साहिल और रूबी दोनो ऐसे ही पड़े रहे और पानी की धार उनके उपर पड़ रही थी। रूबी को बहुत तेज भूख लगी थी लेकिन वो चाहती थी कि साहिल खुद उसे कहे। दोनो की सांसे अब नॉर्मल हो गई थी और साहिल रूबी के उपर से हट गया।
रूबी ने सुकून की सांस ली और शिकायती लहजे में बोली:"
" कोई अपनी मा को इस तरह प्यार करता हैं ज़ालिम, जान ही ले लेता आज तो तू मेरी।
साहिल ने रूबी को पीछे से अपनी बांहों में भर लिया और उसकी चूचियां दबाते हुए बोला:"
" चुदाई से कभी किसी की जान नहीं जाती, अच्छा नहीं लगा क्या तुम्हे ?
रूबी के होंठो पर स्माइल अा गई और पलटते हुए उसकी आंखो में देखते हुए बोली:"
" अच्छा तो लगा बहुत लेकिन दर्द बहुत हुआ साहिल, पता नहीं कैसे तूने इसे इतना बड़ा कर कर लिया और उपर से इतनी तेज तेज धक्के मारता हैं।
साहिल ने उसका गाल चूम लिया और बोला:" सब तुम्हारे ही दूध का असर हैं मम्मी। ओह रूबी अभी तो सिर्फ शुरुवात हुई हैं, आगे आगे देखो होता हैं क्या ।
इतना कहते हुए साहिल ने उसकी गांड़ को मसल दिया तो रूबी के मुंह से आह निकल गई और साहिल की कमर में मुक्के मारने लगी।
साहिल:" ओह माई गॉड, मैं तो भूल ही गया आज आपका फास्ट था। भूख लगी होगी आपको।
रूबी:" अच्छा चलो आखिरी में तुम्हे याद अा ही गया।
साहिल ने अपने दोनो कान पकड़ लिए और उठक बैठक करने लगा। रूबी स्माइल करते हुए बोली:"
" बस कर अब, अा चलते हैं।
इतना कहकर रूबी आगे चली तो उसे अपनी टांगो में दर्द का एहसास हुआ। सालो बाद हुई इस दमदार चुदाई के कारण उसकी चूत की फांके लाल हो गई थी। अपनी मम्मी को लंगड़ाते हुए देखकर साहिल ने रूबी को अपनी बांहों में उठा लिया और बोला:*
" क्या हुआ मम्मी आपको ?
रूबी:" शैतान सब कुछ जानकर भी अनजान बनता हैं, तूने मेरी फाड़ दी हैं अच्छे से।
साहिल को अब समझ आया कि रूबी चुदाई के कारण लंगड़ा रही हैं इसलिए वो बोला:"
" ओह मम्मी मुझे नहीं पता था आपको इतना दर्द होगा, आगे से मैं ध्यान रखूंगा।
रूबी ने अपने बेटे के भोलेपन को समझते हुए उसका मुंह चूम लिया और बोली:"
" चल पागल, इस दर्द के लिए तो हर औरत तरसती हैं। इस दर्द में भी एक अलग ही मजा हैं।
साहिल ने रूबी की आंखो में देखते हुए कहा:"
" मतलब अगली बार मैं फिर से तुम्हे ये दर्द दे सकता हूं। या इससे भी कहीं ज्यादा।
रूबी ने साहिल की आंखो में देखते हुए उसे स्माइल दी और हाथ से उसका लंड दबा दिया। साहिल सब समझ गया और दोनो मा बेटे अब चुदाई लोक से निकल कर घर के अंदर अा गए थे।
रूबी ने नाईट पहन लिया और साहिल ने जल्दी से किचेन में जाकर मैगी बना दी और साहिल ने रूबी को अपनी गोद में बिठा लिया और अपने हाथ से खाना खिलाने लगा।
साहिल:" मम्मी मुझे आपको कुछ बताना था। आज सुबह मैंने लीमा को देखा तो मैं हैरान हो गया।
रूबी:" अच्छा ऐसा क्या हुआ ?
साहिल:" मम्मी यकीन कर पाना मुश्किल हैं। लेकिन जो सामने हैं वो तो मानना पड़ेगा ही।
साहिल ने रूबी को बताया तो रूबी को जैसे यकीन ही नहीं हुआ और बोली:"
" हाय भगवान क्या ये सच हैं, ऐसा कैसे हो सकता है बेटा ?
मुझे यकीन नहीं हो रहा।
साहिल:" यकीन तो मुझे भी नहीं हुआ था, लेकिन वो ही सब सच्चाई बता सकती हैं। हमे उससे बात करनी चाहिए।
रूबी:' हान बेटा, अरे वो दोनो तो भूख से पागल हो गए होंगे।
साहिल:" मम्मी मैंने मैगी ज्यादा बना ली है। आप पहले खाओ फिर उनके पास चलते हैं।
रूबी ने खाना खाया और उसके दोनो मा बेटे नीचे तहखाने की तरफ चल पड़े। अंदर लीमा और अनूप दोनो का भूख के मारे बुरा हाल था।
साहिल ने दरवाजा खोला तो उसकी आंखो में चमक अा गई और दोनो खाना खाने लगे।
साहिल और रूबी दोनो बैठे हुए उन्हें देखते रहे। उनके खाना खाने के बाद साहिल बोला
साहिल:" लीमा मुझे कुछ जरूरी बात करनी थी।
लीमा की भूख शांत हो गई तो उसने चैन की सांस ली और बोली:"
" देखिए मैं आपको कुछ नहीं बता सकती, मैं मजबूर हू।
साहिल:" अरे तुम्हारा मन करे तो बताना नहीं तो मना कर देना। आओ मेरे साथ।
लीमा मजबूर थी इसलिए साहिल के साथ साथ चल पड़ी। अनूप धीरे से मरी हुई आवाज में बोला:"
" बेटा मुझे भी अपने साथ ले चलो।
अनूप के बोलते ही रूबी ने एक जोरदार थप्पड़ उसे जड़ दिया और अनूप की बोलती बंद हो गई। लीमा की भी हालत खराब हो गई और साहिल ने तहखाने के गेट को बंद किया और उपर की तरफ चल दिया।
साहिल,रूबी और लीमा तीनो एक कमरे में बैठे हुए थे और साहिल ने एक बार अच्छे से इधर उधर देखा कि कहीं शांता तो नहीं है।
साहिल:" लीमा मेरी बात ध्यान से सुनो मुझे सब सच बोलना, मैं तुम्हारी मदद करूंगा।
लीमा ने साहिल की तरफ देखा और कुछ बोली नहीं। साहिल समझ गया कि ये ऐसे नहीं मानने वाली इसलिए उसने सच्चाई बताने का फैसला किया।
साहिल लीमा की आंखो में देखते हुए बोला:"
" तुम्हारा असली नाम लीमा नहीं सपना हैं और तुम शांता की बेटी हो।
साहिल की बात खतम होते ही लीमा की आंखे हैरानी से खुल गई और डरते हुए बोली:"
" नहीं नहीं मैं कोई सपना वपना नहीं हूं, मैं किसी शांता को नहीं जानती।
साहिल ने लीमा का हाथ पकड़ लिया और बोला:"
" तुम डरो मत, में जानता हूं कि तुम झूठ बोल रही हो क्योंकि तुम्हारे कंधे पर बना निशान ये साबित कर रहा है कि तुम सपना हो। मैंने आज सुबह देखा था। मैं जानना चाहता हूं कि शांता कहां हैं ?
लीमा समझ गई कि साहिल को सब सच्चाई पता चल गई है इसलिए झूठ बोलने से कुछ फायदा नहीं होने वाला। सपना फफक कर रो पड़ी।
साहिल:" देखो अपने आपको संभालो, तुम्हारी मा हमारे यहां ही काम करती थी। मै उन्हें कुछ नहीं होने दूंगा। बताओ मुझे।
लीमा:" मेरी मा नीरज के कब्जे में है, उसके इशारे पर ही मैंने ये सब किया हैं। मेरी मजबूरी थी अपनी मा की जान बचाने के लिए मुझे ये सब करना पड़ा।
साहिल और रूबी चौंक गए।
साहिल:" इसका मतलब तुम्हारे मा को किडनैप करके उसकी जगह ज्योति को लाया गया तो साफ हैं कि शांता और नीरज मिले हुए हैं, रवि मिश्रा और प्रिया ये सब एक ही डौर से बंधे हुए हैं और उन्हें सबको अपने इशारे पर ज्योति नचा रही है।
रूबी ने अपना सिर पकड़ लिया और बोली:'
" है भगवान, सबसे मासूम दिखने वाली ही सबसे ख़तरनाक निकली, बेटा मैंने तो तुम्हे पहले ही बता दिया था कि शांता ने जान बूझकर प्रिया को भगाया हैं और वो जरूर शांता के साथ मिली हुई हैं तभी तो उसने ऐसा किया हैं।
साहिल पूरी तरह से सारी कहानी समझ गया था कि उस दिन जो रूबी ने उसे बताया था वो बिल्कुल ठीक था।
साहिल:" सपना ये बताओ तुम्हारी मा कहां हैं ?
लीमा:" मुझे नहीं पता, बस इतना पता है कि वो नीरज के कब्जे में हैं। मेरी मा को बचा लो साहब।
साहिल:" चिंता मत करो, उन्हें कुछ नहीं होगा। अब मैं वो करूंगा कि नीरज खुद तुम्हारी मा को लेकर आएगा। बस कल टेंडर का फैसला हो जाए।
रूबी:" लेकिन बेटा टेंडर तो हमारे हाथ नहीं लग सकता, तुमने बताया था कि वो सब कुछ बदल चुके हैं।
साहिल:" मा तुम्हारा बेटा इतना बेवकूफ नहीं हैं, अभी भी बाज़ी पूरी तरह से मेरे हाथ में हैं।
रूबी:" मैं समझी नहीं कैसे ?
साहिल:" लीमा मुझे तुम्हे वापिस अभी तहखाने में ही बंद करना होगा। लेकिन शांता मा को अब कुछ नहीं होने दूंगा।
साहिल ने फिर से लीमा की वापिस बंद कर दिया और अपनी मा के पास अा गया। दोनो मा बेटे बेड पर लेते हुए थे।
रूबी:" बताओ मुझे तुम कैसे टेंडर हासिल कर लोगे ?
साहिल ने रूबी की आंखो में देखा और बोला:"
" मा मैं जानता था कि ये सब हो सकता है इसलिए मैंने पहले ही बाहर दूसरी कंपनी से बोंड कर दिया था और टेंडर के असली सैंपल वहां बन गए हैं। ये सारा खेल जान बूझकर खेला गया ताकि उन्हें बेवकूफ बना सकू।
रूबी की आंखे में अपने बेटे के लिए तारीफ साफ दिखाई दी और उसका मुंह चूम कर बोली:"
" सच में कितना तेज निकले तुम, साहिल मुझे तुम पर गर्व हैं। मेरी किस्मत अब तुम मेरे पति हो।
इतना कहकर रूबी ने अपने होंठ साहिल के होंठो पर रख दिए। साहिल ने अपनी मा के होंठो को मुंह में भर लिया और चूसने लगा। एक बार फिर से दोनो के कपड़े उतरते चले गए और रूबी बिल्कुल नंगी अपने बेटे की बांहों में मचल रही थी।
साहिल ने रूबी की चूत में एक उंगली घुसा दी तो रूबी के मुंह से आह निकल पड़ी और उसने साहिल का लंड पकड़ कर दबा दिया और अपनी टांगे खोल दी।
साहिल रूबी के उपर अा गया और उसकी चूत के मुंह पर लंड को सेट किया और एक धक्का लगाया तो आधा लंड रूबी की चूत में घुस गया और रूबी के मुंह से फिर से दर्द भरी सिसकारियां निकलने लगी
" आह उफ्फ साहिल, कितना मोटा लन्ड हैं, हाय मेरी चूत,
साहिल ने अपने लंड को बाहर की तरफ खींचा और फिर से एक ही धक्के में पूरा लंड घुसा दिया और रूबी का बदन एक बार फिर से दर्द से ऐंठता चला गया।
" आह मार दिया, उफ्फ हाय राम, कितना बेरहम हैं तू और तेरे लॉला। आह पूरा घुस गया
साहिल ने रूबी की आंखो में देखते हुए धक्के लगाने शुरू कर दिए और देखते ही देखते रूबी की मजा आंने लगा उसकी सिसकियां फिर से गूंज उठी। साहिल जितनी जोर से धक्का मारता रूबी भी अपनी गांड़ उपर की तरफ उठा देती। दोनो पसीने पसीने हो गए लेकिन कोई हार मानने को तैयार नहीं था।
साहिल ने रूबी की चूत को उंगली से सहला दिया और रूबी के मुंह से आह निकल पड़ी और वो कसकर साहिल से लिपट गई और साहिल ने तक तगड़े धक्के के साथ उसकी चूत को हिला दिया और दोनो मा बेटे एक साथ झड़ते चले गए। साहिल रूबी की चूचियों पर गिर पड़ा और रूबी उसकी कमर सहलाने लगी। थोड़ी देर बाद दोनों नींद के आगोश में चले गए।
रूबी और साहिल दोनो उठ गए थे और आज उनकी ज़िंदगी का सबसे बड़ा दिन था क्योंकि आज टेंडर के लिए सैंपल जमा होने थे ताकि आगे काम शुरू किया जा सके।
रूबी:" साहिल बेटा सब कुछ ध्यान से करना, मुझे आज किसी भी कीमत पर जीत चाहिए।
साहिल:" मम्मी आप चिंता मत करो, लेकिन ऐसा क्या हो गया कि आपको हर कीमत पर जीत चाहिए ?
रूबी:" बेटा मैं चाहती हूं कि जीतकर हम ये सब कुछ को कभी हमारा था ही नहीं उसे फिर से वापिस शांता यानी ज्योति को दे दे और हमारे बड़ों से जो गलती हुई हैं उसका थोड़ा सा प्रायश्चित कर सके।
साहिल:" मम्मी सच कहूं तो मुझे खुद भी अच्छा नहीं लगता ये सब। आप बेफिक्र रहे आज मै जीतकर ही वापिस आऊंगा।
दोनो बात कर ही रहे थे कि गेट खुला और शांता अंदर दाखिल हुई। शांता धीरे धीरे चलती हुई उनके पास अा गई और आज उसके चेहरे पर एक अलग ही खुशी, चमक नजर आ रही थी।
साहिल समझ गया कि ये सब इसलिए हैं क्योंकि वो जानती है कि मैं टेंडर हार जाऊंगा।
साहिल और रूबी दोनो ने शांता के पैर छुए और शांता ने उनके सिर पर हाथ रख दिया और बोली:"
" बेटा आज तो शायद तुम्हारा टेंडर का रिजल्ट हैं ना।
साहिल:" जी मा जी, मुझे आश्रीवाद दीजिए ताकि मैं जीत कर अा सकू।
शांता के चेहरे की चमक एकदम से गायब हो गई क्योंकि वो चाहकर भी उसे आशीर्वाद नहीं दे सकती थी लेकिन अब कर भी कहा सकती थीं।
शांता:" भगवान तुम्हे कामयाब करे बेटा।
रूबी के होंठो पर मुस्कान अा गईं और वो चुपचाप किचेन में चली गई। साहिल अपने कमरे में अा गया और जरूरी काम में लग गया। शांता भी पोचा उठाकर सफाई में लग गई।
रूबी ने नाश्ता तैयार किया और फिर जल्दी ही शांता और रूबी के साथ साथ साहिल भी नाश्ता कर रहा था।
साहिल:" शांता मा आज मम्मी मेरे साथ जाएगी मीटिंग में और आप घर ही रहेगी।
रूबी खुश हो गई लेकिन साथ ही साथ उसे इस बात की फिक्र थी कि कहीं शांता पीछे कुछ गडबड ना कर दे। लेकिन आराम से खाना खाती रही। शांता नाश्ता करने के बाद अपने कमरे में बाहर कि तरफ अा गई और साहिल और रूबी दोनो अंदर तहखाने में चले गए।
अनूप और लीमा दोनो ने नाश्ता किया और अनूप एक बार फिर से रूबी के पैरो में गिर पड़ा और माफी मांगने लगा। लेकिन रूबी उसे नजर अंदाज करते हुए बाहर अा गई।
रूबी ने घर को बाहर से बंद किया और साहिल अपनी गाड़ी निकाल चुका था और रूबी उसमे बैठ गई। शांता अपनी जासूस नजरे गड़ाए हुए दोनों को देख रही थी।
साहिल ने सबसे पहले अपने आपको बदला और अनूप के रूप में अा गया। उसके बाद दोनो दोनो ऑफिस की तरफ चल दिए। रूबी को ऑफिस में देखते ही दुबे जी गदगद हो गए और रूबी ने उनकी उम्र का लिहाज करते हुए प्यार से उनको नमस्कार किया।
साहिल:" दुबे जी मुझे ये सभी सामान चाहिए ताकि हम आज की जंग जीत सके।
दुबे:" बेटा देख लो एक बार मैंने पहले ही सब कुछ तैयार कर दिया है जैसा तुमने कहा था।
साहिल ने सारी चीज़े एक के एक चेक करी और बोला:"
" वाह दुबे जी , आप ने बहुत ही अच्छा काम किया हैं। जब तक आप जैसे अनुभवी साथी मेरे साथ हैं तो मुझे क्या दिक्कत होगी। अच्छा रवि मिश्रा का क्या हुए?
दुबे: रवि मिश्रा कल वापिस अा गया हैं लेकिन उसकी तबियत थोड़ी खराब हैं। लगता हैं बेचारे को गोवा की ठंड लग गईं हैं।
साहिल ने होंठो पर स्माइल अा गई और दुबे जी इसका पीछे का रहस्य नहीं जानते थे और सोच में पड़ गए।
साहिल:" ज्यादा सोचिए मत आप, आज आपको ही पूरे दिन सब कुछ देखना होगा। मैं शायद टेंडर के बाद सीधे घर चला जाऊंगा ।
दुबे: ठीक हैं बेटा, आप चिंता ना करे, मैं सब देखा लूंगा।
साहिल और रूबी टेंडर के लिए निकल गए। साहिल ने एक नंबर पर फोन किया और अगले ही मोड़ पर उन्हें एक लड़का जिसे साहिल ने डील करी थी मिल गया और सारे सैंपल साहिल को सौंप दिए।
साहिल:* दोस्त मैं तुम्हारा ये एहसान ज़िन्दगी भर नहीं भूल सकता।
लड़का ने एक नजर रूबी पर डाली और :" इसमें एहसान की कोई बात नहीं है अनूप जी, ये तो बिजनेस हैं यहां फायदा दिखता हैं आदमी अपने आप घूम जाता हैं।
साहिल ने उसे स्माइल दी और अपनी गाड़ी अपने लक्ष्य की तरफ दौड़ा दी। रूबी को पता नहीं क्यों अच्छा नहीं लग रहा था, उस लड़के के देखने का नजरिया बहुत ही गंदा था।
रूबी:" साहिल मुझे ये लड़का अच्छा नहीं लगा, इसकी नजर मुझे बड़ी खराब लगी। हमे इस पर यकीन नहीं करना चाहिए।
साहिल ने रूबी की आंखो में एक पल के लिए देखा और स्माइल करते हुए बोला:"
" मेरी जान रूबी तुम्हारे हुस्न के आगे अच्छे अच्छे की नीयत और नजर खराब हो जाती हैं। फिर ये बेचारा किस खेत की मूली हैं।
रूबी ने साहिल को फीकी सी स्माइल और और तभी उसकी नज़र सामने से अा रही कार पर पड़ी और डरते हुए बोली:"
" साहिल सामने देखो बेटा।
साहिल ने सामने देखा और कार को बिल्कुल अपने पास देखकर बौखला गया और ब्रेक मारते हुए बचने की कोशिश करी लेकिन तब तक देर हो चुकी थी।
एक जोरदार आवाज के साथ दोनो गाडियां टकरा गई। साहिल और रूबी को एक झटका सा लगा लेकिन शायद उनका समय अच्छा था और दोनो की जान बच गई।
साहिल हल्का सा घबराते हुए बाहर निकला और देखा कि गाड़ी का ज्यादा नुकसान नहीं हुआ था। वहीं सामने वाला भी ठीक था।
दोनो ने एक दूसरे को इज्जत और प्यार से देखा और सोरी बोला और उसके बाद साहिल अपनी गाड़ी में आकर बैठ गया और कार स्टार्ट करने लगा तभी उसकी नज़र पीछे पड़ी और और साहिल को लगा कि जैसे वो कोई सपना देख रहा है और उसके मुंह से हैरानी भरे शब्द निकले
* नहीं भगवान, ये नहीं हो सकता।
रूबी तुरंत पीछे घूम गई और देखा कि उस लड़के ने जो टेंडर सैंपल साहिल को दिए थे वो हल्के से झटके से ही टूट गए थे। रूबी की भी हालत खराब हो गई।
रूबी:" वो कमीना भी धोखा दे गया, अब क्या होगा साहिल।
साहिल के चेहरे पर निराशा साफ झलक रही थी। उसे समझ में नहीं अा रहा था कि अब क्या किया जाए। साहिल ने अपने निराशा में अपना माथा पकड़ लिया और अपनी आंखे बंद कर ली। उसे कुछ रास्ता नजर नहीं आ रहा था।