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Incest अनोखा करवाचौथ

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रूबी उठ गई थी और साहिल के बारे में सोच रही थी। उसका बेटा उसके लिए अपनी ज़िन्दगी दांव पर लगा चुका था। वो समझती थी कि अगर साहिल ना होता तो उसकी इज्जत अब तक कभी की नीलाम हो गई होती। या फिर उसे अपनी इज्जत बचाने के लिए मौत को गले लगाना पड़ता क्योंकि उसके पास कोई और रास्ता नहीं बचने वाला था।

आज करवा चौथ था और रूबी ने अपने बेटे साहिल के लिए फास्ट रखा था लेकिन उसे बताया नहीं क्योंकि वो उसे पूरी तरह से सरप्राइज देना चाहिए थी।

रूबी को साहिल की फिक्र हो रही थी क्योंकि इतनी कम उम्र में जिस तरह के हालात का सामना वो कर रहा था ये सब उसके लिए बहुत ज्यादा घातक हो सकता था। इसलिए साहिल को थोड़ा सुकून और आराम मिलना जरूरी था और उसके लिए रूबी ने एक प्लान किया।

रूबी को भी घर में अकेले रहते हुए डर लग रहा था क्योंकि शांता कभी भी कुछ भी कर सकती थी इसलिए रूबी ने घर से बाहर निकलने का फैसला किया ताकि वो थोड़ा बाहर घूम आए और साथ ही साथ साहिल को भी एक सरप्राइज देगी।

रूबी के होंठो पर स्माइल अा गई और वो नहाने के लिए बाथरूम में घुस गई। उसने अपने जिस्म के बालो को अच्छे से साफ किया और उसकी नजर उसकी जांघो पर पड़ी जहां अभी हल्के हल्के बाल अा गए थे।

रूबी की सांसे अपने आप तेज हो गई और उसने अपनी चूत पर से बालो को साफ करना शुरू किया। थोड़ी ही देर में उसकी चूत बिल्कुल साफ होकर चमक रही थी। रूबी के ध्यान से अपनी चूत को देखा तो महसूस हुआ की इतने सालो से चुदाई ना होने के कारण उसकी चूत के होंठ बिल्कुल मुलायम एयू सिकुड़ कर छोटे से हो गए थे।

रूबी ने प्यार से अपनी चूत के छेद पर उंगली फिराई तो उसके मुंह से खुद ही एक मस्ती भरी आह निकल पड़ी और उसकी आंखो मस्ती से बंद हो गई। उसने धीरे से एक उंगली को थोड़ा सा अन्दर डाला तो उसकी चूत के होंठ हल्के से खुल गए। रूबी का जिस्म मस्ती से कांप उठा और एहसास हुआ कि उसकी उंगली के मुकाबले साहिल की उंगली से कहीं ज्यादा मजा आ रहा था।

रूबी ने अपनी उंगली बाहर निकाली और अपने कमरे में अा गई। वो लेट नहीं होना चाहती थी क्योंकि अभी सात बज गए थे। उसने अपने पूरे जिस्म को शीशे में देखा और उसे अपने आप पर गर्व महसूस हुआ। उसका जिस्म पूरी तरह से सांचे में ढाला हुआ था बिल्कुल किसी फिल्मी हीरोइन की तरह या उनसे भी कुछ बेहतर। उसने एक मदमस्त करने वाला परफ्यूम उठाया और अपने पूरे शरीर पर छिड़क दिया।

रूबी ने अपनी एक हल्के पीले रंग की साड़ी निकाली और उसे पहन लिया। रूबी ने जान बूझकर आज नीचे ब्रा और पेंटी नहीं पहनी। उसने अपना खूब अच्छे से मेकअप किया। उसने दोनो हाथो में साड़ी से मिलते हुए रंग की चूड़ियां पहनी और अपने होंठो पर गहरे चॉकलेटी रंग की लिपस्टिक लगाई।

उसने अपने आपको शीशे में देखा और खुशी खुशी अपनी साडी को हल्का सा नीचे किया तो उसकी चूचियां आधे से ज्यादा बाहर नजर आने लगी। रूबी समझ गई कि अब वो साहिल पर जादू चलाने के लिए पूरी तरह से तैयार हो गई हैं।

रूबी ने अपनी साड़ी को ठीक किया और घर से बाहर जी की तरफ निकलने लगी तभी उसकी नज़र शांता पर पड़ी जो शायद घर के अंदर घुसने वाली थी।

शांता:" मैडम आप आज बहुत खूबसूरत लग रही हैं। आप कहीं जा रही है क्या ?

रूबी:" हान मेरी एक सहेली के बेटे के जन्मदिन हैं तो आज हम सभी वहां जा रहे हैं। आप अपने लिए कुछ बना लेना और हम आज खाना बाहर ही खायेंगे।

शांता:" जी ठीक हैं। मुझे भी ज्यादा भूख नहीं हैं तो मैं कुछ नहीं बनाऊंगी।

रूबी:" देख लेना आप अपने आप हिसाब से, वैसे आप मत बनाना, मैं आते हुए आपके किए कुछ खाने के लिए लेती आऊंगी। आपकी क्या पसंद हैं ?

शांता:" अरे नहीं बेटी उसकी कोई जरूरत नहीं, मुझे भूख नहीं हैं।

रूबी:" आज जब देखो मना ही करती रहती हो। बेटी किसलिए बनाया हैं फिर मुझे , आप चुप रहो और आराम करो। मुझे जो अच्छा लगेगा मै लेती आऊंगी

शांता मना करती रह गई और रूबी अपनी गाड़ी निकाल कर बाहर निकल गई।

साहिल को अब पूरी तरह से साफ हो गया था कि प्रिया नीरज से मिली हुई हैं। प्रिया और नीरज ने मिलकर दुबे को फसाने की कोशिश करी हैं ताकि मैं दुबे जैसे ईमानदार आदमी को भी खो दू और पूरी तरह से अकेला पड़ जाऊ।

साहिल अपनी सोच में डूबा हुआ था तभी उसका मोबाइल बज उठा। उसने देखा कि रूबी का फोन था।

साहिल:" अच्छा मम्मी कैसे हो ?

रूबी:" अच्छी हूं साहिल, बस तेरी याद अा रही थी बेटा। कब तक अा जाओगे तुम ?

साहिल:" बस मम्मी थोड़ी देर और उसके बाद निकल जाऊंगा। एक फाइल देख रहा हूं।

रूबी:" अच्छा तुम तो सिर्फ काम में लगे रहते हो, अपनी रूबी की कोई फिक्र हैं या नहीं तुम्हे ?

साहिल ने एक लम्बी सांस ली और बोला:"

" रूबी मेरी प्यारी रूबी तुमसे बढकर तो मेरे किए कुछ भी नहीं, खुद मैं भी नहीं। लेकिन आप तो जानती ही हो क्या हमारी ज़िन्दगी में क्या उठक पुथल मची हुई है

रूबी:" सब समझती हूं साहिल लेकिन मुश्किलों का मतलब ये तो नहीं कि हम जीना भूल जाए, स्माइल करना बंद कर दें।

साहिल:" मम्मी सच कहूं तो मै इस सबसे अब तंग अा चुका हूं। मुझे अच्छा नहीं लगता है सब शानो शौकत जो कभी हमारी थी ही नहीं, उसके लिए क्या लड़ना ?

रूबी:" मतलब तुम चाहते हो कि हम अपने आपको शांता यानी ज्योति के हवाले कर दे। अपने सभी दुश्मनों के आगे हाथ खड़े कर दे।

साहिल:" नहीं मम्मी बिल्कुल नहीं, लेकिन बात ये हैं कि को कुछ हमारा हैं ही नहीं उसके लिए क्यों खून खराबा करना ? लेकिन एक बात तो साफ हैं कि मेरे दिल में ज्योति के लिए हमदर्दी हैं। लेकिन नीरज को मैं किसी भी कीमत पर नहीं छोड़ने वाला।

रूबी:" बेटा हमे खून खराबा नहीं करना हैं, किसी भी तरह से हमे ज्योति को यकीन दिलाना होगा कि हम सब बुरे इंसान नहीं हैं। मैं खुद चाहती हूं कि ये सब माल पैसा ज्योति के हवाले किया जाए ताकि हम अपने बड़ों के द्वारा किए गए पापो का थोड़ा सा तो प्रायश्चित कर सके। लेकिन नीरज जैसे हरामखोरो से हमे हर हाल में ये जंग जीतनी ही होगी।

साहिल:" नीरज और एक एक साथी को मैं छोड़ने वाला नहीं हूं, चाहे तो प्रिया हो या रवि मिश्रा। अच्छा मम्मी मुझे आपको कुछ बताना था लेकिन फोन पर नहीं घर आकर।

रूबी ने गाड़ी को ऑफिस की तरफ घुमा दिया और बोली:"

" ठीक हैं अच्छा मैं फोन रखती हू, थोड़ा जल्दी आना घर, अच्छा एक बात बताओ आज खाने के क्या बनना हैं ?

साहिल:" कुछ भी जो आपको पसंद हो मम्मी, बस हो सके तो मेरे लिए चॉकलेट।

रूबी के होंठो पर स्माइल अा गई और बोली:"

" लगता है तुझे चॉकलेट ज्यादा पसंद है साहिल। मैं तेरे लिए आज ही एक पूरा पैकेट मंगा लूंगी।

साहिल के होंठो पर स्माइल अा गई और बोला:"

" ओह मम्मी बाहर की चॉकलेट अच्छी नहीं होती, मुझे तो घर में बनी हुई चॉकलेट खानी है जो आपने रात खिलाई थी। बताओ ना मम्मी मुझे आज फिर से चॉकलेट मिलेगी क्या ?

रूबी ने धीरे से एक हाथ अपनी चूत पर रखा और सहलाते हुए बोली:"

" तू एक बार अपने ऑफिस से बाहर तो निकल, आज तुझे ऐसी चॉकलेट खाने को मिलेगी कि रोज खाना चाहेगा।

रूबी एक बहुत ही अच्छे होटल के सामने अा गई थी और उसने अपनी गाड़ी को थोड़ा पीछे लगा दिया.

साहिल:" बस मम्मी निकल रहा हूं , सीधे घर।

रूबी:" जितनी जल्दी घर आएगा उतनी ही जल्दी चॉकलेट मिलेगी।और हान मेरे सामने अनूप बनकर तो बिल्कुल भी मत आना।

इतना कहकर रूबी ने फोन काट दिया और गाड़ी से निकल कर बाहर की तरफ अा गई और अपनी साडी को थोड़ा सा नीचे सरका दिया ताकि उसकी चूचियां अच्छे से उभर कर सामने अा जाए।

साहिल ने ऑफिस बंद किया और दुबे जी को बोला:"

" आप एक काम कीजिए काम खत्म करके घर चले जाना, मुझे कुछ जरूरी काम हैं।

इतना कहकर वो बाहर की तरफ निकल गया और अपनी गाड़ी में बैठ गया। साहिल ने पानी की बोतल निकाली और अपने चेहरे को साफ किया। फिर उसने पीछे से एक टॉवेल उठाया अपने चेहरे पर लगे पानी को साफ किया। उसने अपने आपको शीशे में देखा और पाया की वो पूरी तरह से अब साहिल बन गया था।

इससे पहले की गाड़ी आगे बढ़ती उसका मोबाइल फिर से बज उठा। उसने देखा कि रूबी का कॉल था

साहिल:" हान मम्मी क्या हुआ ?
बस निकल गया हूं।

रूबी:" अरे बेटे मेरे लिए आते हुए गुप्ता होटल से गुलाब जामुन लेते आना। मुझे बहुत पसंद हैं।

साहिल: ठीक हैं ले आऊंगा मैं। अब मैं निकल रहा हूं बाय।


रूबी के होंठो पर फिर से स्माइल अा गई और वो खुद अपनी गुप्ता के बाहर खड़ी हुई थी। उसने देखा कि उसके उपर हल्की गुलाबी रोशनी पड़ रही थी जिसमे वो और भी ज्यादा कामुक लग रही थी। रूबी ने अपनी साडी को नीचे किया और अपनी चूचियों को पूरी तरह से बाहर कि तरफ उभार दिया।

सामने एक गाड़ी आकर रुकी और रूबी की सांसे तेज हो गई। साहिल गाड़ी से बाहर निकला और होटल के अंदर की तरफ आया तभी अचानक से रूबी उसके सामने अा गई।

साहिल ने एक नजर अपनी मा को देखा और देखता ही रह गया। रूबी बेहद कामुक और सुन्दर लग रही थी। साहिल उसकी चूचियों के उभार को देखते ही रह गया।


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साहिल को पहले तो कुछ समझ ही नहीं आया फिर उसके चहेरे पर स्माइल अा गई और उसके होंठ खुले और बोला:"

" मम्मी आप यहां . कितना अच्छा सरप्राइज दिया आपने मुझे ? आप सच में बहुत अच्छी लग रहा है। लव यू सो मच।

रूबी के होंठो हिले और बोली:"

" तुम्हे अच्छा लगा क्या साहिल मुझे यहां ऐसे देखकर ?

साहिल आगे बढ़ा और रूबी का हाथ चूम किया और बोला:"

" अच्छा नहीं बहुत जायदा अच्छा लगा मुझे। सच में रूबी तुमने मेरा दिल जीत लिया।

रूबी ने देखा कि सामने से कुछ लोग अा रहे हैं इसलिए उसने अपनी साड़ी का पल्लू ठीक किया और बोली:"

" अब यहीं खड़े रहोगे क्या, आओ अंदर चलते हैं।

रूबी चल पड़ी और उसके पीछे पीछे ही साहिल उसका हाथ पकड़े अंदर अा गया। अंदर घुसने से पहले रूबी ने अपने चेहरे को ढक लिया क्योंकि वो जानती थी कि उसे यहां लोग जानने वाले मिल जाएंगे। रूबी को ऐसा लग रहा था मानो वो घर वालो से चोरी छिपे अपने आशिक से मिलने अाई हो।

उसकी सांसे तेज हो गई थी और आंखे अपने आप लाल होना शुरू हो गई थी। रूबी और साहिल दोनो अंदर अा गए और एक कोने वाली खाली टेबल पर बैठ गए।

साहिल ने गुलाब जामुन का ऑर्डर किया और थोड़ी देर बाद ही लड़का गुलाब जामुन रख गया।

साहिल:" लो मम्मी अा गए आपकी पसंद के गुलाब जामुन।

रूबी :" तुम ही खाओ बेटा, मैं तो घर चल कर तुम्हारे हाथ से ही खाऊंगी।

साहिल हैरानी से:" अरे मम्मी खाओ भी आप, गर्म गर्म ही ज्यादा अच्छे लगते हैं। लाओ मैं खिला देता हूं।

तभी रूबी के होंठों पर स्माइल अा गई और बोली:"

" मैं तो आराम से तुम्हारी गोद में बैठकर खाऊंगी। तुम जल्दी से खाओ साहिल।

इतना कहकर रूबी फिर से स्माइल करने लगी। साहिल

:" क्या हुआ मम्मी ? बड़ी स्माइल अा रही आपको ?

इतना कहते हुए उसने अपना पैर रूबी के पैर पर रख दिया और सहलाने लगा। रूबी साहिल के पैर महसूस करते ही मस्त हो गई और बोली

" बस ऐसे ही हंसी अा गई किसी बेचारे पर, कहां कोई चॉकलेट खाने का सपना देख रहा था और अब देखो कैसे गुलाब से काम चला रहा हैं।

इतना कहकर रूबी ने अपने पैर के नाखून से साहिल के पैर में हल्का सा दबाव दिया तो साहिल ने अपने पैर को उठाकर सीधे रूबी की जांघो के बीच में रख दिया और सहलाते हुए बोला

:" चॉकलेट का तो मैं आज वो हाल कर दूंगा कि उसका सारा रस निचोड़ दूंगा रूबी।

इतना कहते उसने अपने अंगूठे को उसकी चूत पर दबा दिया। रूबी की चूत में चिंगारी सी दौड़ गई और उसने साहिल के पैर को अपनी जांघो के बीच में कस लिया और बोली:"

" चुप कर बदमाश तुझे आज कुछ नहीं मिलने वाला, बड़ा आया सारा रस निचोड़ने वाला

रूबी ने अपने होठों पर जीभ फेरते हुए फिर से अपनी जांघो को थोड़ा सा खोल दिया और साहिल ने मौके का फायदा उठाते हुए अपने अंगूठे से उसकी चूत को सहलाना शुरू किया।

रूबी को झटके पर झटके लग रहे थे और बड़ी मुश्किल से अपने आप पर काबू कर रही थी। रूबी ने इशारे से साहिल को मना किया लेकिन साहिल और ज्यादा जोर से उसकी चूत सहलाने लगा।

रूबी ने थोड़ा सा आगे हुई और बोली:"

" मत कर साहिल अभी से ये सब, कहीं ऐसे ही यहीं चॉकलेट पिघल जाए और तुझे रस भी चाटने को ना मिले।

साहिल:" ओह रूबी पिघलने दो ना, जितनी ज्यादा रसीली होगी उतना ज्यादा मजा आएगा। वैसे एक बात कहूं

रूबी:" हान बोलो ना साहिल ?

साहिल:" मम्मी मैं समझता हूं कि वो चॉकलेट नहीं कुछ और हैं,

रूबी की आंखे लाल सुर्ख हो गई थी और चूत पूरी तरह से भीग गई थी। रूबी ने इधर उधर देखा तो उसने देखा कि कोई उनकी तरफ नहीं देख रहा था। रूबी ने सुकून की सांस ली और उसे साहिल की हिम्मत पर आश्चर्य हो रहा था यहां इतने लोगो के बीच वो अपनी मा से कितनी सेक्सी बाते कर रहा था। रूबी थोड़ा धीमे से बोली:*

" चॉकलेट नहीं हैं तो फिर क्या हैं?

साहिल ने अपने पैर के अंगूठे को रूबी के पेटीकोट में फसा दिया और एक झटके के साथ खोल दिया। रूबी के मुंह से आह निकलते निकलते बची और उसके चेहरे पर हैरानी सी अा गई। हाय भगवान ये मेरे बेटे ने क्या कर दिया, कमीने ने इतने लोगो के बीच ही मेरे पेटीकोट का नाड़ा खोल दिया।

साहिल ने धीरे से अपने पैर से उसके पेटीकोट को हल्का सा नीचे सरका दिया और उसकी जांघो के बीच में अपना पैर घुसा दिया। रूबी की नंगी चूत पर जैसे ही साहिल के पैर की ऊंगली छुई तो रूबी ने अपने आप अपना पैर साहिल की जांघो पर रख दिए। साहिल पूरी तरह से आगे खिसक गया और उसने अपने अंगूठे को रूबी की चूत पर रगड़ दिया और बोला:"

" मम्मी बताओ ना ये क्या हैं ? देखो कितनी अच्छी और मुलायम हैं बिल्कुल रस से भरी हुई, बताओ ना मम्मी मुझे।

रूबी की हालत पूरी तरह से खराब हो गई थी और उसकी चूत से रस टपक रहा था। रूबी थोड़ा सा आगे सरक गई और बोली:"

" आह साहिल, मुझे क्या पता, देख ना कितनी गीली हो गई है, हाय मेरी जांघं भी भीग गई है।

साहिल ने अपने अंगूठे को उसकी चूत के छेद पर टिका दिया और हल्का सा दबाव बढ़ाते हुए बोला:'

" मम्मी ये तो पूरी भीग गई है, आह क्या आपको सच में नहीं पता कि ये क्या हैं ?

रूबी अपनी चूत के मुंह पर अपने बेटे का अंगूठा महसूस करके पूरी तरह से बहक गई और बोली:'

" हाय साहिल, नहीं पता पर ये बहुत गीली होती हैं बेटा, देख ना कैसे पूरी भीग गई है मेरी ,

साहिल ने अपने दोनो हाथ टेबल पर टिका दिए और उसके करीब मुंह करते हुए हुए बोला

" चूत, हाय मेरी मम्मी, इसको चूत कहते हैं। मेरी रूबी की चूत, मेरी मा की चूत, कितनी गीली और चिकनी चूत।

रूबी अपने बेटे के मुंह से चूत सुनकर पागल सी हो गईं और अपनी चूत को उसके अंगूठे पर रगड़ते हुए सिसकी:"

" आह साहिल, है भगवान कितना गंदा हो गया हैं तू, उफ्फ बेटा, साहिल उफ्फ उई मा, घर चले क्या ?

रूबी की हालत पूरी तरह से खराब हो चुकी थी और उससे बर्दाश्त नहीं हो रहा था लेकिन वो यहां सबके सामने कुछ करने की हालत में नहीं थी, उसने अपने बेटे को फसाने के लिए सोचा था और उल्टे खुद ही उसके जाल में फस गई।

साहिल ने अपनी पैंट की चेन खोलते हुए अपने लंड को बाहर निकाल लिया और हाथ के रूबी के पैर को उठा कर अपने लंड पर रख दिया तो रूबी की आंखें मस्ती से बंद हो गई।

साहिल:" मा इसमें गन्दा होने की बात कहां से अा गई, चूत ही तो हैं आपकी टांगो के बीच में। हाय मेरी मम्मी की चूत , एकदम रसीली चूत।


रूबी ने लंड को हल्का अा अपने पैर से सहलाया और मस्ती से सिसकते हुए बोली:"

" आह साहिल, मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा है अब, आह चल ना घर तुझे चॉकलेट खाने को दूंगी।


साहिल ने अपने अंगूठे रूबी की चूत पर रगड़ दिया और बोला:"

' हाय मम्मी, चॉकलेट नहीं चूत बोलो, बोलो ना कि तुझे चूत चूसने को दूंगी अपनी।

रूबी ने थोड़ा आगे होते हुए अपने हाथ टेबल पर टिका दिए और उसके लंड के सुपाड़े को उंगलियों से रगड़ते हुए सिसकी

" आह गंदे साहिल, बोला ना तुझे अपनी चॉकलेट दूंगी चूसने को, पूरी मुंह में भर कर चूसना मेरे बेटे, आह उफ्फ चल ना अब, देख कैसे पिघल रही है तेरी चॉकलेट,


साहिल के होंठ अब बिल्कुल रूबी के होंठो के सामने थे और उसकी मा के होंठ पूरी तरह से कांप रहे थे। साहिल ने अपने पैर के अंगूठे को पूरी तरह रूबी के चूत रस में अच्छे से भिगोया और उसकी चूत से छेद पर हल्का सा जोर लगाया तो रूबी को उसकी चूत खुलती हुई महसूस हुई और उसने अपनी जांघो को बंद कर लिया और सिसकते हुए उसकी आंखो में देखते हुए बोली:"

" आह साहिल, तेरी मा की चूत, तुझे चूत दूंगी चूसने के लिए, पूरी चूत तेरे मुंह में घुसा दूंगी मेरी जान, आह बस, और मत तड़पा मुझे,चल घर आह सआईआईआई

साहिल ने अपनी मा की हालत को समझते हुए अपने पैर को हटा लिया और रूबी ने कपडे को ठीक किया और साहिल ने लंड को जोर से दबाते हुए खड़ी हो गई। रूबी ने जल्दी से कुछ मिठाई पैक कराई और साहिल के साथ बाहर अा गई।

रूबी ने अपनी गाड़ी का दरवाजा खोला और साहिल भी उसके साथ ही साथ गाड़ी में बैठ गया। रूबी ने तुरंत गाड़ी की लाइट बंद करी और साहिल के होंठो पर अपने होंठ रख दिए। दोनो मा बेटे एक दूसरे के होंठो को चूसने लगे और साहिल ने देर ना करते हुए अपने हाथ को उसके लहंगे में घुसा दिया और उसकी चूत को मुट्ठी में भर लिया।

रूबी का जिस्म कांप उठा और किस अपने आप टूट गई। उसने अपना सिर साहिल के कंधे पर टिका दिया । साहिल ने धीरे से एक उंगली उसकी चूत में घुसा दी तो रूबी मचलती हुई उससे लिपट गई।

साहिल:" आह मम्मी, आपकी चूत कितनी गीली हो गई है, उफ्फ देखो ना कितनी गर्म हो गई है।

रूबी: आह बेटे चल बस अब घर चल, जान ही लेगा क्या आज मेरी तड़पा तड़पा कर तू?

साहिल:"आह मम्मी जान नहीं, चूत लूंगा आपकी, चूत लूंगा चूत, दोगी ना मुझे अपनी चूत !!

इतना कहते उसे साहिल ने पूरी उंगली अपनी मा की चूत में घुसा दी तो रूबी मस्ती से बिफर पड़ी और सिसकी:

" आह मेरे बेटे साहिल, पूरी चूत दूंगी, तेरे लिए तो इतनी चिकनी करी हैं। आह बस चल घर

साहिल ने अपनी उंगली को बाहर निकाला और रूबी को दिखाते हुए चूस लिया तो रूबी ने उसे स्माइल दी और दोनो मा बेटे घर की तरफ चल पड़े। आगे आगे रूबी और पीछे साहिल था, दोनो धीरे धीरे गाड़ी चला रहे थे।


देखते ही देखते थोड़ी देर में गाड़ी घर के अंदर घुस गई। रूबी अपनी गाड़ी से उतरी और अंदर चली गई। साहिल भी पीछे पीछे आया और घर के अंदर घुसते ही उसने गेट को बंद किया और रूबी को अपनी बांहों में भर लिया।

रूबी:" आह साहिल देखो ना पहले मिठाई पहले तुम शांता को दे आओ।

साहिल ने मिठाई का डिब्बा उठाया और बाहर अा गया और शांता उसे कमरे के बाहर ही मिली तो उसने नमस्ते करी और मिठाई का डिब्बा उसे दिया।

शांता:" अरे बेटा इसकी क्या जरूरत थी,

साहिल:" कैसी बाते करती हो आप मा, आप भी हमारे ही परिवार का हिस्सा हो।

लीमा:" बेटा ये सब तो तुम्हारा बड़प्पन हैं नहीं हो आजकल कौन मजदूरों और गरीबों को इतनी इज्जत देता हैं।

साहिल:" बस करो मा, मुझे अच्छा नहीं लगेगा जो आज के बाद आपने ऐसी बात कही थी। सब इंसान हैं और कोई अमीर गरीब नहीं हैं।

लीमा:" सच में बेटा तुम अपने पूरे परिवार में सबसे अलग हो, अपने बाप को देख लो, गुस्सा और अकड़ उसकी नाक पर हमेशा रहती हैं।

साहिल:" मैं अपनी मा पर गया हूं क्योंकि आप मेरी मम्मी रूबी को देख लो उनके मुंह पर हमेशा शांति और प्यार रहता हैं। अच्छा मैं चलता हूं अभी। आप अपना ध्यान रखना।

साहिल इतना कहकर घर की तरफ चल दिया और थोड़ी देर बाद ही वो घर के अंदर घुस गया और गेट को अच्छे से बंद किया और रूबी के कमरे की तरफ बढ़ गया। उसका लंड पूरी तरह से अकड़ रहा था और साहिल की हालत खराब थी।

साहिल को रूबी नहीं मिली तो साहिल परेशान हो गया, किचेन में, बाथरूम में सब जगह देखा लेकिन कहीं नहीं मिली, एक तो उसके अंदर भरा हुआ सेक्स और उपर से अपनी मम्मी के लिए प्यार और चिंता। साहिल ने सब जगह देखा और आखिर में उसको एक ही उम्मीद नजर आईं और वो हॉल से होता हुआ स्टोर की तरफ अा गया।

वो स्टोर में आया और उसने पेटिंग के पीछे स्विच को ओंन किया तो एक रास्ता नजर आया और साहिल उसमे घुस गया। जैसे ही साहिल दरवाजे पर पहुंचा तो उसे चुदाई लोक के गेट पर रूबी दिखाई दी। बिल्कुल किसी दुल्हन की तरह सजी हुई, लाल रंग की साड़ी, कमाल का मेक अप, मांग में सिंदूर, गले में मंगल सूत्र और हाथो में भरी भरी चूड़ियां, मानो साक्षात रति उसके लिए स्वर्ग लोग से उतर अाई हो।

रूबी के हाथ में एक छलनी और थाली थी। थाली में एक पानी का ग्लास और कुछ मिठाई, साहिल को कुछ समझ नहीं आ रहा था कि ये सब क्या हैं।

जैसे मंत्र मुग्ध सा अपनी मा की सुंदरता को देखने हुए आगे बढ़ा और रूबी ने उसे रास्ता दे दिया। साहिल जैसे ही अंदर अाया तो रूबी ने साइड में लगा हुआ एक स्विच ऑन किया और चुदाई लोक की छत अपने आप हट गई और दूर आसमान में चांद नजर अाया।

साहिल हैरानी से रूबी की तरफ देखने लगा और रूबी ने उसे वहीं खड़े रहने का इशारा किया और हाथ में छलनी लेकर उसमें से चांद के साथ साथ साहिल को देखने लगी। रूबी के होंठो पर मुस्कान थी और साहिल को अब जाकर समझ अाया कि आज करवाचौथ हैं। उसने सपने में भी नहीं सोचा था कि उसकी मम्मी उसके लिए करवाचौथ का व्रत रख सकती है। साहिल की आंखो से खुशी के मारे आंसू निकल पड़े। उसे यकीन नहीं हो रहा था ये सब हकीकत में हो रहा है।

रूबी भी साहिल को देखकर भावुक हो गई और साहिल ने आगे बढ़कर ग्लास उठाया और रूबी के होंठो से लगा दिया। रूबी ने एक घूंट पानी पिया और ग्लास को वहीं रख दिया और साहिल को अपनी बांहों में भर लिया। साहिल भी किसी पागल दीवाने की तरह अपनी मा से अपनी पत्नी से लिपट गया।

साहिल उसकी पीठ सहलाते हुए कहा:" मम्मी मैंने सपने में भी नहीं सोचा था कि आप मेरे लिए करवाचौथ का व्रत रखेंगी।

रूबी धीरे से उसके कान में बोली:" साहिल अब मम्मी नहीं सिर्फ रूबी बोल, साहिल की रूबी, मेरा सब कुछ तूने जीत लिया हैं साहिल, बेटा होने के साथ साथ तूने पति का फर्ज़ भी निभाया हैं।

साहिल:" ओह मेरी रूबी आई लव यू सो मच। सच में आज मुझे ज़िन्दगी की सबसे बड़ी खुशी मिल गई। जिस के मैं सपने देखता था वो आज मेरी पत्नी बनकर मेरी बांहों में हैं।

रूबी:" क्या सच में साहिल, तुम मुझे पसंद करते थे ?

साहिल::" हान बहुत ज्यादा, आपकी मीठी मीठी बाते, सच कहूं तो आपका फिगर अपने आप में कमाल हैं, मेरे उम्र के लडको के लिए तो आप काम देवी है मम्मी।

रूबी ने उसकी आंखो में देखा और स्माइल करते हुए बोली:"

" अच्छा अब तुझे तेरी मा काम देवी नजर आने लगी, बड़े हो गए हो तुम अब।

इतना कहते हुए रूबी ने अपनी जांघो को जोर से उसकी तरफ दबा दिया तो साहिल ने रूबी की कमर सहलाते हुए बोला:"

" मम्मी अब आप मा के साथ मेरी पत्नी भी तो हो, और सच में मैं कितना बड़ा हो गया हूं आपको पता तो हैं ही।

रूबी:" हान जानती हूं तो सच में बहुत बड़ा हो गया है, अच्छा चल तुझे मिठाई खिलाती हूं।

इतना कहकर रूबी ने थाली की तरफ हाथ बढ़ाया तो साहिल ने उसका हाथ बीच में ही पकड़ लिया और बोला:*

" मिठाई नहीं मम्मी, आज तो करवाचौथ हैं, चॉकलेट खिला दो ना अच्छे से खोलकर मुझे।

रूबी ने एक बार साहिल की तरफ देखा और फिर से चुदाई लोक के बोर्ड को देखा तो साहिल की नज़रे अपने आप रूबी की नजरो से मिल गई और दोनो मा बेटे अब चुदाई लोक के गेट पर खड़े हुए थे। साहिल ने रूबी को अपनी बांहों में उठा लिया और बोला:"

" मेरी जान रूबी, आज तो आपके साथ चुदाई लोक में अनोखा करवाचौथ होगा।

रूबी ने अपने आपको उसकी बाहों में पूरी तरह से ढीला छोड़ दिया और रूबी ने एक हाथ आगे बढ़ा कर चुदाई लोक की छत को फिर से बंद कर दिया और बोली:'

" अनोखा करवाचौथ नहीं साहिल चुदाई लोक में करवा चोद।

इतना कहकर रूबी शर्मा गई और साहिल से लिपट गई। साहिल रूबी को लेकर आगे बढ़ गया।
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