिन उसके जिस्म की आग ने उसे अगले ही पल दूर कर दिया। और वैसे ही उसके पास अब कोई दूसरा रास्ता नहीं बचा था इसलिए सोचा जो होगा देखा जाएगा।
साहिल तो पहले से ही सब कुछ जानता था इसलिए धीरे धीरे चलता हुआ उसकी तरफ बढ़ा और ठीक उसके सामने पत्थर के नीचे खड़ा हो गया।
साहिल अपनी मा के जिस्म पर नजर डालते हुए बोला:"
" ओह मम्मी आप यहां हैं, मैं तो आपको घर में देख रहा था, अच्छा हुआ आप मिल गई।
रूबी ने साहिल की नजरो का पीछा किया और उसके अंदर एक अलग ही एहसास ने जन्म लिया और बोली:"
" वो बेटा नींद नहीं आ रही थी और गर्मी लग रही थी इसलिए चली आई।
साहिल:" ओह अच्छा लिया मम्मी आपने, आज सच में गर्मी बहुत ही ज्यादा हैं, मैं भी नहा लू क्या मम्मी ?
साहिल ने अपना दांव चलते हुए कहा तो रूबी ने स्माइल देते हुए कहा:"
" हान आजा बेटा, लेकिन क्या तू अपनी ही सगी मा के साथ नहाएगा ?
साहिल चलता हुआ पत्थर पर चढ़ गया और रूबी के पास पहुंच गया और बोला:"
" हान तो मा के साथ नहाने में मुझे कोई दिक्कत नहीं हैं, क्या आपको हैं मम्मी ?
रूबी:" लेकिन बेटा अगर किसी को पता चला कि एक सगी मा अपने बेटे के साथ नहा रही हैं तो क्या सोचेगा ?
साहिल:" ओह मम्मी आप भी ना, मुझसे तो कोई दिक्कत नही हैं ना आपको ? यहां कौन हैं देखने वाला हमे इस चुद...
साहिल के मुंह से आगे शर्म के मारे शब्द ही नहीं निकल पाए और रूबी अंदर ही अंदर कांप उठी कि वो अपने बेटे के साथ चुदाई लोक में नहाने वाली हैं।
रूबी:" अरे नहीं मेरे लाल तुझसे क्या दिक्कत होगी , और तूने ठीक कहा कि यहां कौन देखने वाला हैं कि मा बेटे एक साथ नहा रहे हैं।
साहिल को अच्छा लगा कि रूबी को कोई दिक्कत नहीं हैं क्योंकि कोई देख नहीं रहा है इसलिए उसे लगा कि उसकी मा जल्दी ही लाइन पर अा जाएगी।
साहिल ने अपने सारे कपड़े उतार दिए और सिर्फ अंदर वियर में अा गया तो उसके चौड़े और शक्तिशाली जिस्म को देखकर रूबी की आंखे चमक उठी और एक नजर गौर से उसकी छाती पर मारते हुए बोली
" मेरा बेटा तो पूरा जवान हो गया है, आज पता चला मुझे।
साहिल:" ओह मम्मी ये सब आपके दूध और प्यार का ही तो असर हैं।
रूबी के साहिल को फिर से एक स्माइल दी और साहिल झरने के ठीक नीचे खड़ा हो गया और उपर से पानी गिरने लगा तो उसका अंडर वियर भीग गया और लंड का उभार साफ़ नजर आ रहा था। रूबी ने एक नजर लंड के उभार पर डाली और उसे अपने सांसे रुकती हुई महसूस हुई। साहिल ने रूबी की नजरो का पीछा किया और जैसे ही रूबी ने नजर उठाई तो दोनो की नजरे आपस में टकरा गई और रूबी को एहसास हो गया कि साहिल ने उसे अपने लंड घूरते हुए देख लिया हैं तो डर के मारे रूबी के हाथ से उपर से चादर छूट गई। चादर छूटते ही रूबी का उपर का हिस्सा पूरी तरह से नंगा होकर साहिल की आंखो के आगे अा गया। साहिल की नजरे अपने आप अपनी में जिस्म पर चिपकती चली गई और रूबी की गोल गोल मादक उभरी हुई नारियल के आकार की मदमस्त चूचियां देखकर साहिल की आंखे खुली की खुली रह गई उसके लंड ने एक जोरदार झटका खाया।
चादर छूटते ही रूबी के मुंह से डर और शर्म के मारे आह निकल पड़ी और उसकी हिम्मत नहीं हुई कि वो चादर उठा सके। उसे होश आया और उसने एक कोहनी से अपनी चूची को छुपा लिया तो दूसरी पर अपनी हथेली रख दी। रूबी ने बड़ी मुश्किल से एक बार साहिल की तरफ देखा और शर्म के मारे अपना मुंह दूसरी तरफ करते हुए घूम गई।
अब रूबी की पीठ उसके बेटे के सामने बिल्कुल नंगी थी और साहिल बिना किसी डर और शर्म के ध्यान से उसकी कमर देख रहा था। चादर थोड़ी नीचे अटक गई थी जिससे हल्का सा गांड़ का उभार भी साफ नजर आ रहा था। साहिल ने उपर से नीचे तक ध्यानपूर्वक अपनी मा की मछली के आकार की नंगी कमर को देखा और उसे आज एहसास हुआ कि क्यों आजकल के लड़के उसकी मा के दीवाने हैं। बिल्कुल सुंदर, चिकनी, पतली, नदी की तरह बलखाती हुई, किसी को अपनी तरफ आकर्षित कर ले।
गोरे गोरे कंधे और उन पर पड़े हुए काले बाल जिन पर उपर से पड़ती हुई पानी की बूंदे रूबी की कमर को और अधिक उत्तेजक बना रही थी।
साहिल के मुंह से अपने आप ही ना जाने कैसे ये शब्द निकल पड़े
" आह मम्मी आपकी कमर कितनी चिकनी और सुंदर हैं, आज समझ में आया कि क्यों आज कल के लड़के आपके इतने दीवाने हैं।
रूबी अपने सगे बेटे के मुंह से अपनी तारीफ सुनकर खुश हुई और उसके होंठो पर स्माइल अा गई और बोली:"
" आह साहिल बेटा, वो मेरी चादर नीचे गिर गई पानी की वजह से, उठा दे ना प्लीज।
साहिल धीरे से नीचे झुका और चादर को उठा लिया और रूबी की तरफ बढ़ा। साहिल के क़दमों की आवाज सुनकर रूबी की सांसे भारी हो गई और साहिल ने उसके बिल्कुल करीब होते हुए खड़ा हो गया। रूबी की तेज गति से चलती हुई सांसे उसे साफ सुनाई दे रही थी। साहिल थोड़ा और आगे हुआ और अपना हाथ आगे बढाया और चादर को रूबी के कंधे पर टिकाने लगा। साहिल के आगे झुकने से वो अब रूबी से सट सा गया और उसका खड़ा हुआ रूबी की गांड़ पर अड गया। लंड के अपनी गांड़ पर महसूस होते ही रूबी के मुंह से एक मस्ती भरी आह निकल पड़ी और उसका जिस्म कांप उठा जो साहिल ने साफ महसूस किया। रूबी चाहकर भी आगे नहीं हो सकती थी क्योंकि पत्थर के वो बिल्कुल अंतिम छोर पर खड़ी हुई थी। साहिल ने चादर को अच्छे से टिका दिया और रूबी के कान के पास अपना मुंह लाते हुए बोला:"
" मम्मी, चादर को आप अच्छे से पकड़ लो, कहीं पानी की धार के कारण के कारण फिर से नीचे ना गिर जाए।
साहिल की गर्म गर्म सांसे अब रूबी की गर्दन पर पड़ रही थी और नीचे गांड़ पर अड़ा हुआ लंड पूरी तरह से रूबी की हालत खराब किए दे रहा था। रूबी ने अपना चेहरा घुमाया और साहिल की तरफ देखकर स्माइल करते हुए बोली:"
" गिर गई तो कोई बात नही, मेरा बेटा हैं ना फिर से उठाने के लिए।
और फिर से अपना मुंह दूसरी तरफ घुमा लिया। साहिल के लिए ये एक तरह से ग्रीन सिग्नल था तो उसने अपने लंड का दबाव थोड़ा सा और अपनी मा की गांड़ पर बढ़ा दिया और एक हाथ अपनी मा के कंधे पर टिकाते हुए बोला:'
" ओह मम्मी, आप फिर से उठाने की बात कर रही हैं लेकिन आपका बेटा इसे अब गिरने ही नहीं देगा।
इतना कहकर उसने चादर के उपर से रूबी के कंधे को थोड़ा जोर से पकड़ लिया और रूबी तो जाने कब से मर्द के ऐसे स्पर्श के लिए तड़प रही थी। हालाकि ये स्पर्श उसके सगे बेटे का था लेकिन उसके जिस्म की आग इस कदर भड़क चुकी थी कि उसे अपने बेटे में अब सिर्फ एक मर्द नजर अा रहा था और कहीं ना कहीं ना चाहते हुए भी रूबी बहकने लगी। रूबी ने अपने एक हाथ को पीछे की तरफ बढ़ा लिया और साहिल के दूसरे हाथ को थाम लिया और बोली:*
" आह बेटा, थोड़ा प्यार से पकड़ ना चादर, दर्द होता हैं मुझे।
साहिल ने अब रूबी के हाथ की उंगलियो को अपने हाथ की उंगलियों में फसा लिया और उसकी गर्दन पर अपनी होंठ रखते हुए बोला
" आह मम्मी, क्या सचमुच इतना नाजुक बदन हैं आपका जो बेटे के छूने से ही दर्द होने लगा ?
गर्दन पर साहिल के होंठ पड़ते ही रूबी पूरी तरह से मचल उठी और मस्ती से सिसकते हुए अपने हाथ की उंगलियों का दबाव साहिल की उंगलियों पर बढ़ाते हुए बोली:"
" आह बेटा, इतना ज्यादा नाजुक भी नहीं, लेकिन तू पकड़ ही इतने जोर से रहा हैं। बहुत तगड़ा हो गया है मेरा लाडला बेटा।
साहिल ने अब अपने लंड को थोड़ा सा और आगे बढ़ा कर दिया तो रूबी की गांड़ की दरार में लंड घुसने लगा और रूबी का एक हाथ अपने आप उसकी चूत पर पहुंच गया और मस्ती में आते हुए उसने पहली बार अपनी गांड़ को लंड पर दबा दिया। साहिल के लिए तो ये जैसे खुला न्यौता था। उसने रूबी के कंधे पर से हाथ हटा दिया और धीरे से पीछे लाते हुए अपने अंदर वियर को नीचे सरका दिया। रूबी को जैसे ही साहिल के नंगे लंड का एहसास अपने गीली साड़ी में लिपटी हुई गांड़ पर महसूस हुआ तो उसे एक तेज झटका सा लगा और वो हल्की सी आगे को हुई तो साहिल ने अपना एक हाथ अपनी मा के पेट पर टिकाते हुए और पीछे की तरफ खींच लिया और लंड पूरी तरह से अब रूबी की गांड़ में उसके छेद पर अड गया। रूबी के मुंह से एक मस्ती भरी आह निकल पड़ी
" उई मा आह, है भगवान , ओह साहिल बेटा तुमने मुझे गिरने से बचा लिया।
साहिल ने प्यार से रूबी के पेट पर हाथ फेरते हुए कहा:"
" ओह मम्मी, आपके बेटे के होते हुए आपको डरने कि कोई जरूरत नहीं हैं, वैसे मम्मी आप का पेट कितना पतला और मुलायम हैं एक दम।
रूबी के पेट पर घूमती हुई उसके बेटे की उंगलिया उसे हर ज्यादा बहका रही थी और रूबी ने अपने पैर को हल्का सा खोल दिया जिससे लंड अब बिल्कुल पूरी तरह से उसकी गांड़ के बिलकुल अंदर छेद पर दस्तक देने लगा। रूबी की आंखे मस्ती से बंद हो गई और उसने एक हाथ अपने बेटे के कंधे पर रख दिया और अपनी टांग को फिर से बंद करते हुए बोली:"
" आह साहिल, क्या सच मैं मेरी फिटनेस इतनी ज्यादा अच्छी हैं बेटा आह।
रूबी के टांगे बंद करते ही लंड गांड़ के दोनो पटो के बीच फस सा गया। साहिल पूरी तरह से मचल उठा और उसने रूबी के पर को थोड़ा जोर से थाम लिया और अपनी नंगी छाती अपनी मा की नंगी पीठ पर रगड़ते हुए बोला
" आह मम्मी, आपकी फिटनेस कि तो पूरा दिल्ली मेरठ कसमें खाता हैं, उफ्फ पानी कितनी तेज गिर रहा है मम्मी।
इतना कहकर उसने रूबी को जोर से पकड़ लिया तो रूबी ने भी अपनी गांड़ जोर से पीछे की तरफ कर दी और लंड को महसूस करके मस्ती से सिसकते हुए बोली:"
" आह बेटा सच में पानी तेज हैं, तू मुझे कसकर पकड़ ले बेटा कहीं मैं गिर ना जाऊ।
साहिल ने अब अपनी मा को अपने जिस्म में पूरी तरह से समेत लिया और हल्का हल्का आगे पीछे होने लगा जिससे लंड के धक्के गांड़ पर पड़ने लगे। दोनो मा बेटे इस मस्ती भरे एहसास से हवा में उड़ रहे थे लेकिन एक दूसरे पर सीधा हाथ डालने की हिम्मत नहीं हो रही थी।
रूबी ने भी अब पानी तेज होने का फायदा उठाकर अपनी गांड़ को लंड पर रगड़ना शुरु कर दिया और साहिल तो अब अपना हाथ रूबी के पेट पर फेरते हुए धक्के लगाने लगा।
साहिल की लंबाई रूबी से ज्यादा थी इसलिए पीछे खड़े होने के कारण उसे अपनी मा की चूचियां साफ़ नजर आ रही थी। उफ्फ निप्पल पूरे टाइट होकर अपना मुंह उठा रहे थे। साहिल धीरे धीरे अपने होंठ अपनी मा की गरदन पर फेर रहा था जिससे रूबी के सब्र का बांध टूट पड़ा और उसने एक हाथ नीचे करते हुए अपनी चूत पर टिका दिया और सारी के उपर से ही मसलने लगी। साहिल भी ये सब देखते ही अपने होश खो बैठा और उसने रूबी की गांड़ पर से साडी को हटा दिया और अब बिल्कुल नंगा लंड उसकी मा की एकदम नंगी गांड़ पर जा लगा तो रूबी के मुंह से एक मस्ती भरी आह निकल पड़ी
" आह बेटा, उफ्फ उई मा,
रूबी लंड के एहसास से कांप उठी और उसकी चूत में तूफान सा उठ गया। रूबी ने अपनी साडी को हटाते हुए अपनी उंगली को चूत पर रख दिया और सहलाने लगी। साहिल अपनी आंखो से ये सब होते देख रहा था और उसने अब जोर जोर से रूबी की गांड़ पर धक्के मारने शुरू कर दिए। रूबी के मुंह से मस्ती भरी सिसकारियां निकलने लगी और उसने एक उंगली को अपने मुंह में भर कर चूस लिया और फिर नीचे ले जाते हुए अपने चूत में घुसा दिया और मस्ती से सिसक उठी
" आह साहिल, उफ्फ बेटा,
साहिल ने अपना हाथ नीचे लाते हुए रूबी की चूत में घुसी हुई उंगली को छोड़कर पूरा हाथ पकड़ लिया। अब रूबी की उंगली उसकी चूत में ही घुसी रह गई और बाहर नहीं निकल पाई तो रूबी हाथ छुड़ाने की कोशिश करने लगी लेकिन कामयाब नहीं हो पाई तो उसने अपनी चूत को ही उंगली पर आगे पीछे करना शुरु कर दिया। फिर तो जैसे कमाल हो गया, गांड़ के लंड पर धक्के पड़ने लगे और साहिल ने भी रूबी की हालत समझते हुए उसकी हाथ को ढील दी तो उंगली भी आगे पीछे होने लगी। रूबी की चूत में सनसनी सी उठ रही थी और साहिल अब पूरी ताकत से रूबी के हाथ को आगे पीछे कर रहा था जिससे रूबी की उंगली उसकी चूत में बहुत भयंकर रफ्तार से घुस रही थी।
रूबी की चूत में हलचल शुरू हो गईं और साथ ही साथ साहिल के लंड के धक्के भी बढ़ते चले गए। तभी साहिल ने अपनी जीभ को अपनी मा की गर्दन पर फेर दिया और रूबी ने जोर से सिसकते हुए अपनी उंगली को जड़ तक घुसा लिया और मस्ती से सिसक उठी
" आह गई मेरी चूत, उफ्फ आह मा,
जैसे ही उंगली अंदर घुसी तो गांड़ अपने आप पीछे हो गई और साहिल ने भी एक आखिरी तेज धक्का लगाया और रूबी को उसकी गांड़ का छेद खुलता हुआ महसूस हुआ और साहिल के लंड ने वीर्य की पहली बारिश अपनी मा के गांड़ के छेद पर दी और उससे कसकर लिपट गया।
दोनो मा बेटे ऐसे ही एक दूसरे से लिपटे हुए खड़े रहे और साहिल ने होश में आते हुए धीरे से अपनी की चादर को ठीक किया और अपने अंडर वियर को उपर करते हुए बोला:"
" ओह मम्मी, बहुत मजा आया नहाने में आपके साथ, अब तो मै रोज ही आपके साथ नहाया करूंगा।
रूबी ने भी चादर के ठीक होते ही अपनी आंखे खोल दी और पलट कर बोली:
" अच्छा जी, मुझे भी बहुत अच्छा लगा बेटा, तूने मुझे कितनी बार गिरने से बचाया। आज तो अनूप नहीं था लेकिन कल से वो होगा फिर कैसे नहाएगा मेरे साथ ?
साहिल ने अपनी मा का हाथ पकड़ लिया और बोला:_
" मा अनूप का तो मैं खुद सोच लूंगा उसका क्या करना हैं, अब आपको अनूप की नहीं बल्कि अपने बेटे की जरुरत हैं। उससे अब कुछ नहीं हो पाएगा।
रूबी:" अच्छा क्या कुछ नहीं हो पाएगा उससे ? बताओ तो मुझे जरा तुम ?
साहिल बोलना तो चाहता था कि वो तुम्हारी गर्मी दूर नहीं कर पाएगा लेकिन शर्म के मारे बोल नहीं पाया और बोला:"
" आपकी सारी मुश्किलें दूर नहीं कर पाएगा अब वो।
रूबी के होंठो पर स्माइल अा गई और बोली:"
" अच्छा और तुम्हे लगता हैं कि तुम मेरी सारी मुश्किल दूर कर दोगे ?
साहिल:' एक बार कहकर तो देखो, जान भी दे दूंगा तुम्हारे लिए मम्मी।
रूबी:" लगता हैं तुम भी और लडको की तरह अपनी मा के दीवाने हो गए हो।
साहिल रूबी की आंखो में देखते हुए बोला:" दीवाना, आशिक जो मर्जी कहो, अब तो सिर्फ तुम्हारा हूं मेरी मम्मी।
" आशिक हैं तेरे हम इस बात से इंकार नहीं,
झूठ कैसे कहूं कि तुमसे प्यार नहीं ,
कुछ कुसूर तो आपकी अदाओं का भी हैं जहांपनाह
हम अकेले ही तो गुनहगार नहीं।
रूबी साहिल की शायरी सुनकर मन ही मन बहुत खुश हुई लेकिन हल्का गुस्सा करते हुए बोली:"
" मारूंगी बहुत तुझे आशिक के बच्चे, रात बहुत हो गई है आओ अंदर चलते हैं।
साहिल:" आप क्या मारेगी मम्मी, मारूंगा तो मैं वो भी उठा उठा कर।
रूबी के होठों पर एक बार फिर से स्माइल अा गई और चलते हुए बोली:"
" तू क्या मारने की बात कर रहा है बेटा साहिल ?
इतना कहते ही रूबी ने एक हाथ से अपनी चूत के पास जांघ को सहला दिया तो साहिल ये देखकर मस्त हो गया और बोला:"
" ओह मम्मी मैं हर उस चीज को मार दूंगा जो आपको परेशान करती है और सोने नहीं देती।
रूबी सोचने लगी ये भगवान ये तो मेरी चूत मारने की बात रहा हैं इसलिए मस्त होते हुए बोली
" अच्छा कैसे मारेगा तू ? बंदूक हैं क्या तेरे पास ?
साहिल ने अपने लंड पर नजर डाली और बोला:"
" ओह मा बंदूक में तो बार बार गोली भरनी पड़ती है, मैं तो मोटे डंडे से मार दूंगा। तगड़ा करके मारूंगा जोर जोर से।
रूबी:" अच्छा जी इतना भी मत मार देना की वो मर ही जाए,
साहिल:" ओह मा, उसको तो जितना मारो उतना ही सुकून मिलता हैं, मारने वाले को भी और मरवाने वाले को।
रूबी:" धत तेरे की, तू क्या मारने कि बात कर रहा है साहिल ?
साहिल:" हर उस चीज को मेरी मा को परेशान करती हैं। मम्मी बताओ ना क्या आप मारने दोगी ?
रूबी हल्की सी मुस्कान देते हुए बोली:" क्या मारने कि बात कर रहे हैं तुम ?
साहिल:" आपकी मुश्किलें और क्या मम्मी। आप भी ना पता नहीं क्या क्या सोचती हो।
रूबी ने साहिल को एक थप्पड़ दिखाया और साहिल ने अपने दोनो कान पकड़ लिए। चलते चलते दोनो घर के अंदर घुस गए और दोनो थके हुए थे और बिस्तर पर पड़ते ही आंख लग गई।
अगले दिन सुबह दोनो लेट तक सोते रहे और करीब आठ बजे रूबी की आंख खुली तो देखा कि आठ बज गए हैं तो वो तेजी से बाथरूम कि तरफ भागी और देखा कि शांता सफाई कर रही है। रूबी ने शांता के पैर छुए और बाथरूम में घुस गई। थोड़ी देर बाद ही वो नहाकर वापिस अा गई। शांता अब नाश्ता तैयार कर रही थी। रूबी अपने कमरे में कपडे बदल रही थी और साहिल की आंख खुली तो वो अपनी मा को देखने के लिए उसके कमरे में गया तो देखा कि रूबी नहा चुकी हैं और अपने ब्लाउस को पहन रही थी लेकिन मुश्किल हो रही थी तो साहिल को देखते ही पहले तो डर गई लेकिन फिर रात वाली घटना याद करके स्माइल कर दी और बोली:
" इधर आओ तो बेटा, इसे पहनने में मेरी मदद करो,
साहिल आगे आया और रूबी के दोनो कंधे थाम लिए और उसे ब्लाउस पहना दिया और बोला:"
" क्या मम्मी आप सुबह सुबह अकेली ही नहा ली, अब मैं अकेला कैसे नहाऊंगा,
रूबी:" ज्यादा सपने मत देखो तुम, जाओ और जल्दी से नहा कर आओ मुझे भूख लगी हैं बहुत तेज बेटा।
साहिल:" अच्छा ठीक हैं, लेकिन मम्मी ध्यान रखना मैं सिर्फ सपने देखता ही नहीं हूं बल्कि उन्हें पूरा भी करता हूं।
इतना कहकर साहिल ने रूबी की तरफ देखा तो रूबी ने उसे जीभ निकाल कर दिखा दी मानो कह रही हो कि तुम सिर्फ सपने देखते रहो। साहिल ने भी स्माइल दी और बोला:"
" आप एक बार शाम को घर आओ तो सही, तब देखता हूं।
साहिल बाथरूम में घुस गया और नहाकर अा गया। नाश्ता करने के बाद रूबी योगा सेंटर चली गई जबकि साहिल ने एक बार आज अपने बाप के ऑफिस जाने के बारे में सोचा ताकि उसे वहां से कुछ और जानकारी मिल सके। वो जानता था कि अभी आज अनूप ऑफिस में नहीं होगा इसलिए आराम से मैं अपना काम कर सकता हूं।
साहिल ने गाड़ी निकाली और ऑफिस की तरफ चल दिया।
Shaandaar mazedaar lajawab update dostसाहिल जल्दी ही ऑफिस पहुंच गया और सबसे पहले उसकी मुलाकात मैनेजर दुबे जी से हुई तो साहिल ने उनकी उम्र का लिहाज करते हुए उनके पैर छुए तो दुबे पूरी तरह से गदगद हो गए। उन्होंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था जिस कंपनी में उन्होंने अपनी सारी ज़िन्दगी गुज़ार दी उसका होने वाला मालिक उन्हें इतना बड़ा सम्मान देगा। दुबे ने दो हाथ साहिल के सिर पर रखे और बोले:"
" जुग जुग जियो बेटा, भगवान तुम्हे इज्जत, धन दौलत से मालामाल कर दे।
साहिल ने उन्हें स्माइल दी और उन्हें पास ही पड़ी हुई चेयर पर बैठ गया। दुबे जी एकदम से बोले:"
" अरे साहिल सर ये कुर्सी अापके लिए नहीं हैं, आपके लिए तक अंदर बहुत ही मुलायम और गद्देदार घूमने वाली कुर्सी लगी हुई हैं बेटा।
साहिल के होंठो पर एक हल्की सी स्माइल अाई और बोला:"
" बाबा जी कुर्सी तो कुर्सी ही होती हैं, क्या मुलायम और क्या कठोर। इंसान को वक़्त पर जो मिल जाए वहीं अच्छी होती है।
दुबे को आज एहसास हुआ कि दोनो बाप बेटे में कितना अंतर है। वो समझ गए कि ये सब जरूर उसकी मालकिन रूबी के संस्कारों का ही कमाल हैं।
दुबे:" बेटा आप तो सचमुच एक बेहद अच्छे इंसान हैं, हमेशा इन्हीं आदर्शो और संस्कारों पर चलना।
साहिल:" जी बाबा बस आपका आश्रीवाद चाहिए मुझे।
दुबे:" बेटा मेरा आशीर्वाद हमेशा आपके साथ रहेगा। अच्छा ये बताओ आज इधर कैसे आना हुआ ?
साहिल ने एक गहरी सांस ली और बोला:" बस ऐसे ही पापा आज नहीं आयेंगे तो वो बोलकर गए थे कि ऑफिस चले जाना और दुबे जी से सब कुछ अच्छे से समझ लेना। पापा आपकी बहुत तारीफ कर रहे थे।
साहिल ने अपन अपना काम निकालने के लिए दुबे जी को मक्खन लगाया लेकिन दुबे जी अनूप को भली भांति जानते थे इसलिए बोले:"
" क्या बेटा सच में उन्होंने ऐसा बोला ? मुझे तो यकीन नहीं हो रहा हैं बेटा।
साहिल दुबे जी के चेहरे पर आए हैरानी के भावों को देखकर समझ गया कि अनूप का जितना खराब व्यवहार घर पर हैं उससे कहीं ज्यादा ऑफिस में हैं।
साहिल:" जी पापा ने ऐसा ही बोला हैं। अच्छा आप मुझे बताए ऑफिस के बारे में, मुझे सारी कंपनी घुमा दीजिए एक बार।
दुबे जी और साहिल दोनो खड़े हो गए और दुबे जी ने साहिल को जब जगह दिखाना शुरू कर दिया। साहिल एक एक चीज को ध्यान से देख और समझ रहा था।
करीब दो घंटे के अंदर साहिल ने सब कुछ देखा लिया और एक डायरी में नोट करता रहा। बाद में दोनो अनूप के ऑफिस में आकर बैठ गए।
साहिल:" अच्छा मैंने देखा कि हमारी आधे से ज्यादा अच्छी मशीन तो बंद पड़ी हुई हैं ऐसा क्यों दुबे जी ?
दुबे जी के माथे पर पसीना छलक उठा और उन्होंने अपना रुमाल निकाल कर मुंह साफ किया और बोले:" बेटा अब बेचारे कर्मचारी बिना वेतन के कितने दिन काम कर सकते हैं, एक महीना या दो महीना, अधिकतर छोड़ कर चले और अब तो बस जो कुछ बचे हुए हैं वो अपने नमक का हक अदा कर रहे हैं। पता नहीं कब कब ये भी छोड़कर चले जाए।
साहिल के दिमाग में धमाका सा हुआ और चौंकते हुए बोला"
" क्या क्या है भगवान, क्या आपको जो कह रहे हैं वो सच हैं ?
दुबे:" हान बेटा, बिल्कुल सत्य हैं, सच तो ये हैं कि कंपनी पूरी तरह से कर्ज में डूब चुकी हैं और बैंक लॉन में गिरवी रखी हुई हैं।
साहिल के सामने आज रहस्य की पट्टियां खुल रही थी और उसे यकीन करना मुश्किल हो रहा था। साहिल:"
" लेकिन बाबा ये सब हुआ कैसे ? हमारी तो इतनी बड़ी मार्केट थी, ये सब डूब कैसे गया ?
दुबे जी:" बेटा सही तो नहीं पता, लेकिन सच्चाई हैं कि हमें पिछले पांच साल से कोई भी टेंडर नहीं मिला हैं , ये सब बिजनेस जो तुम्हारे दादा जी ने खड़ा किया था आपके पिता जी ने सब अपनी अय्याशी में डूबो दिया हैं।
साहिल:" लेकिन एकदम से इतना नुकसान कैसे हो सकता हैं?
दुबे:" बेटा अनूप साहब तो बस नशे में डूबे रहे और देखते ही देखते नीरज मिश्रा सब टेंडर और काम लेते गए। हर टेंडर में नुकसान होता रहा और धीरे धीरे सब डूब गया।
नीरज का नाम आते ही साहिल समझ गया कि उनके बिजनेस को तबाह करने में सबका बड़ा हाथ उसका ही हैं। लेकिन वो ये सब कर क्यों रहा हैं। साहिल:"
" अच्छा सर आप एक बात बताए कि ये नीरज कौन हैं और उसने इतनी जल्दी इतना नाम कैसे कमाया ?
दुबे ने बहुत ही अजीब सी नजरो से साहिल की तरफ देखा और बोला:" नीरज तुम्हारे पिता जी के सबसे अच्छे दोस्त हैं। बेटा इससे ज्यादा तो मुझे नहीं पता लेकिन एक बात जान लो कि समय अपने आपको दोहरा रहा हैं।
साहिल:" वो कैसे समय अपने आपको दोहरा रहा हैं ?
दुबे:" बेटा मुझे ठीक से कुछ नही पता हैं इसलिए क्या बताऊं।
साहिल:" आपको जो भी पता हैं आप मुझे सब बता दीजिए ताकि मैं इस डूबती हुई कंपनी को बचा सकू।
दुबे ने घबरा कर दोनो हाथ जोड़ दिए और बोला:" माफ करना बेटे , मैं इससे आगे कुछ नहीं जानता ।
साहिल समझ गया कि दुबे जी जरूर कुछ छिपा रहे हैं और उसने उन्हें जायदा मजबुर करना जरूरी नाही समझा। फिर कुछ सोचते हुए बोला:"
" अच्छा बाबा आप एक बात बताओ कंपनी के पैसे का हिसाब कौन रखता था ? पापा कितने दिन बाद ये सब देखते थे ?
दुबे को लगा जैसे किसी ने उसके जख्मों को कुरेद दिया हो। अपनी पीड़ा को छुपाते हुए बोले:"
" बेटा पहले तो मैं ही देखता था फिर उन्होंने प्रिया और लीमा को काम पर रख लिया और वो दोनो ही ऑफिस का ज्यादातर काम देखने लगी। वैसे प्रिया ही सारा हिसाब देखती थी क्योंकि लीमा और वो दोनो एक दूसरे से बात करना पसंद नहीं करती थी। लीमा का स्वभाव थोड़ा अलग था क्योंकि उसने एक बार प्रिया को थप्पड़ मार दिया था और उसके बाद भी प्रिया सब अपमान सहन कर गई और यहीं जॉब करती रही।
साहिल को तो लगा रहा था कि दोनो अच्छी दोनो होनी चाहिए लेकिन दोनो के बीच की दुश्मनी ने मामले को और उलझा दिया।
साहिल आगे बोला:"
" अच्छा बाबा मैं चलता हूं, आपका बहुत धन्यवाद। मैं अपनी कंपनी को बचाकर फिर से सभी मजदूरों के घरों को आबाद करना चाहता हु। अगर आपको लगे कि मुझे और कुछ बताना चाहिए तो आप मुझे कॉल करना।
इतना कहकर साहिल ने उन्हें अपना मोबाइल नंबर दिया और उनके पैर छूकर घर की तरफ चल पड़ा। दुबे जी साहिल के इस व्यवहार से एक बार फिर से प्रभावित हुए बिना नहीं रह सके।
उधर रूबी भी योगा सेंटर पहुंच गई और उसने लोगो को योग कराया और उसके बाद अपने ऑफिस में बैठी हुई रात हुई घटनाओं के बारे में सोच रही थी कि किस तरह से रात उसने भोली बनकर अपने बेटे के साथ मस्ती करी थी। मेरा बेटा तो अब पूरा मर्द बन गया हैं, सच में हीरो लगता हैं मेरा बेटा।
लेकिन क्या मैंने जो रात किया वो सब सही था। लेकिन मैं और क्या करू, अनूप तो अब किसी काम का रहा नहीं। लेकिन साहिल पहले से ही मुझे खराब चरित्र की मान रहा था और अब क्या सोच रहा होगा वो मेरे बारे में !!
मुझे साहिल को अपनी तरफ आकर्षित करना है तो उसकी मर्जी होनी चाहिए। वैसे वो भी ये ही सब चाहता है लेकिन फिर भी मुझे सावधानी से काम लेना होगा ताकि उसे कहीं से भी ये ना लगे कि मैं खुद ये सब सोच रही हूं।
रूबी खड़ी हुई और ऑफिस बंद करने के बाद घर की तरफ चल पड़ी।
रूबी घर के अंदर दाखिल हो गई और थोड़ी देर आराम करने के बाद उसने साहिल को फोन किया
" साहिल कहां हो बेटा ?
साहिल घर की तरफ की अा रहा था तो बोला:"
" बस मम्मी घर आने वाला हूं थोड़ी देर बाद।
रूबी ने फोन काट दिया और देखा कि शांता खाना बना चुकी थी और बाहर ही गैलरी में घूम रही थी। रूबी को उसका इस तरह से घूमना ना जाने क्यों पसंद नहीं आया और बोली:'
मम्मी क्या हुआ आपकी तबीयत तो ठीक हैं ना ?
शांता:" हान ठीक हूं मैं, खाना लगा दू क्या आपके लिए ?
रूबी:" हान लगा दो आप, साहिल भी आने वाला हैं , तब तक आप खाना गर्म कीजिए।
शांता किचेन में चली गई और अपना काम करने लगी। थोड़ी देर के बाद साहिल अा गया और उसने अपनी मा देखते ही स्माइल दी और बोला:"
" मम्मी मुझसे आपसे बहुत जरूरी बात करनी हैं, मैं आज पापा के ऑफिस गया था।
रूबी:_ बेटा पहले तुम जाकर फ्रेश हो जाओ और फिर खाना खाकर आराम से बात करते हैं।
साहिल ना चाहते हुए भी नहाने के लिए चला गया और थोड़ी देर बाद सभी लोग खाना खा चुके तो शांता बाहर सफाई में लग गई तो रूबी बोली:"
" मा जी आप रहने दीजिए, मैं खुद काम कर लूंगी, आप थक जाती होगी।
शांता थोड़ा नाराज होते हुए बोली:" पिछले कुछ दिनों से देख रही हूं कि तुम मुझे काम नहीं करने दे रही हो, मुझसे कोई गलती हुई हैं क्या ?
रूबी:" नहीं मा जी बस आपकी उम्र का ख्याल रखती हूं मैं, आप आराम कीजिए। बाकी मैं खुद कर लूंगी।
शांता रूबी की बात सुनकर बहुत दुखी हुई और ना चाहते हुए भी बाहर की तरफ चल पड़ी। शांता के जाने के बाद रूबी और साहिल दोनो सोफे पर बैठ गए और रूबी बोली:"
" हान बेटा बताओ क्या हुआ ?
साहिल:" मम्मी आज ऑफिस गया तो वहां दुबे जी से मेरी बात हुई और पता चला कि हमारी कंपनी तो बर्बाद हो चुकी हैं। बुरी तरह से कर्ज में डूब गई है।
रूबी एकदम से चौंकते हुए बोली:"
" क्या बेटा ऐसा कैसे हो गया ? क्या ये सच बात हैं क्या ?
साहिल:" हान मम्मी, सच हैं और ये सब कहीं का कही उस नीरज की वजह से हुआ है, साथ ही साथ प्रिया और लीमा दोनो ने मिलकर हमे बर्बाद किया हैं।
रूबी:* है भगवान, इसका मतलब नीरज बहुत कमीना आदमी निकला, प्रिया और लीमा दोनो इसके लिए ही काम करती हैं।
साहिल:" नहीं , मुझे लगता हैं कि कोई और भी हैं जो हमें बर्बाद देखना चाहता है क्योंकि लीमा और प्रिया आपस में जानी दुश्मन हैं। कोई तो हैं जो ये सब करना चाह रहा हैं।
रूबी:" है भगवान कौन हो सकता हैं और , ये सब तेरे कमीने बाप की वजह से हो रहा हैं।
साहिल:" लेकिन हमें अब ये सब ठीक करना होगा। मुझे तो लगता हैं कि पापा को मिला नया टेंडर भी उन्हें फसाने की कोई साजिश हैं, मम्मी मुझे आपका साथ चाहिए इस मुश्किल से निकलने के लिए।
रूबी ने साहिल का हाथ पकड़ लिया और बोली:" बेटा हर कदम पर तेरे साथ हूं। बोल क्या करना होगा मुझे ?
साहिल:" अभी तक कुछ नहीं, बस पहले आज शाम को अनूप अा जाए , उसके बाद देखता हूं क्या करना होगा।
दोनो की बात जैसे ही खत्म हुई तो साहिल को बाहर किसी के क़दमों की आहट हुई तो वो बाहर आया लेकिन दूर दूर तक कोई नहीं दिखा। रूबी भी साथ थी लेकिन उसे भी कोई नहीं दिखा। रूबी बोली:"
" क्या हुआ बेटा ?
साहिल:" मुझे लगा जैसे बाहर कोई हैं और छुपकर हमारी बाते सुन रहा हैं। लेकिन यहां तो कोई भी नहीं हैं।
रूबी कुछ सोचते हुए बोली:"
" कहीं शांता तो नहीं थी ? बेटा पता नहीं आजकल क्यों मुझे उसका व्यवहार ठीक नहीं लग रहा हैं ?
साहिल:" ओह मम्मी आप भी ना, वो तो एक गरीब बूढ़ी औरत हैं। वो नहीं हो सकती।
रूबी:" लेकिन मेरा दिल नहीं मान रहा बेटा, एक बार देखे कि क्या वो अपनी कमरे में हैं या नहीं ?
साहिल और रूबी दोनो बाहर नौकरों के लिए बने कमरे में आए तो खिड़की से देखा कि शांता तो पड़े हुए खर्राटे मार रही थी। दोनो वापिस घर के अंदर अा गए और थके होने के कारण सो गए।
शाम को रूबी की आंखे खुली तो देखा कि शांता खाना बना रही थी तो वो भी उसकी मदद करने में जुट गई।
शांता:" रूबी मेरी बेटी का कुछ पता चला क्या ? कहां गई मेरी सपना फिर से ?
रूबी:" मा जी हम धुंध रहे हैं जैसे ही मिल जाएगी आपके हवाले कर दिया जाएगा।
शांता पूरी तरह से उदास हो गई और उसकी आंखो से आंसू टपक पड़े और सुबकते हुए बोली
" पता नहीं कहां होगी , किस हाल में होगी मेरी बेटी ?
रूबी:" आप परेशान मत हो मा जी, हम बहुत ही जल्दी धुंध लेंगे।
शांता थोड़ा शांत हुई और काम में लग गई। दूसरी तरफ साहिल भी उठ गया था और और उसने बाहर घूमने का सोचा क्योंकि वो अक्सर घूमने जाया करता था।
साहिल:" मम्मी मैं बाहर जा रहा हूं, कुछ काम हैं आप चलेगी क्या ?
रूबी:" क्या काम हैं बेटा तुम्हे ? कहां जाना हैं ?
साहिल:" वो मम्मी बाजार का कुछ काम हैं। आओ जल्दी वापिस अा जाएंगे।
रूबी:" ठीक हैं तुम गाड़ी निकालो मैं अा रही हूं।
साहिल ने गाड़ी निकाली और रूबी के साथ मार्केट की तरफ बढ़ गया। रूबी;"
" अरे बेटा तुम्हे अचानक से क्या काम अा गया जो एक दम से अा गए ?
साहिल स्माइल करते हुए बोला:"
" काम तो कुछ नहीं मम्मी, बस आपके साथ थोड़ा घूमने का मन था। और कोई तो मेरा दोस्त हैं नहीं तो आप ही हो मेरी सबसे अच्छी दोस्त।
रूबी:" अच्छा तुम तो बड़े तेज निकले बेटा, तुम्हे कोई और नहीं मिली दोस्त बनाने के लिए ?
साहिल:" मम्मी आपके जैसा कोई नहीं हो सकता, और सच कहूं तो आपकी ज़िन्दगी में एक दोस्त की बहुत ज्यादा जरूरत हैं। जो आपका ध्यान रखे, केयर करे और आपको हंसाए।
रूबी:" हान बेटा, सच हैं ये बात तो मेरी ज़िन्दगी बेरंग सी हो गई हैं, अनूप ने सिर्फ मेरे विश्वास ही नहीं बल्कि मेरी आत्मा तक को छलनी कर दिया हैं।
साहिल:" बस मम्मी अब आपको चिंता करने की कोई ज़रुरत नहीं है, आपका बेटा अब आपकी ज़िन्दगी में प्यार के रंग भर देगा।
रूबी ने साहिल का हाथ पकड़ लिया और बोली:".
" ठीक है फिर आज से हम दोस्त हुए, पक्का प्रोमिस।
साहिल: पक्का एकदम पक्का।
साहिल ने थोड़ी देर गाड़ी चलाने के बाद एक सुंदर से होटल के सामने रोक दी और बोला:"
" चलो ठीक हैं फिर दोस्त बनने की पहली पार्टी हो जाए।
रूबी:" लेकिन बेटा खाना तो मैं बनाकर आई हूं। बाहर नहीं खाना ना फिर।
साहिल:" ओह मम्मी, हूं सिर्फ आइस क्रीम खाएंगे। आपको पता हैं मेरठ की सबसे अच्छी आइस क्रीम यहीं मिलती है। वानीला के एक से बढकर ब्रांड हैं यहां।
रूबी स्माइल के साथ गाड़ी से उतर गई और दोनो मा बेटे अंदर घुस गए। दोनो आइस क्रीम खाकर निकलने ही वाले थे कि तभी रूबी ने साहिल को बाथरूम जाने का इशारा किया और बाथरूम की तरफ चल पड़ी। साहिल वहीं बिल चुकाने के बाद उसका इंतजार करने लगा।
बाथरूम अंदर से बंद था और जैसे ही बाथरूम खुला तो रूबी को 440 वोल्ट का झटका लगा क्योंकि अंदर से लीमा बाहर निकली और उसे देखते ही रूबी ने साहिल को पुकारा और उसे दबोच लिया।
लीमा छूटने की कोशिश करने लगी और दोनो फर्श गिर पड़ी। साहिल तब तक पहुंच गया और रूबी तेजी से बोली:"
" साहिल ये लीमा हैं, उठाओ उसे और भागो।
साहिल ने बिना देर किए उसे कंधे पर उठाया और गाड़ी की तरफ दौड़ लगा दी। पीछे पीछे किडनैप होते देखकर होटल की सिक्योरिटी दौड़ पड़ी। लेकिन साहिल ने तेजी से लीमा को पीछे की सीट पर पटका और रूबी भी बिजली की गति से अंदर घुस गई और साहिल ने तूफान की गति से गाड़ी दौड़ा दी। सिक्योरिटी वाले देखते ही रह गए और कुछ नहीं कर पाए।
अंदर गाड़ी में बैठी लीमा ने रूबी पर हमला कर दिया और रूबी के साथ उसकी लड़ाई शुरू हो गई। लीमा ने रूबी को दो तीन थप्पड लगा दिए लेकिन लीमा रूबी के स्टेमिना के आगे टिक नहीं पाई और रूबी ने मार मारकर उसका हाल खराब कर दिया।
साहिल ने गाड़ी को गति से दौड़ते हुए कच्चे रास्ते पर उतार दिया और रोककर उसने लीमा पर दो चार तेज थप्पड़ दिए तो लीमा के कस बल ढीले हो गए और वो रोते हुए बोली:"
" आह मुझे छोड़ दो, माफ कर दो मुझे साहिल।
साहिल:" कमीनी मेरी मा पर हाथ उठाती है तेरे हाथ तोड़ दूंगा साली कुतिया कहीं की।
साहिल ने ताबड़तोड़ कई थप्पड़ लीमा को जड़े तो लीमा बेहोश हो गई। रूबी और साहिल एक पल के लिए डर गए कि कहीं मर तो नहीं गई। लेकिन साहिल ने उसकी नाड़ी देखी और सुकून की सांस ली।
साहिल:" बेहोश हो गई है ये, मम्मी आपको कहीं चोट तो नहीं अाई ना ?
रूबी का गाल हल्का लाल हो गया था लेकिन हिम्मत दिखाते हुए बोली:" नहीं बेटा मैं ठीक हूं, आज किस्मत अच्छी थी जो ये कमीनी मिल गई।
साहिल:' हान मा लेकिन अब तक होटल वाले इसके किडनैप होने की पुलिस में रिपोर्ट करा चुका होंगे और इसके मालिक को भी पता चल गया होगा। अब इसका क्या करे ? अगर ये हमारे साथ रही तो हम फंस जायेंगे।
रूबी:' बेटा इसे हम घर पर तक तो नहीं रख सकते, हान एक तरीका है इसे हम मेरे योगा सेंटर में बंद कर सकते है। वहां कोई होता भी नहीं हैं। लेकिन वहां तक हम जाएंगे कैसे ? पुलिस सक्रिय हो गई होंगी।
साहिल ने कुछ देर सोचा और गाड़ी को वापिस उसी दिशा में घुमा दिया जहां से वो वापिस आए थे। रूबी बौखला गई और बोली:"
" अरे बेटा ये तुम क्या कर रहे हों? वहां से निकले तो हम फंस जाएंगे। वहां तो बहुत ज्यादा पुलिस होगी।
साहिल:" मम्मी दीपक तले ही सबसे ज्यादा अंधेरा होता हैं। जहां केस हुआ हैं पुलिस सोच भी नहीं सकती कि हम वापिस वहीं से निकल सकते हैं।
रूबी ने कुछ नहीं बोला और साहिल की बात सच साबित हुई। रास्ते में कहीं कोई दिक्कत नहीं था। हान होटल के सामने जरूर कुछ पुलिस वाले थे लेकिन उन्होंने गाड़ी चैक करने की जरूरत महसूस नहीं करी और जल्दी ही उनकी गाड़ी रूबी जे के योगा सेंटर के सामने खड़ी हुई थी।
साहिल ने लीमा को कंधे पर उठाया और रूबी ने सेंटर का दरवाजा खोल दिया। साहिल ने लीमा को वहीं के सोफे पर लिटा दिया और एक रस्सी से उसके हाथ पैर बांध दिए।
साहिल ने लीमा के मुंह पर पानी के छींटे मारे और उसने आंखे खोल दी और अपने आपको बंधे हुए पाकर दया की भीख मांगने लगी और बोली:'
" मुझे छोड़ दो मैडम आप प्लीज़, मेरी कोई गलती नहीं हैं, मैं मजबूर थी।
इतना कहकर लीमा फिर से बेहोश हो गई।
इससे पहले कि वो फिर से होश में आती रूबी का मोबाइल बज उठा और उसने देखा कि अनूप का कॉल था।
रूबी:" हान अनूप बोलो क्या हुआ ?
अनूप:" मैं घर बैठा हुआ हूं, तुम दोनो मा बेटे दिख नहीं रहे हो। कहां चले गए तुम ?
रूबी:* तुमसे मतलब, तुम कौन होते हो पूछने वाले, तुम्हे कोई जरूरत नहीं हैं मुझसे बात करने की समझे तुम।
अनूप को रूबी की बात सुनकर गुस्सा तो बहुत आया लेकिन अपमान का घूूट पीकर रह गया। साहिल को लगा कि अगर अनूप जायदा नाराज हो गया तो उसका प्लान जो वो बना रहा था खराब हो जाएगा। इसलिए उसने रूबी से फोन लिया और बोला:"
" जी पापा, हम दोनों तो यहीं शहर में ही हैं और बाद घूमने आए थे। कुछ ही देर में पहुंच जायेगे।
अनूप:" बेटा थोड़ा जल्दी आओ, मुझे कुछ जरूरी काम के लिए बाहर जाना होगा आज भी।
साहिल:" बस पापा आप थोड़ी देर प्रतीक्षा कीजिए, मैं और मम्मी अा रहे हैं। मुझे आपको एक बहुत बड़ी खुशखबरी देनी हैं
अनूप:" ठीक हैं बेटा आओ जल्दी। मैं घर ही मिलता हूं।
अनूप को कुछ तसल्ली हुई कि आज कम से कम उसके बेटे ने तो उससे इज्जत से बात करी हैं। अनूप ने फोन काट दिया और दारू की बॉटल निकाल कर पीने बैठा गया।
वहीं दूसरी तरफ रूबी ने हैरानी से साहिल की तरफ देखा और बोली
" अब तुम क्या करना चाह रहे हो ? ऐसी कौन सी खुश खबरी है जो मुझे नहीं बताई तुमने।
साहिल ने रूबी मक को स्माइल दी और बोला:'
" मम्मी ऐसा कुछ नहीं नहीं हैं, दरअसल मैंने एक प्लान किया हैं बस अब उस पर ही काम करना हैं और वो बिना अनूप के नहीं हो सकता।
रूबी ने शून्य दृष्टि से साहिल की तरफ देखा और साहिल बोला:"
" मम्मी आपको रास्ते में सब बताता हूं, पहले यहां से निकलो जल्दी कहीं ऐसा ना हो अनूप निकल जाए तो बड़ी दिक्कत हो जाएगी।
रूबी:" लेकिन लीमा का क्या करे ? इससे भी तो हमे बहुत कुछ पूछना हैं अभी।
साहिल:" इसको कल दिन में देख लेंगे। अभी फिलहाल अनूप से मिलना बहुत जरूरी हैं।
इतना कहकर साहिल ने एक बॉटल में रखी हुई क्लोरोफॉर्म लीमा को अच्छे से सूंघा दी तो लीमा एक बार के लिए हल्की सी छटपटाई और बेहोश हो गई। साहिल ने एक कपडा लिया और उसे कसकर लीमा के मुंह पर बांध दिया ताकि वो आवाज ना निकाल सके।
साहिल ने अच्छे से दरवाजा बंद किया और घर की तरफ दोनो मा बेटे चल पड़े। रास्ते में साहिल ने अपनी मा को अपना प्लान बनाया शुरू कर दिया और रूबी की आंखे हैरानी से खुलती जा रही थी।