स्पीकर पर नीरज और अनूप की आवाज उभर रही थी और उनके बीच हुई बातचीत साहिल और रूबी दोनो सुन रहे थे।
जैसे ही सिरप के बारे में बात अाई कि उसका असर अब रूबी पर हो रहा होगा तो रूबी समझ हुई कि जरूर सिरप में कुछ ऐसी चीज थी जो उसके अंदर वासना को बढ़ा रही थी।
उसके बात धीरे धीरे बात आगे बढ़ी और जैसे ही नीरज ने कि आवाज की आवाज उभरी कि तुम ये गोली रूबी को खिला देना और उसकी नंगी की वीडियो मुझे बनाकर देना तो रूबी की आंखे गुस्से से लाल होकर दहकने लगी और उसने अपनी जूती निकाल कर बिना कुछ सोचे समझे अनूप को पीटना शुरू कर दिया।
अनूप:" आह रूबी मेरी पूरी बात तो सुनो, ये सब उसकी चाल थी मैं समझ गया था, तुम मुझे गलत समझ रही हों ।
रूबी बिना रुके एक के बाद एक मारती रही और गुस्से से लगभग फुफकारते हुए बोली:"
" कुत्ते, हरामजादे तू कुत्ते की वो पूंछ हैं जो कभी सीधी नहीं हो सकती। आज तुझे ज़िंदा नहीं छोड़ने वाली मै।
अनूप दर्द से तड़पता रहा और रूबी उसे बिना बिना किसी दया के मारती रही। अनूप अपनी सफाई देता रहा और रूबी बिना कुछ सुने उसे पीटते रही।
अनूप:" साहिल बेटे तू तो मेरी बात समझने की कोशिश कर, मैं गलत नहीं हूं।
साहिल ने एक बार अनूप की तरफ देखा और उल्टे हाथ से एक जोरदार घूंसा जड़ दिया तो अनूप तड़पते हुए दूर गिरा और साहिल गुस्से से बोला:"
" साले कुत्ते, मुझे शर्म आती है कि तू मेरा बाप हैं, मैं तुझे अपनी मदद के लिए लेकर गया था और तूने वहां भी मेरा साथ नही दिया।तुझे फिर से वापिस वहीं बंद कर दूंगा उसी तहखाने में।
अनूप उसके पैरो पर गिर पड़ा और हाथ जोड़ते हुए बोला:".
" आह बेटा, मुझे एक आखिरी मौका और दे दे, अब आगे कोई गलती नहीं होगी।
साहिल ने उसकी एक टांग पकड़ी और उसे घसीटते हुए तहखाने में ले गया। अनूप चीखता रहा लेकिन रूबी और साहिल पर कोई फर्क नहीं पड़ा।
लीमा अनूप की ऐसी हालत देखकर हैरान हो गई लेकिन बोली कुछ नहीं।
अनूप:" बेटा मुझे माफ़ कर दे, देख मैं तेरा बाप हू।
साहिल ने गुस्से से उसकी तरफ देखा और उसके मुंह पर थूक दिया और बोला:"
" थू हैं तेरे जैसे बाप पर, आज के बाद तेरे मेरे सारे रिश्ते खत्म।
रूबी खाना लेकर अंदर अा गई और दो प्लेट में खाना लगा था। रूबी ने एक प्लेट लीमा को दी और वो बिना कुछ कहे चुप चाप खाना खाने लगी। वहीं अनूप ने खाने को साइड में रख दिया और फिर से हाथ जोड़कर रूबी से माफी मांगने लगा लेकिन रूबी ने उसकी तरफ गुस्से से देखा और बाहर निकल गई।
रूबी के पीछे पीछे ही साहिल भी बाहर निकल गया और तहखाने के दरवाजे को बंद कर दिया। लीमा खाना खाकर वहीं फर्श पर लेट गई और अनूप ने भी मन मारकर खाना खाया और गुस्से से लीमा की तरफ देखते हुए बोला:"
" मैंने तुम्हारा क्या बिगाड़ा था लीमा, क्यों किया तुम्हे मेरे साथ ऐसा ? देखो ना आज मेरी क्या हालत हो गई हैं।
लीमा को सचमुच उसकी हालत पर दया अा रही थी। लेकिन चाह कर अभी अब वो कुछ नहीं कर सकती थी। अनूप उसके ठीक सामने बैठा हुआ था और बार बार उससे यही सवाल किए जा रहा रहा था कि अचानक से जमीन पर लुढ़क गया।
दारू की बदबू उसके मुंह से अा रही थी और दूसरा रूबी ने अनूप को मारते हुए उसकी जेब से नींद की गोली निकाल कर अनूप के ही खाने में ही मिला दिया था। अनूप फर्श पर गिर पड़ा और लीमा समझ गई थी नींद और नशे के कारण अनूप का ये हाल हो गया है। वहीं दूसरी तरफ लीमा को अपने बदन में गर्मी सी महसूस हुई और उसके जिस्म से चिंगारी सी निकलने लगी।
वहीं दूसरी तरफ साहिल और रूबी दोनो अपने कमरे में अा गए थे और खाना खा रहे थे।
साहिल:' मम्मी ये अनूप तो साला कुत्ते की पूंछ ही निकला, इतने लंबे लंबे वादे और कितना रों रहा था साला।
रूबी थोड़ा उदास होते हुए बोली:"
" इस आदमी ने मेरी ज़िंदगी खराब कर दी है साहिल। लेकिन अब मैं भी चैन से नहीं बैठने वाली। हर एक से बदला लिया जाएगा। मैंने वो नींद की टैबलेट अनूप के खाने में मिला दी और वो विटामिन सिरप आधी दे ज्यादा लीमा के खाने में। अब सेक्स लीमा के सिर चढ़कर बोल रहा होगा और उसकी हालत ऐसी हो गई होगी कि कुत्ते को भी अपने उपर चढ़ा लेगी लेकिन वहां होगा सिर्फ अनूप और उससे कुछ होगा नहीं। कैसी रही साहिल बेटा मेरी चाल ?
साहिल:' वाह मम्मी, आपने तो कमाल कर दिया। सच में आपने एक तीर से दो शिकार कर दिए। लीमा की हालत देखने वाली हो रही होगी।
रूबी:" हान बेटा, आओ चलो देखते हैं नीचे क्या गुल खिले हुए हैं दोनो के।
इतना कहते रूबी स्माइल के साथ खड़ी हुई और साहिल उसके पीछे पीछे चल दिया। साहिल ने धीरे से तहखाने का दरवाजा हल्का सा खोल दिया और दोनो मा अपनी नजरे गड़ाए अंदर देखने लगे।
लीमा की आंखे लाल होने लगी और गला सूखता चला गया। उसे समझ नहीं अा रहा था कि उसके साथ ये सब क्या हो रहा हैं। उसके सारे जिस्म में एक अजीब सी हलचल मची हुई थी और बेचैनी में इधर उधर चक्कर काट रही थी। लीमा से जब गर्मी बर्दास्त नही हुई तो उसने कपडे उतार फेंके और सिर्फ ब्रा पेंटी में रह गई। लीमा का हाथ अपने आप उसकी चूचियों पर अा गए और उसने उन्हें सहलाना शुरू कर दिया तो उसके मुंह से मस्ती भरी सिसकारियां निकलने लगी।
रूबी ये सब देख कर अंदर ही अंदर खुश हो रही थी लेकिन उसके जिस्म में हलचल सी शुरू हो गई थी। साहिल ठीक उसके पीछे खड़ा हुआ था और दोनो अंदर की तरफ देख रहे थे। साहिल के लंड में भी हल्का हल्का तनाव अा रहा था और वो अब रूबी को अपनी गांड़ पर महसूस हो रहा था।
लीमा की एक उंगली अपने आप ही उसकी टांगों के बीच में घुस गई और उसे अपनी जांघो के बीच में गीलेपन का एहसास हुआ। लीमा ने अपनी चूत को एक बार उपर से नीचे तक सहला दिया और उसके मुंह से मस्ती भरी आह निकल पड़ी।
रूबी का जिस्म पूरी तरह से गरम हो चुका रहा था। साहिल का एक हाथ उसके पेट पर टिका हुआ था और साहिल ने धीरे धीरे रूबी के पर को सहलाना शुरू कर दिया तो रूबी अपने पैरो को साहिल के पैरो पर रगड़ने लगी।
लीमा ने मस्ती से आंखे बंद करते हुए अपनी उंगली को अपनी चूत में घुसा दी और अंदर बाहर करने लगी। उसका पूरा जिस्म उसकी उंगली पर हिल रहा था लेकिन उसे उंगली से इतना मजा नहीं आ रहा था। तभी उसकी नज़र अनूप पर पड़ी और वो कुछ उम्मीद के साथ अनूप के पास अा गई। अनूप सोया हुआ था, लीमा जानती थी उसका लंड थोड़ा छोटा हैं लेकिन काम चला सकता था इसलिए उसने अनूप के लंड को बाहर निकाल लिया।
लीमा आज फिर से अनूप के लंड के साथ खेल रही थी जिसे वो काफी बार मुंह में ले चुकी थी और उससे चुद चुकी थी। लीमा के पूरे कोशिश करने के बाद लंड खड़ा नहीं हो पा रहा था।लीमा समझ गई कि ये सब उसी का तो किया धरा हैं, उसने ही अनूप को उल्टी सीधी दवा खिलाकर इस हाल में पहुंचा दिया है।
लीमा थोड़ा उदास हुई क्योंकि उसे हर हाल में लंड चाहिए था, जिस्म की आग बढ़ती जा रही थी और लीमा ने उम्मीद के साथ अनूप के लंड को मुंह में भर लिया और चूसने लगी।
ये देखकर रूबी पूरी तरह से मदहोश हो गई और साहिल के हाथ के उपर अपना हाथ रख दिया और उसे उपर की तरफ बढ़ाने लगीं और देखते ही देखते साहिल का हाथ रूबी की चूचियों पर अा गया और साहिल ने अपनी मा की चूचियां हल्के से दबा दी तो रूबी ने एक मस्ती भरी आह लेते हुए अपनी टांगो को खोल दिया और लंड ka दबाव उसकी गांड़ के अंदर तक महसूस हुआ।
अनूप की आंखे हल्की सी खुली और लीमा को अपने लंड को चूसते हुए देखकर उसके होंठो पर मुस्कान अा गईं । लीमा के लाख कोशिश करने के बाद भी जब लंड खड़ा नहीं हुआ तो गुस्से से झुंझलाते हुए उसने अनूप को एक थप्पड़ जड़ दिया।
लीमा:" नामर्द कहीं का, ना तुम किसी काम के और ना ही तुम्हारा लन्ड।
अनूप ने गुस्से से लीमा की तरफ देखा और एक के बाद एक कई थप्पड़ उसे जड़ दिए और चिल्लाते हुए बोला:"
" कमीनी कुतिया, ये सब कुछ तेरा ही किया धरा हैं। मेरी ज़िन्दगी बर्बाद कर दी तुमने।
मैं तुझे ज़िंदा नहीं छोडूंगा।
अनूप ने लीमा को पकड़ने की कोशिश लेकिन नशे और नींद के कारण वो उठ नहीं पाया और गिर पड़ा।
ये सब देखकर रूबी अंदर ही अंदर बहुत खुश हो रही थी और उसने पलट कर साहिल के होंठो पर अपने होंठ रख दिए और चूसने लगीं। साहिल ने अपनी एक उंगली की रूबी की पेंटी के अंदर घुसा दिया और रूबी उससे कसकर लिपट गई।
एक लंबे किस के बाद दोनो अलग हुए और साहिल बोला:"
" मम्मी आज तो आप बहुत खुश हूं ना ?
रूबी ने उसके होंठो पर उंगली रख दी और बोली:"
" मम्मी नहीं सिर्फ रूबी, साहिल की रूबी बोल मुझे, आह साहिल मैं सच में बहुत खुश हूं।
साहिल ने अपनी उंगली को रूबी की चूत पर फिराया तो रूबी तड़प उठी और बोली:"
" बस कर साहिल, अब बर्दाश्त नहीं होता, ले चल मुझे बेड पर साहिल मेरी जान। मैं लीमा की तरह नहीं तड़पना चाहती।
साहिल ने उसे अपनी बांहों में उठा लिया और बोला:"
"आह मम्मी, आपका बेटा आपको तड़पने नहीं देगा मेरी मा,
साहिल रूबी को लेकर चल पड़ा और दरवाजा फिर से बंद हो गया था।
अनूप के गिरने के बाद लीमा ने सुकून की सांस ली लेकिन उसकी चूत की आग पल पल बढ़ती ही जा रही थी और उसे समझ नहीं अा रहा था कि ये साथ आखिर हो क्या रहा है। वो अपनी चूत को दीवार पर रगड़ रही थी मानो चुदाई कर रही हो, लीमा पागलों की तरह हरकते कर रही थी।
साहिल के कमरे में घुसते ही रूबी उसकी गोद से मचल कर उतर गई और साहिल ने उसे पकड़कर अपने होंठो को रूबी के होंठो को चूसना शुरु कर दिया और रूबी भी उसके होंठो पर टूट पड़ी। साहिल की जीभ उसके मुंह के अंदर घुस गई और दोनो मा बेटे एक दूसरे की जीभ चूसने लगे। नीचे साहिल का लंड रूबी की चूत पर रगड़ रहा था और रूबी की चूत पूरी तरह से भीग गई थी।
किस के बाद दोनो के होंठ अलग हुए और रूबी ने अपने बेटे की आंखो में देखा तो साहिल ने आगे बढ़ते हुए अपनी मा की मैक्सी को उतार दिया और रूबी नीचे एक सफेद रंग की पतली सी समीज में अा गई और साहिल उसकी तरफ बढ़ा तो रूबी उसे कामुक समाइल देते हुए हल्की सी पीछे होती हुई दीवार से सट गई और अपने बेटे की आंखो में देखने लगी।
साहिल ने उसकी आखों में देखते हुए उसकी समीज को बीच में से पकड़ा और फाड़ दिया।समीज के फटते ही रूबी की बड़ी बड़ी और गोल गोल ठोस चूचियां बाहर उछल पड़ी।
साहिल रूबी की चुचियों पर टूट पड़ा और देखते ही देखते एक को हाथ में भर लिया और दूसरी को मुंह में भर कर चूसने लगा। रूबी मस्ती से सिसक उठी और बोली'"
" आह साहिल मेरी जान, चूस जा मेरी चूचियां, हाय मा। उफ्फ।
साहिल ने रूबी की चूची को मुंह में लिए हुए ही उसे उठाया और बेड पर लेटा दिया तो रूबी ने उसे उपर खीच लिया और उसके होंठ चूसने लगी।
साहिल भी अपनी मा के होंठो पर टूट पड़ा और उसकी जीभ रूबी के मुंह के अंदर घुस गई। साहिल के हाथ रूबी की चूचियों को अब अच्छे से मसल रहे थे और दबा रहे थे और रूबी का जिस्म पूरी तरह से गरम हो गया था। रूबी की पेंटी पूरी तरह से भीग गई थी । साहिल ने जैसे ही रूबी ने निप्पल को हल्का सा दांतो से काटा तो रूबी मस्ती और दर्द के मारे सिसक उठी। साहिल अपने मा के मुंह से मुंह से मस्ती भरी सिसकारियां सुनकर एक हाथ नीचे ले गया और उसकी चूत को पेंटी के उपर से ही मुट्ठी में भर लिया। रूबी का जिस्म उत्तेजना से कांपने लगा और उसने अपनी जांघो को पूरी तरह से कस लिया। साहिल ने थोड़ा नीचे आते हुए उसके पेट को चूमा और नीचे से एक उंगली अपनी मा की पेंटी में घुसा दी तो रूबी के मुंह से मस्ती भरी आह निकल पड़ी
" आईआईआईआई सीई उई मा, हाय सहिलन बेटा आह क्या कर रहा हैं तू।
साहिल ने अपनी मा की जांघो को चूमना शुरू किया तो रूबी अपने जिस्म को इधर उधर पटकने लगी और उसकी चूचियां हवा में उछलने लगी। साहिल ने धीरे से उसकी पेंटी को साइड में सरका दिया और उसकी चूत पर उपर से नीचे तक एक उंगली फिरा दी तो रूबी मुंह से फिर से मस्ती भरी आह निकल पड़ी। साहिल ने रूबी की आंखो में देखते हुए रूबी के चूत रस से भीगी हुई उंगली को मुंह में भर लिया और चूसने लगा तो रूबी की शर्मा गई और अपनी आंखे बंद कर ली।
साहिल जैसे ही रूबी ही जांघो को चूमने लगा तो रूबी ने अपने हाथ बढ़ा दिया और पेंट के उपर से ही उसके लंड को सहलाने लगीं। साहिल ने रूबी की जांघो को खोलते हुए उसकी पेंटी को उतार दिया और रूबी ने अपनी जांघो को कसकर बंद कर लिया। साहिल ने उसकी जांघो को बिना खोले ही चूमना शुरु किया और साथ ही साथ अपनी पैंट के साथ साथ अंडर वियर भी उतार दिया। अब दोनो मा बेटे पूरी तरह से नंगे हो गए थे और जैसे ही रूबी के जांघ से साहिल का खड़ा हुआ लंड टकराया तो उसकी सांसे तेज हो गई।
साहिल ने रूबी की जांघो को खोल दिया तो रूबी ने शर्म के मारे अपना हाथ अपनी चूत पर रख दिया और साहिल का मुंह पकड़कर सीधे अपनी चूत पर टिका दिया। साहिल रूबी की चूत को करीब से देखना चाहता था अंदर तक खोल कर लेकिन रूबी उसे आज अपनी चूत नहीं दिखाना चाहती थी इसलिए उसने सीधी उसे अपनी चूत पर झुका दिया।
साहिल ने रूबी की चूत के उपर अपने होंठ टिका दिए और रूबी के मुंह से मस्ती भरी आह निकल पड़ी।
" आह साहिल मेरे पति, मेरे बेटे आह उफ्फ ये कर दिया आह मा, अपनी मा की चूत चूस रहा है तू
रूबी ने मस्ती में आते हुए साहिल के लंड को हाथ में पकड़ लिया। रूबी का पूरा हाथ भर गया लेकिन फिर भी आधे से ज्यादा लंड बाहर था। रूबी की हालत खराब होने लगीं। ये भगवान कितना बड़ा और मोटा लन्ड हैं ये साहिल का।
साहिल ने रूबी की चूत को मुंह में भर लिया और चूसने लगा तो रूबी का पूरा जिस्म मस्ती से हिल उठा।
साहिल की खुरदरी जीभ रूबी की चूत को अंदर तक सहला रही थी और रूबी पूरी तरह से अपनी चूत उसके मुंह में दबा रही थीं। रूबी ने साहिल के लंड को थोड़ा जोर से दबा दिया तो साहिल के मुंह से आह निकल पड़ी और उसने रूबी की आंखो में देखते हुए फिर से उसकी चूत को चूसना शुरू किया तो रूबी ने इस बार धीरे धीरे उसके लंड को सहलाना शुरु कर दिया।
जैसे जैसे साहिल की जीभ अपना कमाल दिखा रही थी वैसे वैसे ही रूबी साहिल के लंड को मुठिया रही थी। साहिल ने अपनी एक उंगली रूबी की चूत में घुसा दी तो रूबी का जिस्म उछलने लगा और उसकी चूत में हलचल होने लगी
" आह साहिल, उफ्फ नहीं बेटे, अा मेरी चूत में क्या हो रहा हैं है भगवान, आह नहीं। कितनी चूस रहा हैं।
साहिल अपनी मा के मुंह से मस्ती भरी सिसकारियां सुनकर जोश में अा गया और तेजी से उसकी चूत की फांकों को उंगली से रगड़ते हुए जीभ से अंदर तक चूसने लगा। रूबी ने जोर से साहिल के लंड को कस लिया और पूरे लंड पर अपने हाथ को आगे पीछे करने लगी।
रूबी की चूत में कम्पन होना शुरू हो गया और उसने खुद ही अपनी चूचियों को चूसना शुरू किया और अपने जिस्म को बिस्तर पर पटकने लगी। साहिल ने सिर को उसने अपनी चूत पर कस कर दबा मानो उसके सिर को अपनी चूत में घुसा लेना चाहती हो।
साहिल समझ गया कि उसकी मा झड़ने वाली हैं इसलिए उसने अपनी उंगली और जीभ की गति बढ़ा दी और रूबी अब पागलों कि तरह उसके लंड को हिला रही थी जिससे साहिल के लंड में भी उबाल आने लगा।
तभी इतनी ने जोर से अपनी जांघो को भीचते हुए साहिल के मुंह को कस लिया और उसके मुंह से मस्ती भरी आज निकल पड़ी
" Aahhhhh siiiiii ueeeee meri chutttttt ye bhagwan, meri chut to gyiiii.
इसके साथ ही रूबी की चूत ने अपना गर्म गर्म रस छोड़ दिया और साहिल मस्ती से आंखे किए हुए अपनी मा के अमृत रस को पीता चला गया। रूबी के पूरी ताकत से साहिल के लंड को रगड़ दिया और इसके साथ ही साहिल के मुंह से भी मस्ती भरी आह निकल पड़ी।
" Ahhhhj rubyyyy meriiiii mummmmi, aahhh ssiiiii aaah
साहिल के लंड से एक के बाद वीर्य की पिचकारी निकल पड़ी और रूबी के हाथ को वीर्य से पूरी तरह से भर दिया। रूबी ने साहिल को अपने उपर खींच लिया और दोनो मा बेटे ऐसे ही नंगे एक दूसरे से लिपट गए।
साहिल ने आज पहली महसूस किया कि अपने हाथ से लंड हिलाने और उसकी मम्मी के नाजुक हांथो से लंड हिलाने में कितना अंतर हैं। सच में उसे बेहद मजा अाया और रूबी भी आज बहुत खुश थी क्योंकि आज सालो के बाद उसकी चूत की इतने अच्छे से चुसाई हुई थीं।
दोनो मा बेटे की सांसे पूरी तरह से उखड़ी हुई थी और दोनो ऐसे ही एक दूसरे से लिपट कर सो गए।